आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

27 जुलाई 2011

इतना क्यूँ इतराते हो ...

ऐ अंधेरों 
तुम खुद के 
घटाटोप होने पर 
इतना क्यूँ इतराते हो ...
सिर्फ एक हाँ सिर्फ एक 
रौशनी की 
मामूली सी किरण 
तुम्हारे घटाटोप अँधेरे को 
रोशन कर 
इस अँधेरे का गुरुर 
तोड़ने के लियें काफी है .........................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

घरेलू जिंदगी में कुत्ते की जगह ले रहा कम्प्यूटर


लन्दन। निजी कम्प्यूटर तेजी से मनुष्य के लम्बे समय से सबसे भरोसेमंद साथी रहे कुत्तों का स्थान ले रहे हैं। एक ब्रिटिश अध्ययन में यह बात सामने आई है। अपने अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि सिर्फ छह फीसदी लोगों ने यह स्वीकार किया कि अधिकतर लोग कम्प्यूटर की तुलना में कुत्तों को पसंद करते हैं जबकि 67 फीसदी लोगों की राय इसके विपरीत थी।

एक समाचार पत्र के अनुसार 38 फीसदी कुत्ता मालिकों ने यह स्वीकार किया कि वे अपने कम्प्यूटर को पालतू कुत्ते से ज्यादा पसंद करते हैं। जबकि 36 फीसदी लोगों ने इसके उलट राय दी। 18-24 आयु वर्ग के कुत्ता मालिकों ने अपने कम्प्यूटर पर ज्यादा भरोसा जताया।

इस सर्वेक्षण को 'कम्प्यूटरएक्टिव' पत्रिका और पशु अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था 'रायल सोसायटी फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स' ने कराया था। पत्रिका के सम्पादक पाल एलेन ने बताया कि इन दिनों आप अपने कम्प्यूटर को लैपटॉप या टेबलेट के रूप में लेकर टहल सकते हैं।

यह सर्वेक्षण 2000 ब्रिटिश वयस्कों पर किया गया। सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आया कि पुरूषों की तुलना में दोगुनी महिलाएं अपने कुत्तों पर भरोसा करती हैं। एलेन ने कहा कि यह कुत्तों के लिए बुरी खबर नहीं है। कम्प्यूटर की सहायता से कुत्तों के मालिक उनके स्वास्थ्य और पोषण के लिए सूचनाएं एकत्र कर सकते हैं।

भारत दुनिया का सबसे दुखी देश


indians are most depressed
नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया का सबसे दुखी देश है। डब्ल्यूएचओ के मेंटल हेल्थ सर्वे इनिशिएटिव द्वारा किए एक अध्ययन में यह सामने आया है कि भारत में उदास और दुखी लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है।

'क्रॉस-नेशनल एपिडीमोलॉजी ऑफ डीएसएम-आईवी- फॉर मेजर डिप्रेसिव एपिसोड' नामक यह रिपोर्ट 18 देशों के अलग-अलग आय वर्ग के लोगों के साक्षात्कार के आधार पर तैयार किया गया है। इन लोगों से करीब 90 हजार मुद्दों पर बात की गई।

बायोम्ड सेंट्रल की बीएमसी मेडीसिन जर्नल में प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा कमाई करने वाले दस देशों में उदासी की औसर दस 14.6 प्रतिशत है। मध्यम कमाई वाले आठ देशों में यह दर 11.1 प्रतिशत है। लेकिन भारत में मेजर डिप्रेसिव एपिसोड (एमडीई) की दर 35.9 प्रतिशत है जबकि चीन में बारह फीसदी  है। हालांकि ज्यादा कमाई करने वाले ज्यादातर देशों में एमडीई की दर कम आय वाले देशों की तुलना में कम है।

बाबा से शादी करना चाहती हैं राखी




rakhi sawant and baba ramdev
नई दिल्ली। विवादों मे रहने वाली आइटम डांस राखी सावंत का दिल बाबा रामदेव पर आ गया है। राखी का कहना है कि अगर बाबा रामदेव सहमति जता दें तो वह उनके साथ शादी करना चाहती हैं। राखी ने कहा कि पहले उनकी ख्वाहिश कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के साथ शादी करने की थी लेकिन बाद में उन्हें समझ आया कि उनकी मां सोनिया गांधी के सामने उनकी दाल नहीं गलेगी। 

एनडीटीवी इमेजिन के रिएलिटी शो के प्रमोशन के अवसर पर दिल्ली में राखी ने कहा कि 'अगर स्वामी रामदेव अपनी सहमति जतांए तो मैं केवल उनसे ही शादी करना चाहूंगी। इसके लिए मैं एनडीटीवी से रिक्वेस्ट करूंगी कि मेरी और बाबा रामदेव की शादी के लिए टीवी पर स्वयंबर रचाया जाए अज्ञैर इसमें केवल रामदेव हिस्सा लें।'

राखी ने अभिनेत्री कैटरीना कैफ पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने राहुल गांधी के आधे भारतीय होने संबंधी जो बात कही है वह पूरी तरह से गलत है। कै टरीना उनसे बहुत जूनियर है और वह तो कुछ समय पहले ही बॉलीवुड में आई हैं। राखी ने कहा कि उनकी ख्वाहिश थी कि राहुल गांधी उनके हमसफर बनें लेकिन उन्हें लगा कि सोनिया गांधी से उनकी दाल नहीं गलेगी इसलिए राहुल से शादी का विचार छोड़ दिया।

