आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

05 जुलाई 2011

सेहरा नोंचा और पोंछी मेहंदी

सेहरा नोंचा और पोंछी मेहंदी


home news

 टोंक /बनेठा। सिर के सेहरे व हाथों की मेहंदी पर जालिम दुनिया की नजर लग गई। धूमधाम के साथ उछलते कूदते तोरण मारने ससुराल जाने की तैयारी कर रहे दूल्हे राजकुमार (बंदर) पर कानून ने ऎसा फंदा कसा कि वह दुल्हनियां लाने बारात लेकर जाने की बजाए पिता (मालिक) के साथ फरार हो गया। उधर, दुल्हन चिंकी (बंदरिया) के साथ भी यही हुआ। वह सजना के गले में मेहंदी लगे हाथों से वरमाला डालने की बजाए गायब हो गई।
धूमधाम, अब सुनसान
बनेठा गांव के रमेश चंद सैनी के मानस पुत्र के तौर पर पल रहे बंदर राजकुमार की शादी बुधवार 6 जुलाई को बूंदी जिले के तलवास गांव की पालतू बंदरिया चिंकी के साथ होनी थी। मंगलवार को राजकुमार की निकासी निकाली जानी थी। निकासी के बाद राजकुमार के मामा (रमेश सैनी के ससुरालजन) भात भी पहनाने वाले थे।
 इसके साथ ही पूरे गांव को स्वादिष्ट पकवानों की दावत भी उड़ानी थी। बनेठा में रमेश सैनी के घर में सुबह राजकुमार की निकासी और शाम को चाक-भात की तैयारियां हो रही थी। अचानक प्रशासनिक और पुलिस अघिकारियों के जा धमकने और वन्यजीव को प्रताडित करने का नोटिस थमा देने से हर कोई भौचक रह गया।

