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27 अक्तूबर 2011

हत्या और अपहरण में यूपी, अव्वल

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नई दिल्ली. साल 2010 के लिए जारी किए गए नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़े अपराध के तेजी से बढ़ते ग्राफ के गवाह हैं। केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने गुरुवार को ये आंकड़े जारी किए। इन आंकड़ों के मुताबिक जनसंख्या के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य यानी उत्तर प्रदेश जुर्म प्रदेश बनता जा रहा है। साल 2010 में अपराध की कुल वारदातों का 33.9 फीसदी अकेले यूपी में हुई हैं।

हत्या के अपराध के मामलों में यूपी सबसे आगे है। हत्या के कुल मामलों के 13.2 फीसदी और हत्या की कोशिश के 13.6 फीसदी मामले इसी प्रदेश से हैं। मध्य प्रदेश में बलात्कार और छेड़छाड़ के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। यहां सबसे अधिक बलात्कार (संख्या 3135/14.1 फीसदी) और छेड़छाड़ की घटनाएं (संख्या 6646/16.4 फीसदी) रिपोर्ट की गई हैं जो देश में सबसे अधिक हैं। किडनैप (18.4 फीसदी)और दहेज हत्याओं (26.4 फीसदी)के मामलों में भी यूपी सबसे आगे है।

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र भी इस फेहरिस्त में ज्यादा पीछे नहीं हैं। मध्य प्रदेश में यह आंकड़ा 9.6 फीसदी है जबकि महाराष्ट्र में कुल अपराधों के 9.4 फीसदी अपराध हुए हैं। बड़े शहरों की बात करें तो आईपीसी के तहत दर्ज अपराध के आईने में दिल्ली (12.5), मुंबई (9.2) और बैंगलुरू (8.7) अव्वल हैं। उत्तर प्रदेश में फायरिंग के 445 मामले जबकि छत्तीस गढ़ में 82 मामले दर्ज हुए। फायरिंग में सबसे अधिक नागरिक जम्मू कश्मीर (91) में मारे गए, जबकि सबसे अधिक पुलिसकर्मियों को छत्तीसगढ़ (68)में जान से हाथ धोना पड़ा।

भाई-दूज: बहन के घर भोजन करने से बढ़ती है भाई की आयु

भाई-दूज का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 28 अक्टूबर, शुक्रवार को है। इस दिन यमराज का पूजन किया जाता है। पूजन विधि इस प्रकार है-

पूजन विधि

इस दिन यमुना में स्नान करके यमुना तथा यमराज के पूजन का विशेष विधान है। इसके अलावा भाई-बहन के घर आकर उसके हाथ का बना भोजन करता है और बहन -भाई की पूजा करती है। विवाहिता बहनें अपने भाइयों को अपने घर ससुराल में आमंत्रित करती हैं, जबकि अविवाहिता बहनें अपने पिता के घर पर ही भाइयों को भोजन कराती हैं। जिनकी बहन नहीं होती, वे जिसे मुंहबोली बहन बनाते हैं, उसको इसी विधि से सत्कार करना चाहिए।

इसके पश्चात बहन-भाई दोनों मिलकर यम, चित्रगुप्त और यम के दूतों का पूजन करें तथा सबको अध्र्य दें। बहन भाई की आयु-वृद्धि के लिए यम की प्रतिमा का पूजन करें। प्रार्थना करें कि मार्कण्डेय, हनुमान, बलि, परशुराम, व्यास, विभीषण, कृपाचार्य तथा द्रोणाचार्य इन आठ चिरंजीवियों की तरह मेरे भाई को भी चिरंजीवी कर दें। इस दिन गोधन कूटने की भी प्रथा है। गोबर से बनी मनुष्याकृति बनाकर उसकी छाती पर ईंट रखी जाती है और उस पर स्त्रियां मूसल से प्रहार करती हुई उसे तोड़ती हैं, कथा सुनती हैं।

इसके पश्चात भाई को भोजन कराती हैं। मिष्ठान खाने के बाद भाई यथाशक्ति बहन को भेंट देता है। जिसमें स्वर्ग, आभूषण, वस्त्र आदि प्रमुखता से दिए जाते हैं। लोगों में ऐसा विश्वास भी प्रचलित है कि इस दिन बहन अपने हाथ से भाई को भोजन कराए तो उसकी उम्र बढ़ती है और उसके जीवन के कष्ट दूर होते हैं।

आंध्र में 'काला धन' बांटे जाने की अफवाह के बाद

हैदराबाद. आंध्र प्रदेश के काकीनाडा कस्बे में यह अफवाह फैलने के बाद कि सरकार जब्त 'काले धन' को लोगों के डाक बचत खातों में डालेगी, डाकघरों के बाहर पुरुषों और महिलाओं की लम्बी कतारें लग गईं।

पुलिस के मुताबिक पूर्वी गोदावरी जिले के इस तटीय कस्बे के तीन डाकघरों में भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। डाक अधिकारियों के समझाने के बावजूद कि यह अफवाह है, लोग अपने नाम से खाता खुलवाने के लिए अड़े रहे।
अंतत: प्रति आवेदक से 50 रूपए लेकर कुछ ही घंटों में लगभग 1,000 खाते खोल दिए गए।

एक आवेदक ने एक टीवी चैनल को बताया कि 'उन्होंने ने सुना कि खनन कारोबारी एवं कर्नाटक के पूर्व मंत्री जी. जर्नादन रेड्डी, वाईएसआर कांग्रेस के प्रमुख वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी और सत्य साईं ट्रस्ट के खातों के रुपये लोगों के डाक खातों में जमा किए जाएंगे'।

पुलिस ने कहा कि वह पता लगाने में जुटी है कि किसने यह अफवाह फैलाई।

नताशा के हाथों में गंभीर के नाम की मेहंदी



गुड़गांव. भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार क्रिकेटर गौतम गंभीर दिल्ली की नताशा जैन के साथ शुक्रवार को विवाह बंधन में बंधने जा रहे हैं। उम्‍मीद है, शादी में सचिन और शाहरुख भी शिरकत करेंगे।

गुरुवार को नताशा के हाथों में मेहंदी रचाई गई। नताशा के चाचा श्रवण गर्ग के सेक्टर 15 पार्ट टू स्थित घर 697 और 698 नंबर में मेहंदी और गीतों की रस्म की पूरी की गई। गर्ग के घर मेहमानों का आना शाम छह बजे से ही शुरू हो गया था। व्यवस्था की सारी जिम्मेदारी दिल्ली की एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी को सौंपी गई थी।

पार्टी को पिंक कलर की थीम दी गई थी। पिंक नताशा का फेवरेट कलर है। इसलिए पार्टी में सभी चीजें उसी के हिसाब से अरेंज की गई थी। मेहमानों को ढोल की थाप नर नचाने के लिए दिल्ली के पटेल नगर से ढोल वालों को बुलाया गया था।

पार्टी में जो फूल लगाए गए थे उसमें भी पिंक कलर के फूल ज्यादा थे। गंभीर और नतोश जिस स्‍टेज पर बैठे, उसे सजाने में पिंक कलर के फूलों का ही ज्‍यादा इस्‍तेमाल हुआ था। पार्टी में चर चीज को पिंक कलर में दिल की शेप की दी गई थी। इस अवसर पर सिर्फ घर के विशेष मेहमानों ने ही हिस्सा लिया। मेहंदी रस्म के बाद सभी डीजे और ढोल की थाप पर जमकर थिरके और उसके बाद सभी ने कॉकटेल पार्टी में शिरकत की।

