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23 अगस्त 2011

अन्ना के आगे झुकी सरकार,जनलोकपाल विधेयक भी लाने को तैयार


नई दिल्ली. प्रधानमंत्नी मनमोहन सिंह ने गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे से आठ दिन से चल रहा अपना अनशन तोड़ने की अपील करते हुए मंगलवार को कहा कि सरकार उनके जन लोकपाल विधेयक को संसद की स्थायी समिति के पास भेजने को तैयार है।हजारे को आज भेजे गये अपने पत्न में डा.सिंह ने कहा है कि सरकार लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार से इस संबंध में अनुमति देने का अनुरोध करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि विधेयक पारित करने की समय सीमा को लेकर उनके मन में कोई शंका है तो सरकार संसदीय समिति से अपने विचार-विमर्श की प्रक्रिया को तेजी से पूरी करने का भी अनुरोध करने को तैयार है।

प्रणब मुखर्जी करेंगे अन्ना हजारे पक्ष से बातचीत : केजरीवाल अन्ना टीम के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि प्रभावी लोकपाल विधेयक पर टीम अन्ना के साथ बातचीत करने के लिए सरकार की ओर से केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को नियुक्त किया गया है।

प्रभावी लोकपाल विधेयक के लिए गांधीवादी अन्ना हजारे के अनशन के आठवें दिन केजरीवाल ने रामलीला मैदान में कहा, "हमें केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने बातचीत के लिए बुलाया था और उन्होंने मुझे सूचित किया कि हमारे साथ प्रणब मुखर्जी बातचीत करेंगे।"

केजरीवाल ने कहा कि सरकारी नुमाइंदे मुखर्जी से बातचीत के लिए अन्ना हजारे एक टीम नियुक्त करेंगे।

गौरतलब है कि प्रणब मुखर्जी से बातचीत के लिए अन्ना की टीम की ओर से किरण बेदी,प्रशांत भूषण और खुद केजरीवाल होंगें।

अन्ना हजारे का स्वास्थ्य गिर रहा : किरण बेदी

अन्ना हजारे की सहयोगी किरण बेदी ने उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई है। मंगलवार शाम माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर उन्होंने लिखा कि अन्ना हजारे का स्वास्थ्य गिरता ही जा रहा है।

बेदी ने लिखा,"अन्ना हजारे के लिए प्रार्थना करें। वह मुश्किल स्थिति में पहुंच रहे हैं। डॉक्टर त्रेहान उनकी जांच कर रहे हैं। हम उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। कृपया उनके लिए प्रार्थना करें।"

इससे पहले मंगलवार सुबह डॉक्टरों ने अन्ना हजारे के स्वास्थ्य को सामान्य बताया था। उनका वजन 5.5 किलोग्राम घट गया है। उनके रक्त और पेशाब में कीटोन की मात्रा भी पाई गई है। लेकिन डॉक्टरों ने सुबह इसे खतरनाक स्तर तक नहीं बताया था।

प्रधानमंत्री की पूरी चिट्ठी पढने के लिए क्लीक करें- http://pmindia.nic.in/prelease/content4print.asp?id=1303


जब मुंह खोला, जहर उगला और डुबा दी कांग्रेस की लुटिया...


नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने जिन नेताओं का पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी है, उन्हीं नेताओं के कारण पार्टी को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। चाहे वह सोनिया और राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले दिग्विजय सिंह हों या फिर पार्टी के तेज तर्रार प्रवक्ता राशीद अल्वी।
कांग्रेस के इन नेताओं के बड़बोलेपन के कारण पूरी पार्टी को कई बार न सिर्फ पूरे देश के सामने बल्कि संसद में भी शर्मिदगी उठानी पड़ी। आलाकमान ने मौके की नजाकत को भांपते हुए इन नेताओं की जुबान पर ताला लगा दिया है।
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस ने सभी नेताओं को मीडिया से दूरी बनाने का आदेश दिया गया है। अन्ना के आंदोलन के बाद से ही ऐसे कई मौके आए, जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी लाइन से हटकर बयान दिए। जबकि ऊपर से साफ आदेश था कि अन्ना पर कोई व्यक्तिगत हमला नहीं होगा। वैसे तो बयानवीर सभी राजनीतिक दल में हैं लेकिन आज सिर्फ बात कांग्रेस के बयानवीरों की।
दिग्विजय सिंह, महासचिव, कांग्रेस

