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14 सितंबर 2011

लंदन में नीलाम होगा बुलंद दरवाजे का रेखाचित्र

लंदन। लंदन में 29 सितम्बर को 'यात्रा, विज्ञान एवं प्राकृतिक इतिहास' पर नीलामी घर क्रिस्टी में होने वाली नीलामी में औपनिवेशिक भारत की कलाकृतियां प्रमुख आकर्षण होंगी।


कागज पर बनी 33 कलाकृतियों के साथ ही चार पेंटिंग्स और भारत व देश की प्रमुख इमारतों पर अलग-अलग 70-70 छाया चित्रों वाले दो एल्बमों की नीलामी की जानी है।

क्रिस्टी की ओर से बुधवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि इन कलाकृतियों को 37 खंडों में नीलाम किया जाएगा।

संग्रह का एक आकर्षण होगा, दो ब्रिटिश कलाकारों, थामस और विलियम डेनियल द्वारा तैयार की गई 'अ पिक्च रस्क्यू वॉयेज टू इंडिया बाइ द वे ऑफ चाइना' का एक प्रिंट संस्करण। दोनों ब्रिटिश कलाकार अपने भविष्य को संवारने के लिए 18वीं सदी में भारत आए थे।

डेनियल की भारत पर चित्रों की अनूठी श्रृंखला 'ओरिएंटल सीनरी' 1795 से 1808 के बीच छह हिस्सों में प्रकाशित हुई थी।

नीलामी केंद्र ने ब्रिटिश कलाकार विंसेंट जे. एस्च द्वारा 1910 में कागज पर जल रंगों द्वारा बनाया गया उस्मानिया जनरल हॉस्पीटल का नक्शा,और मुगल सम्राट अकबर द्वारा फतेहपुर सीकरी में निर्मित बुलंद दरवाजे का एक रेखाचित्र, जिसे 1910 में एफ.डी. फावलर ने बनाया था, को महत्वपूर्ण आकर्षण बताया है।

नीलाम होने वाले संग्रहों में 18वीं, 19वीं और 20वीं सदी के भारतीय जीवन के रंग चित्रित होंगे। भारत से सम्बंधित कलाकृतियों की बिक्री से 125,600 पाउंड से अधिक की राशि आने का अनुमान है।

क्रिस्टी के एक प्रवक्ता ने कहा है कि कई भारतीय निजी संग्रहकर्ताओं ने इसमें अपनी रुचि दिखाई है और कई संस्थानों ने कलाकृतियों के बारे में पूछताछ की है। ये कलाकृतियां लंदन में 24 सितम्बर से प्रदर्शित की जाएंगी।

चीन की दादागीरी: कुआं वियतनाम का, फिर भी भारत को तेल निकालने से रोका


साउथ चाईना सी में दो वियतनामी ब्‍लॉक में भारत की ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) के तेल व प्राकृतिक गैस खोजने के अभियान में खलल डाला गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि चीन की आपत्ति का कोई कानूनी आधार नहीं है, क्‍योंकि जहां तेल-गैस निकाला जा रहा है वह ब्‍लॉक वियतनाम का है। नई दिल्‍ली. चीन ने भारत को एक और झटका दिया है। भारतीय सीमा में घुस कर चीनी सैनिकों द्वारा बंकर तबाह कर देने की खबरें आने के एक दिन बाद ही यह खबर आई है कि चीन ने भारतीय कंपनी को समुद्र से तेल निकालने से रोक दिया है।

बीजिंग ने इस मामले में डिमार्शे के जरिए राजनयिक स्‍तर पर औपचारिक आपत्ति दर्ज कराई है। इसमें कहा गया है कि चीन की इजाजत के बिना ब्‍लॉक नंबर 127 और 128 में ओवीएल की कोई भी गतिविधि गैरकानूनी मानी जाएगी। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि चीन के डिमार्शे का औपचारिक जवाब दे दिया गया है। फिर भी 16 सितंबर को विदेश मंत्री एसएम कृष्‍णा की वियतनाम यात्रा के दौरान यह मुद्दा उठेगा। उन्‍होंने कहा कि चीन को चिंता है, लेकिन हमने उन्‍हें बता दिया है कि वियतनाम प्रशासन से हुई सहमति के आधार पर हम काम कर रहे हैं।

सड़क और पानी पर चलेगी ये कैरवैन


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कैरवैन और बोट दोनों का मजा एक साथ लेने के लिए जर्मनी के डिजाइनर डेनियल स्ट्राउब ने एक खास तरह की कैरवैन तैयार की है। 13 हजार पाउंड में बनी इस कैरवैन को उन्होंने सिलेंडर नाम दिया है। इसमें उन्होंने इलेक्ट्रिक बोट और ट्रेलर दोनों की खूबियां मुहैया करवाई हैं।



डेनियल को इसे बनाने में दो साल का वक्त लगा। अगले साल से इसका बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन और बिक्री शुरू होगीे। कैरवैन में खाना बनाने, खाने और सोने की सुविधाएं हैं। इसमें लगी इलेक्ट्रिक मोटर से ये पानी पर नाव की तरह चलती है। फिलहाल सिलेंडर कम गहरे पानी में ही चल सकती है लेकिन डेनियल कोशिश कर रहे हैं कि समुद्र जैसे गहरे पानी में चलने वाली कैरवैन बनाएं। ये पहला मौका नहीं है जब कार और नाव को जोड़ा गया है, इस तरह के प्रयोग 1920 से होते आ रहे हैं।



