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23 अक्तूबर 2011

धनतेरस आज: इस शुभ मुहूर्त में करें भगवान धन्वंतरि की पूजा

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कार्तिकमास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस कहते हैं। इस दिन भगवान धन्वन्तरि की विशेष पूजन-अर्चना की जाती है। इस बार यह पर्व 24 अक्टूबर, सोमवार को है। भगवान धन्वन्तरि की पूजन विधि इस प्रकार है-

सर्वप्रथम नहाकर साफ वस्त्र धारण करें। भगवान धन्वन्तरि की मूर्ति या चित्र साफ स्थान पर स्थापित करें तथा स्वयं पूर्वाभिमुख होकर बैठ जाएं। उसके बाद भगवान धन्वन्तरि का आह्वान निम्न मंत्र से करें-

सत्यं च येन निरतं रोगं विधूतं,

अन्वेषित च सविधिं आरोग्यमस्य।

गूढं निगूढं औषध्यरूपम्, धन्वन्तरिं च सततं प्रणमामि नित्यं।।

इसके पश्चात पूजन स्थल पर आसन देने की भावना से चावल चढ़ाएं। इसके बाद आचमन के लिए जल छोड़े। भगवान धन्वन्तरि के चित्र पर गंध, अबीर, गुलाल पुष्प, रोली, आदि चढ़ाएं। चांदी के पात्र में खीर का नैवैद्य लगाएं। (अगर चांदी का पात्र उपलब्ध न हो तो अन्य पात्र में भी नैवेद्य लगा सकते हैं।) तत्पश्चात पुन: आचमन के लिए जल छोड़े। मुख शुद्धि के लिए पान, लौंग, सुपारी चढ़ाएं। भगवान धन्वन्तरि को वस्त्र (मौली) अर्पण करें। शंखपुष्पी, तुलसी, ब्राह्मी आदि पूजनीय औषधियां भी भगवान धन्वन्तरि को अर्पित करें। रोगनाश की कामना के लिए इस मंत्र का जाप करें-

ऊँ रं रूद्र रोगनाशाय धन्वन्तर्ये फट्।।

इसके बाद भगवान धन्वन्तरि को श्रीफल व दक्षिणा चढ़ाएं। पूजन के अंत में कर्पूर आरती करें।

शुभ मुहूर्त

इस साल धनतेरस पर्व सोमवार और मंगलवार दो दिन तक रहेगा। धनतेरस सोमवार को दोपहर 12:35 से मंगलवार सुबह 9:00 बजे तक रहेगी। भगवान धन्वंतरि की पूजा सोमवार व मंगलवार दोनों ही दिन की जा सकती है। जानिए सोमवार और मंगलवार को पूजा के शुभ मुहूर्त

सोमवार के मुहूर्त-

दोपहर 01:50 से 03:20 बजे तक

शाम 03:20 से 04:50 बजे तक

शाम 04:50 से 06:20 बजे तक

शाम 06:20 से 07:50 बजे तक

मंगलवार के मुहूर्त-

इस दिन सुबह 8:11 से 9:00 बजे तक स्थिर लग्न रहेगा। इस एक घंटे में भगवान धन्वंतरि की पूजा शुभ रहेगी।

14 मंत्रियों को तो कांग्रेस से लेना-देना ही नहीचौधरी और ममता भूपेश ने गैर कांग्रेसी मंत्रियों को लेकर सवाल उठाए।



चौधरी ने कहा कि 14 मंत्रियों को तो कांग्रेस से लेना-देना ही नहीं है। इनके इलाकों में पार्टी कार्यकर्ताओं की स्थिति खराब है। ममता भूपेश ने भी बाहरी मंत्रियों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि उनके क्षेत्र में भी यही स्थिति है, 4 मंत्री गैर कांग्रेसी हैं और वे पार्टी कार्यकर्ताओं की सुनते नहीं हैं।


कई नेताओं ने साफ छवि वाले विधायकों को कैबिनेट में जगह देने की पैरवी करते हुए दागी मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाने की मांग उठाई। नेताओं का कहना था कि दागियों की वजह से सरकार और पार्टी की छवि धूमिल हो रही है। कई राज्य मंत्रियों के कामकाज का तरीका ठीक नहीं है और वे प्रभावहीन हैं।

बिजली, सड़क की खराब स्थिति पर मंत्री निशाने पर :

प्रदेश में बिजली की किल्लत और सड़कों की खराब स्थिति को लेकर नेताओं ने मंत्रियों पर सवाल उठाए। खाद की कीमतों और किल्लत पर भी नाराजगी जताई गई।

अन्ना के आंदोलन से पार्टी की साख प्रभावित

कांग्रेस की नई प्रदेश कार्यकारिणी की पहली बैठक में अन्ना के आंदोलन से आम जनता की नजरों में कांग्रेस की लगातार गिरती साख के मुद्दे पर कई नेताओं ने चिंता जताई। बैठक में राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. बीडी कल्ला ने अन्ना फैक्टर की वजह से पार्टी पर पड़ने वाले प्रभाव का मुद्दा उठाया।

गहलोत ने कहा, केवल हम दोनों की दोस्ती से ही सत्ता संगठन में अच्छा तालमेल नहीं होगा

बैठक में सत्ता और संगठन के बीच अच्छे तालमेल को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान ने पार्टी नेताओं को नसीहत दी। गहलोत और चंद्रभान ने कहा कि हम दोनों में अच्छी दोस्ती होने भर से सत्ता और संगठन में तालमेल नहीं होने वाला। सत्ता और संगठन में तालमेल का मतलब मंत्रियों और कार्यकर्ताओं में तालमेल से है। मंत्री और कार्यकर्ताओं को आपस में अच्छा तालमेल स्थापित करना होगा।

मंत्री बैठें पीसीसी में

कई नेताओं ने सत्ता और संगठन में तालमेल सुधारने की आवश्यकता पर जोर दिया। कई नेताओं ने सुझाव दिया कि मंत्री नियमित रूप से पीसीसी में बैठकर कार्यकर्ताओं की सुनवाई करें।

