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09 अक्तूबर 2011

नाक से पैदा होगी बिजली?

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वाशिंगटन. नाक से पैदा होगी बिजली..सुनने में ये कुछ अजीब लगता है पर विस्कॉन्सिन-मेडिसन यूनिवर्सिटी के इंजीनियरों ने दावा किया है कि वह जल्द ही ऐसी तकनीक बना लेंगे, जिससे आदमी के श्वसन तंत्र के जरिए बिजली पैदा की जा सकेगी।

इसमें कुछ विशेष प्रकार के विद्युत सेंसर नाक में लगाए जाएंगे जिससे सांस लेते समय ऊर्जा पैदा होगी। इस तकनीक को लेकर एक रिपोर्ट एनर्जी एंड एनवायरमेंटल साइंस जर्नल में प्रकाशित हुई है।

कैसे पैदा होगी बिजली

वैज्ञानिकों ने एक खास ‘माइक्रोबेल्ट’ बना ली है जो हल्की सी भी हवा के गुजरने से कंपन करती है। इंजीनियरों की टीम के प्रमुख प्रोफेसर जूडॉन्ग वांग ने बताया कि पॉलीविनायलीडीन फ्लोराइड (पीवीडीएफ) यंत्र मामूली से यांत्रिक दबाव से ऊर्जा का उत्पादन करने लगती हैं।

ञ्चइस प्रक्रिया को पीजोइलेक्ट्रिक इफेक्ट कहते हैं। वांग के मुताबिक शरीर के किसी भी हिस्से में जहां पर यांत्रिक दबाव का क्षेत्र बनता है वहां पर इस तकनीक का प्रयोग कर बिजली पैदा की जा सकती है।

माइक्रोवॉट में पैदा होगी बिजली

नाक और चेहरे पर लगाई जाने वाली ये तकनीक माइक्रोवाट में बिजली पैदा करेंगे। जिन्हें नैनो टेक्नोलॉजी आधारित प्रक्रिया से बनाए गए छोटे-छोटे जनरेटर कहीं भी सप्लाई कर सकते हैं। इतना ही नहीं इससे मेडिकल साइंस में चमत्कार होगा। आदमी की धड़कन, ब्लड प्रेशर, शुगर, पेसमेकर बैटरी की स्थिति का सही-सही पता चल सकेगा। पेसमेकर बैटरी तो चार्ज भी हो जाएगी, उसे बदलने का झंझट खत्म होगा और खर्चा भी बचेगा।

भविष्य में और प्रयोग

इस तकनीक के सफल होने के बाद शरीर में खून के प्रवाह, गति, शरीर के तापमान आधारित नई विद्युत उत्पादन प्रणालियां बनाई जाएंगी। क्योंकि पीवीडीएफ शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाता, और यह एक बेहद छोटा उपकरण है, जो शरीर में कहीं भी लगाया जा सकता है, जिसका मनुष्य को पता भी नहीं चलेगा।

एक-एक कर होता गया धमाका और आसमां को छूती गईं लपटें!

जयपुर.मानसरोवर थड़ी मार्केट चौराहे पर बना कॉम्प्लेक्स..रात आठ बजे एक एक कर सिलेंडर फटते गए और लपटें आकाश को छूती गईं। लोग खौफजदा, पूरे शहर में सीतापुरा जैसे अग्निकांड की अफवाह फैल गई..पर शुक्र! सौ से अधिक सिलेंडर में से 18 ही फटे। फिर इन धमाकों से उठे कई सवाल।
जवाब के नाम पर, सिर्फ कार्रवाई की खानापूर्ति। आखिर कैसे दो साल से अवैध रिफिलिंग का कारोबार चलता रहा? सभी को इसका पता था। रसद विभाग ने तीन बार कार्रवाई की..कॉम्प्लेक्स मालिक दो बार जेल गया, लेकिन फिर आकर वही अवैध कारोबार।
पड़ोसियों ने कई बार शिकायत की, फिर भी लाचार प्रशासन खतरे के इस कारोबार को रोक नहीं सका।..इससे भी शर्मनाक ये, कि इसी पुलिस प्रशासन की जानकारी में शहर में बड़े से छोटे सिलेंडर में अवैध रिफिलिंग का जाल बिला हुआ है।
शहर में कई और इलाकों में ऐसा ही डर
रसद विभाग और पुलिस की लापरवाही का ही नतीजा है कि शहर के कई इलाके विस्फोट के मुहाने पर हैं। ये वो इलाके हैं, जहां या तो बड़े बाजार हैं या शहर के बाहर से आकर यहां पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स बड़ी संख्या में रहते हैं। इन इलाकों या बाजारों का बड़ा धंधा घरेलू गैस सिलेंडरों से छोटे सिलेंडरों में गैस रीफिलिंग करने का है।
मानसरोवर :
यहां बड़ी संख्या में इंस्टीट्यूट हैं। बाहरी विद्यार्थियों की बड़ी संख्या है। उन्हें सिलेंडर सप्लाई के लिए यहां रिफलिंग का धंधा चरम पर है। दो सालों में 3 मामलों में रसद विभाग ने बड़ी संख्या में छोटे (4 से 5 किलो गैस क्षमता) व घरेलू गैस सिलेंडर जब्त किए। थड़ी मार्केट में रविवार की घटना वाले मामले में तो तीन बार एफआईआर भी दर्ज कराई जा चुकी है।
वीकेआई :
औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण बड़ी संख्या में ऐसा धंधा पनप चुका है। डेढ़ साल पहले विभाग की टीम ने एक ही दुकानदार से करीब 100 सिलेंडर जब्त किए थ, जो गो गैस के नाम से बड़े सिलेंडरों से छोटे सिलेंडर भरने का काम कर रहा था।
झोटवाड़ा :
यहां भी कुछ छोटे इलाकों में ऐसा धंधा करने वालों की संख्या कम नहीं है। डीएसओ के अनुसार एक मामला यहां भी उन्होंने पकड़ा और मामला दर्ज कराया।
ये भी धमाकों के मुहाने
इनके अलावा मालवीय नगर, जगतपुरा, सीतापुरा, बरकतनगर, प्रतापनगर, सांगानेर, इंदिरा बाजार, विद्याधर नगर, महेश नगर, आदर्श नगर, सहित कई इलाके ऐसे क्षेत्रों में शामिल हैं, जहां ऐसे धंधे जोरों से चल रहे हैं।
जिम्मेदार कौन : डीएसओ यू.डी.खान और पुलिस महकमा
डीएसओ से सवाल-जवाब
अवैध रूप से गैस री फिलिंग के धंधे को रोकने की जिम्मेदारी किसकी है?
ऐसे मामलों में रसद विभाग ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि क्षेत्र की पुलिस या तहसीलदार भी कार्रवाई कर सकते हैं।
मतलब रसद विभाग इससे पीछा छुड़ाना चाहता है?
नहीं, सबसे पहले तो रसद विभाग को ही कहा जाता है। थड़ी मार्केट के अवैध गोदाम पर हमने तीन बार एफआईआर दर्ज कराई है।
आपने एफआईआर दर्ज कराकर काम खत्म समझा?
नहीं हम नियमित चिट्ठियां लिखते हैं।
इस मामले में लिखी क्या?
पता नहीं, लेकिन लिखी होगी।
मतलब कार्रवाई कर अवैध धंधा करने वाले को और छूट दे दी?
पुलिस को कार्रवाई करनी थी।
ऐसे मामलों में क्या कार्रवाई होती है?
लोगों की जान जोखिम में डालने का मामला दर्ज कराया जाता है, जिसमें 6 से 7 साल तक की सजा का प्रावधान है।
शहर में बड़ी संख्या में ऐसे धंधे चल रहे हैं, जिनके बारे में विभाग को पता है, कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
हमने 12-13 मामलों में कार्रवाई की है, एफआईआर भी दर्ज कराई है। कुछ मामलों में तो अभियुक्त जेल भी गए हैं।

