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11 सितंबर 2011

कोटा में जुलूस में उमड़ा भक्ति-शक्ति का ज्वार

कोटा.‘म्हारा घर मं पधारो गजानंद, गणपति बप्पा मोरिया’ की संगीतमय स्वर लहरियों, मनोहारी झांकियों और अखाड़ों के हैरतअंगेज करतबों के साथ रविवार को कोटा में निकाले गए अनंत चतुर्दशी जुलूस में भक्ति और शक्ति का सैलाब उमड़ पड़ा।

सिद्धि विनायक को विदाई देने के लिए निकली तीन किलोमीटर से ज्यादा लंबी शोभायात्रा का पूरे रास्ते में जबर्दस्त स्वागत हुआ। 60 साल से कोटा में निकाले जा रहे अनंत चतुर्दशी के ऐतिहासिक जुलूस को देखने के लिए बारिश के बावजूद लोगों की भारी भीड़ रही।

शोभायात्रा में 100 से ज्यादा आकर्षक झांकियां शामिल थीं। जुलूस में करीब 47 अखाड़ों ने शिरकत की। इनमें परंपरागत शस्त्रकला का प्रदर्शन करने वाले पठ्ठों ने कीलों व तलवारों पर लेटकर, चाकू को पैर में रखकर आंख में काजल आंजने, दोनों हाथों में तलवारें घुमाने जैसे कौशल दिखाकर लोगों को दांतों तले अंगुलियां दबाने को विवश कर दिया।

महिलाओं के अखाड़ों में केसरिया परिधान पहने शामिल हुई महिलाओं ने शस्त्र संचालन की कलाबाजियां दिखाई।

नेताजी के 'लिफाफे' ने भड़का दी आग, जमकर हुआ हंगामा!

जयपुर.कांग्रेस के सांगानेर विधानसभा के राजनीतिक सम्मेलन में रविवार को प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान की मौजूदगी में जमकर हंगामा हुआ। हंगामे की शुरुआत पूर्व विधायक माहिर आजाद के भाषण से हुई।

उन्होंने भाषण में कहा कि कार्यकर्ता चुनावों में लिफाफा लेकर काम करते हैं और यहां ऐसा कौन कांग्रेसी कार्यकर्ता है, जिसने चुनावों में लिफाफा नहीं लिया। माहिर आजाद के इतना कहते ही कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ कार्यकर्ता मंच पर चढ़ गए।

इस पर आजाद समर्थक कुछ कार्यकर्ताओं की अन्य कार्यकर्ताओं के साथ झड़प हो गई। हंगामा इतना बढ़ गया कि पुलिस बुलानी पड़ी। नारेबाजी और हुड़दंग का सिलसिला करीब 30 मिनट तक चला।

सांसद महेश जोशी और संजय बापना सहित कई नेताओं ने कार्यकर्ताओं को शांत रहने की अपील की। महेश जोशी ने मंच पर आकर माहिर आजाद की टिप्पणी पर खेद जताया और माफी मांगी। माहिर आजाद ने भी अपने भाषण में की गई टिप्पणी पर खेद जताया। इसके बाद ही कार्यकर्ता शांत हुए।

ये कहा था आजाद ने :

माहिर आजाद ने भाषण में कहा कि कार्यकर्ता हमेशा नेताओं में ही कमियां निकालते हैं, वे अपने दिल पर हाथ रखकर सोचें और कभी खुद की कमियों पर भी चिंतन करें।

अब वो जमाना गया जब कार्यकर्ता दरी बिछाते थे और चने-गुड़ खाकर साइकिल पर प्रचार करते थे।उन्होंने कहा: जब चुनाव होते हैं तो बूथ पर बैठने के बदले कार्यकर्ता खाने के पैकेट और लिफाफे लेते हैं। बिना नोटों के लिफाफे के कार्यकर्ता काम नहीं करता। यहां पर बैठे कांग्रेस कार्यकर्ता ईमानदारी से बताएं कि किस कांग्रेस कार्यकर्ता ने चुनावों में लिफाफा नहीं लिया।

जुबान फिसल गई थी :

चंद्रभान सम्मेलन के बाद मीडिया से बातचीत में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान ने कहा कि माहिर आजाद की जुबान फिसल गई थी। उनका मंतव्य यह नहीं था कि कार्यकर्ताओं की भावना आहत करें। इतनी बड़ी पार्टी में छोटी मोटी घटनाएं हो जाती हैं।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के जयपुर जिला की ओर से पिछली बार हुए सम्मेलन में भी पार्षद गुलाम नबी आजाद की टिप्पणी से सांसद अश्क अली टाक और महेश जोशी में विवाद हो गया था।

केस के बावजूद नेताओं के हथियार में लग गई 'धार'

जयपुर.राज्य सरकार ने जनप्रतिनिधियों को छोटे-मोटे मुकदमों के आधार पर हथियार लाइसेंसों के नवीनीकरण नहीं रोकने के निर्देश दिए हैं।

नेताओं के खिलाफ रास्ता रोकने, प्रदर्शन करने सहित जुर्माने के प्रावधान वाली धाराओं में दर्ज मुकदमे विचाराधीन होने के बावजूद आर्म्स लाइसेंस रिन्यूअल रोकने से छूट दी गई है। गृह विभाग ने सभी कलेक्टरों और जयपुर व जोधपुर पुलिस कमिश्नरों को 1 सितंबर को यह आदेश भिजवाया है।

कलेक्टरों को भेजे निर्देशों में कहा गया है कि एमएलए, एमपी सहित जनप्रतिनिधियों के खिलाफ रास्ता रोकने, धारा 144 का उल्लंघन करने, राजकार्य में बाधा, धारा 145 सहित छोटी मोटी धाराओं में अगर मुकदमा विचाराधीन है तो ऐसे मामलों में उनके हथियार लाइसेंस नवीनीकरण नहीं रोके जाएं।

मुकदमा दर्ज हो तो नहीं हो सकता नवीनीकरण

लाइसेंसी हथियार रखने वाले को हर साल कलेक्टर से लाइसेंस का नवीनीकरण करवाना होता है। नवीनीकरण में यह अनिवार्य शर्त है कि उस व्यक्ति के खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा नहीं होना चाहिए। कानून में यह प्रावधान आम आदमी और जनप्रतिनिधियों के लिए समान रूप से लागू होता है।

आम आदमी को छूट नहीं

गृह विभाग के निर्देशों के बाद हथियार लाइसेंस नवीनीकरण के नियमों में आम आदमी और नेताओं के लिए अलग अलग प्रावधान होने से भेदभाव की स्थिति पैदा हो गई है। नेताओं और आम आदमी के लिए अलग प्रावधान होने को आधार बनाकर मामला कोर्ट में भी जा सकता है।

तो फिर नेताओं पर मेहरबानी क्यों?

