आपका-अख्तर खान

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11 अगस्त 2011

रोशन घर को मेरे कर दो ............

मेरे घर में
अन्धेरा करने वालों
में तो नादाँ हूँ
में तो
दूसरों के घरों में
चिराग रोशन कर
रौशनी कर रहा हूँ
बस तुम लोग ही
जरा सोचो
मेरे घर को भी चाहिए
एक दिया
रौशनी के लियें ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

तुम तो भुला दोगे मुझे .....

में जानता हूँ
तुम तो
भुला दोगे मुझे ...
मेरी उन यादों को
मेरी उन बातों को
बस यूँ ही
हवा में उड़ा दोगे तुम
लेकिन
में तो
ऐसा नहीं कर सकता
क्यूंकि
मेने तो तुम से
मोहब्बत की है .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अब संसद में पाकिस्तान की जुबान बोले कृष्णा


नई दिल्ली. विदेश मंत्री एसएम कृष्णा की जुबान फिर फिसल गई। इस बार वे सदन में पाकिस्तानी सरकार की भाषा बोलने लगे। अजमेर की जेल में बंद पाक नागरिक की रिहाई के लिए पाकिस्तान सरकार से आग्रह करने तथा पाक की जेल में बंद भारतीय नागरिक सरबजीत को लेकर दिए विवादास्पद बयान से विपक्ष हतप्रभ रह गया। पाक नागरिक संबंधी बयान पर तो प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्होंने कृष्णा के बयान को दुरुस्त किया।

अजमेर की जेल में बंद पाक नागरिक के लिए कहा-पाकिस्तान सरकार चिश्ती को रिहा करे

उपरोक्त घटनाक्रम गुरुवार सुबह 11 बजकर 28 मिनट पर राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की मौजूदगी में हुआ। हुआ यूं कि प्रश्न संख्या 164 के तहत भारत व पाक में बंद एक दूसरे के कैदियों को लेकर शिवानंद तिवारी ने एक पूरक सवाल पूछा।

उन्होंने राजस्थान की अजमेर जेल में बंद एक बुजुर्ग पाकिस्तानी नागरिक डॉ. खलील चिश्ती का जिक्र किया जिनके बंदी होने का संज्ञान खुद प्रधानमंत्री तक ले चुके हैं।

कृष्णा ने जवाब दिया कि डा. चिश्ती पाकिस्तानी जेल में बंद हैं और उनकी रिहाई के लिए वहां के प्रधानमंत्री व सरकार को नरमी दिखानी चाहिए। इस जवाब को लेकर भाजपा के बलबीर पुंज व प्रकाश जावडेकर ने कृष्णा पर निशाना साधा तो पीएम खुद ही खड़े हो गए। डा. सिंह ने सदन को बताया कि डा. चिश्ती राजस्थान की जेल में बंद हैं और उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री से बात की है। गृह मंत्री इस मसले पर राजस्थान सरकार व वहां के गृह मंत्री के संपर्क में हैं।

पाक की जेल में बंद भारतीय के लिए बोले-सरबजीत ने किए हैं चार विस्फोट

पीएम के स्पष्टीकरण के बाद हालत सुधर रहे थे। पाकिस्तानी जेल में मौत की सजा पाए भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की रिहाई को लेकर वामपंथी वृंदा करात के सवाल के जवाब में विदेश मंत्री के बयान से सभी सांसद स्तब्ध रह गए। कृष्णा ने कहा कि सरबजीत को जुलाई 1990 में चार बम विस्फोटों में शामिल होने के कारण गिरफ्तार किया गया था और 15 सितंबर 1991 को उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई।