हर दर पर खाई ठोकर, उसके बाद भी जारी है गांधीगीरी

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बिलासपुर।अंग्रेजों की हुकूमत के बाद जमींदारी और मालगुजारी के दिन भले ही लद गए, लेकिन इसकी जड़ें इतनी गहरी हैं कि जब-तब उभरकर सामने आ जाती हैं।

घुठिया पंचायत की कहानी भी यही है, जहां के मालगुजारों को अपने चहेते का चुनाव हारना इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने धनीराम को सरपंची नहीं करने देने की ठान ली। इसके लिए मालगुजारों ने न सिर्फ सरपंच परिवार को प्रताड़ित करना शुरू किया, बल्कि पुलिस को भी मोहरे की तरह इस्तेमाल किया। हालात इतने बिगड़ गए कि सरपंच को न्याय के लिए पूरे परिवार के साथ आमरण अनशन पर बैठना पड़ा।

बात उसी पंचायत और परिवार की हो रही है, जिसके कारण शनिवार को हर्िी थाने के पास पुलिस आदिवासियों से दुश्मनों की तरह पेश आई। दरअसल, घुठिया पंचायत का सरपंच धनीराम ध्रुव अपनी पत्नी, दो बेटियों, भांची और बड़ी दीदी के साथ पथरिया तहसील कार्यालय के सामने 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) से आमरण अनशन पर बैठा था।

दहशतजदा इस परिवार की मांग सिर्फ इतनी थी कि घर घुसकर मारपीट करने और जातिगत गालियां देने वाले मालगुजार के बेटे रिंकू ठाकुर व उसके साथियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। पुलिस उन्हें सुरक्षा दे, ताकि वे अपने घर लौट सकें। सवाल उठता है कि मालगुजार परिवार और सरपंच के बीच इतनी गहरी खाई बनी कैसे। इसके पीछे भी पंचायती राज की पुरानी कहानी है। धनीराम व मालगुजार के बेटे रिंकू ठाकुर व राकेश ठाकुर के बीच सरपंच चुनाव के समय से टसल है। मालगुजारों ने शंकर ध्रुव को अपना प्रत्याशी घोषित किया था, जो हार गया और धनीराम सरपंच चुन लिया गया।

मालगुजारों ने तभी से ठान ली कि उसे सरपंची नहीं करने दिया जाएगा। गांव के विकास कार्यो से लेकर तमाम गतिविधियों में मालगुजार परिवार ही आड़े आता रहा। सरपंच ने ग्रामीणों को साथ लेकर काम करना शुरू किया तो स्थिति और गंभीर हो गई। रिंकू व राकेश गांव के चौक-चौराहे से लेकर हर जगह धनीराम को गालियां देने लगे। विरोध करने पर पिटाई भी करते।

आखिरकार स्थिति इतनी बिगड़ गई कि धनीराम को पूरे परिवार के साथ गांव से ही बाहर होना पड़ा। पिछले एक महीने से वह अपने परिवार के साथ गांव के बाहर पुलिस अफसरों के चक्कर लगा रहा है। कहीं से न्याय नहीं मिला तो गांधीगीरी का ही रास्ता बच गया था। उसने गांधी जयंती के दिन से पूरे परिवार के साथ आमरण अनशन शुरू कर दिया। धनीराम ने रविवार को आश्वासन के बाद अपना अनशन तोड़ दिया, लेकिन मालगुजारों की दहशत अभी भी उसके और परिजनों के जेहन में घर की हुई है।

खूब बर्दाश्त किया अत्याचार

धनीराम अच्छे से जानता था कि वह मालगुजारों का विरोध नहीं कर पाएगा। यही कारण है कि वह रिंकू व राकेश द्वारा अपमानित होने के बाद भी इसकी जानकारी अपने परिजन को नहीं देता था। धनीराम के बड़े दामाद रवि ध्रुव के मुताबिक धनीराम से कई बार मारपीट हुई और उसे हर दिन जलील किया जाता था, लेकिन वह सब-कुछ चुपचाप सह लेता था।

बकौल रवि, ‘इसका खुलासा 31 अगस्त की रात हुआ, जब रिंकू व राकेश रात के 10 बजे घर घुस गए और मामा को खींचकर बाहर ले जाने लगे। हम लोगों ने मना किया तो उन्होंने हमसे भी मारपीट की। मामा ने उनकी ज्यादती की कहानी घटना के बाद सुनाई। दूसरे दिन 1 सितंबर को हम सब शिकायत करने हर्िी थाना गए। हमें न्याय की उम्मीद थी, लेकिन थाने में शिकायत से समस्या कम होने के बजाय बढ़ती चली गई।’

..तो क्या आंदोलन ही रास्ता है!

