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22 अक्तूबर 2011

कुरान का संदेश

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यह है गीता का ज्ञान .


भगवत गीता का सार ............

खाली हाथ अाए अौर खाली हाथ चले। जो अाज तुम्हारा है, कल अौर किसी का था, परसों किसी अौर का होगा। इसीलिए, जो कुछ भी तू करता है, उसे भगवान के अर्पण करता चल। "
"You came empty handed, you will leave empty handed. What is yours today, belonged to someone else yesterday, and will belong to someone else the day after tomorrow. So, whatever you do, do it as a dedication to God! "
  • क्यों व्यर्थ की चिंता करते हो? किससे व्यर्थ डरते हो? कौन तुम्हें मार सक्ता है? अात्मा ना पैदा होती है, न मरती है।
  • जो हुअा, वह अच्छा हुअा, जो हो रहा है, वह अच्छा हो रहा है, जो होगा, वह भी अच्छा ही होगा। तुम भूत का पश्चाताप न करो। भविष्य की चिन्ता न करो। वर्तमान चल रहा है।
  • तुम्हारा क्या गया, जो तुम रोते हो? तुम क्या लाए थे, जो तुमने खो दिया? तुमने क्या पैदा किया था, जो नाश हो गया? न तुम कुछ लेकर अाए, जो लिया यहीं से लिया। जो दिया, यहीं पर दिया। जो लिया, इसी (भगवान) से लिया। जो दिया, इसी को दिया।
  • खाली हाथ अाए अौर खाली हाथ चले। जो अाज तुम्हारा है, कल अौर किसी का था, परसों किसी अौर का होगा। तुम इसे अपना समझ कर मग्न हो रहे हो। बस यही प्रसन्नता तुम्हारे दु:खों का कारण है।
  • परिवर्तन संसार का नियम है। जिसे तुम मृत्यु समझते हो, वही तो जीवन है। एक क्षण में तुम करोड़ों के स्वामी बन जाते हो, दूसरे ही क्षण में तुम दरिद्र हो जाते हो। मेरा-तेरा, छोटा-बड़ा, अपना-पराया, मन से मिटा दो, फिर सब तुम्हारा है, तुम सबके हो।
  • न यह शरीर तुम्हारा है, न तुम शरीर के हो। यह अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, अाकाश से बना है अौर इसी में मिल जायेगा। परन्तु अात्मा स्थिर है - फिर तुम क्या हो?
  • तुम अपने अापको भगवान के अर्पित करो। यही सबसे उत्तम सहारा है। जो इसके सहारे को जानता है वह भय, चिन्ता, शोक से सर्वदा मुक्त है।
  • जो कुछ भी तू करता है, उसे भगवान के अर्पण करता चल। ऐसा करने से सदा जीवन-मुक्त का अानंन्द अनुभव करेगा।

कुरान का तर्जुमा कुछ इस तरह से है

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मुझे दुश्मनों से प्यार बढ़ता गया

आप कहते हो
मेने दुश्मनों को
गले लगाया है
मेरे दिल की
यह हालत
आपने ही तो की है
मुझे दुश्मनों से
प्यार बढ़ता गया
ज़ब जब भी मेने
तुम्हारे जेसे
दोस्तों को अपनाया है ............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जीने की दुआ कर रहे हैं हम

हमारी हिम्मत देखलो
हम जानते हैं
इन हालातों में
जिंदगी म़ोत से भी है बदतर
फिर भी देख लो
तुम्हारे खातिर
जिंदगी की इस
सजा को पाने के लियें
जीने की दुआ कर रहे हैं हम ................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क्योंकि इश्क में ..

सुन लो मियाँ
यह पागलपन
यह दीवानगी
यूँ ही नहीं
इश्क ने हमे
ऐसा कर दिया है
देख लो
इश्क करो तो
तय्यार रहो इन सब के लियें
क्योंकि इश्क में
इस तरह के
सेकड़ों गम
नसीब में मिलते हैं .............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

देश की रक्षा के लिए पुत्र का बलिदान

राजस्थान के राजपूतों की बहतरीन और राष्ट्रभक्ति की दास्तान ....................कुछ इस तरह से रही है

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देश का जर्रा-जर्रा यह गाथा सुनाता है। यह है- स्वामीभक्ति के लिए पुत्र के बलिदान की। साहस और वीरता की। यह बात कोई 1535 की है। मेवाड़ की गद्दी के उत्तराधिकारी उदयसिंह की हत्या के लिए दासी पुत्र बनवीर चित्तौड़ स्थिल कुंभा महल की ओर तेजी से आ रहा था। उदयसिंह का लालन-पालन का दायित्व उसकी धात्री मां पन्ना के जिम्मे था। उदय की मां रानी कर्मावती पहले ही जौहर में आत्मबलिदान कर चुकी थीं। दासी पुत्र बनवीर की निगाहें मेवाड़ की राजगद्दी पर थी। बार-बार प्रयासों में विफल हो चुके बनवीर ने पन्नाधाय को चकमा देने के लिए महल में दिवाली जैसा उत्सव का माहौल बनाया था। एक के बाद एक हत्या कर बनवीर भूखे शेर की तरह तलवार लेकर महल की ओर बढ़ रहा था। बनवीर की यह मंशा पन्नाधाय से छुप न सकी। उसने तुरंत उदयसिंह को टोकरी में सुला पत्तियों से ढक कर एक सेवक के साथ सुरक्षित स्थान पर भेज दिया। फिर खाट पर उदयसिंह की जगह अपने पुत्र को लिटा दिया। सत्ता के मद में चूर बनवीर ने वहां पहुंचते ही उदयसिंह समझ कर पन्नाधाय के पुत्र को तलवार घोंप दी। अपने जिगर के टुक ड़े का बलिदान देने के बाद वह व्यंग्य के स्वर में बोलीं- हे! बनवीर मेवाड़ के महाराणा तो तेरी पहुंच से कोसों दूर जा चुके हैं। स्वामीभक्त पन्ना ने अपने जिगर के टुकड़े का बलिदान देकर मेवाड़ के असली वारिस के प्राणों की रक्षा की। कालांतर में जब उदयसिंह तेरह वर्ष के हुए तो उनका राज्याभिषेक कर दिया गया।

