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05 जून 2011

ऐ खुदा तुझ से चंद सवालात है ....


ऐ खुदा 
तूने 
जिंदगी अगर 
बनाई है ..
तो फिर 
यह बता 
मोत क्यूँ 
बनाई है .
तूने ख़ुशी 
अगर बनाई है 
तो मातम और गम की 
क्यूँ शहनाई है ..
प्यार 
जो तूने बनाया 
तो बता 
क्यूँ यह नफरत 
क्यूँ यह जुदाई है ............
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान .

भाई चारा और प्रेम का संदेश फैलाएं

भाई चारा और प्रेम का संदेश फैलाएं

 

 
 
 
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अजमेर. सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 799वें उर्स के मौके पर रविवार को यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से खिराजे अकीदत पेश की गई। गांधी और गहलोत की ओर से मजार शरीफ पर मखमल की चादर और अकीदत के फूल पेश कर मुल्क में अमन, भाईचारा और खुशहाली की मन्नत मांगी गई।

गांधी ने भेजे संदेश में ख्वाजा गरीब नवाज को महान पंथ निरपेक्ष मूल्यों का प्रतीक बताया और भाईचारा व प्रेम का संदेश फैलाने का आह्वान किया। सोनिया गांधी की ओर से केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंत्री मुकुल वासनिक, केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री सचिन पायलट, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री सीपी जोशी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केंद्रीय जनजाति विकास राज्य मंत्री महादेव सिंह खंडेला, राज्य सभा सांसद अश्क अली टांक, अनीस दुर्रानी और विवेक बंसल आदि मखमल की चादर लेकर दरगाह पहुंचे।

मंत्रियों का यह काफिला धानमंडी से पैदल ही दरगाह पहुंचा। निजाम गेट पर सैयद अब्दुल गनी गुर्देजी, यासिर गुर्देजी, जकरिया गुर्देजी, वाहिद अंगारा, पूर्व विधायक हाजी कय्यूम खान, कांग्रेस अल्पसंख्यक देहात अध्यक्ष हाजी महमूद खान और आरिफ हुसैन आदि ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री एमादुद्दीन अहमद, दुरु मियां पहले ही दरगाह पहुंच चुके थे। वे भी इस काफिले में शामिल हो गए।

सीएम गहलोत और मंत्रियों ने शाहजहांनी गेट से चादर को फैला लिया और जुलूस के रूप में आस्ताना शरीफ की ओर लेकर रवाना हुए। पायलट, जोशी, वासनिक, टांक, और अन्य कांग्रेस नेता चादर को सिर पर उठाए महफिल खाना, शाहजहांनी मस्जिद सहन होते हुए जन्नती दरवाजे से आस्ताना शरीफ में दाखिल हुए। मजार शरीफ पर अकीदत का नजराना पेश किया गया। खादिम सैयद अब्दुल गनी गुर्देजी ने जियारत कराई, दस्तारबंदी की और तबरुक भेंट किया।

अंजुमन व कमेटी ने किया इस्तकबाल: साहबजादी साहब के सहन में अंजुमन सैयदजादगान की ओर से सदर सैयद गुलाम किबरिया चिश्ती, नायब सदर सैयद इकबाल चिश्ती, सचिव सैयद महमूद उल हसन चिश्ती, सहसचिव सैयद हसन हाशमी, सैयद अकील चिश्ती आदि ने दस्तारबंदी कर इस्तकबाल किया। अंजुमन शेखजादगान की ओर से नायब सदर हाजी मोहम्मद आरिफ चिश्ती और सचिव एस हफीजुर्रहमान चिश्ती ने दस्तारबंदी कर इस्तकबाल किया। बुलंद दरवाजे पर कमेटी सदर प्रो सोहेल अहमद, हाफिज वकील, इलियास कादरी और नाजिम अब्दुल मजीद खान ने बुके देकर व दस्तारबंदी कर स्वागत किया।