पार्टी में कई क्रिकेटरों के पहुंचने की भी अटकलें लगती रहीं, लेकिन कोई क्रिकेटर शामिल नहीं हुआ। शुक्रवार को शादी में कई क्रिकेटरों के शिरकत करने की उम्मीद है

आडवाणी का रथ उड़ाने की साजिश? रास्‍ते में बम मिलने के बाद बदला रूट


मदुरई. भाजपा के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्‍ण आडवाणी की रथयात्रा के रास्‍ते में बम बरामद होने से सनसनी फैल गई है। तमिलनाडु में मदुरई के समीप आडवाणी की रथयात्रा के रास्‍ते में पुलिस ने पांच फुट लंबा पाइप बम बरामद किया। यह बम आज सुबह आठ बजे मदुरई के बाहर अलमपट्टी गांव के पास रेलवे ब्रिज के नीचे मिला। पुलिस ने पूरे इलाके को अपने सुरक्षा घेरे में ले लिया है और जांच शुरू कर दी है।

जिस पुल के नीचे यह विस्फोटक मिला है, उस पर से 20 मिनट बाद ही लालकृष्ण आडवाणी गुजरने वाले थे। आडवाणी की यात्रा के रास्‍ते में बम मिलने के बाद पुलिस ने रूट में थोड़ा बदलाव किया है लेकिन बावजूद इसके आडवाणी की रथयात्रा जारी है। आडवाणी की रथयात्रा के रास्‍ते में सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है।

आडवाणी की यात्रा इस वक्‍त जनचेतना यात्रा दूसरे दौर में पहुंच गई है। आडवाणी अपनी यात्रा के 18वें दिन शुक्रवार को तिरुवनंतपुरम रवाना हो गए हैं। इससे पहले आडवाणी ने गुरुवार की रात मदुरई में एक बड़ी रैली को संबोधित किया। आडवाणी के साथ रथ पर मौजूद भाजपा के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आडवाणी जी राष्‍ट्रीय स्‍तर के बड़े नेता हैं ऐसे में उनकी सुरक्षा को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि रथयात्रा के रास्‍ते में विस्‍फोटक मिलने की खबर है लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है। उन्‍होंने बताया कि आडवाणी की यात्रा के रास्‍ते में थोड़ा बदलाव किया गया है लेकिन उनकी यात्रा जारी रहेगी।

मदुरै में मीडिया को संबोधित करते हुए आडवाणी ने कहा कि उनकी इस यात्रा का आगामी लोकसभा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। राजीव गांधी के हत्‍यारों को फांसी दिए जाने के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्‍होंने कहा कि दोषियों को सजा दिए जाने को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। हालांकि आडवाणी ने कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के बयान पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। दिग्विजय सिंह ने कहा था कि रामदेव और अन्‍ना हजारे के आंदोलन के पीछे आरएसएस और बीजेपी का हाथ है।

अन्ना टीम पर उठ रहे आरोपों के बारे में किए गए सवाल आडवाणी ने कहा, 'भ्रष्टाचार करने वालों की जगह भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर हमले हों यह ठीक नहीं है। तमिलनाडु में प्रस्तावित निर्माणाधीन कुडनकुलम परमाणु संयंत्र पर भाजपा नेता ने कहा कि समुद्र किनारे बने ऐसे संयंत्रों को सुरक्षा के लिहाज से देखना जरूरी है। उन्‍होंने कहा कि लोगों की सुरक्षा सरकार के व्यवसायिक हितों से कहीं ज्यादा अहम हैं।
भ्रष्‍टाचार के आरोपों में जेल में बंद बीजेपी नेता और कर्नाटक के पूर्व सीएम येदियुरप्‍पा पर पार्टी का रुख को साफ करते हुए आडवाणी ने कहा कि बीजेपी के अंदर भ्रष्टाचार को लेकर किसी भी तरह का नरम रवैया नहीं है। यह सभी जानते हैं कि जैसे ही लोकायुक्त की रिपोर्ट में येदियुरप्‍पा का नाम आया, उनसे त्यागपत्र देने के लिए कह दिया गया और येदियुरप्‍पा ने ऐसा किया भी।

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है ।

करता नहीं क्यों दुसरा कुछ बातचीत,
देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफिल मैं है ।

रहबर राहे मौहब्बत रह न जाना राह में
लज्जत-ऐ-सेहरा नवर्दी दूरिये-मंजिल में है ।

यों खड़ा मौकतल में कातिल कह रहा है बार-बार
क्या तमन्ना-ए-शहादत भी किसी के दिल में है ।

ऐ शहीदे-मुल्को-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार
अब तेरी हिम्मत का चर्चा ग़ैर की महफिल में है ।

वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमां,
हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है ।

खींच कर लाई है सब को कत्ल होने की उम्मींद,
आशिकों का जमघट आज कूंचे-ऐ-कातिल में है ।

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है ।

है लिये हथियार दुश्मन ताक मे बैठा उधर

है लिये हथियार दुश्मन ताक मे बैठा उधर
और हम तैय्यार हैं सीना लिये अपना इधर
खून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में है
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

हाथ जिनमें हो जुनून कटते नही तलवार से
सर जो उठ जाते हैं वो झुकते नहीं ललकार से
और भडकेगा जो शोला सा हमारे दिल में है
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

हम तो घर से निकले ही थे बांधकर सर पे कफ़न
जान हथेली में लिये लो बढ चले हैं ये कदम
जिंदगी तो अपनी मेहमान मौत की महफ़िल मैं है
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

दिल मे तूफानों की टोली और नसों में इन्कलाब
होश दुश्मन के उडा देंगे हमे रोको न आज
दूर रह पाये जो हमसे दम कहाँ मंजिल मे है
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

एक स्त्री दे दो .........




हमारा देश भारत वर्ष है

Desh Prem

यह है गीता का ज्ञान

[Chapter 8]



संदेश कुरान का सुरे बकरा ..........

करप्शन, घोटालों से लगी भारतीय धनकुबेरों के खजाने में सेंध

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मुंबई. फोर्ब्स ने दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट जारी कर दी है। इस बार लिस्ट में 14 नए भारतीय शामिल हुए हैं। भारत में टॉप पर मुकेश अंबानी, नंबर 2 पर लक्ष्मी मित्तल, नंबर 3 पर अजीम प्रेमजी और पांचवें नंबर पर हिसार की सावित्री जिंदल हैं।


हालांकि आंकड़ों के अनुसार पिछले साल के टॉप-100 भारतीय धनकुबेरों की अमीरी 20 फीसदी तक कम हुई है। जहां वे पिछले साल एक साथ मिलकर कुल 300 बिलियन डॉलर के मालिक थे, वहीं इस साल उनकी संपत्ति 241 बिलियन डॉलर ही रह गई है। मैग्जीन के मुताबिक इसकी वजह करप्शन, घोटाले और सेंसेक्स का गिरना है।

