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30 सितंबर 2011

मंत्रिमंडल में फेरबदल के संकेत


नई दिल्ली। राजस्थान में गहलोत मंत्रिमंडल में जल्द फेरबदल हो सकता है। ऎसे संकेत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद पत्रिका को दिए। समझा जा रहा है कि यह फेरबदल गोपालगढ़ हिंसा और भंवरीदेवी प्रकरण के चलते सरकार की बिगड़ी छवि को सुधारने के लिए किया जाएगा। संकेत हैं कि सोनिया इन मामलों में राज्य सरकार के उठाए कदमों से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं।

माना जा रहा है कि फेरबदल में गृहमंत्री शांति धारीवाल व जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा समेत उन मंत्रियों पर भी संकट आ सकता है, जो पहले से अन्य आरोपों में घिरे हैं। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को सोनिया से मिलकर दोनों मामलों में सरकार के कदमों की जानकारी दी। सोनिया की सर्जरी के बाद दोनों नेताओं में पहली मुलाकात है।

गहलोत ने बाद में पत्रिका को बताया, उन्होंने मुख्यमंत्री आवास योजना, जननी शिशु सुरक्षा योजना, नि:शुल्क दवा वितरण जैसी योजनाओं की भी जानकारी पार्टी अध्यक्ष को दी। गहलोत ने सोनिया को राजस्थान दौरे पर आने का न्योता दिया है। सोनिया जल्द प्रदेश आएंगीं। इस बीच, गहलोत व प्रदेश अध्यक्ष पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी से भी मिले। माना जा रहा है कि राजस्थान में चल रहे संकट को लेकर ही विचार विमर्श किया गया।

अघिक विमान सेवाएं मिले
मुख्यमंत्री गहलोत ने नागरिक उड्डयन व प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री वायलर रवि से मिलकर राजस्थान से एयर इंडिया, इडियन एयरलाइंस एवं अन्य विमान सेवाओं की अधिक से अधिक उड़ानें शुरू कराने का अनुरोध किया ताकि पर्यटन को फायदा मिल सके। गहलोत ने जयपुर में अगले साल सात से नौ जनवरी तक होने वाले 10वें प्रवासी भारतीय दिवस की तैयारियों के सम्बंध में भी उनसे चर्चा की। रवि अगले माह तैयारियों का जायजा लेने जयपुर आएंगे।

आयोग-बोर्ड अध्यक्ष तय
इधर, दिल्ली आए प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रभान की सोनिया से मुलाकात नहीं हो पाई। पता चला कि गुरूवार रात मुख्यमंत्री, प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष के बीच हुई बैठक में नई कार्यकारिणी को अंतिम रूप दे स्वीकृति के लिए कांग्रेस अध्यक्ष को भेज दिया गया। विभिन्न आयोगों व बोर्ड अध्यक्षों के नाम भी तय हो गए हैं।

अजीत मैंदोला

भरोसीलाल के खिलाफ दर्ज होगा आपराघिक मामला



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हिण्डौन सिटी। वन भूमि में अवैध रूप से खनन पट्टे हासिल करने के मामले में मोटर गैराज मंत्री भरोसीलाल जाटव के खिलाफ धोखाधड़ी, षड्यंत्र व फर्जी दस्तावेज तैयार करने की धाराओं में आपराघिक मामला दर्ज किया जाएगा। शुक्रवार को यहां के अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड रणधीर सिंह मिर्घा ने एक इस्तगासे के आधार पर मंत्री जाटव, उनके चार बेटों तथा खान व वन विभाग के अफसरों सहित 12 जनों के खिलाफ सदर थाना पुलिस को मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने कुछ समय पूर्व मंत्रीपुत्रों द्वारा वन भूमि में खनन करने तथा अवैध रूप से क्रेशर चलाने का मामला उजागर किया था। सामाजिक कार्यकर्ता अशोक पाठक ने एडवोकेट विक्रमपाल जादौन व आनंद गोयल के जरिए अदालत में इस्तगासा दायर किया था।

इसमें शिकायत की गई थी कि मंत्री भरोसीलाल ने 2000 में विधायक रहते हुए खरैटा क्षेत्र के खास खसरा नम्बर की भूमि के बारे में विधानसभा में प्रश्न पूछ कर पता किया कि वह क्षेत्र वनभूमि है। बावजूद उन्होंने बाद में जिला प्रमुख रहते हुए उनके प्रभाव के कारण 19 नवम्बर 2004 को तत्कालीन उप वन संरक्षक ने एक पत्र जारी कर उस भूमि को राजस्व भूमि बता दिया।

इसके आधार पर खान विभाग ने 28 जून 2005 को भरोसीलाल के पुत्रों व अन्य को खरैटा क्षेत्र में उस भूमि के खनन पट्टे जारी कर दिए। मामले की शिकायत होने पर मुख्य वन संरक्षक ने 6 फरवरी 2011 को उस भूमि को वन भूमि बताया और वन अघिकारी के फैसले को आपराघिक कृत्य बताया।

इनके खिलाफ मामला
मोटर गैराज मंत्री भरोसीलाल, नवीन, नरेश, सुरेन्द्र बृजेश, योेगेन्द्र, सावित्री, सुनृता, गोपाल दत्ता, तत्कालीन खनि अभियंता करौली एन. के. सक्सैना, एम. पी. मीणा तत्कालीन अधीक्षण अभियंता खनि भरतपुर, ए.वी. रायजादा तत्कालीन उपवन संरक्षक करौली के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 420, 425, 467,468, 409, 120 बी के तहत मामला दर्ज करने के आदेश दिए।

23 करोड़ के घोटाले में भी कार्रवाई नहीं
जयपुर। एक तरह अवैध खनन को लेकर राज्य के एक मंत्री के खिलाफ आपराघिक मामला दर्ज किया जा रहा है वहीं राज्य सरकार झुंझुनूं जिले के मोडा पहाड़ क्षेत्र में 23 करोड़ रूपए के अवैध खनन घोटाले को दबाए बैठी है। राजस्थान पत्रिका मेंं खबर छपने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मामले की रिपोर्ट मंगवाई थी लेकिन उसमें कोई कार्रवाई नहीं की। खान निदेशक की ओर से सीकर खनिज अभियंता के निलम्बन की सिफारिश पर भी सरकार मौन है।वहीं पता चला है कि इस मामले में अभियन्ता के खिलाफ आरोप पत्र तैयार करने का जिम्मा ऎसे अघिकारी को दिया गया है, जिनकी इस प्रकरण में संदिग्ध भूमिका है।

आज बुजुर्गों के कल्याण का दिन है ........

दोस्तों आज कागजों में बुजुर्गों के कल्याण का दिवस मनाया जा रहा है ..आप और में या फिर कोई भी हो सभी जानते हैं के अपने घर , अपने पडोस और आसपास बुजुर्गों के साथ क्या दुर्व्यवहार हो रहा है .पेंशन की लाइन हो .सास ससुर के झगड़े हो बाप बेटे बहू सास के झगड़े हों सभी की जानकारी में है .....मेने तलाशा बुजुर्गों का दर्द एक बुज़ुर्ग कई सालों से अदालत से लेकर मंत्री संतरी तक सिर्फ इसीलियें चक्कर लगा रहा है के वोह अपने बेटे से उसकी सम्पत्ति वापस ले सके उसकी पत्नी दिल की मरीज़ है बाप सुन नहीं सकता चल नहीं सकता लेकिन सरकार है के मानती ही नहीं .कहने को तो वृद्ध कल्याण कानून बनाया गया है लेकिन उसकी क्रियान्विति के लियें कोई कदम नहीं उठाये गये हैं ..में सोचता था राजस्थान में संवेदन शील सरकार है शायद आज के दिन वृद्ध कल्याण दिवस को सभी जिलों में शिविर लगाकर बुजुर्गों की समस्याओं की सुनवाई करे लेकिन तोबा तोबा यहाँ तो जिनके बेटे जिनके रिश्तेदार करोडपति है वोह बुज़ुर्ग भी बेचारे वृद्ध आश्रम में रह रहे है .यकीन मानिये ऐसे दिवस मनाने के नाम पर अख़बार मिडिया में विज्ञापन दिया जाता है कुछ लोगों द्वारा कथित कार्यक्रम कर अख़बार की खबर बनाई जाती है और ऐसे लोग सरकार के करोड़ों खर्च होने के बाद भी अपने लाभ से वंचित रह जाते हैं हमारे कोटा में आज तक भी विधि नियम प्रावधानों के तहत बुजुर्गों की सुनवाई के लियें कोई प्राथमिक और विशिष्ठ कार्यवाही तय्यार नहीं की है ...एस डी ओ के यहाँ तो कोई मुकदमा पेश करने के प्रक्रिया ही नहीं जानता क्योंके वकीलों को इससे बाहर कर दिया गया है .स्थायी लोक अदालत या समाज कल्याण विभाग ने इस मामले में कोई पहल नहीं की हैं तो दोस्तों जब किसी दिवस पर एक भी वृद्ध का कल्याण ना हो ना ही इस मामले में कोई कार्यवाही की जाए फिर करोड़ों के विज्ञापन देकर आप कोनसा कल्याण दिवस मना रहे है जरा अस्पतालों में म़ोत से जूझते और घरों में अपने बेटे बहुओं के ताने सुनते बुजुर्गों से तो पूंछों ............. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जब तक परिणाम सामने ना आए, उसे अपनी सफलता मत मानिए




