उडती हुई
चिड़ियों के
कल
जो गिन लिया करता था पंख ..
चिड़ियों की चहचहाहट से
समझ लिया करता था जो उनकी बातें
आज उसे देख लो
उसके आंसू,उसके दुःख तकलीफ
कोई भी तो
नहीं समझ पा रहा है ............
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.