आपका-अख्तर खान

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20 अगस्त 2011

जरा सा हंसना भी पढ़ता है यार ......

मां अपने बेटे से: बेटा सो जा वरना गब्बर आ जाएगा। बेटा अपनी मां से: मां मुझे चॉकलेट दो वरना पापा से कह दूंगा कि मेरे सोने के बाद रोज गब्बर आता है।

प्रिंसिपल: क्लास में देर से क्यूं आए?छात्र: सर गाड़ी खराब हो गई थी।प्रिंसिपल: तो तुम्हे बस में आना था ना।छात्र: सोचा तो था बस में आने का लेकिन आपकी बेटी सुनती ही नहीं है।

हाँ में भारत की संसद हूँ ..मुझे शर्म आती है .............

हाँ में भारत की संसद हूँ .मुझे मेरी करतूतों पर कई बार शर्म आती है और इन दिनों तो में खुद अपनी करतूतों से शर्मसार हूँ .....मुझे मेरे देश मेरे भारत के लोगों ने उनकी हिफाजत ,सुरक्षा और कल्याण के लियें योजना बनाने के लिए चुना है ..मुझे गरीबी और भ्रष्टाचार दूर करने के लियें बनाया गया है लेकिन में इन सभी मामलों में नाकामयाब रही हूँ .मेरे ५४४ सदस्य है जो कभी भी किसी भी सेशन में कार्यकाल में उपस्थित नहीं रहे हैं ..जब भी किसी बिल को पास कराने या चर्चा के लियें मुझे इन लोगों की जरूरत पढ़ी तब यह लोग गायब मिले हैं कई लोग तो मेरे समक्ष रखे गये बिलों को खोल कर पढ़ भी नहीं पाए है कई ऐसे सदस्य हैं जिन्होंने एक भी सवाल नहीं किया है ..सदस्य आते है बैठते हैं ....और सस्ता खाना खाकर मजे लेकर चले जाते हैं यह लोग मुफ्त में मेरे यहाँ उपस्थित नहीं होते है अपनी उपस्थिति के लियें यह ख़ासा भत्ता लेते हैं .आने जाने का किराया खर्चा लेते हैं ठहरने का खर्चा लेते हैं ........दोस्तों मेने जो देखा है वोह बताते हुए मुझे अफ़सोस है इन लालची सदस्यों ने केवल खुद की तनख्वाह बढाने के मामले और भत्ते बढाने के मामले के विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया है ..लेकिन आरक्षण मामला ..महिला बिल ...लोकपाल बिल कई वर्षों से अटका पढ़ा है ...दोस्तों मेने देखा है यहाँ रोज़ जूतम पैजार ..गली ग्लोंच चीख पुकार और हाथापाई होती है तब मुझे लगता है के यह संसद है या सब्जी मंडी..दोस्तों मुझे जीतने के लियें मेरा विश्वास मत प्राप्त कर वापस सत्ता पाने के लियें सांसदों को नर्सिंम्माराओ ने रिश्वत दी पकड़े गए मुकदमा चला कुछ नहीं हुआ ..संसद में मनमोहन सिंह ने विशवास मत जीतने के लियें सांसदों को रिश्वत की पेशकश की ..रिश्वत की राशि मेरे कक्ष में लहराई गयी उडाई गयी मुकदमा दर्ज हुआ लेकिन नतीजे के नाम पर सिफर ........मेरे अन्दर बेठ कर हिन्दुस्तान टाइम्स के सम्पादक बी जी वर्गिस को गिरफ्तार बुलाया गया खुद को सुप्रीम कोर्ट से बढा समझा गया ....मुझ पर पाकिस्तानी हमला हुआ आतंकवादी अंदर घुसे उनके डर से कई सांसद तो कई दिनों तक मुझे शक्ल तक दिखाने नहीं आये ...दोस्तों मुझे यह कहते हुए भी शर्म आती है के मेरे सदस्य सांसद लोगों से सवाल पूंछने की भी रिश्वत लेते हैं में जनता के प्रति जवाबदार हूँ लेकिन जनता को कीड़ा मकोड़ा समझने लगी हूँ मेरे सद्सस्य जनता के बीच नहीं जाते हैं उन्हें उनकी करतूतों की सजा देने वाला कोई नहीं है उन्हें मेरे कानूनों ने प्रोटेक्शन दे रखा है न तो वोह गिरफ्तार होते हैं ना ही उन्हें सजा मिलती है किसी चोर को चोर कहो तो संसद की अवमानना की कार्यवाही का डर बता कर ब्लेकमेल किया जाता है .दोस्तों मेने अरबों खरबों रूपये के घोटाले झेले है मेने देखा है के जब भी मत विभाजन होता है तो कुछ लोग गिनती की गणित बिगाड़ने के लियें एक पक्ष से फायदा लेकर संसद से गायब हो जाते है वोह संसद में डट कर वोटिंग नहीं करते हैं ......दोस्तों किसी भी बिल पर अगर कोई भी सांसद बिना किसी युक्तियुक्त कारण के अनुपस्थित रहे तो उसे सजा देने का कोई प्रावधान नहीं है जान बुझ कर वोट का बहिष्कार करे तो उससे जनता को सवाल पूंछने और संसद को उसे सजा देने का कोई कानून नहीं है दोस्तों में ६२ साल की बूढी हो गयी हूँ लेकिन देश को कुछ सार्थक नहीं दे पायी हूँ सांसदों को सुधार नहीं पायी हूँ में जनता की तो सुनती नहीं खुद को जनता द्वारा चुन कर जनता के लाभ के लियें बनाई गयी हूँ लेकिन हठधर्मिता देखो के किसी भी मामले में में जनता को बाहर का आदमी कहकर उसकी बात नहीं सुनती हूँ में खुद मेरी करतूतों से शर्मसार हूँ ..परेशान हूँ मुझे माफ़ करो ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

