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15 सितंबर 2011

अन्ना की टोपी नहीं यहां चलेगी सिर्फ लेन-देन


कोटा। अन्ना के आंदोलन से देशभर में भ्रष्टाचार के खिलाफ माहौल जरूर बना, लोग जागरूक भी हुए लेकिन भ्रष्टाचार का स्वाद चख चुके कर्मचारी-अधिकारियों में अभी डर नहीं बैठा। वे खुले तौर पर आम आदमी से रुपए मांगते हैं। कोटा आरटीओ ऑफिस की स्थिति तो यह है कि यहां बिना रुपए लिए कोई काम ही नहीं होता। इस बात का खुलासा हुआ गुरुवार को आरटीओ में किए भास्कर के स्टिंग ऑपरेशन में।


रिपोर्टर ने जब पुलिस थानों में कई महीनों से खड़े वाहनों के बारे में जानने की कोशिश की तो पुलिस का कहना था कि आरटीओ से उनके मालिक का पता लेने में ही महीनों का समय लग जाता है। रिपोर्टर वहीं खड़ी कुछ मोटर साइकिलों के नंबर नोट कर इसकी सचाई जानने आरटीओ पहुंचा तो उसे खाली हाथ 100 रुपए प्रति वाहन के शुल्क और लंबी प्रक्रिया बताकर टाल दिया। साथ ही कहा कि आधे रुपए दो तो काम हाथों हाथ हो जाएगा।


खुल्लम-खुल्ला लेन-देन


रूम नंबर 26 में शाम को एक के बाद एक कई दलाल आते रहे। किसी ने 30 तो किसी ने 100 रुपए दिए। जानकारों के अनुसार यह कोई नया काम नहीं है यहां के लिए। हर दिन ऐसा ही होता है और जो व्यक्ति नियम-कानून की बात करता है उसे धक्के खाने पड़ते हैं। थक हार कर लोगों को दलालों के मार्फत काम करवाना पड़ता है। सीधे भी अगर कोई किसी बाबू के पास पहुंच जाए तो बगैर रुपए दिए फाइल आगे नहीं खिसकती। लाइसेंस बनवाने के लिए भी 360 रुपए की रशीद कटती है लेकिन लाइसेंस के लिए लोगों को 700 से 1200 रुपए तक देने पड़ रहे हैं। बस-ट्रक की फिटनेस के लिए वैसे तो 500 रुपए की ग्रीन टैक्स व 500 रुपए की रसीद कटती है लेकिन इस काम के लिए 1500 रुपए खर्च करने पड़ते हैं।


..लोकपाल-वोकपाल सब फालतू बातें


आरटीओ बाबू अरुण सोरल ने अपने कक्ष में निजी तौर पर एक लड़का भी काम पर रखा है। रुपए मिलते ही सोरल ने कहा लड़के, छोड़ दो सारे काम। पहले इन भैय्याजी का काम करो। लड़का फाइलें ढूंढ़कर टेबल पर रखता और सोरल पता देखकर एक कागज पर नोट करते। इसी दौरान रिपोर्टर ने देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ चली अन्ना मुहिम की बात छेड़ी तो सोरल ठहाके लगाकर हंस पड़े। बोले- कुछ नहीं बदलने वाला इस देश में। सब कुछ लेन-देन से ही चलता है। अब देखो में ले रहा हूं कौन रोकेगा। क्या अन्ना की टोपी आएगी यहां रोकने।


रिपोर्टर ने इनके पते निकलवाए


आरजे-20 7 एम- 4617, इरशाद अली पुत्र अनवर अली, मकान नंबर 581 राधा विलास पाटनपोल कोटा, 31-7-2001 से नाम है, चेसिस नंबर 131513, इंजन नंबर 178903,आरजे 20-3 एम-4097 राजदूत मोटर साइकिल, प्रभुलाल मीणा पुत्र चौथ मल मीणा किराएदार देवकरण नागर तलवंडी, पता अधूरा है।


चेसिस नंबर 1249582, इंजन नंबर 1249582
आरजे 20-1 एम-6678 बाइक, उमर खान पुत्र शेर खान, चमन होटल के पीछे, (बाकी दो की फाइल शाम को नहीं मिली, शुक्रवार सुबह देने को कहा है)


इसलिए करना पड़ा स्टिंग


शहर के थानों में सैकड़ों की संख्या में बेनाम वाहन खड़े हैं और पुलिस उनके मालिकों तक नहीं पहुंच पाती। सरकारी प्रक्रिया इतनी लंबी है महीनों तक आरटीओ के बाबू पुलिस को भी नंबर नहीं देते। हालांकि पुलिस को भी इसकी कोई जल्दबाजी नहीं होती। ऐसे में केस में उलझे वाहन मालिक आरटीओ से पुलिस के चक्कर काटते रहते हैं। जो काम महीनों में नहीं होता आरटीओ के कर्मचारी रुपए लेकिन मिनटों में कर देते हैं। भास्कर रिपोर्टर ने बुधवार को ही आरटीओ जाकर पांच बाइक के नंबर जानने की कोशिश की थी। ये सभी बाइक किशोरपुरा, दादाबाड़ीऔर जवाहर नगर पुलिस थाने में खड़ी हैं।

जब पूरा थाना ही उतर आया दबंगई पर


कोटा। एक तो महावीर नगर थाने ने पानी का हजारों रुपए का बकाया बिल जमा नहीं करवाया ऊपर से आसपास की कॉलोनियों के बाशिंदों का पानी भी रोक दिया। महावीर नगर के आसपास की कॉलोनियों में कम प्रेशर से पानी आने की शिकायत है और जलदाय विभाग उन्हें बड़ी लाइन से कनेक्शन देने के लिए काम कर रहा है। कनेक्शन काटन से गुस्साए सीआई रण विजय सिंह ने इसके लिए खोदे गए गड्ढे भर दिए।


