आपका-अख्तर खान

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21 जून 2011

तुम और तुम ही रहते हो ............

चाँद को में 
जब जब भी 
देखता हूँ 
ना जाने क्यूँ 
चाँद मुझसे 
शरमा  जाता है ..
सूरज को में 
जब  जब भी 
घूरता हूँ 
ना जाने क्यूँ 
सूरज मुझ से 
घबरा जाता है 
पर्वत को मेने 
जब भी देखा है 
ना जाने क्यूँ 
पर्वत पिघल जाता है 
असमान को देखता हूँ 
जब भी में 
आसमान है 
के अपनी जगह से चला जाता है 
ऐसा क्या है मुझ में 
ऐसा क्या है मेरी नजरों में 
शायद यह सब इसलियें होता है 
के हमारी नजरों में 
हरदम 
तुम और तुम ही रहते हो 
इसीलियें तो चाँद.सूरज.पहाड़ आसमान 
तुम्हारे तेज के आगे 
ठहर नहीं पाते हैं ................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जीवन मन्त्र ...

जीवन मन्त्र ...
इस मुर्दा जमाने 
में अगर जीना चाहते हो 
ज़िंदा लाशों के इस ढेर में 
अगर खुद को 
जिंदा साबित करना चाहते हों 
तो सोच लो 
इससे पहले के 
दिल और दिमाग का तनाव 
तुम्हे मार दे 
तुम तुम्हारे इस तनाव को 
मार डालो ..
इससे पहले के तुम्हारी 
कामयाबी के गोल पर 
कोई दुसरा गोल करे 
खुद आगे पढ़ कर किक मारों और गोल कर डालो ..
यह जिंदगी बेशकीमती है 
इसे अपनी मर्ज़ी से 
जेसा चाहो जी डालो 
और ये सब इसके पहले ही कर डालो 
कहीं ऐसा ना हो 
जिंदगी ख्वाहिशें निकलने के पहले ही 
बेवफाई कर जाए ...अख्तर खान अकेला कोटा  राजस्थान

क्या अपने याद किया हमें ....

मीठी मीठी 
सुगन्धित सी 
हवा लगी 
अभी अभी ,
क्या 
आपने 
याद किया 
हमें अभी अभी ..
हम जानते है 
आपसे मिलन हो 
हमारा 
यह किस्मत तो 
हमारी नहीं अभी ..
फिर  भी ना जाने क्यूँ 
ऐसा लगा 
आप मिलकर गए 
अभी अभी ...................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

नौकरी की दौड़ में दांव पर दम

नौकरी की दौड़ में दांव पर दम


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जयपुर। गर्मी और प्रशासनिक लापरवाही के चलते मंगलवार को राज्य के दर्जनों अभ्यर्थियों का पुलिस कांस्टेबल बनने का सपना टूट गया। कांस्टेबल शारीरिक दक्षता परीक्षा में 10 किमी. दौड़ के दौरान मंगलवार को प्रदेश में 125 से ज्यादा अभ्यर्थी गश खाकर गिर गए। बेहोश हुए कई अभ्यर्थियों को अस्पताल ले जाना पड़ा। इससे भर्ती में रूकावट आई।
50 का फूला दम : भरतपुर में अभ्यर्थियों को सुबह 6 बजे बुलाया गया, लेकिन दौड़ सुबह 9 बजे शुरू हो सकी। 10 किमी की दौड़ एक घंटे में पूरी करनी थी।

