आपका-अख्तर खान

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07 अगस्त 2011

मेरे स्कुल में आओ

आओ 
आज तुम सभी 
मेरे स्कुल में आओ 
में तुम्हे बताता हूँ 
मोहब्बत हां मोहब्बत 
क्या चीज़ होती है ..
एक दुसरे के 
लियें जिसके दिल में 
प्यार , मोहब्बत , अपनापन हो 
बस वाही मोहब्बत और खुदा की खुदाई होती है ..........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

साथ छोड़ कर जा रहे हो .

दुनिया से 
बिछड़ कर ही तो 
मेने 
तुम्हे पाया है 
अब 
तुम ही 
साथ छोड़ कर जा रहे हो ..............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 

भविष्य : प्रयोगशाला में तैयार हो रहे हैं ‘असली’ दिल


 
इंसान के ‘असली’ दिल प्रयोगशाला में तैयार किए जा रहे हैं। उम्मीद है, आने वाले एक-दो सप्ताह में इन दिलों में धड़कन शुरू हो जाए। अमेरिका की मिनेसोटा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक इस कारनामे को अंजाम देने की कगार पर पहुंच चुके हैं। इन वैज्ञानिकों की टीम का नेतृत्व कर रहे डॉ. डोरिस टेलर कहते हैं, ‘दिल धीरे-धीरे विकसित हो रहे हैं। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि वे कुछ दिनों के भीतर ही धड़कना शुरू कर देंगे।’
टेलर और उनकी टीम इंसानी कोशिकाओं से ही यह दिल विकसित कर रही है। इसके लिए उन्होंने दान किए गए असली दिल से सभी तरह के पदार्थ हटाकर सिर्फ मूल ढांचा बचा रहने दिया। इसके बाद एक अन्य व्यक्ति की मांसपेशियों से मूल कोशिकाएं (स्टेम सेल) लेकर इस ढांचे में डाल दीं।
इन मूल कोशिकाओं ने ढांचे के इर्द-गिर्द फिर से दिल की तरह आकार लेना शुरू कर दिया। डॉ. टेलर के मुताबिक, अगर प्रयोग पूरी तरह सफल रहा तो भविष्य में जिस व्यक्ति में दिल का ट्रांसप्लांट किया जाना है, उसी की कोशिकाओं से नया दिल विकसित कर उसमें लगाया जा सकता है। ऐसे में शरीर नए दिल को आसानी से स्वीकार कर लेगा। इसके बाद लिवर, किडनी और फेंफड़े जैसे अंगों का भी विकास संभव हो सकेगा।

बच्चा लंबा चाहिए तो दूर से लाएं बीवी

वाशिंगटन सुनने में अजीब लगेगा, लेकिन पोलैंड के वैज्ञानिकों का दावा है कि यदि मियां-बीवी का जन्म एक ही शहर में हुआ है तो उनके बच्चे का कद कम रहेगा। यदि आप बच्चे का कद लंबा चाहते हैं तो बीवी ऐसी खोजिए जिसका मायका आपके शहर से बहुत दूर हो।

पोलैंड के वैज्ञानिकों ने जेनेटिक्स पर किए अध्ययन में पाया यदि पति-पत्नी एक ही शहर के हैं, तो उनके बच्चे तुलनात्मक रूप से दूर पैदा हुए माता-पिता के बच्चों से औसतन नाटे होते हैं। इसका कारण जेनेटिक बताया गया है।

शोध में दावा किया है कि अलग-अलग इलाकों में पैदा हुए माता-पिता के जीन्स में एक ही शहर में पैदा हुए युगल की तुलना में कम समानता होती है। पोलिश एकेडमी ऑफ साइंसेस के एंथ्रोपोलॉजी विभाग के दारियूज डैनल ने यह शोध लिखा है।

उनके अनुसार, जेनेटिक विविधता से बच्चों का शरीर अन्य बच्चों के मुकाबले ज्यादा प्रभावी ढंग से काम करता है। ‘लाइव साइंसेज’ में प्रकाशित अध्ययन में डैनल ने कहा, ‘यह प्रभाव बच्चों में छह से 18 साल के बीच विकास अवधि में दिखता है।’ शोधार्थियों के मुताबिक, किसी बच्चे का कद उसके माता-पिता के कद और सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर भी निर्भर करता है।

तस्वीरों में देखिए ट्रेन से कैसे यह कूदा और फिर...