बयान नंबर एक :उन्हें पहले अपने दामन पर लगे छीटों के बारे में सफाई देनी चाहिए। किरण बेदी ने लेहमन ब्रदर्स से 2.50 करोड़ लिए हैं। अरविंद केजरीवाल ने भी उस कंपनी से पैसे लिए हैं। यह ऐसी कंपनी है जिसे खुद अन्ना की टीम के एक अहम सदस्य जस्टिस हेगड़े ने दागी कंपनी बताया है।
बयान नंबर दो :ईश्वर उन्हें शतायु करें। लेकिन अनशन-वनशन भूख हड़ताल करना बंद करें। यदि सिविल सोसायटी के लोगों को अनशन करना ही है तो नौजवान लोग, अरविंद केजरीवाल हैं, प्रशांत भूषण हैं, इनको बैठाइए। आप मत करिए।
मनीष तिवारी, प्रवक्ता, कांग्रेस
हम किशन बाबू राव हजारे उर्फ अन्ना से पूछना चाहते हैं कि कि तुम किस मुंह से भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन की बात करते हो। ऊपर से नीचे तक तुम भ्रष्टाचार से लिप्त हो।
रेणुका चौधरी, प्रवक्ता, कांग्रेस
उन्हें भी राहुल को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। वह उस वक्त बोलेंगे, जब उन्हें मुनासिब लगेगा। वह कोई तोता नहीं हैं।
राशीद अल्वी, प्रवक्ता, कांग्रेस
अमरीका ने पहले कभी भारत में किसी आंदोलन का समर्थन नहीं किया है। पहली बार अमरीका ने कहा कि अन्ना हजारे के आंदोलन की इजाजत देनी चाहिए और इसमें कोई अवरोध नहीं होना चाहिए। इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि क्या कोई ताकत है जो इस आंदोलन को समर्थन दे रही है जो न सिर्फ सरकार को बल्कि देश को अस्थिर करना चाहती है।
नतीजा
आलाकमान ने अपने सभी बड़बोले नेताओं को खामोश रहने का आदेश दिया। जिसके बाद से सभी बयानवीर खामोश। इंतजार अगले आदेश का।

पहले दी अन्ना को चुनौती अब संसदीय सीट छोड़ने को राजी


जयपुर। अन्ना हजारे को खुद के सामने चुनाव लड़ने की चुनौती देने वाले सांसद महेश जोशी के तेवर उनके बयानों के बाद जनता में हुई तीव्र प्रतिक्रिया के बाद बदल गए हैं। जोशी ने कहा है कि अन्ना हजारे के प्रति उन्होंने सदैव सम्मान रखा है और हजारे संसद के किसी भी सदन के सदस्य बनेंगे तो उन्हें खुशी होगी और लोकतंत्र ज्यादा मजबूत बनेगा। यदि सभी दल तैयार हो तो अन्ना हजारे को बिना चुनाव लड़े ही सर्वसम्मति से लोकसभा में भेजना चाहिए, इसके लिए जरूरी हो तो वे अपनी सीट से इस्तीफा देकर अन्ना के लिए सीट खाली करने को तैयार हैं।

उन्होंने कहा कि वे विनम्रतापूर्वक भाजपा नेताओं की चुनौती स्वीकार कर सकते हैं बशर्ते पहले रामदास अग्रवाल राज्यसभा से इस्तीफा देकर राज्यसभा का उपचुनाव जीतकर दिखाएं या राज्य के कोई भी आठ भाजपा विधायक इस्तीफा देकर फिर से चुनाव जीतकर दिखाएं। इन दोनों विकल्पों में से भाजपा नेता जहां सफल होते हैं तो वे बिना शर्त लोकसभा से इस्तीफा देकर फिर से चुनाव लड़ने को तैयार हैं।