आर्य समाज मंदिर में विवाह से पहले माता-पिता को दें

जयपुर.हाईकोर्ट ने आर्य समाज मंदिरों में होने वाले विवाहों पर लगाम लगाते हुए कहा है कि इनमें विवाह से पहले लड़के-लड़की के माता-पिता को सूचना दी जाए और विवाह करने वालों की जानकारी नोटिस बोर्ड पर चिपकाई जाए।

साथ ही, आर्य समाज मंदिरों की राष्ट्रीय स्तर की प्रतिनिधि सभा को निर्देश दिया कि वह मंदिरों में होने वाले विवाहों में 1993 में गठित नियमों का पालन सुनिश्चित करे। न्यायाधीश दलीप सिंह व एस.एस. कोठारी की खंडपीठ ने यह दिशा-निर्देश दौसा निवासी बुद्धाराम मीणा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिया।


खंडपीठ ने कहा कि मान्यता लेने के बाद आर्य समाज मंदिरों का न तो निरीक्षण होता है और न ही उन पर प्रशासन का नयंत्रण रहता है। ऐसे में शीर्ष संस्था को इनकी गतिविधियों के प्रति जागरूक होना चाहिए। खंडपीठ ने जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया कि वह विवाह करने वाले लड़के व लड़की के नाम सहित पूरी जानकारी नोटिस बोर्ड पर चिपकाएं।

साथ ही, उनके परिजनों को भी नियम 9 के तहत छह कार्य दिवस का नोटिस मंदिर के समीप पुलिस स्टेशन के थानाधिकारी द्वारा दिया जाए। यदि वे शादी से इनकार करें और मंदिर के पदाधिकारी शादी चाहें तो उन्हें इसका कारण देना होगा कि क्या यह समाज के हित में है।

जानिए, कैसे हुआ रावण का जन्म?

महाभारत में अब तक आपने पढ़ा...युधिष्ठिर के ऐसा कहने पर जयद्रथ बहुत लज्जित हुआ वह चुपचाप नीचे मुंह करके चल दिया। पाण्डवों से पराजित और अपमानित होने के कारण दुखी होकर उसने भगवान शंकर की कठोर तपस्या की। भगवान शंकर बोले ऐसा नहीं हो सकता है। केवल एक दिन तुम अर्जुन को छोड़ शेष चार पांडवों को युद्ध में पीछे हटा सकता है अब आगे....

द्रोपदी को छुड़ा लेने के बाद धर्मराज युधिष्ठिर ने मार्कण्डेयजी से कहा आप हमे रामचंद्रजी का चरित्र कुछ विस्तार के साथ सुनना चाहता हूं। अत: आप बताइए कि रामजी किस वंश में प्रकट हुए, उनका बल और पराक्रम कैसा था। साथ ही रावण के बारे में भी बताइए। तब मार्कण्डेयजी सुनाने लगे। दशरथ के धर्म और अर्थ को जानने वाले पुत्र राम, लक्ष्मण, भरत और श्त्रुघ्न। राम की पत्नी का नाम सीता था। अब रावण के जन्म की कथा सुनो। ब्रह्मजी रावण के पितामह थे। उनके पुत्र पुलस्त्यजी थे। उपकी पत्नी का नाम गौ था।

उससे कुबेर नाम का पुत्र हुआ वह अपने पितामह की सेवा में अधिक रहने लगा। ये देखकर पुलस्त्य मुनि को यह देख बहुत क्रोध हुआ। उन्होंने अपने आपको ही दूसरे शरीर से प्रकट किया। इस प्रकार आधे शरीर से रूपांतर धारण कर पुलत्स्यजी विश्रवा नाम से विख्यात हुए। पुलत्स्य के आधे देह से जो विश्रवा नामक मुनि प्रकट हुए थे। वे कुबेर कुपित दृष्टि से देखने लगे। राक्षसों के स्वामी कुबेर को यह बात जब पता चली के उनके पिता उन पर क्रोधित हैं तो उन्होंने उनके पास तीन राक्षस कन्याएं जिनका नाम पुष्पोत्कटा, राका और मालिनी। मुनि उनकी सेवाओं से प्रसन्न हो गए। उन्होंने पुष्पोत्कटा के दो पुत्र रावण के दो पुत्र हुए रावण और कुंभकर्ण। इस पृथ्वी पर इनके समान बलवान दूसरा कोई नहीं था। मालिनी से एक पुत्र विभीषण का जन्म हुआ। राका के गर्भ से एक पुत्र और एक पुत्री हुई। पुत्र का नाम खर था और पुत्री का नाम शूर्पणखा। विभीषण इन सब में अधिक सुंदर, भाग्यशाली, धर्मरक्षक, और सत्कर्मकुशल था। रावण के दस मुख थे।

राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए'

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जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान को विषम भौगोलिक परिस्थितियों, पानी की कमी, बार-बार अकाल और सूखे की स्थिति को देखते हुए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग रखी है।

गहलोत ने कहा कि जब तक इस राज्य को विशेष दर्जा नहीं दिया जाता तब तक पेयजल और वन विकास के कामों के लिए राजस्थान को विशेष आर्थिक मदद दी जाए। उन्होंने प्रदेश में मिले तेल भंडारों को देखते हुए तेल रिफाइनरी जल्द से जल्द लगाने की भी मांग की।

गहलोत शनिवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई राष्ट्रीय विकास परिषद (एन डीसी) की 56 वीं बैठक में बोल रहे थे। बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने की।

