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28 अगस्त 2011

2जी: स्वामी बनाएंगे चिदंबरम को आरोपी


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नई दिल्ली। जनता पार्टी के मुखिया सुबमण्यम स्वामी को दिल्ली हाई कोर्ट से 2जी मामले में निजी याचिका दाखिल करने की इजाजत मिल गई है। सूत्रों के मुताबक स्वामी अब इस मामले में गृहमंत्री पी चिदंबरम को आरोपी बनाएंगे। कोर्ट ने स्वामी को इस संबंध में आवेदन करने के लिए समय भी दिया है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले में तत्कालीन वित्त मंत्री चिदंबरम को आरोपी बनाया जाएगा।

स्वामी ने विशेष जज ओ पी सेनी को बताया कि उनकी याचिका में मामले में चिदंबरम की भूमिका की सीबीआई जांच की मांग की गई है। मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी। गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में स्वामी ने कोर्ट में शिकायत की थी कि सीबीआई द्वारा पेश की गई चार्जशीट में चिदंबरम की भूमिका पर कुछ नहीं कहा गया है। जबकि स्पेक्ट्रम आवंटन के फैसले में उनकी संयुक्त भूमिका थी। उन्होंने कोर्ट से खुद को विशेष सरकारी वकील नियुक्त किए जाने की अपील की थी।

ब्लड बैंक से महंगा मिलेगा खून


कोटा। आगामी एक सितम्बर से राज्य भर में ब्लड बैंकों में रक्त की जांच की कीमतें बढ़ जाएंगी। एक यूनिट रक्त की कीमत में ही करीब 250 रूपए की वृद्धि होगी। सरकारी अस्पतालों में भर्ती रोगियों पर इसका असर नहीं पड़ेगा। प्लाज्मा और प्लेटलेट्स की दरें भी नहीं बढ़ाई गई हैं। राजस्थान स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन कौंसिल ने इस बारे में आदेश जारी कर दिए हैं।

इससे पहले 23 जनवरी 2008 को नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन कौंसिल ने देशभर में रक्त की कीमतें 500 रूपए से बढ़ाकर 850 रूपए कर दी थी, जिसे राजस्थान में लागू नहीं किया गया था। इसके बाद से ही ब्लड बैंक अपने बढ़ते खर्चो की दुहाई देकर दरें बढ़ाने की मांग कर रहे थे।

यह होंगीं दरें
आदेश में बताया कि सरकारी अस्पतालों के ब्लड बैंक अपने अस्पताल में भर्ती रोगियों से सम्पूर्ण यूनिट रक्त, प्लाज्मा, आरबीसी, प्लेटलेट्स के 300 रूपए ही लेंगे, जो कि पहले से ही ली जा रही है। इसके अलावा अन्य सभी निजी, चेरिटेबल ट्रस्टों के ब्लड बैंक प्रति यूनिट रक्त अथवा आरबीसी के 850 रूपए, प्लाज्मा और प्लेटलेट्स के 400 रूपए प्रति यूनिट लेंगे। सरकारी ब्लड बैंक अपने अस्पतालों में भर्ती रोगियों को ही रियायती दर पर रक्त दे सकेंगे। निजी अस्पतालों अथवा नर्सिंग होम्स में रक्त ले जाने पर सरकारी ब्लड बैंक भी प्रति यूनिट 850 रूपए ही वसूल करेंगे।

3 दिन बाद होगी लागू
आईएसबीटीआई के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. वेदप्रकाश गुप्ता ने बताया कि यह दरें एक सितम्बर से लागू की जाएंगी। इससे पहले वर्ष 2010 में रक्त की दरें बढ़ीं थी और प्रति यूनिट 600 रूपए वसूले जा रहे थे।

कभी नहीं देखा, कहां चल रही संस्था?


कोटा। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा जारी छात्रवृत्तियों में सामने आए घोटाले में विभाग के कई बड़े अफसरों पर गाज गिर सकती है। ये वो अधिकारी हैं, जिन पर पात्र छात्रों तक छात्रवृत्ति पहुंचाने का दारोमदार था, लेकिन इन्होंने आंखें बंद कर ली और करोड़ों रूपए के चेक जारी करते रहे।

सूत्रों ने बताया कि सारा काम एक संविदाकर्मी के भरोसे हुआ। कागजों में संचालित संस्थाओं ने छात्रों के काल्पनिक नामों की सूचियां विभाग को भेज दी। विभाग ने बगैर ज्यादा पड़ताल किए इन्हें श्रेणीवार ओबीसी व एससीएसटी की छात्रवृत्तियां जारी कर दी। संस्थाओं का भौतिक सत्यापन तक नहीं किया गया। इसी का नतीजा हुआ कि लंबे समय तक ये संस्थाएं कागजों में चलती रही और करोड़ों रूपए की छात्रवृत्ति उठा ली। अब जब ऑडिट में यह सारा खुलासा हो रहा है तो विभाग में खलबली मची हुई है। ज्यादा डर वर्ष 2007-08 व 2008-09 में पदस्थापित रहे अफसरों को है।

व्यवस्था पर ही सवाल
सूत्रों ने बताया कि ऑडिट दल ने अब तक की छानबीन के बाद छात्रवृत्ति वितरण की व्यवस्था पर ही सवालिया निशान लगाए हैं। दल ने माना है कि अब तक जो व्यवस्था चली आ रही है, उसमें कई खामियां है। इस व्यवस्था के तहत अधिकारी सिर्फ हस्ताक्षर करने का काम कर रहे हैं। जबकि उन्हें एक-एक संस्था के रिकार्ड की छानबीन करनी थी। जिन कागजी संस्थाओं के नाम ऑडिट दल ने खोजे हैं, उनके बारे में उल्टा विभाग ऑडिट दल से पूछ रहा है। जबकि अरसे से विभाग इन संस्थाओं को करोड़ों रूपए देता आ रहा है। विभागीय दल ने उक्त संस्थाओं के संचालकों व नाम-पतों को लेकर ऑडिट दल से सवाल किए बताए।

सवाईमाधोपुर की तर्ज पर
यह सारा घोटाला सवाईमाधोपुर में हुए घोटाले की तर्ज पर हुआ। सूत्रों ने बताया कि वहां भी वर्ष 2003 से 2006 के दरम्यान जारी छात्रवृत्तियों में इसी तरह का घोटाला सामने आया था। सवाईमाधोपुर के बाद राज्य सरकार के निर्देश पर दौसा, करौली व टोंक में भी विशेष जांच हुई तो ऎसे ही तथ्य सामने आए थे। उक्त चारों जिलों के मामले में वर्तमान में राज्य का भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो देख रहा है। एक मामले में सवाईमाधोपुर के तत्कालीन सहायक निदेशक को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। कोटा में हुई जांच भी इसी से जोड़कर देखी जा रही है, लेकिन सूत्र यह भी मानते है कि यहां को लेकर किसी व्यक्ति विशेष ने शिकायत की है।

सात घंटे तक खंभे पर लटका रहा शव


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डूंगला (चित्तौड़गढ़)। चित्तौड़गढ़ जिले के डूंगला उपखण्ड के चांदखेड़ा ग्राम स्थित 33 केवी ग्रिड सब स्टेशन पर रविवार को एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई। मुआवजे की मांग को लेकर करीब शव सात घंटे तक शव खंभे पर लटका रहा। समझाइश के बाद शव को खंभे से उतारा गया और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया गया। इस मामले में मृतक के भतीजे मोहनलाल ने पुलिस में रिपोर्ट दी है।

चांदखेड़ा स्थित जीएसएस पर ठेकेदार फर्म के कर्मचारी झांझलवास निवासी रतनलाल (40) पुत्र गोपीलाल मेघवाल रविवार सुबह करीब साढ़े सात बजे जीएसएस में किसी कार्य से खंभों पर चढ़ा, जहां करंट लगने से उसकी मृत्यु हो गई। सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण और पुलिस जाब्ता मौके पर पहुंच गया।

मौके पर मौजूद मेघवाल समाज लोग उचित मुआवजे की मांग करने लगे। अघिकारियो ने ग्रामीणो से समझाइश की, लेकिन बात नहीं बनी। बाद में करीब ढाई बजे हुई समझाइश सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया गया।