हमलावर ब्रेविक ने की हिंदुत्व की सराहना




world news

ओस्लो। नॉर्वे में हुए जनसंहार के लिए जिम्मेदार माना जा रहा एंडर्स बेरिंग ब्रेविक भारत में हिंदुत्व का परचम बुलंद करने वालों को दुनिया की जनतांत्रिक व्यवस्थाओं के तख्ता पलट की अपनी लड़ाई का अहम साझीदार मानता है। अपने घोषणा पत्र में ब्रेविक ने कहा है कि वो भारत से मुसलमानों को खदेड़ने में हिंदुत्वादी तत्वों की सामरिक मदद करेगा।
1500 पन्नों के घोषणा पत्र में ब्रेविक ने बताया है कि किस तरह सांस्कृतिक मार्क्सवादी व्यवस्था को समाप्त करने के लिए वो एक मुहिम शुरू करना चाहता है, जो आतंकवादी गतिविधियों से शुरू होकर एक वैश्विक युद्ध में बदल जाती। खास बात यह है कि घोषणा पत्र के 102 पन्नों में भारत का जिक्र किया गया है।
तुष्टीकरण
ब्रेविक कहता है कि उनका जसटिसियार नाईट्स, सनातन धर्म आंदोलन और भारतीय राष्ट्रवादियों का समर्थन करता है। हिंदू राष्ट्रवादियों को भारतीय सांस्कृतिक मार्क्सवादियों की ओर से उसी तरह के उत्पीड़न सहन करने पड़ रहे हैं, जैसा उनके यूरोपीय भाइयों के साथ हो रहा है। ब्रेविक ने खुद को एक कट्टरपंथी ईसाई बताया है, जो मुसलमानों से नफरत करता है।
इतिहास का हवाला
इस्लाम से यूरोप को होने वाले खतरों पर ध्यान दिलाने के लिए वो भारतीय इतिहासकारों के.एस. लाल और श्रीनंदन व्यास के कायोंü का हवाला देता है कि किस तरह वर्ष 1000-1525 के दौरान लाखों हिंदुओं का कत्लेआम हुआ था। ब्रेविक के घोषणा पत्र में पदकों का भी जिक्र है।
 वाराणसी से बनवाया बैज
वाराणसी. ब्रेविक की वर्दी पर लगा बैज (घेरे में) वाराणसी के बुनकर परिवार ने तैयार किया। बैज में मानव खोपड़ी में भीतर तक धंसा हुआ क्रॉस बनाया गया है। इंडियन आर्ट कंपनी के प्रोपराइटर मोहम्मद असलम अंसारी ने बताया कि इंटरनेट पर उसके उत्पाद देखकर ब्रेविक ने ई-मेल पर उससे संपर्क किया था। उसने क्रॉस और खोपड़ी की फोटो ई-मेल पर भेजी और ऎसा ही बैज बनाने को कहा। असलम ने 3 मार्च 2010 को दो बैज उसे कूरियर से भेज दिए और फंड ट्रांसफर के जरिए ब्रेविक ने उसे 150 डॉलर (करीब 6800 रूपए) का भुगतान किया। ब्रेविक ने बैज के कूरियर पर भी 70 डॉलर (3150 रूपए) खर्चे।
भारत सरकार पर आरोप
भारत सरकार के बारे में ब्रेविक का कहना है कि वह मुसलमानों के तुष्टीकरण में यकीन रखती है और वो उन ईसाई मिशनरियों को खुश रखना चाहती है, जो गैर-कानूनी तौर पर झूठ और डर का सहारा लेकर नीची जाति के हिंदुओं का धर्मातरण करवाते हैं। ब्रेविक का घोषणा पत्र उन हिंदू गुटों की तारीफ करता है, जो इस तरह के अन्याय को बर्दाश्त नहीं करते।
इस हद तक लगाव
ब्रेविक ने अपने घोषणा पत्र में भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठनों के वेबसाइटों के पते भी मुहैया करवाए हैं। ब्रेविक को उम्मीद है कि चीन, रूस, थाईलैंड और फिलिपींस जैसे देशों में उनके विचारों से समानता रखने वाले इस जद्दोजहद को जारी रखेंगे।
पाकिस्तानी दोस्त और टूटी नाक
ब्रेविक ने बताया है कि जब वह 12 साल का था, तब पाकिस्तानी दोस्त भी थे। उसकी सबसे अच्छी दोस्त पाकिस्तानी लड़की अरसालान थी, जो बाद में उससे दूर हो गई। जब वह 16 साल का था, तब एक पाकिस्तानी युवक ने बिना कारण मुक्का मारकर उसकी नाक तोड़ दी थी।
 एक स्याह पक्ष
ब्रेविक हिंदुत्ववादियों से कंधा मिलाकर इस्लाम के खिलाफ जंग छेड़ने की बात करता है, लेकिन मिशन पूरा हो जाने के बाद उनके साथ क्या सलूक करना चाहते हैं? इस पर उसकी सोच है कि इंकलाब पूरा हो जाने के बाद यूरोप में एक दास समूह का गठन किया जाएगा, जिसमें भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान के गैर-मुस्लिम शामिल होंगे। वो 12 घंटे काम करेंगे, वो हर बड़े शहर के बाहर अलग बस्तियों में रहेंगे और उनके कान्ट्रेक्ट की मुद्दत छह से बारह महीने होगी, जिसके बाद उन्हें उनके मुल्क वापस भेज दिया जाएगा।

बेईमानों को घर बिठाएंगे




home news

जयपुर। सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार से चिंतित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों से ऎसे मामलों में उन्हें सीधे खत लिखने को कहा है। भ्रष्टाचारियों को घर भेज देने की चेतावनी देते हुए गहलोत ने कहा कि बीपीएल आवास योजना में किसी अघिकारी-कर्मचारी ने गड़बड़ी तो उसे निलंबित कर दिया जाएगा। इससे अघिक बात हुई तो गड़बड़ी करने वालों को घर भेज देंगे। पिछले तीन दिन में एक लाख 4298 बीपीएल परिवारों को स्वीकृति पत्र दिए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को रतनगढ़, भादरा व सूरतगढ़ में बीपीएल आवास योजना के तहत लोगों को स्वीकृति पत्र दिए। उन्होंने माना कि गांवों में सरकारी योजनाओं में अफसर बेईमानी कर रहे हैं। जनता की जिम्मेदारी है कि इसकी जानकारी सरकार को दें। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे बेईमानी सामने आने पर सीधे उन्हें पत्र लिखें। जिस पर जांच की जाएगी।
 दोषियों को तत्काल नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही शहरी बीपीएल परिवारों को भी आवास देने की योजना शुरू की जाएगी, जिसका सर्वे कराया जा रहा है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चन्द्रभान ने कहा कि आवास योजना का उद्देश्य तभी पूरा होगा, जब इसमें 50 पैसे की भी गड़बड़ी न हो। डूंगरपुर में प्रभारी मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा ने लोगों को स्वीकृति पत्र दिए।
... तो काटेंगे तनख्वाह
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऎसे सरकारी कार्मिक जो बूढ़े मां-बाप की सेवा नहीं करते हैं, उनकी तनख्वाह में से पैसे काटकर उनके माता-पिता को दिए जाएंगे। अगर किसी बेटे ने पुश्तैनी जमीन अपने नाम करवा दी और अब बुढ़ापे में माता-पिता की सेवा नहीं कर रहा है उनसे जमीन वापस उनके माता-पिता को दिलवाई जाएगी।

