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02 जुलाई 2011

लाडले के लिए खेली जान पर

लाडले के लिए खेली जान पर



ब्यावर (अजमेर)। फतेहपुरिया दोयम में शनिवार को अपने मासूम ब"ो को डूबने से बचाने के लिए एक महिला हौद में कूद पड़ी। समय रहते क्षेत्रवासियों ने दोनों को हौद से सुरक्षित बाहर निकाल लिया। उन्हें अचेतावास्था में अमृतकौर चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया है।
फतेहपुरिया निवासी कंचन क्षेत्र में शनिवार जलापूर्ति के दौरान घर में पानी भर रही थी। वह हौद को खोल कर पानी की मोटर चालू करने गई। इस बीच उसका चार वर्षीय पुत्र प्रकाश खेलते-खेलते हौद में जा गिरा। बेटे के गिरने की आवाज सुनते ही कंचन ने आव देखा न ताव और हौद में कूद पड़ी।
उसने डूबते हुए बेटे को गोद में कस कर थाम लिया। लेकिन संघर्ष के बाद भी वह हौद से निकल नहीं सकी। कंचन की चीखें सुन कर पड़ोसी दौड़ पड़े। कंचन ने जैसे-तैसे हौद में से अपने बेटे को उन्हें थमाया और बाहर निकाले जाने पर खुद भी अचेत हो गई

सड़क हादसे में एक ही परिवार के आठ जनों की मौत

सड़क हादसे में एक ही परिवार के आठ जनों की मौत


state news

फतेहपुर(सीकर)। सीकर-बीकानेर राजमार्ग पर हरसावा बड़ा के पास शनिवार को जयपुर से सरदारशहर जा रही रोडवेज बस की कार से टक्कर में कार सवार एक ही परिवार के आठ जनों की मौत हो गई। बस में सवार 11 यात्री भी गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे की वजह कार चालक द्वारा ओवरटेक करना बताया गया है।
चूरू जिले के रतननगर स्थित जासासर गांव निवासी दुर्जनसिंह के परिवार के लोग थोरासी में रिश्तेदार के यहां कार से रवाना हुए थे। हादसे में दुर्जनसिंह की पत्नी आशा कंवर, पांच वर्षीय बेटा कालूसिंह, सात वर्षीय बेटी सुनीता कंवर, किशोरसिंह का पुत्र सोनू, हवाकंवर, नरपतसिंह, संदीप व रतनादेसर निवासी देवीसिंह की मौके पर ही मौत हो गई।

छात्रों पर बरसीं लाठियां, पुलिस पर पथराव

छात्रों पर बरसीं लाठियां, पुलिस पर पथराव


home news

बीकानेर। सभी उत्तीर्ण छात्रों को कॉलेज में प्रवेश देने की मांग को लेकर जारी आंदोलन के तहत शनिवार को यहां राजकीय डूंगर कॉलेज में जमकर हंगामा हुआ। वार्ता के दौरान कुछ छात्रों ने प्राचार्य डॉ. जी.डी. शर्मा से दुर्व्यवहार किया व उनका कक्ष बंद कर दिया। इस पर पुलिस ने बल प्रयोग कर छात्रों को खदेड़ा। जवाब में छात्रों ने पुलिस पर पथराव किया। पुलिस चार छात्रों को पकड़ थाने ले गई। बाद में उन्हें छोड़ने पर मामला शांत हुआ।
थाने के आगे धरना
प्राचार्य से वार्ता विफल रहने पर आंदोलित छात्र डूंगर कॉलेज से रैली के रूप में जेएनवी थाने पहुंचे और धरना देकर बैठ गए। छात्रों ने प्राचार्य और जेएनवी थाने के एसएचओ को निलंबित करने की मांग की। बाद में अपर पुलिस अधीक्षक (शहर) सतीशचंद्र जांगिड़ से हुई वार्ता के बाद चारों छात्र नेताओं को रिहा कर दिया गया।
 प्रस्ताव भेजा है
सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय को भेज दिया है। छात्रों का आंदोलन जायज है पर इसमें मैं क्या करूं? मेरे साथ वार्ता के दौरान दुर्व्यवहार हुआ।
डॉ.जी.डी. शर्मा, प्राचार्य डूंगर कॉलेज

