आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

20 अक्तूबर 2011

यूँ नफरत होने लगी है

मेरे खून के आंसू देख कर
मेरे दर्द भरे किस्से सुनकर
देख लो जमाने को
यूँ नफरत होने लगी है
मोहब्बत से ..............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

काँटों को हटाने के लियें

में झुका ज़मीं पर
लोगों की राह में
आ रहे
काँटों को हटाने के लियें
वोह समझते हैं
मेने उनके आगे
सर झुका दिया ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

फरियाद करेंगे देख लेना

ठोकरें मार कर
यूँ चले जाने दो उन्हें
फ़िक्र ना कर
आंसू ना बहा
एक दिन यही
तेरे कदमों में सर रख कर
तेरे पहलु में आने की
फरियाद करेंगे देख लेना .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

हंसी खेल समझते थे मोहब्बत को

यूँ रोज़ की तड़पन
यूँ नींद ना आना
यूँ रोज़ बढती धडकन
सुकून हुआ ज़ब हराम
इतना सब कुछ खोकर जाना
के
किसी कहते हैं
दिल का आना
वरना हम तो
यूँ ही
हंसी खेल समझते थे मोहब्बत को ............... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अफसरों में बैठ गया है डर, नहीं खोल रहे हैं जबान


जयपुर. पदोन्नति में आरक्षण मामले में हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद अफसर सीधे तौर पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं, लेकिन अवमानना के डर से अंदरूनी तौर पर नई वरिष्ठता सूचियां भी तैयार कर रहे हैं। उनका मानना है कि अगर ऐसी नौबत आई तो कोर्ट में कुछ वरिष्ठता सूचियां पेश करके बाकी सूचियों के लिए समय मांग सकते हैं। तर्क यह होगा कि नए सिरे से वरिष्ठता सूचियां बनाने, डीपीसी कराने और पदोन्नति की लंबी प्रक्रिया में समय लगने की संभावना है।

इस मामले में हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने भी उचित ठहराया था। इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने अवमानना याचिका भी लगा दी। सरकार ने फैसला लेने के लिए सेवानिवृत्त आईएएस केके भटनागर की अध्यक्षता में कमेटी बनाई, उसकी रिपोर्ट भी आ गई, लेकिन अभी स्थितियां वैसे ही है।

क्यों हो रही है देरी

समता आंदोलन समिति और मिशन-72 से जुड़े लोगों का आरोप है कि सरकार तुष्टिकरण की नीति अपनाने और वोट बैंक को खुश रखने के लिए देरी करके समय को टालना चाहती है। अगर कोर्ट अवमानना पर कोई पैनल्टी, सजा या अन्य ऐसा कोई आदेश देती है तो राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट जाने का बहाना मिल जाएगा और मामला फिर से लटक जाएगा। कोर्ट भी जानता है कि इस विषय को लेकर कर्मचारियों के आंदोलन चल रहे हैं, इसीलिए स्थिति बिगड़ सकती है।

कोर्ट के मामले में हम कुछ नहीं कहेंगे

मुख्य सचिव एस. अहमद और कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव खेमराज से जब इस मामले में सरकार की आगे की रणनीति के बारे में जानना चाहा तो उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। मुख्य सचिव ने गुरुवार को प्रमुख विधि सचिव और प्रमुख कार्मिक सचिव के साथ और प्रमुख कार्मिक सचिव ने अपने विभागीय अधिकारियों के साथ इस मामले को लेकर राय-मशविरा किया।

इनका कहना है

कोर्ट की टिप्पणी गंभीर है। सरकार को उसके आदेश का पालन करना चाहिए। अगर नहीं किया तो मिशन-72 के कार्यकर्ता पहले तो क्रमिक अनशन और उसके बाद आमरण अनशन करेंगे।
-पूरण चंद झरीवाल, महासचिव, मिशन -72

कोर्ट को कहना पड़ा है कि उसे उसकी शक्ति का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर नहीं किया जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार आदेश की पालना नहीं कर न्याय करना ही भूल गई। लेकिन अब हम भी आक्रामक रुख अपनाएंगे।
-पाराशर नारायण शर्मा, अध्यक्ष, समता आंदोलन समिति

संविधान के अनुच्छेद 215 के तहत हर तरह के अधिकार हैं। इसमें कोर्ट अवमानना करने वालों को जेल भेज सकता है, जुर्माना कर सकता है, संबंधित अधिकारियों की एसीआर में विपरीत टिप्पणी करवा सकता है।
-शोभित तिवाड़ी, समता आंदोलन समिति के वकील

पापियों से परेशान होकर ख़ुदा ने की सल्फर की बारिश और कर दिया ख़ाक


बाइबल के पुराने और नए टेस्टामेंट के अलावा हिबरू जैसी धार्मिक किताबों में सोडोम और गोमोराह शहरों के बारे में लिखा हुआ है। लिखा गया है कि इन शहरों में बहुत से पापी लोग रहते थे। खुदा को उन लोगों की बहुत शिकायतें मिल रही थीं फिर भी वे लोग सुधरने को तैयार नहीं थे। खुदा ने उन शहरों को नष्ट कर दिया था। आज दुनिया में शहर नहीं हैं। इसके साथ एक सवाल यह उठता है कि ये थे तो कहां थे।

तोराह के अनुसार सोडोम और गोमोराह राज्य अदमाह, जीबोइम और बेला के पास थे। ये जॉर्डन नदी के किनारे बसे थे। इनकी तुलना गार्डन और ईडन से की जाती थी। फिर भी इन शहरों के साथ इनके साथ के दो शहर भी जलकर खाक हो गए थे। बाइबल के चैप्टर 19 में इसका जिक्र आता है। उसके अनुसार अब्राहम ने खुदा से यहां के जालिम लोगों की शिकायत की थी। इसके बाद खुदा ने इन शहरों पर सल्फर की बारिश की थी। इस जानकारी के आधार पर अब तक बहुत से लोग इन शहरों की लोकेशन तलाशने की कोशिश कर चुके हैं।


बहुत से लोगों जॉर्डन के कुछ हिस्सों से सल्फर बॉल्स खोजने का दावा किया है। उनका कहना है कि ये वही सल्फर की बारिश का नतीजा है। कुछ लोग इससे भी आगे तक गए, उनके अनुसार ये डैड सी के आसपास होने चाहिए थे। उन्हें लगता है कि यहां पर ये शहर काफी नीचे दब गए हैं।

देखिए 10 ऐसी तस्वीरें, जिन्होंने झकझोर दिया दुनिया को


हमेशा से यह कहा जाता है कि एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है और सही मायने में ये सौ फीसदी सच है।

लेकिन कुछ दुलर्भ तस्वीरें ऐसी भी होती हैं जो कि हजार शब्दों से ज़्यादा भी कुछ बयां करती हैं। ये बयां करती हैं खुद में छुपी एक दर्दनाक दास्तां को और सदियों तक विश्व को इतिहास का आइना दिखाती रहती हैं।

प्रस्तुत हैं दुनिया को झकझोर देने वाली ऐसी ही कुछ तस्वीरें....

