आपका-अख्तर खान

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04 अगस्त 2011

में जानता हूँ ........

में जानता हूँ ........
मोत सियाह 
काली रात से भी 
डरावनी है 
मोत गमगीन होती है 
बस यूँ ही 
कुछ बेवफाई 
रही है तेरी मुझ से 
इसीलिए देख ले 
तेरे सामने 
ज़हर भरे 
जाम पर जाम 
पिए जा रहा हूँ में .....................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ठुकरा दी है दुनिया मेने ...........

तंग आ गया हूँ में 
दुनिया की इस 
तंग दिली से 
दुनिया की इस 
तंगदिली में 
अपनी इस उलझी हुई 
जिंदगी से 
बस 
इसीलियें 
ठुकरा दिया है 
इस दुनिया को 
अपनी ठोकरों से मेने .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एसपी के बंगले पर अतिक्रमण!




jaipur
जयपुर । धौलपुर के राजनेताओं का इतना दु:साहस हो गया कि उनके रिश्तेदार ने खुलेआम पुलिस अधीक्षक के बंगले पर ही अतिक्रमण कर लिया और अब नगर पालिका, पीडब्ल्यूडी और तहसीलदार पुलिस के पत्र के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। राजनेता के पुत्र व स्कूल संचालक ने बंगले के पीछे की चारदीवारी को तोडकर करीब एक हजार वर्ग मीटर जमीन दबा ली। अतिक्रमण करने का अंदेशा जताते हुए पुलिस अधीक्षक कार्यालय के तहसीलदार, नगरपालिका एवं पीडब्ल्यूडी को पत्र लिखने के 15 दिन बाद भी ये लोग चुप्पी साधे हैं।

पुलिस अधीक्षक के सरकारी बंगले के पीछे पंडित उमादत्त पब्लिक स्कूल का परिसर है। पुलिसकर्मियों को संदेह है कि स्कूल संचालक ने वर्ष 2007-08 में बंगले के पीछे की दीवार को तुडवाकर आगे खिसका दिया और निवास की जमीन को स्कूल परिसर में ले लिया है। पुलिस ने अपने पत्र में अंदेशा जताया है कि एसपी निवास पर पीछे की ओर करीब 100 मीटर लंबाई एवं 8-10 मीटर चौडाई में अतिक्रमण किया गया है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि पूर्व में एसपी निवास की दीवार के पास एक मंदिर भी बना हुआ था। अब मंदिर को भी यहां से हटा दिया गया है। इसी के चलते बंगले की जमीन की पैमाइश कराने को कहा गया है।

15 दिन में भी नहीं करा सके पैमाइश

पुलिस अधीक्षक कार्यालय की ओर से नगर पालिका, तहसीलदार व पीडब्ल्यूडी के अघिकारियों को पुलिस अधीक्षक के बंगले की जमीन की पैमाइश करनेके लिए कहा था, लेकिन तीनों विभाग पंद्रह दिन में भी पैमाइश नहीं करा पाए।

पालिकाध्यक्ष के भाई हैं स्कूल संचालक

पंडित उमादत्त पब्लिक स्कूल संचालक उपेन्द्रदत्त शर्मा रिश्ते में भाजपा नेता व नगर पालिका अध्यक्ष रीतेश शर्मा के सगे भाई हैं। रीतेश शर्मा व उपेन्द्रदत्त शर्मा के पिता मुरारीलाल शर्मा व मां भी कांग्रेस से प्रधान रह चुके हैं। मुरारीलाल शर्मा धौलपुर कांग्रेस के पूर्व विधायक बनवारीलाल शर्मा के सगे भाई हैं।

पैमाइश कराएंगे


मुझे इस मामले में जानकारी मिली है। मैंने एईएन को भेजकर इसका पता कराया है। तहसीलदार से मिलकर इसकी पैमाइश कराएंगे।
गोपाल लाल माथुर, अधीक्षण अभियंता, पीडब्ल्यूडी
हमें एसपी कार्यालय से पत्र मिला है। जल्द ही एसपी निवास की भूमि की पैमाइश कराई जाएगी।
नेत्रपाल पाठक, कार्यवाहक तहसीलदार धौलपुर
तहसील कार्यालय से मुझे पैमाइश कराने की सूचना मिली है। एसपी कार्यालय की ओर से पत्र नहीं मिला है।
सरवन कुमार विश्नोई, ईओ नगर पालिका धौलपुर
कोई अतिक्रमण नहीं किया

