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07 सितंबर 2011

न्यूयॉर्क में खुफिया तरीके से रखी जा रही थी मुसलमानों पर नज़र !

न्यूयॉर्क.न्यूयॉर्क पुलिस विभाग ने 250 से अधिक मस्जिदों और मुस्लिम छात्र संगठनों को लेकर खुफिया जानकारियां एकत्र की हैं। गोपनीय दस्तावेजों में यह दावा किया गया है। बीते एक दशक के दौरान आतंकवादियों का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर यह अभियान चलाया गया। इस दौरान मस्जिद जाने वाले निर्दोष लोगों पर भी नजर रखी गई।

पुलिस को खुफिया जानकारियां एकत्र करने के लिए मुस्लिम समुदाय के बीच भेजा गया। 2001 के आतंकवादी हमले के बाद से ही पुलिस ने खुफिया अभियान में तेजी लाई थी। वर्ष 2006 के दौरान पुलिस दस्तावेजों में कहा गया कि 250 से अधिक मस्जिदों की पहचान किए जाने के बाद कई संगठनों पर पुलिस ने निगरानी शुरू कर दी थी।

सुलझते मामले तो मिलती ‘लीड’ और रुकते धमाके


नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस, आईबी और राष्ट्रीय जांच एजेंसी अगर समय रहते विभिन्न आतंकी हमलों के तार सुलझाने में सफल रहती तो हाईकोर्ट के बाहर हुए धमाके को रोका जा सकता था। ये एजेंसियां अगर संजीदगी से पिछले दो साल के दौरान हुए छह मामले में किसी तरह की लीड हासिल करती तो अगले धमाकों को लेकर उसके हाथ बड़ी सूचनाएं लग सकती थी। जिससे इस धमाके को रोका जा सकता था।

पुणे जर्मन बेकरी बम धमाका फरवरी 2010-17 की मौत, जामा मस्जिद विस्फोट सितंबर 2010, वाराणसी धमाका दिसंबर 2010, चिन्ना स्वामी स्टेडियम धमाका अप्रैल 2010, दिल्ली हाईकोर्ट धमाका मई 2011, और मुंबई बम धमाका 13/7 ऐसे मामले हैं जिनमें पुलिस-जांच एजेंसियां साजिश की कड़ी और विभिन्न साक्ष्यों के तार जोडऩे में विफल रही। पुणे बम धमाके में प्रारंभिक स्तर पर आईएम का नाम लेने के बाद से जांच एजेंसियां अंधेरे में हैं। जामा मस्जिद बम धमाके में भी पुलिस के हाथ में कुछ नहीं है। उसे यह तक मालूम नहीं है कि इसमें किसका हाथ है। वाराणसी धमाके में भी आईएम (इंडियन मुजाहिदीन) का नाम लिया गया। लेकिन इस मामले में इससे आगे एक कदम भी जांच नहीं बढ़ पाई।

दिल्ली हाईकोर्ट धमाके में भी पुलिस किसी किनारे तक नहीं पहुंच पाई है। चिन्नास्वामी स्टेडियम धमाके में जांच एजेंसियों ने एक सलमान उर्फ छोटू को संदिग्ध करार दिया था। लेकिन इस मामले में भी उसे या फिर आईएम को कठघरे में खड़ा करने का कोई साक्ष्य एजेंसियों के हाथ नहीं लगा। 13/7 मुंबई धमाके के मामले भी पुलिस खाली हाथ है। रोचक यह है कि पुलिस-जांच एजेंसियों की यह हालत उस समय है जब केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम लगातार सूचना एजेंसियों के आपसी तालमेल के साथ ही उनके बीच बेहतर संवाद और कार्यप्रणाली में सुधार का दावा कर रहे हैं।

आतंकवाद को पैसा मुहैया कराने वालों की धरपकड़ की कवायद

नई दिल्ली. केंद्र ने आतंकी कार्रवाई के लिए वित्त उपलब्ध कराने वाले संगठनों और लोगों को सुरक्षा एजेंसियों के राडार पर लाने का जिम्मा अब एक और एजेंसी को दिया है। सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय के अधीन गठित होने वाला आपराधिक जांच निदेशालय (डीसीआई) के कार्यों में सभी गैर-कानूनी फंड के स्त्रोत पर निगाह रखना है। इसमें आतंकवादी व नक्सल घटनाओं को अंजाम देने से संबंधित फंड पर निगाह रखना भी शामिल है। यह दायित्व क