जालंधर कैंट स्टेशन पर रविवार को पश्चिम एक्सप्रेस से उतरते हुए इस शख्स की जान संयोग से ही बच पाई। शाम ५.३क् बजे ट्रेन स्टेशन पर रुकने के बाद खुल गई और ४क् की स्पीड में थी, तब इस जनाब को उतरने की सूझी। पैर थोड़ा और फिसलता तो ट्रैक पर गिरते और तब..?

ओसामा बिन लादेन की मौत का बदला!

 
 
 
पुली आलम। अफगानिस्तान में तालिबान ने नॉटो के एक हेलीकॉप्टर को मार गिराया। इस हमले में 38 सैनिकों की मौत हो गई। मृतकों में 31 जवान अमेरिकी सेना के हैं, जबकि सात अफगानी सैनिक हैं। हादसा शुक्रवार रात को वारदक प्रांत के सायद अबाद जिले में हुई। 2001 में अफगानिस्तान में युद्ध की शुरुआत होने के बाद विदेशी सैनिकों के मारे जाने की यह सबसे बड़ी घटना है। मृतकों के 22 जवान नेवी सील्स की यूनिट 6 के सदस्य थे। इस यूनिट ने अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के खिलाफ कार्रवाई की थी। हालांकि, मारे गए सैनिकों में से कोई कार्रवाई में सीधे शामिल नहीं था।

अफगान अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि पूर्वी वारदक प्रांत के आतंक वाद प्रभावित जिले सायद अबाद में शुक्रवार की रात तालिबान की ओर से दागे गए रॉकेट ने हेलीकॉप्टर को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। हेलीकॉप्टर एक सैन्य अभियान में हिस्सा लेने के बाद अपने मुख्य अड्डे पर वापस लौट रहा था।

राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मारे गए अमेरिकी सैनिक सेना की विशेष सैन्य टुकड़ी के हिस्सा थे। राष्ट्रपति हामिद करजई ने सैनिकों की मौत पर शोक व्यक्त किया है। बयान में सात अफगानी सैनिकों के मौत की पुष्टि करते हुए कहा गया है कि ये लोग लोग विशेष बल के सदस्य थे।

सबसे घातक हमला

करीब दशक भर से जारी अफगान युद्ध में विदेशी सैनिकों पर यह सबसे घातक हमला है। इससे पहले 2006 में तालिबान के रॉकेट हमले में 16 सैनिक मारे गए थे।

आठ आतंकी भी मरे

तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि उसका संगठन अमेरिकी चिनूक हेलीकॉप्टर को मार गिराने के लिए जिम्मेदार है। उसने सैन्य अभियान में आठ आतंकवादियों के मारे जाने की बात भी स्वीकारी है।

घटना की कहानी, प्रत्यक्षदर्शी की जुबानी

एक प्रत्यक्षदर्शी मोहम्मद साबेर ने बताया कि उसके गांव में देर रात को अभियान के दौरान एक हेलीकॉप्टर अचानक गिरा। उसने कहा ‘करीब रात दस बजे हमने अपने ऊपर हेलीकॉप्टर उड़ते देखे। हम घर में थे। हमने देखा कि एक हेलीकॉप्टर एक तालिबान कमांडर के घर पर उतरा और ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू हो गई। हेलीकॉप्टर ने फिर उड़ान भरी, लेकिन उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद वह गिर गया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई अन्य हेलीकॉप्टर भी उड़ रहे थे।’

हत्या के मामले में सैनिक को तीन साल कैद

अमेरिकी हिरासत में मई 2010 में एक अफगान की हत्या के मामले में एक अमेरिकी सैनिक को तीन साल कैद की सजा सुनाई गई है। अमेरिकी सेना की कोरल गेब्लस फ्ला इकाई के 23 वर्षीय एडम विनफील्ड को हत्या की साजिश रचने के आरोप में यह सजा सुनाई गई। उस पर कंधार प्रांत में तीन अफगान नागरिकों की हत्या में शामिल रहने का भी आरोप है। सजा के तौर पर उसका ओहदा भी कम कर दिया गया है और उसे भत्तों से भी वंचित कर दिया गया है।

टाक सीमाएं बताएं तो समझूंगा मेरा आईक्यू कम हो गया : जोशी

 

 
 
