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11 अक्तूबर 2011

अन्ना ने गरमाया हिसार उपचुनाव

13 अक्टूबर को हिसार लोकसभा उपचुनाव के लिए वोटिंग होनी है। यह सीट हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और हरियाणा जनहित कांग्रेस(हजंका) के नेता भजन लाल के निधन होने से खाली हुई है। इस सीट पर कांग्रेस की तरह से पूर्व केन्द्रीय मंत्री जय प्रकाश उम्मीदवार हैं। हरियाणा जनहित कांग्रेस के अध्यक्ष और स्वर्गीय भजन लाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई खुद इस सीट से उम्मीदवार है। हजंका और बीजेपी में चुनावी गठबंधन है। उधर राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के अध्यक्ष चौधरी ओम प्रकाश टाला के बेटे अजय चौटाला इस सीट पर अपना भाग्य आजमा रहे हैं। हिसार लोकसभा सीट में गैर जाट वोटों का दबदबा है। यहां के करीब तेरह लाख मतदाताओं में से 4.5 लाख जाट मतदाता हैं और करीब 8 लाख गैर जाट मतदाता हैं। कांग्रेस और इनेलो के उम्मेदवार जाट बिरादरी से आते हैं। लिहाजा यह तय माना जा रहा है कि जाटों के वोट बंटवारे में फायदा कुलदीप बिश्नोई का ही होगा। वैसे कुलदीप बिश्नोई अपने पिता कि मृत्यु से उपजे सहानुभूति वोट को भी अपने पक्ष में मान रहे हैं। अन्ना हजारे के कांग्रेस के खिलाफ लोगों से वोट देने की अपील के बाद यहां का सियासी पारा अचानक से गरमा गया है। हालांकि कांग्रेस कह रही है कि अन्ना की अपील का कोई ख़ास असर नहीं होगा। उधर हजंका और बीजेपी इसे अपने पक्ष में मान कर चल रही है। अब यह तो 13 के बाद ही पता चल पाएगा कि इस उप चुनाव में किसका पलड़ा भारी रहा,पर इतना जरुर है कि अन्ना के अपील के बाद इस सीट पर कई लोगों की प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है।

21 सालों में आडवाणी की छठी रथ यात्रा, डालिए एक नजर



1990 से लेकर अब तक लालकृष्ण आडवाणी 5 पांच बार रथ यात्रा निकाल चुके। मंगलवार से शुरू हो रही जन चेतना यात्रा अडवाणी की पिछले 21 सालों में छठी रथ यात्रा है।

आइए एक नज़र डालते है आडवाणी की इन पांच रथ यात्राओं पर-

सोमनाथ से अयोध्या तक की रथ यात्रा- नब्बे के दशक में भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने अयोध्या में रामजन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर निर्माण का लक्ष्य लेकर गुजरात के सोमनाथ मंदिर से अयोध्या तक 25 सितम्बर 1990 को भ्रष्टाचार से इतर राम मंदिर निर्माण और प्रखर राष्ट्रवाद के नारे के साथ रथ यात्रा निकाली। आडवाणी की इस रथ यात्रा को लोगों का व्यापक समर्थन भी मिला। हालांकि इस रथ यात्रा को देश को बांटने वाला बता दूसरे दलों ने विरोध किया। उस समय बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने उन्हें बिहार के समस्तीपुर जिले में गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के कारण आडवाणी की यह रथ यात्रा अधूरी रह गई।

नतीजा-इस रथ यात्रा से आडवाणी और भाजपा को काफी फायदा पहुंचा। इस रथ यात्रा से आडवाणी की छवि एक कद्दावर नेता के तौर पर उभर का सामने आई। रथ यात्रा के बाद भाजपा के वोट बैंक में अप्रत्याशित रूप से इजाफा हुआ और भाजपा जल्दी ही देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई।

स्वर्ण जयंती रथ यात्रा-आडवाणी ने 'स्वर्ण जयंती' रथ यात्रा के नाम से अपनी दूसरी रथ यात्रा 1997 में शुरू निकाली। देश की आज़ादी के पचास साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आडवाणी ने यह यात्रा निकाली थी। इस यात्रा को जनता का उतना प्रतिसाद नहीं मिला जितना पहली यात्रा को मिला था । पर इस यात्रा से आडवाणी की छवि एक राष्ट्रव्यापी जनाधार वाले नेता के तौर पर उभरी।

