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04 जुलाई 2011

तलाश सुकून की ......

सुकून 
ढूंढते फिरते हैं 
हम बहारों में ..
नज़रों में ..
इसकी तलाश में 
जा पहुंचते हैं 
चाँद और तारों में 
मगर यह 
इन चीजों में 
कहीं नहीं मिलेगा 
अगर मिलेगा सुकून तुम्हे 
तो तलाशो इसे 
गीता के श्लोकों और कुरान के तीस पारों में .....
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

महिलाकर्मी बच्चा गोद लेगी तो 180 दिन का अवकाश

महिलाकर्मी बच्चा गोद लेगी तो 180 दिन का अवकाश


state news

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकारी महिला कर्मचारी के एक वर्ष से कम उम्र का बच्चा गोद लेने पर 180 दिन का मातृत्व अवकाश प्रदान करने की घोषणा की है। उन्होंने इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
अब तक ऎसा प्रावधान नहीं था। वित्त विभाग की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने गम्भीरतापूर्वक विचार कर यह माना कि एक वर्ष से कम उम्र के बच्चे का पालन-पोषण करने में महिला को उसी तरह की देखभाल करनी होती है जैसे बच्चे को जन्म देने वाली मां करती है।

सीने से चिपकाकर लगा ली आग

सीने से चिपकाकर लगा ली आग


jaipur news

जयपुर। राजधानी के रेलवे स्टेशन के समीप स्थित बड़ोदिया बस्ती में सोमवार रात एक महिला ने अपने एक बेटे व बेटी के साथ केरोसीन छिड़ककर आग लगा ली। जिससे तीनों की मौत हो गई। सदर थाना क्षेत्र में हुए इस सनसनीखेज घटनाक्रम में आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। पुलिस ने तीनों के शव को एसएमएस अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया है, जहां मंगलवार को उनका पोस्टमार्टम किया जाएगा।
पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हरिचरण गुर्जर हवा सड़क स्थित मोबाइल कंपनी में काम करता है और पंचायती धर्मशाला के पास स्थित बड़ोदिया बस्ती में प्लॉट नंबर-94 में पत्नी शीला, बेटे युवराज और बेटी अभिलाष्ाा के साथ रहता था। बताया जाता है कि शाम करीब साढ़े सात बजे मकान से धुआं उठता देख पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी।
 इसके बाद पुलिस व पड़ोसी हरिचरण के मकान में घुसे। कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर देखा तो शीला, युवराज और अभिलाष्ाा के जले हुए शव फर्श पर पड़े थे। पुलिस ने तीनों शव को कब्जे में लेकर उन्हें एसएमएस अस्पताल पहुंचाया। इधर जानकारी मिलने पर हरिचरण समेत परिवार के अन्य लोग मौके पर पहुंचे।
मरने के बाद भी चिपका रहा
पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब वे दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे तो युवराज का शरीर अपने मां के शरीर से चिपका हुआ था। संभवत: आग लगने के बाद शरीर जलने से वह घबराकर अपनी मां के सीने से चिपट गया था। जिसके चलते मौत के बाद भी वह अपनी मां से चिपका रहा।
पहले बना लिया था मन : बताया जाता है कि युवराज कॉलोनी में एक शिक्षक के यहां ट्यूशन पढ़ने जाता था। शाम करीब पांच बजे दूध लेकर घर लौटी शीला ने बेटी अभिलाष्ाा को भेजकर युवराज को ट्यूशन से जल्दी बुला लिया था। माना जा रहा है कि शीला ने बच्चों के साथ खुद को आग लगाने का मन बना लिया था।
भतीजा व भाई रहते थे साथ : पुलिस ने बताया कि बांदीकुई के पास स्थित विजयपुरा गांव के रहने वाले हरिचरण के मां-बाप गांव में रहते थे। हरिचरण के यहां पत्नी व बच्चों के अलावा उसका एक भतीजा विक्रम और शीला का भाई भी रहते हैं। घटना के वक्त ये दोनों भी बाहर थे।
परिवार में तीसरा हादसा : पड़ोसियों ने बताया कि करीब बीस साल पहले हरिचरण के बड़े भाई शिवचरण की पत्नी ने भी आत्महत्या की थी। इसके बाद शिवचरण की दूसरी पत्नी की भी मौत किसी जहरीले जानवर के काटने से हुई बताई जाती है