 
जयपुर। जिला कांग्रेस के अभिनंदन समारोह के दिन समारोह स्थल और पीसीसी में कहासुनी प्रकरण के मामले में कांग्रेस सांसद महेश जोशी और अश्क अली टाक के मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। महेश जोशी ने अब सार्वजनिक रूप से टाक को अपने से जूनियर बताकर अभिनंदन समारोह में कहासुनी का खंडन नहीं करने पर दुख जताया है। महेश जोशी ने रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि जिस दिन मेरी नियति ऐसी हो जाएगी कि अश्क अली टाक जैसे नेता जो मुझसे जूनियर हैं खरी खोटी सुनाकर मुझे अपनी सीमाएं बता सकें तो उस दिन मानूंगा कि मेरा आईक्यू लेवल कम हो गया है। हालांकि टाक ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

जोशी ने कहा, जिला कांग्रेस के स्वागत समारोह और पीसीसी में उस दिन अश्क अली टाक और मेरे बीच कोई तकरार नहीं हुई जैसा मीडिया रिपोर्टो में कहा गया। मैं उम्मीद करता था कि अश्क अली सच्चाई बताएंगे लेकिन उन्होंने इसके बारे में कुछ नहीं बोला, इस बात की मेरे मन में टीस है। मैंने हमेशा टाक को छोटे भाई जैसा स्नेह और सहयोग दिया है जो खुद टाक जानते हैं।

पार्टी हाईकमान और गहलोत के बाद जयपुर की जनता से ही कुछ लिया:

जोशी ने कहा, मैंने अपने राजनीतिक जीवन में पार्टी आलाकमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा यदि किसी से कुछ लिया है तो वह जयपुर की जनता है। जयपुर की जनता का ऋण कभी नहीं चुका सकता, इसलिए जयपुर की जनता की हर संभव तरीके से सेवा करता रहूंगा।

मेयर के अफसरों के खिलाफ बोलने की प्रवृत्ति के मैं खिलाफ :

जोशी ने कहा कि जहां तक नगर निगम की बात है मैंने हमेशा खुद को नगर निगम के पचड़ों से अलग रखा है। एक सांसद के नाते मुझे जनता के कामों को करने की सिफारिश करनी होती है वह मैं लिखित में करता हूं, जो सांसद के नाते अधिकार है। उन्होंने कहा कि पार्टी जनप्रतिनिधियों के सार्वजनिक रूप से अफसरों के खिलाफ बोलने की प्रवृत्ति के मैं खिलाफ हूं। जब जयपुर महापौर ने पहली बार सार्वजनिक मंच से प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ बोला था उसका भी विरोध किया था, उसके तत्काल बाद मेयर के अभिनंदन के लिए आयोजित समारोह में मुझे आमंत्रित तक नहीं किया गया था।

नगर निगम सीईओ राजेश यादव ने जब मेयर हाउस के बिजली बिल मामले में एसीबी में शिकायत की थी तब मैंने उनको फोन कर कहा था कि आप यह ठीक नहीं कर रहे हैं। सामंजस्य बनाकर चलना चाहिए। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान ने निर्देश दिए थे कि पार्टी के नेता सार्वजनिक मंच पर सरकार और पार्टी के खिलाफ मुद्दे नहीं उठाएं। इन निर्देशों की मैं पालना करुंगा और इसमें प्रदेशाध्यक्ष के हम पूरी तरह साथ हैं।

भ्रष्टाचार: जिम्मेदार कौन, कौन रोकेगा और क्‍या है इलाज?


भ्रष्टाचार और इसे रोकने की कोशिश ऐसा मुद्दा रहा है जिसने भारतीयों को 'एक' कर दिया है। हालांकि, अभी हमें पता नहीं है कि भ्रष्टाचार के लिए कौन जिम्मेदार है। इसके लिए राजनेताओं और नौकरशाहों पर उंगली उठाना आसान है। लेकिन क्या घूस देकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले उतने ही जिम्मेदार नहीं हैं?

हमें मालूम है कि 2 जी, सीडब्लूजी और खनन घोटालों से सरकारी खजाने को करोड़ों रुपयों का चूना लगा है। लेकिन क्या 1000 रुपये के चालान से बचने के लिए ट्रैफिक पुलिस को 100 रुपये घूस देने वाला शख्स, रेलवे टीटीई को सीट के लिए घूस देने वाला यात्री और कॉलेज में एडमिशन के लिए डोनेशन के नाम पर घूस देने वाले मां-बाप दोषी नहीं हैं?