राज्यपाल जयपुर पहुंचे, फेरबदल की अटकलें तेज

राज्यपाल शिवराज पाटिल रविवार शाम यहां पहुंच गए। इसके साथ ही मंत्रिमंडल फेरबदल की अटकलें तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि बदलाव कभी भी हो सकता है। हालांकि राजभवन और सरकारी सूत्रों ने इस संबंध में कोई पुष्टि नहीं की है। राज्यपाल का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम नहीं था, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नई दिल्ली में राहुल गांधी, अहमद पटेल और मुकुल वासनिक के साथ चर्चा के बाद फेरबदल की अटकलें शुरू हो गई थी।


इसके बाद राज्यपाल के आगमन के भी बदलाव की प्रक्रिया से जोड़कर देखा जा रहा है।

मंत्रियों के कामकाज पर प्रदेशाध्यक्ष भी बरसे

बैठक में प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान सहित कई नेताओं ने मंत्रियों के कामकाज को लेकर तीखे तेवर दिखाए। चंद्रभान ने कार्यकर्ताओं में व्याप्त निराशा दूर करने की जरूरत पर जोर देते हुए मंत्रियों के कार्यकर्ताओं से कमजोर तालमेल पर तल्ख शब्दों में प्रहार किया। प्रदेशाध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं को सत्ता में वाजिब सम्मान देने पर जोर दिया। हरिमोहन शर्मा और रामनारायण मीणा ने भी सरकार के कामकाज और मंत्रियों के व्यवहार को लेकर सवाल उठाए।

आखिर क्यूं है ब्रह्मा का सिर्फ 'एक मंदिर', यहां छुपा है 'रहस्य'


जयपुर. राजस्थान के पुष्कर में बना भगवान ब्रह्मा का मंदिर अपनी एक अनोखी विशेषता की वजह से न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र है. यह ब्रह्मा जी एकमात्र मंदिर है. भगवान ब्रह्मा को हिन्दू धर्म में संसार का रचनाकार माना जाता है.


क्या है इतिहास इस मंदिर का


ऐतिहासिक तौर पर यह माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 14वीं शताब्दी में हुआ था. लेकिन पौराणिक मान्यता के अनुसार यह मंदिर लगभग 2000 वर्ष प्राचीन है.संगमरमर और पत्थर से बना यह मंदिर पुष्कर झील के पास स्थित है जिसका शिखर लाल रंग से रंग हुआ है. इस मंदिर के केंद्र में भगवान ब्रह्मा के साथ उनकी दूसरी पत्नी गायत्री कि प्रतिमा भी स्थापित है. इस मंदिर का यहाँ की स्थानीय गुर्जर समुदाय से विशेष लगाव है. मंदिर की देख-रेख में लगे पुरोहित वर्ग भी इसी समुदाय के लोग हैं. ऐसी मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा की दूसरी पत्नी गायत्री भीगुर्जर समुदाय से थीं.


कैसे नाम पड़ा 'पुष्कर'


हिन्दू धर्मग्रन्थ पद्म पुराण के मुताबिक धरती पर वज्रनाश नामक राक्षस ने उत्पात मचा रखा था. ब्रह्मा जी ने जब उसका वध किया तो उनके हाथों से तीन जगहों पर पुष्प गिरा. इन तीनों जगहों पर तीन झीलें बनी. इसी घटना के बाद इस स्थान का नाम पुष्कर पड़ा. इस घटना के बाद ब्रह्मा ने यज्ञ करने का फैसला किया.


पूर्णाहुति के लिए उनके साथ उनकी पत्नी सरस्वती का साथ होना जरुरी था लेकिन उनके न मिलने की वजह से उन्होंने गुर्जर समुदाय की एक कन्या 'गायत्री' से विवाह कर इस यज्ञ को पूर्ण किया. लेकिन उसी दौरान देवी सरस्वती वहां पहुंची और ब्रह्मा के बगल में दूसरी कन्या को बैठा देख क्रोधित हो गईं. उन्होंने ब्रह्मा जी को श्राप दिया कि देवता होने के बावजूद कभी भी उनकी पूजा नहीं होगी. हालाँकि बाद में इस श्राप के असर को कम करने के लिए उन्होंने यह वरदान दिया कि एक मात्र पुष्कर में उनकी उपासना संभव होगी.


चूंकि विष्णु ने भी इस काम में ब्रह्मा जी की मदद की थी इसलिए देवी सरस्वती ने उन्हें यह श्राप दिया कि उन्हें अपनी पत्नी से विरह का कष्ट सहन करना पड़ेगा. इसी कारण उन्हें मानवरूप में राम का जन्म लेना पड़ा और 14 साल के वनबास के दौरान उन्हें पत्नी से अलग रहना पड़ा था.

कोटा: कुछ ऐसे माहौल में मनेगी हमारी दीपावली

कोटा. दिन में पेचवर्क किया और सुबह झाडू से धूल साफ। घटिया सामग्री लगाने वाले ठेकेदार को लोगों ने बंदी बना लिया।

1. घटिया पेचवर्क करने पर ठेकेदार को रस्सी से बांधा

कोटा के औद्योगिक क्षेत्र गोविंद नगर में सड़क मरम्मत कार्य के दौरान घटिया साम्रगी इस्तेमाल करने पर ठेकेदार को क्षेत्रवासियों ने रस्सी से बांध दिया।

2. मेयर ढूंढती रही..

शहर में सफाई व्यवस्था फेल हो गई है। महापौर ने भी व्यवस्था का जायजा लिया तो फिर गड़बड़ियां सामने आई।

3. 5.37 करोड़ खर्च फिर भी अंधेरा

कल धनतेरस है और शहर के कई हिस्सों में अंधेरा कायम है। शनिवार को इसके विरोध में गृहमंत्री के घर पर मोमबत्तियां जलाई गई, लेकिन सरकारी लवाजमा मेले में व्यस्त है।

4. मेले में खुल रही भ्रष्टाचार की परतें

पिछले साल की जांच नहीं हुई और इस बार भी मेले में भ्रष्टाचार हो गया है। भास्कर की खबरों के बाद शनिवार को हुए नगर निगम प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन।

5. 4.90 लाख में 20 मिनट रुकी श्वेता तिवारी

दशहरे मेले में नगर निगम को टीवी आर्टिस्ट श्वेता तिवारी का 20 मिनट का कार्यक्रम 4.90 हजार रुपए में पड़ा। सिने संध्या के लिए शनिवार को गायिका ममता शर्मा के साथ श्वेता तिवारी को बुलाया था।