2004 में भारत में आए सूनामी की तस्वीर। यह तस्वीर रायटर के फोटोग्राफर अर्को दत्ता द्वारा तमिनाडु में खींची गई थी।
न्यूयार्क स्थित वर्ल्ड ट्रेड टावर पर आतंकी हमले की यह तस्वीर स्टीव लुडलम द्वारा खींची गई थी।

'पावर ऑफ वन' शीर्षक से मशहूर यह तस्वीर 2006 में इज़रायली फोटोग्राफर ने खींची।

हैती में वर्ष 2008 में आए भयानक तूफान से प्रभावित बच्चे की यह तस्वीर मियामी हेराल्ड के फोटोग्राफर पैट्रिक फैरेल ने खींची थी।

6 अक्टूबर 1976 को हुए थामैसेट यूनिवर्सिटी नरसंहार की इस तस्वीर को 1977 में पुलित्ज़र पुरस्कार दिया गया था। इसे नील यूलेविक ने खींचा था।
लीबिया सिविल वार की यह तस्वीर लॉस एंजिल्स टाइम्स के फोटोग्राफर कौरोलिन कोल ने खींची थी।

कुकेस, अल्बानिया में कैंप लगाकर रह रहे कोसोवो शरणार्थियों की इस तस्वीर के लिए कैरोल गुज़ी को वर्ष 2000 में पुलित्ज़र पुरस्कार मिला था।
26 साल पहले भारत के भोपाल में हुए भयानक गैस लीक हादसे में 15,000 से अधिक लोग मारे गए थे। इस तस्वीर को खींचा है पाब्लो बार्थोलोम्यू ने।

बम धमाके में घायल हुए एक 9 साल के इरानी बच्चे की यह विश्वप्रसिद्ध तस्वीर पुलित्जर पुरस्कार विजेता डैनी फिट्जम्यूरिक ने खींची थी।

1985 में कोलंबिया में ज्वालामुखी विस्फोट के बाद कीचड़ के कारण विनाश की इस घटना की यह तस्वीर फ्रैंक फोर्नियर ने खींची थी। इस हादसे में 25,000 से अधिक लोग मारे गए थे।

जानिए, नवजात के जन्म पर क्यों आ टपकते हैं किन्नर!

घर के आसपास कहीं भी किलकारियां गूंजती हैं तो बड़ी संख्या में किन्नरों का झुण्ड उस घर आ धमकता है। इतना ही नहीं घर के मालिक से पैसे व अन्य सामान की भी मांग करता है। बिना लिए जाने का नाम नहीं लेता। नवजात को देखता है और उसे आशीर्वाद भी देता है। ऐसी मान्यता है कि नवजात शिशु को यदि इनका आशीर्वाद मिल जाए तो उसे ताउम्र कोई तकलीफ नहीं होती।

यही कारण है कि जिस घर में किलकारियां गूंजती हैं, किन्नर वहां पहुँच जाते हैं। ये किन्नर भारतीय समाज में एक मजबूत सांस्कृतिक प्रवाह लिए हुए हैं। लेकिन, इत्तफाक ऐसा कि मानवीय मूल्यों के इस ऐतिहासिक धरोहर को आज भी दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। बिहार की बात करें तो यहाँ किन्नरों की स्थिति अत्यंत दयनीय है।

किन्नरों का दर्द न जाने कोई

किन्नर जो समाज से कटे हुए हैं, उनके अन्दर भी दर्द है। ये अगल बात है कि इन किन्नरों का कोई दर्द नहीं जानता। सोनू किन्नर कहते हैं कि उन्हें अपने परिवार, माता-पिता, भाई-बहन आदि किसी की उन्हें याद नहीं। जब वे काफी छोटे थे तभी उनको इस शारीरिक स्थिति की वजह से काफी तकलीफ उठानी पड़ती थी। सब तिरस्कृत भाव से देखते थे। उनके एक अन्य सहयोगी सोनी किन्नर का दर्द भी अमूमन यही है। उन्हें भी अपने परिवार के बारे में चर्चा करना अच्छा नहीं लगता है। परिवार की याद तो उन्हें है लेकिन अपने परिवार के किसी सदस्य को वे याद करना नहीं चाहते। वो कहती है कि जब ईश्वर ने ही हमारे साथ इंसाफ नहीं किया तो फिर दूसरों से कैसी शिकायत।

बीमारियों से भी नहीं हैं अछूते

सामान्य इंसानों से अलहदा ये किन्नर इंसानी बीमारियों से अछूते नहीं हैं। इन्हें मधुमेह (डायबिटिज़) समेत कई बीमारियों ने जकड रखा है। अभाव और गरीबी की स्थिति में ये डॉक्टर और दवाई के लिए कोशिश भी नहीं करते। नाच-गाने के दरमयान चक्कर आने पर उन्हें डॉक्टरी जांच में अपनी इस बीमारी का पता चला परंतु फिर भी इसके इलाज के प्रति वे उदासीन बने हुए हैं।

अस्तित्व बरकरार रखने के लिए कर रहा संघर्ष

मानव का तीसरा रूप किन्नर। आश्चर्य ही नहीं रहस्य और उपहास के साथ-साथ उपेक्षा को भी समेटे हुए। अपने अस्तित्व को बरकरार रखने के लिए संघर्षरत। गरीबी और बेचारगी का झेल रहे दंश। आज भी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर। घर में किसी नए बच्चे के जन्म पर नाच गाना कर थोड़े पैसे ले इनके जीवन की गाड़ी चल रही है।

मौत को दांव पर लगा, दो वक्त की रोटी जुटाता है यह परिवार

| Email

दुगरूकोंदल/रायपुर। लोग जिंदगी चलाने व सुख-सुविधाओं को पाने कई तरह के कार्य कर अपनी आजीविका के साधन जुटाते है। दुर्ग जिले के शशिकांत विलियम्सन अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों को खौफनाक जादू के खेल दिखाकर अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं।

ग्राम कंवर के 35 वर्षीय जादूगर शशिकांत इन दिनों गांव-गांव जाकर साइकिल सर्कस, कांच खाना, गर्म सब्बल को जीभ से ठंडा करना, दो मोटर साइकिल के बीच फांसी पर लटकना, सीने में पत्थर फोड़ना, कमर में रस्सी बांधकर वाहनों को खींचना, मिट्टी में समाधि लेना, सर में बम फोड़ना, बच्चे को गायब करना जैसे अनेक जोखिम भरे खेल दिखाते हैं। शशिकांत ने बताया कि उन्हें यह कला विरासत में मिली। अपने पिता से और कुछ जादू कानपुर से सीखा। तीन भाई और हैं वे भी गांव-गांव जाकर कला दिखाते हैं। ऐसा करतब दिखाने में खतरा तो है लेकिन दो वक्त की रोटी भी छुपी है।

जादूगर शशिकांत ने बताया कि इतना जोखिम भरे खेल से अपने बच्चों को दूर ही रखेंगे। बच्चे को स्कूल में पढ़ाना चाहते है। दो लड़के और एक लड़की है जो पढ़ रही हैं। खेल दिखाने में पत्नी मैरी भी सहयोग करती है। जिंदगी मौत से जूझकर लोगों का मनोरंजन करने वाला शशिकांत का परिवार शासन के जन कल्याणकारी योजनाओं से कोसों दूर है।

यहां पेड़ पर बिकती है शराब, लेने के लिए चढ़ना पड़ेगा

| Email Print

पलारी/रायपुर। ग्राम कुरुदकुटेला में बरगद के पेड़ पर चढ़कर शराब की अवैध बिक्री करते हुए युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसके पास से 41 पौवा शराब बरामद किया गया। पुलिस के अनुसार गिधपुरी चौकी के अंतर्गत आने वाल ग्राम कुरुदकुटेला निवासी अशोक कुमार (40)पिता उमराव सतनामी पिछले सात साल से गांव के बाहर बरगद पेड़ पर चढ़कर शराब की अवैध बिक्री करता था। गांववालों ने कई बार उसकी शिकायत की थी।