विपक्षी सांसदों ने कृष्णा का ध्यान दिलाया कि वे सदन में पाकिस्तानी सरकार की भाषा बोल रहे हैं। इसपर विदेश मंत्री ने कहा कि मामले को लेकर पाकिस्तानी सरकार का यही पक्ष है लेकिन भारत सरकार उनकी सजा माफ कराने के लिए पूरी गंभीरता से प्रयास कर रही है। पाकिस्तानी राष्ट्रपति के पास उनकी दया याचिका लंबित है और भारत उनसे मामले में नरमी बरतने व मानवीय आधार पर फैसला लेने का आग्रह करता है।

चिता पर बैठ कर रहा था तंत्र साधना, तांत्रिक की पीट-पीटकर हत्या



उदयपुरवाटी/सीकर। श्मशान में चिता पर बैठकर तंत्र साधना कर रहे तांत्रिक की मृतक के परिजनों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। बताया जाता है कि तांत्रिक के तीन साथी और थे लेकिन वे परिजनों को देखकर फरार हो गए। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।

जानकारी के मुताबिक चिराणा के सीएचसी में तैनात कंपाउंडर छापौली (झुंझुनूं) हाल सीकर निवासी रमेश रोहिला की बुधवार को खोरी रामपुरा (सीकर) के पास दुर्घटना में मौत हो गई थी। शाम को शव का छापौली गांव के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया। प्रथा के अनुसार बुधवार रात करीब नौ बजे रमेश के परिजन श्मशान में दूध देने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान उसकी चिता पर छापौली गांव का ही रामू गुर्जर (75) तंत्र साधना करता दिखाई दिया। यह देखकर वे भड़क गए और तांत्रिक को पीटते हुए श्मशान से बाहर दर्जियों के मोहल्ले में ले आए। यहां उन्होंने तांत्रित को उसी के साफे से एक बरामदे में बांध दिया। बताया जाता है कि साथियों का नाम बताने के लिए तांत्रिक की रात भर रह-रहकर पिटाई की गई, जिससे वह कई बार बेहोश हुआ। सुबह तांत्रिक ने दम तोड़ दिया।

सुबह ग्रामीणों ने पुलिस को लाश पड़े होने की सूचना दी। पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर तफ्तीश शुरू की तो सचाई सामने आ गई। तांत्रिक के भाई कुशल्यावाली ढाणी निवासी देबूराम की ओर से दिनेश कुमार, मनोहर और विनोद के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया गया है। एसपी ने बताया कि तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। तीनों ने रामू गुर्जर को रात भर बांधकर पीटा था।

कई बार पिट चुका है तांत्रिक:

श्मशान घाट में चिता पर तंत्र साधना करते हुए तांत्रिक रामू गुर्जर कई बार ग्रामीणों से पिट चुका है। ग्रामीणों ने बताया कि रामू गुर्जर तंत्रमंत्र में विश्वास रखता है। रात को कई बार वह श्मशान घाट में देखा गया था। चिता से छेड़छाड़ करने पर पहले भी कई बार वह ग्रामीणों के गुस्से का शिकार हो चुका है।

जब तक 3-4 बार सांप से नहीं कटवाता चैन नहीं आता'

सीतामढ़ी. जिले का नानपुर प्रखंड इन दिनों सुर्ख़ियों में है। इलाके में विष पुरुष की मौजूदगी ने इसे चर्चा में ला दिया है। प्रखंड के चौपार गांव के रहने वाले विनोद विष पुरुष बन गए हैं। यकीन मानिए, अब तो वह जब तक 3-4 बार सांप से नहीं कटवाता, उसे नींद ही नहीं आती।

इलाके के लोगों ने इन्हें तो अब कलयुगी पुरुष कहना शुरू कर दिया है। अब तक सांपों को देख लोग भागते हैं, यहां विनोद नाम के इस शख्स को देख सांप भाग जाते हैं। इन्हें लोग वैद्य जी भी बुलाते हैं। सांप अगर किसी को डस ले तो इलाके के लोग उस पीड़ित को वैद्य जी के ही पास लाते हैं।

"सांपों का माला बना डालते हैं गले में"