गहलोत ने कहा कि पहाड़ी एवं सीमावर्ती राज्यों की तरह विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पिछले कई वर्षो से की जा रही है, लेकिन इसे अभी तक मंजूर नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि योजना आयोग के पास अन्य राज्यों के प्रस्ताव भी होंगे। इनके परीक्षण में लगने वाले समय को देखते हुए राज्य को पेयजल एवं वन विकास के लिए केन्द्र से प्राथमिकता के आधार पर अतिरिक्त आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए। उन्होंने शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए केंद्र से 50,000 करोड़ रुपए की मांग की।

बिजली के लिए कर्ज में हस्तक्षेप की मांग

गहलोत ने बताया कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में सरकारी क्षेत्र में 7750 मेगावाट और निजी क्षेत्र में 3840 मेगावाट विद्युत परियोजनाओं को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के निर्देश पर राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्ज देने से मना करने से नई समस्या पैदा हो गई है। उन्होंने केन्द्र से हस्तक्षेप का अनुरोध किया है ताकि कर्ज मिल सके और परियोजनाएं आगे बढ़ सकें।

रिफाइनरी की स्थापना :

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य पेट्रोलियम खोज का लाभ तभी मिल सकेगा, जब राज्य में रिफाइनरी लगे।

रेलवे लाइन से जोड़ने की मांग :

गहलोत ने रेलवे लाइन से वंचित जिलों टोंक, करौली और प्रतापगढ़ को रेल लाइन से जोड़ने की मांग की है।

दिल्ली-मुंबई फ्रेट कॉरिडोर:

गहलोत ने दिल्ली-मुंबई फ्रेट को जल्द शुरू करने की मांग की है, इसका लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान से गुजरेगा।

राइट टू शेल्टर :

उन्होंने सूचना के अधिकार, शिक्षा के अधिकार एवं रोजगार की गारंटी के साथ अब स्वयं के आवास का अधिकार (राइट टू शेल्टर) जनता को देने की मांग भी उठाई।

अन्य मुद्दे :

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना और जननी शिशु सुरक्षा योजना भी प्रारंभ की गई है। जननी सुरक्षा में गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं के लिए निशुल्क जांच, उपचार, रक्त, भोजन एवं परिवहन सेवाएं दी जा रही हैं।हर राज्य में एम्स जैसी सुविधाओं वाले संस्थान की स्थापना की मांग भी की। उन्होंने नरेगा योजना को शहरों में भी लागू करने का सुझाव दिया।

वह पांच साल से मांग रहा था पानी,लेकिन सांसों ने छोड़ दिया साथ


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टोंक/जयपुर.बीसलपुर बांध के पानी की मांग को लेकर पिछले करीब पांच साल से पटेल सर्किल पर चल रहे धरना स्थल पर बैठे एक किसान उबेदुल्लाह की शनिवार को मृत्यु हो गई। उसके शव को झिराना ले जाया गया है।

बीसलपुर किसान संघर्ष समिति केदारनाथ मंदिर झिराना के बैनर तले सोहेला गांव स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग पर बीसलपुर बांध का पानी सिंचाई के लिए मालपुरा, पीपलू, टोडारायसिंह के किसानों द्वारा मांगा जा रहा है।

इस मांग को लेकर 13 जून 2005 में सोहेला में पुलिस की गोली से एक महिला सहित पांच किसानों की मौत हो गई थी। उसके प्रथम बरसी 13 जून 2006 से पटेल सर्किल पर किसानों ने धरना शुरू किया, जो अब तक चल रहा था।

'मैं भी मर जाऊंगा और बच्चे की भी बलि दे दूंगा'


इंदौर। जूनी इंदौर थाने के सिपाही ने शनिवार अलसुबह टीआई के सामने कार में सवार एक युवक व उसके साथ बच्चे को तलवार सहित पकड़ा। उसे तुकोगंज पुलिस को सौंपा गया है। ये पहले आध्यात्मिक संत भैयू महाराज के यहां काम करता था।

पुलिस के मुताबिक वह कभी बोलता है मैं जिंदगी से परेशान हूं, खुद मर जाऊंगा और बच्चे की नरबली दूंगा। कभी बोलता है कि मेरे पिता का देहांत हो गया है तो मैं गांव जा रहा था। जूनी इंदौर थाने के सिपाही गोकुल मालवीय ने बताया कि सुबह सवा पांच बजे ट्रेजर आइलैंड के सामने एक कार संदिग्ध हालत में खड़ी दिखी।

कार चालक से खड़े होने के बारे में पूछा तो वह कार लेकर रीगल की ओर भागा। सिपाही ने हाई कोर्ट पर कारचालक को पकड़ लिया। पूछताछ में उसने अपना नाम राहुल पिता रणजीत सिंह (32) बताया। बच्चे का नाम एमटा बताया है। कार से एक तलवार भी मिली।

चांदी का 1000 का नोट मिल रहा 300 में!

एक हजार का नोट बाजार में मात्र तीन सौ रुपए में मिल रहा है। जी हां, यह नोट कागज का नहीं है बल्कि चांदी का है। इसे एक हजार रुपए के नोट की डिजाइन में तैयार किया गया है। इस पर लक्ष्मी-गणोश के चित्रों समेत यंत्रों का चित्रण भी है। इसकी बिक्री तेज है, क्योंकि दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के लिए खरीदारी बढ़ी है।

ऐसे में दुकानदारों ने भी इस साल नई-नई पूजा सामग्री तैयार कराई है। खासकर चांदी के नए आयटम बहुत तैयार हुए हैं। चांदी के लक्ष्मी-पत्र पर भी संपूर्ण पूजा तैयार है।

सोने की सामग्री भी है पूजन की

स्वर्ण पूजन दीपावली पर अति शुभ माना गया है। इसीलिए सराफा व्यवसायियों ने सोने का सिक्का भी पूजन के लिए तैयार कराया है। यह सिक्का एक ग्राम से लेकर 50 ग्राम तक के वजन में उपलब्ध है। इस सिक्के पर लक्ष्मी-गणोश की प्रतिमाएं उकेरी गई हैं।