इन सभी अपराधों का स्तर अलग-अलग है, लेकिन इन सब में ‘चलता है’ का रवैया एक जैसा है। इसलिए अब सवाल उठता है- अपने देश में दिख रहे भ्रष्टाचार के लिए कौन जिम्मेदार है? हम अलग-अलग क्षेत्रों में भ्रष्टाचार देखते हैं। इनमें सरकार, शिक्षा, मीडिया, दूरसंचार, रिटेल, निर्माण और खनन जैसे तमामा अहम क्षेत्र शामिल हैं। यहीं से मुझे मेरे दूसरे सवाल का सिरा मिलता है- हमारा मार्गदर्शन कौन करेगा और कौन यह बताएगा कि भ्रष्टाचार को कम और आखिर में खत्म कैसे करना है?

वे कौन से नेता, विचारक, रणनीतिकार, कॉरपोरेट दिग्गज हैं जिनका ज्ञान, जिनकी विशेषज्ञता और सलाह आप को यानी भारत के लोगों को मंजूर होगी?

और अंत में, आपके पास अपने महान देश को इस विपदा से मुक्ति दिलाने के लिए क्या रास्ता है? आपको क्या लगता है कि भ्रष्टाचार को खत्म करने का क्या तरीका हो सकता है? अगर एक अरब लोग अपना दिमाग लगाएं तो मुझे यकीन है कि रास्ता जरूर निकलेगा और अंधकार भरी सुरंग के अंत में रोशनी दिखेगी।

यही वजह है कि हमने आपके सामने ये सवाल रखे हैं। आप नीचे मौजूद कमेंट बॉक्स में ऊपर पूछे गए तीन सवालों के जवाब दीजिए- आपके मुताबिक भ्रष्टाचार के लिए कौन जिम्मेदार है? इसे खत्म करने के लिए आप किसकी राय जानना चाहते हैं? और अंत में भ्रष्टाचार से लड़ने के उपायों पर आप अपनी राय जाहिर कीजिए। और हमारी कोशिश होगी कि हम सब साथ-साथ भ्रष्टाचार की पहेली सुलझाएं और कुछ सवालों के जवाब जरूर ढूंढ लें।

भ्रष्टाचार की कड़ी में एक बात और
भ्रष्टाचार की लंबी कड़ी में ताजा मामला शीला दीक्षित का है। शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार पर सीएजी ने पिछले साल अक्टूबर में हुए १९ वें कॉमनवेल्थ खेलों में हुई फिजूलखर्ची और अनियमितता बरतने के आरोप लगाए हैं।

सीएजी की रिपोर्ट में शीला दीक्षित की सरकार पर लगने वाले अहम आरोप हैं-
-दिल्ली सरकार ने स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए बाज़ार रेट से कहीं ऊंची दरों पर ठेका देकर सरकारी खजाने को 31 करोड़ का चूना लगाया।
-कई ऐसी कंपनियों को सौंदर्यीकरण का ठे‍का मिला जो 'काली सूची' में थीं।
-लो फ्लोर बसों, बस शेल्टर, स्ट्रीट लाइट, बसों में एलईडी लाइट पैनल लगाने में वित्तीय खामियां।
-स्ट्रीट लाइट का आयात करने से भी सरकारी खजाने को चूना लगा।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भ्रष्टाचार के मुद्दे पर येदियुरप्पा से इस्तीफा मांगने वाली कांग्रेस पार्टी की नेता शीला को खुद आरोपों से घिरने के बाद कुर्सी नहीं छोड़नी चाहिए? आप इस सवाल का जरूर दीजिएगा।

भारत ने अमेरिका को 41 अरब डालर का कर्ज दे रखा है

 

 
नई दिल्ली. भारत ने अमेरिका को 41 अरब डालर का कर्ज दे रखा है। इस तरह अमेरिका को कर्ज देने वाले 15 सबसे बड़े देशों में भारत का 14वें नंबर पर है और इसका स्‍थान फ्रांस और आस्ट्रेलिया से भी ऊपर है। ऐसे में अमेरिका में किसी भी संभावित आर्थिक उथल पुथल से भारत कितना अछूता रह पाता है, यह देखने वाली बात होगी।

हालांकि भारत के नजरिए से यह बड़ी राशि है लेकिन जहां तक अमेरिका का सवाल है यह उसके सकल घरेलू उत्पाद का 0.3 फीसदी यानी उसके कुल विदेशी कर्ज का महज एक फीसदी है।

