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16 जुलाई 2011

छोटे पड़ रहे कानून के हाथ



छोटे पड़ रहे कानून के हाथ


kota news

कोटा। कहते हैं 'कानून' के हाथ बहुत लंबे होते हैं, लेकिन राज्य पुलिस के हाथ उन 57 हजार से ज्यादा 'भगोड़ों' तक नहीं पहुंच पा रहे, जो अरसे से न्यायालयों में वांछित हैं। इनके खिलाफ राज्य की अदालतों से विभिन्न श्रेणी के वारंट जारी हैं। इतनी बड़ी तादाद में कानून का उल्लंघन करने वाले लोग 'बाहर' हों तो चेन-ओ-अमन की कल्पना कैसे संभव है? सूबे में सर्वाधिक वारंटी कोटा रेंज पुलिस के हैं। दूसरे और तीसरे पायदान पर राजधानी स्थित कमिश्नरेट व जयपुर रेंज है।
सिर्फ कागज काले
आंकड़ों के अनुसार राज्यभर में 49476 स्थायी वारंटी, 3261 उद्घोषित अपराधी व 4406 भगोड़े खुलेआम घूम रहे हैं। इन 57 हजार 143 भगोड़ों को लेकर बरसों से सिर्फ कागज ही काले हो रहे हैं। वारंट न्यायालय से थानों और थानों से अदालत के चक्कर काट रहे हैं। समय-समय पर बतौर टॉस्क राज्य पुलिस के मुखिया ने पूरे प्रदेश में इनकी धरपकड़ को लेकर अभियान भी चलाए, लेकिन यह आंकड़ा कम होने का नाम नहीं ले रहा।
आखिर कैसे पकड़ें?
वारंटियों की धरपकड़ को लेकर राज्य के थानों की पुलिस की अपनी समस्याएं हैं। कोटा की कुन्हाड़ी पुलिस की समस्या को ही लें। कुन्हाड़ी थाना इलाके में करीब 25 वर्ष पहले थर्मल के निर्माण के समय सैकड़ों की तादाद में देश के विभिन्न राज्यों के श्रमिकों ने काम किया। ये श्रमिक अरसे तक यहां रहे और छुटपुट अपराध भी किए। इनमें से कई के खिलाफ स्थायी वारंट जारी हैं, लेकिन जब इनके बताए पतों पर पुलिस पहुंचती है तो वहां ये नहीं मिलते। सामने आता है कि पता ही गलत लिखवा रखा था।
राज्य की रेंजवार स्थिति
रेंज स्था.वा. उ. अ. भगोड़े कुल
अजमेर 6749 407 320 7476
भरतपुर 5819 620 751 7190
बीकानेर 3479 191 347 4017
कोटा 8002 761 546 9309
उदयपुर 6638 290 628 7556
जयपुर कमि. 7363 229 665 8257
जयपुर रेंज 7551 519 762 8832
जोधपुर कमि. 586 75 103 764
जोधपुर रेंज 1986 159 257 2402
(नोट : स्था. वा. से तात्पर्य स्थायी वारंटियों और उ. अ. से तात्पर्य उद्घोषित अपराधियों से हैं।)
कैसे प्राप्त होते हैं वारंट
स्थायी वारंटी : न्यायालय से बार-बार तारीख-पेशियों पर अनुपस्थित रहने और नहीं मिलने की स्थिति में पुलिस न्यायालय से यह वारंट प्राप्त करती है। इसके तहत बार-बार वारंट जारी कराने की जरूरत नहीं होती।
उद्घोषित अपराधी : बरसों तक नहीं मिलने के बाद पुलिस न्यायालय के माध्यम से ऎसे अपराधियों की उद्घोषणा जारी करवाती है। ऎसे अपराधियों की सम्पत्ति कुर्क करने का भी प्रावधान है।
भगोड़े : किसी भी मुकदमे में लिप्तता पाए जाने पर ऎसे फरार अपराधी के खिलाफ पुलिस चालान तो पेश कर देती है, लेकिन उसके खिलाफ दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 299 के तहत वारंट प्राप्त कर लेती है।

