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18 सितंबर 2011

गोमूत्र से बनी दवा कैंसर में भी कामयाब’

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कोटा.गो मूत्र आधारित पंचगव्य चिकित्सा के विशेषज्ञ सुनील बी मानसिंहका ने दावा किया है कि गोमूत्र से बनी दवा में कैंसर पर काबू पाने की क्षमता है। गोमूत्र अर्क का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट हो चुका है।

प्रयोगशाला में जांच पड़ताल की पुख्ता प्रक्रिया के बाद इसकी गुणधर्मिता प्रमाणित हो चुकी है। पंचगव्य चिकित्सा पद्धति प्राचीनतम एवं शास्त्र आधारित है। इसमें गोमूत्र, गाय की छाछ, दही और घी आदि का उपयोग किया जाता है।

टीलेश्वर महादेव मंदिर भवन में दो दिवसीय गो-विज्ञान प्रशिक्षण शिविर के समापन सत्र में प्रमुख वक्ता के रूप में शिरकत करने आए मानसिंहका गो विज्ञान अनुसंधान केंद्र नागपुर के समन्वयक होने के साथ ही भारत सरकार के राष्ट्रीय गोवंश आयोग के सदस्य भी रह चुके हैं।

उन्होंने पत्रकारों को बताया कि 500 डॉक्टर और वैद्य पंचगव्य चिकित्सा पद्धति पर रिसर्च में कार्यरत हैं। गोमूत्र आधारित दवाओं के चार पेटेंट अब तक हो चुके हैं। गोमूत्र अर्क में विशेष गुणधर्मिता होने से कई जटिल रोगों का इलाज संभव है। उन्होंने दावा किया कि अब तक साढ़े तीन हजार कैंसर रोगी इससे ठीक हुए हैं।

किसी भी तरह का कैंसर हो, उस पर गोमूत्र से बनी दवा काबू पाने में सक्षम है। पंचगव्य चिकित्सा आने वाले समय में सर्वमान्य चिकित्सा पद्धति के रूप में स्थापित होगी। नागपुर अनुसंधान केंद्र अब तक गोमूत्र एवं गोबर अर्क आधारित 45 विभिन्न दवाएं बना चुका है।

इनमें फसलों को रोग कीट से बचाने के लिए कीट नियंत्रण दवा भी शामिल है। उन्होंने कहा कि देश में गोवंश संवर्धन के लिए पंचगव्य चिकित्सा पद्धति को अपनाने की जरूरत है। इससे गोशालाओं की आमदनी बढ़ने के साथ ही गाय की उपयोगिता में विस्तार होगा।

कोटा में भी इसके लिए टीम तैयार की जा रही है। समापन सत्र के मुख्य अतिथि जीडी पटेल थे। शिविर में भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने गायत्री परिवार की बंधा धर्मपुरा गोशाला समेत शहर की अन्य बड़ी गोशालाओं का अवलोकन भी किया।

इन इमारतों में होती है प्रेम की इबादत

श्रीगंगानगर भारत-पाकिस्तान सीमा से कुछ ही दूर स्थित गांव कोठा। सुबह के छह बजे होंगे। सूर्याेदय की लालिमा में एक मस्जिद नजर आ रही है। जरा नजदीक गए तो ‘वाहेगुरु-वाहेगुरु’ का जाप सुनाई दिया। एक मस्जिद से अजान की बजाय गुरबाणी सुनकर कदम और आगे बढ़े। मस्जिद की इमारत में श्रीगुरु ग्रंथ साहिब का दरबार सजा था। कोठा गांव का यह धार्मिक स्थल बरसों से सांप्रदायिक सौहाद्र्र का प्रतीक बना है।


खास बात यह है कि मुस्लिमों ने इस मस्जिद का निर्माण करवाया और एक सिख कारीगर ने इसकी दीवारों पर नक्काशी की। यही नहीं, एक हिंदू कम्युनिटी ने मिलकर इस इमारत में गुरुद्वारा स्थापित किया। भारत-पाक विभाजन के समय की इस अद्भुत मिसाल को देखकर हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी का सिर श्रद्धा से झुक जाता है।

किसी को एतराज नहीं

गांव के पूर्व सरपंच सुरेशकुमार बताते हैं कि सरहदी इलाका होने के कारण सुरक्षा बल कई बार सवाल करते हैं कि इस स्थान से किसी को एतराज तो नहीं? हम जानते हैं कि ऊपर वाले के इस घर से किसी को एतराज नहीं। मुसलमान चाहते थे कि मस्जिद के लिए बनी इमारत का सम्मान हो तो उनकी बात पूरी हुई। यहां की छत का लेंटर खोलते वक्त इस भवन को तैयार करने वाले कारीगर सुच्चासिंह को मुक्तसर (पंजाब) से बुलाया गया। इमरजेंसी के दौरान भी कई बार सरकारी नुमाइंदों ने अनहोनी की आशंका में यहां चक्कर लगाए। यहां सब कुशल-मंगल है। मुस्लिम खुश हैं कि खुदा को याद करने के लिए बनाई जगह पर रब का वास हो गया है।

