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12 जून 2011

चंबल पुल कल से 1 माह तक बंद


 

चंबल पुल कल से 1 माह तक बंद

 
 
 
 
 
 
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कोटा. नयापुरा चंबल पुल के बियरिंग खराब होने से बिगड़े अलाइनमेंट को देखते हुए इस पर एकतरफा यातायात कर दिया गया है। बियरिंग की मरम्मत के लिए मंगलवार से पुलिया पर ट्रैफिक को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। मरम्मत में करीब 30 दिन से ज्यादा समय लगने की संभावना है, तब तक शहर से बूंदी रोड पर वाहनों की आवाजाही बाधित रहेगी।

इस दौरान निचली पुलिया से ही वाहन आ-जा सकेंगे। तीन दिन पहले चंबल पुल पर कैंटीलीवर के पास पुल एक ओर नीचे की तरफ झुक गया था। इसके कारण यहां से गुजरते समय वाहनचालकों को झटके लगने लगे। शिकायत मिलने पर सार्वजनिक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग खण्ड के इंजीनियरों ने इसकी जांच की तो बियरिंग के खराब होने की पुष्टि हुई। पुलिया के बियरिंग साल भर पहले ही विभाग की ओर से बदलवाए गए थे और इस पर 1 करोड़ 34 लाख रुपए खर्च हुए थे।

इंजीनियरों ने वाहनों को लगने वाले झटकों का असर कम करने के लिए यहां बारीक पत्थर की चूरी में डामर मिलाकर भी बिछाया लेकिन, बेअसर रहा। विभाग ने अब बियरिंग को बदलाया जाएगा। इस बीच कैंटीलीवर की दरार अधिक होने के कारण ट्रैफिक पुलिस ने रविवार दोपहर से ही पुलिया पर वन-वे कर दिया। फिलहाल बूंदी रोड की तरफ जाने वाले वाहनों को ही इससे निकाला जा रहा है। बूंदी की तरफ से शहर में आने वाले वाहनों को निचली पुलिया से डायवर्ट किया गया है। टीआई धनफूल मीणा ने बताया कि पुल के ऊपर बीच में एकतरफा दरार अधिक हो रही है। इसमें भारी वाहनों को नुकसान हो सकता है। इसे देखते हुए दिन में ही वाहनों के आवागमन को एकतरफा कर दिया।

भरे जा रहे है गड्ढे: चंबल की रियासतकालीन पुलिया (निचली) पर ट्रैफिक का संभावित दबाव देखते हुए इसकी भी मरम्मत करवाई जा रही है। सड़क पर हो रहे गड्ढों को भरने व पानी के बहाव को रोकने का कार्य किया जा रहा है।

फिलहाल यह ट्रैफिक व्यवस्था: बियरिंग बदलने का कार्य शुरू होने तक कोटा से बूंदी, जयपुर, अजमेर व उदयपुर की ओर से जाने वाले वाहन पुल के ऊपर से निकलेंगे। बूंदी व उदयपुर की ओर से आने वाले सभी वाहन रियासतकालीन छोटी पुलिया से होकर कोटा की ओर आएंगे।

फिर बढ़ेगा छोटी पुलिया पर दबाव: टीआई के अनुसार अभी छोटी पुलिया पर मरम्मत का कार्य चल रहा है। तीन दिन में यह पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद पूरा ट्रैफिक निचली पुलिया से होकर निकाला जाएगा। इसका प्लान तैयार कर लिया गया है।

1 माह तक होगी परेशानी: चंबल पुलिया के क्षतिग्रस्त होने के कारण करीब एक माह तक शहर में आवाजाही का पूरा ट्रैफिक निचली पुलिया से ही गुजरेगा। फिलहाल इसका नयापुरा की तरफ वाला छोर सड़क का काम चलने के कारण काफी संकरा है। ऐसे में शहर से बूंदी की तरफ जाने वाला और उधर से आने वाला ट्रैफिक इसी पाइंट पर फंसने की उम्मीद है। इस पाइंट पर एक बस या ट्रक भी फंस गया तो यहां घंटों जाम के हालात खड़े हो जाएंगे। इस पाइंट को नयापुरा से जोड़ने वाली सड़क का काम भी इस माह के अंत तक ही पूरा होगा। तब तक यहां आए दिन वाहनों चालकों को परेशानी उठानी पड़ेगी।