अंग्रेजों से लोहा लिया, जीवन की सांझ में अपनों से हार

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कोटा.देश की आजादी के संघर्ष में अंग्रेजों से लोहा लेने में पीछे नहीं हटे, लेकिन अब ध्वस्त होते सामाजिक-पारिवारिक मूल्यों के चलते उम्र के अंतिम पड़ाव में सांस-सांस का हिसाब रखना पड़ रहा है।

जिंदगी में कभी हार नहीं मानने वाले स्वतंत्रता सेनानी मोहन लाल गुप्ता भी उन बुजुर्गो में शामिल हैं, जिन्हें अपनों से ही परास्त-हताश होकर वृद्धाश्रम की शरण लेनी पड़ी।

पिछले डेढ़ साल से कोटा-झालावाड़ हाईवे के पास स्थित वृद्धाश्रम (श्रद्धा भवन) में अपनी धर्मपत्नी के साथ रह रहे तीन बेटों के पिता 87 वर्षीय मोहनलाल गुप्ता के घर में किसी भी चीज की कमी नहीं है।

सुकून, शांति और स्वाभिमान को बचाने के लिए सब कुछ छोड़ना पड़ा। कोटा निवासी गुप्ता के तीन बेटों के अपने अलग-अलग मकान हैं लेकिन रहने को नहीं मिला महज एक कमरा, जिसमें काट सकें अपना बुढ़ापा शांति और सुकून से।

पहले तो अपनी पत्नी के साथ अग्रसेन बाजार में किराए का कमरा लेकर रहने लगे और फिर उन्हें वृद्धाश्रम का आसरा लेना पड़ा । श्रद्धा भवन में वे उन संपन्न परिवारों के बुजुर्गो के साथ रह रहे हैं, जो 1500 रुपए प्रतिमाह भुगतान करते हैं।

इनमें आर्थिक रूप से सक्षम परिवारों के वे बुजुर्ग भी शामिल हैं, जिन्हें न्यायिक लड़ाई लड़कर अपने बेटों से गुजारा-भत्ते के रूप में हर माह राशि वसूलनी पड़ रही है।

चूंकि गुप्ता अपनी पत्नी के साथ रहते हैं, इसलिए उन्हें ढाई हजार रुपए प्रतिमाह देना पड़ता है। वे ताम्र पत्रधारी स्वतंत्रता सेनानी हैं और पेंशन के रूप में सरकार से 16 हजार रुपए प्रतिमाह मिलते हैं।

इस राशि में से वे वृद्धाश्रम पर भी खर्च करते रहते हैं ताकि उनके जैसे घर से ठुकराए बुजुर्गो को मदद मिल सके।

अकेले निकल पड़े थे तिरंगा लेकर

भ्रष्टाचार के खिलाफ देश में बड़ा आंदोलन खड़ा करने वाले अन्ना हजारे जब पहली बार दिल्ली में अनशन पर बैठे थे तो उनके समर्थन में स्वतंत्रता सेनानी मोहनलाल गुप्ता अपने हाथ में तिरंगा लेकर अकेले ही जिला कलेक्ट्रेट पर धरना देने निकल पड़े थे। फिर कई लोग उनके साथ जुट गए थे।

आजादी आंदोलन के दौरान वर्ष 1942 में जब कोटा में रामपुरा कोतवाली पर जनता ने कब्जा कर लिया था, तो उस आंदोलन की अगुवाई करने वालों में मोहनलाल गुप्ता भी शामिल थे।

नौकरी में लड़ते रहे और अब परिवार से

कार्यालय अधीक्षक रह चुके 90 वर्षीय पीएम माथुर को आला अफसरों की चापलूसी नहीं करने के कारण लगातार तबादले की त्रासदी झेलना पड़ा। लेट ज्वाइनिंग के आरोप में सस्पेंड कर दिए गए और बाद में बर्खास्तगी का दंश झेलना पड़ा।

आर्थिक अभाव से जूझते हुए अपने बेटों को पढ़ा लिखाकर काबिल बनाया। माथुर के दो बेटे सरकारी नौकरी में हैं और एक वकील है। बेटों से गुजारा-भत्ता लेने के लिए न्यायालय में केस दायर करना पड़ा। अदालत के आदेश से हर माह बेटों को गुजारा-भत्ते की राशि देना पड़ा रहा है।

एएसआई और कांस्टेबल ने लूटा था 4 किलो सोना


कोटा.7 मई को राजधानी एक्सप्रेस से युवक का अपहरण कर 4 किलो सोना लूटने वाले मप्र पुलिस के एएसआई सुल्तान सिंह नागर और कांस्टेबल अशोक शर्मा निकले।

कोटा जीआरपी ने दोनों आरोपियों गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपियों ने ग्वालियर के एक सर्राफ के कहने पर अपने दो साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया। पुलिस अब सर्राफ व दो अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।

दोनों पुलिसकर्मी गुना के राघवगढ़ थाने में तैनात हैं। दिल्ली से मुंबई जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस में 7 मई को चार किलो सोना लेकर आ रहे मुंबई की एक प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी से पुलिस वर्दी में दो लोगों ने छीन लिया था।

पुलिसकर्मी जब कंपनी के कर्मचारी को कोटा स्टेशन से लेकर बाहर जा रहे थे। तब वे तीनों सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए थे। इसी से वे पकड़ में आ सके।

