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17 जून 2011

कातिल ने भी क्या मजाक .......

ज़िन्दगी तो 
बेवफा होकर 
मुझ से 
करती रही मजाक 
लेकिन दोस्तों 
मारने के 
बाद कातिल ने भी क्या 
मुझ से अजीब मजाक 
कसाई की तरह 
बेरहमी से 
गर्दन छुरी से 
धड से अलग करने के बाद 
तडपते दम निकलते 
कातिल ने 
मेरे बदन से
बढ़ी मासूमियत से कहा 
अरे 
यह क्या तुम तो 
मर रहे हो 
तुम्हारी तो 
अभी 
तुम्हारे परिवार और समाज को 
जरूरत थी .......................
.......................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

केमिकल कोट दिलाएगा गर्मी से राहत


 जोधपुर. सूर्यदेव ने भृकुटी तान रखी है और उनकी किरणों रौद्र रूप दिखा रही हैं। ऐसे में सुबह नौ बजे के बाद तो स्नान करना भी भारी पड़ रहा है, क्योंकि छतों पर लगी पानी की टंकियों का पानी 9-10 बजे ही जैसे उबलने लगता है।

इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कुछ कंपनियों ने ऐसा केमिकल तैयार किया है, जिसके बारे में उनका दावा है कि इसकी कोटिंग दीवार, छत, टिन शेड, टंकी, कूलर आदि पर करने से धूप का प्रभाव कम होता है। कंपनियों का कहना है कि इस केमिकल की कोटिंग से तापमान करीब 15 से 30 डिग्री सेल्सियस तक कम हो जाता है, वहीं घर के भीतर के तापमान में 7 डिग्री तक की गिरावट आती है।

केमिकल पर कितना खर्च: केमिकल पर प्रति स्क्वायर फीट 20 से 25 रुपए खर्च आता है। एक कूलर पर करीब 500 से 700 रुपए तथा प्लास्टिक की एक टंकी पर करीब 700 से 900 रुपए तक खर्च हो जाते हैं। इसमें लेबर चार्ज शामिल नहीं हैं।

दोपहर में भी ठंडा पानी: घरों की छतों पर सीमेंट या प्लास्टिक की टंकियां बनी हुई होती हैं। तापमान बढ़ने के साथ इनमें पानी गर्म होना शुरू हो जाता है। इस केमिकल को इन टंकियों पर लगाने से पानी गर्म नहीं होता तथा दोपहर में भी ठंडा पानी मिल जाता है।

दीवारों व छतों पर मास्टर कोट केमिकल: यह केमिकल घरों की छतों व दीवारों पर लगाया जाता है। इससे सूर्य किरणों का असर कम हो जाता है और गर्मी से काफी राहत मिलती है। इस लेप को एक बार करवाने के बाद करीब 5 वर्षो तक इसका असर बना रहता है।

कूलर पर भी असर: गर्मी के इन दिनों में कूलर तेज धूप में गर्म हो जाते हैं और ठंडी हवा नहीं दे पाते। इस केमिकल की कोटिंग के बाद कूलर पर सूर्य की किरणों का असर कम हो जाता है। इससे कूलर में पानी की मात्रा भी अपेक्षाकृत कम खर्च होती है।

बिजली का बिल भी कम: कई कंपनियों का दावा है कि दीवारों व छतों पर यह केमिकल चढ़ाने से घरों में ठंडक रहती है, जिससे एसी को भी राहत मिलती है। एसी से गर्मी में बिजली का बिल बढ़ जाता है, लेकिन केमिकल के कारण एसी का पावर कंजम्पशन कम हो जाता है।

5 साल रहता है प्रभाव: इस केमिकल के उपयोग से गर्मी के तेवर काफी ढीले पड़ जाते हैं। इस केमिकल का प्रभाव करीब पांच वर्ष तक रहता है। इससे बिजली के बिल में भी फर्क पड़ता है। - नरेंद्र कुमार जोशी, केमिकल इंजीनियर व एक कंपनी के निदेशक

