तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
09 जुलाई 2011
मेरी पोस्ट हुईं तीन हजार के पार ............
भाईयों , बहनों ,बुजुर्गों ,दोस्तों और दोस्तों आज मेरी तीन हजार पोस्ट पूरी हो चुकी हैं और इस पडाव तक पहुंचने के लियें में आप सभी ब्लोगर भाई बहनों का आभारी हूँ .......मेने मार्च २०१० में अपना हिंदी ब्लोगिंग का सफ़र शुरू किया और इस सफ़र के दोरान कई दुर्घटनाएं, किया घटनाएँ देखी हैं खुद भी दुर्घटना ग्रस्त हुआ हूँ लेकिन मुझे गर्व हैं के में ऐसे देश में रहता हूँ ऐसे समाज में पला बढ़ा हूँ जहां सिर्फ और सिर्फ मानवता ही मानवता है ..यहाँ अगर किसी की ऊँगली पर भी चोट लग जाती है तो सो लोग उसकी तबियत पूंछने के लियें जाते हैं ऐसा ही इस ब्लोगिंग के सफ़र में हुआ है ..कई हम सफ़र मिले हैं और ऐसे हम सफ़र जिनसे बस पारिवारिक याराना सा लगता हैं .....ब्लोगिग्न की दुनिया में मुझे बहन वन्दना जी , पाबला जी , लालित शर्मा जी , रूपचन्द्र शास्त्री जी , शिखा जी , रश्मि जी , भाई अनवर जमाल जी , एस एम मासूम भाई , दिनेश राय द्विवेदी जी ..सहित ऐसे कई सेकड़ों भाई ब्लोगर हैं जिनके आलेख पढ़े बगेर ..उनसे संपर्क किये बगेर अगर अपना सवेरा शुरू करो तो ऐसा लगता है मानों बहुत कुछ खो दिया हैं और ब्लोगर भाइयों के ब्लोग्स के माध्यम से उन तक अगर पहुंच जाते हैं उनके विचार अगर पढ़ लेते हैं तो खुद को ट्रपत मानते हैं और बस ब्लोगिंग में भी यही हुआ है भाई किलर झपाटा जी कई दिनों से किलर का काम नहीं कर रहे हैं शायद उन्हें नाराजगी है कुछ लोग जो परस्पर आरोप प्रत्यारोप लगा कर ब्लोगिंग महाभारत में शामिल थे वोह भी अब प्यार की भाषा में शामिल हो गए है और आज ब्लोगिं की दुनिया की ऐसे लोग शान कहे जाने लगे हैं ..ब्लोगिंग के इस उतार चढाव में अरबों के घोटाले देखे हैं ..कई लाठियों की खबरें देखी हैं तो राजनितिक बेशर्मी की पराकाष्ठा क़दम क़दम पर देखने को मिली हैं ....भाई इस बार तो वोह सब देखने को मिला जो कई वर्षों की पत्रकारिता में हम नहीं देख पाए सुनते थे के मेरे देश की धरती सोना उगलती हैं हीरे मोती उगलती है और जन साईं बाबा के मंदिर से करोड़ों रूपये बरामद हुए तो आँखें खुली रह गयीं ..बाबा रामदेव का अरबों रूपये का साम्राज्य देख कर दिमाग सुन्न हो गया , बाबा रामदेव की भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में मर्द की तरह कूदने के बाद महिला के वेश में भागने की घटना ने जिंदगी को एक चुटकुला बना दिया इतना सब तो ठीक था लेकिन जब पदम् नाभ मंदिर में खरबों रूपये का खजाना मिलता है तो फिर तो बेहोश ही हो जाते हैं ......दोस्तों मुझे गर्व है के इन तीन हजार पोस्टों के लेखन के सफ़र में ब्लोगिग्न की दुनिया के हर एक ब्लोगर ने मेरा साथ दिया है अगर ब्लोगर भाई अपनी व्यस्तता में भूल भी गए हों तो मेने उन्हें पुकार कर उनकी मदद उनका सहयोग लिया है ..और यकीन मानिये आजकी ब्लोगिग्न की दुनिया मुझे स्वर्ग से लगने लगी इश्वर से प्रार्थना है इश्वर से कामना है के इश्वर ब्लोगिग्न के इस हँसते खेलते माहोल को नज़र न लगाये और बस यूँ हीं ज्ञानवर्धक, सुखद , मदद की मिसाल के साथ साथ घटना प्रधान और सुचना प्रधान के साथ साथ साहित्यिक तुप इस ब्लोगिंग की दुनिया का बना रहे आमीन ..आमीन ....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