ममता शर्मा को तो 6 लाख दिए गए। श्वेता 8.30 की बजाय रात 11 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंची। यहां वह धक्का मुक्की की वजह से सोफे के बीच फंस गई और नाराज होकर कार्यक्रम से चली गई। निगम के अधिकारी इसी मेले की व्यस्तता के चलते शहर की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

जब दिवाली के दो दिन पहले धमाकों से गरजा था कोटा

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15 अक्टूबर 1857। धनतेरस। कोटा धमाकों से गरज उठा। लगा कि दिवाली दो दिन पहले ही आ गई। माजरा अलग था। यह पटाखों की आवाज नहीं, तोप-बंदूकों के धमाकों की गूंजथी। त्योहार की रौनक तो थी। लोग गुस्से में उससे ज्यादा थे। अंग्रेजी सत्ता के विरुद्ध आक्रोश उबाल पर था।

महाराव रामसिंह (1827-1865) शासक थे। शहर की छावनी-रामचंद्रपुरा में रहती थी अंग्रेजों की फौज। सेना का खर्च उठाता था कोटा। एजेंसी हाउस-अंग्रेजों के पॉलिटिकल एजेंट मेजर बर्टन का घर। उस दिन स्थानीय वकील लाला जे दयाल क्रांतिकारी मेहराब खां से मिले। लड़ाई का बिगुल बज गया।

पहला हमला बर्टन के बंगले पर ही हुआ। क्रांति दूतों के आगे ब्रिटिश फौज टिक नहीं सकी। बर्टन अपने दो बेटों के साथ मारा गया। फिरंगी इस हार से हैरान थे। आखिरकार उन्होंने नसीराबाद-करौली से फौजें बुलाईं। विद्रोह तो दबा दिया गया, लेकिन तब तक गुलामी के अंधेरे से मुक्ति पाने की बेचैनी लाखों वीरों को प्रेरित कर चुकी थी।

महाराव क्रांति के पक्ष में नहीं थे, लेकिन जनता के आगे उनकी एक नहीं चली। शहर पर छह महीने तक क्रांतिकारियों का कब्ज़ा रहा। वह दीपावली अन्याय पर न्याय की विजय के उत्सव के रूप में आई।

स्रोत : इतिहासकार फिरोज अहमद के अनुसार

जिसका नाम सुन कांप जाती है रूह, उसके संग मस्ती करते हैं ये जनाब

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इंद्रगढ़(बूंदी).हिंसक वन्य जीव भी प्यार-दुलार की भाषा न केवल समझते हैं बल्कि उसकी कद्र भी करते हैं। शायद यही वजह है कि साढ़े तीन साल की एक फीमेल पैंथर बूंदी जिले की गाजीपुरा वन चौकी पर नाकेदार मोहन सिंह के पास खिंची चली आती है।

वह उनके साथ न केवल अठखेलियां करती है, बल्कि लुकाछिपी के खेल से मनोरंजन भी करती है। मोहन सिंह भी कभी उसके गले में बांहें डालकर उसे दुलारता है तो कभी प्यार से उसके सिर को चूमता है। पिछले करीब पौने दो साल से यह अद्भुत रिश्ता परवान चढ़ रहा है।इंद्रगढ़ से करीब 17 किमी दूर यह चौकी सवाईमाधोपुर अभयारण्य क्षेत्र में है।

जब कभी जंगल में पैंथर की कॉल आती है और मोहन उसे बेटा लक्ष्मी कहकर पुकारता है, वह खिंची चली आती है। लक्ष्मी उसका हर कहना मानती है। मसलन बैठने को कहा जाए तो बैठ जाती है, पानी पीने को कहा जाए तो वह भी करती है।

बचपन में प्रभुदयाल ने पाला था

क्षेत्र के एसीएफ रंगलाल बताते हैं कि करीब साढ़े तीन साल पहले किसी ग्वाले ने रणथंभौर टाइगर प्रोजेक्ट क्षेत्र के बालास नामक स्थान पर पैंथर का एक शावक देखने की सूचना दी थी। इस पर वनकर्मियों ने उसे अपने कब्जे में लिया। वहां सहायक फोरेस्टर प्रभुदयाल ने उसका पालन पोषण किया था। इसके बाद उसे वाइल्ड बनाने के लिए गाजीपुरा वन चौकी क्षेत्र में रखा गया।

उस समय वह किल (शिकार) करना तक नहीं जानती थी। इसीलिए उसे पहले पांच बीघा क्षेत्र के एनक्लोजर (खुला लेकिन संरक्षित क्षेत्र) रखा गया। वह थोड़ी बहुत वाइल्ड हुई तो उसे पिछले साल नवंबर माह में खुले जंगल में छोड़ दिया गया।

लक्ष्मी नाम भी मोहन ने दिया

मोहन सिंह ने बताया कि उन्होंने ही इस मादा बघेरा का नाम लक्ष्मी रखा था। उन्हें भी इससे औलाद की तरह लगाव है। लक्ष्मी महीने-डेढ़ महीने में उसके पास आती रहती है। रविवार को भी वह करीब डेढ़ माह बाद उसके पास आई। मोहन ने बताया कि लक्ष्मी उनका हर आदेश बोलने से ही समझ जाती है। मोहन सिंह ने बताया कि वह छोटे वन्यजीवों का शिकार करती है, लोगों पर हमला नहीं करती।

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इंद्रगढ़(बूंदी).हिंसक वन्य जीव भी प्यार-दुलार की भाषा न केवल समझते हैं बल्कि उसकी कद्र भी करते हैं। शायद यही वजह है कि साढ़े तीन साल की एक फीमेल पैंथर बूंदी जिले की गाजीपुरा वन चौकी पर नाकेदार मोहन सिंह के पास खिंची चली आती है।

वह उनके साथ न केवल अठखेलियां करती है, बल्कि लुकाछिपी के खेल से मनोरंजन भी करती है। मोहन सिंह भी कभी उसके गले में बांहें डालकर उसे दुलारता है तो कभी प्यार से उसके सिर को चूमता है। पिछले करीब पौने दो साल से यह अद्भुत रिश्ता परवान चढ़ रहा है।इंद्रगढ़ से करीब 17 किमी दूर यह चौकी सवाईमाधोपुर अभयारण्य क्षेत्र में है।