मेरे स्कूल की दीवार चालीस-पचास साल पुरानी है। स्कूल की ओर से कोई अतिक्रमण नहीं किया गया है। उपेन्द्रदत्त शर्मा, स्कूल संचालक

ढाई साल के बच्चे को याद हैं पिछले जन्म की बातें!




jaipur
हिण्डौनसिटी। ढाई साल के एक बच्चे ने पूर्व जन्म की बातें याद होने का दावा करते कहा है कि वह इससे पहले उसी गांव में जन्म ले चुका है। उसकी मृत्यु के बाद उसने अपने मित्र के घर पुन: जन्म लिया। जाटव बस्ती के खारा कुआं कॉलोनी के सियाराम जाटव की मानें तो सात दिन पूर्व उसके ढाई वर्षीय बालक सचिन ने पूर्व जन्म में भी खुद के उसी गांव में पैदा होने की बात बताई। उसने कहा कि पूर्व जन्म में वह चौबे पाडा निवासी बृजेश पाठक पान वाला था।
 उसकी ढाई वर्ष पूर्व किडनी की बीमारी से मौत हो गई थी। बालक की जिद पर परिजन उसे बृजेश के पिता छोटेलाल के घर ले गए। इस दौरान बालक ने अपने कथित पूर्व जन्म के परिजनों को पहचान लिया।
छोटे लाल के अनुसार, उसके घर की एलबम में सचिन ने उसकी पुत्रवधू कुसुमलता (बृजेश की पत्नी) को स्वयं की पत्नी व पोते भविष्य (6) व गगन (4) को अपना पुत्र बताया। इधर सियाराम का कहना है कि मृतक बृजेश पाठक (32) उसका मित्र था। अग्रसेन महिला शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य व मनोविज्ञान के प्रवक्ता डॉ. सुनील अग्रवाल का कहना है कि व्यवहार में पूर्वजन्म की याद्दाश्त को पुनर्जन्म के रूप में देखा जाता है।

