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10 अक्तूबर 2011

बोलेरो में भंवरी को पीटा, की बदसलूकी और बेहोश कर सीट के नीचे फेंका!



जोधपुर/ बिलाड़ा.धर्म भाई बने ठेकेदार सोहनलाल के बुलावे पर भंवरी बिलाड़ा तो पहुंच गई, मगर शहाबुद्दीन की बोलेरो में बैठाने के बाद उससे बदसलूकी शुरू हो गई।

सोहनलाल व शहाबुद्दीन ने भंवरी के साथ मारपीट की और फिर बेहोश कर पिछली सीट के नीचे डाल दिया। पुलिस अनुसंधान में ये बातें सामने आने पर फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (एफएसएल) के वैज्ञानिकों ने सोमवार को शहाबुद्दीन की बोलेरो का परीक्षण कर सबूत जुटाए हैं।

अपहरण के आरोपी सोहनलाल व बलदेव से पूछताछ में पुलिस को इस साजिश का पता चल चुका है। भंवरी की कार खरीदना भी साजिश का हिस्सा ही था। सहीराम विश्नोई के इशारे पर शहाबुद्दीन ने अपहरण की प्लानिंग की और सोहनलाल के विश्वास में भंवरी को कार के पैसे देने के बहाने बिलाड़ा बुलाया गया।

कार के पैसे देने की बात कह कर सोहनलाल ने भंवरी को शहाबुद्दीन की बोलेरो में बैठाया था। पैसों का इंतजाम करने के बाद उन्होंने दूसरी गैंग के आने का इंतजार किया, तब तक भंवरी को इधर-उधर घुमाते रहे। जब भंवरी को शक हुआ तो वह विरोध करने लगी। तब शहाबुद्दीन ने बोलेरो में ही उसे पीटा, बदसलूकी की और बेहोश कर सीट के नीचे डाल दिया। रात में नेवरा रोड पर अर्धचेतन हालत में ही उसे दूसरी गैंग के हवाले कर दिया गया।

एफएसएल टीम ने जुटाए सबूत : शहाबुद्दीन की यह बोलेरो 9 सितंबर से गुजरात के काणोदर में पड़ी थी। बोलेरो धुली हुई थी, मगर मारपीट, जबर्दस्ती की आशंका व अपहरण के सबूत जुटाने के लिए पुलिस ने एफएसएल टीम से बोलेरो का परीक्षण कराया। डॉ. विजेंद्रसिंह शेखावत, विक्रम सिंह, भवानी सिंह व एएसआई आवड़दान की टीम ने खून, सिर के बाल, फिंगर प्रिंट आदि लेने के लिए बोलेरो के हर भाग की बारीकी से जांच की। सीट कवर व फुट मेटिंग के नमूने भी लिए।

बलदेव को जेल भेजा :

पुलिस ने बलदेव को 30 सितंबर को गिरफ्तार कर पहले 7 दिन, फिर 3 दिन रिमांड पर लिया था। सोमवार को रिमांड खत्म होने पर उसे तीसरी बार कोर्ट में पेश किया गया, जहां न्यायाधीश ने बलदेव को 15 अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस मामले में पहले गिरफ्तार हुआ ठेकेदार सोहनलाल भी जेल में है। मुख्य आरोपी शहाबुद्दीन और सहीराम विश्नोई अभी पकड़ में नहीं आए हैं।

नहीं आई सीबीआई की टीम :

भंवरी देवी अपहरण कांड की जांच सीबीआई के हाथों सौंपने के नोटिफिकेशन जारी होने के एक सप्ताह बाद भी सीबीआई टीम जोधपुर नहीं पहुंची है। चालीस दिनों से परेशान पुलिस इस प्रकरण को सीबीआई के हाथों में सौंपने के लिए बेकरार है, मगर अभी तक सीबीआई में यह प्रकरण भी दर्ज नहीं हुआ है।

अब अमरचंद पहुंचा शनि मंदिर :

शास्त्री नगर स्थित शनि मंदिर में कुछ दिन पहले ही केबिनेट मंत्री महिपाल मदेरणा ने 11 दिवसीय रक्षा कवच अनुष्ठान कराया था। पांच पंडितों ने सवा लाख मंत्रों का जाप किया था। सोमवार को भंवरी का पति अमरचंद भी इसी मंदिर में अनुष्ठान करने आया। उसने भी 21 हजार मंत्रों का जाप कराया और 8 हजार 100 आहुतियां दी।

एक शख्स जिसके हैं 30 हजार 'औलाद', सुन कर हैरान रह गए ना!



