आपका-अख्तर खान

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27 अगस्त 2011

फर्क केसा केसा ..........

सभी इंसान हैं
मागर फर्क
सिर्फ इतना है ॥
कुछ जख्म देते हैं
कुछ जख्म भरते हैं ।
हम सफ़र सभी हैं
लेकिन फर्क
सिर्फ इतना है
कुछ साथ देते हैं
कुछ साथ छोड़ जाते हैं ....
प्यार सभी करते हैं
लेकिन फर्क सिर्फ इतना है
कुछ जान देते हैं
कुछ जान ले लेते हैं ।
दोस्ती सभी करते हैं
लेकिन फर्क सिर्फ इतना है
कुछ लोग निभाते हैं
कुछ लोग आजमाते हैं
और कुछ लोग यूँही
मंझधार में छोड़ जाते हैं ......
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मालिक के चरित्र का राज खोलती हैं घर की चारदीवारियां

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अगर किसी व्यक्ति के चरित्र का पता लगाना है तो व्यक्ति का स्वभाव नहीं बल्कि उसके घर की चारदीवारी पर नजर डालें।
प्रख्यात फिल्म निर्देशक अदूर गोपालाकृष्णन ने कहा कि किसी व्यक्ति के चरित्र की जानकारी उसके घर की चारदीवार को देखकर लगाया जा सकता है।
दादासाहब फाल्के पुरस्कार विजेता अदूर ने कहा कि जो व्यक्ति ऊंची चारदीवार वाले घरों में रहते हैं उनके पास अवैध पैसा होता है।
कंटीली चारदीवार में रहने का मतलब है कि वह व्यक्ति निर्दोष नहीं है। उसका चरित्र भी कटीली तारों की तरह है। वहीं शरीफ व्यक्तियों की चारदीवारी पर न तो प्लास्टर होता और न ही रंग रोगन होता है।
उन्होंने अपने घर के बारे में कहा है कि उनके घर के बाहर पहले कोई चारदीवारी नहीं थी। लेकिन उन्होंमने कुत्तों की वजह से अपने घर के परिषर के चारो तरफ चारदिवारी बनवाई है। उनकी घर की चारदीवारी बहुत ही सिंपल है।

सवा घंटे में थमी भ्रष्टाचार पर बहस

जयपुर। राज्य विधानसभा में शनिवार को भ्रष्टाचार पर शुरू हुई बहस ज्यादा लंबी नहीं चल सकी। व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप लगने की आशंका को देखते हुए सदन की कार्यवाही मात्र सवा घंटे में ही अचानक स्थगित करनी पड़ी। इससे हर कोई हतप्रभ था और गलियारों में विधायक एक-दूसरे से पूछते नजर आए। इस मुद्दे पर सत्तापक्ष की ओर से 11 और विपक्ष की ओर से 14 विधायकों को बोलना था, लेकिन दोनों तरफ से 6 सदस्य ही बोल पाए।

दोपहर बाद करीब 3.15 बजे विपक्ष की ओर से भाजपा के राजेन्द्र राठौड़ और सत्तापक्ष की ओर से प्रतापसिंह खाचरियावास ने बहस की शुरुआत की। छह वक्ताओं के बोलने के बाद 4.30 बजे कार्यवाही स्थगित कर दी गई। हालांकि सदन में सोमवार को भी बहस जारी रहेगी। यह इस सत्र का आखिरी दिन है। बहस से पहले राजस्थान लोक सेवाओं की गारंटी विधेयक 2011 भी पारित कराया जाना है।

..ताकि विषय की गंभीरता बनी रहे

सदन में बहस शुरू कराने से पहले आसन से अध्यक्ष दीपेन्द्रसिंह ने दोनों पक्षों से अपील की कि सदस्य दलगत राजनीति और पक्ष-विपक्ष की धारा में न बहें। आरोप-प्रत्यारोप न लगाएं। विषय की गंभीरता को समझें और भ्रष्टाचार की रोकथाम के उपायों पर सुझाव दें। इसी के अनुरूप पक्ष और विपक्ष की ओर से बहस में इसका ध्यान रखने की कोशिश की गई।