संपूर्ण पूजा सामग्री चांदी की

धन-दौलत की अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मी का पूजन करते समय चांदी के आयटम पूजा में रखना अति शुभ बताया गया है। यही कारण है कि सराफा व्यवसायी दीपावली से पहले हर साल ही नए आयटम तैयार कराते हैं। इस बार भी लक्ष्मी पूजन के लिए चांदी के लक्ष्मी-गणोश, स्वास्तिक, कलश, नारियल, दीपक, तुलसी गमला, घंटी, पान पत्ता, सुपारी, अगरबत्ती स्टैंड समेत चांदी के सिक्कों पर लक्ष्मी-गणोश पूजा तैयार की गई है।

तैयार है पूजा किट

लक्ष्मी पूजन के लिए एक किट भी बाजार में मिल रही है। रावल दास फर्म ने पूजा की किट में वह हर सामग्री रखी है, जो कि जरूरी होती है। पूजा सामग्री बेच रहे संतोष बताते हैं कि पूजा की किट में लक्ष्मी-गणोश के चित्र, पूजा विधि की छोटी पुस्तक, रोरी, चंदन, कलावा, हल्दी, दीपक, कमल गट्टे, चावल, पान, सुपारी, धूप, जनेऊ, धनिया, माचिस, रुई की बत्ती, मोमबत्ती आदि सामग्री इस किट में रखी गई है।

सिक्कों के भाव पर एक नजर

> 01 ग्राम वजन का सोने का सिक्का 3100 रुपए का है।
> 50 ग्राम वजन का सोने का सिक्का 1,39,000 रुपए का है।
> 05 ग्राम चांदी का सिक्का 300 रुपए का है।
> 500 रुपए का चांदी का नोट भी तैयार है बाजार में।

ये मिल्क केक बिगाड़ देता आपकी सेहत, इसलिए हो गया आग के हवाले


भोपाल। खाद्य एवं औषधि प्रशासन अमले ने शनिवार को नादरा बस स्टैंड से चार सौ 32 किलो (4 क्विंटल 32 किलो) मिल्क केक जब्त किया। मिल्क केक के खराब क्वालिटी का पाए जाने पर इसे कमिश्नर फूड सेफ्टी की मौजूदगी में इसे नष्ट कराया गया।

खाद्य सुरक्षा अफसरों ने नष्ट किए गए मिल्क केक की बाजार कीमत 1 लाख 29 हजार रुपए बताई है। केक को दीपावली पर खपाने के लिए राजधानी लाया गया था। इसके अलावा खाद्य सुरक्षा अफसरों ने बैरागढ़ और एमपी नगर स्थित दुकानों से तीन खाद्य पदार्थो के नमूने लिए, जिन्हें देर शाम जांच के लिए राज्य खाद्य पदार्थ परीक्षण प्रयोगशाला भेजा गया। इसके अलावा बैरागढ़ स्थित वर्षा स्वीट्स पर बिक्री के लिए रखे गए गुलाब जामुन पाउडर को फिंकवाया गया।

खाद्य सुरक्षा अधिकारी (एफएसओ) डीके वर्मा ने बताया कि दोपहर बाद नादरा बस स्टैंड पर मावा रखा होने की सूचना मिली थी। इस पर वहां रखे गत्ते के कार्टून को खोला गया, जिनमें मिल्क केक मिला। इसका नमूना जांच के लिए भेज दिया गया है। साथ ही केक को बैरागढ़ स्थित एक कोल्ड स्टोर में सुरक्षित रखवाया दिया गया है।

मिल्क केक में क्रीम का स्तर तय मानक से कम निकला। इस पर उसे लैब के मैदान में जलाकर नष्ट कर दिया गया। हालांकि हालांकि अमला अब तक मिल्क केक सप्लायर का पता नहीं लगा पाया है।

कैद में बचपन, मासूम की चीख सुन सहम जाता है आस-पड़ोस!

इंदौर।बाबू मुराई कॉलोनी में एक मासूम बच्ची का बचपन कैद है। उस पर जुल्म ढहाए जा रहे हैं। उसके चेहरे और हाथ-पैरों के जख्म इसकी तस्दीक करते हैं। बच्ची की चीखें सुनकर आस-पड़ोसी तक सहम जाते हैं।

मामला 12 वर्षीय बच्ची संजना का है। संजना को अपनी बेटी बताने वाली उर्मिला और केबी मायावंशी गुजरात के रहने वाले हैं। केबी सीआईएसएफ में पदस्थ हैं। उनके तीन कमरे के घर में संजना को कैद कर रखा जाता है। कभी उसे किचन में कैद किया जाता है तो कभी कमरे में।

पड़ोसियों की मानें तो यहां दिन-रात बच्ची की चीख सुनाई देती है। उर्मिला उसे लात-घूंसों से पीटती है। उसके बाल पकड़कर सिर दीवारों से ठोंक दिया जाता है। पड़ोसी विरोध करने जाते हैं तो उर्मिला का जबाव होता है कि वह मेरी बेटी है। मैं उसे कुछ भी करूं। रहवासियों ने कई बार एरोड्रम पुलिस को शिकायत की लेकिन बच्ची आज भी जुल्म सह रही है।

चुपके से देते हैं बच्ची को खाना

पड़ोसियों ने बताया हमें बच्ची की सूरत देखने को नहीं मिलती। गली के सभी बच्चे बाहर खेलते हैं लेकिन तीन साल में कभी उसे बाहर नहीं देखा। पड़ोसी ने यह भी बताया बच्ची को कमरे में बंदकर रखा जाता है। उसे भूखा रखा जाता है। ठंड हो या बरसात, बच्ची फर्श पर सोती है। कई बार उसे खिड़की से कंपकंपाते हुए देखा। वह बोरे को ओढ़ती है। उसे पंजे के बल कूदने की सजा दी जाती है। हमने कई बार उसे छुपते-छुपाते खिड़की से रोटी दी है।

