आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

03 अक्तूबर 2011

26 को बहुत से दुर्लभ योग: शनिवार की दीपावली और शनि है अस्त, जानिए राशिफल...

|


इस बार दीपावली चित्रा नक्षत्र जिसका स्वामी मंगल है में आ रही हैं। दीपावली शनिवार को आएगी। शनि 30 अक्टूबर तक अस्त है। यानि अस्त शनि की दशा में ही दीपावली का पूजन होगा। इस दौरान मेष राशि में स्थित गुरु भी वक्री होगा। शुक्र स्वयं की स्वामित्व की राशि तुला मे स्थित होगा। उसके साथ सूर्य नीच का एवं बुध एवं चंद्रमा भी होगा। चंद्र बुध शत्रु है सूर्य शुक्र सम हैं तथा सूर्य नीच का होगा। मंगल भी नीच का होगा एवं मंगल की ही महादशा होगी। तुला राशि में चार ग्रहों की युति होगी। इसी दिन शनिश्चरि अमावस्या का योग भी होगा।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार इतने सारे योग इस दीपावली को बहुत खास बना रहे हैं। यह स्थिति व्यापार के लिए ठीक नहीं होगी। निवेश कहां, कैसे करें, यह समझ नहीं आएगा। कीमती धातुओं के भाव लगातार ऊपर नीचे होते रहेंगे। मंहगाई का ग्राफ बढ़ेगा। कई देशों की आर्थिक हालत कमजोर होगी। बीमारी एवं रोगों के फैलने का भय होगा। शत्रु राशि गत अष्टम राहु भी उत्पात मचाकर आतंक में कई लोगों के हताहत होने का संकेत दे रहा है। प्राकृतिक प्रकोप संक्रामक रोग के रूप में हो सकता हंै । जनता में उत्साह की कमी रहेगी। स्थापित सरकार से जनता नाखुश ही रहेगी।

पं. शर्मा के अनुसार नीच का मंगल, मंगल की महादशा एवं मंगल के स्वामित्व वाले नक्षत्र होने के कारण जमीन में कंपन हो सकता है। यह दिन शनिवार होने से जो मंगल का परम शत्रु है अत: यह स्थिति शुभ नहीं कही जा सकती। हालांकि शनि के अस्त होने के कारण प्रभाव कुछ कम हो सकता है फिर भी सावधान रहने की आवश्यकता हैं।

घर की दीवारों और फर्श पर बन जाते थे रहस्मयी चेहरे


| Email Print Comment
स्पेन के बेलमेज़ इलाके की ये विचित्र घटना है। 1971 में वहां मारिया परेरा नामक महिला ने अपने किचन की फायर प्लेस के पत्थर पर एक महिला की तस्वीर उभरी हुई देखी। उसने पहले उसे साफ करना चाहा। जब ये चेहरा साफ नहीं हुआ तो उसने पत्थर पर सीमेंट से प्लास्टर करवाया लेकिन वह चेहरा कुछ समय बाद फिर उभर आया।


इसके बाद किचन के फर्श पर भी इस तरह की तस्वीरें उभरने लगीं। ये किस्सा मशहूर हो गया और लोग उनके घर खासतौर पर ये देखने आने लगे। ये चेहरे बनते थे और कुछ समय बाद खुद गायब हो जाते थे। इसके पीछे कई कारण बताए गए। फिर भी ये बीसवीं सदी की एक रहस्यमयी घटना मानी गई।

जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ फ्रेइबर्ग के डॉक्टर हैंस बैंडर ने स्पेन के डॉक्टर जर्मन डे अगरूमोसा के साथ इस केस का अध्ययन किया। मारिया के किचन में जहां चेहरे बनते थे, उन्होंने वहां प्लास्टिक की प्लेट्स लगा दीं। कई हफ्तों बाद प्लेट्स के नीचे पानी गाढ़ा होने पर प्लेट्स हटाई गईं। उन्होंने देखा प्लेट्स के नीचे भी ये चेहरे बन गए थे। 1974 तक ये सिलसिला चलता रहा।


इसके बाद मारिया ने नया किचन बनवा लिया। वहां भी ऐसे चेहरे नजर आने लगे। प्रोफेसर अगरूमोसा की रिपोर्ट नवंबर 1976 में छपी थी। उसमें उन्होंने कुछ भी रहस्यमयी नहीं बताया था फिर भी ऐसा क्यों होता था ये साबित नहीं किया जा सक था। लोगों का कहना था कि मारिया का घर 11वीं सदी में मारे गए लोगों के कब्रिस्तान पर बना था।

घर की दीवारों और फर्श पर बन जाते थे रहस्मयी चेहरे

| Email Print Comment
स्पेन के बेलमेज़ इलाके की ये विचित्र घटना है। 1971 में वहां मारिया परेरा नामक महिला ने अपने किचन की फायर प्लेस के पत्थर पर एक महिला की तस्वीर उभरी हुई देखी। उसने पहले उसे साफ करना चाहा। जब ये चेहरा साफ नहीं हुआ तो उसने पत्थर पर सीमेंट से प्लास्टर करवाया लेकिन वह चेहरा कुछ समय बाद फिर उभर आया।


इसके बाद किचन के फर्श पर भी इस तरह की तस्वीरें उभरने लगीं। ये किस्सा मशहूर हो गया और लोग उनके घर खासतौर पर ये देखने आने लगे। ये चेहरे बनते थे और कुछ समय बाद खुद गायब हो जाते थे। इसके पीछे कई कारण बताए गए। फिर भी ये बीसवीं सदी की एक रहस्यमयी घटना मानी गई।

जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ फ्रेइबर्ग के डॉक्टर हैंस बैंडर ने स्पेन के डॉक्टर जर्मन डे अगरूमोसा के साथ इस केस का अध्ययन किया। मारिया के किचन में जहां चेहरे बनते थे, उन्होंने वहां प्लास्टिक की प्लेट्स लगा दीं। कई हफ्तों बाद प्लेट्स के नीचे पानी गाढ़ा होने पर प्लेट्स हटाई गईं। उन्होंने देखा प्लेट्स के नीचे भी ये चेहरे बन गए थे। 1974 तक ये सिलसिला चलता रहा।


इसके बाद मारिया ने नया किचन बनवा लिया। वहां भी ऐसे चेहरे नजर आने लगे। प्रोफेसर अगरूमोसा की रिपोर्ट नवंबर 1976 में छपी थी। उसमें उन्होंने कुछ भी रहस्यमयी नहीं बताया था फिर भी ऐसा क्यों होता था ये साबित नहीं किया जा सक था। लोगों का कहना था कि मारिया का घर 11वीं सदी में मारे गए लोगों के कब्रिस्तान पर बना था।

दुनिया में पहली बार डेनमार्क में लगाया जाएगा मोटापे पर टैक्स


डेनमार्क की सरकार ने संभवत: दुनिया में पहली बार चर्बी कर लगाने का फैसला किया है। इसके तहत सरकार खाने-पीने की उन चीजों पर कर वसूलेगी जिनमें चर्बी की मात्रा अधिक होती है। खाने की चीजें जैसे मक्खन, दूध, पनीर, पिज्जा, मांस, तेल और दूसरी वस्तुओं में यदि चर्बी की मात्रा 2.3 फीसदी से अधिक होगी तो कर वूसला जाएगा।

