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08 सितंबर 2011

जुलुस ,धार्मिक स्थल और पथराव फिर नफरत ही नफरत इसे जरा रोक लो यारों ...........

दोस्तों एक तरफ तो देश के दुश्मन आतंकवादी हाई टेक हैं कड़ी सुरक्षा के बीच चेलेंज देकर , विस्फोट कर सभी धर्म के लोगों को चोटिल और आहत कर रहे हैं और दूसरी तरफ हम गली छाप गुंडों के कहने में आकर वही पुराना दकियानूसी राजनितिक खेल खेल रहे हैं जिसमे धार्मिक जुलुस का एक धार्मिक स्थल से निकलना फिर वहां धूम धडाका होना शोर शराबे के बाद पथराव फिर तोड़फोड़ और दंगे फसाद का माहोल और एक खास पार्टी को फायदा होता है .हम कल भी पागल थे आज भी पागल हैं हमारी इक्कीसवीं सदी और आज का हमारा वही पिछड़ा पन हमारी लानत के लियें काफी है ...........कल कोटा के नजदीक मोड़क में जब यही घिसी पिटी केसिट चलाई गयी जल झुलनी का जुलुस एक मस्जिद के पास से निकला वहन रुका और फिर पथराव के आरोप के बाद भगदड़ तोड़फोड़ के बाद तनाव हो गया अमन पसंद लोग और प्रशासन परेशान हो गया लोगों की धडकने थम गयी और पुलिस तथा जिला प्रशासन भाग्दोड़ में लग गया लेकिन मुख्य दोषी कोन था पता ही नहीं चल सका और पता भी केसे चले इनका उद्देश्य तो योजनाबद्ध होता है कभी राजनीति से यह प्रेरित होते हैं तो कभी विदेशी ताकतों से यह मिले रहते हैं या कट्टर पंथी बुखार से यह पीड़ित रहते हैं .लेकिन एक शोध से हमारे देश में दंगों का एक ख़ास बहाना एक खास बुनियात जुलुस का धार्मिक स्थल के पास से निकलना और फिर उस पथराव होना फिर भगदड़ और फिर दंगे फसाद एक पक्ष नारेबाजी के आरोप लगाता है तो दुसरा पक्ष पथराव का आरोप लगाता हैं जाने जाती हैं सम्पत्ति को नुकसान पहुंचता है बड़े दंगों में आयोग बेठता है फिर सब वेसा का वेसा ही दोहराया जाता है .दोस्तों हम और देशवासी इस घिसी पिटी केसिट से तंग आ गये हैं लेकिन प्रशासन और पुलिस ने इससे कोई सबक न तो लिया है और ना ही कोई एहतियाती कार्ययोजना तय्यार की हैं .इसके लियें एक फार्मूला है अगर आपको ठीक लगे तो मुझे थोड़ी शाबाशी देने के लिए एक पत्र प्रधानमन्त्री ,,राष्ट्रपति ,राज्यपाल और मुख्यमंत्री को अवश्य डालना ....
फार्मूला नम्बर एक ............जब भी धार्मिक जुलूसों का आयोजन हो धार्मिक स्थलों के मार्ग से जुलुस निकलने को जितना टाला जा सकता हों टाला जाए ...........अगर मुख्य मार्ग पर ही धार्मिक स्थल हो तो जुलुस पहुंचने के आधे घंटे पहले ऐसे धार्मिक स्थल को खाली करवा कर पुलिस धार्मिक अदब के साथ अपने कब्जे में ले और सम्बंधित धार्मिक स्थान के बाहर जुलुस का ठहराव प्रदर्शन वर्जित हो और तुरंत वहां से जुलुस को निकाल कर वापस सम्बंधित धार्मिक स्थल धर्म से जुड़े लोगों के सुपुर्द कर दिया जाए ऐसा देश के हर छोटे बढ़े जुलुस में हो और इस मामले में आवश्यक दिशा निर्देश जारी होकर कानून बना कर इसकी पालना हो ताकि देश के किसी भी कोने में कमसे कम किसी भी धार्मिक जुलुस पर धार्मिक स्थल से पथराव करने का बहाना लेकर किसी भी आसामाजिक तत्व द्वारा दंगा फसाद नहीं करवाया जा सके .............दोस्तों आज हाईटेक युग है जुलुस .प्रदर्शनों की विडियोग्राफी अनिवार्य रूप से की जाती है फिर कहां किसकी गलती है उसे नामज़द कर दंडित क्यूँ नहीं क्या जाता उन कमरों में बंद साक्ष्य को सार्वजनिक क्यूँ नहीं क्या जाता जो पुलिस के पास सुरक्षित रहते हैं और अगर पुलिस का केमरामेन जुलुस पथराव की घटना मामले में ऐसे आपराधिक तत्वों की विडियोग्राफी करने में अक्षम रहता है तो उसे भी दंडित करना चाहिए ........तो जनाब करो कुछ ऐसा करिश्मा के यह देश ऐसा लगे थोडा तुम्हारा थोड़ा हमारा है इस देश के प्रति मान सम्मान थोड़ा तुम्हारा है तो थोडा हमारा है .यहा इसी देश की मिटटी में तुम्हे मिलजाना हिया तो हमें भी इसी देश की मिटटी में दब कर खुदा के घर जाना है इसलियें जाती धर्म राजनीति से बढ़ा देश और देश की सुक्ख शान्ति देश का भाईचारा है बस इसीलियें अपनी अक्ल से काम लोग खुदा इश्वर भगवान और अल्लाह से डरो और इस संकट के वक्त देश और देशवासियों के साथ खड़े होकर देश का साथ दो ..........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

