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25 जून 2011

राजस्थान पुलिस ऐ डी जी ऐ के जेन की सी बी आई को तलाश

राजस्थान पुलिस ऐ डी जी  ऐ के जेन की सी बी आई को तलाश दोस्तों यह पढने में जरा अजीब लगेगा लेकिन यह सच है जो ऐ डी जी पुलिस ऐ के जेन लोगों को अपनी पुलिस वर्दी का रोब दिखा कर दोडा दोडा कर मारते थे आज वाही सी  बी आई की गिरफ्त में हैं दारा हत्याकांड में उनके गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद  राजस्थान हाई कोर्ट में उनकी जमानत की अर्जी ख़ारिज हो गयी है और अब फिर सी बी आई ने उनकी तलाश तेज़ कर दी है ..राजस्थान में कई क्षेत्रों में पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं और वोह कानून की निगाह में फरार चल रहे हैं ताज्जुब तो इस बात पर है के ऐसे भगोड़े पुलिस अधिकारी और पुलिस कर्मियों के खिलाफ उनकी संपत्ति कुर्क कर उनकी गिरफ्तारी के मामले में छापामार कार्यवाही नहीं हो रही है वेसे भी एक सीधी सी गणित अपराधी के बारे में यह मानी जाती है जो अपराध मामले दर्ज होने पर अगर पुलिस की तफ्तीश में मदद करे तो वोह हार्डकोर अपराधी नहीं होते....लेकिन अगर पुलिस या अनुसंधान एजेंसी से कोई भागता है तो यह माना जाता है के वोह अपराधी है और ऐसे अपराधियों को पकड़ने के लियें अगर कोई कार्यवाही नहीं की जाए तो फिर क्या माना जाना चाहिए ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

भाजपा कोटा दक्षिण के विधायक जनता का सुख दुःख बाँट रहे हैं ............

भाजपा कोटा दक्षिण के विधायक जनता का सुख दुःख बाँट रहे हैं ............जी हाँ दोस्तों एक राजनितिक पार्टी का विधायक जो दूसरी बार चुनाव जीता हो इसके पेहले भाजपा सरकार में राज्यमंत्री स्तर पर मुख्यमंत्री के खासम खास रहकर काम कर चूका हो वोह भी अगर सियासी मखोल बाज़ी के इस माहोल में अगर अपने क्षेत्र की जनता के साथ सुख दुःख का साथी हो तो फिर उसे आगे होने वाले चुनाव में भी शायद हराने वाला कोई पैदा नहीं हो सकेगा .यह वोह विधायक है जो कहने को तो युवा हैं लेकिन दो चुनाव में कोंग्रेस के दिग्गजों को पछाड़ कर चुनाव जीते हैं ....ओमजी बिरला साहब जो प्राइमरी स्कूल से ही सियासत के सिरमोर हैं पहले न्यू मिडिल स्कुल,फिर मल्टीपर्पस स्कुल फिर वाणिज्य महाविध्यालय ,फिर उपभोक्ता संग ,फिर सहकारिता ,फिर भाजपा युवा मोर्चा के शीर्ष पद पर रहे ओम जी बिरला का जुड़ाव आम जनता से किसी पार्टी के कार्यकर्ता या पदाधिकारी की तरह नहीं सिर्फ निजी जुड़ाव है ..समस्या समाधान में इनके सामने न जाती न धर्म न समुदाय न अपना पराया होता है यह तो बस जो भी पीड़ित इनके पास आये उसकी समय निराकरण के प्रयासों में जुट जाते हैं और इसीलिए आज यह जनता के बीच जनता के नेता के रूप में स्थापित हैं और जहां जहाँ भी समस्या होती है उसके समाधान के लिए जनता के हर दिल अज़ीज़ बने इस विधायक को आप तत्काल मोके पर प् सकते हैं ..ओम जी बिरला युवा तुर्क तेज़ तर्रार सेवाभावी नेता होने के साथ ही ब्लड बेंक,,गरीबों और अनाथों के लियें कपड़ा और चप्पल बेंक  चला रहे हैं जबकि प्रसादी के नाम पर भूखों को रोटी खिलने की इनकी अपनी व्यवस्था है ..बीमारों के लियें मुफ्त दवा ..दुखियों के लिए सेवा निर्धनों के लियें धन कुल मिलाकर ओम बिरला जी के पास एक व्यक्ति के पैदा होने से लेकर मरने के बाद तक की समस्याओं का समाधान है जी हाँ पैदा ह्होने से मरने तक का मतलब जब कोई पैदा होता है तो उसकी जिंदगी की समस्याओं का समाधान तो इनके पास है ही साथ ही मरने के बाद म्र्तक की आत्मा की शांति के लियें ओम जी बिरला और इनके परिवार के सदस्यों ने अपना कीमती वक्त और निजी धन लगाकर किशोरपुरा मुक्तिधाम में जो व्यवस्थाएं लागू की हैं उसको देख कर सभी लोग दांतों तले उंगलिया दबाते है तो दोस्तों ऐसे हर दिल अज़ीज़ समस्या समाधान के लियें खड़े रहने वाले चोबीस घंटे उपलब्ध विधायक ओम बिरला को मेरा सलाम ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

वाह कुदरत ....