लाभ और हानि, ये निजी जीवन का हिस्सा भी है और व्यवसायिक जीवन का अंग भी। कर्म का परिणाम नफा-नुकसान हो सकता है। काम धंधे में भाग्यवाद की दीमक हमें खोखला कर सकती है। कभी भी, किसी भी परिस्थितियों में कर्म का दामन ना छोड़ें।

अगर कर्म का हाथ छूट जाए तो सारा लाभ, हानि में बदल सकता है। जब तक कि हमारा कोई काम पूरा ना हो जाए, परिणाम हाथ में ना आ जाए, प्रयास नहीं छोडऩे चाहिए।

कई बार ऐसा होता है कि परिणाम सामने नजर आ रहा होता है, हम अपनी तरह आ रही सफलता को देखकर प्रयास रोक देते हैं। नतीजा कई बार सफलता मिलते-मिलते रह जाती है। कई बार करारी हार का सामना करना पड़ता है।

दूर से सफलता का अनुमान लगाना भाग्यवाद को बढ़ावा देता है। हम पहले ही सोच लेते हैं कि यह फायदा तो हमारी झोली में ही आया समझो। अनुमानित सफलता को हम तय मान लेते हैं।

महाभारत का युद्ध चल रहा था, कौरवों के योद्धाओं ने मिलकर अर्जुन के बेटे अभिमन्यु की हत्याकर दी। अभिमन्यु की रक्षा के लिए उसके पीछे गए पांडवों को जयद्रथ ने रोक लिया था। अर्जुन को जब पता चला, उसने अगले दिन सूर्यास्त होने के पहले ही जयद्रथ को मारने की प्रतिज्ञा कर ली। अगला पूरा दिन कौरव सेना ने जयद्रथ को छुपाए रखा। दिन ढलता जा रहा था। पांडवों की बेचैनी भी बढ़ रही थी।

तभी भगवान कृष्ण ने अपनी योग विद्या से सूर्य को बादलों से ढंक दिया। ऐसा लगने लगा रात हो गई। अर्जुन ने अपने लिए चिता सजा ली। इस खुशी में जयद्रथ भी नाचता हुआ अर्जुन के सामने आ पहुंचा। उसे अपने भाग्य पर भरोसा था। उसने यह अनुमान लगा लिया था कि अब अर्जुन आत्मदाह कर लेगा। लेकिन तभी कृष्ण ने अपनी माया हटाई। सूर्य को ढंके बादल छंट गए, उजाला हो गया। अर्जुन ने जयद्रथ को मार दिया।

परिणाम आने के पहले ली जयद्रथ ने अपने प्रयास छोड़ दिए। इंतजार ही नहीं किया। नतीजा जो युद्ध कौरवों के पक्ष में जाता दिख रहा था। वह हार में बदल गया।

टैरोकार्ड: जानिए कैसा रहेगा आपके लिए अक्टूबर महीना...



टैरोकार्ड का इशारा क्या कहता है अक्टूबर के लिए? कैसा रहेगा आपके लिए ये महीना? किन बातों का ध्यान रखना है आपको? टैरोकार्ड से जानिए इस महीने का राशिफल



मेष (मेजर अरकाना का चौथा कार्ड)- यह महीना आपके लिए अच्छा रहेगा। सितारों का साथ मिलता रहेगा। इस माह आप कार्य स्थल पर संतुष्टि प्राप्त करेंगे। संतान के साथ वक्त बिताने का अवसर प्राप्त होगा। कई स्रोतो से आय की प्राप्ति होगी। किसी विशेष इच्छा की पूॢत होगी। अटका हुआ धन प्राप्त होगा। हनुमान मन्दिर में चमेली के तेल का दीपक लगाएं।

वृष (हाईरोफैंट कार्ड)- इस माह माता-पिता से विशेष सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार में उतार चढ़ाव तो आऐंगे लेकिन आर्थिक लाभ मिलता रहेगा। आपके कार्यों की सराहना होगी। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। प्रमोशन के मौके प्राप्त होंगे। आय की वृद्धि होगी। मन प्रसन्न रहेगा। सूर्य की अराधना करें।

मिथुन (मेजर अरकाना का छठा कार्ड)- इस माह कार्य के मामलों में सर्वश्रेष्ठ साबित होंगे। अधिकारी आपके कार्यो से सतुंष्ट होंगे तथा आपकी राय से सहमत भी होंगे। भाग्य का भी सहयोग मिलेगा। महीने के आखिरी दिनों में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। धन की प्राप्ति होगी। नए कार्य की जिम्मेदारी मिलेगी। दुर्गा माता के दर्शन करें।

कर्क (मेजर अरकाना का सातवाँ कार्ड)- इस महीने आपके व्यवहार में परिवर्तन होगा। सबके साथ मिलकर कार्य कर पाएंगे। यात्रा का योग है। धन के मामलों में सुधार होगा। व्यवसाय में नई योजना आजमाने का मन बनेगा। मित्रों और परिवार के सहयोग से धन लाभ होता रहेगा। वाहनों का प्रयोग सावधानी से करें। गरीब को काले तिल का दान करें।

सिंह (स्ट्रैंथ कार्ड )- इस माह समय आपके पक्ष का बना हुआ है। नए लोगों से मुलाकात होगी। बुद्धि-वाणी से आप सब पर विजय प्राप्त करेंगे। पैतृक संपत्ति से लाभ होगा। धन की प्राप्ति होगी। जीवनसाथी के साथ यात्रा के योग बन रहे हैं। कारोबार के सिलसिले से बाहर जाना पड़ सकता है। स्वास्थ्य संबंधित सावधानियां रखें। सूर्य की अराधना करें।

कन्या (मेजर अरकाना का नौवा नंबर कार्ड)- इस माह आप का झुकाव फैशन की और होगा। अधिकतम व्यय भी आडंबर में होगा। महीने के मध्य समय में विवाद की स्थितियों से बचने के लिए वाणी पर संयम आवश्यक है। आपके आस-पास वाले एवं आपके साथी आपकी तरक्क्ी से खुश नहीं रहेंगे तथा आपकी शिकायत या नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगे। सावधान रहें। नया व्यवसाय आरंभ हो सकता है। हनुमानजी को चढ़ा हुआ सिंदुर का तिलक सर पर लगाएं।

तुला (जस्टिस कार्ड)- पूरे महीने में आपके सितारें आपका साथ देंगे। इस माह आपको भाग्य का बहुत सहयोग प्राप्त होगा। सारे कार्य अपने आप ही पूरे होते जाएंगे। पुराने मित्रों से मुलाकात होगी। पराक्रम श्रेष्ठ रहेगा। आर्थिक लाभ होगा और अचानक धन लाभ होने के योग बन रहे हैं। भाईयों से सहयोग प्राप्त होगा। इस माह सुगंधित तेल प्रयोग करने से आप सफल होगे।

वृश्चिक (मून कार्ड)- आपके कार्यो की सभी जगह प्रशंसा होगी। अचानक बनने वाली योजनाओं से लाभ मिलेगा। बड़े अधिकारियों से मेलजोल बढ़ेगा। आपको अपने संबधों का फायदा मिलता रहेगा। माता-पिता आपसे संतुष्ट रहेंगे। सुख की प्राप्ति होगी। इस माह पीला वस्त्र अपने साथ रखें।

धनु (टैम्पेरेंस कार्ड)- यह महीना आय की दृष्टि से बहुत अच्छा रहेगा। इस माह आय में उत्तम वृद्धि होगी। सभी ओर से लाभ की प्राप्ति होगी। संतान से सुख मिलेगा एवं शुभ समाचार प्राप्त होंगे। कार्य सामान्य गति से संचालित होंगे। रूके हुए धन की प्राप्ति होगी। किए गए पूराने निवेश से लाभ मिलने के पूरे योग बन रहे हैं। शनि को प्रसन्न करने के लिए तेल का दान करें।

मकर (मेजर अरकाना का चौदहवें कार्ड)- इस महीने में आपके महत्वपूर्ण काम अचानक होंगे। महीने के मध्य का समय आपके लिए शुभ रहेगा इस समय में स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। अचानक धन लाभ होने के योग बनेंगे। इस राशि वालों को मित्रों के सहयोग से धन लाभ होगा। परिवार में इस महीने परिवार में खुशियां रहेगी। मकर राशि वालें महीने के अंत में स्वास्थ्य पर ध्यान दें।

कुंभ (स्टार कार्ड )- स्टार कार्ड वालों को इस महीने में वाहन से नुकसान हो सकता है। इस राशि के लोग महीने के अंत में ऋण या छोटी रकम की उधारी से भी बचें। कुंभ राशि वालोंं को इस महीने में सामाजिक पद प्रतिष्ठा मिलेगी। इस राशि वालों को महीने के अंत में विवादों से गुजरना पड़ सकता है।

मीन (माइनर अरकाना का पेज ऑफ कप कार्ड )- मीन राशि वाले मित्रों और परिवार के सहयोग से व्यापार में अच्छा लाभ प्राप्त करेंगे। इस कार्ड वाले लोगों को महीने के शुरुआती दिनों में स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहना होगा, मौसमी बीमारियों से परेशान हो सकते हैं।