समंदर की अनंत गहराई में चीन के इस चमत्कार से पूरी दुनिया हैरान

 | Email  Print
 
 
बीजिंग.प्रशांत महासागर में परीक्षण के दौरान चीन की पनडुब्बी ‘जियाओलांग’ समुद्र में 5057 मीटर की गहराई तक सफलतापूर्वक पहुंच गई है। राज्य समुद्री प्रशासन (एसओए) ने यहां यह जानकारी दी।
तीन लोगों को लेकर गई इस पनडुब्बी ने अपना परीक्षण एक बजकर आठ मिनट (भारतीय समयानुसार) पर शुरू किया और समुद्र के अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में पांच हजार 57 मीटर की गहराई तक पहुंची। वर्ष 2002 में जियाओलांग परियोजना शुरू क रने वाला चीन समुद्री स्तर से 3500 मीटर से नीचे पनडुब्बी भेजने वाला अमेरिका, फ्रांस, रूस और जापान के बाद पांचवां देश है।
एसओए ने कहा कि आज की उपलब्धि से स्पष्ट है कि जियाओलांग दुनिया में समुद्र के 70 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में पहुंच सकता है। इस पनडुब्बी में तीन लोग सवार थे। एसओए के मुताबिक इस पनडुब्बी के 2012 में परीक्षण के दौरान सात हजार मीटर की गहराई तक जाने की संभावना है।
इस पनडुब्बी के प्रमुख डिजायनर शू कीनन ने बताया कि जियाओलांग समुद्री स्तर से सात हजार मीटर की गहराई को छूने के लिए बनाई गई विश्व की पहली मानवीय पनडुब्बी है।

ईरान ने रोका भारत के हिस्से का तेल, कहा पहले पैसे चुकाओ फिर आओ


 
तेहरान.ईरान ने भारत को कच्चे तेल की बिक्री पर रोक लगा दी है। उसने यह कदम नई दिल्ली द्वारा करीब आठ अरब डॉलर का भुगतान न करने पर उठाया है। ईरान के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

समाचार एजेंसी 'आईआरएनए' के मुताबिक मजलिस ऊर्जा आयोग के प्रवक्ता एमाद हुसैनी ने कहा, "भारत पर ईरान का 7.9 अरब डॉलर का कर्ज है। यह कर्ज भारत द्वारा पहले ही खरीदे गए कच्चे तेल का है। इसमें से 4.8 अरब डॉलर का भुगतान अभी किया जाना है और शेष बाद में होना है।"

हुसैनी ने कहा कि उनके देश में कुछ समूहों का मानना है है कि जहां तक तेल और गैस परियोजनाओं का सवाल है चीन ईरान का सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी है।

भाजपा बोली कुर्सी छोड़ो, सीएम बोले एमएलए मेरे साथ , येद्दियुरप्पा की छुट्टी आज!

 
 
नई दिल्ली भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस चौतरफा घेरने के उद्देश्य से आखिरकार भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार देर सायं कर्नाटक में खनन को लेकर भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे मुख्यमंत्री येद्दियुरप्पा को हटाने का फैसला किया है। उधर, येद्दियुरप्पा का दावा है कि पार्टी के विधायक उनके साथ हैं।

भाजपा के आला नेताओं ने बुधवार को कर्नाटक के लोकायुक्त जस्टिस संतोष हेगड़े की रिपोर्ट में येद्दियुरप्पा पर लगे आरोपों पर गंभीर विचार-विमर्श के बाद ये निर्णय लिया है। बुधवार देर रात तक येद्दियुरप्पा के दिल्ली पहुंचने के बाद उन्हें इससे अवगत कराया गया, जबकि निर्णय की घोषणा वीरवार को कोर ग्रुप के नेताओं की बैठक के बाद की जाएगी। इस निर्णय यह बात स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा है और येद्दियुरप्पा के जाने के बाद भाजपा दिल्ली में सत्ता प्राप्त करने के लिए इसे अपना प्रमुख हथियार बनाएगी। भाजपा नेताओं का मानना था कि तमाम घोटालों से जूझ रही कांग्रेस से निपटने के लिए वह दोहरी नीति के साथ जनता के समक्ष नहीं जा सकती।

उधर, कर्नाटक के लिंगायत येद्दियुरप्पा की गहरी पैठ के चलते यह माना जा रहा कि भाजपा ने उनके जाने से होने वाले किसी भी नुकसान से निपटने इरादा बना लिया है। पिछले कई विधानसभा चुनावों में येद्दियुरप्पा भाजपा के लिए जिताऊ उम्मीदवार साबित हुए थे। काफी दिनों तक मुख्यमंत्री को लेकर अनिर्णय की स्थिति बनी रहने के बाद राष्ट्रीय स्तर की राजनीति के लिए भाजपा ने उन्हें हटाने में ही भलाई समझी। हाल ही में राज्य में खनन को लेकर हो रहीं अनियमितताओं पर आई लोकायुक्त संतोष हेगड़े की रिपोर्ट में मुख्यमंत्री पर लगे आरोपों पर हुए बवाल ने कहीं न कहीं भाजपा को निर्णय लेने को मजबूर कर दिया।


