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16 अगस्त 2011

दारा एनकाउंटर : एडीजी जैन, एएसपी अली के पोस्टर चस्पा

जयपुर. दारा एनकाउंटर मामले में भगोड़े घोषित एडीजी एके जैन, एएसपी अरशद अली सहित पांच पुलिसकर्मियों और एक शराब ठेकेदार को तलाशने के लिए सीबीआई ने मंगलवार को सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर चिपका दिए।

पोस्टर में इनके बारे में सूचना देने वाले को उचित इनाम देने की बात लिखी है। सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा। पोस्टर में मोबाइल नंबर तथा सीबीआई के लैंडलाइन नंबर भी दिए हुए हैं। इस मामले में सीबीआई एसपी आरएस पूनिया के सुपरविजन से इनकार के बाद जिम्मेदारी आरआर सहाय को सौंपी गई है।

शरण देने वाला भी अपराधी

पोस्टर में इन अपराधियों को शरण देने वाले के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी लिखा है। पोस्टर में लिखा है कि यदि कोई इन अपराधियों को शरण या पनाह देता पाया गया तो उसके खिलाफ अपराध प्रक्रिया धारा 216 आईपीसी के तहत कार्रवाई की जाएगी।

ये बच्चा जानवर नहीं लेकिन चीन में सब चलता है

चीन में बच्चों के साथ क्रूरता की बात कोई नई नहीं है। आए दिन चीन से बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार की ख़बरें सामने आती रहीं हैं, लेकिन इस बार जो मामला सामने आया है उसे सुन आप भी सहम जाएंगे।


अंग्रेजी वेबसाइट द डेली मेल ने अपनी हालिया रपट में एक ऐसे लडके की कहानी लिखी है जिसे उसके खुद के अंकल जानवरों की तरह चेन से बांध कर रखते हैं। मात्र 12 वर्ष का 'की चांगकुइंग' नाम का यह लड़का दिन भर चेन से बंधा रहता है।


डेली मेल के अनुसार इस बावत जब इसके परिचित (अंकल) से बात की गई तो उनका कहना था कि यह लड़का खुद को नुकसान ना पहुंचा ले इस कारण इसे ऐसे रखा जाता है। हालांकि आस पास के लोगों में इस बात को लेकर खासा रोष है।


तस्वीरों में देखें चीन में बच्चों के साथ हो रहे अमानवीय बर्ताव को...


हमारे तीर्थस्थलों के खिलाफ चीन की घिनौनी चाल, धज्जियां उड़ा दीजिए...

भारत और चीन की प्रतिस्पर्धा किसी से छुपी नहीं हैं। चीन हर मोर्चे पर भारत को नीचा दिखाने की कोई ना कोई चाल चलता ही रहा है। लेकिन इस बार चीनी मीडिया ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत को बदनाम करने के लिए अब तक की सबसे घिनौनी चाल चली है।
जी हां चीनी मीडिया ने इस बार भारत के धर्मस्थलों पर निशाना साधते हुए बताया है कि किस तरह भारत दुनिया का सबसे गंदा देश है और यहां के धर्म स्थल एक तरह से कूड़े के ढेर पर बैठे हैं। चीन की एक वेबसाइट "चाइनास्मैक" ने भारत के प्रसिद्ध धर्म स्थलों को गलत ढंग से दिखा हमारे देश को नीचा दिखाने की कोशिश की है।
वेबसाइट में चीन के उन लोगों का हवाला दिया गया है जिन्होंने हाल ही में भारत की यात्रा की थी। इन लोगों के मार्फ़त चीनी वेबसाइट "चाइनास्मैक" लिखता है कि भारत दुनिया का सबसे गंदा देश है।
तस्वीरों में देखें इस चीन वेबसाइट की भारत विरोधी करतूत....

विश्व की महशक्ति के रूप में उभरते भारत के खिलाफ चीन की ऐसी चाल पर अपनी प्रतिक्रिया दें और अपने विचारों से पूरी दुनिया को बताएं अपने दिल की बात...












CCTV में कैद हुआ वो 'सबकुछ' जिसके बाद सिवाए शर्म के कुछ नहीं बचता...