प्रतिस्पर्धा में गलत राह तो नहीं

प्रतिस्पर्धा में गलत राह तो नहीं


world news

लंदन। ब्रिटिश पत्रकारिकता के लिए यह समय आत्मविश्लेषण करने का है। चौबीसों घंटे कवरेज और गलाकाट प्रतिस्पर्धा के इस दौर में कहीं हम खबर की खोज में गलत रास्ता तो नहीं चुन रहे, यह विचारणीय विषय है। लंदन स्कूल ऑफ इकॉनामिक्स में हुई एक बहस में यह तथ्य सामने आए। ब्रिटेन के सबसे मशहूर और पुराने अखबार न्यूज ऑफ द वल्र्ड के बंद होने के बाद यहां के मीडिया जगत में बवाल मचा हुआ है। इस अखबार ने गैर कानूनी तरीके से फोन हैकिंग कराई और यह इसलिए कराया गया ताकि सनसनीखेज खबरें निकाली जा सकें।
 बहस के दौरान सबसे पहले तो न्यूज ऑफ द वल्र्ड की इस करतूत की निंदा की गई। टाइम्स के स्तंभकार डेविड एरोनोविच ने कहा कि यह समय आत्मवलोकन का है। प्रतिस्पर्धा के इस दौर में कहीं हम मूल उद्देश्य से विमुख तो नहीं हो रहे। बहस के दौरान मीडिया पर बंदिशों का विरोध किया गया। ब्रिटेन के मशहूर राजनीतिक ब्लॉगर पॉल स्टेंस ने कहा कि न्यूज ऑफ द वल्र्ड प्रकरण में जो सच सामने आया है, वह कोई नई बात नहीं है।
किसी न किसी रूप में मीडिया संस्थान ऎसा कुछ गलत करते हैं, जिसकी सराहना नहीं की जा सकती। चर्चा में आमंत्रित वक्ताओं ने एक सुर से सरकारी नियमों की जगह मीडिया से ही अपने गिरेबां में झांकने और रणनीति पर पुर्नविचार की अपील की। मीडिया स्टेंडर्ड के निदेशक मार्टिन मूर ने कहा कि पत्रकारों की जिम्मेदारी किसी भी अन्य व्यक्ति के मुकाबले कहीं ज्यादा है। उनसे ईमानदारी की अपेक्षा की जाती है। वक्ताओं ने कहा कि हमें स्वयं के लिए दिशा निर्देश तैयार करने होंगे ताकि हमारी विश्वसनीयता कामय रह सके।
मर्डोक की सार्वजनिक माफी
ब्रिटेन के कई अखबारों में शनिवार को रूपर्ट मर्डोक की तरफ से पूरे पन्ने का माफीनामा छपा है। ये माफीनामा इस शीर्षक के साथ छपा है-हमें खेद है। ये माफीनामा द गार्डियन अखबार में भी छपा है जिसने सबसे पहले इस फोन हैकिंग मामले का पर्दाफाश किया था।
अविनाश कल्ला

युवाओं को अघिक मौका मिले- राहुल

युवाओं को अघिक मौका मिले- राहुल


rahul gandhi
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने साफ किया है कि प्रदेश की बनने वाली नई कार्यकारिणी में युवा व जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं को अघिक मौका दिया जाए। 

यही नहीं राहुल ने प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि संगठन को केंद्र व राज्य सरकार की उपलब्घियों का जोरदार ढंग से प्रचार करना चाहिए। यह निर्देश राहुल गांधी ने शुक्रवार को राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रभान को मुलाकात के दौरान दिए। राहुल ने उनके राजस्थान दौरे के न्योते को स्वीकार किया। प्रदेश कांग्रेस जल्द ही राजस्थान में आम जनसभा के साथ -साथ एक किसान रैली भी आयोजित करेगी।राहुल के निर्देशों के बाद समझा जा रहा है कि नई कार्यकारिणी में इस बार युवाओं को अघिक प्रतिनिघित्व मिलेगा।

जहां नई कार्यकारिणी के गठन का सवाल है तो उसमें समय लग सकता है। हालांकि बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसी के मद्देनजर चन्द्रभान ने प्रदेश प्रभारी पार्टी सचिव विवेक बंसल के साथ विचार- विमर्श किया। इसके साथ उन्होंने लोकसभा में सदन के उप नेता शीशराम ओला, केंद्रीय राज्यमंत्री सचिन पायलट व जितेंद्र सिंह समेत कई नेताओं से भी मुलाकात की। चन्द्रभान ने पत्रिका को बताया कि कार्यकारिणी में भले ही थोड़ा समय लगेगा, लेकिन समन्वय समिति जल्द ही गठित कर दी जाएगी। राहुल ने उनसे राज्य के मौजूदा हालातों के साथ-साथ सरकार के कामकाज की भी जानकारी ली। उन्होंने पार्टी की विचारधार को आम जन के बीच ले जाने को कहा।

सुनवाई शुरू
इस बीच, केन्द्रीय चुनाव प्राघिकरण ने जिलाध्यक्षों व ब्लाक अध्यक्षों की नियुक्तियों की शिकायतों को लेकर सुनवाई शुरू कर दी है। राजस्थान से भी बड़ी संख्या में शिकायतें मिल रही हैं। शुक्रवार को मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड के नेताओं की सुनवाई हुई। प्राघिकरण के अनुसार अगले हफ्ते राजस्थान को लेकर सुनवाई हो सकती है। प्राघिकरण के अध्यक्ष आस्कर फर्नाडीस स्वयं मामलों को देख रहे हैं।