ये हैं सबसे बड़े लूजर.. फिर भी सबसे धनवान मुकेश अंबानी

मुकेश अंबानी भारत के धनवानों की लिस्ट में टॉप पर हैं। इनकी कुल संपदा 22.6 बिलियन डॉलर है। इन्होंने पिछले साल के मुकाबले 4.4 बिलियन डॉलर खो दिए हैं।

स्टील किंग लक्ष्मी मित्तल की कुल संपत्ति 19.2 बिलियन डॉलर है। हालांकि उनकी संपत्ति भी लास्ट इयर के मुकाबले 6.9 बिलियन डॉलर कम ही है।

अनिल अंबानी 13वें नंबर पर हैं। डॉलर के हिसाब से सबसे बड़े लूजर भी अनिल ही कहे जा सकते हैं। उन्होंने 7.4 बिलियन डॉलर गंवा दिए हैं।

प्रतिशत के हिसाब से सबसे बड़े लूजर लैंको इंफ्राटेक के मालिक एल. मधुसूदन राव हैं। भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट के चलते इन्हें 78 फीसदी का झटका लगा है।

सावित्री जिंदल सबसे अमीर महिला

फोब्र्स मैग्जीन की धनवान भारतीयों की जारी लिस्ट में हिसार की सावित्री जिंदल पांचवें नंबर पर हैं। इस तरह सावित्री जिंदल सबसे धनी भारतीय महिला बन गई हैं। उनकी संपत्ति कुल 9.5 बिलियन डॉलर बताई गई है।

फोर्ब्स की लिस्ट में इस साल 14 नए रईस

खास बात यह है कि इस लिस्ट में इस साल 14 नए चेहरे भी हैं। 51वें नंबर पर राहुल भाटिया हैं, वहीं आनंद महिंद्रा इस लिस्ट में पहली बार शामिल हुए हैं। इस लिस्ट में शामिल नए धनकुबेरों में मुथूट फाइनेंस के एम. जी. जॉर्ज मुथूट भी शामिल हैं, जिन्होंने मिडल-क्लास इंडियंस में गोल्ड के लिए चाहत को ध्यान में रखते हुए बिजनेस बढ़ाया है। कैफे कॉफी डे के फाउंडर वी. जी. सिद्धार्थ भी यहां आ गए हैं।

सबसे धनी 10 भारतीयों की जमा पूंजी 113.6 बिलियन डॉलर है, जबकि पिछले साल यह 150 बिलियन डॉलर थी।

तीनों ठाकरे में हिम्मत है, तो वे बिना सुरक्षा के घूमकर दिखाएं'


मुंबई. कांग्रेस सांसद संजय निरुपम और शिवसेना कार्याध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बीच जारी जुबानी जंग रूकने का नाम नहीं ले रही है। निरुपम ने गुरुवार को ठाकरे परिवार के किसी सदस्य का नाम न लेते हुए चुनौतीपूर्ण लहजे में कहा, ‘यदि तीनों ठाकरे में हिम्मत हो, तो वे मुंबई में बिना पुलिस सुरक्षा के घूम के दिखायें।’

निरुपम ने नागपुर में दिये अपने बयान को तोड़-मड़ोड कर पेश करने का मीडिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी मुंबई बंद करने की अपील नहीं की थी। बल्कि यह कहा था कि मुंबई में आज भी फाजी बेचने वाला, टैक्सी-ऑटो रिक्शा चलाने वाला यहां तक की पानवाला बड़ी संख्या में उत्तर भारतीय लोग हैं। और यदि इन लोगों ने एक दिन काम करने के बदले आराम करने का निर्णय लिया, तो मुंबई रूक जायेगी।

बाल ठाकरे के प्रति मेरे मन में सम्मान है :

हिम्मत हो, तो तीनों ठाकरे बिना पुलिस सुरक्षा के मुंबई में घुम कर दिखाये। अपने इस एक और विवादास्पद बयान पर निरुपम ने थोड़ी सी सफाई देते हुए कहा कि शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के प्रति उनके मन में अलग स्थान है और वे उनका सम्मान करते हैं।

कांग्रेस सांसद के इस बयान से कयास लगाया जा रहा है कि उन्होंने शिवसेना कार्याध्यक्ष उद्धव ठाकरे, उनके बेटे आदित्य ठाकरे और मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे को बिना सुरक्षा के घुम कर दिखाने की चुनौती दी है। माना जा रहा है कि निरुपम के इस बयान के बाद अब शिवसेना के बाद मनसे की ओर से भी उन पर जुबानी हमले तेज हो सकते हैं। बता दें कि निरुपम और उद्धव के बीच जारी जुबानी जंग के बीच मुंबई में इन दिनों कांग्रेस व शिवसेना के कार्यकर्ताओं के बीच एक-दूसरे के नेताओं के बैनर-पोस्टर पर कालिख पोतने की होड़ मची हुई है।

मैंने कभी नहीं मांगी पुलिस सुरक्षा :

उत्तर भारतीयों के संबंध में विवादास्पद बयान देकर शिवसेना और मनसे के निशाने पर आये कांग्रेस सांसद संजय निरुपम के घर की सुरक्षा कुछ दिनों पहले पुलिस ने बढ़ा दी थी। गुरुवार को निरुपम ने इस पर भी मुंह खोला और कहा कि उन्होंने कभी भी पुलिस सुरक्षा की मांग नहीं की थी। और पुलिस आयुक्त को फोन कर उन्होंने अपनी बढ़ाई गई सुरक्षा को वापस लेने का निवेदन किया है।

वर्दी का रौब दिखाने में आया बड़ा मजा लेकिन सरेआम उठानी पड़ी शर्मिंदगी

पानीपत. इसराना.सेविंग कराने के बाद पैसे मांगने पर नाई को किसी झूठे मामले में फंसाने की धमकी देना एक एएसआई को उस वक्त महंगा पड़ गया, जब यह मामला विधायक के दरबार में जा पहुंचा। इसराना विधायक ने मामले से एसपी को अवगत कराया। एसपी के हस्तक्षेप के बाद एएसआई ने नाई से विधायक और लोगों की उपस्थिति में माफी मांगी। उसके बाद ही मामला शांत हो पाया।

इसराना बस स्टैंड के सामने नीरज हेयर ड्रेसर के नाम से दुकान चला रहे सतीश ने बताया कि कुछ दिन पहले इसराना थाने से एक एएसआई सेविंग कराने दुकान पर आया। सेविंग करने के बाद जब सतीश ने पैसे मांगे तो एएसआई ने वर्दी का रौब दिखाते हुए पैसे देने की बजाए उसे किसी झूठे मामले में फंसाने की धमकी दे डाली। आरोप है कि एएसआई उसे कई दिनों तक परेशान करता रहा।

जब वह उसकी शिकायत करने थाने पहुंचा तो उसे वहां भी हड़का दिया गया। पीडि़त ने इस मामले को इसराना विधायक कृष्ण लाल पंवार के सामने रखा। विधायक ने मामले को एसपी पंकज नैन के संज्ञान में डाला। एसपी ने इसराना थाना प्रभारी को मामले की तुरंत जांच करने के आदेश दिए।

इस घटना को देखते हुए नाई की दुकान पर लोगों की भीड़ जुट गई। मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी जितेंद्र के बार-बार समझाया गया, मगर दुकानदार एएसआई द्वारा माफी मांगने की बात पर अड़े रहे। धमकी देने वाले एएसआई ने विधायक कृष्ण लाल पंवार, थाना प्रभारी जितेंद्र व दुकानदारों के सामने पीड़ित नाई से माफी मांगी तब जाकर मामला शांत हुआ।