कोई साइड इफैक्ट नहीं: इस तरह के केमिकल से तापमान में वास्तव में काफी कमी आती है। वहीं इसके लेप से कूलर व टंकियों में भी ठंडक रहती है। इस केमिकल का पानी पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ता और कोई साइड इफैक्ट भी नहीं होता है। - सुशील सारस्वत, पूर्व विभागाध्यक्ष (केमिकल इंजीनियरिंग) एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज

संभागीय आयुक्त बनकर तहसीलदार को ठगा


इंद्रगढ़/हिंडौली/केशवरायपाटन/बूंदी. जिले के तीन अधिकारियों को मोबाइल पर खुद को संभागीय आयुक्त बताकर एक व्यक्ति ने 40-40 हजार रु. ठगने का प्रयास किया। इनमें से इंद्रगढ़ तहसीलदार गोपाल नारायण मथुरिया धोखाधड़ी का शिकार हो गए, जबकि हिंडौली तहसीलदार हंसराज खराड़िया और केशवरायपाटन बीडीओ गोपाल वर्मा सतर्कता के कारण ठगी का शिकार होने से बच गए।
ठग ने खुद को संभागीय आयुक्त बता कर दोपहर करीब 12 बजे से 1:15 बजे के बीच मोबाइल नंबर 918083488695 से इन अधिकारियों को फोन किए और एसबीआई बैंक के खाता नंबर 31221861594 आकाश कुमार हजारी बाग रवींद्र पथ के नाम 40-40 हजार रुप्त जमा कराने को कहा। इंद्रगढ़ तहसीलदार मथुरिया के पास दोपहर एक बजे आए फोन पर ठग ने कहा कि मैं संभागीय आयुक्त कोटा प्रीतम सिंह बोल रहा हूं। एक घंटे में इंद्रगढ़ आ रहा हूं। मेरा रिश्तेदार अस्पताल में भर्ती है, तत्काल बैंक में 40 हजार रुपए जमा कराओ। अभी आकर वापस दे रहा हूं। इस पर तहसीलदार ने ठग द्वारा बताए गए खाता नंबर में रुपए डाल दिए।

रुपए जमा कराने के बाद फिर फोन आया कि एक नंबर और दे रहा हूं उसमें पैसे डाल देना। तब शक होने पर पड़ताल की तो सारा मंजर समझ में आ गया। बताया गया दूसरा नंबर 10700461326 कृष्णकुमार मिश्रा के नाम था। बाद में तहसीलदार ने घटना की सूचना कलेक्टर को दे दी। इंद्रगढ़ पुलिस ने दर्ज मामले की जांच शुरू कर दी है। केशवरायपाटन बीडीओ गोपाल वर्मा के पास भी इस तरह का फोन आया, पर उन्होंने कहा कि आवाज संभागीय आयुक्त की नहीं होने का संदेह हुआ। इसके बाद उन्होंने कलेक्टर के पीए को घटना की जानकारी दी। उधर, हिंडौली तहसीलदार हंसराज खारड़िया ने भी मांजरा समझकर कलेक्टर को फोन कर दिया। इन दोनों अधिकारियों ने मामला दर्ज नहीं कराया है।

सत्य साईं के कमरे में मिला 98 किलो सोना

पुट्टापर्थी. पुट्टपर्थी स्थित प्रशांति निलयम आश्रम में सत्य साईं बाबा के निजी कक्ष से करीब 38  करोड़ की संपत्ति मिली है। आधिकारिक तौर पर बताया गया कि 98 किलोग्राम सोना, 307 किलोग्राम चांदी और 11.56 करोड़ रुपए नकद मिले हैं। हीरे-जवाहरात के साथ ही कुछ विदेशी मुद्राएं भी मिली हैं। नोटों की गिनती के लिए तीन मशीनें लगाई गई थीं और इन्हें गिनने में 30 घंटे लगे। गिनती गुरुवार को शुरू हुई और शुक्रवार को पूरी हो पाई। सत्य साईं के निधन के करीब पौने दो महीने बाद गुरुवार को सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट द्वारा उनके निजी कक्ष यजुर मंदिर को पहली बार खोला गया।
भतीजे की उपस्थिति में खोला ताला
जब कमरा खोला गया तब सत्य साईं के भतीजे व ट्रस्ट के सदस्य आरजे रत्नाकर के अलावा एसवी गिरि, वी.श्रीनिवासन और सचिव के. चक्रवर्ती, कुछ न्यायिक अधिकारी और पुलिस के अधिकारी भी मौजूद थे। सत्य साईं बाबा की देखभाल करने वाले सत्यजीत को ही यजुर मंदिर के बायो मीट्रिक ताले को खोलने की तकनीकी जानकारी थी। वे भी ट्रस्ट के सदस्यों व अधिकारियों के साथ मौजूद थे। सत्य साईं बाबा के जीवनकाल में सत्यजीत अकेले ऐसे व्यक्ति रहे, जिन्हें उनके निजी कक्ष में जाने की इजाजत थी।

