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12 अक्तूबर 2011

उच्च राशि ‘तुला’ में आएंगे शनि



इंदौर। नवग्रह में सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली ग्रह शनि इस बार अपनी उच्च राशि ‘तुला’ में आएंगे। 29 साल एक माह नौ दिन में 12 राशियों का चक्र पूरा कर तुला राशि में प्रवेश करेंगे। हालांकि शनि के राशि परिवर्तन को लेकर पंचांगों में मतभेद है। देशभर के कम्प्यूटर गणना आधारित अधिकांश पंचांग 15 नवंबर 2011 को शनि का राशि परिवर्तन बता रहे है वहीं पारंपरिक गणना वाले कुछ पंचांगों ने यह परिवर्तन 2 नवंबर को बतलाया है।

पंडितों के अनुसार 9 सितंबर 2009 को शनि ने कन्या राशि में प्रवेश किया था। अब 15 नवंबर को सुबह 10 बजकर 10 मिनट पर कन्या से तुला राशि में प्रवेश कर, 2 नवंबर 2014 तक इसी राशि में रहेंगे। पूर्व में ६ अक्टूबर 1982 को शनि ने तुला राशि में प्रवेश किया था। आगे सन् 2041 में शनि पुन: तुला राशि में आएंगे।

शनि की प्रसन्नता के लिए उपाय

> शनि प्रतिमा पूजा व तेल दान, शनि स्तोत्र पाठ करें।
> ऊं शं शनैश्चराय नम: या ऊं प्रां, प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: का जप करें।
> हनुमानजी की आराधना। मंदिर में प्रतिदिन या शनि-मंगलवार को तेल का दीपक लगाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
> शिवपूजन और पीपल के पेड़ में जल चढ़ाना।
> नीलम धारण करना।
> शनिवार को काली वस्तुओं का दान
> शनि यंत्र पूजन व धारण आदि।

साढ़े साती और ढैय्या

> वृश्चिक राशि वाले जातकों को साढ़े साती शुरू होगी।
> कर्क-मीन राशि को ढैय्या शुरू होगा।
> तुला राशि को साढ़ेसाती का दूसरा और कन्या को तीसरा चरण प्रारंभ होगा।
> सिंह राशि की साढ़ेसाती खत्म और मिथुन-कुंभ ढैय्या शनि से मुक्त होंगे।

राशि और प्रभाव

श्रेष्ठ: मिथुन, सिंह, तुला, मकर, कुंभ।
मिश्रित: मेष, वृषभ, कन्या, धनु।
ठीक नहीं: कर्क, वृश्चिक, मीन।

अच्छा रहेगा परिवर्तन

शनि का तुला में प्रवेश अच्छा रहेगा। शनि स्थिरता का कारक है। देश के लिए यह समय उपलब्धियों भरा रहेगा। अ.भा. ज्योतिष संस्था संघ नईदिल्ली के अध्यक्ष अरूण बंसल के अनुसार कन्या, तुला और वृश्चिक राशि वाले जातकों पर साढ़े साती का प्रभाव रहेगा। इनमें तुला राशि के लिए साढ़े साती अच्छी रहेगी।

मंद गति है शनि की

तुला राशि में शनि उच्च के होते है और मेष राशि में नीच के। शनि का शाब्दिक अर्थ है- ‘शनै: शनै: चरति इति शनैश्चर:’ अर्थात धीमी गति से चलने के कारण यह शनैश्चर कहलाए। पं. अरविंद पांडे के अनुसार नवग्रहों में शनि की सबसे मंद गति है। एक राशि में ढाई वर्ष और सभी 12 राशि के भ्रमण में शनि को लगभग 30 वर्ष का समय लगता है। चंद्र के गोचर से शनि जब 12वीं राशि में आते है तब साढ़े साती शुरू होती है।

नवग्रह के राशि परिवर्तन का समय

सूर्य-बुध 30 दिन
चंद्र सवा दो दिन
मंगल 45 दिन
गुरु करीब एक वर्ष
शुक्र 27 दिन
शनि 30 माह
राहू-केतू 18 माह

भंवरी के भंवर में कूदी भाजपा कहा-दागी हो गई पूरी सरकार!

जयपुर.जोधपुर की एएनएम भंवरी देवी प्रकरण को लेकर भाजपा नेताओं के मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। भाजपा के प्रदेश कार्यालय में बुधवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने जब दागी मंत्रियों को सरकार से बर्खास्त करने की मांग की तो पार्टी के उपाध्यक्ष डॉ. दिगंबरसिंह ने कहा कि कांग्रेस ने पहले तो कई बड़े नेताओं को विधानसभा चुनाव में निबटा दिया और अब आरोप लगवाकर एक-एक ताकतवर मंत्री को निबटाने में लगी है।

चतुर्वेदी ने भंवरी प्रकरण में जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा की बर्खास्तगी की मांग की तो दिगंबरसिंह ने इस बयान से किनारा कर लिया। बार-बार सवाल पूछने पर भी वे मदेरणा के खिलाफ एक शब्द नहीं बोले, कहा कि सभी मंत्री दें इस्तीफा। आखिर अध्यक्ष ने उनकी ओर देखा तो उन्होंने कहा- वे पार्टी के स्टैंड के साथ हैं।

प्रदेशाध्यक्ष चतुर्वेदी ने हाईकोर्ट की ओर से सरकार को राजस्थान के इतिहास की सबसे कमजोर सरकार बताने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस्तीफे की मांग की। उनका कहना था कि दागी मंत्रियों को हटाने से कुछ नहीं होगा। अब तो पूरी सरकार ही दागी हो गई है। उसे ही चले जाना चाहिए। कोर्ट के कहने के बाद तो यह और भी जरूरी हो गया है।

उनके बयान के बाद दिगंबरसिंह ने यह कहकर सबको स्तब्ध कर दिया कि कांग्रेस सरकार एक-एक कर जाट नेताओं के पर काट रही है। कुछ नेताओं को तो चुनाव में साफ कर दिया और कुछ को अब आरोप लगाकर साफ करने जा रही है। मामला संभालते हुए चतुर्वेदी ने दखल दिया और बोले कि मारवाड़ में भाजपा नेताओं ने यह प्रकरण सही तरीके से उठाया है और मंत्री के खिलाफ लगातार मोर्चा संभाले हुए हैं।

आओ बयान-बयान खेलें!