'दान' का भी दिया 'दाम'
'दान' का भी दिया 'दाम'
कोटा। नगर निगम ने पिछले साल नवम्बर में बंधा स्थित गौशाला में दिए गए तिरपाल को दान का बताया, लेकिन बाद में इस तिरपाल का भुगतान कर दिया। लेखा शाखा ने इस राशि के भुगतान पर भी आपत्ति की, लेकिन फिर भी भुगतान हो गया। गत 26 नवम्बर को नगर निगम बोर्ड के कार्यकाल पूरा होने पर महापौर रत्ना जैन ने पार्षदों के साथ बंधा स्थित गौशाला का निरीक्षण किया था। यहां पर पशुओं के सर्दी से बचाव के लिए महापौर ने 105 नग तिरपाल दिए थे।
लेखा की आपत्ति
गत अप्रेल में लेखा विभाग ने खरीद पर आपत्ति करते हुए कहा कि यह संस्था राज्य सरकार का उपक्रम नहीं है, जिससे सीधे तौर पर आपूर्ति ली जा सके। सीधे तौर पर आपूर्ति लेने के लिए कोटा जिला सहकारी उपभोक्ता होलसेल भंडार लिमिटेड ही अधिकृत है। दस हजार रूपए से अधिक की राशि की खरीद या आपूर्ति खुली निविदा के माध्यम से ली जानी चाहिए थी। बाद में इस बिल के भुगतान के लिए रास्ता निकाल लिया गया और उसमें से सर्विस टैक्स और सर्विस चार्ज कम करते हुए मई में संस्था को 32 हजार 413 रूपए का भुगतान कर दिया गया ।
कुछ ही दान के थे
सिर्फ कुछ तिरपाल ही दान के थे। अन्य तिरपाल के लिए दानदाता नहीं मिले, इसलिए फर्म को राशि का भुगतान किया गया।
-रत्ना जैन, महापौर
महापौर ने पहले तो तिरपाल को दान का बताकर आमजन को गुमराह किया, उसके बाद एक फर्म को लाभ पहंुचाने के लिए गुपचुप तरीके से भुगतान करा दिया। यह निगम के रूपयों के अपव्यय के साथ नियमों के विरूद्ध भी है।
-गोपालराम मंडा, पार्षद
सरकार व गुर्जर प्रतिनिधियों में बाचतीत शुरू
सरकार व गुर्जर प्रतिनिधियों में बाचतीत शुरू
जयपुर । राज्य सरकार की मंत्रिमंडलीय कमेटी और गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के सदस्यों के बीच बातचीत शुरू हो गई है। शासन सचिवालय के कांफ्रेंस हॉल में हो रही बातचीत में गुर्जर समुदाय के प्रतिनिघि शामिल हुए हैं जबकि सरकार की ओर से गृह मंत्री शांति धारीवाल, जितेंद्र सिंह व कई आला अघिकारी वार्ता में शामिल हैं।
कर्नल बैंसला के बातचीत में शामिल होने के आसार थे लेकिन वे वार्ता मे भाग लेने नहंी पहुंचे।
सरकार और 51 सदस्यीय प्रतिनिघिमंडल के बीच वार्ता में विशेष पिछड़ा वर्ग में बकाया चार फीसदी आरक्षण और आंदोलन के दौरान गिरफ्तार गुर्जर समाज के लोगों के खिलाफ मुकदमे वापस लेने पर प्रमुखता से चर्चा होगी। इस मामले पर चर्चा करने के लिए राइका और बंजारा समुदाय के प्रतिनिधि भी वार्ता में शामिल हुए हैं।
इससे पहले राज्य सरकार ने गृहमंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय समिति ने वार्ता की रूपरेखा पर चर्चा की। गुर्जर आरक्षण संघष्ाü समिति के प्रवक्ता डॉ. रूप सिंह ने बताया कि समिति के सदस्य शुक्रवार को जयपुर पहुंच गए थे। समिति अपनी तेरह सूत्रीय मांगों पर सरकार के प्रतिनिघियों के साथ बिन्दुवार चर्चा करेगी।
सच्चाई और कठिनाई का साथ... 'चोली दामन' का है!