गृह विभाग के आला अफसरों का तर्क है कि जनप्रतिनिधियों के लाइसेंस नवीनीकरण में राजनीतिक आधार पर दर्ज हुए मुकदमों के आधार पर अड़चन आने को लेकर कई जनप्रतिनिधियों ने आवाज उठाई थी। मामला गृह मंत्री तक पहुंचा था। राजनीतिक आधार पर दर्ज हुए मुकदमों में आर्म्स लाइसेंस नवीनीकरण में छूट देने का फैसला किया गया।

इन मामलों में नहीं रुकेगा नवीनीकरण

सांसदों-विधायकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 143, 145, 147, 151, 160, 166, 186, 188, 283, पीडीपीपी एक्ट की धारा 3, रेल्वे एक्ट की धारा 174 और नेशनल हाई-वे एक्ट के मामले या दूसरे कानूनों में कोई भी मुकदमा जिसमें केवल जुर्माने का दंड हो, उसके विचाराधीन होने की दशा में हथियार लाइसेंस नवीनीकरण नहीं रुकेंगे।

नेताओं को करने पड़ते हैं आंदोलन

"जनप्रतिनिधियों को रास्ता रोकने या धरना-प्रदर्शन जैसे आंदोलन करने पड़ते हैं। पुलिस केस दर्ज कर लेती है। ऐसे मुकदमों में जनप्रतिनिधियों के हथियार लाइसेंस नवीनीकरण नहीं रोकने का फैसला किया गया है।"

-पी.के. देब, अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग

कभी देखा है हमारे प्रधानमंत्री को इस तरह...

भारत में किसी बड़े नेता का इस तरह के सामाजिक जीवन में दिखना लगभग असंभव सा है। इसका करण यह माना जा सकता है कि ज्यादातर नेताओं को बूढ़े होकर कोई पद मिल पाता है और राजनीतिक खींचतान के चलते ज्यादातर ऊर्जा कुर्सी बचाने में लग जाती है।
कौन कितनी उम्र में बना पहली बार प्रधानमंत्री
मनमोहन सिंह 72 वर्ष
अटल बिहारी वाजपेयी 72 वर्ष
नरसिंह राव 70 वर्ष
राजीव गांधी 40 वर्ष
इंदिरा गांधी 59 वर्ष
किस देश के राष्ट्राध्यक्ष/प्रधानमंत्री की कितनी उम्र
बराक ओबामा (अमेरिका) 50 वर्ष
डेविड कैमरन (ब्रिटेन) 45 वर्ष
निकोलस सरकोजी (फ्रांस) 56 वर्ष
दिमित्री मेदवेदेव (रूस) 46 वर्ष
एंजेला मर्केल (जर्मनी) 57 वर्ष
दिलमा रूसेफ (ब्राजील) 64 वर्ष
जूलिया गिलार्ड (आस्ट्रेलिया) 50 वर्ष
पुराने दोस्तों के साथ इस तरह मिलने पहुंचे ब्रिटेन के प्रधान मंत्री
राजनीतिक विवादों और देश को घेरी हुईं आर्थिक समस्याओं के बीच पुराने दोस्त एलेक्स जेम्स (स्थानीय रॉक म्यूजिक स्टार) द्वारा आयोजित पार्टी में ब्रिटिश प्रधानमंत्री जेम्स कैमरन किसी साधारण व्यक्ति की तरह पूरे परिवार के साथ पहुंचे। उनकी पत्नी के साथ दोनों बड़े बच्चे थे और बेबी बैग में कैमरन के साथ एक साल की बेटी फ्लोरेंस थी।

गणेश लड्डू 5.45 लाख रूपए में नीलाम

हैदराबाद. आंध्रप्रदेश के हैदराबाद में गणेश चतुर्दशी के अवसर पर रविवार को बनाए गए विशाल 'गणेश लड्डू'की बोली पांच लाख 45 हजार रूपए लगाई गई।

इस कार्यक्रम का आयोजन करने वाली 'बालापुर गणेश उत्सव समिति'ने बताया कि लड्डू की बोली पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 10 हजार रुपए अधिक लगी।

माना जाता है कि इस लड्डू को खरीदने वाले को हर प्रकार की सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

समिति इस राशि का उपयोग बालापुर गांव में कल्याण तथा विकास के कार्यो पर करती है। यह परम्परा वर्ष 1994 से जारी है।

चुनाव सुधार: टीम अन्‍ना को मात देने में अभी से जुटी सरकार, सक्रिय हुए मनमोहन


नई दिल्‍ली. चुनाव सुधार के मुद्दे पर टीम अन्‍ना की ओर से मुहिम आगे बढ़ाए जाने के ऐलान पर सरकार चौकस हो गई है। सरकार नहीं चाहती कि जन लोकपाल की तरह इस मुद्दे पर भी अन्‍ना हजारे को आंदोलन करना पड़े और उसे किरकिरी झेलनी पड़े। इसके मद्देनजर अगले महीने सरकार ने चुनाव सुधार के मसले पर चर्चा के लिए सभी पार्टियों की बैठक बुलाई है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कानून मंत्रालय को कहा है कि वह अपराधियों को चुनाव-राजनीति से दूर रखने के मुद्दे पर जल्‍द से जल्‍द राजनीतिक सहमति बनाए। साथ ही, चुनाव से काला धन दूर रखने के उपायों पर भी बात हो।
टीम अन्‍ना रालेगण में कोर कमेटी की बैठक के बाद ऐलान कर चुकी है कि उनके एजेंडे में अब चुनाव सुधार ही है। इस बारे में अन्‍ना हजारे प्रधानमंत्री को खत भी लिखने वाले हैं। ऐसे में सरकार नहीं चाहती कि उसे एक बार फिर अन्‍ना के आंदोलन से निपटने की नौबत झेलनी पड़े।

कानून मंत्रालय के एक वरिष्‍ठ अधिकारी के मुताबिक पीएमओ के निर्देश के बाद बैठक की तारीख और एजेंडे को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यह बैठक मध्‍य अक्‍टूबर में होगी।
कानून मंत्रालय कैबिनेट को पहले ही एक नोट भेज चुका है। इसमें मौजूदा कानून में बदलाव की सिफारिश की गई है, ताकि वैसे उम्‍मीदवारों पर चुनाव लड़ने की पाबंदी लगे जिनके खिलाफ अदालत से ऐसे मामले में आरोपपत्र तय हो गया हो, जिसमें कम से कम पांच साल कैद की सजा का प्रावधान हो।

