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03 जुलाई 2011

हमेशां खुश रहना हो तो

जिंदगी में 
हमेशां खुश रहना हो तो 
दोस्तों मेरे पास 
एक फार्मूला है 
क्या अमल करोगे ..
कभी किसी तीसरे व्यक्ति के बारे में 
ना तो सोचो , न कुछ बोलो 
कभी यह न सोचो 
के तीसरा व्यक्ति 
आपके बारे में 
क्या सोचता है , क्या बोलता है 
तो बस 
दुनिया की 
ढेर सारी खुशियाँ आपके लियें 
इन्तिज़ार कर रही हैं .
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पीपल पूर्णिमा की महिमा

पीपल पूर्णिमा की महिमा
वै शाख शुक्ल पूर्णिमा को पीपल पूनम, बुद्धपूर्णिमा भी कहा जाता है, इस साल यह 17 मई मंगलवार को मनाई जाएगी। यह गौतम बुद्ध की जयंती भी है और उनका निर्वाण दिवस भी।

इसी दिन भगवान बुद्ध को बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी। हिंदू धर्मावलंबियों के लिए बुद्ध विष्णु के नौवें अवतार हैं। अत: हिंदूओं के लिए भी यह दिन पवित्र माना जाता है। इसी कारण बिहार स्थित बोधगया नामक स्थान हिंदू व बौद्ध धर्मावलंबियों के पवित्र तीर्थ स्थान हैं।

इसी दिन को पीपल पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है। पीपल को संस्कृत में अश्वत्थ कहा जाता है। पुराणों में पीपल (अश्वत्थ) का बड़ा महžव बताया गया है।

मूले विष्णु: स्थितो नित्यं स्कन्धे केशव एव च।
नारायणस्तु शारवासु पत्रेषु भगवान् हरि:।।
फलेùच्युतो न संदेह: सर्वदेवै: समन्वित:।।
स एव विष्णुदु्रम एव मूर्तौ महात्मभि: सेवित: पुण्यमूल:।
यस्याश्रय: पापसहस्त्रहंता भवेन्नृणां कामदुधो गुणाढ्य:।।

अर्थात् पीपल की जड़ में विष्णु, तने में केशव, शाखाओं में नारायण पत्तों में भगवान हरि और फल में सब देवताओं से युक्त अच्युत सदा निवास करते हैं। यह वृक्ष मूर्तिमान् श्री विष्णु स्वरूप है। महात्मा पुरूष इस वृक्ष के पुण्यमय मूल की सेवा करते हैं। इसका गुणों से युक्त और कामनादायक आश्रय मनुष्यों के हजारों पापों का नाश करने वाला है।

गीता में भगवान श्री कृष्ण स्वयं कहते हैं-
"अश्वत्थ: सर्ववृक्षाणाम्" अर्थात् मैं सब वृक्षों में पीपल का वृक्ष हूं। इस कथन से अपने स्वरूप को पीपल के वृक्ष के समान कहा है।
"पk पुराण" के अनुसार पीपल को प्रणाम करने और उसकी परिक्रमा करने से आयु लंबी होती है। जो व्यक्ति पीपल को पानी देता है वह सभी पापों से छूटकर स्वर्ग प्राप्त करता है। पीपल में पितरों का वास कहा गया है। महिलाएं, पुत्र, सौभाग्य, आयु के लिए पीपल की पूजा, अर्चना परिक्रमा करती हैं। कामना पूर्ति के लिए पीपल के तने पर सूत (मौली) बंधन किया जाता है। पीपल की जड़ में शनिवार को जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है।

शनि की जब जिसकी साढ़े साती दशा होती है तो वे पीपल के वृक्ष का पूजन और परिक्रमा करते हैं। भगवान कृष्ण के अनुसार शनि की छाया इस वृक्ष पर रहती है। इसकी छाया यज्ञ, हवन, पूजापाठ, पुराण, कथा, आदि के लिए श्रेष्ठ मानी गई है। पीपल के पत्तों से शुभ कार्य में वंदनवार भी बनाई जाती है।

धार्मिक श्रद्धालु इसे मंदिर परिसर में अवश्य लगाते हैं। सूर्योदय से पूर्व पीपल पर दरिद्रता का अधिकार होता है और सूर्योदय के बाद लक्ष्मी का अधिकार होता है। इसलिए सूर्योदय से पूर्व इसकी पूजा करने का निषेध किया गया है। इस वृक्ष का काटना इसको नष्ट करना ब्रह्महत्या के पाप के समान कहा गया है। वैज्ञानिक दृष्टि से पीपल अधिक ऑक्सीजन देने वाला एक अनोखा वृक्ष है। औषधीय गुण होने के कारण रोगनाशक भी है।

कहते हैं कि चाणक्य के समय में सर्प विष के खतरे को निष्प्रभावित करने के उद्देश्य से जगह - जगह पर पीपल के पत्ते रखे जाते थे। पानी को शुद्ध करने के लिए जलपात्रों में अथवा जलाशयों में ताजे पीपल के पत्ते डालने की प्रथा अति प्राचीन है। कुएं के समीप पीपल का उगना आज भी शुभ माना जाता है।

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से
यदि किसी कन्या की कुंडली में विधवा योग (वैधव्य योग) हो तो पीपल वृक्ष या घट (कुम्भ) इनमें से एक के साथ शुभ ग्रह स्थिति में शुभलग्न में विवाह करा कर दीर्घायुष्मान् वर के साथ विवाह कराने से वैधव्य योग समाप्त हो जाता। यदि कन्या के ग्रह वर (लड़के) से अधिक बली हो तो वर की आयुष्य की हानि का भय होता है, तथा अच्युत, अनंत, आयुष्मान, शाश्वत नित्य सर्वोपरि भगवान विष्णु या पीपल के साथ विवाह कराने के बाद दुर्बल ग्रह प्राप्त वर के साथ विवाह कराया जाता है।