विनोद बताते हैं कि उन्हें बचपन से ही सांपों से आकर्षण था। सांपों के पीछे खूब भागते थे, फिर तो धीरे-धीरे उन्होंने सांपों के साथ खेलना शुरू कर दिया। गेहुंमन सांप तो वैद्य जी को सबसे अधिक पसंद है। आम लोग जो, गेहुंमन का सिर्फ नाम सुनकर कांप जाते हैं, वैद्य जी के चेहरे पर ख़ुशी की लहर आ जाती है। ये जहरीले सांपों को बेखौफ होकर बेधड़क पकड़ते हैं। इतना ही नहीं, वैद्य जी इन सांपों को माला के रूप में गले में भी डाल लेते हैं।

"मुंह में बंद कर रख लेते हैं सांप को"

विनोद उर्फ़ वैद्य जी को सांपों ने इस दौरान कई बार काटा भी है। लेकिन, आश्चर्य उन्होंने सांपों के विष को खुद से निकाल लिया। कई बार तो उन्हें कुछ हुआ भी नहीं। अब विनोद की मानें, तो उन्हें सांपो के विष को चखने की आदत पड़ गई है। अब तो दिन में तीन-चार बार जब तक कोई जहरीला सांप इन्हें काट न ले, चैन की नींद नहीं आती। सांप इनके आसपास हमेशा रहते हैं।

या यों कहें कि विनोद हमेशा सांपों को अपने पास रखते हैं। कई बार तो सांप इन्हें काटने को तैयार ही नहीं होता। ऐसी स्थिति में ये बेचैन हो जाते हैं। सांप को कई बार उकसाते हैं। फिर भी बात नहीं बनती तो मजबूरन सांप को अपने मुंह में रख लेते हैं।

बेमिसाल मकडी़ के जाल से बनेगी इन्सान की खाल !!!

वाशिंगटन.वैज्ञानिकों ने कृत्रिम त्वचा को और भी मजबूत बनाने का तरीका खोज लिया है। अब कृत्रिम त्वचा मानव त्वचा से कई गुना ज्यादा मजबूत और स्ट्रेचेबल स्पाइडर सिल्क से बनाई जाएगी। इससे इंसान के शरीर के किसी अन्य भाग से त्वचा ट्रांसप्लांट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

इससे त्वचा पर कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होगा। अब तक कृत्रिम त्वचा बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली वस्तु इतनी मजबूत नहीं थी। जर्मनी के शोधकर्ताओं ने एक शोध में पाया कि मकड़ी का रेशम आग से झुलसे हुए और अन्य त्वचा रोग संबंधी मरीजों के इलाज में आसानी से प्रयोग में लाया जा सकता है।

मेडिकल स्कूल हैनोवर की शोधकर्ता हैना वें½ के अनुसार मकड़ी के जालों का प्रयोग संक्रमण से लड़ने में और घावों को भरने में भी किया जाता है। लेकिन, वैज्ञानिक अब मकड़ी के सिल्क को भी कृत्रिम रूप से तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे काफी मदद मिल सकती है।

कैसे किया शोध

स्पाइडर सिल्क की मजबूती जांचने के लिए शोधकर्ताओं ने सुनहरा रेशम बनाने वाली मकड़ियों के रेशम बनाने वाली ग्रंथियों को थपथपाया। इससे उनका रेशम फाइबर के रूप में बाहर आ गया। इस रेशम को फ्रेम में बांध कर इंसानी त्वचा की कोशिकाएं उसपर रखीं। उचित पोषण, तापमान और हवा में रखने पर वे कोशिकाएं सामान्य रूप से बढ़ने लगीं।

शोधकर्ता दो प्रकार की त्वचा कोशिकाएं बनाने में सफल हुए- पहली तो किरेटिनोसाइट्स- जो त्वचा का सबसे ऊपरी भाग है तथा दूसरी फाइब्रोटब्लास्ट- जो त्वचा को पोषित करती हैं । इनमें रक्त नलिकाएं, बालों के रोम और अन्य संरचनाएं होती हैं।

