आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

24 अक्तूबर 2011

वो टैंक लेकर आए और दनदनाते हुए चढ़ा दिया कार पर...


लिथुआनिआ की राजधानी विल्निअस के मेयर ने ग़लत जगह कार पार्क करने वालों को सबक सिखाने के लिए एक मर्सडीज़ को टैंक से रौंद डाला। यह कार शहर के एक मुख्य मार्ग पर साईकल लेन में पार्क की गई थी। शहर की वेबसाइट पर लगाए गए एक वीडियों में गाड़ी को रौंदने के बाद शहर के मेयर अर्तूरास ज़ूकास ने घोषणा की - " यही होगा अगर आप अपनी कार को अवैध तरीके से पार्क करेगें।" इस वीडिओ क्लिप में टैंक से रौंदी हुई अपनी कार की हालत देखकर हतप्रभ हुए मालिक का चेहरा भी दिखाया गया है। टैंक पर चढ़कर कार को रौंदने के बाद मेयर ने कार मालिक से हाथ मिलाया और उसे बताया की उसकी कार का यह हश्र क्यों हुआ है। इस काम को अंजाम देने के बाद मेयर ने स्मॉल वर्ल्ड न्यूज़ सर्विस को दिए एक इंटरव्यू में कहा, " मेरे पेशे में आदमी को मज़ाहिया होना ही चाहिए। मुझे लगा कि शहर को अवैध पार्किंग से बचाने के लिए कुछ आगे बढ़ कर करना होगा।" बीबीसी रूसी सर्विस के विल्निअस में संवादाता का कहना है कि शहर में अवैध पार्किंग कोई बड़ी समस्या नहीं है लेकिन शहर के मुख्य मार्गों में यह सख्ती से प्रतिबंधित है। मेयर ज़ूकास साईकल से चलने के बड़े समर्थक हैं और वो लगातार लोगों से साईकल अपनाने के लिए भी कहते रहते हैं। अपना पदभार सँभालने के बाद से ही उन्होंने साईकल चलने वालों के सड़कों पर अलग लेन की व्यवस्था की है और कई योजनाएँ भी शुरु की हैं।

फर्क ज़िंदा और मुर्दा कोम के बीच का ...........

जी हाँ दोस्तों देश में जो सांस ले रहा है वोह ज़िंदा है और जो सिसकियाँ ले रहा है वोह मुर्दा है और शायद देश में इन दिनों मुर्दा और ज़िंदा कोमों के बीच का यही फासला है ....में बात कर रहा हूँ उन कोमों की जो अपने माज्नों और बढ़े नेताओं की गुलामी करने की आदत की वजह से आज मुर्दों से भी बदतर हालत में है जबकि जिसने भी अंगडाई ली आज वोह स्थापित नेता स्थापित कोम के रूप में झंडा गाड़े हुए है ....दोस्तों राजस्थान में आपने पहले और अभी गुर्जरों की एकता उनकी मांगों के समर्थन में उनका आन्दोलन उनकी ताकत देखी और इस पिछड़ी कोम की पिछड़ों से विशेष जाती के दर्जे की मांग ने इन्हें विश्व भर में एक नई पहचान दी और यह आज ज़िंदा कोमों में गिनी जाने लगी है ..........हाल ही में जाट नेता महिपाल जी पर आरोप लगे आरोप क्या गंभीर आरोप लगे उन्हें कोंग्रेस ने मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया लेकिन उनकी कोम उनके नेता चुप नहीं बेठे उनकी कोम के लोग उनके हाथ गहलोत और चन्द्रभान के गिरेबान तक पहुंच गये यहाँ तक के डोक्टर हरिसिंह सहित कई लोगों ने खुद की कोम ज़िंदा रखने के लियें पदों को ठुकरा कर इस्तीफे देकर क़ुरबानी दी और कोम को जिंदा रखा जाट नेताओं की इसी ताकत की वजह से आज यह कोम भी हमारे राजस्थान में ज़िंदा लोगों में गिनी जाने लगी है .हम बात कर रहे हैं किरोड़ी मीना की जिसने अपनी पत्नी को कोंग्रेस मंत्री मंडल में मंत्री बनवाया ..राजस्थान में सरकार बनवाई और कई बार डंके की चोट पर आंदोलनों के नाम पर उनकी मंत्री पत्नी ने कोम के खातिर सरकार के खिलाफ बिगुल बजाया इन कोमों के प्रतिनिधियों को जब जब भी कोम जाती समाज और सरकार की सुक्ख सुविधाओं में से एक चीज़ चुनने का विकल्प मिला तब तब इन कोमों के नेताओं ने केवल कोम को ही चुना और आज इसीलियें यह कोमें गर्व से सर ऊँचा कर जी रही हैं ........अब में बात कर रहा हूँ लुटी पिटी दबी कुचली मुस्लिम कोम की जिसके नेता सरकार के तलवे चाट रहे हैं रोज़ हाजरी बजाकर कुछ ना कुछ प्राप्त करने के षड्यंत्रों में कोम को बेच रहे हैं ..जी हाँ .कोंग्रेस के मंत्री अमीन खान को राजस्थान के मंत्रिमंडल से हटाया गया किसी कोंग्रेस के नेता ने कोई भी एतराज़ नहीं जताया कोई आन्दोलन कोई प्रदर्शन नहीं हुआ .राजस्थान में हज कमेटी ..मदरसा बोर्ड...मेवात बोर्ड ...वित्त विकास निगम अल्पसंख्यक आयोग ..पन्द्रह सूत्रीय क्रिवान्वयं सहित कई इदारे ऐसे हैं जो राजस्थान सरकार ने नहीं बनाये लेकिन तीन वर्षों में कोंग्रेस में कोम का एक भी ऐसा मुजाहिद पैदा नहीं हुआ जो सरकार को खुद और खुदकी कोम के जिंदा होने का एहसास दिलाता ..गोपाल गढ़ का एकतरफा सरकारी नरसंहार तो सभी जानते हैं उसके बाद सरकार की दिलेरी चोरी और सीना जोरी की बयानबाजी भी आप जानते हैं लेकिन क्या राजस्थान में कोई कोंग्रेस या दूसरी पार्टी का ऐसा मुस्लिम ज़िंदा नेता था जो इस मामले में आवाज़ उठता यहा सोलह विधायक दो सांसद कई पूर्व सांसद सभी पार्टियों के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ है लेकिन इसके खिलाफ उलटे कोंग्रेसी चमचों ने सकरार को बचाने के लियें कुछ दाड़ी वाले जर खरीद मोलानाओं को राहुल गान्धी के पास भेजा और सरकार के नरसंहार को जायज़ ठराया है लेकिन दोस्तों कोम ज़िंदा हो या मुर्दा कोई फर्क नहीं पढ़ता बस एक दिन कोई देखे ना देख अल्लाह खुदा देख रहा है वाली कहावत चरितार्थ होती है और जब उसकी लाठी चलती है तो आवाज़ तो नहीं होती लेकिन सजा ऐसी मिलती है के अपराधी ना मरने जेसा होता है और ना ही जीने जेसा रह सकता है ..तो जनाब कोंग्रेसे की सरकार में मुर्दा मुस्लिम कोंग्रेसियों की खामोशी पर उन्हें सलाम ........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मिठाई ..उपहार ..महंगी वस्तुएं अघोषित रिश्वत

क्या आप जानते है के राजकीय कर्मचारी और अधिकारी सेवा नियमों के तहत कोई भी कर्मचारी किसी से भी दीपावली की मिठाई या गिफ्ट नहीं ले सकता है लेकिन दीपावली के नाम पर व्यापारी ..मोकाप्रस्त..उद्ध्योग ...दलाल लोग मंत्री से लेकर संतरी तक के घरों पर मिठाई ..उपहार ..महंगी वस्तुएं अघोषित रिश्वत देकर अपना उल्लू सीधा करते है क्या यह दीपावली के निति नियम और कानून का उलंग्घन नहीं है क्या हमें और आपको इस रिश्वत निति बनाम उपहार निति का विरोध नहीं करना चाहिए अगर हाँ तो देखिये तीसरी आँख से और इसकी सुचना तुरन देश के प्रधानमन्त्री को दीजियें ओह उन्हें नहीं वोह तो पहले से ही इन लोगों के सरदार है तो फिर राष्ट्रपति जी और अपने राज्यों के राज्यपालों को या फिर सम्बंधित हाईकोर्टों को इसकी सुचन दीजियें ताकि कुछ तो बदलाव आप की जाग्रति से इस देश में आये आप जानते हैं ना इस अवसर पर बेचारे पत्रकारों को भी तो लुभावने गिफ्ट दिए जाते है और उनसे खबरें माँ पसंद छपवाने की अपेक्षा की जाती है है ना सही बात कही है मेने .................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

