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02 सितंबर 2011

ऐसी आग बहुत जलाती है... लेकिन पहले खुद को!!



लोगों को अक्सर यह कहते सुना होगा कि जब तक मैं बदला नहीं ले लेता मेरे कलेजे को ठंडक नहीं पहुंचेगी। मेरा जितना अपमान और नुकसान हुआ है, जब तक सामने वाले का उतना ही बिगाड़ नहीं कर लूं मुझे चैन से नींद नहीं आएगी। ये ऐसी बातें हैं, जिनसे पता चलता है कि इंसान बदले की आग में खुद ही जल रहा है। कभी कभी बदले की भावना में आदमी इतना अंधा हो जाता है कि उसे ये ध्यान भी नहीं होता कि ऐसी भावना कहीं न कहीं उसे ही नुकसान पहुंचाएगी क्योंकि किसी के लिए प्रतिशोध की भावना कभी अच्छा फल नहीं देती। आइये चलते हैं ऐसी ही कथा की ओर जो बदले की भावना के नतीजों से रूबरू करवाती है......

एक आदमी ने बहुत बड़े भोज का आयोजन किया परोसने के क्रम में जब पापड़ रखने की बारी आई तो आखिरी पंक्ति के एक व्यक्ति के पास पहुंचते पहुंचते पापड़ के टुकड़े हो गए उस व्यक्ति को लगा कि यह सब जानबूझ करउसका अपमान करने के लिए किया गया है । इसी बात पर उसने बदला लेने की ठान ली।

कुछ दिनों बाद उस व्यक्ति ने भी एक बहुत बड़े भोज का आयोजन किया और उस आदमी को भी बुलाया जिसके यहां वह भोजन करने गया था। पापड़ परोसते समय उसने जानबूझकर पापड़ के टुकड़े कर उस आदमी की थाली में रख दिए लेकिन उस आदमी ने इस बात पर अपनी कोई प्रतिक्रि या नहीं दी। तब उसने उससे पूछा कि मैने तुम्हें टूआ हुआ पापड़ दिया है तुम्हें इस बात का बुरा नहीं लगा तब वह बोला बिल्कुल नहीं वैसे भी पापड़ को तो तोड़ कर ही खाया जाता है आपने उसे पहले से ही तोड़कर मेरा काम आसान कर दिया है। उस व्यक्ति की बात सुनकर उस आदमी को अपने किये पर बहुत पछतावा हुआ।


प्रेम नहीं करोगे तो जानोगे कैसे?

एक बार की बात है एक प्रेमी को किसी महलों में रहने वाली लड़की से प्यार हो गया। जब ये बात उसके परिवार वालों को पता चली तो उन्होंने उस लड़के के मरवाने के लिए कुछ गुंडों को भेजा। जब उस लड़की तक यह खबर पहुंची कि उसके प्रेमी को मरवाने की साजिश रची गई है तो उसने सबका विरोध किया। विरोध करने पर जब उसके घरवालों ने उस पर पहरे लगवा दिए तो वो अपने प्रेमी को बचाने के लिए पहरों को तोड़कर जब उस जगह पर पहुंची जहां उसके प्रेमी के सिर पर बंदुक रखे कुछ लोग खड़े थे। तब लड़की दौड़कर उसके प्रेमी के आगे खड़ी हो गई और बोली मुझे मार डालो। उसके बाद इसे मार देना तब उसे मारने वाले लोगों में से एक व्यक्ति बोला लड़की तू मौत को गले लगाने के लिए इतनी उतावली क्यों हो रही है।

तब उसने कहा कि मैं जानती हूं कि जिंदगी से बढ़कर कुछ भी नहीं है लेकिन मैं मानती हूं कि प्रेम ही मेरे लिए सबकुछ है क्योंकि बिना प्रेम के जीवन कुछ भी नहीं। जो एक बार सचमुच प्रेेम के अर्थ को समझ लेता है।

उसे महसूस कर लेता है। उसकी पवित्रता को समझ लेता है। उसके मूल्यों को जान लेता है। बिना प्रेम के जीवन कुछ भी नहीं प्रेम से जीवन है बिना प्रेम जीवन नहीं। इसका कारण यही है कि प्रेम संसार का नहीं प्रेम तो ईश्वर का अंग है। जो प्रेम की गहराई को समझने लगता है। वह यह जानता है कि प्रेम जो सच्चाई वो कहीं और नहीं। प्रेम में जो ताकत है वह और कहीं नहीं इसीलिए मेरा प्रेम ही मर जाए उससे अच्छा है कि मैं ही अपने प्राण त्याग दूं। लेकिन तुम मुझे मार सकते हो क्योंकि शायद तुमने कभी किसी से प्रेम नहीं किया। इसीलिए तुम मेरी भावनाओं को जानोगे कैसे? इसीलिए शायद जिस दिन तुम्हे प्रेम की अनुभुति हो उस दिन तुम मेरी मौत का प्रायश्चित कर लोगे।

केमिकल लोचा बनाता है गुस्सैल !


अपने कभी यह सोचा है कि आपके कुछ साथी औरों के मुकाबले अधिक गुस्सैल क्यों होते हैं? आपने कभी इस बात की तह में जाने की कोशिश की है कि ऐसा क्यों होता है? हम मजाक में यह तो कह देते हैं कि इसके दिमाग का पेंच ढीला है या इसका दिमाग खिसका हुआ है।

लेकिन अब शोधकर्ताओं ने भी यह बात स्पष्ट कर दी है कि वाकई उनके दिमाग अपनी जगह से कुछ खिसका होता है! दरअसल उनके स्वभाव में यह तेजी एक रसायन की अनुपस्थिति के कारण होती है।

ब्रिटेन में कार्डिफ विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं इस बात पर अध्ययन किया कि क्यों कुछ व्यक्तियों का अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रहता है और वे अचानक कुछ भी निर्णय ले बैठते हैं। उनके मुताबिक इन लोगों में जीएबीए नामक उस रसायन की कमी होती है जो मस्तिष्क की कोशिकाओं के बीच संदेश भेजने का काम करते हैं।

विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं कुछ लोगों को विभिन्न मामलों में निर्णय लेने का काम दिया और इस दौरान उनकी दिमागी हलचलों का अध्ययन करना आरंभ किया। उन्होंने पाया कि जिन लोगों के मस्तिष्क में कम हरकत हुई, उन्होंने गुस्से में निर्णय लिया।

इस अध्ययन को अंजाम देने वाले शोधकर्ता फ्रेडरिक ब्वॉय ने कहा, ‘हमने यह पता लगा लिया है कि आखिर क्यों कुछ लोग अपने गुस्से पर काबू नहीं कर पाते। लोगों का गुस्से पर काबू नहीं कर पाना हमारे समाज की एक बड़ी समस्या है और इसके घातक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।’ शोधकर्ताओं का कहना है कि यह शोध इस विषय पर आगे अध्ययन और क्रोध की समस्या को हल करने में काफी मदद कर सकता है।

कैसे करें काबू

गलत समय पर प्रकट किया गया गुस्सा हमें बहुत परेशानी में डाल सकता है। आइए जानते हैं गुस्से को काबू में करने के कुछ तरीके :

एक गिलास पानी पिएं या गहरी सांस लें। अपने आपसे बात करें। खुद से बोलें कि सब ठीक है, जस्ट रिलैक्स, टेक इट ईजी। इन बातों को धीरे-धीरे दोहराएं, इससे काफी राहत मिलेगी।
आराम से बैठ कर आंखें बंद कर लें। पुरानी अच्छी बातें याद करें। कुछ खुशनुमा पलों को दोबारा अपनी आंखों में साकार करें आपका गुस्सा छूमंतर हो जाएगा।

पायलीखंड में हीरों की मची लूट, दो हजार से ज्यादा ग्रामीण कैंप करके बैठे

रायपुर। जमीन में दबे हीरों की तलाश में गरियाबंद के पायलीखंड इलाके में जमकर अवैध खुदाई चल रही है। इसमें दो हजार से ज्यादा लोगों का समूह रात-दिन इस काम में लगा है। लोगों ने मदद के लिए दूरदराज के रिश्तेदारों को भी बुला लिया है।

नदी में बाढ़ की वजह से पुलिस फोर्स भी गश्त के लिए उस इलाके में नहीं जा पा रही। इसका लाभ हीरा खुदाई में लगे तस्कर उठा रहे हैं। पायलीखंड में 10 एकड़ से ज्यादा हिस्से को किंबरलाइट पाइप की वजह से रिजर्व कर दिया गया था। सुरक्षा का इंतजाम नहीं होने की वजह से लोगों ने अवैध खुदाई शुरू कर दी है।

मैनपुर-देवभोग मार्ग पर स्थित ग्राम जांगड़ा और पायलीखंड के बीच इंद्रावन नदी है। हफ्तेभर से हो रही बारिश की वजह से नदी में बाढ़ आ गई है। जुगाड़ा, जांगड़ा, कुर्रूभाठा, इंदागांव के अलावा आसपास के गांवों के लोग परिवार के सदस्यों के साथ पायलीखंड पहुंच गए हैं। कई लोगों ने तो देवभोग ब्लॉक में रहने वाले अपने रिश्तेदारों को भी बुला लिया है।

पायलीखंड के इस हिस्से में पांच से सात फीट की गहराई में हीरे मिलते रहे हैं। हालांकि अब उनकी संख्या अब पहले जैसी नहीं रही है। खुदाई के बाद निकली मिट्टी को लेकर लोग नदी में उसे सावधानी के साथ धोते हैं, ताकि उसके साथ निकलने वाले हीरे के टुकड़ों को अलग किया जा सके।

तस्करों की टोली भी इसी इलाके में कैंप करके बैठी हुई है, ताकि हीरा मिलते ही उसे खरीद लिया जाए। दिन-रात चल रही खुदाई की वजह से हीरों के प्रोटेक्टेड एरिया का पूरा जंगल ही लगभग तबाह होने स्थिति में पहुंच गया है। जड़ों के पास कई फीट गहरे गड्ढे खोद दिए जाने से पेड़ बारिश के साथ भरभराकर गिर रहे हैं।

नक्सलियों के हमले की आशंका को देखते हुए करीब दो साल पहले पुलिस ने पायलीखंड से पुलिस की सुरक्षा चौकी को हटा लिया था। मैनपुर के थानेदार भूषण एक्का का कहना है कि बाढ़ की वजह से पुलिस पार्टी पायलीखंड की तरफ नहीं जा पा रही। हीरों की अवैध खुदाई के बारे में उनका कहना है कि लोग इसे बढ़ा-चढ़ाकर बताने की कोशिश कर रहे हैं।

बच्चेदानी से निकली एक फीट की लकड़ी

महासमुंद/रायपुर.नीम हकीम के चलते एक महिला की जान पर बन आई। महिला की चिंताजनक स्थिति में आपरेशन कर उसके बच्चेदानी से एक फीट लंबी लकड़ी निकाली गई।

पटेवा निवासी सुरूचि पटेल (34) पति चैतराम पटेल गर्भपात कराने पिथौरा के एक झोलाछाप डाक्टर के पास गए। तथाकथित उक्त डाक्टर ने देशी पद्धति से गर्भपात किया।

इस दौरान उसके बच्चेदानी में एक फीट लंबी व डेढ़ सेंटीमीटर लकड़ी फंस गई। कुछ दिनों बाद उसके पेट में सूजन और दर्द हुआ। अत्यधिक दर्द से बेहाल महिला को जांच के लिए 30 अगस्त को आदित्य अस्पताल महासमुंद लाया गया।

जहां डा ज्योति कालीकोटी ने पहले उसके पेट की सोनोग्राफी की। जिसमें उन्हें लगभग एक फीट लंबी कोई चीज दिखाई दी। इस संबंध में डा एचबी कालीकोटी ने बताया कि मरीज की स्थिति चिंताजनक थी। जिसे देखते हुए तुरंत बच्चेदानी में फंसी हुई चीज निकालने का फैसला लिया।


महिला की चिंताजनक स्थिति को देखते हुए चार डाक्टरों की टीम डा ज्योति कालीकोटी, एचबी कालीकोटी, निश्चेतना विशेषज्ञ डा डीएस पटेल, सर्जन डा विनोद सिंह की टीम ने आपरेशन किया।