अधिकारियों का कहना है कि सरकार के इस कदम से ज्यादा चर्बी वाली चीजों के उपभोग में कमी आएगी। ऐसा सरकार ने लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर किया है। हालांकि कुछ वैज्ञानिकों ने कहा है कि चर्बी वाले खाद्य पदार्थ पर कर लगाना गलत होगा क्योंकि इससे ज्यादा हानिकारक नमक, चीनी और कार्बाहाइड्रेट है। सरकार को पहले इन चीजों पर ध्यान देना होगा।

अधिक खाने से मरते हैं ज्यादा लोग

रेडक्रॉस के अनुसार दुनियाभर में पिछले वर्ष तक 1.5 बिलियन लोग गंभीर रूप से मोटापे के शिकार थे, जबकि 925 मिलियन लोगों को पर्याप्त भोजन ही उपलब्ध नहीं था। दुनियाभर में इतने भोजन का उत्पादन होता है कि हर व्यक्ति को अन्न उपलब्ध हो सकता है। इसके बावजूद कुछ लोग भुखमरी से मर जाते हैं तो कई अधिक खाने से मर जाते हैं।

रेडक्रॉस संस्था के बर्कले जिलेटा कहते हैं कहते हैं कि 15 फीसदी लोग भूखे रहते हैं और २क् फीसदी लोग ओवरवेट हैं। कहीं तो कोई समस्या जरूर है। ब्रिटेन में होने वाली हर 11 में से एक मौत ओबेसिटी के कारण होती है। एक अनुमान के अनुसार 2030 तक ब्रिटेन में आधे पुरुष और महिलाएं मोटापे के शिकार होंगे।

शरीर पर 1008 दीपक सजाकर की माँ की महाआरती!

| Email Print
घाटोल(बांसवाड़ा)/उदयपुर. कस्बे में वैष्णव समाज और युवा संगठन की ओर से गरबा का आयोजन किया जा रहा है।

इस आयोजन के तहत रविवार को हिम्मतनगर से आए मनोज महाराज ने शरीर पर 1008 दीपक सजाकर महाआरती की। इस आयोजन को देखने के लिए कस्बे सहित आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में लोग आए।

कांग्रेस के खिलाफ हुए अन्‍ना! कहा- इस पार्टी को वोट न दे देश की जनता

रालेगण सिद्धि. अन्‍ना हजारे ने अपनी भावी रणनीतियों का ऐलान कर दिया है। अन्‍ना ने कांग्रेस के खिलाफ खुली जंग का ऐलान करते हुए कहा है कि यदि जनलोकपाल पर कांग्रेस अपनी सहमति नहीं देती है तो वो लोगों से इस पार्टी के खिलाफ वोट देने की अपील करेंगे। अन्‍ना हजारे ने कहा कि वो दशहरे के बाद देशभर में उन राज्‍यों का दौरा करने की तैयारी में हैं जहां विधानसभा के चुनाव होने हैं।

अपने सहयोगी अरविंद केजरीवाल के साथ प्रेस कांफ्रेंस करते हुए अन्‍ना ने कहा, ‘भ्रष्‍टाचार के खिलाफ आंदोलन में उन्‍हें देशव्‍यापी समर्थन मिला। अब वह देशभर का दौरा शुरू करेंगे। युवाओं से मिलने के लिए दौरा शुरू करेंगे। जहां जहां चुनाव आ रहे हैं वहां पहले दौरा करेंगे। हरियाणा के हिसार में संसदीय सीट पर उपचुनाव हो रहा है। हिसार में 13 अक्‍टूबर को चुनाव है। हम वहां सभा कर सकते हैं। यदि सभा नहीं कर पाए तो वीडियो संदेश जारी करेंगे।’

अन्‍ना ने ऐलान किया कि वो हरियाणा में जनसभा के दौरान कांग्रेस के खिलाफ वोट करने की अपील करेंगे। अन्‍ना ने चेतावनी दी कि जनलोकपाल बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पास नहीं हुआ तो वो चुनाव में देश की जनता से अपील करेंगे कि वो कांग्रेस के खिलाफ वोट करें। उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले लखनऊ में अन्‍ना तीन दिनों का अनशन करेंगे। अन्‍ना ने चेतावनी दी कि कांग्रेस ने यदि दो दिन दिनों के बीच जनलोकपाल बिल पर समर्थन देने का लिखित आश्‍वासन नहीं दिया तो वो कांग्रेस के खिलाफ वोट देने की अपील करेंगे। उन्‍होंने यह भी कहा कि यदि कांग्रेस जनलोकपाल बिल पारित भी करती है तो लोगों से कहेंगे कि वो सही उम्‍मीदवारों को चुनाव में जिताएं।

अन्‍ना हजारे ने कहा कि हरियाणा और उत्‍तर प्रदेश में चुनाव के बाद पांच राज्‍यों में विधानसभा चुनाव से पहले सभाएं करेंगे। उन्‍होंने दावा किया कि भाजपा ने जनलोकपाल पर उन्‍हें समर्थन देने का वादा किया है। अन्‍ना ने चेतावनी दी कि अभी वह इस मुद्दे पर कांग्रेस के जवाब का इंतजार कर रहे हैं। यदि कांग्रेस का जवाब नहीं आया तो वो लोगों से कांग्रेस के खिलाफ वोट करने की अपील करेंगे।

अन्‍ना हजारे ने गुजरात में आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की गिरफ्तारी का भी विरोध किया। उन्‍होंने कहा कि कोई पुलिस अफसर यदि लिखकर बयान देता है तो उसे जेल में डाल देना उचित नहीं है। नरेंद्र मोदी की सरकार ने जो किया है, गलत किया है। अन्‍ना ने कहा कि देश में हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है।

इस मौके पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार अगर जनलोकपाल बिल कानून पारित करती है तो सभी राज्‍यों में लोकायुक्‍त आएगा। यदि कांग्रेस ऐसा नहीं करती है तो हम अपील करेंगे कि लोग कांग्रेस को चुनाव में वोट नहीं करें। उन्‍होंने कहा, 'हम जनलोकपाल बिल को चुनावी मुद्दा बनाएंगे। हम लोगों से अपील करेंगे कि वो कांग्रेस को वोट नहीं दें। इसके अलावा जो अन्‍य पार्टियों के उम्‍मीदवार हैं, उनमें अच्‍छे प्रत्‍याशी को वोट देने की अपील करेंगे।'

इस सवाल पर कि क्‍या आपको अब भी डर है कि सरकार जनलोकपाल बिल पर फिर से मुकर जाएगी?, अन्‍ना ने कहा, ‘यह नहीं पता कि सरकार क्‍या करने वाली है लेकिन जनलोकपाल बिल नहीं पास हुआ तो फिर से आंदोलन करेंगे।’ अन्‍ना ने कहा कि तीन अप्रैल को जंतर-मंतर पर आंदोलन शुरू हुआ। फिर ज्‍वाइंट कमेटी बनी। लेकिन जनलोकपाल पर कांग्रेस सरकार मुकर गई। हमें मजबूरन रामलीला मैदान में अनशन करना पड़ा।

देशवासियों से सोच-समझकर जनप्रतिनिधि चुनने की अपील करते हुए अन्‍ना ने कहा कि उनका दौरा 13 या 15 अक्‍टूबर से दौरा शुरू होगा।
2जी घोटाले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर उठ रही उंगलियों के बारे में अन्‍ना ने कहा कि उन्‍हें नहीं पता कि पीएम इस मामले में दोषी हैं या नहीं। लेकिन पीएम पर उठ रहे सवाल के बाद यदि वह इस्‍तीफा दे दें तो उनकी छवि और बेहतर हो जाएगी। खुद को 'महात्‍मा' कहे जाने पर अन्‍ना ने कहा, 'मैं लोगों की भावनाएं समझ सकता हूं लेकिन मैं 'महात्‍मा' कहे जाने की पात्रता नहीं रखता हूं।