सीएम का संदेश: सीएम गहलोत ने अपने संदेश में कहा कि इस मुबारक मौके पर होने वाले तमाम प्रोग्राम ख्वाजा गरीब नवाज की रोशन जिंदगी और उनकी तालीमात, गरीबों, मजलूमों, बेसहारों, बुजुर्गो की खिदमत और इंसानियत के नजरिये के साथ जायरीन के लिए उपयोगी हैं। गहलोत ने गरीब नवाज से मुल्क और सूबे में अमन, चैन, इंसानी मोहब्बत, कौमी इत्तिहाद की मन्नत मांगी। उन्होंने कहा कि अदलो इंसाफ और इंसानी खिदमत का पैगाम देने वाली आलमी हस्तियों के उर्स की अपनी खास अहमियत है। इनसे उनकी जिंदगी, तालीम और पैगाम को आम अवाम तक पहुंचाने का मौका मिलता है। उन्होंने जायरीन को शुभकामनाएं दीं।

सोनिया को चुनरी व तबरुक भेजा: गुर्देजी ने केंद्रीय मंत्री वासनिक के साथ सोनिया गांधी को दरबार की चुनरी और तबरुक भेजा। इस मौके पर राज्य सभा सांसद डॉ प्रभा ठाकुर, पुष्कर विधायक नसीम अख्तर इंसाफ, नगर निगम के महापौर कमल बाकोलिया, महेंद्र सिंह रलावता समेत विभिन्न जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे।

वासनिक ने पढ़ा सोनिया गांधी का संदेश: केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक ने महफिल खाना के गेट से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का जायरीन के नाम भेजा संदेश पढ़ा। सोनिया ने अपने संदेश में जायरीन को उर्स की मुबारकबाद दी। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मुबारक मौका है, जब दुनिया भर से लोग अजमेर आते हैं और ख्वाजा साहब को अपनी अकीदत पेश करते हैं। ख्वाजा साहब का जीवन हमारे लिए प्रेरणादायी है। वे भारतीय समाज की अद्भुत सांस्कृतिक परंपरा और महान पंथ निरपेक्ष मूल्यों का प्रतीक हैं। ख्वाजा साहब ने निर्भय और निष्पक्ष रह कर भाई-चारे, सदभाव और प्रेम का संदेश देने का काम किया। यह मौका है कि हम अपने व्यक्तिगत आर सार्वजनिक जीवन में उस रास्ते पर चलने का संकल्प लें, जो ख्वाजा साहब ने हमें दिखाया है।

पीछे छूट गए जोशी: जब मंत्रियों का काफिला जन्नती दरवाजा से चादर लेकर दाखिल हो गया, उस समय केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी पीछे छूट गए। अनेक कार्यकर्ता मौका देख कर चादर के साथ अंदर घुस गए, लेकिन जोशी नहीं घुस पाए। भीड़ अधिक होने के कारण अंदर से लोगों ने कहा अब किसी को प्रवेश मत दो, लेकिन जब पुलिस अधिकारियों की निगाह जोशी पर पड़ी, तो वे तुरंत उन्हें लेकर अंदर पहुंचे।

हाकिम को सुकून, अवाम परेशान: सीएम और मंत्रियों के काफिले के दरगाह में आते ही सहन जायरीन से खाली करा लिया गया। कुल की रस्म के दौरान ये सहन खाली कराया जाता है, ऐसे ही इस बार मंत्रियों के लिए भी सहन खाली हो गया। बीच में केवल पुलिस और खुफिया कर्मी थे। जायरीन का हुजूम इंतजार में खड़े नजर आए। अहाता ए नूर में जायरीन को रोक दिया गया। पहले मंत्रियों को जियारत कराई । उनके निकलने के बाद जायरीन को प्रवेश दिया गया।

प्रभा ठाकुर और नसीम अख्तर पहुंचे बाद में: जब मंत्रियों का काफिला आस्ताना शरीफ में चादर लेकर पहुंच चुका था, उसके बाद राज्य सभा सांसद डॉ. प्रभा ठाकुर, पुष्कर विधायक नसीम अख्तर और महिला कांग्रेस की अन्य कार्यकर्ता पहुंचीं। उन्हें भी आस्ताना शरीफ ले जाया गया।