केरल का एक मंदिर उगल रहा सोना, तहखाने से मिला 75000 करोड़ का खजाना

 

केरल का एक मंदिर उगल रहा सोना, तहखाने से मिला 75000 करोड़ का खजाना

 

 
 
 
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तिरुअनंतपुरम. यहां श्री पद्मनाभ स्‍वामी मंदिर के तहखाने में मिले खजाने की रकम बढ़ती ही जा रही है। शनिवार को और सोने की मूर्तियां, सिक्‍के व दूसरी चीजें मिलने से मंदिर के एक तहखाने में मिले खजाने का मूल्‍य 75000 करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा पहुंच गया है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश में बनी समिति ने शनिवार को छठे दिन भी तहखाने की तलाशी जारी रखी। इसमें भगवना विष्‍णु की सोने की एक मूर्ति मिली। इस पर हीरे और रत्‍न भी जड़े हुए हैं। इस मूर्ति का मूल्‍य अभी नहीं आंका जा सका है। इसके अलावा 1-1 किलो वजन की शुद्ध सोने की कई आकृतियां ओर 18 फुट तक लंबे, 35 किलो वजनी गहने भी मिले। सिक्‍कों ओर कीमती पत्‍थरों से भरी बोरियां भी मिलीं। गैरआधिकारिक अनुमान के मुताबिक इस चैंबर ए से मिली संपत्ति का मूल्‍य 75000 करोड़ रुपये से भी अधिक पहुंच चुका है।
मंदिर में छह तहखाने हैं। इन्‍हें ए से एफ का नाम दिया गया है। शनिवार को चैंबर ए में मिले सामान का हिसाब-किताब निकालने का काम पूरा हो गया। बी और ई चैंबर को अभी खोला जाना बाकी है। चैंबर बी 1872 के बाद से नहीं खोला गया है। काम सोमवार को भी जारी रहेगा।
यह मंदिर भारत के सबसे धनवान मंदिर के रूप में सामने आ रहा है। इसलिए अब राज्‍य सरकार ने यहां सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया है।
कहा जाता है कि ट्रावनकोर राजाओं ने ब्रिटिश शासकों से बचाने के लिए विशाल खजाना इस मंदिर के तहखाने में छुपा कर रखा था। यह धन अकाल जैसी आपदा के समय खर्च करने के लिए था।

नेता तट पर रह गए, बाकी उतरे पार

नेता तट पर रह गए, बाकी उतरे पार

 
 
 
 
 
 
 
अजमेर. अनुदानित शिक्षकों व कार्मिकों को सरकारी सेवा में लेने की घोषणा के अनुरूप जिले के अधिकांश शिक्षक तो सरकारी नौकरी पा गए लेकिन इनके लिए आंदोलन के मुखिया बने शिक्षक नेताओं के लिए सरकारी नौकरी अभी दूर की कौड़ी बनी हुई है।

राजस्थान अनुदानित शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश समन्वयक विनोद कांकाणी और सरकारी सहायता प्राप्त शिक्षण संस्था शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश अध्यक्ष गोविंदराम साजनानी के कागजात में कमी के कारण इनका सरकारी स्कूल में पदस्थापन अटका हुआ है। कांकाणी के पद स्वीकृति के आदेश की प्रति ही जहां उपलब्ध नहीं है वहीं साजनानी को एलडीसी से यूडीसी के पद पर पदोन्नत हो जाने के बावजूद उसके अनुमोदन की पुष्टि करने का मामला बीकानेर भिजवाकर लटका दिया गया है।