चूहे कुतर रहे 'प्रिंसिपल' की देह

चूहे कुतर रहे 'प्रिंसिपल' की देह


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जयपुर। जीवन के करीब 54 साल चिकित्सकीय सेवा में गुजारने वाले सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. रामेश्वर शर्मा ने करीब साढ़े चार साल पहले देहदान कर मिसाल कायम की थी लेकिन उनका यह जज्बा उनके ही कॉलेज के कर्ता-धर्ताओं की लापरवाही की भेंट चढ़ गया। बी.सी रॉय अवार्ड से सम्मानित शर्मा की देह एसएमएस मेडिकल कॉलेज में चूहे कुतर रहे हैं।
 4 जनवरी 2007 को डॉ. शर्मा की मृत्यु हुई थी। अंतिम इच्छा के मुताबिक उनकी देह एसएमएस मेडिकल कॉलेज को दान कर दी गई लेकिन तब से आज तक यह देह यहां के शवगृह में बिना देखरेख ऎसे ही पड़ी है। एनाटोमी के विभागाध्यक्ष भी इससे अनजान हैं कि साढ़े चार साल से स्ट्रेचर पर पड़ी यह देह आखिर है किसकी? उनके हिसाब से डॉ.शर्मा की देह महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज भेज दी गई थी।
उधर, विभाग की एक अन्य प्रोफेसर डॉ. संगीता चौहान के अनुसार देह शर्मा की है, जिसे सरफेस मार्किग के हिसाब से सूखने के लिए रखा गया है।
क्या है सरफेस मार्किग? : एनाटोमी विभाग के प्रो. डॉ. धीरज बताते हैं कि सरफेस मार्किग के लिए मृत्यु के बाद देह सुखाई जाती है। इसका ममीफिकेशन होता है जिससे शरीर के आंतरिक भाग का सरफेस से पता लगाया जा सकता है। देह सूखने के बाद उसे केमिकली पेंट कर दिया जाता है ताकि खराब ना हो। आम तौर पर सूखे मौसम में देह को सूखने में दो से तीन महीने लगते हैं।
सिर्फ 25 बॉडी : एसएमएस कॉलेज प्रशासन अक्सर शोध व अध्ययन के लिए देह की कमी का रोना रोता है, लेकिन इस मामले में लापरवाही से सवाल उठता है कि जब प्रिंसिपल की देह का यह हाल है तो अन्य लोग कैसे आगे आएंगे? अभी कॉलेज में 25 देह हैं और इस साल तो मात्र दो देह आई हैं। अंदाजा लगा सकते हैं कि देह का कितना टोटा है। शिक्षकों के हिसाब से सालाना करीब 20 देह की जरूरत होती है। अघिक मृत देह आने पर अन्य कॉलेजों में भिजवाई जाती है।
मुझे अभी ज्वॉइन किए दो साल ही हुए हैं। जहां तक मुझे पता है डॉ. शर्मा की बॉडी महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज भेज दी गई थी।
डॉ. जी. सी. अग्रवाल, विभागाध्यक्ष एनाटॉमी , एसएमएस मेडिकल कॉलेज
किस काम आएगी!
सर्दी का मौसम होने के कारण परिजनों ने डॉ. शर्मा की देह को जिस कम्बल में सहेजकर दिया था, वह आज भी उसी में लिपटी हुई है। देह को बचाने के नाम पर उस पर सिर्फ रसायन का लेप किया हुआ है। इतने सालों में चूहों ने देह को इस तरह कुतर दिया कि उसकी तरफ देख पाना भी मुश्किल लगता है। ऎसे में सवाल उठता है कि यह छात्रों के पढ़ाई के क्या काम आएगी? 
पापा की थी इच्छा
पापा जब प्रिंसिपल थे, तब स्टूडेंट्स यह समस्या लेकर आते थे कि एनाटोमी विभाग में बॉडीज की कमी रहती है। यही वजह है कि उन्होंने अपनी बॉडी कॉलेज को डोनेट करने की इच्छा जताई। वे कहते थे कि मैं जो कुछ हूं, इसी कॉलेज की वजह से हूं इसलिए कॉलेज के लिए कुछ करके जाना मेरा सौभाग्य होगा।
डॉ. प्रदीप शर्मा, पुत्र स्व. डॉ. रामेश्वर शर्मा

शिक्षा जगत शर्मसार: स्कूल में शिक्षिका की घिनौनी हरकत


शिक्षा जगत शर्मसार: स्कूल में शिक्षिका की घिनौनी हरकत

 

 
 
 
 
मजहर पठान, अहमदाबाद। अहमदाबाद के शाहपुर में स्थित एक स्कूल में एक शिक्षिका द्वारा दूसरी कक्षा की छात्राओं को क्लास में नग्र करने की घटना सामने आई है। यह बात जब छात्राओं के परिजनों को हुई तो उन्होंने स्कूल में तोडफ़ोड़ मचा दी और पूरे इलाके में घंटों तक हंगामा मचा रहा। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद ही मामला शांत हो पाया।