डॉ.हरिसिंह ने छोड़ी कांग्रेस,निकालेंगे गहलोत के खिलाफ जन चेतना यात्रा

जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान के खिलाफ विवादित बयान देने के बाद पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. हरिसिंह ने पार्टी छोड़ दी है। डॉ. सिंह ने प्रदेशाध्यक्ष को इस्तीफा भेज दिया है। डॉ. हरिसिंह ने इस्तीफे की घोषणा के बाद सोमवार को मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार करने, पार्टी नेताओं के खिलाफ षडयंत्र रचकर चुनाव हराने और पार्टी को कमजोर करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, गहलोत ने कांग्रेस को जेबी संस्था में बदल दिया है और चंद्रभान पीसीसी चीफ की बजाय उनके निजी सहायक की तरह काम कर रहे हैं। गहलोत की सरकार पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। पार्टी में जो भी गहलोत की मनमानियों के खिलाफ बोलता है उसको बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। गहलोत की वजह से पूरी कांग्रेस में ही गड़बड़ है, पूरा ढांचा ही डूब रहा है।

जनचेतना यात्रा निकालने की घोषणा

डॉ. हरिसिंह ने कांग्रेस छोड़ने के बाद अशोक गहलोत सरकार के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदेश भर में जनचेतना यात्रा निकालने की घोषणा की है। डॉ. सिंह ने बताया कि यात्रा की तारीख और विस्तृत कार्यक्रम जल्द ही जारी किया जाएगा। इस यात्रा के जरिए गहलोत सरकार के भ्रष्टाचार और कांग्रेस में चल रही किसान विरोधी और आम विरोधी चालों के प्रति जनता को आगाह किया जाएगा।

कांग्रेस ने दिया था नोटिस

डॉ. हरिसिंह ने मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष के खिलाफ बयानबाजी की थी। अनुशासन समिति ने नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा था, लेकिन उन्होंने जवाब में पार्टी छोड़ने का एलान कर दिया है। कांग्रेस छोड़ने के बाद अभी तक उन्होंने दूसरी पार्टी में शामिल होने की घोषणा नहीं की है।

परसराम मदेरणा से मिले कांग्रेस विधायक

कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता परसराम मदेरणा से सोमवार सुबह कांग्रेस विधायक कर्नल सोनाराम और संतोष सहारण ने लंबी मुलाकात की। इसे लेकर कांग्रेस में राजनीतिक चर्चाएं शुरू हो गईं। बताया जाता है कि दोनों विधायकों ने महिपाल मदेरणा की मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी के बाद बने राजनीतिक हालात पर चर्चा की। कर्नल गहलोत विरोधी खेमे से माने जाते हैं।

प्रशासन ने सिखाया रिश्वत लेनी है तो रख लो दलाल'

सरकारी अफसरों और बाबुओं के दिवाली पर गिफ्ट लेने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसके बाद भी धनतेरस के दिन मिनी सचिवालय में गिफ्ट लेकर घूमने वालों का सिलसिला जारी रहा। हालत ये रही कि अफसरों की गाड़ियों की चाबियां गिफ्ट देने वालों के हाथों में आ जा रही थी।

एसडीएम साहब, गाड़ी में गिफ्ट रख रहा हूं। कैसा लगा फोन पर बता जरूर देना।

ये लोग भी मिनी सचिवालय में किसी को गिफ्ट देने के लिए ही आए हैं।

मिनी सचिवालय परिसर में डीसी आफिस के ठीक सामने घूम रहे ये लोग भी गिफ्ट लेकर ही आए थे।

सर कौन सी गाड़ी है आपकी, जरा नंबर बता दीजिए! शायद फोन पर यही पूछा जा रहा है।


लुधियाना प्रशासन ने सिखाया रिश्वत लेनी है तो रख लो दलाल

पटवारखाने में रिश्वत का मामला : डीसी को सौंपी रिपोर्ट में एसडीएम ने पटवारी को बताया निर्दोष

जिला प्रशासन भ्रष्ट पटवारियों की गर्दन बचाने में जुट गया है। पटवारखानों में चल रही रिश्वत खोरी का पर्दाफाश किए जाने के बाद डीसी ने जांच तो करवा दी पर जांच अधिकारी ने सारा दोष पटवारखानों के निजी कर्मचारियों पर ही डाल दिया है। जबकि पटवारी को पाक साफ बता दिया है। एसडीएम केएस माही ने डीसी राहुल तिवारी को मामले की जांच रिपोर्ट सौंप दी है।

एसडीएम ने अपनी रिपोर्ट में यह तो मान लिया कि पटवारखानों में रिश्वत चल रही है। लेकिन उन्होंने पटवारियों के बजाए इसके लिए निजी कर्मियों को ही दोषी माना है। जिस पर उन्होंने डीसी से इन निजी कर्मचारियों को हटाने की सिफारिश भी की है।

अब सवाल यह उठता है कि रिकार्ड किए गए वीडियो को देखने के बाद भी क्या जांच अधिकारी को इस मामले में पटवारियों की संलिप्तता नजर नहीं आई? इस पर एसडीएम का कहना है कि उन्होंने अपनी रिपोर्ट डीसी को भेज दी है। आगे की कार्रवाई वही करेंगे।

अगर आप धर्म का सही अर्थ जानना चाहते हैं तो यह पढ़ें...

| Email

यह आदमी का स्वभाव है कि वह अधिकारों के लिए जितना जागरूक होता है, कर्तव्यों के प्रति उतना ही उदासीन। कर्तव्य के लिए आमतौर पर लोगों के मन में टालने की प्रवृत्ति होती है। क र्तव्य को टालने का अर्थ है, धर्म से कट जाना क्योंकि कर्तव्य का ही एक नाम धर्म है। सीधे तौर पर कह सकते हैं कर्तव्य ही धर्म है। कर्तव्यों से बचकर धर्म या अध्यात्म के रास्ते पर नहीं चला जा सकता है, अध्यात्म की पहली मांग ही है कि कर्तव्यों की पूर्ति हो।

पहले समझें कि कर्तव्य क्या है? ऐसे सारे काम जो हमारे धर्म के पालन के लिए जरूरी हैं वे कर्तव्य हैं। हम किसी के पुत्र है, पुत्र का धर्म या कर्तव्य है माता-पिता की सेवा। हम इस देश के नागरिक है, नागरिक धर्म है देश की रक्षा और उन्नति, इसमें सहयोग करना ही हमारा धर्म भी है और कर्तव्य भी। आधुनिक और वैज्ञानिक युग मेंं भी लोग अंधविश्वासों में डूबे हुए हैं। पूजा-पाठ, देव दर्शन जैसे कार्यों को ही धर्म मान लिया जाता है। जबकि धर्म शब्द की मूल जड़ों में जाकर देखें तो पता चलेगा कि कर्तव्य को ही धर्म कहा गया है।

अपने फर्ज को हर हाल में पूरी निष्ठा के साथ पूरा करना ही व्यक्ति के लिये सच्चा धर्म है। यह सच है कि भक्ति के मार्ग पर चलकर भी आत्मज्ञान और ईश्वर प्राप्ति का लाभ उठाया जा सकता है, लेकिन सामने उपस्थित कर्तव्य को पूरा करने के बाद ही भक्ति या भजन-कीर्तन को उचित माना जा सकता है। इतना ही नहीं एक सच्चा कर्म योगी तो कर्तव्यों को ही प्रभु भक्ति बना लेता है। भक्ति से पहले फर्ज की वरीयता की घोषणा स्वयं भगवान राम भी करते हैं।

रामायण के एक प्रसंग को देखिए, रावण को मारने के बाद श्रीराम फिर अयोध्या लौट आए हैं। उनका राजतिलक किया हुआ। राम अयोध्या के राजा बन गए। इस राजतिलक में भगवान राम के सभी मित्र शामिल हुए। निषाद राज जो कि आदिवासियों के राजा थे, वो भी आए थे। उनके मन में भगवान राम के प्रति बहुत श्रद्धा थी। वे चाहते थे कि हमेशा अयोध्या में रहकर भगवान राम की सेवा करें। जब निषादराज ने अपनी यह इच्छा भगवान राम को बताई तो श्रीराम ने उन्हें समझाया। उन्होंने निषादराज से कहा कि मेरी शरण में रहकर, मेरी सेवा करने से तुम्हें उतना पुण्य नहीं मिलेगा जितना कि अपनी प्रजा की सेवा करते हुए मेरी भक्ति करने से मिलेगा। तुम्हारा पहला कर्तव्य प्रजा पालन का है क्योंकि तुम एक राजा हो। अगर तुम अपने कर्तव्य से हट गए तो मेरी भक्ति और सेवा का भी कोई फल नहीं मिलेगा।

रात का सन्नाटा और कुएं के इर्द-गिर्द भटकती है 'आत्मा'!

