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18 जुलाई 2011

खाध्य सुरक्षा और मानक अधिनियम अब तक लागू नहीं

जी हाँ दोस्तों देश में मिलावट युक्त खाध्य सामग्री से जनता को बचाने के मामले में जनता के स्वास्थ्य को ध्यान में रख कर खाद्ध अपमिश्रण अधिनियम को व्यापारियों के दबाव में ठंडे बस्ते में डालने के बाद अब नये निर्मित कानून खाध्य सुरक्षा और मानक अधिनियम अब तक लागू नहीं को भी अब तक लागू नहीं किया गया है नतीजन जनता परेशान है और  व्यापारी मद मस्त होकर जनता को लुट रहे हैं ................देश में वर्ष २००६ में तय्यार इस कानून पर जब राष्ट्रपति की मुहर लगी तो इसे कोई लागू करने वाला नहीं था लेकिन जनता के दबाव में अगस्त २००८ में इसे लागु किया गया ..कहने को तो इस कानून में मिलावट करने वालों को सख्त सजा देने का प्रावधान हैं .विशेष नियम बनाये गए है लेकिन इसकी रोकथाम के लियें जो समितियों के गठन का प्रावधान है उन्हें अब तक लागू नहीं किया गया है .राष्ट्रिय और राज्य स्तर पर अब तक कोई कमेटियों का गठन नहीं किया आज्ञा हैं ..अब तक खाध्य सुरक्षा आयुक्तों की घोषणा नहीं की गयी है सलाहकार समितियों का अग्थान नहीं किया गया है ....डेज़िग्नेटेड अधिकारीयों की नियुक्तियां नहीं की गयी है राजस्थान में शुद्ध के लियें युद्ध का नाटक हुआ लेकिन अब तक इस नये कानून के तहत ना तो कोई मुकदमा दर्ज हुआ और ना ही कोई कार्यवाही हुई है ..इस नए कानून में स्तर हीन सामान होने पर ५लाख जुर्माने की सजा है जबकि मिथ्या छाप वाला खाद्य पदार्थ विक्रय करने पर तीन लाख रूपये जुर्माना  है ..भ्रामक विज्ञापन देने और मिलावट युक्त सामग्री बेचने पर दस लाख रूपये का जुर्मानाहै इस तरह से कई मामलों में म्रत्यु दंड तक का प्रावधान है अब इस कानून को लागू करने के बाद भी विधि नियम के अनुसार देश और राज्यों में इसकी क्रियान्विति के लियें समितियों और आयुक्तों का गठन नहीं करना यही दर्शाता है के सरकार व्यापारियों के आगे नत मस्तक है और जनता को मिलावट युक्त भ्रामक विज्ञापनों के माध्यम से बेचे जाने वाले सामानों से होने वाले नुकसान के प्रति सरकार गम्भीर नहीं है .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मुंबई विस्फोट: तालिबान-हूजी व आईएम के सात आतंकियों ने की वारदात

 
 
अहमदाबाद मुंबई के हालिया सिलसिलेवार विस्फोट को इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम), तालिबान, एलईटी एवं बांगलादेशी आतंकी संगठन हूजी के नए आतंकी मॉडच्यूल ने किए हैं। आतंकियों की विस्फोट की साजिश को सात आतंकवादियों के गुट ने अंजाम दिया। इनमें तीन बम बनाने वाले थे। शेष चार ने बम प्लांट किए। सीसीटीवी फुटेज , ह्यूमन इंफॉर्मेशन नेटवर्क तथा गुजरात पुलिस की मदद से मुंबई पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुंची है।

सात राज्यों के आतंकवादी

साथ ही सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि इस नए आतंकी मॉडच्यूल में गुजरात-मध्यप्रदेश सहित सात राज्यों के आतंकवादी लिप्त हैं। अन्य राज्यों के नाम हैं झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, केरल एवं आंध्रप्रदेश । इन राज्यों के आतंकवादियों का मुंबई बम विस्फोट में सीधा रोल रहा है।

आतंकवादी हमलों के ठिकानों मंजर के पास जो ब्लूप्रिंट
गुप्तचर सूत्रों का कहना है कि आईएम के आतंकवादी दानिश ऊर्फ रियाज के रांची स्थित मंजर आलम नामक साथी आतंकी के पास भारत में आतंकवादी हमलों के ठिकानों की ब्लूप्रिंट है। हालांकि मंजर आलम फरार हो कर भूमिगत हो गया है। यह भी कहा जा रहा कि मंजर के पास जो ब्लूप्रिंट है उसके बारे में दानिश अनजान