जब कभी जंगल में पैंथर की कॉल आती है और मोहन उसे बेटा लक्ष्मी कहकर पुकारता है, वह खिंची चली आती है। लक्ष्मी उसका हर कहना मानती है। मसलन बैठने को कहा जाए तो बैठ जाती है, पानी पीने को कहा जाए तो वह भी करती है।

बचपन में प्रभुदयाल ने पाला था

क्षेत्र के एसीएफ रंगलाल बताते हैं कि करीब साढ़े तीन साल पहले किसी ग्वाले ने रणथंभौर टाइगर प्रोजेक्ट क्षेत्र के बालास नामक स्थान पर पैंथर का एक शावक देखने की सूचना दी थी। इस पर वनकर्मियों ने उसे अपने कब्जे में लिया। वहां सहायक फोरेस्टर प्रभुदयाल ने उसका पालन पोषण किया था। इसके बाद उसे वाइल्ड बनाने के लिए गाजीपुरा वन चौकी क्षेत्र में रखा गया।

उस समय वह किल (शिकार) करना तक नहीं जानती थी। इसीलिए उसे पहले पांच बीघा क्षेत्र के एनक्लोजर (खुला लेकिन संरक्षित क्षेत्र) रखा गया। वह थोड़ी बहुत वाइल्ड हुई तो उसे पिछले साल नवंबर माह में खुले जंगल में छोड़ दिया गया।

लक्ष्मी नाम भी मोहन ने दिया

मोहन सिंह ने बताया कि उन्होंने ही इस मादा बघेरा का नाम लक्ष्मी रखा था। उन्हें भी इससे औलाद की तरह लगाव है। लक्ष्मी महीने-डेढ़ महीने में उसके पास आती रहती है। रविवार को भी वह करीब डेढ़ माह बाद उसके पास आई। मोहन ने बताया कि लक्ष्मी उनका हर आदेश बोलने से ही समझ जाती है। मोहन सिंह ने बताया कि वह छोटे वन्यजीवों का शिकार करती है, लोगों पर हमला नहीं करती।

’देश के लिए आवाज उठाना गुनाह है तो हमें फांसी दे दीजिए’

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‘हम में से कुछ को फांसी दे दीजिए अगर उससे कुछ मदद मिलती है।’ टीम अन्ना पर कथित र्दुव्‍यवहार के आरोप लगने के बाद किरण बेदी ने यह बयान दिया है। बेदी ने कहा, ‘देश की बेहतरी के लिए आवाज उठाने की कीमत चुका रही है टीम अन्ना। हम पर लगाए जा रहे आरोपों से साफ है कि क्यों कोई व्यक्ति इन मुद्दों पर बात नहीं करना चाहता। अगर मेरे द्वारा गरीबों के लिए पैसा बचाना गलत है तो मुझे सजा दीजिए।’ बेदी पर आरोप है कि उन्होंने संस्थानों से अपने यात्रा व्यय को अधिक बताकर पैसे वसूले थे।

रूहानी एहसास से भरा सफर है हज, जानिए आखिर क्यूं...


मुसलमान भी अपनी जिंदगी में कारोबारी, मुलाकाती, सैर तफरीह आदि के लिए यात्राएं करता है, लेकिन हज व जियारत के लिए मक्का व मदीने का सफर एक खास सफर है। इस यात्रा में ईमानी और रूहानी कशिश की एक खास उमंग कायम रहती है।

यही वजह है कि ज्यादातर हाजी वयोवृद्ध होने के बावजूद बेहद लंबा सफर अदा करते हुए बेहद मशक्कत भरे अराकान भी अदा कर लेते हैं। हज पर जाने वाले को अपनी मौत की परवाह भी नहीं होती। यह सफर दरअसल दुनिया व आखेरत दोनों के लिहाज से ही कामयाबी का जरिया होता है।

अल्लाह के घर का ईमानी जोश बुजुर्गो को भी जवान सा बना देता है। यह वो दयारे मुबारक है, जहां अल्लाह की रहमत दिन रात बरसती है। सुब्हानअल्लाह, खुदा ने हमें आंख दी, इनमें रौशनी दी। इससे हमने जमीं देखी, आसमां देखा, लेकिन अल्लाह का घर और उसके मेहबूब का दर नहीं देखा तो कुछ भी नहीं देखा।

मुबारक सफर के दो मकसद हैं- पहला बैतुल्लाह शरीफ का हज, दूसरा दरबारे मुस्तफा की हाजरी। हदीस शरीफ में है कि जिसने हज किया और गलत काम न किया तो वह गुनाहों से पाक होकर ऐसा जैसे लौटा कि मां के पेट से अभी पैदा हुआ हो। इसी तरह हदीस में है कि जिसने मेरी जियारत न की उसने मुझ पर जुल्म किया। एक हाजी की सारी अदाएं दरबारे हरम मक्का में मस्तानों जैसी लगती हैं।

कई बार समझाया कि किसी और से शादी करले नहीं मानी तो मारडाला


सीकर. कई बार समझाया की सत्यप्रकाश को छोड़ कर किसी ओर से शादी कर ले। ये हमारी बिरादरी का नहीं है इससे शादी करने पर हमारी बदनामी होगी। लेकिन वह नहीं मानी। आखिरकार गुस्से में आकर थप्पड़ मारा और गला दबाकर मार डाला। वारदात में मेरी मामी और मां शामिल नहीं थी।

रविवार को पुलिस की गिरफ्त में आए बबीता के भाई अनिल ने यह बात कबूली। पांच दिन पहले शहर के मीणा मोहल्ले में हुई बबीता की हत्या के मामले में पुलिस को उसकी मां व मामी की तलाश है। सीओ सिटी योगेन्द्र फौजदार ने बताया कि बबीता की हत्या के मामले में पुलिस ने उसके भाई अनिल पुत्र श्रीराम मीणा को गिरफ्तार कर लिया है।

आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसकी बहन बबीता सत्यप्रकाश नाम के युवक से शादी करना चाहती थी। तीन महीने पहले उन्होंने उस पर किसी दूसरी जगह सगाई करने का दबाव डाला लेकिन वह नहीं मानी। 16 अक्टूबर को दबाव डालने के कारण वह अपनी सहेली के घर चली गई अगले ही दिन वापस लौटी तो घरवालों ने दुबारा समझाया।

उसके बाद मंगलवार सुबह जब छोटे भाई बहन स्कूल चले गए तो उसकी मामी उसको समझाने आई। किसी की भी बात नहीं मानने दोपहर करीब साढ़े बारह बजे वह उसे कमरे में समझा रहा था तभी दोनों में तकरार हुई और उसने गला घोंटकर बबीता की हत्या कर दी।

उसने बताया कि हत्या करने में उसके साथ और कोई नहीं था था। इसके तुरंत बाद ही आरोपी मौके से फरार हो गया।

पुलिस को मामी व मां की तलाश :

शहर कोतवाल अश्वनी कुमार ने बताया कि हालांकि आरोपी ने अकेले ही वारदात करना बताया है लेकिन मां और मामी नामजद अभियुक्त हैं और पुलिस उनकी तलाश कर रही है।

मां ने बताया, नहीं मान रही है बबीता :

आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उस दिन उसने मंगलवार का व्रत रखा था। सुबह पूजा करने के बाद उसने दोपहर को अपनी मां से बबीता को समझाने के बारे में पूछा। जब मां ने उसको बताया कि वह नहीं मान रही है तो गुस्से में आ गया। उसने बबिता से मारपीट की व गला घोंट दिया।

बहन के लिए मंगवाए थे सेव :

अनिल ने पुलिस पूछताछ में बताया कि बबीता कमजोर थी और उस दिन उसने खाना भी नहीं खाया था।इस कारण वह पास के ठेले से केले लेकर आया था और फिर छोटी बहनों को भेजकर उसके लिए सेव व ज्यूस मंगवाया था। लेकिन बाद में बात बिगड़ गई और उसने बहन का गला दबा दिया।

चीता' को छुड़ाने में भारत को छूट गया पसीना

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जम्मू/इस्लामाबाद खराब मौसम की वजह से रविवार को लेह से द्रास सेक्टर के लिए रवाना हुआ भारतीय सेना का एक ‘चीता’ हेलिकॉप्टर रास्ता भटककर पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में घुस गया। पाकिस्तान के चार लड़ाकू विमानों ने उसे जबरन उतारा। पांच घंटे की कवायद के बाद सैन्य और कूटनीतिक चैनलों से हुए प्रयासों से मामला सुलझा। शाम को हिरासत में लिए गए भारतीय सैन्य अफसरों को रिहा कर दिया गया। रविवार दोपहर तब विवाद की स्थिति बन गई, जब पाकिस्तान ने दावा किया कि भारत के एक हेलिकॉप्टर ने उसकी हवाई सीमा में घुसपैठ की है। उसमें सवार चार अधिकारियों को ‘सैन्य हिरासत’ में लिया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। भारतीय सेना ने इस पर कहा कि बर्फबारी की वजह से मौसम खराब था। 666 सियाचिन फाल्कन्स द्वारा संचालित हेलिकॉप्टर रास्ता भटककर एलओसी पार कर गया। उसने ऐसा जान-बूझकर नहीं किया है। इसके बाद हेलिकॉप्टर व चारों अधिकारियों को रिहा कराने के प्रयास शुरू किए। हेलिकॉप्टर में मेंटेनेंस अधिकारी लेफ्टि. कर्नल वर्मा, जेसीओ अखिलेश शर्मा, मेजर राजा (पायलट) मेजर कपिला (को-पायलट) सवार थे।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘पाकिस्तान ने विवाद सुलझाने में जिस तरह काम किया, वह सराहना योग्य है।

दिनभर चला घटनाक्रम
ठ्ठ 1:30 बजे भारतीय हेलिकॉप्टर रास्ता भटककर पीओके पहुंचा। पाक ने नियंत्रण रेखा से करीब 20 किमी अंदर स्कादरू में उतरवाया।
ठ्ठ 5:15 बजे कूटनीतिक प्रयासों के बाद हेलिकॉप्टर छोड़ा गया। इस दौरान चार अधिकारियों को सैन्य हिरासत में लेकर पूछताछ की गई।
ठ्ठ 6:00 बजे चीता हेलिकॉप्टर चारों अधिकारियों को साथ लेकर फिर भारतीय सीमा में करगिल पहुंचा।

दो बार पेड़ पर लटकाया, डंडों से पीटा.. फिर चिता पर लिटाकर जिंदा जला दिया

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मुरैना/ग्वालियर।दलित के साथ प्रेम करने की सजा एक विवाहित महिला को ऐसी मिली कि सुनने वाले की रूह कांप जाए। दो घंटे तक चले मौत के तांडव से पहले पूरे गांव में मुनादी कराई गई, जिसमें पति ने पकड़कर लाई गई अपनी पत्नी को सजा देने की घोषणा की। इसके बाद पति व ससुरालवालों ने गांव के बाहर मंदिर पर ग्रामीणों के सामने पहले महिला को दो बार फांसी पर लटकाया।

इसके बाद भी जब उसने दम नहीं तोड़ा तो डंडों से पीटते-पीटते उस पर केरोसिन डालकर आग के हवाले कर दिया। लेकिन, कुछ देर बाद आग बुझ गई और अधजली अवस्था में वह तड़पने लगी। दरिंदगी की सारी हदें तब पार हो गईं, जब अधजली अवस्था में तड़पती महिला को चिता पर लिटाकर जिंदा जला दिया।

इस घटना के बारे में दिमनी थाना प्रभारी मंगल सिंह ठाकरे का कहना है कि महिला को गांव वालों के सामने मारा गया है, लेकिन बयान देने को कोई तैयार नहीं है। मुरैना के दिमनी थाना क्षेत्र के ग्राम लहर में ससुराल से दलित प्रेमी संग भागी एक विवाहिता को गांव के बाहर भूमिया बाबा के मंदिर के पास मौत की सजा चौपाल जोड़कर दी गई थी। इसके लिए गुरुवार 20 अक्टूबर की सुबह गांव में बुलावा भिजवाया गया था। बुलावे पर मंदिर के पास करीब 50-60 लोग इकट्ठे हुए थे।