ऐसा कहा जाता है कि अगर संसार में सत्य है तो इसी वजह से कि कहीं न कही असत्य जिन्दा है। अच्छे लोग हैं तो उन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए बुरे लोग भी हैं। अगर भगवान है तो कहीं न कहीं शैतान भी है।

जिस तरह कई महापुरुषों ने ईश्वर के साक्षात दर्शन का दावा किया है और उसके होने के सम्बन्ध में अकाट्य तर्क दिए हैं वैसे ही कई ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने अदृश्य आत्माओं के होने और उनके दिखने की पुष्टि की है। उनके पास भी अपने ठोस तर्क है। संसार में रहने वले हर शख्स की इनमें से किसी एक मान्यता में आस्था है। इसलिए दोनों में से किसी एक को झुठलाया नहीं जा सकता।

इस कड़ी में हम आपको मुंबई के माहिम स्थित एक ऐसे चाल के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में यह मान्यता है कि यहां एक अदृश्य आत्मा निवास करती है। दरअसल, इस चाल में एक कुआं है जिसके बारे में यह कहानी है कि एक बार यहां एक महिला पानी भर रही थी कि अचानक पैर फिसलने से वह कुएं में गिर गई और इससे पहले कि उसे निकाला जाता इसी कुएं में तड़प-तड़प कर उसकी मौत हो गई।

यहां के बाशिंदों का कहना है कि अक्सर आधी रात के वक्त वह महिला कुएं के पास घूमती हुई दिखती है। हालांकि इसने आज तक किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है।

यह खबर पढ़ कांप जाएगी आपकी रूह, प्यार की खौफनाक सजा


मुरैना/ग्वालियर। दलित के साथ प्रेम करने की सजा एक विवाहित महिला को ऐसी मिली कि सुनने वाले की रूह कांप जाए। दो घंटे तक चले मौत के तांडव से पहले पूरे गांव में मुनादी कराई गई, जिसमें पति ने पकड़कर लाई गई अपनी पत्नी को सजा देने की घोषणा की। इसके बाद पति व ससुरालवालों ने गांव के बाहर मंदिर पर ग्रामीणों के सामने पहले महिला को दो बार फांसी पर लटकाया।

इसके बाद भी जब उसने दम नहीं तोड़ा तो डंडों से पीटते-पीटते उस पर केरोसिन डालकर आग के हवाले कर दिया। लेकिन, कुछ देर बाद आग बुझ गई और अधजली अवस्था में वह तड़पने लगी। दरिंदगी की सारी हदें तब पार हो गईं, जब अधजली अवस्था में तड़पती महिला को चिता पर लिटाकर जिंदा जला दिया।

इस घटना के बारे में दिमनी थाना प्रभारी मंगल सिंह ठाकरे का कहना है कि महिला को गांव वालों के सामने मारा गया है, लेकिन बयान देने को कोई तैयार नहीं है। मुरैना के दिमनी थाना क्षेत्र के ग्राम लहर में ससुराल से दलित प्रेमी संग भागी एक विवाहिता को गांव के बाहर भूमिया बाबा के मंदिर के पास मौत की सजा चौपाल जोड़कर दी गई थी। इसके लिए गुरुवार 20 अक्टूबर की सुबह गांव में बुलावा भिजवाया गया था। बुलावे पर मंदिर के पास करीब 50-60 लोग इकट्ठे हुए थे।

इस घटना के बारे में गांव के लोग दबी जुबान से स्वीकार तो कर रहे हैं, लेकिन खुलकर कुछ कहने से इंकार कर रहे हैं। इधर, पुलिस अफसर भी इस घटना की सच्चाई को स्वीकार कर रहे हैं। विवाहिता के पिता की शिकायत पर महिला के पति धनीराम व देवरों पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है।

चौपाल जुड़ने के बाद मंदिर के पास लगे पीपल के पेड़ पर पहले गुड्डी को रस्सी से फांसी पर लटकाया गया। इस बीच रस्सी टूट गई, जिससे वह नीचे आ गिरी। इसके बाद उसे साड़ी से दोबारा फांसी पर लटकाया गया। इस पर भी जब उसकी सांसें चलती रहीं तो उसे डंडों से पीटा और केरोसिन डालकर जलाया गया। तब ही अधजली अवस्था में ही पहले से ही सजाई गई चिता पर लिटाकर जिंदा जला दिया गया।

चार किस्तों में दी मौत की सजा

चौपाल जुड़ने के बाद मंदिर के पास लगे पीपल के पेड़ पर पहले गुड्डी को रस्सी से फांसी पर लटकाया गया। इस बीच रस्सी टूट गई, जिससे वह नीचे आ गिरी। इसके बाद उसे साड़ी से दुबारा फांसी पर लटकाया गया। इस पर भी जब उसकी सांसें चलती रही तो उसे डंडों से पीटा और केरोसिन डालकर जलाया गया। तब ही अधजली अवस्था में ही पहले से ही सजाई गई चिता पर लिटाकर जिंदा जला दिया गया।

ऑनर किलिंग का मामला

गुड्डी को मौत देने से पहले उसका पति धनीराम व ससुराल वाले अपनी खोई इज्जत पाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने गांव के बाहर मंदिर पर ग्रामीणों के सामने ही उसे मौत की सजा देने की ठान ली। वे गांव के लोगों को दिखाना चाहते थे कि दलित के साथ भागकर उनकी इज्जत को रौंदने वाली को वे किस तरह से मौत की सजा सुना रहे हैं। इसके अलावा वे चाहते थे कि गांव के लिए भी यह नजीर बने।

जयपुर के सेंट्रल पार्क में फहराया देश का सबसे ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज

| Email Print Comment

जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को सेंट्रल पार्क में देश के सबसे बड़े 72 गुणा 48 आकार के 206 फुट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज का लोकार्पण किया। राजस्थान देश का पहला राज्य है, जिसकी राजधानी में यह मोन्यूमेंटल राष्ट्रीय ध्वज स्थापित किया गया है। जेडीए और फ्लेग फाउंडेशन ऑफ इंडिया की ओर से स्थापित यह तिरंगा दिन-रात फहराता रहेगा।

तिरंगे के समीप बने स्मारक में झंडे के इतिहास, विवरण, संहिता तथा अन्य रोचक तथ्यों के शिलालेख लगाए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज हमारे गौरव, स्वाभिमान और मान सम्मान का प्रतीक है। अगर हम तिरंगे को ही धर्म मानकर चलेंगे तो सभी जातियों, धर्मो, वर्गो और क्षेत्रों के लोग एकसूत्र में बंधे रह सकेंगे। जब देश में स्वाभिमान और तिरंगे की रक्षा की भावना देशवासियों में होगी तो सांप्रदायिकता, जातिवाद, छुआछूत जैसी समस्याएं खुद ब खुद खत्म हो जाएंगी।

मुख्यमंत्री ने फ्लेग फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और सांसद नवीन जिंदल को इस बात की बधाई दी कि उन्होंने देशवासियों को तिरंगा झंडा फहराने का अधिकार दिलाने के लिए लंबे समय तक संघर्ष किया।

जिंदल ने कहा कि उनकी मंशा है कि देश के सभी जिलों में सौ फीट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज स्थापित किए जाएं। हरियाणा के आधे जिलों में ऐसे ध्वज स्थापित किए जा चुके हैं। नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि जेडीए नागरिकों की सुविधा के लिए नए मास्टर प्लान के अनुरूप ऐसे ही 6 सेंट्रल पार्क स्थापित करेगा।

कार्यक्रम के बीच में डॉ. चंद्रभान को मंच पर लाए

कार्यक्रम के दौरान जब शांति धारीवाल भाषण दे रहे थे तो उनकी नजर पांडाल में सामने बैठे कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान पर पड़ी। उन्होंने अपना भाषण रोककर जेडीए आयुक्त से चंद्रभान को मंच पर लाने के लिए कहा।