भाजपा सूत्रों का भरोसा करें तो प्रेस कॉन्फ्रेंस तय हुई थी उपाध्यक्ष दिगंबरसिंह की, लेकिन हाईकोर्ट के बयान को लेकर उसमें प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी भी जुड़ गए। भाजपा प्रदेश कार्यालय को यह भनक सुबह ही लग गई थी कि दिगंबरसिंह ने राहुल गांधी के भरतपुर दौरे में किसी आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों की मदद लेने संबंधी दस्तावेज जुटाए हैं और वे तीन बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं।

इसी दौरान दोपहर 12 बजे भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सुनील भार्गव ने इसी मुद्दे पर बयान दे डाला। बाकायदा प्रेस नोट भी जारी कर दिया। बाद में पार्टी के एक अन्य प्रवक्ता भवानी सिंह राजावत ने भी प्रेस नोट जारी कर सरकार से इस्तीफे की मांग की।

इसका राजनीतिक मतलब ये निकाला गया कि भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष और उपाध्यक्ष की प्रेस कॉन्फ्रेंस की न केवल उनके प्रवक्ता ने ही हवा निकाल दी, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि पूरी पार्टी के भीतर कोई कम्युनिकेशन गैप है।

पहले यह बोले थे दिगंबर

परसराम मदेरणा के जन्म दिन पर कार्यक्रम में दिगंबर सिंह ने कहा था कि एएनएम प्रकरण में कांग्रेस पार्टी के लोग ही महिपाल मदेरणा के पैर काट रहे हैं। हमारी तरफ से किसी ने कोई मामला नहीं उठाया है। किसान का बेटा आगे बढ़ रहा है तो स्वाभाविक रूप से कांग्रेस में कुछ लोगों को जलन है और इसी के चलते यह सब हो रहा है। बाद में भाजपा नेताओं ने उनके इस बयान पर कई स्पष्टीकरण दिए, लेकिन दिगंबर सिंह का रुख वही रहा।

अगर बख्शीश नहीं दोगे, तो तुम्हे हमारी बद्दुआ लगेगी’

पंचकूला. ‘हमें 5100 रुपये दे दो, तुम्हें सुंदर बेटा होगा। हमारी दुआ का बहुत असर होता है। अगर बख्शीश नहीं दोगे, तो हमारी बद्दुआ लगेगी।’

कुछ ऐसा ही बोलकर तीन युवक किन्नर का वेश बनाकर सेक्टर-17 में लोगों से पैसे मांग रहे थे और एक महिला से तो इन्होंने 5100 रुपये ले भी लिए, लेकिन महिला के पति को जब इन बहरूपियों का पता चला तो उसने किन्नर बने युवकों को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन दो युवक भाग गए और एक पकड़ा गया, जिसे बाद में पुलिस के हवाले कर दिया गया।

सेक्टर-17 निवासी रमन ग्रोवर ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि बुधवार दोपहर को तीन युवक उनके घर पर आए, जो खुद को किन्नर बता रहे थे और उनकी पत्नी नेहा को बेटे की दुआए देकर पैसे मांगने लगे और साथ ही कहने लगे कि अगर पैसे नहीं दिए तो तुम मर जाओगी और डराने लगे। रमन ने बताया कि उनकी पत्नी नेहा बहकावे में आ गई और उसने 5100 रुपये दे दिए।

वे भी घर पहुंच गए और जब उन्होंने यह नजारा देखा तो समझते देर न लगी कि यह धोखा हो रहा है। जब वे युवकों से पूछताछ करने लगे और उनका पहचान पत्र मांगने लगे तो दो युवक पैसे लेकर भाग गए, लेकिन एक को उन्होंने पकड़ लिया। रमन के मुताबिक अभी तो उन्हें सिर्फ अपने घर का ही पता चला कि कैसे ये ठगी हो रही थी, लेकिन जाने ये बहरूपिए कितने लोगों को बेवकूफ बना चुके होंगे।

लैब में बनेंगे फिर बरसेंगे भी बादल

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रोडम नरसिंहा के नेतृत्व में बेंगलुरु में वैज्ञानिकों के एक दल नें लैब में बादल बनाने में सफलता हासिल की है। उन्होंने एक बेंच नुमा उपकरण से अलग-अलग तरह के बादल बनाएं। इस काम को अंजाम देने के लिए विभिन्न रसायनों का अलग-अलग तापमान और घनत्व पर मेल कराया गया। इस काम को जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के वैज्ञानिकों ने मिल कर अंजाम दिया।

कैसा है उपकरण

दो मीटर ऊंचा यह उपकरण वास्तव में एक वॉटर टैंक है। इसकी तली में एक छेद है, जिससे रसायन अंदर इंजेक्ट किए जाते हैं। इस टैंक में हीटिंग डिवाइस लगाए गए हैं। ये कंडेंसेशन और फ्रीजिंग के काम में मदद करते हैं। इनके जरिए ही प्राकृतिक बादलों में पाया जाने वाला वातावरण तैयार किया जाता है। इस डिवाइस से तैयार बादल से बादलों के बारे में और जानकारी करने में मदद मिलेगी। प्राकृतिक रूप से क्युम्लस बादल वातावरण में तापमान के लिए जिम्मेदार होता है। यही वह बादल है जो वैश्विक तापमान को प्रभावित कर रहा है।

अकेला है प्रयोग

बेंगलुरु की प्रयोगशाला में बनाए गए बादल दुनिया में अपनी तरह का पहला प्रयास है। अन्य कहीं भी वाष्पीकरण और फिर उसके कंडेंसेशन के जरिए लैब में बादल नहीं तैयार किए जा सके हैं।

मुश्किल है बादलों की स्टडी

प्राकृतिक वातावरण में मौजूद बादलों की स्टडी कई कारणों से मुश्किल मानी जाती है। सर्वप्रथम एक बादल की उम्र बेहद कम होती है। 5 या 10 मिनट से लेकर घंटे भर ही बादल रह पाता है। दूसरे इसकी स्टडी के प्रयोग बेहद महंगे होते हैं। इस काम को और चुनौतीपूर्ण बनाने का काम यह तथ्य करता है कि दो बादल एक जैसे नहीं होते। सेटेलाइट के जरिए भी बादलों की बाहरी जानकारी दी जाती है। उनके अंदर की नमी, तापमान का आकलन मुश्किल होता है।

क्युम्लस ही क्यों

बादल खासकर क्युम्लस कई आकार-प्रकार के होते हैं। ये घने और गुंबदनुमा हो सकते हैं। इनकी ऊंचाई 15 किलोमीटर तक होती है। यही बादल भारत और उसके आसपास के क्षेत्रों में पाए जाते हैं। जमीन और सागर की सतह से वाष्प ऊपर वातावरण तक पहुंच क्युम्लस बादल बनते हैं। सरल शब्दों में कहें तो ये ही बरसात के जरिए ठंडा-गर्म मौसम बनाने के लिए जिम्मेदार हैं।

क्या होगा फायदा

अब लैब में तैयार बादलों का अध्ययन कर मानसून की सटीक भविष्यवाणी की जा सकेगी। इसके अलावा बादलों की प्रकृति और व्यवहार का अध्ययन कर आने वाले समय में कृत्रिम बारिश कराई जा सकेगी।

दशकों से जारी थे प्रयास

बादलों पर प्रयोग पिछले दो दशकों से जारी थे। लेकिन पहली बार इन्हें प्रयोगशाला में बनाने में सफलता मिली है। इसके लिए मूल सिद्धांत तो पहले वाले ही रहे, लेकिन सटीक आकलन व गणना करने वाले अत्याधुनिक उपकरणों ने इस काम को अंजाम देने में बड़ी भूमिका निभाई। इन उपकरणों की मदद से न सिर्फ बादल तैयार किए गए, बल्कि उन्हें प्राकृतिक वातावरण की तर्ज पर गति और तापमान भी दिया गया।

लालू ने पकड़ना चाहा तांत्रिक का पैर, लेकिन हो गया उल्टा!