नतीजा-आडवाणी की इस रथ यात्रा से भाजपा को राजनीतिक रूप से बहुत फायदा पहुंचा और पार्टी अपने आप को देश के हर कोने में स्थापित करने में सफल रही। पार्टी पहली बार 1998 में केंद्र में गैर कांग्रेसी पार्टियों की गठबंधन सरकार बनाने में सफल रही। हालांकि भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन सरकार केंद्र में मात्र 13 दिन ही शासन कर पाई।

भारत उदय यात्रा- 1999 में भाजपा ने 23 दलों वाली गठबंधन सरकार बनाई और केंद्र में 2004 तक एनडीए की सरकार रही। आडवाणी,एनडीए सरकार में 2002 में उप प्रधानमंत्री बने। एनडीए सरकार ने समय पूर्व चुनाव की घोषणा कर दी थी। भाजपा नीत एनडीए सरकार की उपलब्धियों को लेकर आडवाणी ने 2004 में तीसरी बार रथ यात्रा निकाली। इस रथ यात्रा को 'भारत उदय' (इंडिया साईनिंग) यात्रा नाम दिया गया। आडवाणी की इस रथ यात्रा का उद्देश्य एनडीए सरकार के लिए जनादेश मांगना था।

नतीजा-तमाम एक्सिट पोलों के दावों के बावजूद आश्चर्यजनक रूप से भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए की गठबंधन सरकार चुनाव हार गई।

भारत सुरक्षा रथ यात्रा- आतंकवाद की बढ़ती घटनाओं और सीमा पार से बढ़ते खतरों के प्रति लोगों का ध्यान आकृष्ट करने के इरादे से आडवाणी ने 2006 में 'भारत सुरक्षा' नाम से अपनी चौथी रथ यात्रा निकाली। इस यात्रा में आडवाणी ने कश्मीर की सुरक्षा और आतंकवाद से जुड़े मुद्दे को जोर- शोर से उठाए। इस यात्रा में आडवाणी ने राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद को प्रमुख मुद्दा बनाया।

नतीजा-आडवाणी की यह यात्रा भी लोगों में कोई ख़ास प्रभाव छोड़ने में सफल नहीं रही।

जनादेश यात्रा- 2009 में हुए आम चुनाव में भाजपा ने आडवाणी को भावी प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर लोकसभा का चुनाव लड़ा। आडवाणी की इस यात्रा को भाजपा ने 'जनादेश यात्रा' का नाम दिया। इस यात्रा के दौरान आडवाणी ने मंहगाई,भ्रष्टाचार विदेशों में जमा काला धन आदि को मुद्दा बनाकर देश की जनता से एनडीए के लिए वोट मांगा।

नतीजा- इस चुनाव में एनडीए गठबंधन की बुरी तरह हार हुई। खुद भाजपा की लोकसभा में संख्या घट गई।

आप भी खाते हैं 'ब्रेड' तो एक बार जरूर पढ़े यह खबर!


रायपुर।डीबी स्टार टीम को शिकायत मिल रही थी कि राजधानी में बेकरी और ब्रेड फैक्टरियों पर अव्यवस्था व गंदगी के बीच खाद्य सामग्री बनाई जा रही है।

टीम ने जब इन पर नजर रखी तो पाया कि कुछ जगह मानकों को ताक पर रखकर इन्हें बनाया जा रहा है। टीम ने महापौर और निगमायुक्त को इसकी जानकारी दी। उनके साथ मिलकर छापा की योजना बनाई गई।

इस दौरान निगम के खाद्य एवं स्वास्थ्य प्रभारी ज्ञानेश शर्मा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अमृत चोपड़ा के निर्देश पर चार सदस्यीय टीम डीबी स्टार के साथ छह फैक्टरियों में पहुंची। यहां फैक्टरी संचालक गंदगी और कचरे के बीच ब्रेड, पाव और बेकरी आयटम बनवा रहे थे। कर्मचारियों के हाथ में न तो ग्लव्स थे और न ही किसी ने एप्रन पहना था।