आईजी को भेजी शिकायत

हेयर ड्रेसर सतीश ने पूरे मामले की शिकायत आईजी रोहतक रेंज वी कामराजा को भी भेजी है। वी कामराजा ने पीड़ित को न्याय दिलाने का आश्वासन देते हुए कहा कि मामले की सूचना मिली है। इस तरह के आचरण करने वाले पुलिसकर्मी के खिलाफ पूरी जांच कराकर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

चमत्कार ! मां के आशीर्वाद से सात बार फांसी ने भी नहीं दी मौत

गोरखपुर से 22 किलोमीटर दूर देवरिया रोड पर तरकुलहां देवी का मंदिर स्थित है। यह मंदिर धार्मिक और ऐतिहासिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। यहां आस पास के जिलों सहित दूर-दराज से भक्त अपनी मन्नतें मांगने आते हैं।

यहां नारियल और बकरे का भेंट चढ़ाया जाता है। माना जाता है कि यहां जो भी मन्नत मांगी जाती है। उसको मां पूरी करतीं हैं। यहां नवरात्र के समय भारी भीड़ जमा होती है। मंदिर के पास ही माता के भक्त और स्वतंत्रता सेनानी बंधू सिंह का स्मारक भी है। बंधू सिंह गुरिल्ला युद्ध में माहिर योद्धा थे। माता के आशीर्वाद से अंग्रेजों में हड़कंप मचा दिया था। कई अंग्रेजों को धूल चटाकर मौत के घाट उतार दिया था। लेकिन कुछ मुखबिरों की गद्दारी के शिकार हो जाने से बंधू सिंह अंग्रेजों के हत्थे चढ़ गए।

मां के इस अनन्य भक्त को सात बार फांसी पर चढ़ाया गया। लेकिन मां की कृपा से सातों बार फंदा टूट गया। आठवीं बार मां से इस वीर शहीद ने अपने आंचल में छुपाने की मांग की तब जा कर आठवीं बार फांसी पर झूल पाए ये मां के लाल। आठवीं बार फांसी का फंदा खुद अपने हाथों से बंधू सिंह ने पहना और अंग्रेजों की साम्राज्यवादी नीतियों के भेंट चढ़ गए। तभी से भक्त माता के दर्शन के बाद बंधू सिंह की शहादत को सलाम करते हैं। माता का मंदिर और बंधू सिंह का यह स्मारक गोरखपुर की धरोहर हैं।

भारत-पाकिस्तान के दर्द से सरहद भी छटपटा उठी


अटारी बार्डर. भारत-पाक सरहद गुरुवार को एक दूसरे के दुख देखकर छटपटा उठी। कारण था, किसी की उम्मीद टूटी तो किसी ने रिश्तों की जड़ तलाशने में जान गंवा दी।


पाकिस्तान के जिला सरगोधा के मोहम्मद असलम दंपती गुरुवार को अटारी सड़क मार्ग से अपने पांच वर्षीय इकलौते बेटे की लाश लेकर हारे कदम से लौटे। वह 17 अक्तूबर को दिल्ली के एस्कार्ट अस्पताल में इलाज के लिए आए थे। उन्होंने बताया कि उनके बेटे के दिल में छेद था। काफी इलाज करवाया, मगर लाभ नहीं हुआ। आखिर में उम्मीद लेकर हिंदुस्तान आए थे। डाक्टरों ने उनके बेटे को बचाने की कोशिश भी की, मगर बचा नहीं पाए।


इसी तरह गुरुवार को पाकिस्तान ने हरियाणा के रहने वाले मोहम्मद सत्तार (75) की लाश भारत को सौंपी। बंटवारे के बाद सत्तार पहली दफा 10 अक्तूबर को अपने रिश्तेदारों से मिले पाक गए थे। 22 अक्तूबर को वहीं उनकी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। पाक ने वीरवार को उसका शव भारत के सुपुर्द किया।

आज है भैया दूज, जानिए क्या है शुभ मुहूर्त

आज भैया दूज पर भाई को तिलक लगाने के लिए पूरा दिन शुभ है। ज्योतिष नक्षत्र केंद्र के अध्यक्ष पंडित ओपी त्रिपाठी बताते हैं कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीय को आने वाले इस पावन पर्व पर पूरा दिन भद्रा नहीं है।

शास्त्र अनुसार दोपहर 12.45 से 3 बजे तक के समय में ही भगवती यमुना ने भाई यम को तिलक लगाया था इसलिए यह समय अति शुभ माना गया है। भाई यम से बहन यमुना (नदी) ने वरदान लिया था। कि इस दिन जो भी भाई बहन यमुना में स्नान करेंगे उसे यमलोक नहीं भेजा जाएगा। इस लिए इस दिन यमुना नदी में स्नान का विशेष महत्व है।

यहां बन रहा है देश का सबसे बड़ा और आधुनिक तोप!

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जबलपुर।गन कैरिज फैक्टरी में देश की सबसे बड़ी तोप बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। इस तोप का प्रोटोटाइप भी एक साल के भीतर तैयार कर लिया जायेगा। 155 एमएम की इस तोप के प्रोटोटाइप के काम के लिए कुल 18 माह का समय दिया गया है।

देश में अभी तक 130 एमएम की तोपें ही तैयार होती थीं और पहली बार सबसे बड़ी तोपें बनाने की तैयारी प्रारम्भ की जा रही है। इस नई तोप को न केवल आधुनिक मापदंडों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है, बल्कि उसमें उन तकनीकी पहलुओं को भी ध्यान में रखा गया है, जिनकी आज के समय में जरूरत है।

अपग्रेडेशन

इजराइल की कम्पनी के साथ मिलकर 130 एमएम की तोप को अपग्रेड कर सोल्टम गन बनाने का काम भी जीसीएफ द्वारा किया गया था। उस समय यह उम्मीद की जा रही थी कि नई सोल्टम गन का निर्माण किया जायेगा, लेकिन यह प्रोजेक्ट भी आगे नहीं बढ़ सका। इसके बाद ही से नई तोप के निर्माण की तैयारी पर विचार शुरू हो गया था।

अलग प्रोजेक्ट सेल

नई तोप के लिए अलग से प्रोजेक्ट सेल बना दिया गया है। इस सेल में चार अधिकारियों को भी पदस्थ कर दिया गया है। ये अधिकारी अब केवल नई तोप के निर्माण के कार्य को अंजाम देने में लगे हैं। इस नई तोप का प्रोटोटाइप तैयार होने के बाद उसे हर परिस्थिति में काम करने लायक सिद्ध करने के लिए उसका परीक्षण किया जायेगा।

तोप निर्माण के इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए आयुध निर्माणी बोर्ड ने पैसे की कमी नहीं आने देने का भी निर्णय लिया है। अभी तक अनेक विदेशी तोपों को खरीदने के लिये बातचीत की गई थी और विदेशी तोपों को जांचने का काम भी किया गया था, बाद में विदेशी तोपों को तरजीह देने के बदले बड़ी तोपों को खुद ही विकसित करने पर जोर दिया गया।