लगता है माघी मेला

यहां हर साल माघ के महीने में मेला लगता है। श्रीअखंड साहब के पाठ होते हैं। पूरे भवन को सजाया जाता है और गांव वालों के सहयोग से अटूट लंगर लगता है। माघ मेले की रौनक देखने लायक होती है। दूर-दूर से लोग मेला देखने आते हैं। गांव की श्रीअरोड़वंश ट्रस्ट के अध्यक्ष शगनलाल मक्कड़ पुराने दिनों को याद करते हैं। गुरुद्वारे का नाम अरोड़वंश गुरुद्वारा रखा गया। कुछ समय पहले यहां दीवारों में दरारें आईं तो पूरे गांव ने मिलकर इस पवित्र इमारत को संवारा। सुबह-शाम इस गुरुद्वारे में ‘नितनेम’ होता है। हैड ग्रंथी इकबालसिंह के अनुसार, संगतों का विश्वास है कि यहां माथा टेकने से मन्नतें पूरी होती हैं।


सरहदें बंटी, प्यार नहीं

आजादी से पहले कोठा गांव में मुस्लिम आबादी ज्यादा थी। यहां खूबसूरत मस्जिद का निर्माण अंतिम चरण में था। छत का लेंटर पड़ चुका था। इस बीच, भारत-पाक विभाजन हुआ और मुसलमान पाकिस्तान चले गए। सरहद की ये लकीर दिलों को नहीं बांट पाई। मुसलमान जाते हुए अपने हिंदू भाइयों से कह गए कि जैसे भी हो, मस्जिद की इस पवित्र जगह का सम्मान हो। हिंदू कम्यूनिटी अरोड़वंश ट्रस्ट ने छत का लेंटर खुलवाया और एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। मुस्लिमों की ओर से बनाई इस खूबसूरत इमारत में हिंदुओं ने मंदिर न बनाकर श्री गुरुग्रंथ साहिब की स्थापना की।



गीदड़ांवाली का मस्जिद वाला गुरुद्वारा

गीदड़ांवाली की यह जगह मस्जिद वाला गुरुद्वारा नाम से जानी जाती है। यहां एक बूढ़ा पीपल है, जो विभाजन का साक्षी है और चश्मदीद गवाह है हिंदू-मुस्लिम प्रेम का। इस गुरुद्वारे के ग्रंथी कुलदीपसिंह के अनुसार, 1953 में उनके पिता बलवंतसिंह ने यहां पाठी की गद्दी संभाली थी। बकौल कुलदीपसिंह, पिताजी बताते थे कि 1947 के बाद ही यहां श्री गुरुग्रंथ साहिब का प्रकाश हुआ था। करीब दस साल पहले तक इस जगह पर सजदा करने मुस्लिम भी आते थे।

मुस्लिम भी आते हैं धरोहर देखने

दीवानखेड़ा की यह मस्जिद भी गुरु का घर है। गांव की श्रीगुरुद्वारा वेलफेयर सोसायटी इसकी देखभाल कर रही है। भाई रामलुभाया ने बताया कि विभाजन के बाद हिंदू मालाराम ने यहां श्री गुरुग्रंथ साहिब विराजमान करवाया था। 1947 में खंडहर हो चुकी इस मस्जिद का पुनरुद्धार गांव के लोगों ने करवाया। अभी कुछ समय पहले ही यहां रंग-रोगन करवाकर इसे नया रूप भले ही दे दिया हो लेकिन इसके मूल स्वरूप से छेड़छाड़ नहीं की गई। आज भी कई मुस्लिम परिवार अपनी इस धरोहर को देखने आते हैं।

गृहमंत्री ने जोड़े हाथ, दिल से मांगी क्षमा


कोटा.पर्यूषण में क्षमा याचना पर्व महान होता है। दिवस के रूप में इसे सिर्फ जैन समाज ही मनाता है। क्षमा में विनय व आत्मबल होता है। आत्मीय बल वाला ही इसे भोग सकता है।

यह विचार रविवार को गृहमंत्री शांति धारीवाल ने सकल दिगंबर जैन समाज समिति की ओर से छावनी के विवेकानंद स्कूल प्रांगण में आयोजित सामूहिक क्षमावणी समारोह में समाजबंधुओं से हाथ जोड़ उत्तम क्षमा मांगते हुए कही। उन्होंने कहा कि क्षमा दो शब्दों से मिलकर बना है। इसमें मां का बड़ा महत्व निहित है।

मां त्यागी, गंभीर, सहिष्णु भी है।अध्यक्षता करते हुए विधायक ओम बिरला ने कहा कि क्षमा सबसे बड़ा धर्म है। यह पूरे विश्व के लिए अनुकरणीय है। भगवान महावीर के सत्य, अहिंसा एवं क्षमा सिद्धांतों को वर्तमान समय में अपनाने की प्रबल आवश्यकता है।

सकल दिगंबर जैन समाज समिति अध्यक्ष राजमल पाटोदी, ताराचंद बड़ला, पार्षद शरणजीत कौर सहित कोटा जैन समाज की सभी संस्थाओं के पदाधिकारी, कार्यकर्ता व समाजबंधु मौजूद रहे। समारोह क्षुल्लक नयसागरजी महाराज के सानिध्य में आयोजित किया गया।

बिरला को पहनाया साफा

समारोह में गृहमंत्री धारीवाल को किसी कार्यक्रम में जाने की जल्दी थी तो उन्होंने कहा कि वो इस समाज में पैदा हुए, पले एवं बड़े हुए हैं। अब ओमजी से कहो कि वो इस समाज को ज्यादा टाइम दें। समारोह में जब गृहमंत्री का सम्मान किया जा रहा था तो धारीवाल ने विधायक बिरला को स्वयं का साफा एवं माला पहनाकर स्वागत किया।