कांग्रेसी मंत्री ने कहा- अन्ना जैसे बनें पंच-सरपंच, सांसद ने वापस लिया नोटिस

कांग्रेसी मंत्री ने कहा- अन्ना जैसे बनें पंच-सरपंच, सांसद ने वापस लिया नोटिस

जयपुर. राजस्थान के पंचायती राज मंत्री भरतसिंह ने प्रदेश के पंच-सरपंचों से अन्ना हजारे की राह पर चलने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को अन्ना की निष्ठा-ईमानदारी से सीख लेते हुए क्षेत्रों में विकास योजनाओं को क्रियान्वित करना चाहिए। ‘द हंगर प्रोजेक्ट’ की ओर से बुधवार को आयोजित राज्य के महिला पंच-सरपंचों के सम्मेलन में भरतसिंह ने अन्ना की तारीफ की।

उन्होंने कहा कि अन्ना ने अपने गांव में घर-घर जाकर खामियां ढूंढी और उसका समाधान निकाला। उनकी ईमानदारी से सीखते हुए हमें भी विकास योजनाओं को क्रियान्वित करना चाहिए। सिंह के इस बयान से सभागार में कुछ देर के लिए सन्नाटा पसर गया, लेकिन बाद में खूब तालियां बजीं।

कांग्रेस की ओर से टीम अन्‍ना के लिए एक और रा‍हत भरी खबर आई। पार्टी के सांसद प्रवीण सिंह ऐरन ने अन्ना हजारे टीम के सदस्यों किरण बेदी, अरविंद केजरीवाल और प्रशांत भूषण के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस वापस ले लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ये लोग इस नोटिस के जरिए ‘सस्ती लोकप्रियता’ पाने की कोशिश कर रहे हैं।

लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को लिखे पत्र में बरेली के सांसद ऐरन ने कहा कि वे बेदी, केजरीवाल और भूषण के अलावा अभिनेता ओमपुरी के खिलाफ अपना विशेषाधिकार नोटिस वापस ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे इन लोगों को विशेषाधिकार नोटिस के जरिए दंडित करने की बजाय उनका ‘असली चेहरा’ लोगों के सामने लाएंगे। ऐरन ने कहा कि बेदी, केजरीवाल और भूषण ने हाल में जो बयान दिए हैं उससे पता चलता है कि उन्होंने कांग्रेस को निशाना बनाने के लिए ‘सस्ती राजनीति’ का हथकंडा अपनाया है। ये लोग जनता की आवाज उठाने की आड़ में अपने हितों या फिर कुछ बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हितों के लिए काम रहे हैं। इसके लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता की भावना को भुना रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे टीम अन्ना के सदस्यों के आरोपों का जवाब ‘लोकतांत्रिक तरीके’ से देंगे।

इस बीच, पुणे में अन्ना हजारे के वकील मिलिंद पवार ने बुधवार को बताया कि वे इसी हफ्ते कांग्रेस सांसद व प्रवक्ता मनीष तिवारी को कानूनी नोटिस भेजने जा रहे हैं। अन्ना के खिलाफ की गई टिप्पणी के लिए तिवारी से लिखित माफी की मांग की जाएगी। तिवारी ने अन्ना को भ्रष्टाचार में लिप्त बताया था। हालांकि बाद में उन्होंने मौखिक माफी मांग ली थी।

विस्‍फोट से तीन घंटे पहले ही 'पाकिस्‍तानी' ने बना ली थी ईमेल आईडी, गूगल के पास पहुंची एनआईए

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नई दिल्‍ली. बुधवार को दिल्‍ली हाईकोर्ट के बाहर काउंटर पर हुए विस्‍फोट के तीन घंटे बाद मीडिया संस्‍थानों को जो ईमेल भेजा गया था, उसका कोई सुराग अब तक हाथ नहीं लगा है। मदद के लिए अमेरिका में गूगल मुख्‍यालय को चिट्ठी लिखी गई है। अब तक की जांच से बस इतना पता चला है कि harkatuljihadi2011@gmail.com (जिस आईडी से मेल भेजा गया) आईडी बुधवार सुबह 7.30 बजे ही बनाई गई थी। इसे ऑटो डिलीट मोड में बनाया गया था, ताकि एक सप्‍ताह बाद (14 सितंबर को) यह आईडी अपने आप डिलीट हो जाए। आईडी बनाते समय बनाने वाले ने देश के कॉलम में पाकिस्‍तान भरा था। हालांकि इस बारे में कोई अंतिम नतीजा निकालने से पहले एनआईए की टीम गूगल की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।