सीआई कल्याण सहाय ने बताया कि ग्वालियर के सर्राफ शीतल पहले तो सोने के कारोबार में दस साल में करोड़पति हो गए। लेकिन पिछले काफी समय से उनको हर काम में घाटा लगा तो उन पर काफी सारा कर्जा हो गया।

उसने कर्जा चुकाने व आराम से जीवन काटने के लिए सोना लूटने की साजिश रची। शीतल का साथ अलंकार कंपनी में काम करने वाले उसे भानजे अंकित शुक्ला ने दिया।

उसने ही सोना लाने की जानकारी और राजधानी एक्सप्रेस में कोच व सीट नंबर भी बताया। शीतल भी दिल्ली से सोना खरीदा करता था, इसलिए उसे भी इसका अंदाजा था।

टीटी को थमाए रुपए और राजधानी में बैठ गया

पूछताछ में यह बात सामने आई है कि शीतल और उसका भानजा अंकित के पास उस दिन राजधानी का रिजर्वेशन नहीं था।

दोनों ने टीटी को 500-500 रुपए दिए और ट्रेन में बाबूसिंह वाले कोच में बैठ गए। शीतल हर बात की सूचना मोबाइल के जरिए सुल्तान सिंह को दे रहा था। सुल्तान सिंह ने सर्विस रिवाल्वर ही बाबूसिंह को दिखाई थी।

वारदात के बाद करते रहे नौकरी

एएसआई सुल्तान सिंह व कांस्टेबल अशोक शर्मा का ग्वालियर के बदमाशों से संपर्क था। शीतल को जब इस बात का पता चला तो उसने सुल्तान से संपर्क किया।

उसने वारदात की प्लानिंग बताई। इस पर सुल्तान सिंह ने ग्वालियर के दो बदमाश अपने साथ लिए और वारदात को अंजाम देने ट्रेन से एक घंटे पहले कोटा स्टेशन आ गया। ट्रेन रुकते ही दोनों पुलिसकर्मी ट्रेन में गए और बाबूसिंह को ट्रेन से नीचे उतार लाए।

वारदात के बाद दोनों वापस राघवगढ़ थाने में पहुंचे और नौकरी करने लगे। वारदात को अंजाम देने भी ड्यूटी के दौरान ही कोटा आए थे। पुलिस ने जब इन्हें पकड़ा तब भी यह ड्यूटी कर रहे थे।

झांसी में बेचा है सोना!

पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है लूटा गए सोने में करीब ढाई किलो सोना इन्होंने झांसी में एक व्यापारी को बेचा है। हालांकि पुलिस इस बात की पुष्टि नहीं कर रही है। पुलिस का कहना है कि अन्य आरोपियों को पकड़ा जाएगा और सोने की बरामदगी की जाएगी।

सरकार के ‘ऑफशोर डिसक्लोजर स्कीम’ से विदेशों में छिपा कालाधन हो जाएगा वैध

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नई दिल्ली.विदेशों में छिपाए गए भारतीयों के काले धन को वैध धन बनाने के लिए सरकार का एमनेस्टी योजना लाने का विचार है।

सूत्रों ने बताया कि ऑफशोर डिसक्लोजर स्कीम नामक इस योजना के तहत विदेशों में छिपाए काले धन का खुलासा करने पर आयकर विभाग कर व पेनाल्टी की वसूली करेगा।

वर्तमान में 10 लाख से ज्यादा की राशि पर 30 प्रतिशत कर वसूली का प्रावधान है। पेनाल्टी ‘कर राशि’ का 100 से 300 गुना तक होती है। सूत्रों ने बताया कि योजना में इस पेनाल्टी में भी रियायत दिए जाने पर विचार किया जा सकता है।

आयकर व दंड देने के बाद विदेशों में रखा धन वैध हो जाएगा जिसे देश में भी वापस लाया जा सकता है। आयकर दाताओं के खुलासे पर सरकार उससे राशि के स्रोत के बारे में कोई पूछताछ नहीं करेगी। पर, आयकर दाता पर किसी प्रकार के आपराधिक मामले में कोई रियायत नहीं दी जाएगी।

क्यों अभी:सूत्रों ने बताया कि पिछले 1 अगस्त को वित मंत्री बड़े उद्योगपतियों की बैठक में एमनेस्टी का सुझाव आया था। हालांकि इससे पूर्व भी वित मंत्री द्वारा कालेधन पर बने विशेषज्ञ समूह ने भी ऐसा सुझाव दिया था। परंतु उस समय इसपर ध्यान नहीं दिया गया था। वर्तमान में बहुत से देशों के साथ ‘एक्सचेंज आफ टैक्स इंफॉरमेशन’ संधि तथा संशोधित डीटीएए (एवायडेंस ऑफ डबल टैक्स संधि) करने के बाद स्थितियों में बदलाव आ गया है। अब सरकार के पास बहुत से देशों से कालेधन की सूचनाएं आने लगी हैं।

इन बदलाव के बाद अब देश में उन लोगों को चिन्हित कर टैक्स वसूला जा सकता है जिन्होंने टैक्स हैवन समझे जाने वाले देशों में काला धन जमा किया है। सूत्रों ने बताया कि लिचेंस्टीन बैंक मामले में नाम सामने आने के बाद विभाग ने लगभग 40 प्रतिशत बनने वाला कर देश में रहने वाले लोगों से अब तक वसूल लिया है