इस घटना के बारे में गांव के लोग दबी जुबान से स्वीकार तो कर रहे हैं, लेकिन खुलकर कुछ कहने से इंकार कर रहे हैं। इधर, पुलिस अफसर भी इस घटना की सच्चाई को स्वीकार कर रहे हैं। विवाहिता के पिता की शिकायत पर महिला के पति धनीराम व देवरों पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है।

चौपाल जुड़ने के बाद मंदिर के पास लगे पीपल के पेड़ पर पहले गुड्डी को रस्सी से फांसी पर लटकाया गया। इस बीच रस्सी टूट गई, जिससे वह नीचे आ गिरी। इसके बाद उसे साड़ी से दोबारा फांसी पर लटकाया गया। इस पर भी जब उसकी सांसें चलती रहीं तो उसे डंडों से पीटा और केरोसिन डालकर जलाया गया। तब ही अधजली अवस्था में ही पहले से ही सजाई गई चिता पर लिटाकर जिंदा जला दिया गया।

चार किस्तों में दी मौत की सजा

चौपाल जुड़ने के बाद मंदिर के पास लगे पीपल के पेड़ पर पहले गुड्डी को रस्सी से फांसी पर लटकाया गया। इस बीच रस्सी टूट गई, जिससे वह नीचे आ गिरी। इसके बाद उसे साड़ी से दुबारा फांसी पर लटकाया गया। इस पर भी जब उसकी सांसें चलती रही तो उसे डंडों से पीटा और केरोसिन डालकर जलाया गया। तब ही अधजली अवस्था में ही पहले से ही सजाई गई चिता पर लिटाकर जिंदा जला दिया गया।

ऑनर किलिंग का मामला

गुड्डी को मौत देने से पहले उसका पति धनीराम व ससुराल वाले अपनी खोई इज्जत पाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने गांव के बाहर मंदिर पर ग्रामीणों के सामने ही उसे मौत की सजा देने की ठान ली। वे गांव के लोगों को दिखाना चाहते थे कि दलित के साथ भागकर उनकी इज्जत को रौंदने वाली को वे किस तरह से मौत की सजा सुना रहे हैं। इसके अलावा वे चाहते थे कि गांव के लिए भी यह नजीर बने।

तुर्की में भूकंप के तगड़े झटके, 1000 के मरने की आशंका


अंकारा. तुर्की के पूर्वी वान प्रांत में रविवार को 7.3 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया। इसमें करीब 1000 लोगों के मारे जाने की आशंका है। संपत्ति का भी भारी नुकसान हुआ है।

भूकंप दोपहर 1:41 बजे (भारतीय समयानुसार शाम 4:11 बजे) आया। अमेरिकी भूगर्भीय सर्वे के अनुसार इसका केंद्र वान शहर के पूवरेत्तर में 19 किमी दूर था। यह जमीन से 7.2 किमी नीचे केंद्रित था। भूकंप आने के बाद दो आफ्टरशॉक भी आए। झटके पड़ोसी प्रांतों में भी महसूस किए गए।

1999 में भी तुर्की में दो बड़े भूकंप आए थे। इनमें करीब 20 हजार लोग मारे गए थे। वान शहर की आबादी 3 लाख 80 हजार है। यह राजधानी अंकारा से 1,200 किमी से अधिक की दूरी पर स्थित है। मीडिया की खबरों के अनुसार, शहर के हवाईअड्डे को भी नुकसान पहुंचा है। विमानों को अजरुरुम प्रांत की ओर मोड़ दिया गया, जो वान से करीब 400 किमी दूर है।

नभ के यह तारे ...............



हो चुका खेल ...............






यह है गीता का ज्ञान .......

सुरे अलबकर में कुरान का संदेश ...........

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कुरान का संदेश सुरे अल बकार में इस तरह है

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राहुल गांधी जल्द ही कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष !


सबसे बड़ी खबर। राजधानी में चर्चा है कि राहुल गांधी जल्द ही कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हो सकते हैं। हमें यह खबर कहां से मिली, यह हम नहीं बता सकते। लेकिन अगर आपको सबूत चाहिए, तो कांग्रेस के किसी भी नेता की चाल-ढाल देख लीजिए। सब अपनी रिपोर्ट सोनिया के साथ-साथ एक कॉपी राहुल को भी भेजने लगे हैं। बताया यह गया है कि सोनिया गांधी को इलाज के लिए विदेश जाना पड़ सकता है और वह नहीं चाहतीं कि पिछली बार की तरह पार्टी फिर नेतृत्वविहीन हो जाए, जब अन्ना हजारे का मुद्दा संकट बन चुका था और कांग्रेस की तरफ से अंतिम फैसला लेने वाला कोई नहीं था। माना जा रहा है कि कार्यकारी अध्यक्ष का पद शपथ ग्रहण समारोह की दिशा में एक और कदम हो सकता है।

असली बिग बॉस

टीवी वाला बिग बॉस कौन है? वही जिसका चेहरा नहीं दिखता, आवाज सुनाई देती है और बच्चे लोग मशीन की तरह आज्ञा का पालन करते हैं। अब हम आपको बताएं कि एक बिग बॉस भाजपा में भी है। दरअसल नवजोत सिंह सिद्धू टीवी वाले बिग बॉस में जाने ही वाले थे। लेकिन पंजाब में चुनाव सिर पर हैं और भाजपा नहीं चाहती थी कि ऐसे में सिद्धू कोई और प्रयोग करें। लिहाजा भाजपा के बिग बॉस ने वीटो कर दिया। बच्च लोग को आज्ञा का पालन करना पड़ा। इसे कहते हैं असली जिंदगी का बिग बॉस।

फोटो-बंधन बनाम गठबंधन

गठबंधनबाजी बाकी हर जगह चलती है, लेकिन फोटोबाजी में नहीं चलती। आपको दूरसंचार विभाग के विज्ञापनों में करुणानिधि की फोटो याद होगी? बेचारे। दरअसल केंद्र सरकार के विज्ञापनों की पहचान ये होती है कि उसमें मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी का बड़ा-सा फोटो लगता है और हैसियत बताता हुआ एक छोटा-सा फोटो संबंधित विभाग के मंत्री का होता है। लेकिन पश्चिम बंगाल में रेलवे के एक कार्यक्रम के विज्ञापन में एक फोटो रेल मंत्री का छपा और उससे बड़ा फोटो ममता बनर्जी का छपा। हैसियत बताता हुआ। उनकी भी हैसियत, जिनकी फोटो रेलवे ने नहीं छापी।