जलदाय विभाग के कर्मी काम करने जाते हैं तो उन्हें भगाकर गड्ढे भर दिए जाते हैं। इस कारण पिछले लंबे समय से तीन कॉलोनियों के करीब 1 हजार परिवार पानी की किल्लत झेल रहे हैं। इनमें 37 परिवार पुलिसकर्मियों के भी हैं। सीआई रणविजय सिंह का कहना है कि थाने का बिल बकाया है तो पुलिस क्वाटर्स के कनेक्शन क्यों काटे। मैंने जानबूझकर गड्ढे भरे हैं। पहले कनेक्शन जोड़ो फिर काम करने दूंगा। सिपाही का बच्चा गड्ढे में गिर गया, इसलिए भर दिया, और बोलो..!


महावीर नगर थाने के पास करीब 3 माह पूर्व पानी की लाइन फूट गई थी। जिससे थाने के पीछे स्थित यूआईटी की रंगविहार कॉलोनी, कॉम्पीटीशन कॉलोनी व अंबेडकर कॉलोनी में पानी नहीं आ रहा था। जलदाय विभाग ने उस समय तो दुरुस्त कर दिया लेकिन, प्रेशर कम आने की शिकायत पर वहां गड्ढे खोदकर नई लाइन से कनेक्शन का काम शुरू कर दिया। इसी बीच जलदाय विभाग ने महावीर नगर थाने का पिछले लंबे समय से बकाया बिल जमा नहीं करवाने पर कनेक्शन काट दिया।


थाने के पीछे बने 37 पुलिस क्वाटर्स का भी नल कनेक्शन काट दिया गया। इस बात से सीआई रणविजय खफा हो गए। जब जलदाय विभाग के लोग वहां काम करने आए तो उन्हें भगा दिया। इससे पीछे की तीनों कॉलोनियों के करीब 1 हजार घरों में पानी की किल्लत शुरू हो गई। कहीं कम दबाव से पानी आने लगा तो कहीं पानी की एक बूंद भी नहीं टपकी। पिछले कई दिनों से यह हाल चल रहा है। परेशान लोग गुरुवार को सीआई से भी मिले लेकिन, उन्होंने कहा कि जब तक मेरा कनेक्शन नहीं जुड़ेगा काम नहीं करने दूंगा।


‘महावीर नगर थाने पर काफी रुपया बकाया है इसलिए वहां का कनेक्शन काटा गया है। अब सीआई वहां पर काम नहीं करने दे रहे हैं इसलिए तीनों कॉलोनियों में पानी की समस्या आ रही है। कनेक्शन करने के लिए गड्ढे खोदते हैं तो सीआई बार-बार उन्हें भरवा देते हैं। ऐसे में काम कैसे करें।’-ओपी शर्मा, एईएन जलदाय विभाग ‘बकाया केवल थाने का है। सरकारी पैसा है, सरकारी विभाग में जमा करवाना है कभी भी करवा देंगे। विभाग ने थाने का ही कनेक्शन काट दिया। टैंकर से पानी लाकर काम चलाना पड़ रहा है।


इसके अलावा जलदाय विभाग ने 37 पुलिसकर्मियों के भी कनेक्शन काट दिए, जबकि उन्होंने तो बिल जमा करवा रखा है। जलदाय विभाग ने 3 महीनों से गड्ढे खोद रखे हैं। गड्ढे में गिरने से एक पुलिसकर्मी के बच्चे का हाथ फ्रेक्चर हो गया। इसलिए जानबूझकर गड्ढे भरे हैं। पहले सभी का कनेक्शन जोड़ो फिर काम करने दूंगा।’
-रणविजय सिंह, सीआई महावीरनगर

लापरवाही की इंतहा: नसबंदी के नाम पर ले ली दो जानें


कोटा। डॉक्टरों की लापरवाही दो जननी की जान पर भारी पड़ गई। कोटा में एक महिला का नसबंदी आपरेशन फेल हुआ। गर्भपात करना पड़ा। उसके बाद फिर आपरेशन हुआ। उसमें फिर लापरवाही हुई और अंत में उसकी सांसें ही जवाब दे गई। वहीं कैथून में भी डीएनसी और उसके बाद आपरेशन में बरती गई लापरवाही ने तीन बच्चों से मां का आंचल छीन लिया। कोटा में डॉक्टर के खिलाफ सदोष मानव वध का मुकदमा भी दर्ज किया गया। वहीं कैथून के मामले में प्रभारी मंत्री के हस्तक्षेप के बाद जांच शुरू कर दी गई।

बहू के बेडरूम में पति की जगह कोई और, जिंदगी में आया तूफान




हिसार. चरखी दादरी.रानीला में बेगाने घर में घुसा एक युवक परिवार के लोगों के हत्थे चढ़ गया। गांव वालों ने उसकी अच्छी धुनाई की और बाद में चेन से बांध दिया।
काफी देर हंगामे के बाद पंचायत में मामला सुलझाने पर सहमति बनी। पंचायत में पीड़ित परिवार के अलावा घर की पुत्रवधु और आरोपी पक्ष के लोगों को भी बुलाया गया। दिन भर चली पंचायत में मौजिज लोगों ने विवाद खत्म करने का प्रयास किया, परंतु बात नहीं बन पाई।
बुधवार को युवक को परिवार वालों ने देखा। वह एक कमरे में बेड के नीचे छिपा हुआ था। परिवार वालों ने उसे पकड़ा और बाहर ले आए। देखते ही देखते घर के बाहर लोगों का हुजूम लग गया।
गांव वालों ने युवक की जमकर धुनाई की और चेन में जकड़ दिया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना आरोपी युवक के परिजनों को दी और विवाहिता के पीहर वालों को भी बुलवा लिया। पीड़ित परिवार ने कहा कि वे अब किसी सूरत में अपनी बहू को अपने घर पर नहीं रखेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि बहू की शह पर ही युवक रात को उनके घर में घुसा था।
मामला बिगड़ता देख विवाहिता के परिवार वालों ने अपनी बेटी की जिंदगी की दुहाई दी और एक मौका और देने की बात कही। करीब एक बजे तक पंचायत में विचार विमर्श चलता रहा लेकिन कोई फैसला नहीं हो सका। पंचायत के बाद युवक को छोड़ दिया गया।