स्वास्थ्य की चुनौतियों पर जयपुर में होगा मंथन



जयपुर। दक्षिण पूर्व एशिया में करीब 35 लाख लोग एचआईवी संक्रमित हैं। गर्भवती महिलाओं में इसकी रोकथाम के कम उपाय होने के कारण करीब 1.30 लाख बच्चों में भी यह बीमारी घर कर गई है। स्वास्थ्य सम्बन्धी ऎसी चुनौतियों पर मंथन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से 6 से 9 सितम्बर तक भारत समेत दक्षिण पूर्वी एशिया के 11 देशों के स्वास्थ्य मंत्री जयपुर में जुटेंगे।

6 सितम्बर को स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक होगी। इसके बाद डब्ल्युएचओ की क्षेत्रीय समिति का 64वां सत्र होगा। डब्ल्युएचओ की जन सूचना एवं एडवोकेसी अघिकारी विस्मिता गुप्ता के अनुसार सम्मेलन में भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालद्वीव, थाईलैंड, इंडोनेशिया, तिमोर, कोरिया और म्यांमार के प्रतिनिघि हिस्सा लेंगे।

सड़कें टूटी तो अब अधिकारी से भी वसूल की जाएगी राशि

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सीकर. पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रमोद जैन ने कहा कि सड़कों की क्वालिटी से समझौता नहीं होगा। यदि नई सड़कें टूटती है तो ठेकेदार व संबंधित अधिकारी से इसकी राशि वसूली जाएगी। रविवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि यदि कहीं सड़कें टूटने की शिकायत मिलती है तो इसकी जांच कराए जाने के साथ दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी। ठेकेदार से 87 व संबंधित अधिकारी से 13 फीसदी राशि वसूल की जाएगी। क्वालिटी के लिए ही गारंटी पीरियड की समय सीमा बढ़ाकर पांच वर्ष तक की गई है जो पहले दो से तीन वर्ष थी।

सड़कों की जर्जर दशा से संबंधित पूछे गए सवाल के जवाब में मंत्री जैन ने कहा कि राज्य में सड़कों के लिए 500 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इनमें सीकर का हाल ही में घोषित किया गया स्टेट हाइवे व ग्रामीण सड़कें शामिल हैं। कई सड़कों के टेंडर भी हो चुके हैं। सड़क के टूटने की सबसे बड़ी वजह पानी निकासी के लिए ड्रेनेज सिस्टम न होने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि सड़कों का डिजाइन इसी प्रकार तैयार किया जाता है कि पानी निकासी हो।

जरूरत के हिसाब से रपटा व नालियां बनाई जाए। फिर भी यदि सड़कों पर पानी फैल रहा है तो इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही 300 जेईएन की भर्ती की जाएगी। इससे फील्ड का कार्य आसान होगा।

बाबा रज्जाक को भी धमकाकर वसूले डेढ़ लाख

कोटा गृहमंत्री के करीबी माने जाने वाले कांग्रेसी नेता जफर मोहम्मद के भाई से वसूली करने वाले आरोपी दीपक माथुर ने फाइनेंसर व ऑटोमोबाइल डीलर बाबा रज्जाक से भी वसूली की थी। उनकी पत्नी भी कांग्रेस नेता है और महिला कांग्रेस में उपाध्यक्ष है। आरोपियों ने उन्हें भी धमकाकर जून में डेढ़ लाख रुपए वसूले थे। इनके अलावा खाई रोड निवासी किसी कैलाश नाम के व्यक्ति से 3 लाख वसूलने की बात भी सामने आई है।


पुलिस ने जेल से गिरफ्तार आरोपी दीपक माथुर सहित 6 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से दीपक को दो दिन के रिमांड पर सौंप दिया। जबकि राहुल माथुर, मोहम्मद सलीम, आमिर खान, जितेंद्र कुमार व जितेंद्र पांचाल को जेल भेज दिया। डीएसपी संजय गुप्ता ने बताया कि दीपक माथुर के खिलाफ फाइनेंसर एवं ऑटोमोबाइल डीलर बाबा रज्जाक ने रिपोर्ट दी है कि इस गैंग ने उससे भी जून में डेढ़ लाख रुपए लिए थे। तब भानुप्रतापसिंह के हत्याकांड में फरार आरोपी शिवराजसिंह व जोगेंद्रसिंह गुड्डू के नाम से धमकियां दी। उन्होंने 5 लाख रुपए की डिमांड की थी, लेकिन मजबूरी बताते हुए डेढ़ लाख रुपए दिए थे। रज्जाक ने बताया कि उसके पास कई दिनों तक फोन आए और जान से मारने की धमकी दी गई। शिवराज का नाम होने से मामले में उलझने से अच्छा रुपए देकर जान छुड़ाना सही समझा। बाद में पता चला कि फोन दीपक माथुर कर रहा था। रुपए लेने भी उसका भाई राहुल आया था। उसके बाद गैंग ने साढ़े 3 लाख रुपए मांगे, लेकिन वो टालते रहे। कांग्रेसी नेता जफर मोहम्मद के आगे आने पर हिम्मत आई और पुलिस को पूरा घटनाक्रम बताया।


जेल से किए थे फोन
दीपक माथुर ने शिवराजसिंह की फरारी का फायदा उठाते हुए उसके नामों से लोगों को धमकाया। फिर उसके भाई व अन्यों ने वसूली की। उसने सभी फोन जेल से किए थे। पूछताछ में उसने बताया कि जेल में 2 हजार रुपए में मोबाइल पहुंच जाता है। उसके पास काफी समय से मोबाइल है। वह जेल में २ लाख रु. हारा है।

खौफनाक मंजर: पहले की पत्नी समेत चार की हत्या, फिर खुद को मारी गोली

देवली(टोंक)/कोटा। एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर युवक ने रविवार को यहां जनता कॉलोनी में अपने ससुराल पहुंचकर खौफनाक वारदात को अंजाम दिया। उसने पत्नी समेत पांच लोगों को गोली मार दी। इनमें से चार की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक की हालत गंभीर है। बाद में आरोपी युवक प्रदीप जैन ने तेली मोहल्ला में जीजा के घर पहुंचकर साढ़े तीन घंटे ड्रामा किया और खुद को भी गोली मार ली। घटना के पीछे दहेज का झूठा मामला दर्ज होने और तलाक के बाद बेटे को लेने में साले द्वारा रुकावट डाले जाने को कारण बताया जा रहा है।

घटना के दौरान मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। दुकानें बंद हो गईं। कस्बे में दहशत का माहौल व्याप्त है। घटना को लेकर कस्बेवासियों में रोष था और वे आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग को देर रात तक आंदोलन पर उतारू थे। लोगों ने जयपुर-कोटा राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी आधे घंटे जाम लगा दिया और थाना प्रभारी का घेराव भी किया।

यह था मामला

आरोपी युवक प्रदीप जैन कोटा के विज्ञान नगर का रहने वाला था और चंबल फर्टिलाइजर गढ़ेपान में सॉफ्टवेयर इंजीनियर पद पर कार्यरत था। प्रदीप से 2 मार्च 2006 को देवली की जनता कॉलोनी में रहने वाले प्रकाश चंद जैन की पुत्री सुमन से विवाह हुआ था। करीब आठ माह बाद ही सुमन ने प्रदीप सहित ससुराल पक्ष पर दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज करवाया था।

बाद में 10 नवंबर को इनका राजीनामा हो गया, जिसमें रजामंदी हुई कि प्रदीप को उसका बेटा दिया जाएगा। इस बीच 25 अगस्त 2010 को इन्हें तलाक की डिक्री भी मिल गई। प्रदीप अपने साढ़े चार वर्षीय पुत्र को लेने पर आमादा था, लेकिन वह उसे नहीं मिला। दाम्पत्य जीवन से परेशान प्रदीप रविवार सुबह हथियारों से लैस मोटरसाइकिल से ससुराल पहुंचा। जहां घर के गेट पर खड़े साले संजय (35), वहीं पर कपड़े धो उसकी पत्नी किरण (30), साले लोकेश की पत्नी अंकिता, कमरे में मौजूद सुमन (28) तथा प्रकाश चंद (55) को देशी कट्टे से गोली मार दी। इस दौरान प्रदीप ने चाकू का भी उपयोग किया। संजय, किरण, अंकिता व सुमन की घटना स्थल पर ही मौत हो गई, जबकि गंभीर घायल प्रकाश चंद को कोटा रैफर कर दिया गया।

मोटरसाइकिल पर लाया हथियारों का जखीरा

जिस मोटरसाइकिल पर प्रदीप हत्याकांड को अंजाम देने पहुंचा था। उसमें एक पिस्टल, एक देशी कट्टा, एक तलवार, दो धारदार चाकू तथा ढाई दर्जन जिंदा कारतूस भी थे। वह दस्ताने, रेनकोर्ट, पेट्रोल से भरी बोतल भी साथ लाया था। मोटरसाइकिल पर फर्जी नंबर प्लेट लगाई हुई थी।

सवाल

1. प्रदीप के इतने हथियार कहां से आए?
2. जीजा के घर जब प्रदीप पहुंचा तो सब घरवाले कहां गए? या प्रदीप ने उन्हें डरा-धमकाकर भगा दिया?
3. आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस के पास आंसू गैस, रबड़ की गोलियां या कोई अन्य विकल्प नहीं था?