सच्चाई और कठिनाई का साथ... 'चोली दामन' का है!
इतिहास के मध्यकाल की बात है। जब समाज में में तरह-तरह की बुराइयां बढ़ रही थीं। समाज में नैतिकता और इंसानियत का दिनोंदिन पतन होता जा रहा था। राजतंत्र भ्रष्टाचारियों और विलासियों के हाथ की कठपुतली बन गया था। ऐसे में एक संत ने समाज सुधार का कार्य प्रारंभ किया। कुछ लोगों ने साथ दिया तो कुछ विरोधी भी हो गए। यहां तक समाज के कुछ भ्रष्ट लोगों ने उन संत के चरित्र को ही बदनाम करने की अफवाहें फेलाना शुरु कर दिया।
समाज में उन संत की बुराईयां सुनकर उनके शिष्य को बुरा लगा। शिष्य ने जाकर अपने गुरु से कहा कि गुरुदेव! आप तो भगवान के इतने करीब हैं, उनसे कहकर आपके बारे में हो रहे दुष्प्रचार को बंद क्यों नहीं करवा देते? जिन लोगों के लिये आप इतना कुछ कर रहे हैं उन्हें इसकी कद्र ही नहीं मालुम तो ऐसे लोगों के लिये समाज सुधार का काम करना ही बेकार है।
शिष्य की बातों को सुनकर वे संत मुस्कुराते हुए बोले- बेटा! तुम्हारे प्रश्र का जवाब में अवश्य दूंगा लेकिन पहले तुम यह हीरा लेकर बाजार जाओ, और शब्जी बाजार तथा जोहरी बाजार दोनों जगह जाकर इस हीरे की कीमत पूछ कर आओ। कुछ समय बाद शिष्य बाजार से लौटा और बोला- शब्जी बाजार में तो इस हीरे को कोई 1 हाजार से अधिक में खरीदने के लिये तैयार ही नहीं था, जबकि जौहरी बाजार में इस हीरे को कई जोहरी लाखों रुपये देकर हाथों-हाथ खरीदने के लिये तैयार थे।
संत हंसते हुए बोले- बेटा! तुमने जो प्रश्र पूछा था उसका सही जवाब इसी घटना में छुपा हुआ है। बेटा! अच्छे कार्य भी हीरे की तरह अनमोल होते हैं, लेकिन उनकी कीमत जौहरी के जैसा कोई पारखी श्रेष्ठ सज्जन व्यक्ति ही जान पाता है। साधारण इंसान अच्छे कर्मों की अहमियत नहीं जान पाते तथा बुराई के रास्ते पर चलने वाले लोग तो अच्छे कार्य करने वाले इंसान को अपना दुश्मन समझकर उसकी झूठी आलोचना या बुराई ही किया करते हैं।
... संत द्वारा अपने शिष्य को कही यह गहरी बात हमें भी हमेशा याद रखना चाहिये कि जब हम कुछ अच्छाई और सच्चाई का कार्य करने निकलें तो लोगों की निंदा की बिल्कुल भी परवाह नहीं करना चाहिये।
पत्नी को किया था प्रताड़ित अब करो स्कूल की सेवा'
पत्नी को किया था प्रताड़ित अब करो स्कूल की सेवा'
नई दिल्ली.भारतीय मूल के एक कनाडाई नागरिक को दिल्ली की एक अदालत ने छह माह तक दृष्टिहीनों के स्कूल में सेवा करने की सजा सुनाई है। एनआरआई पर अपनी पत्नी को शादी के तुरंत बाद प्रताड़ित करने का दोषी पाया गया है।
कनाडा में र्से के रहने वाले पवन दास के वकील ने कहा, उनका मुवक्किल पिछले 11 महीने से जेल में है। अत: उसके मामले में नरमी दिखाई जाए। लेकिन अतिरिक्त सेशन जज कामिनी लाउ ने पवन को इस मामले में दिल्ली किंग्सवे कैंप स्थित दृष्टिहीनों के स्कूल में छह माह सेवा करने का आदेश दिया।
लाउ ने दास को दोषी ठहराते हुए कहा, कि उसने महिला से झूठे वादे किए। शादी के बाद दिल्ली से कनाडा पहुंचने पर उसने अपनी पत्नी पर शारीरिक, मानसिक रूप से परेशान किया।
ये था मामला :