गुस्साए समर्थक, सड़क पर उतरा शहर

गुस्साए समर्थक, सड़क पर उतरा शहर

 

 
 
 
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कोटा. बाबा रामदेव के सत्याग्रह पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में देश के साथ कोटा भी एकजुट हो गया है। बाबा समर्थकों में इस घटना के बाद जबर्दस्त आक्रोश है।

उन्होंने कलेक्ट्रेट पर क्रमिक अनशन जारी रखने की घोषणा की है। रविवार सुबह क्रमिक अनशन स्थल पर सरकार की सद्बुद्धि के लिए यज्ञ किया गया। वहीं भाजपा भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने के लिए सड़क पर उतर आई है। शाम को भाजपा विधायक ओम बिरला ने 100 समर्थकों के साथ प्रदर्शन कर सांकेतिक गिरफ्तारियां दी वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता 24 घंटे के लिए संभागीय आयुक्त कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। वहीं सत्याग्रह कुचलने के विरोध में शिवसेना की ओर से रैली निकाल कर मानव श्रंखला बनाई।

आंदोलन के खिलाफ षड़यंत्र: बाबा के आंदोलन को कुचलने के लिए सरकार दबाव बनाना चाह रही है। शांतिपूर्वक चल रहे आंदोलन के खिलाफ जो षड़यंत्र किया है। इन हालत में सरकार को बर्खास्त करने के खिलाफ लोगों को एकजुट हो जाना चाहिए। - अनिता यादव, समर्थक

लोकतांत्रिक देश में गलत: सरकार ने आमजन के साथ सरासर गलत किया है। जो चोर होता है वो डरता है। पुलिस को किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने से पहले आम आदमी की तरह सोचना चाहिए। लोकतांत्रिक देश में ऐसा होना बहुत गलत है। - मिथलेश शर्मा, समर्थक

सुभाषचंद बोस के जीप ड्राइवर ने बढ़ाया हौंसला: क्रमिक अनशन स्थल पर रविवार सुबह कोटा किसी काम से आए उत्तरप्रदेश निवासी स्वतंत्रता सेनानी स्वामी परमानंद सरस्वती ने अनशनकारियों का हौसला बढ़ाया। स्वामी ने यहां आंदोलन को देश हित के लिए उचित बताते हुए बाबा के समर्थन को उचित बताया। 90 वर्षीय स्वामी ने बताया कि वो सुभाषचंद्र बोस के जीप ड्राइवर के तौर पर आजाद हिंद फौज में भागीदारी निभा चुके है।

लोकतंत्र कुचलने का कार्य: यह लोकतंत्र को कुचलने की बात है। सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले को लेकर लोकतंत्र को कुचलने का कार्य किया है। वहां शहीद की पत्नी के साथ अशोभनीय बर्ताव किया है जो भारत देश के लिए शोभा नहीं देता है। - केदारलाल गुप्ता, समर्थक

इतिहास का काला दिन: यह इतिहास का सबसे काला दिन माना जाएगा। सरकार के इशारों पर बाबा रामदेव के आंदोलन को दबाने के लिए कुचक्र चलाया गया है। लोकतांत्रिक देश में सोती हुई जनता के साथ पूरी तरह से अन्याय हुआ है। - जितेंद्र कुमार जैन, समर्थक

के.सी. कुलिश अन्तरराष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार समारोह आज

के.सी. कुलिश अन्तरराष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार समारोह आज


jaipur
जयपुर। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सोमवार को दिल्ली में आयोजित एक समारोह में राजस्थान पत्रिका समूह के संस्थापक कर्पूरचन्द्र कुलिश की स्मृति में प्रिंट मीडिया का 'के.सी.कुलिश अन्तरराष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार-2009' प्रदान करेंगे। दिल्ली के होटल ताज पैलेस में शाम 6.45 बजे शुरू होने वाले इस कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बी.एल.जोशी करेंगे। इस अन्तरराष्ट्रीय पुरस्कार के लिए अफ्रीकी देश घाना के दैनिक द न्यू क्रूसेडिंग गाइड की टीम को चुना गया है। मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह विजेता टीम को 11 हजार अमरीकी डॉलर की राशि और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करेंगे।