पत्रकार को पुलिस अधिकारी ने दी 'एनकाउंटर' की धमकी

 पत्रकार को पुलिस अधिकारी ने दी 'एनकाउंटर' की धमकी


home news

कोटा। कोटा में हेलमेट नहीं लगाने वाले लोगों से मारपीट करने की शिकायत की हकीकत जानने पहुंचे राजस्थान पत्रिका के दो संवाददाताओं के साथ मंगलवार शाम एक प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी पंकज चौधरी ने दुर्व्यवहार किया और जबरन अवैध हिरासत में रखा।
चौधरी ने संवाददाताओं को एनकाउन्टर करने की धमकी दी। सूचना मिलने पर शहर के पत्रकारों में रोष फैल गया। वे पुलिस अधीक्षक से मिले। शहर पुलिस अधीक्षक की दखल के बाद पत्रकारों का गुस्सा शांत हुआ। एसपी ने पूरे प्रकरण की जांच एएसपी हनुमान मीणा को सौंपी है।
यह थी शिकायत
कुन्हाड़ी थाने में तैनात प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी पंकज चौधरी के बारे में लगातार शिकायत मिल रही थी कि वे रोजाना शाम को कोटा बैराज पर हेलमेट जांच अभियान चलाते हैं और बिना हेलमेट वालों को बेरहमी से पीटते हैं। कई बुजुर्गो व महिलाओं के साथ जा रहे लोगों से भी उन्होंने ऎसा ही बर्ताव किया। अपराधियों के साथ पुलिस की सख्ती समझ में आती है, लेकिन आम जनता के साथ कानून हाथ में लेने से पुलिस की गलत छवि जनता में जाती है।
पत्रकारों में रोष, एसपी से मिले
घटना की सूचना मिलने के बाद पत्रिका ने पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल कुमार को वाकया बताया। चंद मिनटों में ही यह खबर शहर के पत्रकारों में भी आग की तरह फैल गई। पुलिस अधीक्षक ने चौधरी से बात की, लेकिन चौधरी नहीं माना और दोनों संवाददाताओं को लेकर कुन्हाड़ी थाने चला गया।
बाद में एसपी ने पुलिस उपाधीक्षक संजय गुप्ता को कुन्हाड़ी थाने भेजा और दोनों संवाददाताओं को नयापुरा थाने पर बुलवा लिया। इसी बीच, शहर के तमाम पत्रकार थाने पहुंच गए और चौधरी को मौके पर बुलाने की बात कही तो एसपी ने चौधरी को तलब कर लिया। पत्रकारों के प्रतिनिधिमण्डल से वार्ता के बाद जांच बैठा दी गई। विधायक ओम बिड़ला, भवानीसिंह राजावत, प्रदेश कांगे्रस प्रवक्ता पंकज मेहता, प्रेस क्लब अध्यक्ष धीरज गुप्ता, सचिव हरिमोहन शर्मा, जार के अध्यक्ष नीरज गुप्ता ने घटना की निंदा की।
'संवाददाताओं की ओर से लिखित में शिकायत दी गई है। शिकायत को गंभीरता से लिया गया है और जांच एएसपी को सौंपी गई है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुरूप कार्रवाई होगी।'
-प्रफुल्ल कुमार, पुलिस अधीक्षक [शहर]
इसलिए गए थे पत्रकार
शिकायत की हकीकत जानने के लिए मंगलवार शाम को पत्रिका के दो संवाददाता सकतपुरा में जल संसाधन विभाग कार्यालय के पास पहुंचे। करीब आधे घंटे तक दोनों भीड़ में ही खड़े रहे। संवाददाताओं की मौजूदगी की भनक चौधरी को लगी तो उन्होंने दो कांस्टेबल भेजकर संवाददाताओं को पकड़ कर अपने पास बुलवा लिया।
संवाददाता ने अपना परिचय दिया, लेकिन चौधरी अभद्रता करते हुए बोले, 'तुम पिटाई का स्टिंग ऑपरेशन करने आए हो, मैं तुम्हारा एनकाउन्टर कर दूंगा। इसके बाद उन्होंने दोनों को जिप्सी में बैठा दिया। इस दौरान चौधरी हंगामा करता रहा व जिप्सी में घुस कर एक संवाददाता से मारपीट कर दी।

वन विभाग ने रोकी बंदर-बंदरिया की शादी

वन विभाग ने रोकी बंदर-बंदरिया की शादी



 


 | Email  Print Comment
 
 
 
नैनवां/तलवास (बूंदी). तलवास गांव में बुधवार को होने वाली चिंकी बंदरिया और राजू बंदर की प्रस्तावित शादी पर वन विभाग ने रोक लगा दी। आयोजन को रोकने के लिए तलवास गांव में भारी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया है। रोक के बाद से ही तलवास से चिंकी बंदरिया उसके संरक्षक निरंजन निर्मोही और बनेठा गांव में रमेश कुमार राजू बंदर के साथ भूमिगत हो गए।

वन विभाग के निर्णय से नाराज ग्रामीणों ने देरशाम बूंदी आकर कलेक्टर आरती डोगरा से मुलाकात की, लेकिन प्रशासन ने भी वन विभाग के निर्णय को उचित बताते हुए उन्हें वापस लौटा दिया। इस अनोखी शादी को लेकर दोनों गांवों में पूरे दिन उत्साह का माहौल बना रहा। चिंकी के गांव में तो शादी से पहले की सारी रस्में पूरी की गई। ग्रामीणों ने वन विभाग की कार्रवाई पर आक्रोश जताते हुए कहा कि शादी कार्यक्रम की घोषणा कई दिन पहले कर दी थी। ऐन वक्त पर वन विभाग द्वारा रोक लगाना न्यायसंगत नहीं है।

इसलिए नहीं हो सकता विवाह: वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बंदर शैड्यूल सैकंड पार्ट फर्स्ट के वन्यजीव हैं। उन्हें इस तरह कैद करके नहीं रखा जा सकता। ऐसे आयोजन वन विभाग की नजर में गैरकानूनी है।