राज्य सरकार ने पहले आदेश जारी किए थे कि किसी भी अनुदानित शिक्षक या कार्मिक के एक दस्तावेज की कमी हो तो भी उसे समायोजन से नहीं रोका जाए, प्रारंभिक शिक्षा सेटअप ने इस आदेश की पालना कर दी थी लेकिन माध्यमिक सेटअप में ऐसे कई मामले अटक गए हैं। शिक्षा अधिकारियों ने इन सभी मामलों की गेंद सरकार के पाले में डाल दी है। सरकार के लिखित आदेश मिलने पर ही कागजात में कमी रहने वाले अनुदानित शिक्षकों को सरकारी सेवा में लेते हुए सरकारी स्कूलों में पदस्थापन के आदेश जारी हो पाएंगे।

जिले में प्रारंभिक के 269 अनुदानित शिक्षकों को सरकारी स्कूलों में पदस्थापन कर दिया गया है। ऐसे शिक्षकों ने सरकारी स्कूलों में कार्यभार भी ग्रहण कर लिया है। वहीं माध्यमिक सेटअप में भी अनुदानित शिक्षकों ने कार्यभार ग्रहण करने का सिलसिला शुरू कर दिया है। इन सभी शिक्षकों को 8 जुलाई तक हर हाल में डच्यूटी जॉइन करना जरूरी है। सूत्रों के अनुसार पदस्थापन से वंचित अनुदानित शिक्षकों के प्रकरणों का निस्तारण करने के लिए 4 जुलाई को जयपुर शिक्षा संकुल में बैठक होगी। वहां सभी मामलों पर निर्णय लिया जाएगा।

आपकी राशि के लिए कैसा रहेगा जुलाई का महीना?


 

इस महीने में क्या नया होने वाला है आपके साथ? इस महीने के सितारों का आपकी राशि पर क्या असर पड़ेगा? जानिए चंद्र पद्धति के अनुसार अपना राशिफल..



मेष-व्यर्थ की बातों में ध्यान देने के स्थान पर अपने काम पर ध्यान लगाना ज्यादा अच्छा होगा। इस माह में आपकी जिम्मेदारियों में इजाफा होगा और कार्यों का बोझ भी बढ़ सकता है क्योकि समय अभी अनुकुल नहीं है। प्रेम संबन्धों में बिखराव आ सकता है। पिता से अनबन इन संबन्धों में कष्ट बढ़ा सकती है।



वृष-व्यस्तता के कारण प्रेम संबंधों के प्रभावित होने की संभावनाएं बन रही है। अल्पकालीन मित्रता बनकर समाप्त हो सकती है। अधिकारी व सहयोगियों के कारण योजनाएं समय पर पूरी हो जाएंगी। वरिष्ठजनों का अनुभव आर्थिक क्षेत्र की बाधाओं में कमी करेगा। अधिनस्थ फिर भी आपकी परेशानियों का कारण बन सकते है।



मिथुन-व्यावसायिक क्षेत्र में निर्णयों के कारण योजनाओं में विलम्ब की स्थिति आ सकती है। प्रेम संबन्धों के लिये विपरीत समय है। कार्यों की अधिकता के कारण प्रेम विषयों के लिये समय कम मिल सकता है। आपका जीवन साथी भी आपकी सफलता और खुशी में अपना योगदान देगा। आपका अनुभव, पुरुषार्थ तथा मनोबल सभी के सहयोग से माह के मध्य में लाभों में वृद्धि हो सकती है।



कर्क-इस समय में आपकी जिम्मेदारियां बढ़ेंगी और काम का बोझ भी बढ़ेगा। आपके सहकर्मी और वरिष्ठ आपकी प्रतिभा को पहचानेंगे। इस माह के अंत में पदोन्नती व सम्मान प्राप्ति के योग भी बने हुए है।



सिंह- माता के साथ आपके तनाव बढ़ सकते है। इस अवधि में संतान आपके सम्मान में कमी कर सकती है लेकिन यह स्थिति लम्बे समय के लिये नहीं होने के कारण आप इसे गंभीरता के साथ न लें।



कन्या- शुरू के समय में मित्रों के साथ समय व्यतीत कर सकते है। इसकी मध्य अवधि में प्रेम संबंधों में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी। आपकी व्यस्तता व्यवसायिक क्षेत्र में अधिक होने के कारण आप मित्र साथी के लिये समय कम निकाल पाएंगें।



