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17 अक्तूबर 2011

कोंग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव बुनकर और हस्तशिल्पियों के कल्याण और उत्थान के लियें संवेदनशील है

कोंग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव बुनकर और हस्तशिल्पियों के कल्याण और उत्थान के लियें संवेदनशील है और इसीलियें उन्होंने भूख और बेरोज़गारी से मर रहे बुनकर हस्तशिल्पियों को उत्साहित करने के लियें उन पर विभिन्न बेंकों के बकाया चोंतिस सो करोड़ रूपये माफ़ करने की केंद्र सरकार से घोषणा करवाई है साथ ही आगामी साल में इस वर्ग के लोगों के लियें स्वास्थ्य .अपना घरोंदा और भविष्य की पेंशन योजना के तहत कई महत्वपूर्ण योजनायें प्रस्तावित है .................कोटा में कल राष्ट्रीय बुनकर और हस्तिशिल्प फोरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद अकरम ने जब राहुल गाँधी के इस जज्बे और योजनाओं की जानकारी दी तो बुनकर समाज और सम्भागीय कार्यकारिणी में राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे गूंज गए .....मोहम्मद अकरम के साथ बुनकर संघ के प्रदेश महासचीव और जयपुर नगर निगम के सहवरित पार्षद जाकिर खान भी दोरे पर थे .....मोहम्मद अकरम ने बताया कि उत्तर प्रदेश में जब भूख से आत्महत्या कर रहे बुनकरों और हस्तशिल्पियों कि सुचना कोंग्रेस महासचिव और संसद राहुल गाँधी के पास पहुंची तो उन्होंने तुरंत बुनकर और हस्तशिल्पियों कि समस्या कारण और निवारण का अध्ययन करवाकर उनके लियें केवल उत्तर प्रदेश स्तर पर ही नहीं बल्कि राष्रीय स्तर पर पैकेज की घोषणा करवाई ..मोहम्मद अकरम ने कहा के राहुल गान्धी और सोनिया जी की संवेदन शीलता का ही नतीजा है के बुनकर और हस्तशिल्पियों के लियें आगामी वर्ष में पेंशन योजना , स्वास्थ्य योजना सहित उनके परिजनों के लियें कई कल्याणकारी योजनायें प्रस्तावित की गयी हैं और यह लाभ सभी बुनकर कार्ड धारकों को प्राप्त हो सकेगी उन्होंने सभी बुनकर भाइयों से शीघ्र ही कोंग्रेस के साथ जुड़ कर राहुल गाँधी के हाथ मजबूत करने का आह्वान करते हुए कहा के वोह अपनी समस्या बताएं उनके आवाज़ राहुल जी और सोनिया जी तक पहुंचाई जाएगी उनकी समस्याओं का अगर समाधान हो जाए तभी वोह उन पर विश्वास करें ,,,,मोहम्मद अकरम ने नोवंबर महीने में केन्द्रीय कपड़ा मत्री को कोटा बुलाने का आह्वान करते हुए कहा के शीघ्र ही कोटा में एक महासम्मेलन आयोजित किया आजायेगा उन्होंने कोटा के बुनकरों की व्यवस्था कथुन मांगरोल और झालावाड जाकर भी देखी उन्होंने कोटा की कथुन साड़ी जो विश्व स्तरीय प्रसिद्ध है उसे नकली व्यवसाय के कारण बर्बाद होने पर अफ़सोस जताते हुए कहा के इस ममाले में शीघ्र ही कोई उचित और ठोस कदम उठाकर कार्य योजना तय्यार की जायेगी ..अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोंग्रेस और उसके कार्यकर्ताओं को भी आम जनता के साथ खून के आंसू रुलाया हैं

मेरी प्रेमिका ने
एक बार फिर मुझ से
बेवफाई की है ॥
जो किया था उसने मुझ से वायदा
वोह वायदा उसने नहीं निभाया है
उसका यही गुण देख कर
मेने उसे
एक राजनितिक पार्टी से
सांसद बनने का टिकिट दिलाया है
दोस्तों लोकतंत्र और वोटर का टेस्ट तो आप जानते ही हैं
झूंठे वायदे करना और भूल जाना
मेरी प्रेमिका की इसी अदा पर तो
जनता ने उसे भारी मतों से जिताया है ॥
यही लोकतंत्र है
यहाँ मेरे है तो बत्तीस रूपये लेकिन
मेरे बच्चन का दुद्ध भी
उसमे नहीं आ पाया है
बस इसीलियें मेने उन्हें
वायदे की थपकियाँ देकर सुलाया है ............
यही लोकतंत्र है यहाँ भुखमरी
गरीबी, भ्रष्टाचार , अनाचार का
जो बोलबाला है
इसीलियें ऐ मनमोहन
तेरी इस सरकार ने
कोंग्रेस और उसके कार्यकर्ताओं को भी
आम जनता के साथ खून के आंसू रुलाया हैं ...................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

इनकी ज़िंदादिली देखकर आप भी कहेंगे,,,वाह !


इच्छाशक्ति के बलबूते इंसान किसी भी काम को अंजाम दे सकता है, फिर चाहे वो कितना ही लाचार क्यों न हो।

इंटरनेट यूजर द्वारा काफी अधिक संख्या में देखी जा रही ये तस्वीरें साबित करती हैं कि कुछ इंसान शारीरिक अक्षमता के कारण किसी के मोहताज नहीं होते। शारीरिक कमियों के बावज़ूद वे जीवन को ज़िदादिली से जीते हैं और दूसरों के लिए मिसाल बनते हैं।

हाथ न होने की बावजूद तस्वीरों में दिखाई दे रहा ये चीनी युवक बेहद निपुणता से साइकिल पंचर का काम कर रहा है।

ये तस्वीरें इनकी योग्यता साबित करने के लिए काफी हैं...


















हक मांगा तो दिखाई दबंगई, विरोध किया तो खंभे से

बीकानेर/जोधपुर. जूनागढ़ के पास चाय की दुकान पर चाय-नाश्ते के पैसे को लेकर हुए झगड़े के बाद दुकानदार और उसके दोस्तों ने एक महिला को टेलीफोन के खंभे से बांध दिया।

रानीबाजार इंडस्ट्रियल एरिया निवासी पूजा (22) ने पुलिस को बयान दिया कि इन लोगों ने उससे 1300 रुपए छीन लिए और टेलीफोन खंभे से बांधा। वहीं महिला पर आरोप है कि उसने झगड़े के दौरान दुकान में तोडफ़ोड़ की। पुलिस ने पहले तो महिला को छुड़ाया फिर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

सीवरेज टैंक में सफाई करने उतरे तीन की दम घुटने से मौत

कोटा.कोटा से करीब 40 किमी दूर गढ़ेपान स्थित सीएफसीएल फैक्ट्री के लेबर क्वार्टरों में बने सीवरेज टैंक की सफाई के दौरान दम घुटने से तीन सफाई कर्मियों की मौत हो गई। हादसा सोमवार सुबह 10 बजे के करीब हुआ। तीनों संविदा पर फैक्ट्री में कार्यरत थे।

पुलिस उपाधीक्षक संजय गुप्ता के अनुसार सफाई कर्मचारी खेड़ली निवासी सुरेश (40) पुत्र किशोर, प्रीतम (28) पुत्र बाबूलाल व पलायथा निवासी धनराज (30) सीवरेज टैंक को साफ करते समय संभवत: विषैली गैस से बेहोश हो गए।

उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां तीनों की मौत हो गई। पुलिस ने संदिग्ध मौत का मामला दर्ज कर पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए। हालांकि अभी पुलिस ने मौत का स्पष्ट कारण नहीं बताया है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मौत के कारणों का सही पता चलेगा। जबकि मौके पर जमा लोगों के अनुसार टैंक में विषैली गैस के कारण तीनों का दम घुटा है।

साथी कर्मचारी महेंद्र ने बताया कि सीवरेज टैंक 10 फीट चौड़ा व 12 फीट लंबा है। इसकी गहराई करीब 5 फीट है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सफाई करने के लिए पहले प्रीतम टैंक में उतरा था।

उसके नहीं निकलने पर कुछ देर बाद धनराज टैंक में उतरा। वह भी काफी देर तक नहीं लौटा तो सुरेश भी टैंक में उतर गया। तीनों नहीं निकले, तब अन्य लोगों ने संभाला। वे तब बेहोशी की हालत में थे। तत्काल उन्हें निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां तीनों को मृत घोषित कर दिया गया।

ठेकेदार सुशील द्वारा मृतकों के आश्रितों को प्रत्येक को 5-5 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है। जबकि उपखंड अधिकारी ने मुख्यमंत्री सहायता कोष से 20 हजार रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की।

कंपनी का लेना-देना नहीं

सीएफसीएल कंपनी के सीनियर मैनेजर दीपक फाटक ने बताया कि फैक्ट्री से दूर पाचड़ा गांव में ठेकेदार शंभू जोशी ने अपने स्तर पर श्रमिकों के रहने के लिए कुछ क्वार्टर बना रखे हैं। वहां पर ही टैंक की सफाई करते समय हादसा हुआ है। इसमें कंपनी का कुछ लेना देना नहीं है। वे फैक्ट्री में संविदा पर कार्यरत थे।

अपनी इज्जत को सरेआम उछाल रहा जवान, हमारी रक्षा क्या खाक होगी

छोटी सी बोलत में बंद शराब जिन्न से कम नहीं होती। जिस तरह जिन्न अपने करामात बोतल से बाहर आने पर दिखाता है उसी तरह शराब भी अपना रंग बोतल से निकलने पर ही दिखाती है। समाज में अपनी इज्जत और मर्यादा के लिए लाख जतन करने वाले जब इसके आगोश में आते हैं तो अपने ही हाथों अपनी इज्जत उछालने में भी उनको शर्म नहीं आती। आईए देखते हैं एक ऐसा ही वीडियो जिसमें पंजाब पुलिस का एक जवान शराब के नशे में टल्ली हो इधर-उधर झूम रहा है। इसे इस बात की भी फिर्क नहीं है कि वह वर्दी में है। आसपास के लोग भी इस नजारे का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं। लोग मजे ले भी क्यों न जब हमेशा रोब जमाने वाला सिपाही बावला हो तमाशा बना हो। वीडियो के बैकग्राउंड में बज रहा गाना इसे और मजेदार बना रहा है।

प्रधानमंत्री पर दया आती है : आडवाणी

नागपुर। भाजपा के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी ने सोमवार को सावनेर की आमसभा में कहा कि प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह पर दया आती है। उन्हें हर काम के लिए दस जनपथ की मंजूरी लेनी पड़ती है।


श्री आडवाणी ने कहा कि जब मैंने संसद में प्रधानमंत्री डा. सिंह को कमजोर प्रधानमंत्री कहा था तो देश में विवाद उठ गया था। नि:संदेह उन पर दया आती है। इसके बाद श्री आडवाणी संप्रग सरकार पर बिफर पड़े। उन्होंने कहा कि स्वराज्य (आजादी) तो मिल गई, लेकिन सुशासन नहीं मिला। जनचेतना यात्रा का मकसद सुशासन व स्वच्छ राजनीति है। काले धन को वापस लाना है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने सौ दिनों में काले धन के मुद्दे पर फैसला लेने का वादा किया था, लेकिन दो वर्ष बीतने के बावजूद विदेश से काला धन वापस लाने के मुद्दे पर सरकार की भूमिका स्पष्ट नहीं हुई, जबकि भाजपा विदेशों में जमा काला धन वापस लाने के लिए कटिबद्ध है। काला धन वापस आया तो देश से गरीबी दूर होगी और 6 लाख गांवों का विकास होगा। देश में संसधनों की कमी नहीं रहेगी। उन्होंने नारा दिया कि भ्रष्टाचार मिटाना है, काले धन को वापस लाना है, नया भारत बनाना है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के ताकतवर मंत्री प्रणब मुखर्जी व चिदंबरम के बीच झगड़े चल रहे हैं तथा सूचना के अधिकार के कानून के तहत कई घोटाले बाहर आ रहे हैं। इन घोटालों की जद में उन्होंने सरकार की मंशा पर संदेह जताया और कहा कि इसमें भी काट-छांट के प्रयास जारी हैं।

दादा जी ने दिखाया दमः 100 की उम्र में पूरी की 42 किमी की दौड़

होशियारपुर. अगर अंदर कुछ करने का जुनून हो तो उम्र कोई मायने ही नहीं रखती। लंदन के एलफोर्ड में रहने वाले 100 वर्षीय फौजा सिंह ने 42 किमी की टोरंटो मैराथन 8 घंटे, 26 मिनट और 30 सेकंड में पूरी कर इसे साबित कर दिया।

उन्होंने यह दौड़ भारतीय समयानुसार सोमवार तड़के 2 बजे पूरी कर अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल करा लिया। फौजा सिंह जालंधर के गांव ब्यासपिंड के मूल निवासी हैं। उनके कोच व अनुवादक हरमंदर सिंह ने दैनिक भास्कर को बताया कि फौजा सिंह की तमन्ना है कि वह 2012 में एडिनबर्ग (इंग्लैंड) मैराथन में शामिल हों।

अब तक आठ अंतरराष्ट्रीय मैराथन

वह अब तक 5 मैराथन दौड़ लंदन में, 2 टोरंटो व 1 न्यूयार्क में दौड़ चुके हैं। 2003 में फौजा सिंह सुर्खियों मे आए थे। उस समय उन्होंने लंदन मैराथन में 92 साल की उम्र में 42 किलोमीटर की दूरी 5 घंटा 40 मिनट 1 सेकंड में पूरी की थी।

बीच सड़क पर महिला पर बरपी सिपाही की हैवानियत

गंगापुर भीलवाड़ा/कोटा.पोटला चौकी के सिपाही राजेश आचरय ने सोमवार शाम पोटला बस स्टैंड पर महिला गोपी को बीच सड़क पर लात-घूसों से पीट दिया। महिला का कसूर इतना ही था कि वह भरण-पोषण के मामले में पति राधेश्याम से बात करने गई, जहां पति से उसकी बोलचाल हो गई थी।

सिपाही की करतूत से गुस्साए लोगों ने भीलवाड़ा-उदयपुर हाइवे जाम कर प्रदर्शन किया। आरोपी सिपाही सहित तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर दो को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।

जानकारी के अनुसार, पोटला निवासी गोपी व उसके पति राधेश्याम जीनगर के बीच भरण-पोषण को लेकर विवाद चल रहा था। सोमवार को गोपी, बस स्टैंड स्थित पति की दुकान पर गई, जहां उसकी पति से बोलचाल हो गई। राधेश्याम ने टेलीफोन कर पोटला चौकी से अपने परिचित सिपाही राजेश आचार्य को बुलवा लिया