बहुचर्चित एएनएम भंवरी देवी अपहरण कांड की मुख्य कड़ी पीपाड़ का शहाबुद्दीन है



जोधपुर।बहुचर्चित एएनएम भंवरी देवी अपहरण कांड की मुख्य कड़ी पीपाड़ का शहाबुद्दीन है। वही अपनी बोलेरो में भंवरी का अपहरण कर ले गया और उसी ने भंवरी को उत्तर प्रदेश की गैंग को सौंपा था। शहाबुद्दीन ने किसके इशारे पर भंवरी का अपहरण किया, यह खुलासा उसकी गिरफ्तारी के बाद ही हो पाएगा। पुलिस ने शहाबुद्दीन की सूचना देने वाले को इनाम देने घोषणा की है। पुलिस ने गुरुवार को उसके घर की तलाशी ली।
इस बीच पुलिस सीकर में पकड़े गए अशोक माली को झांसी से जोधपुर ले आई है। उससे गहन पूछताछ की जा रही है। अशोक ने अपने दो साथियों के नाम भी पुलिस को बताए हैं। पुलिस की इस मशक्कत के बावजूद भंवरी का अब तक सुराग नहीं लगा है। इस मामले में गिरफ्तार ठेकेदार सोहनलाल को गुरुवार को दुबारा कोर्ट में पेश कर 19 सितंबर तक पुन: रिमांड पर लिया गया है।
तीन दिन बाद फरार हुआ शहाबुद्दीन
भंवरी की गुमशुदगी दर्ज होने पर पुलिस ने पीएचईडी ठेकेदार सोहनलाल को हिरासत में लिया था। भंवरी सोहनलाल से कार के पैसे लेने का कह कर घर से निकली थी। सोहनलाल के कहने पर ही भंवरी बिलाड़ा आई थी, वहां से शहाबुद्दीन उसे अपनी बोलेरो में बैठा कर ले गया और यूपी की गैंग के हवाले कर दिया। शहाबुद्दीन तीन दिन तक पीपाड़ में रहा, वह 4 सितंबर को फरार हुआ और 5 सितंबर को अपहरण का मुकदमा दर्ज हो गया। तब से वह पुलिस के हाथ नहीं लगा।
अशोक ने पुलिस को गुमराह किया
पुलिस ने अपहरण कांड में सोहनलाल, शहाबुद्दीन और यूपी की गैंग के रूप में कड़ियां जोड़ी हैं। शहाबुद्दीन ने सोहनलाल का उपयोग किया और अशोक ने पुलिस को गुमराह कर दिया। पुलिस अशोक को सीधे झांसी और ओराई ले गई और वहां उसके कहे अनुसार जमीन की खुदाई की, मगर भंवरी का शव नहीं मिला। फिर वह अपने बयान से पलट गया। अशोक ने अब गहन पूछताछ के बाद अपने दो साथियों के नाम भी पुलिस को बताए हैं।
अशोक ने फंसाया परमानंद को
यूपी का अशोक माली अपने पिता के साथ पहले चूरू में रहता था। कुछ समय पहले वह आर्म्स एक्ट के मुकदमे में गिरफ्तार हुआ था। उसे शक था कि परमानंद भोजक की मुखबिरी से पुलिस ने उसे पकड़ा है। इसलिए अशोक ने पुलिस को अपने साथी के रूप में परमानंद का नाम बता दिया। पुलिस ने तीन दिन उससे पूछताछ की, गुरुवार को उसे छोड़ दिया।

वो मदद के लिए गिड़गिड़ाती रही, भीड़ खींच रही थी फोटो

जयपुर। गांधीनगर रेलवे स्टेशन के सामने गुरुवार शाम एक तेज रफ्तार सरकारी कार ने सड़क के किनारे जा रही महिला को टक्कर मार दी। इसके बाद बेकाबू कार डिवाइडर से टकराकर पलट गई। कार चालक भाग गया। घायल महिला फुटपाथ पर करीब दस मिनट तक तड़पती रही। भीड़ लगी, लेकिन तमाशबीन।


इस बीच वहां से एक्टिवा पर आ रही एक युवती व उसकी बहन ने तड़पती महिला को फुटपाथ पर दर्द से कराहते देखा और मदद को दौड़ पड़ीं। फिर पुलिस व 108 एंबुलेंस को फोन किया। घायल महिला के साथ खुद एसएमएस अस्पताल भी गईं।


घायल महिला आपकी मां है? सवाल पर मददगार युवती तड़प उठी। उसने कहा कि क्या जरूरी है रिश्तेदार होना? मेरी मां का हादसा भी दुर्गापुरा में ही हुआ था। उनको भी अनजान फरिश्ते ने अस्पताल पहुंचाया था, हालांकि वे बच नहीं पाईं। जैसे हमने खोया, कोई और अपनी मां न खोये। मैंने उनको तड़पते देखा था। अब कोई हादसा देखती हूं तो एक बारगी मां आखों के सामने आ जाती हैं।