वाह कुदरत 
तेरा भी 
अजब निजाम है 
कल का दिन था 
जब 
हम खुद 
जिंदगी से 
तंग आकर 
मरना चाहते थे 
तब तो 
तू हमे 
यूँ ही 
जिलाए जा रही थी 
लेकिन 
आज जब 
हम फिर से जीना चाहते हैं 
तो हमारे पीछे 
मोत को 
लगा डाला है 
वाह री..
कुदरत तेरा 
अजब निजाम 
जिंदगी मांगे तो मोत मिलती है 
मोत मांगे तो जिंदगी 
जीना पढ़ती है ...............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

शब्द शिखर की आकांक्षा से हैं कई उम्मीदें

शब्द शिखर की आकांक्षा से हैं कई उम्मीदें जी हाँ दोस्तों हिंदी ब्लॉग की लेखिका जो साधारण स्वभाव की तो हैं लेकिन इनकी तीखी लेखनी सभी ब्लोगर्स के दिलों की गहराइयों को छू रही है आज समाज को जिस जानकारी की आवश्यकता है ..बहन आकांक्षा उसी जानकारी को समेत कर हम तक पहुंचा रही हैं .वर्ष २००८ से लगातार टीप टॉप ब्लोगिंग में लगी बहन आकांक्षा का परिचय उनकी ही ज़ुबानी यहाँ हु बहु दिया जा रहा है .................
कॉलेज में प्रवक्ता के साथ-साथ साहित्य की तरफ रुझान.पहली कविता कादम्बिनी में प्रकाशित,तत्पश्चात-इण्डिया टुडे, नवनीत,साहित्य अमृत,आजकल, दैनिक जागरण,जनसत्ता,राष्ट्रीय सहारा, अमर उजाला,स्वतंत्र भारत,आज, राजस्थान पत्रिका,इण्डिया न्यूज,उत्तर प्रदेश,अक्षर पर्व,शुभ तारिका,गोलकोण्डा दर्पण,युगतेवर,हरिगंधा,हिमप्रस्थ, युद्धरत आम आदमी,अरावली उद्घोष,प्रगतिशील आकल्प,राष्ट्रधर्म,नारी अस्मिता,अहल्या, गृहलक्ष्मी,गृहशोभा,मेरी संगिनी,वुमेन ऑन टॉप,बाल भारती,बाल साहित्य समीक्षा,बाल वाटिका,बाल प्रहरी,देव पुत्र,अनुराग,वात्सल्य जगत, इत्यादि सहित शताधिक पत्र-पत्रिकाओं में कविता, लेख और लघुकथाओं का अनवरत प्रकाशन.अंतर्जाल पर रचनाओं का प्रकाशन.शब्द-शिखर,सप्तरंगी प्रेम, उत्सव के रंग और बाल-दुनिया ब्लॉग का सञ्चालन. दो दर्जन से अधिक प्रतिष्ठित संकलनों में रचनाएँ प्रकाशित.नारी विमर्श, बाल विमर्श और सामाजिक मुद्दों से सम्बंधित विषयों पर प्रमुखता से लेखन. "क्रांति-यज्ञ:1857-1947 की गाथा" में संपादन सहयोग. व्यक्तित्व-कृतित्व पर "बाल साहित्य समीक्षा(कानपुर)" द्वारा विशेषांक जारी. विभिन्न सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित. एक रचनाधर्मी के रूप में रचनाओं को जीवंतता के साथ सामाजिक संस्कार देने का प्रयास. बिना लाग-लपेट के सुलभ भाव-भंगिमा सहित जीवन के कठोर सत्य उभरें, यही मेरी लेखनी की शक्ति है !!जी हाँ बहन आकांक्षा की इस सादगी भरे अंदाज़ में दिए गए परिचय से तो आप सभी को प्रभावित होकर उन्हें मुब्र्क्बाद देने को मजबूर होना ही पढ़ेगा इनके ब्लॉग पर जाकर नशे से लेकर दुनियादारी की कई बहतरीन विचारधाराओं से आप परिचित होंगे ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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