क्या हो सकता पेंच:सूत्रों ने बताया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 1998 में कोई एमनेस्टी स्कीम न लाने की अंडरटेकिंग दी हुई है। पूर्व सीबीडीटी अध्यक्ष सुधीर चंद्र भी उसी अंडरटेकिंग के हवाले से कहते रहे थे कि ‘फिलहाल सरकार कोई एमनेस्टी स्कीम नहीं लाएगी।’ बदली हुई परिस्थितियों में अगर सरकार एमनेस्टी योजना लाती है तो उसे सुप्रीमकोर्ट में अपनी बात रखते हुए योजना लाने की छूट लेनी पड़ सकती है।

दूसरे देशों में भी है योजना:इस तरह की छूट योजना अमरीका, यूके, फ्रांस, ग्रीस, इटली आदि देशों में भी चल रही है जहां करदाता द्वारा खुलासा किए जाने पर उसे छूट प्रदान की जाती है।

ज़मीन विवाद पर सुलगा भरतपुर,देर रात तक हुई फायरिंग में 3 मरे


गोपालगढ़(भरतपुर)/जयपुर.भूमि विवाद को लेकर बुधवार को गोपालगढ़ में दो समुदायों के बीच पथराव व फायरिंग हुई। कई जगह आग लगा दी गई तथा रास्ते जाम कर दिए गए। पुलिस ने भी फायरिंग की।

कलेक्टर कृष्ण कुणाल के अनुसार दो गुटों और पुलिस द्वारा चलाई गई गोलियों से 3 लोगों की मौत हुई है तथा तहसीलदार सहित 13 लोग घायल हुए हैं। कामां, पहाड़ी, सीकरी, जुरहटा, गोपालगढ़ तथा कैथवाड़ा थाना क्षेत्र में कफ्यरू लगा दिया गया है।

डीग, कामां, नगर और पहाड़ी तहसील क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी गई है। घटना के बाद मुख्यमंत्री ने आला अधिकारियों के साथ बैठक कर हालात की समीक्षा की।

बैठक के बाद गृहमंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि गोपालगढ़ में सुरक्षा बलों की छह अतिरिक्त कंपनियां भेजी गई हैं। इसके अलावा आईजी एमएल लाठर, डीआईजी आनंद श्रीवास्तव और जोधपुर के डीसीपी राजेश मीणा को भी वहां भेजा गया है।

देर रात, खबर यह भी आई कि भरतपुर के आईजी सुनील दत को समुदाय विशेष के लोगों ने घेर लिया। धारीवाल ने कहा कि आईजी की कार पर लोगों ने पथराव कर दिया था।इस घटना के पीछे पीछे एक जमीन का विवाद बताया जा रहा है।

एक समुदाय जमीन को सिवायचक की भूमि बता रहा था तो दूसरा समुदाय कब्रिस्तान की। इस मामले को लेकर एक समुदाय के लोगों ने बैठक की और नारेबाजी शुरू कर दी।

इस बीच दूसरे पक्ष के लोग भी आ गए। दोनों ओर से पथराव होने लगा। जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में पुलिस दल पहुंच गया। इसके बाद जिला कलेक्टर कृष्ण कुणाल, पुलिस अधीक्षक हिंगलाज दान भी मय भारी पुलिस फोर्स के कस्बा गोपालगढ़ पहुंच गए।

गोपालगढ़ थाना में उन्होंने दोनों पक्षों के लोगों के बीच विधायक कामां जाहिदा खान, नगर विधायक अनीता सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष भजनलाल शर्मा, भाजपा नेता गिरधारी तिवारी, भाजयुमो जिला अध्यक्ष शिवराज तमरोली, डा. जी सी कपूर, जवाहर बेढ़म आदि की मौजूदगी में वार्ता कर मामला सुलझाने की कोशिश की, लेकिन वार्ता विफल रही।

तभी कस्बे में दोनों पक्षों के बीच फिर जमकर फायरिंग शुरू हो गई। कुछ स्थानों पर रास्ते रोक दिए गए और आग लगा दी गईं। पुलिस ने भी फायरिंग की और आंसू गैस के गोले छोड़े।

क्या है मामला

तहसीलदार लक्ष्मीकांत गुप्ता के अनुसार गोपालगढ़ कस्बे में सिवाय चक की खसरा नं. 642 की 1.11 हेक्टेयर भूमि है, जिसे पूर्व में गलती से कब्रिस्तान दर्ज कर दिया गया। ये मामला उपखंड अधिकारी पहाड़ी के पास विचाराधीन है।

इसी मामले को लेकर मंगलवार रात 9 बजे दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई और रात को झगड़ा हो गया। किंतु रात को ही मामला शांत करा दिया गया। बुधवार सुबह जब एक समुदाय के लोगों ने पंचायत की और फिर कस्बे की तरफ दूसरे पक्ष पर हमला कर दिया।

देर रात तक होती रही फायरिंग

दोनों पक्षों के बीच रुक-रुककर सुबह से करीब 10 बार फायरिंग की घटना हुई, जिसमें सुबह 9.45 बजे, 10.40 बजे, 11.20 बजे, 11.55 बजे, 12.18 बजे, 1.40 बजे, 2.15 बजे और फिर शाम 5 बजे बाद देर रात तक फायरिंग होती रही।

लोगों में आपसी फायरिंग भी हुई : कलेक्टर

"जमीन को लेकर दो समुदायों में विवाद हुआ। दोनों समुदायों के लोगों ने फायरिंग की, तब पुलिस फायरिंग के आदेश दिए गए। फायरिंग में मारे गए लोगों की पहचान अभी नहीं हो सकी है। कई लोग घायल हुए हैं। "

-कृष्ण कुणाल, कलेक्टर, भरतपुर

पहले कलेक्टर ने कहा-10 मरे, फिर कहा तीन, देर रात गृहमंत्री बोले पांच की हुई है मौत

क्या है सच?