16 दिन निराहार उपवास

दशलक्षण पर्व की श्रंखला में विज्ञान नगर क्षेत्र निवासी अमित जैन ने 16 दिन तक निराहार रहकर उपवास किए। गृहमंत्री ने स्मृति चिन्ह भेंटकर उनका स्वागत किया गया। इसके अलावा 10 व पांच दिन तक उपवास करने वालों का सम्मान किया गया।

प्रतिभाओं का किया सम्मान

समाज की विभिन्न क्षेत्रों में श्रेष्ठता हासिल करने पर 45 से अधिक प्रतिभाओं को गृहमंत्री धारीवाल, विधायक ओम बिरला सहित सकल दिगंबर जैन समाज के पदाधिकारियों ने सम्मानित किया।

81 यूनिट रक्तदान

दिगंबर जैन खंडेलवाल सरावगी समाज समिति ने रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इसमें महिलाओं व युवतियों ने उत्साह से रक्तदान किया। शिविर में करीब 81 यूनिट रक्तदान हुआ।

सुनीता बनी येलो क्वीन

दिगंबर जैन सोशल ग्रुप मैन की ओर से आयोजित क्षमा कार्यक्रम पर येलो क्वीन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। अध्यक्ष धर्मेंद्र जैन ने बताया कि प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल ने सुनीता हरसोरा का यैलो क्वीन घोषित किया गया। ग्रुप की ओर से उन्हें सम्मानित किया गया।

क्रोध को क्षमा से जीतो

क्षुल्लक नयसागर ने कहा कि क्रोध को क्षमा से जीता जाता है। जीवन में गलतियां होना स्वाभाविक है। उन्होंने क्षमा का आकलन का तरीका बताते हुए कहा कि मित्रता को जोड़ें, शत्रुता को घटाएं, अच्छाइयों को गुणा कर दो व बुराइयों को भाग दे दो।

अश्लील कमेंट सुन लड़की ने रोकी स्कूटी और टूट पड़ी


जयपुर.कमेंट पास करने पर एक युवती ने मनचले युवक की जमकर पिटाई कर दी। बाद में उसे पुलिस के हवाले कर दिया। युवती की रिपोर्ट पर विधायकपुरी पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसकी बाइक जब्त कर ली।

घटना रविवार दोपहर करीब दो बजे हसनपुरा पुलिया के पास हुई। आरोपी हाथी बाबू का बाग निवासी लोकेश पटेल (24) है। वह रेलवे में पार्सल बुकिंग एजेंट है। युवती दोपहर करीब एक बजे भांकरोटा स्थित एक संस्थान में स्कूटी से पढ़ने जा रही थी। कलेक्ट्रेट सर्किल के पास से लोकेश ने उसकर पीछा करना शुरू कर दिया। रास्ते में दो तीन जगह उसने युवती पर अभद्र कमेंट भी किए।

परेशान युवती को हसनपुरा पुलिया के पास सामने से आती हुई पुलिस की जीप दिखी तो उसने हिम्मत दिखाते हुए युवक की बाइक के आगे स्कूटी लगा दी। उतरते ही उसने युवक को पीटना शुरू कर दिया। बीच सड़क युवक को पिटते देख वहां पर काफी भीड़ जमा हो गई। करीब पांच मिनट तक जमकर पिटाई करने के बाद उसने मनचले युवक को पुलिस के हवाले कर दिया।

यहां होता है दुनिया भर के लोगों का श्राद्ध

कोटा.अपने पूर्वजों के लिए तो सभी श्राद्ध करते हैं, लेकिन इस शहर में गैरों के लिए भी श्राद्ध किया जाता है। भले ही अजीब लगेे, लेकिन 11 साल पहले शुरू हुआ यह प्रयास अब परंपरा का रूप ले चुका है। इसमें परिचित या सगे-संबंधी नहीं, बल्कि देश के महापुरुष, साहित्यकार, लेखक, विचारक, स्वाधीनता सैनानी से लेकर अकाल मौत और प्राकृतिक आपदाओं के शिकार हुए लोगों तक का श्राद्ध पूरे विधि-विधान से किया जाता है।

16दिन के श्राद्ध पक्ष की क्रिया और कर्मकांड निशुल्क है। कर्मकांड का खर्च शहर के कर्मयोगी सेवा संस्थान के 25 सदस्य वहन करते हैं। संगठन के संस्थापक अध्यक्ष राजाराम जैन कर्मयोगी बताते हैं कि वर्ष २००० में शुरू यह प्रयास बदस्तूर जारी है।

सौ गरीबो को भी भोजन कराते हैं :

पितृ-दोष से मुक्ति का 16 दिवसीय श्राद्ध पर्व 12 सितंबर से शुरू हुआ है, जो 27 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान पितरों का श्रद्धापूर्वक ध्यान कर उनकी आत्मा की शांति के लिए पूजा की जाती हैं। ब्राह्मण भोज, गाय भोज, श्वान भोज, अग्निभोज व काग भोज के साथ हर रोज 100 गरीबों को भोजन कराते हैं।

रावण चले राम की राह, देखकर हैरत में पड़े लोग!