लगभग दो घंटे तक चले आपरेशन के बाद बच्चेदानी में से एक फीट लकड़ी निकली। इससे महिला के बच्चेदानी व उसके आंत में गहरा घाव हो गया है और पेट से करीब दो लीटर पस बाहर निकाला गया। डाक्टर ज्योति कालीकोटी ने बताया कि यदि इलाज में और अधिक विलंब होता तो महिला की जान जा सकती थी।

आंत में घाव होने के कारण अलग से अस्थाई तौर पर मलद्वार बनाया गया है। घाव भरने पर दोबारा आपरेशन कर मलद्वार को प्राकृतिक स्थान पर परिवर्तित कर दिया जाएगा। इसमें करीब छह माह का समय लग सकता है। बहरहाल मरीज को अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती किया गया है। जहां चिकित्सकों द्वारा सतत देखरेख किया जा रहा है।

दस-बारह दिन पूर्व पिथौरा के एक झोलाछाप डाक्टर ने गर्भपात किया था। महासमुंद पुलिस ने महिला का बयान दर्जकर गर्भपात कराने वाले पिथौरा निवासी नलनी लाल के खिलाफ धारा 312, 313 का अपराध दर्ज किया है।

यहां से मामला पिथौरा पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि जिले में महासमुंद और सराईपाली में सौ बिस्तर अस्पताल के अलावा सभी ब्लाक मुख्यालयों में सामुदायिक केंद्र हैं किंतु सभी स्थानों पर चिकित्सकों को कमी की वजह से आए दिन मरीजों को निजी चिकित्सकों के अलावा झोलाछाप डाक्टरों की शरण में जाना पड़ता है।

इस तरह की घटनाएं अधिकतर सामने आती है। चिकित्सा व्यवस्था के प्रति शासन-प्रशासन को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।

कैसे मिटा श्रीकृष्ण पर लगा चोरी का आरोप?

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भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के रात्रि को चंद्रमा के दर्शन नहीं किए जाते नहीं तो चोरी का झूठा आरोप लगता है, ऐसा हमारे धर्म ग्रंथों में वर्णित है। इस संबंध में श्रीकृष्ण की एक कथा भी है जो इस प्रकार है-
भगवान श्रीकृष्ण के राज्य में सत्राजित नाम के एक यदुवंशी ने सूर्य भगवान को तप से प्रसन्न कर स्यमंतक मणि प्राप्त की थी। वह मणि प्रतिदिन सोना प्रदान करती थी। एक दिन सत्राजित राजा उग्रसेन के दरबार में आया। वहां श्रीकृष्ण भी उपस्थित थे। श्रीकृष्ण ने सोचा कि कितना अच्छा होता यह मणि अगर राजा उग्रसेन के पास होती। किसी तरह यह बात सत्राजित् को मालूम पड़ गई। इसलिए उसने मणि अपने भाई प्रसेन को दे दी। एक दिन प्रसेन जंगल गया। वहां शेर ने उसे मार डाला।
जब प्रसेन वापस नहीं लौटा तो सत्रजित को लगा कि कि कहीं श्रीकृष्ण ने प्रसेन को मारकर मणि तो नहीं चुरा ली। धीरे-धीरे यह बात राज्य में फैल गई। लेकिन वह मणि तो के मुंह में ही रह गई थी। जाम्बवान ने उस शेर को मारकर वह मणि अपनी पुत्री को दे दी। जब श्रीकृष्ण को यह मालूम पड़ा कि उन पर झूठा आरोप लग रहा है तो वे सच जानने के लिए जंगल में गए और मणि की तलाश में जाम्बवान की गुफा तक पहुंचे और जाम्बवान से मणि लेने के लिए उसके साथ २१ दिनों तक घोर संग्राम किया।
अंतत: जाम्बवान समझ गया कि श्रीकृष्ण तो उनके प्रभु हैं। त्रेता युग में श्रीराम के रूप में वे उनके स्वामी थे। जाम्बवान ने तब खुशी-खुशी वह मणि श्रीकृष्ण को लौटा दी और अपनी पुत्री जामबंती भी श्रीकृष्ण को सौंप दी। मणि मिलने पर सत्राजित ने भी अपनी पुत्री सत्यभामा का विवाह श्रीकृष्ण से कर दिया।

अब टीम अन्‍ना पर एफआईआर करेगी दिल्‍ली पुलिस, बन रही रिपोर्ट

नई दिल्‍ली. भारी जन समर्थन के बूते जन लोकपाल बिल पर सरकार को झुका देने वाली टीम अन्‍ना को अब एक और पलटवार का सामना करना पड़ सकता है। टीम अन्‍ना के खिलाफ दिल्‍ली पुलिस एफआईआर कर सकती है। यह एफआईआर रामलीला मैदान में अन्‍ना के 12 दिन के अनशन के दौरान कई शर्तें तोड़ने के आरोप में की जा सकती है।


दिल्‍ली पुलिस के सूत्र बताते हैं कि बीते रविवार अन्‍ना का अनशन टूटने के बाद तमाम पुलिस अफसरों की कई बैठकें हुई हैं। इन बैठकों में यही तय किया गया कि किस आधार पर टीम अन्‍ना के खिलाफ मुकदमा किया जा सकता है। तय हुआ है कि टीम अन्‍ना ने रामलीला मैदान में आंदोलन के लिए जो लिखित हलफनामा दिया था, उसकी चार अहम शर्तों का उल्‍लंघन हुआ है और इसके लिए टीम अन्‍ना को कठघरे में खड़ा किया जा सकता है।



जिन शर्तों के उल्‍लंघन की बात कही जा रही है, उनमें एक तो रात 10 बजे के बाद माइक या लाउडस्‍पीकर का इस्‍तेमाल करना है। समर्थकों को इंडिया गेट पर जमा होने के लिए कहने को भी शर्तों का उल्‍लंघन माना जा रहा है, क्‍योंकि इंडिया गेट पर प्रदर्शन की इजाजत नहीं ली गई थी। इंडिया गेट पर मशाल जुलूस निकाल कर ट्रैफिक बाधित करने का आरोप भी टीम अन्‍ना पर लगाया जा सकता है। टीम अन्‍ना के आह्वान पर समर्थकों ने पूरे लुटियंस जोन, यहां तक कि प्रधानमंत्री निवास के पास भी धरना दिया था। सूत्र बताते हैं कि दिल्‍ली पुलिस इस मामले में भी कानूनी जानकारों की राय ले रही है।