अमेरिकी राजकोषीय आकंड़ों के मुतबिक  अमेरिका का कर्ज बोझ 15 हजार अरब डालर के करीब पहुंच चुका है जिसमें से साढ़े चार हजार अरब डालर उसे विदेशी कर्ज के रूप में चुकाने हैं। यानी इतनी कीमत की प्रतिभूतियों उसने दूसरे देशों को बेच रखी हैं।

चीन ने 1.15 खरब डॉलर की अमेरिकी प्रतिभूतियां अपने पास रखी हैं और वह सबसे बड़ा अमेरिकी प्रतिभूति धारक है। भारत इस मामले में 14वें पायदान पर है और इसके पास करीब 1.83 लाख करोड़ रुपये की अमेरिकी प्रतिभूति है।

चीन के बाद जापान (912 बिलियन डॉलर), ब्रिटेन (346 बिलियन डॉलर), ब्राजील (211), ताइवान (153), हांग कांग (122), रूस (115), स्विट्जरलैंड (108), कनाडा (91), लक्‍जमबर्ग (68), जर्मनी (61), थाइलैंड (60), सिंगापुर (57) और भारत (51 बिलियन डॉलर) का नंबर आता है।  भारत से कम कर्ज देने वाले देशों में क्रमश: तुर्की, आयरलैंड, दक्षिण कोरिया, बेल्जियम, पोलैंड, मैक्सिको, इटली, नीदरलैंड्स, फ्रांस, फिलीपिंस, नॉर्वे, स्‍वीडन, कोलंबिया, इजराइल, चिली, मिस्र, मलेशिया और ऑस्‍ट्रेलिया का नंबर है।

संकट के बावजूद अमेरिका की प्रतिभूतियां इस दौरान  भी दुनिया में सबसे ज्यादा 500 अरब डालर की बनी रही है जबकि चीन की 300 अरब डालर की। ऐसे में यह साफ है कि अमेरिका की साख अभी भी दुनिया में काफी मजबूत है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय साख निर्धारक संस्था स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एसएंडपी) ने चेतावनी दी है कि अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग में और गिरावट हो सकती है। एजेंसी ने 95 साल में पहली बार दुनिया की सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था अमेरिका की ‘एएए’ रेटिंग खत्म डबल ए प्लस कर दी है। (पूरी खबर पढ़ने के लिए रिलेटेड खबरों पर क्लिक करें)

अमेरिकी साख घटने की खबरों के बीच धराशायी हुए बाजारों और चिंतित निवेशकों को देखते हुए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था का  बुनियादी ढांचा काफी मजबूत है। उधर भारतीय रिजर्व बैंक ने भी कहा है कि वह अमेरिका से प्रतिभूति खरीद को बंद करने की स्थिति में नहीं है। देश के विदेशी मुद्रा भंडार का बड़ा हिस्सा डालर में है। ऐसे में रिजर्व बैंक ने डालर पर संभावित खतरे को देखते हुए एहतियात के तौर पर मुद्रा भंडार को आगे से अन्य मुद्राओं में रखने की बात जरूर कही है।

 

आफत बनी पिकनिक: चट्टानेश्वर में फंसी 16 जानें

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कोटा। झालावाड़ रोड केबल नगर के पास पिकनिक स्पॉट चट्टानेश्वर में रविवार देर शाम को पानी बढ़ने से 16 जने फंस गए। कुछ युवकों ने रस्सी डालकर बमुश्किल एक-एक करके सबको बाहर निकाला। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार रविवार को चट्टानेश्वर में काफी लोग पिकनिक मनाने पहुंचे थे। अधिकतर लोग शाम होने पर लौट आए, लेकिन करीब 16 जने चट्टानों पर बैठे मौज मस्ती कर रहे थे। अंधेरा होने लगा था, तभी पानी का बहाव तेज हो गया। उन लोगों ने उसमें से निकलने की कोशिश की, लेकिन पानी का प्रवाह तेज होने पर वे बहने लगे। इस पर वे वापस चट्टान पर चढ़ गए। उन्होंने मदद के लिए लोगों को पुकारा। इस पर केबल नगर के विक्रांत दुबे, मनोज चांदना व उसके दो साथी उनकी मदद के लिए पहुंचे। उन्होंने केबल नगर से फोन कर टेंट हाउस से मोटा रस्सा मंगाया।