हादसे में घायल उगंता शर्मा (45) करौली जिले में नादौती के गांव कैमला की रहने वाले केदार शर्मा की पत्नी है। उन्हें अपनी बेटी रेखा को यहां बजाज नगर में एक डॉक्टर को चैकअप कराना था। इस पर उगंता, रेखा व उसकी बेटी गुरुवार शाम को करीब 6:30 बजे ट्रेन से गांधी नगर रेलवे स्टेशन पहुंची थीं।


पैदल चलते टक्कर मारी

उगंता, रेखा बच्ची के साथ स्टेशन से बाहर निकलीं और पैदल सड़क के किनारे बजाज नगर की तरफ चलने लगीं। इसी दौरान सरस डेयरी पुलिया की तरफ से तेज रफ्तार में आ रही एक इंडिका कार ने गांधी नगर रेलवे स्टेशन के समीप उगंता को टक्कर मारी। इससे कार की चपेट में आई उगंता कुछ दूर तक घिसटती चली गई।


वो मदद के लिए गिड़गिड़ाती रही, भीड़ फोटो खींच रही थी


हादसे के बाद कार चालक भाग गया। बायां हाथ व अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें आने से उगंता फुटपाथ पर लेटी तड़प रही थी। रेखा दो वर्षीय बेटी को गोद में लिए भीड़ से मदद मांग रही थी, जबकि तमाशबीन मोबाइल कैमरों से कार व उगंता के फोटो खींच रहे थे। तभी दुर्गापुरा निवासी डॉ.सोनिया दत्त शर्मा व उनकी बहन शिवांगी आईं।


उन्होंने उगंता व रेखा को ढाढ़स बंधाया। आसपास के लोगों से पुलिस और एंबुलेंस को सूचना देने के लिए कहा। साथ ही उगंता को ले जाने के लिए दूसरी गाड़ी भी तलाशी। इस बीच 108 एंबुलेंस वहां पहुंची। एंबुलेंस के ईएमटी वाजिद अली और पायलट दिनेश से आग्रह कर सोनिया भी उगंता व उनकी बेटी रेखा के साथ अस्पताल गईं। शिवांगी को एक्टिवा से बुलाया।


उगंता व रेखा को देख अपनी कहानी याद आ गई


मैं अपनी बहन शिवांगी के साथ एक्टिवा से गांधीनगर स्टेशन गई थी। तभी देखा- पलटी हुई कार में सवार दो युवक बाहर निकलकर भाग रहे हैं और कार व डिवाइडर के बीच एक महिला फंसी हुई लहुलुहान हालत में पड़ी है। लोगों की मदद से मैंने व शिवांगी ने उसे फुटपाथ पर पहुंचाया। फिर 108 पर फोन किया।


मेरी मां चंद्रकला की दो वर्ष पहले पिताजी के साथ स्कूटर पर जाते वक्त सड़क हादसे में मौत हो गई थी। मां को तड़पते देखा था, इसलिए जब उगंता को उस स्थिति में देखा तो मां याद आ गईं। मेरी तरह किसी और बेटी को मां को सड़क हादसे में नहीं खोना पड़े। इसलिए मैं उनकी मदद करना चाहती थी। यही सोचकर कि शायद उस महिला की जान बच जाए।-जैसा यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज में लेक्चरर सोनिया दत्त ने फोन पर बताया।

मोदी के उपवास का खर्च उठाएगी गुजरात सरकार...अब देश में आओ उपवास उपवास खोलें

हमारे देश में अगर नेता कुछ भी करे तो मिडिया उसका राजनीतिकरण कर उसकी गंभीरता को खत्म कर देता है .आप सभी जानते हैं के देश में सभी राजनितिक दलों ने रोज़े और रोज़े अफ्तार का राजनीतिकरण कर दिया है ..जबकि अब उपवास का पहली बार देश में राजनीतिकरण हुआ है और वोह भी भाजपा के आर एस एस के सिपाही और पूर्व सिपाही ने ऐसा किया है ......दोस्तों आप सभी जानते हैं के मोदी आर एस एस के हैं और गुजरात में कोंग्रेस के जो अध्यक्ष बाघेला हैं है वोह कभी मोदी के साथी भाजपा के सिपाही और आर एस एस के रंग रुट रहे हैं ....अभी हाल ही में एक खबर के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपवास की घोषणा की उपवास सार्वजनिक नहीं होता यह तो निजी होता है और उपवास का सम्बन्ध बंदे और खुदा से होता है इसे सार्वजनिक करने की कतई आवश्यकता नहीं होती खेर हमारे मोदी जी है ..अद्च्छे प्रशासक है ..बोलते अच्छा है भाजपा के सिरमोर और प्रधानमन्त्री के दावेदार हैं बस उन्होंने इसे जनता के समक्ष एक पत्र लिख कर सार्वजनिक कर डाला ..अगर मोदी उपवास करना चाहते हैं या उपवास कर भी रहे हैं तो इससे भला किसी को क्यूँ और क्या एतराज़ होना चाहिए लेकिन कोंग्रेस जो ठहरी उसने मोदी के उपवास को भी राजनितिक रंग दे दिया पहले दिल्ली से उपवास की आलोचना हुई और फिर गुजरात में कोंग्रेस के पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाघेला ने भी उपवास का जवाब उपवास से देने के लियें उपवास रखने की घोषणा कर दी दोस्तों देश में सभी बिन्दुओं पर राजनितिक साजिशें रची गयी हैं और अब जब इस मामले में राजनीति छिचाले दरी होने लगी है तो तोबा करने को जी चाहता है इसलियें कहते है के यह मेरा देश हैं यहाँ आओ उपवास उपवास खेलें ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अहमदाबाद. गुजरात के मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी पर दोहरा वार हुआ है। एक तरफ उनके खिलाफ गुजरात दंगों में भूमिका को लेकर सनसनीखेज आरोप लगाने वाले आईपीएस अफसर संजीव भट्ट ने एक बार फिर उन्‍हें निशाने पर लिया है, तो दूसरी ओर कांग्रेस ने भी मोदी के उपवास का जवाब उन्‍हीं के अंदाज में देने का ऐलान किया है।

गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष अर्जुन मोडवाडिया ने आज कहा कि मोदी का उपवास नकली सद्भभावना है। उन्‍होंने कहा, '१० सालों में कहां थी मोदी की यह सद्भावना? उन्‍हें गरीबों और बेरोजगारों से सद्भावना क्यों नहीं है? मोदी खुद से गुजरात को न जोड़ें।' कांग्रेस ने अपने उपवास को उपवास यज्ञ का नाम दिया है और कहा है कि यह कांग्रेस का नहीं बल्कि आम जनता का उपवास होगा।
मोदी पर सद्भावना का नाटक करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी और सद्भावना अलग-अलग चीजें हैं। उन्‍होंने सवालिया लहजे में कहा, 'पांड्या के मर्डर के बाद मोदी, आडवाणी उनके घर क्‍यों नहीं गए थे।'
भट्ट ने मोदी को खुला पत्र लिखते हुए कहा है कि सीएम और उनकी पार्टी बीजेपी ने हाल में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मामले में ‘पूरी तरह अर्थ का अनर्थ किया है।’ भट्ट ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला किसी भी सूरत में नरेन्द्र मोदी को क्लीन चिट नहीं देता और किसी मायने में यह नहीं कहता कि उनके खिलाफ जाकिया जाफरी की शिकायत 'गैर-तथ्यात्मक' है। संजीव भट्ट ने लिखा है, 'बीजेपी या उसके नेता नरेंद्र मोदी के प्रचार के विपरीत यह फैसला गुजरात दंगों के पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में एक बेहद महत्वपूर्ण कदम है।'

बीते अप्रैल में संजीव भट्ट ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर कहा था कि 27 फरवरी 2002 को वह एक बैठक में शामिल थे जिसमें सीएम मोदी ने वहां मौजूद पुलिस अफसरों से कहा था कि वो दंगाइयों को नजरअंदाज करें और दंगों का शिकार हो रहे लोगों की शिकायतों को भी नजरअंदाज करे।

उधर, गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शनिवार से तीन दिनों का उपवास करने की घोषणा के बाद कांग्रेस नेता शंकरसिंह वाघेला ने भी साबरमती आश्रम में उसी दिन से तीन दिनों का उपवास रखने का ऐलान कर दिया है। वाघेला ने कहा कि मोदी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का गलत मतलब निकाल रहे हैं और खुद को बेदाग साबित करने की कोशिश में हैं। उन्‍होंने कहा, 'मोदी इतने बेदाग हैं तो वे राज्‍य में लोकायुक्‍त का विरोध क्‍यों कर रहे हैं।'

सरकार उठाएगी उपवास का खर्च

मोदी ने घोषणा की थी कि वह अपने 61वें जन्मदिवस (17 सितंबर) पर 'शांति, एकता एवं सामाजिक सद्भाव' के लिए तीन दिनों का उपवास करेंगे। इसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं गुजरात सरकार मोदी के उपवास का भुगतान करेगी। सभी खर्च चेक भुगतान के जरिये किए जाएंगे।

मोदी के उपवास के जवाब में संजीव भट्ट ने लिखा है, 'छह करोड़ गुजरातियों में से मैं भी एक हूं और मैं तब खुद को बेहद ठगा हुआ महसूस करता हूं जब आप जैसे लोग अपने निहित स्वार्थों के लिए गुजरात के लोगों को बहकाने का काम करते हैं।'

मोदी पर पलट वार करते हुए संजीव भट्ट ने कहा है कि सद्भावना, सच्चाई और न्याय के बिना अधूरी है और इसे कोई मांग या खरीद नहीं सकता। उन्‍होंने कहा कि इस बाबत लोगों का विश्वास जीतना अब मोदी के लिए मुश्किलों से भरा है। भट्ट ने कहा कि जिस फैसले पर मोदी और उनके साथ जुड़े लोग बेहद खुश हैं वह फैसला असल में असल में बेहद चालाकी के साथ दंगों के लिए जिम्‍मेदार लोगों को उनके अंजाम तक पहुंचाने में अहम भूमिका अदा करेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2002 के गुजरात दंगे मामले में जाकिया जाफरी की ओर से दायर याचिका पर मोदी को राहत दी है। न्यायालय के इस फैसले के एक दिन बाद मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की है। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि इस मामले में निर्णय निचली अदालत करेगी।

3.14 रुपए प्रति लीटर महंगा हो गया पेट्रोल



आम लोगों पर महंगाई की एक और मार पड़ गई है। ऑयल मर्केटिंग कंपनियों की तरफ से पेट्रोल के दाम में 3.14 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी गई है। बढ़ी हुई कीमतें आज आधी रात से ही लागू हो जाएंगी। कीमतों में की गई इस बढ़ोतरी के बाद अब राजधानी दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 66.87 रुपए लीटर मिलेगा। वहीं मुंबई में इसकी कीमत 71.76 रुपए प्रति लीटर, कोलकाता में 71.45 रुपए प्रति लीटर और भोपाल में 71.63 रुपए प्रति लीटर होगी।


