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14 जून 2011

अब देशभर में कहीं भी वकालत कर सकेंगे वकील




केंद्र सरकार के विधि मंत्रालय ने वकीलों को, अधिवक्ता अधिनियम के 50 वर्ष पूरे होने पर एक तोहफा दिया है। इसके अनुसार वकीलों द्वारा स्थान विशेष पर वकालत करने की पाबंदी हट गई है। अब वे जम्मू-कश्मीर को छोड़कर देशभर में कहीं भी वकालत कर सकेंगे। केंद्र ने अधिवक्ता अधिनियम 1961 की धारा 30 को लागू करने की स्वीकृति दे दी है। इसे राजपत्र प्रकाशन के पश्चात से लागू माना जाएगा।

वकीलों को अब तक स्थान और अदालत विशेष के अलावा पैरवी करने के लिए विशेष अनुमति लेनी पड़ती थी। दो दिन पूर्व केंद्रीय विधि मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के बाद वकीलों को अनुमति वाली प्रक्रिया से मुक्ति मिल जाएगी।

मंत्रालय के आदेश में अधिवक्ता अधिनियम-1961 की धारा 30 लागू करने की बात कही गई है। इस धारा के तहत वकीलों को किसी भी न्यायालय में जाने का अधिकार प्राप्त होगा।

यह अधिकार अधिनियम में दर्शाया गया था, मगर धारा लागू नहीं की गई थी। इसी कारण वकीलों को किसी भी न्यायालय में पैरवी करने या फैमिली कोर्ट या ट्रिब्यूनल, ज्यूवनाइल कोर्ट में जाने की पाबंदी थी। इस सम्बंध में केरल की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया था, जिसके बाद विधि मंत्रालय ने इसे लागू करने की स्वीकृति दे दी। अब वे देश के किसी भी स्थान (जम्मू-कश्मीर को छोड़कर) और किसी भी अदालत में पैरवी कर पाएंगे।

धारा-30 के लागू न होने के कारण वकीलों को कई जगह पैरवी करने की मनाही थी। मुख्य रूप से फैमिली कोर्ट में मध्यस्थता में वकीलों को दिक्कत होती थी। साथ ही पक्षकारों को उचित न्याय नहीं मिलता था। देशभर में अधिवक्ताओं ने धारा-30 पर लागू कराने के लिए कई बार आंदोलन किया है। 2002-03 में भी संसद घेराव कर उक्त धारा को लागू कराने की अपील की गई थी। कई बार केंद्रीय विधि मंत्रालय को इसे लागू करने का मेमोरंडम दिया गया था।

मुंबई में पत्रकार जे डे की हत्या के मामलें में पुलिस भी शामिल

मुंबई में पत्रकार जे डे की हत्या के मामलें में पुलिस भी शामिल निकली है ..जाँच पड़ताल के दोरान पता चला है के मुम्बई सहायक पुलिस कमिश्नर के सम्बन्ध अपराधियों और माफिया से थे जिसकी जानकारी पत्रकार जी को चल गयी थी ....और बस इसी के बाद पत्रकार जी की हत्या कर दी गयी अब वर्दी तो दागदार हो ही गयी लेकिन पुलिस के लियें तो कहावत हो गयी के बगल में छोरा और शहर में ढिंढोरा ..सुनते हैं के पुलिस और सरकार इस अधिकारी को तरकीब से बचाने के प्रयासों में लग गयी है .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान पुलिस पर लगाम कसने की तय्यारी

 राजस्थान पुलिस जो कई वर्षों से निरंकुश हो गयी थी उसे फिर से नियंत्रित कर आम जन के हित में कार्य कराने के लियें गृह मंत्री शान्तिकुमार धारीवाल ने कमर कस ली है .......राजस्थान के गृहमंत्री शान्तिकुमार धारीवाल ने चीन यात्रा से लोटने के बाद और दुसरे कामों के साथ साथ राजस्थान पुलिस को चुस्त,दुरुस्त और सतर्क जनता के प्रति जवाब देही बनाने की कमर कस ली है और इसी क्रम में कल शांति कुमार धारीवाल ने राजस्थान के सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारीयों को पुलिस एकेडमी में बुलाकर पाठ पढाया और उनसे जनता की कसोटी पर खरा उतरने की पेशकश की ..शांति धारीवाल ने सबसे पहले जयपुर कमिश्नर प्रणाली के भी हाला चाल जाने .....राजस्थान में गृह मंत्री शान्ति धारीवाल के इन निर्देशों और तेवर के बाद राजथान में पुलिस की तस्वीर अब बदली बदली से नज़र आ रही है और वोह चुस्त दुरुस्त जनता के प्रति जवाबदार बनने की कोशिशों में जुट गयी है .अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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