इस पर चौकी प्रभारी एच सी जाधव ने गत बुधवार को शाम करीब सात बजे गांव के बाहर बरगद पेड़ की घेराबंदी की तथा उसे नीचे उतरने को कहा तो वह और ऊपर चढ़ गया। वह नीचे नहीं उतरा तो पुलिस ने उसे ऊपर चढ़कर नीचे उतारा। उसके थैले से 41 पौवा देशी प्लेन शराब बरामद किया गया। उसके खिलाफ आबकारी एक्ट 34(2) 110 के तहत कार्रवाई की गई। उसे न्यायालय बलौदाबाजार में पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। चौकी प्रभारी ने बताया कि युवक आदतन कचिया है।


वह बरगद पेड़ पर चढ़कर बैठ जाता था तथा वहीं शराब की अवैध बिक्री करता था। गांव के जिस आदमी को शराब लेना होता था वह पेड़ के नीचे जाकर उससे शराब मांगता था तो वह पेड़ से ही पौवा देकर पैसे ले लेता था। उसे कई बार पकड़ने का प्रयास किया गया लेकिन वह पेड़ से नीचे ही नहीं उतरता था या फिर पेड़ से कूदकर भाग जाता था। इस बार पेड़ की घेरेबंदी करने पर ही वह पकड़ में आया।

पाक से आई समझौता एक्सप्रेस पर भारत का अपमान!

| Email

अटारी बॉर्डर. कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का नजरिया नहीं बदला है। हद उस वक्त हो गई जब वीरवार को समझौता एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बों पर इसे लेकर स्लोगन लिखे मिले। इस मामले का खुफिया एजेंसियों ने कड़ा नोटिस लिया है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए रिपोर्ट गृहमंत्रालय को भेज दी गई है। ज्ञात रहे कि समझौता एक्सप्रेस वीरवार व सोमवार को पाकिस्तान से अटारी रेलवे स्टेशन पहुंचती है। वीरवार को जब ट्रेन उधर से आई तो इसके डिब्बों पर उर्दू और अंग्रेजी में कश्मीर को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए भारत को ललकारा गया था।

काले व लाल पेंट से करीब छह इंच मोटे उर्दू व अंग्रेजी में ‘कश्मीर साडा है, इंडिया गो बैक, आई हेट इंडिया’ लिखा हुआ था। हालांकि इसे लेकर अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन दबी जुबान में इतना अवश्य कह रहे हैं कि अगर किसी ने शरारत से ऐसा किया है तो पाक में गाड़ी को चैक क्यों नहीं किया गया।

कैदियों के ठाठ-बाट देखकर दंग रह गए एसडीएम साहब

| Email

भिंड/ग्वालियर। लजीज पकवानों की महक और टीवी स्क्रीन पर चल रहे मनपसंद गाने। ऑर्डर होते ही मनमाफिक सामान हाजिर और मिलने आने वालों की मेहमानों की तरह आवभगत। जी हां, यह किसी बड़े शहर के होटल के कमरे का नजारा नहीं, बल्कि मेहगांव उपजेल का दृश्य है।

बुधवार की शाम और गुरुवार की सुबह उपजेल में औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे एसडीएम एमएल दौलतानी कैदियों के ठाठ देखकर दंग रह गए। यहां कैदियों से कैदी की तरह नहीं, बल्कि वीआईपी की तरह व्यवहार किया जा रहा था। यहां ‘वीआईपी’ कैदियों के लिए अलग से खाना तो बनाया ही जा रहा था, उनसे मिलने आने वालों के लिए भी समय की कोई पाबंदी नहीं थी।

कार्रवाई के दौरान एसडीएम ने जेल का रजिस्टर जब्त कर लिया है। इसके अलावा बंदियों के बैग में भारी मात्रा में सिगरेट, बीड़ी व गुटखा पाउच भी मिले हैं। कार्रवाई के बाद एसडीएम की अनुशंसा पर जेल प्रशासन ने 13 कैदियों को मेहगांव से भिंड उपजेल में शिफ्ट किया गया है। साथ ही जेलर और जेल प्रहरियों पर कार्रवाई के लिए एसडीएम ने आला अधिकारियों को लिखा है।

सीसी कैमरे कर दिए खराब

एसडीएम ने बताया कि उप-जेल में लगाए सीसीटीवी कैमरों को बंदियों ने खराब कर दिया है। जिससे उप-जेल में होने वाली गतिविधियां रिकार्ड नहीं हो पाती। खास बात यह है कि ये कैमरे डेढ़ साल से खराब पड़े हैं, जिन्हें जेल प्रशासन ने दुरुस्त कराने का प्रयास नहीं किया।

बंदियों से मिलने का कोई नियम नहीं

श्री दौलतानी ने बताया कि नियमानुसार एक कैदी से उसके परिजन या कोई अन्य व्यक्ति सामान्य तौर पर 15 दिन और विशेष परिस्थिति में सात दिनों के अंदर एक बार ही मिल सकता है, लेकिन यहां एक दिन में कैदियों से पांच-पांच बार भी मिलने पर रोक नहीं है। एसडीएम ने बताया कि रजिस्टर में तो मिलने वालों की संख्या कम ही दर्ज की जाती है, लेकिन हकीकत में बंदियों से मिलने की प्रक्रिया बिना रोक-टोक चलती है।

पांच बच्चों के पिता के इश्क में पागल हुई चार बच्चों की अम्मा

| Email Print Comment
रांची। महिला थाना में गुरुवार को दो अधेड़ उम्र के महिला और पुरुष की प्रेम कहानी देखने को मिली। दोनों एक दूसरे से इस कदर प्यार करते हैं कि उन्हें अलग रहना गवारा नहीं हुआ और जेल जाने को तैयार हो गए। अधेड़ पुरुष पुलिसिया दबाव के बावजूद अपनी प्रेमिका गुड़िया को नहीं छोड़ना चाहते हैं और सरेआम उसके साथ रहने की बात कहते हैं।

दोनों हैं शादीशुदा, बच्चों की फिक्र नहीं : महिला थाना प्रभारी शीला टोप्पो ने बताया कि होटवार निवासी लीलू तिर्की की 15 साल पहले अनिता तिर्की से शादी हुई। लीलू को पांच बच्चे हैं। चार लड़की और एक लड़का। कुछ माह पूर्व लीलू मधुकम निवासी गुड़िया देवी के संपर्क में आये। गुड़िया के पति की मौत कुछ वर्ष पूर्व ही हो चुकी है और वह चार बच्चों की मां है। दोनों में संपर्क बढ़ा और वे एक दूसरे से प्यार करने लगे। जब लीलू की पत्नी अनिता ने इसका विरोध किया, तो लीलू उसकी अक्सर पिटाई करने लगे। रोज रोज की मारपीट से तंग आकर अनिता ने महिला थाना में लीलू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी।

काउंसिलिंग का प्रयास, लेकिन सब बेकार : प्राथमिकी के बाद लीलू को सही राह पर लाने के लिए शीला टोप्पो ने तीनों को बैठा कर काउंसिलिंग की। लेकिन लीलू और अनिता अलग अलग रहने को तैयार न हुए। इसके बाद मजबूरन दोनों को हिरासत में लिया गया। इसके बावजूद उन पर कोई असर न पड़ा और वे अलग नहीं होना चाह रहे। थाने में भी वे एक दूसरे के साथ ही रहने की जिद्द करते रहे।

इधर आओगे तो हांथ-पांव तोड़ अमेरिका भेज देंगे तुम्हारी लाश'