वन्यजीवों की शादी न करने के लिए नैनवां एसडीएम के माध्यम से तलवास के आयोजकों को नोटिस दिया गया है। साथ ही वहां पहुंचकर भी समझाइश की गई है। फिलहाल बंदरिया और उसके पालनहार भूमिगत हो गए। कानून तोड़कर यदि शादी की जाती है तो उसी के अनुरूप कार्रवाई होगी। इसमें गिरफ्तारी भी हो सकती है। - राजेंद्र सिंह नाथावत,डीएफओ, वन विभाग, बूंदी

फिर भट्टा पारसौल गांव पहुंचे राहुल

फिर भट्टा पारसौल गांव पहुंचे राहुल


rahul gandhi
लखनऊ। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई है। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी मंगलवार सुबह करीब पांच बजे भट्टा गांव पहुंचे। यहां उन्होंने घर घर जाकर लोगों से मुलाकात की। इसके बाद राहुल गांधी ग्रामीणों के साथ पैदल ही पारसौल और रूस्तमपुर गांव गए। वहां उन्होंने किसानों के साथ पंचायत की।
किसान महापंचायत से पहले राहुल गांधी का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है। रूस्तमपुर के बाद राहुल गांधी मिर्जापुर, रौसा और भाईपुर गांव गए। वहां भी उन्होंने किसानों के साथ बातचीत की। इस दौरान राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा कि मायावती सरकार किसानों पर अच्याचार कर रही है।
यूपी कांग्रेस की अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि राहुल गांधी ने भट्टा पारसौल का दौरा कर किसानों से किया गया वादा पूरा किया है। राहुल गांधी इससे पहले जब भट्टा पारसौल गांव गए थे तब उन्होंने ग्रामीणों से वादा किया था कि वह उनको अकेला नहीं छोड़ेंगे। गौरतलब है कि जब राहुल गांधी पहली बार भट्टा पारसौल गांव गए थे। उस वक्त राहुल गांधी के साथ कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह भी थे। दोनों गांव में ही धरने पर बैठ गए थे। प्रशासन ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था और दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर छोड़ दिया था।

मनमोहन सिंह ने राहुल गाँधी की महनत पर पानी फेरा

कोंग्रेस के ही नहीं पुरे देश के युवराज युवा शक्ति राहुल गांधी ने एक आंधी चला कर मुर्दा कोंग्रेस में जान फूंकने के लियें जी जान एक कर डाली लेकिन अफ़सोस उनकी ही टीम के मनमोहन सिंह जी ने उन्हें बोल्ड कर दिया और उनकी करी कराइ महनत पर पानी फेरते हुए कोंग्रेस जहां से कड़ी हुई थी वही ला खड़ा किया ...कोंग्रेस का एक बढ़ा तबका ऐसे लोगों को तरजीह देने की खिलाफ रहा है जिनका कोई जनाधार नहीं रहा है जो चुनाव जितने की क्षमता नहीं रखते हैं और बेक डोर एंट्री  से चमचा गिरी के बल पर कुर्सी हथिया लेकते हैं और फिर कालीदास की तरह जिस डाली पर बैठते हैं उसी को काटते रहते हैं ........राहुल गाँधी ने जब कोंरेस की प्रचार कमान संभाली थी जब कोंग्रेज़ जीरो से थोड़ी ऊपर थी लेकिन राहुल गाँधी ने अपने राजनितिक दाव पेंच से देश भर में कोंग्रेस को फिर से मुक़ाबिल ला खड़ा किया और देश का सबसे बधा संगठन बना दिया उत्तर प्रदेश में कोंग्रेज़ को राहुल ने नयी जिंदगी दी ......यहाँ तक के राहुल गांधी ने कोंग्रेस को जिंदा रखने के लियें खुद अपने निजी जज्बातों की कुर्बानी दी और आज भी दे रहे हैं लेकिन उनके घर को घर के चिराग से ही आग लग रही है और इसे कोंग्रेस का कोई भी नेता नहीं समझ पा रहा हैं ..जिस तरह से मछली पानी में रहते हुए कब पानी पी जाती है किसी को पता नहीं चल पाता है इसी तरह से मनमोहन सिंह सहित कई ऐसे लोग कोंग्रेस में हैं जो कब कोंग्रेस को कमज़ोर करने की कोशिश कर बैठते हैं नेताओं और संगठन से जुड़े लोगों को पता भी नहीं चल पाता है ..अगर वक्त रहते राहुल गान्धी और सोनिया गाँधी ने खुद कोंग्रेस के आस्तीन के साँपों को तलाश कर नहीं अलग किया तो कोंग्रेस फिर से जीरो हो जायेगी ..................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
8 जिलों को छोड़कर शेष जिलाध्यक्षों की घोषणा