अनिष्ट फुलकारिका शक्ति का भगवान विष्णु में अंतर्भाव हो जाने से कन्या सौभाग्यशाली ही रहती है। पीपल का इच्छापूर्ति धनागमन संतान प्राप्ति हेतु तांत्रिक यंत्र के रूप में भी प्रयोग होता है। सहस्त्रवार चक्र जाग्रत करने हेतु भी पीपल का महत्व अक्षुण्ण है।

रंग-बिरंगी तितलियां

रंग-बिरंगी तितलियां
दुनिया का सबसे खूबसूरत जीव है तितली। वैज्ञानिकों के अनुसार इसकी हजारों प्रजातियां हैं। हर प्रजाति की अपनी एक विशेष्ाता है। भारत में ही इनकी कोई डेढ़ हजार प्रजातियां पाई जाती हैं।

विश्व की सबसे बड़ी तितली है न्यू जिनीया की क्वीन अलेक्सेंड्रा बर्ड विंग! इसके पंखों का फैलाव 3 से 8 इंच तथा वजन 28 ग्राम तक होता है। तितलियों का अपना एक इलाका होता है। यदि कोई तितली उनके इलाके में जाती है तो यह उसे खदेड़ देती हैं।तितलियां सदियों से चित्रकारों तथा कलाकारों को आकçष्ाüत करती रही हैं। यही कारण है कि कपड़ों, आभूष्ाणों, कलाकृतियों आदि की सुन्दरता बढ़ाने के लिए इन्हें उकेरा जाता है।तितलियों की समस्त प्रजातियों में सबसे दुर्लभ व कीमती तितली है सोलोमन आइलैंड, यह पक्षी के पंखों जैसी तितली है।

अफ्रीका में पाई जाने वाली वेस्टर्न पिग्मी ब्लू तितली दुनिया की सबसे छोटी तितली है जिसके पंखों का फैलाव अधिकतम आधे इंच तक ही हो सकता है।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि दुनिया का सबसे बड़ा तितली फार्म स्टैट फोर्ड अपॉन एवन है जिसमें 582 वर्गमीटर के उड़ान क्षेत्र में दो हजार से अधिक तितलियां रखी जाती हैं।
तितलियां लंबी उड़ाने भी भरती हैं। ये सूर्य के जरिए दिशाबोध प्राप्त करती हैं।
तितलियां पराग संचलन के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसके लिए प्रकृति ने उसे एंटीना प्रदान किया है जिससे वह गंध का पता लगाती हैं। पुष्प पराग के अलावा वे सोडियम, खनिज लवण, सड़े हुए फल, मरे हुए जानवर, कीचड़ आदि की ओर भी आकçष्ाüत होती हैं।
तितलियां स्वयं भले ही रंग-बिरंगी और खूबसूरत हों लेकिन रंग पहचानने की क्षमता कुछ ही प्रजाति की तितलियों में पाई जाती है। वैसे इनकी दृष्टि काफी तेज होती हैं।
बहुत से लोग मानते हैं कि तितलियों की आयु महज एक दिन ही होती है, लेकिन उनकी यह सोच सही नहीं है। वे एक साल तक भी जीवित रह सकती हैं। यह वहां के वृक्षों और पौधों पर निर्भर करता है।
तितलियों को लेकर तरह-तरह की मान्यताएं भी हैं। जापान में मान्यता है कि यदि तितली किसी के ड्रॉइंग रूम में बांस की वस्तु पर आकर बैठ जाए तो किसी प्रियजन का आगमन होता है। चीनी सभ्यता में तोइसे प्रेम का प्रतीक माना जाता था। प्राचीन यूनानी लोग तोइसे आत्मा का प्रतीक मानते थे। भारत के कुछ आदिवासी समाजों में तो तितलियों को उनका पूर्वज माना जाता है। कहीं-कहीं तो तितलियों को पुनर्जन्म का प्रतीक भी माना जाता है।

एक माह के लिए मुस्लिम बनने का ऑफर

एक माह के लिए मुस्लिम बनने का ऑफर
 

इस्तांबुल। धर्म किसी के लिए भी जीवनभर की आस्था होती है, लेकिन क्या आप किसी धर्म को एक महीने के लिए अपनाने के बारे में सोच सकते हैं। इस्तांबुल में सामाजिक संगठन ब्लड फाउंडेशन ने इसकी शुरूआत की है। यहां आने वालों के लिए संगठन द्वारा "बी मुस्लिम फॉर ए मंथ" यानि एक महीने के लिए मुसलमान बनें कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

इस कार्यक्रम के तहत लोगों को धर्म की मौलिक बातें बताई जाती हैं। जैसे नमाज में शामिल होना, उपवास रखना, मुस्लिम विद्वानों का व्याख्यान सुनना और स्थानीय तुर्की परिवारों के साथ समय बिताना। ज्यादातर लोग यहां इस्लाम धर्म का परिचय हासिल करने आते हैं, लेकिन कुछ ऎसे भी हैं जो तुर्की की सूफी संस्कृति को गहराई से समझने के लिए आते हैं।

आयोजकों ने बताया कि सूफी फॉर ए मंथ यानि एक महीने के लिए सूफी नाम की योजना जल्दी ही शुरू होने वाली है। इसके साथ ही सिख फॉर ए वीक यानि एक हफ्ते के लिए सिख नामक योजना पर काम चल रहा है

पैगम्बर के कार्टून पर पीएम का हस्तक्षेप

पैगम्बर के कार्टून पर पीएम का हस्तक्षेप
 

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में सीबीएसई की किताब में हजरत पैगम्बर के कार्टून छापने और इस पर आपत्तिजनक टिप्पणी से भड़के विरोध को देखते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल को इस मामले पर तुरंत ही हस्तक्षेप करने के लिए कहा है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन ने सिब्बल को पत्र लिखकर सूचित किया है कि प्रधानमंत्री इस मामले पर तुरंत ही हस्तक्षेप चाहते हैं। इस मामले पर तुरंत ही कोई कार्रवाई की जाए। प्रधानमंत्री ने कुछ मुस्लिम धर्मगुरूओं से विचार विमर्श के बाद यह आदेश दिया।