यहां बसते हैं दानव, जो यहां पर आया जिंदा नहीं लौटा

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वायुयान, समुद्री जहाज, हेलिकॉप्टर या फिर कुछ और जो भी इस दानवी क्षेत्र में गया वापस न आ सका। सौकड़ों की संख्या में बड़े- बड़े जहाज व शक्तिशाली प्लेनों के इस तरह गायब हो जाने से जुड़े रहस्यों को लेकर कई तरह की बाते की जाती हैं। कोई कहता है कि यहां समुद्री दानव बसते हैं तो कोई इसे नष्ट हुई किसी सभ्यता का असर बताता है। वैज्ञानिकों ने भी इस रहस्य पर पड़े पर्दे को हटाने के लिए कोशिशे की परंतु नतीजा सिफर रहा।
इतिहास
इस रहस्यमयी त्रिकोण के बारे सबसे पहले लिखने वाला व्यक्ति क्रिस्टोफर कोलंबस था। उसने और उसके चालक दल ने समुद्र के सतह पर नृत्य करती अद्भुत रोशनी देखी और अपनी लाग बुक में लिखा आकाश में आग की लपटें थी। उनलोगों ने अपने लॉग बूक में एक यह भी लिखा कि इस दौरान उनके कंपास ने बेतुकी दिशा दिखानी शुरू कर दी थी।
हालांकि आधुनिक विद्वानों ने इसे भ्रम करार दिया है। इसका कहना है कि उनके द्वारा देखा गया प्रकाश टेनो के रहवासियों द्वारा उनकी डोंगियों में रसोई के लिए जलाई गई आग से उत्पन्न हुआ था और कम्पास की समस्याएं एक सितारे की हलचलों को गलत पढ़ने के कारण उत्पन्न हुई थी।
इस बारे में प्रमाणिक रूप से सबसे पहले 16 सितंबर 1950 को इ. वी. डब्ल्यू. जोंस का लेख एसोसिएट प्रेस में छपा था। इसके दो साल बाद एक फेट नाम की एक पत्रिका में सी मिस्ट्री एट आवर डोर शिर्षक से एक लेख छपा था।
इसके बाद के वर्षो में भी इस त्रिकोण के जुड़ी बातें सामने आती रहीं, परंतु यह लाइम लाइट में 5 दिसंबर 1945 को आया। इस दिन अमेरिकी नेवी के पांच बम वर्षक विमान अटलांटिक महासागर की गहराइयों में समा गए। जब इसकी सूचना नेवी को मिली तो एक नौका को इनके खोज के लिए भेजा गया जो। यह नौका इस क्षेत्र की भवायह स्थितियों से बच नहीं पाया और उसने अपने 27 क्रू मेंमर्स के साथ समुद्र में समाधी ले ली।
क्या कारण हैं कि डूबते हैं विमान
बरमुडा ट्रएंगल में विमानों व जहाजों के गायब होने के पीछे सबसे प्रमुख कारण इसकी भौगोलिक स्थिति को माना जाता है। उत्तर पश्चिम अटलांटिक महासागर में स्थित इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि इस क्षेत्र में दाखिल होते ही विमानों के कंपास सही दिशा दिखाना बंद कर देते हैं। वैज्ञानिकों का मनना है कि इस क्षेत्र में भौतिकी के नियम लागू नहीं होते जिसके कारण ये हादसे होते हैं। इसके साथ ही इस क्षेत्र के चुंबकिय प्रभाव व चांद की स्थिति को भी इसके लिए जिम्मेदार माना जाता है।
वैज्ञानिकों ने इस घटना से संबंधित कुछ कारण बातए हैं जो इस प्रकार हैं-
प्राकृतिक कारण मीथने गैस के बुलबुले
-विमानों के गायब होने की घटनाओं के लिए मीथेन हाइड्रेट को जिम्मेदार बताया गया है। इस इलाके में समुद्र तल पर मीथेन हाइड्रेट्स के विशाल भंडार हैं। इस भंडार से मीथेन गैस के बड़े- बड़े बुलबुले उपर की ओर उठते रहते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार ये बुलबुले पानी के घनत्व में कमी लाकर जहाज को डुबो देने की क्षमता रखते हैं।
कम्पास की समस्या
इस क्षेत्र में मौजूद शक्तिशाली चुबकिए शक्ति और उत्तर व दक्षिण धूर्वो के चुंबकिए प्रभाव के मिलने से इस क्षेत्र में ऐसी खास स्थिति बनती है कि यहां कंपास सही दिशा बनाने में अक्षम साबित होते है। इसके कारण पायलट सही फैशला लेने में गलती कर बैठते है, जिसका परिणाम हादसा होता है।
शक्तिशाली समुद्री तूफानअटलांटिक महासागर के इस क्षेत्र में शक्तिशाली तूफान आते रहते हैं। इन तूफानों में फंसकर वायुयान व समुद्री जहाज डूब जाते हैं।
गल्फ स्ट्रीम
इस क्षेत्र से शक्तिशाली गल्फ स्ट्रीम चलती हैं। ये गल्फ स्ट्रीम मैक्सिको की खाड़ी से निकल कर फ्लोरिडा के जलडमरू से उत्तरी अटलांटिक में जाती हैं। यह गल्फ स्ट्रीम असल में समुद्र के अंदर नदी की तरह होती। इसकी तेज बहाव में जहाजों के डूबने की संभावने की संभावना होती।
मानव त्रुटि
इस क्षेत्र में वायुयानों और जहाजों के खो जाने की घटनाओं के पीछे मानविय गलतीयों को भी जिम्मेदार माना जाता है। जैसे इस इस इलाके में गायब हुए टैंकर वी. ऐ के बारे में कहा जाता है कि इसके कर्मचारियों के प्रशिक्षण में कमी थी, जिसके कारण बेंजीन अवशिष्ट की सफाई में गलती हुई और जहाज डूब गया।
कहां है बरमुडा ट्राएंगल
दुनिया का सबसे रहस्यमयी स्थान अटलांटिक महासागर के बरमूडा मियामी, फ्लोरिडा और सेन जुअन, पुएटरे रिको द्वीपों के आस-पास है।