ऐसे बनी आरोप-प्रत्यारोप की आशंका

भाजपा की ओर से आखिर में ओम बिडला ने अपना वक्तव्य समाप्त किया। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पूर्व में दिए गए बयानों को आधार बनाकर कुछ सवाल खड़े किए। सीएम कहते हैं डॉक्टर पैसे के लिए शव को वेंटीलेटर पर रखे रहते हैं। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर नहीं मिलते हैं, फिर इन पर कार्रवाई कौन करेगा। राज में तो आप हो?

जब राजा खुद भ्रष्ट होगा तो नीचे का तंत्र भी भ्रष्ट हो जाएगा, जब राजा ईमानदार होगा तो नीचे का तंत्र भी ईमानदार हो जाएगा। राज्य में लोकायुक्त, एसीबी, सीवीसी जैसी संस्थाएं लगभग प्रभावहीन हो गई हैं। इसके तुरंत बाद जब सत्तापक्ष की ओर से अलाउद्दीन आजाद ने बिड़ला पर निशाना साधा तो मौके की नजाकत को भांपते हुए अध्यक्ष ने कार्यवाही स्थगित कर दी।

अलाउद्दीन ने यूं किया प्रहार

आप वो लोग हो, जो भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं। जिन्होंने भ्रष्टाचार के कीर्तिमान स्थापित किए वो आज यहां सदन में ऊंचे हाथ करके बात कर रहे हैं। आप जो इतने ऊंचे होकर बोल रहे हैं, आपकी औकात जनता जनार्दन और आपके क्षेत्र के लोग जानते हैं।

एक-एक आदमी यहां बोलकर जो आदर्शवादी बात कर रहा है और महाराज हरिश्चंद्र बन रहे हैं, उनकी औकात भगवान भी जानता है। इस पर भाजपा के राजेन्द्र राठौड़ ने आपत्ति भी की।

भ्रष्टाचार रोकने के सुझाव :

नरपतसिंह राजवी : - नागरिक अधिकार कानून बने। प्रक्रिया का सरलीकरण हो। स्वतंत्र मशीनरी हो। अफसरों की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय हो।

प्रतापसिंह खाचरियावास :- सांसद और विधायक कोष के उपयोग के लिए भी 51 स्थानीय लोगों की समिति बने। यह पैसा उसी के माध्यम से खर्च हो, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। सभी सरकारी कामों यही व्यवस्था लागू हो।

रतन देवासी : सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में सख्त नियम बनें, ताकि भ्रष्टाचार न हों। हम सीमित संसाधनों में जीना सीखें।

ये पौधा बता देगा, आप पर कोई मुसीबत आने वाली




क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया कि आपके घर, परिवार या आप पर कोई मुसीबत आने वाली होती है तो उसका असर सबसे पहले आपके घर में स्थित तुलसी के पौधे पर होता है। आप उस पौधे का कितना भी ध्यान रखें धीरे-धीरे वो पौधा सूखने लगता है। तुलसी का पौधा ऐसा है जो आपको पहले ही बता देगा कि आप पर या आपके घर परिवार को किसी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है।



पुराणों और शास्त्रों के अनुसार माना जाए तो ऐसा इसलिए होता है कि जिस घर पर मुसीबत आने वाली होती है उस घर से सबसे पहले लक्ष्मी यानी तुलसी चली जाती है। क्योंकि दरिद्रता, अशांति या क्लेश जहां होता है वहां लक्ष्मी जी का निवास नही होता। अगर ज्योतिष की माने तो ऐसा बुध के कारण होता है। बुध का प्रभाव हरे रंग पर होता है और बुध को पेड़ पौधों का कारक ग्रह माना जाता है।