पटना.राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद कुछ दिनों पहले तंत्र-मंत्र के चक्कर में पड़े दिखे थे। तांत्रिकों के साथ हवन-पूजन करते उनकी हालिया तस्वीरों ने चर्चा का बाजार खूब गर्म भी कर दिया था। लेकिन, इस पूरे मामले पर खुद लालू प्रसाद ने एक नया राज़ खोला है।

बकौल लालू, दुर्गापूजा चल रही थी। नौवीं का दिन था। एक प्रिय समर्थक के कहने पर वो विन्ध्याचल में हंस देवराहा बाबा के यहां चले गए। उनके आश्रम में 2000 से अधिक गाएं हैं। बाबा ने लालू को माला दिया। इसके बाद जब लालू ने आशीष लेने के लिए बाबा के पांव छूने चाहे तो यह क्या, बाबा ने खुद लालू के पैर पकड़ लिए। इसकी वो वजह भी समझ नहीं सके।

दो घंटे रहे, तीन बार पी चाय

लालू ने कल पटना में राजभवन मार्च के दौरान पत्रकारों को बताया कि वो बाबा द्वारा उनके ही पैर पकड़ने की वजह समझ नहीं पाए। वहां वे दो घंटे रहे। बाबा ने तीन बार चाय पिलाई। लालू प्रसाद ने कहा कि तंत्र -मंत्र पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की टिप्पणी के बाद उन्होंने यह राज खोला है। मालूम हो कि नीतीश व मोदी ने लालू पर व्यंग करते हुए कहा था कि तंत्र-मंत्र से सत्ता हासिल नहीं होती। लालू ने बताया कि हंस देवराहा बाबा ने उनमें जरुर कोई विशेषता देखी होगी।

मेरे खिलाफ झा जी करा रहे थे तंत्र-मंत्र : लालू

लालू प्रसाद ने बताया कि एक झा जी हैं। उन्होंने ही उनके खिलाफ दरभंगा राज के काली मंदिर में तंत्र-मंत्र करवाया है। जब यह तंत्र-मंत्र चल रहा था इसी बीच तंत्र के दौरान ही उनका नाम लिया गया। जैसे ही मंत्र के दौरान लालू का नाम आया, मंदिर के पुजारी के कान खड़े हो गए। फिर पुजारी ने ही इस बात की सूचना लालू के आप्त सचिव भोला यादव को फोन कर दी। इसी के बाद मामले का पता चल पाया।

दालचीनी की इतनी खूबियां जानकर आप हैरत में पड़ जाएंगे!


दालचीनी एक उपयोगी सुगंधित औषधि है। यह गरम मसाला तो है ही यह पाचन, वातहर, स्तंभण, गर्भाशय उत्तेजक, गर्भाशय संकोचक एवं शरीर उत्तेजक है। दालचीनी का तेल उत्तेजक है। दालचीनी सुगंधित, पाचक, उत्तेजक, और बैक्टीरियारोधी है। यह पेट रोग, इंफ्यूएंजा, टाइफाइड, टीबी और कैंसर जैसे रोगों में उपयोगी पाई गई हैं। इस तरह कहा जा सकता है कि दालचीनी सिर्फ गरम मसाला ही नहीं, बल्कि एक औषधि भी है। दालचीनी मसालों के रूप में काम मे ली जाती है। दालचीनी का तेल बनता है। दालचीनी, साबुन, दांतों के मंजन, पेस्ट, चाकलेट, सुगंध व उत्तेजक के रूप में काम में आती है। चाय, काफी में दालचीनी डालकर पीने से स्वादिष्ट हो जाती है तथा जुकाम भी ठीक हो जाता है।

- दालचीनी का तेल दर्द, घावों और सूजन को नष्ट करता है।

- दालचीनी को तिल के तेल, पानी, शहद में मिलाकर उपयोग करना चाहिए। दर्द वाले स्थान पर मालिश करने के बाद इसे रातभर रहने देते है। मालिश अगरदिन में करें तो 2-3 घंटे के बाद धोएं।

- दालचीनी त्वचा को निखारती है तथा खुजली के रोग को दूर करती है

- दालचीनी सेहत के लिए लाभकारी है। यह पाचक रसों के स्त्राव को भी उत्तेजित करती है। दांतों की समस्याओं को दूर करने में भी यह उपयोगी है।

- रात को सोते समय नियमित रूप से एक चुटकी दालचीनी पाउडर शहद के साथ मिलाकर लेने से मानसिक तनाव में राहत मिलती है और स्मरण शक्ति बढ़ती है।

- दालचीनी का नियमित प्रयोग मौसमी बीमारियों को दूर रखता है।

- ठंडी हवा से होने वाले सिरदर्द से राहत पाने के लिए दालचीनी के पाउडर को पानी में मिलाकर पेस्ट बनाकर माथे पर लगाएं।

- दालचीनी पाउडर में नीबू का रस मिलाकर लगाने से मुंहासे व ब्लैकहैड्स दूर होते हैं।

- दालचीनी, डायरिया व जी मिचलाने में भी औषधी के रूप में काम में लाई जाती है।

- मुंह से बदबू आने पर दालचीनी का छोटा टुकड़ा चूसें। यह एक अच्छी माउथ फ्रेशनर भी है।

- दालचीनी में एंटीएजिंग तत्त्व उपस्थित होते हैं। एक नीबू के रस में दो बड़े चम्मच जैतून का तेल, एक कप चीनी, आधा कप दूध, दो चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर पांच मिनट के लिए शरीर पर लगाएं। इसके बाद नहा लें, त्वचा खिल उठेगी।

- दालचीनी पाउडर की तीन ग्राम मात्रा सुबह-शाम पानी के साथ लेने पर दस्त बंद हो जाते हैं

- आर्थराइटिस का दर्द दूर भगाने में शहद और दालचीनी का मिश्रण बड़ा कारगर है।

-गंजेपन या बालों के गिरने की समस्या बेहद आम है। इससे छुटकारा पाने के लिए गरम जैतून के तेल में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी पाउडर का पेस्ट बनाएं।

- एक चम्मच दालचीनी पाउडर और पांच चम्मच शहद मिलाकर बनाए गए पेस्ट को दांत के दर्द वाली जगह पर लगाने से फौरन राहत मिलती है।

- सर्दी जुकाम हो तो एक चम्मच शहद में एक चौथाई चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर दिन में तीन बार खाएं। पुराने कफ और सर्दी में भी राहत मिलेगी।

- पेट का दर्द-शहद के साथ दालचीनी पाउडर लेने पर पेट के दर्द से राहत मिलती है।

- खाली पेट रोजाना सुबह एक कप गरम पानी में शहद और दालचीनी पाउडर मिलाकर पीने से फैट कम होता है। इससे मोटे से मोटा व्यक्ति भी दुबला हो जाता है।

13 अक्टुबर गुरुवार: समझें क्या इशारा करते हैं आपके सितारें

अपनी डेट ऑफ बर्थ से जानें क्या सितारें क्या इशारा करते हैं? कैसा रहेगा आपका दिन क्या कहते हैं आपके सितारें ? सितारों की चाल क्या इशारा करती है जानें दैनिक राशिफल से...