कांग्रेस ऑफिस में तोड़फोड़ के पीछे बड़े नेताओं का हाथ!


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उदयपुरकांग्रेस कार्यालय में गुरुवार शाम तोड़फोड़ और मारपीट के पीछे कांग्रेस की गुटबाजी और बड़े नेताओं का हाथ सामने आया है। टिकट की घोषणा को लेकर बैठक के लिए एकत्र हुए नेताओं ने कांग्रेस कार्यालय का ताला तोड़ दिया। महासचिव पद के टिकट देने के विवाद पर एक गुट के लोगों ने ऑफिस में जमकर तोड़फोड़ की। इस पूरे मामले के पीछे देहात जिलाध्यक्ष लालसिंह झाला और प्रदेश प्रतिनिधि वीरेंद्र वैष्णव का हाथ होना सामने आया है। दोनों ही मौके पर मौजूद नहीं थे, लेकिन कांग्रेसजनों का मानना है कि दोनों की गुटबाजी ही इस पूरे घटनाक्रम का नतीजा है। दोनों पक्षों की ओर से एक दूसरे के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है।

महासचिव पद को लेकर सियासत : कांग्रेस के दो गुटों के बीच चल रहा मनमुटाव गुरूवार शाम को खूनी जंग में बदल गया जब महासचिव पद का टिकट पार्टी के देहात जिलाध्यक्ष लाल सिंह झाला एवं वल्लभ नगर के विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत के चहेते दावेदार को दे दिया गया। महासचिव के टिकट की आस लगाए बैठे कांग्रेस के प्रदेश प्रतिनिधि वीरेंद्र वैष्णव गुट के दावेदार को टिकट न मिलने पर उनके समर्थकों ने सीकर से आए एनएसयूआई पर्यवेक्षक प्रदीप गढ़वाल पर हमला कर दिया। उन्हें यूथ कांग्रेस के नगर अध्यक्ष जयप्रकाश निमावत हमलावरों से बचा कर अस्पताल ले गए।