नई 155 एमएम की तोप को हाइटेक बनाने के लिए कई नये सिस्टम भी लगाये जायेंगे। तोप के निर्माण से जीसीएफ को आने वाले दस सालों में काम की कमी नहीं होगी। -एसपी यादव, जीएम

लंबे समय बाद एक बार फिर दिखने लगा बटेसर मंदिर


ग्वालियर। लंबे समय से उपेक्षित बटेसर स्थित मंदिर समूह को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। ऐतिहासिक स्थल मितावली से कुछ ही दूरी पर स्थित होने के कारण बटेसर भी देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन जाएगा। कुछ महीनों पहले तक यह मंदिर समूह दफन था, अब यह न केवल दिखने लगा है, बल्कि साफ-सुथरा भी हो गया है। एएसआई यहां चारदीवारी, गेस्ट हाउस व पार्क आदि का निर्माण करा रही है।

एक से डेढ़ हजार साल पुराने बटेसर स्थित मंदिर तीन ओर से पहाड़ियों से घिरे होने के कारण बारिश में पानी के तेज बहाव और मिट्टी के कटाव से जमींदोज होते गए। 17 साल पहले 1994 में इस इलाके में आए भूकंप ने इन्हें सर्वाधिक नुकसान पहुंचाया, तब से ये उपेक्षित ही पड़े थे।

गुप्त काल के ये मंदिर खजुराहो के मंदिरों से भी 400 वर्ष पुराने हैं। भूतेश्वर घाटी में पहाड़ियों के बीच मलबे में दबे इन मंदिरों को वर्ष 2005 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तत्कालीन मंडल अधीक्षण केके मोहम्मद ने ही खोजा था। एएसआई अब मंदिर के चारों ओर दीवार तथा परिसर में पार्क बनवा रहा है। पार्क के लिए पथरीली जमीन पर मिट्टी डाली जा रही है, फिर इसमें घास उगाई जाएगी। यहां एक छोटे गेस्ट हाउस का भी निर्माण किया गया है।

80 मंदिरों का हुआ जीर्णोद्धार

पिछले छह साल के दौरान एएसआई अब तक 80 मंदिरों की जीर्णोद्धार कर चुका है। छोटे-छोटे एक मंजिला आकार के करीब 200 मंदिर यहां मौजूद हैं। कुछ मंदिर 5वीं व 6वीं शताब्दी है, जबकि अधिकांश मंदिर 8वीं से 10वीं शताब्दी में गुर्जर प्रतिहार काल में निर्मित हैं। 10 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले ये मंदिर चंबल घाटी की पथरीली चट्टानों पर निर्मित हैं। एएसआई को इन मंदिरों से कुछ ही दूर ढोडामठ भी मिला है।

यह भी इन्हीं मंदिरों जैसा और उसी काल का है। इसका जीर्णोद्धार कर विशाल चबूतरा तैयार किया जा रहा है। इन मंदिरों में अधिकांश शिव के हैं जबकि कुछ विष्णु के। शिव मंदिर में कुछ आकृतियां भी हैं, जहां गंगा और यमुना क्रमश: मगरमच्छ और कछुए पर सवार हैं वहीं विष्णु मंदिर के बाहर विष्णु अवतार और उनके वाहन गरुण की आकृतियां हैं। कुछ मंदिर सूर्य और देवी को समर्पित हैं। सूर्य मंदिरों के मुख्यद्वार पर रथ और अरुण की आकृतियां है, इन्हीं आकृतियों से मंदिरों की पहचान की जा सकती है।

कैसे पहुंच सकते हैं बटेसर तक

ग्वालियर से भिंड मार्ग पर स्थित मालनपुर से यह सिर्फ 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ग्वालियर से यह उत्तर की ओर 20 किलोमीटर व मुरैना से दक्षिण पूर्व की ओर 25 किलोमीटर दूर है। हालांकि यह मुरैना जिले का हिस्सा है लेकिन भिंड और ग्वालियर जिले की सीमा भी महज 2 किलोमीटर के दायरे में स्थित है।

सीधे मार्ग के निर्माण की जरूरत

गढ़ी पढ़ावली से सिर्फ आधा किलोमीटर दूर उत्तर पश्चिम की पहाड़ियों की गोद में बटेसर के अवशेष फैले हुए हैं। यहां से महज दो किलोमीटर की दूरी पर मितावली गांव है, जहां विश्व प्रसिद्ध चौसठ योगिनी शिव मंदिर है। यहां पगडंडियों से होकर पहुंचा जाता है।

मालनपुर के पास से गुजरा उत्तर दक्षिण कॉरीडोर बाइपास यहां से सिर्फ 6 किलोमीटर दूर है। यदि यहां के लिए एक सीधी सड़क का निर्माण करते हुए इन तीनों राष्ट्रीय स्मारकों को हाईवे से जोड़ दिया जाए तो यह बड़ा टूरिस्ट जोन बन सकता है।

बाय इन्विटेशन

छोटे-छोटे मंदिरों को देखने से यह पता चलता है कि यह पाषाण स्थापत्यकला और नागर शैली मंदिर निर्माण प्रशिक्षण केंद्र रहा होगा। कुछ मंदिर पूर्ण हैं और कुछ अपूर्ण। कुछ मंदिरों के सामने नालंदा की तरह छोटे कुंड हैं। चूंकि इस इलाके के चारों ओर पत्थर (सेंडस्टोन) की विशाल खदानें भी हैं, इसलिए रॉ मटेरियल की भी कमी नहीं है। मंदिरों का निर्माण काल भी अलग-अलग है। ये 5वीं, 6वीं, 8वीं 9वी व 10वीं शताब्दी के हैं।
रमाकांत चतुर्वेदी, इतिहास व पुरातत्वविद्

जानिए...चंबल के बीहड़ से बॉर्डर तक का सफर

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मुरैना/ग्वालियर। ये हाथ भी वही हैं और बंदूकें भी वहीं, लेकिन राहें बदल चुकी हैं। चंबल के लालों को अब बीहड़ नहीं, बार्डर रास आ रहा है। चंबल के बीहड़ में पिछले साल तक 13 सौ से अधिक बागी थे। लेकिन वर्तमान में चंबल के बीहड़ पूरी तरह से खाली हैं। अब चंबल के लाड़लों की सबसे ज्यादा संख्या आर्मी और अर्धसैनिक बलों में है। एनएसजी फोर्स में भी मुरैना जिले के जवान देश की रक्षा का काम कर रहे हैं। अब चंबल बागियों के लिए कुख्यात नहीं बल्कि वीरों के लिए जाना जाता है।

चंबल अंचल में करीब 1300 से अधिक बागी रहे हैं। इन बागियों की विद्रोही गतिविधियों के किस्से आज भी पुलिस रिकार्ड में दर्ज हैं। मलखान सिंह, मोहर सिंह और रमेश सिकरवार जैसे बागी चंबल में डकैती परंपरा के अंत के पर्याय और परंपरा तोड़ने वाले अगुआ बने हैं। इन बागियों ने बीहड़ के रास्ते छोड़े और आम आदमी के जीवन को अपनाया। समाज ने भी इन्हे अपना पन दिया। बस फिर क्या था बीहड़ की ओर जाने वाले कदम वापस लौटने लगे और अंचल के सूरमाओं को देश सेवा की ओर जाने वाला रास्ता मिला।