दैनिक अखबारों में पत्रकारों की टीम की ओर से किए गए बेहतरीन काम को प्रोत्साहित करने के लिए स्थापित यह पुरस्कार राशि के लिहाज से दुनिया का सबसे बड़ा पुरस्कार है। इस साल के लिए समावेशी विकास विषय पर प्रविष्टियां आमंत्रित की गई थी। प्र्राप्त प्रविष्टियों में से अफ्रीकी देश घाना के दैनिक द न्यू क्रूसेडिंग गाइड के समाचार अभियानों को सर्वश्रेष्ठ माना गया। दुनिया के विभिन्न देशों से मिली प्रविष्टियों में से सात को मेरिट अवार्ड के लिए चुना गया है।

निर्णायक मण्डल- प्रविष्टियों के मूल्यांकन के लिए गठित निर्णायक मण्डल मे न्यूयॉर्क टाइम्स के इंटरनेशनल व सम्पादकीय विभाग की उपाध्यक्ष ग्लोरिया एंडरसन, ख्यातनाम खोजी पत्रकार एस गुरूमूर्ति, इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट के अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार अलघ व राजस्थान पत्रिका समूह के प्रधान सम्पादक गुलाब कोठारी शामिल थे।

विजेता- घाना के एक्रा क्षेत्र से प्रकाशित द न्यू क्रूसेडिंग गाइड की टीम एनास आर्नेयो एनास, मेरी फिएन्को और सेलीस ने घाना के पागलखानों और चीनी सेक्स माफिया नामक दो अभियानों के लिए सात महीने तक दक्षिणी अफ्रीका, बर्कीना फासो, घाना और स्वीडन में खोजपूर्ण पत्रकारिता कर जानकारी जुटाई।

उन्होंने मानसिक रोगियों के साथ होने वाले अत्याचार के खिलाफ और उनके अघिकारों के लिए आवाज उठाई। इसी तरह चीन से नौकरी का झांसा देकर अफ्रीका में वेश्यावृत्ति के लिए लाई जाने वाली लड़कियों को बचाने के लिए चलाए गए अभियान के तहत गिरोह के तीन सदस्यों को 41 साल के कारावास की सजा सुनाई गई और चीनी सरकार के दखल से बचाई गई लड़कियों का पुनर्वास हुआ।

मेरिट पुरस्कार- पुरस्कार के लिए प्राप्त प्रविष्टियों में कड़ी प्रतिस्पर्द्धा रही। इनमें से विषय, शोध और टीम कार्य के आधार पर केवल सात प्रविष्टियों का चुनाव किया गया। इनमे दैनिक हिन्दुस्तान के लखनऊ संस्करण से दयाशंकर शुक्ल व टीम की खबर फर्जी खाते, दक्षिण भारत के कोट्टायम इलाके से प्रकाशित मलयाला मनोरमा के लिए मैथ्यू वर्गीस व टीम के अभियान केरल यात्रा, हिन्दुस्तान टाइम्स के दिल्ली संस्करण के लिए नीलेश मिश्र व टीम के अभियान इन्सपायर्ड इंडिया, इण्डियन एक्सप्र्रेस के दिल्ली संस्करण के लिए सन्तोष सिंह व टीम की खबर 42 हैरास्ड मैनी इन जेल, दक्षिण भारत के कोट्टायम से प्रकाशित दीपिका डेली के लिए राजी जोसफ व टीम की खबर द प्रीस्ट विद मिडाज टच, अमरीका के लॉस एंजलिस से निकलने वाले ला ओपिनियन अखबार के लिए क्लॉडिया व टीम की खबर प्रिजनर्स ऑफ इगा्रेरेन्स एंड ट्रडिशन तथा बलूचिस्तान के क्वेटा से प्रकाशित डेली मीर जंग के लिए अख्तर मिर्जा की खबर मिसिंग पर्सन्स ऑफ बलूचिस्तान शामिल हैं।