ज्योतिष में लाल किताब के अनुसार बुध ऐसा ग्रह है जो अन्य ग्रहों के अच्छे और बुरे प्रभाव जातक तक पहुंचाता है। अगर कोई ग्रह अशुभ फल देगा तो उसका अशुभ प्रभाव बुध के कारक वस्तुओं पर भी होता है। अगर कोई ग्रह शुभ फल देता है तो उसके शुभ प्रभाव से तुलसी का पौधा उत्तरोत्तर बढ़ता रहता है। बुध के प्रभाव से पौधे में फल फूल लगने लगते हैं।

कांग्रेस छोड़ सभी दलों ने राजीव गांधी के हत्यारों की फांसी को रोकने की मांग की


चेन्नई.पूर्व प्रधानमंत्नी राजीव गांधी के हत्यारों को फांसी देने की तारीख नौ सितंबर नजदीक आने के साथ ही उनकी पूरी उम्मीदें अब तमिलनाडु की मुख्यमंत्नी जे.जयललिता और मद्रास उच्च न्यायालय पर टिकी हैं।

तमिलनाडु में कांग्रेस को छोड़कर सभी राजनीतिक दलों के नेता दोषियों की फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। द्रविड़ मुनेत्न कषगम (द्रमुक) के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्नी एम. करूणानिधि ने केंद्र और राज्य सरकार से दोषियों की फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग की है लेकिन दोनों ही सरकारों ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है।


उनकी फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग को लेकर राज्य भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और मुख्यमंत्नी से इस मामले में हस्तक्षेप करके तीन जिंदगियों को बचाने का अनुरोध किया जा रहा है। लेकिन जयललिता ने अब तक इस पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी है।

अभियुक्तों के वकील ने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा क्षमा याचना खारिज किए जाने के बाद भी संविधान के अनुच्छेद 161 के अनुसार मुख्यमंत्री तीनों को बचा सकती हैं। बचाव पक्ष सोमवार को हाईकोर्ट में सजा माफ करने की अपील कर सकता है। कानून के जानकारों का कहना है कि मुख्यमंत्नी मंत्निमंडल की बैठक में इस सिलसिले में निर्णय ले सकती हैं और इसे आगे की कार्रवाई के लिए राज्यपाल के पास भेज सकती हैं।


अभियुक्तों के जेल की सुरक्षा बढ़ी:


तीनों अभियुक्त वेल्लोर जेल में रह रहे हैं। जेल के बाहर और अंदर तीन स्तरीय सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। अभियुक्तों की सजा माफ कराने को लेकर बढ़ती मांग के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। जेल के बाहर एमडीएमके के संस्थापक वाइको और अन्य लोगों के प्रदर्शन लगातार जारी हैं।

करूणानिधि की सोनिया से अपील,माफ़ कर दें राजीव के हत्यारों को

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के अध्यक्ष व तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम.करूणानिधि ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से अपील की है कि वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में मौत की सजा पाए तीनों दोषियों को माफ कर दे।

करूणानिधि ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा,"सत्ताधारी कांग्रेस और उसकी अध्यक्ष सोनिया गांधी को तीनों का जीवन बचाने के लिए सामने आना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि इनका जीवन बचाने के लिए हरसम्भव कदम उठाया जाना चाहिए।

तीनों को तमिलनाडु स्थित वेल्लूर जेल में नौ सितम्बर को फांसी दी जाएगी।
जेल अधीक्षक आर.रिवुदैनाम्बी को शुक्रवार दोपहर बाद मुरुगन,संथन और पेरारिवलन को फांसी पर लटकाने का आधिकारिक आदेश प्राप्त हुआ।
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने गत 11 अगस्त को इन तीनों की क्षमा याचिका खारिज कर दी थी। ये राजीव गांधी की हत्या कराने वाले आतंकवादी संगठन लिबरेशन टाइगर्स आफ तमिल ईलम (लिट्टे) से जुड़े थे।

उल्लेखनीय है कि 21 मई 1991 को चेन्नई के समीप श्रीपेरुमबुदूर की एक चुनावी रैली में एक महिला ने स्वयं को विस्फोटकों से उड़ा लिया था और इस आत्मघाती हमले में राजीव गांधी की जान चली गई थी।