त्याग पत्र स्वीकारने की एवज में मांगी एक लाख की रिश्वत


जयपुर. सीआईएसएफ (केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) के चार जवानों के आंध्रप्रदेश पुलिस में चयनित होने पर उनके त्यागपत्र स्वीकृत करने की एवज में एक लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोपी रिजर्व इंस्पेक्टर शमशाद अहमद खान के खिलाफ सीबीआई मामलों की विशेष कोर्ट में चालान पेश किया गया।

चालान में सीबीआई ने कहा कि जांच में पाया कि आरोपी इंस्पेक्टर बिना रिश्वत के कोई काम नहीं करता और उसे सहायक कमांडेंट से पदावनत कर रिजर्व इंस्पेक्टर बनाया गया था। उसके खिलाफ सीआईएसएफ के जवान एम. राजा बाबू ने शिकायत की थी।

इसमें कहा था कि उसका एवं तीन अन्य सिपाही अब्दुल हमीद, एम.नरेश व वी.गणोश का चयन आंध्रप्रदेश पुलिस में सिपाही के पद पर हो गया। वे रिजर्व इंस्पेक्टर खान से मिले और उनका त्याग पत्र स्वीकार करने की जानकारी दी। खान ने कहा कि पुलिस में नौकरी लगने से त्यागपत्र स्वीकार नहीं होता, घरेलू कारण बताकर प्रार्थना पत्र दें।

उन्होंने 30 मार्च, 2011 को घरेलू कारण बताकर त्यागपत्र का प्रार्थना पत्र पेश किया तो वह स्वीकार नहीं हुआ। वे 3 अप्रैल, 2011 को इंस्पेक्टर से मिले तो एक जने से 30 हजार रुपए रिश्वत मांगी, बाद में चारों से 25 हजार रुपए के हिसाब से एक लाख रुपए रिश्वत मांगी। खान ने चारों को 4 अप्रैल, 2011 को अपने कमरे पर बुलाया और दुबारा प्रार्थना पत्र लिखवाया। सीबीआई ने खान को 5 अप्रैल, 2011 को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया।