तापघात से करीब 50 अभ्यर्थी बेसुध होकर गिर गए। 37 को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। एक की हालत गंभीर है। मौके पर अभ्यर्थियों को ड्रिप चढ़ाई लेकिन हालत बेकाबू होते देख जिला अस्पताल भेजा गया। भर्ती प्रक्रिया कुछ समय रोकनी पड़ी।
कहां क्या हाल 
-अलवर में दौड़ परीक्षा में करीब एक दर्जन अभ्यर्थी मैदान में चक्कर खाकर गिर पड़े। इन्हें तुरंत प्राथमिक उपचार दिया गया। फिर दौड़ सुबह जल्दी व शाम को ठंडे मौसम में कराने का निर्णय लिया गया।
-कोटा में 13 अभ्यर्थी दौड़ खत्म होने के बाद संभल नहीं सके और गश खाकर गिर गए। एक युवक को खून की उल्टियां हुई। सभी को एमबीएस अस्पताल में भर्ती कराया गया।
-बीकानेर में नौ युवा बेहोश हो गए, जिन्हें पीबीएम अस्पताल पहुंचाया गया। दौड़ सुबह पांच के बजाय सवा सात बजे शुरू हुई। एक अभ्यर्थी के पैर में फ्रेक्चर हो गया जबकि एक को ढाई घंटे बाद होश आया।
-उदयपुर में तड़के चार बजे अभ्यर्थियों को बुला लिया गया लेकिन रजिस्ट्रेशन के बाद दौड़ 9.45 बजे शुरू हुई। सात अभ्यर्थी बीमार हो गए, जिन्हें एम.बी. अस्पताल ले जाया गया। दौड़ शाम तक रोकनी पड़ी। गर्मी से त्रस्त होकर सुधबुध खो चुके एक अभ्यर्थी ने हंगामा किया।
-भीलवाड़ा में गश खाकर गिरे सात अभ्यर्थियों को गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां अभ्यर्थियों को तड़के चार बजे बुलाया गया लेकिन निजी कंपनी के कम्प्यूटरों से सर्वर में खराबी के चलते दौड़ चार घंटे देर से शुरू हुई।
-पाली में करीब एक दर्जन युवक अचेत हो गए, जिन्हें बांगड़ अस्पताल ले जाया गया। एक की हालत गंभीर है। फिर प्रशासन ने रात में दौड़ कराई। 
-अजमेर में पांच अभ्यर्थी गश खाकर गिरे, जिन्हें जेएलएन अस्पताल पहुंचाया गया। दौड़ कुछ देर रोकनी पड़ी।
-जयपुर में शाम को आरपीए ग्राउंड पर दौड़ में पांच अभ्यर्थी गिर गए, जिन्हें कावंटिया अस्पताल ले जाया गया।
फिजिशियन की जगह मनोचिकित्सक
पाली में भर्ती के दौरान बांगड़ स्टेडियम में फिजीशियन या मेडिकल अफसर के बजाय मनोचिकित्सक की ड्यूटी लगाई गई जबकि अघिकतर अभ्यर्थी निर्जलीकरण के चलते बेहोश हुए। एसपी अजयपाल लांबा के अनुसार, डॉक्टर बदलने के लिए प्रशासन को कहा जाएगा।
दौड़ का समय बदला
हादसों के बाद गृह विभाग ने बुधवार से दौड़ का समय बदल दिया है। एक आदेश के अनुसार अब यह सुबह पांच से नौ बजे तक होगी जबकि शाम का समय यथावत रहेगा।
 लवण की कमी से ऎसी स्थिति
डॉक्टर्स के अनुसार, धूप में लगातार दौड़ने से शरीर में इलक्ट्रोलाइट वाटर घट जाते हैं, क्योंकिपसीने से यह लवण बाहर निकल जाते है। ये अभ्यर्थी भी डिस इलेक्ट्रोलाइटेमिया (लवण की कमी) के शिकार हो गए। इससे इन्हें चक्कर, बेहोशी आने के साथ ही मनोस्थिति पर असर पड़ा।
अभ्यास व क्षमता नहीं होने के कारण कुछ युवा गश खाकर गिर पड़े। यदि गर्मी के कारण गिरते तो फिर 125 अभ्यर्थी सफल नहीं हो पाते। डॉ. हबीब खां, एसपी बीकानेर
सुबह छह बजे रिपोर्टिग समय था न कि दौड़ का। दौड़ से पहले फिंगर प्रिंट व डाटा जांच अनिवार्य है। इस कारण दौड़ देरी शुरू हो पाई। -सुनील दत्त, पुलिस महानिरीक्षक, भरतपुर

कहां कितने अचेत
भरतपुर-- 50
कोटा --17
अलवर-- 12
पाली --12
बीकानेर-- 9
उदयपुर-- 7
भीलवाड़ा--7
अजमेर-- 5
जयपुर-- 5
जोधपुर-- 4
(प्रारम्भिक सूचना के मुताबिक)

यह चमन के अजीब फूल .......