कोटा.हाड़ौती की रामलीलाओं में रावण का किरदार निभाने वाले पात्रों ने दशानन की वेशभूषा धारण कर रविवार को जब पुराने कोटा में जुलूस निकाला तो लोग हैरत में पड़ गए। जुलूस का मकसद था रावण की भूमिका निभाने वाले इन लोगों द्वारा समाजसेवा के कार्यो में सक्रिय भागीदारी निभाना।

खास तौर से भिक्षावृति को राजस्थान से खत्म करने की मुहिम छेड़ना। इसकी शुरूआत कोटा से की गई और एक जनवरी से इस शहर को भिक्षुक मुक्त बनाने का व्यापक अभियान चलाया जाएगा।

इस जुलूस के माध्यम से जनता तक यह संदेश भी पहुंचाना था कि जिस रावण को बुराई का प्रतीक माना जाता है, जब वो ही बुराइयों से लड़ने के लिए मैदान में उतर चुका है तो लोगों में अच्छा बनने की अक्ल क्यों नहीं आती।

जीव विज्ञानियों को मिला विशालकाय एनाकोंडा


जीव विज्ञानियों की टीम ने दक्षिणी अमेरिका के गुयाना मे ऊष्ण कटिबंधीय वर्षा वनों में खोज अभियान के दौरान एक 5.4 मीटर लंबा एनाकोंडा पकड़ा।



ब्रिटेन में वेल्स के कार्डिफ इलाके से संबंध रखने वाले 29 वर्षीय जीवविज्ञानी निआल मैक्केन ने रेवा नदी के मुहाने से काफी बड़ा सांप पकड़ा।



यह विशाल सांप इतना बड़ा था कि इसका वजन 100 किलो और पेट की मोटाई 68.5 सेंटीमीटर है।



तस्वीरों में देखिए इस विशालकाय सांप को...



गोपालगढ़ में तनाव और भय के चलते पलायन जारी, कई बस्तियां हो गईं खाली

गोपालगढ़/ भरतपुर.पांच दिन बाद भी गोपालगढ़ में अभी न तनाव कम हुआ और न ही भय। रविवार को भी गोपालगढ़ सहित चार थाना क्षेत्रों व एक पुलिस चौकी क्षेत्र में कफ्र्यू दिन में भी जारी रहा। फ्लैग मार्च भी किया जा रहा है। इस दौरान केंद्रीय गृहराज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने भरतपुर के आरबीएम अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल-चाल जाना।

उन्होंने कांग्रेस नेताओं व अधिकारियों से वार्ता कर हालातों की जानकारी ली। बाद में उन्होंने मुर्दाघर के बाहर मृतकों के परिजनों को सांत्वना दी। उन्होंने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

इससे पूर्व प्रेसवार्ता में सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए, गंभीर घायलों को 2-2 लाख व अन्य घायलों को एक-एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता, एक-एक आश्रित को सरकारी नौकरी व न्यायिक व सीबीआई की जांच, कलेक्टर व एसपी को हटाने के निर्णय लिए हैं।

जैसे निर्णय पहली बार लिए हैं। मृतकों के परिजनों की कलेक्टर व एसपी के खिलाफ हत्या की धारा में मामला दर्ज करने की मांग को भी मान लिया गया है। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि रिपोर्ट देने पर अवश्य दर्ज की जाएगी। सरकार दोषी व्यक्तियों को हरसंभव कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का प्रयास करेगी।

कांग्रेस सरकार सौहार्द का वातावरण बनाने के प्रयास में जुटी है और अन्य राजनैतिक पार्टियों को भी ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे अमन चैन छिने। पूर्व सांसद विश्वेंद्र सिंह के कहने पर उन्होंने मृतकों के परिजनों में से एक-एक व्यक्ति सहित दस जनों के प्रतिनिधि मंडल की राहुल गांधी से मुलाकात कराने कराने का आश्वासन दिया।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि गोपालगढ़ की घटना की वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, केन्द्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम, सोनिया गांधी, राहुल गांधी व मुख्यमंत्री से कई बार बातें कर चुके हैं। उधर, सांसद रतन सिंह ने बताया कि सांसदों का प्रतिनिधि मंडल सोमवार को गोपालगढ़ आएगा।

कई बस्तियां हो गईं खाली

गोपालगढ़ में तनाव और भय के चलते लोगों का पलायन जारी है। हर रोज परिवार अन्य गांवों की ओर रुख कर रहे हैं। यही वजह है कि कई बस्तियां खाली हो गई हैं। गलियों में सन्नाटा और मकानों पर ताले लटके हुए हैं।

कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो मकान को ही खुला छोड़ चले गए हैं। उन्हें माल से अधिक जान की चिंता है। कब लौटेंगे, उनके परिचितों को भी नहीं पता।

इस बीच, कस्बे के व्यापारी दुकानें खोलने को तैयार नहीं। उन्हें व्यापार से पहले सुरक्षा की गारंटी चाहिए। इस संबंध में क्षेत्र के लोगों ने रविवार को अधिकारियों को ज्ञापन भी दिया और साफ कहा कि सुरक्षा मिलने पर ही बाजार खोले जा सकेंगे।

गोपालगढ़ फायरिंग: सरकार नहीं जानती किसकी गोली से गई आठ जानें

जयपुर.भरतपुर जिले के गोपालगढ़ में दो समुदायों के बीच हुए हिंसक संघर्ष में मारे गए आठ लोगों की मौत के कारणों को लेकर सरकार चार दिन बीतने के बाद भी अनजान बनी हुई है। फायरिंग में मारे गए आठ लोगों की मौत किसकी गोली से हुई, इसकी जानकारी न मुख्य सचिव को है, न डीजीपी और न ही आला अधिकारियों को।