अपनी महबूबा संग मस्ती में कुछ इस तरह डूबे 'सरकोजी'

पेरिस.फ़्रांस के राष्ट्रपति सरकोजी और प्रथम महिला कार्ला ब्रूनी आज कल छुट्टियों का लुत्फ़ उठा रहे हैं। खबर है कि सरकोजी और कार्ला ब्रूनी भूमध्य तट के निकट फोर्ट डी ब्रेगनकोन के पास निजी पल बिता रहे हैं।
दरअसल कार्ला ब्रूनी इस साल के आखिर तक मां बनने वाली हैं ऐसे में राष्ट्रपति और प्रथम महिला एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाह रहे हैं। डेलीमेल की रपट के अनुसार भूमध्य सागर के तट पर सरकोजी और ब्रूनी एक दूसरे के साथ काफी नजदीकियां बढ़ाते हुए दिखे।
आप भी तस्वीरों में देखें सरकोजी और कार्ला ब्रूनी का ये प्यार भरा साथ...






अरे ये देखो ब्रिटिश PM , लेकिन ये क्या स्टेडियम में ही पीना शुरू कर दिया...

लंदन. लंदन स्थित एक स्टेडियम में मैच देखने पहुंचे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने मैच के बीच ही बीयर पीना शुरू कर दिया।दरअसल मामला कुछ यूं है कि प्रधानमंत्री डेविड कैमरन पिछले कई दिनों से बिना छुट्टी लिए काम कर रहे थे। पिछले दिनों ही उन्होंने छुट्टी पर जाने का मन बनाया था लेकिन लंदन में हुए दंगों के चलते उन्हें छुट्टियां बीच में ही छोड़ वापस आना पड़ा था।
गौरतलब है कि डेविड कैमरन ने पिछले दिनों कहा भी था कि मुझे अब एकांत और छुट्टियों की सख्त ज़रुरत है। बहरहाल अपनी व्यस्त दिनचर्या से थोडा सा समय चुरा डेविड कैमरन पिछले दिनों भारत और इंग्लैंड के बीच ओवल में हुए इस मैच को देखने जा पहुंचे जहां उन्होंने इन पलों का बेहद लुत्फ उठाया।

प्रधानमंत्री से इस बावत जब एक स्थानीय रेडियो चैनल रेडियो 4 ने पुछा कि क्या इस तरह प्रधानमंत्री को सार्वजनिक तौर पर पेश आना चाहिए तो डेविड कैमरन ने कहा कि उन्हें भी आम आदमी की तरह जीने का हक़ है और मीडिया को भी इस बात को समझना चाहिए।
तस्वीरों में देखें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन को..





इस शख्स की करतूत सुन पूरे गांव में फैल गई सनसनी


सहारनपुर। शराब में किसी आदमी को झूमते और लड़खड़ाते तो आपने खूब सुना होगा, पर क्या सांप खाते सुना है? नहीं ना। हम आपको बताते हैं। जिले के थाना चिलकाना के ग्राम अहाडी अब्दुल्लापुर में रहने वाले मनीराम ने एक दिन जमकर शराब पी। शराब के नशे में धुत् मनीराम ने एक सांप को पकड़ा और मारकर खा लिया। चूंकि वह सांप जहरीला नहीं था, इसलिए शराबी को बच लिया गया।

जानकारी के मुताबिक, अहाडी अब्दुल्लापुर के रहने वाला मनीराम भयंकर शराबी है। एक दिन उसने जमकर शराब पी थी, तभी घर में एक सांप निकल आया। नशे में धुत्त मनीराम ने सांप को मारने का प्रयास किया। जब वह सांप को मार नहीं सका तो उसने गुस्से में बिना कुछ सोचे समझे सांप को चबाकर खा लिया।