अवैध खनन: लोकायुक्त ने रिपोर्ट सौंपी

कर्नाटक के लोकायुक्त जस्टिस संतोष हेगड़े ने अवैध खनन मामले में बुधवार को 25,228 पेजों की अपनी फाइनल रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। इसके बाद उन्होंने कहा कि उन्हें भरोसा नहीं है कि राज्य सरकार इस मामले में कोई कार्रवाई करेगी। साथ ही उन्होंने राज्यपाल से कार्रवाई की उम्मीद जताई। जस्टिस हेगड़े ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने अवैध खनन मामले की पहली अंतरिम रिपोर्ट दिसंबर 2008 में सौंप दी थी। लेकिन इस रिपोर्ट पर राज्य सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस रिपोर्ट के बाद कर्नाटक का राजनीतिक माहौल गरम हो गया है। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को दिल्ली तलब किया है। फाइनल रिपोर्ट के मुताबिक 2006 से 2010 के बीच अवैध खनन के कारण प्रदेश के राजकोष को 16,085 करोड़ का नुकसान हुआ है। उन्होंने इस रिपोर्ट के तथ्यों के बारे में अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया।

रिपोर्ट में क्या:
-राज्य में अवैध खनन के लिए मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, चार कैबिनेट मंत्री

-पूर्व मुख्यमंत्री जद (एस) नेता एचडी कुमारस्वामी

-500 अधिकारी जिम्मेदार

-एक कंपनी ने येदियुरप्पा परिवार के एक ट्रस्ट को एक करोड़ की जमीन खरीदने के लिए 20 करोड़ रुपए दान में दिए

हेगड़े बोले:

-सुप्रीम कोर्ट ने यदि रिपोर्ट मांगी तो सौंप दी जाएगी

-शीर्ष अदालत को कोई और भी दे सकता है रिपोर्ट

-लौह अयस्क प्रतिबंधित करने पर जोर, देश को कोई फायदा नहीं

-अयस्क निर्यात से सिर्फ निर्यातक कंपनियों को फायदा

-रिपोर्ट का लीक होना परीक्षा पत्र लीक होने जैसा नहीं, यह भी नहीं कि रिपोर्ट का महत्व खत्म हो गया है

-जब रिपोर्ट के लीक होने की बात आती है, तो कड़वाहट का अहसास होता है, वैसे नहीं



इसलिए राज्यपाल से उम्मीद

जस्टिस हेगड़े ने कहा कि इस रिपोर्ट पर राज्यपाल को कार्रवाई करने का अधिकार है। उन्होंने इसीलिए राज्यपाल को भी इसकी प्रति सौंपी है, क्योंकि येदियुरप्पा परिवार के ट्रस्ट को एक कंपनी व उसकी दो सहयोगी कंपनियों द्वारा दिया गया दान प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत अपराध है।

जांच करने वालों को खतरा
जस्टिस हेगड़े ने कहा, ‘जांच में शामिल लोकायुक्त कार्यालय के पांच अधिकारियों को संभावित खतरे के बारे में भी रिपोर्ट में आगाह किया गया है। हालांकि मैंने यह नहीं कहा है कि उन्हें पहले से खतरा है। इन अधिकारियों ने अवैध कार्यो की जांच करके कुछ लोगों को नाराज कर दिया है और उनका भविष्य खतरे में पड़ने की आशंका है।’

भूल बैठे अपने ही ‘अजेय’ सपूत को

| Email  Print Comment
 
कोटा विजय दिवस-कारगिल युद्ध में कोटा के अजय आहूजा ने पाकिस्तानी सैनिकों से लड़ते हुए दी थी कुर्बानी, कोई पुष्प भी नहीं चढ़ाने आया प्रतिमा पर


कारगिल युद्ध में 12 साल पहले अपने प्राणों की आहुति देने वाले वायु सेना के जांबाज ऑफिसर और कोटा के सपूत अजय आहूजा की देश के लिए दी गई शहादत को यूआईटी, नगर निगम और जिला प्रशासन भूल बैठा। स्टेशन क्षेत्र में माला रोड पर अजय आहूजा की प्रतिमा को कारगिल विजय दिवस के दिन मंगलवार को कोई भी पुष्पांजलि अर्पित करने नहीं आया। वहां नगर विकास न्यास द्वारा बनाए गए अजय आहूजा पार्क में इस शहीद की प्रतिमा लगी हुई है।


स्थिति यह है कि पार्क भी दुर्दशा का शिकार है और शहीद अजय आहूजा की प्रतिमा के सिर पर लगी कैप भी गायब हो चुकी है। शाम को पार्क में तफरीह करने आए बुजर्गो का कहना था कि देश के लिए कुर्बानी देने वाले शहीद की शहादत से युवा पीढ़ी क्या प्रेरणा लेगी, यह सोचने का विषय है। शाम 7 बजे भास्कर संवाददाता और फोटो जर्नलिस्ट अजय आहूजा पार्क पहुंचे तो शहीद की प्रतिमा पर एक फूल भी चढ़ा हुआ नजर नहीं आ रहा था। पार्क के सामने एक मकान में रहने वाले परिवार के युवक करनजीत सिंह का कहना था कि सुबह से शाम तक उसने किसी भी व्यक्ति को शहीद अजय आहूजा की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाते नहीं देखा। प्रतिमा की सफाई हुए भी कई दिन बीत चुके हैं। संवाददाता ने जब शहीद की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए तो उस दौरान वहां पहुंचे कुछ बुजर्गो ने भी पार्क में प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाए।

ऐसे खोया कोटा ने अपना लाल
कारगिल युद्ध जब शुरू ही हुआ था तो वायु सेना में स्क्र्वाडन लीडर 36 वर्षीय अजय आहूजा और उनके साथ एक अन्य अधिकारी सेना का लड़ाकू विमान लेकर 27 मई 1999 में पाकिस्तानी सैनिकों से दो-दो हाथ करने निकले थे। गलती से उनका विमान पाकिस्तान की सीमा में चला गया। पाकिस्तानी सैनिकों ने उनकी घेराबंदी कर ली थी। अजय आहूजा ने मुकाबला किया लेकिन वे पाकिस्तानी सैनिकों की गोलियों से शहीद हो गए।