बेटे से हुई झड़प करूणा ने घर छोड़ा

बेटे से हुई झड़प करूणा ने घर छोड़ा


india news

चेन्नई। विधानसभा चुनाव में मिली शिकस्त और 2जी मामले में पार्टी नेता और परिवार के सदस्यों के फंसने के बाद डीएमके प्रमुख करूणानिधि के परिवार में घमासान मचा हुआ है। करूणा पर पार्टी का कामकाज चलाने का तौर तरीका बदलने का दबाव बढ़ता जा रहा है। कहासुनी और आपसी खींचतान की नौबत यहां तक आ चुकी है कि सप्ताहांत छोटे बेटे और संभावित उत्तराधिकारी एम.के. स्टालिन से बहस के बाद करूणानिधि को घर छोड़ना पड़ा।
करूणानिधि आम तौर पर कहीं जाते हैं तो उनके साथ सलाहकारों और सहयोगियों का पूरा लाव-लश्कर होता है, लेकिन चेन्नई से 40 किमी दूर, महाबलीपुरम के एक रिसॉर्ट में करूणा सिर्फ अपने निजी सचिव के शनमुगानाथन के साथ ही पहुंचे। हालांकि शाम को 87 वर्षीय करूणानिधि घर वापस आ गए।
सूत्रों के मुताबिक स्टालिन से करीब 30 मिनट हुई बहस के बाद करूणा ने सामान समेटा और घर से निकल गए। सूत्रों के मुताबिक स्टालिन की बड़े भाई एम.के. अलागिरी की पार्टी की राजनीति में दखलअंदाजी और कनिमोझी की 2जी घोटाले में भागीदारी को लेकर पिता से बहस हुई। डीएमके मुख्यालय अन्ना अरिवलयम में हुई कहासुनी इतनी बढ़ गई कि अंत में स्टालिन वहां से बाहर निकल गए और करूणा महाबलीपुरम चले गए।

धमाकों में हो सकता है हिंदू संगठनों का हाथ

धमाकों में हो सकता है हिंदू संगठनों का हाथ


diggi says hindu behind blast
नई दिल्ली। मुंबई में हुए धमाकों को लेकर जांच एजेंसियों को अभी तक भले ही कोई जानकारी हासिल न हुई हो लेकिन कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह को धमाकों में हिंदू संगठनों का हाथ नजर आ रहा है। दिग्विजय सिंह का कहना है कि मुंबई हमलों में हिंदू संगठनों का हाथ हो सकता है। जब दिग्विजय सिंह से पूछा गया कि क्या इन धमाकों में हिंदू संगठनों का हाथ हो सकता है तो उन्होंने कहा कि इससे इनकार नहीं किया जा सकता।

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि हमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी और महाराष्ट्र एटीएस को अपना काम करने देना चाहिए लेकिन हम किसी भी चीज से इनकार नहीं कर सकते। दिग्विजय ने कहा कि संघ की आतंकी गतिविधियों में लिप्तता की बात को वह कोर्ट में कहने को तैयार है। दिग्विजय ने कहा कि अगर कोर्ट उन्हें बुलाती है तो उनके पास जो कुछ भी जानकारी है वह अदालत को बताएंगे। दिग्विजय सिंह का कहना है कि जब वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तब उन्हें संघ के आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की जानकारी मिली थी।

अपनी ही मां का गला काट रहे थे, वो भी सिर्फ इसलिए कि...

अपनी ही मां का गला काट रहे थे, वो भी सिर्फ इसलिए कि...

 
 
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ढाका.बांग्लादेश के एक गांव में दो युवकों ने पिता से तलाक के बाद दूसरे आदमी से शादी करने के कारण अपनी मां की हत्या कर दी।
समाचार पत्र द डेली स्टार के मुताबिक यह घटना गुरुवार को बांग्लादेश के सदर जिले के धालदोप गांव में घटित हुई। पुलिस के अनुसार कोहिनूर बेगम 41, ने मीरपुर निवासी जुरान अलि भुईयां से 24 साल पहले निकाह किया था, जिनके पांच बच्चे थे। बाद में जुरान और कोहिनूर का तलाक हो गया।
तलाक के बाद कोहिनूर ने घोरचारा गांव के निवासी रहमत अलि मंडल से ब्याह रचा लिया। इस शादी से कोहिनूर के दोनों बेटे करीम 20, और सलाम,18 खुश नहीं थे। दोनों बेटे कोहिनूर को पिता के घर ले गये, जहां एकांत में ले जा कर धारदार हथियार से गला रेंत कर उसकी हत्या कर दी।
कोहिनूर की चीख सुनकर आसपास के लोग दौड़ कर घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने करीम और सलाम को मौका-ए-वारदात पर ही दबोच लिया।

तब समझो आ गई मौत जब इनमें न दिखे खुद की छाया

तब समझो आ गई मौत जब इनमें न दिखे खुद की छाया

जीवन का अंतिम अटल सत्य है मृत्यु। श्रीकृष्ण ने गीता में मृत्यु के संबंध में महत्वपूर्ण उपदेश दिए हैं। महाभारत युद्ध में अर्जुन ने अपने सगे-संबंधियों को देखकर धनुष-बाण रख दिए। उस श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जीवन और मृत्यु से जुड़ा गीता का ज्ञान दिया।

श्रीकृष्ण ने गीता में बताया है कि जिस व्यक्ति ने इस धरती पर जन्म लिया उसे एक दिन मृत्यु अवश्य ही प्राप्त होगी। मानव शरीर नश्वर है और एक दिन यह अवश्य ही नष्ट भी होगा। आत्मा के संबंध में श्रीकृष्ण ने कहा है कि आत्मा अमर है और वह निश्चित समय के लिए मनुष्य का शरीर धारण करती है। इस समय अवधि के पूरा होने के बाद स्वत: ही आत्मा शरीर छोड़ देती है।