जानिए, एक क्रोध आपको कितनी तरह की हानि पहुंचाता है



क्रोध - पर्सनल लाइफ

चलिए आज समझते हैं कि क्रोध आपकी कितनी निजी हानि करता है। कई लोगों का स्वभाव होता है बात बात पर उत्तेजित हो जाना। मर्यादाएं भूल जाना। किसी पर भी फूट पडऩा। ऐसे लोग अक्सर सिर्फ नुकसान ही उठाते हैं। खुद के स्वास्थ्य का भी, संबंधों का भी और छवि का भी। हमेशा ध्यान रखें अपनी छवि का।

लोग अक्सर अपनी छवि को लेकर लापरवाह होते हैं। हम जब भी परिवार में, समाज में होते हैं तो भूल जाते हैं कि हमारी इमेज क्या है और हम कैसा व्यवहार कर रहे हैं। निजी जीवन में तो और भी ज्यादा असावधान होते हैं। अच्छे-अच्छे लोगों का निजी जीवन संधाड़ मार रहा है।

अगर आप बार-बार गुस्सा करते हैं तो सबसे पहले जो चीज खोते हैं वह है आपके संबंध। क्रोध की आग सबसे पहले संबंधों को जलाती है। पुश्तों से चले आ रहे संबंध भी क्षणिक क्रोध की बलि चढ़ते देखे गए हैं। दूसरी चीज हमारे अपनों की हमारे प्रति निष्ठा। रिश्तों में दरार आए तो निष्ठा सबसे पहले दरकती है। फिर जाता है हमारा सम्मान।

अगर आप बार बार किसी पर क्रोध करते हैं तो आप उसकी नजर में अपना सम्मान भी गंवाते जा रहे हैं। इसके बाद बारी आती है अपनी विश्वसनीयता की। हम पर से लोगों का विश्वास उठता जाता है। फिर स्वभाव और स्वास्थ्य। कहने को लोग हमारे साथ दिखते हैं, लेकिन वास्तव में वे होते नहीं है।

समाधान में चलते हैं। हमेशा चेहरे पर मुस्कुराहट रखें। कोई भी बात हो, गहराई से उस पर सोचिए सिर्फ क्षणिक आवेग में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त ना करें। सही समय का इंतजार करें। कृष्ण से सीखिए अपने स्वभाव में कैसे रहें। उन्होंने कभी भी क्षणिक आवेग में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। हमेशा परिस्थिति को गंभीरता से देखते थे। शिशुपाल अपमान करता रहा लेकिन वे सही वक्त का इंतजार करते रहे। वक्त आने पर ही उन्होंने शिशुपाल को मारा।

अपनी दिनचर्या में मेडिटेशन को और चेहरे पर मुस्कुराहट को स्थान दें। ये दोनों चीजें आपके व्यक्तित्व में बड़ा परिवर्तन ला सकती हैं। कभी भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए आपको तैयार रखेगी

दरगाह विकास: 235 दिन में कराने होंगे 300 करोड़ के काम

अजमेर.ख्वाजा साहब के 800 वे सालाना उर्स के मद्देनजर प्रस्तावित 300 करोड़ रुपए की कार्य योजना को शुक्रवार मुख्य शासन सचिव की अध्यक्षता में जयपुर में आहूत बैठक में मंजूर कर लिया गया। 800 वें सालाना उर्स में अभी करीब 235 दिन का समय शेष है। प्रशासन प्रस्तावित योजना के अनुरूप कार्यादेश जारी भी करेगा तो कम से कम दो माह का समय लगना स्वाभाविक है। ऐसी स्थिति में योजना का क्रियान्वयन एक बड़ी चुनौती नजर आता है।

जानकारी के अनुसार गरीब नवाज का 800 वां उर्स अगले साल 23 या 24 मई से शुरू होगा। योजना के तहत प्रस्तावित कामों में ड्रेनेज सिस्टम डवलपमेंट, सीवरेज सिस्टम डवलपमेंट, इलेक्ट्रिक वायरिंग, सड़कों को चौड़ा किया जाना, दरगाह के चारों ओर कॉरीडोर निर्माण, दरगाह के दरवाजों का जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यकरण, दरगाह के भीतर और बाहर अतिक्रमणों को हटाना, विश्राम स्थलियों पर बड़े निर्माण, शहर में पार्किंग हब बनाना, शौचालयों व जूता संग्रहण केंद्रों का निर्माण किया जाना है।

विशेषज्ञों का मानना है कि उर्स के शुरू होने में शेष रहे 235 दिनों में से सरकारी प्रक्रिया पूरी होने में ही 40 से 60 दिन का समय लग जाएगा। टेंडर और अन्य औपचारिकताओं के बाद ही बड़े स्तर के काम शुरू हो पाएंगे। विशेषज्ञों की राय में नया निर्माण जितना आसान होता है उतना ही मुश्किल किसी भी बसे-बसाए शहर में तोडफ़ोड़ कर उसका पुनर्निमाण करना।

मौजूदा प्लान में दरगाह को जाने वाले मार्ग को देहली गेट से धानमंडी तक दुकानों का अधिग्रहण कर उसे चौड़ा किया जाना है। इसी तरह कॉरीडोर के निर्माण के लिए भी दुकानों का अधिग्रहण किया जाना है। हालात तो यह है कि प्रशासन इनमें से बहुत से कामों की तो आम सहमति ही नहीं बना सका है।

मुख्य शासन सचिव एस अहमद की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में अल्पसंख्यक मामलात के सचिव, यूडीएच सचिव, पीडीकोर के अधिकारी एवं दरगाह कमेटी के सदस्य इलियास कादरी सहित योजना से जुड़े प्रमुख अधिकारी व अन्य लोग उपस्थित थे।

संन्यासी का चमत्कार : सीने पर 54 कलश, मां की अराधना में लीन

रोहतास.बिहार के रोहतास जिले के डालमिया नगर में एक संन्यासी चर्चा का विषय बना हुआ है। यह संन्यासी अपने सीने पर 54 कलशों को स्थापित कर मां दुर्गा की भक्ति में लीन है। बताया जा रहा है कि रोहतास क्लब दुर्गापूजा समिति के पंडाल में भक्ति में लीन यह संन्यासी जम्मू स्थित वैष्णो देवी से आया हुआ है।


उम्र 25 के आसपास है। कलश स्थापित होने से पहले इस युवा संन्यासी स्वामी रक्तांबर जी महाराज ने बताया कि यह साधना उनके लिए काफी सहज है। वे इसे पिछले 10 वर्षो से करते आ रहे हैं। इससे पहले इस साधना को उन्होंने बिहार व झारखंड के अलावा कई अन्य राज्यों में भी कर दिखाया है। अब इसी स्थिति में संन्यासी जी पूरे नवरात्र तक रहेंगे।

किशोरावस्था में ही ले लिया था संन्यास

मूल रूप से बिहार की राजधानी पटना के विकास नगर के रहने वाले स्वामी रक्तांबर जी महाराज ने किशोरावस्था में ही संन्यास ग्रहण कर लिया था। देश के विभिन्न सिद्ध पीठों का भ्रमण करने के बाद वे मां वैष्णो देवी के धाम पर चले गए। अब वही उनका स्थायी साधना स्थल है। इस युवा संन्यासी को देखने बड़ी संख्या में भक्त पूजा स्थल पर आ रहे हैं।

प्रकाश संश्लेषण से बनेगी बिजली!


नकली पेड़-पौधे अब तक घर की सजावट में तो धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहे थे। लेकिन मसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के शोधार्थियों ने अब कृत्रिम पत्ती से बिजली बनाने की तकनीक विकसित कर वैकल्पिक ऊर्जा की दिशा में उम्मीदें बढ़ाई हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि इस प्रक्रिया में किसी महंगे पदार्थ की जरूरत नहीं पड़ती। यह पत्ती सौर ऊर्जा को केमिकल फ्यूल में बदलती है, जिसे स्टोर कर बाद में बिजली में बदला जा सकेगा।

क्या है कृत्रिम पत्ती : यह सिलिकॉन से तैयार एक नकली पत्ती है, जिसके दोनों तरफ कैटेलिक्टिक पदार्थ लगाए हैं। इसे सूरज की रोशनी में पानी से भरे एक साधारण कंटेनर में रखा जाता है। कुछ ही देर में एक तरफ से ऑक्सीजन और दूसरी तरफ से हाइड्रोजन के ढेरों बुलबुले उठने लगते हैं। बीच में एक बैरियर की मदद से इन्हें अलग-अलग रखा जाता है। इन बुलबुलों को एकत्र कर लेते हैं और बाद में फ्यूल सेल की मदद से बिजली में बदल लेते हैं।

किससे बना है : यह उपकरण भरपूर मात्रा में उपलब्ध सस्ते मटेरियल से तैयार किया गया है। इनमें भी सिलिकॉन, कोबाल्ट और निकल प्रमुख हैं। ऑक्सीजन-हाइड्रोजन अलग करने के लिए सादे पानी का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि सूर्य के प्रकाश में पानी को बांटने वाले अन्य डिवाइसों में प्लेटीनम सरीखे महंगी धातु का इस्तेमाल करते हैं।

