आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

06 जून 2011

लो बन गया लोक पाल बिल अब तो लागु करवा दो भाई ..........

लो बन गया लोक पाल बिल अब तो लागु करवा दो भाई ..........जी हाँ दोस्तों सरकार कहती है हम दस सालों से लोकपाल बिल बनाने की कोशिश में है भाजपा कहती है हम तो ऍन डी ऐ की सरकार में इस बिल को पारित करवाना चाहते थे लेकिन क्या कोंग्रेस ,क्या भाजपा,क्या सपा.क्या बसपा.क्या जनतादल ,क्या कोमरेड सभी इस बिल को चूहे के बिल में डाले रहे हैं कारण साफ़ है के सियासत से जुड़े हर व्यक्ति को दर है के टी ऍन शेषन जेसा लोकपाल आ गया तो वोह तो सियासत दान का जीना हराम कर देगा ...खेर पिछले दिनों लोकपाला को लेकर एक गेर राजनितिक ड्रामा हुआ बाबा रामदेव और अन्ना साथ बेठे फिर एक दुसरे से रूठ गए ड्राफ्टिंग कमेटी बनी और अभी तक यह ड्राफ्ट बे नतीजा है मेने सोचा चलो में ही थोड़ी मदद कर डालूं सो मेने भी एक बिल तय्यार किया है अगर पसंद आये तो इसे अपनी मर्जी शामिल कर राष्ट्रपति और प्रधानमन्त्री तक पहुंचवाने की कोशिश करना है ..
लोकपाल बिल लोकपाल बिल २०११ कहलायेगा और यह प्रकाशन की तिथि से ही लागु होगा ..
१.. देश में भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितता पर अंकुश लगाने के लियें तुरंत एक लोकपाला की नियुक्ति की जाएगी ..
२..लोकपाल ऐसे व्यक्ति को नियुक्त किया जाएगा जो भारतीय कानून और संस्क्रती का जानकार हो भारतीय मूल का यानी भारत में जन्मा हो और कभी किसी पद पर नहीं रहा हो यानि सेवानिवृत्ति वाला नहीं हो ..इस पद पर ऐसे व्यक्ति को ही नियुक्त किया जा सकेगा जो देश की किसी भी मान्यता प्राप्त या गेर मान्यता प्राप्त राजनितिक या गेर राजनितिक पार्टी से सम्बद्ध न रहा हो ४५ वर्स से ६५ वर्ष तक की आयु हो पागल दिवालिया नहीं हो .
३ देश में जो भी किसी भी सरकारी तन्त्र से जुड़ा हुआ है और सरकारी खजाने से सुरक्षा,सुख सुविधा,वेतन प्राप्त करता है ..जो अपने पद को संचालित करने के पहले विधिवत शपथ लेता है ,,जो गेर सरकारी संस्था है लेकिन सरकार से मदद टेक्स की छुट रियायतें लेता है फिर चाहे वोह समाज सेवी संस्था हो या उद्ध्योग पति हो ...देश के वोह सभी अख़बार , इलेक्ट्रोनिक मिडिया जो सरकार से विज्ञापन और सुविधाएं प्राप्त करते हैं ..देश की सभी चुनाव आयोग से मान्यता प्राप्त राजनितिक पार्टियां और उनके सदस्य इस लोकपाल बिल की परिधि में आयेंगे .............
४. लोकपाल बिल को संचालित करने के लियें देश में लोकपाल टेक्स लगाया जाएगा जो तीन लाख से अधिक आय वाले लोग सो रूपये प्रति वर्ष देंगे इसके अतिरिक्त सरकार लोकपाल को बेठने ,कार्यालय खोलने और संचालित करने के लियें बिल पारित होते ही एक माह में सभी सुविधाएँ उपलब्ध करा देगी सरकार इसमें अगर कासिर रहती है तो ऐसी सरकार को आवश्यक रूप से बर्खास्त करने का प्रावधान होगा ..लोकपाल टेक्स से ही लोकपाल कार्यालय संचालित होगा सरकार की मदद के अलावा लोकपाल एक स्वायत शासी संस्था होगी जो सरकार के किसी दबाव में नहीं रहेगी ..
५ लोकपाल के समक्ष कोई भी शिकायत अंग्रेजी या शिकायत करता की क्षेत्रीय भाषा या फिर हिंदी में सुनवाई होगी 
६ लोकपाल का कार्यकाल पांच वर्ष का होगा उसकी नियुक्ति देश के सभी विधायक,सांसद,पंच सरपंच,पार्षद, वकील ,चिकित्सक मिलकर बहुमत के आधार पर करेंगे जो आवेदन इस पद के लियें आयेंगे उनकी जांच कर यक्त लोगों में से खुले मतदान से ऐसी नियुक्ति की जा सकेगी .
७ लोकपाल का दायरा देश के चतुर्थ श्रेणी से लेकर राष्ट्रपति तक होगा जिसमे जज वगेरा भी शामिल होंगे ..
८. लोकपाल किसी भी शिकायत का निस्तारण तीन माह में करने के लियें बाध्य होगा ओर उप लोकपाल नियुक्त कर सकेगा ..
८.देश भर के सभी ६२४ जिलों में लोकपाल अपना कमसे कम एक प्रतिनिधि आवश्यक रूप से नियुक्त करेगा जिसकी नियुक्ति की अहर्ता भी लोकपाल की नियुक्ति अहर्ता की तरह होगी यह जिला प्रतिनिधि गुप्त रूप से अपने क्षेत्र की समस्त जानकारिया लोकपाल को उपलब्ध करायेंगे जिला स्तर पर सभी सम्बन्धित लोग इस जिला प्रतिनिधि को सभी जानकारियाँ उप्लाब्ध कराने के लियें बाध्य होंगे जो इसमें न नुकुर करेगा यह आरोप उसके निलंबन और साबित होने पर बर्खास्तगी का आधार होगा ..
लोकपाल बिल के यहाँ जिसकी शिकायत लंबित हो उसे फिल्ड पद से तुरंत हटा दिया जाएगा ..बोगस शिकायतों पर पेनेल्टी का प्रावधान जिसमे पचास लाख रूपये और तीन वर्ष तक के कारावास का प्रावधान हो .
लोकपाल के समक्ष शिकायत में अगर प्रमाणित शिकायत होती है तो उसे राष्ट्रपति के अलावा कपि अन्य दूसरा व्यक्ति या न्यायालय नहीं सुन सकेगा अर्थात इसकी अपील केवल राष्ट्रपति ही सुन सकेगा जो दो माह में अपील का निस्तारण हर हल में करने के लियें बाध्य होंगे ..
जो लोग इसमें दोषी पाए जायेंगे उनको आजीवन कारावास से म्रत्युदंड और आवश्यता के अनुसार दस करोड़ रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान होगा ..लोकपाल जो मुकदमा दर्ज कराएगा उसकी सुनवाई केलिए विशेष न्यायालय ६ माह में इन प्रकरणों का निस्तारण हर हल में कर देंगे और इसकी अपील भी केवल राष्ट्रपति को ही हो सकेगी .........
तो दोस्तों केसा रहा यह लोकपाल बिल पसंद आया हो तो राष्ट्रपति और अन्ना से सिफारिश कर डालो यार ......
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोंग्रेस के मुंह पर जूता ............