रामायण' पर शुरु हो गया 'महाभारत' अब देखो क्या होता है


| Email Print Comment

नई दिल्ली. दिल्ली विश्वविद्यालय एकेडमिक काउंसिल की ओर से ‘थ्री हंड्रेड रामायण’ के विवादित हिस्से को पाठ्यक्रम से बाहर करने के फैसले पर अब कैम्पस में ही ‘महाभारत’ शुरू हो गया है। एक ओर जहां वामपंथी शिक्षक व छात्र संगठन इसे फिर से पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाए रखने की वकालत कर रहे हैं, वहीं एबीवीपी इसे हटाए जाने को छात्र हितैषी व संस्कृति को बचाने वाला कदम करार दे रही है।

एकेडमिक काउंसिल की बीती नौ अक्तूबर को सम्पन्न हुई बैठक में ‘कंकरेंट कोर्स कल्चर इन इंडिया : ए हिस्टोरिकल प्रोसपेक्टिव’ में शामिल एके रामानुजम के लेख ‘थ्री हंड्रेड रामायण’ को पाठ्यक्रम से हटाकर रोमिला थापर व आर आरएस शर्मा के लेख को जगह दी गई है, लेकिन सोमवार को विभिन्न वामपंथी छात्र व शिक्षक संगठनों ने इस फैसले के खिलाफ आर्ट्स फैकल्टी में विरोध दर्ज कराया।

वहां से शुरू हुए विरोध मार्च के तहत छात्र व शिक्षक कुलपति कार्यालय तक गए और इस दौरान उन्होंने अपनी शैक्षणिक स्वतंत्रता की दुहाई देते हुए इस लेख को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाए रखने की मांग की। अपनी इसी मांग को लेकर छात्र-शिक्षकों ने एक ज्ञापन भी कुलपति को सौंपा। इसके साथ ही, विरोध के लिए उतरे शिक्षकों ने इस मुद्दे पर मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय की चुप्पी पर भी सवाल खड़े किए।

उधर, लेख के पक्षधरों से परे कैम्पस में लगातार इसका विरोध करते आ रहे छात्र संगठन एबीवीपी ने प्रशासन के इस फैसले को जायज ठहराया है। एबीवीपी के प्रदेश मंत्री रोहित चहल ने बताया कि यह लेख वर्ष 2006 में पाठ्यक्रम का हिस्सा बना था और संगठन ने 2008 में इसका विरोध भी इतिहास विभाग में किया था।

उन्होंने कहा कि तब मामला इस कदर उबला था कि पहले संसद और फिर उच्चतम न्यायालय की ओर से इस लेख की प्रमाणिकता परखने और इसे पाठ्यक्रम में शामिल करने या न करने पर एकेडमिक काउंसिल में फिर से विचार करने का निर्देश दिया गया था। बस, उसके बाद औपचारिक प्रक्रिया के तहत नौ अक्तूबर को इसे पाठ्यक्रम से अलग कर दिया गया है, जो एकदम सही निर्णय है और एबीवीपी इसका समर्थन करती है। चहल ने स्पष्ट किया कि कैम्पस में कुछ वामपंथी फिर से इस लेख को पाठ्यक्रम में शामिल करने की वकालत कर रहे हैं, जिसका संगठन बढ़-चढ़कर विरोध करेगा।

उप्र में चलेगा ‘दागियों को हराओ’ अभियान

|
लखनऊ. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनडब्ल्यू) की अगुवाई में एनजीओ उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों में ‘दागियों को हराओ’ अभियान छेड़ेंगे। करीब 300 एनजीओ इसमें शामिल होंगे।


राज्य के हर जिले में दागी उम्मीदवारों के खिलाफ जनता को जागरूक किया जाएगा। इसमें एसएमएस, पोस्टर-बैनर, प्रदर्शनी व छोटी सभाओं का सहारा लिया जाएगा। आंकड़े बताते हैं कि पिछले चुनावों में आपराधिक रिकॉर्ड रखने वाले जनप्रतिनिधियों की संख्या लगातार बढ़ी है। 2007 में दागी छवि वाले 160 उम्मीदवार चुनाव जीते थे। इनमें तीन उम्मीदवार जेल में रहते हुए चुनाव जीते थे।


एडीआर के संयोजक अनिल बैरवाल ने कहा हैं कि वह सभी पार्टियों को पत्र लिखकर दागियों को टिकट न देने की अपील करेंगे। इसके बाद भी यदि आपराधिक छवि वाले नेताओं को प्रत्याशी बनाया गया तो जनता को उनकी असलियत बताई जाएगी। नेताओं के आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी देने के लिए हेल्पलाइन भी शुरू की जाएगी।

2013 में सेना में शामिल हो जाएगा ‘हेलिना’

जोधपुर. एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल ‘नाग’ के अपग्रेड वर्जन ‘हेलिना’ का पहला ट्रायल पोकरण के चांधन फायरिंग रेंज में हुआ। हवा से जमीन पर मार करने वाली इस मिसाइल को दो दिन पहले ध्रुव हेलिकॉप्टर से टारगेट पर सफलतापूर्वक दागा गया

डिफेंस रिसर्च एंड डवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) के विशेषज्ञ बीते कुछ दिनों से पोकरण फायरिंग रेंज में ‘हेलिना’ मिसाइल के ट्रायल की तैयारियां कर रहे थे। इस मिसाइल की मारक क्षमता बीस किमी है, लेकिन पहले ट्रायल में 7 किमी पर निशाना दागा गया।

हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने ‘नाग’ के इस अपग्रेड वर्जन को तैयार किया है। इसे सेना में 2013 में शामिल करने की योजना है।

देश जानता है मुझ पर हर हमला 'चंडाल चौकड़ी' ने कियाः अन्ना हजारे


नई दिल्ली.अपने ताजा ब्लॉग में खुद और अपनी टीम पर हर प्रकार के हमले के लिए गांधीवादी अन्ना हजारे ने केंद्र सरकारी की 'चंडाल चौकड़ी' को जिम्मेदार ठहराया है। अन्ना हजारे ने टीम अन्ना पर हो रहे ताजा हमलों से लेकर बाबा रामदेव पर हुए लाठीचार्ज तक के लिए इसी चंडाल चौकडी़ को जिम्मेदार ठहराया है।

इस ब्लॉग में अन्ना ने लिखा है कि देश जानता है कि उनके और उनकी टीम के खिलाफ रची गई हर साजिश के पीछे चंडाल चौकड़ी ही है। अन्ना ने अपने इस ब्लॉग में केंद्र सरकार और कांग्रेस पार्टी में शामिल अन्य नेताओं तो क्लीन चिट देते हए कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी के सभी मंत्रियों को दोषी नहीं मानता और न ही पूरी सरकार को दोषी ठहराता हूं। सरकार में भी कुछ समर्पित और ईमानदार लोग हैं लेकिन वो इस चंडाल चौकड़ी के कारण अपनी आवाज नहीं उठा सकते।

हालांकि अन्ना हजारे ने अपने ब्लॉग में कहीं भी इस चंडाल चौकड़ी के नामों का खुलासा नहीं किया। अन्ना ने यह जरूर कहा कि चाहें किरण बेदी पर लग रहे आरोप हो या अरविंद केजरीवाल पर लखनऊ में हमला, या फिर बाबा रामदेव पर लाठीचार्ज हो या उन्हें जेल में डालना सभी पापों के पीछे सरकार की यही चंडाल चौकड़ी थी।

अन्ना ने अपनी टीम से इन लोगों के आरोपों पर ध्यान न देने की अपील करते हुए कहा कि चंडाल चौकड़ी द्वारा बार-बार लगाए जा रहे आरोपों का जवाब न दे। लोग इतने समझदार हैं कि सच को पहचान सकें। इसलिए उनके (और विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे उनके एजेंटों के) सभी प्रयास अपने आप बेकार हो जाएंगे।
अन्ना ने अपने ब्लॉग में यह भी कहा कि जल्द ही यह चंडाल चौकड़ी बेनकाब हो जाएगी और कांग्रेस फिर से अपने पहले रूप में आ जाएगी।




झर गये पात .........

Times

यह है गीता का ज्ञान

यह है गीता का ज्ञान .....