अंक 1: वैभव की प्राप्ति होगी। आय उत्तम रहेगी। रुका हुआ धन मिलेगा। सारे अटके कार्य पूर्ण होंगे। पदोन्नति के अवसर प्राप्त होंगे। शुभ रंग: केशरिया।

अंक 2: कार्य क्षेत्र में उत्तम सफलता मिलेगी। अधिकारी संतुष्ट रहेंगे। नई जिम्मेदारी प्राप्त होगी। समारोह में सम्मानित होंगे। सुख मिलेगा। शुभ रंग: काला।

अंक 3: भाग्योदय का समय है। मांगलिक कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। नए लोगों से मुलाकात होगी। परिजनों का सहयोग मिलेगा। सफलता मिलेगी। शुभ रंग: भूरा।

अंक 4: सचेत रहे। अज्ञात भय, चिंता रहेगी। वाहनादि का प्रयोग सावधानी से करें। मकान में व्यय हो सकता है। धैर्य रखें। शुभ रंग: पीला।

अंक 5: मन प्रसन्न रहेगा। वैवाहिक प्रस्तावों की प्राप्ति होगी। उच्च अधिकारियों से मेल मिलाप हो सकता है। कोई नवीन वस्तु की प्राप्ति होगी। शुभ रंग: पीला।

अंक 6: शत्रुओं का दमन होगा। शुभ समाचारों की प्राप्ति होगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। व्यर्थ विवादों से दूर रहें। यात्रा का योग है। शुभ रंग: सफेद।

अंक 7: संतान को कष्ट की प्राप्ति हो सकती है। आय में थोड़ा सुधार आएगा। विद्यार्थी वर्ग को भी सफलता मिलेगी। नौकरी में थोड़ा तनाव हो सकता है। शुभ रंग: हरा।

अंक 8: माता-पिता का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। सुख की प्राप्ति होगी। आपके कार्यों की तारीफ होगी। नए लोगों से मुलाकात प्रफुल्लित करेगी। शुभ रंग: लाल।

अंक 9: परिजनों से विवाद हो सकता है। अपनी योजना को गुप्त रखें, बिना विचारे यात्रा पर नहीं जाए। कार्य की अधिकता से थकावट रहेगी। शुभ रंग: सफेद।

बस, इनकी कर लें सेवा..! ताउम्र मिलेगा भरपूर सुख

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जीवन का सत्य यह भी है कि इंसान धर्म से परे नहीं हो सकता। ईश्वर में विश्वास रखने वाला आस्तिक ही नहीं, बल्कि ईश्वर को नकारने वाला नास्तिक भी जीवन से जुड़े कर्तव्य और जिम्मेदारियों के रूप में धर्म पालन करता ही है। किंतु फिर भी धर्म शब्द सुनते ही अनेक लोग कोई खास या भारी समझ का विषय मान धर्म से जुड़ी बातों से दूर या अलग रहना पसंद करते हैं।

दरअसल, धर्म को सबसे आसान तरीके से समझ जीवन में उतारना है तो बस इतना समझना ही काफी है कि जो बातों और व्यवहार किसी इंसान को स्वयं के अनुकूल नहीं लगते, वह दूसरों के साथ भी न करे। बेहतर जीवन वही माना गया है, जिसके द्वारा दूसरों का जीवन सार्थक बनाया जा सके।

ऐसी ही पवित्र भावनाओं से धर्म पालन के लिए जीवन में कुछ खास लोगों की सेवा या पालन-पोषण को सभी सुखों का सूत्र माना गया है। फिर चाहे आप धार्मिक विधानों से परे ही क्यों न रहें। जानते है किन-किन लोगों का पालन-पोषण स्वर्ग-सा सुख देता है?

लिखा गया है कि -

माता पिता गुरुर्भ्राता प्रजा दीना: समाश्रिता:।

अभ्यागतोतिथिश्र्चचाग्रि: पोष्यवर्गा स्वर्गसाधनम्।।

भरणं पोष्यवर्गस्य प्रशस्तं स्वर्गसाधनम्।

भरणं पोष्यवर्गस्य तस्माद् यत्नेन कारयेत्।।

अर्थ है कि माता, पिता, गुरु, भ्राता, प्रजा या अधीन जन, गरीब, दु:खी, शरणागत, अभ्यागत, अतिथि और अग्रि का यथासंभव भरण-पोषण करना स्वर्ग की राह पर बनाते हैं। यह श्लोक मूल रूप से व्यावहारिक जीवन के लिये भी निस्वार्थ सेवा और परोपकार द्वारा सुख-शांति पाने के सूत्र बताता है।

अपनी ही सरकार की खिलाफ धरने पर बैठ गए पार्षद!

जयपुर.शहर की बिगड़ती सफाई व्यवस्था, रोड लाइटों व संसाधनों की कमी और वार्डो में ठप पड़े विकास कार्यो से नाराज कांग्रेस के तीन पार्षदों ने मंगलवार को निगम मुख्यालय में चार घंटे तक धरना दिया।

मेयर व अफसरों के खिलाफ नारे लगाए। इतना ही नहीं उनके समर्थकों ने नेता प्रतिपक्ष को जबरन धरने में बिठा दिया। गार्डो द्वारा रोके जाने पर पार्षद समर्थकों ने मुख्यालय के द्वार के शीशे तक तोड़ डाले।

दोपहर करीब 12 बजे पार्षद सी.एम. शर्मा, मोहिनी कंवर व सुशील शर्मा समर्थकों के साथ निगम मुख्यालय आए। पार्षद समर्थकों ने मेयर ज्योति खंडेलवाल, हैल्थ कमिश्नर के.जी. गोयल समेत निगम अधिकारियों के खिलाफ हल्ला बोला। पार्षदों का कहना था कि वे समस्याओं को लेकर कई बार पत्र दे चुके, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही। मेयर भी उनके वार्ड का दौरा नहीं कर रहीं।

पार्षदों की मांग पर सफाई समिति के चेयरमैन रोशन सैनी, गैराज चेयरमैन ओमप्रकाश गुर्जर व डिप्टी मेयर मनीष पारीक भी धरना स्थल पर पहुंच गए और उनके साथ धरने में शामिल हुए। निगम के आयुक्त मुख्यालय किशोरकुमार भी प्रदर्शन करने वालों को समझाने पहुंचे लेकिन उन्हें लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ी। शाम को सीईओ एमपी मीणा ने समझाइश की और पार्षदों का मांग पत्र लिया।

"मैं तो सफाई व्यवस्था में सुधार के प्रयास कर रही हूं। यह एक बड़ी समस्या है। पार्षदों को तो वार्डो की सफाई सुधार में सहयोग देना चाहिए। सभी के प्रयास से हालात सुधारे जा सकते हैं। पार्षदों को इसे राजनीति स्टंट नहीं बनाना चाहिए।"

-ज्योति खंडेलवाल , मेयर जयपुर नगर निगम

जब घुंघरू की गूंज पर डाकिए के लिए छोड़ देते थे रास्ता!