इसके अलावा गूंथा हुआ आटा जमीन पर रखा था। इसी आटे के आसपास कचरे का ढेर लगा हुआ था। कुछ मवेशी भी यहीं मंडरा रहे थे। निगम के अधिकारी ने जब यहां की स्थिति देखी तो बोल पड़े कि अगर कोई ये पाव, ब्रेड बनते देख ले तो इन्हें खाना ही छोड़ दे। इस मामले में अब फैक्टरी संचालकों को नोटिस जारी किया जाएगा।

गंदगी के बीच कर रहे थे काम

आंखो देखी- टीम ने यहां पाया कि सामने से दुकान का शटर और पीछे का गेट बंद था। बाहर से दिखाई दिया कि नाली और गंदे पानी के पास तैयार टोस्ट जमीन पर रखा हुआ है। कर्मचारियों को जब ताला खोलने के लिए कहा गया तो वे चाबी नहीं होने का बहाना बनाने लगे। इसके बाद बेकरी संचालक शेख शाहिद को फोन कर बुलाया गया।

अंदर पाया कि 8-10 कर्मचारी बनियान पहनकर गंदे हाथों से ब्रेड व बेकरी के आयटम बना रहे हैं। पास ही लकड़ियां रखी थीं। छत में भी इसी तरह ब्रेड बनाया जा रहा था। गूंथा हुआ आटा कचरे के बीच खुले में रखा था। टीम ने देखा कि राजधानी ब्रेड के नाम से पैक की गई बेकरी और ब्रेड के आयटम में न तो बनाने की तारीख लिखी है, न ही एक्सपायरी डेट का जिक्र है।

आज के चांद में होंगी ये 2 अनूठी बातें..! गौर करनेवाले पर बरसेगी लक्ष्मी



धन और पुण्य का गहरा संबंध है, यानी धनवान बनने का सकारात्मक पक्ष विद्या, शील व कुलीनता के रूप में सामने आता है। वहीं धनहीन होने पर ये तीनों गुण नष्ट हो सकते हैं। धर्मशास्त्र भी पिछले जन्म के सद्कर्म वर्तमान में धन प्राप्ति का कारण बताते हैं और ऐसा धन ही पुण्य कर्मों की प्रेरणा भी।

इस तरह जीवन में सारे कर्म-धर्म और कलाओं में दक्षता के पीछे धन की भूमिका अहम होती है। जीवन में धन की इसी अहमियत को जानते हुए धर्मशास्त्रों में अच्छे कर्म से धन संचय के उद्देश्य से कुछ खास घडिय़ों पर विशेष देव उपासना का महत्व बताया गया है। इसी कड़ी में शरद पूर्णिमा (आज रात) पर चंद्रदर्शन व देवी लक्ष्मी की उपासना का महत्व है।

असल में देवी लक्ष्मी धन का देवीय स्वरूप ही है। धार्मिक दृष्टि से भी देवी लक्ष्मी की उपासना दरिद्रता का नाश कर वैभव संपन्न बनाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शरद पूर्णिमा पर दिखाई देने वाले पूर्ण कलाओं युक्त चंद्रमा में मौजूद 2 अनूठी बातें किसी भी इंसान को लक्ष्मी की अपार कृपा का पात्र बना सकती हैं? यह दो बातें शास्त्रों में अच्छे कर्मों से धन संचय के लक्ष्य को भी सार्थक करती है। जानते हैं शरद पूर्णिमा के चांद की ये 2 विशेष बातें -

लक्ष्मी कृपा देने वाले शरद पूर्णिमा के चंद्रमा की दो खासियत है - रोशनी और शीतलता। रोशनी, यानी प्रकाश ज्ञान स्वरूप माना जाता है। संकेत है कि व्यावहारिक जीवन में अधिक से अधिक ज्ञान अर्जन ही दक्ष, कुशल व माहिर बनाता है, यानी ज्ञान, गुणी बनने के साथ धनी बनने का मार्ग आसान करता है।