विकी खुलासा: मिसाइल कार्यक्रम में पाकिस्‍तान की मदद कर रहा है चीन


चीन और पाकिस्‍तान की दोस्‍ती किसी से छिपी हुई नहीं है। ड्रैगन भारत के चिर प्रतिद्वंद्वी पड़ोसी को उसके मिसाइल कार्यक्रम को नई ऊंचाई देने के मकसद से मदद कर रहा है। यह खुलासा हुआ है खोजी वेबसाइट विकीलीक्‍स के ताजा गोपनीय संदेश से। संदेश के मुताबिक अमेरिका को इस घटनाक्रम की जानकारी है और वह इसके प्रति अपनी चिंता से अधिकारियों के स्‍तर पर चीन को अवगत कराता रहा है।

23 जनवरी 2007 को भेजे गए गोपनीय संदेश में कहा गया है कि चीन ने पाकिस्‍तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के लिए रिंग रोलिंग मशीन की सप्‍लाई की है। इस घटना को लेकर बीजिंग स्थित यूएस मिशन को निर्देश दिया गया कि वो चीन की सरकार से इस बारे में बात करे। चीन की कंपनी जिनान मेटल फॉर्मिंग मशीनरी इंजीनियरिंग कंपनी (जेएफएमएमआरआई) ने पाकिस्‍तान स्थित हेवी मैकेनिकल कॉम्‍प्‍लेक्‍स (एचएमसी) को इसके बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के लिए रिंग रोलिंग मशीन तैयार किए।

14 फरवरी 2007 को जारी ऐसे ही एक संदेश के मुताबिक चीन पाकिस्‍तान को मिसाइल एयरफ्रेम्‍स के लिए इस्‍तेमाल होने वाले ‘फ्लो फॉर्मिंग मशीन’ मुहैया करा रहा है। अमेरिका ने इसकी खबर मिलने के बाद चीन से सवाल-जवाब किया था। खबर थी कि पाकिस्‍तान के मिसाइल कार्यक्रम से जुड़ी चीन की एक कंपनी ‘फ्लो फॉर्मिंग मशीन’ खरीदने की तैयारी में है। नवंबर 2006 में पाकिस्‍तान की एचएमसी ने जेएफएमएमआरआई से रिंग रोलिंग मशीन खरीदने की कोशिश की थी। इसके बाद एचएमसी ने बीजिंग स्थित नेशनल नॉनफेरस मेटल्‍स इम्‍पोर्ट एक्‍सपोर्ट कंपनी से फ्लो फॉर्मिंग मशीन खरीदने के लिए संपर्क किया। इस मशीन का इस्‍तेमाल मिसाइल के नुकीले गुंबदों को तरह-तरह का आकार देने में होता है।

गवान् जाने धरती पर कहां गिरेगी 6.5 टन की ये 'मौत'


वर्जिल सेब्रिएन. नासा का एक बेकार हो चुका उपग्रह पृथ्वी की ओर आ रहा है। इस माह के अंत तक या अक्टूबर के पहले हफ्ते में इसके धरती पर गिरने की आशंका है। इस शोध उपग्रह को 1991 में डिस्कवरी शटल के जरिए अंतरिक्ष की ऊपरी सतह में स्थापित किया गया था।

इसका वजन 6.5 टन है। नासा ने कहा है कि यह अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी कि यह कहां गिरेगा, लेकिन इसके टुकड़े अलास्का और द. अमेरिका के बीच गिर सकते हैं। हालांकि अधिकतर उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में आते ही जलकर राख हो जाते हैं, फिर भी इसके 12 सौ पाउंड कचरे के बचे के रहने की आशंका होती है जो पृथ्वी पर गिरते हैं।

रिश्वत देते जेल अधीक्षक गिरफ्तार

बेतिया। बेतिया मंडल कारागार के जेल अधीक्षक रमेश चंद्र जायसवाल को डीएसपी को रिश्वत देना महंगा पड़ा। डीएसपी ने जेल अधीक्षक को दो दंडाधिकारियों के समक्ष गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

घटना की पुष्टि करते हुए पश्चिम चंपारण के एसपी निशांत कुमार तिवारी ने बताया कि सदर डीएसपी शरद कुमार को उनके कार्यालय कक्ष में जेल अधीक्षक छापेमारी नहीं करने के एवज में पांच हजार रुपए रिश्वत देने आए थे। डीएसपी ने इस बात की सूचना गुप्त रूप से डीएम को दी।

सूचना के आधार पर डीएम श्रीधर ने वरीय उपसमाहर्ता विवेक कुमार व सदर अनुमंडलाधिकारी प्रकाश को मौके पर भेजा। जिसके बाद दोनों अधिकारियों के समक्ष जेल अधीक्षक की तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान उनके पॉकेट से लिफाफे में रखे हुए पांच सौ के दस नोट पाए गए।

इस बाबत डीएसपी शरद कुमार ने बताया कि जेल अधीक्षक ने जेल में छापेमारी नहीं करने के एवज में 5 हजार रुपए प्रतिमाह रिश्वत देने का ऑफर दिया था। गौरतलब है कि गत तीन माह के अंदर बेतिया मंडल कारागार में 15 बार छापेमारी हुई, जिसमें मोबाइल, चार्जर, नगदी व अन्य कई आपत्तिजनक सामान मिले हैं।

43 दिन बाद खुले आरसीए ऑफिस के ताले

पुलिस की उपस्थिति में खोले गए ताले
जयपुर। राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) के ऑफिस पर पिछले 43 दिन से लगे ताले रविवार को खुल गए। 30 जुलाई को संजय दीक्षित गुट ने ऑफिस पर ताले लगा दिए थे, इसके बाद आरसीए अध्यक्ष सीपी जोशी गुट ने भी ताले जड़ दिए। दो दिन पहले दीक्षित ने उनके द्वारा लगाए गए तालों की चाबियां सरकार को सौंप दी थी। रविवार को ज्योति नगर थाना इंचार्ज मोहर सिंह पूनिया की उपस्थिति में ताले खोल दिए गए। पुलिस की उपस्थिति में ऑफिस के कागजातों की सूची बनाई गई, तो कई चैक बुक सहित कई महत्वपूर्ण फाइलें गायब मिलीं। यह सूची पुलिस को भी सौंप दी गई।
सरकार का दबाव पड़ा तो खुले ताले
ताले लगने के बाद पिछले डेढ़ महीने से आरसीए में काफी विवाद बढ़ गया था। इस बीच आरसीए की एजीएम में दीक्षित के सचिव पद से निलंबन पर मुहर भी लगा दी गई। 24 जिला संघ उनके खिलाफ थे। ऐसे में दीक्षित चारों तरफ से घिरने लगे थे। साथ ही ईरानी ट्रॉफी की मेजबानी छीने जाने के डर से सरकार पर भी ताले खुलवाने का दबाव बढ़ रहा था। भास्कर ने भी इस संबंध में एक सीरीज चलाई थी, जिसमें पूर्व क्रिकेटरों ने सरकार से ताले खुलवाने की मांग की थी।
सूत्रों की माने, तो इसके बाद ही दीक्षित को सरकार को चाबियां देनी पड़ी और ताले खुलने का मार्ग प्रशस्त हुआ। बताया जाता है कि उन्होंने मुख्य सचिव एस अहमद को चाबियां दीं, लेकिन अहमद ने इससे इनकार किया। आरसीए के कोषाध्यक्ष महेंद्र शर्मा से जब इस बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि हमारे पास तो प्रशासन चाबियां लेकर आया, प्रशासन को किसने दी। हमें नहीं पता। अच्छी बात यह है कि ताले खुल गए। हमारा पहला लक्ष्य ईरानी ट्रॉफी का सफल आयोजन करना है।