पांच जीपों में भेजा सामान
सभी सामान को पांच जीपों में भरकर पुट्टपर्थी के स्टेट बैंक ले जाया गया। सोना, चांदी को एक्साइज विभाग के पास जमा किया गया है। इस दौरान वहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। मीडियाकर्मियों को भी वहां फटकने नहीं दिया गया।
समिति करेगी ट्रस्ट का संचालन
सत्य साईं बाबा की हजारों करोड़ रुपए की संपत्ति की देखरेख की जिम्मेदारी फिलहाल आंध्रप्रदेश सरकार के वित्त सचिव वी. सुब्रrाण्यम को सौंपी गई है। उनके नेतृत्व में एक पांच सदस्यीय समिति संपत्ति का लेखा-जोखा रखने के साथ ही ट्रस्ट का संचालन भी करेगी।
ट्रस्ट चला रहा 165 प्रोजेक्ट
ट्रस्ट का गठन 1972 में हुआ था और यह 165 देशों में प्रोजेक्ट चला रहा है। पुट्टपर्थी के अलावा देश भर में उसके 25,000 मंदिर हैं। इसके अलावा उसके पास 75 से 100 अस्पताल और दर्जनों शिक्षण संस्थाएं हैं। बाबा की संपत्ति कितनी है, इसका सही-सही अंदाजा किसी को नहीं है। समझा जाता है कि यह 40,000 करोड़ रुपए से लेकर डेढ़ लाख करोड़ रुपए के बीच है।
आपकी राय
सत्‍य साईं के कमरे से इतनी संपत्ति, खास कर 11.56 करोड़ की नकदी मिलने का क्‍या मतलब निकाला जा सकता है?

मददगारों की मदद से जीती जिंदगी की जंग


 कोटा। कुछ माह पहले मरणासन्न अवस्था में स्वयं को एक कमरे में सीमित कर देने वाले एक युवक ने अपने हौसले से न केवल घातक टीबी (मिलीयरी ट्यूबरक्लोसिस) बल्कि इसी दौरान हुए पैरालिसिस अटैक को भी हरा दिया।

अब वह न केवल खुद चलकर अस्पताल जाता है, बल्कि उसकी जिंदगी के प्रति नई सोच लोगों को भी नई ऊर्जा देती है। हालांकि इसे पूरे मामले में उसके मोहल्लेवालों तथा निर्धन रोगी उपचार प्रकल्प संस्था का भी विशेष सहयोग रहा, जिन्होंने उसके उपचार में अहम भूमिका निभाई। जीवन-संघर्ष की यह दास्तां है कैथूनीपोल के रेतवाली निवासी 25 वर्षीय सुदामा केसवानी की।

कुछ माह पूर्व वह घातक टीबी (मिलीयरी ट्यूबरक्लोसिस) से पीड़ित था। यह बीमारी रक्त के साथ-साथ उसके पूरे शरीर में फैल रही थी। दो वक्त का खाना तक नसीब नहीं हो रहा था। पिता का साया बचपन में ही उठ चुका था।
मां देख-सुन नहीं सकती थी। अपनी वृद्ध मां के साथ वह कोठरीनुमा कमरे में मौत की घड़ियां गिन रहा था। उसी दौरान मोहल्ले के कुछ युवक उसके मदद के उम्मीद में 5 जनवरी की रात को ‘भास्कर कार्यालय’ पहुंच गए।