दूधिया रोशनी के साथ चंद्रमा की एक ओर विशेषता - शीतलता, यानी ठंडक यही संकेत करती है कि स्वभाव से शांत, वाणी से मधुर बने व व्यवहार मे विनम्रता को अपनाए। प्रतीकात्कात्मक रूप से लक्ष्मी का आनंद और शांत स्वरूप भगवान विष्णु का संग भी इस बात की ओर इशारा है। क्योंकि शांत, सरल, सौम्य, सात्विक और सहज रहने से न केवल तन व मन भी निरोगी, ऊर्जावान और दोष रहित होते हैं। बल्कि चंद्रमा की शीतलता की तरह दूसरों को भी प्रेम, सेवा, परोपकार व दया के रूप में बेहद राहत दी जा सकती है। ये गुण ही जीवन में सफल और वैभवशाली बनने के सूत्र हैं।

शरद पूर्णिमा की चांदनी पर नजर डालकर इन दो बातो को संकल्प के साथ जीवन में उतार लिया जाए तो धन ही नहीं तमाम सांसारिक सुखों को पाना भी बेहद आसान हो सकता है।

आज शरद पूर्णिमा - लक्ष्मी को बुलावा है यह देवी मंत्र



सांसारिक जीवन में भौतिक सुख-सुविधाओं में डूबा इंसान अनेक अवसरों पर आत्मिक शांति की कमी महसूस करता है। किंतु सांसारिक जिम्मेदारियों से मुंह भी नही मोड़ सकता है। ऐसे में साधारण इंसान की यह कामना होती है कि भौतिक जीवन से जुड़े रहने के साथ वह आत्मिक सुख-शांति भी प्राप्त करें।

हिन्दू धर्म शास्त्रों में आदिशक्ति दुर्गा की उपासना ऐसे ही सुख देने वाली मानी गई है। जगतजननी का महालक्ष्मी स्वरूप न केवल श्री, वैभव व ऐश्वर्य देने वाला होता है, बल्कि ज्ञान व विद्या से सुख-शांति व सफलता भी देने वाला माना गया है।

महालक्ष्मी की उपासना के लिए हिन्दू धर्म शास्त्रों में शारदीय पूर्णिमा का बहुत महत्व बताया गया है। धार्मिक मान्यता है कि इस तिथि पर चंद्रमा की पूर्ण कलाओं सेे प्रकाशित शीतल रात्रि में देवी लक्ष्मी जगत का भ्रमण कर स्वयं तन, मन व विचारों की दरिद्रता दूर करने का वर प्रदान करती है।

शास्त्रों में श्री विद्या के तहत बताई शिव की महाशक्ति त्रिपुरसुंदरि के मंत्र विशेष का शरद पूर्णिमा की रात्रि में स्मरण जीवन में लक्ष्मी कृपा देने वाला माना गया है। जानते हैं यह मंत्र -

- शरद पूर्णिमा की रात्रि यथासंभव महालक्ष्मी की प्रतिमा की लाल सामग्रियों जैसे लाल चंदन, लाल पुष्प, लाल वस्त्र, अनार के फल का भोग, धूप व गो घृत दीप प्रज्जवलित कर पंचोपचार पूजा के बाद इस देवी मंत्र का स्मरण करें व महालक्ष्मी की आरती करे-

शरदज्योत्सना शुद्धां शशियुत जटासूटमकुटाम्

वरत्रासत्राणस्फटिक घटिका पुस्तककराम्।

सकृत त्वां नत्वा कथमिव सतां संमधिते

मधुक्षीर द्राक्षामधुरिणा: फणितय:।।

अर्थ के मुताबिक शारदीय पूर्णिमा के चंद्रमा के प्रकाश की तरह श्वेत व तेजस्वी मुखमण्डल, दूज के चांद की तरह जटाजूट मुकुट, स्फटिक माला पहनने वाली, वरमुद्रा, अभयमुद्राधारी व पुस्तक लिए भुजाओं वाली देवी के ऐसे अद्भुत स्वरूप का ध्यान मात्र इंसान के समस्त विकार, दोष, दरिद्रता का अंत कर सुख-समृद्ध व वैभव संपन्न कर देता है

क्या सचमुच शरद पूर्णिमा पर अमृत बरसता है?