कांग्रेस के सम्मेलन में हंगामा, कार्यकर्ताओं में चले लात-घूंसे

कांग्रेस नेता माहिर आजाद की टिप्पणी से भड़के कार्यकर्ता, आजाद ने कहा चुनावों में कार्यकर्ता करते हैं लिफाफे लेकर काम


जयपुर.कांग्रेस के सांगानेर विधानसभा के राजनीतिक सम्मेलन में रविवार को प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान की मौजूदगी में जमकर हंगामा हुआ। हंगामे की शुरूआत पूर्व विधायक माहिर आजाद के भाषण से हुई। माहिर आजाद ने अपने भाषण में जब यह टिप्पणी की कि कार्यकर्ता चुनावों में लिफाफा लेकर काम करते हैं और यहां ऐसा कौन कांग्रेसी कार्यकर्ता है जिसने चुनावों में लिफाफा नहीं लिया। माहिर आजाद के इतना कहते ही कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ कार्यकर्ता मंच पर चढ़ गए। इस पर आजाद समर्थक कुछ कार्यकर्ताओं की अन्य कार्यकर्ताओं के साथ झड़प हो गई। कार्यकर्ताओं में लात घूंसे चल गए।


हंगामा इतना बढ़ गया कि पुलिस बुलानी पड़ी। नारेबाजी और हुड़दंग का सिलसिला करीब 30 मिनट तक चला। सम्मेलन में मौजूद सांसद महेश जोशी और संजय बापना सहित कई नेताओं ने मंच पर आकर कार्यकर्ताओं को शांत रहने की अपील की। महेश जोशी ने मंच पर आकर माहिर आजाद की टिप्पणी पर खेद जताया और माफी मांगी। माहिर आजाद ने भी अपने भाषण में की गई टिप्पणी पर खेद जताया। इसके बाद ही कार्यकर्ता शांत हुए।


नोटों के लिफाफे लिए बिना काम नहीं करते कार्यकर्ता : आजाद माहिर आजाद ने अपने भाषण में कहा कि कार्यकर्ता हमेशा नेताओं में ही कमियां निकालते हैं, वे अपने दिल पर हाथ रखकर सोचें और कभी खुद की कमियों पर भी चिंतन करें। अब वो जमाना गया जब कार्यकर्ता दरी बिछाते थे और चने गुड़ खाकर साइकिल पर प्रचार करते थे। आज कार्यकर्ताओं के पास महंगी गाडिय़ां हैं। उन्होंनें कहा : जब चुनाव होते हैं तो बूथ पर बैठने के बदले कार्यकर्ता खाने के पैकेट और लिफाफे लेते हैं। बिना नोटों के लिफाफे के कार्यकर्ता काम नहीं करता। यहां पर बैठे कांग्रेस कार्यकर्ता ईमानदारी से बताएं कि किस कांग्रेस कार्यकर्ता ने चुनावों में लिफाफा नहीं लिया।


जुबान फिसल गई थी : चंद्रभान


सम्मेलन के बाद मीडिया से बातचीत में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान ने कहा कि माहिर आजाद की जुबान फिसल गई थी। उनका मंतव्य यह नहीं था कि कार्यकर्ताओं की भावना आहत करें। इतनी बड़ी पार्टी में छोटी मोटी घटनाएं हो जाती हैं।


उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के जयपुर जिला की ओर से पिछली बार हुए सम्मेलन में भी पार्षद गुलाम नबी आजाद की टिप्पणी से सांसद अश्क अली टाक और महेश जोशी में विवाद हो गया था।

गलत आरोप लगाने वालों के खिलाफ टीम अन्ना भेजेगी नोटिस

रालेगण सिद्धी.अन्ना हजारे के पैतृक गांव रालेगण सिद्धी में दो दिन के चिंतन शिविर के बाद टीम अन्ना ने संसद की स्टेंडिंग कमेटी के सदस्यों और वरिष्ठ नेताओं के संसदीय क्षेत्रों में जनलोकपाल के लिए रेफरेंडम कराने का फैसला लिया है।

देश भर में भ्रष्टाचार के विरोध में यात्राएं निकालने का भी निर्णय लिया गया। टीम अन्ना का पूरा जोर इस बात पर रहा कि किसी भी तरह केंद्र सरकार पर दवाब बनाकर शीत सत्र में जनलोकपाल बिल पारित करा लिया जाए।

दो दिन के चिंतन शिविर में इस बात पर अधिक चर्चा की गई कि आंदोलन पर किस तरह के प्रश्न उठाए जा रहे हैं और उनका जवाब कैसे दिया जाए।

टीम अन्ना ने इस बात को भी जोर देकर स्पष्ट किया कि आरएसएस या किसी भी राजनीतिक दल से उसका कोई संबंध नहीं है और ऐसा आरोप लगाने वाले लोगों और मीडिया संस्थानों के खिलाफ कानूनी नोटिस भेजा जाएगा।

टीम अन्ना ने आंदोलन पर हुए खर्च पर उठ रहे सवालों का जवाब देने की भी पूरी तैयारी कर ली है और यह तय किया गया है कि आंदोलन चला रही संस्था पीपुल्स कॉज रिसर्च फाउंडेशन का मार्च से लेकर सितंबर तक का विशेष ऑडिट कराया जाएगा और इसे वेबसाइट पर जारी किया जाएगा।