गोपालगढ़ में फायरिंग में हुई मौतों की संख्या को लेकर पुलिस, प्रशासन की संवेदनहीनता की स्थिति यह थी वे बार-बार हास्यास्पद बयान देते रहे।

सबसे पहले जिला कलेक्टर कृष्ण कुणाल ने मृतकों की संख्या 10 बताई, लेकिन कुछ देर बाद ही उन्होंने कहा कि मृतकों की संख्या तीन है। उनकी दलील थी कि गिनने में गफलत हो गई है।

कृष्ण कुणाल बोले-कुछ लोग बेहोश थे जिसे प्रशासन ने मृतकों में शामिल कर लिया, लेकिन अस्पताल में सात लोगों को होश आ गया। गृहमंत्री शांति धारीवाल भी मृतकों की अपनी अलग ही संख्या बता रहे थे। गृहमंत्री के अनुसार फायरिंग में पांच लोगों की मौत हुई है।

एड्स के इलाज में क्रांति ला सकती हैं ये हरी बिल्लियां


वैज्ञानिकों ने हरे रंग की तीन ऐसी बिल्लियां तैयार की हैं जो आनवुंशिक रूप से मजबूत रोग प्रतिरोधक शक्ति वाली हैं और जो ‘फ़ेलाइन इम्यूनोडेफ़िशिएंसी वायरस’ एफ़आईवी से लड सकती हैं। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह सफ़लता एड्स का इलाज ढूंढने के लिए हो रहे अनुसंधानों में क्रांति ला सकती है।

मिनेसोटा स्थित‘मायो क्लीनिक कालेज ऑफ़ मेडिसिन’ के अनुसंधानकर्ताओं की टीम का कहना है कि आनुवंशिक रूप से मजबूत इन बिल्लियों के नाम ‘टीजीकैट 1 टीजीकैट 2 और टीजीकैट 3’ हैं जो पराबैंगनी किरणों में हरे रंग की चमकती नजर आती हैं क्योंकि इन्हें हरे रंग का फ्लोरसेंट प्रोटीन जीएफ़पी दिया गया है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि इन बिल्लियों में ‘ट्रिमसिप’ कहलाने वाले बंदरों के जीन भी डाले गए हैं जो एफ़आईवी संक्रमण को रोकते हैं। यह विषाणु बिल्लियों में एड्स संक्रमण के लिए जिम्मेदार होते हैं।

सीडी दबाने के लिए लापता की गई नर्स? पति का आरोप- मना करने के बावजूद मंत्री करता था फोन



जोधपुर. राजस्थान में एएनएम भंवरी देवी की गुमशुदगी बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गई है। वह 1 सितंबर से लापता हैं। राज्य की कांग्रेस सरकार के एक मंत्री और एक विधायक के साथ सीडी बनने की चर्चा के बाद सुर्खियों में आईं भंवरी देवी के पति ने सीधे तौर पर एक मंत्री का नाम लिया है। उसके बाद विपक्षी दल भाजपा के कार्यकर्ता सफाई की मांग करते हुए सड़कों पर उतर गए हैं।

इस बीच, भंवरी देवी के झांसी में होने की खबर मिली है। लेकिन यह पुष्टि नहीं हो पाई है कि झांसी में भंवरी देवी जिंदा मिली हैं या उनका शव। इस संबंध में जोधपुर के पास बिलाड़ा से पुलिस की एक टीम झांसी गई है। पुलिस के मुताबिक इस मामले में गिरफ्तार कुछ लोगों ने पूछताछ में बताया है कि भंवरी देवी का अपहरण कर झांसी भेज दिया गया था। इसीलिए टीम को वहां भेजा गया है। हालांकि भंवरी की हत्‍या की आशंका जताई जा रही है, लेकिन पुलिस अभी इस बारे में कुछ नहीं कह रही है।

चर्चा है कि भंवरी के पास एक ऐसी विस्‍फोटक सीडी है, जो सामने आने से राज्‍य के एक मंत्री और विधायक की पोल खुल सकती है। भंवरी के पति अमरचंद राजनट ने सीधे तौर पर मंत्री महिपाल का नाम लेकर राजनीतिक हलके में सनसनी फैला दी थी। उन्‍होंने कहा कि जोधपुर से आने वाले कांग्रेस के मंत्री महिपाल कड़ा ऐतराज जताने के बावजूद उनके घर पर फोन करते रहते थे। इस बयान के बाद अमर का फोन भी ले लिया गया है। उनके घर पर पुलिस भी मौजूद है।


बीजेपी ने इस मुद्दे पर राजनीति शुरू कर दी है। आरोपी विधायक और मंत्री के नाम सार्वजनिक करने की मांग को लेकर बीजेपी ने जयपुर और जोधपुर में प्रदर्शन में किया। एक हफ्ते पहले जोधपुर गए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सीडी के बाबत पूछे जाने पर कहा था कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।