शास्त्रों के अनुसार जब मनुष्य की मृत्यु होने वाली होती है इसके कुछ दिन पूर्व से ही कई ऐसी बातें होने लगती हैं जिनसे अंदाजा लगाया जा सकता है कि व्यक्ति की मृत्यु कब होगी? वैसे तो मृत्यु के संबंध में किसी भी प्रकार की पूर्व भविष्यवाणी करना असंभव सा ही है। ज्योतिष शास्त्र से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु का संभावित दिन मालुम किया जा सकता है। इसके अलावा कुछ असामान्य घटनाएं जब घटने लगती हैं तो मृत्यु का संकट शुरू हो जाता है। शास्त्रों के अनुसार जब किसी व्यक्ति को पानी, घी, तेल में स्वयं की परछाई दिखाई देना बंद हो जाए तो उस व्यक्ति की आयु करीब 7 दिनों की शेष है। मृत्यु का समय निकट आते ही व्यक्ति की आंखें कमजोर हो जाती हैं और उन्हें ठीक से दिखाई देना बंद हो जाता है लेकिन अकाल मृत्यु के संबंध में यह बात लागू नहीं होती है।

रूस और चीन ने कराया अमेरिका पर इतिहास का सबसे बड़ा साइबर हमला!

रूस और चीन ने कराया अमेरिका पर इतिहास का सबसे बड़ा साइबर हमला!

 
 
 
वाशिंगटन.विश्व का सबसे ताकतवर देश अमेरिका अपनी सुरक्षा व्यवस्था के गढ़ पेंटागन पर साइबर हमले रोक पाने में विफल रहा। विदेशी हैकर अमेरिकी रक्षा मुख्यालय से एक-दो नहीं 24 हजार फाइलें चुरा ले जाने में सफल रहे। यह तथ्य अमेरिकी रक्षा उपमंत्री विलियम लिन ने गुरुवार (भारतीय समयानुसार शुक्रवार) को स्वीकार किया।
लिन ने कहा कि पेंटागन के अत्यधिक सुरक्षा वाले कंप्यूटरों में सेंध लगा कर हैकर ‘बेहद संवेदनशील व्यवस्थाओं के बारे में’ जानकारियां चुराने में सफल रहे। उन्होंने इसे अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा हमला बताया।
पेंटागन की यह स्वीकारोक्ति ऐसे समय में आई है जब पेंटागन ने साइबर हमले रोकने के लिए नई साइबर नीति की घोषणा की है। अलबत्ता लिन ने माना कि हैकरों को शायद पेंटागन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी क्योंकि यहां चुराने के लिए और भी ज्यादा महत्वपूर्ण जानकारी थी।
क्या हुआ चोरी
सैटेलाइट्स के डिजाइन
मानवरहित यान (यूएवी) के आधुनिकीकरण से जुड़ी जानकारी
अत्याधुनिक सैन्य तकनीक
चोरी से इन मामलों में बढ़ी चिंता
संवेदनशील तंत्रों, वैमानिकी, निगरानी तकनीक, सेटेलाइट संचार व्यवस्था, रक्षा नेटवर्क की सुरक्षा, टैंकों, लड़ाकू विमानों, युद्ध पोतों, पनडुब्बियों के कलपुर्जे।
क्या है नई रणनीति
साइबर स्पेस को जल, थल और वायु की तरह ही देखा जाएगा।
21वीं सदी में बिट्स और बाइट्स उतने ही घातक हो सकते हैं जितने बम और गोला-बारूद
यह भी हो चुका
अमेरिकी युद्धपोत के कंप्यूटर सिस्टम से रक्षा उपकरणों, अमेरिकी मिसाइल ट्रैकिंग सिस्टम और ज्वाइंट स्ट्राइक फाइटर से जुड़ी संवेदशनशील जानकारियां चुराने की कोशिश ।
किस पर शक
चीन, रूस अल-कायदा तथा उससे जुड़े आतंकी संगठन।

मुंबई ब्लास्ट: संदिग्ध आरोपी की पुलिस हिरासत में मौत

मुंबई ब्लास्ट: संदिग्ध आरोपी की पुलिस हिरासत में मौत

 