तेज़ बहाव होने पर पानी उतरने तक घर पर ही रखना पड़ता है शव

लसाड़िया/उदयपुर.निकटवर्ती पाणुंद पंचायत में श्मशान की ओर जाने का कोई रास्ता नहीं होने से ग्रामीणों को परेशानी उठानी पड़ती है। गांव से श्मशान को जाने वाले एक मात्र रास्ते से बारिश के दिनों में घुटनों घुटनों तक पानी में उतर कर लोगों को श्मशान तक जाना पड़ता है।

वहीं इस रास्ते से गुजरने वाली गौमती नदी में पानी का बहाव तेज होने की स्थिति में तो शव को पानी उतरने तक घर पर ही रखना पड़ता है।

इस संबंध में ग्रामीणों ने कई बार पंचायत प्रशासन से गुहार कर रास्ता बनवाने की मांग की लेकिन समस्या निराकरण नहीं हुआ। ग्रामीणों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक उदासीनता के चलते हर बार इस मार्ग के बनने से पहले ही नरेगा के तहत लाखों रुपए खत्म हो जाते हैं।

इस संबंध में उप सरपंच मीरा गर्ग का कहना है कि सरपंच केशूलाल मीणा का कहना है कि समस्या के बारे में उन्हें पता नहीं है।

वहीं सचिव गुलाबसिंह शक्तावत का कहना है कि उन्हें ड्यूटी ज्वाइन किए छह महीने ही हुए हैं, वे इस बारे में अभी कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं, जबकि उप सरपंच मीरा गर्ग का कहना है कि उन्होंने ग्राम सभा में इस मार्ग के लिए सीसी रोड का प्रस्ताव लिया है। शीघ्र ग्रामीणों की समस्या का निराकरण हो जाएगा।

फर्जी पासपोर्ट बनाने वाले ने कहा- जयपुर एयरपोर्ट से ही जाना

जयपुर। विमान से शारजाह पहुंचे बांग्लादेशी हबीबुल्लाह के लिए रिश्तेदार ने तीन माह पहले दिल्ली से फर्जी पासपोर्ट बनवाया और हिदायत दी थी कि वह जयपुर से ही उड़ान भरे। ऐसा क्यों? जांच एजेंसियों की मानें तो इसके दो ही कारण हो सकते हैं। पहला, लापरवाही और दूसरा मिलीभगत? जांच में अभी तक लापरवाही को ही प्रमुख कारण माना जा रहा है।

एयरपोर्ट अथॉरिटी की मानें तो यहां सातस्तरीय जांच होती है। ऐसे में मामला भी सातस्तरीय लापरवाही का हो जाता है। वो भी तब, जब जयपुर समेत देश के बड़े शहरों में लगातार आतंकी हमले हो रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल है- कोई भी शहर में वारदात को अंजाम देकर किसी अन्य के पासपोर्ट पर फोटो लगाकर विदेश चला जाए तो? गौरतलब है कि हबीबुल्लाह 2 सितंबर को जयपुर से शारजाह गया था, पासपोर्ट फर्जी मिला तो उसे एयरपोर्ट से ही वापस जयपुर भेज दिया गया। यहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

हबीबुल्लाह से ‘डोलकराम’ बनने की दी गई ट्रेनिंग

एटीएस तथा इंटेलीजेंस की टीम द्वारा गुरुवार की गई पूछताछ में आरोपी ने बताया कि जिस व्यक्ति ने उसका पासपोर्ट बनाया उसके पास तीन चार और पासपोर्ट थे। आरोपी के पास एक फोन नंबर भी मिला जिसकी जांच कर रही है। पासपोर्ट पर हबीबुल्लाह का फोटो लगाकर नया रूप दिया गया है।