पूर्व में दिए गए दो पुरस्कार - वर्ष 2007 में शुरू किए गए इस पुरस्कार के लिए पहले साल मानव विकास पर आमंत्रित प्रविष्टियों में से हिन्दुस्तान टाइम्स और पाकिस्तान के डॉन अखबार की टीम को तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने पुरस्कृत किया था। वर्ष 2008 में आतंकवाद और समाज विषय पर हिन्दुस्तान टाइम्स में  प्रकाशित खबर के लिए टीम को लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने पुरस्कृत किया था।

खाकी के खौफ से पीडित

नागौर । पहले बस में सहयात्री की जेब काटने के आरोप और बाद में खाकी के खौफ से पीडित होकर जायल के रोल गांव निवासी मोहम्मद रफीक (25) ने रविवार सुबह तालाब में कूदकर जान दे दी। घटना के बाद गांव में तनाव बढ गया। आक्रोशित लोगों ने रोल-मांगलोद मार्ग जाम कर दिया। बाद में पहुंचे कलक्टर और एसपी ने जाम हटवाया। सम्बंघित थानाघिकारी रामजीलाल मीणा और हैड कांस्टेबल रणजीत सिंह को निलम्बित कर दिया गया है। पंचनामा रिपोर्ट के अनुसार मृतक रफीक की दाहिनी आंख के ऊपर तथा बायीं आंख के नीचे खरोंच व ठोडी के नीचे रगड के निशान हैं।

रफीक और हलकाराराम साटिया  शनिवार शाम बस में एक सीट पर नागौर से रोल आए। सफर के दौरान हलकाराराम की जेब से कुछ रूपए गायब हो गए। इस पर हलकाराराम ने मोहम्मद रफीक पर शक जाहिर करते हुए रोल थाने में उसकी शिकायत कर दी। इस पर पुलिस ने रफीक को पूछताछ के लिए थाने बुलवाया। कुछ देर बाद उसके परिजन भी आ गए तथा दोनों पक्षों में रात करीब 10 बजे सुलह वार्ता चली। इस दौरान तय हुआ कि टोंक के एक भोपा को पूछ लिया जाए।

यदि हलकाराराम का आरोप सही हुआ तो रफीक उसे 25 हजार रूपए और टोंक आने का खर्चा देगा। यदि आरोप गलत निकला तो हलकाराराम को 11 हजार रूपए गौशाला में देने होंगे। इसके बाद रफीक व हलकाराराम समेत सभी लोग घर चले गए। रविवार सुबह सवा छह बजे पुलिस को रफीक के तालाब में कूदने की सूचना मिली। इस बीच लोगों ने रफीक को तालाब से निकाला लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई थी। मृतक के बडे भाई मोहम्मद सलीम ने प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि पुलिस ने रविवार शाम रफीक को थाने बुलाकर प्रताडित किया। सुबह फिर पुलिस उसके घर आई।

संविधान और कानून के पन्ने में पलटता रहा ......

