आपका-अख्तर खान

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30 मई 2011

क्या पत्रकारिता ऐसी ही होती है ....

क्या पत्रकारिता ऐसी ही होती है ....जी हाँ आज की पत्रकारिता को देख कर तो यही सब सवाल मेरे और शायद आपके भी मन में खड़े हो जाते हैं ..........कल ३० मई पत्रकारिता दिवस था सोचा के देश के समाचार पत्रों और मीडिया ,,इलेक्ट्रोनिक मिडिया में पत्रकारिता आर बहुत कुछ सिखने और पढने को मिलेगा लेकिन इलेक्ट्रोनिक मीडिया को तो फुर्सत ही नहीं थी .मेने सोचा अपन ही पत्रकारिता के हाल चाल देखें यकीन मानिये मेने मेरी वक्त की पत्रकारिता और आज की चाटुकार पत्रकारिता के हालात जब देखे तो मेरा सर शर्म से झुक गया ..हर अख़बार हर चेनल दुनिया का सबसे तेज़ अख़बार तेज़ चेनल है जो खबरें अख़बार और टी वी को देना चाहिए उसके अलावा चापलूसी भडवागिरी की खबरें आम नज़र आ रही थी ..सरकार करोड़ों करोड़ रूपये के बेकार से विज्ञापन जो अनावश्यक थे इसलियें दे रही है के उसे चेनल और अख़बार में अपनी भ्रस्ताचार सम्बन्धित खबरों को रोकना है ...पार्टियां क्या कर रही हैं ..जनता के साथ केसे विश्वासघात है इससे अख़बारों और मिडिया को क्या लेना देना ..जो पत्रकार कुछ लिखना चाहते हैं कुछ दिखाना चाहते हैं मालिक वर्ग विज्ञापन के आगे ऐसी खबरों को खत्म कर रहे हैं ..हर व्यापारी कहता है के भाई अच्छे व्यापार और सुरक्षित व्यापार का एक तरीका है के एक रुपया कमाओ तो पच्चीस पेसे अख़बार और मीडिया को दो खुद भी सुरक्षित और मीडिया पेरों में कुत्ते की तरह से लोटता नज़र आयेगा जनता लुट की खबर अगर छपवाना भी चाहे तो नहीं छपेगी एक पान वाले की खबर होगी तो बढ़ा चढा कर होगी और एक बढ़े संस्थान की खबर होगी तो उसका नाम गायब होगा केवल एक संस्थान पर आयकर विभाग का छपा पढ़ा खबर प्रकाशित की जायेगी ..बहतरीन सम्पादक और पत्रकार अख़बारों के मेले और ठेले में नमक और दुसरे सामन बेचते नज़र आते हैं पत्रकारिता की संस्थाएं इस पत्रकारिता दिवस पर कोई कार्यक्रम रख कर पत्रकारिता के जमीर को जगाना नहीं चाहती अब भाई ऐसी लूटपाट और चाटुकारिता पत्रकारिता में अगर यह  सब है तो में पत्रकारिता छोड़ कर अगर दलाली शुरू कर दूँ तो क्या बुराई है इसलिए विश्व पत्रकारिता दिवस कल आया और चला गया किसी को क्या लेना देना ....देश में सुचना प्रसारण मंत्रालय है ..राज्यों में जनसम्पर्क मंत्री हैं पत्रकारिता के जिला.राज्य और केंद्र स्तर पर निदेशालय हैं अरबों रूपये का बजट है लेकिन सरकार और प्रेस कोंसिल भी इस तरफ ध्यान नहीं देती है तो हम और आप इस बारे में सोच कर क्यूँ किसी के बुरे बने यार ........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 

'' ये मन की अभिव्यक्ति का सफ़र है, जो प्रति-पल मन में उपजता है...'' ___ जेन्नी शबनम