चित्रकूट।बुंदेलखण्ड में एक शख्स ऐसा भी है जो बेटे की मौत के बाद वृक्षों को ही अपनी औलाद मानकर उनकी सेवा कर रहा है। धरती को हरा-भरा बनाने का संकल्प लेने वाले भैयाराम आज हजारों वृक्षों के 'पिता' हैं।

चित्रकूट जिले में 40 वर्षीय भैयाराम पिछले तीन सालों से जिले के पहरा वनक्षेत्र के करीब 30,000 वृक्षों की अपनी संतान की तरह सेवा और देखरेख कर रहे हैं। वन क्षेत्र के अंदर घास-फूस की झोपड़ी बनाकर रह रहे भैयाराम पेड़ों को काटने वाले चोरों से उनकी रक्षा करने से लेकर उनकी निराई-गुड़ाई,कीड़ों से बचाव और सिंचाई तक का पूरा ख्याल रखते हैं।

भैयाराम ने कहा, "ये पेड़ ही मेरे बेटे हैं..आज की तारीख में मेरे लिए इनसे बढ़कर कोई नहीं है। मेरे दिन और रात इन्हीं पेड़ों के साथ गुजरता है। मैं इन्हीं के बीच अपनी आखिरी सांस लेना चाहता हूं।"

उन्होंने कहा, "मुझ्झे इस बात का गर्व है कि इन हरे-भरे वृक्षों से पर्यावरण संरक्षण में मदद के साथ-साथ लोगों को सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा मिलेगी। पर्यावरण और मानव जाति का कल्याण मेरा इकलौता पुत्र शायद दुनिया में होकर भी नहीं कर पाता।"

तीन साल पहले इकलौते बेटे की मौत के बाद भैयाराम ने इन पेड़ों को अपनी संतान मानकर इनकी सेवा को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया। वह बताते हैं, "पुत्र के जन्म के समय दस साल पहले मेरी पत्नी की मौत हो गई थी। उसके बाद मैंने अपने बेटे को पाल-पोषकर सात साल का किया। एक दिन अचानक रात को उसे उल्टियां हुईं और अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई। पत्नी और फिर इकलौते बेटे की मौत के बाद मैं पूरी तरह से टूट गया। बिना किसी मकसद के अकेलेपन में जिंदगी गुजारने लगा।"

जुलाई 2008 में राज्य वन विभाग की तरफ से इस इलाके में विशेष पौधरोपण अभियान के तहत 30 हजार शीशम, नीम, चिलवल और सागौन जैसे पेड़ों को लगाया गया था। तब भैयाराम ने श्रमिक के तौर पर पेड़ों को रोपित कराया था। भैयाराम के मुताबिक पेड़ों को लगाने के दौरान उनके मन में ख्याल आया कि क्यों न इन पेड़ों को ही वह अपनी संतान मानकर इनकी देखभाल करें।

उन्होंने स्थानीय वन अधिकारियों से अपने दिल की बात कही तो थोड़ी मान मनौवल के बाद वे राजी हो गए। कर्वी रेंज के क्षेत्रीय वन अधिकारी नरेंद्र सिंह ने आईएएनएस से कहा, "शुरू में तो हमें थोड़ा संशय था कि भैयाराम इतना बड़ी जिम्मेदारी संभाल पाएगा या नहीं। लेकिन इन सालों में जिस तरह उसने अपनी संतान की तरह वृक्षों की देखभाल की, हम सभी लोग देखकर दंग रह गए।"

सिंह ने कहा, "शुरुआत में हमने उससे वृक्षों की देखभाल के लिए मेहनताने की पेशकश की थी लेकिन उसने साफ मना करते हुए कहा था कि 'अगर मैं मजदूरी लूंगा तो फिर मैं इन्हें न तो अपना पुत्र मान पाऊंगा और न ही उस तरह की फिक्रके साथ परवरिश कर सकूंगा'। उन्होंने कहा, "हम सभी भैयाराम के जज्बे को सलाम करते हैं कि पूरे परिवार को खोने के बाद उसने पेड़ों को अपना परिवार बनाया और आज देश-दुनिया को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहा है।

अमर सिंह की मुश्किलें बढ़ीं: पूर्व ड्राइवर ने लगाया अगवा करने का आरोपी



नई दिल्ली.समाजवादी पार्टी के पूर्व महासचिव अमर सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। 'वोट के बदले नोट' मामले में आरोपी अमर सिंह के खिलाफ हशमत अली नाम के शख्स ने पटियाला हाउस कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई है कि अमर सिंह ने वोट के बदले नोट मामले में गवाही देने से रोकने के लिए उसका अपहरण करवा दिया था। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने को कहा है। हशमत का कहना है कि अमर सिंह ने संसदीय समिति में पेशी से पहले ही उसका अपहरण करवा दिया था। हशमत के बारे में बताया जा रहा है कि वह अमर सिंह का पूर्व ड्राइवर है। हशमत वोट के बदले वोट मामले में अहम गवाह है।

पटियाला हाउस कोर्ट के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सुदेश कुमार ने कहा, 'तुगलक रोड थाने के एसएचओ को 21 नवंबर को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया है।' हशमत ने अपनी शिकायत में अमर सिंह के अलावा उनके सचिव तरुण और सहयोगी रमेश के खिलाफ आईपीसी और अपहरण, बंधक बनाने, डकैती और धमकाने से जुड़े आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है। अली के आरोप के मुताबिक 25 सितंबर, 2008 को जब वह संसदीय समिति के सामने अपना बयान दर्ज कराने जा रहा था, उससे पहले ही तरुण और रमेश उस अगवा कर अमर सिंह के लोदी एस्टेट में मौजूद बंगले पर ले गए।