भंवरी के लापता होने के बाद भंवरी के पति अमरचंद ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी। एक टीवी चैनल ने खबर चलाई थी कि राज्य सरकार के एक कैबिनेट मंत्री के साथ भंवरी देवी की सीडी है। टीवी चैनल की खबर के मुताबिक इसी सीडी को लेकर एएनएम मंत्री से पैसे मांग रही थी। हालंकि चैनल ने किसी मंत्री का नाम उजागर नहीं किया था। अमरचंद ने भी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाते समय इस तरह की किसी घटना का जिक्र नहीं किया था।
कौन हैं भंवरी देवी
जोधपुर के जालीवाड़ा उप स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरतभंवरी देवी ने स्थानीय स्तर पर कई धार्मिक वीडियो में अभिनय भी किया है। उनका जोधपुर में एक शानदार घर है। भंवरी देवी तीन बच्चों की मां हैं। वे एक लग्जरी कार से चलती हैं, जिसके लिए उन्होंने ड्राइवर रखा हुआ है। उनके पति अमरचंद एक अन्य लग्जरी कार चलाते हैं। उनके बारे में बताया जा रहा है कि पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस पार्टी से टिकट लेने की कोशिश भी की थी।

योजना की उड़ी धज्जियां, बैलगाड़ी से आई प्रसूता

कोटा.सोमवार से प्रदेशभर में शुरू की गई जननी सुरक्षा योजना में प्रसूताओं को अस्पताल तक लाने तथा बाद में जच्चा-बच्चा को घर तक पहुंचाने के लिए वाहन की व्यवस्था अस्पताल प्रशासन को करनी है।

प्रसूता और नवजात की दवाओं का खर्च भी अस्पताल के ऊपर ही है। इसके बावजूद अभी कई अस्पताल वाहन की सुविधा उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं। फोन करने पर पहला जवाब होता है 108 को (एंबुलेंस) को फोन करो। अस्पतालकर्मी वाहन की सुविधा मांगने वालों को किसी न किसी बहाने से टालने की कोशिश करते हैं।

कैसे भी आ जाओ..

कैथून अस्पताल में टेलीफोन नंबर 2844954 पर दोपहर 1 बजे कॉल किया तो वहां जवाब मिला एंबुलेंस नहीं है, 108 पर कॉल करो। वह नहीं आती है तो किराए के वाहन से प्रसूता को ले आओ, किराया दिला देंगे। कुछ नहीं मिले तो बैलगाड़ी से ले आओ। इसी अस्पताल से इस योजना की शुरुआत कल ही हुई थी।

टेलीफोन नहीं उठाया

दोपहर 12.20 बजे : रामगंजमंडी अस्पताल, नंबर 07459-223650 पर कॉल किया। घंटी बजती रही किसी ने अटेंड नहीं किया। प्रभारी राजीव लोचन सक्सेना को मोबाइल 9414312176 पर कॉल किया, स्विच ऑफ था।

108 पर कॉल करो

दोपहर 12.40 : सांगोद डिस्पेंसरी, नंबर 07450-233297 पर कॉल किया तो यहां भी किसी ने टेलीफोन नहीं उठाया।

इस पर प्रभारी डॉक्टर शंकर पुरुषवानी से मोबाइल 94141 80324 पर संपर्क किया। उन्होंने भी 108 बुलाने की बात कहकर जिम्मेदारी पूरी कर ली। उनसे जब विनोद खुर्द गांव से एक प्रसूता को अस्पताल पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस की मांग तो वे छूटते ही बोले -क्यों सरकारी एम्बुलेंस के चक्कर में पड़ रहे हो, सीधे 108 को फोन करो। जब उनसे अस्पताल में किसी के टेलीफोन नहीं उठाने व अस्पताल की ही एंबुलेंस की मांग की तो वे बोले, टेलीफोन भी खराब है और एंबुलेंस भी खराब पड़ी है। हां यदि 108 नहीं आती तो बताना दूसरी व्यवस्था करेंगे।

108 पर कॉल करो

दोपहर 12.40 पर जब सांगोद डिस्पेंसरी के टेलीफोन नंबर 07450-233297 पर कॉल किया तो यहां भी किसी ने टेलीफोन नहीं उठाया। इस पर प्रभारी डॉक्टर शंकर पुरुषवानी से मोबाइल 94141 80324 पर संपर्क किया। उन्होंने भी 108 बुलाने की बात कहकर जिम्मेदारी पूरी कर ली।

उनसे जब विनोद खुर्द गांव से एक प्रसूता को अस्पताल पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस की मांग तो वे छूटते ही बोले -क्यों सरकारी एम्बुलेंस के चक्कर में पड़ रहे हो, सीधे 108 को फोन करो। जब उनसे अस्पताल में किसी के टेलीफोन नहीं उठाने व अस्पताल की ही एंबुलेंस की मांग की तो वे बोले, टेलीफोन भी खराब है और एंबुलेंस भी खराब पड़ी है। हां यदि 108 नहीं आती तो बताना दूसरी व्यवस्था करेंगे।

नहीं मिला इलाज, प्रसूता की मौत

जननी सुरक्षा कार्यक्रम की जागरुकता के बावजूद एक प्रसूता की इलाज के अभाव में मौत हो गई। वह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता थी। उसे आठ माह का गर्भ था। उसे अपने इलाके में ही इलाज नहीं मिल सका। उसमें हीमोग्लोबिन की भारी कमी व हाइपरटेंशन होने से कोटा रैफर किया गया था।उसका आठवां प्रसव होने जा रहा था।जिन हालात में उसकी मौत हुई, पूरी व्यवस्था पर गंभीर सवाल पैदा करते हैं।