अफरा तफरी का माहौल : चेतक सर्कल स्थित शहर जिला कांग्रेस के कार्यालय में अफरा तफरी का माहौल हो गया। शाम 5 बजे टिकट की घोषणा के दौरान कार्यालय में दो सौ से अधिक छात्र मौजूद थे। गुस्साए छात्रों ने मान मर्यादा को ताक में रख कांग्रेस के पुरोधा पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी व राजीव गांधी की तस्वीरों के कांच तोड़ दिए। कार्यालय में रखी लोहे की कुर्सियां उठा कर पदाधिकारियों की सीटों पर फेंकी। कांग्रेस अध्यक्ष की मुख्य टेबल पटक कर तोड़ डाली। दीवार घड़ी, ट्यूब लाइटें और पानी का मटका फोड़ दिया। पुलिस के पहुंचने पर हमलावर भाग गए।

> आपके गुट के पर्वत सिंह राणा ने महासचिव का टिकट मांगा था?
जवाब : मेरा कांग्रेस में कोई गुट नहीं है। छात्र राजनीति से मेरा कोई लेना देना नहीं है।
> आपके करीबी रिजवान खान के इशारे पर हमला किया गया?
जवाब : सभी कांग्रेसी मेरे करीबी हैं। मैं दिन में नाथद्वारा गया था। घटना का पता चला तो लौटा हूं।
> उत्पातियों ने इंदिरा जी व राजीव जी की तस्वीरें तोड़ी दी?
जवाब : यह बात सही नहीं है।
> एनएसयूआई को कांग्रेस कार्यालय में मीटिंग करने की इजाजत किसने दी?
जवाब : पार्टी अध्यक्ष नीलिमा जी ने कार्यालय में मीटिंग करने की इजाजत नहीं दी थी। पार्षद अजय पोरवाल व एनएसयूआई जिलाध्यक्ष गौरव भंडारी ने ताला तोड़ा। नीलिमा जी ने इस बात की शिकायत पीसीसी अध्यक्ष डा. चंद्रभान से की है। ताला तोड़ने की बात पर ब्लॉक अध्यक्ष मुजीब सिद्दिकी ने पोरवाल व गौरव को डांटा था।

> एनएसयूआई पदाधिकारियों पर हमला किसने किया?
जवाब : हमले में घायल हुए पर्यवेक्षक प्रदीप गढ़वाल ने एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष रिजवान और चिकलवास निवासी पर्वत सिंह राणा, गजेंद्र सिंह राणा के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट लिखाई है। सभी को पता है इन लोगों के पीछे किसका हाथ है।
> राजेंद्र सिंह चुंडावत को महासचिव का टिकट आपके कहने पर मिला?
जवाब : मेरा छात्र राजनीति से क्या लेना देना। टिकट के लिए राणा और चुंडावत मेरे पास आए थे। मैंने साफ कह दिया था कि वे गौरव भंडारी से बात करें।
> गौरव और अजय पोरवाल पर पार्टी कार्यालय का ताला तोड़ने का आरोप है?
जवाब : यह आरोप गलत है। जब ये दोनों पहुंचे तब ताला खुला था। एनएसयूआई भी कांग्रेस का पार्ट है।
> इंदिरा जी व राजीव जी की तस्वीरें क्यों तोड़ी गई?
जवाब : कांग्रेस के पुरोधाओं की तस्वीरें तोड़ना अक्षम्य अपराध है। तस्वीरें तोड़ने वालों को पार्टी से बाहर करना होगा।