कनाडा के रहने वाले पवन दास ने दिल्ली में एक तलाकशुदा रिचा से शादी की थी। शादी के बाद रिचा पवन के साथ कनाडा गईं। वहां पवन ने उस पर अत्याचार शुरू कर दिए। पवन के अत्याचारों से वह इतनी परेशान हो गई कि आत्महत्या करने की भी कोशिश की। पुलिस ने पवन पर पत्नी के खिलाफ अत्याचार और आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया है।
महिला सांसदों ने आपा खोया, एक दूजे को जमकर धोया
महिला सांसदों ने आपा खोया, एक दूजे को जमकर धोया
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वर्तमान में अफगानी सांसद और पूर्व फौजी जनरल रहीं नाज़िफा जाकी ने अपना एक जूता निकाल,एक अन्य सांसद हमीदा अहमदजई पर दे मारा।
अचानक हुई इस घटना से सकपकाई हमीदा ने भी पानी से भरी एक बोतल जाकी के सिर पर दे मारी। इससे बात और बढ़ गई हालांकि साथी सांसदों ने जल्द ही दोनों को शांत करा लिया लेकिन तब तक दुनिया भर में अफगानिस्तान में हुई इस घटना का पता चल चुका था।
अन्ना ने कहा, ‘16 अगस्त से शुरू हो रहा अनशन देश में आज़ादी का दूसरा आंदोलन साबित होगा
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उन्होंने मुंबई में शनिवार को कहा, ‘सूचना के अधिकार जैसे कानून सिर्फ सिविल सोसाइटी के दबाव की वजह से पास हुए थे। अगर हमारी कोशिशें (सरकार पर लोकपाल को लेकर दबाव) ब्लैकमेलिंग हैं, तो यह मैं ज़िंदगी भर करता रहूंगा।’
अन्ना ने कहा, ‘16 अगस्त से शुरू हो रहा अनशन देश में आज़ादी का दूसरा आंदोलन साबित होगा। वे कहते हैं कि बाबा रामदेव के अनशन की तरह वे मेरे आंदोलन को भी कुचल देंगे। क्या यह महात्मा गांधी और कामराज की कांग्रेस है? यह लोकतंत्र नहीं है, बल्कि तानाशाही है। मैं गोलियां और लाठियां खाने को तैयार हूं।’ उन्होंने कहा कि जब सरकार लोगों की उम्मीदों के मुताबिक काम नहीं करती है तो दबाव बढ़ना स्वाभाविक है। लोकपाल विधेयक संसद में आठ बार आ चुका है, लेकिन उससे अब तक कुछ भी हासिल नहीं हो सका है।
सिब्बल ने लोकपाल ड्राफ्ट समिति में शामिल सिविल सोसाइटी के लोगों को चुना हुआ नहीं माना था। सिब्बल की इस टिप्पणी पर हजारे ने कहा, ‘सिविल सोसाइटी मालिक है। मंत्री और नौकरशाह नौकर हैं।’ गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता ने कपिल सिब्बल की उस आलोचना को खारिज कर दिया, जिसमें केंद्रीय मंत्री ने लोकपाल बिल के मुद्दे पर सिविल सोसाइटी की आलोचना की थी। उन्होंने कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार को याद दिलाया कि पंचायत राज व्यवस्था के लिए संविधान में संशोधन के लिए राजीव गांधी ने देश के किसानों से उनकी राय ली थी। हजारे के मुताबिक राजीव गांधी ने देश के पांच लाख गांवों के प्रधानों को चिट्ठी लिखकर इस बारे में पूछा था।
इससे पहले हजारे ने लोगों से अपील की थी कि वे 15 अगस्त रात आठ बजे से नौ बजे के बीच अपने घरों में लाइट बुझाए रखें। हजारे ने इस अभियान के बारे में कहा, ‘आज़ादी के 62 सालों के बाद भी देश अंधेरे में है। हम 62 साल पहले अंग्रेजी हुकूमत से तो आज़ाद हो गए थे, लेकिन भ्रष्टाचार और राजनेताओं के अत्याचार से अब भी हमारी मुक्ति बाकी है। यह अभियान उसी अंधेरे के विरोध में है।’