शिक्षा जगत को शर्मसार कर देने वाली यह घटना बीते शुक्रवार की है, जब शाहपुर मिल कंपाउंड में स्थित 'द इस्लामिक स्कूलÓ में दूसरी कक्षा की कुछ छात्राओं को स्कूल की एक शिक्षिका ने नग्र कर क्लास में घुमाया और इसके बाद छात्राओं से स्कूल का टॉयलेट भी साफ कराया। इतना ही नहीं कुछ छात्राओं को तो टॉयलेट में कुछ देर के लिए बंद भी कर दिया था। छात्राओं के अनुसार शिक्षिका ने उन्हें यह सजा होमवर्क न करने पर दी थी।

जब बच्चे घर पहुंचे तो उन्होंने डर के मारे यह बात घर पर नहीं बताई, लेकिन जब दूसरे दिन एक छात्रा ने स्कूल न जाने की जिद की तो उसके पिता ने इसका कारण पूछा तब एक बच्ची ने यह घटना उन्हें बता दी। इसके बाद ही यह बात अन्य छात्राओं के परिजनों तक पहुंची तो सब स्कूल जा पहुंचे और स्कूल में तोडफ़ोड़ मचा दी। स्कूल के ट्रस्टी इकबाल पटेल से भी कुछ व्यक्तियों की झड़प हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को संभाला और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ शिकायत दर्ज की।

अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा की हत्‍या की 'ब्रेकिंग न्‍यूज' से सनसनी

अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा की हत्‍या की 'ब्रेकिंग न्‍यूज' से सनसनी


 
 
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वाशिंगटन. अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा के कत्‍ल की 'खबर' से अमेरिका सहित दुनिया भर में सनसनी फैल गई। यह झूठी खबर हैकरों ने फैलाई। उन्‍होंने अमेरिकी समाचार चैनल फॉक्स न्यूज़ के राजनीतिक ट्विटर अकांउट को हैक करके यह झूठी खबर फैला दी। बाद में सचाई पता चलने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली। हैकरों ने ट्वीट किया कि देश के राष्ट्रीय दिवस के दिन राष्ट्रपति बराक ओबामा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हैक किए गए 'एटफॉक्स न्यूज पॉलिटिक्स' फीड ने ट्वीट किया, ' बराक ओबामा का अभी-अभी निधन हो गया। राष्ट्रपति नहीं रहे। वास्तव में चार जुलाई का दिन बहुत दुखद है। राष्ट्रपति बराक ओबामा की मौत हो गई।' इस ट्वीट से एक घंटे पहले इस अकांउट पर लिखा था, ' हमने अभी - अभी अपने ट्विटर और ई - मेल का पूर्ण संचालन हासिल कर लिया। चार जुलाई की बधाई।' 4 जुलाई अमेरिका का राष्ट्रीय दिवस है।

क्यों नहीं चेते पीएम साहब?

क्यों नहीं चेते पीएम साहब?

 

 
 
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नई दिल्लीकॉमनवेल्थ गेम्स में हुए घोटाले के बारे में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 3-3 खेल मंत्रियों ने चेतावनी दी थी। लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। आरटीआई आवेदन के जरिए पता चला है कि 2004 से तीन केंद्रीय खेल मंत्रियों ने सुरेश कलमाडी और कॉमनवेल्थ आयोजन समिति के कामकाज के खिलाफ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को बार-बार आगाह किया था।


सुनील दत्त, मणिशंकर अय्यर और एमएस गिल ने बतौर खेलमंत्री प्रधानमंत्री को ये पत्र लिखे थे। इन पत्रों को एससी अग्रवाल ने आरटीआई आवेदन के जरिए मांगी गई जानकारी पर सार्वजनिक किया है। 2004 में आयोजन समिति के स्वरूप पर उस वक्त के खेल मंत्री सुनील दत्त ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने आयोजन समिति के मुखिया के पद पर कलमाडी की नियुक्ति के भारतीय ओलिंपिक संघ के प्रस्ताव पर हैरानी जताई थी। दत्त के पत्र पर यह टिप्पणी लिखी गई थी कि ‘प्रधानमंत्री ने देख लिया है’। इसके बाद प्रधानमंत्री ने सुनील दत्त को रिसीविंग भेजी थी।

सुनील दत्त के बाद खेल मंत्री बने मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्रों में आयोजन समिति के खर्चो पर सवाल उठाए थे। 5,000 डॉलर प्रति दिन की दर पर कंसल्टेंट्स को नियुक्ति और कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन के सीईओ माइक हूपर के लिए दो करोड़ रुपए का फार्म हाउस और फस्र्ट क्लास का मासिक हवाई टिकट मुहैया कराने पर उन्होंने आपत्ति उठाई थी। उनके अनुसार, आयोजन समिति के अध्यक्ष के पास ‘तानाशाही शक्तियां’ थीं क्योंकि ऐसा कोई आदमी नहीं था जो किसी विकल्प के लिए दबाव डाल पाता।