भ्रष्‍टाचार के चलते सेना के हथियार खत्‍म? खरीद के लिए मची हाय तौबा


| Email Print Comment

नई दिल्‍ली. पड़ोसी पाकिस्‍तान और चीन से मिल रही गंभीर चुनौतियों के बीच भारतीय सेना के लिए एक चिंता में डालने वाली खबर है। सेना ने सरकार को औपचारिक खत लिखकर कहा है कि जंग के लिए रिजर्व इसके कुछ हथियार खत्‍म होने के कगार पर है। सेना का कहना है कि उसके पास ऐसे हथियारों का जखीरा इतना कम हो गया है कि चिंता की बात है।

रक्षा मामलों के विशेषज्ञ सुशांत सरीन ने 'दैनिक भास्‍कर डॉट कॉम' से बातचीत में कहा कि रक्षा क्षेत्र में भ्रष्‍टाचार का सबसे बड़ा रास्‍ता खरीदी प्रक्रिया के जरिए खुलता है। खरीद की प्रक्रिया को नेता गलत ढंग से प्रभावित करते हैं। खरीद प्रक्रिया में स्‍वतंत्र एजेंसी की निगरानी का अभाव है। उन्‍होंने ताजा हालात के लिए मौजूदा सिस्‍टम को जिम्‍मेदार ठहराया।

एक अंग्रेजी दैनिक में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्रालय ने कुछ मामलों में आपात खरीदारी शुरू कर दी है और इसमें ऑफसेट पॉलिसी को नजरअंदाज कर दिया गया है। इस पॉलिसी के तहत 300 करोड़ रुपये से अधिक की खरीदारी पर कंपनी को भारत में 30 फीसदी का पुनर्निवेश करना जरूरी होता है।

ताजा मामला टैंकों के गोले की कमी से जुड़ा है। माना जा रहा है कि सेना ने सरकार को लिखे खत में कहा है कि इसे करीब 66 हजार गोलों की तत्‍काल जरूरत है। इसी तरह सेना के रॉकेट लॉन्‍चर से जुड़े हथियारों की तत्‍काल जरूरत है।

टैंक के गोलों के लिए भारत का इजराइल से लंबे समय से करार था लेकिन इजराइल मिलिट्री इंडस्‍ट्रीज को अब ‘काली सूची’ में डाल दिया गया है और इसकी जांच सीबीआई कर रही है। ऐसे में भारतीय सेना को नए सप्‍लायर की जरूरत पड़ रही है।

ऐसी खबर है कि रूस की एक कंपनी इन हथियारों की सप्‍लाई के लिए आगे आई है लेकिन उसने सामान्‍य से करीब 400 फीसदी अधिक पर कीमत लगाई है जो 1000 हजार करोड़ से ऊपर चली जा रही है। रूस की इस कंपनी ने 30 फीसदी की शर्त वाली ऑफसेट पॉलिसी को भी मानने से इनकार किया है। मजबूरन सरकार को रूसी कंपनी के साथ करार के लिए इस पॉलिसी की शर्त हटानी पड़ी है। रक्षा मंत्री ए के एंटनी इस वक्‍त रूस दौरे पर हैं। उम्‍मीद है कि वो रूसी सरकार के सामने ऊंची कीमत का मसला उठाएं।

इसी तरह के एक मामले में सरकार ने ‘बाई-मोड्यूलर चार्ज’ सिस्‍टम की तत्‍काल खरीद के लिए टेंडर निकालने की तैयारी की है। इस सिस्‍टम के बगैर 130 मिमी के तोप 18 से 23 किमी तक ही मार कर सकते हैं जो इनकी वास्‍तविक रेंज 38-40 किमी का आधा है। बीएमसी सिस्‍टम बिहार के नालंदा में स्‍थापित ऑर्डिनेंस फैक्‍ट्री में बनाए जाने थे लेकिन आईएमआई और दक्षिण अफ्रीकी कंपनी सोमटेक के ‘ब्‍लैक लिस्‍ट’ होने से यह फैक्‍ट्री उत्‍पादन शुरू नहीं कर पाई।


वायुसेना में शामिल होंगे 214 आधुनिक लड़ाकू विमान


सामरिक मोर्चे पर लगातार बढ़ रही चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय वायुसेना ने कमर कसनी शुरू कर दी है। न्योमा एयर बेस और करगिल एयर बेस के विस्तार के ऐलान के बाद वर्ष 2017 तक वायुसेना पांचवीं पीढ़ी के 214 आधुनिक लड़ाकू विमान शामिल किए जाएंगे। ये विमान ट्विन सीटर होंगे, जिनका निर्माण भारत रूस के साथ मिलकर करेगा। इस परियोजना की समीक्षा मॉस्को में भारतीय रक्षामंत्री ए.के.एंटनी रूसी रक्षामंत्री के साथ करेंगे। एयर चीफ मार्शल एके ब्राउन ने कहा है कि वर्ष 2012 से डिजाइन चरण पर बातचीत से इस परियोजना की शुरुआत होगी

इंसान और जानवर

इंसान और जानवर के बच्चों में क्या फर्क होता है …??? … यही कि, उल्लू के बच्चे बड़े होकर उल्लू, गधे के बच्चे गधे बनते हैं… जबकि… इंसान के बच्चे बड़े होकर, गधे, उल्लू कुछ भी बन सकते हैं …

कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा, टीम में 50 नए खिलाड़ी

जयपुर. सोमवार को कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा कर दी गई। इसमें 58 पदाधिकारी हैं, जिनमें 9 उपाध्यक्ष, 9 महासचिव, 1 कोषाध्यक्ष व 39 सचिव हैं। पुरानी कार्यकारिणी के पदाधिकारियों में से केवल नौ ही नई कार्यकारिणी में जगह पा सके हैं, 50 नए हैं।
पिछली कार्यकारिणी में महासचिव रहे रघुवीर मीणा को उपाध्यक्ष बनाया गया है। पुरानी कार्यकारिणी में सचिव रहे पुखराज पाराशर और जगदीश चंद्र शर्मा को महासचिव, मीनाक्षी चंद्रावत, विजेंद्र सिंह शेखावत, अजीतसिंह शेखावत, सरोज चौधरी, रेहाना रियाज और गिरिराज गर्ग को फिर सचिव बनाया है। समन्वय, अनुशासन फ्लैगशिप प्रोग्राम मॉनिटरिंग कमेटी भी घोषित कर दी गई है।
विवादित मंत्री कार्यसमिति में नहीं :
कार्यसमिति सदस्यों की सूची में आठ मंत्री हैं। विवादित जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा, खाद्य राज्य मंत्री बाबूलाल नागर, कृषि राज्य मंत्री भरोसीलाल जाटव, वन राज्य मंत्री रामलाल जाट को इसमें जगह नहीं दी गई है।
ये है कार्यकारिणी
उपाध्यक्ष : विनोद चौधरी, रामचंद्र सराधना, मोहम्मद हनीफ खत्री, इज्येराज सिंह, उदयलाल आंजना, रमाकांत व्यास, महेंद्र सिंह, राजीव अरोड़ा, रघुवीर मीणा।
महासचिव : जुबेर खान, सुनीता भाटी, सुरेश चौधरी, सुशील शर्मा, पुखराज पाराशर, पंकज मेहता, नीरज डांगी, जगदीश चंद्र शर्मा, कांता गरासिया।
कोषाध्यक्ष : चिरंजीलाल बड़ाया।
कार्यकारिणी समिति में 32
शांति धारीवाल, बीना काक, एए खान उर्फ दुरु मियां, राजेंद्र पारीक, डॉ. जितेंद्र सिंह, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, भरत सिंह, बृजकिशोर शर्मा, ममता भूपेश, हरीमोहन शर्मा, रघु शर्मा, कर्नल सोना राम चौधरी, अमीन खान, रामनारायण मीणा, मदन प्रजापत, गंगा देवी, पूनम गोयल, सज्जन कटारा, परसराम मोरदिया, केसी बिश्नोई, हरेंद्र मिर्धा, सुचित्रा आर्य, भंवरलाल शर्मा, संयम लोढ़ा, डॉ. ज्योति मिर्धा, लक्ष्मी सिंह रावत, मंजू मेघवाल, प्रतापसिंह खाचरियावास, प्रद्युम्न सिंह, पृथ्वीपाल सिंह संधु और भगवान सहाय सैनी, सुमन यादव।
स्थाई आमंत्रित सदस्य
अशोक गहलोत, नवल किशोर शर्मा, परसराम मदेरणा, रामनारायण चौधरी, गिरिजा व्यास, बीडी कल्ला, नारायण सिंह, सीपी जोशी, हेमाराम चौधरी, ममता शर्मा, विजय लक्ष्मी विश्नोई, पवन गोदारा, सुमित भगासरा।
विशेष आमंत्रित सदस्य :