सीकर.डेढ़ सौ साल पहले डाक बांटने का काम आज से बेहद अलग था। उस जमाने में डाकिए कोसों दूर तक पैदल चलकर डाक बांटते थे। खाकी वर्दी, लाल रंग के छुरंगे का खाकी साफा और एक चिठिया (लकड़ी) डाकिए की पोशाक में शामिल हुआ करते थे।

चिठिये के साथ बंधा एक बड़ा घुंघरू डाकिए की खास पहचान होता था। उस जमाने में डाकिए का संपर्क राज घरानों से होता था। इसलिए डाकिए के घुंघरू की गूंज के साथ ही लोग सम्मान के साथ उनके लिए रास्ता छोड़ दिया करते थे।

इतिहास के जानकारों की मानें तो सीकर में राव माधोसिंह के शासन में बावड़ी गेट स्थित तोदानी की गली में डाकघर की शुरुआत हुई। इसके बाद तात्या टोपे पार्क के पास अलग से भवन बनाकर डाक तार विभाग की शुरू किया। इसी बिल्डिंग में 1966 से अधीक्षक कार्यालय शुरू हुआ।

डाक सेवा में परिवार की तीसरी पीढ़ी

डाक विभाग में सेवा दे रहे परिवार की तीसरी पीढ़ी के भरतकुमार (सीबीसीओ क्लर्क) बताते हैं कि उनके दादा थानीराम सैनी पोस्टमैन थे। जो सूरजगढ़ से लोसल तक पैदल डाक बांटते थे। उस जमाने में डाक की सुरक्षा गांव के ठाकुर के जिम्मे थी।

एक गांव में डाक बांटने के बाद ठाकुर के गार्ड डाकिए को दूसरे गांव तक सुरक्षित पहुंचाते थे। उस दौर में गांव में एक महीने में एक चक्कर लगता था। भरतकुमार के पिता हीरालाल भी डाक विभाग में बतौर क्लर्क रहे। गांवों में सड़क नहीं होने से उस समय पैदल ही डाक बांटी जाती थी।

एक के जिम्मे 24 गांवों की डाक

बतौर पोस्टमैन सीकर से नौकरी की शुरूआत, रिटायरमेंट और यहीं से पेंशन ले रहे 86 वर्षीय रघुनाथप्रसाद सैनी ने विभाग में काफी बदलाव देखें हैं। 1946 में ज्वाइनिंग के समय उनके पास 24 गांवों में डाक बांटने का जिम्मा था। हर गांव में सात दिन बाद डाक देनी होती थी।

52 रुपए छह आने में नौकरी की शुरूआत करने वाले सैनी आज 6642 रुपए पेंशन पा रहे हैं। पांचवीं पास सैनी ने 40 साल की नौकरी में हर काम अंग्रेजी में किया। साल में एक बार राजा की ओर से पांच चांदी के सिक्के बतौर इनाम मिलते थे।

इश्क का भूत, आधी रात को प्रेमिका के घर में कूदा प्रेमी लेकिन...!



मंडावा(झुंझुनूं)फतेहपुर/सीकर).झुंझुनूं रोड स्थित इंदिरा नगर में सोमवार रात घर में घुसे युवक को पीट-पीटकर मार दिया। मामला प्रेम-प्रसंग का है। युवक सीकर जिले की फतेहपुर तहसील के बलोद बड़ी गांव का था।

पुलिस ने युवती के माता-पिता को गिरफ्तार किया है। झुंझुनूं एसपी शिवलाल जोशी के अनुसार अशोक (25) रात करीब 12.30 बजे इंदिरा नगर कॉलोनी में रह रहे टोडरवास के हीरालाल के घर रात करीब आया। तब हीरालाल व उसकी पत्नी गांव और बेटा सालासर मेले में गया हुआ था।

घर में बेटी अकेली थी। पड़ोसियों ने अशोक के आने की सूचना हीरालाल को कर दी। वहां से कुछ लोग गाड़ियों से पहुंच गए और अशोक को घर में ही दबोच लिया। उसके हाथ-पैर बांधकर लाठियों व लात-घूसों से पीटा।

इस बीच, अशोक के परिजन भी पहुंच गए। वे गंभीर हालत में उसे लेकर फतेहपुर रवाना हुए। उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। युवक के पिता बलोद बड़ी के ताराचंद ने इस संबंध में मामला दर्ज कराया। मंडावा पुलिस ने फतेहपुर अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया और आरोपी युवती के माता-पिता सजना व हीरालाल को गिरफ्तार कर लिया।

दवाइयां लिख कर देने को क्या कहा टूट पड़े डॉक्टर!

जयपुर.सवाई मानसिंह अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी वार्ड में सोमवार रात भर्ती मरीज व रेजीडेंट डॉक्टरों के बीच सरकार की ओर से दी जा रही फ्री की दवाइयां लिखने की बात को लेकर कहासुनी हो गई। इस मामले को लेकर मंगलवार को मरीज के भाई मनोज ने मोती डूंगरी थाने में रेजीडेंट के खिलाफ मारपीट करने मामला दर्ज कराया है।

पुलिस ने बताया कि भरतपुर निवासी जसवंत सिंह का कानोता के पास 8 अक्टूबर को एक्सीडेंट हो गया था। मुंह में अंदर की चोट की प्लास्टिक सर्जरी के लिए वह प्लास्टिक सर्जरी विभाग में सोमवार को भर्ती हुआ था। रेजीडेंट डॉक्टर रितेश ने मरीज को साधारण पर्ची पर दवा लिखकर दी।

इस पर मरीज के भाई मनोज ने सरकार की ओर से दी जा रही फ्री दवाइयों की पर्ची में दवाइयां लिख कर देने को कहा। इस पर रेजीडेंट चिढ़ गए और उनमें कहासुनी हो गई। इसके बाद डॉ. रितेश ने अन्य रेजीडेंट डॉक्टरों को बुला लिया और मनोज के साथ मारपीट कर वार्ड से बाहर निकाल दिया। इस दौरान रेजीडेंट ने वार्ड में भर्ती जसवंत के साथ भी र्दुव्‍यवहार किया।

बीजेपी ने लगाया आरोप, अपराधी की बाइक पर गोपालगढ़ घूमे थे राहुल गांधी

जयपुर. भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी पर आरोप लगाए हैं। भाजपा ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी ने नामी अपराधी की मोटर साइकिल पर बैठकर गोपालगढ़ का दौरा किया था। भाजपा ने राहुल के गुपचुप दौरे को भी गहलोत सरकार के प्रति आलाकमान के घटते विश्वास का प्रतीक करार दिया है।
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी और प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. दिगंबर सिंह ने कहा कि राहुल गांधी पहाड़ी तहसील के पथराली गांव पहुंचे थे। उनके आगे आगे बिल्ला उर्फ आशू पुत्र इस्माइल मोटरसाइकिल चला रहा था। राहुल गांधी पथराली में सरफराज उर्फ शरफू पुत्र हिम्मत के घर गए। उन्होंने आरोप लगाया कि शरफू मेवात इलाके में टटलू गैंग का सरगना है और जिसके खिलाफ कई मुकद्दमे दर्ज हैं। एक मामले में स्टेंडिंग वारंट भी है, फिर भी शरफू बेखौफ सरेआम घूम रहा है।