माइक पर साढ़े तीन घंटे सुनाई आपबीती

घटना के बाद आरोपी प्रदीप तेली मोहल्ला स्थित अपने जीजा विनोद जैन के घर पहुंचा और अंदर से कुंदी लगा ली। वह बॉलकानी में रिवाल्वर लेकर खड़ा हो गया। उसने यहां साढ़े तीन घंटे तक फिल्मी अंदाज में हंगामा किया। मीडिया कर्मियों से माइक लेकर पिछले पांच वर्षो की आपबीती सुनाई। इस दौरान भारी भीड़ वहां जमा हो गई। वह बीच-बीच में कभी खुद पर रिवॉल्वर तानता रहा तो कभी भीड़ पर। वह इंकलाब जिंदाबाद और भारत माता की जय के नारे भी लगाता रहा।

पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए, लेकिन वह इस युवक के जुनून के आगे तमाशबीन बने रहे। दोपहर करीब 12:24 बजे उसने खुद को सिर में गोली मार ली। इससे पहले उसने मीडिया को बताया कि उसके दाम्पत्य जीवन में उसका साला संजय रुकावट डाल रहा है। उसे उसका बच्चा राजीनामे के बाद भी नहीं सौंपा जा रहा। इससे परेशान होकर ही वह यह अपराध कर रहा है।

अन्‍ना की जंग जारी, अब चुनाव व्‍यवस्‍था में सुधार की बारी

नई दिल्ली. अन्‍ना हजारे का गुड़गांव के मेदांता मेडिसिटी अस्‍पताल में इलाज चल रहा है। डॉक्‍टरों ने आज अन्‍ना हजारे के सेहत की जांच की। डॉक्‍टरों के मुताबिक अन्‍ना का ब्‍लड प्रेशर 120/70 तथा पल्‍स रेट 94 प्रति मिनट है। अन्‍ना को 72 घंटे तक लिक्विड फूड दिया जाएगा। अन्‍ना के किडनी और लीवर की जांच हो रही है। अन्‍ना इस अस्‍पताल की 14वीं मंजिल पर विशेष कक्ष में भर्ती हैं। मशहूर चिकित्‍सक डॉ. नरेश त्रेहन अन्‍ना के स्‍वास्‍थ्‍य पर निगरानी रख रहे हैं। डॉ. त्रेहन ने आज बताया कि अन्‍ना हजारे के शरीर में पानी की बेहद कमी हो गई है। उनका बीपी और हार्ट रेट सामान्‍य है। हम उनके सेहत की पूरी जांच कर रहे हैं। उन्‍हें इस स्थिति से उबरने में दो-तीन दिन लग सकते हैं। डॉ. त्रेहन सोमवार 12 बजे मीडिया को अन्‍ना के स्‍वास्‍थ्‍य की जानकारी देंगे। उम्‍मीद है कि सोमवार को अन्‍ना को यहां से छुट्टी दे दी जाए।

16 अगस्‍त से अनशन कर रहे अन्‍ना ने रविवार करीब 10 बजे अपना अनशन तोड़ दिया। पांच साल की दलित बच्‍ची सिमरन और मुस्लिम समुदाय की इकरा ने नारियल पानी और शहद पिला कर अन्‍ना का अनशन तुड़वाया। अनशन तोड़ने के बाद अन्‍ना हजारे ने देशवासियों का शुक्रिया अदा किया। उन्‍होंने रामलीला मैदान के मंच से समर्थकों से कहा कि आपके 13 दिनों के प्रयास का फल मिला। उन्‍होंने आंदोलन में साथ देने वाले सभी लोगों, मीडिया और डॉक्‍टरों की टीम का शुक्रिया अदा किया। रामलीला मैदान से निकलने के बाद अन्‍ना हजारे गुड़गांव के मेदांता मेडिसिटी अस्‍पताल पहुंचे। अस्‍पताल के बाहर समर्थकों की भारी भीड़ जमा हो गई। टीम अन्‍ना ने अन्‍ना समर्थकों से अपील की है कि वो मेदांता अस्‍पताल के पास नहीं पहुंचे क्‍योंकि वहां भीड़ होने से अन्‍य मरीजों और उनके तीमारदारों को दिक्‍कत हो सकती है।


अन्‍ना ने कहा, 'मैंने अनशन छोड़ दिया है, लेकिन लड़ाई जारी रहेगी। यह परिवर्तन की लड़ाई है और यह नतीजा मिलने तक चलती रहेगी। इस लड़ाई में अगली बारी राइट टू रिकॉल यानी जनप्रतिनिधियों को बुलाने के हक और राइट टू रिजेक्‍ट यानी उम्‍मीदवारों को खारिज करने की होगी।' अन्‍ना ने कहा कि लड़ाई के लिए तैयार रहना होगा। संभव है कि फिर जनसंसद लगानी पड़े। तो इसके लिए भी तैयार रहना होगा।

अन्‍ना ने आज के पल को देश के लिए गौरवशाली क्षण करार देते हुए कहा कि देशवासियों ने 13 दिनों तक अहिंसक आंदोलन चला कर आपने दुनिया के सामने मिसाल रखी है।’ अन्‍ना ने युवाशक्ति को राष्‍ट्रशक्ति‍ कहा। उन्‍होंने कहा, ‘जनसंसद दिल्‍ली की संसद से बड़ी है और जनसंसद के आगे दिल्‍ली की संसद झुक गई। ऐसे में भ्रष्‍टाचार मुक्‍त भारत के निर्माण की उम्‍मीद जगी है। हमें गरीब और अमीर की खाई कम करनी है। पर्यावरण की रक्षा, कृषि क्षेत्र, और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की जरूरत है।

उन्‍होंने रामलीला मैदान में मौजूद समर्थकों और देश भर के समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘यहां आप सबने टोपी पर लिखा है ‘मैं अन्‍ना हूं’। अन्‍ना बनने के लिए कथनी और करनी एक रखनी होगी। शुद्ध आचारण, शुद्ध विचार, निष्‍कलंक जीवन, त्‍याग करना और अपमान सहना सीखने की जरूरत है।’

टीम अन्‍ना के सदस्‍य अरविंद केजरीवाल ने संसद का शुक्रिया अदा किया। खुद को अन्‍ना का हनुमान बताने वाले केजरीवाल ने कहा कि देश त्‍यौहार मना रहा है। उन्‍होंने कहा कि हम संविधान के खिलाफ नहीं हैं, बस इतना चाहते हैं कि जनता के हित में ही कानून बने।

शनिवार को संसद के दोनों सदनों में लोकपाल पर सार्थक बहस और प्रस्ताव पारित होने के बाद गांधीवादी अन्ना हजारे ने अनशन तोड़ने का ऐलान किया था। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज राष्‍ट्रपति प्रतिभा पाटिल से मुलाकात और संसद में शनिवार को पारित हुए प्रस्‍ताव की जानकारी दी।


तंत्र पर जन की जीत: संसद ने मानी शर्तें
इससे पहले शनिवार को अन्ना के अनशन के 12वें दिन सरकार ने उनकी तीनों मांगों पर संसद में बहस करा कर प्रस्‍ताव पारित कराया। लोकसभा और राज्यसभा ने शर्तो के बाबत वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के प्रस्ताव पर नौ घंटों की बहस के बाद उसे पारित किया गया। संसद के फैसले के बाबत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चिट्ठी लिखकर अन्ना को सूचित किया। अन्ना ने इसे आंदोलन की आधी जीत बताया। उन्होंने कहा कि पूरी जीत जनलोकपाल बिल पास होने के बाद हासिल होगी। इसके बाद उन्‍होंने अनशन तोड़ने की घोषणा कर दी। फिर, देशभर में उत्सव सा माहौल हो गया।

