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28 सितंबर 2011

वाहन के लिए धन्यवाद, लेकिन पेट्रोल तो दिलवा दीजिए'

नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका ने बुधवार को 226 निशक्तों को थ्री-व्हीलर्स बांटे।

इस मौके पर एक निशक्त प्रभाकर प्रसाद ने राहुल को गले लगाकर धन्यवाद दिया और कहा- आपने हमें वाहन तो दे दिया, लेकिन पेट्रोल भत्ता तो दिलाओ।

35 वर्षीय प्रभाकर ने कहा- उनकी तनख्वाह कम है। पेट्रोल का खर्चा नहीं उठा सकते। राहुल ने उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वास

जयपुर में लुटे आंध्र के स्पीकर, महकमें में मच गई बमचक!

जयपुर.विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में शामिल होने जयपुर आए आंध्र प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष का क्रेडिट कार्ड चुराकर किसी व्यक्ति ने तीन घंटे में 67 हजार रुपए की खरीदारी कर डाली। आंध्र प्रदेश पहुंचने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ए. चक्रपाणी को घटना का पता चला।

इसके बाद उनके सचिव की रिपोर्ट पर जवाहर सर्किल थाने में मंगलवार रात को मुकदमा दर्ज हुआ। जिस क्रेडिट कार्ड से खरीदारी की गई, वह विधानसभा अध्यक्ष के बेटे वेंकट शशिकांत का था। रिपोर्ट में क्रेडिट कार्ड को होटल से चोरी होने की संभावना जताई गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

पुलिस के अनुसार आंध्र प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष चक्रपाणी 20 सितंबर को यहां आए थे। वह जवाहर सर्किल स्थित होटल मैरियट में ठहरे थे।

इसके बाद 24 सितंबर को होटल खाली कर वह ग्वालियर जयपुर एक्सप्रेस ट्रेन से उदयपुर घूमने पहुंचे। वहां ट्रेन से उतरने के बाद होटल पहुंचने पर चक्रपाणी ने सामान संभाला, तो क्रेडिट कार्ड गायब मिला।

इसके बाद आंध्र प्रदेश पहुंचने पर चक्रपाणी को उनके बेटे वेंकट से क्रेडिट कार्ड के जरिए करीब 67 हजार रुपए की खरीदारी होने की जानकारी मिली। इस पर उनके सचिव के.भास्कर श्रीनिवास ने एक लिखित शिकायत आंध्र प्रदेश से भेजकर जवाहर सर्किल थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई

बेटे के नाम से जारी था क्रेडिट कार्ड

चोरी गया क्रेडिट कार्ड आंध्रा बैंक का था और वेंकट शशिकांत के नाम से जारी हुआ था। कार्ड से हुई खरीदारी की जानकारी शशिकांत को उनके मोबाइल पर आए एसएमएस से मिली या नहीं। इसका पता नहीं चल सका है।

तीन शोरूमों से की शॉपिंग

प्रारंभिक जानकारी में सामने आया चक्रपाणी का क्रेडिट कार्ड चुराने वाले व्यक्ति ने 25 सितंबर को शाम 6:16 बजे से रात 9:17 बजे के बीच सरावगी मेंशन, रिलायंस फ्रेश स्टोर व हैंडीक्राफ्ट शोरूम से की।

इनमें पहली खरीदारी सरावगी मेंशन में 500 और 1000 रुपए की हुई। फिर रिलायंस फ्रेश से 9983 रुपए व 4886 रुपए की खरीदारी तथा लोंगान हैंडीक्राफ्ट शोरूम से 51,600 हजार की खरीदारी की। फिलहाल, पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है

न लिख सकते हैं, न चल सकते हैं, लेकिन हौसले की सड़क पर सरपट दौड़ा

रांची।मधुकम में रहने वाले 27 वर्षीय अभिषेक कुमार झा न लिख सकते हैं, न चल सकते हैं। उनके इशारे ही उनकी जबान हैं। हम आप सा वह बोल भी नहीं सकते। ऐसा किसी हादसे की वजह से नहीं हुआ। लेकिन जन्मजात मिली अशक्तता ही उनके लिए प्रेरणा बन गई।