जयपुर.अमेरिका में जार्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रवि सिंह के जयपुर में सिविल लाइन्स अचरोल एस्टेट स्थित मकान पर कब्जा करने के आरोप में पूर्व विधायक रणवीर सिंह गुढ़ा, उनके भाई सहित छह युवकों को सोढ़ाला पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। रणवीर सिंह गुढ़ा पर्यटन राज्य मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा के भाई हैं तथा राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष हैं।

गिरफ्तार आरोपी रणवीर सिंह गुढ़ा (39) तथा संजय सिंह (27)गुढ़ा झुंझुनू के रहने वाले हैं। दोनों आपस में भाई हैं। कालू सैनी (27) भांकरोटा बगरु का,पप्पू लाल सैनी (38) झोटवाड़ा में भौमियां नगर कालवाड़ रोड , सुरेन्द्र कुमार मेघवाल (32)राजवीरपुरा झुंझनू तथा सूरज कुमार जाटव (29) दाउदपुरा, शिवाजी पार्क अलवर के रहने वाले हैं। इस संबंध में रवि सिंह अचरोल ने बुधवार को सोढ़ाला थाने में मामला दर्ज कराया था। पीड़ित का आरोप था कि सिविल लाइन्स अचरोल एस्टेट स्थित प्लाट नंबर छह पर कुछ बदमाश ताला तोड़कर घुस गए हैं।

बोले.इधर आओगे तो लाश ही अमेरिका जाएगी

रवि सिंह ने बताया कि वे मई 2011 में जयपुर आए थे। कुछ दिन रहने के बाद वापस चले गए। इसके बाद छह अक्टूबर को भारत आए। दिल्ली में पांच दिन रुकने के बाद 11 अक्टूबर को जयपुर आए। जब वे घर पहुंचे तो कुछ युवक घर में मिले, जिन्होंने घर उनका होने तथा वापस अमेरिका चले जाने की धमकी दी। साथ ही धमकाया कि अगर शिकायत लेकर कहीं जाओगे या अचरोल एस्टेट की तरफ आओगे तो वापस लाश ही अमेरिका जाएगी और हाथ-पांव तोड़ने की भी धमकी दी। रवि सिंह ने बताया कि उसी दिन पुलिस कमिश्नर कार्यालय जाकर शिकायत की। इसके बाद मामला दर्ज कराया। जांच के बाद गुरुवार को पुलिस सभी छह आरोपियों को पकड़कर थाने ले आई।

यहीं घटी थी 'ब्रह्मा' और 'विष्णु' के जीवन की सबसे घातक घटनाएं!

जयपुर.आखिर क्यूँ संसार के रचनाकार भगवान ब्रह्मा को माता सरस्वती ने ऐसा श्राप दिया कि देवता स्वरुप कभी भी उनकी उपासना नहीं होगी. यही वह स्थान है जहाँ पर भगवान विष्णु को श्राप मिला था कि उन्हें अपनी पत्नी से विरह का कष्ट झेलना पड़ेगा. पुष्कर ही वह स्थान है जहां ये सारी घटनाएं एक साथ घटी थीं.

पुष्कर में लगने वाले विश्व प्रसिद्ध 'पशु मेले' के अलावा यहाँ बना 'भगवान ब्रह्मा का मंदिर' अपने आप में कई ऐसे राज को छुपाए हुए है जिन्हें जानकार आप चौंक जाएंगे

पिता सांसद बेटा बनने वाला था डॉक्टर लेकिन एक लालच पड़ा सपनों पर भारी!

जयपुर. प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष और उदयपुर सांसद रघूवीर सिंह मीणा के पुत्र राजकुमार मीणा ने जयपुर डेंटल मेडिकल कॉलेज में बीडीएस कोर्स प्रथम वर्ष के दौरान वर्ष 2007-08 में सांसद पिता को छात्रवृत्ति आवेदन पत्र में मजदूर बताकर उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति के नाम 1 लाख २५ हजार रुपए से अधिक की राशि उठा ली।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में चल रही ऑडिट रिपोर्ट में यह मामला पकड़ में आया है। हालांकि विभाग ने इस बारे में अनभिज्ञता जाहिर की है। इधर सांसद मीणा ने कहा कि बेटे को छात्रवृत्ति नियमों के बारे में जानकारी नहीं थी, अब उन्होंने उसे ऐसा करने से मना कर दिया है।

सांसद पुत्र राजकुमार ने यह छात्रवृत्ति बीडीएस कोर्स के दौरान छात्रवृत्ति आवेदन पत्र में सांसद पिता की वार्षिक आय एक लाख रुपए से कम बताकर उठाई है। राजकुमार वर्तमान में जयपुर डेंटल कॉलेज का तृतीय वर्ष का छात्र है।

विभागीय नियमानुसार माता-पिता की वार्षिक आय एक लाख रुपए से कम (अब दो लाख) होने पर ही एसटी, एससी वर्ग के विद्यार्थियों को विभिन्न कोर्सेज के लिए उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति दी जाती है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि विभाग ने करीब १६ राज्य व केन्द्र के कर्मचारियों के बच्चों को भी नियमों के खिलाफ लाखों रुपए की छात्रवृत्तियां आवंटित कर दी है।

ऐसे विद्यार्थियों को कॉलेज प्रवेश शुल्क व अनुरक्षण भत्ता दे भी दिया गया है। इन विद्यार्थियों ने भी माता-पिता की वार्षिक आय छात्रवृत्ति आवेदन पत्रों में एक लाख रुपए से कम बताकर छात्रवृत्ति उठा ली है। जानकारी हो कि विभाग में पहले भी छात्रवृत्ति में घपलों में मामले सामने आते रहे हैं, लेकिन विभाग की ओर से कभी इन ठोस कार्रवाई नहीं की जाती।

यहां पर भी घोटाला

विभाग व कॉलेज प्रशासन मिलकर वर्ष २क्क्७-क्८ व क्८-क्९ में करीब २क्क् विद्यार्थियों को एक ही सत्र में दो-दो बार छात्रवृत्ति आवंटित कर दी है। यानी एक ही विद्यार्थी के नाम दो बार छात्रवृत्ति जारी कर दी गई है। इनमें से ऐसे नर्सिग, बीएड़, बीडीएस, एमबीबीएस, इंजीनियरिंग व अन्य प्रोफेशनल कोर्सेज करने वाले विद्यार्थी शामिल है।

जिनको छात्रवृत्ति 20 हजार से १ लाख २७ हजार रुपए तक दी जाती है। इस राशि में अनुरक्षण भत्ता व कॉलेज प्रवेश शुल्क शामिल होत है। ऐसे में एक विद्यार्थी को दो बार छात्रवृत्ति राशि आवंटित करने से विभाग को लाखों रुपए की चपत लग गई है।

ऑडिट रिपोर्ट में यह मामला आने के बाद संबंधित अधिकारी अपने उच्च अधिकारियों को मामले की जानकारी से कतरा रहे हैं। वर्ष २क्क्७-क्८ में छात्रवृत्ति के लिए आवेदन पत्र सिधे विद्यार्थियों से लिए जाते थे। इसके लिए संबंधित कॉलेज मान्यता प्राप्त होना चाहिए था और माता पिता की वार्षिक आय एक लाख रुपए थी। ऐसा होने पर विद्यार्थी को छात्रवृत्ति दी जाती थी। हालांकि बाद में विभाग ने नियमों में बदलवा करते हुए वार्षिक आय दो लाख रुपए कर दी है।

..तो क्या चूने के भट्टे में दफन कर दी गई भंवरी देवी!



