आपका-अख्तर खान

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02 जून 2011

तुम क्यूँ ढूंढते हो खुद अच्छे बन जाओ .........

विश्व में 
तुम क्यूँ 
किसी 
अच्छे आदमी की 
खोज करते हो 
क्यूँ कहते हो 
के विश्व में 
की अच्छा 
आदमी नहीं है ..
क्यूँ खुद तुम 
अच्छे नहीं बन जाते 
ताकि किसी 
दुसरे की 
अच्छे आदमी की 
खोज तो खत्म 
तुम तक 
पहुंचने पर हो जाये ..
इसीलियें दूसरों को 
अच्छा देखने की कोशिश में 
अपना वक्त बर्बाद न करों 
खुद ही अच्छे बन कर 
उदाहरण पेश कर डालो ...............
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

शपथ लेकर उलंग्घन करने वाले लोकपाल से क्यूँ डरते हैं

शपथ लेकर उलंग्घन करने वाले लोकपाल से क्यूँ डरते हैं  भाई में तो नहीं समझ पाया अगर आपकी समझ में आजाये तो मुझे जरुर बताइए प्लीज़ ..आप और हम सब जानते हैं के प्रत्येक कर्मचारी..अधिकारी..पुलिसकर्मी .सांसद..विधायक, मंत्री . प्रधानमन्त्री, राष्ट्रपति, जज ,सुप्रीमकोर्ट जज जो भी हो सब देश की जनता के टेक्स से जो रूपये मिलते हैं उसी से अपना मान सम्मान वेतन और दुसरे खर्च प्राप्त करते हैं यह सब इसलियें के वोह जनता की सेवा और रक्षा बहतर तरीके से कर सकें ..आप यह भी जानते है के इन पदों पर बेठे सभी लोग पद प्राप्त करने के पहले कितनी चमचागिरी करते है कितने पापड़ बेलते हैं और जब यह पद उन्हें मिलता है तो पद  प्राप्त करने के पहले इन सभी पदों पर बेठे लोगों को संविधान और देश के कानून की भावना के अनुरूप शपथ लेकर काम शुरू करना होता है लेकिन सब अपनी इस शपथ को कितना निभाते है आप और हम सब खूब जानते हैं तो फिर जनता का रुपया लेने वाले जनता के रुपयों पर मोज मस्ती करने वाले अगर शपथ लेकर  भी शपथ का उलंग्घन करते हों और  फिर भी लोकपाल बिल या किसी ऐसी ही निगरानी से भागना चाहते हों तो थू है ऐसे लोगों पर ऐसे पद वालों पर जो देश का खाएं और देश पर गुर्रायें ................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बाबा रामदेव जीतेंगे लेकिन .............

जी हाँ दोस्तों बाबा रामदेव का अनशन और काला धन वापसी कार्यक्रम दोनों का गठजोड़ है ..पिछले दिनों देश की सुप्रीमकोर्ट ने सरकार को एक दर्जन से भी अधिक बार काला धन और काले धन वालों की सूचि सार्वजनिक करने के लियें कहा लेकिन सरकार टस से मस नहीं हुई ,,अब सरकार बाबा रामदेव को इस मुद्दे पर मिल रहे जनसमर्थन से घबरा गयी है ..घबरा क्या गयी बोखला गयी है ..कोंग्रेस के कुछ लोग बाबा रामदेव को हेलिकोप्टर किस भक्त ने भेंट किया इसका हिसाब पूंछ रहे हैं कुछ कोंग्रेसी है के करोड़ों की लागत से बने रामलीला मैदान के पांडाल की पांच सितारा संस्क्रती और खर्च के आमद रास्ते पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग उठा रहे हैं ..लेकिन जनता चाहे रामदेव बाबा के अनजान व्यक्ति के हेलिकोप्टर और इस पंडाल का हिसाब मांग ले लेकिन अब काले धन और भ्रष्टाचार के मामले में जनता अभी आग उगल रही है इसलियें बाबा रामदेव तो जीतेंगे भाई चाहे उन्हें खुद अपनी आमदनी खर्च और मुनाफे पर श्वेत पत्र जारी कर जनता के सामने अनूठा उदाहरन पेश करना पढ़े ..........जनता को इस मामले में बाबा रामदेव की पहल का भी इन्तिज़ार है और जनता बाबा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है .अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोंग्रेस ने साम्प्रदायिक बिल को विवादित किया