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हिंदू पंचांग के अनुसार पूरे वर्ष में बारह पूर्णिमा आती हैं। इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है। पूर्णिमा पर चंद्रमा का अनुपम सौंदर्य देखते ही बनता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूर्ण चंद्रमा के कारण वर्ष में आने वाली सभी 12 पूर्णिमा पर्व के समान ही हैं लेकिन इन सभी में आश्विन मास में आने वाली पूर्णिमा सबसे श्रेष्ठ मानी गई है। यह पूर्णिमा शरद ऋतु में आती है इसलिए इसे शरद पूर्णिमा भी कहते हैं। शरद ऋतु की इस पूर्णिमा को पूर्ण चंद्र अश्विनी नक्षत्र से संयोग करता है। अश्विनी जो नक्षत्र क्रम में पहला है और जिसके स्वामी अश्विनीकुमार है।

कथा है च्यवन ऋषि को आरोग्य का पाठ और औषधि का ज्ञान अश्विनीकुमारों ने ही दिया था। यही ज्ञान आज हजारों वर्ष बाद भी परंपरा से हमारे पास धरोहर के रूप में संचित है। अश्विनीकुमार आरोग्य के दाता हैं और पूर्ण चंद्रमा अमृत का स्रोत। यही कारण है कि ऐसा माना जाता है कि इस पूर्णिमा को आसमान से अमृत की वर्षा होती है। शरद पूर्णिमा की रात्रि को घरों की छतों पर खीर आदि भोज्य पदार्थ रखने का प्रचलन भी है। जिसका सेवन बाद में किया जाता है। मान्यता यह है कि ऐसा करने से चंद्रमा की अमृत की बूंदें भोजन में आ जाती हैं जिसका सेवन करने से सभी प्रकार की बीमारियां आदि दूर हो जाती हैं।

आडवाणी की यात्रा पर कितना होगा खर्च,भाजपा बताने को तैयार नहीं



छपरा.मंगलवार 11 अक्टूबर से लालकृष्ण आडवाणी की जन चेतना यात्रा शुरू हो चुकी है। लेकिन भाजपा ने रथयात्रा पर होने वाले खर्चों का खुलासा किए जाने की मांग पर चुप्पी ओढ़ ली है।

उल्लेखनीय है कि आडवाणी की यह यात्रा 23 राज्यों और चार केन्द्र शासित क्षेत्रों से गुजरते हुए 38 दिन में करीब 7600 किलोमीटर का सफर तय करेगी। यात्रा के दौरान वह अपने सहयोगियों के साथ रथ के अलावा कई बार हवाई यात्रा भी करेंगे करेंगे।

आडवाणी के इस हाई टेक रथ के साथ पार्टी के नेताओं को लेकर चलने वाली दर्जनों गाड़ियों भी होंगी। इसके अलावा पार्टी ने रथयात्रा को कवर करने के लिए मीडियाकर्मियों को भी न्योता दिया है

यात्रा के संयोजक और पार्टी के महासचिव अनंत कुमार से जब इस यात्रा के खर्चे के बारे में पूछा गया तो कुमार ने सीधा जवाब न देते हुए कहा कि यह यात्रा जनता की भागीदारी से और मितव्ययिता से संचालित होगी।

यह पूछने जाने पर पर कि क्या भाजपा इस यात्रा पर आने वाले खर्च को उसी तरह अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करेगी,जिस तरह गांधीवादी नेता अन्ना हजारे ने अपने आंदोलन पर हुए खर्च को लेकर किया था,कुमार ने कहा कि इस यात्रा का व्यापक बजट नहीं हो सकता। इस यात्रा में पार्टी की स्थानीय इकाइयां योगदान करेंगी।

गौरतलब है कि जन चेतना यात्रा रथ सोमवार की शाम पटना पहुंची। रथ को पुणे (महाराष्ट्र) में डिजाइन किया गया है। 84 वर्षीय आडवाणी को ध्यान में रखते हुए इसे हाईटेक बनाया गया है। बस के अंदर सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं। पूरी तरह से वातानुकूलित इस बस में एक छोटा सा मीटिंग हॉल,बेडरूम तथा शौचालय है। इसके अलावा दुनिया से जोड़ने के लिए डीटीएच, इंटरनेट, और लिफ्ट लगाया गया है। जरूरत पड़ने पर आडवाणी बस की छत से लोगों को संबोधित कर सकते हैं।