कोंग्रेस के मुंह पर जूता ............कोंग्रेस कार्यालय में प्रेस्कोंफ्रेंस के दोरान अचानक इस घटना असे कोंग्रेस के नेता जनार्दन द्विवेदी और म्निश्तिवारी सहित सभी मिडिया कर्मी भोचाक्के रह गए और ..और राजस्थान के एक अख़बार का खुद को संवाददाता बताने वाला सुनील जनार्दन द्विवेदी की झुंट सुनकर इतना बोखला गया के मंच के पास जाकर उनको अदब के साथ जूता दिखा डाला ....जो तस्वीरे सामने आई है उनसे तो यही लगता है के कथित पत्रकार सुनील जनार्दन जी को जूता नहीं मरना चाहता था उसे खुद ने सहमी हुई हालत में जूता दिखाया है जिसे बाद में अलग कर दिया गया सवाल यह उठता है के ऐसी नोबत आखिर क्यूँ आई .......कोंग्रेस जो सुलझी हुई कोंग्रेस है जो बुद्धिजीवियों की पार्टी मानी जाती है वोह भ्रस्ताचार और कालेधन की मन करने पर इतने खफा हो गए है के साधू संतों को इन सब कम से अलग रहने की बात कहने लगे हैं ........आज सब जानते हैं के जब जब सिंघासन बेईमान होता है तब तब देश को साधुसंत ही बचाते हैं इससे भी खतरनाक और हास्यास्पद बात यह है के कोंग्रेस भ्रस्ताचार और कालेधन की बात करने पर दंगे भडकाने की कोशिश कहती है अब आप ही बताएं क्या भ्रस्ताचार ,कालाबाजारी.लोकपाल बिल जाति सम्प्रदाय से सम्बंधित है जो इस पर दंगे होगे ...क्या किसिस साधू संत को रास्थ्र हित में कोई बात करने का हक नहीं है अगर ब्ब्रश्ताचार की बात काले धन की बात दुश्मन भी करे तो उसे मानना चाहिए ..सरकार ने द्विवेदी के माद्यम से लोकपाला बिल पर भी अपनी मंशा साफ कर दी है और साफ  कहलवा दिया है के अन्ना और बाबा आर आर एस एस के एजेंट है और इन हालातों में अन्ना और बाबा जेसे लोगों से सख्ती से निपटने की भी चेतावनी दी गयी है अब कोंग्रेस का यह कृत्य चोरी और सीना जोरी वाला नहीं तो क्या है लेकिन इस माहोल में जुटे वाले सुनील भाई साहब ने कोंग्रेस के प्रति सिम्पेथी पैदा करवा दी है क्योंकि लोकतंत्र में जुटे चप्पल की राजनीति की कतई मानयता या इजाजत नहीं दी जा सकती क्योंकि यह राजनीती इधर हुई है तो उधर भी हो सकती है और फिर अराजकता की स्थिति पैदा हो सकती है ..................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मनमोहन सिंह ने नर्सिंग्घा राव का अधुरा काम पूरा किया ...............