सरेआम भाई को दौड़ा-दौड़ाकर घोंपे चाकू, कर दी हत्या

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जयपुर। न्यू सांगानेर रोड पर सुबह 10 बजे..बाजार खुल चुका था, चाय की दुकान पर भीड़ के बीच चचेरे भाई को ही चाकू मारा। अफरातफरी मची, मगर किसी ने विरोध नहीं किया। घायल युवक भागा और आरोपी खून से सना चाकू लेकर उसके पीछे दौड़ा। उसने 11 वार किए, पर सैकड़ों की भीड़ में न किसी ने उसे रोका, न ही पुलिस बुलाई। उसने खुद ही राह चलती किसी की बाइक रुकवाई और हाथ में चाकू लिए हुए सोढाला थाने पहुंच गया। इधर, करीब बीस मिनट तक युवक की लाश सड़क के समीप फुटपाथ पर पड़ी रही। उसके चारों तरफ खड़ी भीड़ पुलिस का इंतजार करती रही।
दरअसल, धनराज प्रजापत (23) ने अपने चचेरे भाई घनश्याम उर्फ श्यामा प्रजापत (28) की पत्नी से करीब तीन माह पहले अवैध संबंध बनाया। इसके बाद उसकी वीडियो क्लिपिंग बनाकर घनश्याम को ही भेज दी। इतना ही नहीं, वह उसे इसके ताने भी देने लगा। इससे अवसाद में आए घनश्याम ने दो माह पहले पत्नी को टोंक स्थित अपने गांव पवालियां भेज दिया और धनराज से बदला लेने की योजना बनाई। पांच दिन पहले वह चाकू खरीदकर ले आया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक घनश्याम की न्यू सांगानेर रोड पर राजश्री पब्लिक स्कूल के समीप स्थित चाय की दुकान पर धनराज अकसर बैठता था। गुरुवार सुबह 10 बजे भी वह आकर बैठा। दोनों में कुछ कहासुनी हुई और घनश्याम ने चाकू निकालकर धनराज की गर्दन पर वार कर दिया। इससे वहां बैठे लोग भाग खड़े हुए। धनराज भी चिल्लाता हुआ भागा और घनश्याम उसके पीछे दौड़ा। चंद कदम दूर डेयरी की दुकान के बाहर घनश्याम ने धनराज को पकड़कर चाकू से ताबड़तोड़ वार कर दिए। इससे अचेत होकर धनराज वहीं गिर पड़ा। फिर खून से लथपथ हालत में ही उसने चाकू हाथ में लिए एक बाइक सवार को रुकवाया और उस पर बैठकर वहां से चला गया।
पुलिस के अनुसार दुकान पर धनराज ने घनश्याम को उसकी पत्नी के अनैतिक संबंधों की बातें कहकर ही उकसाया था। उधर, मौके पर पहुंची पुलिस ने जीप में लहुलुहान धनराज के शव को जीप में रखा, तभी वहां पहुंची 108 एंबुलेंस भी पहुंच गई और शव को एसएमएस अस्पताल पहुंचाया।
दिनदहाड़े हुई हत्या तमाशबीन बनी भीड़
दिनदहाड़े भीड़भाड़ वाले बाजार में घनश्याम ने धनराज के सीने, गर्दन, हाथ, पेट व अन्य हिस्सों में ताबड़तोड़ 11 वार किए। धनराज बचाव के लिए चीख रहा था, मगर बाजार में मौजूद राहगीर, स्थानीय लोग व दुकानदार हत्या की वारदात को इस तरह से देख रहे थे मानो सड़क पर कोई तमाशा चल रहा हो।
..ताकि कोई क्लिपिंग बनाने की हिम्मत न करे
पत्रकारों के पूछने पर आरोपी ने कहा- धनराज को इसलिए ऐसी मौत दी ताकि कोई और अश्लील क्लिपिंग बनाने की हिम्मत न जुटा पाए।

अफसर वहीं, मंत्री मुश्किल में

  
 
 
भोपाल। ‘भ्रष्टाचार’ की शिकायत पर जिन अफसरों को सहकारिता मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने सार्वजनिक रूप से प्रताड़ित किया, उनके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। न तो एसडीएम व पटवारी हटाए जा सके, न ही सहकारिता विभाग के अफसरों का अब तक तबादला हुआ है। अलबत्ता मंत्री बिसेन जरूर परेशानी में आ गए हैं।

बिसेन ने 27 जुलाई को सिवनी जिले के केवलारी में पटवारी देवेंद्र मर्सकोले को सार्वजनिक रूप से उठक-बैठक लगाने की सजा दी थी। यहीं उन्होंने एसडीएम एसआर पंडा को भ्रष्टाचारी कह कर लताड़ लगाई थी। सिवनी जिला प्रशासन ने अब तक इन दोनों को न तो कोई नोटिस दिया और न ही इनके खिलाफ कोई कार्रवाई हुई।

मर्सकोले तो गुरुवार को पटवारी संघ की बैठक में भाग लेने भोपाल आए थे। हालांकि बिसेन ने यह कहा था कि वह कलेक्टर को निर्देश देंगे कि पटवारियों से यह शपथ-पत्र लिया जाए कि उन्होंने अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार जैसा कोई काम नहीं किया है। अगले दिन यानी 28 जुलाई को बिसेन ने होशंगाबाद में एक कार्यक्रम में अपने विभाग के अधीन जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक आरके दुबे को तत्काल हटाने की घोषणा की थी।

अब सीडी को लेकर बिसेन चर्चा में
सहकारिता मंत्री गौरीशंकर बिसेन अब एक सीडी के कारण नई मुसीबत मे फंसते दिखाई दे रहे हैं। मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि इस सीडी में बिसेन आईएएस और आईपीएस अफसरों को लेकर टिप्पणी करते दिखाए गए हैं। इससे दोनों कॉडर के अधिकारी बिसेन के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। समझा जाता है कि अब इस कैडर के अधिकारी भी बिसेन के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहे हैं।