इस घटना जानकारी मिलते ही पूरे गांव में सनसनी फैल गई। परिवार के लोगों ने झाड़फूंक करना शुरू कर दिया। मनीराम को थोड़ी समस्या तो हुई, पर उसे बचा लिया गया।

कैंसर का पता लगाने में अब कुत्तें करेंगे मदद


लंदन। कुत्तों को इंसान का ऐसे ही बेस्ट फ्रेंड नहीं कहा जाता .. घर की रखवाली करनी हो या अपराधियों और बमों का पता लगाना हो वे आपके भरोसेमंद साथी होते हैं। अब यह दोस्ती गहरी होने वाली है क्योंकि प्रशिक्षित कुत्तों की मदद से आप काफी पहले फेफड़े के कैंसर के बारे में पता लगा लेंगे।



जर्मनी के वैज्ञानिकों ने पाया कि कुत्ते उन गंधों को भी सूंघ सकते हैं जो इंसानी नाक की पकड़ से बाहर होती हैं। अगर उन्हें अच्छी तरह से प्रशिक्षण दिया जाए तो 71 फीसदी रोगियों में वह ट्यूमर का पता लगा सकते हैं। डेली मेल के मुताबिक, उनका मानना है कि अभ्यास से कुत्ते कैंसर की पड़ताल करने में ज्यादा बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।



यूरोपियन रेस्पिरेटरी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने दो जर्मन शेफर्ड, एक ऑस्ट्रेलियन शेफर्ड और एक लेब्राडोर कुत्ते को प्रशिक्षित किया। उन्हें रोगियों के सांस में वोलाटाइल ऑग्र्रेनिक कंपाउंड का पता लगाने के लिए प्रशिक्षित किया गया जो कैंसर से जुड़ा होता है। कुत्तों ने 100 मामलों में 71 नमूनों में सही पड़ताल की।

23 साल से सो रहा था ताबूत में, पोते ने खोला राज


मौत से पहले ही अगर आपको ताबूत में सोना पड़े तो आपके दिल पर क्या गुजरेगी, इसका अंदाजा आपसे ज्यादा कोई नहीं लगा सकता। साओ पाउलो, ब्राजील के रहने वाले जेली रोजी पिछले 23 सालों से ताबूत में सो रहे हैं। ऐसा वो सन् 1988 में मारे गए अपने दोस्त की याद में करते हैं।

जेली रोजी की यह अजीबो-गरीब दास्तां शायद कभी सामने ही नहीं आ पाती, अगर उनका 14 वर्षीय पोता इसे स्कूल के अखबार में कहानी के रूप में ना लिखता।

दरअसल वाकया ये है कि जेली रोजी और उसके बहुत ख़ास दोस्त ने एक बार आपस में वादा किया कि जो भी पहले मरेगा, दूसरा उसके लिए कफन और ताबूत खरीदेगा। सन् 1983 में जेली का गंभीर एक्सीडेंट हो गया। इस एक्सीडेंट के बाद जेली के ख़ास दोस्त ने उसकी मौत की अफवाह सुनी और उसके लिए ताबूत खरीद डाला। लेकिन जेली इस दुर्घटना में मरा नहीं था, वह गंभीर रूप से घायल अवस्था में चार महीने के लिए एक अस्पताल में भर्ती था।

जेली ने अपने दोस्त द्वारा दिए गए उस ताबूत और कफ़न को वापस करने की कोशिश भी की, लेकिन उसके दोस्त ने इसे वापस नहीं लिया। सन् 1988 में जेली के दोस्त की मौत हो गई। तब से लेकर अब तक पिछले 23 सालों से जेली हर शुक्रवार इस ताबूत में सोता है।

जेली के अनुसार उसके परिवार वालों को इस बात से कोई तकलीफ नहीं है। उसकी पत्नी स्वयं सोने से पहले उसका ताबूत तैयार करती है और उसे आरामदायक बनाती है। वह हमेशा सोचती है कि यह कुछ अजीब है लेकिन उसे कभी इससे डर नहीं लगता।