  • क्यों व्यर्थ की चिंता करते हो? किससे व्यर्थ डरते हो? कौन तुम्हें मार सक्ता है? अात्मा ना पैदा होती है, न मरती है।
  • जो हुअा, वह अच्छा हुअा, जो हो रहा है, वह अच्छा हो रहा है, जो होगा, वह भी अच्छा ही होगा। तुम भूत का पश्चाताप न करो। भविष्य की चिन्ता न करो। वर्तमान चल रहा है।
  • तुम्हारा क्या गया, जो तुम रोते हो? तुम क्या लाए थे, जो तुमने खो दिया? तुमने क्या पैदा किया था, जो नाश हो गया? न तुम कुछ लेकर अाए, जो लिया यहीं से लिया। जो दिया, यहीं पर दिया। जो लिया, इसी (भगवान) से लिया। जो दिया, इसी को दिया।
  • खाली हाथ अाए अौर खाली हाथ चले। जो अाज तुम्हारा है, कल अौर किसी का था, परसों किसी अौर का होगा। तुम इसे अपना समझ कर मग्न हो रहे हो। बस यही प्रसन्नता तुम्हारे दु:खों का कारण है।
  • परिवर्तन संसार का नियम है। जिसे तुम मृत्यु समझते हो, वही तो जीवन है। एक क्षण में तुम करोड़ों के स्वामी बन जाते हो, दूसरे ही क्षण में तुम दरिद्र हो जाते हो। मेरा-तेरा, छोटा-बड़ा, अपना-पराया, मन से मिटा दो, फिर सब तुम्हारा है, तुम सबके हो।
  • न यह शरीर तुम्हारा है, न तुम शरीर के हो। यह अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, अाकाश से बना है अौर इसी में मिल जायेगा। परन्तु अात्मा स्थिर है - फिर तुम क्या हो?
  • तुम अपने अापको भगवान के अर्पित करो। यही सबसे उत्तम सहारा है। जो इसके सहारे को जानता है वह भय, चिन्ता, शोक से सर्वदा मुक्त है।
  • जो कुछ भी तू करता है, उसे भगवान के अर्पण करता चल। ऐसा करने से सदा जीवन-मुक्त का अानंन्द अनुभव करेगा।

सुरे बक़र में कुरान का संदेश

सुरे बक़र में कुरानी संदेश

सुरे बक़र में कुरान का संदेश

धनतेरस के दिन हुआ था चमत्कार, समुद्र से प्रकट हुए थे धनवंतरि!


बांदा। प्रकाश पर्व दीपावली के दो दिन पूर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस मनाने की पुरानी परम्परा है। लोगों का मानना है कि समुद्र मंथन के अंतिम दिन भगवान विष्णु कलश में अमृत लेकर 'धनवंतरि' के अवतार में प्रकट हुए थे। भगवान धनवंतरि की पूजा से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं।

किंवदंती है कि देवताओं और दानवों के बीच हुए समझौते के बाद जब समुद्र मंथन किया गया तब समुद्र से चौदह रत्न निकले थे, जिनमें एक अमृत-कलश भी था। भगवान विष्णु देवताओं को अमर करने के लिए धनवंतरि के अवतार में प्रकट होकर अमृत-कलश के साथ समुद्र से निकले थे।

इस दिन धनवंतरि की पूजा करने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होकर धन-वर्षा करती हैं। इसी वजह से भगवान धनवंतरि के प्रकटोत्सव को 'धनतेरस' के रूप में मनाने की परम्परा शुरू हुई।

बांदा जनपद के तेंदुरा गांव में रहने वाले धर्मग्रंथों के जानकार पंडित मना महाराज गौतम का कहना है, "भगवान धनवंतरि भगवान विष्णु के अवतार हैं, इनकी पूजा से ग्रहस्थ जीवन जीने वालों के अलावा व्यापारी वर्ग को भी लाभ होता है।"

पूजा-अर्चना के बारे में वह कहते हैं, "त्रयोदश की सुबह स्नान के बाद पूर्व दिशा की ओर मुख कर भगवान धनवंतरि की मूर्ति या चित्र की स्थापना करनी चाहिए, उसके बाद मंत्रोच्चारण करना चाहिए और आचमन के लिए जल चढ़ना चाहिए। धनवंतरि की पूजा भगवान विष्णु की पूजा है, इसलिए लक्ष्मी जी प्रसन्न होकर दीपावली में धन-वर्षा करती हैं।"

इंटरनेट की दुनिया का बादशाह बनेगा गूगल! याहू पर भी होगी पकड़, खरीदार को दे सकता है पैसे


न्यूयॉर्क. गूगल ने इंटरनेट की दुनिया में 'बादशाहत' कायम करने के लिए कदम बढ़ा दिए हैं। गूगल ने याहू के कोर बिजनेस को खरीदने के एक सौदे की फाइनेंसिंग में संभावित मदद के लिए कम से कम दो प्राइवेट इक्विटी कंपनियों के साथ बातचीत की है। दूसरी तरफ याहू के सौदे में गूगल को अप्रत्यक्ष तौर पर होड़ देने की रणनीति माइक्रोसॉफ्ट ने भी बना ली है। वहीं, चीन की इंटरनेट कंपनी अलीबाबा ने भी याहू को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। अलीबाबा के अलावा सिल्वर लेक ने भी याहू को खरीदने में रूचि जाहिर की है।
अमेरिकी अखबार 'द वॉल स्ट्रीट जनरल' के मुताबिक इंटरनेट सर्च कंपनी गूगल इस सौदे को अंजाम देने के लिए दोनों प्राइवेट फर्मों से बातचीत कर रही है। रिपोर्ट में कहा गया कि 43 अरब डॉलर का कैश एवं शॉर्ट टर्म निवेश वाले गूगल ने अभी तक कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं रखा है और हो सकता है कि इंटरनेट सर्च की यह बड़ी कंपनी बोली न लगाए। लेकिन कंपनी दो प्राइवेट इक्विटी कंपनियों के जरिए याहू को परोक्ष रूप से खरीदकर इंटरनेट की दुनिया पर तकरीबन एकाधिकार हासिल कर सकती है। बहरहाल, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि किन प्राइवेट इक्विटी कंपनियों के साथ गूगल ने बातचीत की है।

इस साल 13 जनवरी को जारी आंकड़े के मुताबिक अमेरिकी इंटरनेट बाज़ार में गूगल का शेयर करीब 66.2 फीसदी था जबकि माइक्रोसॉफ्ट के पास बाज़ार का 12 फीसदी, याहू के पास 16 फीसदी कारोबार था। इस तरह से समझा जा सकता है कि गूगल इंटरनेट बाज़ार का सबसे बड़ा हिस्सेदार है।

द वॉल स्ट्रीट जरनल ने कहा कि याहू ने गूगल के इस संभावित कदम पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। इससे पहले रिपोर्ट में कहा गया था कि सॉफ्टवेयर क्षेत्र की अग्रणी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट भी एक प्राइवेट इक्विटी कंपनी द्वारा याहू की खरीद की एक बोली के प्रयास के एक हिस्से की फाइनेंसिंग करने पर विचार कर रही है। माइक्रोसॉफ्ट ने २००८ में भी याहू को खरीदने के लिए बोली लगाने की योजना बनाई थी, लेकिन बाद में वह इससे पीछे हट गई थी।

माना जा रहा है कि याहू पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैरोल बाट्र्ज को हटाने के बाद रणनीतिक विकल्पों पर विचार कर रही है। कैरोल बाट्र्ज ऑनलाइन विज्ञापन बाजार में कंपनी के इंटरनेट बाजार हिस्से को बढ़ा पाने में विफल रही थीं।

याहू के चेयरमैन रॉय बॉस्टॉक और सह संस्थापक डेविड फिलो ने याहू के कर्मचारियों को एक ईमेल में कहा है, 'कंपनी अपनी रणनीतिक समीक्षा कर रही है ताकि इसे दोबारा मजबूत बनाया जा सके। कई कंपनियों ने हमारे अलग अलग विकल्पों में दिलचस्पी दिखाई है।'

शाहरूख को ''गे'' बताया और खुद ''लेस्बियन'' बनना चाहती हैं तस्लीमा

नई दिल्ली. विवादित लेखिका तस्‍लीमा नसरीना इन दिनों सुर्खियों में रहने के लिए एक से बढ़कर एक विवादास्पद बयान दे रही हैं। सेक्स पर खुले विचारों वाली इस लेखिका ने अपने ट्विटर एकाउंट में बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान को गे बताया है और खुद लेस्बियन बनना चाहती हैं।
किंगखान को लेकर उन्होंने लिखा है कि कुछ लोग कहते हैं कि शाहरूख खान समलैंगिक हैं। क्या यह सही है? इसी तरह खुद के बारे में तस्लीमा कहती हैं कि काश वह खुद लेस्बियन होती हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले उन्होंने लिखा था कि मुस्लिम महिलाएं धरती पर 72 कुंवारे पुरुषों के साथ शारीरिक संबंध बना सकती हैं,क्‍योंकि जन्‍नत में उन्‍हें यह नसीब नहीं होगा।

बंगलादेश की इस लेखिका ने जब 90 के दशक में अपनी पहली किताब लज्जा लिखी थी तभी से वह कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गई थी। अपने विवादस्पद किताब के कारण उन्हें अपना मुल्क छोड़ना पड़ा था। भारत समेत कुछ देशों में वे शरणार्थी के तौर पर रही।

हम क्या करे ...