घुठिया में आदिवासी परिवार से ज्यादती और पुलिस की उदासीनता ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अहम सवाल है कि क्या किसी को पुलिस से न्याय पाने के लिए धनीराम की तरह आंदोलन करना पड़ेगा और आदिवासियों को पुलिस की लाठियां खानी पड़ेंगी। ऐसा नहीं है तो फिर पुलिस ने आंदोलन और लाठीचार्ज के पहले ही रिंकू व राकेश ठाकुर के खिलाफ मामला दर्ज क्यों नहीं किया? यहां बताना लाजमी है कि पुलिस सीमा ध्रुव की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने जा रही है। सीमा ने आजाक थाने में यह शिकायत सितंबर में की थी।

प्रेमिका के पति से ही बोल बैठा था, 'यहां मेरी प्रेमिका रहती है'


राजकोट। लगभग 15 दिन पहले हुई युवक की हत्या के 7 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस जांच में पता चला है कि मृतक की हत्या उसकी प्रेमिका के पति ने अन्य 6 लोगों की मदद से की थी। दरअसल मृतक अनिल वल्लभभाई साकरिया का नयना नामक एक विवाहित युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था।


गत 24 सिंतबर को अनिल, नयना से मिलने उसके गांव सरधार आया हुआ था। यहां पर वह नयना के घर के सामने एक दवाखाना के ओटले पर बैठा हुआ था। यहीं से इन दोनों के बीच इशारे हो रहे थे। यह दृश्य नयना के भतीजे ने देख लिया और उसने यह बात अपने चाचा यानी कि नयना के पति अशोक को बता दी।


इसी बात पर गुस्साए अशोक ने 6 अन्य साथियों के साथ मिलकर अनिल की जमकर पिटाई की और बाद में उसका गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद आरोपियों ने लाश की कमर में लुंगी से एक बड़ा पत्थर बांधा और लाश कुंए में फेंक दी।


इधर, अनिल की खोजबीन कर रही पुलिस को जानकारी मिल गई कि अनिल 24 सितंबर को सरधार आया हुआ था। कुछ और खोजबीन के बाद पुलिस को यह भी मालूम चल गया कि अनिल अपनी प्रेमिका से मिलने यहां आया हुआ था। अंतत: पुलिस ने आरोपियों को पकड़ लिया और अनिल की लाश कुएं से बरामद कर ली।


प्रेमी के पति से ही कह दिया 'यहां मेरी लवर रहती है':

घटना के दिन जब अनिल, नयना के घर के पास खड़ा होकर मोबाइल पर बात कर रहा था। तभी नयना का पति अशोक ने उससे पूछा था 'तुम कौन हो? हालांकि अनिल, अशोक को पहचानता नहीं था, तो उसने तपाक से बोल दिया 'यहां मेरी लवर रहती है'।

बेबस और लाचार दिखा 'रखवाला', जब बेहोशी टूटी तो आंखों में थे आंसू

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रोहतक।जिन कंधों पर आम आदमी की सुरक्षा का भार है, वही खुद सुरक्षित नहीं रह गए हैं। एक हवलदार को शनिवार की रात ड्यूटी करना महंगा पड़ गया। दो युवकों ने उसे इतनी बुरी तरह पीटा कि छह घंटे बाद होश आया। जब बेहोशी टूटी तो आंखों में आंसू थे। अर्बन एस्टेट थाना पुलिस ने इस संबंध में दो युवकों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

पुलिस के मुताबिक दिल्ली रोड स्थित विशाल नगर निवासी बिजेंद्र सिंह रोहतक पुलिस में हवलदार के तौर पर तैनात है। शनिवार रात को उसकी ड्यूटी एमरजेंसी के बाहर थी। आरोप है कि रात करीब डेढ़ बजे प्रीत विहार कॉलोनी निवासी प्रमोद व महेश आए। प्रमोद के हाथ में शीशा लगा हुआ था। वह पट्टी करवाना चाहता था।

पीजीआई में अंदर जाने को लेकर दोनों की सिक्योरिटी कर्मचारियों से कहा-सुनी हो गई। आरोप है कि दोनों युवक सिक्योरिटी कर्मचारियों से गाली-गलौच करने लगे। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी। नौबत हाथापाई तक आ गई। ड्यूटी पर तैनात हवलदार बिजेंद्र मौके पर पहुंचा और बीच-बचाव करने का प्रयास किया।

आरोप है कि दोनों युवकों ने उसे ही पीटना शुरू कर दिया। लात व घूसों से मार-मार कर अधमरा कर दिया। आरोपी प्रमोद व महेश को हिरासत में ले लिया गया। घायल हवलदार को एमरजेंसी में दाखिल करवाया गया। मामले की सूचना मिलने पर अर्बन एस्टेट थाना प्रभारी रमेश कुमार मौके पर पहुंचे और मामले की छानबीन की। इसके बाद दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया।

एमडीयू के लॉ विभाग के हैं छात्र

पुलिस ने जिन दो युवकों प्रीत विहार निवासी प्रमोद व महेश को गिरफ्तार किया है, वे एमडीयू के लॉ विभाग के छात्र हैं। उनका कहना है कि वे एक शादी समारोह में शामिल होने के बाद घर जा रहे थे। रास्ते में शीशा लगने से प्रमोद घायल हो गया। जब दोनों इलाज के लिए पीजीआई में गए थे, तो उनका सिक्योरिटी कर्मियों से झगड़ा हो गया। बीच बचाव करने आए हवलदार को पीट पीट कर घायल कर दिया।

कांस्टेबल ने कहा नहीं चाहिए जुर्माना, आमिर ने कहा ऐसा नहीं चलेगा!

मुंबई/सतारा महाराष्ट्र के सतारा में रविवार को नो एंट्री जोन में कार चलाने के कारण आमिर खान पर 100 रुपए का जुर्माना किया गया। पुलिस के मुताबिक आमिर अपनी पत्नी किरण के साथ बीएमडब्ल्यू में थे

इसी दौरान उनकी कार नो एंट्री जोन में प्रवेश कर गई। ट्रेफिक कॉन्सटेबल ने उन्हें रोककर चालान काट दिया। हालांकि जब कॉन्सटेबल ने उन्हें रोका तो उसे पता नहीं था कि ये कार आमिर खान की है। लेकिन जैसे आमिर कार से उतरे वहां पर लोगों ने उन्हें घेर लिया।

लोगों ने कॉन्सटेबल से फाइन न लेने को कहा। हालांकि आमिर ने जुर्माना दिया और बाकायदा उसकी रसीद भी ली।

‘मन्नत’ मामले में शाहरुख को अब तो देना ही होगा जवाब

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मुंबई. महाराष्ट्र तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण ने अभिनेता शाहरुख खान को उनके घर मन्नत के निर्माण के दौरान नियमों के उल्लंघन पर जवाब देने के लिए नोटिस भेजा है।

इस नोटिस में कहा गया है, आपके खिलाफ लगे इन आरोपों के बारे में जल्द जवाब देने का अनुरोध किया जाता है। क्योंकि आपने पहले के नोटिस का अभी तक जवाब नहीं दिया है।

गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता अमित माए ने मन्नत के निर्माण के सिलसिले में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था कि इस जमीन का पंजीकरण एक कला गैलरी से बदल कर आवास के तौर पर कर दिया गया और सात मंजिला भवन का निर्माण किया गया। पहले भी 12 मार्च 2009 को शाहरुख को एक नोटिस भेजा गया, लेकिन उन्होंने अभी तक जवाब नहीं दिया।