अय्यर ने एक और पत्र में कहा था कि कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन पर खर्च 20,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। हैदराबाद में हुए सैन्य खेलों पर सिर्फ 200 करोड़ रुपए खर्च हुए जबकि कॉमनवेल्थ गेम्स की तुलना में तीन-चौथाई खिलाड़ियों ने इसमें हिस्सा लिया था। 2008 में खेल मंत्री बने एमएस गिल ने प्रधानमंत्री को 26 सितंबर 2009 को लिखे अपने पत्र में कहा था कि आयोजन समिति की कार्यकारी बोर्ड की बैठक ही नहीं होती।

भारत से जंग की गुपचुप तैयारी में पाकिस्‍तान, जुटाई 14000 आतंकियों की फौज

भारत से जंग की गुपचुप तैयारी में पाकिस्‍तान, जुटाई 14000 आतंकियों की फौज


 
 
 
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इस्लामाबाद. पाकिस्तान भारत के साथ जंग की गुपचुप तैयारी में जुटा हुआ है। एक ओर वह तेजी से परमाणु हथियार बना रहा है और उसके मुख्‍य निशाने पर भारत है तो दूसरी ओर करीब 14 हजार आतंकियों की फौज तैयार कर रखी है जो भारत के साथ जंग की स्थिति में कभी भी हमला कर सकते हैं। यह खुलासा अमेरिका के मशहूर अख़बार 'न्यूयॉर्क टाइम्स' ने पाकिस्तान में सक्रिय रहे एक आतंकवादी के हवाले से किया है।

इस पूर्व आतंकी कमांडर ने अपना नाम न छापने की शर्त पर अख़बार से बातचीत की है। पूर्व कमांडर का कहना है कि पाकिस्तान पिछले तीन दशकोँ आतंकवादियों को बढ़ावा देने का काम कर रहा है। इन आतंकियों के जरिए वह भारत और अफगानिस्तान में अमेरिका के खिलाफ छद्म युद्ध लड़ रहा है। गौरतलब है कि यह खुलासा पाकिस्तान के असली चेहरे को बेनकाब करता है। क्योंकि पाकिस्तान यह कहता रहा है कि वह आतंकवादियों को प्रश्रय नहीं देता है। इसी तर्क के आधार पर वह अमेरिका से करोड़ों डॉलर की रकम हर साल लेता है।

पड़ोसी मुल्‍क का झूठ एक बार फिर दुनिया के सामने आ गया है। पाकिस्तानी सेना से रिटायर होने वाले ज़्यादातर अधिकारी देश के चरमपंथी संगठनों के साथ जुड़ जाते हैं और आतंकवादियों को ट्रेनिंग देने, खुफिया सूचनाएं मुहैया कराने का काम करते हैं। खुलासे के मुताबिक लश्कर-ए-तैयबा, हरकत-उल-मुजाहिदीन और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठनों को धार्मिक नेता पाकिस्तानी सेना की मदद से चला रहे हैं। पाकिस्तानी सेना रणनीति तैयार करने, सुरक्षा और ट्रेनिंग का काम करती है। पूर्व कमांडर का कहना है कि पाकिस्तान में यह तंत्र अब भी काम करता है।

11 सितंबर, 2001 को अमेरिका पर हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान यह लगातार कहता रहा है कि उसने अपनी ज़मीन पर आतंकवादियों को मिल रही मदद को खत्म कर दिया है। आतंकवाद के खिलाफ जंग के नाम पर पिछले एक दशक में अमेरिका पाकिस्तान को 20 अरब डॉलर की रकम दे चुका है। पूर्व कमांडर के मुताबिक, पाकिस्तान में मुल्ला और रिटायर जनरल यह काम कर रहे हैं। उसने कई पूर्व जनरलों, खुफिया एजेंसियों के पूर्व शीर्ष अफसरों के नाम लिए। पूर्व कमांडर ने इस मामले में मेजर जनरल जहीर उल इस्लाम अब्बासी का नाम लिया है। इस्लाम पर 1995 में बेनजीर का तख्ता पलट करने की साजिश रचने का आरोप है।

काले धन पर बुरी फंसी सरकार, रामदेव ने किया दीवाली मनाने का ऐलान

काले धन पर बुरी फंसी सरकार, रामदेव ने किया दीवाली मनाने का ऐलान


 
 
 
 