दोस्तों आप सब जानते हैं के आज़ादी से आज तक कोंग्रेस ने मुसलमानों के लियें जो भी कुछ घोषणाएं की है वोह सिर्फ घोषणाएं बन कर रह गयी हैं उन्हें पूरी कोंग्रेस सरकार ने किया हो शायद ऐसा एक भी उदाहरण नहीं मिलता है हाँ कोंग्रेस की मुसलमानों के कल्याण की केवल घोषणा मात्र से ही देश में एक साम्प्रदायिक विवाद खड़ा हो जाता है और कोई भी योजना बनने से पहले ही अटक जाती हैं ..कोंग्रेस ने साम्प्रदायिक दंगे रोकने के लियें ऐसा ही एक विवादित बिल तय्यार किया है जो अभी से विवाद में आ गया है .विवाद भी सही है भाई यहाँ एक कसाई को एक खटिक को दूकान  पर मांस बेचने से रोकने का प्रावधान  है लेकिन दुसरे धर्म के लोगों को शर्मगाह दिखाकर नग्न घुमने पर प्रतिबंध नहीं है बात ठीक है सभी को धर्म का अधिकार है लेकिन इस अधिकार और कानून का इमानदारी से इस्तेमाल होना चाहिए ...हमारे देश में साम्प्रदायिक दंगे क्यूँ होते हैं ,कोन करते हैं , इन दंगों से किसे फायदा होता अहै सरकार खूब जानती हैं ..कोंग्रेस के पूर्व सांसद जिलानी को गुजरात में ज़िंदा जला दिया गया कोंग्रेस सरकार ने इस मामले में सी बी आई जांच की पहल नहीं की गुजरात के दंगों के जाँच की पहल नहीं की जो भी जांचें शुरू हुई हैं वोह सब  जनहित याचिकाओं पर शुरू हुई है अब जन खुद कोंग्रेस के मुस्लिम सांसद को ज़िंदा जला  देने की जांच कोंग्रेस नहीं कराना चाहती हो तो फॉर वोह मुसलमानों को केसे इन्साफ देती होगी आप अंदाजा लगा सकते हैं ...हमें पहले भी कहा था के साम्प्रदायिक बिल की इस देश में कोई आवश्यकता नहीं है यहाँ मुकम्मल कानून बना है बस मुस्लिम प्रोटेक्शन एक्ट बना दिया जाए जिसमे किसी भी मुस्लिम को अगर केवल मुसलमान होने के कारण प्रताड़ित किया जाए उसके साथ भेदभाव किया जाये उसे अधिकार नहीं दिए जाएँ तो इसे अधिकारी,कर्मचारी,नेताओं के खिलाफ और जिलाधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही का प्रावधान हों किसी मुसलमान पर अगर अप्रमाणित आरोप लगाये जाएँ तो उस व्यक्ति और जिस पार्टी से वोह सम्बद्ध हो चुनाव आयोग द्वारा उसकी मान्यता रद्द की जाए मंत्री हो तो पद मुक्त कर उसे पांच साल के लियें चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित कर दिया जाये साथ ही अगर मुस्लिम अपराधी हैं तो उन्हें सज़ा दी जाये कोंगेस का साम्प्रदायिक मुखोटा में आपको बताता हूँ .................आज़ादी के बाद काका केलकर आयोग गठित हुआ और कहा गया के देश में किस काम में लगे लोग पिछड़े हैं उनकी पहचान करना है ..काका केलकर ने मांस ,कपड़ा बुनने,कपड़ा धोने,रंगने,ढोल बजने वालों सहित कई दर्जन कर्मकारों को पिछड़ा बताते हुए इस व्यवसाय में लगे लोगों को आर्थिक पैकेज देने की सिफारिश की ..जिस देश में जाती ,धर्म,लिंग.