भाजपा नेता जयपुर के जनप्रतिनिधि के खिलाफ जिस तरह मेंढक, चूहे की स्तरहीन उपमा दे रहे हैं उससे उनकी मानसिकता झलकती है। भाजपा यह मुगालता नहीं पाले कि अन्ना हजारे को जो जनसमर्थन मिल रहा है वह भाजपा के लिए है। भाजपा तो केवल अन्ना को मिल रहे जनसमर्थन का लाभ लेने के लिए षड्यंत्र कर रही है। जोशी ने कहा कि वे जनता के सवालों से घबराकर कभी नहीं भागे। उनके घर पर जो लोग प्रदर्शन के लिए आए थे उनकी पूरी बात सुनी और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं तक पहुंचाया है।

अरे हुजूर, जानिए जरूर, बहुत गुणकारी है खजूर

सीकर. ‘बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर। पंछी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर।’ कबीरदास की ये पंक्तियां अमूमन नजीर पेश करने में दी जाती है। इसके इतर बहुत थोड़े लोग जानते हैं कि अरब देशों में खजूर को ‘जीवनदाता पेड़’ और ‘नखलिस्तान का बादशाह (किंग ऑफ ओएसिस)’ नामों से पुकारा जाता है। खजूर के पेड़ का प्रत्येक भाग उपयोगी होता है। इसका तना लकड़ियां प्रदान करता है। पत्तियां फेब्रिक्स, रस्से व बास्केट बनाने के काम आते हैं। इसकी गुठलियों को विशेष विधि से नरम बनाने के बाद पशुओं को उत्तम प्रकार के चारे के रूप में खिलाया जाता है।

खजूर फल के पौष्टिक गुणों के कारण ही दुनिया भर के मुसलमान दिन भर रोजा रखने के बाद इफ्तार के समय खजूर का सेवन अवश्य करते हैं। पैगम्बर मोहम्मद ने भी खजूर से रोजा खोलना सुन्नत बताया है। खजूर मीठे और स्वादिष्ट होने के साथ ही लंबे समय तक खराब नहीं होते हैं।एक किलो खजूर हमारे शरीर को 3500 कैलोरी ऊर्जा प्रदान करते हैं। दिन भर रोजा रखने के बाद तुरंत ऊर्जा प्राप्त करने के लिए खजूर सवरेत्तम है।

खजूर के रासायनिक घटक

विज्ञान विषय के अध्यापक खालिद अख्तर ने बताया कि खजूर में 70 फीसदी शर्करा होती है जिनमें ग्लूकोज व फ्रैक्टोज मुख्य हैं।ये कई खनिज लवणों जैसे आयरन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, सल्फर, कॉपर, कैल्शियम, फास्फोरस का मुख्य स्रोत है।

खजूर के और नाम

खजूर का वनस्पति नाम फानिक्स डेक्टाइलीफेरा है। हिंदी और उर्दू में इसे खजूर, फारसी में खुरमा, संस्कृत में खर्जुर और बंगाली में खेजुर कहा जाता है। विश्व खाद्य एवं कृषि संगठन के एक सर्वे के अनुसार विश्व में लगभग 100 मिलियन खजूर के पेड़ हैं, इसमें से 65 फीसदी केवल अरब देशों में मौजूद हैं।

पहले जेईएन को रिश्वत लेते पकड़ाया, अब खुद फंस गया


श्रीमाधोपुर/सीकर। रिश्वत लेने के आरोप में जेईएन को ट्रेप करवाने वाले शख्स ने छह साल बाद बयान बदलने के लिए तीन लाख रुपए की मांग कर दी। सौदा तय हो गया और 40 हजार रुपए ले लिए। लेकिन, जयपुर के हीरापुरा पावर हाउस पर तैनात जेईएन ने इसकी शिकायत एसीबी में कर दी।

जांच में सत्यापन के बाद पुलिस ने पंचायत समिति सदस्य को गिरफ्तार कर लिया है। ट्रेप की घटना के वक्त वह पंचायत समिति सदस्य नहीं था। मामले के अनुसार पांच अक्टूबर 2004 को बिजली निगम अजीतगढ़ में कार्यरत जेईएन मोहनलाल स्वामी को एसीबी सीकर ने रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। इसके लिए ढाणी चौलाई तन मूंडरू के कजोड़मल यादव ने शिकायत की थी।