गौरतलब है कि सीबीएसई की कक्षा 4 की नैतिक शिक्षा की किताब में "बीइंग गॉड एंड जेंटल" नाम का चैप्टर है जिसमें मोहम्मद साहब का कार्टून बनाया गया है और टिप्पणी की गई है कि पैगम्बर इस्लाम के रूढिवादी और हिंसा समर्थक दूत हैं, वे हमेशा किसी भी प्रकार की मूर्तिपूजा के विरोधी रहे हैं।

इस मामले पर पिछले 10 दिन से उत्तर प्रदेश मे मस्लिम समुदाय के लोगों में काफी रोष है। लोग लगातार मानव संसाधन मंत्रालय के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध के राष्ट्रीय स्तर पर फैलने की आशंका से चिंतित जमीयत ए इस्लाम ए हिंद के उलेमा मोहम्मद मदनी ने इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री व राष्ट्रीय सुरंक्षा सलाहकार से मुलाकात की।

गौरतलब है कि 2008 में डेनमार्क के एक अखबर रमें पैगम्बर का कार्टून छापने पर वैश्विक स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुआ था।

रिटायर्ड जज के बेटे से मिले 8 लाख के जाली नोट


 

जयपुर। जयपुर में रिटायर्ड जज के बेटे से 8 लाख 91 हजार रूपए के जाली नोट बरामद किए गए हैं। सदर थाना पुलिस ने यह कार्रवाई की है। पुलिस ने आरोपी सुनील सिंह को गिरफ्तार
करने के बाद रविवार को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जहां से उसे छह जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। सुनील सिंह विधानसभा में वरिष्ठ विधि रचनाकार हैं। उसके पिता जसवंत सिंह सेवानिवृत्त जज हैं। सिंह विधानसभा में वर्ष 1999-2000 में सचिव भी रहे हैं।

सदर थानाधिकारी मनोज गुप्ता ने बताया कि सुनील सिंह को शनिवार देर रात गिरफ्तार किया गया था। सुनील सिंह पर विजय नाम के एक शख्स के चार लाख रूपए बकाया थे। सुनील सिंह ने विजय को चार लाख रूपए का चैक दिया था। सुरेश जब यह चैक भुनाने गया था तो चैक बाउंस हो गया। विजय ने सुनील सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया। इस मामले को लेकर शनिवार को सुनील सिंह की कोर्ट में पेशी थी।

पेशी के दौरान सुनील सिंह ने विजय के सामने राजीनामे का प्रस्ताव रखा। विजय राजीनामे पर तैयार हो गया। राजीनामे के तहत सुनील सिंह को विजय को 10 लाख रूपए देने थे। सुनील सिंह ने 9 लाख रूपए कैश दिए और एक लाख रूपए का चैक दिया। जब विजय ने नोटों की जांच की तो नोट नकली निकले। उसने तुरंत सदर थाना पुलिस को मामले की जानकारी दी। एसीपी (पश्चिम)बजरंग सिंह ने बताया कि 1000 रूपए की नौ गडि्डयों में भुगतान किए गए नोट एक ही सीरीज के और स्केन किए हुए हैं। पुलिस नकली नोट का कारोबार करने वाले गिरोह का पता लगाने का प्रयास करेगी।

इसलिए बेडरूम में कभी अंधेरा करके ना सोएं

इसलिए बेडरूम में कभी अंधेरा करके ना सोएं

 

 
 
हर व्यक्ति चाहता है कि उसे गहरी नींद आए। कहते हैं जिन लोगों को गहरी नींद आती है। उनका शरीर सेहतमंद और दिमाग तंदुरूस्त रहता है। बेडरूम घर की वह जगह होती है जहां कोई भी व्यक्ति सबसे अधिक समय व्यतीत करता है। मान्यता है कि गहरी नींद के लिए बेडरूम का वास्तु सही हो यह तो जरूरी है ही।

साथ ही यह भी जरूरी है कि बेडरूम में नाइट लैंप के बल्ब के रंग का भी उचित चुनाव किया जाए। माना जाता है कि उग्र रंग जैसे नीले या लाल का चुनाव करने पर झगड़े अधिक होते हैं व गुस्सा भी बढ़ता है। लेकिन कुछ लोगों की आदत होती है कि वे बेडरूम में पूरी तरह अंधेरा करके सोते है। जबकि बेडरूम में अंधेरा करके सोना शुभ नहीं माना जाता है।

इसका मुख्य कारण तो यह है कि अंधेरे में सोने से नींद अधिक गहरी नहीं आती है। साथ ही कई बार इसी कारण बुरे सपने भी दिखाई देते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि बेडरूम में अंधेरा करके सोने से नकारात्मक विचार आते हैं। इसका कारण यही है कि कमरे में प्रकाश ना होने के कारण नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ता है। जिसके कारण नकारात्मक विचार आते हैं। इसीलिए रात को बेडरूम में पूरी तरह अंधेरा करके नहीं सोना चाहिए।

एक ही दिन में 148 मामले निपटाने वाला जज बर्खास्त

एक ही दिन में 148 मामले निपटाने वाला जज बर्खास्त

 

 
 
 
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चंडीगढ़. पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पिछले साल एक दिन में 148 मामले निपटाने वाले जज को बर्खास्त कर दिया। उन पर भ्रष्टाचार के मामले में एक अधिकारी का पक्ष लेने का आरोप है।

उधर, जज का कहना है कि उन्हें फंसाया गया है। कैथल में पदस्थ एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एवं सेशन जज अश्विनी कुमार शौरी को 19 मई को फुल कोर्ट मीटिंग में बर्खास्त किया गया। फैसला शनिवार को सार्वजनिक हुआ। उन्हें 2007 के भ्रष्टाचार के मामले में कैथल के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर राजेंद्र कटारिया का पक्ष लेने और तत्कालीन एडिशनल डिप्टी कमिश्नर संजीव वर्मा पर दबाव डालने के आरोप में बर्खास्त किया गया। वर्मा इस मामले में शिकायतकर्ता भी हैं।