घटना को लेकर रविवार को सचिवालय में बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में मुख्य सचिव एस.अहमद से जब यह पूछा गया कि आठ मौतें पुलिस की गोली से हुईं या आपसी संघर्ष में? तो उन्होंने कहा कि अभी दो मृतकों का पोस्टमार्टम किया गया है, जिनमें एक की मौत धारदार हथियार से और एक की मौत विस्फोटक या छर्रे लगने से हुई है, अन्य छह लोगों की मौत का कारण ज्ञात नहीं है।

अहमद ने कहा, पुलिस की गोली चलती तो बुलेट मिलती, जबकि एक मृतक के शरीर से छर्रे निकले हैं। छर्रे देशी कट्टे या अन्य हथियार से ही लगे हैं, ऐसे में यह पुलिस की गोली से हुई मौत नहीं हो सकती। दो शवों का पोस्टमार्टम किया गया है, छह का पोस्टमार्टम बाकी है।

परिजनों के नहीं आने के कारण छह शवों का पोस्टमार्टम नहीं हो सका था। बाकी लोगों का पोस्टमार्टम करने के लिए जयपुर से डॉक्टरों की टीम भरतपुर जा चुकी है, जहां परिजनों की उपस्थिति में उनका पोस्टमार्टम होगा। पोस्टमार्टम की वीडियो रिकॉर्डिग होगी।

गिरफ्तारी पर नहीं अभी शांति पर ध्यान

घटना के दोषियों की गिरफ्तारी के सवाल पर अहमद ने कहा कि फिलहाल हमारा ध्यान वहां शांति व्यवस्था बनाए रखने पर है। जहां तक गिरफ्तारियों का सवाल है तो जांच रिपोर्ट में तय हो जाएगा कि कौन दोषी है इसके बाद ही गिरफ्तारियां होंगी।

मुख्य सचिव ने कहा कि घटना सांप्रदायिक दंगा नहीं थी। यह गुर्जर और मेव समुदाय के बीच एक भूखंड के विवाद को लेकर हुई घटना थी। इसे सांप्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए।

पुलिस गोली नहीं चलाती तो 150 से ज्यादा लोग मारे जाते :

पुलिस की ओर से फायरिंग करने के सवाल पर मुख्य सचिव ने कहा कि वहां हालात ऐसे थे कि पुलिस अगर गोली नहीं चलाती तो वहां 150 से ज्यादा लोग मारे जाते। दोनों समुदायों की महा पंचायतें हुई थीं और वहां भारी भीड़ जमा हो गई थी।

मृतकों और घायलों की सूची जारी :

सरकार ने गोपालगढ़ की घटना के चार दिन बाद रविवार को आठ मृतकों और 21 घायलों की सूची जारी की। मुख्य सचिव ने बताया कि घायलों में 11 का एसएमएस अस्पताल जयपुर, चार भरतपुर और चार अलवर के सरकारी अस्पताल में उपचार चल रहा है।

दो घायलों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। अस्पतालों में भर्ती 11 घायलों को भोंथरे हथियारों की चोटें हैं, 6 को छर्रे लगने की चोटें, तीन लोग गोली लगने और एक व्यक्ति जलने से आई चोटों से घायल है। घायलों की स्थिति खतरे से बाहर है।

शादी के पहले मंत्री ने खूब किया प्यार, अब कर रहे नफरत'

रांची/ जामताड़ा/ धनबाद। कृषिमंत्री सत्यानंद झा बाटुल को एक महिला ने कानूनी नोटिस भेज कर अपना पति बताया है।

जामताड़ा प्रखंड के करजोरी गांव की सोनी देवी ने कहा है कि बाटुल ने उनसे मंदिर में शादी की थी। सोनी ने अपने तीन वर्षीय बेटे विशाल झा को बाटुल का पुत्र बताया है। नोटिस में सोनी ने विशाल को बेटे का अधिकार देने की मांग की है।

हटाए जा सकते हैं मंत्री

बाटुल को मंत्री पद से हटाने पर सरकार के भीतर विचार-विमर्श शुरू हो गया है। राज्य सरकार और खास कर भाजपा भारी दबाव में है। सीएम अर्जुन मुंडा व प्रदेश भजपा अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी को मामले की पूरी जानकारी दे दी है। सूत्रों के अनुसार जामताड़ा के एसपी और डीएसपी ने सोनी से लंबी पूछताछ की है। पुलिस जल्द ही सरकार को रिपोर्ट करेगी।

पहले से हैं दो पत्नियां

बाटुल झा की पहली पत्नी चंपा देवी थीं। चंपा से उन्हें दो पुत्र किशोर झा और बबलू झा पैदा हुए। एक पुत्री भी हुई। दूसरी पत्नी बिथिका झा हैं, जो कुंडहित प्रखंड के बनकाठी में रहती हैं। बिथिका से बाटुल को कोई संतान नहीं है।