इसके बाद एसीबी ने भ्रष्टाचार निरोधक न्यायालय जयपुर में चालान पेश कर दिया और मामला विचाराधीन है। इसी दौरान जब साक्ष्य अभियोजन में परिवादी कजोड़मल यादव की बारी आई तो उसने जेईएन मोहनलाल से बयान बदलने के एवज में रुपए लेने की बात कही। शुरुआत में इसके लिए पांच लाख रुपए मांगे, लेकिन तीन लाख रुपए में सौदा तय हो गया। फिर 40 हजार रुपए ले लिए। दोनों के बीच तय हुआ था कि पहले एक लाख रुपए उसके खर्चे के तौर दें और दो लाख बाद में लौटाने की बात रहेगी।

इसके बाद वह दो लाख रुपए लेने पर अड़ गया। इसकी शिकायत मोहनलाल ने पांच जुलाई2011 को पुलिस महानिदेशक एसीबी से की, जिस पर एसीबी सीकर को जांच के आदेश दिए गए। जांच के दौरान एसीबी निरीक्षक उमेश निठारवाल ने मामले का सत्यापन कराया तो रुपए लेने की पुष्टि हो गई।

इस दौरान जेईएन को टेप रिकार्डर देकर भेजा गया, जिसमें बातचीत में तीन लाख रुपए में सौदा तय होने तथा 40 हजार रुपए पहले जेईएन से लेने की बात सामने आने आई। बयान बदलने की बात टेप में रिकार्ड हो गई। जांच रिपोर्ट के आधार पर मामला 384 आईपीसी का बनने पर छह अगस्त 2011 को श्रीमाधोपुर थाने में मामला दर्ज कराया गया। श्रीमाधोपुर थानाप्रभारी सुरेंद्र शर्मा के मुताबिक मामला दर्ज होने के बाद पंचायत समिति सदस्य कजोड़मल यादव को गिरफ्तार कर लिया है, जिसे मंगलवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा।

अमरूद में छिपाया सिमकार्ड पहुंचा दिया जेल, मचा हड़कंप

सीकर। जेल की सुरक्षा में सुराख करने के लिए नित नए फंडे अपनाए जा रहे हैं। सीकर जेल में सामने आए एक वाकये से जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।

यहां अमरूद में सिम छिपाकर जेल पहुंचा दी गई, लेकिन ऐन मौके पर प्रहरियों की सतर्कता से पकड़ में आ गई। जेल परिसर में ही दीवार के पास एक मोबाइल व चार्जर भी बरामद हुआ है। बताया जा रहा है कि यह सिम प्रकरण से ही जुड़ा हुआ है। फिलहाल जेल में चौकसी बढ़ाने के साथ कैदियों से मिलने वालों पर विशेष निगरानी के आदेश दे दिए गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक दोपहर के वक्त एक युवक थैला लेकर जेल में पहुंचा। उसने जेल प्रहरियों को थैला थमाते हुए कहा कि यह एक कैदी को दे देना। यह कहकर वह कुछ ही पलों में वापस निकल लिया। सतर्कता बरतते हुए प्रहरियों ने थैले में रखे सामान की जांच की तो अमरूद मिले। एक प्रहरी यूं ही अमरूद खाने लगा तो देखा कि अमरूद में मोबाइल सिम दबी हुई है। इस पर ये लोग सकते में आ गए और युवक को पकड़ने के लिए बाहर की तरफ दौड़े। तब तक युवक वहां से निकल चुका था।

बाद में मामले की जानकारी जेल के आला अधिकारियों को दी गई और जेल में छानबीन शुरू हुई। जांच के दौरान जेल परिसर में दीवार के पास एक मोबाइल व चार्जर पड़ा मिला। जेल प्रशासन को आशंका है कि सिम पहुंचाने के बाद ही संभवतया दीवार की दूसरी ओर से मोबाइल फेंका गया है।

फिलहाल जेल प्रशासन कैदी से पूछताछ कर यह जानने की कोशिश में है कि जेल में और सिम तो नहीं पहुंच गए हैं। जेल के डिप्टी सुपरीटेंडेंट अशोक वर्मा का कहना है कि यह मामला आने के बाद अतिरिक्त सतर्कता बढ़ा दी गई है। मामले की जांच की जा रही है।