जोधपुर/ जयपुर एएनएम भंवरी मामले में आशंका जताई जा रही है कि उसे चूने के भट्टे में जला दिया गया है। सीबीआई की टीम ने इसी आशंका को लेकर गुरुवार को सोजत रोड पर स्थित कमल नामक व्यापारी के भट्टे पर जाकर उसकी कार्यप्रणाली देखी। सीबीआई कुछ दिन पहले भंवरी मामले में मुख्य सूत्रधार शहाबुद्दीन के नजदीकी और रियां के पूर्व सरपंच गोरधनराम चौधरी के चूने के भट्टे पर भी गई थी।

वहां गोरधन नहीं मिला तो मजदूरों से भंवरी व शहाबुद्दीन के बारे में पूछताछ की थी। उधर, जांच एजेंसी ने इस मामले में सेंट्रल जेल में बंद आरोपी सोहनलाल विश्नोई व बलदेव से दूसरे दिन भी चार घंटे तक पूछताछ की। सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर आरपी अग्रवाल ने गुरुवार को एसपी राजेश राठी और पूरी टीम के साथ अब तक हुई जांच की समीक्षा की।

पुलिस को भी थीऐसी आशंका

पुलिस की जांच के दौरान भी भंवरी को चूने के भट्टे में जलाने की चर्चाएं थीं। गोरधन चौधरी के शहाबुद्दीन से नजदीकी संपर्क होने के कारण पुलिस ने उसे ग्रामीण महिला पुलिस थाने लाकर पूरे दिन पूछताछ की थी। पुलिस ने गोरधन से कहा था कि वह शहाबुद्दीन की गिरफ्तारी में सहयोग करे। गोरधन गुजरात में उसका सुराग लगाने भी गया था, लेकिन कामयाब नहीं हुआ।

सीबीआई टीम जयपुर में भी करेगी जांच

भंवरी मामले में जांच के लिए सीबीआई ने जयपुर में डेरा डाल दिया है। टीम यहां भंवरी तथा महिपाल मदेरणा से बात करने वाले लोगों से पूछताछ करेगी। सीबीआई ने कुछ दिन पहले ही कॉल डिटेल ली है। सीबीआई के ज्वाइन डायरेक्टर आरपी अग्रवाल शुक्रवार को जयपुर आ सकते हैं। दिल्ली सीबीआई सूत्रों के अनुसार टीम पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा से पूछताछ से पहले उनके घर पर तथा सरकारी आवास पर कार्यरत लोगों से पूछताछ करेगी। इसके बाद उन्हें नोटिस भेजेगी।

अमेठी में लोगों ने रोका राहुल का काफिला, सभा में रिवॉल्‍वर के साथ धराया युवक

लखनऊ/अमेठी। उत्‍तर प्रदेश में टीम अन्‍ना के दौरे के बाद कांग्रेस भी हरकत में आ गई है। गुरुवार को आनन-फानन में पार्टी ने अपने नेताओं को उत्‍तर प्रदेश दौरे पर भेजने का ऐलान किया और कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी अमेठी पहुंच गए। यहां उनका सामना अन्‍नागीरी से हुआ।
उनके चुनाव क्षेत्र में ही उन्‍हें लोगों का विरोध झेलना पड़ा। जनता ने राहुल का काफिला रोक दिया और साफ छवि के लोगों को ही विधानसभा चुनाव में टिकट दिए जाने की मांग की। राहुल छह महीने बाद अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर पहुंचे। अमेठी में जहां वह सभा कर रहे थे, वहां एक शख्स रिवॉल्वर लेकर घुस गया। हथियारबंद इस शख्स को देखकर सुरक्षकर्मी हरकत में आए और उसे गिरफ्तार कर लिया।



पुलिस ने बताया कि, शुरुआती पूछताछ में यह बात सामने आई है कि, शख्स अपने पिता की हत्‍या की निष्‍पक्ष जांच की गुहार लेकर राहुल से मिलना चाहता था। उसके पास से मिला रिवॉल्वर लाइसेंसी है।

कई दिनों से उत्‍तर प्रदेश में जन लोकपाल बिल के लिए समर्थन जुटा रही टीम अन्‍ना ने भी गुरुवार को अमेठी में सभा की। अरविंद केजरीवाल और उनके सहयोगियों ने लोगों से अपील की कि अगर संसद के शीतकालीन सत्र में जन लोकपाल बिल पारित नहीं हुआ तो कांग्रेस को जनता पूरे राज्‍य में एक वोट भी नहीं दे। केजरीवाल ने कहा, ''हम अभी और कई हमलों के लिए तैयार हैं। हम लोगों का दिल और विश्वास जीत कर इसका जवाब देंगे। हमारी टीम हर तरह के बलिदान के लिए तैयार है।''

टीम अन्‍ना के अभियान के जवाब में कांग्रेस ने अब अपने नेताओं को भी सक्रिय किया है। दिग्विजय सिंह और केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद को गोरखपुर रवाना किया गया। उन्‍होंने जापानी बुखार से मर रहे बच्चों के परिजनों से मुलाकात की।

गद्दाफी का अंत, बेटा भी मारा गया, पूरे लीबिया पर विद्रोहियों का कब्जा


लीबिया.लीबिया की राष्ट्रीय अंतरिम परिषद (एनटीसी) के लड़ाकों ने गुरुवार को सिरते पर कब्जा पाने की लड़ाई के दौरान देश के पूर्व शासक मुअम्मार गद्दाफी को मार गिराया। सिरते गद्दाफी का गृह नगर है। टेलीविजन के दृश्यों में गद्दाफी को खून से सने हुए और एक लड़ाके के समक्ष झुका हुआ दिखाया गया।समाचार एजेंसियों ने गद्दाफी के बेटे मुत्तसिम गद्दाफी की सिर्त संघर्ष के दौरान मौत की पुष्टि की है। इस संघर्ष में कई अन्य गद्दाफी समर्थक भी मारे गए।
एनटीसी के कमांडर मोहम्मद बुरास अली अल-मकनी ने इससे पहले बताया कि देश के पश्चिमी शहर मिसराता के लड़ाकों ने गम्भीर रूप से घायल गद्दाफी को पकड़ा। सिरते में जारी भीषण लड़ाई के दौरान गद्दाफी के दोनों पैर जख्मी हो गए थे।
समाचार चैनल 'अलजजीरा' के मुताबिक त्रिपोली में एनटीसी के सैन्य प्रमुख अब्देल हकीम बेलहज ने गद्दाफी के मारे जाने की पुष्टि की। गद्दाफी के मारे जाने की सूचना जैसे ही फैली लोग खुशी से झूम उठे। लोग सड़कों पर आ गए और अपनी खुशी का इजहार किया।
वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड ने सिन्हुआ को बताया कि गद्दाफी पकड़े गए हैं अथवा उनकी मौत हो गई है इस बारे में अभी वाशिंगटन पुष्टि नहीं कर सकता।
सिरते पर एनटीसी का कब्जा हो जाने और गद्दाफी के मारे जाने के बाद लीबिया में उथल-पुथल का एक दौर समाप्त हो गया। मिस्र में हुए जनविद्रोह से प्रेरणा लेते हुए यहां भी लोग बगावत पर उतर आए थे।
गद्दाफी ने एक सितम्बर 1969 को लीबिया की सत्ता की बागडोर अपने हाथ में ली। उनके नेतृत्व में सैन्य अधिकारियों के एक छोटे समूह ने 'फ्री ऑफिसर्स मूवमेंट' चलाते हुए देश के सुल्तान इदरिस का तख्ता पलट दिया और लीबियन अरब रिपब्लिक की स्थापना की
उल्लेखनीय है कि गत 27 जून को अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) ने मानवता के खिलाफ अपराध के आरोपों पर गद्दाफी उनके पुत्र सैफ अल-इस्लाम और खुफिया विभाग के प्रमुख अबदुल्लाह अल-सेनूसी के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। जबकि इंटरपोल ने गत नौ सितम्बर को तीनों के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी किया।