एक गांव, 400 घर, 450 फौजी

मुरैना जिले का काजी बसई गांव मुस्लिम बाहुल्य गांव है। यहां 400 परिवार हैं। इन परिवारों के वर्तमान में 458 सपूत बॉर्डर पर देश सेवा कर रहे हैं। गांव के दो मुस्लिम युवक एनएसजी फोर्स में भी हैं। यही वजह है कि ये गांव फौजियों का गांव कहलाता है।

गांव के 90 वर्षीय बुजुर्ग सलीमुद्दीन बताते हैं कि द्वितीय विश्व युद्ध में इस गांव के 150 लोगों ने ग्वालियर महाराजा बहादुर की ओर से जंग में हिस्सा लिया था। इसके बाद रंगून में भिण्ड, मुरैना और ग्वालियर के कुल 900 सिपाही सुभाष चंद्र बोस के साथ आजाद हिंद फौज में शामिल हो गए।

51 हजार रिटायर्ड और कार्यरत सैनिक हैं चंबल में

चंबल अंचल के मुरैना-भिण्ड जिले के 40 हजार 213 सैनिक आर्मी और अन्य अर्ध सैनिक बलों में वर्तमान में कार्यरत हैं। वहीं दोनों जिलों के करीब 11 हजार 243 सैनिक रिटायर्ड होकर घर वापस आ चुके हैं। भिड-मुरैना के 139 सैनिक 1971 और 1999 के युद्ध में शहीद हुए हैं। वहीं दोनों जिलों में सैन्य विधवाओं की वर्तमान संख्या 1942 के करीब है।

क्या कर रहे परंपरा तोड़ने वाले

रमेश सिकरवार, श्योपुर जिले में

इनामी बागी रहे रमेश सिकरवार ने 17 अक्टूबर 1984 को अर्जुन सिंह के समक्ष मुरैना के सिविल लाइंस थाने में आत्म समर्पण किया था। सबलगढ़ के शिवलाल का पुरा, चंबल कालोनी के पास रहने वाले रमेश सिकरवार वर्तमान में श्योपुर जिले में अच्छा जीवन जी रहे हैं।

मलखान सिंह, आरौन में

दो लाख के इनामी रहे बागी मलखान सिंह ने 17 जून 1982 में अजरुन सिंह के समक्ष आत्म समर्पण किया था। वे गुना जिले के आरौन क्षेत्र में ग्राम पंचायत सगुगैंयाई में जा बसे मलखानसिंह का अधिकांश समय भी खेती-किसानी में बीतता है। वे गांव के सरपंच भी रहे हैं।

मोहरसिंह, भिंड के मेहगांव में

एक लाख के इनामी डकैत मोहर सिंह ने 1972 में मुरैना के जौरा कस्बे में आत्मसमर्पण किया था। वे नगर पंचायत मेहगांव के अध्यक्ष रहे हैं। वर्तमान में वे मेहगांव की दतहरा रोड पर अपने मकान में निवास कर रहे हैं और अच्छे राजनेता भी हैं।

'कब्रगाह' बन गया महज दो फीट जमीन का विवाद!


शिवपुरी/भोपाल। कोलारस कस्बे में हरदौल चबूतरा के समीप रहने वाली एक महिला को जमीन विवाद के चलते जेठ, जेठानी व ससुर ने केरोसिन डालकर आग के हवाले कर दिया। महिला को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया है।

जानकारी के अनुसार हरदौल चबूतरा के समीप रहने वाली पार्वती (30) पत्नी बल्लू कुशवाह ने पुलिस को बताया कि जेठ-जेठानी से हमारा आंगन में बाउंड्री बनाने को लेकर विवाद चल रहा था। 25 अक्टूबर की रात 10 बजे पार्वती जब अपने घर में थी, तभी उसकी जेठानी त्रिवेणी, जेठ राकेश एवं ससुर छप्पू कुशवाह वहां आ गए।

पार्वती ने बताया कि पहले तो उक्त लोगों ने गाली-गलौज किया और फिर सभी ने एक राय होकर मेरे ऊपर केरोसिन डालकर आग लगा दी। जिस समय उक्त लोगों ने पार्वती को आग लगाई, तब उसका पति घर पर नहीं था और उसका पुत्र मोहन व बेटी जमुना घर में ही थी।

महिला को जलता देख परिजनों एवं अन्य लोगों ने उसकी आग बुझाई और उसे तत्काल कोलारस अस्पताल ले जाया गया। महिला की गंभीर हालत को देखते हुए कोलारस से डाक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रैफर कर दिया। कोलारस पुलिस ने महिला पार्वती के बयानों के आधार पर आरोपी राकेश पुत्र छप्पू कुशवाह, छप्पू पुत्र बुद्धू कुशवाह एवं त्रिवेणी पत्नी राकेश कुशवाह के खिलाफ धारा 307, 450, 34 आईपीसी के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है।

रोज होता था विवाद

छप्पू कुशवाह के बेटों में जमीन का बंटवारा हो चुका है। घर के आंगन में दो फीट की जगह बल्लू और राकेश दोनों ही अपने कब्जे में करना चाहते हैं। विवाद पर दोनों भाइयों की पत्नियों में भी विवाद होता रहता है और बीते रोज इतनी बड़ी घटना घटित हो गई

कुत्ते के मुंह में 'इंसान' का सिर देख चीख पड़ा सोनू

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लुधियाना. बेरहमी से काट कर धड़ से अलग किया गया महिला का सिर बुधवार को मिल गया। यह सिर गुरमेल पार्क की गीता कालोनी में बरामद हुआ है। आवारा कुत्ता सिर को मुंह में दबाकर घूम रहा था। पुलिस ने गीता कालोनी के ही एक खाली प्लॉट में से महिला की कटी बाजू भी बरामद कर ली है। यह बाजू कचरे के ढेर में दबा रखी थी।

पास ही पुलिस ने एक कपड़े का थैला, मेहंदी रंग का सूट और एक मर्दाना कमीज बरामद की है। इस कमीज पर राजू टेलर्स, कैलाश रोड का टैग लगा हुआ है। पुलिस उसकी दुकान पर पहुंची, लेकिन विश्वकर्मा दिवस के कारण उसकी दुकान बंद थी। सिर मिलने के बावजूद पुलिस को शव की शिनाख्त होने में कोई मदद नहीं मिल रही है।

सिर व चेहरे की सारी चमड़ी उतर चुकी है और अब सिर्फ हड्डियां बची हैं। पुलिस की उम्मीद के विपरीत काट कर फेंकी गई बाजू पर कोई निशान नहीं मिला है, जिससे उसकी पहचान हो सके। इस हाथ में मात्र एक हरे रंग की चूड़ी मिली है।

कुत्ते को महिला का कटा सिर ले जाते बुधवार सुबह सोनू नाम के किशोर ने देखा। किशोर के पिता सतबीर शर्मा ने पुलिस को सूचना दी। सड़क पर कटे सिर को जिसने भी देखा सहम गया। पुलिस ने जब बच्चे के बताई जगह पर जांच की तो कचरे के ढेर में दबाई कटी बाजू और कपड़े भी मिल गए। जहां से महिला का कटा सिर व बाजू बरामद हुई है वह जगह महिला के धड मिलने वाली जगह से मात्र 100 मीटर दूर है।