हौसले नाम की सड़क पर अब वह सरपट दौड़ लगाते हैं। अभिषेक ने मास्टर इन कंप्यूटर अप्लीकेशन की पढ़ाई पूरी कर ली है। इससे पहले उन्होंने जिला स्कूल से फस्र्ट डिवीजन से मैट्रिक पास किया। फिर वहीं से साइंस से इंटरमीडिएट किया। मारवाड़ी कॉलेज से अभिषेक ने फस्र्ट डिवीजन में बीएससी इन इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी किया। अब इस नौजवान की उत्कंठा पीएचडी करने की है।

रिक्शा वाला कक्षा में पहुंचाता था

उनकी मां सरोज झा कहती हैं कि बेटा की कामयाबी ही उनका मकसद है। अभिषेक रिक्शे से स्कूल जाते,तो मां साथ होतीं। कक्षा तक जाने में रिक्शावाला मदद कर दिया करता। अभिषेक मारवाड़ी कॉलेज पहुंचे। कक्षा तीसरे माले पर थी।

मां को छोड़नी पड़ी नौकरी

सरोज के चेहरे पर बेटे के आत्मविश्वास की चमक आ गई। कहा, तब ऊपर नीचे करने में काफी तकलीफ होती थी। लेकिन अभिषेक के विश्वास के आगे हर मुश्किलें नतमस्तक हो जाती हैं। सरोज को सरकारी नौकरी छोड़नी पड़ी। पहले बिहार में शिक्षक थीं। अभिषेक के पिता मृत्युंजय झा भी शिक्षक हैं।

राइटर की समस्या के बाद भी पाई कामयाबी : परीक्षा के दिनों में अभिषेक के सामने राइटर की समस्या रहती है। उनकी बातों को आम व्यक्ति जल्दी समझ नहीं पाता। फिलहाल वे बैंक में विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।

सरकारी गाड़ियों की नीलामी में उड़ा दी नियमों की धज्जियां

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जयपुर.राजधानी में हाल ही चोरों ने लालबत्ती लगी कार से एटीएम उखाड़ने की वारदात की है। इसके बावजूद राजस्थान स्टेट मोटर गैराज ने वाहन नीलामी में घोर लापरवाही बरतते हुए सरकारी वाहन पुलिस लिखी पट्टियां, लोगो, नीली बत्ती और सायरन सहित सुपुर्द कर दिए।

यहां तक कि एक वाहन से तो सचिवालय में इस साल का एंट्री पास तक नहीं हटाया गया था। यह सब तीन दिन से हो रहा है। नीलामी के दौरान अफसरों का ध्यान महज बोली लगाने वालों पर रहता है।

दूसरी ओर इन वाहनों का दुरुपयोग नहीं होगा, इसकी कोई पुख्ता गारंटी नहीं है। मोटर गैराज के अफसरों के अनुसार कुल 375 वाहनों नीलाम होने हैं, जिनमें से अभी तक 260 गाड़ियां नीलाम हो चुकी हैं।

-फोटो एवं रिपोर्ट मनोज राठौड़

पहले बला टाली, फिर गलती मानी

"नियमानुसार सरकारी गाड़ियों के सरकारी लोगो, निशान, बत्तियां आदि उतारकर ही बोली दाताओं को वाहन सौंपे जाते हैं। वैसे अगर कोई व्यक्तिइनके सहित गाड़ी ले भी जाता है तो पुलिस तो है ही, जो उन्हें रोक लेती है।"(इन बातों का ध्यान रखने की जिम्मेदारी तो आपकी है? इस सवाल पर चौरड़िया ने गलती मानते हुए भविष्य में इसका ध्यान रखने की बात कही, लेकिन जो जा चुकी, उनका क्या हो, इस पर स्पष्ट कुछ नहीं कहा।)