दक्षिण अफ्रीका के एक प्रतिष्ठित अखबार ने अपनी हालिया रिपोर्ट में बड़ा ही चौंकाने वाला खुलासा किया है। दक्षिण अफ्रीका के अखबार 'सोवेतन' ने अपने हालिया प्रकाशित एक अंक में ऑन ड्यूटी पुलिसकर्मियों की आपत्तिजनक तस्वीरें जारी कर तहलका मचा दिया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक कैदी को अपनी अभिरक्षा में लेकर जा रहे इन पुलिसकर्मियों ने ऑन ड्यूटी ही सेक्स करना शुरू कर दिया। दरअसल यह दोनों एक कैदी को जेल से यहां स्थित एक सरकारी अस्पताल में चेकअप के लिए लेकर आए थे।

इन दोनों पुलिसवालों की ड्यूटी इस कैदी पर नज़र रखने की थी। लेकिन डोक्टरों द्वारा कैदी के चेकअप के दौरान ही यह लोग बीच में कहीं निकल गए, इस पूरी घटना में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि पुलिसकर्मियों की यह करतूत सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई।

अब पुलिस विभाग इस पूरे मामले की जांच में जुट गया है। हालांकि इस मामले के सामने आते ही दक्षिण अफ्रीका की पुलिस को काफी शर्मिंदगी झेलना पड़ रही है।

फोटो फिचर: 1857 की क्रांति व आजादी आंदोलन में झुलसा था कोटा

कोटा। देश में आजादी के लिए 1857 की क्रांति व 1947 में हुए आंदोलन का असर कोटा शहर में भी रहा। आजादी के लिए 14 से 16 अगस्त 1942 में जहां स्वतंत्रता सेनानियों ने रामपुरा कोतवाली पर कब्जा किया। वहीं वकील बेनी माधव को गिरफ्तार करने पर उनकी पत्नी राजकुमारी ने कोतवाली के दरवाजे पर तत्कालीन आईजी संतसिंह को थप्पड़ मारा था। आजादी से जुड़े शहर के स्मारकों और ऐतिहासिक स्थलों की एक पड़ताल -

यहां दफनाया मेजर बर्टन को 15 अक्टूबर 1857 आजादी की जंग के साथ ही कोटा में भी इसका असर शुरू हो गया। यहां कोटा रियासत की फौज में प्रमुख ओहदेदार लाला जयदयाल कायस्थ व मेहराब खां ने सेना में विद्रोह कर दिया। इस दौरान आजादी के दीवानों व सेना के बीच जमकर मारकाट मची। विद्रोही सैनिक राजभवन स्थित महल जिसमें अंग्रेजों का एजेंट मेजर बर्टन रहता था में घुसे और उन्हें उनके दो बेटों को तलवारों से काट दिया। इसके साथ ही उनके अंग्रेजी व भारतीय डॉक्टर को भी मार दिया। तब बृज राजभवन को उनके गेस्टहाउस में रूप में उपयोग किया जाता था। इन तीनों अंग्रेजों को नयापुरा में दफनाया गया, यहीं बाग के पास उनकी कब्रगाह है।

रामतलाई बुर्ज पर हुआ संग्राम 1857 की लड़ाई 6 माह तक दीपावली से शुरू होकर होली तक चली। इस दौरान राजपरिवार व विद्रोही आंदोलनकारियों के बीच जमकर लड़ाई हुई। इस दौरान कोटा शासक महाराव रामसिंह अपने टिपटा स्थित गढ़ से निकल नहीं पाए। एक प्रकार से उन्हें कैद रहना पड़ा, तब उन्होंने अंग्रेजों से सहायता ली। चंबल पार से अंग्रेजी सेना को कोटा आने में पसीना आ गया। दोनों ओर से जोरदार युद्ध हुआ। आखिर में अंग्रेजी सेना के माध्यम से रियासत की सेना ने लाला जयदयाल व मेहराब खां को पकड़ लिया। इस दौरान यहां दोनों ओर की सेनाओं के बीच युद्ध हुआ,जिसमें सैकडों घोड़े दौड़े व हजारों की मौत हुई।

नीमड़ी जिस पर दी फांसी दोनों आंदोलनकारियों लाला जयदयाल व मेहराब खां को अंग्रेजी सेना के माध्यम से पकड़े जाने के बाद बृज राजभवन के सामने स्थित नीमड़ी पर फांसी पर लटकाया गया। इसके बाद ही महाराव रामसिंह टिपटा गढ़ से मुक्त हो पाए। इससे पहले जो लड़ाई हुई, उसमें पूरी धरती खून से लाल हो गई थी।

हर्बर्ट कॉलेज में होती थी बैठकें कोटा कॉलेज तब हर्बर्ट कॉलेज के नाम से जाना जाता था। यहां पढ़ने वाले छात्र नारेबाजी करते हुए जुलूस के रूप में उम्मेद क्लब तक जाया करते थे। यहां से सभी आजादी की रूपरेखा तैयार करते थे। उनकी बैठकें रामपुरा महात्मागांधी स्कूल में भी हुआ करती थी।