संविधान और कानून के पन्ने में पलटता रहा  ......सिर्फ इसलियें के जो कुछ हो रहा है,जोकुछ हुआ है और जो कुछ होगा वोह कानून और संविधान के मुताबिक है या फिर कोई दूसरी किताब में लिखी कार्यवाही है .....दोस्तों यकीन मानिये बाबा रामदेव की मांगों के मामले में सरकार ने जो कुछ भी जिस तरह से किया ..अन्ना के मांग पर सरकार ने जो कुच्छ भी किया में कानूनदा आदमी सोचता रहा सरकार है कानूनी तरीके से देश के मर्यादित आचरण में जो मुनासिब होगा वोह करती रहेगी ..लेकिन बाबा से अन्ना तक और फिर लाठीचार्ज से लेकर महिलाओं की बेईज्ज़ती तक उसके बाद बाबा रामदेव के खिलाफ विभिन्न तरीके से कोंग्रेस सरकार के कार्यवाही के संकेत ..में देख कर भोचक्का रह गया सरकार ने जो कुछ भी किया या जो कुछ भी कर रही है मेने संविधान में बहुत तलाशा सरकार के कर्तव्यों में तलाशा नहीं मिला ..बाबा ने जो कुछ किया वोह तो संविधान के कर्तव्यों और अधिकारों में मिल गया लेकिन सरकार जो कुछ भी कर रही है वोह मुझे देश के किसी कानून और संविधान में भी नहीं मिला हाँ अंग्रेजों के आज़ादी के आन्दोलन दबाने की प्रक्रिया में तो यह सब पढने को मिल गया फिर मुझ से मेरे एक दोस्त ने कहा भाई क्यूँ तलाशते हो किताबों में वोह बातें वोह सब तो भ्रस्ताचारियों, कालाबाजारियों, कालेधन के व्यापारियों की निजी किताबों में लिखा हैं जिनके इशारे पर सरकार अलिखित कानून के तहत कार्यवाही करती है और ऐसा  ही हुआ है ................देश मानसिक रोगियों और मतलब परस्तों के हवाले हो गया है इसे तो अब बचना ही पढ़ेगा इसलियें सब मिलकर इस लड़ाई को लड़ो देश को बचाओं भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का सपना जितने प्रतिशत पूरा हो सके उतना  पूरा करके दिखाओ ..........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दिल्ली किसी के बाप की नहीं .....लोकपाल बिल के प्रति सरकार की मंशा ठीक नहीं ..अन्ना

भ्रष्टाचार के मुद्दे  पर कभी एक साथ होकर भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना दिखने वाले अन्ना और बाबा रामदेव दोनों के रास्ते कोंग्रेस ने अलग अलग कर दिए...लेकिन राष्ट्रहित में दोनों के मुद्दे एक होने से आज कोंग्रेस सरकार की दमनकारी हरकत ने इन दो किनारों को फिर से मिलाने की कोशिश की है .............देश के लियें यह एक सकारात्मक संकेत है वरना कबिल सिब्बल और कोंग्रेसियों ने अन्ना और बाबा रामदेव को एक दुसरे से दूर रहने की सलाह देकर कई वायदे कर रखे थे जिनकी पोल बाबा रामदेव और स्वामी अग्निवेश ने खोली है ..कल की दिल्ली के बर्बर काली ऐतिहासिक कार्यवाही दिल हिलादेने और रोंगटे खड़ी करदेने वाली थी ..अब बाबा पर कोंग्रेसियों के हमले भ्रस्ताचार के खिलाफ आवाज़ को दबाने की साज़िश का एक हिस्सा है ..अन्ना ने आज प्रेस कोंफ्रेंस में लोकपाल बिल कानून पर सरकार की नियत पर संदेह जताया और कल ड्राफ्टिंग कमेटी के बहिष्कार का एलान किया है .अन्ना ने दिल्ली के ज़ुल्म की दास्ताँ के खिलाफ दिल्ली के इस एलान के बाद के दिल्ली में कोई भी धरना प्रदर्शन नहीं होगा जंतर मंतर पर ८ जून को एक दिन का अनशन करने का एलान किया है ..अन्ना से जब पत्रकारों ने पूंछा के सरकार ने दिल्ली में किसी भी तरह का आन्दोलन करने वालों से सख्ती से निपटने की चेतावनी दी है तब अन्ना ने कहा के दिल्ली किसी के पिता जी की नहीं हैं .....अन्ना इधर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं उधर बाबा रामदेव लडखडाये से अपनी आवाज़ को आगे बढ़ा रहे हैं ..कोंग्रेस ने सभी जिला अमुख्याल्यों और मुख्यमंत्रियों को बाबा रामदेव के खिलाफ मुहीम चलाने के लियें गुप्त आदेश दिया है इससे देश के विभिन्न हिस्सों में गृहयुद्ध की स्थिति बन गयी है देखते हैं इस संवेदनहिन् भ्रष्टाचारियों और काले धन के व्यपरोयों को बचाने वाली सरकार के कार्यकाल में अभी और क्या होना बाक़ी रह गया है ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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