नहीं टूटी मासूम की खामोशी

किराए से मकान देखने के बहाने भास्कर संवाददाता शुक्रवार को जैसे-तैसे फोटोग्राफर के साथ उक्त घर में दाखिल हुए, तब संजना कोने में सहमी बैठी थी। उर्मिला का ध्यान भटकते ही बच्ची से बात की तो वह पहले हिम्मत नहीं जुटा पाई, लेकिन उर्मिला को दूसरी ओर पाया तो कहने लगी वह मुझे बहुत मारती है। उससे पूछा कि यह तुम्हारी मम्मी है तो वह कुछ बोली नहीं। अन्य बातें पूछने पर भी वह चुप रही।

मां नहीं कहती है इसलिए गुस्सा आता है

उर्मिला का कहना है कि वह मेरी बेटी है। उसकी तबीयत खराब रहती है इसलिए उसे जख्म हो गए हैं। उसके सिर के बाल उखड़ गए जिसका इलाज चल रहा है। हम उसे अच्छे से रखते हैं। उर्मिला ने पड़ोसियों को यह भी बताया कि संजना बचपन से मेरी जेठानी के घर रही थी। वह हमें भूल गई है और मुझे मां नहीं कहती इसीलिए मुझे गुस्सा आता है

पुलिस की कोरी कार्रवाई

इस मामले में एरोड्रम पुलिस को सूचना दी तो वह सुस्त दिखी। फिर एसएसपी ए.साईं मनोहर को शिकायत की गई तो उनके निर्देश पर टीआई बीएल मीणा टीम के साथ उर्मिला के घर पहुंचे। उन्होंने उर्मिला के बयान लिए और लौट गए। पुलिस ने न तो बच्ची से अलग बात की और न ही उसका मेडिकल चेकअप किया। पड़ोसियों से भी पूछताछ की।

शराब कॉन्ट्रेक्टर ने भरे बाजार चलाई गोलियां

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इंदौर। शराब दुकानों के ठेके लेने वाले एक ग्रुप के पार्टनरों में पांच करोड़ के लेनदेन को लेकर चल रहे विवाद ने शुक्रवार दोपहर बड़ा रूप ले लिया। महारानी रोड की एक दुकान पर चल रही समझौते की बैठक में झगड़ा होने पर सरे बाजार गोलियां और तलवार-चाकू चले। एक युवक के चेहरे पर गोली लगने से गंभीर हालत में उसे निजी अस्पताल भेजा गया। उसके तीन रिश्तेदार भी घायल हुए। वहीं, दूसरे गुट के भी दो लोग अस्पताल में भर्ती हैं। उनमें एक के पैर में गोली लगी है। उन्होंने भी शिकायत की है जिसकी जांच की जा रही है।
घटना करीब 12 बजे सेंट्रल कोतवाली थाने से महज 150 मीटर की दूरी पर हुई। टीआई अतीक अहमद खान ने बताया महारानी रोड पर महालक्ष्मी कॉम्प्लेक्स के तलघर में ट्राइसिकिल हाउस दुकान पर मालिक पवन पिता सत्यनारायण चौकसे व उनके भाई पंकज तथा पिंकू बैठे थे। इस दौरान बंगाली कॉलोनी निवासी धर्मेंद्रसिंह राठौर, उसका भाई सर्वेंद्र, मुकेश, मिलेश, सत्यमसिंह गोल्डी व अन्य आरोपी तीन कारों से वहां पहुंचे।

बातचीत के दौरान उनका पवन और पंकज से विवाद हुआ। बात बढ़ने पर धर्मेंद्र व उसके साथियों ने फायरिंग शुरू कर दी। पहली गोली पवन के बाएं जबड़े में लगी। पंकज झुक गया तो गोली उसे नहीं लगी लेकिन उसके सिर पर तलवार लग गई। यह देख दुकान के सामने स्थित जीवन इलेक्ट्रिकल्स दुकान पर बैठे पवन के चाचा महेश चौकसे व रिश्तेदार सुमित पहुंचे।
घटना से वहां भगदड़ की स्थिति बन गई। हमले में पिंकू, महेश और सुमित को भी चोट लगी। इसके बाद दूसरे पक्ष ने भी जवाबी हमला किया, जिससे आरोपियों में एक की कार एमपी-09 सीजे-0007 के कांच फूट गए। खबर मिलते ही पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे लेकिन हमलावर उनके सामने ही भाग निकले। पवन को गंभीर हालत में निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
‘मुझे हिस्सा दिए बिना ग्रुप से बेदखल करना चाह रहे थे’

थाने में एफआईआर पंकज ने कराई। उसने बताया मैं, सर्वेंद्र राठौर, मिलेश, जितेंद्र आर्य व मुकेश चौकसे जय महाकाल जय भोले ग्रुप के पार्टनर हैं। हम चार साल से शराब दुकानों के ठेके ले रहे हैं। ग्रुप में इसी साल सर्वेंद्र ने भाई धर्मेंद्र को शामिल कर लिया। वे मुझे ग्रुप से हटाने और देपालपुर स्थित मेरी शराब दुकानों पर कब्जा करना चाह रहे थे। मैंने उनसे कहा यह साल पूरा हो जाने दो और मेरे हिस्से के पांच करोड़ रुपए दे दो तो अलग हो जाऊंगा पर वे हिस्सा नहीं दे रहे थे। इसी बात पर विवाद हुआ।
11 नामजद आरोपी, तलवार जब्त

पुलिस ने धर्मेंद्र, मुकेश चौकसे, मिलेश यादव, सर्वेंद्र, रूपेश यादव, अरविंद ठाकुर, सत्यमसिंह गोल्डी, पिल्लू पांडे, मुकेश यादव, विक्की ठाकुर, गब्बर चिकना व अन्य 15 आरोपियों के खिलाफ बलवा, प्राण घातक हमला, गाली-गलौज, जान से मारने की धमकी व मारपीट की धाराओं में केस दर्ज किया है।
पैर में गोली लगी या खुद मारी?