यह चमन के अजीब फूल .......
होते हैं 
पतझड़ हो अगर 
तो वीराने से चमन में 
बस यूँ ही 
इधर उधर 
आँधियों के साथ 
बिखरते हैं ..
खुशनुमा हो मोसम अगर 
तो यही फूल 
चमन में कभी खुशबु 
तो कभी 
खुशिया बिखेरते है 
इसलियें कहता हूँ 
ना चमन का अपना मुकाम है 
ना गुल का 
अपना कोई अहतराम है 
यह तो बस 
खुदा है 
वोह चाहे जिसको देता इनाम है 
इसीलियें ना गुल 
इतराए अपनी खुशहाली पे 
न तितली इठलाये 
गुल के मधुरस में 
यह तो खुदा है 
जिसे चाहे जंगल बना दे 
जिसे चाहे सहरा बना दे 
जिसे चाहे गुलशन बना दे 
इसीलियें 
मेरा जो भी बिगड़ा हाल है 
तेरा जो भी सुधरा हाल है 
ना इतर इसपर तू 
ना जाने कब में तू और तू में हो जाऊं .....................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

प्रणव मुखर्जी के दफ्तर की हुई थी जासूसी!

प्रणव मुखर्जी के दफ्तर की हुई थी जासूसी!


pranab office
नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के दफ्तर की सुरक्षा में सेंध का मामला सामने आया है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्रालय के दफ्तर में 16 जगह चिपचिपा पदार्थ पाया गया था। जिन जगहों पर यह पदार्थ पाया गया उनमें वित्त मंत्री का दफ्तर भी शामिल है। वित्त मंत्री के सलाहकार ओमिता पॉल, निजी सचिव मनोज पंत के दफ्तर में भी चिपचिपा पदार्थ मिला था। वित्त मंत्री की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले दो कांफ्रेंस रूम में भी यह पदार्थ मिला था। रिपोर्ट के मुताबिक प्रणव मुखर्जी ने पिछले साल 7 सितंबर को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस संबध में पत्र लिखा है। 
भारत में पक्ष विपक्ष के मध्य परस्पर जासूसी को लेकर आरोप लगते रहे हैं लेकिन इस शीर्ष पद पर सत्ताधारी संकटमोचक वरिष्ठ नेता की ही अगर जासूसी होने लगे और इस मामले में सरकार को पीड़ित मंत्री को चिट्ठी लिखना पढ़े तो समझलेना चाहिए के आपस में कहीं न कहीं फुट पढ़ी हैं वेसे सोनिया के साथ रहकर कोंग्रेस में आज सोनिया गाँधी के निजी दुश्मनों की कमी नहीं है ..और इसीलियें सोनिया से सम्बंधित उनके हमराज़ लोगों की जासूसी एक नया संकेत दे रही है ताज्जुब तो इसपर है के देश में आज भी इन लोगों ने ऐसे जासूसों पर ना तो नजार रखी है और न ही उनका पर्दा फाश किया है लेकिन इस तरह के संकेत सत्ता पलट के प्रयास और सोनिया गाँधी की छवि को धूमिल करने की पहल भी कही जा सकती है और कोंग्रेस में जो संतुष्ट हैं या फिर जिन्हें सत्ता सोंप कर संतुष्ट करने का प्रयास किया गया है वर्तमान हालातों में तूफान के पहले की ख़ामोशी ही कही जा सकती है और ऐसे में कंग्रेस हाईकमान को बहुत सजग सतर्क रहते हुए चमचों और छाप्लुसों से सावधान रहने की जरूरत हैं ..........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