रामपुरा कोतवाली पर ४ दिन रहा कब्जा 13 अगस्त 1942 को महात्मागांधी की ओर से अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन का आह्वान किया गया। इसका असर कोटा में भी शुरू हो गया। कोटा में स्वतंत्रता सेनानियों ने रामपुरा कोतवाली पर कब्जा कर लिया। शहर के सभी दरवाजों को बंद कर दिया गया। 14 से 16 अगस्त 1942 तक इस पर स्वतंत्रता सेनानियों का कब्जा रहा। इस दौरान गुलाबचंद शर्मा पुलिस अधिकारी बने। स्वतंत्रता सेनानियों की मांग थी कि दीवान हीरालाल गोसालिया को हटाया जाए, आईजी संतसिंह को कोटा से बाहर भेजा जाए। इसके साथ ही भारत स्वतंत्र हो तो कोटा रियासत को उसमें मिलाया जाए। आखिर में महाराव को उनकी मांग माननी पड़ी। इस दौरान वकील बेनी माधव को आईजी संतसिंह ने गिरफ्तार कर लिया। इस पर उनकी पत्नी राजकुमारी ने कोतवाली के दरवाजे पर आईजी को थप्पड़ मारा था

हुंकार के विनीत कुमार को जन्म दिन पर मुबारकबाद

हुंकार के विनीत कुमार को जन्म दिन पर मुबारकबाद ..अप उनके बारे में जानिये उन्हीं की आप कुबुली .

आपक़बूली

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टेलीविजन का एक कट्टर दर्शक, कुछ भी दिखाओगे जरुर देखेंगे। ये टेलीविजन के प्रति कट्टरता ही कहिए कि बिना मीडिया कोर्स किए प्रिंट में सुविधाजनक नौकरी के कई ऑफर मिले और उसे ठुकराते हुए मीडिया कोर्स किया। देश के सबसे तेज कहे जानेवाले चैनल में मुफ्त में काम किया( मुफ्त में ट्रेनिंग ली)और सालभर तक एक चैनल की नौकरी बजायी। अब इस कट्टरता को लेकर इसके उपर डीयू से पीएच।डी कर रहा हूं। एम।फिल् में एफएम चैनलों की भाषा पर काम करने पर लोगों ने मुझे ससुरा बाजेवाला कहना शुरु कर दिया था,इस प्रसंग की नोटिस इंडियन एक्सप्रेस ने ली और प्रकाशित किया। रेडियो हो या फिर टीवी सिर्फ सूचना,मनोरंजन औऱ टाइमपास की चीज नहीं है,ये हमारे फैसले को बार-बार बदलने की कोशिश करते हैं,हमारी-आपकी निजी जिंदगी में इसकी खास दख़ल है। एक नयी संस्कृति रचते हैं जो न तो परंपरा का हिस्सा है और न ही विरासत में हासिल नजरियों का। आए दिन बदल जानेवाली एक सोच। इसलिए अखबारों के एडीटोरियल पन्ने पर टीवी नहीं देखने वाले इंटल बाबाओं के टीवी औऱ मीडिया पर लेख पढ़ने के बजाय जमकर टीवी देखना ज्यादा जरुरी समझता हूं। फिर कच्चे-पक्के ही सही अपनी राय बनाता हूं। बाबाओं की तरह टीवी को संस्कृति का शाश्वत दुश्मन मानने के बजाय एक कल्चरल टेक्टस् के तौर पर समेटने,सहेजने और उस पर सोचने की कोशिश करता हूं। विनीत कुमार जी अपनी ब्लोगिंग से सभी ब्लोगर्स को हिंदी सिखा रहे है तो हिंदी टाइपिंग और हिंदी शब्द कोष का ज्ञान भी करा रहे हैं ................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

हुंकार के विनीत कुमार को जन्म दिन पर मुबारकबाद

हुंकार के विनीत कुमार को जन्म दिन पर मुबारकबाद ..अप उनके बारे में जानिये उन्हीं की आप कुबुली .