ससुराल वालों ने मासूम को जलाकर निकला बहू का गुस्सा

उदयपुर. ससुराल वालों के गुस्से का शिकार बहू की मासूम बच्ची भी प्रताड़ना का शिकार बन गई। अजमेर में ब्याही उदयपुर की युवती ने ससुराल वालों पर यह आरोप लगाते हुए प्रशासन से र्कावाई की गुहार लगाई है।

यहां रेगर कॉलोनी निवासी पिंकी पुत्री प्रताप ने अजमेर में रहने वाली अपनी सास, ननद और देवर पर उसकी एक वर्षीय मासूम बेटी टेमी को जलाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। पीड़िता पिंकी व उसकी मां श्यामा बाई शनिवार को एसपी से न्याय की गुहार लगाने कलेक्ट्री पहुंची।

एसपी की गैर मौजूदगी में पीड़िता सूरजपोल थाने पहुंची जहां से उन्हें महिला थाने भेज दिया गया। पिंकी ने बताया कि उसकी शादी दो वर्ष पूर्व अजमेर में आदर्श नगर निवासी सुरेश के साथ हुई थी।

छह दिन पूर्व वह घर से कुछ दूर पानी लेने गई थी। वापस लौटने पर उसे उसकी बेटी टेमी (1) रोती हुई मिली। जब उसने बेटी को संभाला तो वह कमर के समीप से जली हुई थी। उपचार के बाद मां-बेटी अपने पीहर उदयपुर आ गई। पिंकी ने ससुराल पक्ष पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।

सबसे बड़ा आश्चर्य : बेशकीमती हीरों से बना है यह दुर्लभ ग्रह

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लंदन। वैज्ञानिकों ने एक ऐसे ग्रह की खोजने का दावा किया है जो पूरी तरह हीरों से बना है। मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने अपनी गैलेसी मिल्की वे में किसी समय एक बड़े तारे रहे ग्रह की खोजा है जो पूरी तरह कीमत चट्टानों (हीरों) से बना है। वैज्ञानिकों ने पहले बड़े तारे के विघटन से बने एक छोटे तारे पल्सर को खोजा और उसके बाद उन्हें इसकी परिक्रमा करते हुए यह ग्रह मिला। पल्सर तेजी से घूमने वाले छोटे आकार के तारे होते हैं। इनका व्यास 10 मील से ज्यादा या एक छोटे शहर जितना होता है। इसकी परिक्रमा करता ग्रह करीब 40000 मील चौड़ा है जोकि पृथ्वी के व्यास से करीब 5 गुना ज्यादा है। ग्रह पल्सर के इतने नजदीक है कि अगर यह और बड़ा होता तो इसके गुरुत्वाकर्षण से नष्ट हो जाता। पल्सर अपनी धुरी पर एक मिनट में 10000 बार चकर लगाता है और इसका द्रव्यमान सूर्य की तुलना में 1.4 गुना ज्यादा है। शोधकर्ताओं के दल के सदस्य डॉ. माइकल कीथ बड़े तारे से बने दोनों पिंड कार्बन और हाइड्रोजन से बने होने चाहिए। इनका घनत्व इतना ज्यादा है कि तारे का बड़ा हिस्सा हीरे जैसी चट्टानों से बना होना चाहिए।

लालू ! तुम्हें क्या पता ब्रह्मचर्य व्रत की ताकत


जनलोकपाल की मांग पर अनशनरत अन्ना हजारे ने राजद सुप्रीमो लालू यादव को जबरदस्त आइना दिखाया। अन्ना ने लालू के द्वारा 12 दिन से बिना भोजन के अनशनरत रहने पर सवाल उठाये जाने पर अन्ना ने लालू का बगैर नाम लिए इशारों में जवाब देते हुए कहा कि इतने दिनों से बिना खाए अनशनरत रहना ब्रम्हाचर्य व्रत की ताकत है। संकेतों में करारा जवाब देते हुए कहा कि 10-12 बच्चे पैदा करने वाले क्या जानें कि ब्रम्हचर्य व्रत की ताकत क्या होती है।