-श्रीराम चौरड़िया, कंट्रोलर, मोटर गैराज विभाग

मृत सागर' में किसी की डूबकर नहीं होती मौत

क्या ऐसा संभव है कि मानव समुद्र में बगैर डूबे खुद तैरता रहे ? आपको इसका उत्तर 'हां' जानकर आश्चर्य होगा लेकिन ये सच है। ऐसा संभव है मृत सागर में।

इजरायल-जॉर्डन की सीमा पर स्थित मृत सागर में व्यक्ति बगैर डूबे अपने आप तैरता रहता है। दरअसल इसकी वजह मृत सागर में सबसे ज्यादा 30 फीसदी लवणता का होना है।जिसकी वजह से इसका घनत्व बहुत उच्च होता है। और डूबना असंभव हो जाता है।

मृत सागर समुद्र तल से 400 मीटर नीचे, दुनिया का सबसे निचला बिंदु कहा जाने वाला सागर है। इसे खारे पानी की सबसे निचली झील भी कहा जाता है

मृत सागर अपनी विलक्षणताओं के लिए कम से कम चौथी सदी से जाना जाता रहा है, जब विशेष नावों द्वारा इसकी सतह से शिलाजीत निकालकर मिस्रवासियों को बेचा जाता था। यह चीजों को सड़ने से बचाने, सुगंधित करने के अलावा अन्य दूसरे कार्यों के उपयोग में आता था।
इसके अतिरिक्त मृत सागर के अंदर की गीली मिट्टी को क्लेयोपेट्रा की खूबसूरती के राज से भी जोड़ा जाता है। यहाँ तक कि अरस्तू ने भी इस सागर के भौतिक गुणों का जिक्र किया है। हाल के समय में इस जगह को हेल्थ रिज़ॉर्ट के तौर पर विकसित किया गया है।

चेहरे पर हंसी और दिल में शक, कैसे पहचानें ऐसे लोगों को


हम अपने दैनिक जीवन में कई लोगों से मिलते हैं। इनमें से कुछ लोग हमारे जीवन में बहुत ही खास होते हैं। खास होने के कारण हम उनसे कईं राज भी साझा करते हैं। लेकिन उनमें से ही कुछ लोग ऐसे होते हैं जो जैसे दिखते हैं वैसे नहीं होते। ऐसे लोगों को पहचानना मुश्किल होता है। तब हमारे दिल में यही प्रश्न उठता है कि उनको पहचाने कैसे? जानिए कैसे पहचाने ऐसे लोगों को..

ऐसे लोगों को पहचानने के लिए इनके हाथ की मिडील फिंगर के निचे बने हिस्से यानि शनि पर्वत को देखना चाहिए। उसे देखने पर ऐसे लोगों की असलियत का पता आसानी से चल जाता है।

जिन लोगों के हाथ में शनि पर्वत अच्छा और कुछ ज्यादा ही प्रभावशाली होता है तो ऐसा व्यक्ति रहस्यवादी होता हंै। इनके चेहरे पर कुछ और होता है और दिल में कुछ और ही चलता है।

ऐसे लोग जैसे दिखते हैं वैसे होते नहीं है। ऐसे लोगों के हाथ में शनि पर्वत सूर्य पर्वत की और कुछ झुका हुआ होता है। अपने जीवन में पूर्ण मितव्ययी होते हैं। इन्हे कंजुस कह दें तो बड़ी बात नहीं हैं। ये अपने जीवन में सफल जादूगर, इंजीनियर और अचल सम्पति खरीदने में ज्यादा विश्वास रखते हैं। संगीत, नृत्य आदि कार्यो में इनका रूझान कम रहता है। ऐसे लोग शकी मिजाज के होते हैं। सन्देहशीलता इनके जीवन में बचपन से ही होती है और अपनी पत्नी और पुत्रों पर भी शक करने से नहीं चूकते।