अख़तर ख़ान अकेला साहब ने ब्लॉग की दुनिया में रच डाला इतिहास

एक बिल्कुल ताज़ा ख़बर हिंदी ब्लॉगिंग की दुनिया से, ताकि आप जान लें कि कीर्तिमान यहां भी स्थापित किये जा रहे हैं तमाम तरह की दिक्क़तों के दरम्यान।
हम बात कर रहे हैं हिंदी ब्लॉगिंग की दुनिया के एक सुपर स्टार जनाब भाई अख़तर ख़ान अकेला साहब की जो कोटा राजस्थान से संबंध रखते हैं और राजस्थान हाईकोर्ट में एडवोकेट के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जनाब पत्रकार भी हैं और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी और विभिन्न धर्म-मतों के अनुयायियों दरम्यान प्यार और भाईचारे के लिए काम कर रहे हैं।
हिंदी ब्लॉगिंग के ज़रिये भी वे यही प्यार मुहब्बत का पैग़ाम देते आए हैं और नज़रअंदाज़ किए जाने के बावजूद उन्होंने अपने लेखन कर्म को एक साधना के तौर पर जारी रखा और मात्र सवा साल में ही उन्होंने साढ़े तीन हज़ार पोस्ट्स रच डालीं।
है न कमाल ?
यह वाक़ई एक कमाल है और गिनीज़ बुक आफ़ वल्र्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किये जाने लायक़ है।
उन्होंने अपने निजी ब्लॉग के अलावा भी बहुत से साझा ब्लॉग बना रखे हैं, जहां उन्हें बहुत पढ़ा जाता है।
शरपसंद हमेशा थोड़े से होते हैं। अगर उन्हें नज़रअंदाज़ कर दिया जाए तो बाक़ी सामान्य लोग सदैव स्वागत करते हैं।
जनाब अख़तर ख़ान अकेला साहब का स्वागत आज हिंदी ब्लॉग जगत विभिन्न मंचों से कर रहा है जिसमें ‘फ़ेसबुक और ब्लॉगस्पॉट‘ मुख्य हैं।
इस अवसर हमने उन्हें मुबारकबाद देते हुए उनकी सवा साल की मेहनत की संक्षिप्त सी समीक्षा भी की है और यही समीक्षा उनकी पोस्ट पर टिप्पणी के रूप में पब्लिश भी की है।
यह समीक्षा भी यहां दर्ज की जाती है-

अख़तर ख़ान अकेला साहब ने ब्लॉग की दुनिया में रच डाला इतिहास
भाई साहब ! आपने साढ़े तीन हज़ार पोस्ट्स आपने लिख डालीं और उन पर आपको इससे आधी टिप्पणियां भी नहीं मिलीं , इसके बावजूद आपका ब्लॉग बहुत पढ़ा जाता है। यह बात आपके ब्लॉग पर लगा हुआ टूल बता रहा है। यही आपकी कामयाबी है।
जो लोग तंगनज़र हैं और तास्सुब के शिकार हैं, जो लोग इस ब्लॉग जगत के सर्वेसर्वा बनने के ख्वाहिशमंद थे, उनके सपनों के कांचमहल को अपने रोड रोलर से रौंदने वाला मैं ही तो हूं। जब सब साफ़ हो गया तो शांति तो होनी ही थी और यह बनी भी रहेगी जब तक कि अगला कोई महत्वाकांक्षी अपना सिर नहीं उठाएगा।

नफ़रत के इन सौदागरों के पास सिर्फ़ नफ़रत है और गहरी चालें हैं। जिस चीज़ का ज़िक्र आप आज कर रहे हैं, इसी को हमने ‘वर्चुअल जर्नलिज़्म‘ का नाम दिया है और इसका काफ़ी हद तक उन्मूलन भी किया। इन शरपसंदों के क़ब्ज़े में सिर्फ़ अपने अल्फ़ाज़ हैं, ये आपको कुछ नहीं देते तो मत दें, हम तो इन्हें भी टिप्पणियां दे देते हैं। मालूम नहीं कब बात समझ में आ जाए और कब इनका दिल बदल जाए और न भी बदले तो हमारा नाम सामने देखकर एक खटक तो हमेशा ये महसूस करते ही रहेंगे कि ‘हाय ! हमने जो सोचा था वह न हुआ।‘
अरे भाई सोचा तो तुमने मौत के बारे में भी नहीं है लेकिन मौत बहरहाल तुम्हें आकर रहेगी और तब तुम्हारा फ़ैसला तुम्हारे बदन की सजावट और तुम्हारे माल की दिखावट की बुनियाद पर नहीं होगा बल्कि तब तुम जांचे जाओगे अपनी हक़ीक़त की बुनियाद पर, अपनी नीयत और अपनी मंशा की बुनियाद पर और तब कामयाब वही रहेगा जिसने दुनिया में इंसाफ़ की और प्यार मुहब्बत की बात की होगी, अम्नो अमान की कोशिशें की होंगी।

इस ऐतबार से आप कामयाब हैं!
आपको कामयाबी की बहुत बहुत मुबारकबाद !


फ़ेसबुक पर भी मैंने आपकी इस कामयाबी की चर्चा की है, जिसे आप निम्न लिंक पर देख सकते हैं।
अगर आपने हमें वहां अभी न जोड़ा हो तो कृप्या ढूंढकर जोड़ लीजिएगा।

आप पर ख़ुदा की तरफ़ से सलामती और मेहर हो।

अख़तर ख़ान अकेला साहब ने ब्लॉग की दुनिया में रच डाला इतिहास....डोक्टर अनवर जमाल

आपके आशीर्वाद से मेरी पोस्ट हुई साढे तीन हजार ...........

मेरे प्यारे प्यारे आदरणीय ब्लोगर भाईयों ..बहनों आज मेरे लियें ख़ुशी का दिन है आप लोगों के सहयोग और आशीर्वाद से मेरी पोस्ट मार्च २०१० से प्रारम्भ होकर आज तक साढे तीन हजार हो गयी हैं वोह बात अलग है के मुझे इससे आधी टिप्पणिया भी मेरे प्यारे भाईयों ने नहीं दी है ..लेकिन जिन भाइयों ने भी मुझे टिप्पणियाँ दी है सुझाव दिए हैं दिल से दिए है ..पुल बनाकर तू मुझ को दे में तुझ को दूँ वाली तिप्प्निया मुझे नहीं मिली है मुझे जो भी टिपण्णी मिली है जीवन्त और आवश्यक उपयोगी मिली है मुझे मेरे भाइयों और बहनों ने जो भी सुझाव दिए वोह बहतरीन है उससे मुझे खुद को संभालने का मोका मिला है कई बार में खुद लडखडा कर अगर गिर भी गया तो मेरे भाइयों ने आगे बढ़कर मुझे संभाला है मेरा हाथ थमा है और मुझे आगे बढाया है ....मुझे मेरे जिन भाइयों का प्यार मिला है उसके बाद मुझे जरा भी अफ़सोस नहीं के मुझे टिप्पणियाँ कम मिली है मुझे जो भी टिपण्णी मिली वोह सो सुनार की एक लुहार की मिली है और हाँ मेने एक मामले में तो गिन्निज़ ब्लॉग रिकोर्ड बना ही डाला है के आधा दर्जन ब्लोगर महारथियों जिन के नाम लेना में मुनासिब नहीं समझता जिन्हें मेने रोज़ टिप्पणिया दी है उन्होंने मेरा ब्लॉग पढ़ा तो सही लेकिन मेरे लियें ख़ुशी की यह बात है के चारोतरफ ठीक है अच्छा है बहतरीन जेसी रति रटाई टिप्पणिया देने वाले इन कथित बढे ब्लोगरों ने मेरे ब्लॉग पर अब तक एक टिपण्णी भी नहीं की है मुझे ख़ुशी है इस बात की के मुझे जो भी मिला दिल से मिला बेदिली से मुझे किसी चीज़ की जरूरत नहीं .....खेर टिपण्णी की बात छोड़ें तो हम ब्लोगिंग की बात पर आये ब्लोगिंग की दुनिया दिनों दिन प्यारी .रंगीन होती जा रही है य्हना जो नफरत का माहोल था वोह प्यार में बदल गया है खुदा इसको नज़र न लगाये मान मनव्वल //एक दुसरे की मदद एक दुसरे को सुझाव का माहोल देख कर यह लगता है के ब्लोगिग्न की दुनिया एक मिसाली स्वर्ग बंटी जा रही है ............ऐसी ब्लोगिंग की दुनिया में जब मेरी पोसते केवल एक साल कुछ महीनों में जब साढे तीन हजार हुईं तो फिर मेरे लियें आप मुंह मिया मिट्ठू बनना जरूरी हो गया है इसलियें आप सभी ब्लोगर्स भाई बहनों की तरफ से मुझे बधाई ..उन काठी बढ़े महान ब्लोगर्स की तरफ से भी मुझे बधाई जिन्होंने सवा साल में साढे तीन हजार पोस्टों में से एक पोस्ट पर भी टिपण्णी देना मुनासिब नहीं समझा ...............................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
मेरे साथी मेरे हमदम ..............