 
मुंबई. मुंबई में हुए आतंकी हमलों के सिलसिले में हिरासत में लिए गए एक संदिग्ध आतंकवादी की पुलिस से पूछताछ के दौरान मौत हो गई है। पुलिस के अनुसार पूछताछ के दौरान उसकी तबियत बिगड़ी और अस्पताल में उसकी मौत हो गई। लेकिन परिवारजनों ने पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। खूफिया सूत्रों को ये सबूत भी मिले हैं कि इंडियन मुजाहिदीन का आईएम के कई आतंकवादी पाकिस्तान में पनाह लिए हुए हैं। हैदराबाद के करीब २१ युवक इस समय कराची या फिर मध्य पूर्वी देशों में छुपे हुए हैं।
महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) ने बुधवार को हुए तिहरे बम धमाकों में किसी आत्मघाती हमलावर के शामिल होने की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि शनिवार रात तक संदिग्ध हमलावर का स्केच तैयार कर लिया जाएगा। एटीएस के हाथ इस मामले में कुछ अहम सुराग लगे हैं।  एटीएस प्रमुख राकेश मारिया ने कहा कि कुछ सुराग मिले हैं और जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है। इस बारे में उन्होंने विवरण देने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि जांच और फारेंसिक विशेषज्ञों के घटनास्थल की जांच करने के बाद जांचकर्ताओं के मुताबिक वहां कोई आत्मघाती हमलावर मौजूद नहीं था।मारिया ने कहा कि प्रत्यक्षदर्शियों से मिली जानकारी के आधार पर आज रात तक संभावित संदिग्ध का स्केच तैयार कर लिया जाएगा और उसे जांचकर्ताओं को वितरित कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों ने उस धातु के कंटेनर के कुछ टुकड़ों को प्राप्त कर लिया है जिसमें विस्फोटक रखा गया था।मारिया ने कहा कि विस्फोट के लिए अमोनियम नाइट्रेट, कच्चे तेल और डिजिटल टाइमर का इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने बताया कि विस्फोट से संबंधित जांच के तहत महाराष्ट्र एटीएस और अपराध शाखा की टीम उत्तर प्रदेश, गुजरात, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान के कई जगहों पर गई हुई है।एटीएस प्रमुख मारिया ने कहा कि वे संबंधित राज्यों की पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों की मदद ले रहे हैं। मारिया ने कहा कि कुछ आरोपी मध्यप्रदेश में रह रहे हैं और उनसे पूछताछ भी की गई है। उन्होंने कहा कि पहले से कई माड्यूल के गिरफ्तार किए गए सदस्यों से पूछताछ की गई हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस मामले को सुलझाने में कोई मदद मिल सकती है या नहीं। उन्होंने बताया कि अभी तक किसी को भी हिरासत में नहीं लिया गया है।

एटीएस प्रमुख ने कहा कि जो सीसीटीवी फुटेज मिले हैं वे धुंधले हैं और जांचकर्ता एक या दो दिन के भीतर घटनास्थल पर मौजूद सीसीटीवी कैमरे से बेहतर तस्वीर प्राप्त कर लेंगे।

जो छोड़ गए थे, वैसे ही हाल

जो छोड़ गए थे, वैसे ही हाल

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कोटा. प्रदेश पुलिस के मुखिया पुलिस महानिदेशक हरीशचंद मीणा पिछले वर्ष 17 जुलाई को कोटा आए थे। उस समय उन्होंने यहां क्राइम मीटिंग ली थी और ब्लाइंड मर्डर को खोलने सहित कई निर्देश दिए थे। उन निर्देशों पर आज तक अमल नहीं हो सका।

टीम तो बनी पर मर्डर नहीं खुले

शहर के 6 ब्लाइंड मर्डर केस सुलझाने के लिए दो अलग-अलग टीमें बनाई गई थी। कुन्हाड़ी, भीमगंजमंडी व रेलवे कॉलोनी के हत्याकांड को खोलने के लिए बनाई टीमों के काम का सुपरविजन एएसपी मुख्यालय हनुमानप्रसाद मीणा तथा वहीं दादाबाड़ी, महावीनगर व विज्ञाननगर के हत्याकांड के लिए बनाई गई टीमों का सुपरविजन एएसपी सिटी लक्ष्मण गौड़ के जिम्मे था।

ये थे निर्देश

* ब्लाइंड मर्डर खोलने के लिए विशेष दल गठित किया जाएगा जिसका काम केवल उन हत्याओं का पर्दाफाश करना होगा। जब तक यह काम पूरा नहीं हो जाता उन्हें दूसरा टास्क नहीं दिया जाएगा।

* थानों की स्थिति पर नजर रखने के लिए एसपी व डीएसपी को हर माह एक-एक थाने में पूरा दिन व रात बिताने के निर्देश दिए थे ताकि वहां की कार्य प्रणाली, स्टाफ का व्यवहार व आने वाले पीड़ितों की पीड़ा का पता चल सके।

* एसपी, एएसपी को निर्देश दिए थे कि वे अपने जवानों के साथ पारिवारिक व्यवहार रखें। उनके सुख-दुख में उनके घर जाएं। उन्हें चाय पर बुलाएं और उस दौरान विभागीय बातें करने की बजाय उनके परिवार के बारे में पूछताछ करें।