हबीबुल्लाह (21) चार माह पहले बांग्लादेश से पहली बार भारत आया था। उसका रिश्तेदार करीब आठ साल से दिल्ली में कारपेंटर का काम कर रहा है, जिसने उसे यहां बुलाया। पहले कोलकाता से हैदराबाद गया और वहां दो माह काम करने के बाद दिल्ली आ गया। वहां रिश्तेदार ने उसकी फोटो ली और कुछ दिनों बाद उसका पासपोर्ट लाकर दिया।

हबीबुल्लाह ने बताया कि जब उसके रिश्तेदार ने उसे पासपोर्ट दिया था, तब कहा था कि अब उसका नाम हबीबुल्लाह नहीं डोलक राम है और वह नेपाल में रोलपा का रहने वाला है। इसके लिए उसने कई बार अभ्यास भी कराया। सांगानेर एयरपोर्ट पर उससे पूछा तो उसने खुद का नाम डोलक राम ही बताया। इसके बाद वह विमान से शारजाह पहुंच गया। वहां पर उससे कई तरह के सवाल पूछने के दौरान उसके मुंह से हबीबुल्लाह नाम निकल गया। इस पर वहां के अधिकारियों ने उससे कड़ाई से पूछताछ की तो सही बात बता दी, जिसके बाद उसे वापस जयपुर भेज दिया।

13 दिसम्बर 2006 को बना था पासपोर्ट

हबीबुल्लाह के पास से बरामद पासपोर्ट (नंबर 3299929) 13 दिसम्बर 2006 को नेपाल में बना था । पुलिस को शक है कि जस व्यक्ति ने हबीबुल्लाह का पासपोर्ट बनाया है उसके संपर्क पासपोर्ट की खरीद-फरोख्त करने तथा फर्जी पासपोर्ट बनाकर लोगों को विदेश भेजने वाले गिरोह से हो सकते हैं।

अकेला था इसलिए भारत आ गया

हबीबुल्लाह ने बताया कि उसकी मां की काफी समय पहले मौत हो गई थी। पिता ने दूसरी शादी कर ली और उसे घर से निकाल दिया। बांग्लादेश में वह मजदूरी करने लगा। करीब पांच माह पहले उसके चचेरे भाई ने उसे दिल्ली बुलाया। वहां उसी ने पासपोर्ट बनाया। वह पढ़ा लिखा नहीं है, जिसके कारण उसे पता ही नहीं है की पासपोर्ट पर क्या लिखा है। जो भाई ने बताया था वही पूछताछ में वह बताता रहा।

एयरपोर्ट टर्मिनल गेट पर प्रवेश के समय सीआईएसएफ की जांच, जिसमें कोई भी आई कार्ड व टिकट देखा जाता है।

प्रवेश के बाद दूसरी जांच भी सीआईएसएफ करती है, जिसमें केवल यात्री ही होते हैं, जिन्हें एयर टिकट दिखाना होता है। विजिटर्स को यहां से आगे नहीं जाने दिया जाता।

एयरलाइंस काउंटर पर जांच, जहां टिकट की जांच के साथ बोर्डिग पास दिए जाते हैं।

इमिग्रेशन काउंटर , यहां गहन जांच, जिसमें यात्री के पासपोर्ट, टिकट, वीजा, बोर्डिग व संपूर्ण सामान की जांच होती है।

कस्टम जांच, जहां यात्रियों के पास कोई कीमती सामान है तो वह उस यात्री के पास कैसे आया, की जांच होती है।

बोर्डिग लेकर अंतिम जांच के रूप में सीआईएसएफ मैटल डिटेक्टर से यात्री की जांच व एक्सरे मशीन से उसके हैंडबैग व अन्य छोटे मोटे सामान की जांच करती है। इसे सिक्योरिटी होल्ड कहा जाता है।

सिक्योरिटी होल्ड के बाद एयरलाइंस कंपनी के क्रू सदस्य यहां फिर बोर्डिग पास जांच कर यात्रियों को एयरक्राफ्ट में ले जाते हैं।

कैसे हुई चूक

1. आमतौर पर नेपाली और इस प्रकार के लोग किसी के कर्मचारी के रूप में जैसे काम करने वाले कर्मचारी के रूप में बाहर जाते हैं। जिसके लिए वह व्यक्ति उसका शपथ पत्र भी दे देता है कि यह मेरे यहां नौकर है। सूत्रों के अनुसार ऐसे यात्रियों पर विभाग के इंस्पेक्टर बहुत अधिक ध्यान नहीं देते और सामान्य जांच कर आगे निकाल देते हैं।
2. एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन विभाग में फ्लाइट्स के आने और जाने के दौरान जांच का अत्यधिक दबाव बढ़ जाता है। असल में जयपुर एयरपोर्ट पर एक समय में 7 से 8 इंस्पेक्टर व अधिकारी इस विभाग में रहते हैं, जो इस दबाव को देखते हुए आधे से भी कम हैं। ये दोनों कारण भी हबीबुल्लाह को दम्माम भेजे जाने के कारक हो सकते हैं।