चिंतन शिविर के दौरान टीम की कोर कमेटी के सदस्यों की पारदर्शिता पर भी जोर दिया गया और यह तय किया गया है कि आंदोलन या टीम के किसी भी सदस्य पर लगने वाले भ्रष्टाचार के किसी भी आरोप की जांच के लिए तीन रिटायर्ड जजों की कमेटी बनाई जाएगी। टीम अन्ना ने यह भी साफ किया कि जजों की बैंच का निर्णय अंतिम एव मान्य होगा।

टीम अन्ना करेगी भ्रष्टाचार विरोधी यात्रा

अरविंद केजरीवाल ने बताया कि जल्द ही अन्ना हजारे और उनकी टीम देश भर में दौरा कर भ्रष्टाचार के विरोध में जनजागृति अभियान चलाएगी। सबसे पहले जिन राज्यों में चुनाव है वहां यात्रांए निकाली जाएंगी और लोगों को समझाया जाएगा कि कौनसी पार्टी जनलोकपाल का समर्थन कर रही है और कौन सी पार्टी समर्थन नहीं कर रही है।

कोर कमेटी की सदस्य मेधा पाटकर ने यह भी स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार राजनीतिक मुद्दा है और इस पर राजनीति होनी चाहिए और जो पार्टियां भ्रष्टाचार का विरोध करती हैं, जनलोकपाल पर अपनी राय साफ करती हैं और पारदर्शिता को बढ़ावा देती हैं उन्हें चुनावों में फायदा मिलना चाहिए।

पागल हो गए दिग्विजय आरएसएस से डरते हैं

टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने दिग्विजय सिंह के आरएसएस से संबंधों के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिग्विजय खुद आरएसएस से डरते हैं। टीम अन्ना के आरएसएस से किसी भी तरह के संबंध नहीं है।

अरविंद केजरीवाल ने यह भी साफ किया कि उनके पिता के कभी भी लालकृष्ण आडवाणी से रिश्ते नहीं रहे और न ही वो आरएसएस से जुड़े थे। कवि कुमार विस्वास ने जरूर यह कहा कि वो एक समय आरएसएस के कार्यकर्ता थे लेकिन अब उनका भी आरएसएस से किसी भी प्रकार का कोई संबंध नहीं है।

अरविंद केजरीवाल ने दिग्विजय पर वार करते हुए यह भी कहा कि वो पागल हो गए हैं और उन पर आरएसएस का भूत सवार है।

अफसरों से संकल्प पत्र भरवाने के अभियान का आह्वान

टीम अन्ना ने यह भी आह्वान किया है कि लोग जत्थे बनाकर अफसरों के पास जाएं और उनसे भ्रष्टाचार के खिलाफ संकल्प लेने का आह्वान करें।

दागे अवधिपार गोले



kota news

कोटा/मोड़क। जिले के ढाबादेह में शुक्रवार रात उपजे हालात से निपटने के लिए पुलिस की ओर से फेंके गए अश्रुगैस के गोलों में से कई जवाब दे गए। अवधिपार होने से ये गोले नहीं फटे।

लोग इनसे 'खिलौनों' की तरह खेलते नजर आए। सूत्रों ने बताया कि स्पेशल टॉस्क फोर्स [एसटीएफ] द्वारा फेंके गए 'त्रिदिशा अश्रुगैस हथगोलों' में से कई की मियाद दिसम्बर, 2008 में ही खत्म हो चुकी थी। इन गोलों पर 'डेट ऑफ एक्सपायरी' में साफ शब्दों में दिसम्बर, 2008 लिखा हुआ है। तीन साल पहले अवधिपार होने के बावजूद इनका इस्तेमाल किया गया और नतीजतन ये नकारा साबित हुए।

हालांकि मौके पर वज्र व गन के माध्यम से फेंके गए गोलों ने स्थिति को काबू में कर लिया। उधर, इस संबंध में पुलिस के अधिकारिक सूत्रों ने कहा, वैसे तो समय-समय पर अवधिपार गोलों का निस्तारण कर दिया जाता है, लेकिन फिर भी स्थिति के हिसाब से ऎसे गोले रख लिए जाते हैं, जो चलने की स्थिति में हो। क्योंकि आम तौर पर अवधिपार होने की तिथि से तीन से सात साल बाद तक ये चल जाते हैं।

यह होता है उपयोग
टेकनपुर [मध्यप्रदेश] में निर्मित 'त्रिदिशा अश्रुगैस हथगोलों' का इस्तेमाल भीड़ के काफी नजदीक आने के बाद किया जाता है। जानकारों के मुताबिक जब भीड़ नजदीक हो तो उस स्थिति में वज्र या गन से फेंके जाने वाले गोले चोटग्रस्त कर सकते हैं। ऎसे में इन हथगोलों का इस्तेमाल किया जाता है। इन गोलों में एक पिन लगी होती है।

उसे खोलकर कुछ देर के लिए इसके स्विच को हाथ से दबा लिया जाता है। जैसे ही इसे फेंका जाता है तो यह कुछ देर में फट जाता है। फटने के बाद इसकी गैस तीन दिशाओं में निकलकर भीड़ को परेशान करना शुरू कर देती है और भीड़ छंट जाती है।




पुणे. रामलीला मैदान में अनशन के बाद समाज सेवी अन्ना हजारे के पैतृक गांव रालेगण सिद्धि में उनका पता फिलहाल बदल गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि सुरक्षा कारणों से उन्हें यादव बाबा मंदिर से पद्मावती ट्रस्ट हास्टल में स्थानांतरित कर दिया गया है।
हजारे के मजबूत लोकपाल के लिए आंदोलन से पहले तक अहमदनगर जिला स्थित रालेगण सिद्धि गांव का जीवन महाराष्ट्र के अन्य गांवों की तरह ही बहुत धीमा था लेकिन अब वहां पर आने जाने वालों ता तांता लगा रहता है। रालेगण सिद्धि गांव में आने वालों के लिए आकषर्ण का मुख्य केंद्र यादव बाबा मंदिर है जो हजारे का तब से निवास स्थान है जब वह 27 वर्ष पहले सेना में अपनी सेवा समाप्त करके इस गांव में वापस लौटे थे
एक ग्रामीण ने कहा,‘यादव बाबा एक संत थे जो करीब सौ वर्ष पहले इंद्रयाणी नदी के किनारे स्थित आलंदी से रालेगण सिद्धि गांव आए थे। यादव बाबा ने यहां आकर समाधि ले ली थी। उनकी स्मृति में बना यह मंदिर अब एक पहचान बन गया है।’
हास्टल के बाहर प्रवेश द्वार पर सशस्त्र सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। हजारे देशभर से मिलने आने वाले लोगों से मिलने के लिए दिन में तीन बार बाहर आते हैं।
एक वृद्ध व्यक्ति ने कहा,‘‘ये वही अन्ना हैं जो स्वयं को ‘मंदिरात्ला अन्ना’ वह व्यक्ति जो यादवबाबा मंदिर में रहता है। लेकि न चीजें अपरिहार्य हो गई हैं क्योंकि सरक ार क े सुरक्षा उपाय अब स्पष्ट हो गए हैं जिससे आमलोगों क े लिए उनकी उपलब्धता प्रभावित हुई है