बताया जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में हो रही बढ़ोतरी और डॉलर के मुकाबले रुपए की वैल्यू में आ रही गिरावट के चलते तेल कंपनियों का नुकसान काफी बढ़ गया है। और इसे देखते हुए ही सरकार की तरफ से पेट्रोल के दाम में बढ़ोतरी को हरी झंडी दी गई है। खबर है कि लागत से कम कीमत पर पेट्रोल बेचने के चलते तेल कंपनियों को प्रति लीटर 2.61 रुपये का नुकसान हो रहा था। और इस हिसाब से रोजाना की बिक्री से कंपनियों को 15 करोड़ रुपए का उठाना पड़ रहा था।

आपको बता दें कि पिछले साल जून में सरकार ने पेट्रोल की कीमत को डीकंट्रोल यानी सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर दिया था। इसके बाद से तेल कंपनियों द्वारा 10 बार पेट्रोल के दाम में बढ़ोतरी की जा चुकी है। इसी साल मई महीने में पेट्रोल के दाम में 5 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी।

ऑपरेशन के बाद पहली बार सोनिया ने ली पार्टी की बैठक


नई दिल्ली. इलाज के बाद पिछले सप्ताह अमेरिका से लौटी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी गुरुवार को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक की अध्यक्षता करने के साथ ही पार्टी का कामकाज देखना फिर शुरु कर किया।


इसकी के तहत उनके निवास पर गुरुवार को शाम चार बजे केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई। इस बैठक में वह पहली बार पार्टी नेताओं से रूबरू हुईं। बैठक में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हुई।



पार्टी अगले साल यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए काफी गंभीर हैं। इसी के मद्देनज़र पार्टी ने यूपी चुनाव को लेकर बैठक की।
गांधी का गत चार अगस्त को अमरीका में आपरेशन हुआ था और करीब एक माह तक वहां स्वास्थ्य लाभ करने के बाद वह आठ सितंबर को दिल्ली लौटी थीं।

डाक्टरों की पूर्ण विश्राम की सलाह के अनुरुप उन्होंने अभी तक नेताओं से मिलना जुलना शुरु नहीं किया है।
इससे पहले कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और सूचना एवं प्रसारण मंत्नी अंबिका सोनी ने इस पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि पार्टी के हर कार्यकर्ता की दिलीख्वाहिश थी कि श्रीमती गांधी जल्द से जल्द स्वस्थ होकर पार्टी और सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) का काम उसी तरह बखुबी संभाल लें जैसा वह पहले करती रहीं हैं।

सोनी ने कहा कि इलाज करा कर वापस लौटने के बाद अभी तक उनकी पार्टी अध्यक्ष से मुलाकात नहीं हुई है।
बुधवार को पहली बार वो सार्वजानिक तौर पर तब दिखी जब वह अपनी बेटी प्रियंका रोबर्ट वाडरा से मिलने उनके घर गईं।

आखिर इंसान जानवर क्यूँ बन जाता है

आखिर इंसान जानवर क्यूँ बन जाता है ..बरसों पुराने रिश्ते भुला कर क्यूँ नफरत की आग में जल कर देश में मारकाट पर उतर आता है क्यूँ राजनितिक लोगों का शिकार होता है और गाँव .कस्बे और शहरों में साम्प्रदायिक उन्माद भड़काता है .आज तक यह बीमारी किसी के समझ में नहीं आई और ना ही किसी ने इसका इलाज निकाला है ........दोस्तों पिछले दिनों कोटा के एक कस्बे मोड़क के पास जल झुलनी के जुलुस के दोरान कुछ उत्पातियों ने माहोल खराब किया उत्पाती दोनों पक्षों में थे और बाद में कुछ उत्पातियों की हरकतों का नतीजा यह निकला के दोनों समुदाय अलग अलग हिस्सों में बंट गए बरसों पुराना प्यार .बरसों पुराना विश्वास धरा का धरा रह गया और सभी एक दुसरे के दुश्मन हो गये एक समुदाय ने छोटे समुदाय के वाहनों को आग लगाई दुकाने जलाई और बाज़ार बंद करवा दिए ...कल हमने भी मोके पर जाकर हालात जाने लेकिन वहां कोई बहुपक्षीय नहीं था सब एक पक्षीय था हिन्दू हिन्दू की बात करता है और मुसलमान की बात करता हैं कोई हिन्दुस्तानी कोई भारत का नागरिक नहीं बनना चाहता था खेर समझाईश विफल रही पुलिस और प्रशासन ने बहतर प्रदर्शन कर कई खतरनाक घटनाओं को पहले ही रोक दिया फिर किया था एक विशेष गुट पुलिस प्रशासन का दुश्मन हो गया मोड़क तो बंद था ही फुटकर दुकानों को बंद करवाया जाने लगा ..कोटा भी बंद का आह्वान किया गया फिर हाडोती बंद कराने की धमकी दी बस समझाईश का दोर शुरू हुआ कोटा कलेक्टर जी एल गुप्ता और कार्यवाहक आई जी पी रामजी ने समझाइश करना शुरू की और फिर कामयाबी भी मिली कोटा बंद का आव्हान वापस लिया गया और फिर प्रशासन की बल्ले बल्ले ..लेकिन मेरी यह समझ में नहीं आता के रहना हम लोगों को आपस में ही एक दुसरे के साथ है फिर क्यूँ हम लोग एक दुसरे के खिलाफ जहर घोलते हैं बुरे लोग हर समुदाय में होते हैं और सभी लोगों को मिलकर गिनती के बुरे लोगों को नामजद कर उनका सामजिक बहिष्कार करना चाहिए उन्हें पुलिस के हवाले करना चाहिए ताकि साम्प्रदायिकता का जहर फेलाने वालों को कठोर दंड मिल सके खुदा जाने अब साम्प्रदायिकता के खिलाफ दोषी लोगों को दंडित करवाने उनका सामाजिक बहिष्कार करवाने के लियें कोई अन्ना कब आयेगा ....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