एएसपी महेशचंद जैन को खबर मिली कि आरोपी धर्मेंद्रसिंह पैर में गोली लगने का बताकर बंगाली चौराहे के पास स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती हो गया है। श्री जैन व सीएसपी राजेश रघुवंशी वहां पहुंचे तो डॉक्टरों ने बताया उसे पैर में गोली लगी है। उसके साथ ही सत्यमसिंह गोल्डी भी भर्ती हुआ, उसे आंख के पास चोट आई है।

पता चला है कि धर्मेंद्र के पास लाइसेंसी पिस्टल है। पुलिस जांच कर रही है कि धर्मेंद्र ने खुद को गोली मारी है या मौके पर हुई फायरिंग में वह घायल हुआ। पुलिस ने अस्पताल में ही जवान तैनात करते हुए दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया।

हम नेता होते ही कमीने हैं: सुबोधकांत

अजमेरसूफी इंटरनेशनल फेस्टिवल के उद्घाटन समारोह के दौरान केंद्रीय पर्यटन मंत्री सुबोधकांत सहाय अपने हमपेशा नेताओं के लिए ‘कमीने’ शब्द का प्रयोग करने से भी नहीं चूके। किसी भी मुद्दे को खुद के हित में भुनाने की नेताओं की प्रवृत्ति पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि टीवी पर जब रामायण धारावाहिक शुरू हुआ तब हिंदू और मुसलमान चप्पल उतार कर आदर सहित रामायण सीरियल देखने बैठते थे, लेकिन नेताओं ने उसी सहिष्णुता और समभाव का लाभ उठाकर राम मंदिर को भी राजनीतिक मुद्दा बना दिया। इस वजह से पूरे देश को सांप्रदायिकता का दंश झेलना पड़ा। बाद में पत्रकारों ने जब उनकी ओर से प्रयुक्त ‘कमीना’ शब्द का प्रयोग किए जाने पर पूछा गया तो उन्होंने पुन: कहा कि मैं कह रहा हूं कि हम नेता होते ही ‘कमीने’ हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रामानंद सागर द्वारा श्रीकृष्णा सीरियल बनाने पर भी विचार किया जा रहा था लेकिन अयोध्या मामले के कारण श्रीकृष्णा धारावाहिक की स्वीकृति नहीं दी गई।

अब अच्छा माहौल है, कई चैनलों पर धार्मिक कार्यक्रम दिखाए जा रहे हैं।
आडवाणी हताश
केंद्रीय पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय ने कहा कि भाजपा नेता व पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी हताश हो गए हैं। वे हताशा से उबरने की कोशिशों में लगे हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ जनचेतना यात्रा भी उसी का एक हिस्सा है। आडवाणी को भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी यात्रा कर्नाटक से शुरू करनी चाहिए थी। उनकी प्रधानमंत्री बनने की चाहत पूरी नहीं होगी। सहाय ने अन्ना हजारे की टीम की ओर से कांग्रेस के खिलाफ किए जा रहे प्रचार पर कहा कि जिनके घर शीशे के होते हैं उन्हें ध्यान रखना चाहिए। अन्ना हजारे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ते-लड़ते कांग्रेस के खिलाफ हो गए। कांग्रेस एक राजनीतिक पार्टी है और उसके खिलाफ कई दल चुनाव लड़ते हैं। अन्ना की टीम राजनीतिक विरोध करना चाहती है तो उनसे चुनाव लड़ना चाहिए।

मंत्री मंडल में फेर बदल के लिए गहलोत ने की राहुल से गुफ्तगू

जयपुर.प्रदेश में बदलते राजनीतिक हालात के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी से मुलाकात की। गहलोत कांग्रेस के महासचिव अहमद पटेल और मुकुल वासनिक से भी मिले और लंबी बातचीत की।

भंवरी देवी प्रकरण के बाद महिपाल मदेरणा की मंत्री पद से बर्खास्तगी और गोपालगढ़ फायरिंग मामले के बाद मुख्यमंत्री की इस मुलाकात को प्रदेश में मंत्रिमंडल फेरबदल के रूप में देखा जा रहा है।

जानकार सूत्रों के अनुसार गहलोत की कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और राहुल गांधी के साथ की गई मुलाकात को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वे राहुल गांधी के साथ पौन घंटा से अधिक समय तक रहे।

माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने गोपालगढ़ प्रकरण के बाद की स्थितियों की जानकारी दी और भंवरी प्रकरण में की गई कार्रवाई के बारे में राहुल गांधी को अवगत कराया है।

इसके साथ ही मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल पर भी चर्चा होने की बात कही जा रही है। गहलोत ने अहमद पटेल और मुकुल वासनिक से अलग अलग मिले। इन दोनों के साथ ही उनका मुलाकात आधा घंटे से अधिक समय तक रही।

जानकारों का कहना है कि इन दोनों नेताओं से भी संभावित फेरबदल के बारे में राय मशविरा किया, हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री गहलोत राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) की बैठक में भाग लेने के लिए गए हैं।

उनके शनिवार को जयपुर लौटने का कार्यक्रम है, लेकिन अगर मुकुल वासनिक के साथ आने का कार्यक्रम बना तो रविवार को लौटेंगे। वासनिक रविवार को यहां होने वाली कांग्रेस प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में शामिल होंगे।

इस बीच पता चला है कि चिकित्सा मंत्री ए.ए. खान, शिक्षा मंत्री भंवर लाल मेघवाल, और जनसंपर्क राज्य मंत्री अशोक बैरवा और संसदीय सचिव गिर्राज सिंह मलिंगा एवं कुछ विधायक दिल्ली में है। बाबूलाल नागर भी दिल्ली गए थे, लेकिन वे शनिवार को ही वहां से रवाना हो गए थे।