                     '' ये मन की अभिव्यक्ति का सफ़र है, जो प्रति-पल मन में उपजता है...'' ___ जेन्नी शबनम       जी हाँ डोक्टर शबनम अपने इसी अंदाज़ में लम्हों के सफर के साथ आप और हमारे बीच बहतरीन रचनाएँ बनत रही है ................बहन डोक्टर जेन्नी शबनम नै दिल्ली से भागलपुर यानी बिहार  और दिल्ली तक का सफर तय कर आई हैं और अलग अलग राज्यों के लोगों के साथ ..अलग अलग हालातों को देखने के बाद उनकी मन की अभिव्यक्ति का जो सफर चला है उसकी जो उड़ान हुई है इन सब को अल्फाजों में ढाल कर बहन शबनम ने ब्लॉग की दुनिया को खुबुरत अल्फाजों से तर बतर कर दिया है ...............जनवरी २००९ में जब बहन जेन्नी शबनम ने मुनासिब नहीं है मेरा होना ..पहली रचना हिंदी और अंग्रेजी में ब्लॉग लम्हों का सफर पर लिखी तो बस फिर यह लिखती ही रहीं और आज पुरे ढाई साल के लगभग वक्त गुजरने के साथ साथ इनके अल्फाजों की धार पेनी होती जा रही है और इनके अलफ़ाज़ लोगों के जमीर को झकझोर रहे हैं ...ओशो और अमरता प्रतीतं का साहित्य पसंद करने वाली बहन शबनम साहित्य प्रेमी संघ में भी सांझा ब्लोगर हैं ...इनके हर लम्हों के सफर में ऐसा लगता है के जिंदगी की आस और जिंदगी की सांस है ऐसी रचनाकार को बधाई ..अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान         

क्या मिडिया की पेट्रोल मूल्य पर निगरानी नहीं होना चाहिए

क्या मिडिया की पेट्रोल  मूल्य पर निगरानी नहीं होना चाहिए .......दोस्तों हमारे देश में सरकार ने जनता को पेट्रोल के कसाइयों के हवाले कर दिया है ....सरकार ने पेट्रोल मंत्रालय तो बना रखा है लेकिन उसका काम खत्म कर पेट्रोल व्यापारियों को जनता को लुटने का पूरा मोका दे दिया है सरकार खुद तो टेक्स लेती है और मूल्यवृद्धि की छुट देकर जनता के साथ विश्वासघात करती है ..............बात अजीब है परेशान करने वाली है अंतर्राष्ट्रीय मूल्यवृद्धि के साथ ही पेट्रोल के दामों में वृद्धि हो जाती है लेकिन अनेकों बार अंतर्राष्ट्रीय स्टार पर पेट्रोल के भावों में भी कमी और बहुत कमी होती है तब सस्ते दामों में पेट्रोल खरीद कर यही व्यापारी कम्पनियां देश की जनता को महंगे दामों में पेट्रोल बेचकर मुनाफा कमाती हैं ..........
दोस्तों ब्लोगिग्न की दुनिया सहित मीडिया हो चाहे प्रिंट मीडिया सोना ,चाँदी, सहित सभी खरीद फरोख्त के पदार्थों की कीमतें और उतार चढाव रोज़ प्रतिदिन प्रमुखता से प्रकाशित और प्रसारित की जाती हैं तो क्या मीडिया की यह ज़िम्मेदारी नहीं के वोह अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पेट्रोल मूल्य की दिन प्रतिदिन दरें अख़बार  और इलेक्ट्रोनिक मिडिया  में प्रसारित करे और रोज़ खरीद के हिसाब से पेट्रोल का मूल्य तय हो ताकि सरकार जो पेट्रोल की व्यापारी बन गयी है अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जितने उतार चढ़ाव मूल्य में पेट्रोल खरीदे जनता को सही मूल्य पर पेट्रोल मिल सके तो दोस्तों एक अभियान चलाओ मेरे इस विचार को आगे बढाओ रोज़ दिन प्रतिदिन अंतर्राष्ट्रीय पेट्रोल मूल्य की कीमतें प्रकाशित करे जनता तक पहुंचाए ताके सस्ती दर होने पर भी महंगे दामो में पेट्रोल बेचने वाली इस सरकार की कलई खुल सके ...............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अन्ना दादा क्या देश की भी सोचोगे या कभी तारीफ़ कभी बुराइयां करोगे ....

