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19 जून 2011

इस अजब प्रेम की गजब कहानी सुन हंसी से फूल जाएगा आपका पेट

इस अजब प्रेम की गजब कहानी सुन हंसी से फूल जाएगा आपका पेट

 

 
 
 
 
बीजिंग. सिचुआन प्रान्त के गुअंगन सिटी में प्रेम की अग्नि परीछा देने के लिए दो लड़कियां इस उम्मीद में नदी में कूद पड़ीं कि उनका बॉयफ्रैंड जिसे अधिक चाहता है उसे बचाने पहले आएगा. लेकिन कूदने के बाद जो हुआ उसे जानकर आपको हंसी जरुर आएगी.

14 वर्षीया जहांग फेंग और 16 वर्षीया जिंग युन दोनों ही सीनियर सेकेन्ड्री की स्टूडेंट हैं. इन दोनों ने अभी हाल ही में हाई स्कूल का एग्जाम पास किया है और छुटियाँ मनाने के लिए लिंगजी नदी के किनारे पहुंची हुई थीं. इसी दौरान उनका ही एक क्लासमेट ली जिओंग्जेंग उधर से गुजर रहा था. उन्होंने उसे पास बुलाया और कहा कि वो दोनों ही उसे प्यार करती हैं. अब ये जानने के लिए कि लड़का किसे ज्यादा प्यार करता है फेंग के दिमाग में एक आइडिया आया.

उसने एक साथ नदी में कूदने का सुझाव दिया और कहा कि लड़का जिसे भी ज्यादा प्यार करता है उसे बचाने पहले आएगा. युन को भी ये शर्त सही लगी. प्यार की अग्नि परीछा देने की लिए दोनों ही नदी में कूद पड़ी. ये देखते ही लड़का भी घबरा गया और दोनों में से किसी को बचाने की बजाए वह खुद ही वहां से भाग खड़ा हुआ. पास से गुजर रहे राहगीरों और दो पुलिस वालों ने इन लड़कियों को डूबता हुए देखा. इन लोगों ने किसी तरह दोनों को नदी से बाहर निकाला और इस शर्त पर छोड़ा कि वो आगे कभी ऐसी हरकत नहीं करेंगी.

मैं यहां जनसुनवाई कर रहा हूं और अधिकारी छुट्टी मना रहे हैं

मैं यहां जनसुनवाई कर रहा हूं और अधिकारी छुट्टी मना रहे हैं

 

 
 


 
कोटा. ‘मैं यहां जनसुनवाई कर रहा हूं और हाउसिंग बोर्ड के अधिकारी छुट्टी लेकर घर बैठे हैं, ऊपर से गलत सूचना भिजवा रहे हैं। ऐसा नहीं चलेगा। एसडीएम कहां हैं? अब तक आए क्यों नहीं। फोन करके उन्हें तत्काल बुलवाओं।’ रविवार को यहां सर्किट हाउस में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल की अफसरों के प्रति नाराजगी कुछ ऐसे ही रूप में सामने आई।

उन्होंने हाउसिंग बोर्ड के उपायुक्त व आवासीय अभियंता को नोटिस देने और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए। साथ ही एएसपी ग्रामीण व यूआईटी के एक्सईएन को भी फोन करके मौके पर तलब किया। जनसुनवाई के दौरान कुन्हाड़ी हाउसिंग बोर्ड विकास समिति के पदाधिकारी कॉलोनी में पार्क सहित अन्य विकास कार्यो के लिए उनसे मिले थे। इस पर मंत्री ने हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों को बुलवाया तो कोई भी वहां मौजूद नहीं था। कुछ देर बाद सहायक आवासन अधिकारी वहां आए तो उनसे पूछा कि उपायुक्त सलामत अली व आवासीय अभियंता एसके सिंघल कहां हैं? यहां क्यों नहीं आए?

उन्हें बताया गया कि आवासीय अभियंता तो छुट्टी पर हैं और उपायुक्त कोर्ट केस के सिलसिले में दिल्ली गए हुए हैं। कुन्हाड़ी निवासी रेखा विधवा पेंशन संबंधी समस्या लेकर पहुंची। संबंधित एसडीएम पोखरमल मौजूद नहीं थे, उन्हें भी बुलवाया गया और गायब रहने पर पूछताछ की। एएसपी ग्रामीण ललित माहेश्वरी भी उपस्थित नहीं थे। उन्हें भी फोन करके बुलवाया गया। यह सुनते ही मंत्री और नाराज हो गए कि रविवार को कौन सी कोर्ट खुलती है। मैं यहां जनसुनवाई कर रहा हूं और अधिकारी छुट्टी लेकर बैठे हैं।