कौन है सोनी देवी

सोनी देवी करजोरी में ही पारा टीचर हैं। सोनी के अनुसार उनके पति का नाम सत्यानंद झा बाटुल और पिता का नाम कमलेश्वरी चौधरी है। वह अपना पता बैजनाथपुर, देवघर बताती हैं। सोनी के अनुसार उसकी पहली शादी कमलेश्वरी चौधरी से 1991 में हुई। बाद में वह पहले पति से अलग रहने लगीं। 1993 में वह बाटुल झा के संपर्क में आईं। 15 अप्रैल 1996 को बाटुल झा के साथ उन्होंने मंदिर में शादी की। शादी के बाद बाटुल से उन्हें एक पुत्र पैदा हुआ। उसका नाम विशाल भी बाटुल झा ने ही रखा।

डीएनए ही प्रमाण पत्र : सोनी देवी

सोनी देवी का कहना है कि शादी करने का उसके पास भगवान और डीएनए के अलावा कोई प्रमाण नहीं है। उसके सर्टिफिकेट की स्कूल में जांच में भी पति की जगह पिता का नाम पाया गया है। सोनी का कहना है कि 13 सितंबर को अंतिम बार बाटुल झा उनके पास मोटर साइकिल से आए थे। सोनी का आरोप है कि विधायक और मंत्री बनने से पूर्व बाटुल उन्हें पत्नी का प्यार देते थे, लेकिन मंत्री बनने के बाद ठुकरा दिया।

सोनी मेरी पत्नी नहीं : बाटुल

सत्यानंद झा बाटुल ने कहा, ‘मुझ पर बेबुनियाद आरोप लगाया जा रहा है। डीएनए टेस्ट करा लें, आरोप सच हुआ तो मैं मंत्री पद छोड़ दूंगा। तब सोनी को पत्नी का दर्जा और सारी सुविधाएं भी दूंगा। जब मैं स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत था तब से सोनी से परिचय है।

राजनीति के क्रम में कई बार वह मुझसे मिली थीं। मेरे विधायक और मंत्री बनने के बाद मुझ पर गलत आरोप लगाते हुए पैसे की मांग की जा रही है। ’'जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद ही कुछ भी कहूंगा। महिला विवाहित है। बगैर जांच रिपोर्ट के कुछ भी कहना जल्दीबाजी होगी।'

- अर्जुन मुंडा, मुख्यमंत्री

अनूठा फैसला: कोर्ट परिसर में चार माह पानी पिलाएगा कुकर्मी

अम्बाला सिटी. कुकर्म के मामले में जज रजनीश शर्मा ने अनूठा फैसला सुनाते हुए कुकर्मी को चार माह तक कोर्ट परिसर में पानी पिलाने की सजा सुनाई है। आरोपी को दिन में दस से बारह बजे तक ड्यूटी देनी होगी।

मूलरूप से नेपाल के चंद बहादुर ने पुलिस को दी शिकायत में कहा था कि वह थाना सदर में कुक के पद पर कार्यरत है। इस समय वह अपने परिवार के साथ सिटी महेंद्र नगर स्थित सतनाम के मकान में किराए पर रह रहा है। बीती 18 दिसंबर 2002 को वह रात नौ बजे ड्यूटी समाप्त कर घर पहुंचा था। तब उसे पत्नी हेमलता ने बताया था कि उनके पांच वर्षीय बेटे सूरज के साथ पड़ोस में रहने वाले चरणप्रीत सिंह उर्फ विक्की ने गलत काम किया है और सूरज ठीक से चल भी नहीं पा रहा है।

हेमलता ने बताया कि यह बात उन्हें सूरज से पता चली है। सूरज ने उन्हें बताया है कि चरणप्रीत सिंह उसे टॉफी दिलाने के बहाने अपने साथ ले गया था और उसके बाद उसने उसके साथ बुरा काम किया। पुलिस ने चंद बहादुर की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सूरज का सिविल अस्पताल में मेडिकल चेकअप कराया था। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी चरणप्रीत सिंह के खिलाफ कुकर्म का मामला दर्ज किया था।

वारदात के समय नाबालिग, फैसले के समय बालिग

जिस समय यह वारदात हुई उस समय चरणप्रीत सिंह नाबालिग था लेकिन अब वह बालिग हो चुका है। सुनवाई के दौरान उसने कहा कि वारदात के समय समझ न होने के कारण वह सूरज से गलत काम कर बैठा जिसका उसे पछतावा है। उसके इस तर्क के बाद कोर्ट ने उसे कोर्ट में पानी पिलाने की सजा सुनाई। चरण्ाप्रीत की ड्यूटी सोमवार से शुरू होगी। वह कोर्ट परिसर में आने वाले सभी लोगों को पानी पिलाएगा।

गिरफ्तारी के बाद रखा गया था बाल सुधार गृह में

पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद आरोपी चरणप्रीत सिंह की तलाश शुरू कर दी थी। मगर यह पुलिस के हाथ नहीं लग रहा था। तब पुलिस ने मुखबिर से मिली सूचना के बाद चरणप्रीत सिंह को हिरासत में लिया था। चूंकि उस समय चरणप्रीत सिंह नाबालिग था इसलिए उसे कोर्ट कार्रवाई के बाद बाल सुधार गृह भेज दिया था। फिर कई माह तक आरोपी बाल सुधार गृह में बंदी रहा था लेकिन कुछ माह बाद उसे कोर्ट से जमानत मिल गई थी।