जब तक सरेआम गाली ना दो लोग लोकतंत्र ही नहीं समझते

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जयपुर.भारतीय उद्योग व्यापार महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्याम बिहारी मिश्र ने शनिवार को सरकारी व्यवस्था में मौजूद भ्रष्टाचार से पीड़ित व्यापारियों की स्थिति को लेकर मंत्रियों और सांसदों की मौजूदगी में जमकर प्रहार किए।

मौका था-राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार महासंघ के सम्मेलन का। उन्होंने कहा कि यह व्यापारी ही है जो अफसरों और नेताओं की सेवा भी करता है और ऊपर से सरकारी व्यवस्था की मार भी सहन करता है।

त्योहारों पर व्यापारी भले ही अपने बच्चों के लिए मिठाई नहीं ले जा पाता हो, लेकिन अफसरों के घर पैकेट जरूर पहुंचाना पड़ता है। मिश्र के आरोपों के जवाब में गृह मंत्री शांति धारीवाल ने भी उत्तरप्रदेश में भ्रष्टाचार की स्थिति पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि जहां तक डिब्बे पहुंचाने की बात है, आपके यूपी में तो पूरी बोरी पहुंचानी पड़ती है।

आज चोर तो किसी को कोई भी कह सकता है। कहने वाले तो कहते हैं नेता चोर, अफसर चोर, पुलिस चोर, तू चोर, मैं चोर। लोकतंत्र का यही दस्तूर है, जब खुलेआम बाजार में आप किसी को गाली नहीं दे सकते तो लोग लोकतंत्र ही नहीं समझते।

जरा-जरा सी कमी होने पर करनी पड़ती है सेवा : मिश्र

मिश्र ने कहा- पूरे देश में बढ़ती महंगाई एक समस्या है। किसी भी सरकार को रोटी पर टैक्स लगाने का अधिकार नहीं है, लेकिन यहां गेहूं पर ही टैक्स लगा दिया। व्यापारी ही है, जो रिक्शेवाले को रात को 12 बजे भी दुकान खोलकर आटा देता है, आपका राशन वाला नहीं देता।
ईद पर चीनी चाहिए लेकिन राशन की दुकान पर चीनी तब आती है जब ईद निकल जाती है। व्यापारी को जमाखोर, मुनाफाखोर और कालाबाजारिया कहकर बदनाम मत करिए। व्यापारी परेशान रहता है। जरा-जरा सी कमी होने पर अधिकारियों को नजराना, शुक्राना और भेंटवाना देना पड़ता है। होली, दिवाली, दशहरा, ईद, बकरीद पर अपने बच्चों को मिठाई नहीं ले जा सकता, पर अफसरों को काजू की बर्फी जरूर पहुंचाता है।
कानून ऐसा बना दो कि इनको डिब्बा लेकर नहीं जाना पड़े। जब तक यह नहीं होगा इनको जाना ही पड़ेगा चाहे कितने ही अन्ना हजारे अनशन कर लें, भ्रष्टाचार मिटने वाला नहीं है।

भ्रष्टाचार भाषणों से नहीं मिटेगा, कानून का सरलीकरण करने से मिटेगा। भ्रष्टाचार मिटाना है तो नियमों का सरलीकरण कर दीजिए। छोटी दुकानें बनाइए। सरकार व्यापारियों का सामाजिक बीमा करवाए। पूरे देश में चीनी पर कहीं भी मंडी शुल्क नहीं है लेकिन राजस्थान में है, इसे समाप्त किया जाना चाहिए।

जबरन मिठाई ली तो कार्रवाई : मुख्य सचिव

मुख्य सचिव एस अहमद ने कहा है कि अगर किसी अफसर ने जबरन मिठाई ली तो वे कार्रवाई करेंगे। जबरन मिठाई लेना न केवल गलत है बल्कि यह आचरण नियमों के खिलाफ भी है। कोई मर्जी से अपने संबंधों के हिसाब से मिठाई देता है तो उसे कैसे रोक सकते हैं।

डीजीपी हरीशचंद्र मीना ने कहा है कि किसी पुलिस अधिकारी ने जबरन मिठाई ली या इस बहाने कोई और मांग की तो कार्रवाई होगी। मुख्य सचिव और डीजीपी ने बयान देने वाले व्यापारियों और अन्य लोगों से कहा है कि जबरन मिठाई मांगने वाले अफसर का नाम उन्हें ध्यान है तो इसकी जानकारी देनी चाहिए।

दिग्विजय का अन्‍ना पर सबसे तीखा वार! साथ पागलखाने चलनेकहा

दिग्विजय का अन्‍ना पर सबसे तीखा वार! साथ पागलखाने चलने

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नई दिल्‍ली. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर अन्ना हजारे पर तीखा हमला बोला है। अन्‍ना हजारे को मानसिक संतुलन की जांच कराने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा है कि बीजेपी अन्ना को राष्ट्रपति पद का सब्जबाग दिखा रही है। दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस को निशाने पर लेने के लिए अन्‍ना और उनकी टीम पर भी सवाल उठाए। दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘अन्‍ना और उनके साथ यूपी में सपा और बसपा के खिलाफ अभियान क्‍यों नहीं चलाती।’

दिग्विजय ने कहा कि बीजेपी ने अन्ना को राष्ट्रपति पद का सपना दिखाया है कि उन्हें अगले राष्ट्रपति चुनाव में सर्वदलीय उम्मीदवार के तौर पर पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अन्ना बीजेपी के बहकावे में आ गए हैं और बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं।

अन्ना पर अपने लगातार हमलों के लिए जाने जाने वाले दिग्विजय ने यह भी कहा, 'अब तक मुझे पागलखाने भिजवाने की सलाह देने वाले अन्ना को चाहिए कि वह भी मेरे साथ चलें। वहां मेरे साथ-साथ उनकी भी जांच हो जाए ताकि पता चले कि किसका दिमाग खराब है और किसका सही।'

अन्ना के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के पीछे किसका हाथ है, इस पर कई तरह के सवाल उठते रहे हैं। अन्ना हजारे ने कांग्रेस के नेताओं के बयान पर कहा था कि उनके बारे में जो लोग कह रहे हैं कि आंदोलन में बीजेपी या आरएसएस की भीड़ थी तो उन्हें मेंटल अस्पताल में भेजना चाहिए।

दिग्विजय ने कहा, 'अगर अन्‍ना हजारे चाहते हैं कि दिग्विजय सिंह के मानसिक संतुलन की जांच हो तो वो भी मेरे साथ चलें। वहां उनकी भी जांच हो जाए और मेरी भी जांच हो जाए।'