दुनिया चौंकी, डॉक्टर हैरान, ये आदमी आखिर ऐसा कैसे कर लेता है !

| Email

इनसे मिलिए...ये हैं मरिमारन। इन्हें अजीबोगरीब शौक है। ये 5 वर्ष की उम्र से ही ईंट खाते हैं।
भारत में रहने वाले मरिमारन के अनुसार ईंट-पत्थर खाना उनका शौक है और वे काफी छोटी उम्र से इन्हें खा रहे हैं।
शुरूआत में जब मरिमारन ने ऐसा करना शुरू किया तो चिंतित होकर उनके परिवार वालों ने इन्हें डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन जांच पड़ताल के बाद डॉक्टरों ने बताया कि चिंता की कोई बात नहीं हैं, ईंट-पत्थर खाने का मरिमारन की सेहत पर कोई बुरा असर नहीं पड़ रहा है।
मरिमारन की उम्र 25 वर्ष से ज़्यादा हो चुकी है और अब ईंट-पत्थर खाना उनकी आदत हो चुकी है।

एलर्जी से जुझ रहे है तो चिंता न करें, अपनाएं ये रामबाण नुस्खे


आजकल बदलते वातावरणीय प्रदूषण, खान-पान में मिलावट व शुद्धता में कमी के एलर्जी जैसी बीमारियां बढ़ती ही जा रही हैं। यहां तक कि नकली दवाओं का धंधा भी दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। हर तरह से स्वस्थ दिखाई देने वाले व्यक्ति को भी कई बार एलर्जी हो जाती है। अगर आप भी एलर्जी से जुझ रहे हैं तो अपनाएं ये रामबाण नुस्खे।

- अमलतास का गूदा दस ग्राम एवं वाय-विड्ङ्ग का चूर्ण पांच ग्राम पानी में डालकर उबाल कर इस पानी से गरारे करने चाहिए।

- रात को एक अंजीर एवं एक छुहारा दूध में उबाल कर खाना चाहिए। दूध में दो छोटी पीपल उबाल कर खाने एवं वह दूध पीने से भी लाभ होता है।

- नीम चढी गिलोय के डंठल को छोटे टुकड़ों में काटकर इसका रस हरिद्रा खंड चूर्ण के साथ 1.5 से तीन ग्राम नियमित प्रयोग पुरानी से पुरानी एलर्जी में रामबाण औषधि है।

- गुनगुने निम्बू पानी का प्रात:काल नियमित प्रयोग शरीर में विटामिन-सी की मात्रा की पूर्ति कर एलर्जी के कारण होने वाले नजला-जुखाम जैसे लक्षणों को दूर करता है।

- अदरख,काली मिर्च,तुलसी के चार पत्ते ,लौंग एवं मिश्री को मिलाकर बनायी गयी हर्बल चाय एलर्जी से निजात दिलाती है।

- फल या सब्जी के जूस में 5 बूंद कैस्टर ऑयल डालकर सुबह खाली पेट पिएं। चाहें, तो फल व सब्जी के जूस के अलावा पानी भी ले सकते हैं। इससे आप आंतों, स्किन और नाक की एलर्जी से छुटकारा पा सकते हैं।

- आधे नींबू का रस और एक चम्मच शहद को एक गिलास गर्म पानी में मिला दें। इसे आप रोजाना सुबह कई महीनों तक पिएं। इससे एलर्जी से राहत मिलती है।

-एक या दो केले रोज खाएं। अकसर लोगों को विशेष खाना खाने से स्किन रैशेज और अस्थमा हो जाता है। इससे बचने का तरीका है कि आप रोजाना दो केले जरूर खाएं।

- 500 मिलीलीटर गाजर का जूस लें। मिक्स जूस भी ले सकते हैं, जिसमें खीरे का 100 मिलीलीटर जूस, चुकंदर का 100 मिलीलीटर जूस और 300 मिलीलीटर गाजर का जूस लें। इन्हें मिक्स करके रोजाना एक बार लें।

...तो केजरीवाल पर चप्पल फेंकने वाले 'शख्स' की यह है असली कहानी!



लखनऊ। समाजसेवी अन्ना हजारे के प्रमुख सहयोगी अरविंद केजरीवाल पर चप्पल फेंकने वाला जितेंद्र पाठक कभी भ्रष्टाचार विरोधी अन्ना हजारे के मुहिम का समर्थक रहा है और कई बार उनके कार्यक्रमों में शामिल भी हुआ है। जितेंद्र पिछले 15 सालों से अपने घर नहीं गया हुआ है। उसके परिवारवालों को भी नहीं पता की वह कहां रहता है।

केजरीवाल ने चप्पल उछालकर उन पर हमले की कोशिश करने वाले जितेंद्र के खिलाफ कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई जिसके बाद उसे लखनऊ पुलिस ने बुधवार को छोड़ दिया।

पुलिस हिरासत से बाहर आने के बाद जितेंद्र ने संवाददाताओं से कहा कि कहा कि, 'मैं अन्ना की भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू की गई मुहिम से शुरू से प्रभावित था। मैंने दिल्ली के जंतर-मंतर और रामलीला मैदान में उनके कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर उन्हें अपना समर्थन देने गया था।'

जितेंद्र के मुताबिक हाल के दिनों में खासकर हिसार में अन्ना और उनकी टीम द्वारा कांग्रेस पार्टी के खिलाफ शुरू किए गए अभियान और लोगों से वोट न देने की अपील से वह टीम अन्ना से नाराज था। जितेंद्र ने कहा, 'जो मैंने किया उसकी मुझे कोई शर्मिंदगी नहीं है। अन्ना हजारे के खिलाफ भी हम ऐसी हरकत कर सकते हैं। उसका भी मुझे कोई पछतावा नहीं होगा।'

जितेंद्र ने कहा, 'अन्ना हजारे शीतकालीन सत्र में जनलोकपाल विधेयक पारित न होने की दशा में उत्तर प्रदेश आकर कांग्रेस के खिलाफ प्रचार करने की बात कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में दाखिल होने से पहले अन्ना स्पष्ट करें कि वह कांग्रेस का विरोध क्यों कर रहे हैं..पिछले दिनों मुंबई में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के लोगों द्वारा उत्तर भारतीयों पर हुए हमले के विरोध में उन्होंने कुछ क्यों नहीं बोला और उत्तर भारतीय पर हमले करवाने वाले मनसे प्रमुख राज ठाकरे को जेल में डालने की मांग को लेकर वह अनशन क्यों नहीं कर रहे हैं। अगर इन सवालों के जवाब दिए बिना अन्ना उत्तर प्रदेश में कदम रखेंगे तो हमारे जैसे नौजवान अन्ना पर हमले करते रहेंगे।'

15 साल पहले ही छोड़ चुका है घरबार

भले ही जितेंद्र जालौन के कुरकुरू गांव का रहने वाला हो लेकिन वह 15 साल पहले ही घर छोड़ चुका है। वह बीते कई सालों से लखनऊ में रहता है। उसके घरवालों का कहना है कि वह कहां रहता है और क्या करता है..उन्हें उसकी कोई खबर नहीं है।