अली के वकील के जरिए दी गई शिकायत के मुताबिक, 'अमर सिंह ने अली को अपशब्द कहना शुरू किया और जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद अली को एक कमरे में तीन-चार घंटों के लिए बंद कर दिया गया। इसके बाद मीडिया की मौजूदगी में उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया।'
इस मामले में आरोपी अमर सिंह इन दिनों न्यायिक हिरासत में एम्स में इलाज करवा रहे हैं। उनके साथ सुधींद्र कुलकर्णी और बीजेपी के तीन नेता भी वोट के बदले वोट मामले में आरोपी हैं। साथ ही संजीव सक्सेना और सुहेल हिंदुस्तानी अन्य आरोपी हैं।

राहुल ने आखिर अपना दाव खेल ही दिया .............

राजस्थान में एक तरफ जब गोपालगढ़ की गूंज पुरे देश में राहुल गान्धी को नाकामयाब बता रही थी वहीँ इसी गोपालगढ़ पर राजनीति कर राहुल ने विपक्ष और चमचे चापलूसों को चारों खाने चित कर दिया है ........ गोपालगढ़ में राजस्थान पुलिस द्वारा एक तरफा बेरहमी से कत्ल फिर सरकार की बेशर्मी ने कोंग्रेस के शासन को शर्मसार कर दिया अथा विपक्ष बार बार कोंग्रेस के खिलाफ उंगलियाँ उठा रहे थे लेकिन एक अच्छे और निष्पक्ष शासक की भूमिका निभाते हुए राजस्थान में पहली बार जनता से और शिकायत कर्ताओं से सीधे रूबरू होने के लियें राहुल गान्धी गोपालगढ़ आ धमके और देश को सकते में डाल दिया विपक्ष की बोलती बंद कर दी गयी भाजपा जहां एक आई पी एस को जेल में बंद किया जाता है और उसकी पत्नी की शिकायत पर संगठन स्तर पर भाजपा का कोई पदाधिकारी ग़ोर करना नहीं चाहता उलटे मोदी की कार्यवाही की बिना जांच पढ्ताल के पुष्ठी कर रहे है लेकिन दूसरी तरफ राहुल जो ना किसी की सुन रहे हैं ना किसी पर भरोसा कर रहे हैं वोह खुद मोके पर गए एक अच्छे राजा की तरह राजधर्म निभाया बस अब देखना यह है के इस गुप्त और अचानक यात्रा का नतीजा कब और केसा आता है सभी की निगाहें राहुल के उसी फेसले पर टिकी हैं जिससे देश भर में राहुल की छवि दांव पर है राहुल अगर खामोश रहते है तो वोह कमजोर साबित होंगे और अगर सरकार के खिलाफ कोई कठोर निर्णय लेकर जनता को बताते हैं तो राजस्थान में कोंग्रेस की बिगड़ी हालत में सुधार आएगा वरना राहुल फिर से अग्यात्वास के अँधेरे में डूब जायेंगे क्योंकि गोपलागढ़ मामले में कोंग्रेस और भाजपा दोनों मिलकर घटना पर लीपापोती कर जघन्य हत्या करने वाले पुलिस और प्रशाशनिक अधिकारीयों को बचाने का खेल खेल रहे हैं इस यात्रा से शायद राहुल गाँधी इतना तो समझ ही गये होंगे ............................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

भ्रष्टाचार का शिष्टाचार से युद्ध हिसार में कोंग्रेस ने अन्ना के खिलाफ पूरी ताकत झोंकी