बिसेन ने संयुक्त पंजीयक आरएस अहिरवार को शहडोल तबादले पर स्टे वापस लेने को कहा था। अहिरवार ने इसके लिए न्यायालय में आवेदन दे दिया है, लेकिन अभी निर्णय नहीं होने से वे भी होशंगाबाद में ही पदस्थ हैं।

यह है घटनाक्रम
> छिंदवाड़ा में जिला योजना समिति की बैठक में कहा-आदिवासियों में समझ नहीं होती।
> केवलारी में पटवारी को उठक-बैठक लगवाई और एसडीएम को भ्रष्टाचारी कहा।
> होशंगाबाद में सहकारिता विभाग के दो अफसरों और जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक को फटकार लगाई और 24 घंटे में रिलीव होने को कहा।
> मंत्री के व्यवहार से नाराज होकर पटवारी हड़ताल पर चले गए।
> राज्य प्रशासनिक सेवा संघ और राजस्व विभाग के अन्य अधिकारी-कर्मचारी भी उनके पक्ष में आए।

170 किलो के बॉक्स में बनाया बेडरूम


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बर्लिन। जर्मन डिजाइनर सेबास्टिअन मूलहाउसर और मार्सेल क्रिंग्स ने एक बॉक्स में पूरे कमरे को फिट कर दिखाया है। 2007 में कोल्न इंटरनेश्नल स्कूल ऑफ डिजाइन में पढ़ते समय उन्हें मोबाइल लाइफ स्टाइल का ये आइडिया आया था। अब उन्होंने इसे तैयार किया है और कैसूलो नाम दिया है। जल्दी ही वे इसका व्यावसायिक प्रोडक्शन शुरू करने वाले हैं।



कैसूलो में बैडरूम की जरूरत का हर सामान मौजूद है, मसलन पलंग, टेबल, रैक्स और अलमारी वगैरह। इसका कुल वजन 375 पाउंड है, जिसे और कम करके 330 पाउंड करने की उनकी योजना है। कैसूलो के अंदर का सामान केवल सात मिनट में जमाया जा सकता है। इस तरह ट्रांसपोर्टेशन में समय और पैसा बचाया जा सकता है।

सावधान! ऐसे स्टंट कभी भूलकर भी न करना..

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कुछ लोग हमेशा ही लीक से हटकर काम करने का हौसला रखते हैं और अगर दिल में जज्बा हो तो दुनिया की कोई ताकत उनके मार्ग में बाधा नहीं बन सकती। ऐसे ही सिरफिरे लोगों की ये तस्वीरें देख आपके होश उड़ा जायेंगे।
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

हवा से बातें करती हैं दुनिया की ये 10 रेलगाड़ियां



जापान की JR-Maglev MLX01 ट्रेन दुनिया की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन होगी। इसकी अधिकतम रफ्तार 341 मील प्रति घण्टा होगी यानि 574.66 किलोमीटर प्रति घण्टा की तेज रफ्तार। यह वास्तव में हैरतअंगेज गति होगी। प्रस्तुत है विश्व की दस अन्य सबसे तेज रेलगाड़ियां....
 

1. जापान ट्रेन - JR-Maglev MLX01 गति - 361घण्टा मील प्रति घण्टा
 

2. फ्रांस ट्रेन - TGV V150 गति - 357 मील प्रति घण्टा
 

3. चीन ट्रेन - CRH380AL गति - 302 मील प्रति् घण्टा क्षमता - 600 यात्री
 

4. जर्मनी ट्रेन - Transrapid TR-07 गति - 270.3 मील प्रति घण्टा
 

5. स्पेन ट्रेन - AVE Class 103 गति - 251 मील प्रति घण्टा क्षमता - 404 यात्री
 
 
 
6. इटली ट्रेन - ETR 500 Frecciarossa गति - 225 मील प्रति घण्टा क्षमता - 590 यात्री
 

7. यूनाइटेड किंगडम ट्रेन - Eurostar 3313/14 गति - 208 मील प्रति घण्टा क्षमता - 750 यात्री
 