थाना बस्ती जोधेवाल के एसएचओ जतिंदर सिंह के अनुसार कटे सिर व बाजू के कुछ ही दूरी पर मिल जाने से अंदेशा है कि हत्यारे या महिला आस पास के क्षेत्र की ही रहने वाली थी। पुलिस आसपास से लापता महिलाओं की जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है। महिला का सिर कटा धड़ गत सोमवार को कंपनी बाग कालोनी के पार्क में मिला था।

डीएनए जांच ही पहचान का रास्ता

महिला की सिर व बाजू कटी लाश ने पुलिस को परेशान कर रखा है। पुलिस अफसरों ने इस केस की जांच वैज्ञानिक तरीके से आगे बढ़ाने की निर्णय लिया है।

पुलिस इस शव का डीएनए संरक्षित रखेगी। इसके लिए पुलिस ने सिविल अस्पताल के डाक्टरों को शव का डीएनए कराने के लिए बोल दिया है। अगर कोई शव की शिनाख्त करने का दावा करता है, या पुलिस को उक्त शव के किसी लापता महिला का होने का अंदेशा होता है तो पुलिस महिला का डीएनए उसके ब्लड रिलेशन में औलाद, भाई, बहन या माता या पिता के साथ मिलान कर सकती है। हुलिए से यह शव किसी दूसरे राज्य की महिला का लगता है, लेकिन इसके पास मिले पंजाबी सूट ने पुलिस को उलझा दिया है। पुलिस को उम्मीद थी कि महिला की कटी बाजू पर कोई ऐसा निशान मिल सकता है, जिससे उसकी शिनाख्त होने में मदद मिल सके।

पुलिस महिला के हाथ की उंगलियों के पोर भी कटवा कर संरक्षित रखेगी। पुलिस अफसरों के अनुसार यह हो सकता है कि महिला ने मरने से पहले किन्हीं सरकारी कागजातों आदि पर अंगूठा या उंगलियों के निशान लगाए हों। लुधियाना में डीएनए मैंपिग के लिए लेबोरेटरी नहीं है। सिविल अस्पताल द्वारा अहमदाबाद स्थित मेडिकल लैब में भेजा जाएगा।

महिला के कटे सिर से त्वचा उतर चुकी है। लेकिन पर उस काफी बाल बचे हुए हैं। पुलिस इन बालों से महिला का डीएनए लेकर संरक्षित कर रही है। पुलिस लगातार आस पास के क्षेत्रों में महिला की पहचान के लिए कार्रवाई कर रही है।

- जतिंदर सिंह, एसएचओ, थाना बस्ती जोधेवाल।

कटा सिर देखकर चीख पड़ा सोनू

कुत्ते के मुंह में मानव खोपड़ी देखकर गीतानगर का रहने वाला 12 वर्षीय सोनू काफी देर कर नार्मल नहीं हो पाया। परिजन उसे मंदिर लेकर गए और उसका झाड़ा कराया गया। इसके बाद ही वह कुछ सामान्य हो पाया है। सोनू आठवीं कक्षा का छात्र है। सोनू बताता है कि दीवाली के कारण वह सुबह जल्दी उठ कर तैयार हो गया था।

दोस्त के पास जाने के लिए घर से बाहर निकला ही था कि सामने एक कुत्ते को गेंद जैसी चीज पर मुंह मारते हुए देखा। थोड़ा करीब गया तो उसकी चीख निकल गई। कुत्ते के मुंह में कटा हुआ सिर था। उसका मांस उतरा हुआ था और सिर के बाल पास ही पड़े थे। वह चिल्लाता हुआ वापस घर भागा और अपने पिता को यह बात बताई। पिता भाग कर बाहर आए। कुछ ही देर में अन्य लोग भी वहां जमा हो गए। पुलिस को बताया गया। कुछ देर बाद पुलिस आई और खोपड़ी लेकर चली गई।

सावित्री जिंदल ने दिखाई दबंगई, बनी देश की सबसे अमीर महिला

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नई दिल्ली/हिसार. हिसार की विधायक और जिंदल स्टीए एंड पावर लिमिटेड की अध्यक्ष सावित्री जिंदल देश की सबसे अमीर महिला हैं। वह अपनी 9.5 अरब डालर (470.25 अरब रुपए) की परिसंपत्ति के साथ देश के टाप टेन अमीरों की सूची में पांचवें स्थान पर हैं। सावित्री जिंदल एक मात्र ऐसी महिला हैं जो शीर्ष दस भारतीय अमीरों की सूची में शामिल हैं।

अमेरिकी पत्रिका फोब्र्स की ओर से जारी इस सूची में पहले नंबर पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश धीरूभाई अंबानी 22.6 अरब डालर की परिसंपत्ति के साथ पहले स्थान पर हैं तो आर्सेलर मित्तल के अध्यक्ष लक्ष्मी निवास मित्तल 10.2अरब डालर की संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर हैं।

फोब्र्स की सूची में मुकेश अंबानी लगातार दूसरे वर्ष नंबर एक पर बने हुए हैं, हालांकि वर्ष 2010 में उनकी परिसंपत्ति में 4.4 अरब डालर की गिरावट दर्ज हुई है। एस्सार समूह के मालिक शशि और रवि रुइया कुल 10.2 अरब डालर की संपत्ति के साथ संयुक्त रूप से चौथे स्थान पर है। छठवें स्थान पर आर्सेलर मित्तल के ही सुनील मित्तल हैं, जिनकी संपत्ति 8.8 अरब डालर है।

इस तरह मित्तल परिवार के दो व्यक्तियों ने शीर्ष दस की सूची में अपनी जगह बनाई है। अदानी समूह के गौतम अदानी 8.2 अरब डालर की संपत्ति के साथ सातवें नंबर पर हैं तो आदित्य बिडला समूह के कुमार बिड़ला 7.7 अरब डालर की परिसंपत्ति के साथ आठवें स्थान पर हैं। उद्योगपति पालोनजी मिस्त्री 7.6 अरब डालर की परिसंपत्ति के साथ नौंवें स्थान पर बरकरार हैं, जबकि गोदरेज समूह के अध्यक्ष आदि गोदरेज 6.8 अरब डालर की परिसंपत्ति के साथ दसवें स्थान पर हैं।

राजनीति व उद्योग में एक साथ रखा था कदम

हिसार .जिंदल समूह के संस्थापक ओमप्रकाश जिंदल की पत्नी सावित्री जिंदल ने 36 साल तक घरेलू महिला तरह की जिंदगी बिताई और फिर पति के हेलिकाप्टर हादसे में हुए निधन के बाद राजनीति और उद्योग जगत में एक साथ कदम रखा और नए मुकाम हासिल किए।

20 मार्च 1950 को असम के एक छोटे से गांव रासीवास जन्मीं सावित्री का विवाह 1970 में ओमप्रकाश जिंदल के साथ हुआ। तब जिंदल की पहली पत्नी विद्या देवी की मृत्यु हो गई थी। विद्या की छह संतानें हैं, जिनमें तीन बेटे पृथ्वीराज, सज्जन, और रतन तथा तीन बेटियां सरोज, निर्मला और उर्मिल हैं। सावित्री की तीन संतानों में एक पुत्र नवीन और दो बेटियां सारिका व सीमा हैं।

सावित्री के बेटे नवीन जिंदल हैं। 31 मार्च 2005 को जब हेलीकाप्टर हादसे में ओमप्रकाश जिंदल की मृत्यु हुई, तब वह हिसार के विधायक और हरियाणा के बिजली मंत्री थे। पति की मृत्यु के बाद सावित्री जिंदल को जिंदल ग्रुप का चेयरपर्सन बनाया गया। पति के निधन से रिक्तहुई सीट के लिए सावित्री ने हिसार उपचुनाव लड़ा और विधायक बनीं। उन्हें प्रदेश सरकार में शहरी विकास एवं आवास और राजस्व मंत्री बनाया गया। 2009 के विधानसभा चुनाव में सावित्री ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की। हिसार से किसी महिला का लगातार दूसरी बार विधायक बनना भी एक रिकार्ड है।

बाप रे बाप इतनी बीमारियों की दुश्मन है ये लौकी!