‘आईएएमडीजे’ कोडनेम

गुजरात पुलिस सूत्रों के अनुसार 13 जुलाई के बम विस्फोट के बाद खुफिया विभाग ने कई फोन कॉल्स ट्रेस किए हैं। इनसे खुलासा हुआ है कि मुंबई धमाकों के षडयंत्र को आतंकियों ने ‘आईएएमडीजे’ कोडनेम दिया था। कोडनेम को डि-कोड करने की कवायद जारी है।

वारदात में भारत के ही गद्दारों का इस्तेमाल

यह भी पता चला है कि नए आतंकी मॉडच्यूल का संचालन पाकिस्तान से लश्कर-ए-तौयबा (एलईटी) एवं आईएम के शीर्ष आतंकी अमीररजा खान एवं वजीस्तिान स्थित तालिबानियों ने किया। षडयंत्र को अंजाम तक पहुंचाने का जिम्मा जिन आतंकियों को दिया गया था उन्हें किसी भी विदेशी आतंकवादी की मदद न लेने की हिदायत दी गई थी। यह हिदायत आईएसआई ने दी थी। इसलिए इस वारदात में भारत के ही गद्दारों का इस्तेमाल किया गया।

दानिश ने की थी भर्ती

आतंकी दानिश रियाझ ऊर्फ साफी द्वारा किए गए ई-मेल अथवा ड्रॉफ्ट में सेव किए गए संदेशों का सुरक्षा एजेंसियां अध्ययन कर रही हैं। गुजरात पुलिस को आशंका है कि 21 जून को पकड़े जाने से पहले भी दानिश गुजरात आ चुका था। संभव है कि इस दौरान वड़ोदरा-अहमदाबाद में जाकर इसने कट्टरवादी तत्वों से संपर्क साधा हो। इनमें से कुछ दानिश के झांसे में आकर आतंकी मॉडच्यूल का हिस्सा बन गए।

आरएसएस का दिग्विजय पर वार, सिंह ने शिवराज को दी गिरफ्तारी की चुनौती


भोपाल. कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने आज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चुनौती दी है कि यदि वे अराजकता फैला रहे हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई करें और प्रदेश में घुसने से प्रतिबंधित करें। चौहान ने सोमवार को कहा था कि दिग्विजय सिंह प्रदेश में अराजकता फैला रहे हैं। दिग्विजय सिंह के बयान पर बीजेपी और आरएसएस ने भी तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं। कांग्रेसी विधायकों ने सोमवार इसी मुद्दे पर मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्रवाई नहीं चलने दी।
दिग्विजय सिंह के मुंबई धमाकों में हिंदूवादी संगठनों का हाथ होने और आरएसएस पर बम बनाने के कारखाने चलाने के आरोपों के बाद, रविवार को बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ उज्जैन और शाजापुर में प्रदर्शन किए और काले झंडे दिखाए। लेकिन दिग्विजय सिंह के साथ चलने वाले कार्यकर्ताओं ने भी जवाबी हमला किया और आरोप के अनुसार सिंह ने खुद भी चांटे लगाए।
दिग्विजय सिंह की चुनौती
सिंह ने दिल्ली में एक पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री को उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदू आतंकवाद के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि बम फेंकने वालों के खिलाफ अवाज उठाना यदि अराजकता है तो वे ये अराजकता करते रहेंगे, प्रदेश सरकार को जो करना हो कर ले। उन्होंने कहा कि इन हमलों से वे डरने वाले नहीं हैं और वे आरएसएस के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे। उन्होंने बताया कि इस बारे में वे एक पत्र भी शिवराज सिंह चौहान को लिख रहे हैं।
चौहान ने कहा पहले ही दी थी चेतावनीमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज पत्रकारों से चर्चा में आरोप लगाया था कि दिग्विजय सिंह प्रदेश में अराजकता फैला रहे हैं। उन्होंने बताया कि सिंह को पहले ही चेतावनी दी गई थी कि वे उज्जैन और शाजापुर न जाएं क्योंकि वहां उनके खिलाफ प्रदर्शन की तैयारी है। लेकिन उन्होंने पुलिस अफसरों को कहा कि वे अपना काम करें, और उन्हें (दिग्विजय सिंह) अपना काम करने दें।
भड़की बीजेपी
बीजेपी के प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आरएसएस एक राष्ट्रवादी संगठन है और इस तरह के आरोप लगाकर दिग्विजय सिंह जांच की  दिशा बदलने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिग्विजय पार्टी हाईकमान की भाषा बोल रहे हैं।
आरएसएस ने कहा खुद की छवि खराब कर रहे हैं दिग्विजय
आरएसएस के प्रवक्ता राम माधव ने आज एक पत्रकार वार्ता में कहा कि वीडियो में जिस तरह दिग्विजय सिंह गाड़ी से उतरकर कार्यकर्ताओं का पीछा करते हुए दिख रहे हैं उससे उनकी छवि और खराब हो गई है। उन्होंने कहा कि सिंह जिस तरह से भ्रष्ट तत्वों और देश विरोधी ताकतों का समर्थन कर रहे हैं, इसके बाद उन्हें कुछ ज्यादा नहीं कहना है।
कांग्रेस ने किया किनारा
कांग्रेस ने आज पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह के बयानों से किनारा करते हुए कहा कि जांच प्रक्रिया में गैर जरूरी अटकलें लगाना और उसे सांप्रदायिक रंग देना ठीक नहीं है। मुंबई धमाकों में आरएसएस का हाथ होने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि इसकी जांच अभी चल रही है औऱ किसी भी नतीजे पर पहुंचना गलत है। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं और वे उनका स्थान नहीं ले सकते। दिग्विजय सिंह के बयानों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह उन्हीं से पूछा जाए तो बेहतर होगा।
उन्होंने कहा कि गैर जरूरी अटकलें लगाना या आतंकवाद को सांप्रदायिक दृष्टिकोण से देखना उन लोगों पर जख्म छिड़कना है, जो हमलों के दंश के साथ जीवन काटने वाले हैं।