लाडपुर गांव की रहने वाली रुक्मणी (35) पत्नी श्यामकिशोर सेन को सुबह तेज पेट दर्द हुआ। इस पर परिजन उसे सुवांसा के स्वास्थ्य केन्द्र लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सा प्रभारी व एएनएम ने उसकी जांच कर उसमें हीमोग्लोबिन की भारी कमी व उसे हाइपरटेंशन होने से कोटा रैफर कर दिया। उसके छह पुत्रियां हैं। सुवांसा के प्रभारी डॉ. अनिल जांगिड़ ने बताया कि रुक्मणी को अस्पताल में बेहोशी की हालत में लाया गया था। उसका बीपी काफी ज्यादा था। साथ ही उसे दौरे आ रहे थे, इसलिए उसे तुरंत प्राथमिक उपचार के बाद कोटा रैफर कर दिया था।

यह है आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का काम

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का काम ही समय-समय पर अपने क्षेत्र में प्रसूताओं के हीमोग्लोबिन की जांच करना, इसकी मात्रा सही रखने के लिए उन्हें आयरन की गोलियां-कंडोम वितरित करना, अस्पतालों में प्रसव के लिए प्रसूताओं को लेकर आना आदि होता है। सरकार की ओर से इन्हें इन कार्यो के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इसके बावजूद रुक्मणी में ही हिमोग्लोबिन की भारी कमी होना, उसका आठवीं बार गर्भवती होना आदि पूरी व्यवस्था पर गंभीर सवाल पैदा करते हैं।

25 हजार के बाद 25 लाख: हॉकी टीम के 'अपमान' पर भड़का गुस्‍सा तो घोषणाओं की बरसात


नई दिल्‍ली. एशियाई हॉकी चैंपियनशिप जीतने वाली भारतीय टीम ने प्रत्‍येक खिलाड़ी को 25-25 हजार रुपये इनाम दिए जाने के हॉकी इंडिया के फैसले पर गुस्‍सा जताया है। टीम ने इनाम लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद हॉकी इंडिया की हर ओर से आलोनचा हुई। इसे देखते हुए पंजाब सरकार ने बिना समय गंवाए टीम के लिए 25 लाख रुपये इनाम का ऐलान कर दिया। केंद्रीय खेल मंत्री अजय माकन को भी बुधवार की शाम मीडिया के सामने आकर बताना पड़ा कि एशियाई हॉकी चैंपियनशिप जीतने वाली भारतीय टीम के हर सदस्य को इनाम के तौर पर 1.5-1.5 लाख रुपये मिलने हैं। महाराष्‍ट्र सरकार ने भी हॉकी स्‍टार युवराज के लिए दस लाख रुपये इनाम की घोषणा कर दी।


इससे पहले चैंपियंस ट्रॉफी जीत कर लौटी भारतीय हॉकी टीम ने मंगलवार की रात अपने सम्‍मान में आयोजित कार्यक्रम में इनामी राशि का चेक लेने से इंकार कर दिया था। हॉकी इंडिया की ओर से प्रत्येक खिलाड़ी को 25 हजार रुपए की राशि का चेक दिया जा रहा था।

हॉकी टीम के कप्‍तान राजपाल सिंह ने कहा‍ कि फाइनल में पाकिस्‍तान को हराकर ट्रॉफी पर कब्‍जा करना बड़ी बात है लेकिन इसका समुचित इनाम नहीं मिला है। राजपाल ने कहा कि यह एक सीनियर विजेता टीम के साथ मजाक जैसा है। उन्‍होंने कहा कि उनकी टीम खेल मंत्री के इन खोखले दावे से निराश है जिसमें उन्‍होंने राष्‍ट्रीय खेल को फिर से नई बुलंदियों तक पहुंचाने की बात की है।

कप्‍तान का कहना है कि खेल मंत्री हमारी उम्‍मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं और यह इनामी राशि न सिर्फ मौजूदा खिलाडियों के मनोबल को बढ़ाने के लिहाज से कम है बल्कि राष्‍ट्रीय खेल का हिस्‍सा बनने की इच्‍छुक भावी पी‍ढ़ी भी इससे निराश होगी। उन्‍होंने कहा कि हॉकी फेडरेशन को बीसीसीआई से सीख लेनी चाहिए।

टीम के एक और सीनियर खिलाड़ी गुरबाज सिंह ने कहा, 'हॉकी इंडिया के सेक्रेट्री जनरल नरेंद्र बत्रा की ओर से हर खिलाड़ी को 25 हजार रुपये बतौर इनाम की पेशकश की गई थी लेकिन हम सभी ने इसे लेने से मना कर दिया क्‍योंकि हमारी उपलब्धि को देखते हुए यह रकम बेहद मामूली है।'

भारतीय टीम ने बीते रविवार को चीन के ओरडोस में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्‍तान को हराकर एशियाई चैंपियंस ट्राफी पर कब्‍जा कर लिया था।