भ्रष्टाचार की कैद से आजादी के लिए अन्ना के समर्थन में युवा

जोधपुर. अन्ना हजारे के समर्थन में अब जयपुर के युवा भी आगे आने लगे हैं। भ्रष्टाचार की कैद से आजादी पाने के लिए उन्होंने एकजुट होना शुरू कर दिया है। इसके लिए वे न किसी राजनेता का समर्थन मांग रहे हैं, न ही किसी संस्था का। वे देश-विदेश में बैठे दोस्तों और परिचितों से अन्ना को समर्थन देने की अपील कर रहे हैं। उनका तरीका बिल्कुल गांधीवादी है। इसके लिए सोशल नेटवर्किग साइट्स, फेसबुक, ब्लॉग, टैक्स्ट मैसेज का सहारा ले रहे हैं।

युवाओं का कहना है, हम देश की सबसे बड़ी ताकत हैं। यदि आज हम भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में आगे नहीं आए, तो देश इसकी जंजीरों में जकड़ता चला जाएगा। दिल्ली जाए बिना ही अपने शहर से शांतिपूर्वक इस आंदोलन को समर्थन देंगे। सीएस श्याम अग्रवाल ने कहा, देश युवा शक्ति पर भरोसा करता है।

अन्ना के पिछले अनशन के दौरान मोमबत्ती जलाकर समर्थन दिया। इस बार भी तैयारी कर रहे हैं। उनके फेसबुक अकाउंट पर 2200 से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं। उन्होंने आज ही दोस्तों से अपील की है कि वे आगे आएं और एकसाथ मिलकर इसे समर्थन दें। वहीं बीटेक स्टूडेंट अमित शर्मा ने अपने दोस्तों के साथ मैसेज करके लोगों को अवेयर करने की प्लानिंग की है। इसके लिए वे लोकपाल बिल को समर्थन देने के लिए टोल फ्री नंबर पर फोन करके अपना वोट दर्ज करवा रहे हैं। बेवसाइट के जरिए भी लोगों से जुड़ने और समर्थन देने का प्रयास कर रहे हैं।

बच्चों से भरी स्कूल बस नहर में पलटी, बच्चे घायल

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तालेड़ा (बूंदी)। संडी रोड पर गुरुवार सुबह एक निजी स्कूल की बस असंतुलित होकर नहर में गिर गई। हादसे में तीन छात्र व चार छात्राएं घायल हो गए। इनमें से एक को कोटा व एक को बूंदी रैफर किया गया है। इनकी हालत गंभीर है। जबकि पांच छात्र-छात्राओं को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। बस सुबह साढ़े सात बजे करीब सांदड़ी गांव से बच्चों को अकतासा स्थित न्यू सरस्वती स्कूल लेकर जा रही थी। सांदड़ी गांव के मोड़ पर जब बस ने टर्न लिया तो वह पलटी खाकर नहर में जा गिरी। उस समय बस में सात छात्र—छात्राएं सवार थे। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल बच्चों को अस्पताल पहुंचाया।

पुलिस के अनुसार स्टेयरिंग फेल होने से यह दुर्घटना हुई। चालक मौके से भाग छूटा। पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है। घायलों में सुनीता (16), दिलभर (15), ममता (18), नरेश (12), अक्षय (15), गायत्री (15) व अविनाश शामिल हैं। इनमें गायत्री को कोटा व अविनाश को बूंदी रैफर किया गया।

घटना की सूचना मिलते ही एसडीएम ओमप्रकाश जांगिड़ ने अस्पताल प्रभारी को त्वरित उपचार के साथ व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए। एसडीएम के निर्देश पर डॉ. पीसी मालव द्वारा एंबुलेंस नि:शुल्क उपलब्ध करवाई गई। साथ ही घायलों का उपचार मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी फंड से करवाया गया।