विधानसभा में हंगामा
दिग्विजय सिंह पर ‘हमले’ को लेकर आज राज्य विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया। कांग्रेसी सदस्यों ने शून्य काल के दौरान इस मुद्दे को उठाया और सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी।
सोमवार को सदन में शून्य काल शुरु होते ही कांग्रेस के सदस्यों ने यह मामला उठाया। उन्होंने आरोप लगाए कि भगवा संगठन के कार्यकर्ताओं ने दिग्विजय सिंह पर हमला किया। कांग्रेसी सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन के गर्भगृह में पहुंच गए और वहां धरना दे दिया। इसके बाद स्पीकर ईश्वरदास रोहाणी ने विधानसभा की कार्रवाई पहले १५ मिनिट और फिर डेढ़ घंटे के लिए स्थगित कर दी। बाद में स्पीकर ने कांग्रेस के विधायकों को आश्वासन दिया कि मामले पर मंगलवार को चर्चा कराई जाएगी। इसके बाद कार्यवाही ठीक तरह से चली।
विपक्ष के नेता अजय सिंह ने कहा कि जब प्रदेश

सुप्रीम कोर्ट में तो जीत गए मगर सिस्टम ने हरा दिया

सुप्रीम कोर्ट में तो जीत गए मगर सिस्टम ने हरा दिया


 
 
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जयपुर। रोडवेज के अफसर करीब सालभर से यह नहीं सोच पा रहे कि आखिरकार एक परिचालक को सेवानिवृत्ति लाभ कैसे दिया जाए। इस परिचालक को एक मामले में दोषी मानते हुए 1976 में हटा दिया गया था। परिचालक को एक के बाद एक कानूनी लड़ाई लड़ते हुए नौकरी बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ा। आखिरकार 34 साल बाद कोर्ट ने उसके पक्ष में फैसला सुना दिया। लेकिन तब तक उनकी उम्र 63 साल की हो गई।

अब रोडवेज अफसरों की ओर से इस परिचालक के सेवानिवृत्ति के बाद जो लाभ मिलते हैं, उनके लिए लगातार इधर से उधर दौड़ाया जा रहा है। दरअसल अब जिम्मेदार इस बात का हल नहीं निकाल पा रहे हैं कि 34 साल नौकरी से अलग रहे इन परिचालक को अब नौकरी और सेवानिवृत्ति का कितना लाभ दिया जाए।