पहले लगानी होगी बाल सुधार गृह में हाजिरी

इससे पहले आरोपी चरणप्रीत सिंह को सिटी कोर्ट परिसर के नजदीक बाल सुधार गृह के रजिस्टर्ड में हाजिरी लगानी होगी जिसके बाद वह कोर्ट परिसर में सुबह दस से बारह बजे तक पानी पिलाएगा। फिर आरोपी की सजा पूरी होने के दौरान बाल सुधार गृह के रिकार्ड को भी चेक किया जाएगा। उसके अच्छे चाल-चलन को देखने के बाद ही आरोपी को इस सजा से मुक्त किया जाएगा।

प्रधानमंत्री की पत्नी ने फोन कर कहा इलाके का सीवरेज तो साफ कर दो

लुधियाना. देश के प्रधानमंत्री की पत्नी गुरशरण को शनिवार को खुद निगम अफसरों को फोन करके कहना पड़ा कि उनकी बीमार बहन के इलाके का सीवरेज तो साफ कर दो। सीधे मिसेज पीएम का फोन आने से अफसर भी हैरान रह गए लेकिन उन्हें किसी तरह तर्क दिया कि वे बहुत जल्द इलाके की समस्या को खत्म कर देंगे।

दरअसल मिसेज पीएम की बहन धनंतर कौर माया नगर के पास दयाल नगर में रहती हैं। एक तो वे पीलिया से पीड़ित हैं, ऊपर से इलाके में सीवरेज जाम की समस्या है। सीवरेज का पानी बैक मारकर घर के भीतर तक घुस आता है। उनको पीलिया होने की वजह भी यही बताई जा रही है। अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद परिवार उनको दयाल नगर में रखना सुरक्षित नहीं मान रहा था और उन्हें फिलहाल सरगोधा कालोनी में बेटी के घर भेज दिया गया।

पार्षद गोगी के सामने रखी समस्या

शनिवार को जब मिसेज पीएम ने उनके सरगोधा कालोनी में रहने की वजह पूछी तब उन्हें सीवरेज समस्या का पता चला। जब इलाका पार्षद गुरप्रीत गोगी उनसे मिलने के लिए पहुंचे तो मिसेज पीएम ने उनके सामने यह समस्या रखी और उनसे पूछा कि वे इसका हल क्यों नहीं करते। मिसेज पीएम ने वहीं से निगम के कार्यकारी कमिश्नर एमएस जग्गी को फोन मिलाया और उन्हें सीवरेज समस्या के हल व सड़कें दुरुस्त करने के लिए कहा। इसके बाद वे खुद भी दयाल नगर स्थित कोठी भी गईं।

पार्षद गुरप्रीत गोगी के मुताबिक उन्होंने मिसेज पीएम को बताया है कि इस समस्या का दो महीने में हल हो जाएगा। गोगी के मुताबिक इस इलाके में स्ट्राम सीवरेज नहीं है। इससे सीवरेज का पानी बैक मारकर घरों में घुस जाता है। ये मकान सड़क से दो फुट नीचे हैं, इसलिए बरसात का पानी भी घरों में घुस जाता है। पिछले दिनों हुई बरसात के बाद ये समस्या बढ़ गई थी। उन्होंने मिसेज पीएम को बताया है कि 12 लाख का स्ट्राम सीवरेज प्रोजेक्ट तैयार हो चुका है।

इसके टेंडर भी मांगे जा रहे हैं। आचार संहिता हटते ही एफएंडसीसी से मंजूरी लेकर वर्कआर्डर जारी करा दिए जाएंगे। उधर, कार्यकारी कमिश्नर एमएस जग्गी ने मिसेज पीएम का फोन आने तो की पुष्टि की लेकिन बाकी कुछ भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।

1994 में इस परिवार को भी दे दी थी सुरक्षा

भतीजी गुरमीत कौर अपने मौसा व मौसी की सादगी की कायल हैं, और उसी रास्ते पर चलते हैं। गुरमीत के मुताबिक साल 1994 में जब डा.मनमोहन सिंह वित्तमंत्री थे, तो उन्हें भी सुरक्षा दे दी गई, लेकिन वे इंकार करते रहे। उस समय आतंकवाद का दौर था, इसलिए सुरक्षा एजेंसियां नहीं मानी। धनंतर कौर के जमाई जगजीत सिंह के मुताबिक जब वे तीन सुरक्षाकर्मी लेकर पीएयू में ड्यूटी देने जाते तो उन्हें बेहद अटपटा लगता। इसलिए बाद में तीनों सुरक्षाकर्मी वापस कर दिए।

क्या यही है बरसाती सीजन में चौकसी

नगर निगम के मेयर व पार्षद विदेशों के दौरे करते हैं। अफसर वल्र्ड क्लास सुविधाओं के दावे करते हैं। कहते हैं कि बरसाती सीजन में सीवरेज जाम की समस्या को लेकर वे पूरी तरह से चौकस हैं। पर इस घटना ने साबित कर दिया है कि शहर का कोई भी इलाका बीमारियों के खतरे से अछूता नहीं है।

अरे, ये तो मिसेज पीएम हैं..