संचालकों की बैठक बुलाई

स्कूल बस पलटने के बाद पुलिस ने स्कूल संचालकों की बैठक बुलाई। पुलिस ने संचालकों को कुशल वाहन चालकों को लगाने की हिदायत दी। थानाधिकारी अब्दुल मजीद खान ने कहा कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्कूल बसों में क्षमता से अधिक बच्चे नहीं बिठाने को भी कहा।

सरेराह लूटा रेलवे के सेक्शन इंजीनियर को, पुलिस ने नहीं लिखी रिपोर्ट

कोटा। बालिता के पास एक युवक ने चाकू दिखाकर रेलवे के सेक्शन इंजीनियर को लूट लिया। हद तब हो गई जब इंजीनियर रिपोर्ट लिखवाने थाने पहुंचे और उनकी तीन घंटे तक सुनवाई ही नहीं हो सकी। उसके बाद भी पुलिस ने उन पर ही आरोप लगा दिए और मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। पुलिस का कहना है कि मामले में अभी तक की जांच में सत्यता नहीं पाई गई, इसलिए मामला जांच में रखा है।

आदित्य आवास निवासी रेलवे के सेक्शन इंजीनियर सतीश कुमार द्विवेदी ने बताया कि वे दोपहर अपने सहकर्मी को छोड़ने बालिता की तरफ गए थे। लौटते समय वे बालिता में एक सुनसान जगह पर टॉयलेट के लिए रुक गए। इसी दौरान एक युवक हाथ में चाकू लेकर आया और उसने उनके चाकू अड़ा दिया। उसने कहा कि जरा भी आवाज की तो फाड़ कर रख दूंगा। युवक के हाथ में चाकू देखकर वे डर गए। इसके बाद उसने मोबाइल, सोने की अंगूठी व जेब से बाइक की चाबी छीन ली। उसने जेब में रखे 1700 रुपए भी ले लिए। बाद में वह बाइक लेकर वह भागा और यह कह कर गया कि चिल्लाना मत बाइक कुन्हाड़ी पेट्रोल पंप पर मिल जाएगी। दोपहर 2 बजे सीधे कुन्हाड़ी थाने पहुंचे। वहां पुलिस को घटनाक्रम बताया तो पुलिस ने उनकी बात पर विश्वास नहीं किया। पुलिस उन पर ही जुआ में राशि हारने का आरोप लगाने लगी। पुलिस का कहना था कि वे लूट की झूठी कहानी गढ़ रहे हैं। वे इस मामले की लिखित में रिपोर्ट भी देकर आए, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया।

मामले की सत्यता पर संदेह : कुन्हाड़ी के थानाधिकारी रामेश्वर परिहार ने बताया कि सतीश कुमार द्विवेदी थाने पहुंचे और उन्होंने लूट की बात बताई तो मौके पर जाकर आसपास के लोगों से पूछताछ की। लेकिन लूट की वारदात की पुष्टि नहीं हुई। द्विवेदी के बयानों में भी विरोधाभास था। इसलिए मामले को जांच में रखा है। द्विवेदी को जांच के लिए तीन घंटे थाने व मौका मुआयना के लिए रोका था।

वे गलत आरोप लगा रहे हैं कि उनकी थाने में सुनवाई नहीं हुई। अभी मामले की जांच की जा रही है। अगर वारदात होना पाया गया तो मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

हाँ मेने कहा था ..........

हाँ मेने कहा था
भूल जाऊँगा
में तुझे
लेकिन यह
क्या है
नाम तेरा
जब भी आता है
मेरे होंट यूँ ही
तेरे नाम पर
लडखडाने लगते हैं
सोचता हूँ केसे
भुला पाऊंगा में तुझे ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सियासत एक शमा है ......

सियासत
एक जलती हुई
शमा है
जब जब भी
सियासत की
शमा जलती है
ना जाने कितने
वोटर
ना जाने कितने
कार्यकर्ताओं को
परवानों की तरह
जला देती हैं .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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