डीबी स्टार को जानकारी मिली कि रोडवेज ने 1976 में वैशाली नगर आगार में तैनात परिचालक कुंज बिहारी शर्मा को टिकटों में हेरफेर के कारण नौकरी से हटा दिया। परिचालक ने खुद को पाकसाफ बताते हुए अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में चुनौती दी। न्यायालय ने 92 में कुंज बिहारी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उसे नियमित सेवा में रहने का हकदार बताया। साथ ही रोडवेज को सभी सेवा लाभ देने का आदेश दिया। रोडवेज ने अपर जिला न्यायालय में अपील की, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके बाद रोडवेज ने उच्च न्यायालय में अपील की। यहां भी न्यायालय ने रोडवेज की याचिका खारिज कर दी, इसके बाद परिवहन निगम ने सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय किया।

काम नहीं आई राहत

मामला सुप्रीम कोर्ट में गया तो वहां से यह याचिका उच्च न्यायालय को भिजवा दी। उच्च न्यायालय ने 2002 में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के निर्णय को अपास्त कर दिया। कुंज बिहारी ने इस फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील की। याचिका स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने प्रकरण को उच्च न्यायालय को भेज दिया। उच्च न्यायालय ने इस बार कुंज बिहारी के पक्ष में फैसला सुना दिया। ऐसे में रोडवेज एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट गई, जहां जुलाई 10 में निगम की याचिका खारिज हो गई।

बच्चे का काटना पड़ा हाथ, अस्पताल पर 50 लाख जुर्माना

 
 
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जयपुर। राज्य उपभोक्ता आयोग ने 14 साल पहले इलाज में लापरवाही के कारण बच्चे का हाथ काटने के मामले में झोटवाड़ा स्थित दीप हॉस्पिटल पर 50 लाख रु. जुर्माना लगाया है। यह राशि प्रार्थी को देने के निर्देश दिए गए हैं। आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश अशोक परिहार ने झोटवाड़ा निवासी योगेश की अपील पर जिला उपभोक्ता मंच के आदेश को निरस्त करते हुए यह फैसला सुनाया।

11 फरवरी 97 को पेड़ से गिरने के कारण १३ वर्षीय योगेश के दाएं हाथ की हथेली की हड्डियां बाहर आ गई थीं। उसे दीप अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां हड्डी सैट नहीं होने के कारण प्लास्टर नहीं किया गया और घाव को ही साफ किया। 12 व 13 फरवरी को घाव को साफ कर कच्चा प्लास्टर बांध दिया। 14 फरवरी को डॉक्टर ने प्लास्टर हटाया तो वहां पर गैंगरीन (मांस का सड़ाव) होना पाया। इसके बाद उसे एसएमएस अस्पताल में दिखाया तो डॉक्टरों को उसका हाथ काटना पड़ा।

आयोग ने कहा कि यह मामला दीप अस्पताल व डॉक्टरों की गंभीर लापरवाही का है। प्रार्थी व उसके परिजनों को हुई मानसिक व आर्थिक क्षति की भरपाई संभव नहीं है।

बोफोर्स तोफ खरीदने का रास्ता साफ



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नई दिल्ली। करीब ढाई दशक के लम्बे इंतजार के बाद भारतीय सेना आखिरकार इस साल अपने तोप खाने में नई तोपें शामिल करेगी। सैन्य सूत्रों के मुताबिक, जर्जर होते जा रहे तोपखाने में इस साल अल्ट्रा लाइट हावित्जर तोपें जुड़नी शुरू हो जाएंगी और इनकी खरीददारी के लिए अमरीका के साथ निकट भविष्य में अनुबंध पर हस्ताक्षर होंगे।
सेना सीधे विदेशी सैन्य बिक्री की प्रक्रिया के जरिए अमरीका से 145 अल्ट्रा लाइट तोपें खरीद रही है। एम 777 नाम की इन तोपों की खरीददारी की होड़ में सिंगापुर काइनेटिक्स की तोपें भी शामिल थीं, लेकिन आयुध फैक्ट्री बोर्ड से जुडे सीबीआई के एक मामले में नाम आने के कारण उसे काली सूची में रखा जा चुका है। समझा जाता है कि इन तोपों का इस्तेमाल लद्दाख और पूर्वोत्तर क्षेत्र में चीन की ओर से पैदा होने वाले खतरों से निपटने के लिए मुख्य रूप से किया जाएगा।
भारतीय सेना की योजना अल्ट्रा लाइट के अलावा 158 खींच कर ले जाने वाली टाव्ड एवं व्हील्ड तोपें, 100 ट्रैक्ड तोपें और 180 व्हील्ड तोपें खरीदने की है। अल्ट्रा लाइट तोपों के परीक्षण की रिपोर्ट पहले ही लीक हो गई थी और सेना इस मामले की जांच करा रही है, लेकिन सौदे को आगे बढ़ाने में यह बात आड़े नहीं आएगी।
 भागा घोटाले का जिन्न
बोफोर्स घोटाला सामने आने से सेना ढाई दशक से एक भी नई तोप अपने तोपखाने में शामिल नहींकर पाई है। हर बार तोपों की खरीददारी उस घोटाला के जिन्न से नहीं की जा रही थी। इससे पहले भारत अमरीका के साथ विदेशी बिक्री की प्रक्रिया के माध्यम से परिवहन विमान सी-130 जे और सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों का सौदा कर चुका है। सेना के लिए इस प्रक्रिया के तहत यह पहला सौदा है, जिस पर करीब 65 करोड़ डॉलर की लागत आने की संभावना है।