जी हाँ दोस्तों हरियाणा के हिसार चुनाव में अन्ना को कोंग्रेस के प्रत्याक्षी को जन्लोक्पाल बिल का समर्थन नहीं करने पर चुनाव में हरा देने की अपील के बाद कोंग्रेस और उसके सियासी लोगों ने कमर कस ली है और उनमे से कुछ लोगों ने एक बार फिर चोरी और सीना जोरी की तर्ज़ पर लोकपाल बिल भी नहीं और चुनाव भी जीत कर बतायेंगे की रणनीति बनाना शुरू कर दी है ..दोस्तों अन्ना को दिल्ली में भ्रस्ताचार के खिलाफ बेहद ऐतिहासिक समर्थन मिला देश का सर गर्व से ऊँचा हुआ लेकिन एक बात है जो मुझे शर्म के साथ कहना पढ़ रही है के हमारे देश की जनता बढ़ी अजीब होती है पावर के साथ रहती है और उसी के तलवे चाटती है सच का विरोध इमानदार को चोर बताना इनकी पुरानी आदत है इतना ही नहीं देश में जब जब भी इमानदारी का धर्मयुद्ध हुआ तब तब देश में इमानदारी हारी है और भ्रष्टाचार और उसके सहयोगी डंके की चोट पर चुनाव जीते हैं ..देश में मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ के जूदेव जी जिन्हें खुलेआम रिश्वत लेते बताया गया एक तरफ चुनाव की वोटिंग दूसरी तरफ उन्हें रिश्वत लेते हुए बताये जाने का खुला प्रसारण लेकिन नतीजा क्या हुआ जनता ने मतदाता ने बेईमानी फेला रहे जूदेव को चुना और लोकतंत्र पर धब्बा लगा दिया ....हिसार में भी कोंग्रेस की हठधर्मिता के खिलाफ अन्ना का यह महायुद्ध धर्म युद्ध यानी बेईमानी पर इमानदारी की जीत का युद्ध है लेकिन मेरा दावा है के इस बार भी अन्ना की ईमानदारी का वही हश्र होगा जो देश में अक्सर होता आया है जनता कहने को तो अन्ना के साथ है लेकिन वोट में सभी हथ कण्डों के आगे नतमस्तक होकर कोंग्रेस को ही जिताएगी और हाँ कोंग्रेस और कोंग्रेस के नेताओं ने अन्ना के आगे झुकने की जगह जनता और वोटर की इसी आदत की वजह से अन्ना को चुनोती देने का मन बनाया है कोई अन्ना को पागल कोई संघ समर्थक तो कोई अन्ना को चोर बेईमान कहने पर तुला है कोंग्रेस देश भर के नेता और गुंडों को हिसार में इस चुनाव को जिताने में लगाना चाहती है जनता का यही तो मिजाज़ है के देश में कोंग्रेस हो चाहे मोदी हों चाहे दूसरी पार्टियाँ हो सभी डंके की चोट पर चोरी और सीनाजोरी करते हैं .देखते हैं इस बार लोकतंत्र का हिसार में क्या हश्र होता है ...............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पर्दे पर क्या दिखायी देश की 'हकीकत', छुई-मुई सी हसीना हो गई छलनी



तेहरान. ईरान में एक अभिनेत्नी को 90 कोडे मारने और एक वर्ष के कैद की सजा सिर्फ इसलिए सुनायी गयी है क्योंकि उसने ऐसी फिल्म में अभिनय करने का जुर्म किया है जो देश में कलाकारों पर लगे प्रतिबंध को दर्शाती है।

ईरान में विपक्ष की एक वेबसाइट के मुताबिक मारजेह वफ्माहर को माई तेहरान फॉर सेल। नामक फ्ल्मि में काम करने के लिये एक वर्ष की कैद एवं 90 कोडे मारे जाने की सजा शनिवार को सुनाई गई।

यह फ्ल्मि एक युवा अभिनेत्नी की कहानी कहती है जो ईरान में अभिनय पर पाबंदी लगा दिये जाने के बाद गुपचुप तरीके से अपने शौक को जिंदा रखती है। यह फ्ल्मि ईरान में प्रतिबंधित है लेकिन चोरी छिपे यहां इसका प्रसार जारी है। इसे ईरान के कट्टरपंथी खेमे की तरफ से कडे विरोध का सामना करना पडा है।

यह पहली बार नहीं है जब ईरान में रंगमंच या सिनेमा से जुडे किसी व्यक्ति को शासन की तलवार का सामना करना पडा हो। इसके अलावा यहां महिलाओं को भी पुरुषों के मुकाबले बहुत से अधिकार हासिल नहीं हैं।

चर्चित मामलों में रसूखदार आरोपियों को बचा रही है पुलिस, सीबीआई?

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जयपुर.राज्य में अपहरण, हत्या व महिलाओं से ज्यादती के चर्चित मामलों में वांछित रसूखदार आरोपियों को पुलिस लाख कोशिशों के बावजूद तलाश नहीं कर पा रही या राजनीतिक दबाव से जांच ढीली चल रही है।

इनमें दो तो पुलिस के ही आला अफसर हैं, जबकि एक उड़ीसा के सीनियर आईपीएस अफसर का बेटा है। इधर, जोधपुर के बिलाड़ा से एएनएम भंवरी देवी का अपहरण कराने में एक मंत्री व विधायक संदेह के घेरे में हैं।

दारा फर्जी मुठभेड़ मामले के आरोपी एडीजी एके जैन की ओर से तो अदालत में प्रार्थना-पत्र पेश करके साफ तौर पर बताया गया है कि वे फरार नहीं हैं बल्कि कानूनी उपचार ले रहे हैं।

इसके बाद इन चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है कि इस मामले में सीबीआई कहीं न कहीं दबाव में है और राज्य पुलिस आईपीएस अफसर होने के नाते जानबूझकर जैन को गिरफ्तार नहीं कर रही, जबकि पहले सीबीआई ने भी पुलिस पर आरोप लगाया था कि उसे स्थानीय पुलिस का सहयोग नहीं मिल रहा।