उन्होंने दोनों अधिकारियों के खिलाफ नोटिस जारी करने और विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसी प्रकार कुन्हाड़ी निवासी रेखा विधवा पेंशन संबंधी समस्या लेकर पहुंची। संबंधित एसडीएम पोखरमल मौजूद नहीं थे, उन्हें भी बुलवाया गया और गायब रहने पर पूछताछ की। एएसपी ग्रामीण ललित माहेश्वरी भी उपस्थित नहीं थे। उन्हें भी फोन करके बुलवाया गया। उसे 1 वर्ष से पेंशन नहीं मिल रही थी और पीपल्दा व कोटा के बीच चक्कर कटवाए जा रहे हैं।

जनसुनवाई के दौरान महापौर डॉ. रत्ना जैन, उपमहापौर राकेश सोरल, पूर्व यूआईटी चेयरमैन रवींद्र त्यागी, वरिष्ठ कांग्रेसी गोविंद शर्मा, पीसीसी सदस्य राजेन्द्र सांखला, पार्षद आनंद पाटनी सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। पार्षद गीता शर्मा ने वार्ड में रोड लाइट संबंधी शिकायत दी और बताया कि यूआईटी के बिजली अनुभाग के एईएन खींची का व्यवहार जनप्रतिनिधियों के प्रति ठीक नहीं रहता है। ठीक प्रकार से जवाब नहीं देते हैं। शिकायतों को सुनते ही नहीं। इस पर खींची को बुलाकर हिदायत दी गई कि जनप्रतिनिधियों के प्रति व्यवहार सुधार लो, ऐसी शिकायत दुबारा नहीं आना चाहिए।

हाउसिंग बोर्ड के 2-3 कोर्ट केस के मामले में नेशनल कमिशन में रिट दायर की जा रही है। इसी के संबंध में मैं शनिवार को ही दिल्ली के लिए रवाना हो गया था। आवासीय अभियंता एसके सिंघल छुट्टी पर हैं, इसलिए सहायक अधिकारी को भेजा गया था। - सलामत अली, उपायुक्त, हाउसिंग बोर्ड

यह आसमान भी है केसा ......

यह आसमान भी है केसा ......
यह कभी 
तपता हुआ सूरज 
तो कभी 
चांदनी बिखेरते 
चाँद को निगल लेता है 
यह आसमान भी अजीब है 
कभी बरफ की चट्टानों को 
यूँ ही 
पानी बनाकर पिघला देता है 
कभी रंगो को मिलकर 
इन्द्रधनुष बना देता है 
फिर भी 
जब दबा देती है 
यह दो गज जमीन 
इन्सान को 
यही आसमान है 
जो इंसान की रूह को 
पनाह देता है ...............अख्तर खान  अकेला कोटा राजस्थान 

तुम्हें क्या बताऊं ....

तुम्हें क्या बताऊं ....
मेरे दिल के 
नासूर हुए 
इन जख्मों को .
अगर 
इन जख्मों को देखो 
और फिर 
मेरे अपनों को देखो 
तो कहीं 
मातम नहीं है 
दुनिया और भी अजीब है 
दुनिया की 
थोड़ी भी 
रोंनाक कम नहीं है 
बस 
कुछ 
इस तरह की ही 
जख्म मुझे मिले हैं 
जिनका वक्त भी 
आज तक मरहम नहीं है 
सच तो यही है 
चाहे जो भी हो 
दुनिया तो चलती ही है 
अपने जो बन कर रहते हैं 
अपने होने का 
दावा करते हैं 
कब्र में 
छोड़ते हैं 
चंद रोज़ रोते हैं 
और फिर 
सब कुछ भूल कर 
अपने रोज़ के कामों में 
लग जाते हैं 
बस इंसान की 
यही तो 
जिंदगी है 
जो कहने को 
अनमोल है 
लेकिन 
रिश्तों में 
कोई मोल नहीं हैं .................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

तुमने वादा नहीं किया ...

तुम 
भूल भी जाओ 
मुझे 
तो क्या 
तुम बेवफा 
नहीं कहलाओगे 
क्योंकि 
तुमने मुझ से 
ना तो कभी 
मोहब्बत की 
ना ही कभी 
वफ़ा का वायदा किया 
हम तुम्हें 
केसे भुला पायेंगे 
हमने तो सिर्फ और सिर्फ 
तुम्ही से 
मोहब्बत की है .............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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