अपने-पराए की पहचान हो तो दुश्मनों में खोजे जा सकते है दोस्त

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व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा में अक्सर लोग यह नहीं जान पाते हैं कि कौन अपना है और कौन पराया। कई बार हितैषियों का त्याग हो जाता है और दुश्मन गले लगा लिए जाते हैं। जो लोग ये मानते हैं कि व्यवसायिक रिश्ते एक तय समय सीमा तक ही गर्माहट भरे होते हैं, वे शायद गलत हैं।

व्यवसायिक रिश्तों में भी अगर अपने पराए की पहचान हो, उस रिश्ते को थोड़ा प्रेम और विश्वास से सींचा जाए तो वो भी निजी रिश्तों की तरह लंबे समय टिका रह सकता है।

आज की परिणाम केंद्रीत व्यवस्था में ऐसा करना मुश्किल है लेकिन अगर थोड़ा समझदारी से काम लिया जाए तो आप अपने प्रतिस्पर्धी के खेमों से भी अपने लोग चुन सकते हैं। आवश्यकता अपने अनुभव और प्रतिभा से ऐसे लोगों को पहचानने और फिर अपने व्यवहार से उनका विश्वास जीतने की।

सुंदर कांड के एक बहुत ही रोचक प्रसंग में चलते हैं। देखिए हनुमान एक बड़े अभियान पर निकले हैं। लंका में सीता की खोज करनी है। समुद्र लांघकर, कई राक्षसों का सामना करते हुए पहुंचे हैं। हम भी जब व्यवसाय में कूदते हैं तो वो भी समुद्र लांघने जैसा ही है लेकिन हम थोड़े प्रयासों में ही थक जाते हैं, बुद्धि विचलित होने लगती है। हनुमानजी सीखा रहे हैं कैसे अपनी बुद्धि को अगर स्थिर कर लिया जाए तो दुश्मनों के शिविर में भी अपने लोग तैयार किए जा सकते हैं।

सीता को खोजते-खोजते हनुमान विभीषण के घर तक पहुंच गए। उन्होंने कुछ चिन्हों से ही जान लिया कि यहां जो व्यक्ति रहता है वो राम के काम आ सकता है। विभीषण से मित्रता की। उसे भरोसा दिलाया कि राम अपनी शरण में आने वाले को पूरे स्नेह से रखते हैं। हनुमान ने विभीषण को अपनी प्रेमभरी भाषा में एक मौन निमंत्रण दे दिया। राम की शरण में आने का। विभीषण जो अभी तक लंका में उपेक्षित से थे, उन्होंने भी ये मौका ताड़ लिया।

एक रिश्ता बन गया। प्रेम उपजा , विश्वास दृढ़ हुआ और विभीषण ने लंका छोड़कर राम की शरण ली। राम ने भी हनुमान के विश्वास को पूरी तरह रखा, विभीषण से मिलते ही उसका राजतिलक कर दिया। मित्र बना लिया।

जब गांधीजी कस्तूरबा को खींचकर दरवाजे तक लाए और बाहर फेंकने की धमकी दी

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नई दिल्ली.आधुनिक भारत के नायकों पर लिखी जीवनियों के एक नए संग्रह के जरिये उनका मानव अवतार एक बार फिर जीवंत हो उठा। ये जीवनियां प्रसिद्ध लेखक एवं पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी ने लिखी हैं जो महात्मा गांधी के पौत्र हैं।

जीवनियों के संग्रह 'ऑफ ए सर्टेन एज' में अपने योगदान से देश की किस्मत चमकाने वाली शख्सियतों जैसे महात्मा गांधी, आचार्य कृपलानी, जयप्रकाश नारायण, ज्योति बसु, कमलादेवी चट्टोपाध्याय एवं दलाई लामा के जीवन-वृत्तांत संकलित हैं।

