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20 जून 2011

राजस्थान में कोंग्रेस का सत्ता परीक्षण २९ को

राजस्थान में कोंग्रेस का सत्ता परीक्षण २९ को होने जा रहा हैं ...यहाँ राजस्थान प्रदेश कोंग्रेस अध्यक्ष पद पर अचानक डोक्टर चन्द्र भान का नाम आने से अधिकतम कोंग्रेस के कार्यकर्ता और नेता सकते में हैं लेकिन अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत निश्चिन्त हो  गए हैं ......डोक्टर चंद्रभान को सभी पार्टियों का थोड़ा बहुत अनुभव है वोह जनता पार्टी ,जनता दल और फिर कोंग्रेस में रहे हैं इसलियें उन्हें भाजपा और जनसंघ के साथ भी कम करने का अवसर मिला है ऐसे में डोक्टर चंद्रभान के सभी पार्टियों में रहने का अनुभव कोंग्रेस में अब कितनी मदद कर पायेगा यह तो वक्त ही बतायेगा लेकिन गुजरात में यह फार्मूला शंकर सिंह बाघेला को भाजपा से लेकर कोंग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बना कर कोंग्रेस ने देख लिया है और वहां कोंग्रेस ने नरेंद्र मोदी को वोक ओवर दे दिया है कोंग्रेस इसके पूर्व भी जाट नेता के नेत्रत्व में चुनाव में जीती हुई बजी हार चुकी है लेकिन इस बार चन्द्रभान ने अपना कायभार सम्भालते ही २९ जून को भाजपा के आरोपों का जवाब देने के लियें एक महा रेली एलान किया है जिसमे कोंग्रेस अपनी सत्ता में रहने के बाद भी शक्तिपरिक्षण करने के मूड में है .......शायद केद्र और प्रदेश में कोंग्रेस की सत्ता के रहते ऐसे प्रदर्शन बहुत कम होते हैं लेकिन यह प्रदर्शन कोंग्रेस को भाजपा का जवाब देने और डोक्टर चन्द्रभान के मनोनयन के बाद एकजुटता का परिचय देने के लियें जरूरी सा लग रहा था ..वी तो हाल ही में राजस्थान सरकार ने सभी जिलों में किसी भी तरह के प्रदर्शन पर धारा १४४ लगाकर रोक लगा दी है लेकिन अब इस रेली की स्वीक्रति तो विधिवत मिल ही जायेगी ....फ़िलहाल इस रेली को लेकर कोंग्रेस में बहुत ज्यादा उत्साह नज़र नहीं आ रहा है लेकिन पदों के लालच में और भविष्य में संगठन से जुड़े पदों को कब्जाने के लियें कई कार्यकर्ता अनमने मन से भी काम में जुट गए हैं ..कार्यकर्ताओं का कहना है के इस रेली को सफल बनाने के सभी प्रयास हर हाल में करना होंगे देखते हैं कोंग्रेस में इस जाट नेता के साथ जातों के अलावा दुसरे समाज के कितने लाख लोग आते हैं ..............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान कोंग्रेस के नेता पोटली नहीं खोलते .............

राजस्थान कोंग्रेस के शीर्ष पदों पर बेठे बढ़े नेताओं में से में कई नेताओं को पहले से जनता हूँ में पत्रकारिता में था और शीर्ष पदों पर बेठे यह नेता जब खुद कुछ ना कुछ बन्ने के लियें संघर्ष कर रहे थे तब कोंग्रेस की सरकार आने पर या फिर संगठन के पदों पर नियुक्तियां नहीं होने पर यही नेता हम लोगों से कहते थे के शीर्ष पदों पर बेठे प्रदेश कोंग्रेस कमेटी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री जी के पास पदों की पोटली है लेकिन इस पोटली को यह लोग अपने सिरहाने रख कर वर्षो से सो रहे हैं और पोटली को खोल कर इस पिटारे में रखे पदों का बंटवारा नहीं कर रहे हैं ...........आज फिर से वाही दोर चल रहा है कोंग्रेस के शीर्ष पदों पर बेठे लोग जो कभी अपनों से बढ़े नेताओं पर पदों की पोटली सराहने रख कर सोने का आरोप लगाते थे आज वाही कोंग्रेस जन अपने अपने कार्यकर्ताओं  को पदों का इन्तिज़ार करवा रहे हैं मुख्यमंत्री जी हो ,मंत्री जी हों ,सांसद जी हो कोंग्रेस संगठन के नेता हो जो भी हो सब दो तीन वर्षों से कार्यकर्ताओं को बांटे जाने वाले पदों की पोटली केंद्र से तो बाँध लाये हैं लेकिन खुद के सरहाने रख कर सो रहे हैं और इस पोटली को नहीं खोल रहे हैं कभी यहाँ पंचायत चुनाव,कभी पालिका चुनाव तो कभी विधानसभा तो कभी लोकसभा चुनाव कभी कोई विपदा तो कभी कोई काम कभी गुर्जर आन्दोलन तो कभी क्या क्या ......ऐसे कई बहाने लगा कर इन नेताओं ने कोंग्रेस के कार्यकर्ताओं के पदों की पोटली अब नहीं खोली है सुनते हैं के इस पोटली में रखे कई पद तो सड़ने लगे हैं ..तो जनाब यही है कोंग्रेस  नेताओं की पदों की पोटली की कहानी जो अब समझा जा रहा है शायद नेता इस पोटली को खोल दें और इस पोटली के आगे फिर से कार्यकर्ता मक्खियों की तरह से भिनकने लगे हैं ........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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