ओस्लो। नॉर्वे में हुए जनसंहार के लिए जिम्मेदार माना जा रहा एंडर्स बेरिंग ब्रेविक भारत में हिंदुत्व का परचम बुलंद करने वालों को दुनिया की जनतांत्रिक व्यवस्थाओं के तख्ता पलट की अपनी लड़ाई का अहम साझीदार मानता है। अपने घोषणा पत्र में ब्रेविक ने कहा है कि वो भारत से मुसलमानों को खदेड़ने में हिंदुत्वादी तत्वों की सामरिक मदद करेगा।
1500 पन्नों के घोषणा पत्र में ब्रेविक ने बताया है कि किस तरह सांस्कृतिक मार्क्सवादी व्यवस्था को समाप्त करने के लिए वो एक मुहिम शुरू करना चाहता है, जो आतंकवादी गतिविधियों से शुरू होकर एक वैश्विक युद्ध में बदल जाती। खास बात यह है कि घोषणा पत्र के 102 पन्नों में भारत का जिक्र किया गया है।
तुष्टीकरण
ब्रेविक कहता है कि उनका जसटिसियार नाईट्स, सनातन धर्म आंदोलन और भारतीय राष्ट्रवादियों का समर्थन करता है। हिंदू राष्ट्रवादियों को भारतीय सांस्कृतिक मार्क्सवादियों की ओर से उसी तरह के उत्पीड़न सहन करने पड़ रहे हैं, जैसा उनके यूरोपीय भाइयों के साथ हो रहा है। ब्रेविक ने खुद को एक कट्टरपंथी ईसाई बताया है, जो मुसलमानों से नफरत करता है।
इतिहास का हवाला
इस्लाम से यूरोप को होने वाले खतरों पर ध्यान दिलाने के लिए वो भारतीय इतिहासकारों के.एस. लाल और श्रीनंदन व्यास के कायोंü का हवाला देता है कि किस तरह वर्ष 1000-1525 के दौरान लाखों हिंदुओं का कत्लेआम हुआ था। ब्रेविक के घोषणा पत्र में पदकों का भी जिक्र है।
वाराणसी से बनवाया बैज
वाराणसी. ब्रेविक की वर्दी पर लगा बैज (घेरे में) वाराणसी के बुनकर परिवार ने तैयार किया। बैज में मानव खोपड़ी में भीतर तक धंसा हुआ क्रॉस बनाया गया है। इंडियन आर्ट कंपनी के प्रोपराइटर मोहम्मद असलम अंसारी ने बताया कि इंटरनेट पर उसके उत्पाद देखकर ब्रेविक ने ई-मेल पर उससे संपर्क किया था। उसने क्रॉस और खोपड़ी की फोटो ई-मेल पर भेजी और ऎसा ही बैज बनाने को कहा। असलम ने 3 मार्च 2010 को दो बैज उसे कूरियर से भेज दिए और फंड ट्रांसफर के जरिए ब्रेविक ने उसे 150 डॉलर (करीब 6800 रूपए) का भुगतान किया। ब्रेविक ने बैज के कूरियर पर भी 70 डॉलर (3150 रूपए) खर्चे।
भारत सरकार पर आरोप
भारत सरकार के बारे में ब्रेविक का कहना है कि वह मुसलमानों के तुष्टीकरण में यकीन रखती है और वो उन ईसाई मिशनरियों को खुश रखना चाहती है, जो गैर-कानूनी तौर पर झूठ और डर का सहारा लेकर नीची जाति के हिंदुओं का धर्मातरण करवाते हैं। ब्रेविक का घोषणा पत्र उन हिंदू गुटों की तारीफ करता है, जो इस तरह के अन्याय को बर्दाश्त नहीं करते।
इस हद तक लगाव
ब्रेविक ने अपने घोषणा पत्र में भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठनों के वेबसाइटों के पते भी मुहैया करवाए हैं। ब्रेविक को उम्मीद है कि चीन, रूस, थाईलैंड और फिलिपींस जैसे देशों में उनके विचारों से समानता रखने वाले इस जद्दोजहद को जारी रखेंगे।
पाकिस्तानी दोस्त और टूटी नाक
ब्रेविक ने बताया है कि जब वह 12 साल का था, तब पाकिस्तानी दोस्त भी थे। उसकी सबसे अच्छी दोस्त पाकिस्तानी लड़की अरसालान थी, जो बाद में उससे दूर हो गई। जब वह 16 साल का था, तब एक पाकिस्तानी युवक ने बिना कारण मुक्का मारकर उसकी नाक तोड़ दी थी।
एक स्याह पक्ष
ब्रेविक हिंदुत्ववादियों से कंधा मिलाकर इस्लाम के खिलाफ जंग छेड़ने की बात करता है, लेकिन मिशन पूरा हो जाने के बाद उनके साथ क्या सलूक करना चाहते हैं? इस पर उसकी सोच है कि इंकलाब पूरा हो जाने के बाद यूरोप में एक दास समूह का गठन किया जाएगा, जिसमें भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान के गैर-मुस्लिम शामिल होंगे। वो 12 घंटे काम करेंगे, वो हर बड़े शहर के बाहर अलग बस्तियों में रहेंगे और उनके कान्ट्रेक्ट की मुद्दत छह से बारह महीने होगी, जिसके बाद उन्हें उनके मुल्क वापस भेज दिया जाएगा।