टॉयलेट विकास मंत्रालय

एक टॉयलेट में ताला लगा हुआ है। नौबत बदबू फैलने की है और दो मंत्रालयों में ठनी हुई है। बात है दिल्ली के शास्त्री भवन की। पहली मंजिल। सीढ़ियों के एक तरफ सूचना प्रसारण मंत्रालय है और दूसरी तरफ मानव संसाधनों का तसल्ली बख्श विकास किया जाता है। बहरहाल इस विकास के पहले पड़ता है एक पुरुष शौचालय, जो प्रेस सूचना वालों के पास हुआ करता था। अचानक एक दिन दूसरे मंत्रालय ने दावा किया कि इस पुरुष शौचालय का प्रयोग मानव संसाधनों के विकास का मामला है। बात बढ़ती गई और ठेकेदार ने टॉयलेट में ताला ठोंक दिया। बाबुओं से लेकर पत्रकारों तक सब परेशान हैं। लेकिन अब बात आसानी से बनने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। हो सकता है, इसके लिए अलग मंत्रालय बनाना पड़े।

ये रथी, वो महारथी

आडवाणी का रथ जैसे ही मध्यप्रदेश पहुंचा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उस पर सवार हो गए। शिवराज लगातार रथ पर ड्राइवर वाली सीट पर माइक थामे रहे और तीन दिनों तक सरकार के कामकाज का जी-भरकर बखान किया। किसी ने आडवाणी से कह ही दिया कि यह यात्रा आपकी है या शिवराज की। आडवाणी ने कहा कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री का सिक्का चले, यह स्वाभाविक ही है।

बड़े काम की सवारी

एक और रथी हैं। बेचारे वैसे तो रथ पर बैठने के लिए अनमने थे, लेकिन जब बैठा ही लिए गए, तो बड़े काम के आदमी साबित हुए। छपरा, बिहार में आडवाणी की शानदार सभा हुई। लौटते समय राजीव प्रताप रूडी आडवाणी के साथ रथ में बैठने में सकपका रहे थे। लेकिन बैठा लिए गए। पटना के रास्ते में अरुण जेटली और सुषमा स्वराज की तबियत खराब होने लगी। रूडी ने फौरन कहीं से एक कार मंगाकर उन्हें अस्पताल भिजवाने की व्यवस्था की। बात कुछ गंभीर नहीं थी, लेकिन सब कह रहे थे कि कितना अच्छा हुआ, जो रूडी साथ में थे।

महारथियों की फौज

और रथ जब वाराणसी पहुंचा, तब महारथियों और पैदल सिपाहियों का अंतर समझ में आया। वाराणसी की सभा में महारथियों की भारी फौज थी। कलराज मिश्र थे, जिनकी अपनी रथयात्रा शुरू हुई थी। उमा भारती थीं, प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही थे, स्थानीय सांसद मुरली मनोहर जोशी थे- और सारे महारथी मंच पर विराजमान थे। हालत यह थी कि सामने या नीचे बैठने के लिए ज्यादा लोग नहीं बचे थे। जो थे, वे भी बस अनमने ही थे। वाराणसी के इस फ्लॉप शो से शायद महारथियों को नजर आया हो कि उत्तर प्रदेश में भाजपा कितने पानी में है।

उदास सरकार

जो दिव्य ज्ञान आडवाणी को वाराणसी पहुंचने पर प्राप्त हुआ, यूपीए के मंत्रियों को भारत भूमि पर पैर रखते ही प्राप्त हो जाता है। यही कि आसार ठीक नहीं हैं। एक मंत्रीजी विदेश यात्रा पर गए। बहुत भालो-भाशी बातें कही और सुनी। इंडिया ये इंडिया वो। लेकिन इंडिया में उतरते ही सारा शाइनिंग इंडिया जमीन पर आ गया। एक मंत्री के निजी चिकित्सक मित्र ने कहा- सरकार कोमा में है और लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर चल रही है। कई वरिष्ठ मंत्री बेहद उदास चल रहे हैं। क्या करें और क्या न करें? बड़ा सवाल है।

रेड्डी स्टाइल

लेकिन इन मंत्रियों के लिए अच्छी बात यह है कि लगभग सारे मंत्री स्वतंत्र निकायों की तरह हैं। लिहाजा सरकार में एक साथ कई-कई राजनीतिक संस्कृतियां पनप रही हैं। पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी पुराने सोशलिस्ट हैं। अब कांग्रेसी हो गए हैं, लेकिन पुराना स्टाइल कई बार जोर मार देता है। खुलकर बोलते हैं, यहां तक कि रुपए की कीमत गिरेगी, ये भी बोल डालते हैं। और तो और, बड़ी कंपनियों की भी नहीं सुनते। उस कंपनी की भी नहीं, जिसका नाम सीएजी रिपोर्ट में बार-बार आया है। रेड्डीजी उससे खुदाई करवाकर मानेंगे, चाहे कंपनी के मुनाफे की कब्र ही क्यों न खुद जाए।

चूं-चूं का..