8. साउथ कोरिया ट्रेन - KTX-I गति 190 मील प्रति घण्टा क्षमता - 965 यात्री
 

9. ताइवान ट्रेन - THSR 700T गति - 186 मील प्रति घण्टा क्षमता - 989 यात्री
 

10. रूस ट्रेन - Siemens Velaro RUS गति - 175 मील प्रति घण्टा क्षमता - 600

काजी का तलाक प्रमाण-पत्र भी मान्य


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अजमेर। मुस्लिम परित्यक्ताएं अब बीएड कॉलेज में काजी की ओर से दिए गए तलाक प्रमाण-पत्र के आधार पर भी प्रवेश पा सकेंगी। इस बाबत सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने संशोधित आदेश जारी कर दिया है।

विभाग की प्रमुख शासन सचिव अदिति मेहता के मुताबिक मुस्लिम परित्यक्ताएं अधिकृत काजी व उसके नहीं होने पर उसके स्थान पर निकाह में शामिल हुए दो योग्य व्यक्तियों का प्रमाण-पत्र तलाक के दो गवाहों की पुष्टि के साथ पेश कर सकेंगी।

पूर्व में तलाकशुदा मुस्लिम महिला को प्रवेश के लिए कोर्ट की डिक्री का इंतजार करना पड़ता था। इसमें काफी समय लग जाता था। यूथ कांग्रेस, उत्तर विधानसभा अध्यक्ष सैयाद अहसान यासिर चिश्ती ने बताया कि बेरोजगार मुस्लिम विधवा महिलाओं को काफी परेशानी होती थी।

राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी फेसबुक के प्रमुख लेखक बने

राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री  प्रताप सिंह सिंघवी  फेसबुक के प्रमुख लेखक बन गए है ....बारां छाबडा से कई बार विधायक रहे प्रताप सिंह सिंघवी इस विधानसभा क्षेत्र से वंशानुगत एक छत्र नेता रहे हैं .जनता पार्टी शासन में इस इलाके से पूर्व मुख्यमंत्री भेरोसिंह शेखावत को प्रताप सिंह सिंघवी ने जब विधायक बनवाया तो ..इनके पिता अघ्षित मुख्यमंत्री थे ....छात्र जीवन से ही कोटा में रहकर राजनीति से जुड़े प्रताप सिंह सिंघवी लगातार छबडा से विधायक रहे और फिर वसुंधरा सिंधिया का झालावाड लोकसभा क्षेत्र इनका होने से वोह वसुंधरा सिंधिया के खसम खास हो गए ..वसुंधरा मंत्रिमंडल में सिंघवी प्रमुख मंत्रियों में से एक रहे ..सिंघवी की वसुंधरा के प्रति वफादारी और भक्ति ही थी के उन्होंने वसुंधरा सिंधिया को देवी की तरह पूजनीय मानकर सभी को सकते में डाल दिया ............ 
प्रताप सिंघवी इन दिनों चुनाव हार जाने के बाद अपने इलाके में फिर से खुद की स्थिति मजबूत करने में लगे हैं लेकिन खाली टाइम का वोह पूरी तरह से फेसबुक का उपयोग कर रहे हैं सिंघवी नियमित रूप से कोंग्रेस और देश के हालातों पर कुछ ना कुछ चुटीली बातें लिखते रहे हैं और हालत यह हैं के इनके इस नियमित लेखन के कारण सेकड़ों लोग इनके प्रशंसक है और रोज़ मर्रा इनके लेखों को पढ़ कर प्रतिक्रियाएं भी देते हैं तो जनाब इस तरह से बने एक राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री फेसबुक लेखक .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ड्रैगन का सबसे बड़ा साइबर हमला