तुलसी है एक नहीं अनेक रोगों की दवा

भारत के घर- घर में तुलसी पूजा की जाती है। तुलसी की उत्पत्ति के बारे में कहा गया है कि जब देव तथा दानव समुद्र मंथन कर रहे थे उस समय जो अमृत धरती पर छलका था, उसी से तुलसी पैदा हुई। तुलसी को इसके औषधीय गुणों के कारण ही भारत में इसका पूजन किया जाता है। आज हम बात कर रहे हैं तुलसी के कुछ ऐसे ही औषधीय गुणों के बारे में।

- अल्सर और मुंह के अन्य संक्रमण में तुलसी की पत्तियां फायदेमंद साबित होती हैं।

- रोजाना तुलसी की कुछ पत्तियों को चबाने से मुंह का संक्रमण दूर हो जाता है।

सुबह पानी के साथ तुलसी की 5 पत्तियां निगलने से कई प्रकार की संक्रामक बीमारियों एवं दिमाग की कमजोरी से बचा जा सकता है।

- तुलसी की जड़ का काढा ज्वर नाशक होता है।

- तुलसी अदरक मुलैठी सबको घोटकर शहद के साथ लेने से सर्दी के बुखार में आराम होता है।

- दाद, खुजली और त्वचा की अन्य समस्याओं में तुलसी के अर्क को प्रभावित जगह पर लगाने से कुछ ही दिनों में रोग दूर हो जाता है।

- तुलसी के बीज खाने से विष का असर नहीं होता।

किसी के पेट में यदि विष चला गया हो तो तुलसी का पत्र जितना पी सके पिये, विष दोष शांत हो जाता है।

- मासिक धर्म के दौरान यदि कमर में दर्द भी हो रहा हो तो एक चम्मच तुलसी का रस लें।

- तुलसी का रस 10 ग्राम चावल के माड़ के साथ पिए सात दिन। प्रदर रोग ठीक होगा। इस दौरान दूध भात ही खाएं।

- तुलसी के बीज पानी में रात को भिगो दें। सुबह मसलकर छानकर मिश्री में मिलाकर पी जाएं। प्रदर रोग ठीक होगा।

- तुलसी की पिसी पत्तियों में एक चम्मच शहद मिलाकर नित्य एक बार पीने से आप निरोगी रहेंगे, गालों में चमक आएगी।

वीडियो: भूखे भेड़िए जैसे गद्दाफी पर टूटे थे विद्रोही, पीटकर कर दिया था अधमरा


मिसराता.लीबिया के तानाशाह गद्दाफी की मौत कैसे हुई? इस मुद्दे पर विवाद शुरू हो गया है। गद्दाफी पत्नी साफिया ने अपने पति की मौत की जांच की मांग की है। मोबाइल फोन के जरिए ली गई तस्वीरों से साफ हो जाता है कि सिरते में गद्दाफी को सीवर पाइप से जब बाहर निकाला गया तो वह जिंदा था। इसके बाद नेशनल ट्रांजिशनल काउंसिल के लड़ाकों ने गद्दाफी के साथ मारपीट की।

गद्दाफी के शव को फुटपाथ पर घसीटा गया। खबरों के मुताबिक गद्दाफी के बेटे मुतस्सिम को भी जिंदा पकड़ने के बाद मार दिया गया। मुतस्सिम के शरीर पर भी सिगरेट से जलाए जाने के निशान हैं। मुतस्सिम का शव भी मिसराता की उसी मीट की दुकान के कोल्ड स्टोरेज में रखा गया है, जहां गद्दाफी का शव पहले से ही मौजूद है।

2012 में राहुल बनेंगे कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष !

नई दिल्ली. कांग्रेस में यह तय हो गया है कि राहुल गांधी को अगले साल पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाएगा। उस समय का इंतजार हो रहा है,जब उनकी औपचारिक रूप से ताजपोशी की जाएगी।
सरकार और पार्टी में उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार,अगले साल उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनावों के पहले या तत्काल बाद बदलाव की घोषणा की जा सकती है। नाम न बताने की शर्त पर सूत्र ने कहा कि सरकार एवं पार्टी का नियंत्रण सोनिया गांधी के हाथ में ही रहेगा। सरकार के वरिष्ठ सदस्य वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी एवं अन्य राहुल से नीतिगत मामलों पर चर्चा करेंगे। पार्टी की नीति और विचारधारा सरकार के कामों से स्पष्ट करने के लिए ऐसा किया जाएगा।

राहुल गांधी अब तक अनिच्छुक रहे हैं। क्या प्रियंका वाड्रा को पार्टी की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है? सूत्र ने कहा, लोगों में यह गलतफहमी है। पूरा परिवार (सोनिया, राहुल और प्रियंका) मिलकर फैसले लेता है। सोनिया और प्रियंका दोनों चाहते हैं कि राहुल आगे बढ़ें। उनके बीच आपस में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है।
पार्टी में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि सोनिया गांधी 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव में लड़ने से इनकार कर सकती हैं। ऐसे में उनके स्थान पर प्रियंका रायबरेली की परंपरागत सीट पर पारिवारिक विरासत को आगे बढ़ाएंगी। पार्टी चाहती है कि राहुल 2014 के आम चुनावों में नेतृत्व करें और जीतकर प्रधानमंत्री बनें।
फिलहाल मनमोहन सिंह के स्थान पर किसी और को प्रधानमंत्री बनाने की योजना नहीं है। यह भी कयास लग रहे हैं कि अगले साल जुलाई में प्रतिभा देवीसिंह पाटील का कार्यकाल पूरा होगा तो उनके स्थान पर मनमोहन सिंह को राष्ट्रपति बनाया जा सकता है। लेकिन यह तभी संभव है, जब राहुल प्रधानमंत्री बनने को राजी हो जाए। फिलहाल वे ऐसा नहीं चाहते। ऐसे में 2014 तक मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने रहेंगे। राज्यसभा में उनका चौथा कार्यकाल जून 2013 में खत्म हो रहा है।