बारकोडिंग जांच से पता चलता है पासपोर्ट असली या नकली

सभी हवाई अड्डों पर इलेक्ट्रॉनिक मशीन से पासपोर्ट के बारकोडिंग की जांच होती है, जिससे पासपोर्ट के असली-नकली होने का पता चलता है। इसके अलावा इंटरनेट पासपोर्ट के नाम से एक सॉफ्टवेयर कई देशों के हवाई अड्डों पर अपलोड है। इसमें देशभर में जारी हुए पासपोर्टो का रिकॉर्ड रहता है और इसे देखने पर पता चल जाता है कि पासपोर्ट का नंबर असली है या नकली।

> 90 प्रतिशत नकली पासपोर्ट के मामलों की जांच में पता चला है कि पासपोर्ट तो असली थे, लेकिन मशीन पर मिसमैच होने से गफलत पैदा हुई।
> इंटरनेट पर अधूरी जानकारी अपलोड होने से भी गफलत पैदा हो सकती है।
> फोटो लैमिनेशन, हस्ताक्षर में फर्क और छोटी-मोटी त्रुटि मिलने पर भी विदेश वाले यात्री को वापस भेज देते हैं।
> बारकोडिंग में फर्क, माता-पिता या खुद के नाम पर फर्क मिलने से भी पासपोर्ट को फर्जी मान लिया जाता है और यात्रियों को एयरपोर्ट से वापस
भेज देते हैं।

जब जयपुर, जोधपुर के यात्री को बैंकॉक हवाई अड्डे से लौटना पड़ा

पछले दिनों जयपुर का एक व्यक्ति बैंकॉक तो पासपोर्ट में कमियां बताकर वापस इंडिया भेज दिया गया। दरअसल इस व्यक्ति का पासपोर्ट 20 वर्ष के लिए था, लेकिन इंटरनेट पर अपलोड की गई जानकारी में दस वर्ष का अपडेट था। उसके बाद व्यक्ति ने पासपोर्ट विभाग में संपर्क किया तो गलती दूर की गई। इसी तरह के अन्य मामले में जोधपुर के एक यात्री को लौटना पड़ा था क्योंकि उसका पासपोर्ट भी मिसमैच हुआ था।
(नोट- यह जानकारी राज्य के पासपोर्ट अधिकारी श्रवण कुमार वर्मा ने उपलब्ध कराई)

इसमें एयरपोर्ट को सुरक्षा का कोई खतरा नहीं है। यह मामला केवल पासपोर्ट की जांच का है, जिसके लिए इमिग्रेशन विभाग ही जिम्मेदार है, जिसने मुझे केवल यह सूचना दी है कि एक व्यक्ति को पकड़ा है और उसे पुलिस के हवाले किया गया है। वे क्या जांच कर रहे हैं, उन्होंने क्या कार्रवाई की, यह उनका विषय है, हमारा नहीं। -आर.के. सिंह, निदेशक, एयरपोर्ट

बीएसएनएल पर बात नहीं कर पाएंगे दूसरी कंपनियों के उपभोक्ता

जयपुर। कैरिज चार्ज नहीं चुकाने के कारण बीएसएनएल के बेसिक फोन पर अब प्राइवेट सेल्यूलर ऑपरेटरों से जुड़े मोबाइल उपभोक्ताओं की बात नहीं हो सकेगी। बीएसएनएल के अधिकारियों के मुताबिक 14 सितंबर तक प्राइवेट ऑपरेटरों से इंटरकनेक्टिविटी खत्म कर दी जाएगी। माना जा रहा है कि इस निर्णय का पूरे प्रदेश पर असर पड़ेगा। दरअसल भारती हैक्साकॉम लिमिटेड, आइडिया सेल्यूलर लिमिटेड, रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड, श्याम टेलीसर्विसेज, टाटा टेलीसर्विसेज और वोडाफोन को कैरिज चार्जेज के रूप में बीएसएनएल को 37 करोड़ 65 लाख रु. चुकाने हैं। निर्धारित समय अवधि गुजरने के बाद भी ऑपरेटरों ने रुपए नहीं चुकाए।

गौरतलब है कि दो महीने पहले भी बीएसएनएल और रिलायंस के बीच इंटरकनेक्टिविटी बंद होने से प्रदेश के लाखों उपभोक्ता परेशान हुए थे।

मोबाइल पर भी इंटरकनेक्टिविटी बंद होगी

बीएसएनएल के अधिकारियों के मुताबिक अगर कैरिज चार्ज नहीं चुकाए गए तो बीएसएनएल की कनेक्टिविटी मोबाइल टू मोबाइल भी खत्म कर दी जाएगी। ये प्रक्रिया किस तारीख से शुरू करनी है, इस पर अभी निर्णय नहीं हुआ है। ये कार्रवाई रीजन वाइज की जाएगी।

इंटरकनेक्टिविटी खत्म करना अंतिम विकल्प...