एनआईए के एक वरिष्‍ठ अधिकारी के मुताबिक वे अभी इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) एड्रेस पता करने की कोशिश में हैं और इसके लिए गूगल से भी मदद मांगी है। धमाके के कुछ घंटे बाद ही इसकी जांच एनआईए को सौंप दी गई है। एनआईए ने इसके लिए 20 सदस्‍यों की टीम बनाई है। इसके महानिदेशक एससी सिन्‍हा ने बताया कि हूजी के धमाके की जिम्‍मेदारी लेने के दावे की जांच जारी है। विस्‍फोट स्‍थल से बरामद मलबा सीएफएसएल दिल्‍ली जांच के लिए भेजा गया है। गांधीनगर सीएफएसएल की एक टीम भी जांच में साथ है। सीएफएसल की रिपोर्ट आज आ सकती है।

दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर बुधवार की सुबह हुए शक्तिशाली बम धमाके में 11 लोगों की मौत हो गई। 76 लोग घायल भी हुए हैं। यह बम एक सूटकेस में रखा गया था। विस्फोट हाईकोर्ट परिसर के बाहर गेट नंबर 4 और 5 के बीच सुबह 10:14 बजे हुआ। तब सैकड़ों लोग व वकील परिसर में प्रवेश के लिए इंतजार कर रहे थे। संसद का सत्र जारी रहने की वजह से दिल्ली में हाई अलर्ट था। इसके बावजूद विस्फोट हुआ। गृह मंत्रालय ने इसे आतंकी हमला करार दिया है। देशभर में अलर्ट जारी किया गया है। घायलों में से चार की हालत गंभीर है। घायलों को राम मनोहर लोहिया, एम्स और अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर गत २५ मई को भी आतंकियों ने धमाका किया था।

बुधवार को हुए धमाके की तीव्रता का अंदाजा इसी से लग जाता है कि इसकी चपेट में आए कुछ लोगों के हाथ व पैर धड़ से अलग हो गए। कुछ ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। धमाके की गूंज मौके से लगभग दो किमी दूर विजय चौक तक सुनाई दी। विस्फोट से करीब एक फुट गहरा और चार फीट चौड़ा गड्ढा हो गया। गृहमंत्री पी चिदंबरम ने संसद में एक बयान में इस हमले को आतंकी कार्रवाई बताया। उन्होंने कहा कि इस भीषण जुर्म के पीछे जिन लोगों का हाथ है उन्हें कठघरे में खड़ा किया जाएगा।

धमाके के करीब तीन घंटे बाद हरकत-उल-जिहादी इस्लामी (हूजी) ने कुछ मीडिया समूहों को भेजे ई-मेल में इस हमले को अंजाम देने का दावा किया। ई-मेल के अनुसार अफजल गुरु को फांसी की सजा माफ कराने के लिए यह विस्फोट किया गया। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट उसके निशाने पर हैं। संसद पर हमले के मामले का मुजरिम अफजल फिलहाल जेल में बंद है।

आतंकवाद रोकने के लियें देश में अलग से आतंकवाद निरोधक मंत्रालय स्थापित करना आवश्यक