पासपोर्ट नहीं आए, 206 की हजयात्रा पर छाये संकट केबादल

जयपुर.हजयात्रा शुरू हुए अभी एक ही दिन हुआ है कि व्यवस्थाओं की पोल खुलने लगी है। सेंट्रल हज कमेटी ने राज्य के 206 हज आवेदकों को पासपोर्ट नॉट रिसीव (पीएनआर) कैटेगरी में डाल दिया, जिससे उनकी यात्रा पर संकट खड़ा हो गया है।पिछले वर्ष भी इसी कारण कई लोग वंचित रहे थे।

फॉर्म भरने के बाद हज के मुकद्दस सफर की तैयारी कर रहे ये आवेदक अब परेशान हैं। सेंट्रल हज कमेटी ने 264 आवेदकों के फॉर्म निरस्त किए हैं। इनमें 206 के फॉर्म पीएनआर कैटेगरी में डालकर निरस्त कर दिए हैं।

शेष के फॉर्म निजी कारणों से निरस्त हुए हैं। हज कमेटी के पूर्व संयोजक जावेद कागजी व हाजी निजामुद्दीन का कहना है कि हज कमेटी ने गत वर्ष की घटना के बाद भी सबक नहीं लिया। कमेटी को पीएनआर वाले सभी आवेदकों को हज पर भेजने की व्यवस्था करनी चाहिए।

उधर, हज कमेटी के मुख्य प्रशिक्षक हाजी शाहिद मोहम्मद का कहना है कि पासपोर्ट नहीं पहुंचने के कई कारण होते हैं। इनका पता कर हज पर भेजने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। सेंट्रल हज कमेटी को पीएनआर वालों को भेजने में प्राथमिकता देनी चाहिए।

हज की दूसरी फ्लाइट रवाना

सांगानेर एयरपोर्ट से हज की दूसरी फ्लाइट 300 यात्रियों को लेकर शुक्रवार शाम रवाना हुई। विमान को चिकित्सा मंत्री दुरू मियां, विधायक अल्लाउद्दीन आजाद व मकबूल मंडेलिया ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर हज प्रशासक यूडी खान, अब्दुल बशीर अहमद, हाजी शाहिद मोहम्मद मौजूद थे।

सड़क पर उद्योगपति..कर रहे थे हाय-हाय, ऐसी हुई धुनाई कि...




जयपुर.महंगी बिजली दर का विरोध कर रहे प्रदेशभर से आए उद्योगपतियों पर शुक्रवार को पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इससे 11-12 उद्योगपतियों के सिर, हाथ व पैर पर चोटें आई हैं।
उद्योगपतियों ने इस कार्रवाई को बर्बरतापूर्ण बताया है और दोषी अधिकारियों को सस्पेंड करने की मांग की। पांच घंटे तक प्रदर्शन करने के बाद उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया तथा बढ़ी दरें वापस लेने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी।
सोलह दिन से प्रदेशभर के उद्योगपति व व्यापारी आंदोलन कर रहे हैं और उद्योग मैदान में धरना दे रहे हैं। इसके बावजूद सरकार ने वार्ता की पहल नहीं की। इससे नाराज उद्योगपति सुबह 11 बजे विश्वकर्मा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन दफ्तर से वाहन रैली निकालकर वे कलेक्ट्रेट सर्किल पहुंचे।
उद्योगपति व व्यापारी सुबह 11.30 से शाम 4 बजे तक कलेक्ट्रेट सर्किल पर जमे रहे तथा खुले ट्रक पर बने मंच से भाषण देते रहे। इन पांच घंटों के दौरान पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को समझाइश से हटाने की कोशिश ही नहीं की, बल्कि एक बार जबरन रास्ता खुलवाने तथा वाहनों को क्रेन से हटाने की कार्रवाई की।
इससे उद्योगपति व व्यापारी भड़क गए और दोनों पक्षों के बीच टकराव की स्थिति बन गई। इससे लाठीचार्ज करने तक की नौबत आ गई।
यूकोरी के अध्यक्ष ताराचंद चौधरी ने बताया कि सरकार ने उद्योगपतियों की परेशानी दूर करने के बजाय लाठीचार्ज कर भड़काने का काम किया।
इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार व बिजली वितरण कंपनियों की हठधर्मिता से उद्योगपतियों को अपना काम धंधा छोड़कर आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है।
एक अक्टूबर के उद्योगों के बिल जमा नहीं कराएंगे और 11 अक्टूबर को प्रदेशभर के उद्योगपतियों व व्यापारियों का महासंगम होगा, जिसमें आंदोलन की रणनीति तैयार होगी।


पुलिस नाकाम, परेशान जनता


उद्योगपतियों ने विश्वकर्मा इंडस्ट्रियल एरिया से वाहन रैली शुरू की थी, लेकिन विश्वकर्मा थानाधिकारी इसका अनुमान नहीं लगा पाए तथा रैली के साथ खुद भी रवाना हो गए।
इसके बाद रैली विद्याधर नगर, मुरलीपुरा व बनीपार्क थाना क्षेत्र से भी गुजरी, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में एक साथ वाहनों के जाने तथा कलेक्ट्रेट सर्किल पर वाहन की पार्किग व्यवस्था को लेकर पुलिस अधिकारियों की सोच फेल साबित रही तथा व्यापारी कलेक्ट्रेट सर्किल जाम करने में सफल रहे। जिसका खमियाजा आम जन को उठाना पड़ा।


5 किमी के दायरे में यातायात जाम

उद्योगपति वाहन रैली में शामिल होने के लिए अपनी लक्जरी गाड़ियां लेकर आए। इससे चिंकारा कैंटीन व पानीपेच तक वाहनों की कतार लग गई। कलेक्ट्रेट सर्किल पर उद्योगपतियों व व्यापारियों की ओर से रास्ता रोक देने से पांच किमी के दायरे में यातायात इंतजाम गड़बड़ा गए।
लोग गंतव्य तक पहुंचने के लिए बनीपार्क इलाके की गलियों में चक्कर लगाते रहे। दोपहर एक बजे स्कूलों की छुट्टियां होने के बाद स्थिति और खराब हो गई।
यातायात पुलिसकर्मियों के नहीं होने से लोगों ने ही व्यवस्थाएं संभाली। इससे चौमू पुलिया, कांवटिया सर्किल, चांदपोल, रेलवे स्टेशन, सिंधीकैंप तक दिनभर जाम की स्थिति रही।


आंदोलनकारी बोले- राज्य सरकार संवेदनहीन

उद्योगपतियों ने सभा के दौरान सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया। यूकोरी के अध्यक्ष ताराचंद चौधरी ने बताया कि सरकार ने लाठीचार्ज कर उद्योग जगत को भड़काने का काम किया।

उद्योगों से 75 लाख मजदूर भी जुड़े हैं, जिनकी चिंता सरकार को नहीं है। उद्योगपति 1 अक्टूबर से बिल जमा नहीं कराएंगे। 11 अक्टूबर को उद्योगपति-व्यापारियों का महासंगम होगा।

प्रदर्शन में यूकोरी सहित भिवाड़ी, अलवर, खैरथल, जयपुर, भरतपुर, कोटा, भीलवाड़ा, उदयपुर, अजमेर, जोधपुर, जैसलमेर, किशनगढ़, राजसमंद सहित प्रदेशभर से उद्योगपति शामिल हुए।

निजी अस्पताल भी विरोध में

बिजली दरें बढ़ाने के विरोध में निजी अस्पताल व लैब संचालक भी आ गए हैं। शुक्रवार को हुई बैठक में प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिग होम्स सोसायटी ने आंदोलन करने की चेतावनी दी।

अध्यक्ष डॉ. संजय आर्य ने बताया कि निजी अस्पताल 80 प्रतिशत जनता की चिकित्सा सेवाएं पूरी कर रहे हैं। उन्हें केवल संस्थानिक बिजली दरों के अनुसार ही बिल दिया जाए।

2002 में हो चुका ऐसा

बिजली की दरें बढ़ाने के खिलाफ 2002 में भी उद्योगपति सड़कों पर उतर आए थे। तब भी कलेक्ट्रेट पर वाहन रैली निकालने के दौरान ऐसी ही अव्यवस्था हो चुकी है।

प्रदेशभर के व्यापारियों का विश्वकर्मा एसोसिएशन के सामने महासंगम हुआ था। सरकार ने व्यापारियों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया था तथा बिजली दरों को कम करने का फैसला हुआ था।

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भंवरी के भंवर में फंसे मंत्री को बचाने 'सरकार' के घर गहलोत!