फेसबुक पर अभियान को समर्थन
भ्रष्टाचार के विरोध में हजारे के एक घंटे तक बत्तियां बुझाने के अभियान को फेसबुक जैसी सोशल वेबसाइटों पर भी समर्थन मिल रहा है। इसके लिए फेसबुक पर एक पेज तैयार किया गया है और लोगों से इस अभियान का समर्थन करने की अपील की गई है।
100 सामाजिक कार्यकर्ताओं ने लिया हजारे के सर्मथन का संकल्प
देश भर में चल रहे अलग-अलग आंदोलनों में बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे करीब 100 सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मजबूत लोकपाल कानून बनवाने की कोशिश कर रहे अन्ना हजारे का समर्थन करने का संकल्प लिया। दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में इकट्ठा हुए इन कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह ‘टीम अन्ना’ नहीं बल्कि ‘टीम इंडिया’ है।
नई दिल्ली में मौजूद गांधी शांति प्रतिष्ठान में दो दिनों तक चले विचार-विमर्श के बाद कार्यकर्ताओं ने लोकपाल के हक देश के दूरदराज के इलाकों में लोकपाल की मुहिम ले जाने का फैसला किया है। कार्यकर्ताओं का मानना है कि ऐसा करने से अन्ना हजारे के लिए बड़ा समर्थक वर्ग तैयार किया जा सकेगा। इस बैठक में हिस्सा लेने वाले प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ताओं में पीवी राजगोपाल, मधु किश्वर, मेधा पाटकर, आर गीता, राजेंद्र सिंह, योगेंद्र यादव और मयंक गांधी शामिल हैं।
अब तक क्या हुआ है
अप्रैल में मजबूत लोकपाल की मांग को लेकर हजारे दिल्ली के जंतर मंतर पर आमरण अनशन पर बैठे थे। कुछ दिनों की हड़ताल के बाद सरकार हजारे की मांग के आगे झुक गई और उसने सिविल सोसाइटी के सदस्यों और सरकार की तरफ से पांच-पांच प्रतिनिधियों को मिलाकर दस सदस्यों वाली लोकपाल ड्राफ्ट कमिटी गठित की। इस कमिटी में शामिल सिविल सोसाइटी और सरकार के प्रतिनिधियों ने अलग-अलग सिफारिशें तैयार की हैं। सरकार का कहना है कि वह दोनों ड्राफ्ट संसद में मंजूरी के लिए पेश करेगी। इस बीच, केंद्र विभिन्न राजनीतिक दलों से लोकपाल के लिए प्रस्तावित ड्राफ्ट पर चर्चा कर रहा है। वहीं, सिविल सोसाइटी के सदस्य भी अपने ड्राफ्ट के साथ पार्टियों का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं
2जी घोटाला: अब चिदंबरम पर गिरेगी गाज
2जी घोटाला: अब चिदंबरम पर गिरेगी गाज
डीईए का प्रजेंटेशन वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी और उनके पूर्ववर्ती, गृहमंत्री पी. चिदंबरम के बीच कड़वाहट और बढ़ा सकता है। डीईए ने कहा है कि 9 जनवरी 2008 को वित्त मंत्रालय के एक अतिरिक्त सचिव ने स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के लिए नीलामी प्रक्रिया का अनुसरण करने का सुझाव दिया था। 15 जनवरी को वित्तमंत्री ने प्रधानमंत्री को नोट भेजा था कि सरकार भविष्य के सभी स्पेक्ट्रम आवंटन नीलामी प्रक्रिया के जरिए ही करे। पुराने मामलों को बंद अध्याय माना जाए। साथ ही अतिरिक्त सचिव के सुझाव का पत्र भी भेजा गया था।
राजा के साथ बैठक में क्या हुआ?