सूत्र बताते हैं कि अगर कानूनी राय पक्ष में रही, तो कमला नगर पुलिस थाने में टीम अन्‍ना के खिलाफ एफआईआर की जा सकती है। बताया जाता है कि इस पुलिस थाने की ओर से एसीपी ने अनशन के दौरान आयोजकों को आठ चेतावनी भरी चिट्ठी भी भेजी थी। इनमें से किसी भी पत्र का आयोजकों की ओर से जवाब नहीं दिया गया है। इन पत्रों को भी अब दिल्‍ली पुलिस अपना केस मजबूत करने के लिए इस्‍तेमाल कर सकती है।



सूत्र बताते हैं कि रामलीला मैदान में जिन शर्तों का उल्‍लंघन हुआ है, उसकी रिपोर्ट तैयार कर जल्‍द से जल्‍द पुलिस मुख्‍यालय को भेजी जानी है। वहां बड़े अफसर और कानूनी विशेषज्ञों की राय के बाद एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है। सुबूत के तौर पर रामलीला मैदान की घटनाओं की वीडियो रिकॉर्डिंग पेश की जाएगी। यहां तक कि जरूरत पड़ने पर समाचार चैनलों से भी वीडियो फूटेज उपलब्‍ध कराने के लिए कहा जा सकता है

केजरीवाल को नोटिस पर अन्‍ना ने चेताया- ऐसे करती रही सरकार, तो हमें भी कुछ सोचना पड़ेगा




नई दिल्‍ली. अरविंद केजरीवाल को आयकर विभाग की ओर से नोटिस जारी होने पर अन्‍ना हजारे ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्‍होंने रालेगण सिद्धि में साफ तौर पर कहा कि अरविंद केजरीवाल से सरकार जिस तरह खिलवाड़ कर रही है, वह सही नहीं है। उन्‍होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर ऐसे ही चला तो हमें कुछ सोचना पड़ेगा।


अन्‍ना ने कहा कि आज चार साल बाद सरकार पूछताछ कर रही है। वह भी उस आदमी से जिसने अपनी सारी उम्र देश-समाज की सेवा में लगा दिया। ये नहीं होना चाहिए।


अन्‍ना ने कहा कि अरविंद जी के साथ 8-10 महीने के संपर्क के दौरान मैंने पाया है कि वह नि:स्‍वार्थ देश सेवा करने में यकीन रखते हैं। मेरी ही तरह उन्‍होंने भी कोई बैंक बैलेंस नहीं रखा है। ऐसे आदमी के साथ सरकार को खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।



इससे पहले टीम अन्‍ना के सदस्‍य अरविंद केजरीवाल ने आयकर विभाग की ओर से बकाया भुगतान के लिए जारी नोटिस पर यहां मीडिया के सामने सफाई दी। उन्‍होंने कहा, ‘सरकार के दबाव में आयकर का नोटिस दिया गया है। स्‍टडी लीव के बाद एक नवंबर 2002 को मैंने नौकरी ज्‍वाइन की थी इसके बाद फरवरी 2006 को रिजाइन किया।’ उन्‍होंने बताया कि उनकी छुट्टी विभाग की ओर से बाकायदा मंजूर हुई थी।


सरकार पर बॉन्‍ड को गलत तरीके से इस्‍तेमाल करने का आरोप लगाते हुए केजरीवाल ने कहा कि स्‍टडी लीव लेकर कोई गलती नहीं की थी। इस नोटिस के पीछे राजनीतिक दबाव है।’ केजरीवाल ने आरोप लगाया कि उनके परिवार और रिश्‍तेदारों को भी परेशान किया जा रहा है।

केजरीवाल को आयकर विभाग की ओर से नोटिस भेजा गया है समें नौ लाख रुपये बकाया चुकाने के लिए कहा गया है। बकाया चुकाए बिना उनका इस्‍तीफा मंजूर नहीं किए जाने की बात भी कही गई है। केजरीवाल ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘मेरा मानना है कि इसमें आयकर विभाग की कोई गलती है। इसमें सीधे-सीधे उनके राजनीतिक आकाओं का हाथ लगता है।’ केजरीवाल ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘अगले साल तक मेरा इस्‍तीफा स्‍वीकार नहीं किया जाता तो सरकार को पूरी उम्र मुझे पेंशन देनी पड़ जाएगी।’

उन्‍होंने कहा कि 2006 मे उन्‍होंने नौकरी से इस्‍तीफा दे दिया था लेकिन 2007 के बाद से कोई पत्र नहीं आया। उन्‍होंने कहा, ‘मेरे मामा के यहां कुछ दिन पहले कुछ लोग पूछताछ करने गए थे। मेरे करीबियों को परेशान किया जा रहा है। हाल में एक अखबार में खबर छपी कि मेरे चाचा बचपन में आरएसएस में जाना चाहते थे। मुझे समझ नहीं आता कि इससे मेरा-क्‍या लेना देना। जबकि मेरे चाचा की ट्रक दुर्घटना में पांच साल पहले मौत हो गई थी।’

केजरीवाल ने कहा, 'मैंने तीन साल के बॉन्‍ड की शर्तों का पालन भी किया। नियम यह है कि स्‍टडी लीव के बाद कोई कर्मचारी अगले तीन साल में रिटायर हो जाता है, नौकरी छोड़ देता है या नौकरी ज्‍वाइन नहीं करता है तो उसे किसी तरह का बकाया नहीं देना होता है। यदि उन्‍हें लगता है कि मैंने बॉन्‍ड की शर्तों का उल्‍लंघन किया है तो उन्‍हें मेरा बकाया माफ करने का अधिकार किया है क्‍योंकि मैंने जनहित में कार्य किया है। मैंने विभाग को बता दिया था कि पुरस्‍कारों में मिली राशि मैंने दान कर दी है।'