नई दिल्ली. सोमवार को काले धन के मामले में कड़ा रुख अख्तियार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से उन 26 खाता धारकों के नाम सार्वजनिक करने को भी कहा है कि जिनके स्विस बैंक में खाते हैं। सरकार पहले अंतरराष्ट्रीय संधियों का हवाला देकर इन नामों को सार्वजनिक करने से बचती रही है।
सुप्रीम कोर्ट के इस कदम से बाबा रामदेव बेहद खुश हैं। उन्‍होंने हरिद्वार में पत्रकारों से कहा, 'पतंजलि योगपीठ में दीवाली मनाई जाएगी। जिस मकसद के लिए मैं और मेरे समर्थक लड़ रहे हैं, उसी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने विशेष जांच दल गठित की है। यह सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय है। सरकार ने काले धन का मुद्दा उठाने पर हमें तो सांप्रदायिक करार दिया, लेकिन अब वह सुप्रीम कोर्ट को क्‍या कहेगी?'
वित्‍त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का अध्‍ययन करेगी और फिर जरूरी कदम उठाएगी।
कोर्ट ने काले धन के मामलों की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) के गठन का आदेश भी दिया है। कोर्ट के फैसले के मुताबिक एसआईटी की अगुवाई सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज जस्टिस जीवन रेड्डी करेंगे। उनके साथ इस टीम में रिटायर जस्टिस एम बी शाह भी होंगे। एसआईटी सीधे सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट करेगी।

एसआईटी को देश में और देश से बाहर जांच के लिए कई अधिकार मिले हैं। काले धन की जांच से जुड़ी देश की सभी एजेंसियों को एसआईटी की मदद करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को काले धन के मामले में सरकार की तरफ से चल रही सुस्त जांच को लेकर जमकर फटकार भी लगाई। जस्टिस सुदर्शन रेड्डी की डिविजन बेंच ने पूर्व कानून मंत्री और वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।

गौरतलब है कि रामजेठमलानी ने अपनी याचिका में स्विट्जरलैंड के लीचटेंस्टाइन बैंक में काला धन जमा करने वाले 26 भारतीय खाता धारकों के नाम सार्वजनिक करने की मांग की थी। 5 मई को दो जजों की बेंच ने इस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था।

सरकार ने इस मामले में एसआईटी के गठन का पुरजोर विरोध किया था। काले धन की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाने वाली सरकार ने यह दलील थी कि सरकारी समिति जांच में सक्षम है। सरकार का कहना था कि सिस्टम से बाहर की कोई भी एजेंसी जो जांच की निगरानी करेगी, वह कोर्ट को जवाबदेह नहीं होगी और ऐसी कोशिश का नतीजा सिफर होगा।

अमिताभ ने अजमेर में दरगाह शरीफ पर की जियारत

अमिताभ ने अजमेर में दरगाह शरीफ पर की जियारत


 
 
 
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40 साल पुराना मन्नत का धागा खोलने के लिए आए हैं दरगाह शरीफ में
अजमेर. जयपुर। सोमवार दोपहर सुपर स्टार अमिताभ बच्चन अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जियारत करने पहुंचे। वे एक 40 साल पुरानी मन्नता का धागा खोलने के लिए गरीब नवाज की दरगाह पर आए हैं। इससे पहले सुबह साढे सात बजे जयपुर एयरपोर्ट पर अमिताभ बच्चन को देखकर उनके फैन्स का मजमा लग गया। दरअसल आज सुबह अमिताभ फ्लाइट से जयपुर पहुंचे और यहां से सड़क मार्ग से अजमेर के लिए रवाना हो गए। लेकिन सुबह सुबह जयपुर एयरपोर्ट पर सुपरस्टार अमिताभ बच्चन को देखकर भीड़ लग गई और लोग उनकी फोटोज खींचने लगे। अमिताभ ने अपने प्रशंसकों को निराश नहीं किया और उनके अभिवादन का जवाब हाथ हिलाकर दिया। अपनी फिल्म बुड्ढा होगा तेरा बाप की सफलता के बाद वे काफी प्रसन्न नजर आ रहे थे।
तकरीबन 40 साल बाद गरीब नवाज की दरगाह पर
सुपरस्टार अमिताभ बच्चन करीब 40 साल बाद अजमेर में गरीब नवाज की दरगाह पर जियारत करने के लिए पहुंचे। करीब 12 बजकर 56 मिनट पर वे अजमेर में दरगाह पर पहुंचे। ट्विटर पर अपनी एक ट्विट में अमिताभ ने लिखा है कि वे 40 साल पहेल मांगी एक मन्नत का धागा खोलने के लिए गरीब नवाज की दरगाह पर जा रहे हैं। ट्विटर पर उन्होंने यह भी लिखा है कि होने वाले पोते-पोतियों से संबंधित किसी मन्नत का धागा नहीं खोल रहे हैं, आखिर 40 साल पहले वो कैसे पोते पोतियों के बारे में कैसे सोच सकते थेय़

1 सेकंड ही काफी है बदलने के लिये, क्योंकि मौत...