क्या राहुल गांधी का राजनीतिक दृष्टिकोण परिपक्व हो गया है या अभी भी वे सीख रहे हैं? सूत्र ने कहा कि वे समाज के कमजोर तबकों के लिए काम करना चाहते हैं। वे दादी इंदिरा गांधी का अनुसरण कर रहे हैं। वे ग्रामीण भारत और गरीबों में अपनी और पार्टी की छवि चमकाना चाहते हैं। कांग्रेस को यह डर भी है कि अन्ना हजारे के नेतृत्व वाले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को शहरों में मिल रहे समर्थन से पार्टी की रणनीति विफल हो सकती है।

राजनीतिक कयास

- अगले साल उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनावों के पहले या बाद में राहुल गांधी को कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाएगा।
- यदि सोनिया गांधी ने 2014 में चुनाव लड़ने से इनकार किया तो राहुल की बहन प्रियंका वाड्रा को रायबरेली से कांग्रेस प्रत्याशी बनाया जा सकता है।
- राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील का कार्यकाल अगले साल जुलाई में खत्म होगा। मनमोहन सिंह को राष्ट्रपति पद पर पदोन्नत किया जा सकता है।

विवादास्पद लेखन के बाद भड़कीला पहनावा तस्लीमा ने ये क्या कर डाला..

बांग्लादेश की विवादित लेखिका तस्‍लीमा नसरीन ने एक बाद फिर महिलाओं को लेकर एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि मुस्लिम महिलाएं धरती पर 72 कुंवारे पुरुषों के साथ शारीरिक संबंध बना सकती हैं,क्‍योंकि जन्‍नत में उन्‍हें यह नसीब नहीं होगा।

बंगलादेश की इस लेखिका ने जब 90 के दशक में अपनी पहली किताब 'लज्जा' लिखी थी तभी से वह कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गई थी। अपने विवादस्पद किताब के कारण उन्हें अपना मुल्क छोड़ना पड़ा था। भारत समेत कुछ देशों में वे शरणार्थी के तौर पर रही।

पिछले साल तसलीमा ने फ्रांस सरकार ने जब महिलाओं के हिजाब पहनने पर बैन लगा दिया तब उन्होंने फ्रांस सरकार के इस निर्णय का समर्थन करने के लिए फ्रांस स्थित अपने आवास पर 'दी फोर्ट नाइटली टैबलेट' नाम के एक वेब साईट पर कथित तौर पर पहली बार बेडरूम में कम कपड़ों में तस्वीरें खिंचवाई थी और उसे फेसबुक पर शेयर भी किया था।

इन तस्वीरों के माध्यम से उनके जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं का भी पता चलता है। पूरी दुनिया में अपनी विवादस्पद लेखनी के कारण उन्हें काफी दुश्वारियों का भी सामना करना पड़ा है। कट्टरपंथियों द्वारा जारी कई फतवों के कारण वे हमेशा सुरक्षा घेरे में रहती है।

शायद इसी कारण से उनके निजी जीवन से सम्बंधित तस्वीरें अबतक दुनिया के सामने नहीं आ पाई थी। इन तस्वीरों को देख कर पता चलता है कि वे न सिर्फ बेबाकी से लिखती है बल्कि निजी जिन्दगी में भी खुलेपन की पक्षधर हैं।







बड़ी चूक? भारत ने पाकिस्तान को वोट देकर 'सिरदर्द' लिया मोल



नई दिल्ली. पाकिस्तान भारत की मदद से सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य बना है। यह दावा खुद पाकिस्तान ने किया है। पाकिस्तान की तरफ से कहा गया है कि भारत ने पाकिस्तान के पक्ष में वोट दिया है और वह भारत का शुक्रगुजार है।

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत अब्दुल्ला हुसैन हारून ने कहा, 'मैं उनका (यूएन में भारत के राजदूत हरदीप सिंह पुरी) शुक्रगुजार हूं। मैं पाकिस्तान के लिए भारत की सकारात्मक पहल की प्रशंसा करता हूं। इससे कई चीजें सही दिशा में आगे बढ़ेंगी।'

भारत के कई जानकार मानते हैं कि पाकिस्तान का सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य के तौर पर शामिल होना भारत का सिरदर्द बढ़ा सकता है। आखिरकार पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्यता पाने में कामयाब हो गया। संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद की 5 अस्थायी सदस्य देशों के लिए हुई वोटिंग में पाकिस्तान के साथ-साथ मोरक्को, ग्वाटेमाला और टोगो को भी भी अस्थायी सदस्य चुन लिया गया है। इन देशों का कार्यकाल 1 जनवरी, 2012 से शुरू होगा। इन सभी देशों का कार्यकाल दो साल का होगा।

जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान के सुरक्षा परिषद का सदस्य बनने का मतलब है कि वह भारत के साथ अपनी खींचतान को सुरक्षा परिषद में भी ले जाएगा। इसका असर दोनों देशों के संबंधों पर भी पड़ सकता है। यह मामला विश्व के अन्य देशों का ध्यान अपनी तरफ खींच सकता है। गौरतलब है कि पाकिस्तान को जब भी मौका मिला है, उसने कश्मीर समेत कई विवादास्पद मुद्दे संयुक्त राष्ट्र के मंच पर उठाकर इन मामलों में तीसरे देश की मध्यस्थतता की मांग की है। हालांकि, भारत ऐसी सभी मांगों का पुरजोर विरोध करता रहा है।

हालांकि, भारत के सकारात्मक रुख पर यूएन में भारत के उप राजदूत मंजीव सिंह पुरी ने कहा है कि दोनों देश (भारत और पाकिस्तान) तमाम ग्लोबल मुद्दों पर लगभग एक तरह की राय रखते हैं और हम पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत अब्दुल्ला हुसैन हारून ने भारत के साथ अच्छा काम करने की उम्मीद जताई है।

सुरक्षा परिषद में 10 अस्थायी सदस्य होते हैं। इन 10 में से 5 के लिए हर साल चुनाव होता है। हर अस्थायी सदस्य 2 साल के लिए सुरक्षा परिषद का हिस्सा बनता है।

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