भास्कर ने उसे एमबीएस में भर्ती करवाया और निर्धन रोगी उपचार प्रकल्प संस्था के संभागीय संयोजक पंडित अनिल औदिच्य को सूचित किया। रात को ही औदिच्य अपनी टीम व पड़ोसी युवाओं के साथ अस्पताल पहुंच गए।

इसके बाद संस्था ने न केवल उपचार की, बल्कि दोनों मां-बेटों के भोजन, दवाइयां, जांच आदि सभी काम जनसहयोग से करवाए। उन्होंने एक टीम बनाई और टाइम टेबल बनाकर 8-8 घंटे अस्पताल में उसकी देखरेख भी की। 15 दिन तक सुदामा आईसीयू में भर्ती रहा।

जहां फिजिशियन मीनाक्षी शारदा व डॉ. मनोज सलूजा ने उसका उपचार किया।

मेडिकल वार्ड में करीब 1 माह तक भर्ती रहने के बाद फरवरी में उसे छुट्टी मिल गई। संस्था के कार्यकर्ताओं ने उसके घर पर किराने के सामान व दवाइयों की व्यवस्था की। लोगों के मदद से सुदामा में जिंदगी के प्रति जज्बा जाग उठा था। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था।

अभी वह पूरी तरह से स्वस्थ होता उससे पहले ही उसे पैरालिसिस अटेक हो गया। एक बार फिर संस्था ने उसे अस्पताल में भर्ती करवाया और पुन: इलाज शुरू करवाया। लेकिन इस बार जीत उसकी जिंदादिली की हुई। आज सुदामा पूरी तरह से स्वस्थ हो गया और अब रूटीन चेकअप के लिए खुद अस्पताल पहुंच जाता है।

‘जब सुदामा हमारे पास आया था तब उसे तेज बुखार था और गेहूं से बना कुछ भी उसे पच नहीं पा रहा था। उसे मिलीयरी ट्यूबरक्लोसिस नामक बीमारी थी। जो रक्त के साथ-साथ तेजी से पूरे शरीर में फैलती है। लंबे उपचार के बाद अब वह स्वस्थ है। उसका उपचार अभी भी जारी है।""
-डॉ. मीनाक्षी शारदा, एसोसिएट प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग एमबीएस

इनकी मेहनत रंग लाई

सुदामा को नया जीवन देने में पंडित अनिल औदिच्य, उसके पड़ोसी हरीश कुमार व लीला राम, संस्था के सदस्य लक्की सोनी, प्रदीप सोरल, पीयूष सोनी, राजेन्द्र दाधीच व गोपाल नामा की मेहनत रंग लाई। अस्पताल में संस्था के प्रेरक पूर्व मंत्री ललित किशोर चतुर्वेदी ने भी उससे कई बार मुलाकात की और डाक्टरों से वार्ता कर उसके उपचार पर नजर रखते रहे।

यह पब्लिक है सब जानती है .............