* अधिकारी खुद डंडे उठाने की बजाय सुपरविजन का काम करें।

ये हैं ब्लाइंड मर्डर

* दादाबाड़ी में पुजारी की हत्या।

* रेलवे कॉलोनी में महिला की हत्या।

* विज्ञाननगर में हत्या कर धड़ फेंकने का मामला।

* बैराज के निकट अधेड़ की हत्या।

* भीमगंजमंडी में हुई युवक की हत्या।

* विज्ञाननगर में युवती की हत्या कर शव फेंकने का मामला।

खुद पर केरोसिन डालकर दुकान पर चढ़ा दुकानदार

खुद पर केरोसिन डालकर दुकान पर चढ़ा दुकानदार


kota news
कोटा। विज्ञान नगर इलाके में शुक्रवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान एक दुकानदार खुद पर केरोसिन डालकर दुकान की छत पर चढ़ गया और आत्महत्या की धमकी दे डाली। बाद में अधिकारियों ने उसे समझाकर वापस उतार लिया। पुलिस ने उसे शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किया है। वहीं नगर विकास न्यास के तहसीलदार ने उसके खिलाफ आत्महत्या का प्रयास करने का मामला दर्ज कराया है।
129 दुकानदारों का पुनर्वास
गौरतलब है कि नगर विकास न्यास ने राजीव प्लाजा योजना में 129 दुकानदारों का पुनर्वास किया है। इसके तहत यहां अतिक्रमण हटाने का काम चल रहा है। अंतिम सात दुकानों को हटाने के लिए शुक्रवार को नगर विकास न्यास का दस्ता विज्ञान नगर पहुंचा। दस्ते के अधिकारियों ने जब मोबाइल एसेसरीज के विक्रेता हर्ष टाक से दुकान का सामान हटाने को कहा तो उसने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि पहले उसे राजीव प्लाजा योजना में दुकान दी जाए, उसके बाद ही वह अतिक्रमण हटाने देगा।
न्यास के अधिकारियों द्वारा इनकार करने पर हर्ष नाराज होकर केरोसिन से भरी पीपी लेकर दुकान के ऊपर चढ़ गया और खुद पर तेल डालकर जान देने की धमकी देने लगा। इससे वहां हंगामा हो गया। आसपास के दुकानदार एकत्र हो गए। बाद में विज्ञान नगर थानाधिकारी संजय शर्मा ने समझाकर उसे नीचे उतारा। इस बीच युवक के साथ उसके परिजन भी अड़ गए कि दुकान दी जाए।

 न्यास के उप सचिव आनंदी लाल वैष्णव ने मौके पर ही फाइलें मंगवा कर बताया कि युवक के परिवार को मुरलीधर और रामावतार के नाम से दो दुकानें पहले ही दी जा चुकी हैं। ऎसे में एक ही परिवार में तीन दुकानें नहीं दी जाएगी। उन्हाेंने बताया कि युवक का नाम सर्वे में भी शामिल नहीं है।
दो बार याचिका खारिज
युवक ने कुछ लोगों के साथ उच्च न्यायालय में एकलपीठ और खंड पीठ में दो बार याचिका दायर की थी, लेकिन दोनों ही बार उसकी याचिका खारिज हो गई। बाद में न्यास ने उसकी दुकान नहीं हटाई।

सुरंग देख चकित हुए गहलोत

सुरंग देख चकित हुए गहलोत


rajatshan
जयपुर । आमेर महल को जयगढ किले से जोडने वाली सुरंग देखकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी रोमांचित हो गए। गहलोत परिवार सहित महल के दौरे पर निकले थे। उन्होंने आमेर महल में हो रहे जीर्णोद्धार और पुरा संरक्षण के कार्यो का निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शाम करीब पांच बजे अपने परिवार सहित हाथी स्टैण्ड के रास्ते महल पहंुचे। वहां पर्यटन मंत्री बीना काक, स्थानीय विधायक गंगासहाय शर्मा, मुख्य सचिव एस.अहमद, प्रमुख पर्यटन सचिव उषा शर्मा व पुलिस कमिश्नर बी.एल.सोनी ने उनकी अगवानी की। गहलोत के साथ सांसद लालचंद कटारिया भी थे।
गहलोत ने चांदपोल गेट पर पत्थर पर उकेरे गए चित्र देखे। उन्होंने टूटी हुई हवेलियों के बारे में पूछा। एस.अहमद ने बताया कि जर्जर हवेलियों में कब्जे हो रहे हैं, जिनको लेकर कब्जेदारों को नोटिस दिया जा रहा है। विधायक गंगासहाय शर्मा ने कहा कि सागर बांध की पाल से रिसाव हो रहा है। इस पर मुख्यमंत्री ने अघिकारियों को मामले पर गौर करने के लिए कहा है।

पत्नी नहीं कर पाई साहस

त्रिपोलिया गेट के पास गहलोत तो सुरंग में प्रवेश कर गए, लेकिन उनकी पत्नी सुनीता गहलोत एकाएक साहस नहीं कर पाई। बाद में सभी को जाते देख वे भी सुरंग में प्रवेश कर गई। सुरंग से निकल कर रंग महल देखा और जनानी डयोडी होते हुए मानसिंह चौक पहंुचे। यहां प्लास्टर में दबी हुई चित्रकारी को उकेरने का काम देखा। इसके बाद शीश महल होते हुए दीवाने आम पहंुचे। उन्होंने कहा कि आमेर में जर्जर हवेलियों को कुछ पैसे वाले खरीदकर कब्जा कर रहे हैं। ऎसे लोगों के खिलाफ सरकार कार्रवाई करेगी। गहलोत ने शिलामाता मंदिर में सपरिवार पूजा अर्चना भी की।

धौलपुर से हो रही है मानव तस्करी!