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टेलीविजन का एक कट्टर दर्शक, कुछ भी दिखाओगे जरुर देखेंगे। ये टेलीविजन के प्रति कट्टरता ही कहिए कि बिना मीडिया कोर्स किए प्रिंट में सुविधाजनक नौकरी के कई ऑफर मिले और उसे ठुकराते हुए मीडिया कोर्स किया। देश के सबसे तेज कहे जानेवाले चैनल में मुफ्त में काम किया( मुफ्त में ट्रेनिंग ली)और सालभर तक एक चैनल की नौकरी बजायी। अब इस कट्टरता को लेकर इसके उपर डीयू से पीएच।डी कर रहा हूं। एम।फिल् में एफएम चैनलों की भाषा पर काम करने पर लोगों ने मुझे ससुरा बाजेवाला कहना शुरु कर दिया था,इस प्रसंग की नोटिस इंडियन एक्सप्रेस ने ली और प्रकाशित किया। रेडियो हो या फिर टीवी सिर्फ सूचना,मनोरंजन औऱ टाइमपास की चीज नहीं है,ये हमारे फैसले को बार-बार बदलने की कोशिश करते हैं,हमारी-आपकी निजी जिंदगी में इसकी खास दख़ल है। एक नयी संस्कृति रचते हैं जो न तो परंपरा का हिस्सा है और न ही विरासत में हासिल नजरियों का। आए दिन बदल जानेवाली एक सोच। इसलिए अखबारों के एडीटोरियल पन्ने पर टीवी नहीं देखने वाले इंटल बाबाओं के टीवी औऱ मीडिया पर लेख पढ़ने के बजाय जमकर टीवी देखना ज्यादा जरुरी समझता हूं। फिर कच्चे-पक्के ही सही अपनी राय बनाता हूं। बाबाओं की तरह टीवी को संस्कृति का शाश्वत दुश्मन मानने के बजाय एक कल्चरल टेक्टस् के तौर पर समेटने,सहेजने और उस पर सोचने की कोशिश करता हूं। विनीत कुमार जी अपनी ब्लोगिंग से सभी ब्लोगर्स को हिंदी सिखा रहे है तो हिंदी टाइपिंग और हिंदी शब्द कोष का ज्ञान भी करा रहे हैं ................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

भ्रष्टाचार से अत्याचार तक

जी हाँ दोस्तों यह हमारी यु पी ऐ सरकार की कहानी है यहाँ भ्रस्ताचार से अत्याचार तक की अन्ना मामले में एक लम्बी कहानी बन गयी है ..कोंग्रेस और कोंग्रेस के नेताओं ने सरकार में रह कर एक शायर के इस शेर को सही साबित कर दिया है जिसमे कहा गया है के .यह झुन्ठों और मक्कारों की महफ़िल है ..सच बोले तो तुम भी निकाले जाओगे ..बात भी सही है कोंग्रेस में इन दिनों चापलूस और चमचों की दुनिया है जिस कोंग्रेस को प्रधानमन्त्री फर्जीवाड़ा कर असाम से टिकिट दिलवाकर मनमोहन सिंह को राज्य सभा के जरिये बुलाना पढ़ा हो उसे जनता के दुक्ख दर्द से क्या लेना देना जिस कोंग्रेस के रोम रोम में भ्रष्टाचार घुस गया हो उसे गांधीवादी विचारधारा से क्या लेना देना उसे राष्ट्रप्रेमी गाँधीवादी अन्ना के जज्बात से क्या वास्ता ऐसी कोंग्रेस को संविधान की भावना जनता का जनता के लियें जनता द्वारा शासन और कार्यपालिका। विधायिका । न्यायपालिका को जब जनता के प्रति जवाबदार बनाया है तब जनता की आवाज़ से कोंग्रेस को क्या लेना देना ..इन दिनों अन्ना और लोकपाल बिल के मामले में कोंग्रेस ने खुद की जो फजीहत करवाई है भ्रष्टाचार से अत्याचार तक का जो सफ़र तय किया है उससे लगता है के कोंग्रेस विदेशों के हाथो में है और देश के संविधान को ताक में रख कर वही अंग्रेजों की तानाशाही पर आ गयी है ......देश में कोई कानून ऐसा नहीं के किसी को अपराध पूर्व गिरफ्तार कर लिया जाए ..उसकी फर्द गिरफ्तारी नहीं बनाई जाए सुचना नहीं दी जाए और फिर उसे जेल भेज दिया जाए ........पहले के आन्दोलनों में मधु लिमये और मेनका गाँधी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कोंग्रेस की तानाशाही वाले आदेशों को ख़ारिज के सरकार को लताड़ पिलाई थी अन्ना का केस भी कुछ ऐसा ही है लेकिन इस गलत गिरफ्तारी को अब तक सुप्रीमकोर्ट में चेलेंज नहीं करना अन्ना के समर्थकों की ढिलाई ही दर्शाता है या फिर किसी डील की तरफ इशारा करता है देश में ऐसा भी कानून नहीं है के किसी को गिरफ्तार करो मर्जी आये जब छोड़ दो और फिर एक स्थान से ले जाकर किसी दुसरे स्थान पर जबरन छोड़ दो लेकिन क्या करें यह तो सरकार है और सरकार को भ्रस्ताचार से अत्याचार के खेल में मजा आ रहा है ..अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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