एनआईए ने असीमानन्द समेत आठ को दोषी माना

एनआईए ने असीमानन्द समेत आठ को दोषी माना


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जयपुर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने स्वामी असीमानन्द, भरत भाई समेत आठ जनों को अजमेर के ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह परिसर में बम धमाके व उसकी साजिश रचने का दोषी माना है। इनके खिलाफ एनआईए ने सोमवार को विशेष अदालत (एनआईए) में चार्जशीट पेश की।  अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी।
 एनआईए ने मफरूर चल रहे संदीप डांगे, रामचन्द्र कालसागरा, सुरेश भाई, भावेश भाई, मेहुल एवं हत्या के शिकार हो चुके सुनील जोशी के खिलाफ भी चालान पेश किया। चार्जशीट में बताया कि अभियुक्तों ने अजमेर दरगाह में धमाकों का षड्यंत्र रचा। विस्फोटक सामग्री एकत्र की और फिर बम तैयार कर धमाके किए।
इनमें तीन जनों की मौत हुई थी और डेढ़ दर्जन घायल हुए थे। सोमवार को दस्तावेज चेक नहीं होने के कारण बचाव पक्ष को चार्जशीट नहीं दी जा सकी। मामले की अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी। इसी दिन बचाव पक्ष को चार्जशीट मिलने की संभावना है।
पांच का पहले ही चालान : एटीएस राजस्थान की ओर से दरगाह धमाके में अभियुक्त देवेन्द्र गुप्ता, लोकेश शर्मा उर्फ कालू, चन्द्रशेखर के खिलाफ पूर्व में चालान पेश कर चुकी है। बाद में मामला एनआईए को सौंप दिया गया। इसी साल 28 अप्रेल को एनआईए ने मामले में अन्य अभियुक्त हर्षद सोलंकी व मुकेश वासाणी के खिलाफ जयपुर स्थित विशेष अदालत (एनआईए) में चार्जशीट पेश की। 
समझौता विस्फोट में भी चार्जशीट : पंचकुला. एनआईए ने समझौता विस्फोट मामले में सोमवार को असीमानन्द व सात अन्य के खिलाफ यहां की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। असीमानन्द को मास्टरमाइंड व अन्य को सहयोगी बताया गया है। सुनवाई 17 अगस्त को होगी।
चार्जशीट में धमाके की साजिश, षड्यंत्र रचने और उसे अंजाम देने के सभी पहलुओं को कोर्ट के सामने रखा गया।
मैं बेकसूर, जानबूझकर फंसाया
पेशी के दौरान असीमानन्द ने कहा है कि समझौता विस्फोट से उसका कुछ लेना-देना नहीं है। एनआईए ने जबरन गुनाह कबूल करवाया है। मेरे खिलाफ फर्जी सबूत बनाए गए हैं। मालूम हो, असीमानन्द पहली बार व्यक्तिगत रूप से पंचकुला कोर्ट लाया गया। पूर्व में वीडियो कांफ्रेंसिंग से ही पेशी होती रही। मामले में दो आरोपी अभी फरार हैं। फरवरी 2007 में हुए समझौता एक्सप्रेस में हुए विस्फोट में 68 लोग मारे गए थे।