गौरतलब है कि जनलोकपाल पर शनिवार को लोकसभा में बहस के दौरान राजद सुप्रीमो लालू यादव ने अन्ना के अनशन पर तीखी टिप्पणी की थी। राजद मुखिया ने व्यंगात्मक लहजे में कहा था कि अन्ना जी 74 साल के हैं। 12 दिन से बिना भोजन के हैं।


डॉक्टरों को शोध करना चाहिए कि कैसे अन्ना हजारे जी 12 दिन से अनशन पर हैं। हम उनके साथ खड़े हैं। डॉक्टरों को इस बात की जांच करनी चाहिए की एक 74 साल का बुजुर्ग 12 दिन तक बिना अन्न के कैसे रह सकता है।


आपको याद दिला दें कि लालू यादव व टीम अन्ना के बीच तल्खी नई नहीं है। इसके पहले अन्ना टीम के मेंबर ने लालू पर निशाना साधा था। अरविंद केजरीवाल ने तंज कसते हुए लालू पर वार किया था, कहा था कि देश का दुर्भाग्य है कि लालू जैसे लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ कानून बनाएंगे।


गौर करने की बात है कि राजद अध्यक्ष लालू यादव पर चारा घोटाला केस दर्ज है जो न्यायालय में विचाराधीन है।


अन्ना की लड़ाई थोड़ी जीत बढ़ी हार .....................

हाल ही में देश की संसद ने दस दिन बाद अन्ना हजारे की मांग पर जो आश्वासन दिया है वोह देश की जनता का सम्मान है या अपमान हम समझ नहीं पा रहे हैं लेकिन एक बात तो है के अन्ना की इस लड़ाई में इसे थोड़ी जीत और बढ़ी हार माना जा सकता है .......दोस्तों सभी जानते हैं के अन्ना की मनाग वाजिब थी देश के कुछ भ्रष्ट और दलालों को छोड़ कर सभी लोग उनके साथ थे ..सरकार ने लगातार अन्ना और जनता के साथ छल किया उन्हें धोका दिया जनता को थकाया छकाया बहानेबाजी की जनता को अपमानित किया संसद जनता से बढ़ी कहकर जनता अपमान किया लेकिन अन्ना जिन्होंने एलान किया के संसद में जन लोकपाल विधेयक पारित होने तक अना अनशन पर रहेंगे ..अन्ना के इस एलान के साथ देश उनके साथ था कोंग्रेस और भाजपा ने इस एलान के बाद चाल्बज़ियाना शुरू की और अन्ना को अपने चमचों के माध्यम से अपनी चालों के घेरे में लिया नतीजा आज सामने है अन्ना जो गांधीवादी अनशन के हथियार से लड़ाई के मैदान में थे देश की जनता जिनके साथ थी उन्हें अपना प्रण तोड़ना पड़ा भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई के मामले में जो एलान किया था उसमे बीच का रास्ता निकालना पढ़ा और सरकार के सामने आधे घुटने टेक कर बीच का रास्ता निकाल लिया अब आप ही बताये जब देश एक जुट था तब सरकार ने यह तमाशा दिखाया है तब देश बनता हुआ होता है सो रहा होता है तो सरकार क्या गुल खिलाती होगी आप समझ सकते है सरकार की हठधर्मिता के आगे अन्ना ने बीच का रास्ता अपनाया अपननी जिद छोड़ी अब आप ही बताइए के यह जीत है पूरी जीत है या फिर जनता की इस लोकतंत्र की सरकार की तानाशाही के आगे हार है क्योंकि लोकपाल और जन्लोक्पाल विधेयक इतनी बढ़ी लड़ाई के बाद भी अभी जनता से एक वर्ष से भी अधिक दुरी पर पहुंच गया है फिर क्यूँ देश को दस दिन तक आन्दोलन की आग में धकेला गया सोचने की बात है .........अकह्तर खान अकेला कोटा राजस्थान












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