अन्ना' के जन लोकपाल और लोकपाल में क्या है 'अंतर'..जानें


अन्ना हजारे जन लोकपाल बिल पारित कराने के लिए आमरण अनशन कर रहे हैं। उन्‍होंने 30 अगस्‍त तक का अल्‍टीमेटम दिया है। तब तक बिल पारित नहीं हुआ है तो वह 'जेल भरो' आंदोलन चलाएंगे।


वह जो बिल पारित कराना चाहते हैं, उसे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस संतोष हेगड़े, वक़ील प्रशांत भूषण और आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने मिलकर तैयार किया है।


- इस बिल में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए केंद्र में लोकपाल और राज्य में लोकायुक्तों की नियुक्ति का प्रस्ताव है.


- इनके कामकाज में सरकार और अफसरों का कोई दखल नहीं होगा.


- भ्रष्टाचार की कोई शिकायत मिलने पर लोकपाल और लोकायुक्तों को साल भर में जांच पूरी करनी होगी.


- अगले एक साल में आरोपियों के ख़िलाफ़ केस चलाकर क़ानूनी प्रक्रिया पूरी की जाएगी और दोषियों को सज़ा मिलेगी.


- यही नहीं भ्रष्टाचार का दोषी पाए जाने वालों से नुकसान की भरपाई भी कराई जाएगी.


- अगर कोई भी अफसर वक्त पर काम नहीं करता जैसे राशन कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बनाता तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा.


- 11 सदस्यों की एक कमेटी लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति करेगी.


- लोकपाल और लोकायुक्तों के खिलाफ आरोप लगने पर भी फौरन जांच होगी.


- जन लोकपाल विधेयक में सीवीसी और सीबीआई के एंटी करप्शन डिपार्टमेंट को आपस में मिलाने का प्रस्ताव है.


- साथ ही जन लोकपाल विधेयक में उन लोगों को सुरक्षा देने का प्रस्ताव है जो भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएंगे

टीम अन्‍ना का वार- लालू-अमर जैसे नेता बनाएंगे भ्रष्‍टाचार के खिलाफ कानून

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नई दिल्‍ली. मजबूत लोकपाल के लिए पांच दिन से अनशन कर रहे अन्‍ना हजारे और उनकी टीम ने शनिवार को तेवर और कड़े कर लिए। हजारे ने जहां मंगलवार को सरकार से संसद में जन लोकपाल बिल पेश करने की मांग रखी, वहीं टीम अन्ना ने समर्थकों से अपील की कि जनता अपने-अपने सांसद के घर के बाहर धरना दे। दूसरी तरफ बरेली के कांग्रेसी सांसद प्रवीन सिंह ने अन्ना का बिल स्टैंडिंग कमेटी को भेज कर नई हलचल पैदा कर दी है।

हजारे के अनशन के पांचवें दिन सरकार और टीम अन्ना के बीच तनातनी बढ़ती दिख रही है। टीम अन्‍ना के कड़े तेवरों पर सरकार ने भी वार किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी. नारायणसामी ने कहा है कि टीम अन्ना अपनी हद में रहे। संसद की स्थायी समिति की तरफ से अखबारों में विज्ञापन देकर लोकपाल बिल पर लोगों और संस्थाओं से राय मांगी गई है। टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने इसे समय की बर्बादी बता दिया। इसी पर सामी ने कहा कि अरविंद का बयान स्थायी समिति के सदस्यों के विशेषाधिकार का हनन है। सामी ने कहा कि टीम अन्ना पर ऐसे बयान के लिए अवमानना का मामला भी बन सकता है।