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बारे में एक एडवाइज़री जारी की है जिसके मुताबिक़, लौकी का जूस पीने से पहले इसे चख लें। अगर लौकी का जूस कड़वा लगे तो इसे न पिएं। लौकी के जूस के बारे में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने एक जांच की थी। इसके आधार पर यह जारी किया गया है। यह मुद्दा काफी गर्मा गया है। बाबा रामदेव ने कहा है कि स्वस्थ लौकी का जूस पीने में कोई परेशानी नहीं है।


हमारे देश मे कुछ सब्जियां लोग बड़े ही चाव से खाते और खिलाते हैं ,अर्थात खुद तो फायदे लेते ही हैं ,औरों के स्वास्थ्य का ध्यान भी रखते हैं। अगर आए कोई मेहमान आपके घर में, तो आप इसकी सब्जी बनाना न भूलें, बड़ा सरल नाम है ,लौकी। अंग्रेजी में बाटल गार्ड के नाम से प्रचलित इसके बारे में कहा जाता है, कि मनुष्य द्वारा सबसे पहले उगाई गयी सब्जी लौकी ही थी।

प्रोटीन,फाइबर ,मिनरल,कार्बोहाइड्रेट से भरपूर इसके औषधीय गुणों का बखान हम आपको सरलता से बतलाते हैं -
-इसे उबाल कर कम मसालों के साथ सब्जी बनाकर खाने पर यह मूत्रल (डायूरेटीक), तनावमुक्त करनेवाली (सेडेटिव) और पित्त को बाहर निकालनेवाली औषधि है।
-अगर इसका जूस निकालकर नींबू के रस में मिलाकर एक गिलास की मात्रा में सुबह सुबह पीने से यह प्राकृतिक एल्कलाएजर का काम करता है ,और कैसी भी पेशाब की जलन चंद पलों में ठीक हो जाती है। -अगर डायरिया के मरीज को केवल लौकी का जूस हल्के नमक और चीनी के साथ मिलकर पिला दिया जाय तो यह प्राकृतिक जीवन रक्षक घोल बन जाता है।


-लौकी के रस को सीसम के तेल के साथ मिलाकर तलवों पर हल्की मालिश सुखपूर्वक नींद लाती है। -लौकी का रस मिर्गी और अन्य तंत्रिका तंत्र से सम्बंधित बीमारियों में भी फायदेमंद है। -अगर आप एसिडीटी,पेट क़ी बीमारियों एवं अल्सर से हों परेशान, तो न घबराएं बस लौकी का रस है इसका समाधान। - केवल पर्याप्त मात्रा में लौकी क़ी सब्जी का सेवन पुराने से पुराने कब्ज को भी दूर कर देता है। तो ऐसी लौकी ,जिसके औषधीय प्रयोग के बाद भी संगीत प्रेमियों द्वारा वाद्ययंत्र के रूप में और साधुओं द्वारा कमंडल के रूप में किया जानेवाला प्रयोग ,इसकी महत्ता का एहसास दिलाते है। तो लौकी इस नाम क़ी सब्जी को इसके नाम से हल्का न समझें, इसके गुण बड़े भारी हैं ,लेकिन शरीर पर प्रभाव बड़ा ही हल्का और सुखदाई है।

आज भी कराहती है उसकी आत्मा... 'चाचा मुझे बचा लो'!

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महाराष्ट्र का अपना गौरवमई इतिहास रहा है। शिवाजी से लेकर आम्ची मुबई तक का सफ़र किसी कि भी नशों को फुला देने की ताकत रखता था। इसी राज्य में स्थित पुणे एक बेहद विकसित और सुन्दर जगह है। अलंकी की आधुनिक भारत में इस जगह को इसकी मनोरम प्राकृतिक छटा और यहां बने शिक्षा केन्द्रों की वजह से जाना जाता है लेकिन इस जगह का भी अपना गौरवपूर्ण इतिहास रहा है।


इस कड़ी में हम आपको इतिहास की एक ऐसी घटना से रूबरू कराने जा रहे है जो दिल दहला देने वाली है। पुणे में शानिवार्वाडा नामक एक किला है जिसपर किसी जमाने में पेशवा का अधिकार था। इस महल की देवरों में एक ऐसा राज छुपा है जिससे कम ही लोग वाकिफ हैं।


कहा जाता है की पेशवा वंश के एक 13 वर्षीय राजकुमार नारायण की इसी महल में बेहद क्रूरता से हत्या कर दी गई थी। दरअसल इस बच्चे ने अपनी हत्या से पहले बचने की काफी कोशिश। इस कोशिश में वह पूरे किले में अपनी मदद के लिए चिल्लाता रहा लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की और अंततः उसे मौत के घाट उतार दिया गया।


लोगों का कहना है की अभी भी रात के वक्त उस बच्चे के रोने और चिल्लाने की आवाजें सुनाई पड़ती है। वह जोर-जोर से मराठी में चिल्ला रहा होता है ' चाचा मुझे बचा लो...चाचा मुझे बचा लो...'

प्रेमिका ने किया शादी से इनकार और प्रेमी बन गया दरिंदा

फरीदकोट. गांव कोटसुखिया में एक प्रेमिका ने शादी करने से इनकार क्या किया उसके प्रेमी ने उसे जिंदा जला देने की कोशिश की। करीब 80 फीसदी झुलस गई युवती को गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल अस्पताल में दाखिल कराया गया है, लेकिन उसकी हालत नाजुक है।

थाना कोटकपूरा पुलिस ने युवती का बयान दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि आरोपी युवक फरार है। इस संबंध में युवती के पिता छिंदा सिंह ने बताया कि उसकी 18 वर्षीय पुत्री लखवीर कौर गांव संधवा की धागा मिल में काम करती है।

कुछ दिन पहले लखवीर की मंगनी गांव चाहिल के सतनाम सिंह से की गई थी। छिंदा ने बताया कि इस मंगनी का उनके गांव का ही होशियार सिंह विरोध कर रहा था। लखबीर कौर के शादी से इनकार करने पर गुस्साया होशियार सिंह बुधवार को तेल छिड़क कर लखबीर को आग लगा दी। इस वक्त वह घर में अकेली थी। छिंदा ने पुलिस को बताया कि आरोपी ने कुछ दिन पहले उसकी बेटी के मंगेतर के साथ भी मारपीट की थी।
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