world news

बोस्टन। साइबर हैकिंग या अटैक कोई नई बात नहीं, लेकिन अब दुनिया के सबसे बड़े साइबर हमलों का खुलासा हुआ है। साइबर सुरक्षा की अग्रणी कंपनी मैक्फी के अनुसार दुनिया के 70 से अधिक प्रतिष्ठानों के कंप्यूटर नेटवर्क को बाधित और उनसे डाटा चोरी किया गया है। जिन देशों पर ये साइबर हमला हुआ, उनमें भारत भी शामिल है।
किसने किया
मैक्फी के अधिकारियों का साफ तौर पर कहना है कि ये साइबर हमलों की ये घृणित हरकत चीन ने की है। ये पहली बार नहीं है, जब किसी साइबर सुरक्षा कंपनी या एजेंसी ने हैकिंग के लिए साफ तौर पर चीन को जिम्मेदार ठहराया हो, लेकिन चीन हमेशा इस तथ्य के पुख्ता सबूत होने के बाद भी इसे नकारता आया है।
नापाक नजर कहां
हैकर्स ग्रुप की नजर मुख्य तौर पर भारत और अमरीका के दूरसंचार उपग्रह, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्राकृतिक गैस कंपनियां और सबसे संवेदनशील रक्षा उद्योग पर हैं। हालांकि, मैक्फी ने हैकिंग की शिकार किसी भी संस्था का स्पष्ट तौर पर नाम नहीं बताया है, लेकिन ये माना जा रहा है कि ये दोनों देशों के बड़े संस्थान हैं।
फिलहाल चुप्पी
साइबर अटैक के इस बड़े मामले के खुलासे के बाद भी किन्हीं कारणों से किसी भी संस्थान ने सार्वजनिक रूप से कोई बयान नहीं दिया है। माना जा रहा है कि इस मामले की गहन तफ्तीश के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी। समाचार एजेंसी एपी ने जरूर कहा है कि उसके संस्थान पर साइबर अटैक पिछले 21 महीनों से जारी है।
गूगल भी सुरक्षित नहीं
चीन की हरकतों का आलम देखिए कि गूगल जैसे विश्व के सबसे बड़े सर्च इंजन को उसने निशाना बनाया। पिछले साल गूगल ने आरोप लगाया कि चीन के सरकार समर्थित हैकर समूह ने उसके संवेदनशील दस्तावेज हैक कर लिए हैं। गूगल ही क्यों इसके अलावा कई अन्य कंपनियों ने भी ऎसे ही आरोप प्रमाणों के साथ लगाए।
किन पर हुआ हमला
भारत
अमरीका
हांगकांग
दक्षिण कोरिया
कनाडा
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक
कमेटी
समाचार एजेंसी
एपी
संयुक्त राष्ट्र सचिवालय
अमरीकी ऊर्जा विभाग प्रयोगशाला
अमरीकी रक्षा विभाग में
12 स्थान
1998 से हैकिंग कर रहा है चीन
72 संस्थान ताजा हमले के शिकार
49 अकेले अमरीकी संस्थान
20 बिलियन डॉलर का हर साल घाटा
14 पेज की है मैक्फी की रिपोर्ट
किसकी क्या तैयारी
अमरीका ने साइबर अटैक से निपटने के लिए करीब 100 मिलियन डॉलर खर्च कर एक विशेष अभियान शुरू किया है। उसने पेंटागन के अधीन एक अमरीकी साइबर आर्मी गठित की है, जिसका प्रमुख एक तीन स्टार जनरल रैंक का अधिकारी है।
भारत की बात करें तो अगस्त 2010 में केंद्र सरकार ने साइबर विशेषज्ञों की सहायता से एक दल का निर्माण करने का निर्णय किया, जो इस तरह के मामलों से निपटेगा। इस मामले में खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों से सलाह मशविरा भी किया जाएगा।

सर्जरी के लिए सोनिया गईं विदेश: कांग्रेस ने छिपाया

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नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को डॉक्‍टरों ने सर्जरी की सलाह दी है और इस सिलसिले में वह फिलहाल देश से बाहर हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी ने गुरुवार को बताया कि सोनिया गांधी अगले दो-तीन सप्ताह तक संसद की कार्यवाही में शामिल नहीं हो सकेंगी।

द्विवेदी ने यह तो नहीं बताया कि सोनिया को इलाज के लिए किस देश ले जाया गया है। उन्होंने कहा कि सोनिया ने इलाज के लिए जाने से पहले अपनी अनुपस्थिति में पार्टी का कामकाज देखने के लिए चार सदस्यीय दल गठित कर दिया है। इसमें उनके बेटे राहुल गांधी भी शामिल हैं।