स्थायी समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि स्थायी समिति मिनी संसद है, जहां फैसले बहुमत से होते हैं। लेकिन अरविंद केजरीवाल ने निशाना साधते हुए कहा कि भ्रष्‍टाचार के खिलाफ अच्‍छा कानून बनाने वाली समिति में लालू प्रसाद और अमर सिंह सदस्‍य हैं। ये लोग भ्रष्‍टाचार के खिलाफ कानून बनाएंगे, क्‍योंकि इन्‍हें काफी अनुभव है। संसदीय कार्य मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा है कि इस आंदोलन का भगवान ही मालिक है।

संसद की स्थायी समिति ने लोगों और संस्थाओं से लोकपाल विधेयक पर अख़बारों में विज्ञापन देकर सुझाव मांगा है। विज्ञापन के मुताबिक लोग 4 सितंबर तक अपने सुझाव भेज सकते हैं। लोकपाल मुद्दे पर समिति की अगली बैठक 4 सितंबर को होगी। गौरतलब है कि सरकार ने भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए लोकपाल बिल लोकसभा में मौजूदा मॉनसून सत्र में ही पेश किया था। यह बिल अब स्थायी समिति के सामने है।

अन्ना के सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने कहा कि स्थायी समिति की सुझाव मांगने की कवायद सिर्फ वक्त की बर्बादी है। उनका कहना है कि सरकारी लोकपाल बिल को पूरी तरह से बदलना होगा, इसमें सुधार या संशोधन की गुंजाइश नहीं है। वरुण गांधी द्वारा जनलोकपाल बिल को प्राइवेट मेंबर्स बिल के तौर पर संसद में पेश किए जाने की संभावना पर केजरीवाल ने कहा कि प्राइवेट मेंबर बिल से मुझे बहुत ज़्यादा उम्मीद नहीं है। अरविंद के मुताबिक इससे सिर्फ सदन का ध्यान किसी लोकहित के मुद्दे की तरफ आकर्षित भर कराया जा सकता है। उन्हें इस कोशिश से बहुत उम्मीद नहीं है। गौरतलब है कि 1968 के बाद आज तक कोई भी प्राइवेट मेंबर बिल संसद में पास नहीं हुआ है।
इससे पहले शनिवार को अन्ना ने एक बार फिर अपना संकल्प दोहराया कि जब तक लोकपाल पास नहीं हो जाता, वे लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मेरा वजन साढ़े तीन किलो कम हुआ है। थोड़ी कमजोरी है, लेकिन संघर्ष जारी रहेगा। अपने विरोधियों पर फिर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि देश को सिर्फ दुश्मनों से नहीं बल्कि गद्दारों से भी खतरा है।

अरुणा राय मुकदमे से डर कर कोंग्रेस की गोदी में बैठकर अन्ना का विरोध कर रही हैं ........