आरोप है कि पथराली में गोपालगढ़ कांड में मारे गए एक व्यक्ति के घर राहुल सांत्वना देने पहुंचे थे, उनके साथ बिल्ला और शरफू भी थे। राहुल बिल्ला की मोटरसाइकिल पर और उनका निजी सहायक शरफू की मोटरसाइकिल पर बैठे थे। आरोप है कि गोपालगढ़ में मस्जिद देखने के बाद जाते समय राहुल बिल्ला से गले मिले और दिल्ली आने का न्योता भी दिया।
चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि राहुल की यात्रा के बाद दोनों समुदाय में वैमनस्य बढ़ा है, क्योंकि राहुल एक ही समुदाय के लोगों के घर गए, दूसरे समुदाय के लोगों से मिले ही नहीं। उन्होंने कहा कि यात्रा के बाद सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि अगर एकतरफा कार्रवाई की तो भाजपा आंदोलन करेगी। .........इन दिनों राजस्थान में गोपालगढ़ के मामले में अधिकतम कोंग्रेसी और भाजपाई एक हो गये हैं वोह चाहते हैं के वहां हत्यारी पुलिस और प्रशासन को सजा नहीं मिले इसके लियें कई कोंग्रेस के मंत्री और आई पी एस , आई ऐ एस अपने चमचों के साथ कोशिशों में जुटे हैं एक सीधी से बात है के राहुल गांधी के इस ओचक निरिक्षण और स्टिंग ओपरेशन से कोंग्रेसी दुखी हैं खासकर वोह कोंग्रेसी जो पर्दे के पीछे भाजपा के नेताओं से मेच फिक्सिंग और साठ गाँठ कर जनता को लुटते रहते हैं इन परिस्थितियों में कोंग्रेस के राहुल गांधी के स्टिंग ओपरेशन से खफा सत्ता के नशे में चूर कोंग्रेस के मंत्रियों को बुरा लगना था और वोह सब मिलकर भाजपा से राहुल की आलोचना करवा रहे हैं ताकि सन्गठन स्तर पर मंत्री और मुख्यमंत्री को दंडित करने से बचा जा सके ..सारा देश जानता है के कोई भी मुख्यमंत्री ..मंत्री .सांसद .विधायक जो भी हो कहीं ना कहीं अपराध से जुडा रहता है कोंग्रेस हो चाहे भाजपा सभी अपराध से जुड़े लोगों से मदद लेते हैं और फिर खुद भी अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को राजनितिक मुकदमेबाजी का नाम देकर टिकिट देकर मंत्री बनाते हैं भाजपा में तो ऐसे लोगों का आंकड़ा अस्सी फीसदी है खुद भाजपा के एक विधायक ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया पर कल ही अपराधियों से घिरे रहें का आरोप लगाया है ऐसे में अगर राहुल गाँधी ने अनजाने में स्टिंग ओपरेशन के तहत सच जानने के लियें किसी मोटर साइकल का उपयोग कर लिया और केवल पीड़ितों से ही जानकारी लेकर चले गये तो फिर इसपर बखेड़ा खड़ा नहीं करना चाहिए ...क्योंकि जो मरता है बेठने उसी के घर जाया जाता है जो हत्यारा होता है उसके घर उसके हाल पूंछने नहीं जाया जाता इसलियें कोंग्रेस और भाजपा की गोपालगढ़ राजस्थान के मामले में राहुल की आलोचना से चाहे वोह लोग राहुल को दोषी सरकार के खिलाफ कार्यवाही करने से रोक दें लेकिन इश्वर के घर देर है अंधेर नहीं ..............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

प्रशांत भूषण पर हमला सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था का मजाक

आज दिल्ली सुप्रीमकोर्ट में वकीलों के चेम्बर में घुसकर तीन शरारती तत्वों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के वकील और अन्ना टीम के सदस्य पर जो हमला क्या गया है उससे वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता का तो मजाक उड़ा ही है साथ ही सुप्र्मिम कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था की खामिया एक बार फिर उजागर हो गयी हैं ..........आपको याद है के अभी एक हफ्ते पहले केन्द्रीय गृहमंत्री पी चिदम्बरम और कानून मंत्री सलमान खुर्शीद सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा को लेकर मुक्ख्य न्यायधीश से मिले थे उसके बाद सुरक्षा व्यस्था और चाक चोबंद होने के बदले वहां शरारती तत्वों का जमावड़ा हो गया है और नतीजा एक बढ़ी दुर्घटना के रूप में सामने है .......दोस्तों यह हमला प्रशांत भूषण पर नहीं देश के उन सभी स्वतंत्र विचार वालों पर है जिनकी आवाज़ आतंकवादियों द्वारा दबाने का प्रयास किया जाता है ....निश्चित तोर पर इन अपराधियों से अगर निष्पक्ष तफ्तीश की गयी तो बाद दूसरी ही निकलेगी यह किसी दूसरी ताकत की शरारत है और वोह किसी भी सूरत में कश्मीर के बयान पर हमला करने वाले नहीं हो सकते लेकिन एक विशेष व्यस्था के तहत कुछ लोगों द्वारा सुपारी देकर इन युवकों से यह काम करवाया गया लगता है निश्चित तोर पर इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के सुरक्षा गार्ड भी शामिल निकलेंगे क्योंकि सुप्रीमकोर्ट जहां बिना पास और जाँच के कोई परिंदा पर नहीं मार सकता वहां यह हादसा अगर सम्भव है तो फिर कोई भी आतंकवादी हमला इस चुक के कारण हो सकता है ,,खेर लोकतंत्र में अपनी बात कहना पीटना पिटाना यह कोई नई बात नहीं है ..देश के लाखों लोग महाराष्ट्र में क्षेत्रवाद के नाम पर रोज़ पिट रहे हैं ..दक्षिण में भाषा के नाम पर पिटाई हो रही है तो कश्मीर में आतंकवाद के नाम पर पिटाई हो रही है लेकिन इस सिस्टम में जो कुछ भी इस तरह से हो रहा है वोह ना काबिले बर्दाश्त इसलियें है के हमलों की राजनीति अगर चली तो बात दूर तलक जाएगी यह आतंकवाद पैदा करने की दिशा में एक पहला कदम है और इसे रोकना होगा जो लोग इस घटना में शामिल है उनकी पूरी तहकीकात के साथ उनके मोबाइल नम्बरों की कोल डिटेल निकलवाकर उस पर भी ग़ोर करना चाहिए ,सुप्रीमकोर्ट में यह लोग किसके पास से अन्दर घुसे यह भी एक जांच का विषय है दुःख यह नहीं के प्रशांत भूषण पिटे दुःख यह भी नहीं के हमलावर भाग गये और एक हमलावर भी पिता लेकिन यह नफरत और यह चालबाजिया जिसकी हैं उन चेहरों को अगर पुलिस तफ्तीश में उजागर नहीं किया तो फिर तो बस देश का बंटाधार ही है .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