दोस्तों देश में सभी सुरक्षा प्रयासों के बाद भी अगर आये दिन अचानक बम विस्फोट से निर्दोषों की म़ोत होने लगे और यह सिलसिला इतने शक्तिशाली परमानुधारक देश में रोज़ की घटना बन जाए तो फिर तो हमे नींद से जागना होगा देश के आतंकवाद कारण जानकार उसकी तह तक पहुंच कर या तो आतंकवाद पनपने के कारणों को बातचीत से खत्म करना होगा और जो लोग बातचीत की भाषा नहीं जानते हैं उन्हें हमारे देश में हो तो यहाँ और दुसरे देश में हों तो वहां खोज खोज कर मारना होगा ........दोस्तों हमारा देश और हमारे देश के लोग रोज़ रोज़ के इस युद्ध से तंग आ गये हैं पर्दे के पीछे रहकर निर्दोषों की हत्या एक जघन्य काण्ड है और यह माफ़ी के लायक नहीं .........हमारे देश में आतंकवाद और दूसरी खबरों की पूर्व सूचनाये एकत्रित करने के लियें कई जांच एजेंसिया कार्यरत हैं उनका कार्य घटनाओं को क्रियान्वित करने के प्रयासों को निष्फल करने के लियें सूचनाये एकत्रित करना और ऐसे लोगों को धर दबोचना है लेकिन आप और हम जानते हैं के यह एजेंसियां अब राजनितिक उतार चढाव और आन्दोलन कारियों उनके मुद्दों और उनके नतीजों पर भी आंकड़े और सूचनाये एकत्रित करने में लग गये हैं इनका उपयों राष्ट्र के लियें कम और देश की सत्ताधारी पार्टी के लियें अधिक होगया है एक तो इस राष्ट्रिय अपराध को सबसे पहले रोकना जरूरी है दुसरे हमारे देश में आतंकवाद क्या है .यह विभिन्न समाजों में अचानक क्यूँ पनप रहा है इसके कारण क्या है इसका निस्तारण केसे हो सकता है आतंकवाद से प्रभावित लोग कोन है उन्हें पुनर्वासित करने के लियें क्या योजना है आतंकवाद के दोषी लोगों को सज़ा दिलवाने के लियें सरकार और अधिकारीयों की क्या भूमिका है और आतंकवाद के लियें ज़िम्मेदार कारणों को केसे खत्म कर सकारात्मक माहोल बनाया जाए इन सभी प्रयासों के बाद भी अगर कोई समूह अपनी आतंकवादी हरकतों से बाज़ नहीं आता है तो उसे केसे जड मूल से नष्ट किया जाए ..अगर इसकी जड़े विदेश में हो तो वहां घुस कर आतंकवादियों को और आतंकवाद को पनाह देने वालों को केसे तबाह किया जाए इस पर विचार और कार्य के लियें देश में एक प्रथक से आतंकवाद मंत्रालय की स्थापना करना जरूरी हो गया हैं ...... हमारे कुरान में एक आयत सुरे तोबा है जिसको पढने के पहले बिस्मिला हिर्रहमा निर्राहीम नहीं पढ़ा जाता है यानी इस आयत को पढने के पहले खुदा का नाम नहीं लिया जाता है उसमे दुश्मन से केसे निपटना चाहिए उसका तरीका बताया गया है .श्री भगवत गीता में भी दुश्मन कोई भी हो उसका नरसंहार केसे किया जाए उस बारे आदेश दिया गया है ..तो दोस्तों हमारे नेताओं और अमेरिका के आगे नोकरों की तरह से घुग्घू बन कर रहने वाले लोगों को कुरान और गीता का पाठ पढ़ाया जाना जरूरी है अगर हमारा देश का दुश्मन किसी भी देश में जा कर छुपा हो और वोह देश हमे उस दुश्मन को ना दे तो उस देश से युद्ध करने उसे बर्बाद कर उस दुश्मन को सजा देने का कानून हमारे देश में पारित किया जाए और फिर इस काम में जो भी देश बाधा बने उसे भी दुश्मन मानकर खत्म कर दिया जाए ऐसा एलान हमे विश्व में करना होगा तब कहीं जाकर हमारे देश के लोग सुकून से जी सकेंगे हमारे देश के दुश्मन पाकिस्तान में छुपे हो हमे उनकी सारी करतूतों की जानकारी हो हमारे पास सबूत हों और हम अमेरिका से पूंछे के देख लोग उसे समझा लो और अमेरिका हमे समझाए के बातचीत से मामला सुलझा लोग और चुप बेठ जाए अगर ऐसा होता रहा तो फिर हमे ऐसे हमलों से सिर्फ भगवान खुदा ही बचा सकता है ..तो दोस्तों हमे मजबूत होना होगा हमें ताकतवर बन कर विश्वव्यापी एलान करना होगा के अगर हमारे देश के किसी भी दुश्मन को किसी भी दुसरे देश ने पनाह दी तो उस देश का नक्शा हम मिटा देंगे और ऐसे एक दो करिश्मे कर के हमे बताना भी होंगे तब कहीं हम सुरक्षित रह पाएंगे वरना अमेरिका के आगे घुटने देख कर हम अगर अमन और सुकून की भीख मांगेंगे तो हमे सिर्फ और सिर्फ ठोकरों के सिवा कुछ ना मिलेगा ........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