सिपाही वहां पहुंचा और गोपी के बेटे पिंटू को खींचकर ले जाने लगा। गोपी ने विरोध कर पिंटू को छुड़ा लिया। इससे बिफरे सिपाही ने गोपी पर लात-घूसों से हमला कर दिया। महिला सड़क पर गिर गई। इसके बाद भी सिपाही उसे पीटता रहा। यह देख पब्लिक का गुस्सा फूट पड़ा।

लोगों ने सिपाही के निलंबन और खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर भीलवाड़ा-उदयपुर हाइवे पर जाम लगा दिया। सूचना पर चौकी इंचार्ज व गंगापुर पुलिस मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाकर शांत करवा दिया।

पुलिस ने गोपी की रिपोर्ट पर पति राधेश्याम, बेटे कैलाश व सिपाही के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। पुलिस ने आरोपी पिता-पुत्र को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। उधर, झगड़े के दौरान राधेश्याम की बाइक भी क्षतिग्रस्त हो गई।

देश के बुनकर और हस्तशिल्पियों के कल्याण और उत्थान के लियें कोंग्रेस के महासचिव राहुल गाँधी गंभीर हैं और उन्होंने उत्तर प्रदेश में बुनकरों द्वारा आर्थिक आभाव में आत्महत्या का सच जानकर बुनकरों के लियें कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की है और भविष्य के लियें भी कई

देव उठने के बाद भी 10 दिन तक करना होगा फेरों का इंतजार

कोटा.दीपावली के बाद ग्यारस पर देव तो उठ जाएंगे, लेकिन विवाह के मुहूर्त के लिए लोगों को 10 दिन और इंतजार करना होगा। विवाह मुहूर्त में इस बार सूर्य बाधा बन रहा है।

ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य 16 नवंबर तक तुला राशि में नीच का रहेगा। इसके अगले दिन सूर्य के वृश्चिक राशि में प्रवेश करने के साथ ही विवाह मुहूर्त शुरू होंगे। विवाह का अबूझ सावों देवउठनी ग्यारस 6 नवंबर है।

आचार्य भूपेंद्र शास्त्री के अनुसार इस दिन विवाह के लिए अबूझ मुहूर्त रहता है। ग्यारस शाम 3 बजकर 48 मिनट तक रहने के कारण विवाह कम संख्या में होंगे। करीब एक महीने तक शादियों की धूम रहने के बाद फिर एक महीने के लिए शहनाई की गूंज थम जाएगी।

विवाह के मुहूर्त

>17 नवंबर से 15 दिसंबर तक

>15 जनवरी से 28 फरवरी तक

>8 मार्च से 14 मार्च तक

अबूझ सावे के मुहूर्त

>देव उठनी ग्यारस - 6 नवंबर

>बसंत पंचमी - 28 जनवरी

>फुलरिया दूज - 23 फरवरी

>अक्षय तृतीय - 24 अप्रैल

गृहस्थ जीवन के लिए त्रिबल आधार

विवाह मुहूर्त में वर व कन्या के गृहस्थ जीवन में सुखों की कामना के लिए चंद्र, सूर्य, गुरु बल को आधार माना जाता है। इसे त्रिबल विवाह शुभ मुहूर्त कहते हैं। इनमें एक ग्रह के कमजोर होने की अवस्था में विवाह मुहूर्त खंडित कहा जाता है। देवउठनी ग्यारस के बाद 16 नवंबर की रात्रि को 11 बजकर 10 मिनट में सूर्य के वृश्चिक राशि में प्रवेश करते ही त्रिबल विवाह मुहूर्त शुभ माना जाएगा।

मलमास में रहेगीशादियों पर रोक

16 दिसंबर से 14 जनवरी तक मलमास रहेगा। इस अवधि में विवाह आयोजनों पर पूरी तरह से रोक रहेगी। मकर संक्रांति के बाद 15 जनवरी से विवाह शुरू होंगे, जो 28 फरवरी को होलाष्टक शुरू होने तक जारी रहेंगे। होलाष्टक 8 मार्च को समाप्त होगा। इसके बाद विवाह मुहूर्त केवल 14 मार्च तक ही रहेंगे, फिर अक्षय तृतीया से विवाह मुहूर्त शुरू होंगे।

इन आंकड़ों से जानें कि कलियुग के अंत में कितने साल हैं बाकी..!


जब-जब धर्म की हानि होती है ईश्वर अवतार लेकर अधर्म का अंत करते हैं। इस बात से सत्य और अच्छे कर्मों को अपनाने के सूत्र के साथ पौराणिक मान्यताओं में अलग-अलग युगों में जगत को दु:ख और भय से मुक्त करने वाले ईश्वर के अनेक अवतारों के प्रसंग बताए गए हैं। शास्त्रों की इन बातों में युग के बदलाव के साथ प्राणियों के कर्म, विचार व व्यवहार में अधर्म और पापकर्मों के बढऩे के भी संकेत दिए गए हैं।

इसी कड़ी में सतयुग, त्रेता, द्वापर के बाद बताया गया है कि कलियुग में अधर्म का ज्यादा बोलबाला होगा। जिसके अंत के लिए भगवान विष्णु का कल्कि रूप में दसवां अवतार होगा। रामचरित मानस में भी कलियुग में फैलने वाले अधर्म का वर्णन मिलता है।

आज के दौर में भी व्यावहारिक जीवन में आचरण, विचार और वचनों में दिखाई दे रहे सत्य, संवेदना, दया या परोपकार जैसे भावों के अभाव से आहत मन अनेक अवसरों पर कलियुग के अंत और कल्कि अवतार से जुड़ी जिज्ञासा को और बढ़ाता है।

हिन्दू धर्मग्रंथ भविष्य पुराण में अलग-अलग युगों की गणना व अवधि बताई गई है। इस आधार पर जानते हैं कलियुग की अवधि कितनी लंबी या शेष है?

पुराण के मुताबिक मानव का एक वर्ष देवताओं के एक अहोरात्र, यानी दिन-रात के बराबर है। जिसमें उत्तरायण दिन व दक्षिणायन रात मानी जाती है। दरअसल, एक सूर्य संक्रान्ति से दूसरी सूर्य संक्रान्ति की अवधि सौर मास कहलाती है। मानव गणना के ऐसे 12 सौर मासों का 1 सौर वर्ष ही देवताओं का एक अहोरात्र होता है। ऐसे ही 30 अहोरात्र देवताओं के एक माह और 12 मास एक दिव्य वर्ष कहलाता है।

देवताओं के इन दिव्य वर्षो के आधार पर चार युगों की मानव सौर वर्षों में अवधि इस तरह है -

सतयुग 4800 (दिव्य वर्ष) 17,28,000 (सौर वर्ष)

त्रेतायुग 3600 (दिव्य वर्ष) 12,96,100 (सौर वर्ष)

द्वापरयुग 2400 (दिव्य वर्ष) 8,64,000 (सौर वर्ष)

कलियुग 1200 (दिव्य वर्ष) 4,32,000 (सौर वर्ष)

इस तरह सभी दिव्य वर्ष मिलाकर 12000 दिव्य वर्ष देवताओं का एक युग या महायुग कहलाता है, जो चार युगों के सौर वर्षों के योग 43,200,000 वर्षों के बराबर होता है।

करवा चौथ की रात-प्यार में लगी आग और बर्दाश्त न कर सका वो

बठिंडा.प्रेमिका की बेवफाई से परेशान एक युवक ने करवा चौथ की रात को वाटर वर्क्‍स की डिग्गी में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। युवक का शव रविवार सुबह एनडीआरएफ के जवानों ने निकाला। सदर पुलिस ने प्रेमिका सहित तीन लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने तीनों आरोपियों को देर शाम गिरफ्तार कर लिया है।