कभी नहीं देखा, कहां चल रही संस्था?


कोटा। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा जारी छात्रवृत्तियों में सामने आए घोटाले में विभाग के कई बड़े अफसरों पर गाज गिर सकती है। ये वो अधिकारी हैं, जिन पर पात्र छात्रों तक छात्रवृत्ति पहुंचाने का दारोमदार था, लेकिन इन्होंने आंखें बंद कर ली और करोड़ों रूपए के चेक जारी करते रहे।

सूत्रों ने बताया कि सारा काम एक संविदाकर्मी के भरोसे हुआ। कागजों में संचालित संस्थाओं ने छात्रों के काल्पनिक नामों की सूचियां विभाग को भेज दी। विभाग ने बगैर ज्यादा पड़ताल किए इन्हें श्रेणीवार ओबीसी व एससीएसटी की छात्रवृत्तियां जारी कर दी। संस्थाओं का भौतिक सत्यापन तक नहीं किया गया। इसी का नतीजा हुआ कि लंबे समय तक ये संस्थाएं कागजों में चलती रही और करोड़ों रूपए की छात्रवृत्ति उठा ली। अब जब ऑडिट में यह सारा खुलासा हो रहा है तो विभाग में खलबली मची हुई है। ज्यादा डर वर्ष 2007-08 व 2008-09 में पदस्थापित रहे अफसरों को है।

सवाईमाधोपुर की तर्ज पर
यह सारा घोटाला सवाईमाधोपुर में हुए घोटाले की तर्ज पर हुआ। सूत्रों ने बताया कि वहां भी वर्ष 2003 से 2006 के दरम्यान जारी छात्रवृत्तियों में इसी तरह का घोटाला सामने आया था। सवाईमाधोपुर के बाद राज्य सरकार के निर्देश पर दौसा, करौली व टोंक में भी विशेष जांच हुई तो ऎसे ही तथ्य सामने आए थे। उक्त चारों जिलों के मामले में वर्तमान में राज्य का भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो देख रहा है। एक मामले में सवाईमाधोपुर के तत्कालीन सहायक निदेशक को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। कोटा में हुई जांच भी इसी से जोड़कर देखी जा रही है, लेकिन सूत्र यह भी मानते है कि यहां को लेकर किसी व्यक्ति विशेष ने शिकायत की है।

नहीं मिला पिंटू
एकाउंटेंट गोपाल गर्ग पर हमले के मामले में प्रथम दृष्ट्या जांच के दायरे में आया रामगंजमण्डी निवासी पिंटू मेघवाल उसके घर व संभावित ठिकानों से गायब है। पुलिस ने उसकी तलाश में कई जगह दबिश दी, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा। जांच अधिकारी उप निरीक्षक अनीस अहमद ने बताया कि जो मोटरसाइकिल मौके पर मिली थी, उसे पिंटू ही लाया था। उसके हाथ आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।

व्यवस्था पर ही सवाल
सूत्रों ने बताया कि ऑडिट दल ने अब तक की छानबीन के बाद छात्रवृत्ति वितरण की व्यवस्था पर ही सवालिया निशान लगाए हैं। दल ने माना है कि अब तक जो व्यवस्था चली आ रही है, उसमें कई खामियां है। इस व्यवस्था के तहत अधिकारी सिर्फ हस्ताक्षर करने का काम कर रहे हैं। जबकि उन्हें एक-एक संस्था के रिकार्ड की छानबीन करनी थी। जिन कागजी संस्थाओं के नाम ऑडिट दल ने खोजे हैं, उनके बारे में उल्टा विभाग ऑडिट दल से पूछ रहा है। जबकि अरसे से विभाग इन संस्थाओं को करोड़ों रूपए देता आ रहा है। विभागीय दल ने उक्त संस्थाओं के संचालकों व नाम-पतों को लेकर ऑडिट दल से सवाल किए बताए।

कोटा जेल में थ्री-जी मोबाइल


कोटा। कोटा के केन्द्रीय कारागार में कुछ बंदियों के पास थ्री-जी मोबाइल भी हैं। ये बंदी अपने गुर्गो व परिचितों से वीडियो कॉल कर जेल में भी घर जैसी आजादी महसूस कर रहे हैं। नयापुरा पुलिस की हिरासत में चल रहे चौथवसूली के अभियुक्त दीपक माथुर ने यह सनसनीखेज खुलासा किया है। पुलिस की पूछताछ में वह रोजाना जेल की नई-नई कहानियां सुना रहा है तो अधिकारी तक हैरत में हैं।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, बंदी ने बताया कि जेल में बड़ी संख्या में मोबाइल हैं। बंदी सुबह होने के साथ ही मोबाइल जमीन में गाड़ देते हैं और फिर शाम ढलने के बाद जेल बंद होने के साथ ही निकाल लेते हैं। थ्री-जी मोबाइल रखने वाले बंदी दूसरे बंदियों को भी पैसा लेकर यह सुविधा मुहैया करा देते हैं। जब कभी जेल की चैकिंग होती है तो बंदियों को इसकी भनक पहले ही लग जाती है। लंबरदार बंदियों को आकर यह सूचना देते हैं और तलाशी में कोई मोबाइल नहीं मिलता।

वसूली के पैसों से इफ्तार
कांग्रेस नेता व प्रोपर्टी व्यवसायी से वसूली गई रकम में से कुछ पैसों को बंदी ने जेल में अन्य बंदियों की 'खिलाई-पिलाई' में भी खर्च किया। बंदी ने बताया कि उसने जेल में दो बार बंदियों को रोजा इफ्तार की दावतें दी। उसने खुद ने भी कुछ दिन रोजे रखे थे। पुलिस फिलहाल उससे वसूली की रकम में से कोई बरामदगी नहीं कर पाई है। कुछ बैंक खाते पुलिस की जांच के दायरे में आए हैं, जिनका सोमवार को रिकॉर्ड लिया जाएगा।

सिरफिरे ने किया पूरे परिवार का खात्मा


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टोंक। जिले के देवली कस्बे में पत्नी से विवाद के चलते रविवार को एक शख्स ने पत्नी समेत ससुराल पक्ष के चार जनों की हत्या कर स्वयं को गोली मार ली। गोली से घायल ससुर को कोटा रैफर कर दिया गया।

टोंक के पुलिस अधीक्षक भूपेन्द्र साहू ने बताया कि कोटा निवासी प्रदीप सिंहल का पत्नी सुमन के साथ विवाद चल रहा था। प्रदीप रविवार सुबह ससुराल देवली आया। गुस्से में उसने रिवाल्वर से पत्नी सुमन, ससुर प्रकाश चंद जैन, साले संजय तथा उसकी पत्नी किरन, दूसरे साले लोकेश की पत्नी अंकिता को गोली मार दी। जिसमें संजय, किरन व अंकिता की मौके पर मौत हो गई। सुमन ने देवली चिकित्सालय में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। ससुर प्रकाश चंद हालत गम्भीर होने पर चिकित्सकों ने कोटा रैफर कर दिया।