रस्सा आने पर विक्रांत पानी में तैरकर उन लोगों के पास पहुंचा और पेड़ से रस्सा बांधा। उसके बाद सभी लोगों को एक-एक करके पानी से बाहर निकाला गया। सूचना मिलने पर विज्ञाननगर पुलिस व मुख्य अग्निशमन अधिकारी संजय शर्मा व सहायक अग्निशमन अधिकारी राकेश व्यास मौके पर पहुंच गए। तब तक फंसे हुए लोगों को निकाला जा चुका था। पुलिस ने वहां से 6 जनों कोटड़ी निवासी तुषार, श्रीनाथपुरम सत्यसिंह, रामपुरा निवासी योगेंद्र सिंह, केबल नगर निवासी महेश, महावीर नगर तृतीय निवासी प्रेमशंकर व छावनी रामचंद्रपुरा निवासी हरिसिंह को शांतिभंग में गिरफ्तार कर लिया।

जान जोखिम में डाली तो गिरफ्तारी

एसपी प्रफुल्ल कुमार ने बताया कि सभी पिकनिक स्पॉट पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हुए हैं। खतरनाक स्थानों पर संकेतक बोर्ड भी लगाए हुए हैं। उसके बाद भी लोग पुलिसकर्मियों की बातों को अनसुना कर देते हैं। इस बार बारिश भी काफी तेज हैं। अधिकतर जगह हादसों का खतरा बना हुआ है। ऐसे में जो भी पिकनिक स्पॉट पर जान जोखिम में डालेगा। उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उसकी गिरफ्तारी भी की जा सकती है।

भंवरकुंज से भी हटाया

भंवरकुंज में रविवार को पानी का काफी तेज बहाव था। उसके बाद भी लोग पानी में जाकर पिकनिक मना रहे थे। पुलिस व अग्निशमन के अधिकारियों ने लोगों को वहां से हटाया। इसी प्रकार इस दस्ते ने डायवर्जन चैनल से भी लोगों को पिकनिक मनाते हुए हटाया।

आलनिया बांध में चादर चलने से बढ़ा पानी

आलनिया बांध में रविवार को बरसों बाद 6 इंच की चादर चली। इससे उसका सारा पानी चट्टानेश्वर में आ गया। इससे वहां पानी का प्रवाह काफी तेज हो गया।

सुदामा कृष्णा की दोस्ती भुलाकर हम विदेशियों की दोस्ती की बात करते हैं और खुद को शर्मसार करते हैं

दोस्तों आज में हेरान और परेशान हूँ आज सुबह से सभी हैप्पी फ्रेंडशिप दे मना रहे है एक दुसरे को संदेश और झंसेबाज़ी दे रहे हैं मन में क्या है लेकिन सन्देश में एक दुसरे के लिए प्यार और दोस्ती की तड़प बता रहे हैं ..बच्चे हैं के शोक में एक दुसरे को फ्रेंडशिप बेंड बाँध रहे हैं ...........देश में अब विदेश की कई बातों का असर खूब आ गया है फ्रेंड शिप दोस्तों ने मनाया हो या ना मनाया हो लेकिन फ्रेंडशिप बेंड और फ्रेंडशिप गिफ्ट बनाने वालों के साथ साथ मोबाइल मेसेज कम्पनियों के मज़े हो गए हैं और आज के दिन उन्होंने करोड़ों करोड़ रूपये हमारे देश के भोले भाले जज्बाती लोगों से कमा लिए हैं .......दोस्तों फ्रेंड शिप दे जो यु के में १९३५ में एक अपराधी को जब वहां के पुलिस ने अगस्त के प्रथम शनिवार को म्रत्युदंड दिया तब उसके एक मित्र ने अपने म्र्तक दोस्त की याद में दुसरे दिन जज्बाती होकर आत्महत्या कर ली और जान दे डाली बस यु के के लोगों को एक दोस्त का दोस्त के लियें जान देने का यही अंदाज़ पसंद आया और जब से ही अगस्त महीने के पहले रविवार को फ्रेंडशिप दे मनाने की घोषणा कर दी ..आर एस एस और भाजपा के लोग जो स्वदेशी आन्दोलन की बात करते हैं गाँधीवादी लोग जो चरखे और खादी की बात करते हैं वोह सभी इस रंग में बस गए हैं ......दोस्तों में नहीं समझता इस दिन को हमारे लियें मनाना गर्व की बात हो लेकिन हाँ दोस्ती की मिसाल हमारे देश में क्रष्ण सुदामा और ना जाने कितने लोग रहे हैं हम हमारे देश में उन लोगों को याद  करके कभी भी उनके नाम पर कोई दिवस नहीं मनाते और इसीलियें हम हमारे देश हमारी संस्क्रती से दूर होते जा रहे हैं और नतीजे घर घर बिखरते परिवारों के रूप में देखने को मिल रहे हैं एक व्यक्ति सडक पर घायल पड़ा रहता है तड़प तड़प कर इलाज के आभाव में जान दे देता है लेकिन मानवता के नाते कोई उसे अस्पताल लेजाने की जुर्रत नहीं करता एक आदमी चाकू की नोक पर सरेआम एक लडकी को उठा कर लेजाता है उसके साथ बलात्कार करता है लेकिन उसे बचने के लियें कोई स्वदेशी नहीं आता .चलो तात्कालिक रूप से बचाना मुश्किल भी हो अगर तो उस अपराधी के पकड़े जाने  पर उसे सजा दिलवाने के लियें कोई भी खुलकर अदालत में ब्यान नहीं देता है ऐसे न जाने कितने किस्से हैं जो हम और हमारे देश वासी राष्ट्रहित में पूरा नहीं करते हैं लेकिन ऐसे दिवस जिसका हमारे देश हमारी संस्क्रती से कोई लेना देना नहीं है उसपर करोड़ों करोड़ रूपये और अपना बेशकीमती वक्त बर्बाद कर डालते हैं तो दोस्तों  नाराज़ ना होना अपना तो रोज़ ही फ्रेंडशिप दिवस है एक दिन तो दिवस वोह लोग मनाते हैं जो साल भर बेवफाई कर केवल एक दिन का दिखावा करते हैं हम और आप तो आजीवन  अटूट दोस्ती के रिश्ते में बंधे हैं इसलियें यह दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे दोस्तों ..............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 

