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24 जुलाई 2011

बीटेक स्टूडेंट्स कर रहे हैं प्रोग्रामिंग से अंकों में हेराफेरी!

 
 
 
 
कोटा। राज्य में कुछ प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्रों द्वारा कंप्यूटर प्रोग्रामिंग से प्राप्तांकों में हेराफेरी करने का मामला सामने आया है। नाम न छापने की शर्त पर जयपुर के कुछ बीटेक छात्रों ने बताया कि कंप्यूटर साइंस के स्टूडेंट्स रिजल्ट घोषित होने के बाद उसे वेबसाइट से डाउनलोड करके एचटीएमएल पेज को संशोधित (एडिट) करके विषयों के प्राप्तांकों में फेरबदल कर लेते हैं। फिर इसका प्रिंट निकालकर स्वयं को पास दिखा देते हैं। यह प्रिंट ओरिजनल मार्कशीट की तरह दिखता है, इतनी ही नहीं स्टूडेंट परीक्षा नियंत्रक की सील और हस्ताक्षर को भी एडिट करके स्केन कर लेते हैं।

राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी के परीक्षा विभाग में इसका तब चला जब पिछले दिनों बीटेक में फेल हुए एक स्टूडेंट ने वेबसाइट से डाउनलोड किए रिजल्ट में स्वयं को पास दिखाकर यूनिवर्सिटी की मार्कशीट को गलत ठहराने की कोशिश की। परीक्षा विभाग ने ओरिजनल टेबुलेशन रजिस्टर (टीआर) के मूल डाटा से अंकों का मिलान किया तो यह स्टूडेंट फेल पाया गया। इसके बाद परीक्षा विभाग हरकत में आ गया और एक-एक छात्र की मार्कशीट में प्राप्तांकों को ओरिजनल टीआर से बारीकी से चैक किया जाने लगा। छात्रों को माइग्रेशन सर्टिफिकेट जारी करते समय मार्कशीट की जांच करने से अंकों में हेरफेर का पकड़ में आ सकती है।

खुली टंकियां देखकर भड़के

 

 
 
 
कोटा। जेके लोन में मरीजों को पीने के पानी की समस्या और टंकियों की सफाई नहीं होने से खफा सासंद इज्यराजसिंह ने रविवार को अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरपी रावत को फटकारते हुए कहा कि टंकियों में कचरा, मरे पक्षी पड़े हैं और मरीज उसी पानी को पी रहे हैं। यह अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की हद है। हालत नहीं बदले, तो वे उन्हें टर्मिनेट के लिए सिफारिश करेंगे। उल्लेखनीय है कि भास्कर ने गुरुवार को इस मामले को उठाया था। (विस्तृत खबर पेज -४)


प्रकाशित ‘बच्चों के अस्पताल की टंकी में मिला मरा हुआ कबूतर’ खबर प्रकाशित होने के चार दिन बाद भी टंकियों की सफाई नहीं करवाने से नाराज सांसद इज्यराज सिंह रविवार को अस्पताल में पानी की टंकियों की स्थिति देखने पहुंच गए। भास्कर में खबर प्रकाशित होने के बाद हालांकि यहां कुछ टंकियों पर पत्थर के कातले रखवाए गए थे लेकिन बाकी रविवार को भी खुली पड़ी थीं। उन्होंने यहीं से जेके लोन अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरपी रावत को लताड़ पिलाना शुरू किया तो वो मुंह ताकते नजर आए।

सांसद सिंह ने कहा कि ऐसे मामले में किसी भी प्रकार की बहानेबाजी नहीं चलेंगी। उन्होंने जेके लोन अस्पताल अस्पताल अधीक्षक को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि आज शाम तक टंकियों पर ढक्कन व सफाई व्यवस्था के हालत नहीं सुधरे तो वो कल से खुद हर दिन यहां आकर नियमित चेक करेंगे। सांसद ने जेके लोन अस्पताल अधीक्षक से साफतौर से कहा कि यदि शीघ्र ही व्यवस्थाएं नहीं सुधरी तो वे सीधे मु़ख्यालय पर रिपोर्ट करने के साथ टर्मिनेट व ब्लैकलिस्टेड की सिफारिश करेंगे।
यूँ हर सुबह
जब भी उठता हूँ में
बिस्तर से
तुजे मुझसे हाँ मुझसे
दूर क्यूँ पता हूँ ...
अजाब है यह
तड़पाने का अंदाज़
रात को सोते है तो अप  साथ हो
जागते ही आप खान और क्यूँ चले जाते हो
खुदा या
या तो उन्हें सपने में लाना बंद करदे
और अगर सपने में वोह आते है
तो उन्हें सिर्फ और सिर्फ ह्मेशाना के लिए
मेरे साथ कर दे .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मुझे मेरा मेरे परिजनों सी बिछड़ने का जमाना याद आया .........

में श्रीमती रिजवाना अख्तर मेरे शोहर अख्तर खाना  अकेला के साथ मेरे बेटे शाहरुख़ खान को अमिति युनिवेरसीटी नोयडा में एडमिशन दिलवाने गये थे ..२३ जुलाई को हम दिल्ली हमारी ननद  के यहाँ से रवाना हुए और शाहरुख को लेकर अमिति पहुंचे ..अमिटी में देश के दूरदराज़ इलाकों से कई बच्चे अपने माता पिता के साथ आये थे हर माँ बाप का दिल अपने बच्चों में अटका हुआ था ..कहते है के तोते में जादूगर की जन  होती है लेकिन आजकल कलियुग में बच्चों में माँ बाप की जान होती है ..खेर मेरे बच्चे शाहरुख का एडमिशन हुआ अनाउंस हुआ के अब बच्चे हमारे हुए कोई बच्चा होस्टल छोड़ कर नहीं जायेगा ..खेर हम बच्चे को होस्टल छोड़ने गए लेकिन अब मुझ से सहा नहीं जा रहा था मेरे आंसू थे के उबल कर उफान कर बाहर आ रहे थे में अपनी सिसकियाँ नहीं  दबा पा रही थी ..मेरे बच्चे ने मुझे भांप लिया और मुझ से कहा के मम्मी पढाई में यह तो होता ही है आप फिकर क्यूँ करती हो आना जाना लगा रहेगा ..मेरे शोहर मुझ पर थोड़ा इस वक्त भावुक होने पर नाराज़ हुए लेकिन फिर मेने दिल को मजबूत किया और बच्चे को कहा के बेटा मुझे ही मेरा तीस साल पहले का मंजर याद आ गया मुझे भी ऐसे ही मेरे मम्मी पापा टोंक से अजमेर होस्टल पढने के लियें छोड़ कर गए थे और तब मेने भी भावुक हुए रोते बिलखते मेरे माँ बाप से यही अल्फाज़ कहे थे ......................श्रीमती रिजवाना अख्तर कोटा राजस्थान
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