दूसरी ओर शौरी ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा, ‘मैं कटारिया को निजी तौर पर जानता ही नहीं हूं। फिर मैं किसी मामले में उनका पक्ष क्यों लूंगा। वो मुझे गलत तरह से फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। दरअसल वर्मा सर्व शिक्षा अभियान से जुड़ा ठेका अपने किसी दोस्त की कंपनी को दिलवाना चाहते थे। इस पूरे मामले में उनका स्वार्थ जुड़ा है।’

वर्मा की शिकायत के अनुसार, उन्होंने सर्व शिक्षा अभियान में 10 लाख रुपए की वित्तीय अनियमितताओं का मामला उजागर किया था। इस घोटाले में कटारिया भी शामिल थे। यह मामला शौरी की कोर्ट में 2007 में पहुंचा।
वर्तमान में पंचकूला जिले में एडिशनल डिप्टी कमिश्नर के तौर पर पदस्थ वर्मा ने कहा, ‘जब मैंने इस मामले का खुलासा किया तो कटारिया मुझसे नाराज हो गए। शौरी ने मुझे अपने रिटायरिंग रूम में बुलाया और मामला वापस लेने का दबाव बनाया।’

उधर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के प्रशासक के तौर पर पदस्थ कटारिया ने कहा, ‘मैं जब कैथल में पदस्थ था, तब वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के चार-पांच मामले मेरे सामने आए थे। वो ये सब खुद को बचाने के लिए कर रहे हैं।’

आसाराम बापू का सोनिया पर फिर वार- मैडमवादियों के कारण बढ़ी महंगाई और भ्रष्टाचार

 

आसाराम बापू का सोनिया पर फिर वार- मैडमवादियों के कारण बढ़ी महंगाई और भ्रष्टाचार

 

 
 
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भोपाल।संत आसाराम बापू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर एक बार फिर निशाना साधा है। भोपाल में उन्होंने उनका नाम लिए बिना कहा कि मैडम की अंगुली में अगर हल्की चोट लग जाती तो मैडमवादी देश सिर पर उठा लेते और दूसरी तरफ दिल्ली के रामलीला मैदान में सैकड़ों महिलाओं और बच्चों को लाठियों से घायल करने के बाद वे चुप हैं। उन्होंने कहा कि देश में महंगाई और भ्रष्टाचार का मुख्य कारण मैडमवादी ही है। गुरु पूर्णिमा महोत्सव में भाग लेने रविवार को यहां आए बापू ने यह टिप्पणी दैनिक भास्कर से चर्चा करते हुए की।
नहीं कहा कि मैडम को देश छोड़ देना चाहिए उज्जैन में सोनिया गांधी के बारे में की गई टिप्पणी के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि उनकी बात को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। मैंने यह नहीं कहा था कि मैडम को देश छोड़ देना चाहिए। मैंने तो बाबा रामदेव के आंदोलन के दौरान हुई पुलिस की कार्रवाई की निंदा की थी। आसाराम बापू ने कहा कि मैं तो सांपों से भी दोस्ती रखता हूं, इसलिए मैं मैडम को भारत छोड़ने की बात नहीं कहूंगा।
बाबा रामदेव के समर्थकों ने मुझे बताया था कि मैडमवादियों के इशारे पर ही दिल्ली के रामलीला मैदान में महिलाओं और बच्चों पर लाठियां बरसाईं गईं। कई महिलाएं आज भी आईसीयू में हैं। उन्होंने कहा कि गांधीजी ने अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन चलाया था। अब मैडमवादियों के खिलाफ इस तरह के आंदोलन की जरूरत है, क्योंकि देश में अंग्रेज और अंग्रेजी कंपनियां व्यवस्था चौपट कर रही हैं।

स्खलन के कारण फिर रुकी अमरनाथ यात्रा

स्खलन के कारण फिर रुकी अमरनाथ यात्रा

 

 
 
 
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जम्मू भारी बारिश तथा भूस्खलन के कारण रविवार को बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए बालटाल तथा पहलगाम से यात्रियों को रवाना नहीं किया गया। वहीं हाइवे पर जमा हो गए बेहिसाब यात्रियों को देखते हुए रविवार को भी जम्मू से आधिकारिक जत्था रवाना नहीं किया गया। सोमवार को भी जत्था नहीं जाएगा। रविवार को हाइवे पर जम्मू से लेकर झज्जर कोटली तक दिन भर अभूतपूर्व जाम लगा रहा। विभिन्न स्थानों पर करीब 60 हजार यात्री फंसे हुए हैं। इसी बीच यात्रा पर आए लुधियाना के श्रद्धालु ए प्रसाद और औरंगाबाद के रघुनाथ की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है। यात्रा के दौरान इस साल अब तक 8 श्रद्धालु दम तोड़ चुके हैं। पवित्र गुफा के अब तक करीब 80 हजार यात्री दर्शन कर चुके हैं।

हजारों यात्री अटके : मार्ग अवरुद्ध होने से गैर पंजीकृत करीब 2 हजार यात्री वाहन पठानकोट, जम्मू और श्रीनगर हाईवे पर फंस गए हैं। जबकि 60 हजार श्रद्धालु बालटाल, शेषनाग, पंचतरणी और नुनवान बेस कैंप सहित विभिन्न जगहों पर फंस गए हैं।

यात्रियों से ज्यादा वसूली : ट्रेवल एजेंसी संचालक और हेलिकाप्टर से यात्रा करने वाले यात्रियों से स्थानीय स्तर पर अधिक किराया वसूलने से यात्रियों को परेशानी हो रही है। यात्रियों का आरोप है कि दस से 45 प्रतिशत अधिक किराया वसूला जा रहा है। हेलिकाप्टर यात्रा करने वालों के लिए श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड प्रतिदिन 180 टिकट जारी कर रही है।