उसका मंसूबा सफल न हो सका।

अटारी/लुधियाना। फेसबुक पर युवती के प्यार में पागल युवक साइकिल लेकर पाकिस्तान के लिए निकल पड़ा। हालांकि वह बीएसएफ के हत्थे चढ़ गया। यूपी के फरुखाबाद का इंजीनियरिंग का छात्र अरविंद कुमार फेसबुक के जरिए लाहौर की डॉ. जरीना को दिल दे बैठा।

जरीना ने उसे पाक आने का न्यौता दे डाला। इस पर अरविंद बिना पासपोर्ट और वीजा के सरहद पार करने के लिए अटारी पहुंच गया। उसने वहां से साइकिल खरीदी और सड़क मार्ग की बजाय पाक को जा रही रेल पटरी पर उसे दौड़ा दिया।

जैसे ही अरविंद जीरो प्वाइंट के गेट पर पहुंचा तो बीएसएफ जवानों ने उसे पकड़ लिया। उसने सोचा कि खुद को पाक नागरिक बताऊंगा तो जवान सरहद पार करने देंगे पर उसका मंसूबा सफल न हो सका।

विदेशों में 462 अरब डालर काला धन जमा है।


पटना.जन चेतना यात्रा पर निकले भाजपा के शीर्ष नेता ला कृष्ण आडवाणी ने अपनी यात्रा के दूसरे दिन पटना में संवादाताओं से बातचीत में कहा कि विदेशों में 462 अरब डालर काला धन जमा है।

इस पर कांग्रेस ने उनसे पूछा है कि उनकी इस जानकारी का स्रोत क्या है।

आडवाणी ने बुधवार को यहां संवादददाता सम्मेलन में कहा कि केन्द्र की कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने पिछले आम चुनाव के समय वादा किया था कि दोबारा सत्ता में आने पर पहले सौ दिन में विदेशों में जमा कालेधन को वापस लाने के लिए सरकार ठोस कदम उठाएगी। लेकिन अभी तक इस मामले में कुछ भी नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार श्वेत पत्न जारी करके यह बताए कि विदेशी बैंकों में देश का कितना कालाधन जमा है और इसे वापस लाने के लिए अब तक केन्द्र सरकार ने क्या-क्या कदम उठाए
है।

आडवाणी ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि केन्द्र सरकार को विदेशी बैंकों में काला धन जमा करने वालों के कुछ नाम बताए गए है। सरकार श्वेत पत्न के जरिए उन नामों का भी खुलासा करे।

उन्होंने कहा कि सरकार ने आयकर विभाग को ऐसे नामों की छानबीन करने का आदेश दिया है। लेकिन सरकार को चाहिए कि वह ऐसे लोगों को बचाने के बजाए उनका नाम सार्वजनिक करे।

आडवाणी ने कहा कि विदेशों में जमा काला धन या तो किसी भ्रष्ट राजनीतिज्ञ,अपराधी अथवा व्यापारी का है। ऐसे में यदि उनके नामों का खुलासा नहीं होता है तो लोगों को लगता है कि वे लोग किसी न किसी तरह से सरकार से जुड़े हुए है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल फाइनेंसियल इन्टीग्रीटी रिपोर्ट के अनुसार 1948 से 2008 के बीच भारत ने गैर कानूनी ढ़ंग से करीब 213 अरब डालर गंवाया है।

आडवाणी ने कहा कि वर्तमान में यह राशि करीब 462 अरब डालर है। उन्होंने कहा कि यह राशि भ्रष्टाचार,रिश्वत,कमीशन,आपराधिक गतिविधियों और कर चोरी के जरिए एकत्न की गई है।


उन्होंने कहा कि स्विस बैंक ने भी एक अनुमान में बताया है कि उसके यहां करीब 14 हजार अरब डालर जमा है और यह राशि रुस,ब्रिटेन और चीन से भी अधिक है और भारत सर्वोच्च स्थान पर है।

उन्होंने कहा यह राशि देश के पूरे कर्ज का तेरह गुणा अधिक है और उसमें हर साल लगातार वृद्धि ही हो रही है।

आडवाणी ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि जब केन्द्र में राष्ट्रीय जनतांत्निक गठबंधन (राजग) की सरकार थी उस समय स्विस कानून के अनुसार भारत सरकार उनके यहां जमा राशि के मामले में हस्तक्षेप नही कर सकती थी। लेकिन जब अमेरिका में आर्थिक स्थिति बिगड़ी तब स्विस बैंकों को जानकारी देने के लिए मजबूर किया गया।

संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी भ्रष्टाचार को लेकर प्रस्ताव पारित किया जिसके बाद जर्मनी,फ्रांस और अमेरिका अपनी संपत्ति वापस लाए।

उन्होंने कहा कि इसके बाद उन्होंने वर्ष 2009 में प्रधानमंत्नी को पत्न लिखकर विदेशों में जमा कालाधन को वापस लाने का आग्रह किया और कहा कि यदि कालेधन को वापस लाया जाता है तो इससे देश की कई समस्याओं का समाधान हो जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया।

आडवाणी ने कहा कि केन्द्रीय वित्त मंत्नी लगातार कहते आ रहे हैं कि वह इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी की अपेक्षा है कि सरकार इस मामले में देश को विश्वास में ले और वास्तविक स्थिति से देश की जनता को अवगत कराए।

भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने बुधवार को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 'जन चेतना यात्रा' को मजबूती दी है। उन्होंने सरकार से विदेशों में जमा काले धन पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है।



पटना में संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार, गरीबी और महंगाई पर केंद्र सरकार गम्भीर नहीं है। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश इन समस्याओं से जूझ रहा है परंतु सरकार इस पर गम्भीर नहीं है।

आडवाणी ने बिहार की प्रशंसा करते हुए कहा, "मुख्यमंत्री द्वारा इस यात्रा में भाग लेने के बाद इस यात्रा को मजबूती मिली है, जिसके लिए उन्हें मैं धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार यात्रा का स्वागत किया गया है, वह उत्साहित करता है।"

पूर्व उप प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले संसद सत्र में विदेशों में जमा काले धन के विषय पर केंद्र सरकार श्वेत पत्र जारी करे तथा उन व्यक्तियों के नाम सामने लाए जिन्होंने विदेशों में काला धन जमा कर रखा है।

भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए नाम के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह प्रश्न इस समय उचित नहीं हैं, फिर भी किसी भी पद के लिए नाम तय करना पार्टी का काम है और पार्टी ही तय करती है। उन्होंने कहा कि ऐसे भी अभी चुनाव नहीं है, लेकिन चिंता की बात यह है कि चुनाव कभी भी हो सकते हैं।