इसी तरह अर्दली की पत्नी से ज्यादती के मामले में 15 साल से फरार चल रहे पूर्व डीआईजी मधुकर टंडन को लेकर भी इस तरह की चर्चाएं सामने आती रही हैं कि वे नियमित रूप से राजस्थान आते रहे हैं।

यहां तक कि वे जयपुर में स्थित अपनी संपत्ति भी बेचकर चले गए, पर पुलिस उन्हें जानबूझकर गिरफ्तार नहीं कर रही।

उड़ीसा के डीजी होमगार्ड बीबी मोहंती के बेटे बिट्टी मोहंती को गिरफ्तार करने के लिए दिखावे के तौर पर राज्य पुलिस ने जरूर कुछ प्रयास किए थे, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लग सकी। मोहंती 20 नवंबर 2006 को अलवर जेल से 14 दिन की पैरोल पर रिहा होकर गया था, पर तब से लौटा नहीं।

जांच ढीली या सियासत का दबाव

मधुकर टंडन : पूर्व डीआईजी

आरोप : नोएडा में अपने बंगले पर जनवरी 1997 में अर्दली की पत्नी से ज्यादती। तभी से फरार। सरकार ने नौकरी से बर्खास्त किया।

ताजा स्थिति : स्थायी गिरफ्तारी वारंट, तलाश जारी। सूचना देने वाले को 50,000 रु. इनाम की घोषणा।

अरविंद जैन : तत्कालीन एडीजी

आरोप : जयपुर के मानसरोवर में 2006 में फर्जी मुठभेड़ में दारासिंह उर्फ दारिया की हत्या करवाना। अदालत ने फरार घोषित किया। कानूनी सहायता ले रहे हैं।

ताजा स्थिति : स्थायी गिरफ्तारी वारंट, तलाश जारी। जांच सीबीआई को।

बिट्टी मोहंती : उड़ीसा के डीजी होमगार्ड का पुत्र

आरोप : अलवर में जर्मन महिला से ज्यादती का मामला। अदालत से 7 साल की सजा। अलवर जेल से 20 नवंबर 06 को 14 दिन के पैरोल पर उड़ीसा गया, आज तक लौटा नहीं।

ताजा स्थिति : स्थायी गिरफ्तारी वारंट, तलाश जारी। कोई सफलता नहीं।

भंवरी और अपहर्ता भी नहीं मिल रहे

जोधपुर के बिलाड़ा से 1 सितंबर से लापता। न भंवरी मिल रही है न मुख्य आरोपी शहाबुद्दीन और सहीराम विश्नोई। मामले में जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा और लूणी विधायक मलखान सिंह विश्नोई भी आरोपी। सीबीआई जांच जारी।

प्रयास कर रहे हैं : डीजी

भंवरी तथा जैन के मामले की जांच सीबीआई कर रही है। बिट्टी मोहंती और मधुकर टंडन के खिलाफ स्थाई गिरफ्तारी वारंट जारी करवा रखे हैं। गिरफ्तारी के प्रयास कर रहे हैं।

-हरीशचंद्र मीना, डीजीपी

दो कली के इन गुणों जानकर आप भी लहसुन के मुरीद हो जाएंगे



भारतीय रसोई में प्रयुक्त होने वाले मसालों के औषधीय गुणों क़ी मुरीद पूरी दुनिया रही है। इसका कारण इनसे स्वाद के साथ-साथ स्वास्थ्य लाभ मिलना भी एक बड़ा कारण रहा होगा। प्राचीन काल में भी मसाले व्यापार के बड़े साधन थे, ऐसे ही गुणों से भरपूर लहसुन की खूबियों को हम आपके सामने लाये हैं, आप इसका प्रयोग बेहिचक करें और देखें आपको मिलेगा फायदा ही फायदा। यदि आपको किसी भी प्रकार क़ी एलर्जी हो या सायनस की समस्या से आप हों परेशान, तो बस केवल लहसुन क़ी दो कली आपको तत्काल राहत दे सकती है।

बस केवल आप इसे अपनी नासिकारंध्र के पास ले आयें और साँसों को तेजी से अन्दर लें, देखें आपको तत्काल लाभ मिलेगा। लहसुन क़ी खूबियों को केवल आयुर्वेदिक ग्रथों में ही नहीं बताया गया है, इसकी खूबियों का बखान बाइबल एवं चीनी पुस्तकों में भी मिलता है। कहा जाता है कि़ गाजा में पिरामिड निर्माण के दौरान मजदूरों क़ी कार्यक्षमता को बढाने के लिए उन्हें लहसुन खिलाया गया था। लहसुन की 1-2 कली नित्य गुनगुने पानी से लेने पर आपका रक्तचाप नियंत्रित रहेगा,आपके रक्त में एल.डी.एल. कोलेस्ट्रोल की मात्रा भी नियंत्रित रहेगी,रक्तनलिकाओं में रक्त कणिकाओं के जमने क़ी संभावना भी कम हो जायेगी, साथ ही रक्तगत शर्करा भी नियंत्रित रहेगी, इतना ही नहीं लहसुन का प्रयोग कैंसर जैसे रोगों में भी रोधी प्रभाव दर्शाता है। लहसुन शरीर से पारे एवं अन्य भारी धातुओं को बाहर निकालता है , इसे प्राकृतिक एंटीबायोटिक माना गया है , जिसके जीवाणुरोधी प्रभाव देखे गए हैं। यह एंटीवाइरल,एंटीफंगल एवं एंटीओक्सिडेंट गुणों का अनूठा संगम है।