 

 
 
 
मनुष्य का पूरा जीवन एक पाठशाला है यहां हर वक्त किसी न किसी पहलु पर हमें कुछ न कुछ सीखने को जरूर मिलता है। जिदंगी का हर क्षण हमें कुछ न कुछ सीख जरूर देता है।

स्वामी रामतीर्थ जापान की यात्रा पर थे। जिस जहाज से वह जा रहे थे, उसमें नब्बे वर्ष के एक बुजुर्ग भी थे। स्वामी जी ने देखा कि वह एक पुस्तक खोल कर चीनी भाषा सीख रहे हैं। वह बार-बार पढ़ते और लिखते जाते थे। स्वामी जी सोचने लगे कि यह इस उम्र में चीनी सीख कर क्या करेंगे। एक दिन स्वामी जी ने उनसे पूछ ही लिया, 'क्षमा करना आप तो काफी वृद्ध और कमजोर हो गए हैं इस उम्र में यह कठिन भाषा कब तक सीख पाएंगे। अगर सीख भी लेंगे तो उसका उपयोग कब और कैसे करेंगे।

यह सुन कर उस वृद्ध ने पहले तो स्वामी जी को घूरा, फिर पूछा, 'आपकी उम्र कितनी है? स्वामी जी ने कहा, 'तीस वर्ष।बुजुर्ग मुस्कराए और बोले, 'मुझे अफसोस है कि इस उम्र में आप यात्रा के दौरान अपना कीमती समय बेकार कर रहे हैं। मैं आप लोगों की तरह नहीं सोचता। मैं जब तक जिंदा रहूंगा तब तक कुछ न कुछ सीखता रहूंगा। सीखने की कोई उम्र नहीं होती। यह नहीं सोचूंगा कि कब तक जिंदा रहूंगा, क्योंकि मृत्यु उम्र को नहीं देखती वह तो कभी भी आ सकती है। आपकी बात से आपकी सोच का पता चलता है। शायद इसी सोच के कारण आप का देश पिछड़ा है। स्वामी जी ने उससे माफी मांगते हुए कहा, 'आप ठीक कहते हैं। मैं जापान कुछ सीखने जा रहा था, लेकिन जीवन का बहुमूल्य पहला पाठ तो आप ने रास्ते में ही, एक क्षण में मुझे सिखा दिया।

सुप्रीम कोर्ट की लताड़ के बाद सामने आएंगे काला धन जमा करने वालों के नाम

सुप्रीम कोर्ट की लताड़ के बाद सामने आएंगे काला धन जमा करने वालों के नाम

 

 
 
 
नई दिल्ली. सोमवार को काले धन के मामले में कड़ा रुख अख्तियार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से उन 26 खाता धारकों के नाम सार्वजनिक करने को भी कहा है कि जिनके स्विस बैंक में खाते हैं। सरकार पहले अंतरराष्ट्रीय संधियों का हवाला देकर इन नामों को सार्वजनिक करने से बचती रही है। इसके साथ ही कोर्ट ने काले धन के मामलों की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) के गठन का आदेश भी दिया है। कोर्ट के फैसले के मुताबिक एसआईटी की अगुवाई सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज जस्टिस जीवन रेड्डी करेंगे। उनके साथ इस टीम में रिटायर जस्टिस एम बी शाह भी होंगे। एसआईटी सीधे सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट करेगी।

एसआईटी को देश में और देश से बाहर जांच के लिए कई अधिकार मिले हैं। काले धन की जांच से जुड़ी देश की सभी एजेंसियों को एसआईटी की मदद करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को काले धन के मामले में सरकार की तरफ से चल रही सुस्त जांच को लेकर जमकर फटकार भी लगाई। जस्टिस सुदर्शन रेड्डी की डिविजन बेंच ने पूर्व कानून मंत्री और वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।

गौरतलब है कि रामजेठमलानी ने अपनी याचिका में स्विट्जरलैंड के लीचटेंस्टाइन बैंक में काला धन जमा करने वाले 26 भारतीय खाता धारकों के नाम सार्वजनिक करने की मांग की थी। 5 मई को दो जजों की बेंच ने इस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था।

सरकार ने इस मामले में एसआईटी के गठन का पुरजोर विरोध किया था। काले धन की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाने वाली सरकार ने यह दलील थी कि सरकारी समिति जांच में सक्षम है। सरकार का कहना था कि सिस्टम से बाहर की कोई भी एजेंसी जो जांच की निगरानी करेगी, वह कोर्ट को जवाबदेह नहीं होगी और ऐसी कोशिश का नतीजा सिफर होगा।
आपकी राय
क्या सरकार आसानी से काला धन जमा करने वाले 26 नामों का खुलासा करेगी? इस मामले में चारों तरफ से घिरी सरकार का आगे क्या रुख हो सकता है? इस मुद्दे पर अपनी राय जाहिर करें। आप अपनी टिप्पणी के लिए खुद जिम्मेदार होंगे।

सरकार का अन्‍ना को जवाब- कानून बनाने बैठे हैं, संविधान बदलने नहीं

सरकार का अन्‍ना को जवाब- कानून बनाने बैठे हैं, संविधान बदलने नहीं

 

 
 
 
 
 
 

आपका मत

 
 