बीच मंझधार में
छोड़ कर धोखा देकर
जो चले गये
उनसे हमे कोई
गिला शिकवा नहीं
हम क्या करे
हमे
मिला ही कुछ
ऐसा नसीब है ......................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

हमने तो पहले ही कहा था ........सच बोले तो तुम भी निकाले जाओगे ......

हमने तो पहले ही कहा था ........सच बोले तो तुम भी निकाले जाओगे ...... जी हाँ जनाब में बात कर रहा हूँ उस पागल की जिसे भ्रस्टाचार के समर्थकों के साथ दलाली करने वाले स्वामी अग्निवेश ने भ्रष्टाचार के खिलाफ इस पागल को मिल रहे समर्थन से बोखला कर इन्हें पागल हाथी कहा था ..जी हाँ समझ गये शायद आप में अन्ना हजारे की बात कर रहा हूँ जिनके खिलाफ पहले दिन से भ्रष्टाचार के समर्थक लोग लामबंद हैं और अन्ना उनके समर्थकों की मांग किया जनता का हित क्या है उसे ताक में रख कर यह समूह अपराधिक षड्यंत्र रच कर अपनी पूरी ताकत अन्ना और उनकी टीम को भ्रष्ट और बेईमान साबित करने में लगा है ............... आप खुद ही समझिये अगर अन्ना और उनके समर्थक एक नम्बर के चोर और बेईमान भी है तो क्या इन हालातों में अगर वोह बेईमान और भ्रष्ट लोगों के खिलाफ अआवाज़ उठा रहे हैं तो उन्हें इसका हक नहीं है .जनाब मेने तो पहले ही कहा था के अन्ना जी वापस खामोश हो जाओ देश जेसे चल रहा है चलने दो यहाँ लोगों को भ्रष्टाचार करने और सहने की आदत हो गये है इस युग में अगर आप भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलोगे तो आपके खिलाफ सारे सफ़ेद पोश लोग एक जुट होकर आपके खिलाफ अभियान छेड़ देंगे और हुआ भी यही हो भी यही रहा है अन्ना के टीम के लोगों को एक एक कर खरीदा जा रहा है जो बिक नहीं रहे हैं उन्हें आरोप लगा कर डराया जा रहा है मारा जा रहा है पीटा जा रहा है और मिडिया मेनेजमेंट कर उन खबरों को उछाला जा रहा है जिनमे कोई दम है ही नहीं ..में जनता हूँ अन्ना इस आन्द्लोलन को दबाने की इस तरह की कोशिशों से आह्त हैं उनसे मेने कहा था ...................यह झुन्ठों और मक्कारों की महफ़िल है सच बोले तो तुम भी निकाले जाओगे ..लेकिन अन्ना तो अन्ना ठहरे माने ही नहीं भ्रष्टाचार की मिसाल कायम करने वाले लोगों के समर्थक और भविष्य में भी वोह और उनके समर्थक भ्रष्टाचार करते रहे कर सकें इसके लियें कोई कानून ना बने और अगर कानून बने तो केवल फोर्मलिटी वाला दिखावा कानून बन कर रह जाए के अभियान की वकालत करने वाले लोग हर जगह हर मोके पर करारी मात कहा रहे है लेकिन वोह इस देश के खातिर भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई पुख्ता कानून बनाना नहीं चाहते हैं अगर यह लोग जितनी ताकत अन्ना और उनके समर्थकों को डराने धमकाने और बदनाम करने में लगा रहे हैं उससे आधी ताकत भी अगर यह लोग अन्ना के विचारों को कानून बनाने के प्रयासों में लगते तो आज देश भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना लेकर गर्व से विश्व में सर उठा कर खड़ा होता लेकिन चोर और बेईमानों से उन्हीं के खिलाफ अगर कानून बनाने की मांग करने लगे तो फिर तो जनाब हमे पागल और महा पागल और पागल हाथी ही कहा जायेगा इसमें सरकार और स्वामी अग्निवेश की बातों का बुरा क्या मानना देश और मीडिया और निष्पक्ष लोग अगर आज भी नहीं जगे तो समझो देश हमेशा के लियें सो जाएगा और दुश्मन इसे रोंदते चले जायेंगे तो उठो जागो जनाब मुकाबला करो और भ्रष्टाचार मुक्त भारत के सपने को साकार करो जो लोग केवल बातों से भ्रष्टाचार मिटाना चाहते हैं जो लोग केवल जनता को लुभावनी बातें कर धोखा देना चाहते हैं जो लोग चालीस साल से भ्रष्टाचार के खिलाफ कानून बनाने के प्रयास की बात कर आज तक भी कानून नहीं बना सके हैं उनके साथ देश और देश के भक्तजनों को क्या सुलूक करना चाहिए मुझे कहने की जरूरत नहीं है जनाब जय हिंद जय भारत ....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सुरे बकर में कुरान का संदेश .

HOME

क्‍यों प्‍यार अंधा होता है?


कहते हैं कि प्यार दिलों में बसता है लेकिन विज्ञान की मानें तो केमिकल लोचा के कारण प्‍यार होता है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि जब भी दो लोग आपस में आकर्षित होते है तो उस समय दिमाग में एड्रेनिल जैसे न्यूरोकेमिकल का रिसाव तेजी से होता है। दिल में एक अजीब सी आग लगती है। साथ ही फेनिलथाइलामाइन केमिकल तेजी से नव्र्स सेल के बीच बहने लगता है।

डोपामाइन जहां अच्छा महसूस कराने में सक्षम होता है, वहीं नॉरपाइनफिराइन एड्रेनिलाइन का उत्पादन बढाता है। ये दिल की गति को बढा देते हैं। ये तीनों सम्मोहन या लगाव की केमिस्ट्री बनाते हैं। इसी से प्रेमियो के भीतर सुख और ऊर्जा का संचार होता है।

इसी के कारण रात भर अपने प्रेमी या अपनी प्रेमिका के बारे में सोचते हुए बिता देते हैं। यही है प्यार की केमिस्ट्री।


सफेद बालों को भी काला कर सकता है नीम जानिए, कैसे?

नीम को एक ऐसे पेड़ के रूप में पेश किया जा रहा है, जो डायबिटीज से लेकर एड्स, कैंसर और न जाने किस-किस तरह की बीमारियों का इलाज कर सकता है। दाद वाली जगहों पर लगाएं, कुछ ही दिनों में दाद का काम तमाम हो जाएगा।अस्थमा के मरीज को नीम के बीजों का तेल पान में डालकर चबाना चाहिए। पथरी होने पर पानी के साथ नीम की पत्तियों की राख नियमित लेने से पथरी गल कर बाहर निकल जाती है।

नीम के फूलों का सेवन करने से कफ नष्ट होता है। नीम की छाल से खांसी, बवासीर आदि रोग दूर होते हैं। शरीर पर सफेद दाग होने पर नीम के फूल, फल तथा पत्तियों को मिलाकर बारीक पीस लें। इसे पानी में मिलाकर पीने से लाभ पहुंचता है। नीम की कच्ची निबोरी के सेवन से पेट के कीड़े, बवासीर व कोढ आदि रोग दूर होते हैं। खाने में अरूचि होने पर नीम के पत्तों का सेवन लाभप्रद है।

यही नहीं, नीम के हरे पत्तों का रस नाक में टपकाने से सिर का दर्द दूर होता है और कान में टपकाने से कान की पीड़ा में आराम मिलता है। जबकि मीठी नीम के सूखे गीले पत्ते कढ़ी में छोंक लगाने तथा दाल को मजेदार बनाने के काम आते हैं। इनको चने के बेसन में मिलाकर पकोड़ी भी बनाई जाती है। नीम के तेल से मालिश करने से विभिन्न प्रकार के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं। नीम की पत्तियों को उबालकर और पानी ठंडा करके नहाया जाए तो उससे भी बहुत फायदा होता है।

घाव नीम के पत्तों को पीसकर थोड़ा शहद मिलाकर घाव पर इसका लेप करने से लाभ होता है। प्रतिदिन नीम की दातुन करने से दांतों में सडऩ, दुर्गंध व कीटाणु नहीं रहते हैं।सिर की रूसी समाप्त करने के लिए नीम के पत्तों का काढ़ा बनाकर सिर धोना चाहिए। सफेद बाल काले करने के लिए नीम के तेल की कुछ बूंदें नासिका छिद्रों में टपकाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।

नो एफआइआर...नो अरेस्ट...नो टॉक...फैसला ऑन द स्पॉट!



मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में फिरौती की रकम वसूलने आए एक अपहर्ता को स्थानीय लोगों ने पीट-पीटकर मार डाला, जबकि उसके दो साथी भागने में सफल रहे।


यह घटना कोसीकलां थाना क्षेत्र की है, जहां ग्रामीणों की पिटाई से लाखन सिंह (45) की मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक वह आगरा का रहने वाला था।

कोसीकलां थाना प्रभारी अरुण कुमार ने बताया कि कोसीकलां निवासी योगेंद्र के बेटे दीपक (21) का गत 17 अक्टूबर को अपहरण कर अपहर्ताओं ने 25 लाख रुपये की मांग की थी। योगेंद्र ने अपहर्ताओं को 10 लाख रुपये दिए लेकिन उन्होंने दीपक को नहीं छोड़ा तथा और पांच लाख रुपये की मांग की।

कुमार के मुताबिक शनिवार देर रात करीब 12 बजे योगेंद्र फिरौती की रकम लेकर कोकिलावन इलाके में गए तो अपहर्ता एक लाख रुपये कम होने की बात कहकर रुपये लेकर भागने लगे। इस पर योगेंद्र ने शोर मचा दिया। इसके बाद स्थानीय लोगों ने एक अपहर्ता को पकड़ कर उसकी पिटाई की जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उसके दो साथी भाग निकले।

कुमार ने कहा, "दीपक अभी भी अपहर्ताओं के कब्जे में है..उसकी तलाश और अपहर्ताओं की गिरफ्तारी की कोशिश की जा रही है।"

पाकिस्तान से हुई अनूठी घुसपैठ जिसे देख BSF का दिल भी पसीजा

जम्मू.जम्मू-कश्मीर की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सतर्क जवानों ने पाकिस्तान से भारतीय सीमा में प्रवेश करने वाली एक लड़की को पकड़ा लेकिन प्रेम में धोखा खाने की उसकी कहानी सुनकर उन्होंने उसे पाकिस्तान के सुरक्षा बलों के सुपुर्द कर दिया।

आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यहां बताया कि पाकिस्तान के सियालकोट के गांव उमरावली की रहने वाली 15 वर्षीय कनीज को कल सीमा पार करने के बाद बीएसएफ के जवानों ने आर एस पुरा इलाके में पकड़ लिया।

जब लड़की से पूछताछ की गई तो पता चला कि उसे एक लड़के से प्यार हुआ लेकिन घर वालों को इस रिश्ते पर ऐतराज था। इस स्थिति में दोनों ने यह तय किया कि वे सरहद पार करके निकाह कर लेंगे ताकि उन्हें किसी विरोध का सामना न करना पड़े।

यह सोच कर दोनों घर से चुपचाप निकल पडे लेकिन सीमा के निकट पहुंचते ही लड़के की हिम्मत जवाब दे गई। मगर कनीज नहीं रुकी और वह सीमा पार कर गई। तभी उसके गांव के ठीक सामने भारतीय सीमा में स्थित गांव निकोवाल में सतर्क बीएसएफ की 193 बटालियन के जवानों की नजर उस पर पड़ गई और उसे पकड़ लिया गया।

लड़की से गहन पूछताछ में उसकी दर्द भरी दास्तां सामने आने पर सख्तजान अधिकारियों का दिल भी पसीज उठा और उन्होंने लड़की को वापस भेजने का फैसला किया। अधिकारियों ने सुचेतगढ़ सेक्टर की आक्ट्राई चौकी पर पाकिस्तान रेजरों से इस सिलसिले में बातचीत की और लड़की उन्हें सौंप दी।

आयोजकों से ली गई ज्‍यादा रकम लौटाएंगी बेदी, केजरीवाल पर लगे और गंभीर आरोप



नई दिल्‍ली. भ्रष्‍टाचार के आरोपों पर टीम अन्‍ना हर ओर से घिर रही है। पूर्व मुख्‍य न्‍यायाधीश जेएस वर्मा और टीम अन्‍ना के एक सदस्‍य व पूर्व लोकायुक्‍त संतोष हेगड़े के सवाल उठाने के बाद अब एक पूर्व आयकर आयुक्‍त ने अरविंद केजरीवाल पर सवाल उठाया है।

आर्थिक अपराधों व आयकर से जुड़े नियम-कानून के जानकार, पूर्व आयकर आयुक्‍त विश्‍व बंधु गुप्‍ता ने कहा है कि इस बात के पुख्‍ता संकेत हैं कि केजरीवाल इंडिया अगेंस्‍ट करप्‍शन (आईएसी) के नाम पर हेराफेरी कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि इस बारे में कुछ दस्‍तावेज भी उनके हाथ लगे हैं, जिन्‍हें वह शीघ्र ही सार्वजनिक करेंगे।

गुप्‍ता के मुताबिक आईएसी का कोई कानूनी वजूद नहीं है। दैनिकभास्‍कर.कॉम से बातचीत में गुप्‍ता ने बताया कि आईएसी की वेबसाइट ( इंडिया अगेंस्‍ट करप्‍शन.ओआरजी) का डोमेन अरविंद केजरीवाल ने 17 नवंबर, 2010 को रजिस्‍टर्ड कराया है। रजिस्‍ट्रेशन के लिए उन्‍होंने 'बी 5, सफदरजंग एनक्‍लेव' का पता और 9999512347 फोन दिया है। पर वेबसाइट पर कहीं भी, किसी भी रूप में पीसीआरएफ (पब्लिक काउज रिसर्च फाउंडेशन), जो केजरीवाल का एनजीओ है, का जिक्र नहीं है। लेकिन आईएसी के नाम पर दान में जुटाई गई रकम पीसीआरएफ के खाते में डाली गई है।

गुप्‍ता का यह भी दावा है कि रामलीला मैदान में अन्‍ना के अनशन के दौरान मिली दान की रकम का पूरा ब्‍यौरा वेबसाइट पर सार्वजनिक नहीं किया गया है। इन आरोपों पर केजरीवाल का पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल पर फोन किया गया, लेकिन फोन कॉल रिसीव नहीं किया गया।


गुप्‍ता ने ट्विटर पर लिखा है, ‘इंडिया अगेंस्‍ट करप्‍शन (आईएसी) में वित्‍तीय गड़बड़ी का सच सामने आने से पहले ही अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया और किरण बेदी को टीम अन्‍ना छोड़ देना चाहिए। इस हेराफेरी में केजरीवाल और सिसौदिया सहित तीन लोग शामिल हैं। तीसरे शख्‍स का नाम आईएसी की वेबसाइट पर अन्‍ना हजारे की कोर टीम में नहीं दिखाया गया है।’

पूर्व नौकरशाह ने आगे लिखा है, ‘केजरीवाल और सिसौदिया भोले-भाले लोगों को मूर्ख बना सकते हैं लेकिन हम जैसे लोगों को नहीं, जो आर्थिक अपराध साबित करने में पारंगत हैं। मेरे पास 20 दस्‍तावेज हैं और मैं इन्‍हें सार्वजनिक कर सकता हूं कि किस तरह हेराफेरी हुई है। मैं दस्‍तावेजों के बिना नहीं बोलता हूं।’

गौरतलब है कि हाल में केजरीवाल पर रामलीला मैदान में अन्‍ना के अनशन के दौरान मिले चंदे की रकम से 80 लाख रुपये अपने एनजीओ (पीसीआरएफ) के खाते में डालने के आरोप हैं, वहीं किरण बेदी पर रियायती दर पर हवाई सफर कर आयोजकों से पूरा किराया वसूलने का आरोप है। कभी टीम अन्‍ना का हिस्‍सा रहे स्‍वामी अग्निवेश की ओर से केजरीवाल पर लगाए गए इन आरोपों पर टीम अन्‍ना ने सफाई दी है कि चूंकि पीसीआरएफ के नाम से ही खाता है इसलिए पैसे उसी के अकाउंट में जमा कराए गए वहीं बेदी कहती हैं कि उन्‍होंने बचे हुए पैसे को अपने एनजीओ के खाते में डाले जो जरूरतमंदों की देखभाल करता है।