लहसुन शरीर क़ी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है। लहसुन क़ी कलीयों को पानी में तबतक उबालें जबतक ये मुलायम न हो जायें,इसके बाद इस उबले पानी में सिरका मिला दें ,तथा थोडी मात्रा में शक्कर मिलकर सीरप बना लें,हो गयी दमा के रोगियों के लिए रामबाण औषधि तैयार। इसके अलावा नाक से बहने वाले खून (नकसीर) में भी इसके रस को टपका देने से खून आना बंद हो जाता है तो है न लहसुन अनलिमिटेड गुणों से भरपूर, तो देर किस बात क़ी शुरू करें प्रयोग और पाएं लाभ ही लाभ।

मोबाइल क्रांति: देश में कहीं भी नहीं लगेगी रोमिंग, नहीं बदलना पड़ेगा नंबर

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नई दिल्ली. अब देश में कहीं भी जाइए आपको अपने मोबाइल फोन के रोमिंग चार्ज की चिंता नहीं करनी होगी क्योंकि यह फ्री होने जा रहा है। इतना ही नहीं आप भारत में कहीं भी रहना चाहें, आपका मोबाइल नंबर वही बना रहेगा। यानी मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी का लाभ सारे देश में मिलेगा। संचार मंत्री कपिल सिब्बल ने आज नई टेलीकॉम नीति के मसौदे की घोषणा करते हुए यह कहा। उन्होंने कहा कि अब देश को एक ही लाइसेंस के तहत रखा जाएगा जिससे ग्राहकों को रोमिंग चार्ज से मुक्ति मिल जाएगी। इसके अलावा उन्हें पूरे देश में मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी का भी लाभ मिलेगा।

संचार मंत्री ने कहा कि टेलीकॉम क्षेत्र को इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर का दर्जा दिया जाएगा जिससे उसे लोन लेने तथा अन्य कार्यों में आसानी होगी। कंपनियों के हित की कुछ बातें करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि स्पेक्ट्रम शेयर कर सकेंगे और पूलिंग भी। इससे उनके खर्च में कमी आएगी। इसके अलावा ट्राई कानून में बदलाव की भी उन्होंने बात कही।

कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार चाहती है कि 2010 तक पूरे देश में टेलीफोन की डेनसिटी हो जाए। अभी यह 74 प्रतिशत है। उन्होंने ब्रॉडबैंड के लिए भी महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने का एलान किया। उन्होंने कहा कि 2017 तक पूरे देश के लिए 500 एमएचजेड स्पेक्ट्रम का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रम के लाइसेंस की अवधि अब दस साल की होगी। उन्होंने यह भी कहा कि स्पेक्ट्रम की ऑडिट होती रहेगी।

सरकारी टेलीकॉम कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल की कपिल सिब्बल ने तारीफ की और कहा कि उन्होंने गांव-गांव तक फोन पहुंचाने में बड़ा योगदान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार हर गांव में को कनेक्ट करना चाहती है। रोमिंग फ्री हो जाने से टेलीकॉम कंपनियों को नुक्सान होगा। भारती एयरटेल के मुनाफे में 4-5 प्रतिशत, आइडिया सेलुलर के मुनाफे में 8-9 प्रतिशत और रिलायंस कम्युनिकेशंस के मुनाफे में 7 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। इस मसौदे पर सभी पक्षों पर विचार विमर्श करने के बाद इसे दिसंबर में सामने लाया जाएगा और फिर संसद में रखा जाएगा।

इस बारे में एक्सपर्ट अर्न्स्ट ऐंड यंग के अमित सचदेवा ने कहा कि इससे कंपनियों को बहुत नुक्सान नहीं होगा। मोबाइल टेलीकॉम क्षेत्र को इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर का दर्जा दे देने से उसे काफी फायदा होगा।

गजल ने खोया अपना सम्राट, कल चंदनवाड़ी में होगा जगजीत सिंह का अंतिम संस्कार


नई दिल्‍ली. होठों से छू लो तुम..., ये दौलत भी ले लो..., होशवालों को खबर क्‍या..., हजारों ख्‍वाहिशें ऐसी..., हाथ छूटे भी तो..., जैसे अनगिनत सुरीली गजलों को आवाज देने वाले जगजीत सिंह अब नहीं रहे। उन्‍हें 23 सितंबर को ब्रेन हेमरेज के बाद मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लीलावती अस्‍पताल के प्रवक्‍ता डॉ. सुधीर नंदगांवकर ने घोषणा की, ‘ब्रेन हमरेज से जूझ रहे जगजीत सिंह का आठ बजकर 10 मिनट पर देहांत हो गया है।’ जगजीत सिंह के निधन के साथ ही मौसिकी की दुनिया का एक कालखंड समाप्‍त हो गया। उनके निधन पर पीएम मनमोहन सहित देशभर से कई हस्तियों ने शोक जताया है। जगजीत सिंह का मुंबई के चंदनवाड़ी में मंगलवार को अंतिम संस्‍कार किया जाएगा।