congress
जयपुर। कांग्रेस ने मंगलवार को राजस्थान के 8 जिलों को छोड़कर शेष जिलों में पार्टी के जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी। काफी समय
से यह मामला लटका हुआ था। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मंजूरी के बाद मंगलवार को जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी गई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ चन्द्रभान ने जिला अध्यक्षों और 377 ब्लॉक अध्यक्षों की भी घोषणा की गई है। कांग्रेस ने जिलाध्यक्षों की सूची में सभी करीब करीब सभी जातियों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। महिलाओं और अल्पसंख्यकों को भी प्रतिनिधित्व दिया गया है।

जिलाध्यक्षों की सूची इस प्रकार है
जिला    नाम
बाड़मेर    फतेह खां
भरतपुर    गिरीश चौधरी
बूंदी    सीएल प्रेमी
चित्तौड़गढ़    शिवदयाल
धौलपुर    महावीर
हनुमानगढ़    सुरेन्द्र दादरी
सीकर    गोविन्द सिंह टोडासरा
अलवर    अशोक दीक्षित
झालावाड़    मददलाल वर्मा
नागौर    मंजू मेघवाल
करौली    अलका मीणा
राजसमंद    देवकीनंदन काका
भीलवाड़ा    अनिल डांगी
श्रीगंगानगर    कुलदीप इंदौरा
जैसलमेर    रेवतराम मेघवाल
प्रतापगढ़    भानू प्रताप सिंह
जयपुर (देहात)    लालचंद कटारिया
जयपुर (शहर)     सलीम कागजी
अजमेर(शहर)    महेन्द्र सिंह रलावत
अजमेर(ग्रामीण)    नाथूराम सिनोदिया
कोटा (ग्रामीण)    रूकमणी मीणा
कोटा(शहर)     गोविंद
उदयपुर (शहर)    नीलीमा सुखाडिया
उदयपुर (ग्रामीण)लाल सिंह झाला
टोंक     रामविलास चौधरी
बारां     निजामुद्दीन
झंझुनू    महेन्द्र झझोडिया
जालौर    नैन सिंह राजपुरोहित
सिरोही     गंगा बेन

बाल ठाकरे सोने का अंडा देने वाली मुर्गी

Print


वाशिंगटनलश्कर-ए-तैयबा ने शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे की हत्या की साजिश नहीं रची थी। पाकिस्तानी मूल के आतंकी डेविड हेडली ने यह खुलासा किया है। हालांकि उसने कहा कि लश्कर ठाकरे को अमेरिका बुलाना चाहता था ताकि उनकी भड़काऊ टिप्पणियों से आईएसआई को फायदा हो सके। भारत में शिवसेना को एक प्रभावी संगठन करार देते हुए हेडली ने कहा कि ठाकरे की हत्या करना एक बेवकूफी भरा कदम होता और ऐसा करना सोने का अंडा देने वाली मुर्गी को मारने जैसा होता।