जानकारी के मुताबिक गांव नरुआना के 19 वर्षीय युवक गुरजिंद्र सिंह के अपने ही गांव की राजवीर कौर के साथ प्रेम संबंध थे। लेकिन पिछले कुछ समय से उसे राजवीर के किसी अन्य युवक के साथ संबंध होने का शक था। शनिवार शाम लगभग 8 बजे गुरजिंदर ने राजवीर से मोबाइल पर बात की। इस दौरान दोनों में झगड़ा भी हुआ। रात लगभग 9 बजे गुरजिंदर घर से बाहर गया तो उसकी मुलाकात कुलदीप सिंह व बलजीत सिंह से हुई।

कुलदीप सिंह आरोपी राजवीर कौर (प्रेमिका) का रिश्तेदार है और वहीं बलजीत सिंह कुलदीप सिंह का सहपाठी है। दोनों ने राजवीर को लेकर गुरजिंदर सिंह को खूब खरी-खोटी सुनाई। उनकी बातों से तंग आकर गुरजिंदर ने वाटर वर्क्‍स की डिग्गी में छलांग लगा दी। सूचना मिलने पर नौजवान वेलफेयर सोसायटी की टीम, थाना सदर के एसएचओ इंस्पेक्टर गुरजीत सिंह रोमाणा मौके पर पहुंचे। काफी कोशिशों के बावजूद शव को खोजा न जा सका। सुबह शव को डिग्गी से बाहर निकाला।

जज दंपती की अनोखी शादीः न पंडित न पाठी, बन गए जीवन साथी

फगवाड़ा. फगवाड़ा के रिसोर्ट में जज दंपती ने अनोखे ढंग से शादी की। नवविवाहित दंपती ने उपस्थित मेहमानों की हाजिरी में एक दूसरे को जीवन साथी स्वीकार किया तथा समाज की बुराइयों को कम करने में अपना योगदान देने की शपथ ली और पति पत्नी बन गए।

इस शादी में न तो फेरे हुए और न ही आनंद कारज करवाए गए। फगवाड़ा के वकील तथा साहित्यकार डा.एसएल विरदी ने अपने बेटे की शादी में समाज के लिए नई मिसाल पेश की। विरदी के बेटे मानव, जो हाल ही में जज के पद के लिए चयनित हुए हैं, की शादी जिला एवं सैशन जज लुधियाना एसपी बंगड़ की जज चयनित हुई बेटी डेजी के साथ सम्पन्न हुई।

समाज में प्रचलित प्रथा से हटते हुए विरदी ने अपने बेटे की शादी के लिए भेजे निमंत्रण पत्र के साथ न कोई डिब्बा न मिठाई भेजी। साथ ही निमंत्रण पर लिख दिया कि किसी प्रकार का शगुन या गिफ्ट न दिया जाए और उन्होंने अपने कथन को पूरा भी किया। विरदी परिवार ने अपने सगे संबंधियों व रिश्तेदारांे से भी शगुन के रूप में कोई भेंट स्वीकार नहीं की।

मानव तथा डेजी विवाह से पूर्व स्टेज पर आए तथा दोनों ने तीन-तीन प्रतिज्ञाएं ली। पहले मानव ने उपस्थित मेहमानों को गवाह मानते हुए डेजी को अपना जीवन साथी स्वीकार किया। साथ ही उसने अपनी जीवन साथी के माता-पिता व अन्य रिश्तेदारों का जीवन भर सम्मान करने की शपथ ली। तीसरी प्रतिज्ञा में उसने समाज में बढ़ रही हिंसा, खींचतान, दिखावा, फरेब तथा आपसी नफरत जैसी बुराइयों को कम करने में अपना योगदान देने की शपथ ली।

इसी प्रकार डेजी ने मानव को अपना जीवन साथी स्वीकार करते हुए यही तीन प्रतिज्ञाएं लीं और विवाह सम्पन्न हो गया। इस बारे में बात करने पर दूल्हे मानव ने कहा कि उनके माता-पिता महात्मा बुद्ध के अनुयायी हैं। इस लिए उन्होंने शादी भी बौध धर्म के अनुसार ही की है। डेजी का कहना था कि उनकी शादी बहुत शालीन व सादे ढंग से हुई है और वे इससे बहुत खुश हैं। डा. विरदी ने कहा कि वे चाहते थे कि शादी बेहद सादे ढंग से हो। दोनों परिवारों ने इस पर विचार किया तो यह सहमति बनी शादी बुद्ध रीति रिवाजों के अनुसार की जाएगी, तो ठीक वैसे ही किया गया।

लोगों का गुस्सा देख एडीशनल एसएचओ गाड़ी छोड़कर भागा

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गुरदासपुर. थाना सदर में स्थित पुलिस कॉलोनी में एक हेड कांस्टेबल के घर में हुई चोरी की जांच के लिए पहुंचे एडिशनल एसएचओ को लोगों के गुस्से को देख अपनी गाड़ी छोड़कर भागना पड़ा। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि एडिशनल एसएचओ नशे की हालत में था। बात बढ़ने पर कॉलोनी निवासी एकत्रित हो गए, जिन्हें देख एडिशनल एसएचओ को अपनी गाड़ी वहीं छोड़ भागना पड़ा। खुद डीआईजी ने मामले में हस्तक्षेप कर एसएसपी द्वारा मामले की जांच डीएसपी कंट्रोल रूम को सौंप दी है।

हेड कांस्टेबल रछपाल सिंह व उसकी पत्नी कुलवंत कौर ने बताया कि वह थाना सदर में स्थित पुलिस कॉलोनी के क्र्वाटर नंबर 10-बी में रहते हैं। 14-15 अक्तूबर की रात वह किसी रिश्तेदार के पास धारीवाल के गांव सहारी में गए हुए थे। जब वह घर पहुंचे तो क्र्वाटर के बाहरी हिस्से में स्थित शौचालय की खिड़की टूटी हुई थी।

छानबीन की तो 40 हजार रुपए व दो तोले सोने का कड़ा, दो बालियों के जोड़े, एक अंगूठी सहित करीब 14-15 तोले सोना गायब था। सूचना देने पर पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। बाद में प्राइवेट गाड़ी में पहुंचे थाना सिटी के एडिशनल एसएचओ हरजीत सिंह नशे की हालत में उनसे र्दुव्‍यवहार करने लगे।

मोदी के आगे झुके बिना जेल से बाहर आए संजीव, कहा मुख्यमंत्री अपराधी हैं

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अहमदाबाद. सस्पेंड चल रहे आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट ने सोमवार को सेशंस कोर्ट से जमानत मिलने के बाद सीधे नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। साबरमती जेल से बाहर आने के बाद एक निजी चैनल से बातचीत में संजीव ने कहा कि भले ही नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हों, लेकिन जहां तक 2002 के दंगों की बात है, तो वे एक अपराधी हैं। संजीव भट्ट ने कहा कि मोदी के खिलाफ कई सुबूत हैं और समय के साथ वे सामने आते रहेंगे। भट्ट की जमानत को गुजरात सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

साबरमती जेल से बाहर आने के बाद संजीव भट्ट ने अदालत के फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि प्रदेश में कानून का राज का कायम है। उन्होंने कहा, 'यह न्यायपालिका की जीत है।' जेल में गुजरे वक्त पर पूछे गए गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'जेल में समय अच्छा बीता। मेरा संकल्प और मजबूत हुआ है। मेरा समर्थन करने वाले सभी लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं।' वहीं, उनकी पत्नी श्वेता भट्ट ने रिहाई पर खुशी जताते हुए समर्थकों का शुक्रिया अदा किया है। संजीव की रिहाई पर कांग्रेस की गुजरात ईकाई के अध्यक्ष अर्जुन मोडवाडिया ने कहा कि यह शर्मनाक है कि भट्ट को १८ दिन जेल में रहना पड़ा।