जयपुर/दिल्ली.राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुक्रवार सुबह कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले। गांधी के अमेरिका में इलाज करवाकर स्वदेश लौटने के बाद गहलोत की यह उनसे पहली मुलाकात थी।

समझा जाता है कि गहलोत ने इस मुलाकात में गांधी को भरतपुर जिले के गोपालगढ़ में हुई हिंसा और जोधपुर जिले के भंवरी देवी प्रकरण में जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा को लेकर अब तक की कार्रवाई के बारे में बताया और सरकार का पक्ष रखा।

दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान गृह मंत्री शांति धारीवाल के विवादास्पद बयानों को लेकर भी चर्चा हुई। गहलोत ने एआईसीसी में पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा से भी मुलाकात की।

गहलोत ने 10 जनपथ में करीब 20 मिनट बिताए। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि गृह मंत्री शांति धारीवाल ने उन्हें अपने विवादास्पद बयान के बारे में सफाई दी है।

इस सफाई में धारीवाल ने कहा कि जुबान फिसलने के कारण उन्होंने ऐसा कह दिया। यह वही विवादास्पद बयान था जिसमें धारीवाल ने कहा था कि पुलिस किसी गांव में जाए तो पिटकर नहीं आए।

एक दो सिपाही भी हों और वे पिट जाएं तो ज्यादा सिपाहियों को लेकर वापस जाएं और लोगोंको पीटकर आएं। इस कार्रवाई में दो-चार निदरेष भी पिट जाएं तो कोई बात नहीं।

गहलोत ने कहा कि किसी घटना को रोकना तो संभव नहीं होता, लेकिन उसके बाद जो एहतियाती कदम उठाए जाने चाहिए, उनमें उनकी सरकार ने कभी कोई कमी नहीं रखी।

गहलोत ने आगामी दो अक्टूबर से राज्य के सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवा वितरण योजना, जननी सुरक्षा योजना और अन्य विकास योजनाओं की भी जानकारी दी और कहा कि मुफ्त दवा योजना से राज्य के सभी वर्ग के लोगों को पूरा फायदा मिलेगा।

मीडिया को तो मैनेज कर लिया है, आपके मैनेज होने का रेट क्या है?

रायपुर। भ्रष्टाचार सरकारी महकमों की रगों में दौड़ने लगा है। नजीर है महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में काम कर रहा संविदा अफसर भागवत प्रसाद पटेल।


पटेल ने राज्य सरकार के संसदीय सचिव (राज्य मंत्री का दर्जा) महेश गागड़ा को फोन कर कहा कि मीडिया को तो मैंने मैनेज कर लिया है, आप अपना रेट बता दें। गागड़ा ने मामले की शिकायत पंचायत मंत्री रामविचार नेताम से की। जांच हुई। आरोप सही पाए गए। पटेल को कार्यमुक्त करने का आदेश भी जारी हो गया। पर दो माह तक वह वहीं टिका रहा। सेवा मुक्त करने की जगह हाल में उसे तिल्दा (मूल नियुक्ति स्थान) के लिए रिलीव कर दिया गया। मामला बीजापुर जिले के भैरमगढ़ का है। बीजापुर विधायक और संसदीय सचिव महेश गागड़ा ने बताया कि भागवत प्रसाद पटेल के खिलाफ उनके क्षेत्र के लोगों ने कई शिकायतें दर्ज कराई थीं।


लोगों का आरोप है कि पटेल भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। यहां तक कि मजदूरी भुगतान भी नहीं कर रहे। कुछ मामलों में फर्जी काम की भी शिकायत मिली थी। विधायक ने पूरे मामले को लेकर पटेल से बात की। पटेल ने गागड़ा से ही रिश्वत की पेशकश कर दी।

नाराज महेश गागड़ा ने नोटशीट के जरिए पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री रामविचार नेताम से शिकायत की। मंत्री ने आयुक्त महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना को मामले की जांच करने और कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जांच के बाद आयुक्त देवाशीष दास ने 22 जुलाई को कलेक्टर और एनआरईजीए के जिला कार्यक्रम समन्वयक को पत्र लिखकर संबंधित अफसर को सेवा से अलग कर कार्यालय को सूचित करने को कहा। मगर दो महीने के बाद भी संबंधित अफसर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

सऊदी अरब ने जुटाए भारत-चीन से ज्‍यादा हथियार, अमेरिका सबसे बड़ा सौदागर

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न्‍यूयॉर्क. चीन की बढ़ती ताकत को देखते हुए भारत ने अपनी सुरक्षा व्‍यवस्‍था मजबूत करने पर ध्‍यान देना शुरू कर दिया है। दक्षिण एशिया में साल 2010 में चीन से ज्‍यादा हथियार भारत ने खरीदे। लेकिन सऊदी अरब ने इस मामले में इन दो दोनों देशों को पीछे छोड़ दिया।

अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2003 से 2010 के बीच विकासशील देशों में हथियार खरीद के मामले में सऊदी अरब ने सबको पीछे छोड़ दिया। 2003 से 2010 के बीच इसने 29 अरब डॉलर के हथियार खरीदे, जबकि भारत और चीन ने क्रमश: 17 और 13.2 अरब डॉलर के हथियार खरीदे। मिस्र ने 12.1 अरब डॉलर और इजरायल ने 10.3 अरब डॉलर के हथियार खरीदे।

साल 2010 में पारंपरिक हथियारों की खरीद के मामले में विकासशील देशों के बीच भारत पहले नंबर पर रहा। अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के साथ हथियारों के 5.8 अरब अमेरिकी डॉलर के समझौते के लिए कई देश कोशिश कर रहे थे। दुनिया भर में 2010 में 40.4 अरब अमेरिकी डॉलर के हथियारों की बिक्री हुई थी। लेकिन यह बिक्री 2009 की तुलना में 38 फीसदी कम थी। साल 2009 में करीब 65.2 अरब अमेरिकी डॉलर के हथियार बेचे गए गए थे।

लगातार अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहे भारत के बाद हथियारों की खरीद के मामले में दूसरा नंबर ताइवान का रहा। ताइवान ने 2010 में 2.7 अरब अमेरिकी डॉलर के हथियार खरीदे जबकि सऊदी अरब ने 2.2 अरब अमेरिकी डॉलर कीमत के हथियार खरीदे। पाकिस्तान ने भी 2.2 अरब अमेरिकी डॉलर के हथियार खरीदे। अमेरिकी संसद की 75 पेज की रिपोर्ट के मुताबिक 2010 में सबसे ज़्यादा हथियार विकासशील देशों ने खरीदे। बीते साल विकासशील देशों को 30.7 अरब अमेरिकी डॉलर के हथियार बेचे गए जो पूरी दुनिया में हथियारों के कुल सौदों का 76.2 फीसदी है।

दूसरी तरफ, हथियार बेचने में अमेरिका सबसे आगे रहा। अमेरिका ने विकासशील देशों को 60 अरब डॉलर के हथियार बेचे। रूस ने 38, ब्रिटेन ने 19, फ्रांस ने 12.3, चीन ने 11.6, जर्मनी ने 6.2 और इजरायल ने 3.5 अरब डॉलर की बिक्री की। रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले समय में रूस के लिए बड़ी चुनौती आने वाली है। अभी भारत के लिए रूस हथियारों का बड़ा आपूर्तिकर्ता है, लेकिन दूसरे देश उसे कड़ी टक्‍कर दे रहे हैं।

पाकिस्‍तान को पल में जवाब दे सकेगा भारत, जोधपुर के आसमान पर दहाड़ेगा सुखोई



जोधपुर. पाकिस्‍तान और चीन से मिल रही चुनौती के मद्देनजर भारतीय वायुसेना शनिवार से बड़ी पहल कर रही है। अब पाकिस्‍तान से सटे जोधपुर (राजस्‍थान) के आसमान पर लड़ाकू विमान सुखोई-30 की दहाड़ सुनने को मिलेगी।

यहां वायुसेना के बेड़े में सुखोई के शामिल होने के साथ ही मार करने की उसकी क्षमता काफी बढ़ जाएगी और अपनी वायुसीमा की सुरक्षा व्‍यवस्‍था भी पुख्‍ता हो जाएगी। भारत-पाक सीमा पर जोधपुर एक प्रमुख एयर बेस है। ऐसे में यहां सुखोई के बेड़े में शामिल होने से जरूरत पड़ने पर भारत मिनटों के भीतर दुश्‍मन के छक्‍के छुड़ा सकता है।

रक्षा प्रवक्ता एसडी गोस्वामी ने दैनिकभास्कर डॉट कॉम से बातचीत में बताया कि स्क्वाड्रन एक अक्टूबर से ड्यूटी ज्वाइन कर लेंगे। वहीं, वायु सेना के सूत्रों के अनुसार, शनिवार से जोधपुर में 16 एयरक्रॉफ्ट की तैनाती हो जाएगी। पायलट और एयरक्राफ्ट महाराष्ट्र के पुणे से आएंगे।

वायुसेना ने लोहेगावं और बरेली स्थित अपने स्‍टेशनों को सुखोई एमकेआई 30 के लिए स्‍क्‍वाड्रन तैयार करने के बेस के रूप में चुना है। इसी के तहत 31 स्क्वाड्रन ‘द लॉयन’ को लोहेगांव (पुणे) एयरबेस से जोधपुर शिफ्ट किया गया है।


जोधपुर एयरबेस पर अभी लड़ाकू विमान मिग श्रृंखला के चार स्क्वाड्रन तैनात हैं। अब 12 से 18 सुखोई विमान तैनात होने से यहां पांच स्क्वाड्रन हो जाएंगे। जोधपुर एयरबेस से सुखोई-30 मात्र सात मिनट में पाक सीमा तक पहुंच सकता है। वायुसेना सूत्रों के अनुसार यहां अगले साल अपग्रेड सुखोई भी शामिल किए जाएंगे।

चार दशक पुराना स्क्वाड्रन

वायुसेना के स्क्वाड्रन 31 का गठन 1 सितंबर 1963 को पठानकोट में किया गया था। उस समय इसके पास फ्रेंच मिस्ट्री एयरक्राफ्ट थे। इस दौरान 1965 और 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में इसे पश्चिमी सीमा पर तैनात किया गया था।