भ्रष्‍टाचार के खिलाफ मुहिम के लिए जुटने वाली रकम को लेकर उठ रहे सवालों के भी जवाब टीम अन्‍ना ने दिए। केजरीवाल ने कहा कि अन्‍ना जी के निर्देशों पर हम एक अप्रैल से 31 अगस्‍त के बीच हुए खर्जों का लेखाजोखा प्रकाशित करेंगे। हमारी मांग है कि कांग्रेस भी अपना लेखा-जोखा जगजाहिर करे। उन्‍होंने कहा, ‘यदि हम पार‍दर्शिता की मांग करते हैं तो हमें भी पारदर्शी होना चाहिए। हमें अपने बारे में किसी तरह की जांच को लेकर कोई आपत्ति नहीं है चाहे आप मेरे सात जन्‍मों तक मेरे रिकार्ड की जांच कर लें।’
टीम अन्‍ना की एक और अहम सदस्‍य किरण बेदी ने कहा कि उन्‍हें नोटिस की परवाह नहीं है। उन्‍होंने कुछ गलत नहीं किया है। बेदी ने रामलीला मैदान के मंच से अभिनय कर बताया था कि नेता मुखौटा ओढ़े रहते हैं और कभी इस तरफ तो कभी उस तरफ की बातें करते रहते हैं। उनके इस 'अभिनय' और बयान के लिए कई सांसदों ने सदन में विशेषाधिकार हनन का नोटिस पेश किया है। किरण बेदी ने अपनी बेटियों को गलत तरीके से एडमिशन दिलाए जाने के आरोपों का भी जवाब दिया।

इंटरनेट के अपराधियों को सज़ा मिलना चाहिए .............अब क्रमवार कम्प्यूटर और इंटरनेट के बारे में जानकारी पढिये

दोस्तों इंटरनेट हमारे देश और विश्व के लियें एक विकास क्रान्ति है तो दूसरी तरफ सरकारों के इसे नियंत्रित नहीं कर पाने के कारण यह विकास क्रान्ति विनाश क्रान्ति साबित हो रही है .हम भारत देश को ही लें यहाँ प्रतिदिन करोड़ों लोग इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं..लेकिन कई इस माद्यम से आतंकवाद फेला रहे हैं तो कई वायरस फेला रहे हैं कई जासूसी कर रहे हैं तो कई लोग है के इस इंटरनेट के माध्यम से नफरत और साप्रदायिकता फेला रहे है एक दुसरे का अपमान कर रहे हैं .दंगे फसादात भड़का रहे है नेताओं की खिल्ली उड़ा रहे हैं और हमारा देश है के देश के साइबर कानून के तहत यह सब कठोर दंडात्मक अपराध होने के बाद भी हाथ पर हाथ धरे बेठा है ...अफ़सोस की बात है के देश में इन्फोर्मेशन टेक्नोलोजी अलग से मंत्रालय होने के बाद भी यहाँ साइबर अपराध को रोकने और तलाशने के लियें कोई निट्टी नहीं बनी है हमारे देश में साइबर थाने भी ठीक तरह से नहीं बनाये गए है जो थाने हैं वोह देश के सभी कम्प्यूटर्स और आई डी पर नज़र रखने में अक्षम है ..देश में कोन व्यक्ति फर्जी आई डी बना कर लोगों को परेशान कर रहा है कोन व्यक्ति फर्जी आई डी से अपराध कर रहा है इसकी निगरानी सरकार करना ही नहीं चाहती है लेकिन अगर सरकार इसके प्रति गंभीर नहीं रही तो देश में इंटरनेट जो एक विकास क्रान्ति का प्रतीक है एक दुसरे से तुरंत जुड़ने और सुचना आदान प्रदान का मनोरंजक साधन है वही देश के अपराधी मानसिकता वालों के लियें एक स्वर्ग बन जाएगा इसलियें में कम्प्यूटर क्या है इसके तकनीकी माध्यम किया हैं सभी मामलों को आप लोगों के समक्ष क्रमवार रखने का प्रयास करूंगा में जानता हूँ मुझे इस काम के लियें कोई शाबाशी या तिपनियाँ मिलने वाली नहीं लेकिन यकीन मानिये जब भी मेरी यह श्रंखला पूरी होगी आप सभी बेसाख्ता सरकार से कह पढ़ेंगे के हाँ सरकार को इंटरनेट के माध्यम से अपराध फेलाने वालों ..नफरत फेलाने वालों के खिलाफ उनकी फर्जी आई डी तलाश कर दंडित करना चाहिए ........................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कुरान जलाने वाला पादरी अब इस्‍लाम विरोधी प्रदर्शन पर अड़ा

वाशिंगटन. अमेरिका में एक पादरी द्वारा इस्लाम की पवित्र पुस्तक कुरान को जलाए जाने के विरोध में कई शांतिपूर्ण प्रदर्शनों का आह्वान किया गया है। हालांकि इन प्रदर्शनों को बेहद शांतीपूर्ण तरीके से आयोजित कराने की बात कही गई है लेकिन फिर भी मिशिगन में डियरबोर्न शहर के अधिकारी चिंतित हैं। सुरक्षाधिकारियों का कहना है कि शुक्रवार को आयोजित होने वाली इन प्रदर्शन रैलियों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखना बड़ी चुनौती रहेगी।
वहीं कुरान जलाने वाले फ्लोरिडा के पैस्टर टैरी जोंस ने भी इस्लाम के विरोध में विशेष प्रदर्शन आयोजित करने की योजना बनाई है। वहीं इस 'हेट टू डियरबोर्न' नाम से आयोजित किए जाने वाले इस इस्लाम विरोधी प्रदर्शन के मुख्य आयोजनकर्ता 'ऑर्डर ऑफ द ड्रैगन मिलिशिया' इसका हिस्सा नहीं बनेगा।
जोंस का कहना है कि वो सभी मुसमानों से नफरत नहीं करता है बल्कि सिर्फ आतंकवादी मुसलमानों से नफरत करता है। गौरतलब है कि जोंस के चर्च में कुरान पर मुकदमा चलाया गया था और उसे दुनियाभर में नफरत फैलाने के आरोप में जलाया गया था। जोंस ने कहा कि अमेरिका में रह रहे मुसलमानों को शरिया कानून के बजाए अमेरिका के संविधान का सम्मान करना चाहिए।
कुरान जलाने वाले को जेल
ब्रिटेन की एक अदालत ने कुरान की प्रति जलाने के आरोप में एक पूर्व सैनिक को 70 दिनों की जेल की सजा सुनाई है। दोषी एंड्रयू रेयान ने ब्रिटेन के शहर कार्लिस्ले में एक लाइब्रेरी से कुरान की एक प्रति चुराकर उसे भीड़ के सामने सिगरेट पीने वाले लाइटर से जला दिया था। रेयान को चोरी और धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने का दोषी करार दिया गया है। इससे पहले अपनी गिरफ्तारी के समय रेयान ने कहा था ‘मुझे उम्‍मीद है कि मैं तीसरे विश्वयुद्ध का कारण नहीं बना हूं।’