इस हंड्रेड फ्लॉवर ब्लूम संस्कृति से मोंटेक सिंह आहलुवालिया भी परेशान हैं। योजना आयोग के मुरब्बे में कई मसाले हैं और मीडिया में पूरे आयोग के मसाले के तौर पर पेश होते हैं। विचार भाई लोगों के होते हैं, बदनाम पूरा आयोग और खुद मोंटेक होते हैं। लिहाजा उन्होंने पूरे ३२ टके का नतीजा ये निकाला है कि आयोग के जिस भी सदस्य या उपसमिति का जो मसाला मीडिया में पेश हो, सिर्फ अपने तौर पर हो, खुद को पूरे मुरब्बे का जायका न बताए। देखते हैं ये आइडिया कितना बिकता है।

फिर दिखी अरब में हैवानियत, सरेआम हुआ महिला का सिर कलम


दुबई. सऊदी अरब में पति को जिंदा जलाकर मारने के अपराध में एक महिला का सिर कलम कर दिया गया है।

सऊदी अरब के गृह मंत्नालय के अनुसार गजाला बिन्त नासिर अल बलवई नाम की महिला का कल रियाद में सिर कलम कर मौत की सजा दी गयी। सऊदी प्रेस एजेंसी ने मंत्नालय के हवाले से बताया कि बलवई ने पति अली अल शेहरी के घर में पेट्रोल छिडक दिया और उसे अंदर सोता छोडकर घर में आग लगा दी।

बलवई का सिर कलम किए जाने के साथ ही इस वर्ष इस तरीके से मौत की सजा पाने वालों की संख्या 65 हो गयी है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार ने कार्यालय ने मौत की सजा पाने वालों की इस बढ़ती दर पर चिंता व्यक्त की तथा सिरकलम के तरीके पर तत्काल रोक लगाने की मांग की।

संयुक्त राष्ट्र का बयान ऐसे समय में आया है जब सऊदी अरब में हाल ही में 10 पुरूषों का सिर कलम किया गया जिनमें आठ बंगलादेशी और दो सऊदी अरब के थे। सऊदी अरब के शरीयत कानून के अनुसार दुष्कर्म, धर्म परिवर्तन, हत्या, सशक्त डकैती और नशीले पदार्थो की तस्करी के लिए मौत की सजा का प्रावधान है।

और शाम होते ही दिल्ली की सड़कों पर शुरू हो जाता है

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नई दिल्ली।सूरज ढलते ही रात के अंधेरे में दिल्ली की सड़कों पर सेक्स वर्कर नज़र आने लगती हैं और शुरू हो जाता है रासलीला का खेल।

दिल्ली के रिंग रोड, धौला कुआं, दिल्ली कैंट, पटेल रोड, गुरूद्वारा बंगला साहिब, अशोक रोड, बाबा खड़क सिंह रोड, डॉ. राममनोहर लोहिया रोड, राजघाट, वजीराबाद, रोहीणी आउटर रोड, पश्चिम विहार, राजा गार्डेन , संगम विहार, महरौल रोड, मथुरा रोड सहित दिल्ली में सैंकड़ो स्थानों पर कारों से लेकर सड़क के किनारों , झाड़ियों में देह व्यापार शुरू हो जाता है।

पुलिस के बिना किसी रोक-टोक के यह धंधा चलता आ रहा है। यहां तक कि किन्नर भी देह बेचने का धंधे करते नज़र आते हैं। ऐसा नहीं है कि सड़कों पर सरेआम चल रहे देह व्यापार की पुलिस को जानकारी नहीं है। पुलिस को सब पता होता है इसके बावजूद वह मौन है। इस मामले में बकायदा संबंधित थानों में आ रही शिकायतों से निपटने के लिए पुलिस अधिकारियों द्वारा मोटरसाइकिल राइडर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है। लेकिन पुलिसकर्मी इस धंधे को रोकने के बजाय अपनी जेब भरने में लगे रहते हैं। पुलिस वाले सेक्स वर्कर लड़कियों से सांठ-गांठ करके उनसे पैसे लेते हैं साथ ही देह सुख लेकर जाने वाले लोगो को पकड़कर मेडिकल करवा कर बंद करने, अखबार टीवी में फोटो छापने की बदनामी से डरा धमका कर मनमानी तरीके से रकम हड़पने का काम करते हैं।

अगर आप इस प्राइवेट बैंक के ग्राहक हैं तो इस खबर को ध्यान से पढ़ लीजिए


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इन दिनों बैंकों में फ्रॉड की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं और लोग इनके शिकार बनते जा रहे हैं। जरूरत है कि आप सावधान रहें। अब देश के एक बड़े प्राइवेट बैंक के ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है।

बताया जा रहा है कि चेन्नै पुलिस की चेतावनी के बाद आईसीआईसीआई बैंक ने हजारों क्रेडिट और डेबिट कार्ड वापस मगंवा लिए हैं। इसकी वज़ह यह है कि पुलिस को पता चला कि बड़े पैमाने पर ग्राहकों के डेटा चुरा लिए गए हैं। इससे उनके कार्डों के मिसयूज का खतरा बढ़ गया है। बैंक ने ग्राहकों से कहा है कि वे अपने आईपिन नंबर भी बदल दें।

बैंक के एक प्रवक्ता ने बताया कि वे पूरी कार्रवाई कर रहें। ग्राहकों के कार्ड बदलने का काम चल रहा है और सिर्फ छह दिनों में यह पूरा कर लिया जाएगा।

बताया जा रहा है कि एटीएम के जरिये यह धोखाधड़ी हुई है और इससे कार्ड भी क्लोन कर लिए गए हैं। यह धोखा सिर्फ इस बैंक के साथ नहीं बल्कि अन्य बैंकों के साथ भी हो रहा है।

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इन दिनों बैंकों में फ्रॉड की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं और लोग इनके शिकार बनते जा रहे हैं। जरूरत है कि आप सावधान रहें। अब देश के एक बड़े प्राइवेट बैंक के ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है।

बताया जा रहा है कि चेन्नै पुलिस की चेतावनी के बाद आईसीआईसीआई बैंक ने हजारों क्रेडिट और डेबिट कार्ड वापस मगंवा लिए हैं। इसकी वज़ह यह है कि पुलिस को पता चला कि बड़े पैमाने पर ग्राहकों के डेटा चुरा लिए गए हैं। इससे उनके कार्डों के मिसयूज का खतरा बढ़ गया है। बैंक ने ग्राहकों से कहा है कि वे अपने आईपिन नंबर भी बदल दें।

बैंक के एक प्रवक्ता ने बताया कि वे पूरी कार्रवाई कर रहें। ग्राहकों के कार्ड बदलने का काम चल रहा है और सिर्फ छह दिनों में यह पूरा कर लिया जाएगा।

बताया जा रहा है कि एटीएम के जरिये यह धोखाधड़ी हुई है और इससे कार्ड भी क्लोन कर लिए गए हैं। यह धोखा सिर्फ इस बैंक के साथ नहीं बल्कि अन्य बैंकों के साथ भी हो रहा है।

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