बिना पंजीकरण यात्रा न करें : बोर्ड

श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के कार्यकारी अधिकारी आरके गोयल ने स्पष्ट तौर पर कहा कि बिना पंजीकरण के किसी भी यात्री को जाने नहीं दिया जाएगा। गोयल ने यात्रियों को पंजीकरण की तारीख पर ही यात्रा करने का सुझाव दिया है। उन्होंने यात्रा के दौरान यात्रियों से दिशा-निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया है। जम्मू में विभिन्न जगहों पर करीब 30 हजार यात्री फंसे हुए हैं।


यात्रा जारी रखने पर उहापोह

श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड का कहना है कि बालटाल व पहलगाम से यात्रा को जारी करने बारे निर्णय 4 जुलाई को मौसम के हालात देखते हुए लिया जाएगा। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार अगले 24 घंटों में बालटाल, पहलगाम रूट पर भारी बारिश और ऊंचे पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होने का अनुमान है।

बस आईजी साहब की है, जो करना है कर लो

बस आईजी साहब की है, जो करना है कर लो

 

 
 
 
 
जम्मू फर्जी परमिट तथा अन्य दस्तावेजों के आधार पर इंटर स्टेट बसें जम्मू में धड़ल्ले से चल रही हैं। एक ऐसी ही बस पर जब आरटीओ ने हाथ डाला तो बस ड्राइवर आईजी पुलिस का रौब दिखा कर बस को भगा ले गया।

आरटीओ ने इस बारे में अपने आला अधिकारियों को शिकायत कर दी है। लेकिन अब बस मालिक अदालत से इस बात का स्टे ले आया है कि बस को जब्त न किया जाए।

पिछले दिनों आरटीओ ने कालू चक्क में कटड़ा-जम्मू-अमृतसर रूट पर चल रही नागालैंड नंबर की बस को रोका गया। बस के परमिट की अवधि भी पूरी हो चुकी थी। यही नहीं, परमिट जारी हुआ था किसी अन्य बस को और उस पर गाड़ी चल रही थी दूसरे नंबर की। इस पर ड्राइवर ने आरटीओ को धौंस दिखाते हुए कहा ‘यह बस आईजी साहब की है। आप ने जो करना है कर लो’ इतना कह कर ड्राइवर चालान काटे जाने के बावजूद बस को वहां से भगाकर निकल गया।

इसके बाद आरटीओ ने पूरी जानकारी देते हुए ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को पत्र लिखा। बस को जब्त करने के लिए कमिश्नर ने आईजी ट्रैफिक को लिखा। आई जी ट्रैफिक ने एसपी ट्रैफिक को लिखा। चार महीनों के बाद भी आरटीओ की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह मामला है फरवरी महीने का।

चार महीनों से वही ड्राइवर बस को उसी रूट पर रोजाना धड़ल्ले से दौड़ा रहा है। आईजी साहब की बस होने के कारण इसे पकड़ने में सब ने बस कर दी है। कारण बस मालिक ने बस जब्त न करने का निर्देश अदालत से ले लिया।

क्या था मामला

9 फरवरी को आरटीओ जम्मू ने एआरटीओ सांबा के साथ शाम साढ़े पांच बजे कालू चक्क में नाके पर कटड़ा-जम्मू-अमृतसर पर नागालैंड में पंजीकृत बस नंबर एनएल02बी-1777 रोकी। ड्राइवर को गाड़ी के दस्तावेज दिखाने को कहा तो उसने धौंस जमाते हुए कहा कि बस आईजी साहब की है, जो करना हो कर लो। आरटीओ ने ड्राइवर को सवारियों के लिए दूसरी बस का प्रबंध कर, पैसे वापिस लौटाने को कहा। इसके लिए सवारियां भी सहमत थी। ड्राइवर के खिलाफ सवारियों के गुस्से को देखते हुए ड्राइवर गाड़ी के दस्तावेज ले आया। ड्राइवर के व्यवहार को देखते हुए आरटीओ ने गाड़ी जब्त करने के एसएसपी जम्मू को फोन पुलिस दल मंगवाया।इसके बाद मौके पर पहुंचे एसएचओ गंग्याल को गाड़ी जब्त करने को कहा। उसके बाद एसएचओ को एक फोन आया और एसएचओ मंत्री की मूवमेंट की बात कहते हुए वहां से निकल गए।

इसी बीच ड्राइवर ने सवारियों को आरटीओ के खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया। इसी बीच एक व्यक्ति मौके पर आया और आरटीओ को 900-1000 रुपए लेकर मामले को रफा दफा करने की बात कहने लगा। आरटीओ ने डाइवर को बस गंग्याल थाने ले जाने कहा,लेकिन ड्राइवर बस को थाने ले जाने की बजाय वहां से फरार हो गया।

आरटीओ ने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को लिखा पत्र

मामले की जानकारी देते हुए आरटीओ ने 10 फरवरी को ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को पत्र लिखा।इसके साथ ही इसकी जानकारी मंडलायुक्त जम्मू को भी दी।

11 फरवरी को कमिश्नर ने बस तथा ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आईजी जम्मू तथा आईजी ट्रैफिक को पत्र लिखा।

17 फरवरी को मंडलायुक्त जम्मू ने आईजी ट्रैफिक को पत्र लिख कर उचित कार्रवाई करने को कहा।

25 फरवरी को आईजी ट्रैफिक ने एसपी ट्रैफिक जम्मू को बस नंबर एनएल02बी-1777 को जब्त करने के निर्देश देते हुए तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट देने को कहा।

इन निर्देशों के बावजूद भी गाड़ी जब्त नहीं हुई और आज भी धड़ल्ले से चल रही है।


पूरी तरह से फर्जीवाड़ा

बस नंबर एनएल02बी-1777 जिस परमिट पर चल रही है,वह भी फर्जी है। नागालैंड आरटीओ कार्यालय से जानकारी लेने पर पता चला कि एनएल02बी-1777 को यह परमिट जारी नहीं किया गया है।दरअसल 7 नवंबर से 6 दिसंबर तक का एक महीने का टेंपरेरी परमिट एनएल02डी-1777 बस को जारी किया गया था।इस परमिट की भी अवधि भी पूरी हो चुकी है।