यह संग्रह इन शख्सियतों की कमजोरियों, आशंकाओं, ताकतों और अल्पज्ञात उन विशिष्टताओं एवं गुणों की पड़ताल करता है, जिनकी बदौलत उन्हें ख्याति मिली।

लेखक ने संग्रह की शुरुआत अपने दादा महात्मा गांधी पर लिखे लेख से की है जिसमें उन्होंने गांधीजी के घर के माहौल और व्यावहारिकता का वर्णन किया है। साथ ही उन्होंने मोहनदास और उनकी पत्नी कस्तूरबा के बीच घरेलू नोकझोंक का जिक्र भी किया है।

गोपालकृष्ण गांधी ने कुछ उद्धरण महात्मा गांधी द्वारा लिखित आत्मकथा से लिए हैं। ये उद्धरण इस प्रकार हैं : "जब मैं डरबन में ठहरा हुआ था, मेरे दफ्तर का किरानी भी मेरे साथ रह रहा था..हमारे किरानियों में से एक ईसाई था जो 'पंचमा' (अछूत) माता-पिता से जन्मा था..घर पश्चिमी शैली में बना था और कमरों में गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं थी। हर कमरे में एक कटोरानुमा बर्तन रखा था।"

महात्मा गांधी ने लिखा है, "नौकर या सफाईकर्मी के बजाय कमरों की सफाई मेरी पत्नी और मैं किया करते थे।"

सभी किरानी अपने बर्तन खुद साफ करते थे लेकिन ईसाई किरानी चूंकि नया-नया आया था, इसलिए महात्मा गांधी ने कहा, "उसका कमरा साफ करने का दायित्व हमारा है।"

एक दिन कस्तूरबा और मोहनदास में 'अछूत' का बर्तन साफ करने को लेकर कहा-सुनी हो गई। तब गांधी कस्तूरबा को खींचकर दरवाजे तक ले गए और उन्हें उठाकर बाहर फेंक देने की धमकी दी।

कस्तूरबा ने चीखते हुए कहा, "मुझ में आप जैसी भावना नहीं है..।"

बाद में गांधी ने प्यार से कहा, "अगर मेरी पत्नी मुझे नहीं छोड़ सकती है तो मैं उसे कैसे छोड़ सकता हूं।"

मुकिश्‍ल में मनमोहन: सौदेबाजी पर उतरे चिदंबरम, प्रणब ने भी कड़ा किया रुख?

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नई दिल्‍ली. 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के मुद्दे पर वित्‍त मंत्रालय के नोट को लेकर उठे विवाद के बाद गृह मंत्री पी चिदंबरम पीएम मनमोहन सिंह से मिले हैं। बुधवार दोपहर खाने की मेज पर दोनों के बीच बातचीत हुई। अब मनमोहन कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी और वित्‍त मंत्री प्रणब मुखर्जी से मिलने वाले हैं।

एक टीवी चैनल कांग्रेस और सरकार के उच्‍चपदस्‍थ सूत्रों के हवाले से बता रहा है कि चिदंबरम ने प्रधानमंत्री से मुलाकात में उनकी मुसीबत बढ़ा दी है। उन्‍होंने मांग की है कि 25 मार्च के प्रणब मुखर्जी के नोट पर सरकार या वित्‍त मंत्रालय स्‍पष्‍टीकरण जारी करे। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक नोट में कहा गया है कि चिदंबरम चाहते तो घोटाला रोक सकते थे। मीडिया में चिदंबरम को एक तरह से घोटाले के लिए जिम्‍मेदार ठहराया जा रहा है। ऐसे में चिदंबरम चाहते हैं कि स्‍पष्‍टीकरण के जरिए उन्‍हें सरकार की ओर से पाक-साफ घोषित किया जाए।