सिंह का डॉक्टरों ने दो बार ऑपरेशन किया, लेकिन उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। और, अंतत: वह सभी को छोड़ कर चले गए। कुछ वक्‍त को छोड़ दें तो जगजीत जिंदगी के आखिरी वक्‍त तक गाते रहे। जिस दिन उन्‍हें अस्‍पताल में भर्ती कराया गया, उस दिन भी मुंबई में उन्‍हें एक कार्यक्रम देना था। 70 साल के जगजीत सिंह को उस दिन पाकिस्तान के गजल गायक गुलाम अली के साथ एक कंसर्ट में हिस्सा लेना था।


गजल गायकी को नया अंदाज देने के लिए जगजी‍त सिंह को हमेशा याद किया जाता रहेगा। जगजीत सिंह ने 1999 में आई फिल्‍म ‘सरफरोश’ के गीत ‘होश वालों को खबर क्‍या...’ को आवाज दी थी। मशहूर गायिका लता मंगेशकर के मुताबिक उन्‍होंने गजल गायकी में हर चीज बदल ली। बोल, सुर, ताल, आवाज...सब कुछ। उन्‍होंने गजल गाकर यह भी साबित किया कि गायिकी में दौलत-शोहरत कमाने के लिए बॉलीवुड से भी बाहर दुनिया है। पद्मभूषण से सम्‍मानित जगजीत सिंह के परिवार में उनकी पत्‍नी चित्रा सिंह हैं।

बकौल लता मंगेशकर जगजीत सिंह ने फिल्‍मों में गाने को लेकर मजाक में कहा था कि फिल्‍म में उन्‍हें कोई चांस ही नहीं देता और इसीलिए उन्‍होंने अपना अलग रास्‍ता चुन लिया। लेकिन गजल गाकर वह इतने लोकप्रिय हो गए थे कि उन्‍हें फिल्‍मों में गाने की जरूरत ही नहीं रह गई। हालांकि कई फिल्‍मों में भी उन्‍होंने यादगार गीत-गजल गाए। इस खबर के साथ दिए गए वीडियो पर क्लिक कर आप इसका एक नमूना देख सकते हैं। यह गीत (चिट्ठी ना कोई संदेश....) आज जगजीत सिंह का हर प्रशंसक गुनगुना चाहेगा।

संघर्ष के दौर में जगजीत सिंह गुजारे के लिए जिंगल्स (विज्ञापनों में इस्तेमाल गीत) गाते थे। खुद को बतौर गायक स्थापित करने की जद्दोजहद वाले इन दिनों में ही जगजीत की मुलाकात गायिका चित्रा से हुई (विस्‍तार से जानने के लिए पहला रिलेटेड आर्टिकल पढ़ें)। बाद में दोनों ने शादी की। पति-पत्नी की इस जोड़ी ने ग़ज़ल गायिकी में बहुत नाम कमाया। दोनों ने फिल्मी और गैर फिल्मी गाने गाए और ग़ज़ल की दुनिया में क्रांति ला दी। लेकिन जब सब कुछ अच्छा चल रहा था, तभी जगजीत के बेटे विवेक की कार हादसे में हुई मौत ने दोनों को तोड़कर रख दिया।


इस हादसे ने चित्रा को गीत-संगीत की दुनिया से दूर कर दिया। लेकिन जगजीत गाते रहे और अपनी कला में ही दिल का सुकून तलाशते रहे। यह बात और है कि उनके नए गानों में भी जगजीत सिंह के दिल-ओ-दिमाग पर बेटे की मौत से छाया ग़म सुनने वालों के दिल तक पहुंचता रहा। और, उनकी गाई गजल (तुम इतना जो मुस्‍कुरा रहे हो, क्‍या गम है जो छिपा रहे हो...) में ही उनकी जिंदगी का सच नजर आने लगा।


गजल गायकी को नई बुलंदियों तक पहुंचाने में जगजीत सिंह का अहम योगदान रहा। 1941 में जन्‍में जगजीत सिंह को 'गजल किंग' यानी गजल की दुनिया का बादशाह भी कहा जाता है। जगजीत सिंह के बारे में विस्‍तार से जानने के लिए पहले रिलेटेड लिंक पर क्लिक करें।

कांग्रेस की हार के लिए टीम अन्‍ना ने लगाया जोर: केजरीवाल बोले, दिग्विजय को नहीं है तमीज