पूर्व खिलाड़ी भी भड़के
हॉकी के जादूगर ध्‍यानचंद के बेटे और पूर्व ओलंपियन अशोक कुमार ने इनामी राशि को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि खिलाडियों को 25 हजार रुपये के बजाय सिर्फ फूलों का गुलदस्‍ता दे दिया जाता तो अच्‍छा रहता। इस रकम को बाद में किसी और प्रयोजन के लिए रख देते। उन्‍होंने कहा कि हॉकी के साथ बरसों से ऐसा सौतेला व्‍यवहार होता रहा है।
भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्‍तान वीरेन रसकिन्‍हा ने इसे ‘चौंकाने’ वाला कदम करार देते हुए कहा कि खिलाडियों को प्रेरित करने की जरूरत है क्‍योंकि भारतीय खिलाडियों ने नामी टीमों को हराकर यह प्रतियोगिता जीती है।
पूर्व ओलंपियन जोएकिम कार्वाल्‍हो ने हॉकी फेडरेशन की निंदा करते हुए कहा कि विजेताओं को सम्‍मानित करने का यह तरीका सही नहीं है। पूर्व कप्‍तान अजित पाल सिंह ने कहा कि खिलाडियों को बड़ी रकम मिलनी चाहिए थी।

पूर्व हॉकी खिलाड़ी धनराज पिल्‍लई ने हॉकी टीम की इस सफलता को 2003-04 के बाद सबसे बड़ी सफलता करार दिया है। उन्‍होंने इनामी राशि पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि देश में क्रिकेट ही सबसे बड़ा खेल है।

मामूली रकम पर दी सफाई

हॉकी इंडिया ने 25 हजार की इनामी रकम को सही ठहराते हुए कहा है कि उसके पास खिलाडियों को देने के लिए इससे ज्‍यादा पैसे नहीं है। वहीं खेल मंत्री अजय माकन ने कहा कि 25 हजार रुपये का नकद इनाम दिए जाने की घोषणा हॉकी इंडिया की तरफ से की गई, सरकार की ओर से नहीं। सरकार सभी पैसे खिलाडियों की ट्रेनिंग और कोचिंग पर खर्च करती है। सरकार का कहना है कि उसने पिछले 6 महीने में हॉकी टीम पर 7.81करोड़ रुपये की रकम खर्च की है। इसमें 5.97 करोड़ रुपये कोचिंग कैंप, 1.75 करोड़ रुपये विदेशी दौरों और 8.75 लाख विदेशी विशेषज्ञ पर किया गया खर्च शामिल है।

टीवी एंकर से करीबी और काम के बोझ के चलते पायल को तलाक देंगे उमर अब्दुल्ला?

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नई दिल्ली. क्या जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की शादी खतरे में है? क्या वे अपनी पत्नी पायल को तलाक देने जा रहे हैं? कश्मीर की मुश्किल सियासत कर रहे उमर के लिए अब निजी जीवन में भी चुनौती पेश आ रही है। बताया जा रहा है कि उमर के व्यस्त रहने और एक टीवी एंकर से उनकी करीबी के चलते उमर और उनकी पत्नी पायल के रास्ते जल्द ही औपचारिक तौर पर अलग हो सकते हैं।

उमर अब्दुल्ला ने सिख परिवार की पायल नाथ से 1994 मे शादी की थी। पायल के पिता मेजर जनरल रामनाथ सेना से रिटायर्ड हैं। दोनों की शादी को उस दौर में कश्मीर के रुढ़िवादी समाज ने पसंद नहीं किया था। यही वजह है कि पायल अपने पति के साथ श्रीनगर में ज्यादा वक्त नहीं बिताती हैं। पायल दिल्ली में अपने दोनों बेटों जहीर और जमीर के साथ रहती हैं। एक साप्ताहिक अखबार के मुताबिक करीब छह महीने से उमर यहां नहीं आए हैं। इसकी वजह उनका उमर की बेहद व्यस्त दिनचर्या को बताया जा रहा है। अब्दुल्ला परिवार के एक करीबी के मुताबिक दोनों में अलगाव के करीब हैं और तलाक लेने वाले हैं।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी की राहें अलग-अलग होने की एक और वजह बताई जा रही है। खबर है कि उमर इन दिनों एक एक टीवी एंकर के करीब आ गए हैं। हालांकि, इन खबरों की पुष्टि नहीं हुई है। तलाक ले चुकी टीवी एंकर एक गैर मुस्लिम है और तलाक के बाद दो बार लिव इन रिलेशन में रह चुकी हैं। हालांकि, उमर के पिता फारूख अब्दुल्ला इस रिश्ते का विरोध कर रहे हैं। वह पार्टी हित के लिए शायद यह चाहते हैं कि अगर उमर शादी करें तो किसी कश्मीरी मुस्लिम लड़की से करें। हालांकि उनके परिवार में ऐसी शादियां होती रही हैं। खुद फारूख अब्दुल्ला ने एक विदेशी लड़की से शादी की थी और इनकी बेटी सारा केन्द्रीय मंत्री सचिन पायलट की पत्नी हैं।

अमेरिका ने थूक के चाटा

अमेरिका वही अमेरिका जिसने कुछ साल पहले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को साम्प्रदायिक और बुरा आदमी कहकर रिजेक्ट कर दिया था .रिजेक्ट ही नहीं मोदी का अमेरिका यात्रा को प्रतिबंधित करते हुए अमेरिका ने पुरे देश का अपमान किया था आज वही अमेरिका नरेंद्र मोदी की तारीफ़ कर रहा है ...नरेंद्र मोदी को भाजपा नेताओं से लडाने के लियें उपयुक्त उम्मीदवार दावेदार कह रहा है ...तो जनाब यह हुई न बात अमेरिका ने थूक के चाटा है लेकिन भारत के आगे अमेरिका झुका यह तो भारत के लियें गोरव की बात है वेसे अमेरिका के इस अचानक ह्रदय परिवर्तन के पीछे क्या चाल है इसकी भी जान्च होना जरूरी हो गया है .............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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