दूसरी ओर, चैनल सूत्रों के हवाले से प्रणब मुखर्जी द्वारा भी रुख कड़ा किए जाने की बात बता रहा है। चैनल के मुताबिक प्रणब ने प्रधानमंत्री को चार पेज की चिट्ठी लिखी है और वित्‍त्‍ा मंत्रालय की ओर से हुए पत्राचार का सिलसिलेबार ब्‍यौरा देते हुए बताया है कि 25 मार्च के नोट में की गई टिप्‍पणी वित्‍त मंत्री की नहीं थी। चैनल का कहना है कि कांग्रेस के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि नोट सार्वजनिक होने के बाद उठे बवंडर को थामना मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के लिए आसान नहीं होगा।

नोट को लेकर उठे विवाद के बाद चिदंबरम की मनमोहन से पहली मुलाकात थी। इस बीच 2जी घोटाले में चिदंबरम की भूमिका की जांच की मांग करने वाली सुब्रमण्‍यम स्‍वामी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को कोई फैसला नहीं आया है। इस याचिका पर गुरुवार को भी सुनवाई जारी रहेगी। अगर अदालत ने चिदंबरम की भूमिका की सीबीआई जांच के आदेश दिए, तो उनका गृह मंत्री बने रहना मुश्किल होगा।

उधर, अन्‍ना हजारे ने कहा है कि पीएम स्‍वच्‍छ छवि के हैं और उन्‍हें चिदंबरम का बचाव कर अपनी छवि खराब नहीं करनी चाहिए। अन्‍ना ने कहा कि चिदंबरम को नैतिक जिम्‍मेदारी लेते हुए खुद ही मंत्री पद से इस्‍तीफा दे देना चाहिए।

2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के मुद्दे पर वित्त मंत्रालय के एक नोट पर विपक्ष गृह मंत्री पी चिदंबरम के इस्तीफे की मांग पर अड़ा है। इस नोट को लेकर भाजपा ने आज फिर चिदंबरम को निशाने पर लिया। भाजपा नेता सुषमा स्‍वराज ने कहा कि नोट से साफ है कि तत्‍कालीन वित्‍त मंत्री पी चिदंबरम ने न सिर्फ इस नोट को देखा बल्कि उन्‍हें 2 जी स्‍पेक्‍ट्रम आवंटन की पूरी जानकारी थी। ऐसे में चिदंबरम भी उतने ही गुनहगार हैं जितने तिहाड़ जेल में बंद पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा।

2जी घोटाले में याचिकाकर्ता और जनता पार्टी अध्‍यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने वित्त मंत्रालय की पीएमओ को लिखी चिट्ठी सुप्रीम कोर्ट में पेश की है। उसके आधार पर उन्होंने गृहमंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की है। आरोप है कि तत्‍कालीन वित्‍त मंत्री चिदंबरम यदि चाहते तो 2जी घोटाले को रोका जा सकता था। सरकार ने पिछले हफ्ते कोर्ट में कहा था कि सीबीआई सामान्य प्रक्रिया के तहत स्वामी द्वारा दाखिल नोट का अध्ययन करेगी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में उस पर स्टेटस रिपोर्ट पेश करेगी।

70 करोड़ के नए आशियाने में सचिन ने रखे कदम, घर के बाहर भगदड़



मुंबई. मास्‍टर ब्‍लास्‍टर सचिन तेंडुलकर ने आज अपने नए घर में कदम रखा। उनकी एक झलक पाने और तस्‍वीरें कैमरे में कैद करने के लिए घर के बाहर काफी भीड़ जमा हो गई। देखते ही देखते यह भीड़ बेकाबू हो गई और वहां भगदड़ मच गई।

सचिन ने कहा, ‘हर किसी का सपना होता है कि उसका अपना घर हो। मेरा भी यही सपना था। मुझे इस बात से खुशी है कि मेरा यह सपना पूरा हो गया। इससे पहले मैं जहां रहता था वो फ्लैट मुझे स्‍पोर्ट्स कोटा के तहत मिला था। अब मैंने उस घर को खाली कर दिया है। हालांकि कुछ अन्‍य खिलाड़ी अब भी वहां रहते हैं।’