दरअसल, लश्कर के अपने साथियों के साथ बातचीत में हेडली ने ठाकरे की हत्या के बारे में यह मजाक किया था। पाकिस्तानी मूल के एक अन्य संदिग्ध आतंकी तहव्वुर हुसैन राणा के खिलाफ सुनवाई के दौरान हेडली से वकील ने पूछा, ‘क्या लोगों की हत्या के बारे में लश्कर के लोग मजाक करते हैं?’ इस सवाल के जवाब में हेडली ने कहा, ‘हां। लश्कर के लोग ऐसा करते हैं। वे लोगों की हत्या करते हैं और इस बारे में मजाक भी करते हैं।’ हेडली से शिवसेना के राजा रेगे के साथ कथित मित्रता के संदर्भ में सवाल-जवाब करते समय ठाकरे की हत्या की साजिश का जिक्र आया था।

बकौल हेडली शिवसेना प्रमुख को अमेरिका बुलाने की साजिश रची गई थी। वकील ने हेडली से पूछा कि क्या यह सोचकर ठाकरे को अमेरिका बुलाने की योजना बनाई थी कि वह कुछ भड़काऊ बयान देंगे आईएसआई को फायदा मिलेगा? हेडली ने कहा- हां। ठाकरे के बयान वाले वीडियो का इस्तेमाल आईएसआई यह कहकर करती कि अमेरिका आतंकियों की मेहमान नवाजी कर रहा है। वकील ने पूछा, ‘जब ठाकरे को यहां लाने की कोशिश की जा रही थी तो क्या तुम लोग उनकी हत्या नहीं करते?’

हेडली ने कहा, ‘नहीं, अगर ऐसा मैं चाहता भी तो इसे अंजाम देना मूर्खतापूर्ण कदम होता। किसी को धन खर्च कर यहां लाया जाए और फिर उसे मार दिया जाए, यह कदम बेवकूफी भरा होता।’ हेडली ने कहा- हमारी योजना ठाकरे को मारने की नहीं थी, बल्कि हम उनके संगठन को नुकसान पहुंचाना चाहते थे

दर्द से तड़पती रही 'गर्भवती', और पैसे मांगते रहे 'बेदर्द' डॉक्टर

| Email  Print Comment
 
कन्नौज।जिला चिकित्सालय कन्नौज में एक गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा से कराह रही थी। उस समय अस्पताल स्टाफ उसकी मदद करने की बजाय पैसों की मांग करने में लगा हुआ था। आखिरकार जब महिला के पति ने पैसे दिए तब जाकर उसका प्रसव कराया गया।

जानकारी के मुताबिक, सुशील कुमार जाटव की पत्नी ममता देवी दो जुलाई की रात्रि संयुक्त जिला चिकित्सालय कन्नौज में प्रसव पीडा होने पर भर्ती के लिए आयी थीं, लेकिन उनकी भर्ती नहीं की गयी और उनसे धन की मांग की गयी थी।

 इस संबंध में प्रदेश सरकार ने संयुक्त जिला चिकित्सालय कन्नौज के नर्सो को प्रसव पीडा से कराहती युवती से पैसा मांगने के आरोप में निलम्बित कर और महिला चिकित्सक को हटा दिया।

आधिकारिक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि नर्स शान्ति देवी, कांती देवी एवं सुश्री समता देवी को प्रसव के लिए आयी श्रीमती ममता से धन की मांग करने और न दिये जाने पर भर्ती करने से इन्कार की शिकायत की जांच में दोषी पाये जाने पर निलम्बित कर दिया।

इसी क्रम में चिकित्सालय में तैनात महिला चिकित्सक डा.इन्दू कटियार को लापरवाही बरतने के आरोप में संयुक्त जिला चिकित्सालय औरैया स्थानान्तरित कर दिया गया है।