लोकपाल पर कानून बनाने में-
 
60%
 
ड्राफ्ट बनाने तक ही टीम अन्ना का रोल
 
10%
 
अब भी सिविल सोसाइटी की भूमिका अहम
 
10%
 
केंद्र और पार्टियों की राय सही, संसद पर छोड़ दें
 
10%
 
केंद्र, सिविल सोसाइटी और संसद मिलकर करें काम
 
नई दिल्‍ली. सरकार ने आज साफ कर दिया कि लोकपाल बिल संसद की मर्जी से बनेगा, सिविल सोसायटी की मर्जी से नहीं। सरकार ने कहा है कि टीम अन्‍ना के ड्राफ्ट पर अमल किया गया तो लोकपाल बिल बनाने के लिए संविधान में बड़े पैमाने पर बदलाव करना पड़ेगा। सरकार के मुताबिक वह कानून बनाएगी, फिर से संविधान नहीं लिखने जा रही है। सरकार का कहना है कि जो भी कानून बनाया जाएगा, वो संविधान के दायरे में होगा।

पीएम को लोकपाल बिल के दायरे में सर्वदलीय बैठक में हुई चर्चा के बारे में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, 'यह समय फिर से संविधान लिखे जाने का नहीं है। उन्‍होंने कहा कि लोकपाल बिल आगामी मॉनसून सत्र के दौरान संसद में पेश किया जाएगा। सरकार जल्‍द से जल्‍द यह बिल पारित करने की कोशिश में है। गृह मंत्री ने आश्‍वासन दिया कि लोकपाल बिल से देश के अधिकतर लोगों को फायदा होगा।

गृह मंत्री ने रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक का ब्‍यौरा देते हुए कहा, 'मीटिंग में हिस्‍सा लेने वाली सभी पार्टियों का भी मानना है कि कानून बनाने के लिए संसदीय प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए। सर्वदलीय बैठक में ज्‍यादातर पार्टियों ने इस मसले पर सिविल सोसाइटी की सक्रियता पर भी सवाल उठाए।'

लोकपाल के मसले पर यूपीए में मतभेद के सवाल पर चिदंबरम ने कहा, 'यूपीए कोई पार्टी नहीं, बल्कि एक गठबंधन है। इस गठबंधन के हर सदस्‍य किसी मसले पर अपना विचार रख सकता है। संसद में एकजुटता होनी चाहिए और हम यह कोशिश कर रहे हैं। चाहे वह डीएमके हो या कोई अन्‍य पार्टी।'

प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद संसदीय कार्य मंत्री पीके बंसल ने कहा कि मीटिंग में शामिल 31 में से दो या तीन सदस्‍यों ने कहा कि पीएम को लोकपाल बिल के दायरे में लाया जाना चाहिए, बाकी सदस्‍य इसके पक्ष में नहीं थे।

लोकपाल के दायरे में आने को लेकर पीएम के व्‍यक्तिगत विचार के बारे में कपिल सिब्‍बल ने कहा, 'हम किसी व्‍यक्ति नहीं, बल्कि एक संस्‍था की गरिमा बरकरार रखने का प्रयास कर रहे हैं।'

टीम अन्‍ना इस बात पर अटल है कि अगर संसद में 'मजबूत लोकपाल' के लिए कानून पारित नहीं हुआ तो इसके लिए अनशन होगा। अन्‍ना हजारे की अगुवाई वाली सिविल सोसायटी चाहती है कि पीएम और शीर्ष न्‍यायपालिका को भी लोकपाल बिल के दायरे में लाया जाना चाहिए।
आपकी बात
लोकपाल बिल पर सरकार सहित सभी राजनीतिक दलों की मंशा साफ होती दिख रही है। सरकार दावा कर रही है कि सभी पार्टियां चाहती हैं कि संविधान के दायरे में रहकर ही लोकपाल बिल तैयार किया जाए। ऐसे में सिविल सोसायटी की पीएम और न्‍यायपालिका को इस बिल के दायरे में रखने की मांग क्‍या असंवैधानिक है? सरकार या राजनीतिक दलों के लोग इस मसले पर अपना रुख नहीं साफ कर रहे कि पीएम या शीर्ष न्‍यायपालिका को लोकपाल के दायरे में रखे जाने से क्‍या नुकसान होगा? आप क्‍या सोचते हैं इस मुद्दे पर। अपनी राय नीचे कमेंट बॉक्‍स में लिखकर दुनियाभर के पाठकों से शेयर करें।
लोकपाल की लड़ाई अब सरकार बनाम अन्‍ना, अनशन पर अटल हजारे

जेलमंत्री ने ही माना,जेलकर्मियों की मिलीभगत से होते हैं कैदी फरार

जेलमंत्री ने ही माना,जेलकर्मियों की मिलीभगत से होते हैं कैदी फरार

 

 
 