जितेंद्र के चाचा कैलाश पाठक ने कहा, 'वह 15 सालों से वह घर परिवार से कोई मतलब नहीं रख रहा है। उसके पिता की तबियत खराब है, लेकिन वह हाल जानने तक नहीं आया।' जितेंद्र के इस कृत्य की निंदा करते हुए कैलाश ने कहा, 'उसने जो किया वह बहुत गलत है। टीम अन्ना जो भी कर रही है वह देशहित के लिए कर रही है।'

लखनऊ के झूलेलाल पार्क में जनसभा के पहले केजरीवाल पर हमला करने की कोशिश करने वाले जितेंद्र ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि वह फ्रंटल संगठन सेवा दल का सदस्य रह चुका है और कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को अपना आदर्श मानता है।

केजरीवाल ने किया माफ

उधर अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'मैंने उस नवयुवक को माफ कर दिया है। मेरे मन में उसके लिए कोई दुर्भावना नहीं है। मुझे नहीं पता कि ऐसा कृत्य करते समय उसके मन में क्या था, लेकिन मेरा कहना है हिंसा से कोई फायदा नहीं है। अगर किसी बात को लेकर मन में सवाल हैं तो हमसे आकर बात करिए।'

धोना पड़ा नौकरी से हाथ जितेंद्र पाठक को नौकरी चली गई है। लखनऊ की जिस निजी कंस्ट्रक्शन कंपनी में वह काम करता था उसने घटना का संज्ञान लेते हुए जितेंद्र को नौकरी से निकाल दिया। जितेंद्र यहां कंपनी में सुपरवाइजर के पद पर काम करता था। उसके उग्र व्यवहार को देखते हुए उसे नौकरी से निकाल दिया गया है।

झाड़ू पर पैर लगने से बढ़ती है पैसों की तंगी, पढ़िए क्यों और कैसे...

घर में कई वस्तुएं होती हैं कुछ बहुत सामान्य रहती है। इनकी ओर किसी का ध्यान नहीं जाता। ऐसी चीजों में से एक है झाड़ू। जब भी साफ-सफाई करना हो तभी झाड़ू का काम होता है। अन्यथा इसकी ओर कोई ध्यान नहीं देता। शास्त्रों के अनुसार झाड़ू के संबंध कई महत्वपूर्ण बातें दी गई हैं।

शास्त्रों के अनुसार झाड़ू को धन की देवी महालक्ष्मी का ही प्रतीक रूप माना जाता है। इसके पीछे एक वजह यह भी है कि झाड़ू ही हमारे घर से गरीबी रूपी कचरे को बाहर निकालती है और साफ-सफाई बनाए रखती है। घर यदि साफ और स्वच्छ रहेगा तो हमारे जीवन में धन संबंधी कई परेशानियां स्वत: ही दूर हो जाती हैं।

प्राचीन परंपराओं को मानने वाले लोग आज भी झाड़ू पर पैर लगने के बाद उसे प्रणाम करते हैं क्योंकि झाड़ू को लक्ष्मी का रूप माना जाता है। विद्वानों के अनुसार झाड़ू पर पैर लगने से महालक्ष्मी का अनादर होता है। झाड़ू घर का कचरा बाहर करती है और कचरे को दरिद्रता का प्रतीक माना जाता है। जिस घर में पूरी साफ-सफाई रहती है वहां धन, संपत्ति और सुख-शांति रहती है। इसके विपरित जहां गंदगी रहती है वहां दरिद्रता का वास होता है। ऐसे घरों में रहने वाले सभी सदस्यों को कई प्रकार की आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी कारण घर को पूरी तरह साफ रखने पर जोर दिया जाता है ताकि घर की दरिद्रता दूर हो सके और महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो सके।

घर से दरिद्रता रूपी कचरे को दूर करके झाड़ू यानि महालक्ष्मी हमें धन-धान्य, सुख-संपत्ति प्रदान करती है। जब घर में झाड़ू का कार्य न हो तब उसे ऐसे स्थान पर रखा जाता है जहां किसी की नजर न पड़े। इसके अलावा झाड़ू को अलग रखने से उस पर किसी का पैर नहीं लगेगा जिससे देवी महालक्ष्मी का निरादर नहीं होगा। यदि भुलवश झाड़ू को पैर लग जाए तो महालक्ष्मी से क्षमा की प्रार्थना कर लेना चाहिए।

यूपी: मंदिर में 'शादी' कर कैबिनेट मंत्री करता रहा बलात्‍कार, पीए भी देता रहा साथ

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के एक और मंत्री पर बलात्‍कार का आरोप लगा है। चित्रकूट जिले में बरगढ़ क्षेत्र की स्वयंसेवी संस्था में काम करने वाली एक युवती ने आरोप लगाया है कि कैबिनेट मंत्री दद्दू प्रसाद ने उसके साथ दो बार बलात्कार किया है। युवती के साथ बलात्‍कार की पुष्टि हो गई है। ग्राम्य विकास मंत्री दद्दू प्रसाद ने युवती के आरोपों को बड़ी राजनीतिक साजिश करार दिया है।

इस युवती ने एसपी दफ्तर के सामने जहर खाकर जान देने की कोशिश भी की। अदालत में कलम बंद बयान देने के बाद बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में इस युवती ने सनसनीखेज आरोप लगाए। उसने मंत्री दद्दू प्रसाद और उनके पीए पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि स्वयंसेवी संस्था में काम करने के दौरान मंत्री के पीए से उसकी करीबी हो गई। साल 2007 में पीए ने नौकरी दिलवाने के बहाने उसे मंत्री दद्दू प्रसाद से मिलवाने बांदा डाक बंगले ले गया। वहां खाने के साथ उसे कोई नशीला पदार्थ खिला दिया गया, जिससे बेसुध हो गई। इसी दौरान डाक बंगले में मंत्री ने दो बार बलात्कार किया।

ब्लैकमेल भी किया

युवती का आरोप है कि मंत्री ने उसके साथ मंदिर में शादी भी रचाई थी। आरोप है कि मंत्री का पीए अंगद सिंह 2005 से ही उसके साथ दुराचार कर रहा है। अंगद ने उसकी एक निर्वस्त्र तस्वीर खींच ली थी, इसके बाद से वह फोटो को सार्वजनिक करने की धमकी देकर लगातार ब्लैकमेल कर दुराचार करता रहा। महिला ने मंत्री और पीए से अपनी जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा मांगी है।

मंत्री की सफाई

दद्दू प्रसाद ने युवती के इन आरोपों पर कहा कि बड़ी राजनीतिक साजिश के तहत उनके खिलाफ कथित बलात्‍कार के झूठे आरोप लगवाए जा रहे हैं। उनका आरोप है कि चुनाव नजदीक देख कुछ राजनीतिक विरोधी युवती को पैसे देकर उनके खिलाफ साजिश के तहत झूठा बयान दिलवा रहे हैं।

बाल ठाकरे ने दी चेतावनी, मुसलमान के हाथों काफा लेने से मोदी ने किया इनकार

| Email


सूरत. सद्भावना मिशन के तहत उपवास कर रहे गुजरात के मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नवसारी में मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधि के हाथों ‘काफा’ लेने से इनकार कर दिया। मोदी ने यहां आए अन्‍य समुदाय के लोगों की ओर से पेश किए गए सामान्‍य शॉल तो स्‍वीकार कर लिए लेकिन मुस्लिम समुदाय के व्‍यक्ति की ओर से ‘काफा’ (एक तरह का शॉल) लेने से मना कर दिया।