राजस्थान से एआईसीसी के पदाधिकारी, केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस के सभी सांसद।

समितियां :

समन्वय समिति :
प्रभारी, महासचिव : मुकुल वासनिक
सदस्य : डॉ. चंद्रभान, अशोक गहलोत, शीशराम ओला, डॉ. सीपी जोशी, जकिया इनाम, परसराम मोरदिया, डॉ. गिरिजा व्यास, शांति धारीवाल, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, सचिन पायलट और महेंद्रजीत सिंह मालवीय ।

अनुशासन समिति :
अध्यक्ष : हीरालाल इंदौरा
सदस्य : हरिसिंह महुवा, मदन कौर, जुगल काबरा, दयाराम परमार और ताज खान।

फ्लैगशिप प्रोग्राम मॉनिटरिंग कमेटी :
संयोजक : अश्क अली टाक

सदस्य : भगराज चौधरी, रामेश्वर डूडी, मुलताराम बारुपाल, सुरेंद्र सिंह जाड़ावत, राजेंद्र सिंह बिधूड़ी, रतन देवासी, अलाउद्दीन आजाद, निर्मला सहरिया, हनुमान प्रसाद, खुशवीर सिंह जोजावर, जाहिदा खान, सारिया खान, रमेश खींची, माहिर आजाद, कृष्ण मुरारी गंगावत, डॉ. गोपाल बाहेती, महेंद्र चौधरी, डॉ. राजकुमार जयपाल, सूरज खत्री, रामगोपाल बैरवा, ओमप्रकाश ओझा, बनारसी मेघवाल, ज्योति खंडेलवाल, दामोदर थानवी, दिनेश खोडनिया, अतर सिंह भडाना, भंवरलाल नायक, अनिल पारीक, शंकर यादव, सुरेंद्र बामणिया और विजय गर्ग।
सचिव
मीनाक्षी चंद्रावत, विमला धाकड़, डॉ. जाफर मोहम्मद, सोहन नायक, विजेंद्र सिंह शेखावत, ललित भाटी, अजीत सिंह शेखावत, सरोज चौधरी, वीरेंद्र वैष्णव, अजीत सिंह यादव, रेहाना रियाज, चयनिका उनियाल, गोपाल शर्मा, वेद प्रकाश सोलंकी, ओम राजोरिया, ललित तूनवाल, भीकाराम सिरवी, कल्पना भटनागर, आर.आर. तिवारी, मनीष शर्मा, विजय जांगिड़, खानू खां बुधवाली, अनिल टांटिया, धर्मेंद्र राठौड़, दिनेश यादव, मनीष धारणिया, विक्रम सिंह शेखावत, अर्चना शर्मा, अशोक शर्मा, शकुंतला रावत, विजय लक्ष्मी चौधरी, भवी मीणा, सलीम भाटी, मुकेश शर्मा, आदित्य शर्मा, गिरिराज गर्ग, अनिता मीणा, मदन महाराज, अशोक सेन।
गहलोत विरोधियों को जगह नहीं
अब संगठन पर भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पकड़ मजबूत हो गई है। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डॉ चंद्रभान की नई टीम में गहलोत विरोधी कमजोर हो गए हैं। डॉ. हरिसिंह जैसे मुखर गहलोत विरोधी भी बाहर हो गए हैं। उपाध्यक्षों, महासचिवों और सचिवों में तो उनके लोगों का वर्चस्व है ही, अनुशासन समिति में भी उनका वर्चस्व है। केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी और प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान समर्थक न तो महासचिव बन पाए और न ही उपाध्यक्ष।
कार्यकारी अध्यक्ष रहे परसराम मोरदिया, उपाध्यक्ष हरिसिंह चौधरी, महासचिव मुमताज मसीह, रामगोपाल बैरवा की छुट्टी हो गई है। मोरदिया और मसीह गहलोत समर्थक हैं। केंद्र सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग करने वाली समिति के चेयरमैन पुराने कांग्रेसी भगराज चौधरी हैं।संयोजक अश्क अली टाक को बनाया गया है।
समन्वय समिति से हो सकती है परेशानी
प्रभारी महासचिव मुकुल वासनिक की अध्यक्षता वाली समन्वय समिति में भंवर जितेंद्रसिंह, सचिन पायलट, शीशराम ओला, सीपी जोशी और गिरिजा व्यास के होने से मुख्यमंत्री को सरकार के प्रदर्शन को लेकर सवालों का सामना करना पड़ सकता है। इनमें से भंवर जितेंद्रसिंह सीधे राहुल के संपर्क वाले नेताओं में माने जाते हैं।

अब लालबत्ती की संभावना कम
हीरालाल इंदोरा , भगराज चौधरी, राजीव अरोड़ा, धर्मेंद्र राठौड़, पुखराज पराशर, पंकज मेहता, चिरंजीलाल बड़ाया, रामचंद्र सराधना, नीरज डांगी आदि को संगठन में जिम्मेदारी दी गई है। इन्हें लालबत्ती मिलने की संभावना कम है।

असर क्या होगा?
कांग्रेस की राजनीति की नब्ज समझने वाले राजनीतिक प्रेक्षकों का कहना है कि इस सूची पर अशोक गहलोत की छाप नहीं, बल्कि काफी एकतरफा मामला दिखता है। इससे बाकी नेता हाशिए पर दिखाई दे रहे हैं। इससे पार्टी में टीम भावना कम होगी, जिसका आने वाले चुनावों में प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
किसके कितने लोग?
उपाध्यक्ष : नौ में से गहलोत खेमे के पांच। मीराकुमार, भंवर जितेंद्र व नारायणसिंह के एक-एक समर्थक, एक स्वतंत्र हैं।
महासचिव : नौ में से गहलोत खेमे से छह। मनीष तिवारी और भंवर जितेंद्र के एक-एक समर्थक। एक सदस्य कई खेमों में माना जाता है।
सचिव : 39 में से गहलोत समर्थक 14, चंद्रभान के छह, मुकुल वासनिक के 3, सीपी के 2 समर्थक हैं। मोहनप्रकाश, महेश जोशी, रघु शर्मा, भंवर जितेंद्र और संतोष बागड़ोदिया का एक-एक समर्थक। नौ की कई खेमों में मौजूदगी।
कोषाध्यक्ष : सचिन पायलट व गहलोत के नजदीकी।