‘‘निजी ऑपरेटर कैरिज चार्ज नहीं चुका रहे हैं। कई बार नोटिस भेज चुके है। पिछले दिनों हुई बैठक में निजी ऑपरेटरों ने समय मांगा था, जो खत्म हो गया है। ऐसे में हमारे पास इंटरकनेक्टिविटी खत्म करने का ही विकल्प बचा है।
-संजय कुमार, महाप्रबंधक (विपणन), बीएसएनएल

युवक के लिए गुनाह बन गया 'प्यार', कट गए होंठ और नाक

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जमवारामगढ़/जयपुर। ग्राम पंचायत सामरेड़कलां के गोपालगढ़ गांव के रैगर मोहल्ले में गुरुवार को कुछ लोगों ने एक युवक को हैंडपंप से बांधकर धारदार हथियार से नाक व होंठ काट दिए। घटना के कारणों का फिलहाल खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन पुलिस और ग्रामीण इसके पीछे प्रेम-प्रसंग को वजह बता रहे हैं। घायल युवक रणजीत बलाई को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में रैफर किया गया है। उधर, देर शाम इसी गांव के भोमाराम रैगर ने रणजीत के खिलाफ अपनी बेटी से छेड़छाड़ करने का मामला दर्ज कराया है। जानकारी के अनुसार रैगर मोहल्ला निवासी 22 वर्षीय रणजीत पर गांव के ही कुछ लोगों ने धारदार हथियारों से हमला कर दिया।

हमलावरों ने उसे हैंडपंप से बांध दिया और नाक व ऊपर का होंठ पूरा काट दिया। इस दौरान बीच-बचाव करने पहुंची उसकी मां कृष्णा बलाई से भी मारपीट की गई। हमलावर युवक को घायलावस्था में हैंडपंप से ही बंधा छोड़ गए। सूचना मिलने के बाद पहुंची पुलिस ने रणजीत व उसकी मां को स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया। जहां से गंभीर हालत में रणजीत को जयपुर रैफर कर दिया गया। एएसआई ओमवीर सिंह ने बताया कि ग्रामीणों से जानकारी के आधार भागीरथ रैगर को हिरासत में लिया गया, लेकिन पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया। उन्होंने बताया कि युवक पर हमले का कारण पड़ोसी युवती से प्रेम संबंध हो सकता है।

लोकसभा में 104 घंटे तीन मिनट हुआ काम, 51 घंटे 6 मिनट चढ़े हंगामे की भेंट


नई दिल्ली.मानसून सत्न के दौरान कई दिन प्रश्नकाल भी नहीं चलने से खिन्न लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने गुरुवार को उम्मीद जताई कि सदन भविष्य में ऐसा नहीं होने देगा।

कुमार ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा करने से पूर्व कहा कि सत्न के दौरान 500 प्रश्न मौखिक रूप से पूछे जाने के लिए सूचीबद्ध थे जिनमें से 51 प्रश्नों का ही जवाब हो पाया। उन्होंने कहा कि इस तरह प्रतिदिन औसतन 1.96 प्रश्नों को ही लिया जा सका।

कुमार ने उम्मीद जताई कि भविष्य में सदन प्रश्नकाल बाधित या स्थगित नहीं होने देगा क्योंकि इसकी भरपाई नही हो सकती।

उन्होंने बताया कि मानसून सत्न के दोरान 5749 अतारांकित प्रश्नों के लिखित जवाब सदन के पटल पर रखे गए। एक अगस्त को शुरू हुए सत्न के दौरान सदन की 26 बैठके हुईं और 104 घंटे तीन मिनट कामकाज हुआ जबकि शोर-शराबे के कारण व्यवधान और स्थगन की वजह से 51 घंटे 6 मिनट बेकार हुए।

अन्ना प्रकरण और गुजरात के लोकायुक्त मामले से प्रभावित रहा लोकसभा का मानसून सत्न गुरुवार को संपन्न हो गया जिसमें लोकपाल और भूमि अधिग्रहण जैसे बहुप्रतीक्षित एवं महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए गए।