कुछ दिन पहले अहमदाबाद में इस मिशन की शुरुआत के दौरान एक इमाम ने ‘टोपी’ भेंट करनी चाही थी लेकिन मोदी ने इसे भी लेने से इनकार कर दिया था। हालांकि उन्‍होंने मौलाना से शॉल स्‍वीकार कर ली थी। इस घटना के बाद इमाम ने काफी हो हल्‍ला मचाया और कहा कि मोदी ने उसके धर्म का अपमान किया है।

सद्भावना मिशन के तहत अपने उपवास के दौरान काफा स्‍वीकार नहीं किए जाने की घटना पर बीजेपी ने मोदी का बचाव किया है। हालांकि कांग्रेस मोदी पर निशाने पर लिया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी के मन में सद्भावना नहीं है, वो सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं।


ताजा घटना से पहले शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' के जरिए चेतावनी दी कि यदि नरेंद्र मोदी ने अजमेर शरीफ की दरगाह आने वाले पाकिस्‍तानियों के लिए वीजा नियमों में छूट के लिए दबाव डाला तो उनसे नाता टूट जाएगा। गुरुवार को प्रकाशित इंटरव्‍यू में ठाकरे ने मोदी को ‘स्‍ट्रांगमैन’ भी माना, लेकिन यह भी चेतावनी दी कि ‘एक बार किसी के दिगाम में हवा गई तो उस आदमी का रास्‍ते से विचलित होना स्‍वाभाविक है।’

ठाकरे ने बीजेपी नेता की मांग का जिक्र करते हुए कहा, ‘मोदी अगर कुछ गलत करते हैं तो हम उन्‍हें सपोर्ट नहीं कर सकते। हमारा और उनका कोई परमाणु करार नहीं हो गया है। अगर वे कुछ गलत करते हैं तो मैं उनसे अलग हूं।’ गौरतलब है कि मोदी ने राजस्‍थान स्थित अजमेर शरीफ दरगाह की जियारत के लिए पाकिस्‍तानियों को ज्‍यादा वीजा दिए जाने की मांग की थी।

अमेरिका ने चेताया- हमले की जद से बाहर नहीं पाकिस्‍तान, खत्‍म करे आतंकी ठिकाने

| Email Print

इस्‍लामाबाद. अमेरिका और पाकिस्‍तान के बीच तल्‍खी बढ़ती ही जा रही है। इस कड़वाहट के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन गुरुवार को दो दिन के दौरे पर पाकिस्‍तान पहुंच रही हैं। अमेरिकी अधिकारियों ने क्लिंटन की इस यात्रा की पुष्टि कर दी है। माना जा रहा है कि अमेरिकी विदेश मंत्री उत्‍तरी वजीरिस्‍तान में तालिबान और अन्‍य आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पाकिस्‍तान पर एक बार फिर से दबाव बनाने की कोशिश करेंगी। क्लिंटन ने चेतावनी दी है कि पाकिस्‍तान को आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाह खत्‍म करनी ही होगी। उन्‍होंने कहा कि अमेरिका दुनिया में हर जगह आतंकवाद का मुकाबला करेगा चाहे वो पाकिस्‍तान में ही क्‍यों न हो।

क्लिंटन के साथ अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के प्रमुख डेविड पेट्रॉस और सेना के ज्‍वाइंट चीफ ऑफ स्‍टाफ जनरल मार्टिन डेम्‍प्‍सी भी पाकिस्‍तान आ रहे हैं। पाकिस्‍तान पहुंचने से पहले क्लिंटन ने लीबिया और अफगानिस्‍तान का अघोषित दौरा किया। वह बुधवार को काबुल पहुंचीं।
हिलेरी की यात्रा से ऐन पहले पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने अमेरिका को चेताया कि वह उत्‍तरी वजीरिस्‍तान में एकतरफा सैन्‍य कार्रवाई से पहले दस बार सोच ले। लेकिन इस धमकी से बेअसर नाटो ने पाकिस्‍तान को जवाबी चेतावनी दी है।
अफगानिस्‍तान में अमेरिकी नेतृत्‍व में लड़ी जा रही आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के सिलसिले में नाटो ने कहा है कि उनके सैन्‍य अभियान की जद में पाकिस्‍तानी सीमा भी है। नाटो ने अफगानिस्‍तान में सक्रिय एक आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया है और कहा है कि अगले साल के शुरू तक यह अभियान पाकिस्‍तानी सीमा तक पहुंच सकता है।
नाटो ने पाकिस्‍तान को इस बात के खिलाफ भी आगाह किया है कि उसके क्षेत्र से आतंकवादियों को निशाना बनाए जाने के नाम पर नाटो व अमेरिका के सैनिकों पर हमले किए जा रहे हैं।
इस बीच, क्लिंटन की यात्रा को पाकिस्‍तानी मीडिया और सरकार अमेरिका-पाकिस्‍तान संबंध सुधारने की अमेरिकी कवायद के रूप में देख रहा है। लेकिन अमेरिका का साफ कहना है कि पाकिस्‍तान को उसके देश में हक्‍कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी, नहीं तो वह अपनी ओर से एकतरफा कार्रवाई शुरू कर देगा। इस यात्रा से पहले पाकिस्‍तान ने अमेरिका को उकसाने वाला बयान भी दिया है। उसका कहना है कि अमेरिका को मदद रोकनी है तो रोक ले। इससे पहले पाकिस्‍तानी सेना के प्रमुख ने कहा था कि अमेरिका पाकिस्‍तान को नसीहत देने के बजाय अफगानिस्‍तान में अपना ध्‍यान केंद्रित करे
लेकिन पाकिस्‍तान का यह बयान गीदड़भभकी से ज्‍यादा कुछ नहीं लग रहा है। हकीकत यह है कि अपने देश में लगातार हो रहे ड्रोन हमलों के खिलाफ संयुक्‍त राष्‍ट्र में गुहार लगाने के संकेत देने काफी दिन बाद भी पाकिस्‍तान ने इस दिशा में कोई पहल नहीं की है। एक महीना पहले मानवाधिकार के मुद्दे पर प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के सलाहकार ने कहा था कि सरकार संयुक्‍त राष्‍ट्र में अमेरिकी ड्रोन हमलों के जरिए मानवाधिकार हनन का मुद्दा उठाएगी। पर अभी तक इसकी कोई औपचारिकता शुरू नहीं हुई है।
इस बीच, चीन के समर्थन से पाकिस्‍तान का उत्‍साह बढ़ा हुआ है। चीन हर मोर्चे पर पाकिस्‍तान का साथ दे रहा है। अब तो उसने संयुक्‍त राष्‍ट्र में सुरक्षा परिषद की अस्‍थायी सीट के लिए भी पाकिस्‍तान को समर्थन देने का ऐलान किया है। पाकिस्‍तानी मीडिया ने गुरुवार को कहा है कि चीन के इस कदम से भारत घबराया हुआ है। गौरतलब है कि शुक्रवार को सुरक्षा परिषद का वार्षिक चुनाव होगा। हालांकि भारत इस साल ही परिषद का सदस्‍य बना है और 2012 तक बना रहेगा।
पाकिस्‍तान को समर्थन का संकेत देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय में प्रवक्‍ता जियांग यू ने कहा, 'चीन पाकिस्‍तान के समर्थन के अनुरोध पर गंभीरता से विचार कर रहा है। चीन चाहता है कि पाकिस्‍तान अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर शांति बहाली व सुरक्षा में ज्‍यादा अहम भूमिका अदा करे।' सुरक्षा परिषद के अस्‍थायी सदस्‍य का चुनाव करने के लिए 21 अक्‍टूबर को बैठक होनी है।

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...