दोस्तों में मिडिया से खुद को जुड़ा मानकर अपने ज्ञान पर बहुत अकड़ता फिरता हूँ लेकिन कई बाते ऐसी हैं जो मुझे जनता यानी पब्लिक से पता चलती है और फिर में सोचता हूँ के यह पब्लिक है सब जानती है ...........रामोजी फिल्म का इलेक्ट्रोनिक मिडिया इ टी वी उर्दू , इ टी वी राजस्थान और सभी इ टी वी चेनल पर इन दिनों अधूरे ख्वाब और मुस्लिमों की आज की स्थिति पर खुली बहस चल रही है सबसे पहले राजस्थान में फिर महाराष्ट्र और फिर बिहार में यह कार्यक्रम हुए ..मुझ सहित सभी आम सोच वाले लोग समझते हैं के इ टी वी देश भर के मुसलमानों का हमदर्द है और वोह देश के मुसलमानों की सच्ची तस्वीर दिखाकर उनके हालत बदलना चाहता है मेने कई बार इ टी वी को धन्यवाद  भी दिया लेकिन एक सच जो ट्रेन में ओद ग्रामीणों ने आपसी वाद विवाद के दोरान बताया उससे लगा के शायद यह निरक्षर  से दिखने वाले लोग हमसे ज्यादा चतुर और चालक है जो हर नब्ज़ को समझ लेते हैं ..में ट्रेन से जयपुर से कोटा आ रहा था पास की ही सीट पर एक कुरता पजामा में और दुसरा भाई धोती कुरता में बता था दोनों एक दुसरे के परिचित थे वक्त गुजरने के लियें उन्होंने राजनीती की बात शुरू की फिर इ टी वी इलेक्ट्रोनिक मीडिया की कार्यवाही जिसमे राजस्थान में कोन क्या कर रहा है उसकी छोटी से बढ़ी खबर सभी विभागों के विज्ञापनों के साथ दिखाए जाते हैं बात उनकी ही चल पढ़ी ....धोती कुरते वाले ने कहा के इ टी वी खा तो कोंग्रेस की रहा है और गा भाजपा की रहा है कुरते पायजामे वाले भाई ने कहा के भाई इ टी वी पर रोज़ तो कोंग्रेस के मंत्रियों और कोंग्रेस के नेताओं को दिखाया जाता है उन्हें राजस्थान का भगवान बताया जाता है ऐसे में इ टी वी भाजपा की केसे गा सकता है बस फिर क्या था धोती कुरते वाले भाई साहब थोड़ा तेश में आ गये कुरते पायजामा वाले से समझाने के अंदाज़ में बोले देखो इ टी वी देश भर के मुसलमानों की आज की स्थिति बता रहा है और हर कार्यक्रम में वक्ता लोग मुसलमानों की बदहाली के लियें कोंग्रेस और कोंग्रेस के नेताओं को तार्किक तरीके से ज़िम्मेदार ठहरा रहे है और सच भी यही है इन सब के बाद भी मुसलमान का ९० फीसदी तबका आज भी कोंग्रेस का वोटर है जिससे भाजपा माइनस और कोंग्रेस प्लस में चली जाती है इसीलियें इ टी वी से आर एस एस और भाजपा ने सोदा क्या है और इ टी वी एक तीर से दो शिकार कर रहा है एक तो मुस्लमान इस कार्यक्रम से इ टी वी से खुश हैं उसकी टी आर पी और विज्ञापन बढ़ रहे हैं दुसरे देश की जनता और खासकर मुसलमानों को इस कार्यक्रम से यह समझ में आने लगा है के उनकी और उनके भाइयों की बदहाली की ज़िम्मेदार पार्टी कोंग्रेस ही है इसलियें मुसलमानों कोंग्रेस के खिलाफ बगावत है और ऐसे में मुसलमान कोंग्रेस  से अलग हठ कर किसी दूसरी क्षेत्रीय पार्टी में भी जाते हैं या वोट डालने में निष्क्रिय रहते हैं  तो भी तो जीत तो बाजपा की ही है में इन ग्रामीणों की बाते सुनकर भोचक्का था और सोचने पर मजबूर हुआ के शायद यह सच भी हो सकता है यह लोग ऐसा इसलियें बतिया रहे है के यह पब्लिक है और पब्लिक है के सब जानती है .....................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यह आँखें देख कर ............

 यह आँखें देख कर ............हम सारी दुनिया भूल जाते हैं ..यह सच है लेकिन कई लोग ऐसे इस दुनिया में है जिनकी आँखे नहीं होने से वोह दुनिया को नहीं देख पा रहे हैं .....देश की जनसंख्या एक सो इक्कीस करोड़ है जबकि ६२३८९ लोग प्रति दिन मोत के घाट उतरते हैं ..इसी तरह ८६८५३ बच्चे प्रति दिन पैदा होते हैं जबकि हमारे देश में छ लाख ब्यांसी हजार चार सो सत्यान्वे लोग आँखे नहीं होने से सुनहरी जिंदगी का लुत्फ़ नहीं ले पा रहे हैं अगर हम सभी अपनी आँखे नेत्रदान के अभियान के तहत दान करें तो केवल ११ दिनों में ही देश के सभी अंधों को आँखें मिल सकती है ..क्या हम और आप ऐसा कर सकेंगे ..नेत्रदान महादान .... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एक मच्छर ......