तुला- आप अपने व्यवसायिक क्षेत्र की बाधाओं में कमी कर सकते है। इसके अलावा पदोन्नती व सम्मान प्राप्ति के योग भी बने हुए है। इस माह के अंत में आपको सावधान रहना चाहिए वाहनों से चोट लग सकती है। इस राशि वालों के लिए महीने की शुरुआत अच्छी रहेगी। रूका हुआ पैसा आने के योग बन रहे है।



वृश्चिक-आपमें आत्मविश्वास की स्थिति इस समय में सराहनीय बनी हुई है। फिर भी मन में उन्नति को लेकर किसी भी प्रकार की शंका को पनपने न दें। व्यापार और कार्यक्षेत्र में प्रतिकूल परिस्थिति तो बनेगी लेकिन धैर्य रखें महीने के अंत में आपको बड़ा फायदा होने के योग बन रहे हैं।



धनु-मित्रों के साथ आपके संबन्ध स्नेह पूर्ण रहेंगे। यह स्थिति आपके विचलित मन के  कारण उत्पन्न होगी। जो महीने के अन्त में जाकर सामान्य हो जायेगी। इस राशि वालों को भूमि वाहन और मकान संबंधित लाभ महीने के मध्य समय में होगा। धनु राशि वालों को जीवनसाथी के सहयोग से धन प्राप्ति के योग बनेंगे।



मकर-मकर राशि वालों का मानसिक दबाव कम होगा तथा स्वास्थ्य सुख में वृद्धि होगी। इस समय महीने में मकर राशि वालों को स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां आ सकती है। व्यापार में धन संबंधित जोखिम न लें। इस महीने के अंत में अपने पिता के स्वास्थ्य की कमी आपकी चिन्ताओं को बढ़ाएगी।



कुंभ- इस महीने के शुरुआती दिनों में निर्णयों में जल्दबाजी होने के कारण धन हानि के साथ-साथ आर्थिक स्थिति भी प्रभावित हो सकती है। महीने के मध्य में जीवनसाथी से सहयोग नही मिलने से उदास रहेंगे लेकिन महीने के अंत में ठीक हो जाएगा।



मीन- इस महीने व्यापार या कार्यक्षेत्र से संबंधित नई योजनाएं बनेंगी। विदेशी स्थानों की योजनाओं पर धन विनियोजन के लिए समय अभी अनुकूल नहीं है। इस संबन्ध में अधिक सूझ-बूझ की आवश्यकता रहेगी। इस महीने के अंत में स्वास्थ्य खराब होने के योग बन रहे हैं सावधान रहें मौसमी बीमारियां हो सकती है।

आपके लिए कैसा रहेगा ये महीना, क्या कहती है अंक विद्या

आपके लिए कैसा रहेगा ये महीना, क्या कहती है अंक विद्या

 

 
 
 
अंक ज्योतिष से जानें ये महीना आपके  लिए क्या लेकर आया है? आपके बिजनेस, कार्यक्षेत्र और परिवार के लिए कैसे रहेंगे इस महीने आपके सितरें? क्या होगा इस महीने में जानें, इस महीने के न्यूमरोलॉजी राशिफल से....



अंक- 1 इस अंक वाले इस महीने में वाहनादि का प्रयोग सावधानीपूर्वक करें। निर्माण कार्यों में व्यय का योग है। विवाह प्रस्ताव मिलेंगे। विद्यार्थी वर्ग को सफलता के लिए अधिक परिश्रम करना होगा। महीने के मध्य में कुछ परेशानियां जरूर आएगी लेकिन महीने के अंत में खत्म हो जाएगी। इस अंक वालों का स्वास्थ्य कुछ खराब रह सकता है। शुभ रंग- सुनहरा

अंक- 2 महीने की शुरुआत में इस अंक वालों का व्यापार-व्यवसाय उत्तम रहेगा। महीने का दुसरा सप्ताह इस अंक वालों के लिए शुभ रहेगा। विवाह प्रस्तावों की प्राप्ति होगी। व्यापार में धन लाभ के योग बनेंगे। यश, मान-सम्मान मिलेगा। जीवन साथी से सामंजस्य बना रहेगा। शुभ रंग- सफेद