केंद्र सरकार के कर्मचारियों का डीए 7 फीसदी बढ़ा


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केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 7 फीसदी की बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है। इसका फायदा केंद्र सरकार के 50 लाख कर्मचारियों के महंगाई भत्ते यानी डीए में बढ़ोतरी के तौर पर होगा। वहीं करीब 40 लाख पेंशनरों को इसका फायदा महंगाई राहत यानी डीआर में बढ़ोतरी के तौर पर होगा।

महंगाई भत्ते में की गई यह बढ़ोतरी 1 जुलाई से लागू की गई है। महंगाई भत्ते में की गई इस बढ़ोतरी के बाद सरकारी कर्मचारियों के लिए अब महंगाई भत्ता उनके मूल वेतन के 51 प्रतिशत से बढ़कर 58 फीसदी हो गया है। बताया गया है कि डीए और डीआर में बढ़ोतरी से सरकार पर सालाना 7,229 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।

फिर 3 रुपए महंगा हुआ पेट्रोल, रसोई गैस के देने पड़ सकते हैं 662 रुपये

नई दिल्‍ली. सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल के दाम 3 रुपए लीटर तक बढ़ा दिए हैं। बढ़ी कीमतें आज आधी रात से लागू हो जाएंगी। तेल कंपनियों का कहना है कि डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए के दो वर्ष के न्यूनतम स्तर तक पहुंचने से इंडियन ऑयल, बीपीसीएल और एचपीसीएल की कच्चा तेल आयात करने की लागत बढ़ गई है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने पेट्रोल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों के अनुरूप घरेलू कीमतों में स्थानीय कर सहित सहित 3 रुपए लीटर तक बढ़ाए जाने की जरूरत बताई थी। उन्होंने कहा कि तीनों सरकारी तेल कंपनियों को लागत से कम कीमत पर पेट्रोल बेचने के कारण प्रति लीटर 2.61 रुपए या रोज 15 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। कंपनियों को चालू वित्त वर्ष में अब तक 2,450 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। मौजूदा दरों पर पेट्रोल बेचने से उन्हें इस वित्त वर्ष में और 2,850 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। इस तरह उन्हें पूरे वित्त वर्ष में 5,300 करोड़ रुपए का घाटा होगा। गत वर्ष जून में सरकार पेट्रोल की कीमत नियंत्रणमुक्त कर चुकी हैं।
घरेलू गैस भी हो सकती है महंगी
तेल कंपनियों के घाटे पर चर्चा के लिए मंत्री समूह की बैठक शुक्रवार को होगी। बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी करेंगे। इस बैठक में घरेलू रसोई गैस सिलेंडर से सब्सिडी हटाने का मसला भी साफ हो जाएगा। इस बैठक में यह तय होने की उम्मीद है कि मेट्रो शहरों में एक परिवार को साल में सब्सिडी वाले कितने सिलेंडर दिए जाएं।
क्या है प्रस्ताव
एक परिवार को साल में अधिक से अधिक चार से छह सिलेंडर सब्सिडी पर मुहैया कराने का प्रस्ताव है। इसके बाद जो भी सिलेंडर दिए जाएं उसकी पूरी कीमत ग्राहकों से ली जाए। जिन लोगों के पास कार अथवा दोपहिया वाहन या अपना घर हो या फिर उनका नाम आयकरदाताओं की सूची में शामिल हैं, ऐसे लोगों को रियायती दर पर रसोई गैस सिलेंडर की आपूर्ति सीमित की जानी चाहिए।
बैठक में इस बाबत कोई फैसला होता है तो ग्राहकों को अतिरिक्त सिलेंडरों के लिए 395 रुपए की जगह ६६२ रुपए देने पड़ेंगे। फिलहाल सरकार रसोई गैस सिलेंडर पर २६७ रुपए की सब्सिडी दे रही है।

सांसद संदीप दीक्षित की सीट से मिले 10 लाख रुपये, जांच शुरू


भोपाल. भोपाल एक्सप्रेस में सवार होकर गुरुवार सुबह भोपाल पहुंचे दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुत्र और लोकसभा सदस्य संदीप दीक्षित की सीट से नोटों से भरा बैग बरामद किया गया। संदीप दीक्षित परिवार समेत रेलगाड़ी की बोगी संख्या एच-1 में यात्रा कर रहे थे।

आरपीएफ मामले की जांच कर रहा है।

पुलिस के अनुसार दीक्षित बुधवार शाम को दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से भोपाल एक्सप्रेस में सवार हुए थे। यह रेलगाड़ी गुरुवार सुबह यहां लगभग 7.20 बजे पहुंची।

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) सूत्नों के अनुसार हजरत निजामुद्दीन से यहां हबीबगंज स्टेशन पहुंची भोपाल एक्सप्रेस के डिब्बों की सफाई का काम चल रहा था। तभी अचानक एसी फस्र्ट कोच के एक कूपे से नोटों की गिड्डियां मिलीं। बताया गया है कि यह दस लाख रूपए थे।

सूचना मिलते ही रेलवे अमला और आरपीएफ तुरंत सक्रिय हो गया। जहां से नोट मिले,वह कूपा दीक्षित और उनकी पत्नी के नाम पर आरक्षित था।

नोट आरपीएफ ने अपने कब्जे में ले लिए हैं।

इस संबंध में दीक्षित ने मीडिया से कहा कि यह नोट उनके एक मित्न के थे,जो ट्रेन के अन्य कोच में यात्ना कर रहे थे। उन्होंने रूपए सुरक्षा की दृष्टि से रात्नि में उनके पास रख दिए थे और सुबह वह इन नोटों को अपने साथ ले जाना भूल गए।