इसके पास 1973 से 1983 तक मारुत एयरक्राफ्ट थे। इसी प्रकार 1983 से 2003 तक इस स्क्वाड्रन में मिग 23 विमान थे। उसके बाद यह सुखोई विमान की तैयारी में लग गया। अब अक्टूबर 2011 से यह जोधपुर एयरबेस पर सक्रिय हो जाएगा।


एक घंटे में 2450 किमी
इस लड़ाकू विमान की खासियत इसी से समझी जा सकती है कि सुखोई एक घंटे में 2450 किमी तक पहुंच जाता है। देश की पश्चिमी सीमा के लिए यह काफी अहम होगा। एक बार उड़ान भरने के साथ वह आठ हजार किलो तक के हथियार लेकर 5200 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है।

सुखोई-30 एमकेआई का लाइसेंस उत्पादन भारत में रूसी सुखोई कंपनी के साथ हुए के करार के आधार पर किया जा रहा है। अगले कुछ सालों में केंद्र सरकार भारतीय वायु सेना को और अधिक सुखोई-30 एमकेआई और हल्‍के लड़ाकू विमान उपलब्ध कराने के लिए 64 हजार करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा खर्च करेगी। इन विमानों का उत्पादन हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड करेगा।

इस्‍तीफा देने की बात कही या नहीं, भूल गए चिदंबरम!



नई दिल्‍ली. 2जी विवाद के बाद पहली बार प्रेस से मुखातिब पी चिदंबरम ने आज इस मसले पर पूछे गए सवाल से पल्‍ला झाड़ लिया। गृह मंत्रालय की मासिक रिपोर्ट पेश करते हुए चिदंबरम ने बम धमाकों और पाकिस्‍तान से जुड़े सवालों के जवाब तो दिए लेकिन 2जी पर पूछे गए सवाल को टाल गए।

जब चिदंबरम से 2जी विवाद पर सवाल पूछा गया तो उनका जवाब था, ‘2जी का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। इसका गृह मंत्रालय से कोई मतलब नहीं है। मैं यहां बतौर गृह मंत्री मौजूद हूं। इस सवाल का गृह मंत्रालय से कोई लेना-देना नहीं है। इस सवाल का जवाब यह है कि कोई जवाब नहीं है।’

अपने इस्‍तीफे के बारे में पूछे गए सवाल पर चिदंबरम ने कहा, ‘मेरी याददाश्‍त कमजोर है। मुझे बीती बातें याद नहीं रहतीं।’ जब यह पूछा गया कि उन्‍होंने कितनी बार इस्‍तीफा देने के बारे में सोचा था, तो इस पर गृह मंत्री का जवाब था, ‘कमजोर याददाश्‍त के साथ साथ मेरी गिनती भी कमजोर है।’

वित्‍त मंत्रालय की ओर से पीएमओ को भेजे गया एक नोट सार्वजनिक होने के बाद केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ गई थीं। इसमें तत्‍कालीन वित्‍त मंत्री (चिदंबरम) का नाम आने से विपक्ष ने मौजूदा गृह मंत्री पर हमले तेज कर दिए। ऐसा लग रहा था कि प्रणब और चिदंबरम एक दूसरे के आमने-सामने हैं। हालांकि उस वक्‍त पीएम अमेरिका में थे। कहा जा रहा है कि चिदंबरम ने उस वक्‍त पीएम से फोन पर बात कर अपने इस्‍तीफे की पेशकश की।

हालांकि बाद में तय हुआ कि फिलहाल 2जी घोटाले को लेकर सार्वजनिक रूप से कोई बयान न दिया जाए। इसलिए न तो प्रणब मुखर्जी और न ही चिदंबरम, 2जी पर कोई बयान दे रहे थे। लेकिन पीएम के लौटने के बाद भी सरकार की मुश्किलें कम नहीं हो रही थीं। इस बीच फिर से खबर आई कि चिदंबरम अपने ऊपर हो रहे व्‍यक्तिगत हमलों से आहत हैं और वह जल्‍द ही इस मामले का पटाक्षेप चाहते हैं। ऐसी भी खबर आई कि चिदंबरम ने पार्टी आलाकमान को इस्‍तीफे की पेशकश की है।

वासना को हवा देते हैं ये स्थान..! रहें सावधान

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हिन्दू धर्मग्रंथो में जीवन में चार पुरुषार्थ का महत्व बताया गया है। ये हैं धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष। इनमें काम या भोग्य विषय-वस्तु के पीछे सकारात्मक पक्ष सृजन और गति है। इसलिए काम को योग के समान संयम और अनुशासन से अपनाने पर जीवन में यशस्वी और सफल बनाने वाला माना गया है। किंतु भोग के रूप में असंयमित काम अपयश व असफलता देने वाला बताया गया है।

वहीं पौराणिक मान्यताओं में काम के स्वामी कामदेव को माना गया है। जिसे जगत के सृजन चक्र और गति को नियत करने की कामना से भगवान शंकर के तप भंग के लिये देवताओं द्वारा तैयार किया गया। जिसके परिणामस्वरूप भगवान शंकर द्वारा कामदेव भस्म हुआ। तब कामदेव की पत्नी रति की विनती पर भगवान शंकर ने कामदेव को भाव रूप में प्रकृति और जीवो ंमें वास करने की गति नियत की गई।

मुद्गल पुराण में इसी से जुड़े प्रसंग के मुताबिक जब शंकर के कोप से कामदेव जलकर शापित हुआ तो शापमुक्त होने के लिए कामदेव द्वारा श्री गणेश के ज्ञान-ब्रह्म स्वरूप महोदर का तप किया गया। तब भगवान महोदर द्वारा शिव के शाप की काट को असंभव बताया गया। लेकिन प्रकृति और जीव जगत में रहने के लिये कामदेव के लिए स्थान नियत किया गया।

भगवान महोदर द्वारा कामना या वासनाओं के प्रतीक कामदेव के रहने के लिये जिन विशेष स्थानों को बताया गया, वे इस प्रकार हैं -

लिखा गया है कि -

यौवनं स्त्री च पुष्पाणि सुवासानि महामते:।

गानं मधुरश्चैव मृदुलाण्डजशब्दक:।।

उद्यानानि वसन्तश्च सुवासाश्चन्दनादय:।

सङ्गो विषयसक्तानां नराणां गुह्यदर्शनम्।

वायुर्मद: सुवासश्र्च वस्त्राण्यपि नवानि वै।

भूषणादिकमेवं ते देहा नाना कृता मया।।

इस श्लोक के मुताबिक इन स्थानों पर कामदेव वास करते हैं यानी इनके संपर्क में कामनाएं जागती हैं। ये हैं -

यौवन या सौंदर्य, स्त्री, फूल, गाना, परागकण या फूलों का रस, पक्षियों की मीठी आवाज, सुंदर बाग-बगीचा, बसन्त ऋतु, चन्दन, वासनाओं में लिप्त मनुष्य की संगति, छुपे अंगों के दर्शन, सुहानी और मन्द हवा, रहने का सुन्दर स्थान, नए कपड़े और आभूषण।

इस पौराणिक बात के पीछे व्यावहारिक जीवन के लिये संकेत भी है कि चूंकि कामनाओं की अति मन को भटकाती है, इसलिए इन स्थान विशेष के संपर्क में आने पर संयम और अनुशासन बनाए रख मन को कमजोर होने से बचाएं। अन्यथा जीवन पतन की ओर जा सकता है।

मुस्लिम समाज ने मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से मांगा इस्तीफा


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गोपालगढ़ में फायरिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से गुस्साए मुस्लिम संगठनों ने किया प्रदर्शन

जयपुर। राजस्थान मुस्लिम फोरम की ओर से शुक्रवार को मोती डूंगरी रोड पर गोपालगढ़ में हुई पुलिस फायरिंग के विरोध में प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग मौजूद थे। उन्होंने इस मामले के जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई नहीं किए जाने से सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

फोरम से संयोजक कारी मोइनुद्दीन ने अपने संबोधित करते हुए कहा कि सरकार नकारा हो चुकी है। वे सरकार से गोपालगढ़ में फायरिंग का आदेश देने वाले अफसरों को तुरंत बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं। वहां के पूरे थाने को सस्पेंड किया जाए। अगर सरकार उनकी यह मांग नहीं मानती है तो मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए। इस दौरान जमाअते इस्लामी हिंद के केंद्रीय सचिव मो. सलीम इंजीनियर ने कहा कि सरकार का रवैया ठीक नहीं है। अफसरों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। गोपालगढ़ घटना में मारे गए लोगों के लिए अंत में एक प्रार्थना सभा आयोजित की गई।

अब सोचना शुरू कर देंगी मशीनें भी

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क्या आपको कभी यह लगा कि आप प्रतिष्ठित लेखकों की तरह अच्छा नहीं लिख पाते? क्या आपको कभी इस बात पर हैरत हुई कि आपके लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित क्यों नहीं हो पाते? बहरहाल, इस बारे में अब चिंता करने की जरूरत नहीं है, जल्द ही इसका समाधान मिलने वाला है।