देशभक्त नौजवान था वह
शहीद अजय आहूजा का मकान माला रोड स्थित जिस रेलवे सोसायटी कालोनी में है, उनके पड़ौस में रहने वाले रेलवे सेवा से रिटायर्ड अधिकारी अशोक चावरेकर का कहना था कि देश के लिए बलिदान हुए शहीद को इस शहर द्वारा भूल जाना बहुत बड़ी विडंबना है। चावरेकर के मुताबिक अजय आहूजा उनके सामने छोटे से बड़ा हुआ था। उसकी बातों और विचारों में देशभक्ति झलकती थी। शहीद अजय आहूजा के पिता पुरुषोत्तम लाल आहूजा का दो माह पूर्व ही निधन हो चुका है। छोटे भाई विजय आहूजा जो कोटा थर्मल में इंजीनियर थे, वे आजकल झालावाड़ में सेवारत है। मां उनके साथ ही रहती है। शहीद की धर्मपत्नी अपने बच्चे के साथ दिल्ली रहती है

रात को घर में मगरमच्छ देख चौंक गए एएसआई

कोटा। बुधवार रात कंसुआ बस्ती में घुसे एक मगरमच्छ ने राधाकृष्ण मंदिर के पास स्थित एएसआई जसवंत सिंह राठौड़ के दरवाजे पर दस्तक दी। बच्चों ने दरवाजा खोला तो जाली के गेट से मगरमच्छ दिखा।

वन विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंचे डब्ल्यूडब्ल्यू एफ के प्रतिनिधि तरुण नायर ने फंदा डाला तो मगर भड़क गया। बाद में उसके जबड़े पर दो तरफ से फंदा डाला गया। करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद रात 12:30 बजे इस पर काबू पाया गया। यह पास स्थित नाले से घुसा था बस्ती में ।

फोटो: सलीम शैरी

१. फंदा फैंका अचानक रात को घर में मगरमच्छ को देख एएसआई के परिवार वाले डर गए थे। मगर को पकड़ने के लिए फंदा फेंकते।

२. मगर भड़का जैसे ही मगरमच्छ को पकड़ने के लिए फंदा फेंका गया वहां भड़क गया और हमला करने लगा

३. और काबू में अंततः मगरमच्छ को काबू में कर ही लिया गया।

फिर फंसे शिक्षा मंत्री




Master Bhanwar lal Meghwal
जयपुर। लगता है शिक्षामंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल और विवादों का चोली दामन का साथ है। शिक्षा मंत्री एक विवाद से निपटे नहीं कि दूसरे विवाद में फंस जाते है। हाल में शिक्षा विभाग के कुछ अघिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच में दोष्ाी पाए जाने के बाद भी उनके सभी प्रकरणों को समाप्त करने की सिफारिश शिक्षा मंत्री ने कर डाली। इस वजह से शिक्षा मंत्री फिर विवादों के घेरे में आ गए हैं। शिक्षा मंत्री की इस सिफारिश से शिक्षकों में बवाल मचा हुआ है।

सूत्रों के अनुसार, जोधपुर में शिक्षा उपनिदेशक पद से सेवानिवृत्त नरिंगराम मेघवाल और अन्य कई दोषी अघिकारियों को 16 और 17 सीसी के नोटिस मिले। नोटिस मिलने के बाद भी इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने की सिफारिश विभागीय अघिकारियों के पास आई। ताज्जुब की बात यह है कि सिफारिश शिक्षा अघिकारियों में केवल उन अधिकारियों की ही आई, जिनके खिलाफ विभागीय जांच में दोष साबित हो गया और गबन के मामलों की पुष्टि भी हो चुकी है।

आक्रोशित शिक्षकों का कहना है कि इन अघिकारियों पर कार्रवाई तो हुई नहीं, उल्टी इनकी फाइल को सरकारी नियमों की आड़ में और ही मोड़ मिल गया है। मंत्री स्तर से लौटी फाइलों के बाद कई दोेषी अघिकारियों के पुराने प्रकरणों को समाप्त करने की सिफारिश आई तो अघिकारियों की नींद ही उड़ गई।

अय्यर के बाद अब जयराम का वार, कहा- सरकार में 'शिखंडी' जैसी हो गई थी हालत

 
 
नई दिल्‍ली. कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के बाद अब जयराम रमेश ने सरकार पर हमला बोल दिया है। जयराम ने कहा है कि पर्यावरण मंत्रालय में उनकी स्थिति 'शिखंडी' जैसी हो गई थी। हाल में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय का पदभार संभालने वाले जयराम रमेश ने कहा कि पर्यावरण मंत्री के तौर पर उनकी हालत 'शिखंडी' जैसी हो गई थी। अपने पुराने महकमे में भूमि अधिग्रहण की इजाजत देने संबंधी फैसलों के दौरान सामने आए हालात का हवाला देते हुए रमेश ने कहा, 'मैं पर्यावरण एवं वन मंत्रालय में शिखंडी बन गया था और भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर मुझे निशाना बनाया गया था।'

नए भूमि अधिग्रहण विधेयक के मसौदे पर बातचीत करते हुए रमेश ने कहा, 'मुख्‍य मुद्दा भूमि अधिग्रहण था लेकिन निशाना वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को बनाया गया।' उन्‍होंने बताया कि उनके मंत्रालय की ओर से तैयार किया गया नया मसौदा औद्योगिकरण के लिए जमीन की जरूरतों और जमीन मालिकों को उचित मुआवजा दिलाने के बीच संतुलन स्थापित करेगा। इस मसौदे को तैयार करने में राष्ट्रीय सलाहकार परिषद और योजना आयोग के वरिष्ठ सदस्यों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि इस मसौदे को तैयार करने में मेधा पाटकर को नहीं शामिल किया गया और उन्हें उम्मीद है कि मेधा मसौदे से काफी खुश होंगी।
मशहूर महाकाव्‍य महाभारत में शिखंडी एक उभयलिंगी किरदार था, जिसे अर्जुन ने भीष्म के खिलाफ बतौर मानवीय कवच इस्तेमाल किया था।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के नेता मणि शंकर अय्यर ने बीते सोमवार को अपनी ही पार्टी की पोल खोलते हुए इसे सर्कस कह डाला था। इससे पहले उन्होंने 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में विवादास्पद ढांचे के ढहाए जाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहा राव को जिम्मेदार बताया था। विवादास्पद बयानों के लिए मशहूर अय्यर ने कहा कि हर कांग्रेसी इस सर्कस का हिस्सा बनना चाहता है।