मनमोहन सिंह ने नर्सिंग्घा राव का अधुरा काम पूरा किया ...... जी हाँ यह सच है ..कई वर्षों से प्रधानमन्त्री का पद हथियाने का सपना देखने वाले आर एस एस के स्वयम सेवक नर्सिंग्घा राव को राजिव गाँधी की हत्या के बाद प्रधानमन्त्री बनाया गया और उस वक्त सीताराम केसरी सहित वोह सोनिया गान्धी के दुश्मन हो गये थे उन्होंने राजिव गाँधी हत्याकांड तक की जांच  नहीं करवाई थी और आज जो चिदम्बरम , जो मनमोहन है वोह राव के मंत्रिमंडल के नो रत्न थे ..अमेरिका के दबाव में अमेरिका नीतियों को देश में लागू कर देश का रुपया विदेशों में पहुँचाने की निति बनाने के लियें ही राव ने मनमोहन की विश्व बेंक की नोकरी देख कर देश की आर्थिक व्यवस्था खत्म करने का काम सोंपा था और मनमोहन को वित्तमंत्री बनाया था आप आंकड़े उठा कर देख लें तब से आज तक मनमोहन की निति देश को डूबा रही है जनता को रुला रही है व्यापारियों,विदेशियों,विदेश   में रुपया जमा करने वालों और भ्रष्ट लोगों के मजे हैं खुद आंकड़े उठा लो देश तबाही और बर्बादी की तरफ है आज देश में गृह युद्ध की स्थिति है ...राव जो विश्व के सबसे भ्रष्ट प्रधानमन्त्री साबित हुए और प्रधानमन्त्री रहते हुए उनके खिलाफ देश की अदालत में मुकदमा चलाया गया तब उन्हें कुटिल कपिल सिब्बल मिले और उन्होंने इन्हें भी देश की बर्बाद करने की टीम में शामिल कर लिया राव गंध परिवार के दुश्मन थे इसलियें राजीव गाँधी की हत्या के बाद वोह किसी भी हालत में सोनिया गाँधी को राजनीती में नहीं आने देना चाहते थे और उन्हें खूब द्र कर रख रहे थे उस वक्त मनमोहन राव के हमजोली थे ..राव देश के नक्शे और इतिहास से कोंग्रेस को खत्म करना चाहते थे लेकिन कोंग्रेस एक बढ़ा सन्गठन था उनकी म्रत्यु के बाद फिर से सोनिया और राहुल की जांबाजी से उठ खड़ा हुआ राव की बाबरी मस्जिद लापरवाही के बाद भी मुसलमान फिर से कोंग्रेस से जुड़ गए दलित कोंग्रेस के साथ आये और सोनिया गाँधी महिलाओं को साथ लाने में कामयाब हुई जबकि राहुल गांधी ने युवाओं को एक नई दिशा दी और मुर्दा कोंग्रेस में जान फूंक दी लेकिन मनमोहन को प्रधानमन्त्री बना कर सबसे बढ़ी गलती कर डाली . मनमोहन सिंह जो कभी चुनाव नहीं जीत सकते इसलियें उन्हें चोर दरवाजे यानि राज्यसभा से लाया गया और अब वोह कोंग्रेस को बर्बाद और खत्म करने का जो काम नर्सिंग्घा राव जो अधुरा कम छोड़ गए थे उसे पूरा करने में लगे है देश में महा भ्रस्ताचार और महा अत्याचार के उदाहरणों की पराकाष्ठा है दिल्ली रामलीला मैदान और अन्ना की घटना ने देश की जनता को कोंग्रेस के खिलाफ बगावत करने को मजबूर कर दिया  है अकेले एक मनमोहन और उनकी टीम ने देश में कोंग्रेस को स्थापित करने के लिए महात्मा गाँधी ,नेहरु ,इंदिरा जी ,राजीव जी ने जो खून बहाया है उसे मनमोहन की नीतियों ने उसे मिटटी में मिला दिया है कोंग्रेस को फिर से जिंदा करने के लियें सोनिया ,राहुल और प्रियंका ने जो पसीना बहाया है उसे भी मनमोहन ने अपनी कुटिल चालों से पानी पानी कर दिया है और सच यही है जो भविष्य का इतिहास बतायेगा के कोंग्रेस को बर्बाद करने की कसम जी नर्सिंग्घराव ने खायी थी उनके अधूरे काम को आज मनमोहन सिंह ने प्रधानमन्त्री रहते पूरी कर डाली है और कोंग्रेस को अब शायद लोग हाशिये पर तलाश करते रह जायेंगे अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है सोनिया ओर राहुल राष्ट्रहित में सोच कर कोंग्रेस को बचाने के लियें भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने के लियें देश और कोंग्रेस को मनमोहन मुक्त कर दें वरना सही यही होगा के लोग कोंग्रेस को एक सफेदी के दाग की तरह ढूंढ़ते रह जायेंगे और हम भी इसमें पिस जायेंगे .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 