नई दिल्‍ली. हरियाणा की हिसार संसदीय सीट पर उपचुनाव के लिए चुनावी गहमगहमी तेज हो गई है। टीम अन्ना की एंट्री के बाद पूरे देश में चर्चित हो चुके हिसार में चुनावी तपिश चरम पर पहुंच चुकी है। टीम अन्‍ना आज हिसार के आदमपुर विधानसभा क्षेत्र में जनसभा कर रही है। इस जनसभा में टीम के सदस्‍य अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस पर हमला जारी रखा है। दिग्विजय सिंह ने रविवार को कहा था कि अगर अन्ना भी उनके साथ पागलखाने चलकर जांच करवाने के लिए तैयार हैं, तो वे पागलखाने जाना चाहते हैं। इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल ने कहा कि दिग्विजय सिंह को बोलने की तमीज तक नहीं है। उन्होंने योग गुरु बाबा रामदेव की सभा पर जून में हुए लाठीचार्ज पर निराशा जाहिर करते हुए पूछा कि कांग्रेस की सरकार ने बाबा रामदेव और उनके समर्थकों पर लाठियां क्यों बरसाईं?

उकलाना में जनसभा में किरण बेदी ने आशंका जताई है कि हिसार चुनाव में गड़बड़ी हो सकती है। बेदी के मुताबिक उन्होंने चुनाव आयोग को भी इस बारे जानकारी दी है।

इससे पहले आदमपुर में टीम अन्ना की अहम सदस्य किरण बेदी ने कहा कि अब अन्ना की अनशन की उम्र नहीं रही है। आप लोग जब भी वोट देने जाएं, अन्ना का चेहरा याद रखें। बेदी ने यह भी कहा, 'स्विस बैंक के अधिकारियों ने खुलासा किया है कि भारतीय नेता स्विस बैंक से काला धन निकाल रहे हैं और दूसरों के नाम से संपत्ति खरीद रहे हैं। लोकपाल कानून होता तो ये लोग जेल के अंदर होते। कांग्रेस नहीं चाहती है कि भ्रष्ट लोग सलाखों के पीछे जाएं। यही वजह है कि कांग्रेस को सबक सिखाना जरूरी है।'

दूसरी तरफ, हिसार शहर में कांग्रेस ने आज महारैली का आयोजन किया। इसमें हिस्सा लेते हुए कांग्रेसी नेता और फिल्म स्टार राज बब्बर ने कहा, ' सिविल सोसाइटी के लोग फर्जी सेना के सेनापति हैं। इन्हें हम यहां कुछ नहीं बोलेंगे। लेकिन उत्तर प्रदेश में हम इन्हें जवाब देंगे। राज बब्बर ने बीजेपी को देश को बांटने वाली पार्टी करार दिया।' गौरतलब है कि 16 अक्टूबर से टीम अन्ना यूपी में जन यात्रा शुरू कर रही है।

इसी रैली में दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने सिविल सोसाइटी से सवाल पूछा कि यह टीम गुजरात, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे गैर कांग्रेस शासित राज्यों में क्यों नहीं जाती? उन्होंने कहा कि बीजेपी पूरी तरह निराश है। बीजेपी में नेता, सोच और दिशा का अभाव है। उन्होंने कहा कि जहां भी सिविल सोसाइटी के लोग पहुंच जाते हैं, वहां बीजेपी वाले उनका मुखौटा पहनकर आंदोलन में आगे हो जाते हैं।

इस महारैली में हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदर हुड्डा के अलावा, दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, फिल्म स्टार और सांसद राज बब्बर, कांग्रेसी सांसद राव इंद्रजीत सिंह हिस्सा ले रहे हैं। कांग्रेस की महारैली में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी का कोई इतिहास नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजेपी चुनाव नहीं जीत सकती है इसलिए वह बाबा रामदेव का इस्तेमाल कर रही है। मंच पर कांग्रेसी नेता रणदीप सुरजेवाला, दीपेंद्र हुड्डा, बीके हरिप्रसाद, नवीन जिंदल, सांसद अरविंद शर्मा भी मौजूद हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पिछले कई दिनों से क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश के लिए धुआंधार जनसभाएं कर रहे हैं। वह आज भी कई सभाएं करने वाले हैं। जवाब में इनेलो की ओर से मंगलवार को संजय दत्‍त को प्रचार मैदान में उतार दिया है।


भाजपा नेताओं ने अन्ना के कांग्रेस विरोधी अभियान का फायदा लेने की कोशिश की और कहा कि टीम अन्ना भाजपा-हजकां गठबंधन के प्रत्याशी कुलदीप बिश्नोई के पक्ष में ही प्रचार कर रही है। उधर, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला इनेलो प्रत्याशी और अपने बड़े बेटे अजय चौटाला के लिए दिन रात एक किए हुए हैं। अजय चौटाला के पक्ष में एक बड़ी रैली पहले ही हो चुकी है। 11 अक्टूबर को इनेलो की तरफ से फिर रैली का आयोजन किया गया है, जिसमें कई राजनीतिक दिग्गजों सहित फिल्म स्टार संजय दत्त भी अजय के प्रचार के लिए आएंगे।

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