गुजरात के पूर्व एडीजीपी आर. बी. श्रीकुमार ने संजीव को भट्ट को गलत तरीके से फंसाया गया है। श्रीकुमार ने कहा कि कोर्ट के फैसले से गुजरात में इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे लोगों का उत्साह बढ़ेगा। सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने भी संजीव को जमानत मिलने पर खुशी जताई है। दूसरी तरफ, गुजरात सरकार ने भट्ट को रिमांड पर लेने की याचिका भी दर्ज की है, जिसकी सुनवाई आगामी 30 नवंबर को होनी है।

भट्ट को 30 सितंबर को गुजरात की घाटलोडिया पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस ने भट्ट को सरकारी कर्मचारी को धमकाने, गलत सुबूत पेश करने तथा अवैध रूप से उन्हें कैद में रखने के (भारतीय दंड संहिता की धारा 341, 342 व 195) आरोपों के तहत गिरफ्तार किया था।
संजीव को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में साबरमती जेल भेजा था।

पुलिस कर्मी के.डी.पंत ने भट्ट पर आरोप लगाया था कि भट्ट ने उन्हें धमकी देते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मुख्यमंत्री निवास पर 27 फरवरी 2002 को बुलाई गई बैठक में उपस्थिति को लेकर जबरन शपथपत्र तैयार करवाया था। पंत ने यह शिकायत गत जून महीने में दर्ज कराई थी। पंज गुजरात दंगों के दौरान राज्य खुफिया विभाग (एसआईबी) में पुलिस उपायुक्त के तौर पर कार्यरत भट्ट के अधीनस्थ कर्मचारी थे।

देश के करोड़ों रिश्वत के रूपये खाने वाले नेता पकड़े जाने के बाद बीमार होकर अस्पताल में क्यूँ भर्ती हो जाते हैं

दोस्तों अन्ना की भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के पहले और बाद में एक बात जो कोमन सामने है वोह यह है के किसी भी पार्टी का कोई भी नेता हो जब कुर्सी पर होता है जनता का ही खाता है जनता पर ही गुर्राता है सरकारी खर्च से मजे करता है और फिर करोड़ों लाखों अरबों रूपये जनता के चाटने के बाद गलती से अगर पकड़ा जाता है और उसकी सारी सिफारिशें खत्म होने के बाद वोह पकड़ा जाता है और फिर जेल में जाता है तो बस उसके सीने में दर्द होता है और तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती करा दिया जाता है दोस्तों इस देश में एक नहीं सेकड़ों ऐसे नेता हैं जो पकड़े जाते हैं और जेल जाने के डर से किसी भी बीमारी का बहाना बनाकर जेल के बदले अस्पताल में वी आई पी सुविधाएं प्राप्त करते हैं तो बताओ दोस्तों आखिर नेताओं और उद्ध्योग्पतियों को आखिर ऐसा क्या होता है के वोह खाओ पीओ मोज करो के वक्त तो स्वस्थ रहते है और फिर पकड़े जाने पर बीमार होकर जनता के रूपये से ही अस्पतालों में इलाज कराने के नाम पर मजे कर वी आई पी बन जाते है बताओगे प्लीज़ ............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मास्टरों को उल्टा लटकाने के बयान पर भड़के शिक्षक संगठन

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शिक्षा मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने उदयपुर में विद्यार्थी सेवा केंद्र के उद्घाटन पर दिया था बयान


जयपुर। विद्यार्थी सेवा केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर रविवार को दिए गए शिक्षामंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल के बयान पर शिक्षक संगठन भड़क गए हैं। मास्टर ने अपने बयान में काम नहीं करने पर मास्टरों को उल्टा लटकाने की चेतावनी दी थी। बयान के बाद शिक्षक संगठनों ने शिक्षामंत्री को पद से हटाने की मांग की है।


राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन शर्मा ने कहा कि शिक्षामंत्री को अपनी जबान पर लगाम लगानी चाहिए। आए दिन शिक्षकों को लेकर दिए जाने वाले बयान न केवल शिक्षा विभाग की छवि को धूमिल कर रहे हैं, बल्कि सरकार को भी कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। अखिल राजस्थान विद्यालय शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री श्रीलाल मीणा ने कहा कि जिस प्रकार महिपाल मदेरणा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया गया है, उसी प्रकार शिक्षामंत्री भंवरलाल को भी बर्खास्त कर देना चाहिए।

भंवरी देवी प्रकरण: हाईकोर्ट ने फिर कहा सरकार मुक्त नहीं हो सकती जिम्मेदारी से


सीबीआई को केस ट्रांसफर होने के बावजूद सरकार की जिम्मेदारी नहीं हो सकती खत्म, कोर्ट में पेश करनी होगी प्रगति रिपोर्ट

जोधपुर।
राजस्थान हाईकोर्ट ने लापता भंवरी के मामले की सुनवाई के दौरान सोमवार को एक बार फिर से कहा सरकार सीबीआई को मामला ट्रांसफर कर देने के बावजूद अपनी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सकती। इस दौरान सरकार की ओर से पेश हुए निजी अधिवक्ता ने कहा मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि मामला सीबीआई के पास ट्रांसफर किए जाने के बावजूद सरकार को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। साथ ही पूरे मामले की प्रगति रिपोर्ट हर सुनवाई में पेश करनी होगी। यह आदेश वरिष्ठ न्यायाधीश गोविंद माथुर व न्यायाधीश एनके जैन द्वितीय की खंडपीठ ने भंवरी के पति अमरचंद की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई में दिए।
मामले की सुनवाई शुरू होते ही अतिरिक्त महाअधिवक्ता आनंद पुरोहित की जगह पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मगराज सिंघवी ने खंडपीठ से कहा कि यह मामला जारी रखने योग्य नहीं है। तब खंडपीठ ने उनसे कहा कि सरकार यह कैसे कह सकती है? इस पर सिंघवी ने कहा कि मामला सीबीआई को सौंपा जा चुका है तथा सीबीआई एक ऑटोनोमस बॉडी है, वह अपनी मर्जी से जांच करने को स्वतंत्र है। इस पर अदालत ने कहा कि यह सही है कि सीबीआई ऑटोनोमस बॉडी है लेकिन उसे राज्य सरकार ने जांच के लिए बुलाया है इस लिए सरकार उसे पूछ कर प्रगति रिपोर्ट पेश करे।
अदालत में फोटो पेश किए
सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी ने एक राजनीतिक दल की ओर से चौराहों पर लगाए गए होर्डिंग के फोटो पेश कर शिकायत की कि इन में अदालत के नाम से ऐसी टिप्पणियां लिखी हुई है जो अदालत ने कभी नहीं की। इस पर खंडपीठ ने कहा कि यदि ऐसा है तो इसकी भी जांच की जाएगी, लेकिन अभी तो सरकार पहले डेढ़ महीने से गायब महिला को ढूंढ कर पेश करें।

मरने' के 17 साल बाद तक जिंदा रहा था तानाशाह हिटलर

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लंदन. एक नए शोध में खुलासा हुआ है कि जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर ने द्वितीय विश्वयुद्ध के अंतिम दिनों में बर्लिन में आत्महत्या नहीं की थी बल्कि वह लातिन अमेरिकी देश अर्जेटिना पलायन कर गया था जहां युद्ध के कई वर्ष बाद उसकी मौत हुई।