के आधार पर भेद भाव नहीं करने का संविधान हो वहां डबल स्टेंडर्ड अपनाया गया  सरकार ने इन सभी व्यवसाय में लगे लोगों को आरक्षण और आर्थिक पैकेज दिया और साथ ही एक अधिसूचना जारी कर प्रतिबंध लगाया के केवल हिन्दू लोगों को ही इस तरह के कार्य में लगे होने पर आरक्षण और आर्थिक पैकेज मिलेगा ...इस अधिसूचना से मांस का व्यसाय कर रहे मुस्लिम कसाई तो लाभ से वंचित हुए लेकिन हिन्दू शब्द होने से खटिक भाई को लाभ मिला ,कपड़ा बुनने वाले अंसारी जुलाहे सरकारी लाभ से वंचित रहे लेकिन कोली समाज के बुनकरों को इसका लाभ मिला यही हाल धोबी,रंगरेज़,न्गाद्ची,धोल्ली सही सभी कर्मकारों के साथ हुआ नतीजा सामने है एक ही व्यवसाय से जुड़े जुलाहे कसाई आज पिछड़े हुए हैं जबकि खटिक और कोली व् दुसरे लोग संसद,विधायक,पंच सरपंच पद आरक्षित सीटों से निर्वाचित है और कोई कलेक्टर तो कोई एसपी तो कोई अधिकारी बना हुआ है लेकिन मुस्लिम इन व्यवसायों से जुड़े सभी लोग आज पीड़ा के दोर से गुजर रहे है ..धर्मनिरपेक्ष लोग ,राष्ट्रभक्त लोग आज क्यूँ नही इस भ्देभाव को खत्म करवाते संविधान की मूलभावना के विपरीत जब यह कार्यवाही हुई तो केलकर ने इस का विरोध किया वेंक्त्चाल्य्या ने विरोध किया सच्चर ने सिफारिश की रंगनाथ मिश्र ने सरकार की पोल खोल दी और आज मुसलमान जहाँ का तहां हुई ..............आज फिर से साम्प्रदायिक बिल के नाम पर यह  विवाद पैदा किया गया है जबकि मुसलमान को आवश्यकता है मुस्लिम प्रोटेक्शन एक्ट की जो बजट उसके इदारों के लियें है उसे सरकार दूसरी मदों में खा जाती है पुरे देश में लाखों बीघा जमीन वक्फ की सरकारें दाब कर बेठी हैं अगर इस मामले में इन्साफ मिल जाए तो बस देश में एकता भाव पैदा हो जाए एक युनिफोर्म सिविल कोड हो जिसमे अगर हिदू मांस व्यवसाय करने वाले को आरक्षण है तो मुस्लिम मांस व्यवसाय करने वाले को भी आरक्षण मिले यह भेदभाव खत्म हो हिन्दू मुस्लिम सिक्ख इसाई सभी को संविधान में जो अधिकार दिए गए हाँ वोह इमानदारी से अगर दे दिए जाए फालतू बकवास करने वाले नेताओं और धर्मगुरुओं को अगर जेल में दल दिया जाये तो मेरा देश फिर से जिंदाबाद हो जाये ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 

एक किरन काफी है अन्धेरा दूर करने के लियें ........

दोस्तों 
अँधेरे से यूँ घबराकर 
अपनी खुशियों को 
यूँ 
बर्बाद ना करो 
सब जानते हैं 
एक घटाटोप 
अँधेरी सियाह काली रात 
अगर अन्दर बिखेर भी दे 
तो पिघलने वाली 
एक मासूम सी मोमबत्ती 
की एक किरन 
उस अंधरे को 
चीर कर 
रौशनी बिखेरती है 
इसीलियें कहता हूँ 
परेशानी में कभी 
ना उम्मीद न हो जाना 
उम्मीद की एक किरन 
सिर्फ एक किरन 
सारी परेशानी 
का खात्मा कर देती हैं 
इसलियें निराशावाद से 
आशावाद की तरफ आओ 
और जिंदगी के अंधेरों को 
रौशनी से जगमगा दो .
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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