छात्र-छात्राएं डंडे लेकर आमने-सामने

छात्र-छात्राएं डंडे लेकर आमने-सामने

 

 
 
 
 
 
कोटा। सोमवार को जेडीबी कॉलेज की छात्राएं गवर्नमेंट कॉलेज के प्राचार्य कक्ष में वहां के छात्रों के साथ डंडे और बेसबाल के बैट लेकर आमने-सामने हो गईं। प्राचार्य कक्ष में ही छात्र-छात्राओं ने एक दूसरे के सामने बेसबॉल के बल्ले और डंडे तान लिए। छात्र मारपीट पर उतारू हो गए। छात्रों ने छात्राओं को बाहर निकालने के लिए कुर्सियां और टेबल तक उठा ली। छात्रों और छात्राओं के बीच काफी देर तक बहस हुई। करीब पौने घंटे तक कॉलेज में हंगामा होता रहा। बाद में पुलिस के पहुंचने से मामला शांत हुआ। पुलिस सुरक्षा में छात्राओं को कॉलेज के बाहर छोड़ा गया।

जेडीबी कॉलेज छात्रा संघ अध्यक्ष सुमन मेहरा का कहना है कि वे कॉलेज में फार्म भरने जा रही छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और अभद्र व्यवहार की शिकायत लेकर प्राचार्य के पास गई थीं। उधर गवर्नमेंट कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष हरिप्रकाश मीणा का कहना है कि छात्राएं अपने साथ डंडे और बेसबाल के बैट लेकर आई थी और उन्होंने छात्रों को उकसाने की कोशिश की। कॉलेज प्रशासन ने भी जिला कलेक्टर और पुलिस को शिकायत की है कि जेडीबी छात्रा संघ अध्यक्ष हाथों में डंडे लेकर आई और कॉलेज का माहौल खराब करने की कोशिश की।

दोपहर में करीब एक बजे जेडीबी कॉलेज की छात्रा संघ अध्यक्ष सुमन मेहरा और कॉलेज की आधा दर्जन छात्राएं गवर्नमेंट कॉलेज में प्राचार्य को ज्ञापन देने पहुंची। इसकी भनक छात्रों को लगी और वे भी पहुंच गए। उन्होंने छात्राओं को बाहर निकालने के लिए कुर्सियां और टेबल उठा ली। छात्राओं के हाथों से डंडे भी छीन लिए। कॉलेज प्रशासन ने काफी बीच-बचाव किया, लेकिन मामला शांत नहीं हुआ। प्राचार्य ने इसकी सूचना पुलिस को दी, लेकिन आधे घंटे तक पुलिस नहीं पहुंची। बाद में पहुंची पुलिस ने छात्राओं को कॉलेज के बाहर छोड़ा। इसके बाद छात्राओं ने सुरक्षा की मांग को लेकर एसपी को ज्ञापन सौंपा।

मां को ताले में बंद कर मुंबई गए बेटा-बहू लेकिन अफसोस नहीं

मां को ताले में बंद कर मुंबई गए बेटा-बहू लेकिन अफसोस नहीं

 

 
 