दिग्विजय सिंह ने फिर कहा कि अन्‍ना हजारे के आरएसएस से संबंध जगजाहिर हो गए हैं लेकिन टीम अन्‍ना इस पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। भाजपा नेता बलबीर पुंज ने कहा कि दिग्विजय सिंह बेमतलब की बात करते हैं। लोगों को उनकी बातों पर ध्‍यान नहीं देना चाहिए।

कांग्रेस जहां एक तरफ अपने नेताओं से अन्‍ना हजारे पर नए सिरे से हमले करवा रही है तो दूसरे नेताओं को उनसे मिलने भेजकर उन्हें मनाने की कोशिश कर रही है। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे ने पार्टी की ओर से अन्ना के गांव जाकर उनसे मुलाकात की और उन्‍हें फूल भेंट किया है।

मनाने की कोशिश

ठाकरे अन्ना हजारे के गांव रालेगण सिद्धि जाकर उनसे मिले। ठाकरे अन्ना के लिए फूलों का गुलदस्‍ता ले गए थे। माना जा रहा है कि उन्होंने अन्ना से मुलाकात कर उनसे चुनावी राजनीति में बीजेपी का पक्ष लेते न दिखने की गुजारिश की। सूत्रों के मुताबिक उनसे ठाकरे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और यूपीए सरकार लोकपाल बिल संसद के शीत सत्र में लाने की पूरी कोशिश कर रही है। इसलिए अभी से कांग्रेस के खिलाफ चुनावी मुहिम शुरू करना ठीक नहीं होगा।

बीजेपी की सफाई
बीजेपी ने दिग्विजय के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है। बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि कांग्रेस बेतुके आरोप लगाना बंद करे। उन्होंने कहा, ' अन्ना को राष्ट्रपति पद की पेशकश करने का कोई सवाल ही नहीं है। पता नहीं, दिग्विजय कहां से ऐसी बातें ले आते हैं।' नकवी ने कहा कि कांग्रेस और दिग्विजय सिंह को ऐसे निराधार आरोपों से कुछ हासिल नहीं होगा। ओसामा बिन लादेन की मौत पर स्यापा करने और अन्ना के खिलाफ बेतुके आरोपों की बौछार करने की नीति इस देश में नहीं चलेगी।

150फीट गहरे कुएं में बच्चों को लेकर कूदी मां, लेकिन हुआ चमत्कार!

नीमकाथाना.कस्बे में गोशाला के पास शनिवार रात मां दो मासूम बच्चों को लेकर 150 फीट गहरे सूखे कुएं में कूद गई। घर जा रही एक महिला ने यह सबकुछ देखकर मोहल्लेवासियों को बताया।

इसके बाद पहुंची पुलिस व मोहल्लेवासियों ने दोनों बच्चों को बचा लिया, लेकिन महिला की मौत हो गई। देर रात महिला की शिनाख्त खेतड़ी इलाके की खेजड़ों की ढाणी की रहने वाली सरोज पत्नी राजेंद्र कुमावत के रूप में हुई। बच्चों के नाम दुष्यंत (4) व चंदन (2) हैं। यह पता नहीं चल पाया है कि महिला कुएं में क्यों कूदी।

एसआई प्रहलाद सहाय ने बताया कि रात करीब आठ बजे घर जा रही महिला ने देखा कि एक महिला दो बच्चों को लेकर गोशाला के पास स्थित कुएं की दीवार पर बैठी है। देखते ही देखते ही उसने दोनों बच्चों समेत कुएं में छलांग लगा दी।

यह देखकर महिला ने दौड़कर बगल में स्थित अपने घर जाकर इसकी जानकारी दी। उसके परिजनों ने यह वाकया पुलिस को बताया। इस पर पुलिस मौके पर पहुंची। आनन फानन में क्रेन व सीढ़ी का इंतजाम करवाकर थाने के ड्राइवर कालूराम को कुएं में उतारा गया। सूखे कुएं में गिरे दोनों बच्चे जिंदा मिले, लेकिन उनकी मां दम तोड़ चुकी थी।

मौत सामने देखकर सहमे मासूम

जिंदा बचाए गए बच्चों की उम्र तकरीबन ढाई व चार साल है। कुएं से बाहर निकालते ही दोनों को तुरंत कपिल अस्पताल ले जाया गया। दोनों को एक खरोंच तक नहीं आई है। देर रात तक मां की शिनाख्त नहीं होने पर बार बार लोगों ने बच्चों से बातचीत का प्रयास किया लेकिन वे सहम गए।

बच्चों को स्कूल से लेकर आई थी

नीमकाथाना. पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि महिला बच्चों को स्कूल से लेकर आई थी। क्योंकि बच्चों के पास बैग मिले हैं। यह पता चला है कि दोनों एलकेजी व यूकेजी में पढ़ते हैं, लेकिन स्कूल का नाम स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। दोपहर में दोनों बच्चों के साथ महिला खेतड़ी रोड स्थित गोड़ावास जोहड़ के पास रोड पर बैठी रही। उसने एक घर में मौजूद बुजुर्ग महिला से रोटी भी मांगी। कुएं से टूटा टिफिन व स्कूल बैग मिले हैं। बच्चों ने अपना नाम दुष्यंत और चंदन बताया है।

आशाराम ने राहुल गांधी का मजाक उड़ाया, कहा 'बबलू'

मथुरा. आध्यात्मिक आशाराम बापू ने रविवार को मथुरा में प्रवचन करते हुए कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी का खूब मजाक बनाया। संत आशाराम ने राहुल गांधी को बबलू कहते हुए कहा कि है ये बबलू और देख रहा है देश का प्रधानमंत्री बनने का सपना।

दरअसल आशाराम बापू अपने अनुयायियों को संबोधित कर रहे थे। वो कर तो रहे थे धर्म की बातें लेकिन अचानक अन्ना हजारे के आंदोलन पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि अन्ना हजारे आठ दिन तक भूखे बैठे रहे तब इस बबलू को होश आया और संसद में बयान दिया।

फिर आशाराम मंच पर लगे एक स्तंभ के पास पहुंचे और स्तंभ को पुचकारते हुए कहा कि देखो कैसा बबलू है ये जो देश का प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहा है लेकिन आता जाता कुछ नहीं है।

संत आशाराम के इस अंदाज पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा कि यदि बाबा को भी राजनीति करनी है तो सीधे तौर पर राजनीति में आए। बाबा के आश्रम में मृत पाए गए दो बच्चों की मौत पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने कहा कि आशाराम को वो बच्चे बबलू नजर नहीं आए जिनकी उन्होंने बलि ले ली।

आपे से बाहर हुईं मेयर, कहा कोई आगे नहीं आएगा!