धौलपुर से हो रही है मानव तस्करी!


jaipur news
जयपुर।धौलपुर। चंबल के डाकुओं के कारनामों को लेकर अक्सर चर्चित रहने वाला धौलपुर क्या मानव तस्करी का भी अड्डा बन रहा है। जिले के कोतवाली थाना इलाके में स्थित एक तथाकथित एनजीओ पर हुई छापेमारी के बाद पुलिस इस बिंदु पर गहराई से पड़ताल कर रही है। शनिवार सवेरे ही पुलिस की मानव तस्करी विरोधी यूनिट ने छापा मारकर एनजीओ संचालकों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से मानसिक रूप से बीमार छह महिलाएं और 21 पुरूष्ाों को मुक्त कराया गया है। 

मानव तस्करी विरोधी यूनिट के प्रभारी राजेंद्र डागुर ने बताया कि धौलपुर में नगमा सेवा सदन के नाम से एक स्वयं सेवी सस्था चल रही थी। इसके खिलाफ कुछ लोगों ने मानव तस्करी करने की शिकायत की थी।

इस सूचना पर यूनिट की ओर से पहले इन लोगों से पूछताछ की गई थी और आज छापा मार कर कार्रवाई की गई। कार्रवाई में संस्था संचालक नगमा बानो और धर्मेंद्र परमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। बताया जाता है कि पहले भी जब शिकायत के बाद यहां जांच की गई थी तब 32 लोग मानसिक रूप से बीमार मिले थे। उन्हे संचालक कई दिनों तक भूखा रखते थे और छोटे से कमरे में बंद रखते थे।

कोतवाली पुलिस के अनुसार क्षेत्र में नगमा सेवा केंद्र के नाम से फर्जी एनजीओ चलाया जा रहा था। छापे के दौरान ना तो संस्था का रजिस्ट्रेशन मिला और न ही वहां पर रखे गए लोगों का रिकॉर्ड। पहले भी फ्रॉड के एक मामले में हुई  पूछताछ में यहां पर 32 विक्षिप्त लोगों के होने की सूचना दी गई थी। आज छापे में 27 लोग ही मिले।

शेष्ा के बारे में संचालक संतोष्ाप्रद जवाब नहीं दे पाए हैं। इस पर उनके खिलाफ मेंटल एक्ट 341-42-43 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है। प्राथमिक पूछताछ में पुलिस के सामने आया कि धर्मेद्र और नगमा बानो सेवा केंद्र के नाम पर अनैतिक काम कराते थे।

पुलिस को पूरे मामले में मानव तस्करी का भी शक है। इन लोगों ने पूर्व में राजग्रुप के नाम से संस्था चलाई थी, जिसमें ठगी किए जाने पर इन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। दोनों संचालक इस मामले में पहले जेल भी जा चुके हैं। इन दोनों को आज मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा।

मानव तस्करी का शक तो है जांच जारी है
कोतवाली थाना पुलिस ने आज नगमा सेवा सदन के नाम से चल रही एक संस्था पर छापा मारा और दो लोगों को गिरफ्तार किया है। संस्था की गतिविघियां संदिग्ध थी और कुछ संदिग्ध लोगों के यहां पर ठहरने की सूचना भी हमें मिली है। यहां पर भर्ती कुछ लोग लापता हैं, जिससे मानव तस्करी होने का भी शक है। जांच चल रही है।
- राहुल प्रकाश, एसपी, धौलपुर

पहले शादी तो कर ले!


संता एक साल तक रो-रो कर औलाद के लिये दुआ मांगता रहा! एक दिन संता के पास फ़रिश्ता आया और बोला: तुझे वाहेगुरु का वास्ता है, पहले शादी तो कर ले!

जनगणना :121 में से 83 करोड़ लोग गांवों में

जनगणना :121 में से 83 करोड़ लोग गांवों में

 
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नई दिल्ली जनगणना के ताजा आंकड़ों के अनुसार देश की तकरीबन 69 प्रतिशत आबादी गांवों में बसती है। 121 करोड़ भारतीयों में से 83.3 करोड़ ग्रामीण इलाकों में जबकि 37.7 करोड़ शहरों में निवास करते हैं। पिछली जनगणना के मुकाबले 3.5 फीसदी लोग गांव छोड़कर शहरों में बस गए हैं।

महाराष्ट्र सबसे ज्यादा शहरी आबादी (पांच करोड़) के साथ शीर्ष पर रहा, जबकि सबसे ज्यादा ग्रामीण आबादी 15.5 करोड़ उत्तरप्रदेश में दर्ज की गई। 2001 से 2011 के दस सालों में देश की आबादी में 18.14 करोड़ की बढ़ोतरी हुई, जिसमें ग्रामीण इलाकों में 9.04 करोड़ और शहरी इलाकों में 9.10 करोड़ की वृद्धि हुई।

केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह ने शुक्रवार को यहां ग्रामीण-शहरी आबादी के प्रारंभिक तुलनात्मक आंकड़े पेश किए। रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त सी. चंद्रमौलि ने बताया कि आजादी के बाद पहली बार ग्रामीण इलाकों के मुकाबले शहरों में आबादी तेजी से बढ़ी है।