यही नहीं बस नंबर एनएल02बी-1777 का जो रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट भी फर्जी दिखता है। असलियत में यह बस 35 सीटर है जबकि टोकन सर्टिफिकेट में इसे 55 सीटर दर्शाया गया है। इसमें भी 45 सीटें और दस स्लीपर है।

क्यों की गई कार्रवाई : मंडलायुक्त जम्मू ने 24 दिसंबर 2010 को संबंधित अधिकारियों की बैठक ली थी।इसमें राज्य में अवैध रूप से चल रही इंटर स्टेट बसों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया था।इन बसों के खिलाफ कार्रवाई करते समय पुलिस की पूरी सहायता मिलने की भी बात कही गई थी।

इस बारे में जब ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों से बात करनी चाही तो रविवार शाम को आईजी ट्रैफिक हेमंत कुमार तथा एसपी ट्रैफिक जाहिद मन्हास दोनों के फोन स्विच ऑफ थे।


बस मालिक ने बस को जब्त न किए जाने के निर्देश अदालत से ले लिए हैं।

विरेंदर सलाथिया आरटीओ-जम्मू

बंदर-बंदरिया की शादी में होगी चार हजार लोगों की पंगत

बंदर-बंदरिया की शादी में होगी चार हजार लोगों की पंगत

 

 
 
 
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तलवास (बूंदी)/कोटा.चिंकी और राजू के विवाह समारोह के प्रीतिभोज में चार हजार लोग पंगत में बैठकर भोजन करेंगे। चिंकी तलवास में रहने निरंजन पंचौली की बंदरिया का नाम है और राजू बनेठा गांव में रहने वाले रमेश चंद्र चौहान के बंदर का नाम है। राजस्थान के इन दो गांवों में इस अनूठी शादी की तैयारियां चल रही है।

तीन साल की चिंकी बंदरिया की 6 जुलाई को हिंदू रीति-रिवाज से शादी होने जा रही है। शनिवार को सैकड़ों ग्रामीणों, महिलाओं की मौजूदगी में चिंकी के तेल जुवारे (विनायक स्थापना) की रस्म अदा की गई। इस अनूठे आयोजन के लिए समूचे हाड़ौती संभाग में तलवास वासियों की ओर से 500 से अधिक निमंत्रण-पत्र बांटे जा चुके हैं। चिंकी के कन्यादान और फेरों की रस्म तलवास के उपसरपंच सत्यनारायण सैनी दंपती पूरी करेंगे।

करीब 300 आएंगे बाराती

बंदर पालने वाले चौहान टोंक जिले के गांव बनेठा से करीब 300 बारातियों के साथ 6 जुलाई को तलवास (बूंदी) आएंगे। सबका पूरी रीतिरिवाज से स्वागत किया जाएगा।

चीन में भी हुई थी शादी

पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए चीन के झियांक प्रांत के एक चिड़िया घर में पूरे रीति रिवाज से बंदर और बंदरिया की शाही शादी कुछ साल पहले आयोजित की गई थी। उस समय दूल्हे वुकांग की उम्र-7 साल जबकि दुल्हन झिआओ की उम्र-6 साल की थी।

पहरावणी का कार्यक्रम भी होगा

चिंकी के विवाह से पहले 6 जुलाई की शाम मंडल एवं पहरावणी यानी कपड़े पहनाने का कार्यक्रम होगा। शाम 6 बजे से प्रीतिभोज शुरू होगा। इसमें करीब चार हजार लोग पंगत में बैठकर खाना खाएंगे।

सोने पर 1%, अफीम पर 13% लेकिन डीजल पर 23 फीसदी टैक्स

सोने पर 1%, अफीम पर 13% लेकिन डीजल पर 23 फीसदी टैक्स

 

 
 
 

 
 
भोपाल. लक्जरी माने जाने वाले स्वर्ण आभूषण पर प्रदेश में केवल एक प्रतिशत टैक्स है, लेकिन डीजल पर हम 23 प्रतिशत टैक्स देते हैं। यही नहीं, तीन साल पहले तक जिस अफीम पर 46 प्रतिशत टैक्स था, वह घटते, हुए इस वित्त वर्ष में 13 फीसदी पर आ गया है।

करारोपण की इस पद्धति से राज्य सरकार की नीयत और नीति पर संदेह होता है। विलासिता की अन्य वस्तुओं पर भी राज्य में 5 या 13 प्रतिशत टैक्स है, जबकि पेट्रोलियम पदार्थो पर 13 से लेकर 28.75 प्रतिशत टैक्स है।

राज्य सरकार द्वारा लगाए जाने वाले वैट और एंट्री टैक्स की दरों का अध्ययन करें तो मालूम पड़ता है कि पेट्रोल पर सबसे ज्यादा 28.75 प्रतिशत टैक्स लगता है। 20 साल पहले तक विलासिता या अमीरों के उपयोग की वस्तु माना जाने वाला पेट्रोल अब आम आदमी की जरूरत बन गया है। इसी तरह किसानों और परिवहन के साधनों में इस्तेमाल होने वाले डीजल पर भी 23 प्रतिशत टैक्स है।

आर्थिक विशेषज्ञ भी मानते हैं कि डीजल महंगा होने से रोजमर्रा की महंगाई अधिक बढ़ती है, क्योंकि माल की ढुलाई में इसी का उपयोग होता है।

अफीम पर टैक्स में लगातार कमी

राज्य सरकार पेट्रोलियम पदार्थो पर टैक्स में कमी नहीं करने पर अड़ी हुई है लेकिन अफीम पर टैक्स में लगातार कमी की जा रही है। 31 दिसंबर 2008 तक अफीम पर 46 फीसदी टैक्स था।

1 जनवरी 2009 से यह 23 प्रतिशत हो गया। अगले साल 27 जनवरी 2010 से इसे 12.5 प्रतिशत कर दिया गया। 1 अप्रैल 2010 से इसमें आधा फीसदी की वृद्धि कर इसे 13 प्रतिशत कर दिया गया।