यहां भी तालमेल नहीं: पुलिया के क्षतिग्रस्त होने से बिना किसी पूर्व सूचना के रविवार से ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया गया। जबकि एसपी प्रफुल्ल कुमार का कहना था कि ट्रैफिक डायवर्ट करने से पहले सूचना जारी की जाएगी। उधर, टीआई धनफूल ने बताया कि एएसपी हनुमान प्रसाद के आदेश पर रविवार से ही ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया।

कलेक्टर ने किया निरीक्षण: क्षतिग्रस्त चंबल पुल का रविवार सुबह कलेक्टर जी.एल.गुप्ता ने निरीक्षण किया। उनके साथ यूआईटी के अधिकारी भी मौजूद थे। निचली पुलिया का भी निरीक्षण किया व इसकी मरम्मत करवाने के आदेश दिए।

चार फ्लोटिंग के बियरिंगों में खराबी: पीडब्ल्यूडी राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के एक्सईएन दिनेश तिवारी के अनुसार पुल की कंसल्टेंट कंपनी हरक्यूलिस के अधिकारियों ने निरीक्षण कर लिया है। इसके निदेशक हरिकुमार नैय्यर सोमवार को कोटा पहुंचेंगे। यहां चार फ्लोटिंग स्पान के बियरिंग खराब हुए हैं। उन सभी को बदला जाएगा, जिनकी संख्या 18 है।

कन्या में शनि की सीधी चाल से अच्छी बारिश


कन्या में शनि की सीधी चाल से अच्छी बारिश

 
 
 
 
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कोटा. शनि ग्रह सूर्य की परिक्रमा लगाता हुआ सोमवार से सीधी चाल चलेगा अर्थात मार्गी बना रहेगा। यह कन्या राशि पर पांच माह मार्गी होने से सीधी चाल चलेगा। इससे शनि का व्यवहार सौम्य रहेगा। ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार राशियों के जातकों पर इसके प्रभाव दृष्टिगोचर होंगे।

कन्या राशि एवं हस्त नक्षत्र में मार्गी बनने की स्थिति शुभ फलदायक रहेगी। कन्या राशि में प्रवेश के साथ 15 नवंबर 2011 तक मार्गी रहने के बाद तुला राशि में प्रवेश करेगा। ज्योतिषाचार्यो का कहना है कि किसी भी राशि में आता व जाता हुआ शनि सुखद व शुभ फलदायक होता है।

प्रकृति में इसे अच्छा माना गया है। शनि की सीधी चाल से अच्छे बारिश के योग बनते है। शनि पूजन से सुख- समृद्धि प्राप्ति मानी गई है। पंचग्रह का योग इस दिन होने से मंगल अपनी राशि में से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश करेगा। साथ ही वहां सूर्य, बुध, शुक्र व केतु से पंचयुति संगम का निर्माण करेंगे। अर्थात पांच ग्रह एक ही राशि पर विराजित होंगे। आचार्य धीरेंद्र के अनुसार हवा के तेज झंझावत से फसल को नुकसान का अंदेशा बना रहेगा।

सूर्य का पुत्र माना गया है शनि को: शनि सौरमंडल में स्थापित एक ग्रह है जो धीरे-धीरे चलने वाला होता है। शनिदेव को सूर्य व छाया का पुत्र माना गया है। शनि देव को न्याय का देवता भी कहा जाता है। ज्योतिष में नौ ग्रहों (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु व केतु) में शनि को विषयदात्मक माना गया है। ज्योतिष में भी शनि का विशेष महत्व माना गया है।