अंक- 3 इस अंक वालों को धैर्य रखना जरूरी है इस महीने में कोई भी बड़े या महत्वपूर्ण कार्य सोच समझ कर करें। अपने कौशल से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। गुप्त रोग होने की संभावना है। व्यय की अधिकता रहेगी। जीवनसाथी से प्रेम और स्नेह बना रहेगा।  शुभ रंग- पीला

अंक- 4 इस महीने अंक चार वालों को संतान पक्ष से लाभ और शुभ समाचारों की प्राप्ति होगी। इस महीने के अंतिम सप्ताह में इस अंक वालों को धन लाभ के योग बनेंगे साथ ही इनकी आय भी उत्तम रहेगी। नौकरी में नए प्रस्तावों की प्राप्ति होगी। व्यापार-व्यवसाय उत्तम रहेगा। शुभ रंग- हरा

अंक- 5 यह महीना अंक पांच वालों के लिए सुख देने वाला रहेगा। इस महीने अंक पांच वालों को धन की प्राप्ति होगी। माता-पिता से सहयोग मिलेगा। आय उत्तम रहेगी। इस अंक वालों के कार्यों से अधिकारी प्रसन्न होंगे। शुभ समाचार मिलेंगे। इस महीने पदोन्नति के योग बन रहे हैं। शुभ रंग- पीला

अंक- 6 यह महीना अंक 6 वालों के लिए शुभ और अनुकूल परिणाम देने वाला रहेगा। इस अंक वालों के सभी कार्य सफल होंगे। सोचे हुए कार्य भी पूरे होने लगेंगे। भाग्य का सहयोग प्राप्त होगा। पूराने मित्रों और सहयोगियों से मुलाकात होने का योग बन रहा है। पराक्रम में वृद्धि होगी। शुभ रंग- भूरा रहेगा।

अंक- 7 अंक सात वालें इस महीने खुद पर नियंत्रण रखें। सुख-सुविधा में अधिक  खर्च होन के योग बन रहे हैं। नवीन वाहन, घर आदि खरीदने का मन बनेगा। महीने के तीसरे सप्ताह में वस्त्र लाभ होने के योग हैं। व्यापार में कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले किसी अनुभवी की सलाह अवश्य लें। निवेश समझदारी से करें। शुभ रंग: क्रीम।

अंक- 8 इस महीने अंक आठ वालों के प्रेम विवाह का प्रबल योग बन रहा है। इस अंक वालों को व्यापार-व्यवसाय उत्तम रहेगा। महीने के दुसरे सप्ताह से ही धन लाभ मिलने लगेगा। महीने के अंत में इस अंक वालों को शुभ समाचारों की प्राप्ति होगी। आय स्थिर रहेगी। शुभ रंग: हल्का नीला

अंक- 9 इस महीने में अंक आठ वालों का नए वाहन, मकान पर खर्च होगा। स्नायू संबंधी पीड़ा हो सकती है। इस अंक की महिलाओं को स्वास्थ्य में परेशानी हो सकती है। परिवार के सदस्यों का सम्मान करें। इस अंक वालों को पूरे महीने अपनी वाणी पर संयम रखना आवश्यक  है। शुभ रंग: सफेद।