द्विवेदी ने यहां बताया, "सोनिया को हाल ही में ऐसी चिकित्सकीय परेशानी का पता चला था जिसमें शल्य चिकित्सा आवश्यक थी। उनके डॉक्टरों की सलाह पर वह बाहर गई हैं और उनके दो से तीन सप्ताह तक बाहर ही रहने की सम्भावना है।"

वैसे कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सोनिया इलाज के लिए अमेरिका गई हैं लेकिन उनकी बीमारी का नाम नहीं बताया गया है।

द्विवेदी ने बताया कि पार्टी को गुरुवार को सूचना मिली है कि उनकी सर्जरी सफलतापूर्वक हो गई है।

सोनिया ने अपनी गैरमौजूदगी में जिन लोगों को पार्टी के कामकाज देखने की जिम्मेदारी सौंपी है उनमें राहुल के अलावा खुद द्विवेदी, रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी और श्रीमती गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल शामिल हैं।

सरकारी बिल जला कर अन्‍ना ने शुरू की आर-पार की लड़ाई



 

 
नई दिल्ली. जन लोकपाल बिल के लिए सरकार और टीम अन्‍ना में आर-पार की लड़ाई शुरू हो गई है। गुरुवार को सरकार ने लोकसभा में बिल का मसौदा पेश कर दिया। उधर बिल पेश हुआ और इधर तबियत खराब होने के बावजूद अन्‍ना हजारे और उनके साथियों ने महाराष्‍ट्र के रालेगण सिद्धि में बिल की प्रतियां जला कर इसका विरोध किया। अब टीम अन्‍ना ने सविनय अवज्ञा आंदोलन की चेतावनी दी है।

सरकार ने लोकपाल बिल की प्रतियां जलाए जाने की निंदा करते हुए कहा कि अन्‍ना हजारे और उनकी टीम ने ऐसा कर संसद का अपमान किया है। केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्‍बल ने कहा कि यदि हजारे लोकपाल बिल पर अलग राय रखते हैं तो उन्‍हें इसे संसद की स्‍थायी समिति के सामने रखनी चाहिए जो इस पर विचार करेगी।  

बिल की प्रतियां जलाने के बाद अन्‍ना हजारे ने एक बार फिर सरकार पर हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि सभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को लोकपाल के दायरे में लाया जाना चाहिए। उन्‍होंने सवालिया लहजे में कहा, ‘हर राज्‍य में लोकायुक्‍त की नियुक्ति नहीं हुई तो भ्रष्‍टाचार पर काबू कैसे पाया जा सकता है।’ उन्‍होंने सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा करते हुए चेतावनी दी कि सरकार के लोकपाल बिल की 'होली' देश के गांव-गांव में जलेगी।

16 अगस्‍त से अनशन शुरू करने पर अटल अन्‍ना ने कहा कि यदि देश से भ्रष्‍टाचार को मिटाना है तो आंदोलन का यह अच्‍छा मौका है और इसे हाथ से निकलने नहीं देना चाहिए। उन्‍होंने कहा, ‘युवाओं सहित सभी देशवासियों को इसे आजादी की दूसरी लड़ाई समझकर 16 अगस्‍त से शुरू हो रहे अनशन में शामिल होने की अपील करता हूं। मेरे शरीर में जब तक प्राण है तब तक अनशन जारी रहेगा। हम जेल भरो आंदोलन करेंगे।’ सरकारी लोकपाल को ‘गंदा लोकपाल’ बिल करार देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि सरकार ने सिविल सोसायटी के ड्राफ्ट की अनदेखी कर जनता से धोखाधड़ी की है।

टीम अन्‍ना के सदस्‍य अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्‍टाचार से आम आदमी को होने वाली तकलीफों को संसद में पेश लोकपाल बिल में जगह नहीं मिलने पर सरकार को निशाने पर लिया है। उन्‍होंने कहा, ‘सरकार का लोकपाल बिल गरीबों, दलितों और आम आदमी के खिलाफ है। इसमें ऐसे भ्रष्‍टाचार पर काबू पाने का जिक्र नहीं है जो सीधे आम आदमी से जुड़ती हैं। यह बिल भ्रष्टाचार से लड़ने और आम आदमी को राहत देने में नाकाम साबित होगा।’