सौरमंडल की स्थिति: सौरमंडल में शनि सबसे अधिक दूरी पर स्थित है। पं. अमित जैन के अनुसार दूरी अधिक होने से इसकी चमक नजर आती है। शनि का व्यास 7 लाख 56 हजार मील है। सूर्य ग्रह से इसकी दूरी 88600000 करोड़ मील है। यह ग्रह अपनी धूरी पर 10 घंटे 14 मिनट भ्रमण कर सूर्य की परिक्रमा लगाता है। इसे सूर्य के चक्कर लगाने में 1.0759 1/4दिन अर्थात 30 वर्ष का समय लगता है। यह 30 अंश पर भ्रमण करता हुआ 13 जून को 16 अंश पर कन्या राशि में रहेगा।

कष्टकारक के साथ फलदायक भी: शनि कष्टकारक ग्रह है। शनि शुभ होने पर भौतिक जीवन में श्रेष्ठता और आर्थिक शांति भी देता है।

ट्रक पर लिखा मंत्री का नाम


ट्रक पर लिखा मंत्री का नाम
 

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हिण्डौन सिटी। बेटे की खान को लेकर विवाद में फंसे राज्यमंत्री भरोसी लाल जाटव एक ट्रक पर नाम व मोबाइल नम्बर लिखे होने से फिर चर्चा में है। मध्यप्रदेश के नम्बर वाले ट्रक को बेरोकटोक आने जाने के लिए मंत्री का नाम लिखा गया है। स्थानीय महवा मार्ग स्थित मिस्त्री मार्केट में मरम्मत के लिए खड़े एक ट्रक पर राज्य मंत्री भरोसीलाल जाटव का नाम लिखा होना चर्चा का विषय बना रहा।
यह ट्रक मध्यप्रदेश में पंजीकृत है। ट्रक की मरम्मत कार्य में जुटे मिस्त्री भी ट्रक पर मंत्री का नाम देख चौक पड़ा। मरम्मत के लिए दिनभर खड़ा रहा यह ट्रक लोगों के लिए कौतूहल का विषय बना रहा। लोगों में यह चर्चा रही कि ट्रक को बेरोकटोक आने-जाने के लिए चालक ने ट्रक पर मंत्री का नाम लिखवा लिया होगा या फिर ट्रक के मंत्री के होने पर अपना प्रभाव दिखाने के लिए इस पर नाम लिखवाया गया होगा।
मेरा कोई ट्रक नहीं
मेरे पास कोई ट्रक नहीं है। यदि किसी ने ट्रक पर मेरा नाम लिखवा रखा है तो तलाश करवा उसके खिलाफ कार्रवाई करवाई जाएगी।
भरोसीलाल जाटव, मोटर गैराज राज्यमंत्री

एक घंटे चरी में फंसा रहा सिर


एक घंटे चरी में फंसा रहा सिर
 
 

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बांदीकुई । दौसा जिले में बांदीकुई क्षेत्र के करनावर गांव में रविवार शाम खेलते वक्त किसी बच्चे ने एक वर्ष के गोविन्द के सिर पर चरी रख दी। इससे मासूम गोविन्द का सिर चरी में फंस गया। पहले तो परिजनों ने खुद ही चरी निकालने का प्रयास किया। फिर परिजन अस्पताल रोड पर नई सब्जी मण्डी स्थित लोहे के बक्से बनाने वाले के पास गए।

 वहां दुकानदार गंगाराम बैरवा, घूट्याराम व बाबूलाल सैनी ने स्टील की इस चरी के मुंह की तरफ के हिस्सों को आरी से धीरे-धीरे काटा तथा बाद में कैंची से चरी को काटकर बाहर निकाला। इस दौरान मासूम गोविन्द का सिर करीब एक घंटे चरी में फंसा रहा। जांच के बाद चिकित्सक ने बच्चे की हालत सामान्य बताई है।

चलती ट्रेन में खूनी खेल


चलती ट्रेन में खूनी खेल
 
 