अन्ना हजारे सुरक्षा कारणों से यादवबाबा मंदिर से स्थानांतरित



पुणे. रामलीला मैदान में अनशन के बाद समाज सेवी अन्ना हजारे के पैतृक गांव रालेगण सिद्धि में उनका पता फिलहाल बदल गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि सुरक्षा कारणों से उन्हें यादव बाबा मंदिर से पद्मावती ट्रस्ट हास्टल में स्थानांतरित कर दिया गया है।
हजारे के मजबूत लोकपाल के लिए आंदोलन से पहले तक अहमदनगर जिला स्थित रालेगण सिद्धि गांव का जीवन महाराष्ट्र के अन्य गांवों की तरह ही बहुत धीमा था लेकिन अब वहां पर आने जाने वालों ता तांता लगा रहता है। रालेगण सिद्धि गांव में आने वालों के लिए आकषर्ण का मुख्य केंद्र यादव बाबा मंदिर है जो हजारे का तब से निवास स्थान है जब वह 27 वर्ष पहले सेना में अपनी सेवा समाप्त करके इस गांव में वापस लौटे थे
एक ग्रामीण ने कहा,‘यादव बाबा एक संत थे जो करीब सौ वर्ष पहले इंद्रयाणी नदी के किनारे स्थित आलंदी से रालेगण सिद्धि गांव आए थे। यादव बाबा ने यहां आकर समाधि ले ली थी। उनकी स्मृति में बना यह मंदिर अब एक पहचान बन गया है।’
हास्टल के बाहर प्रवेश द्वार पर सशस्त्र सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। हजारे देशभर से मिलने आने वाले लोगों से मिलने के लिए दिन में तीन बार बाहर आते हैं।
एक वृद्ध व्यक्ति ने कहा,‘‘ये वही अन्ना हैं जो स्वयं को ‘मंदिरात्ला अन्ना’ वह व्यक्ति जो यादवबाबा मंदिर में रहता है। लेकि न चीजें अपरिहार्य हो गई हैं क्योंकि सरक ार क े सुरक्षा उपाय अब स्पष्ट हो गए हैं जिससे आमलोगों क े लिए उनकी उपलब्धता प्रभावित हुई है

'लड़की से कहा-साहब को खुश कर दो, सब ठीक हो जाएगा

इंदौर। एमएमएस कांड के खलनायक एसआई रामकिशोर शिवहरे उर्फ आरके शिवहरे का एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है। उसने मंत्री रंजना बघेल व कुक्षी विधायक मुकाम सिंह किराड़े के परिचित की बेटी का भी अश्लील एमएमएस बनाया था। मामला सामना आने के बाद चंदन नगर थाने में शिवहरे और उसके साथी विजय शर्मा के खिलाफ अपहरण, जान से मारने की धौंस और अश्लील हरकत करने का मामला दर्ज किया गया

एसआई शिवहरे की हरकत की शिकार एक और छात्रा शुक्रवार को रतलाम विधायक पारस सकलेचा के साथ एसएसपी ए. सांई मनोहर के पास पहुंची। आरोपी शिवहरे ने उसका भी धमका कर अश्लील एमएमएस बनाया था। छात्रा ने एसएसपी के समक्ष बयान दिया की शिवहरे ने अपनी गैंग के ही एक अन्य सदस्य से उसे 3 सितंबर की रात 11.30 बजे बयान के लिए बुलवाया था। वह उसे साईंबाबा नगर स्थित एक कमरे पर ले गया।

टीआई पवन मिश्रा के मुताबिक यह मकान मुकेश सिलाई वाले का बताया जाता है। यहां शिवहरे व उसके साथी ने छात्रा के अश्लील फोटो खींचे थे। जब युवती ने विरोध किया तो शिवहरे ने उसे धमकाया की तीन को मार चुके हैं उसे भी मार देंगे।

साहब को खुश कर दो, सब ठीक हो जाएगा

शिवहरे के साथी ने युवती से यह भी कहा कि उसके केस की जांच साहब (शिवहरे) के पास है। वह उनको खुश कर देगी, तो सब कुछ ठीक हो जाएगा। उसे पैसे भी दिए जाएंगे और विरोध करेंगी तो उसका काम तमाम कर देंगे।

रात को किसी को पता नहीं चलेगा

जब युवती ने शिवहरे से पूछा की वह इतनी रात को क्यों बयान ले रहा है, तो उसने कहा कि दिन में सब को पता चल जाता। रात को कोई नहीं देखेगा। वह उनका सहयोग करेगी तो आरोपियों को पकड़ लेंगे।

कमरे पर ताला लगा था

शिवहरे युवती को जिस कमरे पर लेकर गया था। वहां ताला लगा हुआ था। दोनों ने कमरे का ताला भी खुद ही खोला और युवती का एमएमएस बनाया।

पीएचक्यू ने मांगी रिपोर्ट

मामला एक एसआई से जुड़ा होने के कारण विधायक पारस सकलेचा ने गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता व डीजीपी एसके राउत को भी शिकायत की थी। पीएचक्यू ने पूरे मामले की जानकारी मांगी है। डीजीपी ने आईजी अनुराधा शंकरसिंह से एसआई का पुलिस रिमांड नहीं लेने के बारे में भी जानकारी ली है।

मां की हत्या के मामले की जांच थी शिवहरे के पास

छात्रा की मां को चंदननगर थाना क्षेत्र के प्रजापतनगर में 1 सितंबर को अज्ञात बदमाशों ने गोली मार दी थी। उस दौरान वह भी अपनी मां के साथ थी। मामले की जांच एसआई शिवहरे के पास थी। उसने इस केस का फायदा उठाया व अपनी नापाक हरकत का शिकार बनाया।

सीएसपी व टीआई भी शामिल

उधर विधायक पारस सकलेचा का आरोप है कि शिवहरे के साथ सीएसपी दिलीपसिंह तोमर, चंदननगर टीआई पवन मिश्रा व एक विजय नामक अन्य युवक भी शामिल है। शुक्रवार को उन्होंने कोर्ट में अपने वकील के मार्फत तीनों को आरोपी बनाने के लिए अर्जी भी लगाई है।