केजरीवाल ने कहा, ‘दवाइयां सरकारी अस्‍पताल से गायब हो जाती है। नरेगा में गरीब मजदूरों का शोषण होता है। उन्‍हें मजदूरी नहीं मिलती। सड़कें टूट रही हैं। नगर निगमों में भ्रष्‍टाचार का बोलबाला है। इसके अलावा अन्‍य कई सरकारी दफ्तरों का भ्रष्टाचार सरकार के लोकपाल बिल के दायरे से बाहर है।’ सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, ‘सरकार का बिल संसद की अवमानना है। यह देश के नागरिकों की अवमानना है। यह भ्रष्‍टाचार के खिलाफ सख्‍त कानून नहीं है। यह कानून देश की जनता पर थोपा जा रहा है।’

केजरीवाल ने पिछले दिनों अन्‍ना के आंदोलन की रूपरेखा की जानकारी दी थी। उन्‍होंने कहा था कि सरकारी लोकपाल के खिलाफ देश भर में अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत गांव-गांव में टोलियां बना कर पदयात्रा का कार्यक्रम है। 10 से 16 अगस्त गांव--गांव में सुबह को प्रभात फेरियां और शाम को कैंडल मार्च निकालने का कार्यक्रम है। इसके बाद 16 अगस्‍त से दिल्‍ली में अन्‍ना हजारे का अनशन शुरू हो जाएगा। इस बीच 15 अगस्‍त को रात में 8 से 9 बजे के बीच बत्तियां बुझा कर लोगों से यह जतलाने की भी अपील की गई है कि उन्‍हें जो आजादी मिली है, उससे देश का अंधेरा मिटा नहीं है।

टीम अन्‍ना के एक अन्‍य सदस्‍य और जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकार की ओर से सदन में रखा जाने वाला लोकपाल बिल का ड्राफ्ट बेहद कमजोर है। सरकार की ओर से तैयार मसौदे का विरोध करते हुए उन्‍होंने चेतावनी दी है कि यदि सरकार अनशन के लिए जगह मुहैया नहीं कराती है तो सविनय अवज्ञा आंदोलन छेड़ेंगे।
   
इससे पहले, आज लोकसभा में बिल पेश करने से पहले सरकार ने टीम अन्‍ना को एक तरह से चेतावनी दी की वह संसद में यकीन रखें। संसद के बाहर संवाददाताओं से केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि आप संसद में यकीन रखिए या तो नहीं रखिए। उन्‍होंने कहा कि टीम अन्‍ना को संसद में यकीन रखना चाहिए।

सशक्त लोकपाल बिल की मांग करते हुए अन्ना हजारे 16 अगस्त से फिर अनशन पर बैठने का ऐलान कर चुके हैं।  बीजेपी और लेफ्ट ने भी सरकार की तरफ से पेश होने जा रहे लोकपाल बिल की आलोचना की है। बीजेपी के राज्यसभा सांसद तरुण विजय ने कहा है कि केंद्र सरकार एक वरिष्ठ गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता को धोखा दे रही है। लोकसभा में बिल रखे जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्‍वराज ने भी बिल के दायरे में प्रधानमंत्री और न्‍यायपालिका को नहीं रखे जाने का विरोध किया।

सीपीएम पॉलित ब्यूरो की सदस्य वृंदा करात ने कहा है कि प्रधानमंत्री को लोकपाल बिल का दायरे में लाया जाना चाहिए। सरकार की तरफ से पेश होने जा रहे बिल में प्रधानमंत्री को अपने कार्यकाल के दौरान लोकपाल के दायरे से बाहर रखा गया है।

आपकी राय
क्या अन्ना की बीमारी से मजबूत लोकपाल बिल के लिए मुहिम पर असर पड़ सकता है? क्या इससे अन्ना के समर्थकों का संकल्प और मजूबत होगा? क्या सरकार लोकपाल बिल को संसद से पास करा लेगी? इन मुद्दों पर अपनी राय जाहिर करें।
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