सचिन ने कहा, ‘इंग्‍लैंड जाने से पहले हमने इस घर में 11 जून को ‘गृह शांति’ और ‘वास्‍तु पूजा’ किया था। इसके बाद मैं मुंबई नहीं लौट सका था लेकिन अब मैं इस शहर में हूं। आज मैं अपनी मां को भी घर दिखाने लाया हूं। पूजा के बाद भी मैं इस घर में रहा हूं लेकिन अभी तक मेरे बच्‍चे यहां नहीं आए थे।’

सचिन इससे पहले बांद्रा के ही ला मेर हाउसिंग सोसाइटी में रहते थे। सचिन को उनके नए पड़ोसियों ने बधाई दी और कहा कि वो सचिन के इस बंगले में रहने को लेकर उत्‍साहित हैं।

बांद्रा में पेरी क्रॉस रोड पर बना सचिन का नया बंगला ‘धरती पर स्‍वर्ग’ जैसा है। 70 करोड़ की लागत से बना यह बंगला कई मायनों में किसी राजमहल से कम नहीं है। 8900 वर्ग फीट इलाके में बने इस बंगले में 5 मंजिलें हैं। इनमें दो मंजिलें अंडरग्राउंड हैं जबकि तीन जमीन के ऊपर।

ग्राउंड फ्लोर पर गणेशजी का मंदिर है। दूसरी मंजिल पर कंट्रोल रूम बनाया गया है जहां से पूरे बंगले पर नजर रखी जाएगी। बंगले के भीतर 40-50 कारों की पार्किंग की जगह है।

बंगले की ऊपर की दो मंजिलों पर सचिन और उनके बच्चों के लिए बेडरूम बनाए गए हैं। मेहमानों के लिए ग्राउंड फ्लोर पर दो लिविंग रूम बनाए गए हैं। सचिन को फिल्मों का काफी शौक है, इसलिए यहां एक छोटा सा थिएटर भी बनाया गया है।
लकी साबित होगा नया घर

मशहूर ज्योतिषी बेजान दारुवाला के मुताबिक सचिन के लिए यह घर बेहद लकी साबित होगा। उन्‍होंने कहा कि सचिन की कुंडली में राज योग और कुमार योग एक साथ हैं। दुनिया में बहुत कम लोग ऐसे हैं जो राज योग के साथ पैदा होते हैं। उद्योगपति मुकेश अंबानी, गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा और देश के पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की कुंडली में भी यही योग है। ऐसे में सचिन के लिए नवरात्र के पहले दिन गृह प्रवेश करना बहुत शुभ साबित होगा।

सचिन ने 2008 में दोराब विला नाम का बंगला करीब 35 करोड़ रुपये में खरीदा था, जिसे तुड़वाकर ये नया आशियाना तैयार किया गया है। इस घर को बनाने में वास्तुशास्त्र का पूरा ख्याल रखा गया है। बांद्रा में ही बॉलीवुड की कई बड़ी हस्तियों के भी घर हैं। इस इलाके में शाहरुख खान, सलमान खान, आमिर खान और संजय दत्त जैसे तमाम सितारे रहते हैं।

मिसाइल हमले में तीन मरे: अमेरिका के खिलाफ 'जिहाद' की धमकी, सड़कों पर उतरे पाकिस्‍तानी


इस्‍लामाबाद. पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के आतंकी गुटों से रिश्‍ते होने के आरोप और हक्‍कानी गुट के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पाकिस्‍तान पर बढ़ रहे अमेरिकी दबाव के चलते दोनों देशों के रिश्‍ते और कटु होते दिख रहे हैं। पाकिस्‍तान में अमेरिका के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं तो पाकिस्‍तानी कबायली लोगों ने अमेरिका के खिलाफ 'जिहाद’ की धमकी दी है। अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर गुरुवार को हो रही सर्वदलीय बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युसुफ रजा गिलानी के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।