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सवाईमाधोपुर/ इंद्रगढ़ (बूंदी)। कोटा से सवाईमाधोपुर के बीच इन्द्रगढ़ रेलवे स्टेशन पर इंदौर-जोधपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस (12465 डाउन) में रविवार को जुए को लेकर हुए झगड़े ने खूनी रंग ले लिया। लेन-देन को लेकर विवाद होने पर एक जने ने गोली मारकर तीन पत्ती (जुआ) गिरोह के एक सदस्य की हत्या कर दी। बदले में गिरोह के लोगों ने अभियुक्त की जमकर पिटाई की। इंद्रगढ़ से कोटा ले जाते हुए रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। 
झोटवाड़ा के सुषारनगर का हनुमानाराम विश्नोई रविवार को ट्रेन से जयपुर जा रहा था। वह सेवानिवृत फौजी था और मध्यप्रदेश के रायसेन जिले की एमपी एग्रोटोनिक्स लिमिटेड में पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड है। वह कोच में ताश से जुआ खेल रहे लोगों के बहकावे में आकर दांव लगाने बैठ गया। हार-जीत के रूपयों को लेकर उनमें विवाद हो गया। नाराज हनुमानाराम ने सुमेरगंजमण्डी निवासी नजरूद्दीन उर्फ नज्जू (25) पुत्र कमरूद्दीन को गोली मार दी। गोली उसके दाएं कंधे के नीचे फेफड़े में लगी। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मामले में रेलवे पुलिस कार्रवाई कर रही है।
भागते समय दबोचा
पुलिस के अनुसार, दोपहर करीब डेढ़ बजे हुई इस घटना के बाद जैसे ही ट्रेन इंद्रगढ़ स्टेशन पर रूकी। अभियुक्त ट्रेन से उतरकर दौलतपुरा गांव की ओर भागा। इस दौरान गिरोह के सदस्यों ने मारपीट कर उसे गंभीर घायल कर दिया। इंद्रगढ़ थानाप्रभारी राजेश सोनी ने पीछा कर दौलतपुरा के पास उसे पकड़ लिया। पुलिस ने मारपीट करने वाले तीन-चार जनों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने उससे पिस्तौल भी बरामद की। उसे घायलावस्था में इंद्रगढ़ चिकित्सालय में प्राथमिक उपचार के बाद कोटा रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में उसका दम टूट गया।
पुलिस ने बताया कि आरोपी के पास से बरामद पिस्तौल में गोलियां नहीं थी। लोगों ने उसके भागते वक्त भी फायर करने की बात कही है। सुमेरगंजमण्डी स्टेशन पर अभियुक्त को पिस्तौल लेकर भागता देख प्लेटफार्म पर अफरा-तफरी मच गई।
सामान्य श्रेणी कोच में हुई घटना : जिस बोगी में घटना हुई वह टे्रन के आखिरी से दूसरे नम्बर का सामान्य श्रेणी कोच (बोगी नम्बर 08444) था। युवक का शव 11 नम्बर सीट के पास खून से लथपथ पड़ा था। रेलवे पुलिस के अनुसार घटना इसी सीट के पास हुई थी। टे्रन के डिब्बे में शव के पास जिंदा कारतूस भी मिला। संभवतया हनुमानाराम और फायर करना चाह रहा था, लेकिन छीना-झपटी व हड़बड़ी में जिंदा कारतूस वहीं पर गिर गया।
डिब्बे में मची भगदड़
जीआरपी थाना कोटा प्रभारी कल्याणसहाय मीणा ने बताया कि घटना के बाद यात्रियों में भगदड़ मच गई। पूरा डिब्बा खाली हो गया। इसकी सूचना यहां सवाईमाधोपुर जीआरपी थाने में दी गई। ट्रेन के 2 बजकर 15 मिनट पर सवाईमाधोपुर स्टेशन पहुंचने पर जीआरपी ने शव उतारा।
उसे जिला अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया। मामला राजकीय रेलवे थाना कोटा के क्षेत्राघिकार में होने के कारण देर शाम पुलिस अघिकारियों के पहुंचने पर नजरूद्दीन के शव का परिजनों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम किया गया।  शव उतारने के बाद टे्रन अपराह्न 3 बजकर 3 मिनट पर सवाईमाधोपुर से जयपुर रवाना की गई। नजरूद्दीन के पिता पर तीन पत्ती से जुड़े कई मामले भी दर्ज थे।
 यात्रियों को ऎसे फांसते हैं गिरोह
तीन पत्ती गिरोह लाखेरी और इन्द्रगढ़ से ट्रेनों में सवार होते हैं। इसके सदस्य यात्रियों के सामने एक-दूसरे से अपरिचित होने का नाटक करते हैं। बैठते ही तीन पत्ती खेलने लग जाते हैं। धीरे-धीरे  यात्रियों को भी शामिल कर लेते हैं। गिरोह शुरू में बाजी हारते हैं, लेकिन अंत में बड़ी बाजी लगा जीत लेते हैं। उनके कुछ सदस्य इस दौरान आमने-सामने बैठे या खड़े रहते हैं और दूसरों के पत्ते देख इशारों से साथियों को बताते रहते हैं। यात्री के रूपए नहीं देने पर गिरोह के सदस्य मारपीट पर भी उतारू हो जाते हैं।