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जयपुर.दीपावली को देखते हुए शुरू किए गए नगर निगम के सफाई सुधार अभियान के दूसरे दिन शनिवार को मेयर ज्योति खंडेलवाल को विद्याधर नगर जोन में जनता के भारी विरोध का सामना करना पड़ा।

गंदगी से परेशान लोगों ने जमकर हंगामा किया। पार्षद तक मेयर की गाड़ी के आगे लेट गए। पुलिस ने बामुश्किल गाड़ी निकलवाई। इस पर लोग उनसे मिलने के लिए आगे बढ़े तो मेयर भड़क गई। उन्होंने कहा कि पार्षद हैं न, मैं उनसे बात कर लूंगी।

लोगों में रोष इसलिए है कि एक साल से सफाई व्यवस्था बद से बदतर हो गई है। मेयर, डिप्टी मेयर, अफसर व पार्षद किसी ने भी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिया।

पार्षद मेयर की गाड़ी के आगे लेट गए

सीकर रोड पर अलका सिनेमा के पास वार्ड 6 के पार्षद रिद्धकरण परसरामपुरिया मेयर की गाड़ी के आगे लेट गए। मेयर की गाड़ी को आखिरकार बैक लेना पड़ा। परसरामपुरिया का आरोप था कि एक साल से लोग गंदगी से परेशान हैं और अधिकारी सुनवाई नहीं करते।

डिप्टी मेयर लोगों के रोष से बचते फिर रहे हैं

कमेटी में डिप्टी मेयर मनीष पारीक भी शामिल हैं, लेकिन वे जनता के विरोध को देखते हुए दौरों से बचते फिर रहे हैं। शहर की सफाई के लिए वे भी मेयर जितने ही जिम्मेदार हैं, क्योंकि सफाई समिति के चेयरमैन भी उनकी ही पार्टी के हैं और बोर्ड में बहुमत भी डिप्टी मेयर का ही है, लेकिन डिप्टी मेयर सफाई सुधार अभियान के दूसरे दिन भी दौरे पर नहीं गए।

मंच पर आया मंत्री-मेयर विवाद

यातायात मंत्री बृजकिशोर शर्मा और मेयर ज्योति खंडेलवाल के बीच चल रहा विवाद एक बार फिर मंच पर आ गया। शनिवार को आमेर रोड पर नगर निगम कॉलोनी में सीमेंट कंक्रीट रोड के लोकार्पण समारोह में यातायात मंत्री ने निगम की ओर से हर वार्ड में लगाई जा रही 25 लाइटों को ऊंट के मुंह में जीरा करार देते हुए महापौर पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि महापौर साहिबा, हर वार्ड में 25 तो चौराहे ही होते हैं। इतने ही तिराहे होते हैं। फिर गलियां। ये सब कहां जाएंगे। शर्मा ने कहा कि इसके आगे जीरो लगाओ, तब जाकर बात बनेगी।

शर्मा यही नहीं रुके, उन्होंने जलमहल सीवर लाइन के अटके काम पर भी निगम को आड़े हाथ लिया। महापौर ने इससे पहले अपने भाषण में विकास कार्यो का बखान करते हुए कहा था निगम हर वार्ड में 25 रोड लाइटें लगा रहा है। इसके अलावा हर वार्ड में 25 करोड़ के विकास कार्य कराए जाएंगे। समारोह के मुख्य अतिथि नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि जयपुर में अगले वित्तीय वर्ष में सीवरेज की समस्या के समाधान के लिए मास्टर ड्रेनेज प्लान लागू होगा। इसमें 1200 करोड़ रुपए का खर्चा है।

ऐसे चला सिसकियों का दौर कि नहीं सो पाया पूरा मोहल्ला


जहाजपुर/भीलवाड़ा/कोटा.कभी सिसकियों तो कभी तेज क्रंदन से एक मोहल्ला पूरी रात सो नहीं पाया। सुबह होते ही तो जैसे नगर की हर सड़क शोक में डूबी थी। हर आंख नम थी और मन से कोस रहे थे काल के ऐसे फरमान को। आखिर इन आंखों के सामने से एक साथ नौ अर्थियों जो गुजर रही थीं।
लोगों ने ऐसा पहले कभी न देखा था। दो ट्रैक्टर और उनमें एक ही परिवार के नौ सदस्य अंतिम यात्रा को जा रहे थे। यात्रा खुद ब खुद हादसे की क्रूर कहानी बयां कर रही थी। शव इतने क्षत-विक्षत हो गए थे कि उन्हें अस्पताल से जिन ट्रेक्टरों में घर तक लाया गया, उन्हीं में अंतिम संस्कार के लिए ले जाना पड़ा।
शुक्रवार रात बिंध्याभाटा से बोरानी के बीच हुई सड़क दुर्घटना में 13 जनों की दर्दनाक मौत हो गई थी। इनमें से तीन बच्चों व छह महिलाओं सहित नौ जने नगर के घोषी परिवार के थे।
शनिवार सुबह जिस भी राह से यह शवयात्रा गुजरी हर कोई भीगी आंखों से श्रद्धांजलि दे रहा था। दिन भर पूरा कस्बा इसी हादसे की चर्चा और शोक में डूबा रहा। नागदी नदी के किनारे सामूहिक अंत्येष्टि की गई।
तीन चिताओं पर जले शव
सभी नौ शवों को तीन चिताओं पर रख कर मुखाग्नि दी गई। एक चिता पर पांच, दूसरी पर तीन तथा तीसरी पर एक शव का अंतिम संस्कार किया गया।

ओशो की एक हजार करोड़ की संपत्ति पर नेताओं की नजर, भक्‍तों में विवाद

पुणे. ओशो इंटरनेशनल फाउंडेशन की कोरेगांव पार्क इलाके की करीब एक हजार करोड़ की 35 एकड़ जमीन पर नेताओं की नजर है। इसे लेकर ओशो के भक्तों में ही विवाद खड़ा हो गया है। दो भक्तों ने मुंबई के चैरिटी कमिश्नर से अनुरोध किया है कि पुणे की संपत्ति को बेचने के आवेदन को ठुकरा दिया जाए। योगेश ठक्कर (उर्फ स्वामी प्रेम गीत) और किशोर रावल (उर्फ स्वामी प्रेम आनंद) ने बुधवार को चैरिटी कमिश्नर के सामने याचिका दाखिल की है। इसमें बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट्स (बीपीटी) एक्ट 1950 की धारा 36 के तहत किए गए आवेदन का विरोध किया है। बीपीटी एक्ट की धारा 36 कहती है कि किसी भी सार्वजनिक ट्रस्ट की अचल संपत्ति को बेचने या गिरवी रखने से पहले चैरिटी कमिश्नर की अनुमति जरूरी है।