अन्ना दादा क्या देश की  भी सोचोगे या कभी तारीफ़ कभी बुराइयां करोगे .... जी हाँ दोस्तों मेरा यह कथन निश्चित तोर पर आपको बुरा लगेगा आपको चोंका देगा लेकिन सच यही है ....देश में अचानक वर्षों तक भ्रस्ताचार होता देख एक आदमी अचानक भ्रस्ताचार के खिलाफ आवाज़ उठाने के लियें उठ खड़ा होता है और उनके अतीत और वर्तमान के चलते यह शख्स देश का महानायक बन जाता है ........जी हाँ दोस्तों यह पहले एक परिवार के दो पिता पुत्र को एक समिति में रख कर न जाने क्या संदेश देना चाहते हैं ......फिर गुजरात में फर्जी मुठभेड़ और दंगों के अपराध में मुख पर कालिख पुतने के बाद विकास के हीरो बने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हैं ..................फिर यही नायक गुजरात में जाकर नरेंद्र मोदी के क्षेत्र में भ्रस्टाचार  की शिकायत करते है ...फिर यह जनाब कर्नाटक में जाकर ऐसे बालक बन जाते हैं जो देश की राजनीति देश के सिस्टम को ना समझने की बात करते हुए प्रधानमत्री मनमोहन सिंह को इमानदार लेकिन सोनिया के रिमोट पर चलने वाल कहकर देश को चोंका देते हैं ,,,,,,,,,जी हाँ मनमोहन सिंह जिनके कार्यकाल में शक्कर घोटाला , गेहूं घोटाला, क्रिकेट घोटाला ,क्रिकेट ट्रोफी घोटाला , टू जी स्पेक्ट्रम घोटाला , कोम्न्वेल्थ घोटाला ना जाने कितने घोटाले हुए महंगाई कई गुना बढती गयी और इस सभी के महानायक मनमोहन सिंह प्रधानमन्त्री रहे अगर वोह इमादार थे तो पद छोड़ते अगर वोह रिमोट से चल कर बेईमानी करवा रहे है तो फिर इमानदार केसे हो सकते हैं और इतने  खतरनाक भ्रष्टाचार के बाद भी मनमोहन सिंह इमानदार हैं तो फिर बेईमान केसा होता होगा क्या सोनिया गांधी मनमोहन से देश में भ्रष्टाचार फेलाने के लियें कहती हैं क्या सोनिया गांधी देश के काले धन वालों की सूचि सार्वजनिक करने से इनकार करती है और अगर वोह ऐसा कहती हैं और मनमोहन उनके इशारे पर ऐसा कर देश को गर्क में दाल रहे है तो भाई क्या इमादारी है मेरी तो समझ में नहीं आता के अन्ना दादा को क्या हुआ है वोह भ्रस्ताचार कनरे वाला किसे कहेंगे और इमानदार  किसे कहेंगे उनकी परिभाषा किया है कुछ समझ नहीं आता  .............अगर अन्ना दादा की ईमानदारी की परिभाषा कुछ इस तरह की है तो फिर भाई फिर तो देश की जेलों में बंद सभी इमानदार हैं ...................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कल फिर उड़ेगा विश्व तम्बाकू दिवस का मजाक