ब्रिटिश पत्नकार गेर्राड विलियम्स और सिमोन डंस्टन ने हाल ही में प्रकाशित अपनी पुस्तक ग्रे वुल्फ् द एस्केप ऑफ एडोल्फ हिटलर में बताया है कि इस बात के बहुत से प्रमाण मौजूद है कि हिटलर की मौत द्वितीय विश्वयुद्ध के 17 वर्ष बाद अर्जेटीना में 62 वर्ष की अवस्था में हुई। यहीं पर हिटलर ने अपनी दोनों पुत्नियों का पालन-पोषण किया था।

इस नये शोध ने अब तक के इतिहासकारों के उस कथन को झुठला दिया है जिसमें वे मानते आये थे कि द्वितीय विश्वयुद्ध के अंतिम दिनों में जब सोवियत संघ की लाल सेना धीरे-धीरे करके बर्लिन पर अपना शिकंजा कसती जा रही थी तो हिटलर ने अपने भूमिगत बंकर के अंदर अपनी प्रेमिका ईवा ब्राउन के साथ आत्महत्या कर ली थी।

विलियम्स ने कहा है कि रूसियों द्वारा अक्सर हिटलर की खोपडी के उनके कब्जे में होने के संबंध में किया जाने वाला दावा भी झूठा है क्योंकि उनके पास असलियत में जो खोपडी है वह एक महिला की है।

विलियम्स ने बताया कि हिटलर और ईवा की मौत की पुष्टि करने वाले कोई भी प्रामाणिक फ्रोंसिक सबूत मौजूद नहीं हैं हालांकि बहुत से प्रत्यक्षदर्शियों ने उन्हें अर्जेटिना में देखे जाने का दावा किया है। इस पुस्तक में बताया गया है कि हिटलर और ईवा द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति से एक महीने पहले अप्रैल 1945 में चुपचाप अर्जेटिना पलायन कर गये थे जहां उस समय फासीवादी सरकार थी।

विश्लेषकों का कहना है कि इस शोध के सामने आने के बाद दुनिया भर में तहलका मच जायेगा क्योंकि इसे अमेरिका की कुख्यात खुफिया एजेंसी सीआईए की विफलता से जोडकर देखा जायेगा कि हिटलर उनके देश के इतने नजदीक 17 वर्षो तक छिपा रहा और उन्हें इसकी भनक तक नहीं लगी।

यदि आपको ऐसे समय पर चूहा दिख जाए तो समझ लें कि...



भारतीय संस्कृति और परंपराएं अति प्राचीन बताई गई हैं। सभी परंपराएं किसी खास उद्देश्य के साथ हमारे धर्म से जोड़ी गई हैं। कुछ रीति-रिवाज, शकुन-अपशकुन से संबंधित हैं। सभी के घरों के आसपास सामान्यत: चूहा अक्सर दिखाई देता है। चूहा वैसे तो सामान्य जीव है लेकिन इसके दिखाई देने के समय के अनुसार भी भविष्य में होने वाली घटनाओं की जानकारी प्राप्त हो जाती है। चूहे का भी शकुन और अपशकुन से गहरा संबंध है।

क्या हैं शकुन और अपशकुन?

शास्त्रों के अनुसार किसी भी कार्य की शुरूआत करने से पूर्व कुछ छोटी-छोटी सामान्य या असामान्य सी घटनाएं होती हैं। इन घटनाओं का भविष्य से गहरा संबंध बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि इन घटनाओं का अध्ययन करने पर आने वाले कल में होने वाली शुभ-अशुभ बातों का पता लगाया जा सकता है। भविष्य की इशारा करने वाली इन छोटी-छोटी घटनाओं को ही शकुन या अपशकुन कहते हैं।

यदि आप किसी खास कार्य के लिए घर से निकल रहे हैं और ठीक उसी समय आपके सामने से चूहा निकल जाए, चूहा आपका रास्ता काट दे तो इसे शुभ संकेत नहीं समझा जाता है। चूहा अंधेरे में रहने वाला जीव है इसी वजह से इसे अंधेरे का प्रतीक समझा जाता है। अंधेरे में नकारात्मक ऊर्जा अधिक सक्रिय रहती है। किसी कार्य के लिए निकलते समय अंधेरे के प्रतीक चूहे का दिखना यही संकेत देता है कि कार्य में बाधाएं आ सकती हैं। अत: घर से निकलने से पूर्व पानी पीएं और मीठा दही खाकर ही निकलें। इसके साथ ही अपने इष्टदेव का स्मरण करें। इससे बुरा समय टल जाएगा। कार्य करते समय पूरी सावधानी रखें।

अचानक फट गया जेब में रखा मोबाइल और लग गई पेंट में आग

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कोटा.गुमानपुरा में रविवार शाम एक युवक की पेंट की जेब में मोबाइल फट गया। जांघ व अंगुलियां झुलस गई। बारां निवासी नरेंद्र प्रजापत (26) ने बताया कि वह बारां में ही मोबाइल रिपेयर का कार्य करता है। एक ग्राहक ने एलजी कंपनी का मोबाइल सेट बैटरी डलवाने के लिए दिया था।

बैटरी फूल रही थी। रविवार शाम करीब साढ़े पांच बजे वह अपने दोस्त सोनू धाकड़ के साथ बाइक से गुमानपुरा मोबाइल शॉप पर बैटरी लेने पहुंचा। बाइक से उतरते ही पेंट की जेब में रखे मोबाइल सेट से विस्फोट हुआ। कुछ ही देर में पेंट ने आग पकड़ ली, तुरंत पेंट उतार फेंकी। जांघ व हाथ की अंगुली की त्वचा बचाव के दौरान झुलस गई।

ये ख़बर पढ़ने के बाद बेवफाई करने की सोचेंगे भी नहीं पति !

ताइवान में पति की बेवफाई से परेशान हो चुकी एक महिला ने अपने पति के गुप्तांग कों कैंची से काट डाला और कटे हुआ अंग को नदी में फेंक दिया। ताइवान पुलिस के अनुसार महिला अपने पति के दूसरी महिला से संबंधों को लेकर परेशान थी और उसका बदला लेना चाहती थी।

30 वर्षीय इस वियतनामी महिला का पहचान पैन के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार तेनान में अपने पति के साथ रहने वाली पैन ने पति के लिंग को कैंची से उस वक़्त काट डाला, जब वह वह नशीले पदार्थ खाकर सो रहा था।

इस कुकृत्य के बाद महिला ने अपने पति के कटे हुए गप्तांग को नदी में फेंक दिया। फिलहाल पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया है।

सीबीआई के सामने पेश नहीं हो पाएंगे 'बीमार' मदेरणा




जयपुर. जोधपुर की नर्स भंवरी देवी अपहरण मामले में राजस्थान हाई कोर्ट की ओर से सख्त रवैया अपनाए जाने के बाद जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा को मंत्रिमंडल से हटा दिया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आग्रह पर राज्यपाल शिवराज वी. पाटिल ने रविवार को मदेरणा को हटाए जाने के फैसले पर मुहर लगा दी। इस बीच, मामले की जांच कर रही सीबीआई ने आज पूर्व मंत्री मदेरणा को जोधपुर में पूछताछ के लिए बुलाया है, लेकिन मदेरणा का कहना है कि वह बीमार हैं, इसलिए वह सीबीआई के सामने पेश नहीं हो सकते हैं।