याचिका में कहा गया है कि ओशो के विचारों को विस्तार देने के लिए भक्तों ने कड़े परिश्रम, समय, पैसे और समर्पण के साथ यह संपत्ति खड़ी की है। फाउंडेशन की गतिविधियों और ट्रस्टियों को मुख्य रूप से तीन व्यक्ति प्रभावित कर रहे हैं। इनकी पहचान माइकल ओ‘बायर्न (उर्फ स्वामी जयेश),जॉर्ज मेरेडिथ (उर्फ स्वामी अमृतो) और डार्सी ओ‘बायर्न (उर्फ स्वामी योगेंद्र)के रूप में की गई हैं। ये लोग मुंबई और पुणे के नेताओं को ट्रस्ट की संपत्ति बेचने की कोशिश में है।

ये भक्तों के उस धड़े से जुड़े हैं,जिसने 19 जनवरी 1990 को ओशो के निधन के बाद ट्रस्टों पर नियंत्रण हासिल किया था। फाउंडेशन की गतिविधियों को कंपनी में तब्दील करने की कोशिशें हो रही हैं। ओशो मल्टीमीडिया एंड रिसोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड बनाई गई है, जिसमें ट्रस्टी डायरेक्टर हैं।
संपर्क के प्रयास नाकाम
कई प्रयासों के बावजूद ओशो इंटरनेशनल रिसोर्ट की प्रवक्ता मां अमृत साधना से संपर्क नहीं हो सका। ओशो के वरिष्ठ भक्तों में शामिल साधना उस धड़े में शामिल हैं, जो पुणे की संपत्ति का प्रबंधन करता है। उन्हें प्रेस से बातचीत करने की जिम्मेदारी दी गई है।
2001 में हुआ था पहला सौदा
ओशो के निधन के करीब एक दशक बाद 2001 में ओशो कम्यून की संपत्ति का सौदा हुआ था। जेन प्रापर्टीज लिमिटेड के जरिए ओशो कम्यून ने गोदरेज प्रापर्टीज एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के साथ संयुक्त उपक्रम शुरू किया। इसी जमीन पर गोदरेज मिलेनियम कॉम्प्लेक्स खड़ा किया गया।

चार साल की उम्र में मां-बाप को खो देने वाले मासूम ने रुला दिया सबको

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लुधियाना. मासूम अरमान को मौत का मतलब नहीं पता, लेकिन उसे इस कड़वी सच्चाई का मर्म समझाने के लिए शनिवार को श्मशान भूमि में लाया गया। दादी.ताई व ताया समेत रिश्तेदारों को रोते बिलखते देख उसे अभी भी कुछ समझ नहीं आया।
अपने ताया आदित्य गोयल की अंगुली पकड़ कर श्मशान में पहुंचा अरमान लोगों को रोता हुए देखकर कुछ घबराया हुआ जरूर था, लेकिन वह कुछ समझ नहीं पा रहा था। चिता को अग्नि देने से पहले ताया आदित्य गोयल ने उसे अपने माता पिता से अंतिम बार मिलने को कहा।
रिश्तेदार हुए जज्बाती
सामने दो चिताएं देखकर मासूम अरमान ने भोलेपन से पूछा कि मेरी मम्मी कहां लेटी है? मासूम के इस सवाल से वहां मौजूद वह रिश्तेदार भी जज्बाती हो गए और फूट फूट कर रोने लगे, जो किसी तरह अपने आंसुओं को बहने से रोक कर खड़े थे। सभी रिश्तेदार अरमान को प्यार और दिलासा देने के लिए बार-बार गोद में उठाने लगे।
मासूम अरमान ने कफन हटा कर अपने माता-पिता का चेहरा अंतिम बार देखा और खाली आंखों से इधर-उधर झांकता वापस अपने ताया के पास आकर खड़ा हो गया। शाम करीब सवा चार बजे चिताओं को मुखाग्नि देने की रस्म आदित्य गोयल ने निभाई। चिताओं को अग्नि भेंट होता देख मासूम अरमान एकाएक चिल्लाया कि मेरे मम्मी पापा को आग मत लगाओ, उन्हें दर्द होगा.. और रोने लगा।
अरमान अभी यह सच्चाई नहीं समझेगा, यह मानकर परिवार के सदस्य उसे वहां से हटा कर घर ले आए। अंतिम संस्कार के बाद घर लौट कर ताया, तायी व दादी उसके सवालों पर बिलख पड़े। वह बार-बार यही पूछता है कि सब लोग मेरे मम्मी डैडी को क्यों अकेला छोड़ आए हैं? मम्मी डैडी कहां चले गए हैं और क्या अब वह कभी वापस नहीं लौटेंगे? अंजान मासूम शाम को वीडियो गेम खेलने लगा
शाम को अरमान फिर पड़ोसी के यहां जाकर वीडियो गेम खेलने में व्यस्त हो गया है। वह कहता है कि उसके मम्मी व डैडी तार से पंखा ठीक कर रहे थे। अरमान की दादी मंजू गोयल के अनुसार दीपावली पर पटाखे लाने की जिद करेगा तो वह कैसे उसे मना करेंगी। थाना डिवीजन नंबर सात के एसएचओ गोपाल कृष्ण ने बताया कि परिवार के सदस्यों से बातचीत में सामने आया है कि अमित और प्रवीण आर्थिक तंगी की वजह से परेशान थे। उन्होंने शेयर मार्केट में भी कुछ पैसा लगाया हुआ था।
शादी के आठ वर्ष बाद पैदा हुआ था अरमान
अमित गोयल और प्रवीण गोयल की शादी को करीब 12 वर्ष हो चुके हैं। अरमान शादी के करीब आठ वर्ष बाद पैदा हुआ था। इसके लिए उन्होंने कई धार्मिक स्थलों पर सेवा की और मन्नत मांगी थी। इसीलिए उन्होंने बच्चे का नाम भी अरमान रखा था। अमित के चाचा सुनील गोयल के अनुसार उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि इतनी मन्नतों के बाद हुए बेटे को वह कैसे अकेला छोड़ गए। अमित के बड़े भाई आदित्य गोयल के अनुसार अरमान को वह अपने पास ही रखेंगे।

इस महिला के साथ हुआ कुछ ऐसा कि कांप जाएगी आपकी रूह!