नेताओं पर भड़का गुस्सा: राहुल के खिलाफ नारेबाजी, मल्होत्रा को बोलने से रोका


नई दिल्‍ली. देश की राजधानी दिल्‍ली में हाईकोर्ट के बाहर हुए आतंकी हमले के बाद कांग्रेस और सरकार के प्रति लोगों का जबरदस्‍त गुस्‍सा नजर आ रहा है। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी राम मनोहर लोहिया अस्‍पताल घायलों को देखने पहुंचे तो वहां लोगों ने उनके और कांग्रेस के खिलाफ नारे लगाना शुरू कर दिया। वहीं, बीजेपी अध्‍यक्ष नितिन गडकरी और भाजपा नेता विजय कुमार मल्होत्रा भी जब अस्पताल पहुंचे तो एक मृतक के पिता ने उन्हें बोलने से रोक दिया। मृतक के पिता ने कहा कि उन्हें नेताओं के भाषण की जरूरत नहीं है।

केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम को भी नेता-अभिनेता सभी सार्वजनिक रूप से कोस रहे हैं। सवाल कई मुद्दों को लेकर उठ रहे हैं। बम धमाके में मारे गए और घायल लोगों के प्रति संवेदना दिखाने के लिए संसद की कार्यवाही स्‍थगित करने पर तो सत्‍ताधारी कांग्रेस के सांसद ने ही सवाल उठाया है। शशि थरूर ने कहा है कि कार्यवाही स्‍थगित करने के बजाय संसद के काम करते रहने से आतंकवादियों को कड़ा संदेश जाता।

थरूर ने ट्वीट कर कहा, 'दिल्ली धमाका पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए संसद की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है। देश का काम चलने देने से ज्यादा मजबूत संदेश जाता। दुनिया को पता चलता कि आतंकी हमले हमें रोक नहीं सकते।' प्रीतीश नंदी सहित कई हस्तियों ने शशि थरूर की राय से सहमति जताई। उन्‍होंने ट्वीट किया, 'मैं शशि जी आपकी बात से सहमत हूं। संसद चलती रहनी चाहिए थी। हम आतंक से डर नहीं सकते।'

उधर, सदन के भीतर जद (यू) अध्‍यक्ष शरद यादव ने कहा, 'गृहमंत्री जी यहां से एक किलोमीटर दूर यह घटना हुई है। कभी हमसे भी राय ले लीजिए। हम आपके सहयोग में खड़े हैं। पूरा देश आपके साथ खड़ा है। सबकी राय लें।'

शेखर कपूर ने भी निकाली भड़ास, 'नेताओं को वोट के साथ चाहिए जनता का मांस'


नई दिल्‍ली. दिल्‍ली हाईकोर्ट के बाहर आज सुबह हुए धमाके को लेकर आम लोगों का गुस्‍सा तो सामने आ ही रहा है, मशहूर हस्तियां भी अपनी भड़ास निकालने में पीछे नहीं हैं। कई फिल्‍मी हस्तियों ने देश के राजनेताओं और गृह मंत्री पी चिदंबरम को कोसा है।

मशहूर फिल्‍मकार शेखर कपूर का कहना है कि भारत का राजनीतिक तंत्र सिर्फ अपनी सुरक्षा में लगा है। इसलिए आतंकवादी आसानी से देश को निशाना बनाते हैं। शेखर ने ट्वीट किया है, ‘राजनेता आम जनता पर ध्‍यान ही नहीं देते हैं। यदि आम भारतीय मरता है तो ही राजनेताओं को उनकी याद आती है, ऐसे में नेताओं की नजर में आने के लिए लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ेगी।’


शेखर ने अस्‍पतालों का दौरा करने वाले नेताओं पर टिप्‍पणी करते हुए कहा, ‘अब इन नेताओं को देखिए। ये देश की राजधानी को मृतकों और घायलों की राजधानी बनाना चाहते हैं। चुनावों में उन्‍हें वोट देना ही अब काफी नहीं है बल्कि आपको अब अपना एक पौंड मांस भी देना होगा।’