ऐसा क्या है तुझ में ....

तू ही बता 
ऐसा क्या है तुझ में 
रोज़ सुबह शाम 
बस 
तुझे ही 
भुलाने की 
कोशिशों में 
लगा हूँ 
लेकिन ना जाने क्यूँ 
तुझे भूल नहीं पाटा हूँ 
जब भी 
होले से 
मूंद लेता हूँ 
यह कमबख्त आँखे 
बस तुझे ही 
इन आँखों में 
पाता हूँ ...
इसीलियें तो 
जब तुने 
यूँ ही 
मुस्कुरा कर 
मेरे साथ 
आने से इंकार कर दिया 
मेने सोच लिया है 
बस अब में 
तुझे 
अपनी आँखों में 
सजोये रखने के लियें 
हमेशा के लियें ही 
अपनी आँखे 
अपनी साँस 
अपनी धडकन 
बंद कर लूँगा 
ताकि तू 
कमसे कम इस तरह तो 
आखरी लम्हों में 
हमेशा मेरे साथ 
मेरी आस बनी रहे .................
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

चिलमन के पीछे से ...

चिलमन के पीछे से ...
उन्होंने 
अपनी बारीक़ 
खुबसूरत 
अँगुलियों से 
मुझे यूँ 
नजाकत से 
इशारा कर बुलाया ..
में बदहवास सा 
यह सोचकर 
शायद मुझे भी 
कोई चाहने लगा है 
जब चिलमन के 
पीछे गया 
तो वहा 
एक खुबसूरत 
अदाकारा ने 
मुझ से कहा 
बस यूँ ही 
तुमसे खेलने को मन किया 
और तुम्हें बुला लिया 
लेकिन अब 
तुम्हारी ज़रूरत नहीं 
मुझे तुमसे बहतर 
तुमसे अच्छा 
खिलौना खेलने के लियें 
मिल गया है .....
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ज्ञान सिन्धु के भागीरथ साहित्यकारों को जोड़ने की मुहीम में लगे हैं