दिल तो मिलते नहीं हाथ मिलाते क्यूँ हो ..

दिल तो मिलते नहीं हाथ मिलाते क्यूँ हो ..
दोस्तों दुनिया की यह रस्म निभाते क्यूँ हो ..
तो दोस्तों बनावटी रिश्ते छोडो और दिल से कहो
मित्रता दिवस जिंदाबाद मित्रता और भाईचारा सद्भाव की जय हो
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दोस्तों ! एक है रमेश कुमार जैन, जिनका दुनिया की हकीक़त देखकर सिर-फिर गया

दोस्तों ! एक है रमेश कुमार जैन,
जिनका दुनिया की हकीक़त
देखकर सिर-फिर गया.
और बस इसीलिए
वो रमेश कुमार जैन से
रमेश कुमार सिरफिरा हो गए.
पहले पत्रकार बने, फिर नेता बने
अब देख लो, बेहतरीन ब्लोगर बन गए है.
मन में जिनके निर्भीकता और
बेबाकी में भी अपनापन हो
सभी की मदद करने की चाहत
और हौंसला जिसके मन में हो
देखो मेरे भाइयों! अपनों के ही बेगाने हो जाने से
आज वो अकेले हो गए हैं.
संघर्ष ही जिनका जीवन बना हो
राह में जिनके कांटे ही कांटे बिछे हों
जिनके सत्य वचनों से
जिसका दुश्मन जमाना बना हो.
आज उन्हें देख लो मेरे भाइयों!
वो अपने साहस, धैर्य, त्याग,
तपस्या, बलिदान और संयम से
पप्पू की तरह से फिर पास हो गए है.
अख़बार जिनका "जीवन का लक्ष्य" हो
ब्लॉग जिनका खुद के नाम पर हो
दोस्त जिनके हजारों हों
ब्लोगिंग की रेटिंग जिनकी अव्वल हो
आज देख लो मेरे भाइयों!
वही रमेश कुमार जैन पहले सिरफिरा
और अब सबके अपने हो गए हैं
शोषण-उत्पीडन के खिलाफ जंग और
बेबाकी, सत्यता, ईमानदारी, कर्मठता
जिसका मकसद हो, आज उन्हें देख लो
वो अलग-थलग होकर भी
अपने इस संघर्षशील आचरण से
प्यार-मुहब्बत, इंसानियत, ब्लोगिंग
और पत्रकारिता के शीर्ष हो गये हैं
या चुट्किले अंदाज़ में यूँ कहिये
भाई रमेश, मुन्नी को बदनाम कर
शीला को जवान कर
भाई रमेश कुमार सिरफिरा जी
ब्लोगिग्न और पत्रकारिता की दुनिया के
दूसरे "दबंग" हो गए हैं
कुदरत का अजब नजारा
यह भी देख लो, राशि में लिखी है
जिनकी दुश्मनी हमसे वो फिर भी हमारे
दोस्त से भी बढ़कर भाई हो गए
भाईयों यह तो है, भाई रमेश कुमार जैन जी