मदेरणा को मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बारे में राज्य सरकार को रविवार शाम को ही सूचित भी कर दिया गया। इसके बाद मदेरणा ने अपने निवास पर मीडिया के सामने इस्तीफा देने की घोषणा की। मदेरणा का कार्यभार अब उद्योग मंत्री राजेन्द्र पारीक को सौंपा गया है।

इससे पहले शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मदेरणा से इस्तीफा देने को कहा था। मदेरणा के इनकार करने के बाद गहलोत ने उन्हें हटाने का फैसला किया। डेढ़ माह पहले भंवरी के गायब होने के मामले में मदेरणा का नाम पहले दिन से ही आ रहा था। बाद में कोर्ट के आदेश पर उनके खिलाफ पुलिस में भी मामला दर्ज किया गया।

विवादों के बाद हटने वाले दूसरे मंत्री
विवादों में आने के बाद मंत्रिमंडल से हटने वाले महिपाल मदेरणा दूसरे मंत्री हैं। इससे पहले राष्ट्रपति पर अपमानजनक टिप्पणी के कारण वक्फ राज्यमंत्री अमीन खां को भी इस्तीफा देना पड़ा था।

धारीवाल से छिन सकता है गृह विभाग
अब गोपालगढ़ फायरिंग मामले में गृहमंत्री शांति धारीवाल से गृह विभाग छीने जाने के लिए भी दबाव बन गया है। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी के गुपचुप दौरे के बाद से ही धारीवाल को गृह विभाग से हटाए जाने का दबाव बन रहा है। अब माना जा रहा है कि धारीवाल से गृह विभाग लिया जाना तय है।

मंत्रिमंडल फेरबदल का दबाव बढ़ा
मदेरणा की बर्खास्तगी के बाद अब राज्य मंत्रिमंडल में फेरबदल के लिए मुख्यमंत्री पर दबाव बढ़ गया है। मंत्रिमंडल में अभी 4 मंत्रियों की जगह खाली है। इस समय मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत 13 कैबिनेट और 13 राज्यमंत्री रह गए हैं।

इससे पहले राजनीतिक नियुक्तियां भी की जा सकती हैं। मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलें काफी समय से चल रही थीं, लेकिन अब माना जा रहा है कि गहलोत जल्दी ही फेरबदल कर सकते हैं।

राजनीतिक मायने और असर क्या?

गहलोत की सख्त छवि बनाने की कवायद
अभी तक गहलोत को जातिगत समीकरणों के दबाव में सख्त फैसले नहीं लेने वाले मुख्यमंत्री के तौर पर देखा जाता था लेकिन मदेरणा को हटाने के बाद समर्थक उनको कड़े फैसले लेने की क्षमता वाले नेता के तौर पर पेश करेंगे।

सरकार को राहत
भंवरी देवी प्रकरण में सरकार पर दबाव कम होगा, अब अकेले मदेरणा पर ही दबाव रहेगा। इस मामले में हाईकोर्ट हर दूसरे दिन सुनवाई कर रहा है। कोर्ट ने गहलोत सरकार को अब तक की सबसे कमजोर सरकार तक कह दिया है।

मारवाड़ का मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व कम
मंत्रिमंडल में मारवाड़ क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कम हो गया है। पहले हटाए गए अमीन खान भी इसी क्षेत्र से आते हैं। अब मारवाड़ क्षेत्र से मंत्रिमंडल में राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी और पर्यटन मंत्री बीना काक ही रह गए हैं।

जातीय ध्रुवीकरण
इस फैसले के बाद जातीय ध्रुवीकरण के आसार बढ़ गए हैं और मदेरणा को इससे खुद की जाति में सहानुभूति मिल सकती है। मदेरणा इस प्रकरण को अपनी जाति में खुद के साथ हुए अन्याय के तौर पर पेश करने की कोशिश करेंगे।

ये मंत्री भी रहे हैं विवादों में
>गृहमंत्री शांति धारीवाल को गोपालगढ़ फायरिंग मामले में कांग्रेस की जांच कमेटी ने दोषी मानकर हटाने की सिफारिश की है।
>शिक्षा मंत्री भंवरलाल शिक्षकों के तबादलों को लेकर विवादित बयान देते रहे हैं।
>खाद्य राज्यमंत्री बाबूलाल नागर आटा पिसाई मामले में भ्रष्टाचार को लेकर चर्चा में रहे हैं। एसीबी जांच कर चुकी है। शिकायतकर्ता से मारपीट का भी मामला।
>कृषि राज्यमंत्री भरोसीलाल जाटव पर अपने बेटे को बीज की एजेंसी दिलाने और हिंडौन में अवैध खनन कराने का आरोप है। उनके खिलाफ पुलिस में भी मामला दर्ज है।
>वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री रामलाल जाट भीलवाड़ा डेयरी अध्यक्ष की पत्नी की संदिग्ध मौत के बाद बिना पोस्टमार्टम के शव को ले जाने को लेकर विवादों में आ गए थे।

क्या है भंवरी मामला
भंवरी इसी साल 1 सितंबर को बिलाड़ा से लापता हुई। 5 सितंबर को पति अमरचंद ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। जांच सीबीआई को सौंपी। अमरचंद ने मदेरणा पर कथित सीडी को लेकर भंवरी का अपहरण कराने तथा हत्या किए जाने की आशंका जताई। लूणी विधायक मलखानसिंह पर भी आरोप। कोर्ट की सख्त टिप्पणियों के बाद मुख्यमंत्री ने मदेरणा को हटाने का कदम उठाया।

न्यायोचित रहता, जांच के आधार पर निर्णय होता
"मुझ पर लगाए गए आरोप आधारहीन हैं। न्यायोचित यह रहता कि जांच के आधार पर पार्टी और आप निर्णय करते। फिर भी मैं नैतिकता के आधार पर सरकार व पार्टी के हित में त्यागपत्र दे रहा हूं।"

मौन व्रत तोड़ेंगे अन्‍ना? भ्रष्‍टाचार के मामले में हजारे को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस


नई दिल्‍ली. भ्रष्‍टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाले गांधीवादी कार्यकर्ता अन्‍ना हजारे को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। अदालत ने यह नोटिस हिंद स्‍वराज ट्रस्‍ट में वित्‍तीय गड़बड़ी के मामले में जारी किया गया है। अदालत ने इस मामले में केंद्र, महाराष्‍ट्र सरकार और सीबीआई को भी नोटिस दिया है। एमएल शर्मा नामक वकील ने जनहित याचिका दायर की थी जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने नोटिस जारी किया है।

अन्‍ना हजारे के ट्रस्‍ट में वि‍त्‍तीय गड़बड़ी की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह नोटिस जारी किया है। सुप्रीम ने यह याचिका मंजूर करते हुए पूछा है कि हिंद स्‍वराज के मामले में सीबीआई की जांच क्‍यों नहीं की जानी चाहिए। शीर्ष अदालत ने इस मामले में चार हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है।

हालांकि अन्‍ना हजारे को नोटिस जारी किए जाने पर उनकी या उनके सहयोगियों की तरफ से अभी तक कोई बयान नहीं आया है। अन्‍ना रविवार से मौन व्रत कर रहे हैं। उम्‍मीद है, वह व्रत तोड़ कर इस मामले में अपना पक्ष लोगों के सामने रख सकते हैं।
क्‍या है मामला
अन्‍ना पर आरोप लगे थे कि उन्‍होंने ने अपना 61वां जन्‍मदिन मनाने के लिए ट्रस्‍ट से 2.2 लाख रुपये निकाले थे। हालांकि हजारे ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि वह जन्‍मदिन मनाने में यकीन नहीं रखते और ट्रस्‍ट की पूरी संपत्ति का ब्‍यौरा रखा जाता है।

