आपका-अख्तर खान

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29 मई 2011

जाओ मेरे मधुर अल्फाजों ..............

 जाओ इन हवाओं के साथ
जाओ मेरे मधुर अल्फाजों जाओ
मेरे मधुर ब्लोगर मित्रों के पास
जाओ उनके पास तो मधुर चाल से
जाकर मधुर मुस्कुराहट से उन्हें देखना
जब वोह तकने लगे तुम्हें
तो मधुर अंदाज़ में कह देना
जनाब अख्तर खान अकेला साहब आ गये हैं
हां हां हाह .............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पुलिस थर्ड डिग्री सरकारों द्वारा सुप्रीम कोर्ट का अपमान

पुलिस थर्ड डिग्री सरकारों द्वारा सुप्रीम कोर्ट का अपमान है और केंद्र व् राज्य सरकारें इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के कई दर्जन आदेश के बाद भी गम्भीर नहीं है ..थानों में यातनाएं झुंट को सच सच को झुंट करवाने की हिंसक कार्यवाही यूँ तो भारतीय दंड संहिता की धारा ३३० और ३३१ में अपराध है इस मामले में केन्द्रीय पुलिस अधिनियम २९ पुलिस एक्ट में भी सजा का प्रावधान है लेकिन वोह सब केवल थोड़ा सा मामूली है .........हाल ही में सभी टी वी चेनलों पर पूना के एक शख्स को नंगा कर बेरहमी से पीटने की वीडियो दिखाई गयी अब तक किसने यह अपराध किया वोह पुलिस कर्मी कहाँ है क्या उन्हें दंड मिला कुछ पता नहीं चल सका है पता भी केसे चलता सरकार ने और नेताओं ने समाज सेवी संगठनों ने वीडियों देखि और सो गए लेकिन थाने में हिंसा इस देश के लियें घातक है ...........हमारे देश में पुलिस जनता के साथ  या  अपराधी के साथ हिंसा ना करे इसके लियें मानवाधिकार आयोग और राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्यों और कर्मचारियों के ऊपर वेतन और दुसरे भत्तों पर करोड़ों करोड़ रूपये प्रतिमाह खर्च होते हैं ..विधिक सहायता समितियां बनाई गयी है ,..सुप्रीमकोर्ट ने डी के बसु वाले मामले में और फिर बाद में हिरासत में प्रताड़ना से रोकने के लियें २० बिंदु दिए हैं लेकिन इनकी पलना करने के लियें सरकारे और इसकी पालना करवाने वाली एजेंसियां गंभीर नहीं है नतीजा आये दिन पुलिस हिरासत  में मोते..बलात्कार , मारपिटाई और हिंसा की घटनाएँ आम हो गयी हैं .......पिछले दिनों प्रकाश सिंह नामक एक व्यक्ति की जनहित याचिका की सुनवाई के बाद सुप्रीमकोर्ट ने पुलिस को वर्दीवाला गुंडा कहते हुए पुलिस हिरासत में हिंसा और पुलिस की हरकतों को नियंत्रित करने के लियें सभी राज्यों को पुलिस कानून बनाने के निर्देश दिए थे .....राजस्थान ऐसा पहला राज्य था जहां इस सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वर्ष २००६ में राजस्थान पुलिस अधिनियम बनाया गया जिसमे पुलिस आयोग,पुलिस प्रताड़ना की शिकायत सुनवाई प्रदेश स्तरीय और जिला क्षेत्रीय समितियों के गठन के प्रावधान रखे गए पुलिस कल्याण और हिंसा पर रोक के आवश्यक प्रावधान रखे गए ,,,वर्ष २००७ में राजस्थान में पुलिस नियम भी बनाये गए लेकिन ४ साल गुज़र जाने के बाद आज तक भी राजस्थान में अधिनियम को लागू नहीं किया गया है अधिसूचना जारी हुए ४ साल हो गए लेकिन राजस्थान में पुलिस हिंसा को रोकने के लियें क्षेत्रीय,जिला और राज्य स्तर की समितियों का गतःन नहीं किया गया है पुलिस पूरी तरह निरंकुश है और नतीजे राजस्थान में सामने हैं थाने में महिला से बलात्कार,पुलिस हिरासत में मोत ,फर्जी एंकाउन्टर की घटनाएँ और प्रतिक्रिया के जवाब में जनता द्वारा थानाधिकारी को जिंदा जला डालने की घटनाएँ आम हो गयी है .....किसी ने कहा है के ..ना समझोगे तो मिट जाओगे ...तुम्हारा निशा भी न होगा दास्तानों में .............. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