घटना के बाद प्रदीप पास के एक मकान की चौथी मंजिल पर बॉलकनी में रिवाल्वर लेकर खड़ा हो गया। जहां वह चिल्ला-चिल्लाकर पत्नी और ससुरालवालों पर उसे बर्बाद करने का आरोप लगा रहा था। मौके पर पहुंचे पत्रकारों को प्रदीप ने अपनी व्यथा बता स्वयं के गोली मार ली। जिससे उसकी भी मौके पर मौत हो गई। पुलिस अधीक्षक साहू ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। प्रारम्भिक तौर पर अभियुक्त और उसकी पत्नी के बीच विवाद सामने आया है।

288 घंटे बाद अन्ना का अनशन खत्म



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नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त लोकपाल कानून बनाने की मांग को लेकर पिछले 12 दिनों से रामलीला मैदान में अनशन पर रहे अन्ना ने उनकी तीन मुख्य मांगों पर संसद मे सहमति बनने के बाद रविवार सुबह 10 बजे अपना अनशन तोड़ दिया। पांच साल की सिमरन और इकरा नामक दो बच्चियों ने नारियल पानी और शहद पिलाकर अन्ना का अनशन तुड़वाया। अन्ना के अनशन के साथ ही रामलीला मैदान पर चल रहा धरना भी खत्म हो गया है। अन्ना अनशन तोड़ने के बाद राजघाट नहीं जाकर स्वास्थ्य लाभ के लिए सीधे गुड़गांव के मेदांता अस्पताल जाएंगे। जहां वे दो से तीन दिन तक रहेंगे।

अनशन खत्म होने के बाद अन्ना ने इस जनआंदोलन को सफल बनाने के लिए सभी लोगों का धन्यवाद किया। अन्ना ने कहा कि उन्होंने अनशन छोड़ा नहीं है, स्थगित किया है। जब तक देश से भ्रष्टाचार पूरी तरह खत्म नहीं होगा अनशन जारी रहेगा।

सत्ता का विकेद्रीकरण हो
समर्थकों से खचाखच भरे रामलीला मैदान के मंच से उन्होंने कहा कि इस आंदोलन ने विश्वास दिलाया है कि देश से भ्रष्टाचार खत्म होगा और डॉ. अंबेडकर द्वारा बनाए संविधान पर चलने के लिए प्रेरणा दी है। सत्ता केंद्रित होने के कारण देश में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। सत्ता का विकेंद्रीकरण होने पर देश में असली लोकशाही आएगी। लोकसभा, विधानसभा की तर्ज पर ग्राम सभा को भी मजबूत करना होगा।

जनता को मिले राइट टू रिजेक्ट
अन्ना ने कहा कि देश के चुनाव तंत्र में बदलाव होना चाहिए। जनता को 'राइट टू रिजेक्ट' मिलना चाहिए। नापसंदगी के विकल्प पर सबसे ज्यादा वोट आने पर दोबारा चुनाव कराए जाने चाहिए। साथ ही लोगों को चुने हुए प्रतिनिघियों को वापस बुलाने का हक मिलना चाहिए।

माल खाए मदारी और नाच करे बंदर
किसानों की हालत वे बोले कि कृषि प्रधान भारत में माल खाए मदारी और नाच करे बंदर वाली बात नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा मजदूरों की हालत सुधारनी होगी। शिक्षा के नाम पर अपनी दुकाने चलाने वाले लोगों को हटाकर इस रवैये में बदलाव लाना होगा।

टोपी से नहीं बनते 'अन्ना'
अन्ना ने कहा कि सिर पर मैं अन्ना की टोपी पहनने से कोई अन्ना नहीं बन जाता। असली अन्ना बनने के लिए सभी को कथनी और करनी में समानता रखनी होगी। उन्होंने कहा कि शुद्ध आचार विचार रखने के साथ खुद में त्याग की भावाना लाओ। अपना अपमान पीना सीखो।

इंडिया गेट पर जीत का जश्न
इससे पहले टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने जनलोकपाल बिल की प्रमुख मांगो को संसद में सहमति मिलने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का शुक्रि या अदा किया। केजरीवाल ने कहा कि देश आज त्योंहार मना रहा है। उन्होंने रविवार शाम छह बजे लोगों से इंडिया गेट पर पहुंचने का आह्वान कर जनतंत्र का जश्न बनाने के लिए आमंत्रित किया।

केजरीवाल ने इसके लिए वे देश की संसद और सांसदों और सबसे ज्यादा अन्ना के समर्थकों के धन्यवाद करते हैं जिनकी बदौलत आज यह दिन देखने को मिला है। केजरीवाल ने देश की संसद के प्रति सम्मान जताते हुए कहा कि हर कानून बनाने से पहले जनता की राय ली जानी चाहिए। जनतंत्र में जन से बड़ा कोई नहीं है। उन्होंने लोगों से घूस नहीं लेने और देने की अपील की।

देशमुख बने दूत
संसद के दोनों सदनों में शनिवार को दिन भर चली चर्चा के बाद रामलीला मैदान में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दूत के रूप में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री विलास राव देशमुख और पूर्वी दिल्ली से सांसद संदीप दीक्षित डॉ. सिंह का पत्र लेकर पहुंचे तो वहां उपस्थित जनसमूह ने जोर जोर से देश भक्ति के नारों का उदघोष किया। अन्ना ने देशमुख से पत्र लेने के बाद मैदान में उपस्थित जनसमूह से कहा कि वह दोनों हाथ उठाकर अपनी अनुमति प्रदान करें जिससे की वह अपना अनशन तोड़ सकें।

हजारे ने जनलोकपाल के तीन मुद्दों सिटिजन चार्टर, निचले स्तर के नौकरशाह और राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति की उनकी मांग पर संसद में हुई बहस और इस पर बनी सहमति पर सदन और सांसदों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह देश के बच्चों, महिलाओं, युवा शक्ति की जीत है। उन्होंने इस आंदोलन को देश के दूरदराज क्षेत्रों तक पहुंचाने में मीडिया की भूमिका की प्रशंसा करते हुए अपने समर्थकों से कहा कि मुश्किल समय को झेलना कठिन होता है किंतु जीत के जुनून में शांति बनाए रखने की भी जरूरत है।

अन्ना ने उनके साथ रामलीला मैदान और देश के अन्य स्थानों पर अनशन पर बैठे लोगों से हाथ जोड़ कर विनती की कि वह भी अपना अनशन तोड़ दें और सुबह उनका अनशन तुड़वाने के लिए रामलीला मैदान पहुंचे। इससे पहले देशमुख ने प्रधानमंत्री द्वारा भेजे पत्र को पढ़कर सुनया जिसमें अन्ना की तीन मुख्य मांगों पर संसद में चर्चा और सहमति का उल्लेख था। पत्र में कहा गया है कि सदन में जो सहमति बनी है उसको संसद की स्थायी समिति को भेज दिया जाएगा जिससे वहां भी इस पर विचार किया जा सके। प्रधानमंत्री ने अन्ना के भविष्य में सुस्वास्थ्य की कामना करते हुए अपना आंदोलन खत्म करने और अनशन तोड़ने की अपील की।

हम तो माध्यम भर थे : दीक्षित
देशमुख ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि सरकार अन्ना के लक्ष्य को पूरा करने का काम करेगी और उम्मीद है कि अन्ना को दोबारा अनशन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दीक्षित ने अन्ना की मांगों को लेकर अपनी भूमिका के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वह तो केवल एक माध्यम भर थे इसमें सरकार और काग्रेस के सभी सांसदों ने रचनात्मक और अहम भूमिका निभाई।

देशभर में जश्न का माहौल

संसद में अन्ना की मांगों पर सरकार और विपक्षी दलों में बनी सहमति तथा लोकसभा में प्रस्ताव पेश किए जाने के साथ ही रामलीला मैदान समेश देशभर में खुशी की लहर दौड़ गई। शाम होते-होते रामलीला मैदान में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। लोगों जमकर आतिशबाजी की। अन्ना ने समर्थकों से कहा है कि जश्न मनाएं पर शांति से, जश्न से किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए।

12 दिन में 7.5 किलो कम हो गया वजन
बीते 12 दिन से अशनरत अन्ना का वजन 7.5 किलो से भी कम हो चुका हैं। उनकी मांसपेशियां कमजोर पड़ने से डाक्टर चिंतित है। डॉ. नरेश त्रेहन ने शनिवार को अन्ना की स्वास्थ्य जांच के बाद बताया कि कमजोरी के कारण अन्ना को बोलने से मना किया गया है। चिकित्सकों ने उन्हें अधिक से अधिक आराम और ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दी। चिकित्सक अन्ना के स्वास्थ्य पर बराबर निगरानी रखे हुए हैं। अन्ना की प्रत्येक दो घंटे में स्वास्थ्य जांच की जा रही है।