इस सत्न में सदन की 26 बैठकें हुईं जिनमें 104 घंटे तीन मिनट कामकाज हुआ लेकिन 51 घंटे छह मिनट हंगामे की भेंट चढ़ गए। यद्यपि 18 घंटे 25 मिनट अतिरिक्त समय भी काम किया गया।
एक अगस्त से शुर शुरू हुए इस सत्न में 11 विधेयक पेश किए गए तथा 14 पारित किए गए।

पेश किए गए विधेयकों में भ्रष्टाचार नियंत्नित करने के उद्देश्य से लाया गया लोकपाल विधेयक तथा किसानों और अन्य भू-स्वामियों को भूमि का उचित मुआवजा दिलाने के मकसद से लाया गया भूमि अधिग्रहण एवं पुनर्वास विधेयक शामिल है।

पारित किए गए विधेयकों में मानव अंग प्रत्यारोपण संशोधन विधेयक (2009),भारतीय चिकित्सा परिषद संशोधन विधेयक(2011) तथा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान संशोधन विधेयक 2010 शामिल है।

समाजसेवी अन्ना हजारे के अनशन का मामला सदन में 16 अगस्त को उनकी गिरफ्तारी के दिन से ही गूंजता रहा और अनशन समाप्त करने के लिए लोकपाल विधेयक से संबंधित उनकी तीन मांगों पर विशेष चर्चा की गयी और उनसे सहमति जताई।

गुजरात में लोकायुक्त की नियुक्ति के मामले को भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्निक गठबंधन ने जोर शोर से उठाया और इसके कारण पिछले चार-पांच दिन सदन की कार्यवाही बाधित रही।

सदन ने महंगाई के मुद्दे पर नियम 184 के तहत चर्चा की इसके अलावा लोकपाल के मुद्दे पर प्रधानमंत्नी के वक्तव्य तथा भ्रष्टाचार से उत्पन्न स्थिति तथा कुछ अन्य मुद्दों पर नियम 193 के तहत संक्षिप्त चर्चा हुई

टीपने के तो सभी जगह तरीके हैं यार










प्रेम करने पर मिली खौफनाक सजा, पत्थर मार मार सुला दी मौत की नींद

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मुजफ्फरनगर। यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में कथित तौर पर एक युवक (26) की पत्थर मार-मार कर हत्या कर दी गई। उस लड़के का सिर्फ इतना गुनाह था कि उसने गैरजातीय लड़की से प्यार किया था। उसके साथ जीने मरने की कसमें खाई थी। पर ये सब प्रेमिका के घरवालों को नागवार गुजरा और उन्होंने उसकी हत्या कर दी।

शहरी क्षेत्र के पुलिस अधीक्षक केबी सिंह ने बताया कि शाहदाब नाम का यह लड़का दूसरी जाति की एक लड़की से प्रेम करता था। लड़की के घरवालों को यह प्रेम नागवार गुजरा। उसके परिवालों ने शाहदाब का अपरहण कर लिया।

मंगलवार शाम आशु, अर्शद, काला व मुस्तफा ने बगजान की दास इलाके में उसकी हत्या कर दी। घटना के बाद सभी आरोपी फरार हैं। युवक के पिता रईस अहमद ने आरोप लगाया कि उनके बेटे ने कई बार पुलिस सुरक्षा मांगी थी, लेकिन हर बार इसे अनसुना कर दिया गया।

राजस्थान: बिजली हुई 40 फीसदी महंगी

राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग (आरईआरसी) ने गुरुवार शाम बिजली की बढ़ी हुई दरों को मंजूरी दे दी

जयपुर. राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग (आरईआरसी) ने गुरुवार शाम बिजली की बढ़ी हुई दरों को मंजूरी दे दी है। इससे बिजली की दरों में अलग अलग श्रेणियों में 20 से 40 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी हुई है। ऐसे में उपभोक्ताओं का बिजली बजट गड़बड़ाने की आशंका हो गई है। गौरतलब है कि बिजली दरें बढ़ाने को लेकर पिछले छह महीने से मशक्कत चल रही है तथा आरईआरसी ने जनसुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा हुआ था। बिजली दरों में बढ़ोत्तरी का आदेश गुरुवार शाम को जारी कर दिया गया। अब बिजली वितरण कंपनियां अपने स्तर पर आदेश जारी कर इन दरों को लागू कर सकेगी।
50 यूनिट से ज्यादा खर्चे पर पड़ेगा भार:
ज्यादा बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं पर बढ़ी हुई कीमतों को ज्यादा प्रभाव पड़ेगा। आरईआरसी ने हर महीने 50 यूनिट से कम बिजली खर्च करने वालों पर भार नहीं डाला है, जबकि इससे ज्यादा खर्चा करने वालों की बिजली महंगी करते हुए 4 रुपए 30 पैसे प्रति यूनिट वसूली का आदेश जारी किया है। इसके साथ ही फिक्स चार्ज के रुपए में 160 रुपए वसूला जाएगा।
शाम 6 से रात 11 बजे तक ज्यादा महंगी बिजली:
आरईआरसी ने पहली बार व्यवस्था देते हुए बड़े उपभोक्ताओं से पीक ओवर शाम 6 से रात 11 बजे तक 10 फीसदी सरचार्ज वसूली करने की व्यवस्था दी है।