कल फिर उड़ेगा विश्व तम्बाकू दिवस का मजाक ...... जी हाँ दोस्तों यह मेरा हिन्दुस्तान मेरा भारत महान है यहाँ हर गली हर मोहल्ले पर लोग तम्बाकू रगड़ते जर्दा पाउच  खाकर थूकते नज़र आ जायेंगे और सरकार है के कल मंगलवार को पांच मई होने के कारण  विश्व तम्बाकू दिवस मनाने के नाम पर देश भर की स्वयम सेवी संस्थाओं को इसके प्रचार प्रसार के लियें लाखों रूपये बाँट देगी .............. हमारा देश और हमारे देश का संविधान भी अजीब है यहाँ संविधान सरकार पर ज़िम्मेदारी डालता है के प्रत्येक व्यक्ति के स्वास्थ्य की ज़िम्मेदारी सरकार की है और इस मामले में सरकार कोई समझोता किसी भी तरह का नहीं करेगी ..........विश्व स्तर पर बच्चा भी जनता है के तम्बाकू आदमी के लियें उसके स्वास्थ्य के लियें खतरनाक होती है ज़हर का काम करती है ..................लेकिन मेरे देश की यह सरकार संविधान की इस धारा जिसमे स्वास्थ कल्याण और ज़िम्मेदारी की बाद सरकार से कही गयी है उसे ताक में रख कर धडल्ले से तम्बाकू और तम्बाकू युक्त पाउच वगेरा बिकवाती है अरबों खरबों रूपये देश की जनता को यह ज़हर बेच कर कमाती है और फिर टू जी स्पेक्ट्रम  घोटाले में उडाती है पाउच और सिगरेट पर स्वास्थ्य के लियें हानिकारक है का लेबल लगवाकर ज़हर बेचने की यह परम्परा विश्व भर में केवल हमारे देश भारत में है हमारे नेता अंतर्राष्ट्रीय कोंफ्रेंसों में जाते हैं तम्बाकू देश में नहीं बिकने देंगे देश के लोगों को नहीं खाने देंगे का वचन देकर आते हैं जेनेवा में जाकर अंतर्राष्ट्रीय समझोता संधि करते हैं और फिर देश में आकर  तम्बाकू निषेध दिवस पर झूटे वायदे झुनते नारे देते हैं .....आखिर देश में इस दिवस के नाम पर यह धोखा जनता के साथ कब तक चलेगा इस दिवस के नाम पर करोड़ों के खर्चे स्कूली बच्चों को तख्तियां लटकाकर सडकों पर निकालने का जूनून कब बंद होगा .........शायद मेरी बात आप सब समझ गए होंगे और में समझता हूँ सरकार के इस दोहरे रवय्ये के खिलाफ आप भी थोड़ा थोड़ा जरुर लिख कर सरकार और जनता को चेताने का प्रयास करेंगे ............. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बहन संगीता जी ऐसे ही पाठकों की हर दिल अज़ीज़ बनी रहें

पोस्‍ट-ग्रेज्‍युएट डिग्री ली है अर्थशास्‍त्र में .. पर सारा जीवन समर्पित कर दिया ज्‍योतिष को .. अपने बारे में कुछ खास नहीं बताने को अभी तक .. ज्योतिष का गम्भीर अध्ययन-मनन करके उसमे से वैज्ञानिक तथ्यों को निकलने में सफ़लता पाते रहना .. बस सकारात्‍मक सोंच रखती हूं .. सकारात्‍मक काम करती हूं .. हर जगह सकारात्‍मक सोंच देखना चाहती हूं .. आकाश को छूने के सपने हैं मेरे .. और उसे हकीकत में बदलने को प्रयासरत हूं .. सफलता का इंतजार है।
ज्योतिष का गम्भीर अध्ययन-मनन करके उसमे से वैज्ञानिक तथ्यों को निकलने में सफ़लता पाते रहना .. जो शिक्षा मुझे मेरे पिताजी ने दी है .   जी हाँ यह सब बहन संगीता जी का कहना है जिनकी रीडर संख्या एक हजार होने पर बधाई मुबारकबाद बहन संगीता जी ऐसे ही पाठकों की हर दिल अज़ीज़ बनी रहें .....आमीन ..भाई ललित शर्मा ने ब्लोग्वार्ता के जरिये जब यह जानकारी दी तो मेरा भी संगीता जी को बधाई देने का मन किया और मेने इस तरह से उन्हें बधाई दे डाली ............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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