जयराम की सूत की माला से अपने जूते साफ करने की हरकत से कांग्रेस नाराज


| Email  Print 
 
 
 
नई दिल्ली. राजस्थान के बीकानेर में केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश द्वारा सूत की माला से अपने जूते साफ करने की हरकत को कांग्रेस ने गंभीरता से लिया है। पार्टी ने अपनी नाराजगी का इजहार करते हुए जयराम के कृत्य को सिरे से खारिज कर दिया है। पार्टी ने उन्हें हिदायत दी है कि उन्हें देश के प्रतीकों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।

कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि देश में कुछ निश्चित सम्मान के प्रतीक होते हैं। किसी भी व्यक्ति को उन प्रतीकों के प्रति सावधान और संवेदनशील होना चाहिए। जयराम राजस्थान के बीकानेर,कोलायत में मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल योजना में शिरकत करने गए थे।
मंच पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी मौजूद थे। उन्हें सम्मान में सूत की माला पहनाई गई थी। जयराम ने मंच पर बैठे-बैठे उसी सूत की माला से अपने जूते साफ किए। पार्टी नेता और कार्यकर्ता जयराम के इस कृत्य से हैरान रह गए।
आलाकमान ने जयराम से भी अपनी नाखुशी जता दी है। इस बीच,जयराम दिल्ली में इस बाबत सवालों का जवाब देने से कतराते रहे। उन्होंने इस संबंध में पूछे गए सवाल पर झुंझलाहट में कहा कि कुछ गंभीर बहस होने दीजिए।
गौरतलब है कि जयराम पहले भी अपने बयानों के चलते विवाद के केंद्र में रहे हैं।
आपकी राय आखिर क्यों करते है रमेश इस तरह की हरकतें बार-बार? क्या वह इतने भोले हैं कि  वह ऐसा भूलवश कर बैठते है या फिर चर्चा में बने रहने के लिए ऐसा करते हैं?आप क्या सोंचते हैं हमें बताएं

नार्वे नरसंहार के आरोपी ब्रेविक ने बनारस से बनवाए थे बैज


ओस्‍लो. नॉर्वे में हाल में हुए बम धमाकों और गोलीबारी की घटना के बाद राजधानी ओस्‍लो में आज फिर एक बार अफरातफरी मच गई। बुधवार तड़के एक संदिग्‍ध सूटकेस मिलने की खबर फैलने के बाद ओस्‍लो में सभी ट्रेन और बस सेवाएं रोक दी गईं। एहतियात के तौर पर राजधानी के सेंट्रल स्‍टेशन परिसर को खाली करा लिया गया है। एनएसबी रेलवे के अधिकारी के मुताबिक, 'सभी ट्रेन और बस सेवाएं अगली सूचना तक रोक दी गई हैं। पुलिस ने किसी शख्‍स को स्‍टेशन परिसर में घुसने से मना किया है।'

नॉर्वे में पिछले दिनों हुई गोलीबारी में 76 लोगों की हत्‍या करने वाले एंडर्स बेरिंग ब्रेविक ने इस घटना को अंजाम देने के लिए ड्रग्‍स का सहारा लिया था। यह सनसनीखेज खुलासा किया है ब्रेविक के वकील ने। वकील का मानना है कि ब्रेविक विक्षिप्त है। आरोपी ने लोगों को मारने की बात कबूल कर ली है लेकिन यह नहीं माना है कि वह अपराधी है।

ब्रेविक ने इस घटना के बाद पूछा था कि उसे इस घटना में मारे जाने वाले लोगों की संख्‍या का अंदाजा नहीं है। उसने अपने वकील से कहा, मुझे बताया जाए कि मेरी गोलियों से कितने मारे गए हैं।

खुद को 'योद्धा' बताने वाले 32 साल के ब्रेविक (तस्‍वीर में) का मानना है कि उसने '60 साल की जंग' शुरू की है और आने वाले दशकों में उसे पश्चिमी यूरोप के 'रक्षक' के तौर पर याद किया जाएगा। उसका मानना है कि यूरोप को 'मार्क्स संस्कृति' और 'मुस्लिमों के आक्रमण' से बचाया जाना चाहिए।

ब्रेविक के वकील  गीयर लिप्पेस्टाड ने कहा है कि उसके मुवक्किल ने गोलीबारी को अंजाम देने से पहले भारी मात्रा में ड्रग्‍स लिया ताकि ऐसी घटना को अंजाम दे सके।

ब्रेविक ने इस घटना को अंजाम देने से पहले 'ईसीए स्‍टैक' का भारी डोज लिया जिसमें कई नशीली चीजें मिली होती हैं। इसी वजह से वह इस घटना में मारे गए लोगों की संख्‍या भी भूल गया। इनमें कैफीन और एस्पिरिन के अलावा 'इफेड्राइन' नामक एक शक्तिशाली दवा भी थी जिसका इस्‍तेमाल एथलीट अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए करते हैं।

लिप्पेस्टाड का कहना है, 'यह पूरा मामला इस बात की ओर संकेत करता है कि वह विक्षिप्त है।' वकील ने बताया कि उनके मुवक्किल ने अपना आरोप स्वीकार कर लिया है और माना है कि उसने ज्यादती की है लेकिन यह नहीं माना कि वह अपराधी है।

ब्रेविक के वकील का कहना है कि अभी यह नहीं कहा जा सकता है कि ब्रेविक अदालती सुनवाई के दौरान खुद को विक्षिप्त मानता है कि नहीं। इस मामले की सुनवाई शुरू होने में साल भर लग सकता है। वकील का कहना है कि ब्रेविक ने बताया है कि वह इस्लाम विरोधी गुट का सदस्य है, जिसके दो सेल नॉर्वे में और कई सेल दूसरे देशों में काम कर रहे हैं। हालांकि लोगों को इस बात पर भरोसा नहीं हो रहा है कि क्या वाकई में ऐसे कोई सेल काम कर रहे हैं।