इस बीच, पाकिस्‍तानी खुफिया अधिकारियों का कहना है कि अफगान सीमा के पास अमेरिकी मिसाइल हमले में तीन लोगों की मौत हुई है। 'डॉन' अखबार ने इन अधिकारियों के हवाले से बताया है कि दो मिसाइलों से यह हमला मंगलवार को दक्षिणी वजीरिस्‍तान के वाना शहर में स्थित आतंकी ठिकानों पर किया गया।

पाकिस्‍तान में अमेरिका विरोधी भावनाएं भड़क रही हैं। कराची में बुधवार को सौ के करीब स्‍कूली बच्‍चों ने अमेरिका के विरोध में रैली निकाली। वे हाथों में पोस्‍टर लिए हुए थे, जिस पर लिखा था- अमेरिका सबसे बड़ा आतंकवादी है। पाकिस्‍तान में सत्‍तारुढ़ पीपीपी के सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने भी कराची स्थित अमेरिकी कॉन्‍सुलेट के बाहर प्रदर्शन किया। यूथ पार्लियामेंट के सदस्‍यों ने भी कराची प्रेस क्‍लब के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी आरोपों की निंदा की जिसमें कहा जा रहा है कि आईएसआई के हक्‍कानी गुट से रिश्‍ते हैं।

अमेरिका और पाकिस्‍तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पीपीपी कार्यकर्ताओं ने अमेरिकी कॉन्‍सुलेट के सामने अमेरिकी झंडे भी जलाए। प्रदर्शनकारियों ने अपने राष्‍ट्रीय गान गाए और पाकिस्‍तानी सेना के समर्थन में नारेबाजी की।

पाकिस्‍तान के पश्चिमोत्‍तर सीमावर्ती इलाकों में कबायली समुदाय के सैकड़ों लोगों ने अमेरिका के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्‍व धार्मिक संगठन जमात-ए-इस्‍लामी ने किया। हाथों में अत्‍याधुनिक हथियार लिए और सिर पर रिबन बांधे प्रदर्शनकारियों ने अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी की। जमात-ए-इस्‍लामी के नेता सिराज उल हक ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘यदि अमेरिका पाकिस्‍तान पर हमला करता है तो हम अमेरिका के खिलाफ जिहाद का ऐलान करते हैं। पाकिस्‍तान की पूरी अवाम अमेरिका के खिलाफ जंग में एकजुट होगी और हम पाकिस्‍तानी सेना से कंधा से कंधा मिलाकर अमेरिका के खिलाफ आखिरी दम तक लड़ेंगे।’

इस बीच पीएम गिलानी ताजा हालात पर चर्चा के लिए गुरुवार को सभी दलों की बैठक कर रहे हैं। लेकिन इस बैठक में आतंक के खिलाफ अमेरिकी जंग में पाकिस्‍तान की ओर से आंख मूंद कर समर्थन दिए जाने और संसद में पारित दो प्रस्‍तावों पर अमल नहीं करने का मुद्दा उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
पीएमएल-एन ने अमेरिका की आतंक के खिलाफ जंग को ‘आतंक के खिलाफ तथाकथित जंग’ करार दिया है वहीं तहरीक -ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख और पूर्व क्रिकेटर इमरान खान ने मांग की कि पाकिस्‍तान खुद को इस जंग से अलग कर ले।

जमीयत उलेमा ए इस्‍लाम (एफ) के चीफ मौलाना फजलुर रहमान और जमात ए इस्‍लामी के अमीर सईद मुनव्‍वर हसन ने भी अमेरिकी जंग के खिलाफ आवाज उठाई है। नवाज शरीफ की अगुवाई में पीएमएल-एन के आला नेताओं की बैठक हुई जिसमें संसद के प्रस्‍तावों को लागू नहीं करने को लेकर गिलानी सरकार की आलोचना की गई। पार्टी ने अमेरिकी जंग को ‘आतंक के खिलाफ तथाकथित जंग’ करार दिया है।

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