2जी स्पेक्ट्रम मुद्दे पर 29 मई 2008 को तत्कालीन वित्तमंत्री पी. चिदंबरम और तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए. राजा की बैठक हुई थी। कथित तौर पर इस मुलाकात में स्पेक्ट्रम आवंटन की प्रक्रिया को लेकर चर्चा हुई थी। इस बैठक के मिनिट्स नहीं रखे गए, जिस पर कई सवाल उठ रहे हैं। चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने राजा से मतभेदों को दूर करने, लाइसेंस नियमों, विनियमों और प्रक्रिया की उपेक्षा करने के मुद्दे को ढंकने पर चर्चा की।
पीएसी ने भी खड़ा किया था कठघरे में
प्रधानमंत्री को भेजे गए नोट को लेकर चिदंबरम संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के निशाने पर आ चुके हैं। पीएसी अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने अपनी मसौदा रिपोर्ट में कहा था कि जनता के पैसे का संरक्षक वित्तमंत्री को इस मामले में जांच करवाने की सलाह देनी थी। लेकिन इसके स्थान पर मुद्दे को खत्म समझे जाने की सिफारिश कर दी। चिदंबरम ने इस आरोप पर कहा था कि उनके नोट का गलत मतलब निकाला गया है। उन्होंने इंट्री फीस के लिए यह सुझाव नहीं दिया था बल्कि मात्र स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क पर यह बात कही थी।
सोनिया से मिले मनमोहन, करुणा से प्रणव: कैबिनेट में शामिल होंगे लालू और बालू?
सोनिया से मिले मनमोहन, करुणा से प्रणव: कैबिनेट में शामिल होंगे लालू और बालू?
मारन के इस्तीफे के बाद बदले सियासी घटनाक्रम पर चर्चा के लिए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने आज चेन्नई में डीएमके मुखिया एम करुणानिधि से मुलाकात की। डीएमके मुखिया से मुलाकात के बाद प्रणब ने पत्रकारों से बातचीत में साफ किया कि केंद्र में कांग्रेस-डीएमके गठबंधन को लेकर कोई समस्या नहीं है। लेकिन मारन के स्थान पर किसे केंद्र में लिया जाएगा, इस बारे में तस्वीर अभी साफ नहीं हो सकी है। प्रणब ने इस बारे में पूछे गए सवाल पर चुप्पी साध ली। प्रणब-करुणानिधि मुलाकात के दौरान मारन भी मौजूद थे। ऐसी संभावना है कि करुणानिधि से मुलाकात के दौरान मुखर्जी मारन के स्थान पर लाए जाने वाले व्यक्ति के बारे में उनसे उनकी पसंद पूछेंगे। डीएमके सूत्रों ने इस बात के संकेत दिए हैं कि करुणानिधि मारन के स्थान पर किसी को भेजने के इच्छुक नहीं हैं।
सियासी गलियारे में ऐसी चर्चा चल रही हैं कि कांग्रेस सुशासन लाने के लिए 'अवांछित' लोगों को हटाने के बारे में विचार कर रही है। ऐसी चर्चा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री टी आर बालू को इस बार कैबिनेट में जगह मिल सकती है लेकिन कांग्रेस बालू के नाम पर सहमत नहीं है। बालू पर जहाजरानी मंत्री रहते हुए धांधली के कई आरोप लगे थे। उसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस पार्टी बिल्कुल नहीं चाहती कि एक दागी के हटने के बाद दूसरे दागी को कैबिनेट में जगह दी जाए। इनके अलावा रेल मंत्री का पद भी खाली पड़ा है। आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को भी मंत्रिमंडल में जगह मिलने की संभावना जताई जा रही है क्योंकि पिछले दिनों लालू की सोनिया गांधी से मुलाकात हुई थी।
कुछ नए चेहरों को इस बार कैबिनेट में शामिल करने की उम्मीद है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पीएम मनमोहन सिंह राज्यसभा से नामित सदस्य अशोक गांगुली को अपनी कैबिनेट में शामिल करना चाहते हैं। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य के कई मंत्रियों का कद बढ़ाने के बारे में भी संभावना व्यक्त की जा रही है।
केंद्रीय कैबिनेट में फेरबदल की लंबे समय से अटकलें चल रही हैं। मंत्रिमंडल में इस समय कई पद खाली हैं। ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनने के बाद से रेल और मारन के इस्तीफे के बाद से कपड़ा मंत्री के पद खाली हैं। जबकि कई मंत्रियों के पास इस समय दो मंत्रालयों के प्रभार हैं। सिब्बल दूरसंचार के साथ साथ इस समय मानव संसाधन विकास मंत्रालय का काम भी देख रहे हैं।
डीएमके से सांसद ए राजा के बाद अब दयानिधि मारन के 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में शामिल होने के आरोपों के बाद इनके इस्तीफे से दोनों के पद खाली पड़े हैं। इनके पद खाली होने के बाद डीएमके कोटे से किसी सांसद को कैबिनेट में शामिल किए जाने की संभावना है। उम्मीद है कि सिब्बल से दूरसंचार मंत्रालय वापस लिया जा सकता है। जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कपिल सिब्बल पर आरोप लगाया है कि उन्होंने बतौर टेलिकॉम मंत्री अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशन को करीब 650 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया। हालांकि सिब्बल ने इन आरोपों से इनकार किया है।
भाई अनवर की बदोलत हिंदी ब्लोगिंग के मज़े लीजिये ................