क्या आपने सेतु सॉफ्टवेयर सिस्टम्स के बारे में सुना है? हैदराबाद स्थित यह नई कंपनी कुछ ऐसा काम कर रही है, जो संभवत: पत्रकारों व लेखकों के लिए प्रमुख चुनौती बन जाएगा। यह एक ऐसा कोड तैयार कर रही है, जो कंप्यूटर को इंसानी हस्तक्षेप के बगैर लेख लिखने लायक बना देगा।


मान लीजिए कि आप दो मोबाइल फोन मॉडल का तुलनात्मक विश्लेषण देखना चाहते हैं तो मशीन यह काम कर देगी और मोबाइल फोन के बारे में एक लेख भी तैयार कर देगी। इस तकनीक के जरिए मशीन 5 से 10 सेकंड में लेख तैयार कर सकती है, हालांकि इसके लिए कुछ घंटों की ट्रेनिंग की जरूरत होती है। सेतु में इस दिशा में पिछले दो साल से काम चल रहा है।


फिलहाल नई तकनीकों व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तलाश में लगी इस कंपनी ने माइक्रोसॉफ्ट इंडिया डेवलपमेंट सेंटर के पूर्व प्रबंध निदेशक, श्रिनि कोप्पोलु को भी बतौर एंजेल इन्वेस्टर व चेयरमैन अपने साथ जोड़ा है। हैदराबाद के इंडियन इंस्टीट्ïयूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईआईआईटी) में तैयार हुई सेतु कंपनी का फोकस एक ऐसे प्लेटफॉर्म पर है, जो तीन बिंदुओं पर काम करता है- छानबीन, विश्लेषण और संक्षिप्तीकरण।


सेतु की टीम ने जो प्रमुख बौद्धिक संपदा (आईपी) विकसित की है, उसने मुझे इस कंपनी की ओर आकर्षित किया। अब वह एक टीम बना रहे हैं और उस तकनीक के उत्पादीकरण पर फोकस कर रहे हैं, जो कंपनी में विकसित की गई है। जिस बात ने सेतु की ओर कई लोगों को खींचा, वह यह टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म ही था। अब यह टीम एक और टीम तैयार करने और इस तकनीक को अगले स्तर तक ले जाने की योजना बना रही है। सेतु की 20 लोगों की टीम पिछले तीन साल से सर्च प्लेटफॉर्म पर काम कर रही है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहले ही कई पुरस्कार जीत चुकी है।


वे माइक्रोसॉफ्ट की तरह पेटेंट के लिए आवेदन कर रहे। सेमंतफायर सेतु की एक और तकनीक है, जो संक्षिप्तीकरण के लिए तैयार है। यह टेक्स्ट को पढ़कर उसका आशय निकालती है, जो मशीन को त्वरित निर्णय लेने में मदद करता है। इस तकनीक के अंतर्गत यदि 50 पेज के टेक्स्ट का इनपुट है और मशीन को इसका संक्षिप्तीकरण करना है तो आपको तकरीबन 250 शब्दों में इसका समुचित सारांश मिल जाएगा।


सेतु का सर्च इंजन प्लेटफॉर्म हिंदी, गुजराती और मराठी जैसी 70 से ज्यादा गैर-अंग्रेजी भाषाओं को सपोर्ट कर सकता है। कोई भी यूजर इस इंजन पर अपनी भाषा में जिज्ञासा पेश करते हुए विभिन्न भाषाओं में सर्च रिजल्ट पा सकता है। वे अब इस प्लेटफॉर्म पर आधारित विभिन्न एप्लीकेशंस की संभावना तलाश रहे हैं। यह समूह एजुकेशन सेक्टर पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। हालांकि सेतु ने कुछ कॉर्पोरेट ग्राहकों को इस तकनीक का लाइसेंस दे दिया है, लेकिन उसका फोकस हेल्थ सेक्टर समेत ऐसे सेक्टरों पर है, जिनका समाज पर व्यापक असर होता है।

हाइड्रोजन से उड़ेगा विमानः बिना रुके लगाएगा धरती का चक्कर...

लंदन. बहुत जल्द संभव है कि आपको दुनिया के किसी भी हिस्से में जाने के लिए सीधी फ्लाइट मिल सकेगी। आधुनिक विमानों को यात्रा के बीच मे ईंधन भराने की जरूरत ही नहीं होगी। इंजीनियर-डिजाइनर विलियम ब्लेक जीरो-एमीशन (शून्य-उत्सर्जन) पर आधारित लॉकहीड स्ट्रेटोलाइनर विमान बनाने में जुटे हैं।

पक्षियों जैसे पंख (विंग्स) वाला यह विमान स्ट्रेटोस्फीयर (पृथ्वी से 10-50 किमी) तक जा सकेगा। विमान को एक्सट्रीम एरोडायनामिक लिफ्ट कराकर उस ऊंचाई तक ले जाया जाएगा जहां वह न्यूनतम प्रतिरोध के चलते पक्षी जैसे उड़ सकेगा। इसमें 4 क्रायोजनिक (तरल) हाइड्रोजन टबरेफेन इंजन लगे होंगे।

पक्षी से मिली प्रेरणा

वैज्ञानिकों को हाइड्रोजन-चलित इस विमान की प्रेरणा ऑस्ट्रेलिया के एक पक्षी से ही मिली है जो ऑस्ट्रेलिया से अलास्का की बीच की 11 हजार 766 किमी की दूरी बिना कहीं रुके (एक बार में) तय कर लेता है। हालांकि प्रयोगात्मक तौर पर इस तरह के छोटे विमानों का प्रदर्शन किया जा चुका है।


क्या होगा खास इस विमान में

12,000 किमी नॉन-स्टॉप उड़ाने की योजना

04क्रायोजनिक हाइड्रोजन टबरेजेट इंजन लगे होंगे

10-50 किमी ऊपर (धरती से) उड़ेगा विमान

सांप को देखने के लिए लगा रहा लोगों का तांता

कोटाः अदालत परिसर में गुरुवार शाम 4 बजे एक वकील की टेबल के नीचे सवा तीन फीट लंबा कोबरा आ जाने से अफरा-तफरी मच गई। सर्प विशेषज्ञ विष्णु श्रंगी ने मशक्कत की और स्नैक कैचर की मदद से उसे पकड़ लिया। कोर्ट परिसर में सांप को देखने के लिए दो घंटे तक लोगों का तांता लगा रहा।

श्रंगी ने बताया कि यह कोबरा बाइनोसुलेट प्रजाति का था। इसके पीछे यू जैसा निशान होता है। लंबाई 1 मीटर से अधिक थी। यह पूरी तरह से वयस्क है। इसमें न्यूटॉक्सिक जहर होता है। समय पर उपचार नहीं मिले तो इसके काटने के २ से ३ घंटे में मौत हो जाती है। -



गहलोत ने दिल्ली में सोनिया को दी गोपालगढ़ और भोपालगढ़ पर सफाई

जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुक्रवार सुबह कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले। श्रीमती गांधी के इलाज करवाकर स्वदेश लौटने के बाद गहलोत की यह उनसे पहली मुलाकात है। समझा जाता है कि गहलोत ने इस मुलाकात में श्रीमती गांधी को भरतपुर जिले के गोपालगढ़ की हिंसा और जोधपुर जिले के भंवरी देवी प्रकरण में जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा को लेकर अब तक कार्रवाई के बारे में बताया और सरकार का पक्ष रखा। दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान गृह मंत्री शांति धारीवाल के विवादास्पद बयानों को लेकर भी चर्चा हुई। गहलोत ने एआईसीसी में पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा से भी मुलाकात की।


गहलोत ने 10 जनपथ में करीब 20 मिनट बिताए। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि गृह मंत्री शांति धारीवाल ने उन्हें अपने विवादास्पद बयान के बारे में सफाई दी है। इस सफाई में धारीवाल ने कहा कि जुबान फिसलने के कारण उन्होंने ऐसा कह दिया। यह वही विवादास्पद बयान था जिसमें धारीवाल ने कहा था कि पुलिस किसी गांव में जाए तो पिटकर नहीं आए। एक दो सिपाही भी हों और वे पिट जाएं तो ज्यादा सिपाहियों को लेकर वापस जाएं और लोगों को पीटकर आएं। इस कार्रवाई में दो-चार निर्दोष भी पिट जाएं तो कोई बात नहीं।


गहलोत ने कहा कि किसी घटना को रोकना तो संभव नहीं होता, लेकिन उसके बाद जो एहतियाती कदम उठाए जाने चाहिए, उनमें उनकी सरकार ने कभी कोई कमी नहीं रखी। गहलोत ने आगामी दो अक्टूबर से राज्य के सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवा वितरण योजना, जननी सुरक्षा योजना और अन्य विकास योजनाओं की भी जानकारी दी और कहा कि मुफ्त दवा योजना से राज्य के सभी वर्ग के लोगों को पूरा फायदा मिलेगा।

कंगाल हुआ अमेरिका! संपत्ति बेच कर पैसे जुटाएगा ओबामा प्रशासन


वॉशिंगटन. अमेरिका की माली हालत इतनी खराब हो गई है कि जनता के बाद अब सरकार भी अपनी परिसंपत्तियां बेच कर नकदी जुटाने की योजना बना रही है। अमेरिकी जनता तो पैसों की तंगी से बचने के लिए इस्‍तेमाल में नहीं आ रहा सामान बेच ही रही थी, अब ओबामा प्रशासन ने सरकार को भी इसी रास्‍ते पर चलने का प्रस्‍ताव दिया है।