एक मच्छर ......
जिसका नया नवेला
छोटा सा बच्चा जवान हुआ
पहली बार
अकेले अपने माता पिता से
दुनिया देखने के लियें उड़ान उडी
वापस लोट कर जब आया तो मच्छर के पिता ने पूंछा
कहो केसा रहा क्या प्रतिक्रिया है
मच्चार के बेटे ने हंसते हुए कहा
मज़ा आ गया में तो पहली बार उड़ा
लेकिन सबको बहुत पसंद आया
सब मुझे देख कर
तालियाँ बजा बजा कर इधर उधर भाग रहे थे ............
..............................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

भाजपा कोंग्रेस चोर चोर मोसेरे भाई ................

भ्रष्टाचार ,कालाबाजारी,मूल्यवृद्धि पर सरकार की चुप्पी, कालाधन जेसे मुद्दों पर कोंग्रेस और भाजपा करीब करीब एक ही है और दोनों ने तय किया है के तू मेरी मत कह में तेरी नहीं कहूँ ..हाल ही में देश में एक बहुत बढ़ा ड्रामा हुआ इस ड्रामे में कोंग्रेस ने तय कर लिया जो भी भ्रष्टाचार के खिलाफ बोले उसके जूते दो बंद करों और उसकी जाँच करवाकर मिडिया मेनेजमेंट  करवाकर उसकी खिल्ली उढाओ ताकि देश में भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ कोई भी बोलने का दुस्साहस नहीं करे ..रामलीला मैदान की क्रूरता ..जंतर मंतर से अन्ना के अनशन की अस्विक्र्ती ..बाबा रामदेव और उनके चेले की जांच पड़ताल सब इसी अन्याय का नतीजा है लेकिन ..........................यह सब अकेली कोंग्रेस नहीं कर रही है कोंग्रेस में तो कुछ ऐसे लोग हैं जो बिना काबलियत और जनसमर्थन के अर्श से फर्श पर पहुंच गए हैं जिन्हें चुनाव लड़ने पर हार का खतरा होता है और वोह चोर दरवाजे से राज्यसभा के जरिये कोंग्रेस को बर्बाद करने के प्रयासों में जुटे हैं ..इसी तरह की कार्यवाही अगर आपको यद् हो तो आज कोंग्रेस के खिलाफ कड़ी भाजपा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने वालों के खिलाफ की थी ..आपको पता होगा छत्तीसगढ़ में जूदेव  को टी वी पर लगातार रिश्वत लेते बताया रूपये गिनते मांगते सारी तस्वीर जनता ने देखी लेकिन भाजपा ने जूदेव को भाजपा के टिकिट पर चुनाव लडाया और उन्हें चुनाव लड़वाकर  यह साबित किया के जनता भ्रष्टाचारियों के ही साथ है ........इतना ही नहीं तहलका डोट कोम के सम्पादक  तरुनतेज्पाल ने जब एक स्टिंग ओपरेशन चला कर भाजपा के शीर्ष पद पर बेठे भाजपा राष्ट्रिय अध्यक्ष  बंगारू लक्ष्मण को खुलेआम देश की रक्षा के मामले में सोदेबाज़ी के तहत रिश्वत लेते हुए बताया सहयोगी दलों को रिश्वत लेते हुए बताया तो भाजपा के किसी भी मंत्री सांसद या नेता ने इस्तीफा नहीं दिया उलटे बदले की भावना से भाजपा के नेताओं ने तहलका के सम्पादक तरुन्तेज्पाल के खिलाफ जाँच शुरू करवाई उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज किये उन्हें झुंटे मुकदमों में गिरफ्तार किया तो जनाब भाजपा ने भी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाकर पोल खोलने वाले को डराया धमकाया और झूंठे मुक़दमों में फंसाया और कोंग्रेस ने भी भ्रस्ताचार के खिलाफ बोलने वालों के साथ ऐसा ही किया इसलिए कहते हैं के कोंग्रेस हो या भाजपा सभी चोर चोर मोसेरे भाई है यस में बनकर रहो तो आपको भी हिस्सा मिलेगा और सच बोले तो आपको लाठी और जेल मिलेगी ....................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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