दोस्तों आदाब .......में पिछले कई दिनों से मेरे बच्चे के एडमिशन के सिलसिले में निजी तोर पर व्यस्त था और फिर इस व्यस्तता के कारण हिंदी ब्लोगिंग में अप लोगों से साक्षात नहीं कर पा रहा था ..आपकी दुआ से अमिटी नोयडा में बी टेक कम्प्यूटर साइंस में बच्चे शाहरुख का एडमिशन होने के बाद में निश्चित हुआ और फिर से ..आप लोगों को मेरी ब्लोगिग्न की फायरिंग से परेशान करने के लियें ब्लॉग खोलकर टाईप करने की कोशिश की तो में हेरान था ..ब्लॉग का टाइपिंग बोक्स बदल चुका था ..मेने सोचा शायद मुझ से कोई बटन क्लिक हो गया है और इसीलियें यह बदलाव आया है इसलियें मेने आदत के मुताबिक भाई एस एम मासूम को पैगाम भेजा और गुजारिश की के अमन के साथ हर बार की तरह मेरा ब्लॉग ठीक कर मुझे संकट से मुक्ति दिलाओं ........इसी बीच गूगल द्वारा ट्रांसलेट सेवा बंद करने की खबरे ब्लॉग पर पढने को मिलीं में घबरा गया और सोचने लगा अब मेरा मेरे जेसे मेरे नोसिखिये भाईयों का क्या होगा ............में इसी सोच में डूबा था हताश और निराश होकर मेसेज बोक्स खोलकर कुछ मेसेज पढ़ रहा था के इसी दोरान ..चेट पर भाई डोक्टर अनवर जमाल की दहाड़ सुनाई दी .....सल्लाम ..वालेकुम सलाम हुआ और फिर अनवर भाई की डांट का में शिकार हो गया .भाई अनवर की शिकायत वाजिब थी हिंदी ब्लोगिग्न गाइड के लियें वोह बहतरीन काम कर रहे हैं और हम उन्हें मोरल सपोर्ट भी नहीं दे सके थे ..खेर गलती थी माफ़ी मांगी .हमे भाई अनवर से माफ़ी मिली ..हमने भी लोहा गरम देख कर भाई अनवर को अपनी मजबूरी बताई और गूगल ब्लॉग पर हिंदी में केसे लिखा जाये इसका समाधान पूंछा .भाई अनवर जो इन दिनों ब्लोगिग्न की दुनिया के बिग बी अमिताभ हो रहे हैं उन्होंने सहज भाव से एक लिंक दिया और तरकीब बताई लेकिन में ठहरा ठेट गंवार नोसिखिया ब्लोगर मुझे बुकमार्क भी करना नहीं आया बस फिर क्या था मेने मेरे बच्चे शाहरुख खान को तलब किया ..और शाहरुख़ खान ने भाई अनवर की तकनीक समझ कर जब ब्लॉग खोला तो उसमें हिंदी टाइपिंग शुरू हो गयी थी मुझे घर बेठे भाई अनवर ने फिर से हिंदी में ब्लोगिग्न कर अपने जोहर दिखाने का मोका दे दिया था ..में भाई अनवर को शुक्रिया कहने जब मेसेज बोक्स में पहुंचा तो भाई अनवर एक बढ़ी शख्सियत वाले इंसान की तरह किसी की मदद कर खुदा हाफ़िज़ कर चल दिए थे में सोचता रहा के भाई डॉक्टर अनवर जमाल ..एस एम मासूम भाई ..भाई ललित शर्मा ..............भाई दिनेश जी द्विवेदी ..भाई पाबला जी सहित कई ऐसे स्तम्भ हैं जिनकी वजह से ब्लोगर भाइयों को किसी भी समस्या के लियें परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि हमारे भाइयों के पास हर समस्या का समाधान है तो भाई अनवर का शुक्रिया ........................... http://www.hindi2tech.com/ 2011/06/blog-post_18.html
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