किरण बेदी ने कहा, यह ऎतिहासिक दिन

टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी ने रामलीला मैदान में उपस्थित लोगों को कहा कि आज का दिन ऎतिहासिक है जब संसद एक हो गई है। उन्होंने जल्दी ही खुशखबरी की उम्मीद जताई। इसके बाद वहां उपस्थित लोगों ने हर्षध्वनि की और देश प्रेम के नारों का उदघोष किया।

वैज्ञानिकों ने माना बड़े सपने देखने से जीवन होता है खुशहाल

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अक्सर कहा जाता है कि ऊंचे लक्ष्य पाना है तो बड़े सपने देखों। लेकिन अब इस बात पर वैज्ञानिकों ने भी मुहर लगा दी है।

हाल ही में हुए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि ऊंचे लक्ष्यों वाले महत्वाकांक्षी लोग अधिक संतोषजनक जीवन जीते हैं जबकि कम उम्मीदों वाले लोगों के जीवन के अंतिम दिन अक्सर दुख में बीतते हैं।

समाचार पत्र 'डेली मेल' के मुताबिक कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय की प्रोफेसर सेसिली चो ने सामान्य लोगों पर दो नए प्रयोग किए। इनमें से एक प्रयोग में लोगों ने महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए थे जबकि दूसरे प्रयोग के लोगों के लक्ष्य रूढि़वादी थे।

इसके बाद इन लोगों के लक्ष्य प्राप्त कर लेने पर उनमें संतोष का स्तर देखा गया। चो ने पाया कि जिन लोगों ने अपने लिए ऊंचे लक्ष्य निर्धारित किए उन्हें दीर्घ काल में खुशियां मिलीं।

चो कहती हैं कि उनके इस अध्ययन से यह सीख मिलती है कि जीवन में खुशहाल रहना है तो अपने लिए ऊंचे लक्ष्य निर्धारित करें और बड़े सपने देखें।

अन्‍ना का ऐलान- अनशन छोड़ा, लड़ाई नहीं, अब राइट टू रिकॉल की बारी

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नई दिल्ली. अन्‍ना हजारे का गुड़गांव के मेदांता मेडिसिटी अस्‍पताल में इलाज चल रहा है। डॉक्‍टरों ने आज अन्‍ना हजारे के सेहत की जांच की। डॉक्‍टरों के मुताबिक अन्‍ना का ब्‍लड प्रेशर 120/70 तथा पल्‍स रेट 94 प्रति मिनट है। अन्‍ना को 72 घंटे तक लिक्विड फूड दिया जाएगा। अन्‍ना के किडनी और लीवर की जांच हो रही है। अन्‍ना इस अस्‍पताल की 14वीं मंजिल पर विशेष कक्ष में भर्ती हैं। मशहूर चिकित्‍सक डॉ. नरेश त्रेहन अन्‍ना के स्‍वास्‍थ्‍य पर निगरानी रख रहे हैं। डॉ. त्रेहन ने आज बताया कि अन्‍ना हजारे के शरीर में पानी की बेहद कमी हो गई है। उनका बीपी और हार्ट रेट सामान्‍य है। हम उनके सेहत की पूरी जांच कर रहे हैं। उन्‍हें इस स्थिति से उबरने में दो-तीन दिन लग सकते हैं। डॉ. त्रेहन सोमवार 12 बजे मीडिया को अन्‍ना के स्‍वास्‍थ्‍य की जानकारी देंगे। उम्‍मीद है कि सोमवार को अन्‍ना को यहां से छुट्टी दे दी जाए।

16 अगस्‍त से अनशन कर रहे अन्‍ना ने रविवार करीब 10 बजे अपना अनशन तोड़ दिया। पांच साल की दलित बच्‍ची सिमरन और मुस्लिम समुदाय की इकरा ने नारियल पानी और शहद पिला कर अन्‍ना का अनशन तुड़वाया। अनशन तोड़ने के बाद अन्‍ना हजारे ने देशवासियों का शुक्रिया अदा किया। उन्‍होंने रामलीला मैदान के मंच से समर्थकों से कहा कि आपके 13 दिनों के प्रयास का फल मिला। उन्‍होंने आंदोलन में साथ देने वाले सभी लोगों, मीडिया और डॉक्‍टरों की टीम का शुक्रिया अदा किया। रामलीला मैदान से निकलने के बाद अन्‍ना हजारे गुड़गांव के मेदांता मेडिसिटी अस्‍पताल पहुंचे। अस्‍पताल के बाहर समर्थकों की भारी भीड़ जमा हो गई। टीम अन्‍ना ने अन्‍ना समर्थकों से अपील की है कि वो मेदांता अस्‍पताल के पास नहीं पहुंचे क्‍योंकि वहां भीड़ होने से अन्‍य मरीजों और उनके तीमारदारों को दिक्‍कत हो सकती है।


अन्‍ना ने कहा, 'मैंने अनशन छोड़ दिया है, लेकिन लड़ाई जारी रहेगी। यह परिवर्तन की लड़ाई है और यह नतीजा मिलने तक चलती रहेगी। इस लड़ाई में अगली बारी राइट टू रिकॉल यानी जनप्रतिनिधियों को बुलाने के हक और राइट टू रिजेक्‍ट यानी उम्‍मीदवारों को खारिज करने की होगी।' अन्‍ना ने कहा कि लड़ाई के लिए तैयार रहना होगा। संभव है कि फिर जनसंसद लगानी पड़े। तो इसके लिए भी तैयार रहना होगा।

अन्‍ना ने आज के पल को देश के लिए गौरवशाली क्षण करार देते हुए कहा कि देशवासियों ने 13 दिनों तक अहिंसक आंदोलन चला कर आपने दुनिया के सामने मिसाल रखी है।’ अन्‍ना ने युवाशक्ति को राष्‍ट्रशक्ति‍ कहा। उन्‍होंने कहा, ‘जनसंसद दिल्‍ली की संसद से बड़ी है और जनसंसद के आगे दिल्‍ली की संसद झुक गई। ऐसे में भ्रष्‍टाचार मुक्‍त भारत के निर्माण की उम्‍मीद जगी है। हमें गरीब और अमीर की खाई कम करनी है। पर्यावरण की रक्षा, कृषि क्षेत्र, और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की जरूरत है।

उन्‍होंने रामलीला मैदान में मौजूद समर्थकों और देश भर के समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘यहां आप सबने टोपी पर लिखा है ‘मैं अन्‍ना हूं’। अन्‍ना बनने के लिए कथनी और करनी एक रखनी होगी। शुद्ध आचारण, शुद्ध विचार, निष्‍कलंक जीवन, त्‍याग करना और अपमान सहना सीखने की जरूरत है।’
अन्‍ना का भाषण खत्‍म होने के साथ ही आयोजकों ने ऐलान किया कि अन्‍ना अस्‍पताल जाएंगे और आप शांतिपूर्वक अपने-अपने घरों को जाएं। आयोजकों ने समर्थकों से रामलीला मैदान खाली करने और आज शाम छह बजे इंडिया गेट पर मिलने की अपील की।

टीम अन्‍ना के सदस्‍य अरविंद केजरीवाल ने संसद का शुक्रिया अदा किया। खुद को अन्‍ना का हनुमान बताने वाले केजरीवाल ने कहा कि देश आज त्‍यौहार मना रहा है। उन्‍होंने कहा कि हम संविधान के खिलाफ नहीं हैं, बस इतना चाहते हैं कि जनता के हित में ही कानून बने। आज शाम छह बजे इंडिया गेट पर जीत का जश्‍न मनेगा। अन्‍ना की जीत पर देशभर में जश्‍न का माहौल है।

शनिवार को संसद के दोनों सदनों में लोकपाल पर सार्थक बहस और प्रस्ताव पारित होने के बाद गांधीवादी अन्ना हजारे ने अनशन तोड़ने का ऐलान किया था।