सुषमा-जेटली पर भरोसा नहीं इसलिए संघ ने बनवाया गडकरी को अध्‍यक्ष



भारत में अमेरिकी राजदूत तिमोथी जे रोमर की ओर से अगस्‍त से दिसम्‍बर 2009 के बीच भेजे गए गोपनीय संदेश में यह तथ्‍य सामने आया है। इन संदेशों के मुताबिक अमेरिका का मानना है कि बीजेपी के आंतरिक मामलों में आरएसएस की सीधी दखल होती है। 21 दिसंबर 2009 को लिखे एक संदेश के मुताबिक, ‘2009 लोकसभा चुनाव में बीजेपी की हार के बाद आरएसएस ने पार्टी पर अपनी पकड़ मजबूत करना शुरू कर दिया। एक ऐसा राजनेता जो सीधे तौर पर भी कभी एक भी चुनाव नहीं जीता, उसे बीजेपी का अध्‍यक्ष चुना जाना आश्‍चर्यजनक है।’

गोपनीय संदेश में कहा गया है, ‘आरएसएस किसी क्षेत्रीय, युवा चेहरे को बीजेपी का अध्‍यक्ष बनवाना चाहता था जो हिंदू राष्‍ट्रवाद पर आधारित संघ की विचारधारा को बीजेपी में पूरी तरह लागू करे। इस लिहाज से गडकरी बिल्‍कुल फिट दिखे।’ हालांकि इस संदेश में सुषमा और जेटली का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया गया है लेकिन ‘दिल्‍ली स्थित गैर-आरएसएस नेताओं’ का जिक्र है। इससे साफ तौर पर लगता है कि इशारा जेटली और सुषमा की ओर था।

विकीलीक्‍स के ताजा खुलासे ने बीजेपी के इन दावों की पोल खोल दी है कि वो बिना किसी ‘रिमोट कंट्रोल’ के चलती है और पार्टी में बड़े पदों में नियुक्तियों में आरएसएस की कोई दखलंदाजी नहीं होती है। विकीलीक्‍स के मुताबिक आरएसएस को सुषमा स्‍वराज और अरुण जेटली पर भरोसा नहीं था और इसलिए उसने संघ की पृष्‍ठभूमि वाले नितिन गडकरी को पार्टी का नया अध्‍यक्ष बनाने के लिए जोर दिया था।

अन्नागीरी का असर: एसएमएस कर घूस को मारो घूंसा


जयपुर।नगर निगम में किसी अधिकारी या कर्मचारी के रिश्वत मांगने या काम नहीं करने की शिकायतें अब एसएमएस के माध्यम से दर्ज कराई जा सकेंगी। शिकायतों के निस्तारण के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है। निर्धारित समय सीमा में कार्रवाई नहीं होने पर संबंधित अधिकारी से मेयर व सीईओ जवाब तलब कर कार्रवाई करवाएंगे।

महापौर ज्योति खंडेलवाल ने गुरुवार को आधुनिक तकनीक पर आधारित कॉल सेंटर का शुभारंभ किया। कॉल सेंटर के मोबाइल 9875280000 पर लोग रिश्वत मांगने, सफाई, सीवर, नाली, सड़क मरम्मत, मृत पशु, आवारा पशु, उद्यान, सार्वजनिक प्रकाश, अवैध निर्माण, अतिक्रमण से संबंधित शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा दूरभाष 01415110111 और दूरभाष 2743190 पर भी शिकायतें दर्ज की जाएंगी।

महापौर ने बताया कि एसएमएस से शिकायतों के पंजीयन की सुविधा 24 घंटे और फोन से सुबह 8 से रात 8 बजे तक उपलब्ध रहेगी। शिकायतों के लिए निगम ने कोड निर्धारित किए हैं। कोड के प्रचार प्रसार के लिए निगम मुख्यालय और सभी जोनों में बोर्ड लगाए जाएंगे। शिकायत निगम की वेबसाइट पर भी दर्ज कराई जा सकती है। इसके बाद शिकायतकर्ता को शिकायत नंबर दिया जाएगा। इस नंबर के आधार पर वह जब चाहे अपनी शिकायत की सूचना प्राप्त कर सकता है।

शिकायतों के निस्तारण की अवधि तय

महापौर ने बताया कि निर्धारित अवधि में संबंधित अधिकारी कार्रवाई नहीं करता है, उससे बड़े अधिकारी के पास शिकायत जाएगी। निचले स्तर के अधिकारी को शिकायत के निस्तारण नहीं करने का कारण बताना होगा।

सफाई 1 दिन मृत पशु 1 दिन आवारा पशु 2 दिन उद्यान 7 दिन रोड लाइट 2 दिन अवैध निर्माण 3 दिन अतिक्रमण 3 दिन सीवर, सड़क व नाली मरम्मत 2 दिन मुख्यालय व अन्य से संबंधित शिकायत 7 दिन

यूं करें एसएमएस

यदि किसी व्यक्ति के घर के सामने रोड लाइट खराब है और उसे एसएमएस के माध्यम से शिकायत दर्ज करानी है, तो वह अपने मोबाइल में मैसेज कंपोज करे। मैसेज में क्रमानुसार सीएमपी*शिकायत की श्रेणी*वार्ड संख्या*नाम*पता*शिकायत का विवरण अंकित करें। इसके बाद वह 9875280000 पर मैसेज करें। यहां सीएमपी शिकायत को इंगित करता है। उदाहरण : CMP*SL*W67*Rishabh Jain*B90 Ram Nagar*Road Light is not working