पुणे की एक अदालत ने अन्‍ना हजारे को ट्रस्‍ट की रकम के कथित हेरफेर के मामले से बीते जुलाई में ही बरी कर दिया। शिकायतकर्ता हेमंत पाटिल की ओर से मामला वापस लिए जाने के बाद हजारे को इन आरोपों से मुक्‍त कर दिया। याचिकाकर्ता ने हजारे की उम्र, उनके स्‍वास्‍थ्‍य और ‘समाज में उनके बढ़ते कद’ का हवाला देते हुए मुकदमा वापस ले लिया था जिसे 2005 में दायर किया था।

अन्‍ना का असर? हिसार में कांग्रेस की जमानत जब्‍त, कुलदीप बिश्‍नोई जीते

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हिसार. टीम अन्‍ना के कांग्रेस विरोध के चलते चर्चा में आए हिसार उपचुनाव में अन्‍ना का असर होता दिखा है। कांग्रेस प्रत्‍याशी जय प्रकाश की करारी हार हुई है और उनकी जमानत जब्‍त हो गई है जबकि भारतीय जनता पार्टी समर्थित हरियाणा जनहित कांग्रेस के उम्मीदवार कुलदीप बिश्नोई जीत गए हैं। इंडियन नेशनल लोकदल के उम्‍मीदवार अजय चौटाला दूसरे नंबर पर रहे। बिश्‍नोई की जीत की खबर मिलते ही उनके घर के बाहर समर्थकों की भीड़ जुटने लगी है। समर्थकों के बीच जश्‍न का माहौल है। बिश्‍नोई को 3,55,941 वोट मिले जबकि चौटाला को 3,49,618 और जय प्रकाश को 1,49,785 वोट मिले।


हिसार लोकसभा सीट पर 2009 में हुए चुनाव में भजन लाल को 2,48,476 वोट मिले थे और वह विजयी रहे। इनेलो प्रत्‍याशी संपत सिंह दूसरे स्‍थान पर रहे थे जिन्‍हें 2,41,493 वोट मिले थे वहीं कांग्रेस के जय प्रकाश को 2,04,539 वोट मिले थे। यानी इस बार जय प्रकाश को करीब 55 हजार वोट कम मिले। भजन लाल के निधन से खाली हुई इस सीट पर हुए उपचुनाव को टीम अन्‍ना ने अपनी ताकत परखने के लिए बखूबी इस्‍तेमाल किया। आगे वह उत्‍तर प्रदेश और दूसरे राज्‍यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी इसे आजमा सकती है।

केंद्रीय वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रणब मुखर्जी ने नतीजे आने से कई घंटे पहले ही हिसार लोकसभा उपचुनाव में अपनी पार्टी की हार मान ली थी। मुखर्जी ने कहा कि हार हमेशा ही बुरी होती है। उन्‍होंने कहा कि हिसार में पार्टी को मिली हार की समीक्षा की जाएगी। वहीं कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि हिसार में कांग्रेस की हार टीम अन्‍ना के अपील के चलते नहीं हुई है। पार्टी महासचिव और हरियाणा मामलों के प्रभारी बी के हरिप्रसाद ने कहा कि हिसार सीट पर कांग्रेस की हार ‘अप्रत्‍याशित’ नहीं है क्‍योंकि बीते चुनाव में भी ऐसा हुआ था फिर भी कांग्रेस इस बार तीसरे स्‍थान पर रही है। उन्‍होंने कहा कि लोकपाल मसले पर टीम अन्‍ना की अपील का इस चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ा है बल्कि सहानुभूति के चलते विजयी उम्‍मीदवार के पक्ष में सबसे अधिक वोट पड़े। गौरतलब है कि आज हिसार लोकसभा उपचुनाव के अलावा बिहार, महाराष्‍ट्र और आंध्र प्रदेश में विधानसभा की एक-एक सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे भी आए, जिसमें कांग्रेस या उसके गठबंधन को हार मिली। (विस्‍तृत खबर के लिए रिलेटेड आर्टिकल पर क्लिक करें)


13 अक्‍टूबर को हुए उपचुनाव में करीब 70 फीसदी मतदान हुआ था। बिश्‍नोई की जीत को भाजपा ने भ्रष्‍टाचार के खिलाफ जीत करार दिया है। भाजपा नेता सुषमा स्‍वराज ने कहा है कि हिसार की जनता ने हजकां-बीजेपी गठबंधन पर भरोसा जताया इसके लिए वह शुक्रगुजार हैं। प्रचार के दौरान टीम अन्‍ना का खुला विरोध झेलने वाले कांग्रेस प्रत्‍याशी जय प्रकाश का कहना है कि इस चुनाव पर अन्‍ना हजारे की अपील का कोई असर हो ही नहीं सकता। उनका कहना है कि चुनाव स्‍थानीय और राष्‍ट्रीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं, न कि किसी की अपील के आधार पर।

कैसे जब्त होती है जमानत?
यदि किसी प्रत्याशी को कुल हुए मतदान के 1/6 वोट भी नहीं मिलते हैं तो उसकी जमानत जब्त हो जाती है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी चुनाव में कुल एक लाख मत पड़े तो उम्मीदवार को अपनी जमानत राशि बचाने के लिए कम से कम 16667 वोट प्राप्त करने होंगे।

नियमानुसार एक सीट पर हुए चुनाव में पड़े वैध मतों का 1/6 हिस्से से अधिक वोट मिलने चाहिए, तभी उसकी जमानत बच सकती है। यदि प्रत्याशी को इतने वोट भी नहीं मिल पाते हैं तो उसकी जमानत जब्त हो जाती है। इसके चलते उस प्रत्‍याशी की ओर से नामांकन पत्र दाखिल करते वक्त जमा कराए गए रुपये जब्त कर लिए जाते हैं। हालांकि जो उम्मीदवार अपनी जमानत बचाने में कामयाब हो जाते हैं उन्हें जमानत के रूप में जमा किए गए रुपये बाद में वापस मिल जाते हैं।

अन्‍ना का कांग्रेस विरोध
टीम अन्‍ना ने इस लोकसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। अन्‍ना हजारे तो इस प्रचार का हिस्‍सा नहीं बन सके लेकिन उन्‍होंने वोटरों के लिए वीडियो संदेश जारी किया था। टीम अन्‍ना के सदस्‍य अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी और मनीष सिसोदिया ने कई जगह जनसभाएं कर लोगों को कांग्रेस के खिलाफ वोट देने की अपील की थी।

इस सीट पर चुनाव प्रचार के दौरान टीम अन्‍ना के कांग्रेस के खिलाफ प्रचार से कांग्रेस ने टीम अन्‍ना पर हमले तेज कर दिए। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने अन्‍ना हजारे को खुली चिट्ठी लिखकर पूछा कि क्‍या उन्‍हें भजन लाल के परिवार, चौटाला परिवार की हकीकत नहीं पता है? कांगेस नेता ने इन सियासी घरानों पर भ्रष्‍टाचार के आरोपों का भी जिक्र किया।

टीम अन्‍ना के विरोध से बौखलाए कांग्रेस प्रत्‍याशी जय प्रकाश ने भी जमकर हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि टीम अन्‍ना के कांग्रेस विरोध से यहां की जनता में गुस्‍सा है। जय प्रकाश ने यहां तक कह दिया कि टीम अन्‍ना के सदस्‍य प्रशांत भूषण की जिस तरह पिटाई हुई है, वैसी घटना केजरीवाल के साथ भी हो सकती है।

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