कथित समाज सेवकों की मोका परस्ती देखिये के जिस अन्ना हजारे ने अरुणा राय के साथ मिलकर सुचना के अधिकार अधिनियम की लड़ाई लड़ी आज वही अरुणा राय अपनी जान और इज्ज़त के साथ खुद को पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के डर से अन्ना के खिलाफ कोंग्रेस की गोदी मैं जा बेठी हैं .......अरुणा रॉय ने अन्ना के खिलाफ सिर्फ इसलियें मोर्चा खोला है के कश्मीर में उनके बयान के खिलाफ कोंग्रेस ने जो मुकदमा दर्ज किया है और दिल्ली के अलावा कश्मीर पुलिस जिस मुकदमे की जांच कर रही है उसमे खुद को गिरफ्तारी से बचाने के लियें अरुणा राय ने कोंग्रेस से समझोता किया और अन्ना के जन्लोक्पाल बिल के खिलाफ एक नया लोकपाल बिल तय्यार कर आनन फानन में पेश कर एक नया विवाद खड़ा कर अन्ना को कमजोर करने की कोशिश की है लेकिन यह पब्लिक है सब जानती है इसलियें हजारों हजार लोगों के बीच जब कोंग्रेस के नेताओं द्वारा पत्रकारों को लिख कर दिए गए सवाल पूंछे जा रहे थे तो जनता कोंग्रेस की हर कुटिल चाल पर मुस्कुरा रही थी ..जनता अन्ना को कभी आर आर एस एस का समर्थन तो कभी अमेरिका का समर्थन होना बताती है तो कभी उन्हें डराती है तो कभी भ्रष्ट कहकर आहात करती है तो कभी उन्हें जेल भेज कर बाहर निकलने के लियें हाथ जोडती है .इतना ही नहीं कोंग्रेस के नेता अन्ना और उनकी टीम को संसद की अवमानना का डर बताकर दबाना चाहते हैं ..अन्ना का बिल को समर्थन और इधर स्टेंडिंग कमेटी का सुझाव मांगने का विज्ञापन , अरुणा राय का लोकपाल बिल यह दर्शाता है के सब कुछ कोंग्रेस हार की खीज पर कर रही है ,,, दो दिनों से कोंग्रेस के इलेक्ट्रोनिक और प्रिंट मीडिया में अनाप शनाप विज्ञापन और मीडिया का बदला रुख जो कोंग्रेस को फेवर और अन्ना के खिलाफ हो रहा है सभी लोग जानते है जो सवाल पत्रकार दाग रहे है वोह सब कोंग्रेस ने लिख कर दिए हैं लेकिन जनता जनार्दन थी .जनता जनार्दन है और जनता जनार्दन रहेगी ..अरुणा राय गद्दारी करे ..गिनती के पत्रकार बिकें या फिर कुछ भ्रष्ट नेता अन्ना को आरोपित करें कोई फर्क नहीं पढ़ता .............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

भास्कर अगेंस्ट करप्शन

भास्कर अगेंस्ट करप्शन की आज यहाँ कोटा कार्यालय में एक सेमीनार से शुरुआत हुई .कोटा से प्रकाशित देनिक भास्कर अखबार ने आज लोकल स्तर पर भ्रस्टाचार की जड़ें खोजने और उन्हें खोदने के उपाय तलाशने के लियें एक विशेष कार्यक्रम की शुरुआअत की है जिसे सभी पाठकों ने सराहा है ........इश्वर करे मीडिया के सभी लोग सभी समाचार पत्र इस मामले में पहल करें और जनता को भ्रस्टाचार से नुजात दिलाने में मदद करें .... भास्कर के इस कार्यक्रम में शहर काजी अनवार अहमद..करियर पॉइंट के प्रमोद माहेश्वरी ..अदेवोकेट विवेक नंदवाना ..जी डी पटेल.दीनानाथ दुबे ..डोक्टर सोनी ,,डोक्टर शर्मिला विजयवर्गीय ..अनिल जी सहित एक दर्जन लोग शामिल थे .सी कार्यक्रम को वरिष्ट सम्पादक हेमंत शर्मा और अंकित जी ने तय्यार किया ....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

श भारत देश के एक मात्र इमानदार छवि वाले राजिव गांधी आज होते

काश भारत देश के एक मात्र इमानदार छवि वाले राजिव गांधी आज होते .....अगर स्वर्गीय राजिव गांधी आज होते तो शायद अन्ना को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की जरूरत नहीं पद्धति लेकिन उनके पुत्र..पत्नी और पार्टी के लोग देश को भ्रस्ताचार की आग में झोंक कर चोरी और सीना जोरी का जो खेल खेल रहे हैं उससे उनको क्या कष्ट हो रहा होगा यह तो हम और आप जेसे उनके प्रशंसक लोग ही समझ सकते हैं उनके नाम पर सत्ता की रस मलाई खाने वाले लोग इस दर्द को क्या समझे .स्वर्गीय राजिव को इमानदारी की मिसाल कहकर उन्हें हमारी तरफ से हार्दिक श्रद्धांजली आज उनका जन्म दिन है .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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