पहले भी पकड़ में आए थे मोबाइल सिम और डायरियां

इस घटना से पहले जेल में प्रशासन व पुलिस अधिकारियों की छापेमारी में बड़े पैमाने पर मोबाइल, सिम और रुपयों का हिसाब मिला था। यहां मिली डायरियों में कई लोगों के नाम दर्ज थे। ऐसे में जेल में सख्ती और सतर्कता को लेकर आदेश दिए गए थे।

अपनी हदें पार कर गया है मर्ज़ ..

अपनी हदें
पार कर गया है
मर्ज़
जब भ्रष्टाचार का ॥
तब हमें किया है
गांधीवादी शिष्टाचार
समझ लो
यह आन्दोलन
हमने इसी मर्ज़ की
दवा ली है .................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अन्ना न होते तो बताओ कोन लेता खबर

अन्ना न होते तो
बताओ कोन लेता खबर
हम भारतवासियों की ।
देश के नेता हो
चाहे हो अधिकारी
किस को थी खबर
के
हम भारतवासियों पर
क्या गुज़रती है .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जी हाँ में आज़ाद भारत का नेता हूँ .......

जी हाँ मेरे भारत वासियों
में आज़ाद भारत का नेता हूँ ।
जनता से सिर्फ और सर लेता ही लेता हूँ
कभी वोट लेता हूँ ..तो कभी ट्रांसफर कभी कोई काम कराने के पेसे लेता हूँ
संसद में में अगर पहुंचूं तो बस सवाल पूंछने के भी रूपये लेता हूँ
हां दोस्तों में भारत देश का नेता हूँ
में देश को देश की जनता को
सिर्फ और सिर्फ भ्रस्टाचार , बेईमानी , अनाचार ही देता हूँ
जी हाँ दोस्तों में आज़ाद भारत का नेता हूँ
में कहीं भी किसी भी पार्टी में रहूँ
सरकार किसी की भी हो
बस विपक्ष में रहूँ या सरकार में
आपसी सान्थ्गान्थ कर या तो संसद से वाक् आउट करता हूँ
या संसद ही नहीं जाता हूँ
अगर विश्वास मत के पक्ष में वोट डालना पढ़े
तो रिश्वत लेकर संसद में में कोई भी सरकार हो उसे बचाता हूँ
भ्रष्टाचार की जहां बात हो वहां खुद को गांधीवादी कहलवाता हूँ
संसद हो चाहे हो विधान सभा चाहे हो पंचायत
जब भी चुनाव होते हैं करोड़ों रूपये
पानी की तरह बहाता हूँ
वोट मांगने जाता हूँ तब जनता और वोटर होती है जनार्दन
और जब वोट लेकर नेता बन जाता हूँ
तो बस जनता अगर मिलने आये तो उसे पहचानने से इनकार कर भगाता हूँ
कोई खास जिद्दी मिलने वाला आ भी जाये तो रिश्वत नहीं देने पर
ऐसे आदमी को बिना काम किये नियमों का हवाला देकर टरकाता हूँ ।
अन्ना जेसे कोई ईमानदार आ भी जाएँ तो उन्हें भी
खुद की कुर्सी बचाने के लियें
कभी में उन्हें बेईमान कभी साम्प्रदायिक कभी हिन्दू विरोधी कभी मुस्लिम विरोधी कहकर
जनता को ऐसे लोगों के खिलाफ भड़काता हूँ
जी हाँ दोस्तों में आज़ाद भारत का नेता हूँ ।
देश को दीमक की तरह खा रहा हूँ
देश की योजनाये देश का बजट कमीशन खोरों के हवाले हैं
कभी में ऐ राजा तो कभी में कोमन वेल्थ का घोटालेबाज बन जाता हूँ
लेकिन मेरा आज तक कुछ बिगड़ा नहीं है
कभी बिगड़ेगा भी नहीं क्योंकि में आज़ाद देश का नेता हूँ
देश की भोली भली जनता को ऐसे ही बेवकूफ बनाता हूँ ..........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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