लोकपाल पर सरकार देगी लॉलीपॉप 

 
| Email  Print Comment
 
 
 
नई दिल्ली सर्वदलीय बैठक में केंद्र सरकार विपक्ष और अपने ही घटक दलों के निशाने पर भले ही रही, किंतु वह जो चाहती थी सबकुछ उसी तर्ज पर होने की खुशी सत्ता पक्ष में है। केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक के एक दिन बाद ही अपने तेवर से साफ भी कर दिया कि सभी दलों की ओर से अन्ना और उनकी टीम के जनलोकपाल विधेयक को खारिज किए जाने के बाद अब वह जनलोकपाल विधेयक को बहुत तरजीह नहीं देगी। सरकार अब अपने लोकपाल विधेयक के प्रारुप में सर्वदलीय बैठक के इनपुट को भी शामिल करते हुए संशोधित विधेयक तैयार करेगी।

केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने बताया कि सर्वदलीय बैठक में मिले सुझावों को डीओपीटी के पास भेजा जा रहा है। सरकार वादे के मुताबिक इस विधेयक को संसद के मानसून सत्र में पेश करेगी। हालांकि सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि विधेयक को मानसून सत्र में पेश करने का वादा था, लेकिन पारित कराने के लिए समयसीमा निर्धारित नहीं की गई थी। सर्वदलीय बैठक के नतीजों एवं उसके बाद सरकार की रणनीति का खुलासा करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम, दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल और संसदीय कार्य मंत्री पीके बंसल ने सोमवार को पत्रकारों से चर्चा की। चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में संसदीय प्रक्रिया के महत्व पर जोर दिया गया।

सरकार की तरफ से कहा गया कि अगर अन्ना के जनलोकपाल विधेयक ड्राफ्ट पर अमल किया गया तो संविधान बदलना पड़ेगा। चिदंबरम ने कहा कि यह फिर से संविधान लिखने का समय नहीं है।

विरोधी दलों का भी बचाव: चिदंबरम ने कहा, ‘कई पार्टियों ने संसद में विधेयक पेश होने तक अपना रुख सुरक्षित रखा है, जो वैध और मान्य है।’ सिब्बल ने कहा, ‘हो सकता है कि प्रावधानों पर राय बनाने के लिए भाजपा को और समय की जरूरत हो।’ दो पार्टियों ने यह सुझाव दिया कि विधेयक को संसद के शीतकालीन सत्र में पारित किया जा सकता है।

बदल सकता है पार्टियों का रुख : प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में शामिल करने के कुछ पार्टियों के रुख पर मंत्रियों ने कहा कि यह प्रारंभिक विचार हैं। जब हम आगे बढ़ेंगे तो सभी पक्ष विवादित मुद्दों पर सर्वसम्मत हो जाएंगे।’ द्रमुक के रुख पर चिदंबरम ने कहा कि विभिन्न पार्टियों की अपनी अलग राय हो सकती है।

अनशन पर गोलमाल जवाब : अन्ना हजारे के 16 अगस्त से प्रस्तावित अनशन पर उठे सवालों का मंत्रियों ने सीधा जवाब नहीं दिया। चिदंबरम ने कहा कि हम यह मानकर नहीं चल सकते कि 16 अगस्त से अनशन होगा ही।


सिब्बल के मुताबिक, सर्वदलीय बैठक में कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने सिविल सोसायटी की परिभाषा पर हैरानी जताई। सरकार की ओर से सफाई पेश करते हुए सिब्बल ने कहा कि सरकार ने कभी भी सिविल सोसायटी शब्द का प्रयोग नहीं किया था। बल्कि जिनसे बात हुई वे अन्ना हजारे के प्रतिनिधि थे। चिदंबरम ने कहा कि तबकी परिस्थिति ऐसी थी। माना गया कि अन्ना हजारे की टीम को साथ लेने से कानून का मसौदा बेहतर बनाया जा सकता है।
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...