पुतलों को पहनाई पुलिस वर्दी, मंत्री ने कहा-नो प्रॉब्लम

इंदौर।राजकुमार मिल की बाबा रामदेव वाली झांकी के पुतलों को शनिवार को फिर पुलिस वर्दी पहना दी गई। भास्कर में शुक्रवार को अधिकारियों द्वारा वर्दी उतरवाए जाने की खबर प्रमुखता से छपने के बाद उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मामले में हस्तक्षेप किया।

उन्होंने झांकी निर्माण स्थल का निरीक्षण करने के बाद कहा कि उन्हें इस झांकी में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं लग रहा है। वर्दी पर उन्होंने दिल्ली पुलिस का बैच लगाने के लिए कहा।

दरअसल उक्त झांकी में बाबा रामदेव पर पुलिस को लाठियां बरसाते हुए दिखाया गया है। शुक्रवार को अधिकारियों ने इस पर आपत्ति ली थी।

लाठी मारते हुए पुतलों को पहनाई गई पुलिस की वर्दी को भी उतरवा दिया था। साथ ही इस दृश्य को बदले जाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद से ही झांकी कलाकार और मिल मजदूर नाराज थे। शनिवार रात 7.45 बजे मंत्री श्री विजयवर्गीय ने झांकियों का निरीक्षण करते हुए इन्हें मूल स्वरूप में ही रखने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिस किसी अधिकारी को आपत्ति हो वह मुझसे बात करे।

विजयवर्गीय पहुंचे मिल

शनिवार रात 7.45 बजे विजयवर्गीय मिल पहुंचे। गणोशोत्सव समिति अध्यक्ष कैलाशसिंह ठाकुर ने उन्हें जानकारी दी-

ठाकुर - बाबा को लाठी मारते पुतलों को हमने पुलिस की वर्दी पहनाई थी, जिसे अधिकारियों ने उतरवा दिया। अधिकारी कह रहे थे भ्रष्टाचार दिखाना है तो मंत्री-विधायकों के फोटो लगाओ। मंत्री - इन्हें ड्रेस पहना दो। मंत्री - (फोन पर एसएसपी ए.साईं मनोहर से) मैंने झांकियों का निरीक्षण कर लिया है और मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ आपत्तिजनक है। जी हां म.प्र. पुलिस बहुत अच्छी है ड्रेस पर दिल्ली पुलिस लिखवा देंगे।

(हंसते हुए) आप कहें तो यह भी लिखवा दें कि इंदौर पुलिस सबसे अच्छी है। मंत्री - पुतलों की ड्रेस पर दिल्ली पुलिस का डी.पी. लिखवा देना। ठाकुर - जी सर। ठाकुर - हम चल समारोह में अण्णा आंदोलन के समय बने चोर बने हैं थानेदार गीत को बजाना चाहतें हैं। मंत्री - नहीं ऐसा मत करना। ठाकुर - ठीक है।

कुछ देर बाद मंत्री विजयवर्गीय ने कलेक्टर राघवेंद्र सिंह को फोन लगाया और कहा - मैंने झांकी देख ली है और पुतलों को ड्रेस पहनाने के लिए भी कह दिया है। उन दोनों को बता देना और किसी को आपत्ति हो तो कहना मुझसे बात कर ले।

नहीं है आपत्तिजनक

मीडिया से बात करते हुए श्री विजयवर्गीय ने कहा कि झांकी में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। मिलें बंद होने के बाद भी मजदूर झांकी निकाल कर परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं, हमें उनका सम्मान करना चाहिए। हमारा निवेदन है प्रशासन से कि ऐसी कोई झांकी न निकले जिससे सांप्रदायिक सौहाद्र्र बिगड़े, लेकिन इसमें ऐसा कुछ नहीं है। या तो ऐसे ही निकलेगी या नहीं निकलेगी

श्री विजयवर्गीय के दौरे के बाद श्री ठाकुर ने कहा कि अब झांकी निकलेगी तो ऐसे ही या फिर नहीं निकलेगी और हम लोगों को मिलों में ऐसे ही दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि यह मजदूरों की जीत है और अगर अब प्रशासन ने आपत्ति ली तो मजदूर सड़कों पर उतरेंगे।

इंटक ने लगाया राजनीतिक अखाड़ा बनाने का आरोप

गणोशोत्सव के अंतर्गत झांकियां निकाली जाना एक धार्मिक उत्सव है। इस उत्सव को राजनीतिक अखाड़ा बनाया जा रहा है। यह आरोप इंटक के शहर अध्यक्ष गोपाल शर्मा ने लगाते हुए राजकुमार मिल की बाबा रामदेव की झांकी का विरोध किया है। इस संबंध में वे शनिवार सुबह कलेक्टर राघवेंद्र सिंह से भी मिले थे और अपना विरोध दर्ज करवाया था। उन्होंने बताया कि अगर प्रशासन इस पर रोक नहीं लगाएगा तो हम झांकी कलाकारों से बात करके इसे बदलने का आग्रह करेंगे और अगर वे नहीं माने तो इंटक द्वारा प्रदेश स्तर पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

9/11: अमेरिका में 2500 से अधिक आतंकवाद के दोषी, इस साल 32 को सजा

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नई दिल्‍ली. दुनिया का सबसे बड़ा आतंकी हमला 9/11 को आज 10 साल पूरे हो गए। इस हमले ने दुनिया में बहुत कुछ बदल दिया। 11 सितंबर 2001 को 19 आतंकवादियों ने चार हवाई जहाजों से तीन बड़े हमले किए। इसमें वर्ल्‍ड ट्रेड सेंटर पर 2982, पेंटागन में 125 और पेंसिल्‍वेनिया में 93 लोग मारे गए। ट्रेड सेंटर पर हमले के बाद 99 दिन तक आग धधकती रही। 3051 बच्‍चों ने माता पिता खो दिए। 14 लाख लोगों ने दहशत में हवाई टिकट रद्द करवाए, कार से गए।

आतंकवाद विरोधी नीति और आतंकवाद के मामलों से निपटने को लेकर अमेरिका काफी गंभीर दिखता है। 9/11 हमलों के बाद आतंकवाद से जुड़े 345 में 196 मामले कोर्ट में आए जिनमें 178 में दोषी ठहराया गया। हालांकि किसी को मौत की सजा नहीं दी गई।
इन दस वर्षों के दौरान अमेरिका में आतंकवादी घटनाओं के आरोप में करीब 3000 लोगों को गिरफ्तार किया गया और इनके खिलाफ आतंकवाद का मुकदमा चलाया गया। इनमें से 2500 से अधिक लोगों को आतंकवादी गतिविधियों का दोषी ठहराया गया। इसी तरह 1976 से लेकर अब तक 1266 दोषियों को सजा दी गई है। इस साल ही अमेरिका में 32 लोगों को सजा दी गई है।

क्‍या बदल गया?