हमने समझा था हाकम से करेंगे फरियाद... वोह भी कमबख्त तेरा चाहने वाला निकला

हमने  समझा था हाकम से करेंगे फरियाद... वोह भी कमबख्त तेरा चाहने वाला निकला  जी हाँ  दोस्तों यह शेर किसी शायर ने उस वक्त लिखा था जब अंग्रेजों के ज़ुल्म के खिलाफ कोई भी मजलूम भारतीय अपनी शिकायत लेकर अंग्रेजों के गुलाम जागीरदारों,राजाओं और फिर गवर्नर,वाइसराय ,क्वीन एलिजाबेथ के पास जाते थे तब उन्हें अहसास होता था के यहाँ तो पुरे कुए में भांग घुटी है और वक्त हर शख्स के दिल और दिमाग में बस यही चंद लाइनें गुंजा करती थीं ..
आज रामलीला मदन की रावण लीला महाभारत को खुद सोनिया और प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह ने लाइव टेलीकास्ट देखा है लेकिन न तो उन्हें देश की फ़िक्र है और ना ही जनता के दुःख दर्द की फ़िक्र हैं उन्हें फ़िक्र है तो केवल काले धन के व्यापारियों की भ्रष्ट और कालेधन वालों को केसे बचा सकते हैं बस इसी जुगाड़ में जनता पर ज़ुल्म ढा रहे हैं ..आज भाजपा ऍन डी ऐ के नेता कालेधन को भारत वापस लाओ मांग के जनक लाल कृष्ण अडवाणी के नेत्रत्व में  राष्ट्रपति से मिले उन्हें घटनाक्रम बताया और संसद स्तर आपातकालीन बुलाने की मांग की लेकिन उस वक्त भी यही शेर यही लेने इन लोगों को याद आ रही थीं भला हो देश की सुप्रीमकोर्ट का जो उसने सो मोटो सरकार पर शिकंजा कसने के लियें हालातों पर जवाब तलब कर लिया है इस लड़ाई में अन्ना को जन्तर मंतर से छू मंतर करने के लियें सरकार पाबंदी लगा रही है लेकिन आन्दोलन  और फिर आज़ाद देश का आन्दोलन गेंद की तरह होता है इसे जितना दबाव इतना ही तेज़ यह गेंद उछलती है अब देखते हैं आगे क्या होता है ....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...