रीना मालिक ब्लोगर बहन को उनके जन्म दिन पर बधाई

रीनाकारी अंग्रेजी शीर्षक की हिंदी ब्लोगर्स अंग्रेजी शीर्षक इसलियें के इनका एक और ब्लॉग जिसका शीर्षक स्मार्ट माली है और माई वेब पेज पर भी इन्होने वीडियों सजा कर रखे हैं ऐसी बहुमुखी प्रतिभा की धनि रीना मालिक का आज जन्म दिन है उन्हें हार्दिक बधाई   ...................जी हाँ रीना मालिक खुद जीने का एहसास हैं खुद जिंदगी हैं और खुद खुद की धड़कन हैं वोह कहती हैं शायद जीना इसी का नाम है ...रीना मालिक कमाल का लिख रही हैं  वोह कहती है के खुद से बढ़ा खुद से स्मार्ट नहीं है जो प्रतिभा हैं वोह खुद में छुपी है इसे तलाश करो प्रतिभा मिल जायेगी दूसरों में जो तलाशते हो वोह खुद में तलाश कर लो सम्पूर्ण हो जाओगे इसी लियें उन्होंने लिखा है ...मुझे बहुत दिनों से किसी अच्छे व्यक्ति की तलाश थी नहीं मिला लेकिन जब आयना देखा तो खुद को देख कर लगा के मेरी तलाश पूरी हो गयी है उनके अपने विचार खुदी को बुलंद करने वाले फार्मूले की तरह हैं और जिंदगी इसी का नाम हैं उनके ब्लॉग  reenaakaari........ smaart malik ......हैं लेकिन ब्लॉग की लिपि हिंदी मे हाँ ऐसी ब्लोगर बहन को उनके जन्म दिन पर बधाई हो ..उनकी एक अभिव्यक्ति उनके शब्दों में ही पेश है .....

चोटिल कर रहा है कोई !!!

मेरे  लोकतंत्र में क्या हो रहा है ...कोई किसी तरह तो कोई किसी तरह इसे चोटिल कर रहा है कोई  कितनी जोर से इस पर  चोट कर रहा है.., यह तय करना बेहद मुश्किल है ...,बाबा राम देव की अधूरी समझ का दोष कहे या सरकार की अपनी जान बचाने की कोशिश या जिन लोगो का करोड़ो का धन स्विज़ बैंक में विदेशो में है उनके कारण लोकतंत्र चोटिल हो रहा है या जो लोग वोट के अधिकार का सही  इस्तमाल नही करते या जो अधिकारी लोकसेवा के नाम पर अपने परिवार की सेवा करते हैं ...,किसे दोष दे ????





''हर एक दोषी दिखता मेरे देश के शहीदों की क़ुरबानी का मजाक उडाता लगता  है ,
मेरे वतन पे जो कल मिटे उनकी मज़ारों पर मेले लगाता लगता है ,
किस से कोई दुवा करू या कोई न्याय की फरीयाद करू अब तो न्याय पालिका के न्यायाधीश भी कुछ रुसवा लगते हैं ,
मेरे लोकतंत्र को कोन सम्भालेगा जब सम्भालने वाले ही सम्भल ना पा रहे  हो "


क्या फिर से कोई भगत सिंह ,देस गुरु ,सुख देव ,लाला लाजपत जैसे देश भगतो का अवतार जन्म हो पायेगा !!!
क्या फिर से देश भगती के गीतों का राग गुनगुनाएगा !!!
क्या फिर से कोई मेरी भारत माता को भ्रष्टाचार की बेड़ियों से आजाद करा पायेगा !!!
इस बार कुछ अलग है पहले विदेशी थे दुश्मन आज देशी ही लगे है  देश को लुटने में मेरे अपने ही लगे हैं ...   अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

भारत में निजता के अधिकार के खिलाफ प्रस्तावित कानून

   भारत में निजता के अधिकार के खिलाफ इसका  उलंग्घन करने वालों को दंडित करने के लियें एक प्रस्तावित कानून है जो पेश है ................

The new Right to Privacy Bill 2011 – a blind man’s view of the Elephunt. June 8, 2011

Posted by Prashant in Privacy law, Uncategorized.
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Over the past few days various newspapers have reported the imminent introduction in Parliament, during the upcoming Monsoon session, of a Right to Privacy Bill. Since the text of this bill has not yet been made accessible to the public, this post attempts to grope its way – through guesswork  – towards a picture of what the Bill might look like from a combined reading of all the newspaper accounts. I am relying entirely on the following 3 newspaper accounts in the Times of India, the Hindu and the Deccan Chronicle A Constitutional/Fundamental Right?
The Times of India piece which broke the story seems to have misunderstood/misquoted Law Minister Veerappa Moily. The article is titled “Right to privacy may become fundamental right” which connotes a constitutional amendment. However this is inconsistent with the later portions of the same article as well as subsequent newspaper accounts in DC and the Hindu. So its safe to assume that this will not be a fundamental right to privacy, but a statutory right to privacy – like what the Right to Information Act grants us .
Preamble
I’m extrapolating here from the Hindu article:

“To provide for such a right [of privacy] to citizens of India AND to regulate collection, maintenance, use and dissemination of their personal information”.
So it’s an omnibus Privacy and Data Protection Law that’s being passed. How nice.  This addresses some of the misgivings that we had last year against the “Approach Paper on Privacy” released by the Department of Personnel and Training.
Definition of ‘Right to Privacy’
The Hindu article appears to quote directly from the Bill.

Every individual shall have a right to his privacy — confidentiality of communication made to, or, by him — including his personal correspondence, telephone conversations, telegraph messages, postal, electronic mail and other modes of communication; confidentiality of his private or his family life; protection of his honour and good name; protection from search, detention or exposure of lawful communication between and among individuals; privacy from surveillance; confidentiality of his banking and financial transactions, medical and legal information and protection of data relating to individual.
This is a wonderfully expansive definition of the right to privacy which spans diverse areas including privacy of communications, reputational privacy, bodily/physical privacy, confidentiality, privacy of records and data protection. I’m especially pleased that this section does not limit this right to privacy only to claims against the state (as in the Right to Information Act).
The Deccan Chronicle article contains a slightly different definition of ‘right to privacy’ under the Bill. Here the right to privacy includes “confidentiality of communication, family life, bank and health records, protection of honour and good name and protection from use of photographs, fingerprints, DNA samples and other samples taken at police stations and other places”
This wording is slightly more granular, but less broad. I’m wondering if it is a part of the same section, or a different one entirely.
Interception
What is most interesting is the attempt made in this Bill at harmonization of interception rules across all modes of “communication”. (Currently there are different rules/procedures that followed depending on the mode of communication used – Indian Post Act, Telegraph Act, IT Act.)
Here are some of the sweeping changes sought to be introduced:
  • The bill prohibits interception of communications except in certain cases with approval of Secretary-level officer – not below the rank of home secretary at the Central level and home secretaries in state governments
  • Mandatory destruction of intercepted material by the service provider within two months of discontinuance of interception.
  • Constitution of a Central Communication Interception Review Committee (CCIRC) to examine and review all interception orders passed (under all Acts?).
  • CCIRC empowered to order destruction of material intercepted under the Telgraph Act.
  • “unauthorised interception” (by whom?) punishable with a maximum of five years’ imprisonment, or a fine of Rs 1 lakh, or both, for each such interception. This makes it a cognizable, non-bailable offense.
  • Disclosure of legally intercepted communication by “government officials, employees of service providers and other persons” will be punishable with imprisonment up to three years. (It is unclear whether this will be a cognizable offence or not)
Data Protection
The Bill adds muscle to the newly introduced Data Protection Rules under the IT Act, by creating an overarching statutory regime for Data Protection.
Thus, the bill forbids “any person having a place of business in India but has data using equipment located in India” from collecting or processing, using or disclosing “any data relating to individual to any person without consent of such individual”. I assume that there will be exceptions to this section. The wording of this section seems to preclude its application to the government (unless you can interpret the ‘government’ to mean ‘a person having a place of business in India’. I have no views on the likelihood of that argument.
The bill evidently authorizes the establishment of an oversight body called “Data Protection Authority of India” that will investigate complaints about alleged violations of data protection. The following appear to be the functions of this body
  • to monitor development in data processing and computer technology;
  • to examine law and to evaluate its effect on data protection
  • to give recommendations and to receive representations from members of the public on any matter generally affecting data protection.
  • to investigate any data security breach and issue orders to safeguard the security interests of affected individuals whose personal data  has or is likely to have been compromised by such breach.
Video Surveillance
The bill includes a very interesting prohibition on “closed circuit television or other electronic or by any other mode”, except in certain cases as per the specified procedure.
No further details are provided about the exceptions or the procedure and one expects the devil to be in the details.
Bodily Privacy
The bill prohibits “surveillance by following a person”.
This innocuously worded provision has the potential to effect sweeping changes in the criminal administration of this country (if it is even applicable to the state police machinery) . Currently, Police Acts in the various states contain no provisions that enable a person to challenge the surveillance imposed on them. This new section could provide a powerful new shield to the victims of police harassment.
Impersonation and Financial Fraud
In a section apparently dealing with identity theft, the Bill criminalises inter alia “posing as another person when apprehended for a crime” and “using another’s identity to obtain credit, goods and services”.
I think the first (at least) is unnecessary since it is already covered by the crime of Impersonation under the IPC.
Residual
A curious provision appears to be a fine imposed on “any persons who obtain any record of information concerning an individual from any officer of the government or agency under false pretext”. Such a person shall be punishable with a fine of up to Rs. 5 lakh.(unclear whether there is a term of imprisonment in addition)
It will be interesting to see how this section conflicts with the Right to Information under which no ‘pretext’ need be given to the public authority.
I also think it is ill-conceived to penalise the person obtaining the record of information – the government body in custody of the information should be made more responsible in scrutinizing the ‘pretext’ before handing over such information.
Tailpiece
That’s all I can make out from the three articles referenced. Looks like it’s going to be a really interesting bill. I’m optimistic about it for the sincere attempt it appears to make to grapple with the protean nature of Privacy concerns we encounter. Veerappa Moily has claimed that this bill will be introduced in the monsoon session in July but has also cautioned that “it’s difficult to commit the timeframe”. I think we should make haste slowly with this Bill and hope that the Law Ministry will have the wisdom to solicit public comment before introducing it in Parliament.
I’d greatly appreciate someone sending me a copy of the bill if you have access to it.