स्वामी अग्निवेश का अपमान देश के कानून का अपमान

स्वामी अग्निवेश का अपमान देश के कानून का अपमान कहा जाये तो कोई गलत बात नहीं है देश में इन दिनों अपनी अपनी ढपली अपना अपना राग , जिसकी लाठी उसी की भेंस का कानून चल रहा है बेचारा कानून किताबों में खिसक रहा है और बदमाश लम्पट लोग सडकों पर लोगों की पगड़िया उछल रहे हैं हाल ही में स्वामी अग्निवेश के जुटा मरने और फिर उनकी पगड़ी उछालने की घटना को देश विरोधी लोग चाहे सही ठहराएं लेकिन देश के कानून के मुताबिक इस अपराध को किसी भी सूरत में जायज़ नहीं ठहराया जा सकता .......
देश में अपना एक कानून है कोई अगर देश के कानून के खिलाफ बकवास करता है तो थाने और अदालतें अपराधियों को नियंत्रित करने और उन्हें दंडित करने के लियें हैं लेकिन अगर जनता खुद ही कानून हाथ में लेने लगेगी तो फिर तो जंगल राज हो जाएगा इंदिरा जी और राजिव जी की म्रत्यु के बाद जब विश्वनाथ प्रताप सिंह ,चंद्रशेखर,देवगोडा ,पी वी नर्सिंग्घराव प्रधानमन्त्री बने तो देश में भाजपा ,कोंग्रेस और कट्टर पंथी साम्प्रदायिक देश द्रोहियों ने जनता के सामने जनता के लियें भारत में दो समुदायों को लडाने और नफरत फेलाने के लियें ज़हर घोला और सरकार जो कमजोर थी जो इन अपराधियों के इशारे पर चल रही थी इन्हें इनके अपराध के लियें सजा देने के स्थान पर ऐसे कानून के खिलाफ बकवास करने वाले लोगों को देश के करोड़ों रूपये के खर्च पर सुरक्षा दिलवा रही थी किसी को जेड सुरक्षा तो किसी को कोनसी सुरक्षा ..बस देश कमजोर होता चला गया कानून तोड़कर देश की सुख शान्ति को भंग करने वाले लोगों के होसले बुलंद हुए एक वर्ग विशेष और धर्म को गाली दी और आतंकवादियों से खतरा बताकर सुरक्षा ले ली .............देश और देश का कानून कमजोर होता गया उत्तर प्रदेश में विधायक जी किसी की भी हत्या करने पर करोड़ों के इनाम की घोषणा करने लगे ..नेता और मंत्री के अलावा धार्मिक लोगों के नाम पर राजनीती करने वाले च्न्दाखोर नेता भी ऐसी ओछी हरकतों पर उतरे रहे जिसमे हालात बिगड़ते गए और आज देश में स्वामी अग्निवेश,पहले लालकृष्ण अडवानी ऐसे न जाने कितने किस्से है के जूता चप्पल मार कर खुद इनाम पाना चाहते हैं ...आई जी के अदालत में चाकू मारने की घटना और फिर अरुशी के पिता पर अदालत में हमला देश में कानून नाम की कोई चीज़ नहीं है यही सब दर्शाता है अगर इन सब चीजों को वक्त रहते सख्त कानूनी कार्यवाही कर रोका नहीं गया तो कोई भी किसी की भी टोपी उछल्वाने के लियें इस तरह के अपराधियों का इस्तेमाल करेगा हमारे देश में गरीबी और भुखमरी के कारण अपराधग्रस्त नो जवान या फिर जल्दी प्रसिद्धि पाने के लालच में फंसे मनोरोगी नोजवानों की कमी नहीं है वोह इस तरह की हरकते कर देश के कानून को तहस नहस कर देंगे और तब प्रधानमन्त्री से लेकर देश का कोई भी नागरिक ,कर्मचारी, अधिकारी इस तरह की हरकतों से सुरक्षित नहीं रहेगा ..............ऐसी परिस्थितियों में स्वामी अग्निवेश के साथ बदतमीजी करने वालों को सख्त से सख्त सजा मिले उनसे इस कार्यवाही को करवाने वाला कोन है इस बारे में पूंछतांछ हो तब कहीं इस अपराध और कानून के मजाक पर अंकुश लग सकेगा वरना सो साल पुरानी जंगल राज और जंगल के आधुनिक डाकुओं की स्थिति से निपटने के लिएँ हमे तय्यार रहना होगा ....................... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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