रथ के चारों तरफ होगी चालक की नजर:ड्राइविंग सीट को भी हाईटेक बनाया गया है। स्टीयरिंग के पास लगे स्क्रीन से ड्राइवर बस के बाहर तथा नीचे भी नजर रख सकता है।

अब महंगाई तोड़ेगी अंग्रेजों की कमर, मौत पर भी लगेगा टैक्स!

लंदन.ब्रिटेन में अब मौत भी मंहगी होने जा रही है क्योंकि मरने वालों के सगे-सम्बन्धियों को 170 पाउंड यानी करीब साढे तेरह हजार रूपए का मौत कर देना पडेगा।

डेली मेल की खबर में बताया गया कि मौत के कारणों का सटीक पता लगाने के लिए एक हजार मेडिकल परीक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि डाक्टर मौत के कारणों की पुष्टि सम्बन्धी फार्म को ठीक से भरें।

मरने वालों के सगे-सम्बन्धियों को शव को दफनाने से पहले यह कर देना पडेगा। इस कर से प्राप्त राशि से करीब 1000 मेडिकल परीक्षक नियुक्त किये जाएंगे जिनकी सालाना तनख्वाह 81500 पाउंड होगी।

देश में हर वर्ष करीब चार लाख 90 हजार मौतें होती हैं। इस योजना से प्रतिदिन 1000 से भी ज्यादा परिवार प्रभावित होंगे। इससे न्यूनतम आय वर्ग वाले परिवारों पर अतिरिक्त बोझ पडने की आशंका जतायी जा रही है।

सरकार के इस प्रस्ताव पर इसी हफ्ते हाउस आफ कामन्स में बहस होनी है। सरकार का कहना है कि इससे मौत के कारणों का सही पता लग सकेगा तथा डाक्टरों को जानलेवा बीमारियों के रूझान का भी पता लगाने में मदद मिलेगी।

मुंहबोले भाई ने ही की बदसुलूकी! भंवरी को खोजने में नाकाम सरकार को कोर्ट की लताड़

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जोधपुर/ बिलाड़ा. पहली सितंबर से लापता जोधपुर की नर्स भंवरी देवी अपहरण मामले में दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण मामले की सुनवाई में राजस्थान हाई कोर्ट ने सरकार को जमकर लताड़ लगाई। मंगलवार को जस्टिस गोविंद माथुर व जस्टिस एनके जैन द्वितीय की खंडपीठ ने मौखिक रूप से यहां तक कह दिया कि एक महीने से एक महिला गायब है और सरकार को उसकी चिंता ही नहीं है। जनता पुलिस के भरोसे बैठी है और सरकार को अपनी पुलिस पर ही भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि इतिहास में अब तक ऐसी नाकारा सरकार नहीं देखी है।
मंगलवार को अमरचंद बनाम सरकार मामले में सरकार की ओर से अतिरिक्ति महाअधिवक्ता के सहायक प्रद्युम्न सिंह ने जैसे ही अब तक की प्रगति रिपोर्ट पेश की तो जस्टिस गोविंद माथुर ने उनसे पूछा कि एक महीने से ज्यादा हो गया कॉर्पस (शव) कहां है? और इस रिपोर्ट में क्या लिखा है, पढ़ने की भी जरूरत नहीं। इसे डस्टबिन में क्यों नहीं फेंक दिया जाए। सिर्फ पलायनवाद व एक दूसरे के ऊपर जिम्मेदारी डालने के अलावा कुछ नहीं है। सब आधे अधूरे मन से काम हो रहा है। अदालत ने राजस्थान पुलिस से कहा है कि वह हर दूसरे दिन इस मामले में हो रही प्रगति से अवगत कराए।
इस बीच, अब तक पुलिस की जांच से पता चला है कि धर्म भाई बने ठेकेदार सोहनलाल के बुलावे पर भंवरी बिलाड़ा तो पहुंच गई थी, मगर शहाबुद्दीन की बोलेरो में बैठाने के बाद उससे बदसलूकी शुरू हो गई। सोहनलाल व शहाबुद्दीन ने भंवरी के साथ मारपीट की और फिर बेहोश कर पिछली सीट के नीचे डाल दिया। पुलिस अनुसंधान में ये बातें सामने आने पर फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (एफएसएल) के वैज्ञानिकों ने सोमवार को शहाबुद्दीन की बोलेरो का परीक्षण कर सबूत जुटाए हैं।