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अजमेर.जेल से कैदियों की फरारी में जेल प्रशासन की लापरवाही और मिलीभगत एक बड़ी वजह है। यह सनसनीखेज स्वीकारोक्ति प्रदेश के जेलमंत्री रामकिशोर सैनी की है जो उन्होंने यहां रविवार को बड़ी साफगोई से दी।
सैनी ने रविवार को यहां आकर सेंट्रल जेल का आकस्मिक निरीक्षण कर इंतजामों का जायजा लिया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जेलों में लंबे समय से रिक्त पड़े 750 पदों पर शीघ्र ही भर्ती की जाएगी। भर्ती में लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यार्थियों की अब शारीरिक दक्षता के साथ मानसिक दक्षता की भी परख होगी। उन्होंने कहा कि सेंट्रल जेल में बंद हार्डकोर अपराधियों को जल्द ही यहां से शिफ्ट कर दिया जाएगा।
भर्ती को मिली हरी झंडी:कारागृह राज्य मंत्री रामकिशोर सैनी ने बातचीत में बताया कि प्रदेश की जेलों में लंबे समय से रिक्त पड़े पदों को शीघ्र भरा जाएगा। जेल भर्ती में अब लिखित परीक्षा होगी। इस परीक्षा को पास करने वाले अभ्यार्थियों का फिजिकल टेस्ट लिया जाएगा।
जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। मंत्रालय ने भर्ती को हरी झंडी दे दी है। साथ ही हार्डकोर अपराधियों को एक जेल से दूसरी जेल में शिफ्ट करने की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू कर दी जाएगी। निरीक्षण के दौरान सैनी ने कैदियों की समस्याओं की जानकारी लेकर जेल अधिकारियों को विशेष दिशा निर्देश दिए। सैनी ने कहा कि जेल में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए जल्द ही पानी की बड़ी टंकियां लगवाई जाएंगी।
सुरक्षा व्यवस्था पर दें विशेष ध्यान:उनका कहना था कि जेलों में लगातार आतंकियों व अन्य कैदियों के पास मोबाइल मिलने के खुलासे के बाद राज्य सरकार जेलों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। जेल मंत्री सैनी ने जेल अधिकारियों को जेल सुरक्षा को लेकर निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जेल में मुलाकातियों की सघन तलाशी ली जाए व भोजन सामग्री को जांचने परखने के बाद ही कैदियों तक पहुंचाया जाए।
जेलों में अब थ्री-जी मोबाइल जैमर:कारागृह राज्य मंत्री रामकिशोर सैनी ने बताया कि जोधपुर सहित कुछ जेलों में 2जी मोबाइल जैमर लगाए गए थे जो कारगर साबित नहीं हुए। इसकी एक वजह 3जी तकनीक का तेजी से प्रसार भी है।

टेलीकॉम कंपनियों ने अपने नेटवर्क द्वारा छोड़ी जा रही जितनी फ्रीक्वेंसी की जानकारी मंत्रालय को दी थी, हकीकत में उससे कहीं ज्यादा फ्रीक्वेंसी छोड़ी जा रही है। ऐसे में जो जैमर लगाए गए वे ज्यादा फ्रीक्वेंसी वाले नेटवर्क को जाम नहीं कर सके। अब मंत्रालय हाई पॉवर और 3जी नेटवर्क जैमर लगवाएगा। साथ ही टेलीकॉम कंपनियों पर भी इस मामले में शिकंजा कसा जाएगा।
खलील चिश्ती से पूछी परेशानी:उन्होंने कहा कि कैदी की फरारी जेल प्रशासन की लापरवाही और मिलीभगत वजह से होती है। ज्यादातर कैदी जेलों से भागने की फिराक में होते हैं। वे इसके लिए रास्ते तलाशते रहते हैं।

कर्मचारियों का सहयोग उन्हें फरारी का मौका देता है। जेल मंत्री रामकिशोर सैनी ने निरीक्षण के दौरान हत्या के मामले में सजायाफ्ता कैदी पाक मूल के डॉ. खलील चिश्ती से भी मुलाकात की। चिश्ती ने उन्हें स्वयं का स्वस्थ होना व किसी तरह की परेशानी नहीं होना बताया।
विशेष बच्चों के लिए बनेगा छात्रावास:सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग भी देखने वाले सैनी ने बताया कि राज्य सरकार सभी संभागीय मुख्यालयों पर डिफरेंटली एबल्ड बच्चों के लिए छात्रावास बनाने का निर्णय लिया है। इनकी क्षमता 50 की होगी, जहां बच्चों के लिए विशेष शिक्षा और प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
जेल में लगेंगी पानी की टंकियां:सैनी ने कैदियों से भी समस्याओं की जानकारी ली। ज्यादातर कैदियों ने पानी की व्यवस्था सुचारू नहीं होना बताया। इस पर सैनी ने पानी की बड़ी टंकियां लगाकर इस समस्या को दूर करने का आश्वासन दिया।
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