आडवाणी बोले- तो मुझे भी भेजो जेल, अमर सिंह को नहीं मिली बेल


नई दिल्ली. नोट के बदले वोट कांड को लेकर लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी ने सरकार पर जबर्दस्त हमला बोला है। बीजेपी के संसदीय दल के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने इस मुद्दे पर बहस की शुरुआत करते हुए कहा कि अगर उनकी पार्टी के दो पूर्व सांसद दोषी हैं, तो वे भी दोषी हैं, उन्हें भी जेल भेजा जाना चाहिए। आडवाणी ने कहा, 'दोनों पूर्व सांसदों फग्गन कुलस्ते और महावीर सिंह भगोरा ने लोकतंत्र को बचाने का काम किया है। लेकिन उन्हें ही जेल भेज दिया गया है। जिन लोगों ने घूस दिया वे आज आराम से बैठे हैं।' आडवाणी ने कहा कि यह खुलासा मेरे कहने पर किया गया था।

आडवाणी की इस टिप्पणी के बाद सदन में बीजेपी के सदस्यों ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। बीजेपी ने आज सुबह ही नोट के बदले वोट कांड में सदन में चर्चा करवाने के लिए नोटिस दे दिया था। सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने लालकृष्ण आडवाणी को अपनी बात कहने का मौका दिया।

कांग्रेस नेता शकील अहमद ने भाजपा नेता के बयान पर ट्वीट किया है, 'आडवाणी ने संसद के भीतर कैश फॉर वोट कांड में अपनी भूमिका कबूल कर ली है। क्‍या उन्‍होंने पुलिस या कोर्ट को इसकी जानकारी दी थी? इसकी जांच होनी चाहिए।’

अमर सिंह की याचिका पर फैसला 12 सितंबर तक सुरक्षित
नोट के बदले वोट मामले में कोर्ट ने अमर सिंह की अंतरिम जमानत याचिका पर फैसला 12 सितंबर तक के लिए सुरक्षित रखा है। कोर्ट ने जेल अधिकारियों से मेडिकल रिपोर्ट मांगी है। इससे पहले अमर सिंह को अदालत ने 19 सितंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया था।

‘नोट के बदले वोट’ कांड में राज्यसभा सांसद और समाजवादी पार्टी के पूर्व महासचिव अमर सिंह समेत छह लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। चार्जशीट में जिन पांच अन्‍य लोगों के नाम हैं, उनमें पूर्व बीजेपी सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते और महावीर भगोरा, बीजेपी कार्यकर्ता सुहैल हिंदुस्तानी, अमर सिंह के पूर्व सहयोगी संजीव सक्सेना और वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी के पूर्व सहयोगी सुधीन्द्र कुलकर्णी। सुहैल हिंदुस्तानी एवं संजीव सक्सेना इस मामले में पहले ही न्यायिक हिरासत में हैं। जुलाई, 2008 में संसद में विश्वास मत के दौरान कैश फॉर वोट कांड बीजेपी के तीन सांसदों-अशोक अरगल, भगोरा और कुलस्ते ने सदन के पटल पर नोटों की गड्‍डियां लहराई थीं और यूपीए की सरकार पर वोट देने के लिए घूस देने का आरोप लगाया था।

संसद की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए टली
लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए गुरुवार को स्थगित कर दी गई। मॉनसून सत्र में राज्यसभा और लोकसभा के 26 दिनों के कामकाज के आधे दिन अन्ना हजारे, गुजरात लोकायुक्त से लेकर नोट के बदले वोट मामलों में हुए हंगामे की भेंट चढ़ गए। सरकार की 30 से ज़्यादा विधेयक पारित कराने की कोशिश के बावजूद लोकसभा में महज 14 और राज्यसभा में महज 9 विधेयक पेश किए जा सके।

अंधेरे में तीर चला रही पुलिस: शीला दीक्षित बोलीं- अमेरिका से न करें दिल्‍ली की तुलना