अपहरण के आरोपी सोहनलाल व बलदेव से पूछताछ में पुलिस को इस साजिश का पता चल चुका है। भंवरी की कार खरीदना भी साजिश का हिस्सा ही था। सहीराम विश्नोई के इशारे पर शहाबुद्दीन ने अपहरण की प्लानिंग की और सोहनलाल के विश्वास में भंवरी को कार के पैसे देने के बहाने बिलाड़ा बुलाया गया।

कार के पैसे देने की बात कह कर सोहनलाल ने भंवरी को शहाबुद्दीन की बोलेरो में बैठाया था। पैसों का इंतजाम करने के बाद उन्होंने दूसरी गैंग के आने का इंतजार किया, तब तक भंवरी को इधर-उधर घुमाते रहे। जब भंवरी को शक हुआ तो वह विरोध करने लगी। तब शहाबुद्दीन ने बोलेरो में ही उसे पीटा, बदसलूकी की और बेहोश कर सीट के नीचे डाल दिया। रात में नेवरा रोड पर अर्धचेतन हालत में ही उसे दूसरी गैंग के हवाले कर दिया गया।

एफएसएल टीम ने जुटाए सबूत : शहाबुद्दीन की यह बोलेरो 9 सितंबर से गुजरात के काणोदर में पड़ी थी। बोलेरो धुली हुई थी, मगर मारपीट, जबर्दस्ती की आशंका व अपहरण के सबूत जुटाने के लिए पुलिस ने एफएसएल टीम से बोलेरो का परीक्षण कराया। डॉ. विजेंद्रसिंह शेखावत, विक्रम सिंह, भवानी सिंह व एएसआई आवड़दान की टीम ने खून, सिर के बाल, फिंगर प्रिंट आदि लेने के लिए बोलेरो के हर भाग की बारीकी से जांच की। सीट कवर व फुट मेटिंग के नमूने भी लिए।
बलदेव को जेल भेजा :

पुलिस ने बलदेव को 30 सितंबर को गिरफ्तार कर पहले 7 दिन, फिर 3 दिन रिमांड पर लिया था। सोमवार को रिमांड खत्म होने पर उसे तीसरी बार कोर्ट में पेश किया गया, जहां न्यायाधीश ने बलदेव को 15 अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस मामले में पहले गिरफ्तार हुआ ठेकेदार सोहनलाल भी जेल में है। मुख्य आरोपी शहाबुद्दीन और सहीराम विश्नोई अभी पकड़ में नहीं आए हैं।
नहीं आई सीबीआई की टीम :

भंवरी देवी अपहरण कांड की जांच सीबीआई के हाथों सौंपने के नोटिफिकेशन जारी होने के एक सप्ताह बाद भी सीबीआई टीम जोधपुर नहीं पहुंची है। चालीस दिनों से परेशान पुलिस इस प्रकरण को सीबीआई के हाथों में सौंपने के लिए बेकरार है, मगर अभी तक सीबीआई में यह प्रकरण भी दर्ज नहीं हुआ है।

अब अमरचंद पहुंचा शनि मंदिर :

शास्त्री नगर स्थित शनि मंदिर में कुछ दिन पहले ही कैबिनेट मंत्री महिपाल मदेरणा ने 11 दिवसीय रक्षा कवच अनुष्ठान कराया था। पांच पंडितों ने सवा लाख मंत्रों का जाप किया था। सोमवार को भंवरी का पति अमरचंद भी इसी मंदिर में अनुष्ठान करने आया। उसने भी 21 हजार मंत्रों का जाप कराया और 8 हजार 100 आहुतियां दी।

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