लड़कियों ने ही लूट ली लड़की की इज्जत, न्यूड कर बनाया अश्लील MMS

चंडीगढ़. चार लड़कियों ने बीच सड़क पर रीना (बदला हुआ नाम) को कार में डालकर पीटा, उसके पैसे और मोबाइल छीन लिए और फिर उसके कपड़े उतारकर एमएमएस बनाया। रीना पुलिस को शिकायत देना चाहती हैं, लेकिन उन्हें बदनामी का डर है। सात दिन पहले यह घटना पंचकूला सेक्टर 4 के एक होटल के पीछे हुई। ट्राईसिटी में इस तरह का यह पहला मामला है, जब लड़कियों ने ही लड़की का एमएमएस बनाया है।

इस घटना की शुरुआत चंडीगढ़ के एक डिस्कोथेक से हुई। रीना से बदसलूकी करने, एमएमएस बनाने में चार लड़कियां शामिल हैं। चारों बीए की छात्राएं हैं और डिस्को में अक्सर नाइट पार्टी में नजर आती हैं। चारों लड़कियां पंचकूला में बतौर पीजी रहती हैं। रीना भी पंचकूला की रहने वाली हैं। इन लड़कियों ने रीना का एमएमएस दूसरों को बांट भी दिया है।

क्या है एमएमएस में

वारदात 26 सितंबर दोपहर करीब 2 बजे की है। एमएमएस में रीना को एक सफेद रंग की मारुति कार में बिठाया गया है। कार में लड़कियां रीना को पीटती हैं। उसका मोबाइल फोन छीन लिया जाता है। उसके बाद लड़कियां कार में ही उसकी जेब से पैसे निकालना चाहती हैं। रीना के विरोध करने पर उसे कार से बाहर उतारा जाता है और गालियां दी जाती हैं। फिर उसकी पिटाई की जाती है और जेबों की तलाशी ली जाती है।

इस दौरान 1000 रुपये निकलते हैं, जो लड़कियां अपनी जेब में रख लेती हैं। रीना कहती है कि पैसे उसके नहीं, मां के हैं, फिर भी उसे पीटा जाता है। रीना के कपड़े उतारकर एमएमएस बनाया जाता है।

19 साल की हूं, बदनाम न कर दें (रीना से फोन पर बातचीत)

आपको पीटा गया, लूटा गया, एमएमएस बनाया गया। एमएमएस आपका ही है? हां, मेरा है। मैं डर गई हूं, कहीं वह इंटरनेट पर मुझे बदनाम न कर दें। मैं कल जरूर शिकायत दूंगी।

आप लड़कियों को जानती हैं? जी हां, वह पंचकूला की हैं, डिस्कोथेक में उनसे मुलाकात हुई थी।

क्या-क्या हुआ आपके साथ? इन्होंने मुझे बुलाया, कार में बिठाया। मेरी पिटाई की और सड़क पर मेरे कपड़े उतारे। मेरे पैसे निकाले, मोबाइल छीना। मेरी उम्र मात्र 19 साल है, जिससे भी बात की उसने कहा बदनामी होगी, इसलिए मैंने कुछ नहीं किया।

अब क्या करेंगी? मेरा एमएमएस अब फैला दिया है, मैंने खुद एमएमएस देखा है और कई लोग मुझे इस एमएमएस के बारे में बता चुके हैं। मैं पुलिस से शिकायत करूंगी।

मुझे अभी जानकारी नहीं है, कि किसी लड़की के साथ ऐसी घटना हुई है। अगर इस तरह किसी लड़की को प्रताड़ित किया गया है और उसका एमएमएस बनाया गया है, तो आपको यकीन दिलाता हूं, कि लड़की के शिकायत देते ही तुरंत एफआईआर दर्ज कर आरोपी लड़कियों को गिरफ्तार किया जाएगा। इसमें आईटी एक्ट, शारीरिक शोषण और लूट का केस दर्ज किया जाएगा।
मुनीष चौधरी, डीसीपी पंचकूला

मानवाधिकार कार्यकर्ता के घर पर छत्तीसगढ़ पुलिस का छापा, देश भर में निंदा

जयपुर। पीयूसीएल की महासचिव कविता श्रीवास्तव के घर नक्सलवादी महिला के छिपे होने की सूचना पर छत्तीसगढ़ पुलिस ने सोमवार सुबह उनके किसान मार्ग शांति निकेतन कॉलोनी स्थित घर पर छापा मारा। कोर्ट से सर्च वारंट लेकर की गई छापे की कार्रवाई में नक्सलवादी महिला नहीं मिली। तलाशी कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस वापस लौट गई।
छत्तीसगढ की निगरानी दल को इस बारे में सूचना मिली थी कि दंतेवाडा में नक्सली गतिविधियां संचालित करने वाली महिला सोनी सोढ़ी जयपुर में बरकत नगर स्थित किसान मार्ग शांति निकेतन कॉलोनी में छिपी हुई है। इस पर छत्तीसगढ़ पुलिस की टीम ने स्थानीय पुलिस से संपर्क कर किया। बाद में कोर्ट से सर्च वारंट लेकर सोमवार सुबह छापे की कार्रवाई की। करीब डेढ़ घंटे तक चली छापे की कार्रवाई में नक्सली महिला नहीं मिली। इसके बाद छत्तीसगढ़ पुलिस टीम वापस लौट गई। सोनी सोढ़ी के खिलाफ देश के खिलाफ युद्ध की साजिश रचने व नक्सली गतिविधियां संचालित करने के मामले दर्ज हैं। जिसमें दंतेवाडा पुलिस ने महिला के खिलाफ चार स्थायी वारंट है।

देशभर में निंदा

मजदूर किसान शक्ति संगठन और सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की सदस्या अरुणा राय, निखिल डे, ख्यात अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज, मेधा पाटेकर, संदीप पांडे समेत देशभर के सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस छापा की निंदा की है।

इस कानून के तहत पति-पत्नी बदल सकते हैं पार्टनर

बढ़ते तलाक के मामले को कम करने के लिए मेक्सिको सिटी की विधायक लिजबेथ रोसस मोरेनो एक विधेयक लाने की सोच रही हैं। इस विधेयक के तहत युगलों को शादी की करार की अवधि तय करने की छूट होगी। ये अवधि कम से कम दो वर्ष होगी।


करार खत्म होने के बाद अगर पति-पत्नी अपना रिश्ता खत्म करना चाहें तो खत्म कर सकते हैं। इस मैरेज में तलाक की औपचारिक कार्रवाई करने की कोई जरूरत नहीं होगी।
इन दिनों मेक्सिको के शहरवासियों के बीच यह विधेयक पर चर्चा का विषय बना हुआ है। लिजबेथ रोसस मोरेनो सत्तारूढ दल से हैं व उनका कहना है कि यदि उनका विधेयक कानून बन जाता है तो पति-पत्नी ख़ुश रहेंगे।


लेकिन इस प्रस्ताव के विरोधियों का तर्क है कि इससे शादियों को यूज एंड थ्रो वाली वस्तु की तरह देखा जाने लगेगा और बच्चों को हर दो साल सोचना होगा कि उनके मां-बाप अपना करार बढाएंगे या नहीं।