डॉक्टरों की हड़ताल कलंक

डॉक्टरों की हड़ताल कलंक


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जयपुर। वेतन सम्बंधी मांगों को लेकर प्रदेश में डॉक्टरों की हड़ताल को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अनुचित बताया है। उनका कहना है कि हड़ताल करना और मरीज नहीं देखना डॉक्टरी पेशे पर कलंक है। शिक्षा विभाग के राज्यस्तरीय नामांकन अभियान का शुभारम्भ करने बढ़वाली ढाणी पहुंचे मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि किसी व्यक्ति को जिंदा रखना या मारना, ईश्वर के हाथ है लेकिन यदि डॉक्टरों के नहीं देखने से कोई मर जाए या मरीज का इलाज नहीं हो तो इससे बड़ा क्या कलंक होगा।



 डॉक्टरों को अपना धर्म और कर्तव्य निभाने की नसीहत देते हुए गहलोत बोले कि यदि उनकी नाराजगी राज्य सरकार से है तो कोई दिक्कत नहीं है। कम से कम मरीज को देखने में कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। डॉक्टरों को समझना चाहिए कि उनकी हड़ताल से जनता को तकलीफ होती है। जब जनता के स्वास्थ्य का मामला हो तो मानवीय दृष्टिकोण से काम करना चाहिए। हड़ताल में कहीं और उनके परिवार का कोई सदस्य भी बीमार हो सकता है, उसे भी तकलीफ हो सकती है।
 काली पट्टी बांधें, सरकार समझ जाएगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि हड़ताल करने के बजाय काली पट्टी बांध कर काम करना शुरू कर दें, सरकार इसे गंभीरता से लेगी और उनकी समस्याओं का निस्तारण होगा। राज्य में अच्छी परम्परा रही है। चिकित्सकों की पहले की मांग मानी गई है।
 उनकी मांगों पर विचार के लिए तीन मंत्रियों की समिति बनाई गई है, वह देख रही है कि अन्य क्या सुविधाएं देनी है, हमारे यहां क्या कमी है? कुछ राज्यों में हम आगे हैं, कुछ में पीछे। ये तमाम बातें देखनी पड़ती हैं। इनका समाधान निकाला जाएगा। मालूम हो, प्रदेश में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकारी डॉक्टर गुरूवार को सामूहिक अवकाश पर रहे थे।
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