ग्रामीण-शहरी जनगणना के अस्थायी आंकड़े जारी
आजादी के बाद पहली बार शहरों में तेजी से बढ़ी आबादी
शहरों में 9.10 करोड़, गांवों में 9.04 करोड़ लोग बढ़े

शहरों में इसलिए बढ़े लोग

जनगणना आयुक्त सी. चंद्रमौलि के अनुसार, शहरों में बढ़ती आबादी का प्रमुख कारण रोजगार, अच्छी शिक्षा, बेहतर अवसर और सुविधाओं के लिए पलायन है। सामान्य रूप से शहरी आबादी का बढ़ना और नए इलाकों का शहरों में शामिल होना भी इसका प्रमुख कारण है।

शहरों में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की आबादी बढ़ी 18.62 प्रतिशत ग्रामीण आबादी उत्तरप्रदेश में और 13.48 प्रतिशत शहरी आबादी महाराष्ट्र में12.18 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ी 2001-11 के बीच ग्रामीण आबादी, 1991 की जनगणना के बाद गिराव> मेघालय में सबसे ज्यादा 27 और बिहार में 24 प्रतिशत रही ग्रामीण आबादी में विकास की रफ्तार > केरल (26 प्रतिशत), गोवा (19), नगालैंड (15) और सिक्किम (5) में 10 सालों में घट गई ग्रामीण आबाद>10 साल में बच्चों की आबादी में 50 लाख की गिरावट, गांवों में 89 लाख घटे, शहरों में 39 लाख बढ़े।जानिए कितनी है देश की जनसंख्याआबादी 2001 2011 अंतरग्रामीण (प्रतिशत) 72.19 68.84 -३.५त्नशहरी (प्रतिशत) 27.81 31.16 +३.३५त्नलिंगानुपात (ग्रामीण) 946 947 +क्.१त्न लिंगानुपात (शहरी) 900 926 +२.६त्नघटता साक्षरता अंतरग्रामीण स्त्री-पुरुष २क्क्१ २क्११
24.6त्न 19.8त्न

शहरी स्त्री-पुरुष
2001 2011

13.4 प्रतिशत 9.8 प्रतिशत

शहरी आबादी में टॉप-3 राज्य

राज्य आबादी देश में हिस्सेदारी

महाराष्ट्र 5.08 करोड 13.5 प्रतिशत

उत्तरप्रदेश 4.44 करोड़ 11.8 प्रतिशत

तमिलनाडु 3.49 करोड 9.3 प्रतिशत

ग्रामीण आबादी में टॉप-3 राज्य

राज्य आबादी देश में हिस्सेदारी

उत्तरप्रदेश 15.511 करोड 18.6 प्रतिशत

बिहार 9.207 करोड 11.1 प्रतिशत

पश्चिम बंगाल 6.221 करोड़ 7.5 प्रतिशत

हाँ में हिन्दुस्तान हूँ .............

हाँ में
हिन्दुस्तान हूँ
हां में
विश्व के
सभी देशों में
महान हूँ
हाँ में
हिन्दुस्तान हूँ
मुझ में
जो बसते हैं नेता
जो बसते हैं इंसान
उनकी हरकतों से
उनके भ्रष्टाचार से
उनके कालेधन की जमाखोरी से
आज देखलो
में कितना परेशान हूँ
हाँ में
हिंदुस्तान हूँ
मुझ में बसने वाले
मुझमे पलने बढने वाले
देखों पढ़ लिख कर
मुझे छोड़ कर
लालच में बाहर विदेश में जाकर
गुलामी कर रहे हैं
देख लो
में फिर भी हिन्दुस्तान हूँ
मुझे में कहीं नक्सली कहीं माओवादी
कहीं खालिस्तान तो कहीं रेगिस्तान है
अपने अन्दर छुपे गद्दारों की  धोखे भरी चालों से
अपने अन्दर पल बढ़ रहे
रंगा सियार राजनितिक बाजों से
आज में परेशान हूँ,में हेरान हूँ
लेकिन
देख लो
फिर भी खड़ा हूँ में अटल
क्यूंकि में हिन्दुस्तान हूँ
हाँ में हिन्दुस्तान हूँ ..........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

देश के प्रेस क्लबों में शराब क्या जायज़ है

एक गरम सवाल ....देश के अधिकतम ,अधिकतम क्या सभी प्रेस क्लबों में शराब मिल बेठ कर पीने की परम्परा है और प्रेस क्लब में गेस्ट को भी अगर बुलाकर पिलाते हैं तो उसका किराया प्रेस क्लब में अतिरिक्त जमा करवाया जाता है ..बुराई के खिलाफ संघर्ष करने वाली पत्रकारों की इस संस्था प्रेस क्लब में क्या शराब रोज़ पीना जायज़ है ..क्या इसे चालु रखना चाहिए या फिर नेतिकता के नाम पर रोक देना चाहिए ...क्रप्या डरपोक ..कमजोर दिलवाले और जो लोग कांच के घरों में रहते हैं वोह इस सवाल का जवाब ना दें .....................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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