बुधवार को लालकृष्ण आडवाणी की 'जन चेतना यात्रा' बिहार के ऐतिहासिक और कुछ पौराणिक पृष्ठभूमि वाले स्थलों से गुजतरे हुए मंदिरों की नगरी काशी में प्रवेश करेगी।


पटना से निकलकर आडवाणी की यात्रा का पहला पड़ाव होगा आरा। स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले और 80 साल की उम्र में लाठियों से अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाले वीर कुंवर सिंह की जन्मस्थली जगदीशपुर आरा से महज 10 किलोमीटर के दायरे में है।

आडवाणी आरा के रमना मैदान में वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे और वहां एक विशाल जनसभा को सम्बोधित करेंगे। फिर उनका कारवां भोजपुर की माटी से गुजरते हुए ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व वाले स्थल बक्सर पहुंचेगा।
बक्सर का पौराणिक महत्व महर्षि विश्वामित्र के आश्रम की वजह से है, जहां भगवान राम ने ताड़का का वध किया था। यह स्थान 1764 की बक्सर की लड़ाई के ऐतिहासिक महत्व को भी रेखांकित करता है।
आडवाणी बक्सर के किला मैदान में जनसभा को सम्बोधित करेंगे। इसके बाद उनका काफिला चौंसा पहुंचेगा। ऐतिहासिक चौंसा के बाद कैमूर की पहाड़ियों से होते हुए आडवाणी की यात्रा उत्तर प्रदेश की पावन नगरी वाराणसी पहुंचेगी। वाराणसी आडवाणी की यात्रा के दूसरे दिन का आखरी पड़ाव होगा।
आडवाणी की यात्रा के सम्बंध में बताते हुए बिहार भाजपा के प्रवक्ता संजय मयूख ने कहा,"पटना से बनारस की यात्रा के बीच आडवाणी की चार जनसभाएं होंगी और कम से कम छह स्थानों पर उनका स्वागत किया जाएगा।"

टीम अन्ना के सदस्य प्रशांत भूषण पर उनके ही चैंबर में हमला



नई दिल्ली. टीम अन्ना के सदस्य प्रशांत भूषण पर आज एक युवक ने सुप्रीम कोर्ट के सामने मौजूद उनके चैंबर में ही हमला कर दिया। युवक ने प्रशांत भूषण की पिटाई कर दी। प्रशांत भूषण का दावा है कि उसने कश्मीर पर प्रशांत भूषण के विवादास्पद बयान के चलते उनकी पिटाई की। युवक खुद को श्रीराम सेना का सदस्य बता रहा है।

प्रशांत भूषण ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करा दी है। हमलावर युवक को पुलिस को सौंप दिया गया है। इसह हमले की टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी ने तीखी आलोचना की है। किरण बेदी ने कहा, 'प्रशांत भूषण समाज के लिए काफी कुछ कर रहे हैं। वे बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। ऐसे में उन पर हमला करना समझ से परे है। यह हमला बताता है कि हम एक व्यक्ति या समाज के तौर पर कितने असहिष्णु हो गए हैं।'

टीम अन्‍ना और सरकार में ठनी: अन्‍ना का अल्‍टीमेटम- लोकपाल नहीं बना तो फिर अनशन

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नई दिल्ली. केंद्र सरकार और टीम अन्ना के बीच जन लोकपाल को लेकर एक बार फिर ठन गई है। केंद्र सरकार जहां एक तरफ कह रही है कि लोकपाल को एक संवैधानिक संस्था बनाया जाएगा। वहीं, टीम अन्ना इसे लोकपाल कानून को ठंडे बस्ते में डालने वाला बता रही है। केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने एक बयान में कहा है कि सरकार लोकपाल को चुनाव आयोग से भी ज़्यादा मजबूत संस्था बनाना चाहती है।

खुर्शीद का कहना है कि सरकार की मंशा है कि लोकपाल एक संवैधानिक संस्था बने। हालांकि, बाद में इस बयान पर सफाई देते हुए खुर्शीद ने कहा, 'मैंने कहा था कि जो राहुल गांधी ने कहा था, वह हमारे लिए प्रेरणास्रोत है। हम उस रास्ते पर चलना चाहते हैं। लेकिन इसके आगे मैं इसकी बारीकियों में नहीं जाऊंगा। यह मामला स्थायी समिति के सामने है, ऐसे में कोई टिप्पणी करना सही नहीं है।'

राहुल गांधी ने संसद के मॉनसून सत्र में लोकपाल को महज कानूनी नहीं बल्कि संवैधानिक संस्था बनाए जाने की जरूरत पर जोर दिया था। खुर्शीद का कहना है कि सरकार इस बारे में विचार कर रही है। हालांकि, खुर्शीद के मुताबिक अभी ऐसा कोई औपचारिक प्रस्ताव कैबिनेट के सामने नहीं पेश किया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री नारायण सामी ने कहा है कि जन लोकपाल बिल संसद की स्थायी समिति के पास है। सामी ने बुधवार को कहा, 'हम एक प्रक्रिया पर काम कर रहे हैं। कानून मंत्री ने कहा है कि लोकपाल को संवैधानिक संस्था बनाया जा सकता है। निश्चित रूप से यह कई विकल्पों में से एक है। टीम अन्ना को शीतकालीन सत्र तक इंतजार करना चाहिए। सरकार एक मजबूत लोकपाल बिल चाहती है।'

लेकिन सरकार के लोकपाल को महज कानून की जगह एक संवैधानिक संस्था बनाए जाने के बयान को टीम अन्ना लोकपाल कानून को ठंडे बस्ते में डालने वाला कदम मान रही है। किरण के मुताबिक सरकार लोकपाल कानून में देरी करके लोगों को बरगलाना चाहती है। टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी ने ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि लोकपाल को संवैधानिक दर्जा देने की बात करना ठीक वैसा ही है, जैसे घोड़े के आगे गाड़ी खड़ी कर देना। उन्‍होंने कहा कि आखिर सरकार किसे बेवकूफ बनाना चाहती है। किरण बेदी का कहना है कि सरकार अगर गंभीर है तो पहले शीतकालीन सत्र में मजबूत लोकपाल कानून बनाए और फिर इसे संवैधानिक संस्था बनाने की बात कहे।

वहीं, टीम अन्ना के सदस्य प्रशांत भूषण ने बुधवार को कहा कि उनकी टीम सरकार के इस ऐलान का स्वागत करती है कि लोकपाल को संवैधानिक संस्था बनाया जाएगा। लेकिन साथ ही चेतावनी भी दी है कि टीम अन्ना मजबूत लोकपाल कानून के नियमों में किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेगी। भूषण के मुताबिक, 'चूंकि, कांग्रेस और यूपीए को एक्ट बनाना है, इसलिए उन्हें सुनिश्चित करना चाहिए कि एक्ट बन रहा है। संवैधानिक संस्था बनाने के चक्कर में कहीं लोकपाल कानून ही न अटक जाए।'

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