मशहूर अभिनेता अनुपम खेर ने ट्वीट किया है, 'गृहमंत्री जी जाग जाइए। कृपया इस देश के लोगों की जान बचाइए। बेगुनाह और आम लोगों का जीवन भी महत्वपूर्ण होता है।'
फिल्‍म निर्माता अशोक पंडित ने कहा, ‘चिदंबरम से अब किसी बयान की उम्‍मीद नहीं है। जब हाईकोर्ट के बाहर सुरक्षा के ये हालात हैं तो अन्‍य जगहों की क्‍या उम्‍मीद की जा सकती है।’

हुजी ने लिया अफजल को सजा-ए-मौत का बदला, वकील के वेश में रखा बम! 12 की मौत

हुजी ने लिया अफजल को सजा-ए-मौत का बदला, वकील के वेश में रखा बम! 12 की मौत




नई दिल्‍ली. देश की राजधानी दिल्‍ली में हाईकोर्ट के बाहर बुधवार सुबह सवा दस बजे हुए धमाके में 12 लोग मारे गए हैं जबकि 65 घायल हुए हैं। घायलों में कई की हालत गंभीर है। विस्‍फोट इतना जबरदस्‍त था कि घटनास्‍थल पर 3-4 फुट गहरा गड्ढा हो गया है। अदालत के गेट नंबर पांच के पास हुए इस धमाके की जिम्‍मेदारी आतंकी संगठन हरकत उल जिहाद इस्‍लामी (हूजी) ने ली है। मीडिया को भेजे ई मेल में कहा गया है, ‘हम दिल्‍ली हाईकोर्ट के पास हुए बम धमाके की जिम्‍मेदारी लेते हैं। हमारी मांग है कि मोहम्‍मद अफजल गुरु की फांसी की सजा तत्‍काल वापस ली जाए। नहीं तो हम बड़े उच्‍च न्‍यायालयों और सुप्रीम कोर्ट को भी निशाना बनाएंगे।’

दिल्‍ली में आज जिस सूटकेस में विस्‍फोटक रख कर हाई कोर्ट के बाहर धमाका कराया गया, उसे वकील बन कर आए किसी शख्‍स ने रखा था। खुफिया एजेंसी के एक सूत्र के मुताबिक, 'जिस तरह का ब्रीफकेस वकील रखते हैं, वैसे ही ब्रीफकेस में विस्‍फोटक रखा गया था। शायद इसलिए कि इस ब्रीफकेस को लावारिस देख कर भी किसी को शक नहीं हो।' दिल्‍ली पुलिस चश्‍मदीदों के बयान के आधार पर दो संदिग्‍धों के स्‍केच तैयार कर रही है।

राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के प्रमुख एस सी सिन्‍हा के मुताबिक एनआईए के 20 सदस्‍यों की विशेष टीम को ब्‍लास्‍ट की जांच सौंपी गई है। एनआईए चीफ ने कहा कि यह कहना जल्‍दबाजी होगी कि इस धमाके में हूजी का हाथ है। हालांकि हूजी की ओर से भेजे गए मेल पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

महाराष्‍ट्र एटीएस की टीम भी जांच में सहयोग करने के लिए दिल्‍ली आ रही है। एनएसजी के जवान भी घटनास्‍थल पर जांच के लिए पहुंचे। एनएसजी और फॉरेंसिक की टीम ने हालांकि कुछ सैंपल ले लिए हैं लेकिन इसके बाद बारिश की वजह से कुछ सबूत धुल जाने की आशंका है। डॉग स्‍क्‍वॉयड को भी अभी तक कुछ हाथ नहीं लगा है। गृह सचिव के मुताबिक धमाके में आईईडी और टाइमर का इस्‍तेमाल किया गया है। अमोनियम नाइट्रेट का भी इस्‍तेमाल किए जाने की खबर है। बांग्‍लादेश दौरे पर गए पीएम मनमेाहन सिंह ने बम धमाके की निंदा करते हुए इसे कायराना हरकत करार दिया है।

हाईकोर्ट में 25 मई को भी एक छोटा धमाका हुआ था। केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि खुफिया एजेंसियों ने 20 जुलाई को दिल्ली पुलिस को अलर्ट दे दिया था। इसके बावजूद आतंकी वारदात को अंजाम देने में कामयाब रहे। सरकार ने आज धमाके के बाद दिल्‍ली सहित पूरे देश में अलर्ट जारी कर दिया है। संसद भवन की सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है। संसद भवन घटनास्‍थल से ज ढाई किलोमीटर की दूरी पर है। हाईकोर्ट के आसपास की इमारतों पर सेना के जवान तैनात कर दिए गए हैं

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