मेक्सिको के रूढ़ीवादी संगठनों का कहना है कि नए विधेयक के पारित होने से "परंपरागत शादियों"का रूप बदल जाएगा।

सुंदर दिखने के लिए गधी के दूध से नहातीं थी मिस्र की रानी क्लिओपेट्रा !

| Email Print

सुंदरता को निखारने के लिए महिलाएं हमेशा से नए-नए प्रयोग करती रही हैं। आइए हम आपको बताएं इतिहास के कुछ ऐसे ही दिलचस्प किस्से। मिस्र की रानी क्लिओपेट्रा गधी के दूध से नहाती थीं।

स्कॉटलैंड की मैरी क्वीन शराब से नहाया करती थीं। इसी तरह बारहवीं सदी में फ्रांस की इसाबिऊ खच्चर के दूध से नहाने के बाद मगरमच्छ के ग्रंथियों और एक जानवर के भेजे को शरीर पर रगड़ती थीं।

इसी तरह चेहरे का मेकअप भी सदियों से किया जाता रहा है। पहले लेड का पावडर लगाया जाता था, जो बेहद हानिकारक होता था। इसके बाद मरक्यूरी वाले आइटम इस्तेमाल किए जाने लगे।

घर में बने प्लेन से कर रहे हैं दुनियाभर का सफर !

| Email Print Comment
ब्रिटेन के रिटायर पायलट पैट्रिक एलिऑट अपनी पत्नी लिंडा वॉकर के साथ 366 दिनों में 99 बार उड़ानें भरकर 23 देशों से गुजर चुके हैं। खास बात ये है कि उनका ये छोटा- सा विमान उन्होंने खुद घर में तैयार किया है। इसे बनाने में उन्हें 16 साल लगे थे।

अपने इस अनोखे सफर में उन्होंने कई बार मौत का सामना किया और ताजमहल या फिर गीजा के पिरामिड्स जैसे आश्चर्य देखे। 57 वर्षीया लिंडा कहती हैं इतनी अनजानी जगहों के सफर के बाद भी वे अगली उड़ान के लिए बेताब हैं। वे अब तक 1320 गैलन ईंधन खर्च कर चुके हंै, जिसकी कीमत 12 हजार पाउंड है।

पैट्रिक ने 1991 में प्लेन बनाना शुरू किया था। इसके लिए उन्होंने नासा के इंजीनियर बर्ट रूटन द्वारा लिखी गई एक किताब खरीदी थी। फिर उन्होंने अपने हाथों से इसकी बॉडी को आकार दिया और पाट्र्स फिट किए। प्लेन का इंजन न्यूयॉर्क से मंगवाया गया था।

इस कीमत में वे प्लेन खरीद भी सकते थे, लेकिन उन्होंने प्लेन बनाने में वक्त और पैसा लगाया। 2007 में उन्होंने इस 16.7 फीट के प्लेन से कम दूरी की उड़ानें भरना शुरू किया। फिर 18 महीने की प्लानिंग के बाद सितंबर 2010 में वे दुनिया की सैर पर निकले। 57 वर्षीय पैट्रिक बताते हैं कि वे पिछले महीने ही घर लौटे हैं।

इस दौरान उन्होंने 37 हजार 398 मील का सफर किया, जिसमें उन्हें 241 घंटे और 22 मिनट का वक्त लगा। इस दौरान उनकी औसत स्पीड 155 मील प्रतिघंटा रही और उन्होंने 6500 फीट ऊंचाई तक उड़ान भरी। अब वे उत्तर से दक्षिण अफ्रीका जाना चाहते हैं। इसके बाद वे ध्रुव से ध्रुव का दौरा भी करेंगे।

स्‍पीकर ने दी गाली, विधायक ने पंखा फेंक कर मारा और कहा गद्दार


जम्‍मू. पैसा लेकर नेशनल कांफ्रेंस कार्यकर्ता को एमएलसी बनाने का आश्वासन देने वाले नेता मोहम्मद यूसुफ की कथित हिरासती मौत को लेकर जम्‍मू कश्‍मीर की सियासत गर्म हो गई है। इस मुदद्दे पर विधानसभा में सोमवार को जमकर हंगामा हुआ। तो विपक्षी पीडीपी के आरोपों पर सीएम उमर अब्‍दुल्‍ला ने अवमानना नोटिस भेजने की धमकी दे डाली। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही तीन बार स्‍थगित करनी पड़ी है। एक बार तो विधानसभा अध्‍यक्ष मोहम्‍मद अकबर लोन आपा खो बैठे और पीडीपी विधायक मौलवी इफ्तखार हुसैन को गालियां दे डाली। प्रमुख विपक्षी दल पीडीपी के सदस्यों ने इस पर जमकर हंगामा किया और विधानसभा अध्यक्ष पर पंखा फेंक दिया। हालांकि, स्‍पीकर बाल-बाल बच गए।

तीखे आरोप-प्रत्यारोप के बीच विधानसभा अध्यक्ष और पीडीपी विधायक ने एक-दूसरे पर खूब आरोप जड़े। विपक्षी सदस्य ने स्पीकर को गद्दार तक कह दिया। हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही शुरू में आधे घंटे के लिए टालनी पड़ी। पीडीपी ने उमर अब्दुल्ला की पूरे मामले में भूमिका की जांच की मांग की है। स्‍पीकर ने भी सदन की कार्यवाही के दौरान अपने गुस्‍से पर काबू नहीं रख पाने के लिए माफी मांग ली है।

इससे पहले पीडीपी ने सोमवार को विधानसभा में चर्चा करवाने के लिए स्पीकर को काम रोको प्रस्ताव सौंपा। प्रस्ताव सौंपने का फैसला रविवार को पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के निवास पर हुई आपात बैठक में लिया गया। पीडीपी प्रवक्ता ने बताया कि इस मौत के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय, राज्य गृहमंत्री, मुख्यमंत्री का स्टाफ तथा क्राइम ब्रांच के कुछ अधिकारी शक के दायरे में हैं। इसलिए इसकी निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच आवश्यक है। पीडीपी ने सीएम उमर अब्‍दुल्‍ला के इस्‍तीफे की भी मांग की है। आरोप है कि अब्‍दुल्‍ला के सीएम रहते मामले की निष्‍पक्ष जांच नहीं हो सकती।

जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते पीडीपी इस मौत से जुड़ी हर बात को सामने लाने का प्रयास कर रही है। प्रवक्ता ने कहा कि इस मौत में पैसे की खातिर सत्ता के दुरुपयोग की बात भी सामने आई है, इसलिए निष्पक्ष जांच के लिए मुख्यमंत्री, गृह राज्य मंत्री, केंद्रीय अक्षय ऊर्जा मंत्री फारूक अब्दुल्ला को अपने पदों से त्यागपत्र देना चाहिए। प्रवक्ता का कहना है कि पीडीपी काम रोको प्रस्ताव के जरिए चर्चा कर सच्चाई लोगों के सामने लाना चाहती है। राथर ने उमर का बचाव किया : मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के त्यागपत्र की पीडीपी की मांग को खारिज करते हुए वित्त मंत्री अब्दुल रहीम राथर ने मुख्यमंत्री का बचाव किया। राथर ने कहा कि नेकां नेता की मौत पर पीडीपी राजनीति कर रही है। राथर ने कहा कि मात्र आरोपों के आधार पर मुख्यमंत्री को त्यागपत्र देने के लिए नहीं कहा जा सकता।
पीडीपी को अवमानना नोटिस भेजेंगे उमर
सीएम उमर अब्‍दुल्‍ला अपने ऊपर लग रहे आरोपों को लेकर पर पीडीपी पर आज जमकर बरसे। उन्‍होंने कहा, ‘मेरी खामोशी का मेरे खिलाफ इस्‍तेमाल किया जा रहा है।’ नेशनल कांफ्रेंस कार्यकर्ता यूसुफ शाह की मौत को दुर्भाग्‍यपूर्ण करार देते हुए उमर ने कहा कि मामले की न्‍यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं। पीडीपी के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए सीएम ने अवमानना नोटिस भेजने की धमकी दी है। उन्होंने दावा किया कि जरूरत पड़ी तो वो जांच समिति के सामने पेश होने के लिए भी तैयार हैं। उन्‍होंने कहा, ‘अगर कुछ छिपाना होता तो न्‍यायिक जांच के आदेश नहीं देता।

कागजों पर गरीब मुक्‍त भारत बनाना चाहती है सरकार?

आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर बताया कि सरकार की नजर में 32 रुपये रोज खर्च करने वाला व्‍यक्ति गरीब नहीं है। तुर्रा यह कि पहले शहर में गरीबी रेखा से ऊपर वालों के लिए रोजाना के खर्च का सरकारी हिसाब सिर्फ बीस रुपये था। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद सरकार ने इसे बढ़ाकर 32 रुपये किया। लेकिन मीडिया और तमाम हलकों में इसकी आलोचना होने के बाद सरकार एक बार फिर यह पैमाना संशोधित करने वाली है।


करीब 40 साल पहले गरीबी का पैमाना तय करने का एक मात्र सरकारी मानदंड प्रतिदिन व्‍यक्ति द्वारा ली जाने वाली कैलोरी की मात्रा को माना गया। तब से इसमें कई बदलाव आए। यह भी माना गया कि साइकिल, टीवी या मोबाइल फोन रखने वाले गरीब नहीं हो सकते। देश में करीब 70 फीसदी घरों में टीवी है। माना जाता है कि सरकार की मंशा ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों को कागजों पर गरीबी के दायरे से बाहर कर दुनिया में भारत की छवि 'गरीब मुक्‍त देश' के रूप में बनाने की है।


अमेरिका में 11000 डॉलर प्रति व्‍यक्ति सालाना आय वाले व्‍यक्ति को गरीब नहीं माना जाता। पर चार लोगों के परिवार के लिए यह सीमा मात्र 22000 डॉलर है। यूरोप में गरीबी का मानदंड यह रखा गया है कि अगर देश की औसत आय से व्‍यक्ति की आय 60 फीसदी कम हो तो उसे गरीब की श्रेणी में रखा जाएगा।


योजना आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि खानपान पर शहरों में 965 रुपए और गावों में 781 रुपए प्रति महीना खर्च करने वाले शख्स को गरीब नहीं माना जा सकता है।


योजना आयोग की मानें तो हेल्थ सर्विसेस पर 39.70 रुपए/महीना खर्च करके आप स्वस्थ रह सकते हैं। शिक्षा पर 99 पैसे प्रतिदिन खर्च करते हैं तो आपको शिक्षा के संबंध में कतई गरीब नहीं माना जा सकता है। यदि आप 61.30 रुपए महीनेवार, 9.6 रुपए चप्पल और 28.80 रुपए बाकी पर्सनल सामान पर खर्च कर सकते हैं तो आप आयोग की नजर में बिल्कुल भी गरीब नहीं कहे जा सकते।


आयोग ने यह डाटा बनाते समय 2010-11 के इंडस्ट्रियल वर्कर्स के कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स और तेंडुलकर कमेटी की 2004-05 की कीमतों के आधार पर खर्च का हिसाब-किताब दिखाने वाली रिपोर्ट पर गौर किया है। हालांकि, रिपोर्ट में अंत में कहा गया है कि गरीबी रेखा पर अंतिम रिपोर्ट एनएसएसओ सर्वेक्षण 2011-12 के बाद पेश की जाएगी।


सरकार के अनुसार गरीब नहीं होने की डाइट
खाद्य पदार्थ - लागत ----- बाजार भाव --------- मात्रा
अनाज ------- 5.5 रु -- 15 रु. किलो (आटा)- 266 ग्राम
दाल -------- 1.02 रु -- 58 रु किलो (तुअर) - 18 ग्राम
दूध -------- 2.33 रुपए - 30 रु/लीटर ----- 78 मिली
तेल ------- 1.55 रुपए -- 70 रु/लीटर ---- 22.14 मिली
सब्जी ------ 1.95 रुपए - 30 रु किलो ----- 65 ग्राम
फल ------ 44 पैसे ----- 30 रु दर्जन (केला) - एक केला भी नहीं
शकर ------ 70 पैसे ----- 30 रुपए किलो -- 23 ग्राम
ईंधन ------ 3.75 रुपए -- 452 रुपए/सिलेंडर -- 4 महीने/सिलेंडर
(सरकार के अनुसार हर महीने पढाई-लिखाई के लिए 99 पैसे, कपड़े-लत्ते के लिए 61.30 रुपए, जूते-चप्पल के लिए 9.60 रुपए, साज-सिंगार के लिए 28.80 रुपए काफी हैं।)



और विशेषज्ञ के अनुसार एक स्वस्थ व्यक्ति की डाइट
खाद्य पदार्थ - मात्रा ---- बाजार भाव ------- लागत
अनाज ----- 200 ग्राम -- 15 रु. किलो (आटा) - 3.00 रुपए
दाल ------ 40 ग्राम --- 58 रु किलो (तुअर) -- 2.30 रुपए
दूध ------ 300 मिली -- 30 रु/लीटर ------- 9 रुपए
तेल ------ 20 मिली -- 70 रु/लीटर ------- 1.40 रुपए
सब्जी ---- 300 ग्राम -- 30 रु किलो -------- 9 रुपए
फल ----- 400 ग्राम -- 30 रु दर्जन (केला) -- दो केले
शकर ---- 7-100 ग्राम - 30 रुपए किलो ----- 30 पैसे
ईंधन ---- ---- ---- 452 रुपए/सिलेंडर --------
- डॉ. स्वर्णा व्यास, डायटिशियन, भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर


कहां कितने गरीब
देश - गरीब आबादी (कुल जनसंख्‍या का प्रतिशत)

चीन - 2.8
स्विटजरलैंड - 6.9
अमेरिका - 12
फ्रांस - 6.2
रूस - 13.1
ब्रिटेन - 14
जर्मनी-15.5
ईरान - 18
श्रीलंका - 23
पाकिस्‍तान - 24



एक्‍सपर्ट कमेंट्स

वेद प्रताप वैदिक: इससे बड़ा मजाक और क्या हो सकता है? ये लोग गरीबी रेखा के ऊपर हैं। जो नीचे हैं, उनकी संख्या भी तेंडुलकर कमेटी के अनुसार 37 करोड़ 20 लाख है। हम जरा सोचें कि ये 37 करोड़ लोग 20 रुपए रोज में क्या-क्या कर सकते हैं? अगर कोई इंसान इंसान की तरह नहीं, जानवर की तरह भी रहना चाहे तो उसे कम से कम क्या चाहिए? रोटी, कपड़ा और मकान तो चाहिए ही चाहिए।

बीमार पड़ने पर दवा भी चाहिए और अगर मिल सके तो अपने बच्चों के लिए शिक्षा भी चाहिए। क्या 20 रुपए रोज में आज कोई व्यक्ति अपना पेट भी भर सकता है? आजकल गाय और भैंस 20 रुपए से ज्यादा की घास खा जाती हैं। क्या हमें पता है कि देश के करोड़ों वनवासी ऐसे भी हैं, जिन्हें गेहूं और चावल भी नसीब नहीं होते।