किरण बेदी इंडिया विजन फाउंडेशन नाम से एनजीओ चलाती हैं। बेदी ने सोमवार को ट्वीट कर बताया कि एनजीओ के ट्रस्टियों ने उन्‍हें आयोज‍कों के निमंत्रण पत्र में उल्‍लेख किए गए क्‍लास में ही विमान यात्रा करने के लिए कहा है और अब तक कमतर दर्जे में यात्रा कर बचाए गए पैसे लौटाने के भी निर्देश दिए हैं। इस ट्वीट के जवाब में कुछ लोगों ने लिखा कि यह तो एक तरह से गलती मानने जैसा है। बेदी ने कहा, ‘फाउंडेशन के ट्रस्‍टियों ने एक प्रस्‍ताव पारित कर मुझे निमंत्रण के मुताबिक सफर करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में मेरे पास मनमानी का कोई विकल्‍प नहीं बच पता है। ट्रस्टियों ने ट्रैवल एजेंट को किराए से बची रकम आयोजकों को लौटा देने के भी निर्देश दिए हैं।’ बेदी के एनजीओ में प्रहलाद कक्‍कड़, लवलीन थडानी, आचल पॉल, प्रदीप हलवासिया, अमरजीत सिंह और सुनील नंदा जैसे लोग हैं।

इससे पहले पूर्व प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) जेएस वर्मा ने संगठनों से यात्रा के लिए ज्यादा शुल्क वसूलने को लेकर बेदी की आलोचना की। उन्होंने रविवार को कहा, ‘आपने जो राशि खर्च ही नहीं की, उसके बारे में दावा नहीं कर सकते। एक पूर्व पुलिस अधिकारी द्वारा ऐसा करना अनुचित है।’ टीम अन्‍ना के सदस्‍य जस्टिस संतोष हेगड़े ने भी बेदी पर निशाना साधा है। हेगड़े ने अब कहा है कि ज्‍यादा किराया वसूलना ‘बर्दाश्‍त नहीं’ है। उन्‍होंने कहा, ‘अब दो संगठनों ने कहा है कि बेदी ने पूरा किराया वसूलने की बात उन्‍हें नहीं बताई थी, जो बर्दाश्‍त करने लायक नहीं है।’ इससे पहले जस्टिस हेगड़े ने कहा था कि बेदी यदि आयोजकों को बताकर पूरा किराया वसूलती हैं तो इसमें कोई दिक्‍कत नहीं है।

एक के बाद एक कर टीम अन्‍ना के सदस्‍यों पर लग रहे आरोपों पर गुप्‍ता ने अन्‍ना हजारे पर भी निशाना साधा है। उन्‍होंने कहा है, ‘क्‍या अन्‍ना हजारे खुद को इस टीम से अलग कर सकते हैं जिसके लोग वित्‍तीय गड़बड़ी में जुटे हैं और हर वक्‍त अन्‍ना के आसपास रहते हैं।’ रामलीला मैदान में मंच से अन्‍ना के आंदोलन के समर्थन में भाषण देने वाले गुप्‍ता ने लिखा है, ‘अन्‍ना हजारे, आपको अपने टीम के इन चार लोगों को लेकर उठ रहे गंभीर सवालों के जवाब देने चाहिए। आपको यह भी बताना होगा कि आप भ्रष्‍ट लोगों के करीब क्‍यों आए और ये भ्रष्‍ट लोग आपके इतने प्रिय क्‍यों हो गए।’ हजारे आठ दिन से मौन व्रत पर हैं।

सपा महासचिव मोहम्मद आजम खां ने ‘टीम अन्ना’ पर लगे आरोपों की सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा है कि इस वक्त भ्रष्टाचार से बड़ा मुद्दा देश की अखंडता है। आजम ने कहा, ‘मुझ पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं है। अन्ना हजारे से ज्यादा ईमानदार वह खुद हैं।’

अमर को बेल, जेल में मनेगी कनिमोझी की दिवाली

नई दिल्‍ली. 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में आरोपी और तमिलनाडु के कद्दावर नेता करुणानिधि की बेटी कनिमोझी की जमानत याचिका पर आज सीबीआई की विशेष अदालत में सुनवाई हुई। अदालत ने कनिमोझी साहित पांच अभियुक्‍तों की जमानत पर सुनवाई तीन नवंबर तक टाल दी है। 2जी घोटाला मामले में ही पी चिदंबरम को आरोपी बनाए जाने की सुब्रमण्‍यम स्‍वामी की याचिका पर सुनवाई 8 नवंबर तक टल गई है।

सीबीआई ने आज अदालत को बताया कि वह कनिमोझी और चार अ‍न्‍य अभियुक्‍तों की जमानत का विरोध नहीं करेगी। सीबीआई का कहना है कि करीम मोरानी, आसिफ बलवा, शरद कुमार और राजीव अग्रवाल की जमानत का भी विरोध नहीं किया जाएगा। हालांकि सीबीआई शाहिद बलवा और आर के चंदोलिया की जमानत का विरोध करेगी। अदालत ने सीबीआई की दलील सुनने के बाद कनिमोझी और पांच अन्‍य अभियुक्‍तों की जमानत पर फैसला 3 नंवबर तक सुरक्षित रखने का फैसला किया। कनिमोझी इस साल 20 मई से तिहाड़ जेल में हैं।

सीबीआई की विशेष अदालत ने बीते शनिवार को 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में कनिमोझी समेत 14 लोगों और तीन कंपनियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे। अदालत ने कनिमोझी पर आपराधिक साजिश रचने और भ्रष्टाचार निवारण कानून के तहत मुकदमा चलाने का अनुमति दे दी थी। अगर कनिमोझी को इन आरोपों में दोषी पाया जाता है तो उन्हें कम से कम पांच साल की सज़ा हो सकती है।
इस साल 25 अप्रैल को दाखिल अपनी दूसरी चार्जशीट में सीबीआई ने कनिमोझी पर 200 करोड़ रुपये की घूसखोरी का आरोप लगाया था। इसके मुताबिक कलैगनर टीवी को शाहिद बलवा की डीबी रियलिटी ने ये पैसे दिए थे। कलैगनर टीवी की मालकिन कनिमोझी और उनकी मां दयालु अम्मल हैं। कलैगनर टीवी के निदेशक शरद कुमार भी इसी मामले में आरोपी हैं।

इससे पहले, समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व नेता और राज्‍यसभा सदस्‍य अमर सिंह को आखिरकार जमानत मिल गई। दिल्‍ली की एक अदालत ने ‘कैश फॉर वोट’ कांड अमर सिंह को मानवीय आधार पर जमानत देने का फैसला किया। अदालत ने सिंह को एक करोड़ (50-50 लाख रुपये के दो) के मुचलके पर छोड़ने के आदेश दिए।
वोट के बदले नोट कांड में अदालत ने अमर सिंह को हालांकि देश से बाहर नहीं जाने को कहा है। हालां‍कि उनके वकील ने अदालत से अनुरोध किया था कि उनके मुवक्किल इलाज के लिए सिंगापुर जाना चाहते हैं। अमर‍ सिंह को इस मामले में सुनवाई के दौरान तीस हजारी कोर्ट में पेश करने को कहा गया है। सिंह फिलहाल न्‍यायिक हिरासत में एम्‍स में हैं।

2008 में संसद में भाजपा के कुछ सांसदों ने नोटों की गड्डियां लहराईं थीं। आरोप था कि भारत-अमेरिका परमाणु करार के चलते वामपंथी दलों द्वारा यूपीए से किनारा किए जाने के बाद संकट में आई तत्‍कालीन यूपीए सरकार को बचाने के लिए उन्‍हें ये पैसे दिए गए हैं। अमर सिंह को इस पूरे मामले का मुख्‍य अभियुक्‍त बताया गया था।

रिलायंस ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड (आरटीएल) ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी। इस याचिका में सीबीआई की तरफ से लगाए गए आरोपों का विरोध करते हुए दावा किया गया है कि रिलायंस के खिलाफ कोई सुबूत नहीं हैं जो सीबीआई के आरोपों को सही ठहराएं। आरटीएल का कहना है कि उसने कोई भी गलत काम नहीं किया है और उसके खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। अनिल धीरूभाई अंबानी (एडीएजी) समूह की इस कंपनी के खिलाफ सीबीआई की विशेष अदालत ने शनिवार को आरोप तय कर दिए थे।
येदियुरप्पा की दीपावली जेल में बीतेगी या नहीं? फैसला आज
ज़मीन घोटाले में जेल में बंद कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की जमानत याचिका पर आज कर्नाटक हाई कोर्ट में सुनवाई हो रही है। येदियुरप्पा के वकील ने शुक्रवार को तीन दिनों की जमानत अर्जी दाखिल की थी। येदियुरप्पा की तरफ से दीपावली घर पर मनाने के लिए जमानत पर रिहा किए जाने की अपील की गई है। हालांकि, येदियुरप्पा की जमानत अर्जी का यह कहकर विरोध किया जा रहा है कि वह इस मामले में सुबूतों पर असर डाल सकते हैं।

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...