ज्ञान सिन्धु के भागीरथ साहित्यकारों को जोड़ने की मुहीम में लगे हैं जी हाँ दोस्तों राजस्थान के चित्तोड़ जिले के रावतभाटा कस्बे में निवासित भाई भागीरथ साहित्य की गंगा हिंदी ब्लोगिं के जरिये बहा रहे हैं ..रावतभाटा वेसे तो देश में परमाणु बिजली उत्पादन के लियें प्रसिद्ध है और रावतभाटा प्रशासनिक द्रष्टि से कोटा जिले में माना जाता है क्योंकि कोई भी आपात व्यवस्था मदद कोटा से ही जाती है ..भाई भागीरथ रावतभाटा में निजी स्कुल के माध्यम से लोगों में शिक्षा का प्रचार प्रसार कर रहे हैं ..लोगों को साक्षर कर रहे हैं लेकिन उसी के साथ वकील होने के कारण कानून की सीख भी वोह लोगों को दे रहे हैं ..भाई भागीरथ दुखी लोगों की मदद करना अपना धर्म समझते हैं और इसीलियें एक समाज सेवी संस्था के माध्यम से वोह क्षेत्रीय लोगों की मदद करने में जुटे हैं ......बहुमुखी प्रतिभा के धनि भाई भागीरथ अपना हिंदी ब्लॉग ज्ञानसिंधु वर्ष २००८ से चला रहे हैं ..इनके ब्लॉग की पहली पोस्ट इनके अपने अनुभव के अधर पर लिखी गयी थी जिसने मुंशी प्रेमचंद के लेखन की याद ताज़ा कर दी पहली पोस्ट आड़ीजात में भाई भागीरथ ने हिम्मत करके आज के आधुनिक युग में जब मायावती प्रधानमंत्री है तब भी छुआछूत और भेदभाव का दर्द इस पोस्ट में बयाँ किया है ..भाई भागीरथ ने गाँधी के हत्यारे ..लोकतंत्र के कलाकार ..भ्रूण हत्या जेसी पोस्टों में भी दलितों और साम्प्रदायिक ताकतों के खिलाफ एक सच को उकेर कर रख दिया है ..भाई भागीरथ ने यूँ तो पलाश और अतिरिक्त दो ब्लॉग और तय्यार किये हैं लेकिन अभी तक उन पर पोस्ट खाली है ...भागीरथ जी की सबसे बहतरीन आदत यह हैं के इन्होने क्षेत्रीय साहित्यकार जो राष्ट्रीय स्तर पर लेखन क्षेत्र में अपने कीर्तिमान स्थापित किये जा रहे हैं उनकी छोटी छोटी रचनाये लिखना शुरू कर दी हैं जिसमे खासकर हाडोती कोटा सम्भाग के साहित्यकारों और रचनाकारों को भागीरथ जी ने प्रमुखता से तरजीह दी है ऐसी बहुमुखी प्रतिभा के धनि भाई भागीरथ द्वारा साहित्य और साम्प्रदायिक दलित अत्याचार के खिलाफ सुधारात्मक सोच की एक ऐसी गंगा बहाई है जिसे सभी की तरफ से मेरा सलाम ..अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

चाँद से चांदनी होगी


 फूलों से 
यूँ सजी 
सुगन्धित 
तुम्हारी जिंदगी होगी ..
हर रात 
तुम्हारी जिंदगी में 
चाँद से चांदनी होगी 
सुबह सवेरे 
उठोगी जब तुम 
सूरज की 
किरण से 
जिंदगी में 
तुम्हारे 
रौशनी होगी .....
कभी 
अँधेरे और सूरज 
धोखा दे भी दें 
तुम्हें तो भी 
हमारी दुआओं की 
तुम्हारी जिंदगी में 
रौशनी होगी ..
बिटिया जवेरिया जन्म दिन मुबारक हो ..
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एक रौशनी ...

एक 
रौशनी ...
यूँ चकाचोंध 
करती हैमुझे 
जेसे 
सियाह 
अँधेरे में 
कोई 
उम्मीद की 
किरण 
आगयी हो .
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जवेरिया जन्म दिन मुबारक हो तुम जियों हजारो साल

जवेरिया उर्फ़ लवी मेरी प्यारी बिटिया जन्म दिन बहुत बहुत मुबारक हो ...यह दिन हर बार तुम्हारे लियें खुशहाली ,कामयाबी लेकर आये जो तुम्हारी मुरादे हो पूरी हों ..जी हाँ दोस्तों आज मेरी बेटी जवेरिया उर्फ़ लवी का १४ वां जन्म दिन है ..इत्तिफाक है के जून में मेरी बिटिया में और मेरा बेटा शाहरुख के जन्म दिन है और इसीलियें गर्मियों की छुट्टियां लग जाने के कारण यह सभी लोग ननिहाल टोंक रहते हैं .....लवी उर्फ़ जवेरिया को एक बार फिर सालगिरह मुबारक हो ..अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

केन्द्रीय मंत्री सी पी जोशी दो साल और जनता को कुछ नहीं .