आइसलैंड, कोर्टहाउस, एयरस्ट्रिप, बेकार या कम इस्‍तेमाल होने वाले वाहन, सड़क, इमारतें, जमीन और यहां तक कि टीवी प्रसारण के लिए वायु तरंगें तक बेचने का प्रस्‍ताव है। प्‍लम आइसलैंड, लॉन्‍ग आइसलैंड, संघीय एनिमल डिजीज सेंटर की पुरानी इमारत आदि उन परिसंपत्तियों की सूची में शामिल है, जिन्‍हें बेचा जाना है।

अमेरिका के सबसे बड़े बैंक ‘बैंक ऑफ अमेरिका’ ने कहा है कि वह डेबिट कार्ड से खरीदारी करने पर उपभोक्‍ताओं पर पांच डालर प्रति माह का शुल्‍क लगाने पर विचार कर रहा है। इससे पहले भी बैंक ने अपना मुनाफा बढ़ाने के लिए कई नए चार्ज लगाए हैं।


ह्वाइट हाउस का अनुमान है कि वह अगले दशक तक इस तरह 22 अरब डॉलर की रकम जुटा लेगा। चार अरब डॉलर की राशि इमारतों और संपत्तियों को बेचने से हासिल होगी। पेंटागन और पोस्‍टल सेवा ने इमारतें बेच दी हैं और नकद जमा भी कर लिया है। 350 सैन्‍य ठिकानों को बेचने से पिछले 20 वर्षों के दौरान 1.5 अरब डॉलर जुटाए गए हैं।

‘ढाई करोड़ बेरोजगार’

अमेरिकी सरकार की ओर से गुरुवार को जारी ताजा आंकड़ों से साफ है कि अमेरिका की आर्थिक हालत खस्‍ता है और विकास दर इतनी कमजोर है कि 1 करोड़ 40 लाख बेरोजगारों की मदद कर सके। बीते अगस्‍त में अमेरिका में बेरोजगारों की जितनी तादाद थी उसमें 40 फीसदी से अधिक पिछले छह महीने से बेरोजगार थे जबकि करीब एक तिहाई को पिछले सालभर से रोजी-रोटी के लाले पड़े हैं। अमेरिका में बहुतेरे ऐसे भी हैं जिन्‍होंने काम की तलाश छोड़ दी है। यदि इन्‍हें भी जोड़ लिया जाए तो अमेरिका में कुल बेरोजगारों की तादाद करीब ढाई करोड़ तक पहुंच जाती है।
उधर, कर्ज संकट से जूझ रहे यूरोप के लिए अच्‍छी खबर है। जर्मनी की संसद ने भारी बहुमत से यूरो बचाव पैकेज को मंजूरी दे दी है। चांसलर अंगेला मर्केल के सत्ताधारी मोर्चे ने भी सरकार की यूरो संकट से निबटने की नीति का अनुमोदन कर दिया है। यूरो बचाव पैकेज बिल में बेल आउट पैकेज में जर्मनी की गारंटी को 123 अरब यूरो से बढ़ाकर 211 अरब यूरो करने का प्रावधान है। इस बिल के पास हो जाने के बाद अब जर्मनी केंद्र सरकार के बजट के दो तिहाई हिस्से से कर्ज में डूबे देशों को नए कर्ज की गारंटी देगा।

आडवाणी को मोदी की चुनौती, प्रवक्‍ता ने बताया- सबसे बेहतरीन पीएम साबित होंगे नरेंद्र


नई दिल्ली. लालकृष्ण आडवाणी और नरेंद्र मोदी के बीच मतभेद की खबरों के बीच भारतीय जनता पार्टी की दो दिनों तक चलने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुक्रवार को राजधानी में जारी है। बैठक में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा शामिल नहीं हो रहे हैं। लेकिन शुक्रवार को पार्टी ने नेताओं के बीच मतभेद की खबरों से इनकार करते हुए मोदी के कार्यकारिणी में न शामिल होने के फैसले का बचाव किया। बीजेपी के प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पार्टी में प्रधानमंत्री पद के लिए कई योग्य नेता हैं और समय आने पर उम्मीदवार पर निर्णय लिया जाएगा।

प्रसाद ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के पहले दिन मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी एक योग्य नेता हैं। उन्होंने पार्टी के भीतर किसी भी तरह की कलह या गुटबाजी की खबरों को बेबुनियाद बताया। वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने कलह की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कलह बीजेपी में नहीं बल्कि कांग्रेस में है। पार्टी एक अन्य प्रवक्ता बलबीर पुंज ने कहा कि अगर मोदी को मौका मिले तो वह देश के बेहतरीन प्रधानमंत्री साबित होंगे। मोदी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल न होने पर उनके और आडवाणी के बीच मतभेद की खबरों ने तेजी पकड़ी है।
भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते कुछ हफ्ते पहले येदियुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ी थी। नरेंद्र मोदी के कार्यकारिणी में न आने पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी का कहना है कि नवरात्रि की वजह से मोदी इस अहम बैठक में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। लेकिन मीडिया में सूत्रों के हवाले जो खबर सामने आ रही है उसके मुताबिक आडवाणी की प्रस्तावित जन चेतना यात्रा के गुजरात की जगह उत्तर प्रदेश-बिहार की सीमा से शुरू होने और यात्रा को नीतीश कुमार द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किए जाने से मोदी बिफरे हुए हैं। आडवाणी और मोदी के बीच मतभेद की खबरों ने तभी से जोर पकड़ लिया था, जब से आडवाणी ने जयप्रकाश नारायण की जन्मस्थली सिताब दियारा से अपनी रथयात्रा की शुरुआत करने का फैसला किया था।

सितंबर में ही मोदी के सद्भावना मिशन के तहत उपवास पर बैठने पर आडवाणी ने उनके समर्थन में अहमदाबाद की यात्रा की थी। लेकिन नीतीश की पार्टी जेडी(यू) ने इस उपवास से दूरी बनाई थी। जेडी(यू) ने मोदी को बतौर प्रधानमंत्री पेश किए जाने पर भी आपत्ति जताई थी। इससे पहले भी बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश ने मोदी को प्रचार से दूर रखा था। इन्हीं घटनाओं की वजह से नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार में अनबन है।

आडवाणी की रथयात्रा 18 राज्यों और 3 केंद्रशासित प्रदेशों से होकर गुजरेगी। इसकी शुरुआत 11 अक्टूबर को सिताब दियारा से होगी। यात्रा के दौरान पटना में एक बड़ी रैली का आयोजन किया जाएगा। इसमें अरुण जेटली, सुषमा स्वराज के अलावा एनडीए के संयोजक शरद यादव भी शामिल होंगे। लेकिन नरेंद्र मोदी इस रैली में शामिल नहीं होंगे। समझा जाता है कि नीतीश कुमार को नाराज न करने की नीति पर चलते हुए बीजेपी ने मोदी को पटना की रैली से दूर रखने का फैसला किया है।

अमेरिकी ड्रोन हमले में तीन की मौत, नाटो की धमकी-पाकिस्तान में आतंकी ठिकाने करेंगे तबाह

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ब्रसेल्स. पाकिस्तान पर अपनी ज़मीन पर मौजूद आतंकवादी तत्वों के खात्मे को लेकर दबाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिका के बाद नाटो ने पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाते हुए शुक्रवार को कहा कि साझा सेना पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाएगी। नाटो के महासचिव एंडर्स फॉग ने कहा, 'हम पाकिस्तान की सेना और वहां की सरकार को चरमपंथी तत्वों से लड़ने के लिए उत्साहित करते हैं।'

इससे पहले अमेरिका ने चेतावनी देते हुए कहा था कि वह आतंकवादी संगठन हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ भी अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन जैसी ही कार्रवाई करेगा। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्ने ने एक बयान में कहा, 'मामले की सच्चाई यह है कि हम अफगानिस्तान में एक लड़ाई लड़ रहे हैं, और हमारे सामने एक समस्या उस स्थान का पता लगाना है, जहां से यह मुद्दा उठ रहा है। क्या हक्कानी नेटवर्क की सुरक्षित पनाहगाह पाकिस्तान में तो नहीं है।'

इस बीच, ड्रोन हमले में पाकिस्तान में तीन संदिग्ध आतंकवादी ढेर हो गए। अफगानिस्तान से सटे पाकिस्तान के वजीरिस्तान में बगहर चीना इलाके में एक वाहन को ड्रोन से निशाना बनाया गया। एक स्थानीय अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है कि तीनों संदिग्ध आतंकवादी बगहर चीना इलाके के नहीं है।

वहीं, यमन सरकार ने इस बात की पुष्टि की है कि अमेरिका के रहने वाले अल कायदा के सक्रिय सदस्य अनवर अल अवलाकी मारा गया है। सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि राजधानी सना से करीब 150 किलोमीटर अल जाफ प्रांत के खाशेफ कस्बे में अवलाकी को निशाना बनाया गया। 40 साल के अवलाकी को अमेरिका में आतंकवादी वारदात की कुछ कोशिशों के पीछे मास्टर माइंड माना जाता था।

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