लुधियाना त्न नई दिल्ली से शताब्दी एक्सप्रेस के एग्जीक्यूटिव कोच ई-2 में सफर करने वाले यात्रियों को पता ही नहीं था कि इस कोच में उनके साथ मिसेज पीएम गुरशरण कौर भी सफर कर रही हैं। उधर, शनिवार को मिसेज पीएम के ट्रेन में होने के कारण बर्थिग बदली गई और ट्रेन को प्लेटफार्म नंबर दो के बजाय एक पर लिया गया।

बता दें कि शनिवार को प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर निजी दौरे पर लुधियाना आई थी। शनिवार को नई दिल्ली से अमृतसर आने वाली शताब्दी एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से तकरीबन 10 मिनट देरी से पहुंची। ट्रेन के ई-2 कोच में ही सफर कर रहे यात्री कमलजीत चौहान ने बताया कि उन्हें पता ही नहीं था कि मिसेज प्रधानमंत्री भी उनके कोच में ही सफर कर रही हैं। स्टेशन पर पुलिस मुलाजिम से पूछा, तब ही उन्हें इस बारे में पता चल पाया।

प्रधानमंत्री की पत्नी गुरशरण कौर के आने पर स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप ने ही मोर्चा संभाला। यहां तक कि पंजाब पुलिस, रेलवे पुलिस को भी आसपास नहीं फटकने दिया। ट्रेन से उतरते ही एसपीजी की टीम मिसेज प्रधानमंत्री को पार्सल कार्यालय की तरफ से बाहर ले गई।

चार्ट पर सिर्फ स्टार

वीवीआईपी मूवमेंट के समय सुरक्षा के पूरे पुख्ता प्रबंध किए जाते हैं। वीवीआईपी की सुरक्षा के लिए उनकी मूवमेंट को पूरी तरह गोपनीय रखा जाता है। यहां तक कि ट्रेन के टिकट चेकर को भी इस बात का इलम नहीं होता, कि कौन सा वीवीआईपी सफर कर रहा है। चार्ट पर भी नाम की बजाय स्टार होते हैं। जिससे पता चलता है कि इन सीटों पर कोई वीवीआईपी है।

सिर से जुड़ी इन बच्चियों को डॉक्टरों ने दी नई ज़िंदगी


ब्रिटिश डॉक्टरों ने सिर से जुड़े दो जुड़वा बच्चों को ऑपरेशन द्वारा अलग करके मेडिकल क्षेत्र में एक नया इतिहास रच दिया है।



जुड़वा बच्चियां रीतल और रीतज सिर से एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं, जिनकी उम्र 11 महीने है। इन बच्चियों को लंदन के ग्रेट ऑर्मोंड स्ट्रीट अस्पताल फोर चिल्ड्रन के डॉक्टरों ने चार चरणों में की गई सर्जरी के द्वारा सफलतापूर्वक अलग किया गया।



डॉक्टरों के अनुसार सिर से जुड़े होने के इस तरह के मामले दस मिलियन में से एक में होता है। इन बच्चियों की खोपड़ी जुड़ी हुई थी और सिर की नसें भी जुड़ी हुई थी।



गौरतलब है कि ये बच्चियां अक्टूबर 2010 में सूडान के खारटोम में पैदा हुई थीषॉ। इनके पिता 31 वर्षीय अब्दलमज़ीद गैबुओरा स्वयं गायनेकोलॉजी स्पेशलिस्ट हैं।

जिंदगी से हार इस शख्स ने उठाया ऐसा कदम फैल गई सनसनी



कर्ज न चुकाने की निराशा इंसान से जीने की चाहत छीन लेती है। कुछ ऐसा ही थेसालोनिकी (ग्रीस) के इस 55 साल के व्यक्ति के साथ हुआ। उसने घर और बिजनेस के लिए बैंक से लोन लिया था।

बैंक में वह अपने कर्ज की अदायगी की सीमा बढ़ाने के बारे में बात करने गया था, लेकिन शायद बैंक के अधिकारी राजी नहीं हुए। थक-हारकर वह बैंक के बाहर आया और..

लोगों को अपनी दास्तां सुनाई और खुद पर पेट्रोल छिड़क लिया।
पुलिसकर्मी उससे दूर था, जब तक वह पास पहुंचकर रोक पाता, तब तक उसने खुद को आग लगा ली।

पुलिसकर्मी ने सीज फायर का छिड़काव किया, लेकिन आग पूरे शरीर में आग लग गई।

आखिरकार पुलिसकर्मी पहुंचा और आग बुझाने की पुरजोर कोशिश की और उसे अस्पताल ले जाया गया।

गे पार्टी पर छापे में पुलिस के हत्थे चढ़ी बॉबी डॉर्लिंग

शनिवार की रात जब मुंबई पुलिस अधिकारियों ने एक गे पार्टी पर छापा मारा तो वे भौंचक्के रह गए। उनके चौंकने का कारण था टीवी एक्ट्रेस बॉबी डार्लिंग।

पुलिस ने इस गे पार्टी से बॉबी समेत 110 लोगों को हिरासत में लिया। हालांकि बाद में इन सभी को 1200 रुपए का मामूली जुर्माना लगाकर रिहा कर दिया गया।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह गे पार्टी मुंबई के अंबोली इलाके स्थित स्पैनिश विला होटल में आयोजित की गई थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस पार्टी के लिए टिकटों की बिक्री ऑनलाइन की गई थी।

चर्चित फिल्म और टीवी एक्ट्रेस बॉबी डार्लिंग का असली नाम पंकज शर्मा है। अपना सेक्स चेंज करवा कर पंकज शर्मा लड़का से लड़की बने और अपना नाम उन्होंने बॉबी डार्लिंग रख लिया।

दूसरी तरफ पार्टी के आयोजकों ने कहा कि उनकी पार्टी कहीं से भी गैरकानूनी नहीं थी। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि गे होने के कारण उनको निशाना बनाया जा रहा है।

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