इस तरह करें शिकायत

मुख्यालय या जोन में अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत मांगता है तो संबंधित व्यक्ति मैसेज में सीएमपी*सीआर*ऑफिस कोड़*नाम*पता*शिकायत का विवरण अंकित करें। इसके बाद वह 9875280000 पर मैसेज करें। यहां सीएमपी शिकायत को दर्शाता है और सीआर भ्रष्टाचार को।

नई व्यवस्था में ये आएंगी दिक्कतें

भ्रष्टाचार व लोगों की समस्याएं दूर करने के लिए निगम का यह कदम वैसे तो ठीक है। लेकिन इस व्यवस्था को पेचीदा बना दिया गया है। पूर्व महापौर व विधायक अशोक परनामी ने कहा कि नई व्यवस्था में दिया गया कोड नंबर याद रखना लोगों के लिए मुश्किल रहेगा। इसके बिना वे अपनी शिकायत दर्ज नहीं करा सकेंगे। यहीं नहीं बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो मोबाइल में मैसेज कंपोज नहीं कर सकते। ऐसे में यह व्यवस्था सार्थक नहीं रहेगी। इसके बजाय वार्ड कार्यालयों को प्रारंभ किया जाता तो सही रहता। लोग वहां सीधे संवाद संस्थापित कर सकते थे।

यूं जानें काम हुआ या नहीं

मैसेज भेजने पर मिलने वाले शिकायत नंबर को इसी मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम स्ञ्जस्*910001 लिखकर भेजना होगा। इसके अलावा फोन पर भी शिकायत नंबर बताकर शिकायत की स्थिति जानी जा सकेगी। अभी यह व्यवस्था हैल्पलाइन पर फोन से शिकायत दर्ज करने की व्यवस्था है। लोग पार्षद, मुख्यालय व जोन कार्यालय में भी शिकायत दे रहे हैं। महापौर ने बताया कि अभी मिल रही व्यवस्थाओं की सही मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही थी तथा निस्तारण के लिए समय सीमा नहीं थी। लोगों को शिकायत के निस्तारण के लिए चक्कर काटने पड़ रहे थे।

जेडीए में फोन से करें शिकायत

जयपुर विकास प्राधिकरण में फोन के माध्यम से भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। इसके लिए जेडीए के दूरभाष नंबर 01412565800 और 2563035 पर शिकायत की जा सकती है। नागरिक सेवा केंद्र में जमा कराई गई अपनी फाइल का स्टेट्स आप एसएमएस के माध्यम से पता कर सकते हैं। इसमें मोबाइल में मैसेज कंपोज करना होगा। इसमें जेडीए स्पेस सीसीसी स्पेस रजिस्ट्रेशन नंबर अंकित कर 56969 पर भेजना होगा।

एटीएम में रुपए निकालने गया था, करंट लगने से मौत हो गई


जयपुर। टोंक रोड पर नेहरु पैलेस परिसर में स्थित एटीएम में गुरुवार रात को रुपए निकालने गए एक व्यक्ति की करंट लगने से मौत हो गई। एटीएम के पास पहुंचते ही तेज बारिश आ जाने के कारण वह पास ही स्थित एक दुकान के शटर के पास जाकर खड़ा हो गया था।शटर में करंट आने से वह चिपक गया।


मृतक गिर्राज कुमावत लालकोठी स्कीम का रहने वाला था तथा एक स्कूल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी था। शटर के चिपकने के बाद रात भर वह वहीं पर पड़ा रहा। सुबह आसपास के लोगों को पता चला तब पुलिस को सूचना दी। इस पर पुलिस ने शटर में बह रहे करंट को हटाया। शटर में करंट कहां से आया इस बारे में अभी तक पता नहीं चला है।
शटर के पास ही बिजली का मीटर लगा हुआ है। पुलिस का मानना है कि बारिश में दीवारें गीली हो जाने के कारण करंट आ गया। इधर जब गिर्राज कुमावत रात को घर नहीं लौटा तो परिजन रातभर उसे तलाशते रहे। सुबह थाने पहुंचे तो पता चला कि नेहरु पैलेस में एक व्यक्ति की चिपकने से मौत हुई है। इस पर जाकर देखा तो गिर्राज की पहचान हुई।

64 साल के बुजुर्ग का यह कारनामा देख चौंक गए लोग


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रॉकी टेलर की उम्र 64 साल हो चुकी है और वे ब्रिटेन के सबसे बुजुर्ग स्टंटमैन हैं। पिछले दिनों उन्होंने अपना एक 26 साल पुराना स्टंट दोहराया।

1985 में बनी हॉलीवुड की ब्लॉक बस्टर फिल्म ‘डैथ विश’ का एक सीन शूट करने के लिए उन्हें जलती हुई 40 फीट ऊंची इमारत से छलांग लगाना थी। ये सीन गलत हो गया और रॉकी काफी जल गए।

नीचे गिरने से उन्हें काफी चोटें भी आई थीं। फिर भी इसका रॉकी पर असर नहीं हुआ। वे जेम्स बॉन्ड की फिल्मों में रोजर मूर और सीन कॉनरी जैसे कलाकारों का डुप्लीकेट रोल कर चुके थे। इसलिए उन्होंने इस दृश्य को फिर से दोहराने का फैसला किया था।

रॉकी बताते हैं पहले वे थोड़े नर्वस थे। वे एक ऊंची इमारत पर खड़े और पीछे आग लगी हुई थी। एक पल में उन्हें पिछली घटना का हर दृश्य याद आ गया था। फिर भी उन्होंने सैकड़ों लोगों के सामने स्टंट अंजाम दिया। इस तरह उन्होंने एक चैरिटी संस्था के लिए पैसा जमा किया है।