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सुपौल : भपटियाही थाना क्षेत्र के झिल्ला-डुमरी गांव में दशहरा के दिन राधा देवी (30) नामक महिला को पड़ोस के ही कुछ लोगों ने डायन बता जमकर पिटाई की और उसे मैला घोलकर पिला दिया।
घटना के वक्त पीडि़ता अपने चार मासूम बच्चों के साथ मां दुर्गा का दर्शन करने जा रही थी। घटना को लेकर पुलिस ने पीडि़ता के बयान पर आधा दर्जन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है । पीडि़ता का इलाज भपटियाही अस्पताल में चल रहा है।
क्या है मामला:
पीडि़ता राधा देवी पति हरिनारायण मुखिया ने बताया कि उनके पड़ोस के उपेन्द्र मुखिया का भैंस ने दूध देना बंद कर दिया था। उसको लेकर उपेन्द्र, रामचन्द्र, सुलेखा देवी एवं उसके परिवार के अन्य सदस्य उसे डायन कहने लगे। वे लोग भैंस का दूध वापस लाने को कह रहे थे। इसी को लेकर बार-बार मारने पर उतारू थे।
पीडि़ता ने बताया कि उसका पति विकलांग है और अभी पंजाब में है। बुधवार के 4 बजे संध्या में वह अपने चारों बच्चे को ले मां भगवती का दर्शन करने जा रही थी। सड़क पर पहुंचते ही आरोपियों ने उसे घेर लिया। उसकी बुरी तरह पिटाई की और मैला घोलकर जबरन पिला दिया।
उसके बाद वे लोग बच्चों के साथ भी मारपीट करने लगे। बेहोशी हालत में कुछ लोगों ने उसे नहलाया और थाना तक ले गए । पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करने के बाद जैसे ही पीडि़ता घर पहुंची कि आरोपी ने फिर उसे एवं उसके बच्चे का पिटाई की।
शुक्रवार के सबेरे थानाध्यक्ष सुनील कुमार स्थल पर पहुंचे। महिला की हालत देख उसे तत्काल इलाज हेतु भपटियाही अस्पताल में भर्ती कराया। फिलहाल पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि पीडि़ता का अस्पताल में इलाज चल रहा है

जल्लाद बाप ने जो किया, उसे सुन कलेजा फट जाएगा!


रामपुर। मकान बेचने से मना करने पर कलयुगी पिता ने बेटे और बहू को सोते समय पेट्रोल छिड़क कर जिंदा जला दिया। छोटे बेटे ने भाई और भाभी को बचाने का प्रयास किया तो पिता ने उसे भी रोक दिया। इस कोशिश में ये दोनों भी जल गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस ने पिता समेत पांच के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है।

जानकारी के मुताबिक, शहजादनगर के लालूनगला गांव में वारिस बेटे राशिद, बहू नईम जहां उर्फ बब्बी और छोटे बेटे शाहिद के साथ रहता था। वह मकान बेचना चाहता था। बेटे और बहू मकान बेचने का विरोध कर रहे थे। इसी बात पर नाराज पिता ने बीती रात दोनों को ठिकाने लगाने का फैसला कर लिया। रात में जब बेटे और बहू अपने कमरे में सो गए तो उसने बाइक से पेट्रोल निकाला और उन पर छिड़क कर आग लगा दी।

सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने वारिस को पकड़ लिया। मृतका के पिता नफीस ने पिता समेत पांच के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। इनमें ग्राम प्रधान जुल्फिकार, उसका भाई हारून, मृतक के बड़ा भाई वाजिद और भाभी गुल शादाब को भी नामजद किया है।

ड्रामा करने नहीं हकीकत जानने आया हूं : राहुल गांधी

गोपालगढ़ में मस्जिद के बाहर भीड़ लगी तो बिफरे राहुल ने कहा
जयपुर। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी रविवार सुबह अचानक गोपालगढ़ पहुंचे। राहुल गांधी निजी कारों के काफिले के साथ हरियाणा सीमा से सुबह करीब 9 बजे गोपालगढ़ पहुंचे। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह भी इस दौरे में उनके साथ थे। राहुल ने करीब दो घंटे तक गोपालगढ़ सहित आसपास के चार गांवों का दौरा किया। गोपालगढ़ के अलावा राहुल ने पिथोली, परसोली, मालिगा गांवों का दौरा कर 14 सितंबर को हुई फायरिंग में मृतकों और घायलों के परिजनों से मुलाकात की।
मस्जिद के बाहर भीड़ लगी तो बिफरे राहुल, कहा, भीड़ क्यों लगा रखी है, ड्रामा करने नहीं हकीकत जानने आया हूं : राहुल गांधी ने गोपालगढ़ में हुई हिंसा से प्रभावित पीडि़तों के अलावा घटनास्थल और मस्जिद का भी दौरा किया। गोपालगढ़ की मस्जिद में उन्होंने मौजिज लोगों से बात कर घटना का पूरा विवरण लिया। इस दौरान जब गांव में लोगों को राहुल के आने की सूचना मिली तो मस्जिद के बाहर भीड़ जुटना शुरू हो गई। राहुल मस्जिद से बाहर निकले तो भीड़ लगती देखकर लोगों से कहा, यहां भीड़ क्यों लगा रखी है, यहां ड्रामा करने नहीं आया हूं, हकीकत जानने आया हूं। आप लोग जाइए। इसके साथ ही सुरक्षाकर्मियों ने भीड़ को हटा दिया।


दौरे के बारे में न प्रशासन को और न प्रदेश कांग्रेस को थी जानकारी : राहुल गांधी ने इतने गुपचुप तरीके से दौरे का कार्यक्रम रखा कि किसी को कानों कान खबर नहीं होने दी। उनके दौरे की तारीख के बारे में न तो स्थानीय प्रशासन को और न प्रदेश कांग्रेस को कोई सूचना थी। प्रशासन को भी तब पता लग जब राहुल गांधी हरियाणा सीमा से राजस्थान में प्रवेश कर गए और प्रभावित गांवों का दौरा शुरू कर दिया। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के अलावा कांग्रेस के किसी भी नेता को इसकी पुख्ता सूचना नहीं थी। राहुल का यह दौरा भी उनके भट्टा परसौल दौरे के अंदाज में ही रहा।


राहुल के रुख पर टिकी प्रदेश कांग्रेस और सरकार की नजरें : राहुल के गोपालगढ़ दौरे को लेकर कांग्रेस में राजनीतिक चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। प्रदेश कांग्रेस और सरकार दोनों के रहनुमाओं की नजरें अब राहुल के रुख पर टिकी हुई हैं। इस दौरे के बाद राहुल का बयान काफी अहम होगा, जिसका सभी को इंतजार है। राहुल ने बिना सरकार और पार्टी के नेताओं को साथ लिए गोपनीय दौरा किया है उसे लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। इससे पहले एआईसीसी के दल ने भी गोपालगढ़ मामले में राज्य सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए थे। हाल ही में कामां विधायक जाहिदा ने भी राहुल गांधी से मुलाकात कर गोपालगढ़ मामले में सरकार के रुख और एक मंत्री के बयानों को लेकर शिकायत की थी।

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