सबसे बड़ा और बर्बर आतंकी नेटवर्क ध्वस्त। ओसामा बिन लादेन, अबू अल जरकावी, अब अल लिब्बी, अबू अल मासरी जैसे अलकायदा के शीर्ष आतंकी खत्म। बाकी बचे खालिद शेख मोहम्मद, उमर शेख जैसे कुख्यात गिरफ्तार।
दुनिया में सबसे ज्यादा जोर सुरक्षा पर

9/11 के बाद सभी देश हाई अलर्ट पर। अब सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता है। अमेरिका ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में अर्थव्यवस्था की परवाह नहीं की। इस लड़ाई में पूरी दुनिया एकजुट।
आतंकियों की आर्थिक मदद रुकी अलकायदा और तालिबान को खाड़ी देशों से मिलती थी आर्थिक मदद। ज्यादातर लीबिया के राष्ट्रपति मुअम्मर गद्दाफी जैसे तानाशाहों से। लेकिन अरब देशों में आई जनक्रांति ने किया तानाशाही को खत्म।
दुनिया ने मान लिया पाक ही आतंक का गढ़
अमेरिका के दबाव में पाक आतंक के खिलाफ लड़ाई में साथ देने को विवश। लेकिन भारत के खिलाफ उसकी साजिशें जस की तस। ओसामा को शरण दी तो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने माना कि पाकिस्तान ही आतंक का गढ़।
लेकिन हमारे यहां हमले बढ़े, दुनिया में घटे
9/11 के बाद से भारत में आतंकी हमले लगातार बढ़े। उनकी तीव्रता भी बढ़ी। अति सुरक्षित संसद भवन भी हमले से नहीं बच पाया। मुंबई को तीन दिन तक बंधक बनाए रखा। यही नहीं आतंकियों ने मुंबई का झवेरी बाजार, दिल्ली के हाईकोर्ट को बार-बार निशाना बनाया। और सुरक्षा तंत्र को दी सीधी चुनौती।
क्या सबक सीखा?
1. देश की सुरक्षा पहले नागरिकों की प्राइवेसी बाद में।
2. आतंक पर हमेशा आक्रामक रहना होगा।
3. आतंक से मुकाबले की सबसे बड़ी शर्तखुफिया तंत्र का मजबूत होना
4. आतंक का ना मकसद, ना मजहब। कभी किसी भी समय हमला।
क्‍या पाया?
सुरक्षा और आविष्‍कार
ड्रोन: मानवरहित विमान, सटीक निशाना। पहली बार 7 अक्टूबर 2001 को मिशन पर निकला। 3 नवंबर 2002 को ड्रोन के जरिए पहली बार अलकायदा के आतंकियों से भरी कार का निशाना लगाया गया।
रैवेन : छोटे आकार का ड्रोन है। सैनिक हाथ से उड़ान पर भेज सकते हैं। 12 किमी तक उड़ान भर सकता है।
नैनो एअर व्हीकल: भविष्य का ड्रोन। हथेली के बराबर 10 ग्राम वजनी और 7.5 सेमी लंबाई। चिडिया के आकार का।
आयरन मैन : लोहे के इस ढांचे को पहन कर सैनिक 90 किलो वजन उठाकर 20 किलोमीटर बिना रुके जा सकते हैं। वे 12 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ भी सकते हैं।

क्या खोया?
अर्थव्यवस्थाचौपट हुई
आतंक के लिए जब अलकायदा एक डॉलर खर्च करता है तो अमेरिका को उसका जवाब देने के लिए 70 लाख डॉलर खर्च करने पड़ते हैं।
अमेरिका ने आतंकी नेटवर्क खत्म करने के लिए 140 लाख करोड़ रुपए खर्च किए।
2 करोड़ 55 लाख रु. से अलकायदा ने वर्ल्‍ड ट्रेड सेंटर की साजिश को अंजाम दिया।
2 करोड़ 55 लाख रु. से अलकायदा ने वर्ल्‍ड ट्रेड सेंटर की साजिश को अंजाम दिया।

सेहत:हवा में घुला जहर
410000 लोगों पर हुआ जहरीली हवा का असर।
2000 टन विषैली पदार्थ हवा में फैला टॉवर गिरने से।
55 बचाव कर्मी फेफड़े या अन्य तरह के कैंसर से मारे गए।

...और आम आदमी की जिंदगी
हवाई यात्रा:अमेरिका की तरह हमारे यहां भी उड़ान से डेढ़ घंटा पहले पहुंचना होता है। जांच के लिए कोट उतारना पड़ता है। सौ मिली से ज्यादा कोई तरल पदार्थ नहीं ले जा सकते। पानी भी नहीं।
खेती:वहां भारी मात्रा में खाद खरीदना आपको संदिग्ध बना सकता है। क्योंकि अमोनियम नाइट्रेट जैसी खाद से बम बनता है। हमारे यहां हाल ही में इस पर प्रतिबंध लगा।
फोटो आईडी:परिचय पत्र के लिए फोटो खिंचवाने का तरीका बदला। पासपोर्ट के लिए फोटो में आप मुस्कुरा नहीं सकते। हमारे यहां भी हवाई टिकट खरीदने से लेकर होटल बुकिंग के लिए फोटो आईडी जरूरी।
सीमा पार खरीददारी: अब कनाडा से अमेरिका जाने के लिए पासपोर्ट जरूरी है। अमेरिकी मॉल्स में खरीददारी करने के लिए पासपोर्ट जरूरी है। हमारे यहां भी सामान विदेश भेजने या मंगाने पर कड़ी जांच की जाने लगी है।

सारी दुनिया से ......

सारी दुनिया से
लड झगड़ कर
तुम्हे
अपना बनाया है
तुम भी
साथ छोड़ गए
तो हमारा क्या होगा ...........................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क्यूँ कहते हो किसलियें कहते हो ।

क्यूँ कहते हो
किसलियें
कहते हो ।
में भ्रष्ट हूँ
क्या हुआ
मेने हाथ बढ़ाकर
अपने उलझे हुए काम को
कराने के लियें
रिश्वत का हाथ बढ़ाना चाहा
आपने बिना
रिश्वत के
पहले मेरा काम न किया
जब मेने आपकी तरफ
रिश्वत की तरफ हाथ बढ़ाया
तो अपने भी तो
रिश्वत की इस बुराई से
अपना दामन न छुडाया ...............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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