 
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कोटा। छावनी तिलक नगर स्थित एक मकान में तीन दिन से बंद एक बुजुर्ग महिला को पड़ोसियों की शिकायत पर सोमवार देर रात पुलिस ने मुक्त किया। पड़ोसियों का कहना है कि इस महिला को उसके बेटे-बहू बंद कर मुंबई चले गए। दिन में भी पुलिस मकान पर पहुंची थी और रोशनदान के जरिये महिला से बात की थी। तब महिला ने कहा था कि वह घर से बाहर नहीं जाना चाहती, इस पर पुलिस लौट गई थी।
देर रात जिला कलेक्टर के निर्देश पर पुलिस ने घर का ताला तोड़ा। पुलिस महिला से पूछताछ में जुटी थी, लेकिन वह घर पर ही रहना चाह रही थी। पुलिस यह जानने का प्रयास करती रही कि आखिर मामला क्या है? उससे बेटे-बहू के खिलाफ शिकायत देने को भी कहा, लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं हुई। पड़ोसियों ने कहा कि महिला को बेटे-बहू प्रताड़ित करते हैं और इसी कारण वह सहमी हुई है और शिकायत नहीं कर रही।
पुलिस व मोहल्ले वालों के अनुसार तिलक नगर के मकान नंबर 89 ए में रहने वाली 65 वर्षीय प्रेमलता जैन के पति प्रकाशचंद की लगभग 4 वर्ष पहले मौत हो गई। उनके साथ बेटा संजय व बहू रहते हैं। 18 जून को संजय व उसकी पत्नी कहीं चले गए। पीछे से मकान को ताला लगा गए।
मोहल्ले वालों ने जब देखा कि महिला अंदर बंद है और बाहर का ताला लगा हुआ है तो उन्होंने महिला से बात करने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इस पर महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस और एकल नारी संगठन एनजीओ को सूचना दी गई। पुलिस ने दिन में महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम के साथ पहुंचकर महिला से रोशनदान से बात करने का प्रयास किया, लेकिन वह घर से बाहर आने को राजी नहीं हुई।
महिला ने कहा कि बेटे-बहू पांच दिन का खाना बनाकर गए हैं और वह किसी के खिलाफ शिकायत भी नहीं देना चाहती। इस पर पुलिस, एनजीओ और विभाग के प्रतिनिधि वापस लौट गए। देर रात कुछ लोगों ने जिला कलेक्टर से भी शिकायत की। इसके बाद रात करीब 11 बजे मकान का ताला तोड़ा गया और महिला को बाहर निकाला गया।
रो पड़ी वृद्धा
> पुलिस व लोगों को देखकर वृद्धा की रुलाई फूट पड़ी। उसने बताया कि बेटे- बहू पांच दिन के लिए बाहर गए हैं और पांच दिन का खाना एक साथ बनाकर गए हैं।
> पुलिस से शिकायत करने पर रुंधे गले से सिर्फ यही निकल रहा था, मैं अपनी मर्जी से रह रही हूं। मुझे कोई गिला-शिकवा नहीं है।
शिकायत दे तो होगी कार्रवाई
कलेक्टर जी.एल.गुप्ता ने बताया कि सूचना मिलते ही उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग तथा पुलिस को इसकी जानकारी दी। महिला अपने बेटे-बहू के बारे में कुछ नहीं बोल रही। यदि वह किसी प्रकार की शिकायत देती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
एक माह की सजा का प्रावधान
एडवोकेट महेश शर्मा के अनुसार माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम-07 में प्रावधान है कि पीड़ित महिला या पुरुष एसडीओ को अपनी शिकायत दे सकता है। एसडीओ त्वरित सुनवाई करके भरण-पोषण के आदेश जारी करता है। पीड़ित के परिजन यदि आदेश की अवहेलना करते हैं तो उन्हें एक माह की सजा का प्रावधान है। इस मामले में इससे भी महत्वपूर्ण यह तथ्य है कि व्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन हुआ है।   
राजस्थान में वरिष्ठ नागरिक कल्याण अधिनियम के प्रावधानों के तहत सम्बंधित थानाधिकारी, कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक की वृद्ध लोगों के कल्याण की ज़िम्मेदारी  है जिसकी प्रादेशिक और जिला स्तर पर प्रतिमाह बैठकें आयोजित कर वर्द्ध पीड़ितों का सर्वेक्षण करवाकर उनकी शिकायतों का निराकरण भी आवश्यक है इस लियें यह इस अधिनियम के प्रावधानों के प्रति सरकार की उपेक्षा का एक बहुत बड़ा उदाहरण हैं ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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