एलपीजी पर एंट्री टैक्स गलत : कर सलाहकार सीए राजेश जैन बताते हैं कि 2006 में वैट लागू होने पर केंद्र सरकार ने एलपीजी पर वैट की सीमा तय कर दी। उस समय एलपीजी पर कुल मिलाकर 13 प्रतिशत टैक्स था।

राज्य सरकार ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए उस पर एंट्री टैक्स 1एक फीसदी से बढ़ाकर 9 फीसदी कर दिया था। इतना ही नहीं एलपीजी छोड़कर किसी भी आइटम पर एक या दो फीसदी से अधिक एंट्री टैक्स नहीं है। एलपीजी पर 6.75 फीसदी एंट्री टैक्स सहित 13 प्रतिशत टैक्स है।


किस आइटम पर कितना टैक्स

स्वर्ण आभूषण 1
डायमंड 2
एलसीडी 5
कार 14
एसी 15
ड्राय फ्रूट्स 5
खाद्य तेल 6
बल्ब- 13
सीडी प्लेयर 14
कोल्ड ड्रिंक 14

सर्वदलीय बैठक खत्म : PM को लोकपाल दायरे में लाने पर सहमति नहीं

सर्वदलीय बैठक खत्म : PM को लोकपाल दायरे में लाने पर सहमति नहीं

 
 
 
नई दिल्‍ली. लोकपाल पर चल रही सर्वदलीय बैठक खत्म हो गई है। प्रधानमंत्री को इसके दायरे में लाने पर कोई आम सहमति नहीं बन पाई है। बीजेपी ने मांग की है कि सरकार एक ड्रॉफ्ट बनाकर स्टैंडिंग कमेटी के सामने पेश करे। जबकि टीडीपी ने कहा है कि प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में होना चाहिए।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में शामिल करने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। इस संबंध में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि सरकार मजबूत लोकपाल लाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने कहा कि भ्रष्‍टाचार के खिलाफ कड़े कानून बनाए जाने की जरूरत है, पर सिर्फ कड़े कानून ही काफी नहीं होंगे। लोकपाल को कानून और दूसरी संस्‍थाओं से तालमेल बनाना भी जरूरी होगा।  उन्‍होंने कहा कि लोकपाल को संवैधानिक ढांचे के भीतर काम करना होगा।
प्रधानमंत्री ने लोकपाल बिल पर आज सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक में यह बात कही। सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री और न्‍यायपालिका को बिल के दायरे में लाए जाने का मुद्दा ही मुख्‍य है। इस मुद्दे पर तमाम सियासी पार्टियों की राय बंटी हुई है।
सत्‍ताधारी कांग्रेस और सरकार का कहना है कि प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाना ठीक नहीं होगा। उनके पद से हटने के बाद उन्‍हें दायरे में लाया जा सकता है। पर लोकपाल के लिए मुहिम छेड़ने वाले अन्‍ना हजारे इसके खिलाफ हैं। उनका कहना है क‍ि प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में रखना चाहिए।

क्या बात है

क्या बात है

 
 
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शनिवार को कबाड़ बेचने से मिलता है दरिद्रता से छुटकारा क्योंकि...

शनिवार को कबाड़ बेचने से मिलता है दरिद्रता से छुटकारा क्योंकि...


 

शनिवार के दिन से जुड़ी अनेक मान्यताएं है। ऐसी ही एक मान्यता है शनिवार के दिन कबाड़ बेचने की। लेकिन ये बहुत ही कम लोग जानते हैं कि शनिवार के दिन कबाड़ बेचना शुभ क्यों माना जाता है? दरअसल ज्योतिष के अनुसार कबाड़ में शनि का निवास होता है। घर पर शनि की कृपा हो यह तो बहुत अच्छा माना गया है। लेकिन घर में शनि का निवास नहीं होना चाहिए।

शनिवार के दिन घर का कबाड़ बेचने से दरिद्रता दूर होती है और रोग भी दूर होते हैं। ज्योतिष में शनि को कबाड़ और पुरानी वस्तुओं का कारक ग्रह माना गया है। जिन लोगों की कुंडली में शनि अशुभ फल देने वाला होता है या जिस राशि के लोगों पर साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रभाव होता है। उन्हें

शनिवार के दिन कबाड़ बेचना चाहिए। ऐसा करने से उनके घर में कभी चोरी की घटना नहीं होती है। साथ ही इस दिन कबाड़ बेचने से घर में क्लेश नहीं होता और एक्सीडेंट्स भी नहीं होते हैं। इसीलिए शनिवार को घर का कबाड़ बेचना शुभ माना गया है।

क्या आप जानते हैं सप्ताह में सात दिन ही क्यों?

क्या आप जानते हैं सप्ताह में सात दिन ही क्यों?

 

 
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हिन्दू कैलेंडर व इंग्लिश कैलेंडर दोनों के अनुसार सप्ताह में सात दिन होते हैं। इंग्लिश कैलेंडर के अनुसार रविवार सप्ताह का आखिरी दिन होता है व हिन्दू कैलेंडर के अनुसार पहला। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि हिन्दू धर्म शास्त्रों व ज्योतिष के अनुसार सप्ताह में सात दिन ही क्यों होते हैं। दरअसल ज्योतिष में ग्रहों की संख्या नौ मानी गई है। जो इस प्रकार हैं शनि, बृहस्पति, मंगल, शुक्र, बुध, चंद्र, सूर्य, राहू और केतु।



इनमें से राहू और केतु को छाया ग्रह माना गया है। इसलिए इनका प्रभाव हमारे जीवन पर छाया के समान ही पड़ता है। इसलिए उस समयज्योतिषाचार्यों ने ग्रहों के आधार पर सप्ताह में सात दिन निर्धारित किए। लेकिन उसके बाद समस्या यह थी कि किस ग्रह का दिन कौन सा माना जाए तो ज्योतिषियों ने होरा के उदित होने के अनुसार दिनों को बांटा।