यह तो सरकारी आंकड़ा है। लेकिन असलियत क्या है? असलियत का अंदाज तो सेनगुप्ता कमेटी की रपट से मिलता है। उसके अनुसार भारत के लगभग 80 करोड़ लोग 20 रुपए रोज पर गुजारा करते हैं। यहां तेंडुलकर रपट सिर के बल खड़ी है। किसे सही माना जाए? तेंडुलकर को या सेनगुप्ता को? भारत का तथाकथित मध्यम वर्ग यदि 25-30 करोड़ लोगों का है तो शेष 80 करोड़ लोग आखिर किस वर्ग में होंगे? उन्हें निम्न या निम्न मध्यम वर्ग ही तो कहेंगे। उनकी दशा क्या है? क्या वे इंसानों की जिंदगी जी रहे हैं? उनकी जिंदगी जानवरों से भी बदतर है। वे गरीबी नहीं, गुलामी का जीवन जी रहे हैं।

अरुणा राय: शहरी इलाकों में हर महीने 965 रुपए और ग्रामीण इलाकों में 781 रुपए से ज्यादा खर्च करने वालों को गरीब नहीं बताने वाले योजना आयोग के हलफनामे से पता चलता है कि सरकार गरीबों के प्रति कितनी हमदर्दी रखती है और उसका यह नजरिया हकीकत से एकदम परे है। सरकार ने एक के बाद एक गरीब विरोधी फरमान सुनाएं हैं और अपने देश के गरीब लोगों को जरुरत की न्यूनतम चीजें मुहैया कराने की अपनी ही प्रतिबद्धता की अनदेखी की है।

ज्यां द्रेज: सुरेश तेंडुलकर कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर योजना आयोग के इस आकलन में स्वास्थ्य पर खर्च होने वाली राशि बेहद कम बताई गई है जो एक रुपए से भी कम है जिसमें एक क्रोसिन तक नहीं आती।

और भड़का जनाक्रोश: पूरे अमेरिका में फैल रही है विरोध की आग, पड़ोसी कनाडा भी चपेट में

न्यूयॉर्क. सामाजिक और आर्थिक गैरबराबरी और कॉरपोरेट जगत की नीतियों के खिलाफ अमेरिका में शुरू हुआ विरोध अब पूरे उत्तर अमेरिका में फैल रहा है। न्यूयॉर्क में शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन अब अमेरिका के अन्य शहरों में फैलता जा रहा है। ऑकुपाई वॉल स्ट्रीट यानी 'वॉल स्ट्रीट पर कब्जा करो' के नारे अब वॉशिंगटन, लॉस एंजिलिस, बोस्टन और प्रोविडेंस जैसे शहरों में भी सुनाई देने लगे हैं। आर्थिक गैरबराबरी पर जनता का गुस्सा सिर्फ अमेरिका में ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश कनाडा में भी फूट रहा है। कनाडा के टोरंटो, वैंकुवर में भी लोग सड़कों पर उतरने के लिए तैयार हैं। सिर्फ टोरंटो में ही ८०० लोग विरोध प्रदर्शन की तैयारी में हैं।


आंदोलन को ऑनलाइन सोशल नेटवर्कों पर भी तेजी से समर्थन मिल रहा है। सोशल वेबसाइट फेसबुक पर 'ऑकुपाई द वॉल स्ट्रीट' नाम से बनी कम्युनिटी को 66 हजार से ज़्यादा लोग पसंद कर रहे हैं। ऑकुपाई वॉल स्ट्रीट वेबसाइट पर आयोजनकर्ताओं ने जानकारी दी है कि उनका आंदोलन अरब देशों में हुई क्रांति से प्रेरित है, जिसने कई देशों में लोकतंत्र की स्थापना की है। गुस्साए लोग मानते हैं कि अमेरिका में मौजूद सिस्टम सिर्फ अमीर और ताकतवर लोगों को देश के अन्य तबकों की कीमत पर फायदा पहुंचा रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस सिस्टम के खात्मे का समय आ गया है। विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि ब्रुकलिन ब्रिज पर प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी के बाद कॉरपोरेट ताकतों के खिलाफ सड़क पर उतरने का उनका संकल्प और मजबूत हुआ है। मैनहेटन के निचले इलाके में जमा हुए विरोध प्रदर्शनकारियों ने उस जगह को लिबर्टी स्क्वॉयर का नाम दिया है। प्रदर्शनकारी पिछले दो हफ्तों से चौबीसों घंटे वहां जमा हैं।


जुकोटी पार्क में बड़ी तादाद में सैलानी, आंदोलन के समर्थक, संगीतकार, कई यूनियनों के सदस्य और युवा प्रदर्शनकारी इकट्ठा हैं। इनमें से ज़्यादातर ने पार्क में ही सर्द रात गुजारी, जिसमें उन्हें बारिश का भी सामना करना पड़ा। पार्क में प्रदर्शनकारियों के लिए खाने पीने का पूरा इंतजाम किया गया है। विरोध कर रहे ज़्यादातर लोगों ने खास किस्म की टी-शर्ट पहन रखी है। रविवार को प्रदर्शनकारियों ने शनिवार की तरह मार्च वगैरह नहीं किया। इस आंदोलन को अमेरिकी क्रांति का दर्जा दे रहे प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे पार्क में अनिश्चितकाल तक बैठे रहेंगे। इस आंदोलन के जरिए लोग बड़े पैमाने पर हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाना चाहते हैं।

'ऑकुपाई वॉल स्ट्रीट' का नारा लगा रहे प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे भले ही सैकड़ों की ही तादाद में अभी सड़कों पर हैं, लेकिन वे लाखों लोगों की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। एक हफ्ते पहले ही प्रदर्शन का हिस्सा बने जस्टिन ब्राउन का कहना है, 'यह लोकतांत्रिक परंपरा का मामला है। यहां मौजूद हर आदमी को बोलने का मौका मिलना चाहिए।' एक और प्रदर्शनकारी ब्रेंडन बर्क का कहना है कि वह और उनके साथी अमेरिका की 99 फीसदी से ज़्यादा की आबादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। बर्क के मुताबिक, 'श्वेत, अश्वेत, गरीब या अमीर। आप कहीं भी रहते हों। लेकिन हर व्यक्ति को आर्थिक असमानता का सामना करना पड़ रहा है।'

जुकोटी पार्क में 17 सितंबर से प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि शनिवार को पुलिस ने खुद उन्हें ब्रुकलिन ब्रिज की सड़क पर चलने को कहा था। जब वे फुटपाथ की बजाय सड़क पर चलने लगे तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। न्यूयॉर्क में इस सिलसिल में ७०० प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। विरोध प्रदर्शन के दो आयोजक जोनाथन वेस्टिन और पीट नेगी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसमें वेस्टिन तो हिरासत से छूट चुके हैं लेकिन नेगी का अब तक पता नहीं चला है।

इस आंदोलन को अब कई मशहूर हस्तियों का समर्थन मिल रहा है। इसमें फिल्मकार माइकल मूर, अभिनेत्री सुजैन सरेंडन शामिल हैं। नोबेल पुरस्कार विजेता मुक्त बाज़ार के मुखर विरोधी जोसफ स्टिगलिज भी रविवार को जुकोटी पार्क पहुंचे और अपने भाषण से वहां मौजूद लोगों का उत्साह बढ़ाया।

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...