केजरीवाल का जवाब- बदला ले रही सरकार, बेदी बोलीं- मुझे नोटिस का डर नहीं


नई दिल्‍ली. टीम अन्‍ना के सदस्‍य अरविंद केजरीवाल ने आयकर विभाग की ओर से बकाया भुगतान के लिए जारी नोटिस पर आज मीडिया के सामने सफाई दी। उन्‍होंने कहा, ‘सरकार के दबाव में आयकर का नोटिस दिया गया है। स्‍टडी लीव के बाद एक नवंबर 2002 को मैंने नौकरी ज्‍वाइन की थी इसके बाद फरवरी 2006 को रिजाइन किया।’ उन्‍होंने बताया कि उनकी छुट्टी विभाग की ओर से बकायदा मंजूर हुई थी।
सरकार पर बॉन्‍ड को गलत तरीके से इस्‍तेमाल करने का आरोप लगाते हुए केजरीवाल ने कहा कि स्‍टडी लीव लेकर कोई गलती नहीं की थी। इस नोटिस के पीछे राजनीतिक दबाव है।’ केजरीवाल ने आरोप लगाया कि उनके परिवार और रिश्‍तेदारों को भी परेशान किया जा रहा है।

केजरीवाल को आयकर विभाग की ओर से नोटिस भेजा गया है। इसमें नौ लाख रुपये बकाया चुकाने के लिए कहा गया है। बकाया चुकाए बिना उनका इस्‍तीफा मंजूर नहीं किए जाने की बात भी कही गई है। केजरीवाल ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘मेरा मानना है कि इसमें आयकर विभाग की कोई गलती है। इसमें सीधे-सीधे उनके राजनीतिक आकाओं का हाथ लगता है।’ केजरीवाल ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘अगले साल तक मेरा इस्‍तीफा स्‍वीकार नहीं किया जाता तो सरकार को पूरी उम्र मुझे पेंशन देनी पड़ जाएगी।’

उन्‍होंने कहा कि 2006 मे उन्‍होंने नौकरी से इस्‍तीफा दे दिया था लेकिन 2007 के बाद से कोई पत्र नहीं आया। उन्‍होंने कहा, ‘मेरे मामा के यहां कुछ दिन पहले कुछ लोग पूछताछ करने गए थे। मेरे करीबियों को परेशान किया जा रहा है। हाल में एक अखबार में खबर छपी कि मेरे चाचा बचपन में आरएसएस में जाना चाहते थे। मुझे समझ नहीं आता कि इससे मेरा-क्‍या लेना देना। जबकि मेरे चाचा की ट्रक दुर्घटना में पांच साल पहले मौत हो गई थी।’

केजरीवाल ने कहा, 'मैंने तीन साल के बॉन्‍ड की शर्तों का पालन भी किया। नियम यह है कि स्‍टडी लीव के बाद कोई कर्मचारी अगले तीन साल में रिटायर हो जाता है, नौकरी छोड़ देता है या नौकरी ज्‍वाइन नहीं करता है तो उसे किसी तरह का बकाया नहीं देना होता है। यदि उन्‍हें लगता है कि मैंने बॉन्‍ड की शर्तों का उल्‍लंघन किया है तो उन्‍हें मेरा बकाया माफ करने का अधिकार किया है क्‍योंकि मैंने जनहित में कार्य किया है। मैंने विभाग को बता दिया था कि पुरस्‍कारों में मिली राशि मैंने दान कर दी है।'

भ्रष्‍टाचार के खिलाफ मुहिम के लिए जुटने वाली रकम को लेकर उठ रहे सवालों के भी जवाब टीम अन्‍ना ने दिए। केजरीवाल ने कहा कि अन्‍ना जी के निर्देशों पर हम एक अप्रैल से 31 अगस्‍त के बीच हुए खर्जों का लेखाजोखा प्रकाशित करेंगे। हमारी मांग है कि कांग्रेस भी अपना लेखा-जोखा जगजाहिर करे। उन्‍होंने कहा, ‘यदि हम पार‍दर्शिता की मांग करते हैं तो हमें भी पारदर्शी होना चाहिए। हमें अपने बारे में किसी तरह की जांच को लेकर कोई आपत्ति नहीं है चाहे आप मेरे सात जन्‍मों तक मेरे रिकार्ड की जांच कर लें।’
टीम अन्‍ना की एक और अहम सदस्‍य किरण बेदी ने कहा कि उन्‍हें नोटिस की परवाह नहीं है। उन्‍होंने कुछ गलत नहीं किया है। बेदी ने रामलीला मैदान के मंच से अभिनय कर बताया था कि नेता मुखौटा ओढ़े रहते हैं और कभी इस तरफ तो कभी उस तरफ की बातें करते रहते हैं। उनके इस 'अभिनय' और बयान के लिए कई सांसदों ने सदन में विशेषाधिकार हनन का नोटिस पेश किया है। किरण बेदी ने अपनी बेटियों को गलत तरीके से एडमिशन दिलाए जाने के आरोपों का भी जवाब दिया।
गंदी राजनीति नहीं करे सरकार
उधर, अमर सिंह से कथित बातचीत की सीडी मामले में फंसे प्रशांत भूषण ने भी सफाई दी और कहा कि फोरेंसिंक जांच में सीडी पहले ही फर्जी साबित हो चुकी है। उन्‍होंने सरकार पर गड़े मुर्दे उखाड़ने का आरोप लगाया। उन्‍होंने कहा कि सरकार की ओर से लागू किए गए सूचना का अधिकार कानून का ड्राफ्टिंग कर अरविंद केजरीवाल ने अहम काम किया था। ऐसे में सरकार की ओर से इन्‍हें परेशान किए जाने की बात समझ नहीं आती।

पहले अन्‍ना हजारे पर कांग्रेस प्रवक्‍ता मनीष तिवारी ने हमला बोला, फिर शांति भूषण की सीडी पर क्‍लोजर रिपोर्ट सामने आई। इस तरह सरकार फिर से गंदी हरकतें करने लगी है। सरकार ने अभी कोई सबक नहीं सीखा है। वो हमारे खिलाफ अभियान चला रहे हैं। उन्‍होंने कहा, ‘सरकार को जनलोकपाल बिल से लड़ना है तो मुद्दे पर बहस करें, गंदी राजनीति क्‍यों कर रहे हैं।’ भूषण ने कहा कि ‘इंडिया अगेंस्‍ट करप्‍शन’ को वर्ल्‍ड बैंक से फंडिंग के आरोप गलत हैं।

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