तंत्र पर जन की जीत: संसद ने मानी शर्तें
इससे पहले शनिवार को अन्ना के अनशन के 12वें दिन सरकार ने उनकी तीनों मांगों पर संसद में बहस करा कर प्रस्‍ताव पारित कराया। लोकसभा और राज्यसभा ने शर्तो के बाबत वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के प्रस्ताव पर नौ घंटों की बहस के बाद उसे पारित किया गया। संसद के फैसले के बाबत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चिट्ठी लिखकर अन्ना को सूचित किया। अन्ना ने इसे आंदोलन की आधी जीत बताया। उन्होंने कहा कि पूरी जीत जनलोकपाल बिल पास होने के बाद हासिल होगी। इसके बाद उन्‍होंने अनशन तोड़ने की घोषणा कर दी। फिर, देशभर में उत्सव सा माहौल हो गया।

अंदर की बात: मनमोहन थे सहमत, पर ड्राफ्ट की भाषा पर एक मंत्री ने की थी आपत्त

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नई दिल्‍ली. अन्‍ना हजारे ने अपनी मांगें माने जाने पर 13वें दिन आखिरकार अनशन तोड़ दिया है। संसद ने अन्‍ना हजारे की शर्तें मानते हुए प्रस्‍ताव पारित कर दिया और 12 दिन से बिना अन्‍ना के रामलीला मैदान में बैठे सामाजिक कार्यकर्ता ने अनशन तोड़ने का ऐलान कर दिया। लेकिन उनकी इस घोषणा से महज एक घंटे पहले तक टीम अन्‍ना ने सरकार को साफ नहीं किया था कि उनका अगला कदम क्‍या होगा। केंद्रीय मंत्री विलासराव देशमुख पीएम मनमोहन सिंह का संदेश लेकर अन्‍ना के पास रामलीला मैदान जाने की तैयारी में थे लेकिन सरकार और सिविल सोसायटी के बीच सुलह में अहम भूमिका निभाने वाले कांग्रेस सांसद संदीप दीक्षित इस इस घटना के नतीजे को लेकर निश्चिंत नहीं थे। उन्‍होंने कहा, ‘देखते हैं कि क्‍या होता है। जब तक टीम अन्‍ना कोई घोषणा नहीं करती, तब तक मैं कुछ नहीं कहूंगा।’

अन्‍ना को अनशन तोड़ने के लिए सरकार को भी खूब पापड़ बेलने पड़े। यहां तक कि एक वरिष्‍ठ मंत्री की आपत्ति दरकिनार कर प्रस्‍ताव में अन्‍ना की मांगों पर 'सिद्धांतत: सहमत' जोड़ा गया। प्रधानमंत्री के साथ बैठक में मौजूद इस मंत्री ने इसे टीम अन्‍ना के सामने एकदम हथियार डाल देने जैसी बात मान कर इस पर आपत्ति की थी। पर प्रणब मुखर्जी और मनमोहन सिंह ने आपत्ति अनसुनी करते हुए ड्राफ्ट में टीम अन्‍ना के मनोनुकूल भाषा शामिल की।

कई बार बदले मध्यस्थ
टीम अन्ना, मध्यस्थों और सरकार की ओर से गतिरोध दूर करने को लेकर उतारे गए मराठी चेहरे भी परिस्थितिवश बदलते रहे, लेकिन रोचक बात यह रही कि पूरे घटनाक्रम में शनिवार तक भय्यूजी महाराज और विलासराव देशमुख सरकार और अन्ना के बीच मध्यस्थ के रूप में बने रहे। हालांकि अन्ना से पारिवारिक रिश्तों के बावजूद भय्यूजी महाराज को टीम अन्ना के सदस्यों के अड़ियल रुख के चलते अन्ना को मनाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। पर देशमुख शनिवार रात में अन्ना के पास प्रधानमंत्री का पत्र लेकर भी गए।

गत रविवार से केंद्र की ओर से महाराष्ट्र सरकार के प्रशासनिक अधिकारी उमेश सारंगी, भय्यूजी महाराज और केंद्रीय मंत्री विलासराव देशमुख को मैदान में उतारा गया था। शुक्रवार को टीम अन्ना की ओर से मेघा पाटकर ने देशमुख पर सवाल खड़े कर दिए। सूत्रों के मुताबिक बार-बार अनशन टूटने की बात बनते-बनते बिगड़ने के कारण सरकार और मध्यस्थों की ओर से अरविंद केजरीवाल की भूमिका पर सवाल उठाए गए। इसके बाद तय हुआ कि गतिरोध दूर करने को लेकर सरकार, मध्यस्थ और टीम अन्ना की निर्णायक बातचीत में उनकी जगह किसी और को भेजा जाए। इस पर शुक्रवार देर रात अन्ना की तीन मांगों पर सदन में प्रस्ताव पास कराने की रणनीति को लेकर सलमान खुर्शीद के आवास पर हुई निर्णायक बैठक में टीम अन्ना की ओर से प्रशांत भूषण, मेघा पाटकर, भय्यूजी महाराज शामिल हुए। इसके बाद भय्यूजी ने शनिवार को अन्ना का अनशन टूटने के संकेत दे दिए थे।

अन्ना की मांगों के प्रस्ताव को सदन में पास कराने के लिए शनिवार सुबह टीम अन्ना के सदस्य मेधा पाटकर, प्रशांत भूषण और भय्यूजी महाराज की पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी से बैठक हुई। बाद में मेधा पाटकर और भय्यूजी की सलमान खुर्शीद से एक और बैठक हुई। तय हो गया था कि अन्ना दोपहर तीन बजे तक अनशन तोड़ देंगे। लेकिन दोपहर में अचानक प्रस्ताव लाने पर बवंडर के बाद बात बिगड़ती दिखी।

कैसे बदले चेहरे :केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल और पी चिदंबरम के नाम पर ऐतराज के कारण सरकार ने इन्हें आगे नहीं किया। लेकिन सिब्बल पर्दे के पीछे भय्यूजी महाराज से संपर्क में बने रहे। फिर सलमान खुर्शीद और संदीप दीक्षित सरकार की ओर से बातचीत के लिए आगे किए गए और बात केंद्रीय मंत्री प्रणव मुखर्जी पर आकर टिकी।

पर्दे के पीछे, कब-क्या शुक्रवार रात खींचा गया खां का- शुक्रवार रात केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद के आवास पर हुई प्रशांत भूषण, मेघा पाटकर और भय्यूजी महाराज की बैठक में अन्ना की तीन मांगों पर सदन में प्रस्ताव पास कराने को लेकर रणनीति तैयार हुई और एक खां का खींचा गया। इसके बाद भय्यूजी ने शनिवार को अन्ना का अनशन टूटने के संकेत दिए।

शनिवार सुबह भी चलती रही कवायद
अन्ना की तीन मांगो के प्रस्ताव को सदन में पास कराने और अनशन तुडवाने के मसले पर प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के सहयोग के लिए शनिवार सुबह टीम अन्ना के सदस्य मेघा पाटकर, प्रशांत भूषण और भय्यूजी महाराज की पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी के साथ बैठक हुई।
सलमान खुर्शीद से फिर बैठक
शनिवार को टीम अन्ना की ओर से मेघा पाटकर और भय्यूजी की केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद के साथ एक ओर बैठक हुई। जिसमें लगभग तय हो गया था कि अन्ना दोपहर तीन बजे तक तोड़ देंगे। लेकिन दोपहर में अचानक प्रस्ताव लाने को लेकर उठे बवंडर के बाद बात बिगड़ती दिखी और फिर भय्यूजी ने फोन पर खुर्शीद से बात की।

सरकार, मध्यस्थ और टीम अन्ना के कैसे बदले चेहरे
बारह दिनों के अन्ना के अनशन को तुड़वाने को लेकर सरकार की ओर से देखें तो टीम अन्ना की ओर से कपिल सिब्बल और चिदंबरम के नाम पर ऐतराज के कारण सरकार ने इन्हें आगे नहीं किया। लेकिन सिब्बल पर्दे के पीछे मध्यस्थ भय्यूजी महाराज से संपर्क में रहे। फिर सलमान खुर्शीद और संदीप दीक्षित सरकार की ओर से बातचीत के लिए आगे किए गए और बात प्रणब मुखर्जी पर आकर टिकी। इस बीच अन्ना की मराठी मंत्री को भेजे जाने की मांग पर सरकार ने विलासराव को आगे किया। वे भी एक दिन सामने आकर पर्दे के पीछे चले गए। हालांकि उन्होंने शुक्रवार को फोन पर अन्ना से चर्चा की।

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