संदीप दीक्षित ने बताया कि उन्होंने अपने मित्र की मदद रूपए की सुरक्षा के लिहाज से की थी और वह आगे भी अपने दोस्तों की मदद करते रहेंगे। और जहां तक बैग में मिले रुपयों का सवाल है तो इसके लिए उनके दोस्त इसका उचित जवाब देंगे।

उधर दीक्षित के दोस्त माथुर ने भी पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि यह बैग उनका ही है चूंकि वह एसी-2 में सफ़र कर रहे थे और संदीप दीक्षित कूपे में थे, इसलिए उन्होंने उनसे आग्रह किया कि वह बैग को अपने पास रख लें।

सुबह जब ट्रेन भोपाल पहुंची तो उन्हें लगा कि संदीप ने बैग अपने साथ उतार लिए होंगे। पर उन्हें एक घंटे बाद पता चला कि संदीप वह बैग उतारना भूल गए हैं। बाद में स्टेशन जाकर पता चला कि बैग को एक सफाई कर्मचारी ने पुलिस को सौंप दिए हैं।

जयेश ने बताया कि उन्हें अपने रूपए वापस लेने में लम्बी क़ानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा और अब कोर्ट से उन्हें अपने रूपए वापस लेने होंगे।

जयेश ने बताया कि वह यह रूपए भोपाल में रहने वाले अपने सेवानिवृत्त पिता के लिए एक फ्लैट खरीदने के उद्देश्य से साथ लाए थे।

राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के पुलिस अधीक्षक ऐ.के. अरजरिया ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच आरपीएफ को सौंप दी गई है।

उधर दिल्ली के वरिष्ठ भाजपा नेता जगदीश मुखी ने इस पूरे मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी रकम का ट्रेन में लावारिस हालत में मिलना संदेह पैदा करता है,लिहाजा इसकी पूरी जांच होनी चाहिए।

अयोध्या पर फैसला सुनाने वाले जजों को मारना चाहता था सिमी, पाकिस्‍तान करवाता है हमले'



नई दिल्‍ली. प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के उन जजों को हत्या की साजिश रची थी, जिन्होंने अयोध्या विवाद से जुड़े मामले पर पिछले साल फैसला सुनाया था। लेकिन इस साजिश को नाकाम कर दिया गया था। यह सनसनीखेज खुलासा केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने गुरुवार को देश के सभी राज्‍यों के पुलिस महानिदेशकों की सालाना बैठक को संबोधित करते हुए किया। गृहमंत्री ने यह भी बताया है कि 26/11 के मुंबई हमले के बाद सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों ने 50 आतंकी मॉड्यूल को निष्क्रिय किया है।

इस मौके पर गृहमंत्री ने यह भी कहा कि भारत में होने वाले ज्‍यादातर आतंकवादी हमलों के पीछे पड़ोसी पाकिस्‍तान का हाथ है। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान आतंकवाद की धुरी हैं।
चिदंबरम ने कहा, ‘पाकिस्‍तान में स्थित अधिकतर आतंकवादी गुट भारत पर हमला करते हैं। पाकिस्‍तान में चार से पांच आतंकवादी गुट हैं। इनमें से तीन लश्‍कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्‍मद और हिजबुल मुजाहिदीन भारत पर लगातार हमला करते रहते हैं।’

चिदंबरम ने यह भी कहा कि अमेरिका समेत दुनिया का कोई भी देश आतंकी वारदात से पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। इसी साल अगस्त तक 22 देशों में करीब 279 बड़ी आतंकवादी वारदातें हो चुकी हैं। इसमें सबसे ज़्यादा अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे देश प्रभावित हुए।

गृह मंत्री ने माना कि दो महीने के भीतर दो आतंकी हमले सरकार के रिकार्ड पर धब्‍बा हैं। उन्‍होंने दिल्‍ली और मुंबई ब्‍लास्‍ट के लिए अपनी चूक कबूल की है। उन्‍होंने कहा, ‘आतंकी घटनाओं के अनसुलझे मामलों के चलते संदेह की स्थिति पैदा होती है। अदालतों में इन मामलों की सुनवाई भी लंबित है। और अधिक खुले तौर पर संवाद की जरूरत है।’ गृहमंत्री ने यह जानकारी भी दी कि कुछ मॉड्यूल इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के नाम से काम कर रहे हैं। उनके मुताबिक सिमी के कई पुराने काडर अब आईएम के काडर बन चुके हैं।
सुरक्षा बलों की तारीफ करते हुए चिदंबरम ने कहा कि हमारी सुरक्षा एजेंसियां किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए तैयार हैं और वे तत्‍पर हैं। उन्‍होंने दावा किया कि देश में हाल के वर्षों में सांप्रदायिक हिंसा में कमी आई है। उन्‍होंने कहा, 'ऐसा लगता है कि भारत में सक्रिय कुछ आतंकी मॉड्यूल चरमपंथी समूहों के संपर्क में हैं।'

वामपंथी उग्रवाद को सबसे हिंसक करार देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि इस तरह के उग्रवाद से निपटने के लिए प्रभावित इलाकों में आवंटित किए जाने वाले बजट में बढ़ोतरी की गई है।

देख लो हम महंगाई और भ्रष्टाचार के कुए में खुद गिर रहे हैं ............

देख लो भाई हम खुद ही महंगाई और भ्रस्ताचार के इस अंधे कुए में गिर रहे हैं हमारे नेता ना तो हमे बच रहे हैं और ना ही हमारे धर्म गुरु हमे बचा रहे हैं अब तो भाई खुदा ही खेर करे ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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