एक दिन में 24 होरा होती है। हर होरा एक घंटे की होती है। दिन उदित होने के साथ जिस ग्रह की पहली होरा होती है। वह दिन उसी ग्रह का माना जाता है। सोमवार के दिन की शुरूआत चंद्र की होरा के साथ होता है।



इसीलिए उसे सोमवार नाम दिया गया। मंगलवार के दिन पहली होरा मंगल की होती है इसीलिए उसे मंगलवार कहते है। इसी तरह बुध, गुरू, शुक्र, शनि, रवि, की शुरू आत इन्ही ग्रहों के अनुसार होती है इस तरह सात ग्रहों की होरा उदित होने के कारण उस दिन को उस ग्रह का प्रधान मानकर उसका नाम दिया गया। इसीलिए सप्ताह में सात दिन होते हैं।

इन तस्वीरों को देख पेट थामने पर मजबूर हो जाएंगे आप

इन तस्वीरों को देख पेट थामने पर मजबूर हो जाएंगे आप

 

 
 
 
 
 

कहते हैं एक तस्वीर हजार शब्दों को बयां करने के लिए काफी होती हैं। फिर वो तस्वीरें चाहें किसी भी एंगल की क्यों न हो। अभी हाल ही में slightlywarped.com पर दुनिया भर में अपने सैनिक अड्डों के लिए विख्यात अमेरिकी सेना की कुछ ऐसी मजेदार तस्वीरें प्रकाशित हुई हैं जिन्हें देखकर कोई भी पेट पकड़कर जमीन पर बैठने को मजबूर हो जाएगा।

इनमें ब्लैक ह्यूमर अर्थात सैनिकों को घर से दूर रहकर किस तरह से संघर्ष करना पड़ता है और इस बीच वे अपने आपको एंटरटेनमेंट करने के लिए कुछ मजेदार पल की तलाश भी कर लेते हैं। देखिए कुछ शानदार..मजेदार..लाजवाब तस्वीरें और जमकर हंसिए...
 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

गाय में दिखी लड़की तो सेक्स किया, मजबूरन शादी भी!

danik bhaskarगाय में दिखी लड़की तो सेक्स किया, मजबूरन शादी भी!

जकार्ता. इंडोनेशिया में एक युवक ने कहा है कि एक गाय उसे इतनी हॉट लगी की वो उसके साथ सेक्स करे बिना नहीं रह सका।

'द जकार्ता ग्लोब' की खबर के अनुसार 18 वर्षीय गुस्ती न्गुराह अलित को पिछले रविवार एक गाय के साथ सेक्स करते हुए उसके पड़ोसी ने पकड़ा था।

अलित ने अपनी सफाई में कहा कि उसे गाय में लड़की दिखी और वो उसका दीवाना हो गया। गाय उसे इतनी हॉट लगी कि वो उसके साथ सेक्स करने बिना नहीं रह सका। अलित कहता है कि गाय ने मेरा नाम पुकारा और मुझे पागल कर दिया।

गांव को शुद्ध करने के लिए अलित की शुक्रवार को गाय के साथ शादी कराई गई। अलित को नहलाया गया और गाय को समुद्र में डुबा दिया गया।

शादी के दौरान अलित काफी तनाव में आ गया था और इस बात कि पुष्टि नहीं की जा सकी कि गाय को समुद्र में डुबाकर मारने से पहले दोनों की शादी पूरी हुई या नहीं।

अलित को एक पारंपरिक सजा के रूप में दो हजार पुराने सिक्के देने पड़े जबकि गांव के मुखिया ने गाय के एवज में उसके मालिक को 5 लाख रूपिया दिया।

ऐसा अजीब पुल पहले नहीं देखा होगा आपने

ऐसा अजीब पुल पहले नहीं देखा होगा आपने


 
 
 
 
 

दुनिया में कुछ चीजें अजीब होती हैं, जिन्हें देखकर हमें हैरानी होती है। ऐसे ही एक अजीब पुल की तस्वीरे देखिए....
 

 

 

 

 

1043 किलो वजनी कार को दाढ़ी से खींचा

1043 किलो वजनी कार को दाढ़ी से खींचा


 
 
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कपिल ने दाढ़ी से कार खींचकर गिनीज बुक और लिम्का बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड के लिए किया दावा पेश
जोधपुर.जोधपुर के कपिल गहलोत ने अपनी दाढ़ी की ताकत दिखाकर शहरवासियों को आश्चर्य में डाल दिया। उसने रविवार सुबह 1043 किलो वजनी हुंडई एसेंट कार को खींचकर गिनीज बुक और लिम्का बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड के लिए दावा पेश किया। गौशाला मैदान स्थित महामंदिर क्षेत्र निवासी कपिल गहलोत ने स्केट्स पहनकर अपनी दाढ़ी से कार को 7 मिनट 28 सेकंड में 68.96 मीटर (226.3 फीट) दूर तक खींचा।
राजस्थान एडवेंचर स्पोट्र्स एंड कल्चरल वेलफेयर सोसायटी के सचिव अजीत सिंह राठौड़ ने बताया कि कपिल इससे पहले 740 किलो की आल्टो कार को अपनी दाढ़ी से 61.69 मीटर खींचने का विश्व रिकॉर्ड बना चुके है। उसी रिकॉर्ड को स्वयं तोड़ते हुए कपिल ने 1043 किलो वजन की गाड़ी खींची और नए विश्व रिकॉर्ड के लिए दावा प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकारी जोधपुर के ज्यूडिशियल मेम्बर डॉ. केबी सुरेश, महापौर रामेश्वर दाधीच, उप जिला शिक्षा अधिकारी जयनारायण गहलोत, साई के निदेशक राजेंद्र सिंह राठौड़ और क्रीड़ा संगम की सुपरवाइजर जयश्री एवं स्पोट्र्स के सेक्रेट्री हरीराम चौधरी भी मौजूद थे।
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