 आपका-अख्तर खान "अकेला"

अब ओर क्या कहूँ इनके बारें में ज्यादा अगर जानना हो मेरी कलम से तब यहाँ "यारों मैं बेफिक्र हुआ, मुझे 'सिरफिरा' सम्पादक मिल गया"  पर करो क्लिक और जान लो. सिरफिरा के बारे में कुछ अंश लेकिन उनका परिचय उन्हीं के अंदाज़ में एक बार फिर से पेश हैं

 रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" 

लिंग: पुरुषखगोलीय राशि: मेष,    उद्योग: प्रकाशन 

व्यवसाय: प्रकाशक, मुद्रक, संपादक, स्वतंत्र पत्रकारिता व विज्ञापन बुकिंग 

स्थान: A-34-A,शीश राम पार्क, सामने-शिव मंदिर, उत्तम नगर, नई दिल्ली-59 

फ़ोन: 09868262751, 09910350461, 011-28563826 : भारत

    मेरे बारे में -मुझे अपराध विरोधी व आजाद विचारधारा के कारण ही पत्रकारिता के क्षेत्र में 'सिरफिरा' प्रेसरिपोर्टर के नाम से पहचाना जाता है.अन्याय का विरोध करना और अपने अधिकारों हेतु जान की बाज़ी तक लगा देना.हास्य-व्यंग साहित्य, लघुकथा-कहानी-ग़ज़ल-कवितायों का संग्रह,कानून की जानकारी वाली और पत्रकारिता का ज्ञान देने वाली किताबों का अध्ययन,लेखन,खोजबीन और समस्याग्रस्त लोगों की मदद करना.एक सच्चा,ईमानदार, स्वाभिमानी और मेहनती इंसान के रूप में पहचान. मै अपने क्षेत्र दिल्ली से चुनावचिन्ह "कैमरा" पर निर्दलीय प्रत्याक्षी के रूप में दो चुनाव लड़ चुका हूँ.दिल्ली नगर निगम 2007,वार्ड न.127 व उत्तमनगर विधानसभा 2008 के दोनों चुनाव में बगैर किसी को दारू पिलाये ही मात्र अपनी अच्छी विचारधारा से काफी अच्छे वोट हासिल किये थें.मेरी फर्म "शकुंतला प्रेस ऑफ़ इंडिया प्रकाशन" परिवार द्वारा प्रकाशित पत्र-पत्रिकाएँ-जीवन का लक्ष्य (पाक्षिक)शकुंतला टाइम्स(मासिक),शकुंतला सर्वधर्म संजोग(मासिक),शकुंतला के सत्यवचन(साप्ताहिक) ,उत्तम बाज़ार (त्रैमासिक) "शकुंतला एडवरटाईजिंग एजेंसी" द्वारा सभी पत्र-पत्रिकायों की विज्ञापन बुकिंग होती है.निष्पक्ष,निडर,अपराध विरोधी व आजाद विचारधारा वाला प्रकाशक,मुद्रक,संपादक,स्वतंत्र पत्रकार,कवि व लेखक

    रुचि 

    एक अभिलाषा-भ्रष्टाचार मुक्त 

    सर्वक्षेष्ट व समृध्द भारत देश में प्रजातंत्र 

    कभी-कभार फुर्सत मिलने पर ही:-क्रिकेट देखना और खेलना

    सांप-सीढ़ी और लूडो खेलना

    दिमागी कसरत वाली गेम कंप्यूटर व टी.वी. पर खेलना.

      पसंदीदा मूवी्स

      पसंदीदा संगीत

      पसंदीदा पुस्तकें

      अपने उलटे मतलब में .......

      आज तक 
      जो कुछ भी 
      कहा हे 
      मेने उनसे 
      उसका उलटा ही 
      मतलाब लिया है उन्होंने ..
      में भी अब 
      जब वोह 
      पूंछेंगे मेरे हाल 
      में ठीक ,,बिलकुल ठीक हूँ 
      उनसे कहूंगा 
      शायद वोह 
      अपने उलटे मतलब में 
      मेरा हाल 
      समझ जाएँ ....................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

      वाह क्या चाँद है..........

      कल झील में 
      मेने देखा 
      जरा गोर से 
      मेरा अक्स 
      जो झलका झील में ,,,
      में सोचने लगी 
      वाह क्या चाँद है ..........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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