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नई दिल्ली. दिल्ली में हाईकोर्ट के बाहर बुधवार को हुए बम विस्फोट की जांच कर रही एजेंसियों के हाथ अभी तक खाली हैं। कई शहरों में धर-पकड़ कर आठ लोगों को गिरफ्तार जरूर किया गया है, लेकिन कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है। सुराग देने वालों के लिए पांच लाख रुपये इनाम की घोषणा की गई है। पुलिस अब एक बार फिर संदिग्‍धों के स्‍केच जारी करने की सोच रही है। इस बीच बीते 25 मई को दिल्‍ली हाईकोर्ट की पार्किंग में हुए धमाके की जांच भी एनआईए को सौंप दिया गया है।

हाईकोर्ट की लचर सुरक्षा व्‍यवस्‍था के लिए जहां दिल्‍ली सरकार पर अंगुली उठ रही है, वहीं मुख्‍यमंत्री शीला दीक्षित ने साफ कह दिया है कि धमाके के लिए किसी एक को जिम्‍मेदार नहीं ठहराया जा सकता। उन्‍होंने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि मामले के राजनीतिकरण की कोशिश की जा रही है। उन्‍होंने यह भी कह दिया कि बार-बार यह तुलना की जाती है कि अमेरिका में 9/11 के बाद एक भी आतंकी हमला नहीं हुआ है, यह भी गलत है। उन्‍होंने कहा कि लोगों को यह मालूम नहीं चलता कि आतंकी हमले की कितनी साजिशें नाकाम की जाती हैं। हालांकि शीला ने यह माना कि दिल्‍ली में असुरक्षा की भावना है।

इस बीच, फॉरेसिंक रिपोर्ट से पता चला है कि आतंकवादियों ने पीईटीएन नाम के विस्फोटक का प्रयोग किया था और डिजिटल टाइमर की मदद से विस्फोट कराया गया था। इस मामले में अब तक 8 लोगों को सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया है। सुरक्षा एजेंसियों ने किश्तवाड़ से तीन, फैजाबाद से दो, बलरामपुर से एक और आंध्र प्रदेश से एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया है। पटना में एनआईए के नेतृत्व में संयुक्त जांच टीम एक शख्स को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ कर रही है। इस शख्स पर आरोप है कि उसने एटीएम चोरी करके पैसे निकाले हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने उत्तर प्रदेश के चंदौली में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी शमीम की तलाश में छापा मारा लेकिन शमीम हाथ नहीं आया। शमीम पर वाराणसी के शीतला घाट पर विस्फोट करने का आरोप है। उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के रहने वाले 28 साल के शहजाद नाम के युवक को गिरफ्तार कर सूबे की पुलिस पूछताछ कर रही है। पूछताछ में जो बात सामने आई है, उसके मुताबिक शहजाद पुणे में मजदूरी करता है। शहजाद का चेहरा स्केच से सामने दो चेहरों में से एक से मिलता है। शहजाद को बलरामपुर रेलवे स्टेशन पर पकड़ा गया।
एनआईए की एक टीम जम्मू के किश्तवाड़ और एक अन्य टीम लखनऊ में भी है। गौरतलब है कि विस्फोट के कुछ घंटों बाद किश्तवाड़ के एक साइबर कैफे से दिल्ली के कुछ मीडिया संस्थानों को ईमेल भेजा गया था।
इस बीच, बम धमाके में मरने वालों की तादाद बढ़कर 12 हो गई है। गंभीर रूप से घायल एक शख्स ने गुरुवार सुबह दम तोड़ दिया। दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर बुधवार की सुबह गेट नंबर 4 और 5 के बीच सुबह 10:14 बजे धमाका हुआ था। धमाके की तीव्रता का अंदाजा इसी से लग जाता है कि इसकी चपेट में आए कुछ लोगों के हाथ व पैर धड़ से अलग हो गए। कुछ ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। धमाके की गूंज मौके से लगभग दो किमी दूर विजय चौक तक सुनाई दी। विस्फोट से करीब एक फुट गहरा और चार फीट चौड़ा गड्ढा हो गया।

100 ग्राम पीईटीएन तबाह कर देगा कार
पेंटाएरिथ्रीटॉल ट्राइनाइट्रेट (पीईटीएन) की 100 ग्राम मात्रा एक कार को तबाह करने के लिए काफी होती है। पीईटीएन प्लास्टिक विस्फोटक है। इसे किसी भी आकर ढाला जा सकता है। जानकारों के मुताबिक यह आरडीएक्स से भी खतरनाक होता है। दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठनों में से एक अल कायदा इस विस्फोटक का इस्तेमाल आम तौर पर करता है

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