पुलिस को चूड़ियां पहनाने का प्रयास, छात्रों पर लाठीचार्ज

 
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जयपुर। छात्रसंघ चुनाव की सरगर्मी शुरू होते ही राजस्थान यूनिवर्सिटी राजनीति का अखाड़ा बन गया है। छात्रनेता सीटें बढ़ाने की मांग को लेकर यहां रोज हंगामा कर रहे हैं। सोमवार को एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने यूनिवर्सिटी गेट पर प्रदर्शन किया और यूनिवर्सिटी का गेट बंद कराने का प्रयास किया।

छात्रनेताओं ने मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों के हाथों में चूड़ियां पहनाने का भी प्रयास किया। इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। लाठीचार्ज में आठ छात्रों को चोटें आई।

उधर, यूनिवर्सिटी में आए दिन हंगामा करने के लिए विरोध में छात्रनेताओं के अलग-अलग गुटों ने रैली निकाली और कुलपति सचिवालय पर जाकर ज्ञापन सौंपा। माना जा रहा है कि 17 अगस्त तक चुनाव की आचार संहिता लग जाएगी और अगस्त के अंतिम सप्ताह तक चुनाव होंगे।

सरकार’ के घर साफ सुथरे, करदाता बेहा


 
 
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कोटा नगर निगम में चाहे भाजपा का बोर्ड हो या कांग्रेस का, जनप्रतिनिधि भी चाहे किसी पार्टी के हों उनके और अफसरों के घर और गलियां हमेशा साफ सुथरी ही मिलेंगी। वहां की सड़कें भी ठीक होंगी और रोड लाइटें भी। समस्याएं सिर्फ नागरिकों के लिए हैं चाहे फिर वह शहर का प्रमुख टैक्स चुकाने वाला व्यवसायी हो या नौकरीपेशा।
सोमवार को जब नगर निगम के बाहर शहर की समस्याओं को लेकर प्रदर्शन चल रहा था और दोनों दल आपसी जोर-आजमाइश कर रहे थे, भास्कर ने शहर की महापौर, सीईओ, और विधायकों के घर-गलियों का जायजा लिया। उन कॉलोनियों के भी हाल देखे जिनमें शहर के प्रमुख नागरिक, करदाता और नौकरीपेशा रहते हैं।
कहने को ये पॉश कॉलोनियों की श्रेणी में आती हैं लेकिन वहां न नियमित कचरा उठता है और न ही सड़कें ठीक हैं। उधर निगम से जुडे नेता हों या अफसर अथवा फिर शहर के विधायकों के आवास और गलियां, एकदम साफ-सुथरी थीं। निगम में राज किसी भी पार्टी का हो, अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों व प्रभावशाली व्यक्तियों के गली-मोहल्लों के लिए किसी प्रकार के बजट, संसाधन, स्वीकृति व प्लानिंग की परेशानी आती है। इसके विपरीत शहर के जो उद्योगपति, व्यापारी, डॉक्टर, भारी-भरकम टैक्स भी देते हैं, वे भी इन समस्याओं से आए दिन जूझते रहते हैं। आम आदमी का ऐसे में क्या हाल होगा, समझा जा सकता है। शहर की समस्याओं को लेकर प्रदर्शन चल रहा था उसी दौरान भास्कर ने शहर के दोनों वर्गो के हाल जानने की कोशिश की।

इसका एहसास दिलाते हैं

सिक्के
चवन्नी अठन्नी कलदार
जितने भी हो
खनखनाते हैं
वोह हैं आवाज़ कर
इसका एहसास दिलाते हैं
गिनती में फिर भी वोह
बहु बहुत कम हुआ करते है
लेकिन
रूपये चाहे एक के हों
चाहे सो के ,पांच सो के,हजार के
सभी लाखों करोड़ों के नोट होने पर भी
न आ जाने क्यूँ खामोश
आपके साथ आ जाते हैं
चले जाते हैं
सोच लो
एक आवाज़ जो कहती है
थोथा चना
बजे घना ....................................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मुझ से मिलाने से............

कल
जो मिला करते थे
सभी के बीच में
मुझ से तपाक से
आज
ना जाने क्यूँ
उन्होंने देखा है मुझे
रूखेपन से
उन्होंने नज़रे तो मिलाईं
वोह ठिठक भी गए
शायद
मुझ से मिलने के लियें
लेकिन
ऊँचे ओहदेदार
होने के घंमंड ने
शायद उन्होंने
रोक ही दिया
मुझ से मिलाने से ..........................................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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