बनारस से जुड़े तार

ब्रेविक के संबंध बनारस से जुड़े थे। बनारस के एक बुनकर मोहम्‍मद असलम अंसारी से ब्रेविक करीब सालभर से नियमित संपर्क में था। ब्रेविक ने अपने धर्मयोद्धा संगठन के लिए वाराणसी की कंपनी से बैज बनवाए थे। उसके घोषणा पत्र में खुलासा हुआ है कि ‘बैज ऑफ द जस्टियर नाइट' के लिए ऑर्डर वाराणसी स्थित इंडियन आर्ट कंपनी को दिया था।

बीते 22 जुलाई को राजधानी स्थित एक 17 मंजिला इमारत में कार बम धमाके और उटोया द्वीप के यूथ कैंप में अंधाधुंध
गोलीबारी में 93 लोग मारे गए थे।

प्लीज! हमारा भी पुनर्वास करो या चूहों से बचाओ

| Email  Print Comment
 
 
कोटा. यकीन नहीं आता कि यह शहर अब इतना बदल चुका है। इतना कि, इसके तेजी से हो रहे विस्तार और बढ़ते आशियानों के बीच हमारे लिए छोटा सा ‘कोटा’ नहीं रहा। शायद शहर यह भी भुला बैठा कि जिस बैराज के सहारे वह विकास के नए आयाम लिख रहा है, उसकी खूबसूरती हम ही से है। बैराज के जन्म (1960) से हम एक-दूसरे के सुख-दुख में साथी रहे हैं। वर्ष 1996-97 में इसका बड़ा ऑपरेशन हुआ (बड़ी मरम्मत) तब भी हमने साथ नहीं छोड़ा और हम वहीं डटे रहे। अभी (20 नवंबर,10) हमने साथ ही गोल्डन जुबली (बैराज के 50 वर्ष ) मनाई थी। तो फिर हम बैराज और उसकी सुरक्षा के दुश्मन कैसे हो सकते हैं। जो वाकई दुश्मन (चूहे) हैं, उनके बजाय हमें हटाने की योजना बनाई जा रही है। हमें इससे जुदा करने ख्याल आखिर आपके मन में आ कैसे गया।

देश को हजारों इंजीनियर, आईआईटीयन और डॉक्टर देने वाली इस शिक्षा नगरी में क्या एक भी ऐसा शख्स नहीं, जो चूहों का इलाज ढूंढ़कर हमारा आशियाना बचा सके ! अगर नहीं तो, फिर भी जैसा इस देश का सरकारी कायदा है, बस्ती उजाड़ने पर पुनर्वास किया जाता है। तो फिर हमें उस हक से भी वंचित क्यों किया जा रहा है। बुद्धिजीवियों का हम मूक परिंदों के प्रति आखिर यह कौनसा न्याय है?

आप सामथ्र्यवान हो, हठ करोगे तो शायद हम मूक प्राणी मान भी जाएं, लेकिन पुराने कोटा के दीन दादा व सिंधी कॉलोनी के मलकानी अंकल की तरह उन कई लोगों की तो सोचो। दाना तो बहाना है वे रोज सुबह अपने जज्बात हमसे बांटने आते हैं। पिछले 20 साल से चने-दानों के सहारे सकतपुरा की तुलसी व शांति बाई की आजीविका चल रही है। पिछले पांच दिन से खाली हाथ लौटते इन सबके चेहरों पर हमने गुस्सा देखा है। हमें इन पर यकीन है कि कोई सख्ती भी शायद इनको नहीं रोक पाए, कभी सुबह जल्दी तो कभी चुपके से ये हमें दाना डाल ही जाएंगे। रविवार व सोमवार को तुमने देख ही लिया कि अपनी छोटी-छोटी मुट्ठियों में दाने भरकर बच्चे किस तरह हमारी तरफ दौड़े चले आए। इसलिए हमारा भी यही अनुरोध है कि अब यह नाता मत टूटने दो। कुछ ऐसा करो कि आधुनिकता के साथ परंपरा का नाता जुड़ा रहे, बस हमारे ही दानों पर पलकर आज हमारे आशियाने के लिए खतरा बने ये ‘चूहे’ दूर हो जाएं।

कोटिया भील का किला बनेगा पर्यटन स्थल

| Email  
 
 
 
कोटा. अकेलगढ़ किले को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। सोमवार को इस ऐतिहासिक स्थल का दौरा करने के बाद पर्यटन मंत्री बीना काक ने यह जानकारी दी। अकेलगढ़ किला राजा कोटिया भील के राज्य की राजधानी था। उन्होंने बताया कि रॉयल व्हील्स का बूंदी में ठहराव अगले साल से हो जाएगा। साथ ही डूंगरज्या के कमल सरोवर के लिए 50 लाख और 45 किलोमीटर दूर स्थित नवीं-दसवीं शताब्दी में निर्मित बाड़ौली मंदिर समूह के ऐतिहासिक स्थल के लिए 30 लाख रुपए राज्य सरकार ने स्वीकृत किए हैं। पर्यटन मंत्री ने पत्रकारों से कहा कि कोटिया भील की ऐतिहासिक स्थली रमणीक है। इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सांसद इज्यराज सिंह, गृहमंत्री शांति धारीवाल एवं पंचायतरीराज मंत्री भरत सिंह से भी विचार विमर्श किया जाएगा।

कौन था कोटिया भील

अकेलगढ़ किले से 747 साल पहले कोटिया भील अपना शासन चलाता था। यह भीलों के आधिपत्य का क्षेत्र था, जिनका अंतिम मुखिया कोटिया भील था। बूंदी राज्य के तत्कालीन शासक राव समर सिंह के पुत्र राजकुमार जैत सिंह ने सन 1264 ईस्वी में कोटिया भील और उसके साथियों को मारकर अकेलगढ़ किले पर कब्जा कर लिया था। इतिहास बताता है कि युद्ध में बूंदी की सेना के छक्के छुड़ाने वाले अपराजित कोटिया भील को धोखे से मारा गया था। जैतसिंह ने कोटिया भील के नाम से कोटा की नींव रखी थी। टिपटा चौराहे के पास स्थित गढ़ महल के मुख्य प्रवेश द्वार के पास कोटिया भील का थानक बना हुआ है, जिसकी आज भी पूजा होती है।