केन्द्रीय मंत्री सी पी जोशी दो साल और जनता को कुछ नहीं ..जी हाँ दोस्तों बात अजीब है न जो शख्स विधायक का चुनाव हार जाने के बाद भी मुख्यमंत्री बन्ने के सपने देखता रहा और फिर एक राजीनति के तहत केंद्र में लोकसभा का चुनाव जीत कर मंत्री बन गया हो जिसने राजस्थान प्रदेश कोंग्रेस के अध्यक्ष पद पर काम किया हो जिसने राजस्थान के विकास के लियें कसमे खायी हों उसने अपने सांसद खाते में से दो सालों में राजस्थान को ठेंगे के अलावा कुछ नहीं दिया है ....
जी हाँ दोस्तों दो साल और सांसद कोष से राजस्थान के विकास का ग्राफ जीरो अजीब बात ही तो लगती है ..सी पी जोशी जिन्हें राजस्थान के विकास के लिए दो वर्षों में अपने संसद कोष की सारी राशि खर्च कर भोतिक सत्यापन करवा लेना चाहिए था उनके खाते से एक रुपया अभी राजस्थान के विकास पर खर्च नहीं किया गया मजेदार बात तो यह है के इस बीच जब केन्द्रीय मंत्री सी पी जोशी जी सम्मान समारोह में गए साफे बंधवाये और मालाएं पहनी तब इन जनाब ने कई घोषनाए भी की थी लेकिन उनकी क्रियान्विति भी उनकी इच्छा शक्ति की कमी के कारण आज तक नहीं हो सकी है ......है ना राजस्थान के नेताओं की अजब मगर सच कहानी ..अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बाबा रामदेव के साथ देश भी हार गया ................

बाबा रामदेव के साथ देश भी हार गया ................जी हा दोस्तों यह सच है देश में कहावत है के जो खुद कांच के घरों में रहते है वोह दुसरे के घरों पर पत्थर नहीं उछालते और यही सब बाबा रामदेव जी के साथ होता नज़र आ रहा है सब जानते हैं वर्तमान कोंग्रेस अंग्रेजों से भी जालिमाना हरकतों और लूटपाट पर उतर रही है ऐसे में बाबा के लोकहित और राष्ट्र हित में सरकार से टकराना जनता को और मुझे भी बहुत अच्छा लगा था ...लेकिन अनशन के दोरान जनता को बाबा से पहले सिम्पेथी हुई और फिर सिम्पेथी के साथ सरकार से नफरत होने लगी थोड़े बहुत क्षण में ही कुछ कमाल होने वाला था जनता जीतती और सरकार हारती लेकिन अचानक एक नाटकीय परिवर्तन हुआ और बाबा सिर्फ बाबा रह गये जो बाबा जनता के सामने मरते दम तक अनशन रखने और देश की जायज़ मांगों को मनवाने के लियें लड़ी गयी इस लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति देने की बात कर रहे थे आज व्ही बाबा अपनी लड़ाई हर गए और जी देश की जनता को उम्मीद की एक किरन दिखी थी वोह किरण अब धूमिल हो गयी है बाबा ने खुद के हित में एक साधुओं संतों के ताल मेल से जिस ड्रामाई अंदाज़ में अनशन तोडा है उससे कोंग्रेस और कोंग्रेस के बेईमान राष्ट्रद्रोह में लगे नेताओं के होसले बुलंद हुए हैं और सही मायनों में जनता का सर शर्म से नीचे झुक गया है ..अब देश में अन्ना हजारे को तो पहले से ही सब समझ गए है सरकार ने बाब और अन्ना को हराया और मस्त अब देखते हैं कई हजार सालों तक देश में क्या कुछ चलता है क्योंकि शीर्ष पर पहुंच कर बाबा रामदेव जिस तेज़ी से नीचे गिरे है अब वहां तक पहुंचें में इस लड़ाई सिपाहियों को वर्षों लग जायेंगे ...................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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