प्रशासन मंजूरी दे, हम खर्च करेंगे कबूतरों के लिए


 
| Email  Print 
कोटा नए कोटा में रहते हुए भी मैं 5 साल से बैराज पर मॉर्निग वॉक पर जा रहा हूं। वहां कबूतरों से काफी लगाव हो गया है। मुझसे से भी काफी समय पहले से कई लोग वहां लगातार आ रहे हैं, कबूतरों के साथ हम-सबका एक अजीब सा रिश्ता बन गया है। अगर दानों के कारण चूहों की समस्या है तो चूहों को भगाने के लिए जो मदद चाहिए हम तैयार हैं, बस इन कबूतरों को वहां से मत जाने दीजिए।



वैसे ही पूरा शहर बदल रहा है, इसमें कुछ तो पुराना रहने दीजिए। भास्कर के मंगलवार को प्रकाशित ‘प्लीज! हमारा भी पुनर्वास करो’ खबर पढ़ने के बाद यह अपील सिर्फ जवाहर नगर के ट्रांसपोर्ट व्यवसायी जगदीश जोशी की नहीं बल्कि उन सभी पक्षी प्रेमियों की है, जिनका दिल नहीं चाहता कि महज चूहों के कारण बैराज पर 50 साल से आ रहे कबूतरों का दाना बंद कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रशासन व सिंचाई विभाग की स्वीकृति मिले तो कबूतरों के स्थान पर वे और उनके साथी कोटा स्टोन लगा देंगे, ऊंचा प्लेटफार्म बनाकर जालियां लगा देंगे। चूहों का आना भी बंद कर देंगे। बैराज में जो बिल है उन्हें भी बंद करवा देंगे। रोज शाम को वहां सफाई करवा देंगे ताकि चूहों के लिए कुछ बचे ही नहीं। हमारी पूरी टीम इसके लिए लिखकर देने को तैयार है, हमें सिर्फ प्रशासन की हामी चाहिए। ज्वेलर भीमराज सोनी का कहना था कि गणोश जी के मंदिर नीचे खाली पड़ी जगह के लिए अगर सांसद अनुमति देते हैं तो हम वहां बरामदा बना देंगे और कबूतरों को शिफ्ट कर सकते हैं। कितने ही लोगों को आत्महत्या से बचाया सकतपुरा के नरोत्तम नागर ने कहा कि वे और उनके बच्चे यहीं खेलकूद कर बड़े हुए हैं। 20 साल से यहां चने व दाने बेच रहे लोग ही असल में बैराज के रखवाले हैं उनकी नजर में सारे लोग रहते हैं। बैराज में आत्महत्या का प्रयास करने के मानस आए कई लोगों को उन्होंने समझाया है। आज उनके ही रोजगार पर संकट आ गया है। इसी तरह महुआ पीपलखेड़ा के रुफी शरोधी, कोचिंग स्टूडेंट गौतम, इंद्रविहार के संतराम, सकतपुरा के किराणा व्यवसायी लोकेश कंवर, मिर्जा अफसर बैग तथा शास्त्रीनगर दादाबाड़ी के अजय गुप्ता (30 साल से दान डालने वाले) सहित कई लोग कबूतरों की विदाई के खिलाफ है।
 

लो में फिर आ गया दोस्तों ..................

मेरे शुभ चिंतकों ,मेरे भाइयों मेरी बहनों सभी को आदाब , सलाम . सादर नमन ......सादर वन्दे ....काफी लम्बे वक्त से में ब्लॉग की दुनिया में मिस्टर इण्डिया बन गया था और मेरे ब्लॉग ,मेरी लेखनी सफेदी के दाग की तरह ढूंढते रह गए थे ..दोस्तों आपकी दुआ और आशीर्वाद से मेरे बढे पुत्र शाहरुख़ खान का एडमिशन नोयडा अमिटी बी टेक कम्प्यूटर साइंस में करवा दिया है ..पिछले एक सप्ताह से इसी दोड़ भाग में  में व्यस्त था और इसी लियें मेरे ब्लोगर भाइयों को बोरिंग पोस्टें .बिगड़ी वर्तनी का लेखन ना देखने को मिल पा रहा था ना ही पढने को मिल पा रहा था ..लेकिन दोस्तों भोजन केसा भी हो अगर उसे अच्छी थाली में सजा कर खिलाया जाए तो निश्चित तोर पर ही बात कुछ और हो जाती है मेरे एक हमदर्द , मेरे मित्र रमेश भाई ने जो कहने को तो सिरफिरे है लेकिन उनका सिर सिर्फ इंसाफ की लड़ाई के लियें ही फिरता है और इसीलियें खुद ही खुद को सिरफिरा कहने लगे हैं भाई रमेश जी ने काफी कुछ सजा संवर कर ब्यूटी पार्लर से आई दुल्हन की तरह मेरे ब्लॉग को सजा संवर दिया है मेने जेसे ही ब्लॉग खिला क़सम खुदा की पहले तो में समझा में किसी और दुसरे के ब्लॉग पर हूँ ..फिर थोड़ी देर बाद समझा के यह सजा संवरा ब्लॉग तो मेरा ही ब्लॉग है और बस में भाई रमेश जी को धन्यवाद दिए बगेर नहीं रह सका ...खेर अभी तो कहने को बहुत कुछ है लेकिन अभी सिर्फ इतना कहना है के में एक बार फिर आप लोगों को सताने , परेशान करने , रोज़ मर्रा धमा धम  लिखा गया जबरन पढाने आ गया हूँ तो दोस्तों दिल थाम कर बेठो और बस कडवे कडवे , खट्टे खट्टे मिट्ठे मिट्ठे जो भी अनुभव है मेरे जबरन कडवी दवा की तरह से गले से उतारने के लियें तय्यार बेठे रहो ...................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...